04-29-2020, 01:23 PM,
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hotaks
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RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बाजी की बात सुन के मैने बाजी की तरफ अपना फेस घुमाया और बाजी से बोला
लेकिन वो रात को मुझे क्यों ढूंडती फिर रही थी तो बाजी ने हंसते हो कहा मैं ये बर्तन रख के आती हूँ फिर उस के बाद बात कराईंगे और उठ के बर्तन समेटे और रूम से बाहर निकल गई
बाजी के जाने के बाद मैं रूम मैं बैठा बाजी का ही इंतजार कर रहा था की बाजी थोड़ी ही देर मैं वापिस आ गई और आते ही बोली यार फरजाना तो अभी तक अपने रूम से ही नहीं निकली क्या किया है उस के साथ
मैं...कुछ नहीं बाजी मैने क्या करना था उस के साथ वेसे ही तक गई होगी और आराम कर रही होगी अभी निकल आए गी
बाजी... अच्छा तो अब बताओ खुश तो है ना मेरा भाई
मैं... हाँ बाजी मैं तो खुश हूँ लेकिन आप ने बतया नहीं की रात फरीदा क्यों आयी थी मेरे रूम मैं
बाजी... यार मुझे भी नहीं पता था लेकिन जुब वो रूम मैं वापिस आयी तो उस ने मुझ से पूछा था की तुम अपने रूम मैं नहीं हो तो फिर कहाँ गये होगे क्यों की अम्मी के रूम मैं भी नहीं है
मैं... फिर क्या बताया आप ने उसे बाजी...,,,,,,,, हंसते हो भाई परेशान क्यों हो रहे हो सब ठीक है लेकिन रात वो अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पाई और तुम्हारे रूम मैं चली गई थी और अगर तुम रूम मैं होते तो रात जो तुम ने फरजाना के साथ किया है फरजाना की जगाह रात फरीदा की ठुकाई करते
मैं... बाजी आप का मतलब् है की फरीदा रात यहाँ मेरे साथ मतलब् हुमारे साथ शामिल होने आयी थी
बाजी... हाँ भाई क्यों क मैं देख रही हूँ की पिछले कुछ दिनों मैं उस ने जो कुछ देखा और सुना है उस पे यक़ीन ना होते हो भी अब वो भी अपनी जवानी का मज़ा पूरी तरह लेना चाहती है जिस की वजा से वो खुद ही तुम्हारी तरफ चल दी लेकिन बात फिर भी नहीं बन सकी
मैं... नहीं बाजी ये नहीं हो सकता क्यों की अगर फरीदा को हुमारे साथ मिलना ही है तो उसे सब से पहले अबू के साथ करना हो गा
बाजी... लेकिन भाई आप ये भी तो सोचो क वो किस तरह अबू के साथ.......
अभी बाजी ने यहाँ तक ही बात की थी की अचानक फरीदा रूम मैं आयी और बाजी को खामोश होने का बोलते हो मेरी आँखों मैं आखेँ डॉल के बोली भाई अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ आप जो चाहते हो मैं करने को तैयार हूँ लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती अगर आप अबू के लिए बोलोगे तो भी मैं मना नहीं करूगी
लेकिन मैं अबू से कुछ नहीं ख सकोंगी बाकी आप जानो और आप का काम मुझे बस अपने जिस्म मैं लगी इस आग को ठंडा करना है जिस तरह भी हो सके मुझे कोई परवा नहीं इस बात की
फरीदा की बात सुन के और इस तरह अचानक रूम मैं आ के बिना झिझके बात करने से मैं सटपटा सा गया और इस से पहले क मैं कुछ बोल पता फरीदा झटके से मूडी और रूम से बाहर निकल गई
फरीदा के जाने के बाद मैं बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने अपनी नज़र झुका लीं तो मैं उठा और बिस्तेर से उतार आया तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली सॉरी भाई
मुझे फरीदा को इस तरह छुप के बताईं नहीं सुनने देना चाहिए था तो मैने बाजी की तरफ देखा और बोला नहीं बाजी मैं आप से नाराज़ हो के नहीं जा रहा इसी मसले पे अबू और अम्मी से बात करने क लिए खेतों पे जा रहा हूँ
बाजी ने मेरा हाथ छोड दिया और बोली हाँ भाई ये ज़रूरी है क्यों की फरीदा मेरे साथ ही रूम मैं रहती है और मैं अच्छी तरह समझ रही हूँ की उस को कितनी अग लगी हुयी है चुत मैं कुछ करना होगा अगर कुछ ना किया जल्द ही तो कहीं ये कुछ और ही कर बैठे
मैं बाजी को तसली दे के घर से निकल गया और खेतों पे जा पंहुचा जहाँ अबू किसी काम से साथ वाली ज़मीनो पे गये हो थे लेकिन अम्मी वहीं थी मुझे आता देख के
अम्मी खुश हो गई और बोली आओ बेटा क्या बात है आज तो तुम्हें खुश होना चाहिए था लेकिन तुम्हारे फेस पे 12 बजे हो हैं सब ठीक तो है ना क्यों परेशान हो
मैने अम्मी को भी फरीदा का सारा मसाला बता दिया तो अम्मी सोच मैं पड़ गई और
वो तेरे अब्बू के साथ ...नहीं नहीं.... ..फिर बोली तुम क्या चाहते हो तो मैने अम्मी को बता दिया की मैं चाहता हूँ की आज ही रात अबू फरीदा को ठंडा करंगे वरना ये कहीं और मुह मारेगी जिस से हम ही बदनाम होंगे
पर तेरे अब्बू उसे ठंडा नहीं कर पाएंगे ...............बेटा ..बल्कि एक आग लगा देंगे...............अम्मी के मुह से हूउंन्ं की आवाज़ निकली और फिर किसी सोच मैं पड़ गई और फिर मेरी तरफ देख के बोली ठीक है विक्की अभी तुम्हारे अबू आते हैं तो बात करते हैं उन से
फिर देखते हैं की तुम्हारे अबू क्या बोलते हैं
अबू के आने पे जुब हम ने अबू से बात की तो उन के फेस पे अचानक चमक बढ़ गई और वो ज़रा एक्टिव हो गये और बोले
लेकिन बेटा ये होगा कैसे तो मैने कहा अबू कुछ भी नहीं करना आप को बस रात को आप फरी बाजी वाले रूम मैं चले जाना वहाँ सिर्फ़ फरीदा ही होगी
बाजी को मैं अपने पास बुला लूनगा उस के बाद आप फरीदा के साथ जो मर्ज़ी करना
लेकिन बेटा फिर भी वो क्या सोचेगी आख़िर मैं बाप हूँ उस का तो अम्मी ने कहा आप उस का बाप हो उस की चुत के तो नहीं हो ना और वेसे भी फरी उसे अच्छी तरह समझा दे गी वो कुछ नहीं बोले गी
अबू ने हुमारी बात सुन के सर झुका लिया और बोले ठीक है लेकिन फरीदा से बात ज़रूर कर लेना मैं नहीं चाहता की कोई मसाला हो
अबू की बात सुन के मैं उठा और बोला ठीक है अबू मैं चलता हूँ आप फिर तैयार रहना रात को और घर की तरफ चल दिया घर आया तो बाजी को फ्रज़ना के पास बेते हो देखा जो मुझे देखते ही लाल हो गई और उठ के अपने रूम की तरफ भाग गई तो
मैने बाजी को अपने रूम मैं आने का इशारा किया
बाजी के आने के बाद मैने अम्मी और अबू से होने वाली हर बात बता दी और कहा क आप फरीदा से बात कर लो क वो क्या चाहती है अगर तैयार है तो आज तैयारी कर रखे रात को उसे भी जवानी का मज़ा दिला दिया जाए
बाजी हन मैं सर हिला के उठी और रूम से निकल गई
बाजी के जाने के बाद मैं लेट गया और कुछ देर तक नॉवेल पढ़ता और उस के बाद शाम तक पड़ा सोता रहा शाम को उठा और अभी हाथ मौंण ही धोया था क बाजी आ गई और बोली भाई फरीदा तुम्हारे साथ काफ़ी गुस्सा है
मैने हेरनी से बाजी की तरफ देखा और बोला क्यों बाजी वो भला मेरे साथ क्यों नाराज़ हो गई है तो बाजी मेरा कान मरोदते हो बोली विक्की वो अब भी तुम्हारे साथ ही करना चाहती है लेकिन तुम हो उसे नज़र अंदाज़ करते जा रहे अब बस करो इतना गुस्सा अच्छा नहीं होता
अरे बाजी आप से किस ने बोल दिया है की मैं फरीदा से नाराज़ हूँ जिस तरह आप और फरजाना मेरी बेहनैन हो उसी तरह फरीदा भी मेरी बेहन है और मैं बाजी फरीदा से भी उतना ही प्यार करता हूँ जितना आप दोनो से लेकिन बस ये मेरे दिल की कुवाहिश है की फरीदा बाजी अपनी ज़िंदगी का पहला मज़ा अबू के साथ एंजाय कराईं और कोई बात नहीं है जो आप यहाँ मुझ से नाराज़गी की वजाह पौचने आई हो
बाजी हंसते हो उठी अच्छा तो ये बात है तो फिर ठीक है मैं अभी जा के समझती हूँ उसे के कोई परेशानी की बात नहीं है बस मज़े करे अबू के बाद तुम से जितना चाहे मज़ा लूट सकती है
बाजी उठी और मेरे रूम से निकल गई तो बड़ी शिदत से मेरे दिल मैं कुवाहिश उठी , काश मैने अबू से फरीदा के लिए बात ना की होती तो मैं आज फरीदा की चुत को भी बड़े प्यार से खोलता लेकिन अब हो भी क्या सकता था क्यों क अगर मैं ऐसा कुछ करता
तो अबू कुछ बोलते तो नहीं लेकिन उन के दिल मैं दरार पड़ जाती मेरी तरफ से और मैं ये नहीं चाहता था
अम्मी अबू के आने के बाद हम सब ने मिल के खाना खाया तो
उस के बाद अम्मी ने बाजी को बोला की चलो फरी हम काम निबटा लेते हैं मिल के
फरीदा की तरफ देख के बोली तुम जाओ बेटी तुम आराम कर लो अब सारा दिन काम मैं लगी रही हो तक गई होगी तो फरीदा अम्मी की बात सुन के उठी और अपने रूम मैं चली गई तो मैने फरजाना की तरफ देखा और इशारा किया की मेरे रूम मैं आ जाओ और उठ क अपने रूम की तरफ चल दिया और
फरजाना का इंतजार करने लगा
फरजाना थोड़ी देर के बाद ही मेरे पास रूम मैं आ गई दूध का ग्लास ले के और साइड पे पड़ी टेबल पे रख दिया और मेरे सामने बैठ गई और बोली
जी भाई क्यों बुलाया रहे थे मुझे
मैने फरजाना का हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया जिस से वो मेरे ऊपर आ गिरी जिस से हम दोनो क सीने आपिस मैं मिल गये तो फरजाना के बूबस मेरे ऊपर गिरने से मेरे सीने पे दबने लगे तो मैने फरजाना के फेस पे किस कर दी और बोला
जान-ए-मान रात की मुलाकात के बाद तुम मेरे पास ही नहीं आयी तो मैने सोचा के खुद ही बुला लूं तुम तो आओगी नहीं
फरजाना मेरे ऊपर से ज़ोर लगा के उठते हो बोली भाई क्या करते हो कोई आ जाएगा
दरवाजे भी खुला हुआ है तो मैने कहा यार क्यों परेशान हो रही हो कोई नहीं आए गा अगर आ भी गया तो कुछ नहीं कहे गा
भाई बाजी का तो मुझे पता है के उन का कोई मसाला नहीं है लेकिन अम्मी या फरीदा भी तो आ सकती है
इस लिए मुझे छोडो अभी बाद मैं आ जाओंगी जुब सारे सो जायंगे
मैने फरजाना को और भी अपने साथ दबाते हो बोला नहीं जान आज तुम कहीं नहीं जा रही हो
क्या समझी बाजी का तो तुम जानती हो कोई मसाला नहीं है
लेकिन फरीदा भी अब बाहर नहीं निकले गी अपने रूम से और अम्मी की भी टेन्सन नहीं लो तुम.
फरजाना मेरी बात सुन के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली क्या मतलब भाई मैं कुछ समझी नहीं आप कैसे बोल सकते हो की फरीदा बाजी रूम से अब बाहर नहीं निकलेगी और अम्मी भी नहीं आएगी
मैं फरजाना की बात सुन के हंस दिया और उसे छोड़ते हो बोला जाओ दरवाजे बंद कर दो
फिर तुम्हें सब कुछ बतता हूँ ठीक है
तुम भी आज के बाद बिना किसी डर और झिझक के सेक्स एंजाय किया करो
फरजाना अजीब सी निगाहों से मेरी तरफ देखते हो उठी और दरवाजे को बंद कर दिया और दरवाजे को बंद कर के मेरी तरफ मूडी ही थी तो मैने कहा जान अपने कपड़े वहीं उतार के मेरे पास आऊ
फरजाना के फेस मेरी बात सुन के लाल हो गया ओए उस ने सर झुका लिया और बोली भाई पल्ल्लज़्ज़्ज़
ये मुझ से नहीं हो पाएगा तो मैने कहा यार फरजाना पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ यार ट्राइ तो करो कब तक शरमाती रहोगी ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा ना
फरजाना ने मेरी बात सुन के भी सर तो नहीं उठाया लेकिन अपनी क़मीज़ को पकड़ के ऊपर उठाने लगी और आहिस्ता से क़मीज़ उतार दी और मेरी तरफ आने लगी तो मैने उसे वहीं रोक दिया और बोला नहीं ऐसे नहीं सलवार भी निकालो वहीं पे और फिर मेरी तरफ आना है तुम्हें
मेरी बात सुन के फरजाना ने शरमाते हो सर उठा के मेरी तरफ देखा और तनकते हो बोली पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझे शरम आ रही है मुझ से नहीं हो गा भाई ये सब पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई
मैने इनकार मैं सर हिलाते हो कहा नहीं मेरी जान अगर तुम ने अभी मेरी बात नहीं मानी तो फिर ये बात याद रखना क मैं तुम्हें कुछ भी नहीं बताऊंगा तो
फरजाना ने अपना सर झुका के अपनी सलवार मैं हाथ डाला और अपनी सलवार उतार के साइड पे रखी और खड़ी हो के मेरी तरफ देखते हो बोली भाई अब ठीक है या और भी कुछ करना है मुझे
मैने फरजाना को अब सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं देख के अपना लंड मसलता हुआ बोला नहीं अब आ जाओ
फरजाना अपनी गांड मटकती (जो की मुझे नज़र तो नहीं आ रही थी लेकिन मुझे लग रहा था क अगर इस तरह ये किसी के सामने भी चली गई तो बच नहीं पाए गी) होई मेरे पास बिस्तेर पे आ गई तो मैने अपनी क़मीज़ उतरी और अपनी सलवार का नडा खोल के अपना लंड बाहर निकल के अपनी सब से छोटी बेहन के हाथ मैं पकड़ा दिया जिसे उस ने पकड़ के दबा दिया
मेरे लंड को हाथ मैं पकड़ के ज़ोर से दबाती होई फरजाना ने कहा हाँ भाई अब बताओ की आप कैसे बोल सकते हो की अम्मी या फरीदा बाजी मैं से यहाँ कोई भी नहीं आ सकता है
तो मैने कहा यार अम्मी जानती हैं की तुम यहाँ इस वक़्त मेरे साथ क्या कर रही हो और रह गई फरीदा तो वो इस वक़्त अबू के साथ होगी और चुदाई के लिए तड़प रही होगी
अब समझ गई हो तो अपने भाई के इस बेचारे लंड पे भी कुछ तरस खाओ और इस का भी कुछ सोचो
मेरी बात ने फरजाना को जहाँ झटका किया था वहीं कुछ देर बाद उस के फेस पे एक मुतमान सी मुस्कान दौड़ गई और वो बोली भाई ये तो
मैं आप से अब बाद मैं पुचुंगी ये सब कैसे हुआ लेकिन अभी आप के इस बहनचोद लंड का मसाला हाल कर लून
फरजाना के इतना बोलते ही मेरे लंड को छोड के थोडा पीछे हटी और मेरी सलवार को निकल के साइड मैं फैंक दिया और मेरे लंड को अपने हाथ मैं पकड़ के मसालने लगी
कुछ देर लंड सहलाने के बाद फरजाना ने मेरी तरफ देखा और बोली भाई मज़ा आ रहा है
अपनी बेहन के हाथों से लंड मसलवा के तो मैने उसे की तरफ देखते हो कहा नहीं यार इसे ज़रा अपने मुह मैं ले के प्यार करो तब भी कोई बात बने ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा ना
नहीं भाई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ये काम मुझे कभी नहीं बोला मैं तो कभी इस गंदे को मुह मैं नहीं ले सकोंगी तो मैने हंसते हो कहा अच्छा जी इस गंदे को अपनी चुत मैं ले सकती हो लेकिन मुह मैं नहीं
फरजाना आखेँ मटकाते हो शरारत से बोली वो तो भाई बनी ही इस के लिए है तो फिर मैं भला क्यों ना लून तो
मैने अपना लंड, फरजाना के हाथ से निकल लिया और फरजाना को बिस्तेर पे गिरा के लिटा दिया और उस की रनो को दोनो तरफ फैला दिया और खुद अपनी छोटी बेहन की चुत पे झुक गया और अपनी ज़ुबान को बाहर निकल के फ्रज़ना की गीली और गरम चुत पे रख दिया
जैसे ही मेरी ज़ुबान फरजाना की चुत पे लगी फरजाना के पूरे जिस्म मैं लज़ात की लहर से दौड़ गई और उस के मुह से आअहह सस्स्सीईईईईई भाईईईईईईईईईईई ये क्या कर रहे हो की आवाज़ करने लगी और अपने लीपस को अपने ही दाँतों से काटने लगी और अपने बूबस भी मसालने लगी
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06-05-2020, 09:48 AM,
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RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
Nice story . Keep it up
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