Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 02:22 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
वासू देव, अश्विन और नीता रात के खाने के लिए के बाहर गये थे

और रवि और सोनिया भी बाहर थे..कुछ पिज़्ज़ा खाने के लिए लाने

घर मे प्रीति और राज ही थे..


"कुछ खास नही बस आज की शाम काफ़ी अच्छी गुज़री" राज ने आँख

मारते हुए प्रीति को जवाब दिया.


"वो तो तुम्हारे चेहरे से ही पता चल रहा है.. में तो ये जानना

चाहती हूँ कि आज किसकी चुदाई की तुमने?" प्रीति ने पूछा.


"क्या चुदाई करने से ही शाम अच्छी गुज़रती है.. क्या और कोई वजह

नही हो सकती?" राज ने पलट के सवाल किया.


"राज ये याद रखो कि में तुम्हारी बेहन हूँ.. और मुझसे बेहतर

तुम्हे कोई नही जानता.. तुम्हारे चेहरे की खुशी बता रही है कि

तुमने आज किसी की चोदा है" प्रीति ने कहा.." हंसते हुए प्रीति ने

कहा और उसके लंड को पकड़ जोरों से दबा दिया.


"अगर तुम ये जानना चाहती हो तो सुनो आज शाम मेने मम्मी की चुदाई

की है"


"सच क्या आज फिर से तुम होटेल मे गये थे?"


"नही होटेल नही गया था आज मेने मम्मी के साथ किचन मे चुदाई

की और अब मम्मी ये भी जानती है कि हम दोनो आपस मे चुदाई करते

है."


"क्या मम्मी ने इस बारे मे कुछ कहा नही?"


"नही मम्मी चुदाई मे इतनी मगन थी कि उसे कुछ कहना याद ही नही

रहा.. और मुझे लगता है अब हम दोनो बराबर हो गये है.. मेने

मम्मी को चोदा और तुम डेडी से चुदवा चुकी हो" राज ने हंसते हुए

कहा.


"नही मुझे दुख है कि हम बराबर नही है क्यों कि में मम्मी के

साथ भी सेक्स कर चुकी हूँ"


"क्या कह रही हो? कब और कहाँ.. और तुमने पहले मुझे क्यों नही

बताया." राज ने असचर्या से पूछा...


तब प्रीति ने राज को बताया की किस तरह शॉपिंग के बाद स्वीटी और

उसने मम्मी के साथ किया और किस तरह एक दूसरे को खरीदे गये नई

खिलोने के साथ मज़ा दिया.


"बड़ी बदमाश हो तुम.. आज तक तुमने ये बात मुझसे छुपा के रखी"

राज ने कहा.


"जानबूझ कर नही किया राज बस दिमाग़ मे ही नही आया तुम्हे

बताना .. लाओ इसके बदले मे तुम्हारा लंड चूस देती हूँ" प्रीति ने

उसकी जीन्स की ज़िप को खोलते हुए कहा...


"ह्म्‍म्म्म ख़याल बुरा नही है" राज ने कहा.. प्रीति ने उसकी जीन्स को

थोड़ा नीचे खिसकाया और उसके लंड को बाहर निकाल चूसने लगी...

तभी मेन दरवाज़ा खुला और उनके ममरे भाई बेहन लौट आए...


"में रुक जाऊ या फिर चूस्ति रहूं?" प्रीति ने राज से पूछा..


"मेरा ख़याल है रुक जाओगी तो बेहतर रहेगा.. क्योंकि पता नही उस

रात के बाद उनके दिल मे क्या है?" राज ने कहा.


रवि और सोनिया हाथों मे पिज़्ज़ा लिए कमरे मे दाखिल हुए.. राज

किचन मे ड्रिंक के लिए ग्लास लाने चला गया और सोनिया प्रीति के

बगल मे आकर बैठ गयी.. उसने देखा कि राज का लंड पूरी तरह

तन कर खड़ा था.. वो सोचने लगी कि पता नही ये दोनो क्या कर रहे

थे..


राज ग्लास लेकर वापस लौटा और अपनी बेहन की दूसरी ओर बैठ गया

जिससे प्रीति अब राज और सोनिया के बीच थी.. रवि एक कुर्सी पर आराम

से बैठ गया.. उसकी नज़रे तीनो पर टीकी हुई थी और सोच रहा था

कि क्या आज की रात पिछली रात की तरह गुज़रेगी.. क्या उसे प्रीति को

चोद्ने का मौका मिलेगा....


तभी सोनिया ने एक मूवी लगा दी और सभी पिक्चर देखने लगे..

लेकिन प्रीति कहाँ शांत बैठने वाली थी..उसकी चूत मे तो हर वक़्त

आग लगी रहती थी.. चींतिया रेंगती रहती थी... अपने भाई का लंड

चूसने से उसकी चूत गीली हो चुकी थी.. लेकिन वो बेचारी क्या

करती सोनिया उसके बगल मे बैठी थी.. उसने अपना एक हाथ सोनिया की

जांघों पर रखा और सहलाने लगी....और फिर अपने हाथ को धीरे

धीरे उसकी चूत की ओर बढ़ाने लगी...


प्रीति की हरकतों से सोनिया को भी आनंद आने लगा था उसने अपने आप

को थोड़ा अड्जस्ट कर अपनी टाँगे फैला दी... प्रीति के चेहरे पर

मुस्कुराहट आ गयी और अपनी आँखो को टीवी पर गड़ाए रख अब वो सोनिया

की चूत को सहलाने लगी... फिर उसने अपना दूसरा हाथ राज के लंड

पर रख उसे मसल्ने लगी...


रवि ने तिर्छि नज़रों से अपनी निगाह टीवी से हटा कर अपनी बेहन और

प्रीति पर डाली तो चौंक पड़ा... प्रीति ने अपने भाई के लंड को

बाहर निकाल लिया था और मसल रही थी और दूसरे हाथ से उसकी

बेहन की चूत मसल रही थी.. इस तरह का द्रिश्य देख उसका लंड

पॅंट मे फड़फदा उठा...


तभी सोनिया ने अपने हाथ बढ़ा कर प्रीति की चुचियों को उसकी टी-

शर्ट के उपर से पकड़ लिया और मसल्ने लगी... रवि सोचने लगा कि

क्या उसे एक बार फिर अपनी बेहन की चुचियों को पकड़ने का मौका

मिलेगा क्या उसे फिर अपनी बेहन की चूत मे लंड घुसाने को मिलेगा...इन्ही

ख़यालों मे खोया वो तीनो देखता रहा.


तभी प्रीति अपनी जगह से उठी और कहा उसे टाय्लेट जाना है.. वो राज के

खुले लंड को वैसे ही छोड़ वहाँ से चली गयी... जाते हुए उसने

रवि की ओर मुकुरकर देखा.. सोनिया ने कोशिश की वो टीवी पर चल

रही पिक्चर देखे लेकिन उसकी नज़रे रह रह कर राज के मूसल लंड

पर ठहर जाती... उसे वो पल याद आ गये जब राज ने अपने भारी

भरकम लंड से उसे चोदा था.. कितना अच्छा महसूस हुआ था उसे वो राज

के लंड को एक बार फिर अपनी चूत मे महसूस करना चाहती थी.. उसने

आगे बढ़ कर उसके लंड को अपने हाथों मे ले लिया और धीरे धीरे

सहलाने लगी... फिर उसे अपनी मुट्ठी मे कस मसल्ने लगी. उसकी मुट्ठी

उस लंबे मोटे लंड उपर नीचे होने लगी...
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09-20-2018, 02:22 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज के मुँह से कराहतों के साथ सिसकियाँ फूटने लगी...


'एम्म ऑश हाां ऊहह" और उसने सोनिया को अपनी ओर घूमा लिया और

उसकी चुचियों को पकड़ मसल्ने लगा... उसने देखा कि रवि की नज़रे

उन्ही पर लगी हुई थी.. उसने मुस्कुरा कर उसे आँख मार दी... और

तभी उसने महसूस किया कि सोनिया ने उसके लंड को मुँह मे ले लिया है

और चूस रही है..


तभी प्रीति वापस कमरे आई ओर देखा कि सोनिया राज का लंड चूस

रही है.. तो बोल पड़ी.. "अरे मैं तो सिर्फ़ पेशाब करने गयी थी और

तुम तो झपट ही पड़ी इस लॉली पोप पर "


"क्या करूँ ये लॉली पोप है ही ऐसी कि रहा ना गया... तुम कहो तो रुक

जाती हूँ" सोनिया ने राज के लंड को अपने मुँह से बाहर निकालते हुए

कहा.


"नही नही में तो मज़ाक कर रही थी तुम चालू रखो " कहकर

प्रीति सोनिया के बगल मे आकर बैठ गयी. सोनिया नेएक बार फिर राज

के लंड को अपने मुँह मे लिया और चूसने लगी..


प्रीति ने सोनिया की ट्रॅक पॅंट जो उसने पहन रखी थी उसे उतार दिया

और अपनी उंगलिओ से उसकी चूत को सहलाने लगी... उसने देखा कि सोनिया की चूत

गीली हो चुकी थी तो उसने अपनी दो उंगलियो को उसकी चूत मे घुसा

अंदर बाहर करने लगी... फिर उन उंगलियों को बाहर निकाल एक बार उसकी

चूत के रस को चखा और फिर उसकी चूत मे उंगली करने लगी... फिर

उसकी टाँगों के बीच आ गयी जिससे वो उसकी चूत को चूस सके...


"ये तो तुम तीनो की बहुत ज़्यादती है.. खुद तो मज़े कर रहे हो

मुझे ऐसे ही छोड़ रखा है" रवि ने अपने लंड को पॅंट के उपर से

मसल्ते हुए तीनो से शिकायत की.


"उसके लिए तुम्हे अपनी बेहन से बात करनी होगी. क्यों कि में पहले

ही कह चुकी हूँ कि में तुम्हारे साथ कुछ नही करूँगी.. " प्रीति

ने जवाब दिया और अपनी जीब को सोनिया की चूत से लगा दिया.


"मेने कब मना किया है ये चाहे तो राज का चूस भी सकता है और

इसे चोद सकता है... " सोनिया ने हंसते हुए कहा.. और अब जोरों से

राज के लंड को चूसने लगी.. प्रीति की जीब सोनिया की चूत पर चल

रही थी. सोनिया का बदन उत्तेजना मे हिल रहा था. उससे अब सहन नही

हो रहा था.. उसने राज के लंड को मुँह से बाहर निकाला और बड़बड़ाने

लगी....


"ऑश प्रीति क्या कर रही हो ऑश हाआँ अंदर तक घुसा कर

चूवसो...ओह राज्ज्ज तुम क्या देख रहे हो .. घुसा दो ना अपने लंड को

मेरी चूत मे अब बर्दाश्त नही होता.... श प्ल्स चोदो ना मुझे

अयाया"


प्रीति ने अपने चेहरे को सोनिया की चूत से हटा दिया और सोनिया खड़ी

होकर राज की गोद पर चढ़ गयी फिर उसके लंड को पकड़ उसने पहले तो

अपनी गीली चूत पर थोड़ा घिसा और फिर अपनी चूत से लगा बैठते

हुए उसके लंड को अपनी चूत मे ले लिया... प्रीति सोनिया को राज के

लंड पर उछलते देखती रही और साथ ही उसकी चुचियों को मसल्ति

रही...


"रवि वहाँ बैठे बैठे क्या अपने लंड को मसल रहे हो... यहाँ आकर

देखो तुम्हारी बेहन की चुचियाँ कितनी जानदार है.. एक काम करो एक

चुचि से में खेलती हू और दूसरी को तुम चूसो" सोनिया की

चुचि को पकड़ प्रीति रवि को दिखाती हुई बोली.. रवि सोनिया के पास

आया और अपनी बेहन को चूम लिया जैसे कि पूछ रहा हो कि उसे कोई

ऐतराज़ तो नही है.


"ज़्यादा शरीफ मत बनो और सिर्फ़ मेरी चुचि को मस्लो और चूसो"

सोनिया बोली... उसकी उत्तेजना अपनी चरम सीमा पर थी और उसकी चूत

किसी भी वक्त पानी छोड़ सकती थी.. वो और जोरों से राज के लंड पर

उछल उछल कर धक्के लगाने लगी.

क्रमशः..............
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09-20-2018, 02:22 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-41


गतान्क से आगे...............

रवि अपनी बेहन के उछलते बदन के पास आया और झुक कर उसने उसकी

एक चुचि को अपने हाथों मे पकड़ उसके निपल को मुँह मे ले चूसने

लगा... वहीं दूसरी चुचि को प्रीति कस कस के मसल रही थी

जैसे की कोई आम को निचोड़ता है...


"ह्म्‍म्म्म ऑश हाआअँ ऑश ऑश आआआहह ऑश " सोनिया और जोरों से

उछलने लगी... और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया... प्रीति ने

अपना मुँह उसकी चुचि से हटाया और उसकी चूत को देखने लगी जहाँ

से रस बह कर टपक रहा था....


सोनिया राज के लंड को अपनी चूत से बाहर निकाल वहीं सोफे पर लुढ़क

गयी... राज का लंड अभी सिर उठाए खड़ा था.. सोनिया के रस से

भीगा लंड कमरे की रोशनी मे चमक रहा था...


चिकने तने लंड को देख प्रीति के मुँह मे पानी आ गया और वो झुक

कर अपने भाई के लंड को चूसने लगी... और अपनी जीब से प्रीति के

रस का स्वाद ले उसे चाटने लगी...


रवि बेचारा लाचार प्रीति को राज का लंड चूस्ते देखते रहा और

अपने लंड को मसलता रहा.. उसे भी यही लगा कि लंड मसल कर ही

उसे अपना पानी छुड़ाना पड़ेगा.


प्रीति थोड़ी देर तो राज के लंड को चूस्ति रही फिर उसने वही जगह

ले ली जो थोड़ी देर पहले सोनिया ने खाली की थी.. राज की गोद मे बैठ

वो उछल उछल कर उसके लंड को अपनी चूत के अंदर तक ले रही

थी....


राज के लंड पर उछलते उछलते उसने रवि को देखा जो अपने लंड को

मसल रहा था..आख़िर उसे उस पर रहम आ ही गया..


"क्या अपने लंड को मसल रहे हो... यहाँ मेरे पास आओ आज में

तुम्हारे लंड को चूस उसे पूरा निचोड़ दूँगी" प्रीति ने रवि से कहा.


रवि अपनी जगह से उछल कर खड़ा हुआ और प्रीति के पास जाकर खड़ा

हो गया.. प्रीति ने पहले तो उसके लंड को पकड़ मसला और फिर उसे

अपने मुँह मे ले चूसने लगी..


प्रीति का लंड मुँह मे लेना था कि रवि तो जैसे पागल हो गया.. वो

अपनी कमर हिला उसके मुँह मे ही धक्के मरने लगा और बड़बड़ाने

लगा..


"ऑश प्रीत हाआँ चूवसो मेरे लंड को ऑश हाँ अपनी जीब से

भींचो.. श हाआँ और अंदर गले तक लेकर चूसो... ऑश "


रवि का बड़बड़ाया था कि तभी राज ने बताया कि उसका लंड पानी छोड़ने

वाला है.. प्रीति तुरंत उसके लंड से उठ कर खड़ी हो गयी और इसके

पहले कि वो उसे अपने मुँह मे ले चूस्ति कि सोनिया ने पहले ही उसके

लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी.. प्रीति सोनिया को लंड

चूस्ते देखती रही और थोड़ी ही देर मे राज के लंड ने पिचकारी पर

पिचकारी वीर्य की सोनिया के मुँह मे छोड़ दी.. राज का वीर्य सोनिया के

मुँह के किनरों से टपकने लगा...


प्रीति ने एक बार फिर रवि के लंड को अपने मुँह मे लिया और चूसने

लगी.. कभी वो उसे अपनी जीब से भींचती तो कभी दाँतों से

खुरदुरे पॅन से उसे खरोचती.. रवि का लंड तो और फड़फड़ने लगा..

वो अपनी कमर की आयेज कर लंड उसके गले तक ठेलने लगा.... और

थोड़ी ही देर मे रवि के लंड ने पानी छोड़ दिया..


सोनिया राज और रवि तीनो झाड़ चुके थे और सिर्फ़ प्रीति थी कि जिसकी

गर्मी शांत नही हुई थी.. उसने ललचाई नज़रों से सोनिया की तरफ

देखा.. सोनिया ने उसकी आँखों के इशारा को पहचान लिया और उसकी

टाँगो के बीच आ गयी... प्रीति ने अपनी टाँगे फैला दी और सोनिया

उसकी चूत को चूसने लगी.


प्रीति की चूत मे गर्मी और बढ़ गयी उसने सोनिया के सिर को अपनी

चूत पर दबा दिया...


"ऑश हाां सोनी चूवसो मेरी चूओत को आज इसका सारा रस पीए

जाओ.. ऑश हाां अपनी जीब इसी तरह अंदर तक घुसा के चूवस

ओह आआआः हाां"
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09-20-2018, 02:22 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
तभी राज ने प्रीति की एक चुचि को अपने मुँहे मे ले चूसने लगा

और रवि उसकी दूसरी चुचि को और थोड़ी ही देर मे प्रीति की चूत

का बाँध टूट गया और उसकी चूत से रस की धारा बहने लगी..


इसी तरह अगले दो तीन दिन चारों ने मिलकर काफ़ी मज़ा लिया.. राज ने

तो कई बार सोनिया की चूत चोदि लेकिन राज को एक अफ़सोस रह गया वो

सोनिया की गंद नही मार पाया और एक अफ़सोस रवि को भी रहा. प्रीति ने

कई बार उसके लंड को चूस उसका पानी छुड़ाया लेकिन उसने रवि को

चोद्ने नही दिया.... आख़िर वो घड़ी आ गयी जब सोनिया और रवि अपने

मा बाप के साथ वापस अपने घर लौट गये....



जब राज और प्रीति के ममरे भाई बेहन उनके मामा मामी के साथ

वापस लौटे एक हफ़्ता बीत चुका था... एक दिन फिर राज अपनी मम्मी

वसुंधरा के साथ घर मे अकेला था...


"मम्मी तुम्हे तो पता है कि में और प्रीति आपस मे चुदाई करते

है" राज ने अपनी मम्मी से कहा.


"हां अंदाज़ा तो है लेकिन आज तक मेरे दोनो बच्चो को आपस मे चुदाई

करते नही देखा.. " वासू ने जवाब दिया.. और वो उन दोनो की चुदाई

के ख़यालों मे खो गयी..


"मम्मी मेरी इच्छा है कि में तुम्हारी और प्रीति की एक साथ चुदाई

करूँ.. क्या तुम मेरी तमन्ना पूरी कर सकती हो?"


"ये तुम क्या कह रहे हो राज... में ऐसा कैसे कर पाउन्गि..." वासू

ने जवाब दिया...


"अब मम्मी आप भी ना बहाना मत बनाइए.. में जानता हूँ कि आप

प्रीति और स्वीटी तीनो साथ मे सेक्स कर चुकी हैं.. फिर अगर में

साथ मे हूँ तो क्या फरक पड़ता है..." राज ने कहा.


"ठीक है बेटा..अगर तुम दोनो इसी मे खुश हो तो मैं तय्यार हूँ"

वासू ने कहा.


"तो ठीक है ये तय रहा.. अब बस एक दिन पापा के बाहर जाने का

इंतेज़ार करना है बस आप मुझे पहले से बता दीजिएगा... " राज ने

खुश होते हुए जवाब दिया.


"एक ही शर्त पर कि पहले तुम अपना ये विशाल लंड पॅंट के बाहर

निकालो?"


राज ने अपनी पॅंट नीचे खिस्काई और अपने विशाल लंड को शॉर्ट्स के

बाहर निकाल दिया.. वासू तो जैसे अपने बेटे के लंड की दीवानी हो

चुकी थी.. वो उसके सामने घुटनो के बल बैठ गयी.. और उसके लंड

पर अपनी जीब फिराने लगी.. फिर उसे अपने मुँह मे ले चूसने लगी...

वो कभी लंड को नीचे से उपर तक चाट उसके सूपदे को चूस्ति तो

कभी उपर से नीचे चाटते हुए उसकी एक अंडकोष को मुँह मे ले

चूस्ति फिर यही क्रिया दूसरे के साथ करती. राज का लंड अपनी पूरी

तरह तन गया था...


राज अपने मम्मी को सिर को दबा अपने लंड को अंदर तक घुसने लगा...

लंड वासू के गले को छू रहा था.. उसे भी इस तरह लंड का अंदर

बाहर होना अच्छा लग रहा था..


"ऑश मम्मी चूवसो ऑश हाआँ अंदर तक लेकर चूसो... ओह मम्मी"


वासू और तेज़ी से अपने बेटे के लंड को चूसने लगी... उसकी चूत भी

गीली हो चुकी थी.. और वो राज के लंड के लिए तड़पने लगी.. उसने

उसके लंड को बाहर निकाल दिया..


"राज अब नही सहा जाता जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे घुसा मुझे

चोदो." वासू ने खड़े होते कहा.


वासू के खड़े होते ही राज अपनी मम्मी के कपड़ों पर टूट पड़ा और

उन्हे उतारने लगा...वासू को पूरी तरह नंगी करने के बाद उसे वहीं

सोफे पर बिठा दिया और उसकी टाँगो के बीच आ उसने अपने लंड को

उसकी चूत से लगा अंदर घुसा दिया..
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
वासू ने पानी टाँगो को थोड़ा फैला थोड़ा उठा उसके लंड को जगह दी

और राज का लंड पूरा का पूरा अंदर बाहर होने लगा.... वासू को लगा

कि जैसे की कोई मोटी लोहे की सलाख उसकी चूत की दीवारों को छेड़ती

हुई अंदर तक घुस गयी हो.. वो मच्छल उठी...


"ओह बेटा ऑश हाां और अंदर तक घुसा के चोदो... ओह अयाया

तुमने तो मेरी चूत फाड़ ही दिया है.. ऑश हाआना और तेज़ी से अंदर

बाहर करो.. ऑश बहुत अच्छा लग रहा है.. "


राज ने वासू की दोनो चुचियों को पकड़ मसल और तेज़ी से लंड को

अंदर बाहर करने लगा....उसका लंड किसी गाड़ी के पिस्टन की तरह

अंदर बाहर हो रहा था.


"हाआँ राज हाआँ ऐसे ही तेज़ी से चोदो और मेरी चूओत को अपने

रस से भर दो... ऑश हाआँ और ज़ोर से ऑश "


राज ने अपने धक्कों की रफ़्तार और बढ़ा दी और अपने लंड के साथ

साथ दो उंगलियों भी चूत घुसा अंदर बाहर करने लगा...


वासू राज के निपल को पकड़ मसल्ने लगी.. काटने लगी.. राज उसकी

चुचियों को मसल रहा था.. दोनो उत्तेजना की चरम सीमा पर

पहुँच चुके थे.. वासू ने अपनी कमर उठाई और राज के लंड ने

वीर्य की बौछार उसकी चूत मे कर दी.. वासू तो जैसे निहाल हो गयी

अपनी कमर को उठाते हुए उसकी चूत ने भी मदन रस से अपना रस

मिला दिया.. दो रसों का संगम हो वासू की चूत से टपकने लगा...


तभी दरवाज़ा खुला और देव ने घर मे कदम रखा.. वासू ने अपने

कपड़े उठाए और दौड़ती हुई अपने बेडरूम मे भाग गयी.. राज ने भी

अपने कपड़े उप्पर चढ़ा लिए... तभी देव की नज़र अपने बेटे पर

पड़ी................

"हाई राज बेटा ... क्या तुम अकेले ही घर पर हो?" देव ने पूछा..


"नही पापा मम्मी भी घर पर ही है.. लेकिन लगता है कि उनकी आँख

लग गयी है" राज ने जवाब दिया.


"तुम्हारी मम्मी भी कमाल करती है इतनी सुहानी शाम को बर्बाद

कर रही है" देव ने कहा... और अपने कमरे की ओर बढ़ गया...


देव अपने कमरे मे पहुँचा तो देखा कि उसकी पत्नी वसुंधरा रज़ाई

मे दुब्कि उनके विशाल पलंग पर लेटी हुई थी... देव चुपके से पलंग

के पास आया और अपनी बीवी के पास लेट गया फिर धीरे से अपनी बीवी का

माथा चूम लिया... देव के होठों के स्पर्श से वासू की आँख खुली..


"हाई कब आए?" वासू ने अपनी आँखों को खोलते हुए पूछा.


"अभी अभी आया लेकिन इतनी सुहानी शाम को तुम बिस्तर मे घुसी क्या

कर रही हो?" देव ने पूछा.


"में तो खुद बोर हो रही थी और पता नही कैसे और कब आँख लग

गयी" वासू ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया...
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"तो मेरी जान फिर यहाँ बिस्तर पर लेटी क्यों शाम खराब कर रही

हो?" देव ने कहा..


"में खुद कहाँ शाम खराब करना चाहती हूँ" कहकर वासू ने उसका

हाथ पकड़ा और रज़ाई के अंदर अपनी नंगी चुचि पर रख दिया... और

उसके हाथ के दबाव से अपनी चुचि को मसल्ने लगी भींचने लगी...

जब उसने देखा कि देव खुद अब उसकी चुचियों को भींच रहा है तो

उसने अपना हाथ हटा लिया और देव के पॅंट के उपर से उसके लंड को

मसल्ने लगी... फिर उसकी पॅंट के बटन खोल कर उसके खड़े लंड को

बाहर निकाला और उसे अपने पास खींच उसके लंड को अपने मुँह मे ले

चूसने लगी..


"इतनी सुहानी शाम को चुदाई का अपना ही मज़ा है... "कहकर देव ने

वासू पर ढाकी रज़ाई को हटा दिया और उसकी टाँगो को फैलाते हुए खुद

उसपर चढ़ गया...

फिर अपने लंड को उसने उसकी चूत से लगाया और एक ज़ोर का धक्का मार

अंदर घुसा दिया..


वासू ने उतेज्ना मे अपनी कमर उठा अपने पति के लंड को और अंदर तक

ले लिया.. अब दोनो ताल से ताल मिला चुदाई करने लगे.. देव अपनी बीवी

की चुचियों को चूस्ते हुए धक्के लगा रहा था...


उत्तेजना के साथ साथ देव के धक्कों की रफ़्तार भी तेज होती गयी.. वो

अपना पानी अंदर छोड़ने ही वाला था कि वासू ने उसे रोक दिया..


"देव अंदर नही छुड़ाना आज में तुम्हारा लंड चूस तुम्हारा वीर्य

पीना चाहती हूँ" वासू ने कहा..


देव ने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी छाती पर चढ़े हुए ही अपने

लंड को उसके मुँह मे दे दिया.. वासू अपने सिर को उठा उसके लंड को

चूसने लगी... और उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से भींच भीच चूसने

लगी..


लेकिन देव को कहाँ मालूम था कि उसकी बीवी उसके लंड को नही बल्कि

अपने ही बेटे के वीर्य को उसके लंड से चाट रही थी..


दरवाज़े की आवाज़ सुन वासू को बाथरूम जाने का समय नही मिला था

और वो वैसे ही रज़ाई ओढ़ सोने का बहाना बना लिया था. .. राज का

वीर्य तब भी उसकी चूत मे भरा हुआ था.... और अब वो उसी वीर्य को

अपने पति के लंड पर से चाट कर उसका स्वाद ले रही थी...इस ख्याल

ने उसे पागल बना दिया था वो अपने हाथों को नीचे ले जाकर अपनी

चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगी..


"हाआँ अब मुझे चूऊड़ो अब थोडा और सख्त हो गया है.. ज़रा ज़ोर

ज़ोर से चोदना और खूब अंदर तक ठेलना" वासू ने अपने पति से कहा.

क्रमशः..............
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा-42


गतान्क से आगे...............

देव फिर नीचे खिसका और इस बार उसने अपनी पत्नी की टाँगो को अपने

कंधों पर रख लिया जिससे उसकी चूत थोड़ी हवा मे उठ गयी.. फिर

अपने लंड को चूत से भिड़ा अंदर बाहर करने लगा...


"हाआँ देव ऐसे ही अंदर तक घुसा के धक्के मारो.. ऑश हाां अया

आज तो मज़ा आ गया ऑश हाँ और तेज़ी से मारो.. ओह और ज़ोर ज़ोर से

चोदो... " उसके लंड के साथ साथ अपनी उंगलियों को भी चूत के

अंदर बाहर करते हुए वो जोरों से सिसक जहड़ गयी..


देव ने जब अपनी बीवी को झाड़ता महसूस किया तो उसने दो तीन ज़ोर के

धक्के मारे और अपने लंड को पूरी तरह अंदर तक घुसा उसने भी

उसके रस के साथ अपना रस मिला दिया.....


करीब दो हफ्ते बाद देव को अपने काम से टूर पर जाना पड़ा और

शाम को वासू प्रीति और राज के कमरे मे इकट्ठा हुए....


"प्रीति तुम मम्मी की ये फोटो देखो जो मैने दो दिन पहले खींची

थी... " कहकर राज प्रीति को वासू की फोटो दीखाने लगा जिसमे वासू

पूरी तरह नंगी होकर एक कुर्सी पर बैठी थी और अपनी दोनो टाँगो

को फैलाए एक डिल्डो अपनी चूत मे घुसा रखा था...


"मम्मी क्यों ना हम आज के दिन को यादगार बना दें और जो कुछ हम

तीनो के बीच होने वाला है उसे वेब कॅमरा के ज़रिए कंप्यूटर मे

क़ैद कर लें" राज ने अपने वेब कमेरे को सेट करते हुए कहा....


"जो तुम कहो बेटा मैं सभी बात के लिए तय्यार हूँ" वासू ने

कहा...


"तब तो फिर बहुत मज़ा आ जाएगा" कहकर राज अपनी मम्मी के ब्लाउस के

बटन को खोलने लगा... वासू की सॅटिन की ब्रा में क़ैद चुचियों दीखाई

देने लगी... वासू कॅमरा की तरफ मुँह किए हुए थी.. राज ने पीछे

से उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया और धीरे धीरे मसल्ने

लगा... फिर उसने ब्रा का हुक खोल दिया.. स्ट्रॅप को कंधों से अलग

कर उसने ब्रा को निकाल दिया.. अब वासू की दोनो चुचियों फड़फदा कर

आज़ाद हो गयी..


राज को इस तरह मम्मी की चुचियों के साथ खेलते देख प्रीति से

रहा नही गया वो अपनी मम्मी के नज़दीक आई और उसके एक निपल को

भींचने लगी.... फिर अपने सिर को उसकी छाती पर रख उसके निपल

को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी...


वासू कमरे के बीच खड़ी थी और उसके दोनो बच्चे उसकी एक एक चुचि

को चूस रहे थे.... वो अब अपने दोनो हाथों से उसके बदन को

सहलाने लगी...


अब राज ने अपनी मम्मी को घुमा दिया जिससे उसकी गंद कमेरे के सामने

हो गयी.. उसने उसे अब झुका दिया और और अपनी उंगलियों को उसकी गंद

की दरार मे फिराने लगा..


प्रीति ने ये देख कॅमरा को उठा थोड़ा और नज़दीक किया और राज को

कहा कि वो अपनी जीब का इस्तेमाल करे... राज कपड़े के उपर से अपनी

जीब वासू की गंद और चूत की दरार के बीच फिराने लगा... राज ने

फिर अपनी मम्मी के स्कर्ट को खोल उतार दिया.. वासू अब सिर्फ़ पॅंटी

पहने दोनो बच्चो के बीच खड़ी थी...


राज ने अब प्रीति के हाथों से कॅमरा ले लिया और प्रीति से कहा कि

अब उसकी बारी है.. प्रीति अपनी मा के सामने की ओर बैठ गयी और

उसकी पॅंटी को नीचे खिसकाने लगी.. फिर उसने वासू की टाँगो को थोड़ा

फैलाया और अपनी जीब उसकी साफा चट चूत पर फिराने लगी.. एक

सिसकारी सी उसकी मा के मुँह से फुट पड़ी...


"ओह ओाआहह हाां ऊहह"


वासू से सहन नही हो रहा था और वो वहीं रखी एक कुर्सी पर बैठ

गयी और राज को अपने पास खींच लिया फिर उसकी पॅंट के बटन को

खोल उसने उसके लंड को आज़ाद कर दिया.. राज का लंड पूरी तरह से तन

कर खड़ा था... वासू ने पहले तो लंड को अपनी मुट्ठी मे भर थोड़ी

देर मसला फिर उसे अपने मुँहे मे ले चूसने लगी..


वासू जोरों से अपने ही बेटे के लंड कोचूस्ति रही और उसकी अपनी बेटी

नीचे उसके सामने बैठी उसकी चूत चूस रही थी.. उत्तेजना वासू

पर हावी होती जा रही थी उसने प्रीति को अपनी चूत से अलग किया

और खड़ी हो कुर्सी को पकड़ घोड़ी बन गयी...


राज अब नही रहा जाता तुम पीछे से मेरी चूत मे अपना लंड घुसा

मुझे चोदो" वासू ने कहा.
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज अपनी मा के पीछे आया और अपने लंड को उसकी चूत से सटा थोड़ी

देर घिसने लगा.. फिर उसके दोनो चूतदों को पकड़ उसने एक ज़ोर का

धक्का मारा और उसका लंड वासू की गीली चूत मे घुसता चला

गया... प्रीति ने कॅमरा उठाया और उस द्रिश्य को फ़िल्माने लगी....


प्रीति ने एक हाथ से कॅमरा को पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ की

उंगली को राज के लंड के साथ साथ अपनी मा की चूत मे घुसा दी.. अब

राज का लंड और प्रीति की उंगली वासू की चूत के अंदर बाहर हो रही

थी..


"ऑश राज ओमेरा बेटे ऑश हाआँ ऐसे ही अपना लंड अंदर तक

मेरी चूत मे घुसा मुझे चूओडू ऑश बेटी तुम पीछे क्या कर रही

हूओ यहाँ मेरे सामने आआओ में तुम्हारी चूत को चूसना चाहती

हूओ" वासू ने सिसकते हुए कहा..


प्रीति अपनी मा की आवाज़ सुन वासू के सामने आ गयी और कुर्सी पर

बैठ गयी और अपनी टाँगो को फैला अपनी चूत चौड़ी कर दी.... वासू

ने झुक कर अपना चेहरा उसकी चूत से सताया और उसकी चूत को अपनी

जीब से चाटने लगी.. प्रीति ने अपनी चूत को दोनो हाथों से फैला

दिया और वासू ने अपनी जीब को त्रिकोण का आकार दे दिया.. अब जब भी

राज पीछे से ढकका मारता तो वासू की जीब तेज़ी से प्रीति की चूत

के अंदर घुस जाती.


उत्तेजना मे तीनो पागल हो गये थे.. राज अपनी मा के चूतड़ पकड़

ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और वासू अपनी जीब से अपनी बेटी की

चूत को चोद रही थी.. प्रीति की भी चूत मे गर्मी ज़ोर पकड़ने

लगी थी.. वो अपनी कमर को उठा अपनी मा की जीब को और अंदर तक

ले लेती.. वो भी अपनी मा की तरह सिसक रही थी....


"ऑश माआ हाां ऑश हाआँ और जोरों से चोदो मुझे श हाआँ मा

अपनी जीब को और अंदर तक घुसा दो.. हाआँ चॅटो मेरी चूत को

चूसू"


थोड़ी देर बाद राज ने सभी को आसान बदलने को कहा.. वो अब आकर

कुर्सी पर बैठ गया और उसने प्रीति को उसके लंड पर चढ़ने को कहा...

प्रीति राज की गोद मे चढ़ उसके लंड को अपनी चूत से लगा नीचे

बैठ गयी.. राज का लंड उसकी चूत पूरी तरह समा गया.. फिर उसने

अपनी मा से कहा कि वो अब नीचे आकर प्रीति की चूत के साथ साथ

उसके लंड को भी चाटने को कहा..


वासू अपने बेटे के कहे अनुसार उसकी टाँगो के बीच आ गयी और प्रीति

की चूत से अपनी जीब लगा दी..अब प्रीति उपर को होती तो राज का लंड

वासू के जीब से लगता.. इस तरह वासू अब अपने बेटे के लंड के साथ

साथ अपनी बेटी के चूत को चाट रही थी..


प्रीति ने कॅमरा उठाया और उसे अपनी छाती के पास इस अंदाज़ से रख

दिया कि वासू की जीब और उसकी चूत मे अंदर बाहर होता राज का लंड

सॉफ दीख रहा था..वो उस द्रिश्य को फ़िल्माने लगी..


वासू ने राज के लंड को पकड़ उसे प्रीति की चूत से बाहर निकाला और

अपने मुँह मे ले चूसने लगी.. अपनी ही बेटी के चूत के रस से

भीगे अपने ही बेटे के लंड को वो चटकारे ले कर चूसने लगी....

उसे अपने बेटी की चूत के रस का स्वाद इतना अच्छा लगा कि एक बार फिर

उसने राज के लंड को प्रीति की चूत मे घुसाया और फिर उसे बाहर

निकाल चाटने लगी...


वासू की हालत खराब हो रही थी उसे भी अपनी चूत मे कुछ चाहिए

था.... अपनी ही चूत को अपने हाथों से रगड़ते हुए वो खड़ी हो गयी

राज को और प्रीति को उठने को कहा... प्रीति अपने भाई की गोद से उठ

गयी और राज भी खड़ा हो गया... और वासू जाकर कुर्सी पर बैठ

गयी और अपनी टाँगे फैला दी....


"आआूओ बेटी और अपनी मा की चूओत को अछी तरह चूवसो...ओह देखो

ना कैसे तड़प रही है ये...हां बेटी एयेए जाओ और घुसा दो अपनी

जीएब मेरी चूत मे" वासू उत्तेजना मे सिसक अपनी बेटी से बोली.


प्रीति तो जैसे इसी चीज़ का इंतेज़ार कर रही त.. वो अपनी मा की

टाँगो के बीच आ गयी और उसकी चूत पर अपना चेहरा झुका अपनी

जीभ फिराने लगी.. फिर अपनी उंगलियों से वासू की चूत को फैला उसने

अपनी जीब अंदर घुसा उसे गोल गोल घूमाने लगी.. एक अजीब सी

सनसनी मच गयी वासू की चूत मे वो अपनी कमर उठा अपनी चूत को

और अपनी ही बेटी के मुँह पर दबाने लगी..


राज अपनी मा के पास आ गया और अपने लंड को उसके मुँह के सामने कर

दिया.. वासू एक बार फिर अपने बेटे के लंड को मुँह मे ले चूसने

लगी...


प्रीति ने महसूस किया कि उसकी मा की चूत अकड़ रही है और तभी

रस की धारा बहने लगी जिसे प्रीति खुशी खुशी पी गयी और फिर

अपनी मा के चेहरे से हट वो अपने चेहरे को उठा राज के अंडकोषों को

मुँह मे ले चूसने लगी.. अब मा और बेटी राज के लंड को ज़ोर ज़ोर से

चूस रहे थे..


"ऑश हाआअँ अऊूऊ हाा ओह " एक हुंकार भरते हुए राज के

लंड ने ज़ोर की पिचकारी वासू के गले तक छोड़ी जिसे वासू गीटक

गयी.. वासू उसके लंड को भींच एक एक बूँद निचोड़ निचोड़ कर पीने

लगी...


राज का लंड ढीला पड़ा तो उसने अपने लंड को अपनी मा के मुँह से

बाहर निकाला जिसे प्रीति ने चाट कर सॉफ कर दिया....तीनो पसीने

से लत पथ थके थके वहीं बैठ गये...


पर वासू का दिल अभी कहाँ भरा था वो तो राज के लंड से और

चुदना चाहती थी वो राज के लंड फिर मुँह मे ले चूस कर खड़ा

करने लगी.. थोड़ी ही देर मे राज का लंड फिर खूँटे के तरह तन

गया...
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
राज ने अपनी मा को कुर्सी के सहारे घोड़ी बना दिया और ठीक वैसे

ही उसने दूसरी कुर्सी पर प्रीति को बना दिया...


"अब में तुम दोनो की गंद मे लंड घुसा चोदुन्गा." राज ने कहा..


प्रीति भी घोड़ी बन गयी तो राज ने एक क्रीम की ट्यूब से ढेर सारी

क्रीम ले दोनो के गंद के छेद पर लगा उसे अच्छी तरह चिकना कर

दिया... फिर अपने लंड को प्रीति की चूत मेघुसा उसे भी अच्छी

तरह गीला कर लिया फिर पहले उसने अपने लंड को अपनी बेहन की गंद

मे घुसा अंदर किया.... एक दर्द की मीठी लहर दौड़ गयी और उसने

अपनी गंद को थोड़ा पीछे कर उसके धक्के का साथ दिया..


"मम्मी तब तक तुम अपनी गंद मे इस डिल्डो को घुसा मज़ा लो" राज ने

कंप्यूटर के बगल मे पड़े डिल्डो को उठा कर देते हुए कहा...


वासू ने अपने बेटे के हाथ से उस नकली लंड को लिया और उसे पीछे से

अपनी गंद के छेद मे घुसा अंदर बाहर करने लगी...


थोड़ी देर अपनी बेहन की गंद मारने के बाद राज अपनी मा के पीछे आ

गया.. वासू ने अपनी गंद से डिल्डो को बाहर निकाला और राज ने उसकी

जगह अपने लंड को घुसा दिया..और अब उसके चूतदों पर ज़ोर ज़ोर के

थप्पड़ मारते हुए ज़ोर ज़ोर के धक्के मारने लगा....


"ऑश हाआँ बेटा ऐसे ही मेरी गंद मे लंड घुसा इसे फाड़ दो.. ओह

साली बहुत तंग करती है हाां फाड़ दो मेरी गंद को ऑश हाां"

नीचे से अपनी चूत मे उंगली करते हुए वासू सिसक पड़ी...


राज अब जगह बदल बदल अपनी बेहन और मा की गंद मार रहा था..

बीच बीच मे वो दोनो की चूत मे भी लंड घुसा धक्के मार

देता....


"हाआँ भैया मेरी भी गंद ऐसे ह्िउ मारो... आज तो मज़ा आ गया....

ऑश हाआँ भैया और अंदर तक घुसा के मारो..." प्रीति भी अपनी

कमर को आगे पीछे कर राज के धक्कों का साथ देते हुए सिसकी..


"हाआँ प्रीति आज तुम्हारी गंद ने तो मज़ा दे दिया... ऑश हाआँ आज

तुम्हारी गंद को मेरे रस से भर दूँगा... " अपने लंड को उसकी गंद

की जड़ तक घुसाते हुए उसने अपना वीर्य अपनी बेहन की गंद मे छोड़

दिया...


वासू और प्रीति अपनी अपनी चूत मे जोरों से उंगली करते हुए झाड़

गयी....

अगले दिन स्वीटी अपने ताऊ जी के घर पहुँची तो प्रीति ने उसे बाहों

मे भर उसका स्वागत किया.. उसके होठों को चूम उसने उसकी लाइक्रा की

टी-शर्ट के उपर से उसकी चुचियों को मसल दिया..


"क्या बात है आज कैसे आना हुआ?" प्रीति ने पूछा...


"सच कहूँ तो आज सुबह से ही चूत मे आग लगी हुई थी.. राज को तो

मेरी चूत का खेहाल रहता नही इसलिए सोचा कि यहाँ आकर देखूं

शायद कोई मेरी चूत की गर्मी को शांत कर सके" स्वीटी ने घर के

अंदर कदम रख हंसते हुए कहा.


"फिर तो तुम सही समय पर आई हो... आज में और राज घर पर

अकेले ही हैं... " प्रीति ने जवाब दिया..


दोनो घर के अंदर आ गये और प्रीति ने दरवाज़ा बंद किया तो उसकी

आवाज़ सुन राज बाहर आ गया....


"हाई स्वीटी कैसी हो?"


"बिल्कुल भी अच्छी नही हूँ.... चूत मे मानो आग लगी हुई है"

स्वीटी ने हंसते हुए कहा..


"तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है.. हमेशा चुदवाने को

तय्यार रहती हो"


"ये तो हमेशा चुदास रहती है लेकिन तुम भी तो इनपर पागल हुए

रहते हो" कहकर प्रीति ने स्वीटी के टॉप को उतार दिया.. उसकी दोनो

चुचियाँ फड़ फडा कर आज़ाद हो गयी... उसने आज कोई ब्रा नही पहन

रखी थी.


"हां ये तो है लेकिन तुम जानती हो कि में तुम्हारी इन मस्त गेंदों का

भी कितना दीवाना हूँ" राज ने उनके पास आकर दोनो की चुचियों को

मसल्ते हुए कहा.
Reply
09-20-2018, 02:23 PM,
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
प्रीति ने स्वीटी का हाथ पकड़ उसे सोफे पर बिठा दिया... और उसके

एक निपल को मुँह मे ले चूसने लगी.. वहीं राज भी दूसरी ओर से

उसके दूसरे को निपल को मुँह मे ले चुलबुलाने लगा...


"राज आज क्यों ना हम एक खेल खेलते हैं" प्रीति ने स्वीटी की चुचि

को जोरों से मसल्ते हुए कहा..


"ऐसा क्या खेल है?" राज ने पूछा.


"आज इस स्वीटी की बच्ची को पलंग से बाँध देते है और इसके बदन

से खेल इतना उत्तेजित कर देंगे कि ये तड़पने लगेगी चिल्लाने लगेगी..

लेकिन कुछ कर नही पाएगी" प्रीति ने हंसते हुए कहा..


"नही.......... तुम दोनो ऐसा नही कर सकते" स्वीटी ने विरोध करते

हुए कहा. "मुझसे ऐसी ज़्यादती सहन नही होगी.. तुम्हे पता है मेरी

चूत मे कितनी बुरी तरह खुजली मच रही है..."


"अरे क्यों घबरा रही है.. मुझे लगता है कि तुम्हे खूब मज़ा

आएगा" राज ने कहा.


"प्लीज़ राज ऐसा मत करो ना"


"मान भी जाओ स्वीटी हम वादा करते है जब तुम हमे रुकने को कहोगी

हम रुक जाएँगे" प्रीति ने कहा.


"म्‍म्म्ममम प्लीज़ रुक जाना हां"

क्रमशः..............
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