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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया को चूँकि अपने ज़्यादा तर टेक्स्ट मसेज्स एक बार पढ़ने के बाद डेलीट करने की आदत थी. इसीलिए रज़िया बीबी ने जितने भी टेक्स्ट पढ़े वो बस आम नोइयत के थे.
फोन के मसेज सेक्षन को बंद करने के बाद रज़िया बीबी के ज़हन में ख़याल आया. क़ि क्यों ना वो अपनी बेटी और बेटे की शादी पर उतारी गई फोटो और वीडियो को देखे.
ये सोच कर रज़िया बीबी ने फॉरन फोन में बना हुआ फोटो फोल्डर खोला. और शाज़िया, ज़ाहिद और नीलोफर, जमशेद की शादी की फोटो को एक एक कर कर देखने लगी.
शाज़िया ने अपने फोन में मुकतल्फ दिनो में खींची गई काफ़ी सारी फोटो और वीडियोस स्टोर की हुई थी. जिन्हे रज़िया बीबी बड़े गौर से देखने में मसरूफ़ थी.
फोटो देखते हुए रज़िया बीबी मोबाइल फोन की टच स्क्रीन पर अपने हाथ फेर कर स्क्रीन को आगे मूव करने में मसरूफ़ थी. कि इतने में एक फोटो रज़िया बीबी की आँखों के सामने आई.
ये फोटो देख कर ना सिर्फ़ रज़िया बीबी के हाथों के तोते उड़ गये. बल्कि इस तस्वीर को देखते ही रज़िया बीबी के जिस्म में से पसीना भी छूटने लगा.
ये फोटो किसी मर्द की थी जिस का चेहरा तस्वीर में नज़र नही आ रहा था.
इस फोटो में नज़र आने वाला ना मालूम मर्द ने अपने हाथ में एक निहायत मोटा और लंबा लंड थामा हुआ था.
और वो बहुत मज़े और जोश से अपने मोटे,बड़े और सख़्त लंड की मूठ लगाने में मसरूफ़ था.
“उफफफफफफफफ्फ़ में मर जाऊ, इत्नाआआअ बड़ाआाआआ और इतना मॉटाा ताज़ा लंडन्न्नन्न्नन्नन्न्न” अपनी बेवगी के इतने सालों बाद,रात की तन्हाई में, आज एक असली लंड की तस्वीर को यूँ अपनी आँखों के सामने अचानक देख कर रज़िया बीबी के मुँह से बे इख्तियार निकला. और मोबाइल फोन की स्क्रीन पर चलती हुई रज़िया बीबी की उंगली उधर ही रुक गई.
“ये किस की फोटो है और ये मेरी बेटी के फोन में क्यों है” मोबाइल फोन की स्क्रीन पर माजूद फोटो पर अपनी नज़रें जमाते हुए रज़िया बीबी सोचने में मसरूफ़ थी.
सोचते सोचते रज़िया बीबी के हाथ की उंगली बे इख्तियारि में फोन की स्क्रीन से टच हुई. तो एक और फोटो उस के सामने आ गई.
जिस में नीलोफर वो ही बड़ा और मोटा लंड अपने मुँह में ले के उस को मज़े से चूस रही थी. जिस लंड को देख कर एक ही लम्हे पहले रज़िया बीबी की आँखे फटी की फटी रह गई थी.
“ छी छी छीई ये नीलोफर कितनी गंदी है कि ये एक मर्द के लंड को अपने मुँह में इस तरह ले रही है तोबा तोबा” रज़िया बीबी ने कभी ख्वाब में भी चुदाई के इस तरीके के बारे में नही सोचा था. इसीलिए पहले पहल रज़िया बीबी को नीलोफर की ये हरकत देख कर नीलोफर पर गुस्सा आने लगा.
“ हाईईईईईईईईई मगर ये इतना ज़ालिम लंड है किस का, जिसे नीलोफर अपने मुँह में भर कर बड़े मज़े और स्वाद ले ले कर एक कुल्फि की तरह चूस रही है” नीलोफर को यूँ इतना बड़ा लंड अपने मुँह में भर कर सक करते देख कर रज़िया बीबी का तज्सोस भर गया.
रज़िया बीबी ने नेक्स्ट फोटो देखने के लिए जल्दी से अपनी उंगली को स्क्रीन पर फिराया.
तो सामने आने वाली फोटो में रज़िया बीबी को उस बड़े और मोटे ताज़े जवान लंड के मलिक की शकल नज़र आ गई. जिस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म और चूत में चीटियाँ सी रैंगने लगी थी.
रज़िया बीबी ने देखा कि इस बड़े और मोटे ताज़े लंड का मलिक कोई और नही बल्कि उस का अपना सगा बेटा ज़ाहिद है.
“ओह ये तो मेरा अपना बेटा ज़ाहिद हाईईईईईईईईईईई” रज़िया बीबी के मुँह से निकला. और वो हैरत के साथ तस्वीर में, अपने बेटे ज़ाहिद को नीलोफर की चूत को चाटते हुए देखने लगी.
“हाईईइ नीलोफर तो नीलोफर ,मेरा बेटा भी इतना बे शरम हो गया है कि नीलोफर की पिशाब वाली जगह पर अपने मुँह को रख कर उसे इतनी बेशर्मी से चूस रहा है,उफफफफ्फ़ कितने गंदे हैं ये दोनो” अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह को इस तरह नीलोफर की चूत से चिपका देख कर रज़िया बीबी को घिन आने लगी.
मगर इस के बावजूद उस ने एक लम्हे के लिए भी अपनी नज़रें अपने बेटे के लंड से नही हटाईं. और वो उसी तरह तस्वीर में नज़र आने वाले अपने बेटे के तने हुए लंड को इन्मिहक और गौर से देखती रही.
रज़िया बीबी की अपने ही सगे बेटे के तगड़े लंड को यूँ बिना झिझक के देखने की वजह ये थी.कि कल अपनी ही कोख से जनम लेने वाले अपने सगे बच्चो को आपस में शादी कर के एक हक़ीकत में बीवी की तरह अपनी सुहाग रात मनाने की इजाज़त देने के बाद. रज़िया बीबी तो पहले ही अपनी और अपने बच्चो के दरमियाँ माँ और औलाद के मुकद्दस रिश्ते की शर्म-ओ-हया के नाज़ुक धागे को तोड़ चुकी थी.
इसी लिए शायद अब अपने ही सगे बेटे के लंड का यूँ खुला खुला दीदार करने में रज़िया बीबी को किसी किस्म की शर्म महसूस नही हो रही थी.
“अछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तो ये ही वो फोटो हैं, जिन को दिखा कर नीलोफर ने ज़ाहिद और शाज़िया दोनो बहन भाई का आपस में जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करवाया था” नीलोफर और ज़ाहिद को एक दूसरे के जिस्म के नाज़ुक हिस्सो को इस कदर जोश और मस्ती से प्यार करते देख कर रज़िया बीबी ने सोचा.
“उफफफफफ्फ़ मेरे बेटे का लंड तो किसी भी गरम से गरम औरत की चूत की प्यास बुझाने की सलिहियत रखता है” अपने बेटे के मोटे,लंबे और सख़्त लंड को पहली बार अपनी नज़रों के सामने नंगा देखते हुए रज़िया बीबी सोचने लगी.
“हाईईईईईईईईईई मेरी अपनी सग़ी बेटी शाज़िया कितनी खुस नसीब है कि जिसे अपनी ही सगे भाई का इतना जबर्जश्त लंड नसीब हुआ है, जो उस की दो साल से प्यासी गरम फुद्दि की प्यास अब दिन रात बुझाने लगा है”ये सोचते सोचते रज़िया बीबी की च्ढ्ढी उस की अपनी चूत से निकलते हुए रस से गीली हो गई.
“हाईईईईई में ये क्या सोचने लगी हूँ, इस से पहले तो मेरे ज़हन में इस किसम के ख़यालात कभी नही उमड़े, में पहले तो कभी इतना बेचैन नही हुई,ये आज एक दम से इतनी आग केसे” रज़िया बीबी सोचने लगी.
असल में रज़िया बीबी ने अपनी शादी के दौरान और फिर अपनी बेवगी के इतने साल बाद भी कभी ख्वाब में भी अपने शोहर के अलावा किसी गैर मर्द के बड़े में सोचा तक ना था.
इसीलिए रज़िया बीबी को आज जब इतने बड़े और जवान लंड को यूँ अचानक दीदार का मोका मिला था. जो कि किसी आम मर्द का नही बल्कि उस के अपने सगे बेटे का लंड था.
तो उस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म के साथ साथ उस के ख्यालात में भी एक अजीब सी तब्दीली आ रही थी.
रज़िया बीबी अपने दिल और ज़हन को संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी. मगर अपने बेटे की नंगी तस्वीरो ने उस की चूत की हालत बुरी कर दी थी.
अपने बेटे के लंड को देखते हुए रज़िया बीबी ने बे इख्तियारि में अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाला.तो उसे अंदाज़ा हुआ कि उस की फुद्दि अपने बेटे के मोटे और लंबे लंड की तस्वीर देख कर अपने ही पानी से बहुत भीग चुकी थी.
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रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को अपने कमरे की तरह जाता देख कर सकून का एक साँस लिया.
क्यों कि रज़िया बीबी महसूस किया था. कि अपने बेटे ज़ाहिद को देखते ही उस का दिल ऐसे धक धक करने लगा है.
जैसे किसी सोला साला लड़की के दिल की धड़कन पहली बार अपने महबूब को देख कर बे काबू हो जाती हैं.
साथ ही साथ रज़िया बीबी को ऐसे लगा कि ज़ाहिद को देखते ही ना सिर्फ़ उस के दिल में एक हलचल मच उठी थी.
बलकि नीचे से उस की शलवार में छुपी हुई उस की प्यासी फुद्दि में पैदा होती हुई आग का शोला फिर से थोड़ा थोड़ा दहकने लगा था.
इसी लिए ज़ाहिद को अपनी नज़रों से ओझल होता देख कर रज़िया बीबी ने अपने आप को संभाला और अब अपने सामने खड़ी हुई अपनी बेटी की तरफ मतवजह हुई.
“शाज़िया इधर आ कर मेरे पास बैठो मेरी बच्ची” ज़ाहिद के अपने कमरे में जाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने आप पर काबू पाते हुए अपनी बेटी शाज़िया को अपने साथ सोफे पर बैठने का कहा.
“अम्मी आप सुनाए, हमारे बगैर आप की रात केसी गुज़री” शाज़िया ने अपनी अम्मी के पास सोफे पर बैठते हुए उन से पूछा.
“मेरी बात छोड़ो मेरी रात तो जैसे तैसे गुज़र ही गई, मगर तुम बताओ तुम्हारा हनीमून कैसा रहा अपने भाई के साथ, मेरी बच्ची” रज़िया बीबी शाज़िया को पास बैठते ही उस के गले में अपनी बाहें डाल कर प्यार से अपनी बेटी को छेड़ा.
“अम्मी आप भी ना” शाज़िया अपनी अम्मी के इस डाइरेक्ट सवाल पर शरमा गई.
इतनी देर में ज़ाहिद अपने कमरे से निकला. और अपनी अम्मी और बहन को खुदा हाफ़िज़ कहता हुआ घर से बाहर चला गया.
“हाईईईईईईईईईई एक तो तुम अपने ही भाई के साथ हनीमून मना कर आई हो,और ऊपर से इतना शरमा भी रही हो, वाहह क्या बात है ” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के जाते ही फिर से अपनी बेटी को छेड़ते हुए कहा.
“अच्छा अम्मी अगर आप ने मुझे इसी तरह शर्मिंदा करना है तो में अपने रूम में चली जाती हूँ” ये कहते हुए शाज़िया सोफे से उठी और अपने पुराने कमरे की तरफ चल पड़ी.
इस के बावजूद कि शाज़िया ने अपनी अम्मी की रज़ा मंदी के साथ ही अपने भाई के साथ अपनी सुहाग रात मनाई थी.
फिर दूसरी सुबह उस की अम्मी ने ना सिर्फ़ शाज़िया को अपनी बहू की हैसियत से कबूल करते हुए उसे प्यार किया था. बल्कि साथ ही साथ रज़िया बीबी ने अपने ही सगे बेटे ज़ाहिद को भी अपने दामाद का दर्जा दे दिया था.
लेकिन ये सब कुछ हो जाने के बावजूद शाज़िया अभी तक अपनी अम्मी के मुँह से अपनी चुदाई के ज़िक्र और छेड़ छाड़ पर शरम महसूस कर रही थी.
असल में शाज़िया को पता था कि इस तरह के मज़ाक अक्सर लड़कियाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी सहेलियों से ही करती हैं.
जब कि शाज़िया अभी तक अपनी अम्मी को एक सहेली नही बल्कि सिर्फ़ एक माँ के रिश्ते से ही देख रही थी.
इसी लिए शाज़िया अपनी अम्मी से अपनी और अपने भाई ज़ाहिद की चुदाई की बात करते हुए झिझकति थी.
"उस तरफ कहाँ जा रही हो शाज़िया" रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी को उस के पुराने कमरे की तरफ जाता देखा.तो उस ने शाज़िया को आवाज़ दी.
"मैं अपने कमरे में जा रही हूँ अम्मी" अपनी अम्मी की आवाज़ सुन कर शाज़िया पलटी और उस ने रज़िया बीबी को जवाब दिया.
“शाज़िया जब तुम अपने भाई ज़ाहिद की बीवी बन गई हो, तो अपने भाई की बीवी बन कर तुम उसी के कमरे में रहो गी ना, अब तुम्हारा अपने पुराने कमरे में क्या काम, मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया की बात के जवाब में उसे कहा
अपनी अम्मी के मुँह से अपने ही सगे भाई की बीवी कहे जाने पर शाज़िया की चूत में भी एक अजीब से आग भड़क उठी और उस ने सर उठा कर अपनी अम्मी की तरफ देखा.
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“आआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईईइमाआआआआआआ भाईईईईईईईईईईईई आप तो बहुत ही बे सबरे हैं, मुझे कपड़े तो उतार लेने देते आप” अपने भाई की ज़ोर दार चुदाई की वजह से शाज़िया के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.
“उफफफफफफफफ्फ़ शाज़िया,तुम इन कपड़ों में आज इतनी प्यारी लग रही थी,कि अगर मेरा बस चलता तो में तुम को ट्यूलिप में ही पकड़ कर चोद देता मेरी जान,मेरी बीवी”ज़ाहिद मज़ीद ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए बोला.
“उफफफफफफफ्फ़ भाई मुझे एक मिनट के लिए अपनी कमीज़ और ज्यूयेल्री को उतारने का मोका तो दो ना” शाज़िया ने अपने हाथ को पीछे ले जा कर अपनी गान्ड से चिपके हुए अपने भाई ज़ाहिद को धक्का दिया. तो ज़ाहिद खुद ही अपनी बहन के जिस्म से पीछे हट गया.
ज़ाहिद के पीछे से हटते ही शाज़िया निढाल हो कर ड्रेसिंग टेबल पर गिर पड़ी और लंबे लंबे सांस लेने लगी.
शाज़िया से परे होते ही ज़ाहिद का लंड भी उस की बहन की फुद्दि से स्लिप हो कर बाहर तो निकल आया था. मगर कमीज़ पहने होने की वजह से रज़िया बीबी अभी तक अपने बेटे का लंड देखने से महरूम थी.
शाज़िया के जिस्म से अलग होते ही ज़ाहिद अपने बिस्तर की तरह चल पड़ा और बिस्तर तक पहुँचते पहुँचते ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर कमरे के फर्श पर फैंक दी.
ज़ाहिद के कमीज़ उतारते ही कमरे की ट्यूब लाइट की रोशनी में उस का लंड बाहर से झाँकती हुई उस की अम्मी रज़िया बीबी के सामने नुमाया हो गया.
ज़ाहिद का लंड इस वक्त एक खंबे की तरह तन कर ऊपर की तरह खड़ा था.
शाज़िया की फुद्दि के सफेद पानी से ज़ाहिद का लंड इस वक्त इतना तर हो चुका था.कि ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर बिस्तर की तरफ दो कदम बढ़ाए. तो उस के लंड पर लगा हुआ उस की बहन की चूत का पानी बारिश की बूँदों की तरह “टॅप टॅप” करता कमरे के फर्श पर गिरने लगा था.
अपनी जवानी में चुदाई के दौरान रज़िया बीबी की चूत भी गरम हो कर बहुत पानी छोड़ती थी.
इसीलिए अपने बेटे के लंड पर लगे हुए अपनी ही सग़ी बेटी के पानी की मिक्चर देख कर रज़िया बीबी को अंदाज़ा हुआ. कि उस की तरह उस की बेटी शाज़िया की चूत से निकलने वाला पानी भी बहुत ज़्यादा और गाढ़ा (थिक) है.
जो कि इस बात की निशानी थी. कि अपनी अम्मी की तरह शाज़िया की चूत में भी बहुत ज़्यादा आग मौजूद है.
“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्याआअ मोटा ताज़ा लंड है मेरे बेटे का, वैसे मेरे बेटे का ये बड़ा ही लंड सही मायनो में मेरी बेटी की गरम और प्यासी चूत का हक दार हाईईईईईईईई” अपनी ही बेटी की चूत के पानी से भीगे हुए अपने सगे बेटे के लंड का साइज़ देख कर रज़िया बीबी के बदन में एक सुर्राहट हुई. और उस का अपना एक हाथ खुद ब खुद आगे बढ़ता हुआ शलवार के ऊपर से उस की फुद्दि तक जा पहुँचा.
“ओह” अपनी फुद्दि पर अपना हाथ रखते ही रज़िया बीबी ने सिसकारी ली और उस ने अपने होंठो को आपस में भींच लिया. ताकि उस के मुँह से निकलने वाली सिसकारी को अंदर कमरे में माजूद ज़ाहिद या शाजिया कहीं सुन ना ले.
पहले अपने बेटे को अपनी ही बहन की चुदाई करते देख कर और अब अपने बेटे का जवान और मोटा ताज़ा बड़ा लंड पूरा नंगा देख कर रज़िया बीबी की चूत में अपने ही बेटे के लंड की तलब जाग उठी. और वो ज़ाहिद के लंड को भूकि नज़रों से देखती आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत को शलवार के ऊपर से रगड़ने लगी.
इधर कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी चूत रगड़ाई का खेल स्टार्ट किया.
तो दूसरी तरफ इतनी देर में ज़ाहिद ने अपने बिस्तर पर लेट कर अपने जिस्म पर एक चादर ओढ़ ली.और वो बिस्तर पर लेट कर ड्रेसिंग टेबल कर सामने खड़ी हुई शाज़िया को अपनी ज्वेलरी और मेक अप को उतारते देखने लगा.
“जल्दी कर शाज़िया, मुझ से अब और बर्दास्त नही हो रहा, मेने आज तुम्हें पूरी रात चोदना है मेरी जान” ज़ाहिद से जब मज़ीद इंतिज़ार ना हुआ. तो उस ने बिस्तर की चादर हटा कर अपनी बहन की चूत के पानी से तर लंड को फिर से अपनी बहन के सामने करते हुए कहा.
“अच्छा बाबा आ रही हूँ, वैसे आप ने तो अभी से मेरा बुरा हाल कर दिया है, रात भर में तो पता नही आप मेरा क्या हाल करोगे भाई” शाज़िया ने बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ देखा और बोली.साथ ही साथ ये कहते हुए शाज़िया ने अपनी कमीज़ उतारी और आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ चली गई.
“अऊूऊ और आ कर अपने इस असली शोहर को प्यार करो मेरी जान” ज्यों ही शाज़िया अपने भाई के बिस्तर के पास आई. तो ज़ाहिद ने अपने खड़े हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.
“उफफफफफफ्फ़ भाई मैं तो खुद अपनी चूत के इस असली मालिक को प्यार करने के लिए तरस रही हूँ” शाज़िया ने अपने भाई के मोटे लंड को जो उसके हाथ में था देखा और सिसक कर बोली.
फिर रज़िया बीबी के देखते ही देखते शाज़िया ने अपनी ही चूत के पानी से तर अपने भाई के बड़े लंड को अपने मुँह में लिया. और बहुत मज़े से अपने भाई के लंड पर लगी हुई अपनी ही मनी को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने लगी.
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