05-21-2019, 11:33 AM,
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sexstories
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RE: Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटिय�...
बंसल ने पहली बार अपनी बेटी की बुर की महक ली थी, उसका दिल कर रहा था की वो लंड बाहर निकाल ले। शालु भी अपने पापा के मूड से अन्जान नहीं थी, पेंट के अंदर उनके उठे हुए लंड को देख कर शालु की उत्तेजना और बढ़ गई। उसने पापा से कहा।।
शालु - पापा मैं ये चाभी ही डाल कर बाहर निकालती हूँ फिर आप कोशिश करियेगा।
(शालू ने इस बार चाभी अंदर डाली और चीनी के चासनी की तरह चिपचिपी चाभी को बाहर निकाला।)
शालु - ये लिजीये पापा।
बंसल ने चाभी हाथ में लिया, वो शालु के बुर की गरम पानी को अपने उँगलियों पे महसूस कर रहा था उसने चाभी को कार का इंजन स्टार्ट करने के लिए अंदर डाला और बहाने से अपनी उँगलियों को सूँघने लगा। शालु ने पापा की इस हरकत को देख लिया था उसके बुर से लगातार पानी निकल रहा था । बिना पेंटी के सीट पे बैठी उसे पता था की पानी अब बाहर सीट पे भी फैल गया है।
बानसाल - बेटी, अभी भी स्टार्ट नहीं हो रही। लगता है तुमने ठीक से इसपे पानी नहीं लगाया।
शालु - लगाई तो थी पापा। आपके सामने ही पूरी चाभी अंदर डाली थी मैं ।
बंसल - इतने से नहीं होगा बेटी, और ज्यादा गिला होना चाहिये।
शालु - अब मैं क्या करूँ पापा, मुझे तो लगा की आज ज्यादा पानी निकल रहा है (शालू शरमाते हुए बोली)
बानसाल - बेटी ये तो बहुत कम है तुम्हारी मम्मी के वहां से तो और भी पानी निकलता था जब मैं उसे किस करता, या इधर उधर हाथ लगाता।
शालु - पापा मम्मी आपकी पत्नी है, आप जब ऐसा करते होंगे तो उन्हें अच्छा लगता होगा। आपके टच करने से उन्हें ऐसा होता होगा।
बंसल - तो मैं तुम्हे वहां छुऊँ तो ज्यादा गीलापन आएगा? (बंसल ने अपना हाथ शालू की खुली जाँघो पे रख कर कहा)
शालु - (अपनी गर्दन नीचे कर शरमाते हुए) मुझे नहीं पता पापा।
बंसल शालु की जांघ सहलाते हुए ऊपर बढ़ रहा था। शालु को अजीब सा हो रहा था वो न चाहते हुए भी अपनी जांघो को खोले पापा के हाथ को रास्ता दे रही थी। पापा का हाथ बुर पे लगते ही शालु की बुर एकदम गिली हो गई।
बंसल ने शालु को होठ पे किस किया और एक हाथ से बिना ब्रा की उसकी चूचियों को ऊपर से ही मसलने लगा।
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