Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 01:38 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अब रज़िया बीबी अपने एक हाथ से अपने मोटे मम्मे के निपल को मसल रही थी.

जब कि दूसरे हाथ की उंगली को अपनी गीली फुद्दि के उपर रगड़ रगड़ कर अपनी गरम और प्यासी फुद्दि में लगी हुई चुदाइ की आग को अपने हाथ से ठंडा करने की कोशिश करने लगी.

अपने जिस्म की जिन्सी भूक के हाथों रज़िया बीबी इतनी मदहोश और मजबूर हो चुकी थी. कि लाख रोकने के बावजूद रज़िया बीबी के मुँह से सिसकारियाँ फूट फूट कर ना सिर्फ़ कमरे में बल्कि पूरे घर में गूंजने लगी थी.

इधर जिस वक्त रज़िया बीबी सब दुनिया से बे खबर अपनी पानी पानी होती चूत की आग को अपने हाथों से ठंडा करने की कोशिश में मसरूफ़ थी.

तो दूसरी तरफ उसी लम्हे शॉपिंग के लिए गई हुई शाज़िया भी अपने घर के सामने टॅक्सी में से उतरी.

शाज़िया के पास घर के दरवाज़े की चाभी थी. जिस को बाहर से भी खोला जा सकता था.

इसीलिए शाज़िया अपने घर के छोटे गेट का दरवाजा खोल कर अपने घर में दाखिल हो गई.

ज्यों ही शाज़िया अपने घर के टीवी लाउन्ज में आई.तो शाज़िया के कानों में किसी औरत की सिसकियों की आवाज़ सुनाई दी.

“कहीं ज़ाहिद भाई तो किसी गैर औरत को चोदने के लिए अपने साथ घर नही ले आए” दो दफ़ा सुहागन बनने की बदोलत शाज़िया इस किस्म की सिसकियो और आवाज़ों को बहुत अच्छी तरह जानती और पहचानती थी.

इस के साथ साथ शाज़िया ये बात अच्छी तरह जानती थी. कि आज कल अपनी बहन शाज़िया की फुद्दि ना मिलने की वजह से उस के भाई ज़ाहिद का लंड “फुद्दि” के लिए बहुत मचल रहा है.

इसीलिए शाज़िया ने ज्यों ही अपने घर के अन्द्रूनि हिस्से में से आती ये आवाज़ें सुनी.

तो बे इख्तियारी में शाज़िया का शक सब से पहले अपने भाई ज़ाहिद की तरफ गया.

ये ख्याल आते ही गुस्से से शाज़िया के दिमाग़ का पारा एक दम चढ़ गया.

शाज़िया ने जल्दी से ज़ाहिद भाई के लिए खरीदा हुआ गिफ्ट और केक टीवी लाउन्ज में ही रखा.और खुद दबे पावं चलते हुए घर के अंदर वाले हिस्से की तरफ चल पड़ी.

गुस्से में भरी हुई शाज़िया ज्यों ही अपनी अम्मी के कमरे के सामने पहुँची.

तो अपनी अम्मी के कमरे के अंदर का मंज़र देख कर शाज़िया के तो जैसे होश ही उड़ गये.



शाज़िया ने देखा कि कमरे के अंदर कोई गैर औरत नही बल्कि उस की अपनी सग़ी अम्मी बिल्कुल बदना (नंगी) हालत में बिस्तर पर पड़ी अपनी मोटी फुद्दि से बिल्कुल उसी तरह खेल रही थी.

जिस तरह अपनी तलाक़ के बाद रात की तेन्हाई में अक्सर शाज़िया अपने जिस्म की गर्मी के हाथों मजबूर हो कर अपनी चूत से खेला करती थी.

शाज़िया तो अपने जेहन में कुछ और ही सोच कर गुस्से की हालत में घर के अंदर की तरफ दौड़ी थी.

मगर अब अपनी अम्मी को इस नंगी हालत में देख कर ना सिर्फ़ शाज़िया के कदम फर्श (फ्लोर) पर जाकर से गये.

बल्कि उस के दिल में जनम लेने वाला गुस्सा भी रफू चक्कर हो गया.

शाज़िया ने देखा कि उस की अम्मी रज़िया बीबी बिस्तर पर कुछ इस हालत में लेटी थी.कि रज़िया बीबी का सर कमरे की दीवार की तरफ था. जब कि रज़िया बीबी के पैर कमरे के दरवाज़े की तरफ थे.

अपनी आँखे बंद कर के बिस्तर पर इस स्टाइल में लेटने की वजह से रज़िया बीबी दरवाज़े पर खड़ी अपनी बेटी शाज़िया को तो नही देख पा रही थी.

मगर कमरे से बाहर खड़ी शाज़िया को अपनी अम्मी के तेरबूज़ की तरह मोटे मोटे मम्मे,अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि और उस पर तेज़ी से चलती हुई रज़िया बीबी की उंगलियाँ बहुत वज़िया नज़र आ रही थी.

शाज़िया अभी अपनी साँसे रोके अपनी अम्मी को अपने मोटे फुद्दे और जिस्म से खेलता देख ही रही थी. कि इतने में शाज़िया के कानों में अपनी अम्मी की आवाज़ पड़ी “ओह्ह्ह ज़ाहिद के अब्बू क्यों छोड़ गये है आप मुझे इस दुनिया में अकेला,अब आप ही बताओ,में अपनी इस प्यासी चूत की आग को कैसे ठंडा करू,मेरी ये प्यासी चूत तो आज भी लंड के लिए तड़प रही है आहह उईईईईई ऊऊओ मेरी माआ”

शाज़िया तो मार्केट में ही अपने भाई ज़ाहिद से बात कर के काफ़ी गरम हो चुकी थी.

और अब अपने घर वापिस आ कर अपनी अम्मी को यूँ पहली बार अपनी आँखों के सामने अपनी फुद्दि से खेलता देखने का ये मंज़र शाज़िया के जिस्म में एक अजीब सी गर्मी पैदा कर चुका था.

इसीलिए शाज़िया ने ज्यों ही अपनी सग़ी अम्मी के मुँह से “लंड और चूत” के इलफ़ाज़ पहली बार निकलते हुए सुने.

तो शाज़िया को भी एक दम जोश आया और उस का अपना हाथ भी खुद ब खुद अपनी प्यासी और गरम “हमला” फुद्दि तक आन पहुँचा.

अपनी अम्मी की देखा देखी शाज़िया ने भी अपनी मोटी फुद्दि को अपने हाथ में जकड़ा और अपनी अम्मी के साथ ताल से ताल मिलाते हुए अपनी शलवार के उपर से अपनी फुद्दि को मसलने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईई अम्म्म्ममममममी” ज्यूँ ही शाज़िया की उंगलियाँ उस की गरम फुद्दि पर चलीं. तो अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि पर नज़रें जमाते हुए शाज़िया के मुँह से एक सिसकारी फूटी.

इधर ज्यों ही अपनी अम्मी रज़िया बीबी की तरह शाज़िया भी कमरे के बाहर खड़े हो कर अपनी फुद्दि से खेलने में मसरूफ़ हुई.

तो दूसरी तरफ कमरे में मौजूद रज़िया बीबी अपने मम्मे पर फिसलते हुए हाथ को भी अपनी फुद्दि पर लाई.



और शाज़िया के देखते ही देखते रज़िया बीबी ने अपने दोनो हाथों से अपनी फुद्दि के होंठों को पकड़ कर पूरा खोल दिया.

ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी फुद्दि के फूले हुए होंठो को अपने हाथों से पकड़ कर खोला.



तो कमरे के बाहर खड़ी शाज़िया को अपनी सग़ी अम्मी के मोटे और प्यासी फुददी को पूरा अंदर तक देखने का मोका मिल गया.

“ओह मेरी अम्मी की फुद्दि कितनी मज़े दार और प्यारी हाईईईईईईईईईईईई” शाज़िया ने ज्यों ही अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को पहली बार यूँ पहली बार अपनी आँखों के सामने खुलता देखा.



तो अपनी अम्मी की पानी छोड़ती गरम फुद्दि का अन्द्रूनि पिंक हिस्सा देख कर शाज़िया के मुँह में पानी आ गया. और इस के साथ ही बे इख्तियारि में शाज़िया की ज़ुबान उस के अपने होंठो पर फिरने लगी.

आज अपनी अम्मी के मोटे नंगे मम्मो और खास तौर पर अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि को देख कर यूँ एक दम से अपनी चूत का पानी छोड़ने पर शाज़िया खुद भी हैरान थी.

लेकिन शाज़िया का आज अपनी ही अम्मी के लिए यूँ एक दम गरम होने की वजह ये थी.कि एक तो हमाल ठहरने के बाद शाज़िया को अपने भाई ज़ाहिद का लंड मिलना बंद हो गया था.

दूसरी और मेन वजह ये थी. कि अपनी पहली शादी से ले कर अपने पहले शोहर से तलाक़ के बाद तक तो शाज़िया ये ही समझती रही थी.कि सिर्फ़ एक मर्द ही एक औरत को जिन्सी सकून पहुँचा सकता है.

मगर नीलोफर के साथ अपने जिस्मानी ताल्लुक़ात कायम होने के बाद शाज़िया को भी अंदाज़ हो गया था. कि लिसेबियन चीज़ की कोई बला भी इस दुनिया में मौजूद होती है.

फिर अपने भाई ज़ाहिद के साथ चुदाई से पहले तक नीलोफर ने शाज़िया की चूत को कई बार चाट चाट कर शाज़िया को लज़्जत की उन मंज़िलों तक पहुँचाया था.

जिन तक पहुँचने का शाज़िया ने अपनी पहली शादी शुदा ज़िंदगी में कभी तसव्वुर तक नही किया था.

नीलोफर से अपने जिस्मानी ताल्लुक़ात कायम होने के बाद शाज़िया को शुरू में तो अपनी सहेली की चूत को चाटना पसंद नही आया था.
Reply
08-12-2019, 01:38 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
मगर वक्त गुज़रने के साथ साथ शाज़िया की ज़ुबान को भी अपनी सहेली नीलोफर की चूत का कुछ ऐसा नशा चढ़ा. के उस के बाद तो शाज़िया अपनी सहली की फुद्दि की आशिक़ ही बन गई.

अब अपने भाई ज़ाहिद से शादी और फिर नीलोफर के मलेशिया चले जाने के बाद शाज़िया नीलोफर की चूत की खुश्बू,लज़्जत और चूत के नमकीन पानी को बहुत मिस कर रही थी.

इसीलिए आज इतने महीने बाद जब शाज़िया ने अपनी ही सग़ी अम्मी की गरम और मोटी फुद्दि को अपनी आँखों के सामने यूँ खुलता देखा. तो अपनी अम्मी के इस हसीन फुद्दि को देख कर शाज़िया के मुँह मे पानी भर आया.

“मेरे पास लंड तो नही, मगर में अपनी अम्मी की फुद्दि को चाट कर अपनी ज़ुबान से तो अम्मी की चूत को सकून दे ही सकती हूँ ना, और इस तरह अम्मी की फुद्दि के साथ साथ मेरी गरम ज़ुबान भी ठंडी हो जाए गी” अपनी अम्मी की पानी छोड़ती फुद्दि के मोटे और फूले होंठो को देख कर शाज़िया के दिल में ये ख्याल आया.

आज अपनी ही अम्मी के उस मोटी फुददी को देख कर ना सिर्फ़ शाज़िया अपने होश-ओ-हवस खो बैठी.

बल्कि अपनी अम्मी की गरम चूत देख कर शाज़िया के मुँह से राल भी टपकने लग पड़ी थी.

अपनी आँखों के सामने मचलती हुई अपनी अम्मी की चूत को देख कर शाज़िया को अपने उपर कोई कंट्रोल नही रहा. तो फिर बिजली की तेज़ी के साथ शाज़िया ने अपने जिस्म से सारे कपड़े उतार फैंके.

अपने घर के बरांडे में बिल्कुल नंगी होते ही शाज़िया दबे पाँव अपनी अम्मी के कमरे में दाखिल हुई. और आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई बिस्तर पर अपनी आँखे बंद किए पड़ी हुई अपनी अम्मी के पास खड़े हो कर खामोशी से अपनी अम्मी के मोटे और भारी वजूद का करीब से जायज़ा लेने लगी.

रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया की कमरे में मौजूदगी से बे नियाज़ अपनी आँखे मून्दे (क्लोज़ किए) अपनी गरम फुद्दि से खेलने में मसरूफ़ थी.

“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी अम्मी के मम्मे तो मुझ से भी बड़े हैं,ओह देखूऊऊओ तो मेरी अम्मी के डार्क ब्राउन निपल्स भी कैसे खड़े हुए हैं,और्र्र्र्ररर सब्बब्बबब से बढ़ कर मेरी अमिीईईईईईई की ये मोटी फुद्दीईईईईई कितनी प्यारी है, जिस की खूबसूरती और ताज़गी तो 5 बच्चे निकालने के बाद भी अभी तक मंद नही पाडिइईईईईईई”. बिस्तर पर लेटी रज़िया बीबी की खुली टाँगों में से अपनी अम्मी के गुदाज और भारी मम्मो और फूले होंठो वाली पानी छोड़ती फुद्दि को देख कर शाजिया ये बात सोचते हुए साथ ही साथ अपनी नंगी चूत में भी उंगली भी मार रही थी.

“हाईईईईईईईईईईईई अम्मी की चूत का पानी तो उन की फुद्दि से बह बह कर बिस्तर पर ज़ाया हो रहा है, मुझे चाहिए कि में आगे बढ़ुँ और अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना मुँह लगा कर अपनी अम्मी के इस बहते झरने का सारा पानी अपने अंदर जज़ब कर लूँ” अपनी मोटी फुद्दि पर अपनी उंगली को तेज़ी से रगड़ते हुए शाज़िया ने सोचा.

अभी शाज़िया अपनी इस सोच में ही मगन थी. कि इतने में रज़िया बीबी मज़ीद गरम होते हुए अपने दोनो हाथों को अपने बड़े बड़े चुचों (मम्मो) पर लाई.

और अपने दोनो मोटे और भारी मम्मो को अपने हाथों में ले कर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगी. इस सारे अमल के दौरान रज़िया बीबी की आँखे बदस्तूर बंद थी.

अब नीचे से रज़िया बीबी की गरम और प्यासी फुद्दि अपनी पूरी आब-ओ-ताब के साथ उस की बेटी शाज़िया की नज़रों के सामने खुली पड़ी थी.

ये शाज़िया के लिए बहुत सुनहरी मोका था. जब वो अपनी अम्मी की प्यासी फुद्दि को अपनी नुकीली ज़ुबान से ठंडा कर सकती थी.



इसीलिए इस मोके को गनीमत जानते हुए शाज़िया नीचे झुकी और बहुत आहिस्ता से अपनी अम्मी की टाँगों के दरमियाँ बैठ कर शाज़िया ने ज्यों ही अपने मुँह को अपनी अम्मी के मोटी फुद्दी के नज़दीक किया. तो रज़िया की पानी छोड़ती मोटी फुद्दी की खुसबू दार महक शाज़िया के नथुनो में समा गई.

“उफफफफफफफ्फ़ अम्मी की चूत की ये खुसबू कितनी मज़ेदार हाईईईईईईईई” अपनी अम्मी की चूत की खुसबू को सूंघते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी की फूली हुई चूत पर हाथ फेरा. और झुक कर एक दम अपनी अम्मी की पानी पानी होती गरम फुद्दी पर अपने गरम होन्ट चिस्पान कर दिए.

शाज़िया के गरम होन्ट ज्यों ही अपनी अम्मी की गीली चूत से टच हुए. तो अपनी अम्मी की चूत के बहते पानी से शाज़िया के होंठ पूरी तरह तर हो गये.

“ओह कूऊऊऊऊओन हो तूमम्म्ममममममममम”ज्यों ही शाज़िया ने अपनी अम्मी की चूत के मोटे लिप्स को अपने मुँह में भरा.

रज़िया बीबी एक दम घबरा कर अपने बिस्तर से एक फुट उपर की तरह उछली.और अपने जिस्म को छुपाने के लिए बिस्तर की चादर को अपने उपर लेने की कोशिश करने लगी.

“शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ये क्या गंदी हरकत कर रही हो तुम मेरे साथ बेटी” रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपना सर उठा कर अपनी टाँगों के दरमियाँ देखा. तो अपनी बेटी शाज़िया को अपनी फुद्दि पर मुँह मारता देख कर रज़िया बीबी ने तो होश ही उड़ गये.

“एक औरत होने के नाते जिस्म की गर्मी को में अच्छी तरह समझती हूँ, इसीलिए आप परेशान ना हों,में अभी कुछ ही देर में आप की प्यासी चूत को ठंडा कर दूंगी अम्मी” शाज़िया ने अपने मुँह को अम्मी की चूत से थोड़ा सा हटाया. और अपने होंठो पर लगे हुए अपनी अम्मी की गरम चूत के नमकीन पानी पर अपनी नुकीली ज़ुबान फेरते हुए बोली.

दूसरे ही लम्हे शाज़िया ने अपनी अम्मी के जिस्म पर पड़ी चादर को अपने हाथ में पकड़ा. और एक ही झटके में अपनी अम्मी के जिस्म से चादर खैंच कर अपनी अम्मी के मोटे जिस्म को दुबारा से पूरा नंगा कर दिया.

“तुम ये सब कयययययययययययययययययाआआआअ कर रही हो मेरे साथ शाज़िया” अपने जिस्म को अपनी बेटी के हाथों दुबारा नंगी पा कर रज़िया बीबी चीखी.

“में जानती हूँ कि जिस तरह मेरी तलाक़ के बाद मेरी ज़िंदगी बे रोनक हो गई थी, इसी तरह अब्बू की मौत के बाद आप की ज़िंदगी और चूत भी खुशक हो गई है अम्मी, आप ने मुझे तो अपने ही भाई की दुल्हन बना कर, मुझे अपने ही भाई के मोटे लंड से मज़ा लेने का मोका अता कर दिया,मगर मेरे बदकास आप अभी तक चुदाई के मज़े से महरूम हैं,इसीलिए आज में खुद अपने हाथों और मुँह से आप को भी चुदाई का मज़ा देना चाहती हूँ अम्मी” शाज़िया इतनी सारी बातें एक ही साँस में अपनी अम्मी से कह गई.

शाज़िया अपनी जिन्सी भूक के हाथों मजबूर हो कर आज एक बार फिर अपने और अपनी अम्मी के दरमिया कायम माँ बेटी के रिश्ते को ना सिर्फ़ बुला बैठी थी.

बल्कि अब एक दफ़ा अपनी ज़ुबान पर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि के पानी का नमकीन ज़ायक़ा पाते ही शाज़िया पागल हो के इस तरह की बहकी बहकी बातें करने लगी थी.
Reply
08-12-2019, 01:38 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“ये क्या बकवास कर रही हो तुम, जानती हो ना कि में तुम्हारी माँ हूँ शाज़िया” अपनी बेटी शाज़िया को अपने जिस्म की प्यास और चूत की गर्मी के मुतलक पहली बार यूँ खुल्लम खुल्ला बात करते सुन कर रज़िया बीबी सकते में आ गई. और फिर रज़िया बीबी अपना एक हाथ अपने बड़े मम्मे और दूसरे हाथ को अपनी चूत पर रख कर अपने हाथों से अपने मम्मे और फुद्दि को ढँकने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली.

“आप को याद है कि ज़ाहिद भाई से मेरी सुहाग रात के बाद आप ही ने मुझे कहा था कि नीलोफर की तरह में आप को भी एक सहेली ही समझू, इसी लिए में अब आप को एक सहेली की तरह ही तो कह रही हूँ, कि मेरे होते हुए आप को अब यूं तड़पने की ज़रूरत नही है, जिस तरह नीलोफर ने मेरी सहेली बन कर कभी मेरी फुद्दि की प्यास बुझाई थी, उसी तरह में भी आज आप की चूत की आग को अपने हाथों से ठंडा कर दूं गी अम्मी जी” ये कहते हुए शाज़िया ने रज़िया बीबी की चूत पर रखा हुआ हाथ हटाया.



और दुबारा से अपने मुँह को अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि पर रख कर अपनी अम्मी की चूत के मुलायम होंठो के अंदर अपनी गरम ज़ुबान फेरने लगी.



“आआआआआहह हमम्म्ममममममममममम शाज़िया यह बहुत गंदा कम्म्म्ममममममम हाईईईईईई मेरी बचिईीईईईईईईईई.” रज़िया बीबी शाज़िया को रोकने की कोशिश करने के दौरान सिसकारिया भरते हुए कहने लगी.

रज़िया बीबी चूँकि एक पुराने दूर की औरत थी. इसीलिए अपने मरहूम शोहर से शादी के बाद रज़िया बीबी सिर्फ़ ये जानती थी.कि जब भी ज़ाहिद के अब्बू का लंड खड़ा होता. तो वो रात को अपनी बेगम रज़िया बीबी को अक्सर पूरा नंगा किए बगैर सिर्फ़ उस की शलवार ही उतार कर अपना काम पूरा कर लेते. और फिर थोड़ी देर में ही थक कर सो जाते.

ज़ाहिद के अब्बू ने अपनी पूरी ज़िंदगी रज़िया बीबी की चूत में अपनी ज़ुबान फेरना तो दर किनार, काफ़ी दफ़ा तो अपनी उंगली भी रज़िया बीबी की चूत में नही डाली थी.

इसीलिए रज़िया बीबी की ज़िंदगी में ये पहला मोका था. जब कोई मर्द नही बल्कि उस की अपनी सग़ी बेटी शाज़िया अपनी अम्मी की फुद्दि को मज़े ले ले कर चाटने में मसगूल थी.

रज़िया बीबी अपनी ही बेटी को अपनी चूत से चिप्टा देख कर बहुत शरम महसूस कर रही थी. और उस का दिल चाह रहा था कि वो अपनी बेटी शाज़िया को अपनी फुद्दि चाटने से मना कर दे.



मगर शाज़िया की गरम ज़ुबान किसी काले नाग की तरह अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि को इस तेज़ी से डॅंक मार रही थी.कि रज़िया बीबी अपनी बेटी की ज़ुबान और मुँह के आगे अब हर मानने लगी थी.

शाज़िया ने इस से पहले अपनी सहेली नीलोफर की गरम फुद्दि कोई कई बार चूसा और चाटा था.

मगर शाज़िया को इतना मज़ा तो कभी नीलोफर की फुद्दि चाटने में नही आया था.

जितना मज़े उसे आज अपनी ही सग़ी अम्मी की फुद्दि को चाटने में आ रहा था.

इस की वजह शायद ये रही हो गी कि नीलोफर तो सिर्फ़ शाज़िया की सहेली थी.

जब कि शाज़िया आज जिस चूत को चाटने में इतना मज़ा और सवा महसूस कर रही थी. वो कोई आम चूत नही बल्कि उस की अपनी ही सग़ी अम्मी की फुद्दि थी.

शाज़िया ने अपने दोनो हाथो से अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत को फैलाया.और फिर अपनी अम्मी की चूत की तह में अपनी नुकीली ज़ुबान डाल कर अपनी अम्मी की मोटी फुददी के पानी पीने लगी.

"हाईईईईईईईईईई शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्साआआआआहह, बेटी मुझे तो आज तक पता ही नही चला कि ये ज़ुबान भी इतने कमाल की चीज़ है, जो मर्द के लंड से ज़्यादा मज़ा दे सकती है, और वो भी तब जब एक औरत दूसरी औरत की चूत को चाट्ती है, ओह चाटो और चाटो म्म्म्म मममममम बहुत मज़ा आ रहा है मुझे " अपनी बेटी शाज़िया को गर्मजोशी के साथ अपनी चूत का पानी पीते देख कर रज़िया बीबी को बहुत मज़ा आ रहा था. और इस मज़े की शिद्दत से वो अपने आप को हवा में उड़ता हुआ महसूस करने लगी थी.

(वैसे ये ज़ालिम चूत चीज़ ही ऐसी है कि इसे लाख अपना हाथ लगाओ कुछ नहीं होता. लेकेन किसी और के जिस्म का कोई भी हिस्सा औरत की चूत को छू जाए.तो उस के पूरे जिस्म में बिजली सी दौड़ जाती है.ये ही हॉल इस वक्त रज़िया बीबी का भी था. जो कि अब अपनी बेटी शाज़िया की गरम ज़ुबान के चाटने की वजह से पागल होने लगी थी.)
Reply
08-12-2019, 01:38 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
(वैसे ये ज़ालिम चूत चीज़ ही ऐसी है कि इसे लाख अपना हाथ लगाओ कुछ नहीं होता. लेकेन किसी और के जिस्म का कोई भी हिस्सा औरत की चूत को छू जाए.तो उस के पूरे जिस्म में बिजली सी दौड़ जाती है.ये ही हॉल इस वक्त रज़िया बीबी का भी था. जो कि अब अपनी बेटी शाज़िया की गरम ज़ुबान के चाटने की वजह से पागल होने लगी थी.)

रज़िया बीबी की चूत से उस की फुद्दि का पानी बारिश की बूदों की मानिंद टपक रहा था. और शाज़िया अपनी अम्मी की चूत के नमकीन स्वाद वाले पानी को चाटे जा रही थी.

अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि को चाटते चाटते शाज़िया को ना जाने क्या सूझी. कि उस ने एक लम्हे के लिए अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना मुँह हटाया.

और फिर अपनी दो उंगलियों को एक साथ जोड़ते हुए दोनो उंगलियाँ एक दम से अपनी अम्मी की मोटी फुद्दी में डाल दीं. और फिर साथ ही अपने दूसरे हाथ को अपनी अम्मी की चूत के मोटे देने पर रख कर अपने हाथ के अंगूठे से अपनी अम्मी की चूत के छोले को मसल्ने लगी.

ज्यों ही शाज़िया की उंगलियाँ रज़िया बीबी की फुद्दि में दाखिल हुईं. तो आज इतने सालों बाद किसी और की उंगलियों को अपनी चूत की गहराई में पा कर मज़े के मारे रज़िया बीबी का मुँह खुल गया और वो चल उठी "आआआआआआअहह ,ओह शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स”

इस के साथ ही रज़िया बीबी अपने हाथों को अपने मोटे मोटे पुश्ठो (मम्मो) पर ले गई.और उस ने अपने हाथों से अपने ही निपल को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया था.

असल में शाज़िया के मुँह और हाथों की हरकतों ने रज़िया बीबी के जिस्म में एक नई किस्म की जिन्सी भूक पेदा कर दी थी.

जिस की वजह से रज़िया बीबी के जिस्म की मस्ती अब अपने पूरे शबाब पर थी.और इस मस्ती की अपनी एक अलग ही दुनिया थी.

शाज़िया ये ही हरकत इस से पहले भी कई बार अपनी सहेली से कर चुकी थी.

मगर आज अपनी ही अम्मी के साथ ये हरकत दोराहने और इस पर अपनी अम्मी का रियेक्शन देख कर शाज़िया की अपनी फुद्दि भी नीचे से पानी छोड़ने लगी.

तो शाज़िया अपनी अम्मी की चूत के दाने पर फिसलते हुए अपने हाथ को अम्मी की चूत से हटा कर अपनी अम्मी की छाती पर ले गई.

और अपनी अम्मी को एक मम्मे को नीचे से पूछ करते अपने हाथ से अपनी अम्मी के मम्मे को अपनी अम्मी के मुँह के बिल्कुल नज़दीक ले गई.

“अम्मी आप अपना मुँह खोल कर अपने मम्मे को मुँह में डालो, और अपनी ज़ुबान के साथ अपने निपल को सक करो” शाज़िया ने अपने हाथ से अपनी अम्मी के गुदाज मम्मे को अपनी अम्मी के मुँह की तरफ देखते हुए रज़िया बीबी से कहा.

रज़िया बीबी तो अपनी चूत की प्यास के हाथों मजबूर हो कर अपनी सूझ बूझ गवाँ बैठी थी. और वो अब अपनी ही बेटी के हाथों में एक खिलोने की तरह खेलने में खुशी महसूस करने लगी थी.

इसीलिए रज़िया बीबी ने बिना कुछ सोचे अपना मुँह खोला. और अपनी लंभी ज़ुबान को अपने मुँह से बाहर निकाल कर अपने भारी मम्मे के तने हुए डार्क पिंक कलर के मोटे निपल को हलका सा छुआ.



“ओह”अपनी ज़ुबान से अपने निपल को छूने में रज़िया बीबी को बे इंतहा मज़ा आया कि वो बे इख्तियार सिसकने लगी.

“शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्सस्स तुम ने क्याआआआअ जदूऊऊऊऊ कर दिया है मुझ पर मेरी बचिईीईईईई” रज़िया बीबी को आज अपना ही मम्मा और निपल सक करना इतना अच्छा लगा कि वो मज़े से चिल्ला उठी..



और फिर वो अपने मम्मे को अपने मुँह में भर कर अपनी ज़ुबान से अपना निपल और उस के इर्द गिर्द के गुलाबी हिस्से को पागलों की तरह खुद ही चाटने लगी.

शाज़िया ने ज्यों ही आज अपनी अम्मी को यूँ अपना ही मोटे मम्मे सक करते देखा तो उस ने भी मज़ीद गरम होते हुए अपनी अम्मी की चूत को दाखिल अपनी उंगलियों की स्पीड बढ़ा दी. और अपनी उग्लियों से अपनी ही अम्मी की फुद्दि को ऐसे चोदने लगी. जैसे एक लंड किसी फुद्दि को चोदता है.

इस के साथ ही शाज़िया ने अपना मुँह फिर से आगे किया और अपनी अम्मी की चूत के दाने को फिर से अपने मुँह में भर लिया.

रज़िया बीबी तो अपनी बेटी की ज़ुबान और हाथों की छेड़ छाड़ से पहले ही बहुत गरम हो चुकी थी.

इसीलिए ज्यों ही शाज़िया ने रज़िया बीबी की चूत के छोले को अपने मुँह में भरा. तो रज़िया बीबी की चूत का बाँध टूट गया.

“ओह मेरी बचिईीईईईईईईईईई में फारिग होने लगी हूँ” कहते हुए रज़िया बीबी ने अचानक अपने एक हाथ को नीचे ला कर उसे शाज़िया के सर पर रखा. और शाज़िया के मुँह को अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया.

इस के साथ ही रज़िया बीबी के जिस्म मे झटके ले लेकर काँपने लगा. और उस ने अपनी चूत का सारा पानी पहली बार अपनी ही बेटी के मुँह में खारिज कर दिया.

“ओह अमिीईईईईईईई आप की चूत तो पूरी झरना (वॉटर फॉल) बन गई है, देखिए कितना रस छोड़ रही है आप की फुद्दिईईईईई.” ज्यों ही शाज़िया ने अपने मुँह में अपनी ही अम्मी की चूत का पानी बारिश के कतरो की तरह बूँद बूँद बन कर आते हुए महसूस किया. तो उस ने भी नीचे से अपना मुँह पूरी तरह खोला. और अपनी अम्मी की चूत का रस चूस चूस कर अपने मुँह में भर लिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अम्म्मी अपनी फुद्दि का पानी तो शायद (होने) से भी ज़्यादा मीठा और मज़े दार है” ज्यों ही रज़िया बीबी के जिस्म ने झटके लेना बंद किया. तो शाज़िया ने अपनी अम्मी की मोटी थाइस पर अपनी ज़ुबान रगड़ते हुए कहा.

शाज़िया अब अपनी अम्मी की मोटी रानों पर अपनी ज़ुबान को आहिस्ता आहिस्ता घुमाते हुए अपना मुँह अपनी अम्मी के मोटे और थोड़ा सा बाहर को निकले हुए पेट की तरफ ले जाने लगी.

“ओह्ह्ह्ह,हाहहााआअ,शाज़िया ऐसा मत करो,मुझे गुदगुदी हो रही है बेटी” ज्यों ही शाज़िया की गरम ज़ुबान ने अपनी अम्मी के पेट को छुआ. तो रज़िया बीबी को मज़े के साथ साथ एक दम से थोड़ी हँसी भी आ गई.

“हााहह अम्मी मेरा दिल कर रहा है,कि में आज आप के जिस्म के एक एक हिस्से को खा जाऊं” अपनी अम्मी के पेट और खास तौर पर नाफ़ (नेवेल) के आस पास के हिस्से पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने के दौरान शाज़िया अपनी अम्मी के मोटे के मोटे गोश्त को अपने दाँतों में ले कर हल्का हल्का काट भी रही थी.
Reply
08-12-2019, 01:39 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“हााहह अम्मी मेरा दिल कर रहा है,कि में आज आप के जिस्म के एक एक हिस्से को खा जाऊं” अपनी अम्मी के पेट और खास तौर पर नाफ़ (नेवेल) के आस पास के हिस्से पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने के दौरान शाज़िया अपनी अम्मी के मोटे के मोटे गोश्त को अपने दाँतों में ले कर हल्का हल्का काट भी रही थी.

“अच्छा आज मुझ पर इतना प्यार आ रहा है मेरी बच्ची को, तभी मेरे जिस्म को यूँ नोन्चे जा रही हो तुम” अपनी बेटी शाज़िया की ज़ुबान और मुँह की गुस्ताखियों अपने जिस्म पर महसूस करते हुए रज़िया बीबी स्वाद की लज़्जत से सिसकारी.

रज़िया बीबी के पेट पर से होते हुए शाज़िया के होंठ कुछ ही देर में अपनी अम्मी के मोटे और गुदाज मम्मो के तने हुए निप्पलो तक आ पहुँची.

शाज़िया ने अपनी अम्मी के भारी मम्मे के लंबे और मोटे निपल को अपने मुँह में पहली बार भर कर चूसा. तो रज़िया बीबी के मम्मे का निपल्स उस की बेटी शाज़िया के मुँह के थूक से पूरा गीला हो गया.

“अहह शाज़िया आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज तो तू मुझे पागल ही कर के छोड़ेगी मेरी बच्ची” अपनी बेटी की गरम ज़ुबान को अपने तने हुए निपल पर चलता हुआ पा कर रज़िया बीबी फिर से गरम होने लगी.

रज़िया बीबी ने जोश में आते हुए अपनी बड़ी छाती पर झुके हुए अपनी बेटी शाज़िया के सर को अपने अपने हाथ में थामा. और शाज़िया के सर को ज़ोर से नीचे दबाया.

रज़िया बीबी की इस हरकत से शाज़िया का मुँह खुल गया.

जिस की वजह से रज़िया बीबी के मोटे मम्मे का तकरीबन आधा हिस्सा शाज़िया के खुले हुए मुँह में समा गया.

शाज़िया को अपनी अम्मी का ये वलिहाना पुन अच्छा लगा. और उस ने मज़ीद जोश में आते हुआ एक बच्चे की तरह अपनी अम्मी के मोटे मम्मे को सक करना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर अपनी अम्मी के एक मम्मो को चूमने और चाटने के बाद शाज़िया ने दूसरे मम्मे का निपल अपने मुँह मे लिया. और फिर वो अपनी अम्मी के दूसरे मम्मे को भी अपनी ज़ुबान और मुँह से चूमते और चाटते हुए प्यार करने लगी.

“ओह मेरी बचिईीईईईईईईईईई क्याआआ मज़ा दे रही हो तुम आज अपनी अम्मी कूऊऊऊऊओ” रज़िया बीबी अपनी बेटी के सर पर प्यार से हाथ फिराते हुए मज़े के साथ सिसकियाँ ले रही थी.

शाज़िया अब अपनी अम्मी के मम्मो से अपना मुँह से निकाल कर मज़ीद थोड़ा उपर उठी.

तो दोनो माँ बेटी के दहक्ते नंगे जिस्म सर से पैर तक पूरे के पूरे एक दूसरे के जिस्मों के बिल्कुल आमने सामने आ गये.

दोनो माँ बेटी की आँखे आपस में मिलीं. तो दोनो ने एक दूसरे की आँखों में एक जिन्सी हवस और प्यास देखी.

एक दूसरे की आँखों में आँखे डाल कर ज्यों ही रज़िया बीबी और शाज़िया ने एक दूसरे को देखा. तो दोनो माँ बेटी एक दूसरे को देख कर बे शर्मी से मुस्कराने लगीं.

“उफफफफ्फ़ अगर मुझे ये पता होता कि आप की चूत का पानी इतना मज़े दार है,तो में तो बहुत पहले ही आप की चूत के पानी का ज़ायक़ा चुख चुकी होती,अम्मी जान” शाज़िया ने ये कहते हुए अपनी अम्मी के गुदाज होंठो पर अपने लब चिस्पान कर दिए.

रज़िया बीबी आज अपनी सग़ी बेटी से अपनी चूत चाटवा कर अब अपनी बेटी के रंग में पूरी तरह रंग चुकी थी.

इसीलिए शाज़िया की गरम ज़ुबान ने ज्यों ही अपनी अम्मी के होंठो को छुआ. तो रज़िया बीबी का मुँह भी खुद ब खुद खुल गया.

शाज़िया की ज़ुबान अपनी अम्मी के मुँह में दाखिल हो कर अपनी आमी की ज़ुबान से टच हुई.

और फिर दोनो माँ बेटी एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे की ज़ुबान को बहुत गरम जोशी से सक करने लगी.

“शाज़िया आज तुमने मेरी चूत को अपने मुँह से सकून पहुँचा कर मुझे मज़े की जिस नई दुनिया से रोशनाश करवाया है में उस के लिए तुम्हारी बहुत शूकर गुज़ार हूँ मेरी बचिईीईईई” अपनी बेटी के मोटे होंठो का रस चुसते हुए रज़िया बीबी ने अपनी बेटी का शुक्रिया अदा किया.

रज़िया बीबी अपनी बेटी के हाथों और मुँह की मेहरबानी की वजह से एक दफ़ा अपनी चूत का पानी अपनी ही बेटी के मुँह में खारिज कर के शाज़िया की तरह अब शर्म-ओ-हैया का दामन तो पहले ही छोड़ चुकी थी.

इसीलिए बिना किसी शरम के रज़िया बीबी भी खुलम खुल्ला अपनी बेटी शाज़िया से अपने जज़्बात का इज़हार करने लगी थी.

“आप की चूत की गर्मी तो कुछ कम हो चुकी है,मगर मेरी फुद्दि में अभी तक आग भड़क रही है अम्मी” अपनी अम्मी की बात सुन कर शाज़िया भी अपनी अम्मी के गुदाज होंठो को ज़ोर से काटते हुए बोली.

इस के साथ ही शाज़िया ने अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में ले कर अपने साथ कसा. तो दोनो माँ बेटी की छातियाँ एक दूसरे के साथ रगड़ खाने लगीं.

“मुझे बताओ में कैसे तुम्हारी चूत की गर्मी दूर करूँ मेरी बच्ची” अब रज़िया बीबी ने पहली बार अपनी सग़ी बेटी की जवान छाती को अपनी मुट्ठी में काबू किया. और फिर बहुत जोश से रज़िया बीबी ने अपनी बेटी के मम्मे को अपने हाथ से दबाया.

“ओह अम्मिईीईईईईईईईई जैसे मेने आप को चूत को चाट कर आप की गरम चूत को ठंडा किया है,वैसे ही आप भी अब मेरी फुद्दि को चाटो नाआआआआआआ” शाज़िया ने अपनी अम्मी से फरमाइश की.

“शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्सस्स मेने आज तक किसी औरत की चूत नही चाटी, इसीलिए मुझ से ये काम शायद ना हो सके मेरी बच्ची” रज़िया बीबी अपनी बेटी से अपनी चूत चटवा कर मज़ा तो ले चुकी थी.

मगर अब अपनी बेटी की चूत को चाटने में रज़िया बीबी को ना जाने क्यों घिन आ रही थी.

इसीलिए रज़िया बीबी थोड़ा सोच कर अपनी बेटी की बात का जवाब दिया.

“अम्मी को शायद फुद्दि की स्मेल अच्छी नही लगती,या वो फुद्दि चाटने को एक गंदा काम समझती हैं ,इसी लिए वो अब मेरी चूत को चाटने में शर्म और झिझक महसूस कर रही है” शाज़िया ने अपनी अम्मी की हिच किचाहट को देख कर अपने दिमाग़ में सोचा.

मगर नीलोफर से अपने लेस्बियन ताल्लुक़ात कायम करने और अपनी ही भाई के लंड को लेने के बाद जिन्सी मामोलात में शाज़िया भी अब एक माहिर खिलाड़ी बन चुकी थी. इसीलिए वो भी अब हार मानने को तैयार नही थी.

इसीलिए बातों बातों के दरमियाँ शाज़िया ने अपनी एक टाँग को अपनी अम्मी की टाँग के नीचे से क्रससिंग करते हुए अपनी जवान फुद्दि को अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि के साथ लगाया.

और अपनी अम्मी के भारी चुतड़ों को अपने हाथों में थामते हुए अपनी जवान और गरम फुद्दि को अपनी अम्मी की नरम और मोटी फुद्दि के होंठो के साथ ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.
Reply
08-12-2019, 01:39 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“ओह शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स” ज्यों ही शाज़िया ने अपनी चूत को अपनी अम्मी की फुद्दि से रगड़ा. तो अपनी बेटी की चूत की गर्मी से रज़िया बीबी की चूत भी फिर से भड़क उठी.

“अमिीईईईईईईईईई मेरी फुद्दीईईईईईईइ कहूऊऊऊऊऊऊ ना प्लेआस्ीईईई” शाज़िया ने जोश में अपनी अम्मी से दुबारा इल्तिजा की.

रज़िया बीबी को आज उस की अपनी ही सग़ी बेटी शाज़िया चुदाई की वो नई राहे दिखा रही थी.

जिन पर चलना तो दूर ,रज़िया बीबी ने इन चीज़ों के बारे में इस से पहले कभी सोचा तक नही था.

जिस तरह अपनी सग़ी बेटी से अपनी चूत और मम्मे चटवाने का आज का ये तजुर्बा रज़िया बीबी के लिए नया था.

बिल्कुल उसी तरह शाज़िया के साथ किस्सिंग और चूत रगडाइ का ये स्टाइल भी रज़िया बीबी के लिए बिल्कुल नया था.

और अपनी बेटी के हाथों से चुदाई के ये नये मज़े पा कर रज़िया बीबी भी बहकने लगी थी.

“वैसे तो मेने आज तक किसी औरत ही चूत नही चाटी,मगर तुम्हारी मोहब्बत में आज मैं ये काम भी करने को तैयार हूँ मेरी बच्ची” अपनी बेटी के हवस भरे लहजे में की गई ये इल्तिजा सुन कर रज़िया बीबी ने शाज़िया से कहा.

फिर रज़िया बीबी ने अपने हाथ को शाज़िया की छाती पर लेजा कर अपनी बेटी का मोटा मम्मा उमेठा.

और अपने सिर को झुका कर अपनी बेटी के जवान मम्मे के लंबे निपल पर अपनी ज़ुबान घुमाने लगी.

“हाईईईईईईईईईईई अम्मिईीईईईई जानंननननननणणन्” अपने मम्मे को अपनी अम्मी के मुँह में पा कर शाज़िया बे करार हो गई. और उस की चूत ने नीचे से अपना पानी निकालना शुरू कर दिया.

“अपनी प्यासी बेटी के निपल्स को काट खाओ अम्मी जीिइईईईईईईईईईईईई” शाज़िया ने अपने मम्मे पर झुके हुए अपनी अम्मी के सर को अपने मोटे मम्मे पर ज़ोर से दबाते हुए कहा.

आज रज़िया बीबी के अंदर की चुड़क्कड़ औरत को उस की सग़ी बेटी ने अपने हाथों और मुँह से मुकम्मल बेजार कर दिया था.

शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अब रिश्तों की शर्म-ओ-हया को भुला कर अपनी बेटी को वो ही मज़ा देने पर तूल चुकी थी.

जो मज़े वो चन्द मिनट्स पहले अपनी बेटी के लबों से हाँसिल कर चुकी थी.

इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया के कहने के मुताबिक अपनी बेटी के मोटे मम्मे को अपने मुँह में भर कर ज़ोर से दाँतों से काटा.

तो शाज़िया के मुँह से दरद और मज़े की शिद्दत की वजह से सिसकियाँ निकालने लगीं.

रज़िया बीबी बे शक आज पहली बार एक औरत के मम्मो को अपने मुँह में ले कर चूस रही थी.

मगर इस के बावजूद रज़िया बीबी के जोश और वलिहाना प्यार को देख कर ये हरगिज़ नही महसूस होता था. कि रज़िया बीबी ने मम्मे चुसाइ का ये काम पहले कभी नही किया.

इस की वजह शायद ये रही हो गी. कि शाज़िया की तरह रज़िया बीबी को भी इस बात से ज़्यादा मज़ा आ रहा था. कि जिस औरत के मम्मो से वो आज पहली बार खेल रही है. वो कोई और नही बल्कि उस की अपनी सग़ी बेटी है.

इसीलिए रज़िया बीबी अब अपनी बेटी शाज़िया की दोनो जवान छातियों को बार बार अपने मुँह में ले कर अपने होंठो और ज़ुबान से प्यार किए जा रही थी.

“ओह मेरिइईईईई चूत्त्त्त्त्त्त का कुछ करने अम्मिईीईईईईईईईईईईई” अपनी अम्मी का प्यार अपने मम्मो पर पहली बार पा कर शाज़िया से जब सबर ना हुआ. तो सिसकारते हुए तकरीबन चिल्ला उठी.

“ठीक है अपनी टाँगे खोल दो मेरे लिएयययययी,मेरी बचिईीईईईईईईई” थोड़ी दार तक अपनी बेटी के मम्मो को एक एक कर के किस और सक करने के बाद रज़िया बीबी अपनी बेटी के मम्मो को छोड़ कर नीचे हुई.

और बिस्तर पर चित लेटी अपनी बेटी शाज़िया की गुदाज और सुडोल रानों को अपने हाथ से खोल कर चोडा कर दिया.

“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अब में समझी कि मेरा बेटा क्यों अपनी ही बहन की चूत के लिए इतना खुमार हो रहा था, मेरी बेटी की फुद्दि है इतनी खूबसूरत कि जो कोई भी इसे देखे वो पागल हो जाए इस चूत के लिएययययययी मेरी बच्ची” शाज़िया की फूली हुई चूत ज्यों ही अपनी अम्मी के सामने हुई. तो एक औरत और सग़ी माँ होने के बावजूद रज़िया बीबी अपनी बेटी की इस जवान और मोटी फुद्दि की तारीफ किए बिना ना रह सकी.

ऐसी बातें ना करें अम्मी जान” शाज़िया अपनी अम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर शरमा गई.और बे इख्तियारी में अपनी खुली टाँगों को बंद करने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईई अब अपनी बारी आने पर, यूँ शरमाने लगी हो, जैसे कोई कंवारी लड़की अपने महबूब से पहली मुलाकात पर शरमाती है” रज़िया बीबी शाज़िया को यूँ शरमाता देख कर मुस्कारने लगी.

इस के साथ ही रज़िया बीबी ने शाज़िया की खुली टाँगों के सामने झुक कर अपने हाथों से अपनी बेटी की चूत के बंद लिप को अपने हाथ से खोला.

तो शाज़िया की चूत का मुँह ऐसे खुल गया. जैसे कोई बंद कली खिल कर फूल बन जाती है.

बे शक शाज़िया के मुक़ाबले रज़िया बीबी अभी तक पूरी तरह लेस्बियन नही बनी थी.

मगर इस के बावजूद अपनी बेटी की जवान चूत का मुँह यूँ अपने सामने खुलता देख कर रज़िया बीबी के मुँह में पानी आ गया.

“ये तो वो ही चूत है जहाँ मेरे बेटे का जवान और मोटा लंड हर रोज़ दाखिल होता है” अपनी बेटी की मोटी फूली हुई चूत के सुराख को देख कर रज़िया बीबी ने सोचा.

इस के साथ ही गरम होते हुए रज़िया बीबी ने एक दम अपना मुँह अपनी बेटी की फुद्दि के नज़दीक किया. तो चूत की मखसोस बू (स्मेल) रज़िया बीबी के नाक में समाई.




“नहियीईईईईईईई में ये नही कर पाऊँ गी” अपनी बेटी की चूत की बू को सूंघते ही रज़िया बीबी के दिल ने अपने चूत को चाटने का इरादा तरह्क करने का सोचा.

“अगर मेरी बच्ची मेरे जिस्म को सकून पहुँचाने के लिए मेरी फुद्दि खा सकती है,तो मुझे भी अभी उसी तरह शाज़िया की चूत को चाट कर अपनी बच्ची की चूत की प्यास बुझानी चाहिए” ये ख्याल आते ही रज़िया बीबी ने अपने मुँह को मज़ीद आगे किया. और उस ने पहली बार अपनी सग़ी जवान बेटी की गरम और प्यासी चूत के लिप्स पर अपना मुँह रख दिया.

“आआआआआआआअ अम्मी जानंनननननननननननणणन्” ज्यों ही रज़िया बीबी के गरम होंठ अपनी बेटी की चूत के मोटे लिप्स को छेड़ते हुए शाज़िया की गरम फुद्दि के अंदर दाखिल हुए.

तो शाज़िया का बदन एक दम से अकडा. और शाज़िया के मुँह से एक लज़्जत भरी आवाज़ फूट पड़ी. जो कि कमरे से बाहर निकल कर पूरे घर में गूँज गई.
Reply
08-12-2019, 01:39 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
इधर जिस वक्त शाज़िया ने अपनी अम्मी के मुँह की गरमाइश को अपनी चूत पर महसूस कर के ज़ोर की सिसकी ली.

ठीक उसी वक्त ज़ाहिद अपने घर का छोटा गेट खोल कर अपने घर के अंदर दाखिल हुआ.

वैसे तो ज़ाहिद अब से कुछ टाइम पहले अपनी बहन शाज़िया को तो आज रात घर लेट आने का कह चुका था.

मगर अपनी बहन शाज़िया से ये बात कहने के बाद ही ज़ाहिद को एक पोलीस कॉन्स्टेबल से पता चला. कि एसएचओ साब ने जिस काम के लिए ज़ाहिद को आज रात देर तक रुकने का कहा था. वो काम अब अगले वीक तक लेट हो गया. इसीलिए एसएचओ साब ने ज़ाहिद को आज के लिए फ्री कर दिया है.

ज़ाहिद को अब अपने थाने में खास मसरूफ़ियत तो थी नही. इसीलिए वो थाने से निकल कर अपने घर चला आया.

अपने घर में दाखिल होते ही ज़ाहिद के कान में शाज़िया की सिसकी भरी आवाज़ पड़ी. तो शक के मारे शाज़िया की तरह ज़ाहिद के भी कान खड़े हो गये.

“ज़रा जा कर देखूं तो सही,कि आज मेरे घर में क्या तमाशा चल रहा है” ज़ाहिद ने शाज़िया की सिसकी सुनते ही सोचा.

और फिर अपनी बहन शाज़िया की तरह वो भी दबे पाँव घर के अंदर की तरफ चल पड़ा.

जिस वक्त ज़ाहिद अपने घर के अंदर पहुँचा. तो उस ने देखा कि उस की अम्मी के कमरे के अंदर उस की बहन शाज़िया अपनी आँखे बंद किए बिस्तर पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई है.



जब के उस की सग़ी अम्मी रज़िया बीबी उस की बहन शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ झुक कर अपनी ही सग़ी बेटी की गरम चूत को चाटने में मसरूफ़ है.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी रज़िया बीबी के इस तरह आगे को झुक कर अपनी बेटी शाज़िया की चूत को चाटने के अमल के दोरान उस की अम्मी की मोटी और भारी गान्ड पीछे से उपर को उठी हुई थी.

जिस की वजह से रज़िया बीबी के गान्ड के मोटे चूतड़ पीछे से फैल कर मज़ीद चौड़े हो गये थे.

“मुझ से शादी से पहले तो शाज़िया अपनी सहेली नीलोफर से अपनी फुद्दि चटवाती रही है,अब नीलोफर के जाने के बाद,लगता है शाज़िया ने अम्मी को भी इसी राह पर लगा दिया है शायद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” ज़ाहिद को शाज़िया और नीलोफर के आपस में लेस्बियन तलोकात का तो बहुत अच्छी तरह ईलम था.

मगर अपनी अम्मी और बहन को आपस में ही अपने जिस्मानी ताल्लुक़ात कायम करने का ख्याल तो ज़ाहिद के ख्वाब में भी कभी नही आया था.

इसीलिए उसे आज अपनी अम्मी को यूँ मस्त हो कर अपनी ही बेटी की फुद्दि ख़ाते देख कर बहुत हैरत हुई.

अपनी अम्मी के कमरे के अंदर अपनी बहन/बीवी और अपनी सास/अम्मी का आपस में जिस्मानी खेल देख कर एक लम्हे के लिए ज़ाहिद के हाथों के तोते तो उड़ गये.

मगर दूसरे ही लम्हे लटक कर बिस्तर की चादर से टच होते अपनी अम्मी के मोटे मम्मे और पीछे से हवा में उठी हुई अपनी अम्मी की भारी गान्ड की चौड़ी फांकों को देख कर ज़ाहिद का लंड उस की पॅंट में फनफना उठा.

“आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज कुछ भी हो जाए आज में शाज़िया के सामने ही अम्मी के नाम की मूठ लगा कर रहूं गा” ज़ाहिद ने बेचैनी से अपनी पॅंट में खड़े लंड पर अपना हाथ पकड़ते हुए सोचा.

इस के साथ ही ज़ाहिद अब मज़ीद सबर किए बगैर अपनी शर्ट और पॅंट उतार कर कमरे के बाहर बिल्कुल नंगा हुआ.

और अपनी अम्मी के मोटे जिस्म और चौड़ी गान्ड को पीछे से देखते हुए अपने तने हुए लंड को पकड़ कर अपनी मूठ लगाने लगा.

ज़ाहिद कमरे के बाहर जिस जघा ख्रे हो कर अपनी बहन और अम्मी का ये दिलचस्प खेल देखने में मसरूफ़ था.

वो जगह बिस्तर पर दरवाज़े की तरफ मुँह कर के लेटी हुई शाज़िया की तो नज़र में तो आ सकती थी.

मगर रज़िया बीबी के मुँह का रुख़ कमरे की दीवार की तरफ होने की वजह से ज़ाहिद की अम्मी अपने बेटे की कमरे से बाहर मौजूदगी को नही जान सकती थी.

इधर ज्यों ही ज़ाहिद अपने कपड़े उतार कर अपने लंड की मूठ लगाने में मसरूफ़ हुआ.

तो दूसरी तरफ कमरे में मौजूद शाज़िया ने अपनी बंद आँखों को एक दम से खोला.

अपनी आँखे खोलते ही शाज़िया की नज़र जैसे ही कमरे के बाहर खड़े हुए अपने नंगे भाई पर पड़ी.

तो ज़ाहिद भाई की इस वक्त घर आमद और सब से बढ़ कर अपने भाई को अपनी अम्मी के नंगे वजूद को देखने के दौरान अपने लंड की मूठ लगाते हुए पा कर शाज़िया एक दम से चौंक गई.

“उफफफफफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईईईईई यहाँ क्या कर रहा हाईईईईईईईईईईईईईई,इस वक्त्त्त्त,उस ने तो आज लेट आने का कहा था” अपने भाई की मौजूदगी में अपनी ही अम्मी से अपनी फुद्दि को चटवाते हुए,एक सेकेंड के लिए शाज़िया को थोड़ी शरम महसूस हुई.

“चलूऊऊऊ एक ना एक दिन भाई को पता तो चल ही जाना था,कि अब भाई की तरह, हमारी सग़ी अम्मी भी अपनी ही बेटी की चूत की पुजारी हो चुकी है” दूसरे ही लम्हे शाज़िया के दिल में ख्याल आया.

इस के साथ ही दोनो बहन भाई की नज़रों का आपस में मिलाप हुआ.

तो अपनी अपनी जिन्सी भूक के हाथों मजबूर दोनो बहन भाई एक दूसरे को देख कर बे शर्मी से मुस्करा दिए.

“अमिीईईईईईईईईईईई मेरी चूत्त्त्त्त्त्त्त्त के अंदर तक अपनी ज़ुबान को ले जाओ नाआआआअ प्लेआस्ीईईई” अपने भाई की आँखों में आँखे डालते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी से कहा.

और उस के साथ ही शाज़िया अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर अपनी चूत को अम्मी के मुँह पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईई शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स तुम्हारी चूत का पनीईईईईइ तो बहुत ही मज़े दार हाईईईईईईईईईईई मेरी बचिईीईईईईई” ज्यों ही शाज़िया ने गरम जोशी से अपनी अम्मी के होंठो पर अपनी गरम चूत को रगड़ा.

तो रज़िया बीबी ने भी उसी गरम जोशी से अपनी बेटी की चूत के अंदर तक अपनी लंबी ज़ुबान को घुमाते हुए कहा. और अपनी जवान बेटी की फुद्दि से निकलने वाले लेस दार पानी को “शारप शारपप्प्प्प्प्प” कर के चाटने लगी.
Reply
08-12-2019, 01:39 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“हाईईईईईईईईई लगता है कि शाज़िया की तरह मेरी अम्मी की फुद्दि की गर्मी भी इतनी बढ़ चुकी है कि आज अम्मी को कुछ समझा नही आ रहा कि वो क्या कर रही है और क्या बोले जा रही हैं” कमरे के बाहर खड़े ज़ाहिद ने जब अपने कानो से अपनी सग़ी अम्मी को इस तरह की गरम बातें करते पहली बार सुना.तो ज़ाहिद को अपने कानो पर यकीन ना हुआ.

अपनी सग़ी अम्मी को अपनी ही बेटी की चूत चाटते और फिर शाज़िया की मोटी गरम फुद्दि की तारीफ करते सुन कर ज़ाहिद तो जैसे पागल सा हो गया.

ज़ाहिद ने अपने लंड पर चलते हुए अपने हाथ को अपने मुँह के सामने ला कर अपनी हथेली पर थुका.

और फिर अपनी अम्मी की गान्ड की चौड़ी दरार को देखते हुए अपने थूक से भरे हुए हाथ के साथ अपने लंड की मूठ लगाने लगा.

“आज मोका है कि में अपने शोहर/भाई का मोटा और सख़्त लंड, अपनी आँखों के सामने,अपनी ही अम्मी की गरम फुद्दि में डलवा कर, ना सिर्फ़ अपनी अम्मी के अपने उपर कियी हुए अहसान का बदला चुका दूं,बल्कि अपने भाई को अपनी आमी की चूत दिलवा कर ज़ाहिद भाई को उन की साल गिरह का एक हसीन और गरम तोहफा भी दे दूं” कमरे के बाहर खड़े अपने भाई को अपनी अम्मी की फुद्दि के लिए यूँ गरम होता देख कर शाज़िया ने सोचा.

आपस में अपने जिस्मानी ताल्लुक़ात कायम करने के बाद शाज़िया और ज़ाहिद के दरमियाँ रिश्तों की शरम-ओ-हया तो कब की ख़तम हो चुकी थी.

इसीलिए आज अपनी नज़रों के सामने अपनी ही अम्मी को अपने शोहर/भाई से चुदवाने का ख्याल दिल में आने पर शाज़िया को अपनी इस सोच पर ज़रा सी भी नदमत महसूस नही हो रही थी.

बल्कि अपनी इस सोच पर शरम महसूस करने की बजाय. इस ख्याल के दिल में आते ही शाज़िया की चूत ने तो पहले से भी ज़्यादा पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

अपनी इस सोच को अमली जामा पहनाने के लिए फिर दूसरे ही लम्हे शाज़िया ने अपने भाई ज़ाद की आँखों में देखते हुए.

अपने भाई ज़ाहिद को अपनी आँखों ही आँखों से आगे बढ़ कर अपनी अम्मी की फुद्दि में अपना लंड पेलने का इशारा किया.

“क्याआआआअ शाज़िया ये कह रही है कि में कमरे में आ कर अपनी ही अम्मी की चूत में अपना लंड डाल दूं?,मुझे अम्मी के लिए मूठ लगाता देख कर बे शक शाज़िया गुस्सा नही हुई,मगर शाज़िया कभी नही चाहेगी कि में उस के सामने ही अपनी अम्मी को चोद दूं, नहियीईईईईईईईईई लगता है मुझे कोई बहुत बड़ी ग़लत फहमी हो रही है,” अपनी बहन शाज़िया की नज़रों का इशारा देख कर ज़ाहिद को हैरत हुई.और ज़ाहिद के जेहन में एक साथ कई सवालों ने जनम लिया.

अपने जेहन में आने वाले इन ख्यालो को सोच कर ही ज़ाहिद के दिल में कमरे में जाने की हिम्मत नही पेदा हुई. और ज़ाहिद बदस्तूर कमरे के बाहर ही खड़ा हो कर अपने लंड को अपने हाथ से मसलता रहा.

“एक तो में आज खुद ज़ाहिद भाई को अपनी अम्मी की इस गरम और प्यासी चूत का मज़े लेने का मोका फरमा कर रही हूँ,और भाई है कि वो मेरे इशारे को समझ ही नही रहा, बुद्धू कहीं कााआआ” अपने भाई ज़ाहिद को अभी तक कमरे के बाहर खड़े पा कर शाज़िया झुंझला गई.

तो शाज़िया ने अब की बार अपना एक हाथ हल्का से उठा कर अपने भाई को अपने हाथ से अपनी अम्मी की चूत को चोदने का इशारा दुबारा किया.

“उफफफफफफफफफ्फ़ मुझे तो आज अपने ही घर में दो दो चुते नसीब हो रही हैं, इसे कहते हैं “यक ना शुड डू शुड” शाज़िया के हाथ का ये इशारा इतना सॉफ था. कि अब ज़ाहिद के लिए शक की कोई गुंजाइश बाकी नही रही थी.

“लगता है अपनी आँखो के सामने ही अम्मी को मुझ से चुदवा कर मेरी बहन शाज़िया आज अपनी ही सग़ी अम्मी को अपनी सोतन बनाना चाहती हाईईईईईईईईई” ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया के इशहरे को अच्छी तरह समझते हुए मचल उठा.

अपनी बहन शाज़िया की चूत को चोदने के बाद तो ज़ाहिद खुद कब से अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को चोदने का अरमान अपने दिल और लंड पर लिए घूम रहा था.

इसीलिए आज जब वो वक्त आ ही गया था. कि ज़ाहिद को अपनी बहन शाज़िया से की गई शादी के जहीज़ में अपनी ही सग़ी अम्मी की मोटी फुद्दि नसीब हो रही थी.

तो ज़ाहिद किसी सूरत में ये बेहतरीन मोका अपने हाथ से नही जाने देना चाहता था.

ज़ाहिद ने अपने लंड पर दुबारा से ढेर सारा थूक लगाया. और दबे पाँव चलता हुआ शाज़िया की चूत पर झुकी अपनी अम्मी के पीछे आ कर खड़ा हो गया.

रज़िया बीबी अपने घुटनों के बल बिस्तर पर बैठ कर अपनी बेटी की चूत पर अपनी ज़ुबान फिराने में मसरूफ़ थी. और इस अमल के दौरान रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद की हुई थी.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी अपनी बेटी शाज़िया की गरम चूत को मज़े ले ले कर चाटने में इतनी मसरूफ़ थी. कि रज़िया बीबी को एक लम्हे के लिए भी कमरे में किसी तीसरे फराद की मौजूदगी का अहसास ना हुआ.
Reply
08-12-2019, 01:39 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
रज़िया बीबी अपने घुटनों के बल बिस्तर पर बैठ कर अपनी बेटी की चूत पर अपनी ज़ुबान फिराने में मसरूफ़ थी. और इस अमल के दौरान रज़िया बीबी ने अपनी आँखे बंद की हुई थी.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की अम्मी अपनी बेटी शाज़िया की गरम चूत को मज़े ले ले कर चाटने में इतनी मसरूफ़ थी. कि रज़िया बीबी को एक लम्हे के लिए भी कमरे में किसी तीसरे फराद की मौजूदगी का अहसास ना हुआ.

रज़िया बीबी बिस्तर पर लेटी शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ कुछ इस तरह से झुक कर अपनी बेटी की चूत का गरम पानी पीने में मसरूफ़ थी. कि रज़िया बीबी का मोटा जिस्म बेड के आखरी किनारे पर आ चुका था.

जब कि अपने घुटनों पर बैठ के आगे की तरफ झुकने से रज़िया बीबी की मोटी चूत की फाँकेपीछे से पूरी तरह खुल गई थी.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ मेरिइईईईईई अम्मी की चूत के लब कितने फूले हुए हैं” कमरे में आ कर ज़ाहिद ज्यों ही अपनी अम्मी के पीछे खड़ा हुआ.

तो डबल रोटी की तरह फूली हुई अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे को इतने करीब से देख कर ज़ाहिद की साँस उस के हलक में ही अटक गई.

“ओह अपनी बहन शाज़िया के बाद अगर मेरा लंड किसी और चूत के लिए मचला है, तो वो मेरी अम्मी की ये गरम चूत ही हाईईईईईईईईईई”अपनी अम्मी की चूत के खुले हुए लिप्स से अम्मी की मोटी पिंक चूत को पहली बार अंदर तक देख कर ज़ाहिद का लंड अपनी पूरी आबो-ताब से फन्फाना उठा.

अपनी अम्मी की खुली हुई फुद्दि को इतने करीब से देख कर ज़ाहिद के लिए अब मज़ीद सबर करना ना मुमकिन था.

इसीलिए ज़ाहिद ने जोश में आते हुए बड़ी तेज़ी के साथ अपनी अम्मी की गान्ड की थर्कति पहाड़ियों को अपने दोनो हाथों में जकड़ा.और इस से पहले के अपनी बेटी की चूत चाट्ती रज़िया बीबी को कुछ समझ आता.



ज़ाहिद ने एक भरपूर झटके से अपनी अम्मी की सालों से प्यासी चूत में अपना फॉलादी जवान लंड उडेल दिया.

एक तो ज़ाहिद ने अपने लंड को अपने थूक से पूरी तरह तर कर के काफ़ी गीला किया हुआ था.

दूसरा रज़िया बीबी की चूत भी उस की अपनी बेटी शाज़िया की सकिंग की वजह से खूब पानी पानी हो रही थी.

इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी की मोटी चूत के खुले मुँह पर अपने सख़्त और जवान लंड को रख कर एक झटका दिया.

तो ज़ाहिद के लंड का मोटा टोपा फिसलता हुए उस की अम्मी के उस फुद्दे में दाखिल हो गया.

जिस फुद्दे से कई साल पहले ज़ाहिद ने निकल कर इस दुनिया में जनम लिया था.



“ओह,हाईईईईईईईईईई में मर गैिईईईईईईई, कौन हो तुम,छोड़ो मुझे ” ज्यों ही ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत की दीवारो को फाड़ता हुए रज़िया बीबी की फुद्दि में घुसा . तो रज़िया बीबी एक दम से चीखी और उस ने फॉरन अपना सर उठा कर पीछे देखने की कोशिश की.



“ओह,ये कोई गैर नही बल्कि मेरा शोहर और आप का अपना बेटा ज़ाहिद भाई का जवान और गरम लंड है, अम्मी जान” शाज़िया ने ये कहते हुए अपनी अम्मी के सर पर अपना हाथ रखा. और अपनी अम्मी के मुँह को फिर से अपनी चूत के साथ लगा दिया.

ज़ाहिद का लंड ज्यों ही अपनी अम्मी रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे में घुसा . तो रज़िया बीबी को सच मुच ऐसा लगा. जैसे किसी ने उस की चूत में एक तेज़ धार चाकू घुसेड दिया हो.

ज़ाहिद के मोटे लंड की वजह से रज़िया बीबी की फुद्दि में दर्द की एक शदीद सी लहर उठी. तो रज़िया बीबी के पूरे वजूद में एक करंट सा दौड़ गया.

इतना दर्द तो रज़िया बीबी को अपनी सुहाग रात में ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू से अपनी कंवारी चूत फ़रवाते वक्त नही हुआ था.

जितना दर्द वो आज इतने सालों बाद अपनी उस फुद्दि में महसूस कर रही थी. जिस फुद्दे से उस ने अब तक 5 बच्चे पैदा किए हुए थे.

इस दर्द की वजह शायद ये रही हो गी. कि रज़िया बीबी अपनी शादी के बाद से सिर्फ़ अपने मेरहूम सोहर के लंड की ही आदि थी.जो कि ज़ाहिद के लंड के मुकाबले में काफ़ी पतला और छोटा था.

इसीलिए अपनी बेवगी के इतने सालों बाद आज जब रज़िया बीबी की चूत में उस के अपने सगे जवान बेटे का मज़बूत लंड. रज़िया बीबी की चूत के बंद दरवाज़ों को खोलता हुआ अपनी अम्मी की फुद्दि के सहन में दाखिल हुआ.

तो अपने बेटे के तगड़े लंड को अपनी फुद्दि के अंदर पा कर रज़िया बीबी की ना सिर्फ़ चूत बल्कि उस का पूरा वजूद काँप उठा.

रज़िया बीबी को इतने सालों बाद अपनी भूरी फुद्दि में अपने ही जवान बेटे का सख़्त और गरम लंड डलवाते वक्त इतना मज़ा और सकून मिला. कि दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी अपनी चूत से निकलाते हुए दर्द को एक दम बुला कर लज़्जत की इंतहा पर पहुँच गई. और वो एक दम से सिसक उठी”आआअहह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़”.

“हाईईईईईईईईई तुम दोनो बहन भाई ने मेरी क्या हालत बना दी है आज,चलो हटो छोड़ो मुझे बे शर्मो” रज़िया बीबी ने ये कहते हुए शाज़िया के हाथ को अपनी सर से हटा कर अपने आप को अपने बेटे ज़ाहिद और बेटी शाज़िया के चुंगल से निकालने की फिर कोशिश की.

मगर शाज़िया और ज़ाहिद दोनो बहन भाई के हाथों की पकड़ अपनी अम्मी के वजूद के गिर्द काफ़ी मज़बूत थी.

इसीलिए रज़िया बीबी अपने आप को अपने बच्चो की क़ैद से रिहाई ना दिला सकी.
Reply
08-12-2019, 01:40 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
आज अपनी फुद्दि की आग को अपने दोनो बच्चो के मुँह और लंड से बुझवाने के बावजूद रज़िया बीबी अपने बच्चो और खास तौर पर ज़ाहिद के सामने ना जाने क्यों शरमाने का झूठा नाटक करने लगी थी.

“ज़ाहिद भाई के मोटे लंड के लिए आप के तड़पने का नज़ारा, चन्द दिन पहले में अपनी आँखों से देख चुकी हूँ, इसीलिए अब आप सती सावित्री औरत बनने का ड्रामा छोड़ो, और मेरी तरह आप भी ,अपनी गरम फुद्दि की प्यास अपने बेटे के मोटे लंड से बुझवा लो अम्मी जी” शाज़िया अपनी अम्मी के रवैये से समझ गई कि उस की अम्मी रज़िया बीबी जान बूझ कर शरमाने का नाटक कर रही है.

इसीलिए शाज़िया ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी के सर को पकड़ कर उसे अपनी चूत के उपर ज़ोर से दबाते हुए अपनी अम्मी से कहा.

“हान्न्न तुम सही कह रही हो शाज़िया,तुम्हारी तरह मेरी चूत भी तुम्हारे भाई के इस मोटे लंड के लिए काफ़ी टाइम से मचल रही है मेरी बचिईीईईईई” अपनी बेटी के सामने अपनी गरम फुद्दि का राज़ खुल जाने का सुन कर एक लम्हे के लिए रज़िया बीबी को थोड़ी शर्मिंदगी सी महसूस हुई.

“हाईईईईईईई आज मेरे दोनो बच्चो ने मेरे इस सदियों के प्यासे जिस्म की प्यास बुझाने का बीड़ा अपने सर उठा ही लिया है,तो अब मुझे भी अपने बच्चो के रंग में रंग कर ज़िंदगी के इस नये मज़े से लुफ्त अंदोज होना चाहिए” दूसरे ही लम्हे रज़िया बीबी के दिल में ख्याल आया. तो उस ने अपनी चूत और जिस्म को ढीला छोड़ दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई आप की चूत में तो शाज़िया की फुद्दि से ज़्यादा गेर्मी है अमिीईईईईईईई जीिइईईईईईईईईईई” ज्यों ही रज़िया बीबी की चूत ने ढीली हो कर अपनी फुद्दि की गीली और मोटी दीवारों से अपने बेटे के मज़बूत लंड को अपनी ममता की शफकत भरी गिरिफ्त में लिया.

तो अपनी अम्मी की चूत की अन्द्रूनि गर्मी को अपने मोटे लंड की नसों (वाइन्स) पर महसूस कर के ज़ाहिद पागल हो गया.

ज़ाहिद को आज से पहले अगर किसी औरत की चूत ने सही महीनो में मज़ा दिया था. तो वो औरत उस की अपनी सग़ी बहन शाज़िया की फुद्दि थी.

जिस की गरम और प्यासी फुद्दि में पहली बार लंड डालने के बाद ज़ाहिद दुनिया की सारी चुतो को बुला बैठा था.

मगर आज अपनी सग़ी अम्मी की फुद्दि में लंड डाल कर ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ था. कि बेटी की चूत चाहे कितनी ही गरम क्यों ना हो. माँ की चूत तो फिर माँ की चूत ही होती है.

शाज़िया की गरम फुद्दि रज़िया बीबी की चूत की इसी गरम भट्टी से बन कर निकली थी.

जिस गरम भट्टी को इस वक्त ज़ाहिद अपने मोटे और तगड़े लंड के पाइप से पानी डाल डाल कर ठंडा करने की नाकाम कोशिश कर रहा था.

मगर हक़ीकत ये थी. कि रज़िया बीबी की फुद्दि में इतनी आग भरी हुई थी. कि अपनी अम्मी की गरम,प्यासी और चुड़क्कड़ फुद्दि के आगे आज ज़ाहिद के मज़बूत और जवान लंड की भी दाल नही गल रही थी.

ज़ाहिद अपने लंड को थोड़ा पीछे खैंचते हुए अपनी अम्मी की चूत के मुँह तक लाया.और फिर एक ज़ोर दार धक्का लगाया.



तो ज़ाहिद का लंड जड़ तक उस की अम्मी रज़िया बीबी की बरसों से प्यासी चूत में जगह बनाने लगा.
“ओह कित्नाआआआ मोटॅययायीययाया और सख़्त लंड है तुम्हाराआआआआआअ ज़ाहिद, मुझे आज पता चला कि क्यों मेरी बच्ची शाज़िया तुम्हारे इस लौडे के पागल होती रही है मेरे बचययययययययययययी ” रज़िया बीबी भी अपनी बेटी शाज़िया की तरह कब से अपने बेटे ज़ाहिद के गरम और सख़्त लंड के लिए तड़प रही थी.

इसीलिए आज ज़ाहिद के लंड ने ज्यों ही अपनी सग़ी अम्मी की प्यासी चूत में जा कर अपनी अम्मी की गरम चूत को अपने लंड की ठंडक पहुँचाई.

तो रज़िया बीबी ने भी शाज़िया की तरह अपनी शर्म का नकाब अपने चेहरे और चूत से उतार दिया.

और किसी बे शर्म चुड़क्कड़ औरत की तरह अपनी भारी गान्ड को पीछे की तरफ उठा उठा कर अपने जवान बेटे के साख लंड को अपनी फुद्दि के अंदर जज़्ब करने लगी.

“कैसाआआआअ लगा आप को मेरे शोहर का लंड अम्मी जान” जब शाज़िया ने अपनी अम्मी के मुँह से अपने भाई के लंड की तारीफ सुनने के साथ साथ अपनी अम्मी को अपनी गान्ड उठा कर अपने बेटे का लंड लेते देखा.

तो शाज़िया समझ गई कि उस की अम्मी रज़िया बीबी अब खुद अपनी चूत को अपने बेटे ज़ाहिद के जवान लंड के हवाले कर चुकी है.

इसीलिए अब उसे अपनी अम्मी के सर को मज़ीद ज़बरदस्ती पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने की ज़रूरत नही रही.

ये बात सोचते ही शाज़िया ने अपने हाथ को अपनी अम्मी के झुके हुए सर पर ढीला छोड़ दिया. और अपनी चूत को नीचे से उठा कर अपनी अम्मी के होंठो पर रगड़ती हुए रज़िया बीबी से पूछने लगी.

अब कमरे में हालत ये थी, कि ज़ाहिद जब पीछे से अपनी अम्मी की चूत में अपना मोटा लंड डालता. तो अपनी अम्मी की चूत को अपने मोटे लंड के लिए खुलता और बंद होता महसूस कर कर ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ निकल जाती.

दूसरी तरफ दरमियाँ में लेटी हुई रज़िया बीबी को जब पीछे से अपने बेटे का ज़ोर दार झटका लगता.



तो रज़िया बीबी सिसकती हुई अपने आगे लेटी हुई अपनी जवान बेटी शाज़िया की चूत पर अपनी ज़ुबान रगड़ देती. जिस की वजह से शाज़िया के मुँह से भी सिसकियाँ फूट पड़ती.

और अब घर के इन तीनो अफराद ( लोगों ) की आपस में चुदाई की वजह से उन की सिसकियाँ और चुदाई की गरम आवाज़े पूरे घर में फैल कर घर के माहौल को मज़ीद रंगीन बना रही थी.

“ओह अब तुम्हारी तरह मुझे भी अपने बेटे ज़ाहिद के इस मोटे और लंबे लंड को अपनी चूत में लिए बिना चैन नही आएगा मेरी बचिईीईईईईईई” शाज़िया की बात का जवाब देते हुए रज़िया बीबी ने शाज़िया की चूत से अपना मुँह अलग किया. और शाज़िया की खुली टाँगों के दरमियाँ से उठ कर अपनी बेटी के जिस्म के बिल्कुल उपर आन कर लेट गई.

जिस की वजह से दोनो माँ बेटी के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,458,711 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,647 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,986 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,795 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,669 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,060,891 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,916,836 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,944,390 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,294 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,853 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)