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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“जब मेरा बेटा मुझे इतने प्यार से अपने पास बुला रहा है,तो मुझे उस के पास जाने में देर नही करनी चाहिए”अपने बेटे ज़ाहिद से उस के कमरे के अंदर आने की दावत मिलते ही रज़िया बीबी ने एक लम्हे के लिए सोचा.
और फिर ने अपना एक कदम आगे बढ़ा कर अपने बेटे के कमरे की दहलीज़ पर कर दी.
रज़िया बीबी आज शाम से पहले तक ना जाने कितनी ही दफ़ा अपने बेटे ज़ाहिद के इस कमरे में आ चुकी थी.
लेकिन इस सारे अरसे में ज़ाहिद के कमरे में आते वक्त रज़िया बीबी के दिल की वो हालत कभी नही हुई थी. जो इस व्कत रज़िया बीबी महसूस कर रही थी.
उस रात को अपने धड़कते दिल के साथ रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपने बेटे के कमरे में अपना पावं रखा.
तो रज़िया बीबी को यूँ महसूस हुआ. कि उस के शोहर की वफात के वक्त से उस के वजूद के साथ लिपटी हुई बेवगी की चादर एक दम से गिर कर उस के बदन से अलग हो गई हो.
आज अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे की हद में कदम रखते ही रज़िया बीबी ना सिर्फ़ अपने आप को हल्का फूला महसूस करने लगी.
बल्कि उस के बे करार दिल को भी यका यक करार आ गया.
ज़ाहिद के कमरे में आते वक्त रज़िया बीबी की चाल में भी एक अजीब किसम का निखार था.
रज़िया बीबी अपने बेवा से बीवी बनने के इस अमल के दौरान बहुत शान के साथ एक नई नवेली दुल्हन की तरह अपनी गान्ड मटकाती हुई अपने सरताज बेटे के कमरे में दाखिल हुई. तो उस के अंग अंग से एक अजीब किसम की मस्ती सी फूट पड़ी थी.
अपनी अम्मी के जिस्म और चाल की इस तब्दीली को ज़ाहिद की गहरी नज़रों ने भी महसूस किया.
मगर उसे फॉरी तौर पर अपनी अम्मी के वजूद में आने वाली ये तब्दीली की समझ नही आई.
रज़िया बीबी ने कमरे में दाखिल हो कर ज़ाहिद के बिस्तर की साइड टेबल पर दूध का ग्लास रखा.
ज्यों ही रज़िया बीबी और ज़ाहिद एक दूसरे के नज़दीक हुए. तो दोनो माँ बेटे ने एक दूसरे के जिस्म में लगी जिन्सी भूक की महक को फॉरन महसूस कर लिया.
“अम्मी के जिस्म की खुसबू को सूंघ कर तो यूँ महसूस हो रहा है जैसे नीचे से उन की फुद्दि “चुह चुह” (बह बह) कर तालाब बन चुकी है, लगता है अम्मी सिर्फ़ मुझे ही भैंस का दूध पिलाने नही आई, बल्कि वो खुद भी दुबारा से मेरे लंड का दूध भी पीने आई हैं”अपनी अम्मी के गरम वजूद से फूटने वाली चुदाई की भीनी भीनी महक को सूंघते हुए ज़ाहिद ने सोचा. तो उस का लंड खुशी से उस की निक्कर में लुदियाँ डालने लगा.
इधर दूसरी तरफ रज़िया बीबी भी ज्यों ही अपने बेटे ज़ाहिद के करीब हुई.
तो वो भी अपने जवान बेटे के सख़्त जिस्म से निकलने वाली गर्मी की हीट को महसूस कर के मस्त होने लगी.
“हाईईईईईईईईईई लगता है कि आज दोपहर की तरह आज की रात भी मेरी चूत के लिए बहुत यादगार रात साबित हो गी” अपने बेटे ज़ाहिद के पास खड़े हो कर रज़िया बीबी के जेहन में सोच आई.
तो उस की चूत से बहने वाले पानी ने रज़िया बीबी की गुदाज रानों को गीला करना शुरू कर दिया.
ज़ाहिद के बिस्तर के पास दूध रख कर रज़िया बीबी ज्यों ही वापिस पलटी.
तो रज़िया बीबी के मुड़ने के अंदाज़ से ज़ाहिद को ना जाने क्यों ऐसा महसूस हुआ.कि उस की अम्मी वापिस अपने कमरे की तरफ जाने लगी है.
“थोड़ी देर मेरे पास भी बैठ जाओ ना अम्मी” ज़ाहिद ने जब रज़िया बीबी को एक दम से वापिस मुड़ते देखा. तो उस ने अपनी अम्मी की कलाई को अपने हाथ से पकड़ते हुए अम्मी से कहा.
“नही में आज बहुत थक गई हूँ, इसीलिए अब अपने कमरे में जा कर आराम करूँगी बेटा” ये कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने हाथ को झटका दिया. और किसी मगरूर हसीना की तरह अपनी नाज़ुक कलाई को अपने आशिक़ बेटे के शिकंजे से चुरा कर कमरे के दरवाज़े की तरफ चल पड़ी.
इस के बावजूद रज़िया कि बीबी की फुद्दि में भी आग लगी हुई थी.
लेकिन चूँकि रज़िया बीबी ज़ाहिद के लंड को उस की शॉर्ट्स में मचलता हुआ देख चुकी थी.
इसीलिए अब वो अपने बेटे को थोड़ा तंग करने के मूड में आ गई थी.
जब कि दूसरी तरफ आज दोपहर के बाद से ज़ाहिद ये समझ रहा था. कि उस से एक बार चुदवाने के बाद तो अब उस की अम्मी रज़िया बीबी हर वक्त अपनी शलवार का नाडा खोल कर उस के सामने पड़ी रहे गी.या ज़ाहिद जब चाहेगा उस की अम्मी उस से चुदने के लिए राज़ी हो जाएगी.
मगर यहाँ तो ज़ाहिद की सोच के विपरीत उस की अम्मी रात की तेन्हाई में उस के पास आने के बावजूद उसे नज़र अंदाज़ किए जा रही थी.
अपनी अम्मी की बे रूखी का ये अंदाज़ ज़ाहिद के दिल और लंड दोनो ही के लिए बहुत जान लेवा साबित हो रहा था.
इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी को अपने पास से गुज़र कर बाहर की तरफ जाता देखा. तो वो एक दम अपनी अम्मी के पीछे लपका.
ज़ाहिद ने जल्दी से रज़िया बीबी के पीछे आ कर अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों में कस लिया.
अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में काबू करते ही ज़ाहिद ने पीछे से हाथ बढ़ा कर अपनी अम्मी की कमीज़ के खुले गले से बाहर छलकती हुई रज़िया बीबी की बड़ी बड़ी छातियों को अपने दोनो हाथों की गिरफ़्त में थाम लिया.
और अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपने हाथों से दबाते हुए ज़ाहिद रज़िया बीबी के कान में सरगोशी करते हुए एक इंडियन गाने के ये बोल गुन गुनाने लगा,
“आ मेरे साथ कोई रात गुज़ार
तुझे सुबह तक करूँ में प्यार
ओह ऑश ऊऊऊओ”
गन्ने के बोल गुनगुनाने के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड पर अपने लंड को रगड़ते हुए रज़िया बीबी से पूछा “मुझे सच सच बताएँ, आप इस वक्त क्यों मेरे कमरे में आई हैं अम्मी जी”.
“ओह में वाकई तुम्हे दूध देने आई थी बेटा” अपने बेटे के सख़्त हाथों को अपने सॉफ्ट मम्मो के उपर चलता पा कर रज़िया बीबी सिस्काई.
“दूध तो बस एक बहाना है, असल में मामला कोई और है, प्लीज़ मुझे बताओ ना, अम्मी ज़ाआाआआआआआअँ” ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की बात को अन सुनी करते हुए अपने हाथों और लंड का दबाव अपनी अम्मी के मोटे मम्मो और चौड़ी गान्ड पर बढ़ाते हुए फिर पूछा.
“ओह ज़ाहिद अगर सच जानना चाहते हो तो सुनो, शाज़िया चाहती है कि जब तक वो तुम्हारे बच्चे को जनम नही दे लेती, उस वक्त तक उस की जगह में तुम्हारी बीवी की हैसियत से तुम्हारे साथ इस कमरे में सोया करूँ, मेरे बच्चे” अपने वजूद को अपने बेटे की गिरफ़्त में पा कर रज़िया बीबी मचल उठी. और उस ने अपनी चौड़ी गान्ड को ज़ाहिद के मोटे और सख़्त लंड पर दबाते हुए एक दम से अपना मुँह खोल दिया.
ये ज़ाहिद के साथ हाथों का ही कमाल था. जिस की वजह से रज़िया बीबी अब मज़े से बे हाल हो कर लंबी-लंबी साँसें लेने लगी थी. और उस का दिल और मोटे मम्मे ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगे थे.
“उफफफफफफफफफ्फ़ मुझे तो यकीन ही नही हो रहा, क्या वाकई ही शाज़िया ये चाहती है कि आज से आप मेरी बीवी की हैसियत से मेरी रातों को रंगीन किया करो अम्मी जीिीइ” रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद भी अभी तक ये ही समझ रहा था. कि दोपहर में शाज़िया ने उसे अपनी अम्मी को चोदने की जो दावत दी थी.वो शाज़िया का कोई सोचा समझा मंसूबा नही था.
बल्कि ये सिर्फ़ और सिर्फ़ शाज़िया पर तरी उस वक्त के जिन्सी जज़्बात का असर था.जिस की वजह से शाज़िया ने उस वक्त ज़ाहिद को अपनी अम्मी के साथ चुदाई की इजाज़त दे दी थी.
और अब उस जिन्सी जनून का असर ख़तम होने के बाद शाज़िया शायद ज़ाहिद को अपनी अम्मी के साथ रंग रलियाँ मनाने का मोका ना दे.
इसी लिए रज़िया बीबी के बताने के बावजूद ज़ाहिद को यकीन नही हो रहा था. कि वो जो कुछ अपनी अम्मी के मुँह से सुन रहा है.वो वाकई ही सच है.
“ये सच है ज़ाहिद, तुम्हारी बीवी शाज़िया वाकई ही ये चाहती है कि में अब उस की अम्मी या सास नही, बल्कि अब उस की शौतान की हैसियत से तुम्हारे बिस्तर को हर रात गरम किया करूँ, अब तुम बताओ तुम्हें तो कोई ऐतराज नही मेरे बच्चे” रज़िया बीबी ने गोश्त से भरी अपनी पीठ (बॅक) को अपने बेटे की सख़्त छाती पर रगड़ते हुए पूछा.
“ओह मेरे लिए इस से बढ़ कर खुश किस्मती और फक्र की बात हो गी, कि मेरी सग़ी अम्मी अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ हम बिस्तरी किया करे गी” अपनी बहन शाज़िया की इस ख्वाहिश को अपनी अम्मी के मुँह से सुन कर ज़ाहिद तो खुशी से पागल होने लगा था.
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08-12-2019, 01:48 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“ये सच है ज़ाहिद, तुम्हारी बीवी शाज़िया वाकई ही ये चाहती है कि में अब उस की अम्मी या सास नही, बल्कि अब उस की शौतान की हैसियत से तुम्हारे बिस्तर को हर रात गरम किया करूँ, अब तुम बताओ तुम्हें तो कोई ऐतराज नही मेरे बच्चे” रज़िया बीबी ने गोश्त से भरी अपनी पीठ (बॅक) को अपने बेटे की सख़्त छाती पर रगड़ते हुए पूछा.
“ओह मेरे लिए इस से बढ़ कर खुश किस्मती और फक्र की बात हो गी, कि मेरी सग़ी अम्मी अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ हम बिस्तरी किया करे गी” अपनी बहन शाज़िया की इस ख्वाहिश को अपनी अम्मी के मुँह से सुन कर ज़ाहिद तो खुशी से पागल होने लगा था.
ज़ाहिद ने तो कभी ख्वाब में भी नही सोचा था. कि ना सिर्फ़ उस की सग़ी बहन शाज़िया. बल्कि उस के बाद उस की अपनी सग़ी अम्मी रज़िया बीबी भी उस की बीवी की हैसियत से कभी उस के बिस्तर की ज़ीनत बने गी.
इसीलिए अपनी बहन के बाद अब अपनी ही सग़ी अम्मी का शोहर बनने का सोच कर ज़ाहिद को अपनी किस्मत पर खुद ही रश्क आने लगा था.
इसे कहते हैं कि,
“नाले चोपडियाँ
नाले दो दो”
अपनी अम्मी की बात सुनते ही ज़ाहिद ने अपने एक हाथ को नीचे ला कर रज़िया बीबी की शलवार का नाडा खोल दिया. तो रज़िया बीबी की शलवार उस के जिस्म से ढीली हो कर कमरे के फर्श पर गिर पड़ी.
अपनी अम्मी की लंबी सुडौल रानों को शलवार की क़ैद से रिहाई दिलाते ही ज़ाहिद ने पैंटी में कसी हुई अपनी अम्मी की चूत पर हाथ रखा.
तो ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ कि ना सिर्फ़ उस की अम्मी की फुद्दि, अपनी ही चूत के अपने ही पानी से पूरी तरह तर हो चुकी है.
बल्कि चूत के साथ साथ रज़िया बीबी की पैंटी भी उस की फुद्दि के पानी से भीग भीग कर पूरी गीली हो चुकी है.
“ये आप की चूत क्यों इतनी गीली हो रही है अम्मिईीईईईईईईईई” ज़ाहिद ने पैंटी के उपर से अपनी अम्मी की चूत के फूले हुए होंठो पर अपने हाथ फिराते हुए रज़िया बीबी को छेड़ते हुए पूछा.
“जब एक जवान बेटा अपनी अम्मी की गान्ड पर अपने लंड को यूँ बे शर्मी के साथ रगडे गा,तो उस की माँ की फुद्दि गरम हो कर पानी नही छोड़े गी,तो और क्या करे गी बेटा?” रज़िया बीबी ने सिसकारते हुए ज़ाहिद की बात का जवाब दिया.
कुछ देर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि से छेड़ खानी करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कमीज़ को नीचे से पकड़ा. और फिर दूसरे ही लम्हे अपनी अम्मी को उस की कमीज़ के बोझ से भी निजात दिला दी.
अपने जवान बेटे के हाथों यूँ पहली बार नंगा होते ही रज़िया बीबी अपने होश-ओ-हवास खो बैठी.
अपने जिस्म से कपड़े उतर ते ही रज़िया बीबी ने एक झटके के साथ अपने आप को ज़ाहिद के हाथों की गिरफ़्त से छुड़ाया. और इस के साथ ही अपने पीछे खड़े हुए ज़ाहिद की तरफ मूड गई.
ज्यों ही पुश अप ब्रेज़ियर और थॉंग नुमा पैंटी में कसा हुआ रज़िया बीबी का वजूद उस के जवान बेटे की भूकि नज़रों के सामने आया.
तो अपनी अम्मी के मोटे जिस्म को सेक्सी किस्म के इन ब्रेजियर और पैंटी में मलबोस देख कर ज़ाहिद अपनी ज़ुबान को अपने होंठो पर रगड़ने लगा.
ज़ाहिद ने सर से पैर तक अपनी अम्मी के गरम वजूद का जायज़ा लिया. तो उस ने देखा कि उस की अम्मी के बड़े मम्मो के मोटे ब्राउन निपल्स उस की अम्मी के जाली दार ब्रेजियर में से सॉफ नज़र आ रहे थे.
जब कि नीचे से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लिप्स को उस की पतली पैंटी, अपने अंदर छुपाने में मुकम्मल तौर पर नाकाम हो चुकी थी.
जिस की वजह से ज़ाहिद को अपनी अम्मी की फूली हुई फुद्दि भी रज़िया बीबी की गीली पैंटी में से वज़िया तौर पर नज़र आ रही थी.
“हाईईईईईईईईईईईईईई इस नये स्टाइल के ब्रेज़ियर और पैंटी में तो आप का मोटा जिस्म एक कयामत ही ढा रहा है अम्मी जान” अपनी अम्मी के नीम नंगे वजूद को अपने सामने पा कर ज़ाहिद अपनी अम्मी के जिस्म की तारीफ किए बना ना रह सका.
“ये वो ही ब्रेज़ियर और पैंटी हैं जो तुम ने अपने हाथों से मेरे लिए खुद खरीदे थे, मेरे बच्चे” अपने जवान बेटे के मुँह से अपने जिस्म की तारीफ सुन कर रज़िया बीबी किसी सोलह साला दोशेज़ा की तरह शरमाने का नाटक करते हुए ज़ाहिद से कहने लगी.
अपने बेटे से एक दफ़ा चुद जाने के बाद तो रज़िया बीबी की सारी शरम ख़तम हो चुकी थी.
इसीलिए अब ज़ाहिद के सामने यूँ अपने ब्रेज़ियर और पैंटी में मलबोस हो कर खड़े होने में रज़िया बीबी को कोई शरम महसूस नही हो रही थी.
रज़िया बीबी कुछ देर अपने जवान बेटे के सामने यूँ ही खड़े रह कर ज़ाहिद को अपने जिस्म को अच्छी तरह से सेकने का मोका देती रही.
ज्यूँ ज्यूँ ज़ाहिद की गरम नज़रें उस की अम्मी के वजूद के आर पर हो रही थी.
त्यु त्यू रज़िया बीबी के जिस्म में लगी आग के शोले मज़ीद बुलंद होते जा रहे थे.
जिस की वजह से रज़िया बीबी की चूत के मोटे लब अपने बेटे का लंबा लंड अपने अंदर लेने के लिए पूरी तरह से फूल चुके थे.
कुछ देर ज़ाहिद को अपने आधे नंगे जिस्म का दीदार करवाने के बाद रज़िया बीबी ने बे शर्मी से आगे बढ़ कर अपने जवान बेटे ज़ाहिद के जिस्म को अपनी बाहों में काबू किया. और इस के साथ ही अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपने गुदाज होंठ अपने बेटे ज़ाहिद के होंठो पर रख दिए.
“ओह ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड, आज तुम्हारी सग़ी माँ खुद तुम्हारे साथ अपनी सुहाग रात मनाने आई है मेरे बच्चेययययययययी”रज़िया बीबी ने अपने दाँतों से अपने जवान बेटे के होंठो को काटते हुए कहा.
“हाईईईईई में शायद इस दुनिया का वाहिद खुश नसीब इंसान होउंगा, जिस ने अपने ही घर में अपनी बहन और माँ के साथ अपनी सुहाग रात मनाई हो गी, अम्मी जानंनणणन्” अपनी अम्मी की गरम गोशी देख कर ज़ाहिद भी मस्ती में आ गया.
ज़ाहिद ने थॉंग में कसी हुई अपनी अम्मी की आदि नंगी गान्ड को अपने हाथ में काबू किया.
और अपनी अम्मी की गान्ड की बड़ी बड़ी पहाड़ियों को अपने हाथों से दबोचाते हुए रज़िया बीबी के मोटे जिस्म को अपने तरफ खैंचा.
इस दौरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी के मुँह एक दूसरे से जुड़ कर एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान का ज़ायक़ा चेक करने में मसरूफ़ थे.
जब कि नीचे से ज़ाहिद का लंड उस की निक्कर में अब पूरी तरह तन कर ऐसे खड़ा हो कर अपनी अम्मी की चूत की तरफ इशारा कर रहा था.
जैसे लंड ना हुआ सड़क (रोड) के किनारे पर लगा हुआ तीर (आरो) का वो निशान हो गया. जो रास्ते में चलने वालों को सीधा या सामने जाने का रास्ता दिखाता है.
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08-12-2019, 01:52 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड तुम्हारे लंड की सख्ती ने तो मेरे मम्मो को पागल कर दिया है, जब ये बड़ा लंड मेरी चूत में जाएगा तो मेरी फुददी की तो फिर से शामत ही आ जाए गी बेटॅयायेयीययाया” अपने जवान बेटे के मोटे लंड को अपनी छातियों के दरमियाँ उपर नीचे होता देख कर रज़िया बीबी भी मज़े से सिसकारते हुए बोली.
“हाईईईईईईईईईई आप के मोटे मम्मो में इतना मज़ा है, तो आप की चूत तो इस से भी ज़्यादा मज़ा देगी मुझे ” ज़ाहिद ने भी अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया. और बहुत गरम जोशी से अपनी अम्मी के मोटे मम्मो के दरमियाँ अपने लंड को फैरने लगा.
कुछ देर अपनी छातियों को अपने बेटे के लंड से चुदवाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने मम्मो को अपने हाथों की गिरफ़्त से आज़ाद किया.
तो ज़ाहिद के सख़्त लंड को उस की अम्मी के मोटे चूचों की जेल से रिहाई नसीब हो गई.
ज़ाहिद के लंड को अपने मम्मो से निकालने के बाद रज़िया बीबी अपने हाथों को अपनी पैंटी पर लाई. और बदस्तूर अपने बेटे की टाँगों के दरमियाँ बैठे बैठे रज़िया बीबी ने अपनी गीली पैंटी को उतार कर अपनी चूत को भी बिल्कुल नंगा कर दिया.
ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी पैंटी को उतार कर उसे बेड पर पड़ी अपनी ब्रेज़ियर के पास फैंकने की कोशिश की.
तो ज़ाहिद ने एक दम से रज़िया बीबी के हाथों से अपनी अम्मी की गीली पैंटी को पकड़ लिया. और अपनी अम्मी की चूत के पानी से भीगी हुई पैंटी को अपने मुँह पर रख कर पैंटी पर लगे हुए अपनी अम्मी की चूत के पानी को सूंघने और चाटने लगा.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आप की पैंटी पर लगे हुए आप की चूत के पानी को चख कर मुझे आइडिया हो चुका है कि आप की फुददी में आग लगी हुई है, इसीलिए आज रात आप से सुहाग रात मनाने में बहुत मज़े आएँगे अम्मिईीईईईईईईईई जीिइईईईईईईई” ज़ाहिद ने अपनी नोकेलि ज़ुबान को अपनी अम्मी की गीली पैंटी पर घुमाते हुए कहा.
“हान्ंननननणणन् आज तुम मेरे साथ सोहाग रात तो ज़रूर मनाओ गे, मगर मेरे साथ मनाई जाने वाली तुम्हारी ये सोहाग रात, उस सोहाग रात से मुक्तलिफ हो गी, जो इस से पहले तुम ने अपनी बहन शाज़िया के साथ मनाई है बेटा” अपने बेटे को यूँ अपनी पैंटी दीवाना वार चूमता देख कर रज़िया बीबी ने सिसकरते हुए ज़ाहिद को कहा.
“सुहाग रात में तो एक शोहर अपनी बीवी को चोदता है, इसीलिए में भी अब आप का सोहर बन कर आप की पहले से उतरी हुई नथ को दुबारा से उतारूँगा, तो फिर आज आप के साथ मेरी ये सोहाग रात मुक्तिलफ कैसे हो गी अम्मी जनाआआआआआआआआं” अपनी अम्मी की कही हुई बात को ना समझते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी से पूछा. और इस के साथ ही अपनी अम्मी की पैंटी को अपने मुँह से अलग कर के बिस्तर पर रख दिया.
“ओह थोड़ा सबर तो करो, में शाज़िया और अपनी सोहाग रात के दरमियाँ वाले फरक को ना सिर्फ़ तुम्हें बता दूं गी, बल्कि अपनी अमल से तुम्हे ये फरक पूरी तरह समझा भी दूँगी बेटा” रज़िया बीबी ने अपने बच्चे ज़ाहिद की बात का जवाब देते हुए कहा.
“हाईईईईईईईईईईईईई सबर ही तो नही होता, इसीलिए पहेलियाँ बुझवाने की बजाय, आप सीधी तरह पूरी बात बता दो ना अमिीईईईईईईईईईई” अपनी अम्मी की बात को फिर ना समझते हुए ज़ाहिद झुंझला कर बोला.
“तुम बहुत ही बे सब्रे हो ज़ाहिद, अच्छा सुनो हां एक रवायती सोहाग रात में एक शोहर ही हमेशा अपनी बीवी को चोदता है, जब कि तुम्हारी और मेरी आज की ये सोहाग रात इसीलिए मुक्तलिफ हो गई, कि एक दुल्हन की हैसियत से आज में खुद अपने शोहर को चोदून्गि , मेरे बच्चेयययययययी” रज़िया बीबी ने जब अपने बेटे ज़ाहिद को यूँ बे सबरा होता देखा. तो उस ने ज़ाहिद के सामने अपने दिल की बात खोल कर रख दी.
(अपने बेटे ज़ाहिद के साथ रज़िया बीबी ने ये बात इसीलिए की थी. कि रज़िया बीबी असल में पुराने ज़माने की औरत थी.
जिस ने अपनी पहली चुदाई का मज़ा ज़ाहिद के अब्बू से शादी के बाद ही हासिल किया था.
अपनी बेवा की ज़िंदगी के दौरान ज़ाहिद के अब्बू रज़िया बीबी को बिस्तर पर सीधा लेटा कर हमेशा एक ही तरीके से उस की चुदाई किया करते थे.
इस चुदाई के दोरान ज़ाहिद के अब्बू रज़िया बीबी की चूत में अपनी लुली डाल कर चन्द धक्के मारते. और फिर कुछ ही सेकेंड्स में अपनी लुली का पानी रज़िया बीबी की चूत में छोड़ कर खुद एक दम सो जाते थे.
ज़ाहिद के अब्बू की रज़िया बीबी से की जाने वाली इस हम बिस्तरी को लंड का पानी निकलना तो कहा जा सकता था.
मगर इस सारे रंडी रोने को चुदाई कहना असल में चुदाई की तोहीन थी.
एक मर्द एक औरत के जिस्म से खेल कर उस के जिस्म की प्यास कैसे और किस किस तरीके से बुझा सकता है.
इस का अंदाज़ा रज़िया बीबी को पहली दफ़ा ज़ाहिद और नीलोफर की चुदाई की फोटो और वीडियो देख कर हुआ था.
उस के बाद रज़िया बीबी ने जब ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे में होने वाली लाइव चुदाई का मंज़र अपनी आँखों से देखा. तो अपने बेटे ज़ाहिद को अपनी बहन की मुतलकिफ़ स्टाइल में चुदाई करता देख कर रज़िया बीबी के तो होश की उड़ गये थे.
फिर आज दोपहर को जब शाज़िया और ज़ाहिद ने मिल कर अपनी अम्मी रज़िया बीबी को चोद कर उस की प्यासी चूत को ठंडक पहुँचाई थी.
तो अपनी बेटी की गरम ज़ुबान और बेटे के मोटे लंड को अपनी मोटी चूत के उपर और अंदर ले कर रज़िया बीबी को चुदाई का असल मतलब समझ आ गया था.
इसीलिए ये ही वजह थी कि रज़िया बीबी आज अपने बेटे के कमरे में आने से पहले अपने दिल में ये तय कर चुकी थी.
कि उस ने आज अपनी सोहाग रात मनाते वक्त अपने नये सोहर बेटे के साथ चुदाई के वो ही तरीके दोहराने हैं.
जो ज़ाहिद इस से पहले नीलोफर और फिर अपनी बहन शाज़िया के साथ चुदाई के दोरान आज़मा चुका था.
यानी सादी लफ़्ज़ों में अगर ये कहा जाए. कि आज की रात रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद से चुदवाने नही,बल्कि खुद अपने बेटे ज़ाहिद को चोदने आई थी.तो ये ग़लत नही हो गा.)
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद के लंड की बू से डरी हुई रज़िया बीबी तो ये समझ रही थी. कि उसे यक़ीनन अपने बेटे ज़ाहिद के लंड का कोई स्वाद नही आएगा.
मगर ज़ाहिद के लंड की टोपी को पहली बार अपनी ज़ुबान के साथ छूते ही रज़िया बीबी को अपने बेटे के लंड का नमकीन ज़ायक़ा ना सिर्फ़ अच्छा लगा.
बल्कि रज़िया बीबी को ज़ाहिद के लंड की टोपी पर अपनी ज़ुबान घुमाते हुए एक अजीब सा सरूर भी मिला.
ये शायद इसी सरूर का असर था. कि रज़िया बीबी अपनी सारी झिझक को ख़तम करते हुए अब बहुत प्यार और मज़े के साथ अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की टोपी पर अपनी गरम ज़ुबान घुमाने लगी थी.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अम्मिईीईईईईईईई जीिइईईईईईईईईईईईईईईई” रज़िया बीबी की गरम ज़ुबान लंड पर पकड़े हुए महसूस कर के ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं.
“लंड चुसाइ का ये मेरा पहला तजुर्बा है,इसीलिए मुझे बताओ कि में सही लंड चूस रही हूँ ना, मेरे बच्चेयययी” ज़ाहिद की गरम सिसकियाँ जब रज़िया बीबी के कानों में पड़ी.
तो लंड की टोपी पर गरम ज़ुबान फेरते फेरते रज़िया बीबी ने अपनी बेटे ज़ाहिद की आँखों में आँखे डाल कर पूछा.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ मुझे तो यकीन ही नही हो रहा है, कि मेरी सग़ी अम्मी आज खुद मेरा लंड चूस रहियीईईई हैं, हाईईईईईईईईई में इतनी इज़्ज़त अफज़ाई के लिए आप का तहै दिल से शूकर गुज़ार हूँ अम्मी”अपनी अम्मी की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद सिसकारा.
“जो मज़ा तुम्हारे मरहूम अब्बू नही ले सके मुझ से,वो मज़ा में आज तुम्हे दूंगी मेरे बच्चे” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के लंड को अपने दोनो हाथों में पकड़ा. और अपने बेटे के सख़्त मोटे लंड के उपर नीचे अपनी गरम और लंभी ज़ुबान को घुमाते हुए ज़ाहिद से कहा.
“हाईईईईईईईईईईईईईिन बिल्कुल ऐसेयययययययी ही चूसैींन्नननणणन् अम्मिईीईईईईईईईईईई” ज्यों ही रज़िया बीबी की ज़ुबान ने ज़ाहिद के लंड की रगों (वाइन्स) को छुआ.तो ज़ाहिद मज़े की शिद्दत से चिल्ला उठा.
कुछ देर अपने बेटे के लंड के उपर से ले कर नीचे तक अपनी ज़ुबान को फैरने के बाद रज़िया बीबी ने अपना पूरा मुँह खोला. और ज़ाहिद के मोटे लंबे लंड को अपने मुँह में भरते हुए बोली.“हाईईईईई कितना शानदार लंड है मेरे बेटे का, में तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो गई हूँ मेरे बच्चे ”
कहते हुए रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद के तगड़े लंड को अपने मुँह में भरा. और अपने बेटे के जवान लंड को लॉली पोप की तरह चूसने लगी.
जैसे ही रज़िया बीबी ने अपने बेटे के मोटे लंड को अपने गरम मुँह में लिया. तो ज़ाहिद के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं.
“ओह अम्म्म्मममममममी ज़ाआआअँ,मुझे लंड चुसाइ का ऐसा मज़ा आज तक किसी औरत ने नही दिया, जो मज़ा आप मुझे इस वक्त दे रही हाईईईईईईईईई,उफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईई” इस के साथ ही बिस्तर पर बैठा हुआ ज़ाहिद एक दम से उठा. और फर्श पर खड़े हो कर रज़िया बीबी के मुँह को अपने बड़े लंड से चोदते हुए ज़ाहिद ने मज़े से कहा.
बे शक लंड चुसाइ वाला ये काम रज़िया बीबी अपनी ज़िंदगी में पहली बार कर रही थी.
मगर पहली बार इस तरह का काम करने के बावजूद रज़िया बीबी किसी माहिर रंडी की तरह अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की चूसाई लगा रही थी.
रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद के लंड की टोपी को चाट्ती हुई नीचे जाती.और फिर चाट्ती हुई दूसरी तरफ से वापिस लंड की टोपी तक पहुँच जाती थी.
वापिस टोपी पर आ कर रज़िया बीबी फिर अपनी ज़ुबान से ज़ाहिद के लंड के चारों तरफ से चाट्ती. और फिर लंड को अपने मुँह में भर कर अपने बेटे के लंड को किसी कुलफी की तरहा चूसने लगती.
रज़िया बीबी को अपने बेटे के जवान लंड को पहली बार चूस कर इतना मज़ा मिल रहा था.
कि अपने बेटे के लंड को चूसने के साथ साथ रज़िया बीबी नीचे से अपनी चूत के दाने को भी अपने हाथ से रगड़ रगड़ कर अपनी फुद्दि को ज़ाहिद के मोटे लंड के लिए तैयार भी कर रही थी.
जब कि दूसरी तरफ अपनी अम्मी के मुँह की गर्मी को अपने तने हुए लंड पर महसूस कर के मज़े के मारे ज़ाहिद के मुँह से निकलने वाली सिसकियाँ तो रुकने का नाम ही है ले रही थी.और वो” “हाईईईईईईईईई, ओह,उफफफफफफफ्फ़ अम्मिईीईईईई” कहता हुए रज़िया बीबी के मुँह को उस की चूत समझ कर चोदे जा रहा था.
रज़िया बीबी थोड़ी देर बहुत शौक और मज़े के साथ अपने बेटे के लंड को सक करती रही.
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
फिर कुछ देर बाद रज़िया बीबी ने आख़िर ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह से निकाला .और फर्श पर बैठे बैठे ज़ाहिद के लंड को अपने हाथ में थाम कर अपने बेटे ज़ाहिद की आँखो में देखने लगी.
“अप ऐसे क्यों देख रही हैं मुझे अम्मी” रज़िया बीबी जब थोड़ी देर खामोश रही. तो ज़ाहिद ने अपने कदमों में बैठी अपनी अम्मी को सवालिया नज़रों से देखते हुए पूछा.
“ज़ाहिद महमूद वल्द (फ़तार) रहमत ख़ान किया तुम्हें रज़िया बीबी बेवा रहमत ख़ान अपने निकाह में कबूल है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे के मोटे नंगे लंड को अपने हाथ में थामा. और अपने जवान बेटे की आँखों में आँखे डालते हुए ज़ाहिद से पूछा.
रज़िया बीबी से लंड चुस्वाते वक्त ज़ाहिद तो ये समझ रहा था. कि लंड चुसाइ के दोरान सुहाग रात वाली जो बातें उस की अम्मी के मुँह से निकल रही थी. वो शायद उस की अम्मी की चूत की गर्मी का असर था.
मगर अब बाक़ायदा एक निकाह खुआन की तरह अपनी अम्मी को निकाह की रसम अदा करते देख कर ज़ाहिद के हाथों के तो तोते ही उड़ गये.
बाप के मरने के बाद बेटा अपने बाप की जायदाद में हिस्से दार बनते तो ज़ाहिद ने देखा और सुना हुआ ही था.
मगर ज़ाहिद की पूरी ज़िंदगी में आज ये पहला मोका हो गा. जब जायदाद के साथ साथ ज़ाहिद एक बेटे को अपने ही बाप की बेवा में भी हिस्से दार बनने के मुतलक सुन रहा था.और ये बात कहने वाली कोई और नही बल्कि उस की अपनी सग़ी बेवा अम्मी थी.
जो ज़ाहिद को खुद अपने मेरहूम शोहर की चोदि हुई चूत में हिस्से दार बनने की दावत दे रही थी.
ज़ाहिद चूँकि अपनी अम्मी से इस बात की तावक्को नही कर रहा था.
इसीलिए अम्मी के मुँह से ये सुनते ही एक लम्हे के लिए ज़ाहिद को वाकई ही समझ नही आया. कि वो अपनी अम्मी की इस बात का क्या जवाब दे.
मगर फिर दूसरे ही लम्हे ज़ाहिद को जैसे होश आया. तो वो एक दम से अपना मुँह खोल कर चल उठा. “ओह मुझे तुम अपने निकाह में कबूल हो रज़िया बेगम”
अपनी अम्मी को अपने निकाह में क़बूल करते वक्त ज़ाहिद के लंड ने इतना जोश मारा. कि ज़ाहिद के लिए अपने लंड पर काबू रखना मुश्किल हो गया.
और ज़ाहिद के लंड ने किसी आतिश फिशन (वालकानो) की तरह फुट कर अपने लावा अपने कदमो में बैठी हुई अपनी अम्मी के खुले मुँह में ही छोड़ दिया.
ज़ाहिद के लंड से निकलने वाला गरम वीर्य की मिकदर इतनी ज़्यादा थी.
कि जिस की वजह से ना सिर्फ़ रज़िया बीबी का मुँह और होंठ अपने बेटे ज़ाहिद के गरम पानी से भर गये.
बल्कि साथ ही साथ ज़ाहिद के लंड का थिक और गरम पानी रज़िया बीबी के मुँह से बारिश की बूँदों की तरह बह बह कर रज़िया बीबी के मोटे मम्मो को भी भिगोने लगा था.
“ओह मुझे ययययययययययी बहुत अफ़सोस है कि में आप के मुँह में ही फारिग हो गया” ज़ाहिद ने जब अपने लंड के पानी को अपनी टाँगों के दरमियाँ बैठी हुई रज़िया बीबी के मुँह पर गिरते देखा. तो वो डर गया कि अब उस की अम्मी उसे गुस्से में आ कर बहुत डान्टेगि जी. इसीलिए ज़ाहिद फॉरन अपनी अम्मी से मज़रत करने लगा.
“अफ़सोस कि कोई बात नही, में तो खुद तुम्हारे लंड का पानी पी कर अपनी नई ज़िंदगी का आगाज़ करना चाहती हूँ, इसीलिए मेरे मूह में पानी छोड़ कर पहले मेरे मूह की प्यास भुजाओ, और फिर अपना लंड अंदर डाल कर मेरी चूत की मेरे बेटे ” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को जवाब दिया. और खुद मुँह खोल कर “शर्प शर्प” करती ज़ाहिद का गरम और लैस दार पानी अपने मुँह में निगलने लगी.
आज से पहले तक रज़िया बीबी ने अपनी पूरी शादी शुदा ज़िंदगी में लंड को सक करने के मुतलक कभी सोचा तक नही था.
मगर अब तक लंड चुसाइ के काम को “गंदा” और बुरा समझने वाली रज़िया बीबी ना सिर्फ़ अपने बेटे के लंड को चूस चूस कर उसे अपने लंड का पानी निकलने पर मजबूर कर चुकी थी.
बल्कि अब वो बहुत शौक से अपने बेटे के लंड के पानी को “रूफ अफज़ा” शरबत समझ कर पीने में भी मगन हो चुकी थी.
“आप की एक बात मुझे पसंद नही आई” अपनी अम्मी को दीवाना वार अपने लंड का चुसाइ लगाते देख कर ज़ाहिद बोला.
“वो क्या बेटा” रज़िया बीबी ने अपना मुँह ज़ाहिद के लंड की टोपी से हटाते हुए पूछा.
“आप मुझ से निकाह भी करती हैं, मेरे साथ सुहाग रात भी मनाती हैं,मगर इस के बावजूद मुझे बेटा ही कह कर मुकतिब कर रही हैं” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से शिकवा किया.
“तो अब तुम क्या चाहते हो कि में तुम्हें क्या कह कर बुलाया करूँ ज़ाहिद” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के लंड को हाथ में थामा और अपनी नज़रें उठा कर अपने बेटे से पूछा.
“वो ही जो एक मियाँ बीवी प्यार भरे अंदाज़ में एक दूसरे को कहते हैं” अपनी अम्मी की बात के जवाब में ज़ाहिद ने मुस्कराते हुए कहा.
“ओह नही मुझ से ऐसा नही हो सके गा बेटा” ज़ाहिद से अपने जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बेटे की फरमाइश पर शर्म महसूस करते हुए बोली.
“अच्छा अगर ये बात है तो छोड़ो मेरा लंड, जाओ में आप से नही बोलता” अपनी अम्मी का जवाब सुन कर ज़ाहिद ने नकली गुस्सा किया. और अपने लंड को अपनी अम्मी के हाथ से छुड़वाने लगा.
“हाईईईईईईईईईईई में सदके जऊऊऊऊ, ठीक है में कोशिश करूँगी कि जैसा तुम चाहते हो, वैसे ही में तुम को मुताबिक करूँ” अपने बेटे के नकली गुस्से के आगे हार मानते हुए रज़िया बीबी फॉरन बोल पड़ी.
“कोशिश नही बल्कि आज से आप तेन्हाई में मुझे बेटे की बजाय मेरे सरताज ज़ाहिद कह कर बुलाया करो गी” ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को ताकीद करते हुए कहा.
“अच्छा और इस के जवाब में तुम मुझे क्या पुकारोगे ” अपनी बेटे की बात सुन कर रज़िया बीबी के होंठो पर एक मुस्कराहट फेली.
में आप को बेगम और जान कह कर पुकारूँगा, मेरी बेगम रज़ैईईईईईईईईईईईईईईई जनणनिईीईईईईईईईईईई” अपनी अम्मी के साथ निकाह के बंधन में बँधते ही ज़ाहिद ने ज़िंदगी में पहली बार रज़िया बीबी को अम्मी कहने की बजाय “बेगम” और “जान” कह कर पुकारा.
तो अपने बेटे के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी की चूत में लगी आग की शिद्दत पहले से बढ़ गई. और उस ने मज़ीद जोश में आते हुए ज़ाहिद के लंड से निकलने वाली पानी के आखरी क़तरे को भी लंड की टोपी से चाट चाट कर सॉफ कर दिया.
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में आप को बेगम और जान कह कर पुकारूँगा, मेरी बेगम रज़ैईईईईईईईईईईईईईईई जनणनिईीईईईईईईईईईई” अपनी अम्मी के साथ निकाह के बंधन में बँधते ही ज़ाहिद ने ज़िंदगी में पहली बार रज़िया बीबी को अम्मी कहने की बजाय “बेगम” और “जान” कह कर पुकारा.
तो अपने बेटे के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी की चूत में लगी आग की शिद्दत पहले से बढ़ गई. और उस ने मज़ीद जोश में आते हुए ज़ाहिद के लंड से निकलने वाली पानी के आखरी क़तरे को भी लंड की टोपी से चाट चाट कर सॉफ कर दिया.
अपने शोहर बेटे के लंड के वीर्य को पहली बार अपने हलक़ में उतारने के बाद रज़िया बीबी फर्श से उठ कर ज़ाहिद के सामने खड़ी हो गई.
ज़ाहिद के सामने खड़े हो कर दोनो मियाँ बीवी की नज़रें आपस में चार हुईं.
तो अपनी बीवी माँ के होंठो को अपने लंड के सफेद पानी से तर देख कर ज़ाहिद का ढीला पड़ते लंड में फिर से सख्ती आने लगी.
“उफफफफफफफफफ्फ़ आप ने मेरे लंड की मनी खा कर ये साबित कर दिया है, कि आज आप मुझ से चुदवाने नही, बल्कि मुझे चोदने आई हैं बेगम” ज़ाहिद अपनी अम्मी के होंठो पर लगा हुआ अपने लंड का पानी देख कर पागल हो गया.
ज़ाहिद ने फॉरन आगे बढ़ कर अपनी अम्मी के नंगे वजूद को अपनी बाहों में भरा. और अपनी नई नवेली दुल्हन के होंठो पर अपने होंठ रख कर रज़िया बीबी के मुँह पर लगे हुए अपने ही लंड का वीर्य को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
कुछ देर दोनो माँ बेटे एक दूसरे का वजूद को अपनी बाहों में कस कर एक दूसरे के जिस्मों पर अपने हाथ घुमाते हुए एक दूसरे की ज़ुबान से ज़ुबान लड़ाते रहे.
“हाईईईईईई मेरेयययी सर्र्र्र्ररर…”अपनी मोटी टाँगों के दरमियाँ से अपनी पानी छोड़ती चूत के मुँह पर रगड़ खाते ज़ाहिद के बड़े लंड को महसूस कर के रज़िया बीबी सिसकी तो सही.
मगर चाहने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद को अपना सरताज ना कह पाई और एक दम हकलाने लगी.
बचपन से ले कर जवानी तक ज़ाहिद को बेटा कह कर पुकारने की वजह से रज़िया बीबी के लिए अब ज़ाहिद को अब एक दम से अपना ख्वाविंद कह कर बुलाने में थोड़ी दिक्कत और हिचकिचाट महसूस हो रही थी.
मगर अपनी अम्मी के विपरीत ज़ाहिद तो अब अपनी अम्मी को अपनी दूसरी बीवी के रूप में कबूल करते हुए रज़िया बीबी को बेगम, जान और जानू जैसे इलफ़ाज़ से पुकारने लग गया था.
इस की वजह शायद ये रही कि अपनी सग़ी बहन शाज़िया को अपनी बीवी बनाने के बाद ज़ाहिद शाज़िया को बहन की बजाय जानू और ज़ोज़ा वगेरा कह कर बुलाने की आदत पहले ही पड़ चुकी थी.
इसी लिए अब अपनी सग़ी अम्मी को माँ की बजाय बीवी की तरह बुलाना ज़ाहिद को ज़्यादा दूस्वार नही लग रहा था.
ये वजह थी कि ज्यों ही रज़िया बीबी के भारी मम्मे ज़ाहिद की नंगी छाती के साथ चिपके. तो ज़ाहिद ने एक दम से अपनी अम्मी के मोटे मम्मे को हाथ में कसते हुए कहा “उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी बेगम के ये बड़े बड़े मम्मे तो बहुत ही जान लेवा है ”.
“अब आ बिस्तर पर लेट जाए ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” कुछ देर अपने बेटे ज़ाहिद से अपने मम्मे दबवाने और ज़ाहिद के मुँह में उस के अपने लंड का पानी मुन्तिक़ल करने के बाद रज़िया बीबी अपने बेटे से अलग हुई.
और एक गहरी साँस ले कर ज़ाहिद से यूँ मुकतिब हुई. जैसे एक बीवी अपने शोहर से मुकतिब होती है.
“मुझे बिस्तर पर लिटा कर क्या करने का इरादा है तुम मेरी जान” अपनी अम्मी का उसे यूँ एक शोहर की तरह पुकारने का अंदाज़ ज़ाहिद के दिल को भा गया.
इसी लिए ज़ाहिद भी अब अपनी अम्मी के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने आप को आहिस्ता आहिस्ता अपनी ही अम्मी के शोहर के रूप में ढालने लगा था.और इस नये रूप को इख्तियार करने के दोरान ज़ाहिद को एक अजीब सी खुशी और मज़ा मिल रहा था.
“में आप को बिस्तर पर लिटा कर ना सिर्फ़ आप का लंड दुबारा चूसना चाहती हूँ, बल्कि इस के साथ साथ अब अपनी चूत भी आप से चटवाना चाहती हूँ, जानुउऊुउउ” इस बार रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के दिल और लंड पर मज़ीद अँगारे बरसाते हुए एक अदा के साथ अपने शोहर बेटे से ये बात कही.
जिस की वजह से ज़ाहिद के लिए इनकार मुमकिन ही ना रहा. और किसी फर्माबर्दार शोहर की तरह अपनी बीवी का हुकम मानते हुए ज़ाहिद फॉरन बिस्तर पर जा लेटा.
ज़ाहिद के बिस्तर पर लेटते ही रज़िया बीबी भी बिस्तर पर चढ़ गई.
बिस्तर पर आते ही रज़िया बीबी ने अपनी दोनो टांगे चौड़ी कर के बिस्तर पर लेटे ज़ाहिद के जिस्म के दोनो ओर रखीं.
तो रज़िया बीबी अपने जवान बेटे के जिस्म पर इस अंदाज़ में आ गई. कि रज़िया बीबी की गान्ड का रुख़ तो ज़ाहिद के मुँह की तरफ था.जब कि रज़िया बीबी का मुँह अपने बेटे ज़ाहिद के पेट पर सुस्त (लेज़ी) पड़े हुए उस के लंड की तरफ था.
ज़ाहिद के जिस्म के उपर इस अंदाज़ में बैठ कर रज़िया बीबी ने अपने भारी जिस्म को नीचे झुकाया.
तो रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि का मुँह बिस्तर पर लेटे ज़ाहिद के मुँह के बिल्कुल आन उपर आ गया.
रज़िया बीबी की चूत अपने जवान बेटे के मुँह के इतने करीब हुई.
तो रज़िया बीबी की पानी छोड़ती फुद्दि से उस की चूत का नमकीन पानी बारिश के पहले क़तरे की तरह टपक कर ज़ाहिद के खुले मुँह से उस के हलक़ में उतर गया.
“हाईईईईईईईईईईई शाज़िया की तरह आप की फुद्दि के पानी का ज़ायक़ा भी बहुत मज़े दार है बेगम” अपनी अम्मी की चूत को बिना छुए ही फुद्दि के पानी का स्वाद चाख कर ज़ाहिद मस्त हुआ. और अपने मुँह को अपनी अम्मी की चूत के मज़ीद पास ला कर अपनी अम्मी की बिना बालों वाली,फूली हुई चूत की महक को अपने नथुनो से सूंघते हुए कहने लगा.
ज़ाहिद इस पोज़िशन में बिस्तर पर लेट कर नीलोफर और अपनी बहन शाज़िया की चूत को कई दफ़ा चाट चुका था.
और चूत चाटने के इस अंदाज में तो ज़ाहिद को अब इतनी महारत हासिल हो चुकी थी. कि ज़ाहिद इस महारत की वजह से उसे पाकिस्तान के “सितारही इम्तियाज़” (प्राइड ऑफ पर्फॉर्मेन्स) अवॉर्ड के लिए नामज़द किया जा सकता था.
इसी लिए ज्यों ही ज़ाहिद के मुँह के उपर झुकी हुई रज़िया बीबी की चूत के लब अपने बेटे के मुँह के नज़दीक हुए.
तो अपनी अम्मी की फुद्दि से निकलने वाली खुसबू को नाक के रास्ते अपने जिस्म में उतारते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ उपर बढ़ा कर सब से पहले अपनी अम्मी के मोटे और भारी मम्मो को अपने हाथों में थामा.
और फिर नीचे से अपने मुँह को पूरा खोल कर अपनी अम्मी की चूत की फूली हुई पंखुड़ियों को अपने मुँह में भर लिया.
हाला के शाज़िया अपनी अम्मी की चूत को चाट कर रज़िया बीबी को चूत चटाई के स्वाद से पहले ही रोशनास करवा चुकी थी.
मगर इस के बावजूद ज़ाहिद ने ज्यों ही आज पहली बार अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को अपने गरम मुँह में भरा.
तो अपने जवान शोहर की गरम ज़ुबान को अपनी सुहागन फुद्दि के साथ पहली बार टकराता हुए महसूस कर के रज़िया बीबी के जिस्म में एक सनसनी सी दौड़ गई.और मज़े और स्वाद की शिद्दत की वजह से रज़िया बीबी का मुँह खुला गया था.
रज़िया बीबी ने अपनी फुल्ती सांसो के साथ अपने दोनो हाथों से अपने बेटे के सर को थामा. और अपनी फूली हुई चूत के गुदाज होंठो को ज़ाहिद के होंठो पर तेज़ी के साथ रगड़ा.
अपनी चूत के लिप्स को अपने जवान बेटे के होंठो पर फेरते ही रज़िया बीबी सिसक उठी. और उस के मुँह से बे इकतियार निकल गया “आआआअहह”.
इधर दूसरी तरफ बे शक ज़ाहिद इस से पहले कई बार नीलोफर और अपनी बहन शाज़िया की चूत को चाट कर उन दोनो गरम फुद्दियो के पानी का स्वाद ले चुका था.
मगर इस के बावजूद अपनी अम्मी रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद के लिए भी ये पहला मोका था. जब वो ज़िंदगी में पहली बार अपनी अम्मी के उस मोटे मोटे फुद्दे को अपने मुँह में भर कर प्यार कर रहा था.
जो ज़ाहिद की जनम भूमि होने के साथ साथ अब उस की बीवी का दर्जा भी पा चुकी थी.
इसीलिए जिन्सी हवस की गर्मी में मदहोश हो कर ज़ाहिद अपने मुँह को खोल कर अपनी अम्मी की चिकनी, गरम और रस टपकाती हुई चूत पर अपनी जीभ चलाने लगा.
ज़ाहिद की नुकीली ज़ुबान की टिप ज्यों ही रज़िया बीबी की चूत की दीवारों को चीर कर उस की प्यासी फुद्दि के अंदर गुसी.
तो अपने बेटे की ज़ुबान की गर्मी को अपनी चूत की गहराई में महसूस कर के रज़िया भी मज़े से चिल्लाई, "उफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआअहह ज़ाहिद्द्द्दद्ड बहुत प्यारा लग रहा है, चाटो और चाटो म्म्म्म मममममम बहुत मज़ा आ रहा है मुझे मेरी जानंनननणणन्”
ज़ाहिद की ज़ुबान की गरमी के हाथों बे हाल होते हुए रज़िया बीबी आजे को झुकी. और ज़ाहिद के ढीले लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपने बेटे के लंड की मूठ लगाने लगी.
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