Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
08-05-2017, 11:52 AM,
#11
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
जब हम उन लड़कियों के कमरे पे पहुँचे तो रीता ने दरवाज़ा खोला. वो पूरी तरह नंगी थी. कमरे मे आने के बाद मेने देखा की अनीता भी नंगी ही सोफे पर बैठी थी. रश्मि ने तुरंत अपनी शॉर्ट और टीशर्ट उतार कर कमरे के एक कौने मे फैंक दी. तीनो लड़कियाँ मेरी तरफ देख इस बात का इंतेज़ार कर रहीं थी कि में कब कपड़े उतारती हूँ. मेने रश्मि की नकल करते हुए अपने कपड़े उतार दिए.

मेने नंगी लड़कियों की ओर देखा. सब अपने आप में सुंदरता की मूरत थी. रीता के लंबे बदन की लड़की थी, सुडौल कमर लंबी टाँगे और भरे भरे चुतताड. अनीता उसके मुक़ाबले थोड़ी भरे बदन की थी, भारी भारी चुचियाँ और मसल जंघे. दोनो ने अपनी चूत के बालों को तराशा हुआ था जिससे उनकी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी.

रीता और अनीता मेरे पास आई और बोली, "शरमाने की ज़रूरत नही है."

फिर उन्होने रश्मि को पकड़ कर बिस्तर पे बिठा दिया और खुद उसके अगल बगल बैठ गयी. फिर सब बातें करने लगे. ऊन्दोनो ने मुझे भी अपने बगल मे बीत लिया और बातें करने लगे. थोड़ी देर में ही बातों का विषय सेक्स पर आ गया.

रीता और अनीता बताने लगे कि किस तरह उन्हे मर्दों से ज़्यादा आपस मे सेक्स करने में मज़ा आता है. में समझ गयी कि ये दोनो लेज़्बीयन है. और इन्हे औरतों के साथ सेक्स में अच्छा लगता है. मेने आज तक रश्मि के अलावा किसी और औरत के साथ सेक्स नही किया था, और आज में एक नही तीन लड़कियों के साथ इस कमरे मे थी. तीन लड़कियों के साथ सेक्स का अनुभव ये सोच कर ही मेरे बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गयी.

"तुम कितनी सेक्सी लगती हो?" कहकर रीता राशिम के बदन पर अपने हाथ फिराने लगी.

अनीता भी अब मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगी. उसने मेरी चुचियों के भींचते हुए कहा, "क्या आपने कभी नकली लंड यानी डिल्डो का मज़ा लिया है?"

"नही हमने ये मज़ा आज तक नही लिया पर राज और रवि ने एक साथ हमे मज़ा ज़रूर दिया है." रश्मि ने जवाब दिया.

अनीता ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और घूम कर मेरे उपर आ गयी. उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर रखी और खुद मेरी टाँगो को फैला मेरी चूत को चूसने लगी. में भी अपने अंदर की उत्तेजना को रोक नही पाई और उसके चुतताड पकड़ अपनी जीभ उसकी चूत मे घुसा दी.

वही हाल रश्मि का था. रीता उसके उप्पर लेट उसकी चूत को चूस रही थी और रश्मि नीचे से अपनी जीभ रीता की चूत के अंदर घुसाए हुए थी.

अनिता अपनी जीभ को मेरी गांद के छेद तक ले जाती और फिर अपनी जीब को रगड़ते हुई मेरी चूत तक ले आती. जब वो अपनी नुकीली जीभ से मेरी गांद के छेद पे घूमती तो अजीब सी गुदगुदी और सनसनी मच जाती. मैं जोश मे ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रही थी. हम दोनो की रफ़्तार बढ़ी हुई थी और मेरे सब्र का बाँध छूटने वाला था. मेने अपने हाथों से उसके सिर को अपनी चूत पर और दबा दिया और मेरी चूत ने तभी पानी छोड़ दिया. अनीता की चूत ने भी पानी छोड़ा तो मेरा मुँह पूरा का पूरा भर गया. बड़ी मुश्किल से में उसके पानी को गटक पाई.

अनीता मेरी चूत को इस तरह चूस रही थी जिससे एक बूँद भी अंदर ना रह जाए. रश्मि की भी यही हालत थी. अब रीता और अनीता ने अपनी जगह बदल ली. रीता नीचे लेट गयी और मुझे खुद के उप्पर कर लिया.

फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि रीता मेरी चूत चूसने के साथ साथ मेरी गांद मे अपनी उंगली डाल अंदर बाहर कर रही थी. इस दोहरे मज़े ने मुझे और उत्तेजित कर दिया था. तभी मेने देखा की अनीता अपनी जांघों पर नकली लंड लपेटे मेरी गांद मे पीछे आ गयी है.

अनीता ने थोडा थूक अपनी उंगलियों पे लिया और मेरी गांद को चिकना करने लगी, वहीं रीता की जीब मेरी चूत मे खलबली मचाए हुए थी. अनिता ने अब डिल्डो को मेरी गांद के छेद पे रखा और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगी.

में नही देख पा रही थी, पर लंड के घुसने से मुझे आससास हुआ कि नकली लंड रवि के लंड से भी मोटा है. वो मेरी गांद की दरारों को चीरता हुआ अंदर घुस रहा था और में दर्द से चिल्ला पड़ी, "उउउइईई माआर गयययी."

अनीता ने मेरी चीख पर ध्यान नही दिया और एक ही धक्के मे पूरा लंड मेरी गांद मे पेल दिया. रीता की जीभ मेरी गांद के छेद के पास से होती हुई मेरी चूत पर आती तो उस मज़े ने मेरा दर्द कम कर दिया. मैं भी अपनी गांद पीछे कर मज़े लेने लगी.

ये खेल पूरी रात चलता रहा. मेने भी अपनी कमर पर नकली लंड बाँध रश्मि की गांद की धुनाई की और अनीत और रीता उसकी चूत को साथ चूसी. ना जाने कब तक कर हम चारों सो गये.

दूसरे दिन की सुबह

सुबह हम उठे और अपने कमरे मे आ गये. राज और रवि गहरी नींद मे सोए हुए थे. मेने घड़ी मे समय देखा सुबह के 11.30 बज चुके थे. मेने उन दोनो को उठाया और तय्यार होने को कहा जिससे हम चारों नाश्ता कर सके.

तयार होते होते नाश्ते का समय निकल चुका था. हम चारों खाने की टेबल पर बैठे थे और एक दूसरे को अपनी रात के किस्से सुना रहे थे. राज और रवि बताने लगे कि किस तरह उन दोनो ने शीला की चूत चोदि.

राज ने कहा, "सबसे पहले मेने शीला की चूत चोदि फिर उसके पति विनोद ने. जब रवि ने अपना लंड उसकी चूत मे घुसाया तो उत्तेजना में इतना पागल हो गयी कि उछल उछल कर मज़े लेने लगी. वो तब तक चुदति रही जब तक रवि ने अपना वीर्य उसकी चूत मे नही छोड़ दिया."

राज ने फिर कहा, "फिर मेने अपनी जिंदगी की पहली कुँवारी गांद मारी. रवि और विनोद ने मिलकर उसे घोड़ी बना दिया और फिर विनोद ने उसकी गांद को वॅसलीन से एक दम चिकना कर दिया. रवि के मुक़ाबले मेरा लंड छोटा है इससे उसकी गांद को ज़्यादा दर्द नही हुआ."

"हां पहले तो वो थोड़ा चीखी थी फिर उसे भी मज़ा आने लगा. राज के बाद विनोद ने और फिर मेने उसकी गांद मारी. कसम से क्या कमसिन और कसी कसी गांद थी. मैं तो पागल ही हो गया था उसकी गांद मे लंड घुसा कर." रवि अपने लंड पर हाथ फेरते हुए बोला.

"शीला ने पहले कभी गांद नही मरवाई थी. और काफ़ी दिनो से वो ऐसा करना चाहती थी. जब राज के लंड ने उसकी गांद को थोड़ा ढीला कर दिया तो उसे इतना मज़ा आया कि वो मेरे और राज के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस्ति रही और उसका पति उसकी गांद मे अपना लंड डाले पेलता रहा." रवि ने कहा.

राज ने कहना शुरू किया "शीला का पति देखना चाहता था कि उसकी पत्नी तीन लंड को एक साथ कैसे लेती है, इसलिए रवि बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया. फिर शीला रवि की कमर के अगाल बगल टाँगे रख बैठ गयी और उसका लंड अपनी चूत मे डाल लिया. फिर मेने पीछे से अपना लंड उसकी गांद मे डाल दिया और विनोद सामने से उसके मुँह मे लंड दे दिया. वो अपना लंड चूसाते हुए पूरा नज़ारा देख रहा था."
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08-05-2017, 11:52 AM,
#12
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
तभी रवि ने बताया कि वो नीचे से धक्के लगाते हुए उसकी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था. शीला को चुदाई के दौरान अपनी चुचियाँ रगड़वाने और मसलवाने मे बहोत ही मज़ा आता है, वो उछल उछल कर धक्के लगाती है."

फिर राज कहने लगा, "प्रीति तुम नही जानती जब रवि का लंड नीचे से उसकी चूत मे घुसता तो मुझे ऐसा लगता कि शीला की गांद के अंदर हल्की सी चमड़ी की दूसरी ओर से उसका लंड मेरे लंड से टकरा रहा है, इतना मज़ा आ रहा था कि तुरंत ही मेरा पानी उसकी गांद मे छूट गया."

रवि ने कहा, "शीला इतने जोश मे थी और इस कदर मेरे लंड पर उछल कर धक्के लगा रही थी कि मे एक बार तो डर गया कि कहीं उसके चोट ना आ जाए. जब उसकी चूत ने पानी छोड़ा तो उसका शरीर इतनी ज़ोर से कांपा और वो मेरे बदन पर लुढ़क गयी."

"विनोद खुद ये नज़ारा देख अपने आपको रोक नही पाया और उसने उसके मुँह मे अपना वीर्य उगल दिया." राज ने बताया.

"शीला लुढ़क कर मेरे बगल मे आ गयी थी. मेरा पानी अभी छूटा नही था और मैं एक बार फिर उसकी गांद मारना चाहता था. में उसकी गांद मे अपना लंड घुसा दिया. शायद उसकी हिम्मत टूट चुकी थी, वो बेजान सी पड़ी थी." रवि ने कहा.

"पर तुमने उसके चेहरे का ख़ौफ़ नही देखा जब तुम्हारा मोटा लंड उसकी गांद के चिथड़े उड़ा रहा था." राज ने बीच मे कहा.

दोनो की कहानी सुनकर मेने कहा, "बेचारी शीला! उसकी तो तुम दोनो ने जान ही निकाल दी होगी? आज सुबह तो वो चल भी नही पा रही होगी?"

"अब रहने भी दो प्रीति. क्या हम दोनो इस दौर से नही गुज़रे है. तुम कुछ ज़्यादा ही उसके बारे मे सोच रही हो?" रश्मि ने कहा. "वो ठीक होगी और ठीक हमारी तरह चल फिर रही होगी, तुम चिंता मत करो."

रवि और राज की कहानी ने हमारे बदन को गरमा दिया था, "चलो कमरे मे चलते है?" रश्मि खड़ी होते हुए बोली.

हम चारों कमरे में पहुँचे और एक बार फिर चुदाई का दौर शुरू हो गया. जब हम थक कर चूर हो गये तो सब मिलकर घूमने जाने का प्रोग्राम बनाने लगे. पता नही शाम और रात के लिए इन तीनो के दिल मे क्या था.

टू बी कंटिन्यूड…………..
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08-05-2017, 11:52 AM,
#13
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......

हनिमून पर दूसरा दिन

थोडा सुस्ताने के बाद हम सबने कपड़े बदले और स्विम्मिंग पूल के पास आकेर बैठ गये. वहाँ हमे रीता और अनिता मिल गयी. थोड़ी देर मे विनोद और शीला भी आ गये. हम सब आपस मे बात करने लगे. किसी ने भी रात की बात का ज़िक्र नही किया.

थोड़ी देर बाद रीता स्विम्मिंग पूल मे स्विम करने चली गयी और उसके पीछे पीछे रश्मि भी चली गयी. मेने देखा कि पूल की दूसरी ओर किनारे पर रीता बैठी है और पानी मे खड़ी रश्मि उसकी चूत को चूस रही है.

"दोनो कितनी सेक्सी और गरम लग रही है." अनीता ने मुझसे कहा.

"लगता है ये दोनो कभी सेक्स से थकती नही है?" मेने उनकी ओर देखते हुए कहा.

"हां रीता कुछ ज़्यादा ही सेक्सी है, उसे हरदम चूत का बुखार चढ़ा रहता है" रीता ने जवाब दिया.

"रश्मि भी कुछ ऐसी ही है, उसे भी हर वक़्त लंड चूत चाहिए." मेने कहा.

"क्या तुम उनका साथ देना पसंद करोगी?" अनीता ने अपने कपड़े खोलते हुए कहा.

"ना……….रे……बाबा! मैं तो अभी तक रात की थकावट से ही नही उभरी हूँ. मुझे थोड़ा आराम करना है." मेने जवाब दिया.

"ठीक अगर इरादा बदल जाए तो चली आना." कहकर अनीता पूल मे कूद गयी और उन लड़कियों की तरफ तैरने लगी.

में आराम कुर्सी पर पसर गयी और सोचने लगी "मेने तो सोचा भी नही था कि एक दिन मे इतनी चुदाई होगी जो एक हफ्ते मे होनी चाहिए थी." मैं लेटी हुई थी कि मेरे कानो मे राज, राव, विंडो और शीला की बात चीत सुनाई पड़ी.

"अब कैसा महसूस हो रहा है शीला?" रवि ने उससे पूछा.

"पूरा बदन दर्द के मारे दुख रहा है. जिस तरह से तुम तीनो ने मेरी चूत और गंद की धुनाई की है लगता है कि पूरे बदन मे सूजन आ गयी है." शीला थोड़ा गुस्से मे बोल रही थी.

"शांत हो जाओ. तुमने पहली बार गांद मे लंड लिया है इसलिए तुम्हे थोड़ा दर्द हो रहा है. दो चार बार और मरवा लॉगी तो आदत पड़ जाएगी." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.

"रहने दो…………अगर तीन तीन लंड तुम अपनी गांद मे लोगे तो तुम्हे पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है." शीला ने कहा.

"हम लोग इसका मज़ा ले चुके है. मेने कई बार रश्मि की गांद मारी है और मेरी मा प्रीति की भी. हम सबको बहोत मज़ा आता है." राज ने कहा.

"इसका मतलब तुम चारों आपस मे एक दूसरे के साथ चुदाई करते हो?" शीला थोड़ा चौंकते हुए बोली.

"हम आपस मे चुदाई ही नही करते बल्कि, प्रीति और रश्मि रात को रीता और अनीता के साथ थी जब हम तुम्हारी चुदाई कर रहे थे." रवि ने कहा.

"मैं नही मानती मुझे विश्वास नही होता." शीला ने कहा.

"यार सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं एक बार शीला को किसी दूसरी औरत के साथ सेक्स करते देखना चाहता हूँ?" विनोद बोला.

"तो इसमे परेशान होने की क्या बात है, रात को तुम दोनो हमारे कमरे मे अजाना. हम 6 लोग मिलकर अपनी पार्टी करेंगे." राज ने कहा.

"नही किसी भी कीमत पर में किसी औरत के साथ सेक्स नही करूँगी." शीला थोड़ा ज़ोर देते हुए बोली.

"अब मान भी जाओ शीला. एक बार करके तो देखो तुम्हे बहोत मज़ा आएगा." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.

"रवि सही कह रहा है शीला. पहले प्रीति को भी पसंद नही था और अब वो कोई मौका चूकना नही चाहती. फिर तुम्हे अगर पसंद ना आए तो बता देना, कोई तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नही करेगा." राज ने कहा.

"मैं तुम दोनो को विश्वास करूँ जबकि रवि ने अपना गधे जैसा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया था.." शीला थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.

"एक बार हमारे साथ पार्टी करके तो देखो. में तुमसे वादा करता हूँ कोई भी तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करेगा." रवि ने उसे आश्वासन दिया.

"प्लीज़ डार्लिंग एक बार पार्टी करके देखो, मेरी खातिर." विनोद शीला से बोला.

"एक शर्त पर में तुम्हे राज की गांद मारते देखने चाहती हूँ." शीला ने कहा.

"ठीक है……फिर तय रहा." विनोद खुश होते हुए बोला.

तभी वो तीनो लड़कियाँ पूल से बाहर आ गयी. रश्मि हमारे बगल मे आकर लेट गयी, "हे भगवान क्या चूत चूस्ति है ये दोनो."

"हाई रश्मि." राज ने पुकारा, "विनोद और शीला आज रात को हमारे कमरे में आ रहे हैं पार्टी करने."

"वाउ ये तो खुशी की बात है, मेरी चूत तो अभी से गीलीहो रही है." रश्मि ने अपनी चूत पर हाथ फिराते हुए कहा.

"तुम्हारी चूत किस समय गीली नही होती. मुझे तो ये हर वक़्त छूटी नज़र आती है." रवि हंसते हुए बोला.

रात को हमारे कमरे मे मिलने का वादा कर हम अलग अलग हो गये.
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08-05-2017, 11:52 AM,
#14
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
रात की पार्टी


विनोद और शीला थोड़ी देर से हमारे कमरे मे पूरी तरह सझ धज कर आए. पर हम चारों शॉर्ट्स और टी-शर्ट बिना अंदर कुछ पहनने के आदि हो चुके थे. पर हम सब के शरीर पर कपड़े ज़्यादा देर नही टीके. थोड़ी ही देर हम सब नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे.

"तुम्हे याद है ना कि इसके पहले कि हम कुछ करें तुम्हे राज की गांद मारनी है." शीला ने अपने पति को याद दिलाया.

शीला की बात सुनकर राज कमरे मे से क्रीम ले आया और अपनी गांद पे मलकर अपनी गांद विनोद के लिए तय्यार करने लगा. फिर वो घुटने के बल झुक गया और अपनी गांद विनोद के सामने कर दी, "आओ और अपना लंड मेरी गांद मे डाल दो और कस कर मारो."

"क्या तुम्हे इसकी बिना बालों वाली गांद और गोरे चुतताड किसी लड़की की गांद की तरह नही लगते." रवि ने विनोद को उकसाते हुए कहा, "मैं तो जब भी इसकी गांद मे लंड डालता हूँ मुझे लगता है कि में किसी लड़की की गंद मार रहा हूँ."

रवि ने तुरंत अपना लंड राज के मुँह मे दे दिया. विनोद ने भी राज के चूतड़ सहलाते हुए अपन लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. उसे आश्चर्य हुआ कि कितनी आसानी से उसका लंड उसकी गांद मे चला गया और उसे मज़ा भी आ रहा था.

"ज़रा कस कर इसकी गंद मारना. बाद मे मैं तुम्हे अपनी गंद मे भी लंड डालने का मौका दूँगी." रश्मि विनोद के चुतताड पर थप्पड़ मारते हुए बोली. "मेरी ही नही तुम प्रीति की भी गांद की चुदाई कर सकोगे."

शीला आश्चर्य भरी नज़रों से अपने पति को मेरे बेटे की गांद मारते हुए देख रही थी, और मेरे बेटा रवि के लंड की चुसाइ कर रहा था. रश्मि शीला के पास बिस्तर पर पहुँची और उसके बदन पर हाथ फिराने लगी.

रश्मि उसके बदन को सहला रही थी और शीला के निपल किसी लंड की तरह तन गये थे. रश्मि ने फिर झुक कर उसके तने निपल को अपने मुँह मे ले लिया और अपने दाँतों से भींचने और काटने लगी. शीला के मुँह से सिसकारी निकल रही थी.

विनोद अब मज़े लेते हुए ज़ोर ज़ोर से राज की गंद मार रहा था. उसकी जंघे आवाज़ करते हुए राज के चुत्तदो से टकरा रही थी. विनोद उसकी गांद मारते हुए उसके चुतताड पर हल्के थप्पड़ भी मारते जा रहा था.

थोड़ी थोड़ी देर मे राज भी रवि के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल विनोद को उकसा रहा था, "ओह हाआँ पेल दो अपना लंड मेरी गाअंड मे, भर दो मेरी गांद तुम्हारे पानी से हां चोदो."

रश्मि ने शीला की चुचियों और निपल को चूसना बंद किया और घुटनो के बल बैठ कर उसकी टाँगो के बीच आ गयी. उसने उसकी टाँगे थोड़ी फैला कर उसकी चूत पे उंगली घुमाने लगी.

"प्लीस ऐसा मत करो…….मेने आज तक नही किया है." शीला बोल पड़ी.

"आराम से लेटी रहो और मज़े लो, ये कोई तुम्हे नुकसान नही देगा." रश्मि ने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और मुझसे बोली, "रश्मि तुम शीला की चुचियाँ चूसो इसके निपल बड़े मज़ेदार है."

मैं खिसक कर शीला के बगल मे आगाई और उसकी चुचियों को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी. मैं एक हाथ से उसकी चुचि मसल भी रही थी. शीला को अपनी चूसवाने मे बहोत मज़ा आ रहा था और इस वजह से उसने अपनी तने और फैला दी. मैं जानती थी कि शीला को काफ़ी मज़ा आएगा क्यों की रश्मि चूत चूसने और चाटने मे माहिर थी.

तीन मर्दों की आपस मे चुदाई और बिस्तर पर हम तीन औरतों की महॉल को गरमाने के लिए काफ़ी थी. थोड़ी ही देर मे शीला के मुख से सिसकारिया निकल रही थी.

"ओह हाआआआआआं मुझीईई नहियिइ मालूमम्म था की इसमे इतना मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा आअता हाऐी हााआ चूऊसू."

सिसकते हुए शीला की चूत ने किसी ज्वालामुखी के लावे की तरह पानी छोड़ दिया और उसी वक़्त विनोद भी सिसक रहा था कि उसका छूटने वाला है.

रश्मि और मैं विनोद के बदन को अकड़ते हुए देख रहे थे जब उसके लंड ने मेरे बेटे की गंद मे पानी छोड़ दिया. राज ने अपने पाओं को आकड़ा कर विनोद के लंड को अपनी गंद मे जाकड़ लिया था और उसके लंड से हर बूँद को निचोड़ रहा था. थोड़ी देर मे विनोद का लंड मुरझकर उसकी गंद से बाहर निकल पड़ा और साथ ही उसके वीर्य की धारा बहने लगी.

रश्मि शीला के बगल मे लेट गयी और उसके होठों को ज़ोर से चूमते हुए उसके मुँह मे अपनी जीब डाल दी, "लो चखो अपनी चूत के पानी का स्वाद. हाइया अच्छा !"

शीला गहरी साँसे लेते हुए बिस्तर पर लेटी थी. उसे विश्वास नही हो रहा था कि एक औरत भी इस तरह से चूत को चूस सकती है. वही रवि का पानी नही छूटा था. उसने अपना लंड राज के मुँह से निकाला और शीला के पास आ गया.

रवि ने अपना लंड शीला की चूत मे घुसा दिया. शीला चौंक पड़ी और डर गयी जब उसे रवि के लंड की लंबाई याद आई. शीला गहरी साँसे लेते हुए रवि के लंबे लंड को अपने चूत मे ले रही थी. रवि भी छोटे और हल्के धक्के लगा उसकी चूत को चोद रहा था. तभी रश्मि उठी और शीला के मुँह पर बैठते हुए अपने चूत उसके मुँह पर रख दी.

"शीला अब वैसे ही मेरी चूत को चॅटो जैसे मेने तुम्हारी चूत को चॅटा था. हां अपनी जीब का इस्तेमाल करो और मेरी चूत के दाने को चातो." रश्मि उसे सिखाते हुए बोली.
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08-05-2017, 11:53 AM,
#15
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
रवि ने ज़ोर के धक्के लगाते हुए शीला की चूत को अपने पानी से भर दिया. शीला का शरीर भी ठिठेर उठा जब दूसरी बार उसकी चूत ने पानी छोड़ा. रश्मि भी अपनी चूत को उसके मुँह पर दबा रही थी. शीला पूरी तरह से तृप्त और थक चुकी थी.

"इशे अभी थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत है." रश्मि शीला के उपर से हटती हुई बोली. "अभी इसे चूत चूसने की आदत नही है."

"प्रीति यहाँ मेरी चूत के पास आओ और अपनी जीब का जादू दिखाओ?" रश्मि अपनी टाँगे फैलाते हुए बोली.

मैं रश्मि के उपर आ गयी और 69 अवस्था मे एक दूसरे की चूत चूसने लगे. चूत चूस्ते हुए हम एक दूसरी गांद मे उंगली डाल रहे थे. हमारी हरकत को देख विनोद का लंड एक बार फिर टंकार खड़ा हो गया था.

तभी मेने राज की आवाज़ सुनी, "विनोद चलो हम इनकी गंद मे अपना लंड डाल देते हैं. तुम किसकी गंद मारना चाहोगे रश्मि की या प्रीति की.?"

विनोद ने कमजोर आवाज़ मे कहा "रश्मि की"

वो दोनो हमारे बिस्तर के पास आए और मेरे बेटे ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया. वही विनोद ने अपना लंड रश्मि की गोरी और प्यारी गांद मे घुसा दिया. रश्मि और मैं एक दूसरे की चूत को चूसे जा रहे थे और विनोद और राज हमारी गांद की धुनाई कर रहे थे. इस दोहरे मज़े ने हम दोनो को काफ़ी उकसा दिया था और हम दोनो के मुँह एक दूसरे के पानी से भर गये थे.

पानी छूटने के बाद भी रश्मि मेरी चूत को चूसे जा रही थी. मैं भी रश्मि की तरह उसकी चूत मे अपनी जीब अंदर बाहर कर रही थी. मेने महसूस किया कि राज के लंड ने मेरी गांद मे पानी छोड़ दिया है तभी मेने दूसरी बार अपना पानी रश्मि के मुँह पर छोड़ दिया.

रश्मि का शरीर भी अकड़ने लगा और उसकी चूत ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया और विनोद ज़ोर के धक्के लगा शांत हो गया.

"ऐसी चुदाई मेने पहले कभी नही की." शीला रवि के खड़े लंड को अपने हाथों मे लेते हुए बोली.

"हां मज़ा आगेया" विनोद ने कहा.

"ज़रा सोचो विनोद आज तुमने एक पति और उसकी पत्नी दोनो की गांद एक ही दिन मारी है. ऐसा मौका कहाँ मिलता." रवि ने कहा.

इसके बाद हम सब सुस्ताने लगे. हम सबने ड्रिंक्स बनाई और बात करने लगे. हम साथ ही कुछ खाते भी जा रहे थे.

फिर तीनो मर्दों ने आपस मे तय किया कि मैं भी तीन लंड का मज़ा साथ साथ लू. विनोद मेरी गंद मे लंड डालेगा और रवि अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे. और मैं राज के लंड को चूसोंगी.

हम चारों ने बिस्तर पर पोज़िशन ली और थोड़ी ही देर मे मेरे तीनो छेद लंड से भर गये. रश्मि और शीला बगल में बैठ कर मेरी सामूहिक चुदाई बड़े गौर से देख रही थी. लड़कों का पानी एक बार पहले छूट चुका था इसलिए उनको समय लगा रहा था. तीनो गधों के तरह मुझे चोद रहे थे. इसके पहले की उनके लंड पानी छोड़ते मेरी चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा मुझे याद नही.

सबसे पहले मेरे बेटे ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ा. बिना किसी झिझक मे सारा पानी पी गयी बिना एक बूँद भी व्यर्थ किए. में उसके लंड को तब तक चूस्ति रही जब तक कि वो ढीला ना पड़ गया.

फिर विनोद ने मेरी गांद अपने पानी से भर दी. मेने अपनी गांद मे उसके लंड को जाकड़ उसकी हर बूँद को निचोड़ने लगी. वो मेरी गांद मे अपना लंड पेलता रहा. थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा कर मेरी गंद से बाहर निकल पड़ा. उसका पानी मेरी गांद से बहता हुआ मेरी चूत पे आगेया जहाँ रवि का लंड मेरी चूत को चोद रहा था.

मेरी शरीर मे अजीब सी सनसनी मची हुई थी. मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उछल उछल कर उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. मैं इस कदर उछल कर चोद रही थी जैसे ये मेरी आखरी चुदाई हो. रवि ने ज़ोर से अपने कूल्हे उछालते हुए अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक पेल दिया और इतने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी कि उसका पानी सीधे मेरी बच्चेदानी से जा टकराया. मेरी चूत ने भी थक कर पानी छोड़ दिया और मे उसकी छाती पे निढाल हो गयी. रवि ने मुझे बाहों मे भर लिया और चूमने लगा.

"तुम ठीक तो हो ना?" रवि ने मुझे बाहों मे भरते हुए पूछा.

"हां अभी तो ठीक हूँ, ऐसी आग मेरे शरीर मे पहले कभी नही लगी." मेने जवाब दिया.

मेने उसके उपर लेटी रही और वो मेरे बदन को सहलाता रहा. मुझे ऐसा लगा कि मैं उसके उपर इसी तरह हमेशा के लिए लेटी रहूं. मैं सोच रही थी, "आज जिस तरह से मेरी चूत ने पानी छोड़ा है ऐसा सैलाब मेरी चूत मे पहले कभी नही आया."
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08-05-2017, 11:53 AM,
#16
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
थोड़ी देर बाद हम फिर बैठ कर ड्रिंक ले रहे थे. अब नंगा रहने मे मुझे शरम नही आ रही थी. यहाँ मैं अपने बेटे और उसके दोस्त और एक अंजान आदमी के साथ नंगी बैठी थी.

विनोद हमारी कहानी सुनना चाहता था कि हम सब यहाँ तक कैसे पहुँचे. रवि ने उसे थोड़ा हिस्सा सुनाया. हमारी कहानी सुनने मेने देखा कि उसका लंड एक बार फिर खड़ा हो गया है. थोड़ा सुसताने के बाद रवि ने पूछा, "क्या सब एक और राउंड के लिए तय्यार है." मेने नज़रें घूमाकर देखा तो रश्मि और शीला वहाँ नही थे.

रवि एक बार नीचे लेट गया और में उसके उपर होते हुए उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और विनोद ने पीछे से अपना लंड राज की गांद मे. हम चारों जम कर चुदाई कर रहे थे. जब तीनो का लंड अपने अपने स्थान पर पानी छोड़ रहा था रश्मि ने कमरे मे आते हुए कहा, "वाह क्या सीन है!"

जब हम सब थक कर अलग हुए तो मेने देखा कि शीला काफ़ी थॅकी थॅकी सी दिख रही है, "तुम दोनो कहाँ चली गयी थी?" मेने रश्मि से पूछा.

"शीला को चूत चूसने की ट्रैनिंग देने के लिए इसे रीता और अनीता के पास ले गयी थी." रश्मि ने जवाब दिया.

शीला ने सिर्फ़ विनोद से इतना कहा, "क्या अब हम अपने कमरे मे चले?"

शीला और विनोद बिना कुछ कहे कपड़े पहन अपने रूम मे चले गये.

"ऐसा वहाँ क्या हुआ जो शीला इतनी थॅकी और उखड़ी हुई थी." मेने पूछा.

"तुम्हे विश्वास नही होगा उन दोनो लड़कियों ने शीला की हालत खराब कर दी. उसके जिस्म मे इतनी आग भर दी की वो पागल हो गयी. उसने सबकी चूत चूसी चाति और डिल्डो से चुडवाया भी. एक नही दो दो डिल्डो से साथ साथ चुडवाया. बाकी सब में सुबह नाश्ते के टेबल पर बताउन्गि अब में सोने जा रही हूँ." ये कहकर रश्मि रवि को पकड़ सोने चली गयी.

मैं भी राज की बाहों मे सो गयी.

टू बी कंटिन्यूड…………..
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08-05-2017, 11:53 AM,
#17
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
गतान्क से आगे......

हनिमून पर तीसरा दिन



अगले दिन सुबह हम चारों नाश्ते की टेबल पर बैठे अपनी तीसरी चाइ और कॉफी का पी रहे थे वहीं रश्मि हमे रात की कहानी सुनाने जा रही थी जो शीला और उन दो लेज़्बीयन लड़कियों बीच गुज़री थी.

रश्मि ने कहा की "ऐसा कुछ शीला के साथ नही हुआ जो मेरे और प्रीति के साथ उस रात हुआ था. दोनो लड़कियाँ काफ़ी अच्छी थी, पहले उन्होने शीला की चुचियों को चूसा फिर उसकी चूत को. शीला इसी दौरान इतनी बार झाड़ चुकी थी उसकी चूत एक चिकनी मलाई की तरह लग रही थी."

रश्मि ने अपनी कहानी जारी रखी, "मेने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि शीला इतनी ज़ोर से सिसकेगी और चिल्लएगी. हम तीनो लड़कियों ने बारी बारी से उसकी चूत नकली लंड से चोदि, हम अपनी चूत उसके मुँह पर रख अपनी चूत चूस्वाते. थोड़ी ही देर में तो वो चूत चूसने मे इतनी माहिर हो गयी कि में क्या बताउ."

"मुझे विश्वास नही होता कि कोई लड़की अपने पहले अनुभव में इतनी एक्सपर्ट हो सकती है." मेने कहा.

"विश्वास तो मुझे भी नही हुआ था," रश्मि ने अपनी कहानी जारी रखते हुए कहा, "हम तीनो लड़कियों नेनकली लंड अपनी कमर पर बाँध साथ साथ उसे चोदने लगे. सबसे अच्छी नज़ारा तो उस वक्त था जब अनिता शीला की चूत मे डिल्डो घुसा हुए थी और रीता कमर पर डिल्डो बाँध अनीता की गंद मार रही थी. रीता की गंद इतनी सुडौल और चिकनी थी कि में अपने आपको रोक ना पाई और डिल्डो कमर पर बाँध रीता की गंद मे उस नकली लंड को घुसा उसकी गांद मारने लगी."

रवि तभी बीच मे बोल पड़ा, "सही मे रश्मि जबसे रीता को और उसकी गांद को देखा है मेरा भी मन उसकी गंद मारने का है. क्या तुम उसे मेरे लिए सेट कर सकती हो?"

रश्मि रवि की बात सुनकर मुस्कुरई और बोली, "बाद मे देखेंगे." वो अपनी कहानी जारी रखते हुए बोली, "अनिता शीला को रंडी, छिनाल और ना जाने क्या क्या कह कर चोद रही थी. शीला भी जवाब मे अपने आपको रंडी चुड़दकड़ कह उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने को बोल रही थी. शीला इतनी गरम और उत्तेजित थी कि उसे रोक पाना हम तीनो को मुश्किल लग रहा था."

"हे भगवान! तभी शीला इतनी थॅकी और मरी हुई हालत मे थी जब वो हमारे कमरे मे आई थी." मेने कहा.

"हां उसके बाद उसने थोड़ा आराम किया, फिर मैं उसे सहारा देकर हमारे कमरे तक ले आई, उससे चला भी नही जा रहा था." रश्मि ने कहा. "कमरे मे आते वक़्त उसने मुझे बताया कि उसे अपने किए पर बहोत शर्मिंदगी है, मेने उसे समझाया कि ऐसा होता रहता है, पर शायद उसे ज़्यादा ही आत्म गिलानी हो गयी थी इसीलिए वो हमारे कमरे मे ज़्यादा देर तक नही रुकी."

"ये दोनो लड़कियाँ भी शायद सेक्स से कभी थकती नही, देखो ना पहले रश्मि और प्रीति फिर रात को रश्मि और शीला." राज ने कहा.

"रश्मि मेरी बात ध्यान से सुनो, मैं जानता हूँ तुम रीता को मेरे लिए सेट कर सकती हो? उसने पहले ही नकली लंड अपनी गंद मे लिया हुआ है, उसे समझाओ कि नकली लंड से चुदवाने मे और एक असली मजबूत लंड से चुदवाने मे कितना फ़र्क है. जब असली लंड उसकी गंद और चूत को अपने पानी से भरेगा तो उसे कितना मज़ा आएगा." रवि ने रश्मि को समझाते हुए कहा.

"ठीक है ठीक है, में कोशिश करूँगी. अगर में उसे सेट करने मे कामयाब होगयि तो तुम्हे मुझे एक अच्छा सा तोहफा देना होगा." रश्मि ने रवि से कहा.

हम चारों ने अपना नाश्ता ख़त्म किया और अपने कमरे मे वापस आ गये. हमने अपने कपड़े बदली किए और घूमने निकल गये. पूरे दिन हम सैर करते रहे बाज़ारों की खाक छानते रहे. हमने कुछ शॉपिंग भी की. शाम होते होते हम काफ़ी थक गये थे. वापस होटेल पहुँच हम होटेल के लॉन मे कुर्सी पर बैठ गये और चाइ का ऑर्डर दे दिया.

मेने देखा कि रवि कुछ सोच मे डूबा हुआ था, "क्या बात है रवि, क्या सोच रहे हो?"

"पता नही प्रीति क्यों मैं रीता और उसकी गांद को अपने दिमाग़ से निकाल ही नही पा रहा हूँ." रवि ने जवाब दिया.

"ओह्ह्ह तो इतने उत्तावले हो रहे हो रीता की गंद मारने के लिए. निसचिंत रहो रश्मि कोई ना कोई जुगाड़ कर ही लेगी." मेने कहा.

हम लॉन मे बैठे चारों नास्टा कर रहे थे कि वो दोनो लड़किया रीता और अनिता भी हमारे पास आकर बैठ गयी. रीता ने हमे बताया कि विनोद और शीला होटेल छोड़ कर जा चुके है. शायद शीला को अपनी रात की हरकत पर कुछ ज़्यादा ही शर्मिंदा हो गयी थी.

हम सब मिलकर हँसी मज़ाक कर रहे थे. रीता ने रवि से पूछा, "रवि पहले ये बताओ कि तुम्हारी और राज की दोस्ती कैसे हुई और तुम्हे ये गंद मारने का शौक कब से हुआ?"

रवि अपनी कहानी सुनाने लगा, हम सबने एक घेरा सा बना लिया और उसकी कहानी सुनने लगे.

रवि ने कहना शुरू किया, "राज और में कॉलेज के दिनो मे हॉस्टिल मे रूम पार्ट्नर थे. कॉलेज जाय्न करने के पहले में कई लड़कियों की चूत और गंद मार चुक्का था. जब हमारी दोस्ती गहरी हो गयी तो हम दोनो मिलकर लड़कियों की चुदाई करने लगे."

राज ने बीच मे कहा, "हाँ एक लड़की थी माला जिसे हमने कई महीनो तक साथ साथ चोदा था. उसे दो लंड से चुदाई करने मे बहोत मज़ा आता था. लेकिन चूत चुदवाने से ज़्यादा मज़ा उसे गंद मरवाने मे आता था और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि उसे अलग अलग आसनो मे चुदाई का शौक था. माला ने ही मुझे गंद मरवाना और मारना सिखाया था.'
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08-05-2017, 11:53 AM,
#18
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
रवि और राज की बातें सुनकर हम तीनो के शरीर मे गर्मी आने लगी थी. "ज़रा विस्तार से बताओ ये सब कैसे हुआ?" रीता ने पूछा.

राज आगे बताने लगा, "एक रात की बात है, मैं माला को हमारे हॉस्टिल के रूम मे चोद रहा था. रवि कहीं बाहर गया हुआ था. उस रात माला अपने साथ एक डिल्डो भी लेकर आई थी. वो उस डिल्डो को अपनी चूत मे घुसाए हुए थी और मेने अपना लंड उसकी गंद मे डाल रखा था. थोड़ी देर बाद वो मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी. वो मेरे दोनो कुल्हों को पकड़ मेरा लंड चूस रही थी तभी उसने अपनी उंगली मेरी गांद मे डाल दी. फिर उसने मेरा लंड चूस्ते हुए वो डिल्डो मेरी गंद मे घुसा दिया. पहले तो मुझे बहोत दर्द हुआ पर वो इतने जोरों से मेरा लंड चूस रही थी कि मुझे गंद मे लंड लेने मे मज़ा आने लगा."

आगे की कहानी रवि सुनने लगा, "उसी समय में बाहर से कमरे मे आया तो देखा कि राज घुटनो के बल झुका हुआ है और माला डिल्डो को अपने कमर से लगाए रवि की गंद मार रही थी. जब माला ने मेरी तरफ देखा तो उसने आँख मार कर मुझे राज की गंद की ओर इशारा किया. राज की चिकनी गंद देखकर मेरा भी दिल आगेया."

"अगर मैं अपने दिल की बात कहूँ तो में रवि के मोटे लंड को पहले से पसंद करता था. लेकिन मेने कभी ये नही सोचा था कि इसका लंड मे अपनी गंद मे लूँगा." राज ने आगे कहा, "फिर माला ने रवि को मेरी गंद मे लंड घुसाने के लिए कहा."

रवि बताने लगा, "माला ने पहले तो वो डिल्डो राज की गंद से निकाला और फिर मुझे एक क्रीम की शीशी दी जिसे मेने वो क्रीम अपने लंड और राज की गंद पर मल दी. फिर मेने अपना लंड राज की गंद मे घुसाया तो वो बड़ी आसानी से अंदर तक घुस गया. मुझे पहली बार किसी लड़के की गंद मारने मे मज़ा आ रहा था. मेंग इसके चुतताड मसल मसल कर उसकी गंद मारने लग गया."

राज ने उत्तेजित स्वर मे कहा, "मुझे विश्वास नही हो रहा था कि रवि की मूसल लंड को मेरी गंद इतनी आसानी से निगल लेगी. मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं रवि को ज़ोर ज़ोर से अपनी गंद मारने के लिए कहने लगा."

राज ने आगे बताया, "उसी समय माला मेरी टाँगो के बीच आ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी. अब मुझे भी दोहरा मज़ा आ रहा था. एक तरफ माला मेरा लंड चूस रही थी और दूसरी तरफ रवि मेरी गंद मार रहा था."

"मुझे मालूम था कि मैं अपने आपको ज़्यादा देर तक नही रोक पाउन्गा. माला राज का लंड चूस्ति तो मेरे आंडो को भी अपने मुँह मे भर चुलबला देती जिससे मेरे लंड और तन जाता. फिर मेने अपना वीर्य राज की गंद मे छोड़ दिया." रवि ने बताया.

"मैं तुम लोगों को बता नही सकता कि कितना पानी रवि के लंडने मेरी गंद मे छोड़ा था. मुझे ऐसा लगा कि मेरी गंद उसके वीर्य से भर गयी है, और पानी बहता हुआ मेरी टाँगो से होते हुए माला के मुँह पर छूने लगा. माला ने वो सारा वीर्य चाट लिया और फिर मेरे लंड को जोरों से चूसने लगी तभी मेने भी अपना पानी उसके मुँह मे छोड़ दिया." राज ने कहा.

रवि आगे कहने लगा, "फिर मेने अपना लंड राज की गंद से निकाल लिया और तभी माला ने उसे अपने मुँह मे ले लिया. मैं ज़मीन पर बैठ गया और माला मेरी टाँगो के बीच आ मेरे लंड को जोरों से चूसने लगी. मुझे लगा कि मैं एक बार फिर अपना पानी उसके मुँह मे छोड़ दूँगा."

"पर शायद उस रात माला के दिमाग़ मे कुछ और था, उसने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि में भी लंड चूस्कर देखु. पता नही मुझे क्या हुआ मैं रवि के लंड को अपने मुँह मे ले जोरो से चूसने लगा. उसी वक्त माला ने फिर डिल्डो अपनी कमर पर बाँध मेरी गंद मे नकली लंड घुसा दिया. मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं जोरो से उसके लंड को चूसने लगा और रवि ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ दिया." राज ने बताया.

मेने देखा कि कहानी सुनाते हुए दोनो लड़कों के लंड सख़्त हो गये थे और तीनो लड़कियाँ भी अपनी चूत कपड़ों के उप्पर से रगड़ रही थी. अगर हम होटेल के लॉन मे ना बैठे होते तो शर्तिया चुदाई यही पर शुरू हो गयी होती.

राज ने अपनी कहानी समाप्त करते हुए कहा, "उसके बाद तो सिलसला हमेशा चलने लगा. जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे की गंद मार लेते. माला थी ही हमसे चुदवाने लिए. एक साल बाद मेरी मुलाकात रश्मि से हुई. पहले दोस्ती हुई और फिर प्यार. फिर मेने उसे अपनी और रवि के दोस्ती के बारे मे बताया, पर ये कहानी फिर कभी."

"हां मुझे भी लगता है कि मैं अब और नही सुन पाउन्गि, पहली ही मेरी चूत इतनी गीली हो गयी है, क्या कोई मेरी चूत चूसना चाहेगा?" रीता हंसते हुए बोली.

"मैं अभी और इसी वक़्त तुम्हारी चूत चूस सकता हूँ अगर तुम दोनो मे से कोई मुझे अपनी गंद मारने दे तो?" रवि अपने लंड को मसल्ते हुए बोला.

अनिता रवि की बात सुनकर चौंक गयी और रीता की ओर देखने लगी जो अपनी गर्दन ना मे हिला रही थी.

तभी रश्मि अपनी जगह से उठी और रीता के कान मे कुछ कहने लगी. रीता ने अपनी गर्दन हिलानी बंद कर दी और ध्यान से रश्मि की बातें सुनने लगी. तभी रीता ने अपनी गर्दन हिला हां की तो रश्मि मुस्कुरई और रीता के होठों को चूम लिया.

रीता ने शरमाते हुए कहा, "ठीक है मैं तय्यार हूँ," ये कहकर उसने अनिता कोचौंका दिया था, उसने आगे कहा, "ऐसा भी नही है कि मेरी गंद कुँवारी है, मैं पहले ही कई बार नकली लंड से गंद मरवा चुकी हूँ तो आज असली लंड से सही."

अनिता ने फिर कहा, "ठीक है वैसे भी आज की रात हमारी होटेल मे आखरी रात है. आज होटेल की सालगिरह की पार्टी है जिसमे सभी को बुलाया गया है. हम सब उस पार्टी के बाद हमारे कमरे मे मिलेंगे और आज की रात को एक यादगार रात बना देंगे."

सबने अपनी गर्दन सहमति मे हिलाई और मैं मन ही मन सोचने लगी "लगता है आज की रात फिर चुदाई का भयंकर दौर चलने वाला है," मेने ये भी सोच लिया था कि रीता से उसका अड्रेस और फोन नंबर ले लूँगी जसिसे भविष्या मे काम आए.

फिर बिना कोई शरम किए रवि ने रीता की चूत वहीं सबके सामने चूसी और अपना वादा निभाया.

रात को हम सब सज धज कर होटेल के बॅंक्वेट हॉल मे जमा हुए. पार्टी का इंतेज़ाम काफ़ी अच्छा किया हुआ था. होटेल मे ठहरे सभी को इन्वाइट किया हुआ था. वहाँ हमारी मुलाकात दो अन्य जोड़ों से हुई जो देल्ही से आए हुए थे. दोनो जोड़े एक साप्ताह के लिए घूमने आए थे.

प्रिया एक गोरी सुंदर औरत थी जिसे देखकर मुझे हिन्दी फ़िल्मो की हेरोयिन नीतू सिंग की याद आ गयी. उसकी चुचियाँ भी नीतू सिंग की तरह काफ़ी बड़ी और भारी थी और उसके चुतताड भी काफ़ी बड़े और सुडौल थे. उसका पति राजेश ऋषि कपूर जितना सुंदर तो नही फिर भी सुन्दर था. उसका शरीर एक खिलाड़ी की भाँति काफ़ी कसरती और गतिला था.

दूसरा जोड़ा उनसे थोडा विपरीत था, कंचन जहाँ कद मे थोड़ी नाटी थी उसकी चुचियाँ भी प्रिया जितनी बड़ी नही थी. पर दिखने मे वो काफ़ी सुन्दर थी और उसका पति बॉब्बी भी सुन्दर और हॅंडसम था.

रवि की नज़रें प्रिया की गंद से हटाए नही हट रही थी. वो अपनी नज़रें बचाने की भी कोशिश नही कर रहा था और जब प्रिया ने रवि को अपनी गंद की ओर घूरते देखा तो शर्मा गयी.

रश्मि ने प्रिया को बताया कि रवि को गंद मारने का इतना शौक है कि संसार की हर औरत की गंद उसे आकर्षित कर देती है. रश्मि की बात सुनकर प्रिया ने उसे पूछा कि क्या वास्तव मे उसकी गंद इतनी सुन्दर और प्यारी है तो रश्मि ने उसके चुतताड सहलकर जवाब दिया हां है. मैं मन ही मन दोनो को देख हंस रही थी.

थोड़ी ही देर मे दोनो जोड़े हमसे घुलमिल गये थे. उन्होने हमसे पूछा कि हम कुछ वक़्त उनके साथ बिता सकते है तो मेने बताया कि आज की रात तो हमारी कुछ दोस्तों के साथ पार्टी है, हम कल उनसे दोपहर के कहने पर लॉन मे मिलेंगे. हम सब उनसे विदा ले अपने कमरे की और बढ़ गये.

रात की पार्टी

होटेल की पार्टी के बाद हम चारों अपने कमरे मे आ गये और कपड़े बदलने लगे. हम चारों ने शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन ली. फिर हम अनिता और रीता के रूम की ओर बढ़ गये. हम कमरे में पहुँचे तो देखा कि दोनो लड़कियाँ पहले ही से नंगी थी और हमारा इंतेज़ार कर रही थी.

उन्हे नंगा देखा रश्मि अपनी हँसी नही रोक पाई, "शायद तुम लोग समय बर्बाद नही करना चाहती हो?"

"हां आज की रात हमारी यहाँ पर आखरी रात है और हम एक एक पल का मज़ा लेना चाहते है." अनिता ने जवाब दिया.

हम चारों ने अपने कपड़े उतारे और ढंग से समेट कर उसे एक टेबल पर रख दिए. हम सब अनिता के अगले कदम का इंतेज़ार करने लगे, हमे पता था कि उसे निर्देश देना अछा लगता था और आज की रात कोई अलग नही थी.

"आज की रात मे ऐसी यादगार बनाना चाहूँगी कि हम सब याद रखेंगे. रवि और राज तुम दोनो घुटने के बल हो जाओ पहले मैं और रीता तुम दोनो की गंद मारना चाहेंगे. प्रीति और रश्मि तुम दोनो इस अवस्था मे इनके नीचे लेट जाओ जिससे तुम इनका लंड चूस सको और ये दोनो तुम्हारी चूत चूस सके." अनिता ने निर्देश दिया.

अनिता ने फिर थोड़ी क्रीम राज की गंद पर लगाकर डिल्डो उसकी गंद मे घुसा दिया और रीता ने ठीक वैसा ही कर रवि की गंद मे नकली लंड पेल दिया.

रश्मि राज की टांगो के बीच आकर लेट गयी और उसका लंड चूसने लगी और राज ने अपना मुँह रश्मि की चूत पर रख दिया. मेने भी वैसा ही किया.

राज और रवि को इस दोहरी चुदाई मे काफ़ी मज़ा आ रहा था, जब भी पीछे उसे उनकी गंद मे धक्का पड़ता तो उनका लंड मेरे और रश्मि के मुँह मे गले तक चला जाता और वो ज़ोर ज़ोर से हमारी चूत को चूसने लगते. हमे भी दोहरा मज़ा मिल रहा था. थोड़ी ही देर मे दोनो ने हमारे मुँह मे अपना अपना वीर्य छोड़ दिया.
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08-05-2017, 11:53 AM,
#19
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
अनिता और रीता को भी मज़ा आता जा रहा था. जब भी नकली लंड राज और रवि की गंद मे घुसता तो उस नकली लंड का आखरी हिस्सा उनकी चूत से टकराता जिससे उनकी चूत और खुज़ला जाती. दोनो उछल उछल कर लड़कों की गंद मार रहे थे. थोड़ी ही देर मे उनकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया.

दोनो लड़कों के पीछे से हट ज़मीन पर सुसताने लगी. वहीं रवि और राज हमारी चूत को जोरों से चूसे जा रहे थे. हमारी चूत भी झड़ने लगी.

"कहो रवि और राज आज अपनी गांद एक लेज़्बीयन लड़कियों से मरवाने मे कैसी लगी?" अनिता ने पूछा.

"अनिता पूछो मत ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया. जब तुम धक्के मारती तो अजीब ही नशा छ्छा रहा था, एक तो लंड की चूसाई साथ ही चूत का मज़ा." राज ने जवाब दिया.

"अब आगे क्या इरादा है?" रवि ने अनिता से पूछा.

"अब जैसा पहले तय हो चक्का है तुम रीता की गंद मे अपना लंड पेलोगे," अनिता ने कहा और रीता की ओर देखने लगी, "तुम सही मे रवि का लंड अपनी गंद मे लेने को तय्यार हो ना."

"पहले बात तय तो हो चुकी है फिर तुम दुबारा क्यों उससे पूछ रही हो?" रवि थोड़ा चिल्लाते हुए बोला.

"में कोई वादा नही तोड़ रही हूँ, पर में चाहूँगी की पहले रश्मि डिल्डो से मेरी गंद को थोड़ा ढीला कर दे जिससे रवि के मोटे लंड से मेरी गंद को कोई परेशानी ना हो." रीता ने जवाब दिया.

"हां क्यों नही, रश्मि ज़रा प्यार से रीता की गंद मे डिल्डो डाल इसे ढीला कर दो?" अनिता ने रश्मि को डिल्डो पकड़ाते हुए कहा.

"मुझे ऐसा करके खुशी होगी." कहकर रश्मि डिल्डो को अपनी कमर पर बाँधने लगी.

रीता ज़मीन पर घुटनो के बल हो गयी जिससे उसकी गंद हवा मे उठ गयी थी. रश्मि रीता के पीछे आ गयी और अपनी एक उंगली उसकी चूत मे डाल दी. उसकी चूत के पानी से उंगली गीली कर उसने वो उंगली उसकी गंद मे डाल अंदर घुमाने लगी. जब उसकी गंद पूरी तरह से गीली हो गयी तो उसने डिल्डो गंद मे डाल धक्के लगाने लगी. रीता सिसक रही थी और वो भी अपने चुतताड हिला रही थी.

"प्रीति रश्मि जब तक रीता की गंद मार रही है ज़रा तुम रीता की चूत चूसोगी?" अनिता ने पूछा.

अनिता की बात सुनकर में अचानक चौंक सी गयी. पर बिना झिझकते हुए मैं रीता की चूत के पास आ गयी. मेने देखा की वो नकली लंड रीता की गंद के अंदर बाहर हो रहा था साथ ही मुझे रश्मि की चूत की फांके भी दिखाई पड़ रही थी. मेने अपनी एक उंगली रश्मि की चूत मे डाल दी और अपना मुँह रीता की चूत पर लगा चूसने लगी.

मैं ज़ोर ज़ोर से रीता की चूत चूस रही थी और साथ ही अपनी उंगली रस्मी की चूत के अंदर बाहर कर रही थी. मैं तब तक ऐसा करती रही जब तक की दोनो की चूत ने पानी नही छोड़ दिया.

रश्मि नकली लंड को रीता की गंद से बाहर निकाल हट गयी और मैं भी वहाँ से हट गयी. रीता अभी घुटनो के बल अपनी गंद हवा मे उठाए थी. उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव सॉफ दिखाई दे रहे थे.

रवि का लंड ख़ूटे की तरह तन कर खड़ा हो चुक्का था. वो अपने लंड को सहलाते हुए रीता के पीछे आ गया. रवि की चाल को देख कर ऐसा लगा की एक शिकारी अपने शिकार के पास जा रहा है. हम सबकी नज़रें रीता के चेहरे पर टिकी हुई थी जो जिंदगी मे पहली बार असली लंड का मज़ा लेने जा रही थी.

रवि रीता के पीछे आ गया और उसके चुतताड सहलाने लगा. फिर उसने अपना लंड उसकी गंद के मुँह पर लगा घिसने लगा. उसके लंड से छूटे पानी ने उसकी गंद को और गीला कर दिया. फिर उसने अपने सूपदे को धीरे से अंदर घुसा दिया. रीता को पहले तो थोड़ा दर्द हुआ फिर उसने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया.

"एक ही बार मे पूरा मत पेलना, ज़रा धीरे धीरे करना." रीता फुस्फुसाइ.

"रीता तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हे दर्द नही होने दूँगा. मैं धीरे धीरे ही घुसाऔन्गा. जब भी तुम मुझे रोकॉगी मैं रुक जाउन्गा." रवि ने उसे होसला देते हुए कहा.

रवि धीरे धीरे अपना लंड उसकी गंद मे घुसाते जा रहा था. वो अपने लंड को बाहर खींचता और पहले से थोडा ज़्यादा अंदर घुसा देता. वो तब तक ऐसा करता रहा जब तक उसका पूरा लंड उसकी गंद मे नही घुस गया. रीता को भी अब मज़ा आ रहा था.

"रश्मि याहा आओ और अपनी चूत दो मुझे." रीता चिल्ला उठी.

रश्मि तुरंत उछल कर रीता के मुँह के सामने इस तरह लेट गयी की उसकी चूत ठीक उसके सामने थी. रीता ने तुरंत अपनी जीभ को एक त्रिकोण का आकर देकर उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगी वही रवि अपने लंड से उसकी चूत जोरो से पेल रहा था.

रीता चूत चूस्ते ज़ोर से बड़बड़ा उठती थी, "ओह रवववववी पेल्ल्ल दो अपन्‍न्‍न्णना लुंद्ड़द्ड मेर्रररर गाआंद ओह हाा अगर मुझीई पता होत्तता की आासली लंड मे ईईईतना माआज़ाअ है तो मेईईईिन उस नकल्ल्ली लुन्न्द्दद्ड से कभी गाआं नाआी मर्वववाअती."

रीता रश्मि की चूत चूसे जा रही थी और साथ ही अपने कुल्हों को पीछे कर रवि के धक्को से ताल ताल से मिला रही थी.

तीनो की चुदाई को देख कर बाकी के लोग भी गरमा रहे थे. खास तौर पर अनिता से रुका नही जा रहा था. वो तुरंत रवि की पीछे आई और इस तरह से उसकी टाँगे की बीच लेट गयी की उसका मुँह रीता की चूत पर था.

अनिता ने देखा कि रवि का लंड रीता की गंद के अंदर बाहर हो रहा है, उसने अपनी जीएभ को रवि के लंड पर लगा दिया. जब भी रवि का लंड रीता की गंद से बाहर आता तो अनिता की जीभ से रगड़ता हुआ फिर अंदर चला जाता. इस स्पर्श ने रवि के बदन मे और उत्तेजना भर दी और वो जोरों से रीता की गंद मारने लगा.

रीता जोरों से अपनी चूत को अनिता के मुँह पर रगड़ रही और साथ ही रश्मि की चूत को चूस रही थी. थोड़ी ही देर मे रश्मि की चूत ने पानी छोड़ दिया और वहीं रीता ने अनिता के मुँह मे.

पता नही अनिता को क्या हो गया था, उसने अपना मुँह रीता की चूत से हटा रवि के अंडकोषों को मुँह मे ले चूसने लगी. आज जिंदगी मे पहली बार वो किसी मर्द के अंगों से खेल रही थी.

रवि मदहोशी मे ज़ोर से रीता की गंद मार रहा था. अब उसे भी खुद को रोकना मुश्किल लग रहा था. उसने ज़ोर से रीता के कूल्हे पकड़ अपना लंड उसकी गंद मे जड़ तक पेलते हुए अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. दोनो की साँसे इतनी तेज थी कि लगता था जैसे मीलों दौड़ कर आए हो.

रवि तब तक अपना लंड रीता की गंद के अंदर बाहर करता रहा जब तक की उसका लंड मुरझाने ना लगा. उसने अपने लंड को रीता की गंद से बाहर निकाला तो साथ ही उसके वीर्य की एक धारा रीता की जांघों पर बहने लगी. रश्मि ने अपना मुँह घुमाया और रीता की जांघों पर बहते रवि के वीर्य को चाटने लगी.

चोरों एक दूसरे अलग हो अब ज़मीन पर पड़े सुस्ता रहे थे. थोड़ी देर बाद अनिता ने मेरे हाथ मे डिल्डो पकड़ाते हुए कहा, "प्रीति आज तुम्हे मौका मिल रहा है कि तुम किसी मर्द की गंद मार सको. ये लो और इसे बाँध कर अपने बेटे की गंद मे घुसा दो."

मेने वो डिल्डो अपनी कमर पर बाँध लिया और अपने बेटे राज की ओर बढ़ गयी. मेने उस नकली लंड को राज की गंद पर लगाया और अंदर घुसा दिया. पहले तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा पर जब उस लंड का आखरी हिस्सा मेरी चूत से टकराता तो मुझे भी मज़ा आने लगा. अब में ज़ोर के धक्के मार राज की गंद मार रही थी.

राज ने रश्मि को इस तरह अपने नीचे कर लिया और अपना लंड उसकी चूत मे पेल उसे चोदने लगा. थोड़ी ही देर मे हम तीनो तक कर फिर एक बार अलग हो गये.
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08-05-2017, 11:53 AM,
#20
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
हम सब ने ड्रिंक्स बनाई और सुसताने लगे, साथ ही हम कुछ नाश्ता भी कर रहे थे. करीब घंटा भर सुसताने के बाद अनिता मुझे से बोली, "क्यों ना हमे तुम्हारे परिवार की सामूहिक चुदाई देखने को मिल जाए."

"हां सही आइडिया है." रीता चूहांक उठी, "प्रीति तुम पीठ के बल लेट जाओ, और रश्मि तुम प्रीति के मुँह पर बैठ कर अपनी चूत इसे चूसने की लिए दो. राज तुम अपनी मा की चूत मे अपना लंड डालोगे और रवि तुम्हारा मन करे उस छेद का तुम इस्तेमाल कर सकते हो."

जैसा रीता ने कहा मैं अपनी पीठ के बल लेट गयी, फिर रश्मि मेरे मुँह पर बैठ गयी जिससे मैं अपनी बहू की चूत चूस सकूँ. मेरा बेटे राज ने अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया. जब से हमारा रिश्ता कायम हुआ था आज पहली बार मेरा बेटा मेरी चूत चोद रहा था. रवि ने अपना लंड रश्मि के मुँह के सामने कर दिया, जिसने बड़े आराम से मुँह मे भर लिया.

"ओह अनिता कितना सुखद नज़ारा है एक परिवार की आपस मे चुदाई का." रीता खुश होते हुए बोली.

हम चारों इतनी जोरों से चुदाई कर रहे थे कि किसी को याद नही की किसका कितनी बार पानी छूटा. हम इतना थक चुके थे कि एक दूसरे के बगल मे निढाल से गिर पड़े.

हम चारों ने दोनो लड़कियाँ से विदा ली और अपने कमरे मे जाने लगे. तभी मेने देखा कि रीता रवि के कान मे कुछ कह रही है. रवि ने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और उसकी कुल्हों को ठप थपाने लगा. हम अपने कमरे मे आकर बिस्तर की ओर बढ़ गये. मैं रवि को अपनी बाहों मे ले सो गयी और नई शादी हुई राज और रश्मि अपने बिस्तर पर सो गये.

टू बी कंटिन्यूड……………….
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