Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-43


गतान्क से आगे...............

राज ने स्वीटी का हाथ पकड़ उसे अपने कंधों पर उठा लिया और

बेडरूम की ओर बढ़ गया..



जैसे ही स्वीटी राज के कंधों पर आई प्रीति ने उसकी शॉर्ट्स के

किनारे को पकड़ उसकी पॅंटी के साथ साथ उसे उतार दिया... अब स्वीटी

नंगी राज के कंधों पर लटकी थी.


राज ने स्वीटी को लेकर अपने मम्मी डॅडी के बेडरूम मे लाकर उसे पलंग

पर डाल दिया.. क्यों कि उनके पलंग के कोने अच्छे थे.. प्रीति भी

उनके पीछे पीछे कमरे मे आ गयी..


प्रीति ने अपनी मम्मी के ड्रॉयर से चार स्कार्फ निकाल लिए जिससे स्वीटी

को बाँधा जा सके.. राज स्वीटी के उपर चढ़ उसके दोनो हाथो को

उसके सिर के उपर कर पकड़ लिया.. और प्रीति उसके हाथों को पलंग

के हत्थे से बाँधने लगी..


फिर प्रीति ने स्वीटी की दोनो टाँगो को फैला दिया और और उन्हे दोनो

किनारों पर बाँध दिया.. अब स्वीटी किसी क़ैदी की तरह पलंग पर

थी और उसकी दोनो टाँगे फैली हुई थी...


"इस तरह पलंग से बँधी हुई सच मे बहुत सेक्सी लग रही हो"

प्रीति अपनी चचेरी बेहन के होठों को चूस्ते हुए बोली.


राज स्वीटी की दूसरी तरफ आ गया और उसके निपल को चूसने लगा..

दोनो भाई बेहन मिलकर अब स्वीटी के बदन को चूमने लगे मसल्ने

लगे... स्वीटी के बदन मे उत्तेजना बढ़ने लगी.. एक मीठी मीठी

गुदगुदी उसके बदन मे छाई थी.. वो भी कुछ करना चाहती थी...

लेकिन बँधी होने से वो मजबूर असहाय उस वेदना को सहने लगी..


"राज एक काम करते है इसे इसी तरह छोड़ देते हैं.. और हम दोनो

चुदाई करते है.. ये हमे देख उत्तेजित होती रहेगी.. इसकी चूत

मच्चल्ने लगेगी.. लेकिन ये सिर्फ़ तड़प के रह जाएगी... " प्रीति ने

कहा.


"हां प्रीति ये सही रहेगा.. इसे जलाने मे बहुत मज़ा आएगा" राज

ने कहा.


"देखो में कहे देती हूँ तुम दोनो ऐसा कुछ मेरे बिना नही करना"

स्वीटी ने कहा.. लेकिन दोनो भाई बेहन उसके बगल से हाथ अब पलंग

के किनारे पर खड़े एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.. स्वीटी मजबूर

लच्चार फटी आँखों से दोनो की हरकतें देखती रही..


प्रीति घुटनो के बल अपने भाई के सामने बैठ गयी और उसके लंड को

पहले तो अपनी मुट्ठी मे भर चूमने लगी.. उसके सूपदे पर अपनी जीब

फिरा स्वीटी की ओर देखते हुए उसने अपना पूरा मुँह खोल उसे अंदर

लिया और किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी..
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09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
स्वीटी ललचाई नज़रों से राज के खड़े लंड को देख रही थी.. मोटा

लंबा लंड प्रीति के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था...


"प्रीति और राज देखना में तुम दोनो की जिंदगी झन्नुम बना

दूँगी..मुझे चिढ़ाने मे बहुत मज़ा आ रहा है ना" स्वीटी

चिल्लाई....


प्रीति और जोरों से राज के लंड को चूस्ते हुए उसे चिढ़ाने

लगी,, "म्‍म्म्ममम क्या स्वाद है... स्वीटी रानी क्या चूसना चाहोगी?"


"हां और नही तो क्या...." स्वीटी ने जवाब दिया.


"तो फिर ज़रा प्यार से गिड़गिदा कर कहो ना" प्रीति ने हंसते हुए कहा.


"राज प्लीज़ मुझे अपना लंड चूसने दो ना... प्लीज़ इसे मेरे मुँह मे

घुसा दो......" स्वीटी गिगीडा उठी.


प्रीति ने राज का लंड चूस्ते हुए अपने हाथ को स्वीटी की चूत पर

रखा और उसे मसल्ने लगी.. स्वीटी तड़प उठी..अपने हाथों को

छुड़ाने के लिए वो मच्छल उठी...


प्रीति ने पानी दो उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी और उसे अंदर

बाहर करने लगी.. राज अपने लंड के धक्के अपनी बेहन के मुँह मे

मारने लगा... उसका लंड और अकड़ता जा रहा था...


प्रीति की उंगलियों ने स्वीटी की उत्तेजना को और भड़का दिया.. वो अपनी

कमर को उठा उसकी उंगलियों को और अपनी चूत के अंदर तक लेने

लगी.. प्रीति ने राज के लंड को अपने मुँह से निकाला और अपने मुँह को

स्वीटी की चूत पर लगा दिया.. और चूसने लगी.. तभी स्वीटी की

चूत का बाँध खुल गया.. रस की धारा बहने लगी जिसे प्रीति गटक

गटक कर पीने लगी..


"तुम भी मेरी चूत चूसना चाहोगी ना? " प्रीति ने स्वीटी से पूछा.


"हां प्रीति हाआँ अपनी चूत मुझे दो... " स्वीटी बोल पड़ी.


"राज पहले अपने लंड को मेरी चूत मे घुसा दो और फिर स्वीटी के

मुँह मे देकर उसे मेरी चूत का स्वाद चखाओ" प्रीति ने अपने भाई से

कहा.
Reply
09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज प्रीति के पीछे आ गया और अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा दो

तीन धक्के मारे.. फिर उसकी चूत के रस से भीगे लंड को उसने

स्वीटी के मुँह मे दे दिया...


स्वीटी किसी भूके बच्चे की तरह राज के लंड पर टूट पड़ी और ज़ोर

ज़ोर से उसके लंड को चूसने लगी... राज की उत्तेजना भी अपनी चरम

सीमा पर थी. वो तेज़ी से अपने लंड को उसके मुँह के अंदर बाहर

करने लगा.


"राज बहुत हो गया अब इस छीनाल की चूत मे लंड डाल इसकी चूत को

फाड़ दो" प्रीति ने राज से कहा....


राज स्वीटी की टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी गीली

चूत पर घिसने लगा... स्वीटी की चूत मे मानो हज़ारों चींतियाँ

एक साथ रेंगने लगी.. वो कमर को उठा राज के लंड को अंदर लेने की

कोशिश करने लगी.. लेकिन राज था कि उसे तो आज स्वीटी को तडपाने

मे मज़ा आ रहा था...


"ऑश राज क्यों तडपा रहे हो...ऑश प्लीज़ डाल दो ना अपना लंड मेरी

चूत मे.... उईईई अब नही रहा जाता राज प्लीज़.ईई " स्वीटी

गिड़गिदा उठी...


आख़िर राज को उसकी हालत पर दया आ गयी उसनेआपने लंड को उसकी

चूत से लगा एक ज़ोर का धक्का मारा... स्रर्र्र्र्र्ररर करता उसका लंड

जड़ तक धँस गया.... अब वो अपने लंड को सूपदे तक बाहर खींच

ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा...


"हाआअँ ऐसे ही कस के छोड़ूऊ ऑश हाां मज़ा आ गया.. ऑश

राज क्या लंड है तुम्हारा... चूत को हिला के रख देता है"


प्रीति कहाँ पीछे रहने वाली थी वो इस कदर उस पर झुक गयी कि

उसकी चुचियाँ स्वीटी के चेहरे के सामने थी.. स्वीटी ने उसके निपल

को मुँह मे लिया और दन्तो से काटते हुए चूसने लगी..


राज ने अपनी दो उंगलियाँ लंड के साथ साथ स्वीटी की चूत मे घुसा

दी.. अब लंड और उंगली दोनो उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी..

स्वीटी की टाँगे और हाथ बँधे हुए थे इसलिए वो अपनी कमर को उठा

उसके लंड के धक्कों का साथ देने लगी और तभी एक बार फिर उसकी

चूत ने अमृत वर्षा कर दी....


"राज अब इसे थोड़ा आराम करने दो.. और तुम अब मेरी चूत चूस मेरी

भी गर्मी शांत कर दो" कहकर प्रीति पलंग के किनारे बैठ गयी

और अपनी टाँगो को फैला दिया...


राज उसके नज़दीक आया और अपनी जीब से उसकी चूत को चाटने लगा

और मुँह मे भर चूसने लगा.... थोड़ी ही देर मे प्रीति की चूत ने

भी पानी छोड़ दिया.


तीनो थोड़ी देर के लिए शांत हो सुसताने लगे.. कि तभी प्रीति उठ

कर कमरे से बाहर चली गयी....


थोड़ी देर बाद प्रीति कमरे मे लौटी तो उसके हाथों मे कुछ चीज़ें

थी जिसे उसने नीचे ज़मीन पर रख दिया... बँधी होने के कारण

स्वीटी को कुछ दीखाई नही दे रहा था...


राज ने नीचे झुक उन चीज़ों को देखा तो पाया कि प्रीति अपने साथ

किचन से दो लंबी गाजर और दो नकली लंड यानी की डिल्डो और एक

क्रीम की ट्यूब लेकर आई थी... राज कुछ कहना चाहता था कि प्रीति

ने इशारे से उसे चुप रहने को कहा.


"राज ज़रा मेरी चूत को एक बार फिर पीछे से चोदो" प्रीति ने राज

से कहा...
Reply
09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज प्रीति के पीछे आ गया और अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा दो

तीन धक्के मारे.. फिर उसकी चूत के रस से भीगे लंड को उसने

स्वीटी के मुँह मे दे दिया...


स्वीटी किसी भूके बच्चे की तरह राज के लंड पर टूट पड़ी और ज़ोर

ज़ोर से उसके लंड को चूसने लगी... राज की उत्तेजना भी अपनी चरम

सीमा पर थी. वो तेज़ी से अपने लंड को उसके मुँह के अंदर बाहर

करने लगा.


"राज बहुत हो गया अब इस छीनाल की चूत मे लंड डाल इसकी चूत को

फाड़ दो" प्रीति ने राज से कहा....


राज स्वीटी की टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी गीली

चूत पर घिसने लगा... स्वीटी की चूत मे मानो हज़ारों चींतियाँ

एक साथ रेंगने लगी.. वो कमर को उठा राज के लंड को अंदर लेने की

कोशिश करने लगी.. लेकिन राज था कि उसे तो आज स्वीटी को तडपाने

मे मज़ा आ रहा था...


"ऑश राज क्यों तडपा रहे हो...ऑश प्लीज़ डाल दो ना अपना लंड मेरी

चूत मे.... उईईई अब नही रहा जाता राज प्लीज़.ईई " स्वीटी

गिड़गिदा उठी...


आख़िर राज को उसकी हालत पर दया आ गयी उसनेआपने लंड को उसकी

चूत से लगा एक ज़ोर का धक्का मारा... स्रर्र्र्र्र्ररर करता उसका लंड

जड़ तक धँस गया.... अब वो अपने लंड को सूपदे तक बाहर खींच

ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा...


"हाआअँ ऐसे ही कस के छोड़ूऊ ऑश हाां मज़ा आ गया.. ऑश

राज क्या लंड है तुम्हारा... चूत को हिला के रख देता है"


प्रीति कहाँ पीछे रहने वाली थी वो इस कदर उस पर झुक गयी कि

उसकी चुचियाँ स्वीटी के चेहरे के सामने थी.. स्वीटी ने उसके निपल

को मुँह मे लिया और दन्तो से काटते हुए चूसने लगी..


राज ने अपनी दो उंगलियाँ लंड के साथ साथ स्वीटी की चूत मे घुसा

दी.. अब लंड और उंगली दोनो उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी..

स्वीटी की टाँगे और हाथ बँधे हुए थे इसलिए वो अपनी कमर को उठा

उसके लंड के धक्कों का साथ देने लगी और तभी एक बार फिर उसकी

चूत ने अमृत वर्षा कर दी....


"राज अब इसे थोड़ा आराम करने दो.. और तुम अब मेरी चूत चूस मेरी

भी गर्मी शांत कर दो" कहकर प्रीति पलंग के किनारे बैठ गयी

और अपनी टाँगो को फैला दिया...


राज उसके नज़दीक आया और अपनी जीब से उसकी चूत को चाटने लगा

और मुँह मे भर चूसने लगा.... थोड़ी ही देर मे प्रीति की चूत ने

भी पानी छोड़ दिया.


तीनो थोड़ी देर के लिए शांत हो सुसताने लगे.. कि तभी प्रीति उठ

कर कमरे से बाहर चली गयी....


थोड़ी देर बाद प्रीति कमरे मे लौटी तो उसके हाथों मे कुछ चीज़ें

थी जिसे उसने नीचे ज़मीन पर रख दिया... बँधी होने के कारण

स्वीटी को कुछ दीखाई नही दे रहा था...


राज ने नीचे झुक उन चीज़ों को देखा तो पाया कि प्रीति अपने साथ

किचन से दो लंबी गाजर और दो नकली लंड यानी की डिल्डो और एक

क्रीम की ट्यूब लेकर आई थी... राज कुछ कहना चाहता था कि प्रीति

ने इशारे से उसे चुप रहने को कहा.


"राज ज़रा मेरी चूत को एक बार फिर पीछे से चोदो" प्रीति ने राज

से कहा...


राज अपनी बेहन के पीछे आ गया और उसकी चूत मे अपना लंड घुसा

धक्के मारने लगा... कि तभी प्रीति ने उसे लंड बाहर निकालने कहा

और राज ने वैसे ही किया... अब प्रीति स्वीटी की टाँगो के पास आई

और ज़मीन से लंबी वाली गाजर उठा ली और उसकी चूत मे घुसा अंदर

बाहर करने लगी....


"राज ज़रा इसकी टाँगे तो खोल दो" प्रीति ने राज से कहा.


राज ने स्वीटी की टाँगो को खोल दिया.


"स्वीटी अब तुम अपनी टाँगो को अपन छाती से चिपका लो" प्रीति ने कहा.


स्वीटी ने वैसे ही किया. तब प्रीति ने क्रीम की ट्यूब ली और ढेर

सारी क्रीम लेकर स्वीटी की गंद के छेद पर मल दी...और फिर नकली

लंड को उठा उसकी चूत से लेकर उसकी गंद तक घिसने लगी...
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09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज चुप चाप अपनी बेहन की हरकतों को देख रहा था.. प्रीति ने उस

डिल्डो को तो स्वीटी की चूत मे घुसा दिया और फिर अपनी एक उंगली उसकी

गंद मे घुसा अंदर बाहर करने लगी.. फिर थोड़ी देर बाद उसने दूसरी

उंगली भी अंदर घुसा दी.. अपनी उंगली को थोड़ी देर उसकी गंद मे

अंदर बाहर करने के बाद उसने अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली और और

उस मोटी लंबी गाजर को अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने लगी...


"स्वीटी आज में तुम्हारी गंद को इतना चौड़ा और गहरा कर दूँगी कि

तुम्हे भविश्य मे किसी घोड़े का लंड भी अपनी गंद मे लेने मे

तकलीफ़ नही होगी" स्वीटी ने उसकी गंद मे उस लंबी गाजर को अंदर

बाहर करते हुए कहा.


"राज अब तुम पहले थोड़ी देर इसकी चूत को चोदो जसिसे इसे तकलीफ़

कम हो" प्रीति ने राज से कहा..


प्रीति ने स्वीटी को पलंग पर घोड़ी बना दिया.. और राज उस्के

पीछे आ कर अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा अंदर बाहर करने

लगा.. उसने साथ ही अपने हाथ के अंगूठे को उसकी गंद मे घुसा गोल

गोल घुमाने लगा.. एक अनोखा मज़ा स्वीटी को आ रहा था...


क्रमशः..............
Reply
09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-44


गतान्क से आगे...............


"अब मेरी बारी है इसे चोदने की" प्रीति ने अपनी कमर मे उस डिल्डो की

बेल्ट को लगाकर कहा..


स्वीटी ने घूम कर देखा तो चौंक पड़ी.. उसने इतना मोटा और लंबा

डिल्डो पहले कभी नही देखा था... "अरे कहाँ से ले आई तुम इसे?"

उसने पूछा.


"मम्मी की अलमारी से" प्रीति ने जवाब दिया, "और अब मैं इससे तुम्हे

ठीक वैसे ही चोदुन्गि जैसे की राज तुम्हे चोद्ता है" कहकर वो

स्वीटी के पीछे आ गयी और एक ज़ोर के धक्का मार उस डिल्डो को अपनी

चचेरी बेहन की चूत मे घुसा दिया.. फिर ठीक मर्दों की तरह

उसके फूले हुए चूतदो को पकड़ वो उस डिल्डो को उसकी चूत के अंदर

बाहर करने लगी.


"ऑश प्रीति सही मे क्या धक्के मार रही हो ऑश हाआँ ऐसे लगाओ"

स्वीटी सिसक पड़ी...


"हां स्वीटी बहुत मज़ा आ रहा है इस तरह तुम्हारी चूत मारने मे

काश मेरे पास भी अगर असली लंड होता तो आज में तेरी चूत को

फाड़ कर रख देती" प्रीति उछल उछल कर धक्के लगाती बोली.


राज पास ही खड़ा दोनो लड़कियों की चुचि को मसल रहा था और

भींच रहा था और फिर वो प्रीति के पीछे आ गया और अपने हाथ

को नीचे से उसकी चूत पर रख मसल्ने लगा.... फिर अपनी दो

उंगलियों को उसने अंदर घुसा अंदर बाहर करने लगा...


प्रीति को भी दोहरा मज़ा मिल रहा था.. एक तो स्वीटी की चूत चोद्ने

का और दूसरा उसकी खुद की चूत मे अपने भाई की उंगलियों का... वो

भी सिसक रही थी... काम उत्तेजना मे जल रही थी.. कि तभी राज ने

अपनी दोसरे हाथ की उंगली को स्वीटी की गंद मे घुसा अंदर बाहर

करने लगा... और थोड़ी ही देर मे दोनो लड़कियों की चूत ने पानी

छोड़ दिया...


तभी राज ने प्रीति को वहाँ से हटाया और अपने लंड को उसकी गंद के

छेद पर रख थोड़ा दबाया.. उसका लंड स्वीटी की गंद की दीवारों को

चीरता हुआ अंदर घुस गया. राज पहले तो धीरे धीरे अंदर बाहर

करता रहा फिर उसके धक्कों ने तेज़ी पकड़ ली...


जब राज का विशाल लंड तीन चौथाई हिस्सा अंदर घुस गया तो स्वीटी

ने उसे रुक जाने को कहा.. और फिर थोड़ा झुक कर उसकी लंबाई को और

मोटाई को अपनी गंद मे अड्जस्ट करने लगी...


"हां राज अब धक्के मार सकते हो..पर ज़ोर ज़ोर से नही थोड़ा धीरे

धीरे मारना"


राज ने फिर अपने लंड को उसकी गंद के अंदर बाहर करना शुरू किया..

और तभी प्रीति राज के पीछे आ गयी और उसकी टाँगो के बीच से

उसने वो लंबी गाजर स्वीटी की चूत मे घुसा दी. और अंदर बाहर

करने लगी... एक अनोखा मज़ा स्वीटी को आने लगा... राज भी उछल

उछल कर धक्के लगा रहा था.. स्वीटी की गंद के छोटे छेद मे जब

उसका लंड चीरता हुआ अंदर घुसता तो उसे बहुत मज़ा आता..


"वाह स्वीटी क्या गंद है तुम्हारी मज़ा आ गया बहुत कसी कसी

है.... "


तभी राज ने महसूस किया किया कि प्रीति ने उसकी गोलैईयों को पकड़

लिया है और उनसे खेल रही है मसल रही है... और तभी प्रीति

ने अपनी एक उंगली उसके गंद के छेद मे घुसा दी...


राज को इतना मज़ा आया कि वो और ज़ोर ज़ोर से स्वीटी की गंद मे धक्के

मारने लगा... और तभी उसका लंड आकड़ा और उसने लंड को अंदर तक

थेल्ते हुए अपने वीर्य की धार स्वीटी की गंद मे छोड़ दी... और तभी

स्वीटी की चूत एक बार फिर से झाड़ गयी...


"हे भगवान तुम दोनो पक्के हरामी हो... मेरी गंद और चूत को

मसल कर रख दिया.. अब और नही किया जाता" स्वीटी ने अपने आपको

पलंग पर लेटाते हुए कहा...


"अभी कहाँ मेरी जान अभी तो तुम्हे एक काम और करना है" प्रीति ने

उसके बंधानो को खोलते हुए कहा..


"और वो क्या है?" स्वीटी ने पूछा...


"अब तुम इस डिल्डो से मेरी चूत का पानी छुड़ा दो" प्रीति ने जवाब

दिया..


"वो तो में खुशी खुशी कर सकती हूँ" स्वीटी ने कहा तभी राज

बाथरूम मे चला गया.


प्रीति ने अपने हाथों से उस नकली लंड को स्वीटी की कमर पर बाँध

दिया और खुद घोड़ी बन गयी... स्वीटी उसके पीछे आ गयी और उस

नकली लंड को उसकी चूत मे तेल धक्के मार उसे चोद्ने लगी....तभी

राज कमरे मे वापस आया.


"राज यहाँ मेरे पास आओ ना में तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ"

प्रीति ने राज से कहा..


राज फिर से दोनो लड़कियों के पास आ गया.. प्रीति उसके लंड को मुँह

मे ले चूसने लगी. और स्वीटी पीछे से उसकी चूत मे धक्के मारने

लगी.. और आख़िर प्रीति की चूत ने भी पानी छोड़ दिया...


"क्या तुम दोनो मे से कोई मुझे घर छोड़ देगा.. मेरी हिम्मत नही है

अकेले घर जाने की" स्वीटी ने पलंग से उठ अपने कपड़े पहनते हुए

कहा...



राज और प्रीति के साथ बीताए पल अब भी स्वीटी के ख़यालों मे बसे

हुए थे... एक हफ़्ता गुज़र चुका था लेकिन उसे लगता था जैसे की कल

की ही बात हो.. और उस ख़याल से ही उसकी चूत गीली हो गयी थी..

आज भी उसकी कुछ ऐसी ही हालत थी.. चूत मे खुजली जोरों से मच

रही थी.. दिल कर रहा था कि कोई उसकी चूत को जी भर के चूसे

और यही सोच उसने अपनी बेहन शमा के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया
Reply
09-20-2018, 02:24 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
जब अंदर से कोई जवाब नही आया तो उसने धीमे से दरवाज़े को खोला

और अंदर आकर शमा के बिस्तर मे घुस गयी.. अपने हाथों से उसके

बदन को सहलाते हुए उसने उसकी टी-शर्ट के उपर से उसकी चुचियों को

पकड़ लिया और धीरे धीरे मसल्ने लगी.


एक सनसनी सी मच उठी शमा के बदन मे, उसने करवट बदल अपनी

बेहन को देखा.. "क्या बात है?"


"बस नींद नही आ रही है... चूत मे अंगार लग रही है.. आज

मेरी चूत को चूस उसकी गर्मी शांत कर दो प्लीज़" स्वीटी ने अपनी

बेहन के निपल को भींचते हुए कहा.


"सही मे स्वीटी तुम बड़ी छीनाल हो.. तुम्हारी हालत तो एक रंडी जैसी

है" शमा ने कहा तो स्वीटी हँसने लगी और शमा के कपड़े खींच

कर उतारने लगी... फिर उसने अपने होठों को अपनी बेहन के होठों पर

रखा और शमा भी उसका साथ देते हुए उसके होठों को चूसने

लगी... फिर स्वीटी ने अपनी बड़ी बेहन को अपने उप्पर खींच लिया और

और उसे भींचते हुए अपनी चुचियों को उसकी चुचियों से रगड़ने

लगी...


शमा भी उसका साथ देने लगी और वो भी स्वीटी के बदन को सहलाने

लगी.. फिर वो नीचे खिषकते हुए उसके बदन को चूम रही थी अपनी

ज़ुबान को उसके नंगे बदन पर फिरा रही थी..


नीचे खिसकते हुए जब वो स्वीटी की चूत तक पहुँची तो उसने पाया

कि उत्तेजना मे उसकी चूत गीली हो गयी थी और उसकी चूत से हल्के

हल्के रस बह रहा था.. उसने अपने हाथों से उसकी टाँगो को फैलाया

और अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर फिराने लगी.. स्वीटी उन्माद मे सिसक

पड़ी और शमा ने उसकी चूत को फैलाते हुए अपनी जीब अंदर घुसा दी.

और जीब को गोल गोल घुमाने लगी फिर अपनी जीब को उसकी चूत के

अंदर बाहर करने लगी..


"ऑश हाां शमा ऑश हाआँ चूवसो मेरी चूत को श आअहह

बहुत अच्छा लग रहा है हाआनन्न"


शमा और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगी और चाटने लगी..

और थोड़ी ही देर मे स्वीटी का बदन आकड़ा और उसकी चूत से धारा

बहने लगी.....


"ओह शमा थॅंक योउ.. तुम कितनी अची हो" स्वीटी ने उसे चूमते हुए

कहा.


"थॅंक यू की कोई बात नही है.. बस अब तुम मेरी भी गर्मी शांत

कर दो" शमा ने कहा.


स्वीटी खिसक अपनी बड़ी बेहन की टाँगो के बीच आ गयी और अपनी

उंगलियो को उसकी चूत पर फिराने लगी.. फिर झुकते हुए उसने उसकी

चूत को चूम लिया.... फिर उसकी चूत की पंखुड़ियों को अलग कर

उसने अपनी जीब को त्रिकोण का आकर दे अंदर घुसा दी और साथ ही

अपनी दो उंगलियाँ भी अंदर घुसा दी.... अब वो अपनी जीब के साथ अपनी

उंगली भी अंदर बाहर करने लगी.... और शमा भी झाड़ कर शांत हो

गयी....


रात को देर से घर लौटने पर नेहा ने सोचा कि क्यों ना स्वीटी को

कल के कार्यक्रम के बारे मे बता दिया जाए... वो स्वीटी के कमरे मे

पहुचि तो उसे वहाँ नही पाया.. बिस्तर से लग रहा था कि वो वहीं

सोई थी लेकिन उसे वहाँ ना पाकर वो उसके घर के बाकी के कमरे मे

खोजने लगी.


वो शमा के कमरे की तरफ बढ़ने ही वाली थी कि उसने स्वीटी को दबे

पाँव उसके कमरे से बाहर निकलते देखा..उसे लगा कि शायद स्वीटी

अपनी बेहन से कुछ बात करने गयी होगी.


लेकिन दूसरी सुबह कॉफी पीते वक्त उसके जेहन मे ये ख़याल आया कि

क्या उसकी बेटियों मे भी अपनी मा की तरह सेक्स कामना ज़्यादा भरी हुई

है.. क्या उसकी बेटियों भी उसी की तरह आपस मे सेक्स का खेल खेलती

है...


अपनी बेटियों के विषय मे सोचते सोचते उसका ख्यालअपनी जेठानी की

तरह गया कि किस तरह इतने सालों से दोनो एक दूसरे की चूत का

मज़ा लेते आ रहे थे.. क्या उसकी बेटियों को भी आपस मे सेक्स करने

मे उतना ही मज़ा आता है जितना कि उसे वासू की चूत चूसने मे और

अपनी चूत चूसवाने मे आता है.. जितना वो सोचती उतनी ही खुजली

उसकी चूत मे बढ़ती जा रही थी...


दोपहर के खाने के बाद तो उससे रहा नही गया और वो सोफे पर आध

लेट कर अपनी उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी.. चूत

मे उंगली करते हुए उसकी आँखो के आगे बार बार अपनी दोनो बेटियों

का आपस मे सेक्स का द्रिस्य आ रहा था...


अपनी चूत की गर्मी को वक्ती तौर पर शांत करने के बाद उसने स्वीटी

के कमरे की तलाशी लेने सोची.. जवान बेटी के कमरे की तलाशी लेना

उचित तो नही था लेकिन वो अपने आप को रोक नही पाई और स्वीटी के

कमरे मे आ गयी. वहाँ उसकी कपबोर्ड मे वो नकली लंड यानी कि डिल्डो

मिला जिसे स्वीटी अपनी ताइजी और प्रीति के साथ खरीद कर लाई थी.


अपनी ही बेटी के कमरे मे खड़ी वो अपनी ही बेटी के उस दो मुँही डिल्डो

को देख रही थी जिसके दोनो सिरे लंड के आकार के थे... एक सरसरी

सी उसकी चूत मे उठ गयी... वो सोचने लगी कि क्या उसकी बेटी अपनी

बेहन के साथ इसे इस्तेमाल करती है या फिर और किसी लड़की या औरत

से उसके संबंध है उसने उस डिल्डो के एक सिरे को मुँह मे लिया और

चूसने लगी जैसे की सही मे किसी लंड को चूस रही हो..
Reply
09-20-2018, 02:25 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
और फिर वो अपने आप को रोक नही पाई. अपनी बेटी के पलंग पर लेट

उसने अपनी पॅंटी उतार दी और उस डिल्डो के एक सिरे को अपनी चूत मे

घुसा अंदर बाहर करने लगी.. उसके जहाँ मे कभी वसुंधरा चूत

आती तो कभी राज का लंड आख़िर उसकी सोच राज के लंड पर आकर

ठहर जाती... वो जोरों से डिल्डो को अपनी चूत के अंदर बाहर करने

लगी और उसकी चूत पानी छोड़ने ही वाली थी कि कमरे का दरवाज़ा

खुला और वो उछल पड़ी....


"मम्मी" चौंकते हुए स्वीटी के मुँह से निकाला.. उसकी निगाहें अपनी

मम्मी की फैली हुई चूत पर टिकी थी जहाँ उसका ही डिल्डो अंदर तक

घुसा हुआ था.


"ओह्ह स्वीटी बेटा...." नेहा ने कुछ कहना चाहा लेकिन उसके मुँह से

कोई बोल ना फूटा और उसने जल्दी से वो खिलोना अपनी चूत से निकाल

नीचे ज़मीन पर फैंक दिया जैसे उसने उसे कभी छुआ ही ना हो.


"हे भगवान... मम्मी आप यहाँ क्या कर रही है और आप मेरे खिलोने

से क्यों खेल रही हही" स्वीटी ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा.


"ऑश स्वीटी बेटा मुझे माफ़ कर देना... बस वो क्या है कि मैं

तुम्हारे और शमा के बारे मे सोच रही थी और सुबह से ही मैं

इतनी उत्तेजित थी की अपने आप को रोक ना पाई... और....."


"एक मिनिट रुकिये मम्मी आपका कहने का क्या मतलब है कि आप मेरे

और शमा दीदी के बारे मे सोच रही थी" स्वीटी ने बीच मे अपनी

मम्मी को टोकते हुए कहा.

क्रमशः....................
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09-20-2018, 02:25 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-45


गतान्क से आगे...............

नेहा ने एक गहरी सांस ली और अपनी बेटी स्वीटी को शुरू से लेकर

आख़िर तक सब बताने लगी कि किस तरह उसने उसे शमा के कमरे से

निकलते देखा और फिर कैसे उसके ख़यालों मे सब बातों आती चली

गयी... बस उसने उसे ये नही बताया कि वो उसकी ताई यानी की

वसुंधरा के साथ सेक्स का खेल कई सालों से खेलती आ रही है..


"और आप ये कहना चाहती है कि इस ख़याल ने की आपकी दोनो बेटियाँ

आपस मे सेक्स करती है आपको गुस्सा नही आया" स्वीटी ने अपनी मा की

बातों को सुन चौंकते हुए कहा.


"शायद नही आया" नेहा ने स्वीकार किया....


स्वीटी की आँखे अब अपनी मम्मी की नंगी चूत पर टीकी हुई थी.. जो

की उसी की चूत की तरह एक दम साफा चट यानी की बिना बालों की थी.


"मम्मी क्या तुमने कभी किसी दूसरी लड़की या औरत के साथ सेक्स किया

है?" स्वीटी ने पूछा.


"अब तुमसे झूठ नही बोलूँगी.... हां किया है" शायद सच कहना

ही उसे ज़्यादा मुनासिब लगा.


"स्वीटी ने देखा कि उसकी मा की साँसे गहरा गयी थी और उसकी भारी

चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी... उसने देख की उसकी मा अपनी

होठों पर अपनी ज़ुबान फिरा रही थी.. तभी उसकी इच्छा जागी कि क्यों

ना मम्मी की इस प्यारी गुलाबी जीब को अपनी चूत मे महसूस किया

जाए... इस ख़याल ने ही उसकी चूत को गीला कर दिया.. एक उत्तेजना की

लहर बदन मे दौड़ गयी... तभी एक अंजाना शक़ उसके दिमाग़ मे

आया....


वो अपनी मा के नज़दीक आकर उसके पास पलंग पर बैठ गयी और

ज़मीन पर पड़े खिलोने को उसने अपने हाथों मे ले लिया और फिर नेहा

की जाँघ पर अपना हाथ रख पूछा... "मम्मी सच सच बताना क्या

आपने ताइजी के साथ सेक्स किया है?"


नेहा के तो जैसे होश उड़ गये.. उसे उम्मीद नही थी कि उसकी बेटी उससे

ये सवाल कर बैठेगी... उसकी समझ मे नही आ रहा था कि क्या

जवाब दे...


"हां बेटी" नेहा ने बहुत धीरे से कहा...


स्वीटी को अपने लिए अब रास्ता सॉफ होता नज़र आया.... और उसने

भी धीरे से कहा, "मम्मी मैने भी किया है"


उसने देखा कि उसकी मम्मी उसकी बात सुन ख़यालों मे खो गयी थी..

उसने उस नकली लंड याने की डिल्डो को अपनी चूत पर घिसते हुए सब

बात शुरू से बताने लगी....


नेहा ने महसूस किया कि स्वीटी की बातें सुन उसकी चूत और गीली

होने लगी थी.. और उसका पूरा बदन काम उत्तेजना मे काँपने लगा

था... जब स्वीटी सभी बातें बारीकी से बताने लगी तो उसकी चूत मे

अंगार लग गयी.. हज़ारों चींतियाँ दौड़ने लगी... प्रीति के साथ हुए

हादसे को सुन तो उससे सहन नही हो रहा था...


"मैं भी तुम्हारे साथ मज़ा लेना चाहती हूँ मम्मी.... " स्वीटी ने

उस दो मुँहे डिल्डो को दीखा कहा.. "मैं इसे तुम्हारी चूत मे घुसा

चोदना चाहती हूँ"


नेहा को विश्वास नही हो रहा था कि उसकी सग़ी बेटी उससे ये बात कह

रही थी.. लेकिन अब बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी और वो कुछ कर

भी नही सकती थी.इसलिए उसने अपने आप को हालत पर छोड़ सिर्फ़ अपनी

गर्दन हिला दी...


स्वीटी ने मुस्कुराते हुए अपने हाथ को उपर की ओर बढ़ाया और अपनी

मा की बिना बालों की चूत को हल्के सहलाया... फिर उसने अपने होठों

को मा के होठों पर रख दिया... नेहा ने हक़ीकत को स्वीकारते हुए

अपने होंठो को उसके होठों से मिलाया और तभी स्वीटी ने अपनी जीब

को अपनी मा के मुँह मे डाल दी..जिसे नेहा अपनी जीब से मिला चूसने

लगी.... दोनो एक दूसरे के कपड़ों खोल अलग करने लगी...


थोड़ी ही देर मे दोनो नंगी हो गयी और एक दूसरे की चूत से खेलने

लगी.. कि तभी स्वीटी ने अपनी मा को पलंग पर थोडा उपर बिठा

दिया.. उसकी टाँगो को फैला दिया और खुद उसके सामने अपने टाँगो को

फैला बैठ गयी...


फिर स्वीटी ने उस डिल्डो के एक सिरे को अपनी मा की चूत मे घुसा दिया

और अपनी चूत को आगे कर दूसरे सिर को अपनी चूत से लगा दिया...


"मम्मी अब धक्का लगाऊ और इसे मेरी चूत मे घुसा दो.."


नेहा ने अपनी कमर को आगे खिसकाया तो स्वीटी की चूत मे डिल्डो

घुसता चला गया और साथ ही उसकी चूत मे भी घुस गया दोनो अपनी

तरफ से धक्का लगाने लगे और आख़िर पूरा लंड दोनो सिरों से दोनो

की चूत मे घुस गया.. दोनो की चूत आपस मे मिल गयी.. दोनो अपनी

चूत को एक दूसरे की चूत पर रगड़ने लगे.. और धक्का लगा उस

डिल्डो से मज़ा लेने लगे...


नेहा ने अपनी बेटी के निपल को पकड़ अपनी तरफ खींचा और स्वीटी

अपने हाथों से अपनी मा की चूत को मसल्ने लगी..


दोनो एक दूसरे को मज़ा दे रही थी और आख़िर नेहा की चूत ने उबाल

खाया और लावा फुट पड़ा...


"मम्मी अब मेरी चूत को चूस मेरा भी पानी छुड़ा दो.. ओह बहुत

तडपा रही है ये" स्वीटी ने अपनी चूत मे से उस डिल्डो को निकालते

हुए कहा..
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09-20-2018, 02:25 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
नेहा ने भी अपनी चूत से डिल्डो को निकाला और बेटी की टाँगो के बीच

आ गयी फिर झुक कर पहले तो उसने उसे चूमा फिर उसकी फांको को

फैला अपनी जीब अंदर घुसा दी.. कुछ देर तो वो उसकी चूत को चाटती

रही फिर अपने मुँह मे भर उसे चूसने लगी...


"ऑश मुंम्मी हाां चूवसो ऐसे ही चूवसो ऑश हाआँ बहुत अच्छा

लग रहा है.. हाां अपनी जीब को अंदर घुस्स्सा के चूवसूओ"

स्वीटी सिसक पड़ी.


नेहा और तेज़ी से अपनी जीब को अंदर बाहर कर अपनी बेटी की चूत को

चूसने लगी. और थोड़ी ही देर मे स्वीटी की चूत ने भी पानी छोड़

दिया...


वसुंधरा के घर सभी एक बैठे डिन्नर का आनंद ले रहे थे तभी और आपस में बातें भी कर रहे थे......


“लंडन में बिज़्नेस एग्ज़िक्युटिव का एक बहुत बड़ा सम्मेलन होने वाला है जिसमे अनेक देशो के हाइ प्रोफाइल बिज़्नेस एग्ज़िक्युटिव इकट्ठा हो रहे है”.. देव ने कहा.


राज मैं चाहता हूँ के तुम इसमे भाग लो और बिज़्नेस की बारीक़ियाँ सीखो आख़िर ये तुम्हारे फ्यूचर का स्वाल है...देव ने आगे कहा.




ये तो बहुत ही बढ़िया है.. प्रीति ने चहकते हुए कहा....


मॉम मैं भी भाय्या के साथ लंडन जाना चाहती हूँ. काफ़ी दिनो से कहीं घूमने भी नही गये....प्रीति ने अपनी मोम की देखते हुए कहा.


राज तुम क्या कहते हो वाशु ने राज से पूछा.

आइ थिंक पापा सही कह रहे हैं और इसी बहाने हमारा घूमना भी हो जाएगा.... राज ने जवाब दिया.


तुम दोनो के बिना ये घर सुना सुना हो जाएगा वाशु ने राज की नज़रो में देखते हुए कहा....


राज समझ गया कि मों क्या कहना चाहती है.


तो ठीक है मैं मोहन से बात करके तुम्हे शेड्यूल के बारे में बताता हूँ क्योंकि मोहन भी ये प्रोग्राम अटेंड करने को लेकेर बहुत उत्सुक है.......देव ने कहा.



ये तो और भी अच्छी बात है चाच्चा जी के रहने से हमे कंपनी मिल जाएगी क्यों राज तुम क्या कहते हो..प्रीति ने राज की ओर देखते हुए कहा.


बहुत ही अच्छा है ओर मैं तो कहता हूँ क्यों ना हम स्वीटी को भी साथ लेले आख़िर घूमने फिरने में और शॉपिंग करने में तुम्हारी मदद भी हो जाएगी.....राज ने प्रीति की ओर देखते हू कहा.


राज की ये बात सुनकर प्रीति बहुत खुस हुई और बोली ये बहुत ही अच्छा आइडिया है. हम दोनो मिलकर बहुत एंजाय कर सकती हैं प्रीति ने राज की ओर आँख मारते हुए कहा.


देव आप मोहन से स्वीटी के बारे में भी बात कर लेना वाशु ने अपने पति से कहा.


खाना कहने के बात देव अपने कमरे में जाके मोहन से बात करते हैं.


तुम दोनो चले जाओगे मेरा तो मन ही नही लगेगा यहाँ पर. वाशु ने राज और प्रीति से कहा.


इस बात पर प्रीति उठते हुए अपनी मम्मी के पास आई और पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए मम्मी आप भी हमारे साथ क्यो नही चलती बड़ा मज़ा आएगा.


वाशु ने जवाब दिया .... मैं आ तो सकती थी पर तुम्हारे पापा को अकेला भी तो नही छोड़ सकती उनकी देखभाल और उन्हे कंपनी देने के लिए भी तो कोई चाहिए कि नही.


ये तो आप बिल्कुल सही कह रही हो....राज ने अपनी मम्मी से कहा.


पर हम आपको बहुत मिस करेंगे क्यों प्रीति.....राज ने प्रीति की ओर आँख मारते हुए कहा.


प्रीति ये देख कर मुस्कुरा उठी और अपनी मम्मी की एक चुचि को साडी से दबा दिया.


वाशु इस अचानक हरकत से एक दम चोंक गयी और सिर्फ़ मुस्कुरा कर रह गई क्योंकि अब तीनो के बीच कुछ छिपा नही था.


तभी राज अपनी जगह से उठा ओर वाशु और प्रीति की ओर आते हुए उनके बिल्कुल पास खड़ा हो गया ओर वाशु को उठा कर खड़ा किया ओर अपनी बाहों मे भर लिया.


ये देख कर वाशु भी ज़ोर से राज से लिपट गयी तभी राज ने अपना सर पीछे करते हुए अपने होंठ वाशु के होंठो पर रखते हुए बहुत जोरो की किस करने लगा.


वाशु भी अपने बेटे का पूरा साथ दे रही थी .


ये देख कर प्रीति से भी रहा नही गया वो भी उन दोनो का साथ देने के लिए अपनी जगह से खड़ी हो गयी ओर दोनो को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया.


राज ने किस को ब्रेक करते हुए थोड़ी जगह बनाई ओर प्रीति को अपने साथ शामिल कर लिया तीनो एक साथ एकदुसरे को किस करने लगे.


थोड़ी देर बाद वाशु पीछे हटते हुए दोनो से बोली तुम्हारे पापा अंदर हैं मेरी राह देख रहे होंगे ओर दोनो को एक एक किस देकर गुड नाइट कह कर अपने कमरे में चली गयी.


राज ओर प्रीति भी अपने अपने कमरे में चले गये.


देव से बात करने के बाद मोहन ने स्वीटी, शमा और अपनी पत्नी नेहा से बिज़्नेस टूर की बात की और राज ओर प्रीति के बारे में बताया.


ये तो बहुत अच्छी बात है स्वीटी ने चहकते हुए कहा टूर का टूर ओर एंजाय का एंजाय मस्ती ही मस्ती बड़ा मज़ा आएगा.



तुम्हे भी शॉपिंग मे प्रीति की कंपनी मिल जाएगी...नेहा ने कहा.


शमा तुम भी हमारे साथ क्यूँ नही चलती...स्वीटी ने शमा की ओर देखते हुए कहा.


नही मैं नही आ सकती तुम तो जानती हो कि मैं सब प्लान के हिसाब से चलती हूँ ओर मुझे यूँ अचानक कहीं जाना अच्छा नही लगता मैं इतनी जल्दी कोई फ़ैसला नही करती तुम सब जाओ मेरी गुड विशस तुम्हारे साथ है... शमा ने कहा.


वैसे दी अगर तुम साथ मे चलती तो और भी मज़ा आता स्वीटी ने शमा की आँखो मे देखते हुए कुछ इशारे से कहा.


शमा समझ रही थी कि स्वीटी क्या कहना चाहती है. वो तो है स्वीटी पर मैं नही आ पाउन्गि शमा ने कहा.


इसी बीच मोहन ने स्वीटी से कहा दो दिन बाद की फ्लाइट है तुम जल्दी से अपनी पॅकिंग सुरू कर दो.

क्रमशः....................
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