Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
11-01-2017, 12:07 PM,
#51
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
होली पर बीबी चुदी दीदी चुदी--6

गतांक से आगे ....................................................

हाय बहुत दिन संभाल के रखा था....फट गई....रे मेरी तो हाय मरी...." इस तरह से बोलते हुए वो ऊपर से धक्का भी मारती जा रही थी और मेरा लण्ड अपनी चुत में लेती भी जा रही थी. तभी अपने होंठो को मेरे होंठो पर रखती हुई जोर जोर से चूमती हुई बोली "हाय....माधरचोद....आराम से निचे लेट कर बूर का मजा ले रहा है....भोसड़ी....के....मेरी चुत में गरम लोहे का राँड घुसा कर गांड उचका रहा है....उफ्फ्फ्फ्फ्फ...भाई अपनी दीदी कुछ आराम दो....हाय मेरी दोनों लटकती हुई चूचियां तुम्हे नहीं दिख रही है क्या...उफ्फ्फ्फ्फ़...उनको अपने हाथो से दबाते हुए मसलो और....मुंह में ले कर चूसो भाई....इस तरह से मेरी चुत पसीजने लगेगी और उसमे और ज्यादा रस बनेगा...फिर तुम्हारा लौड़ा आसानी से अन्दर बाहर होगा....हाय ऐसा करो मेरे राजा....तभी तो दीदी को मजा आएगा और....वो तुम्हे जन्नत की सैर कराएगी....सीईई..." दीदी के ऐसा बोलने पर मैंने दोनों हाथो से दीदी की दोनों लटकती हुई चुचियों को अपनी मुठ्ठी में कैद करने की कोशिश करते हुए दबाने लगा और अपने गर्दन को थोड़ा निचे की तरफ झुकाते हुए एक चूची को मुंह में भरने की कोशिश की. हो तो नहीं पाया मगर फिर भी निप्पल मुंह में आ गया उसी को दांत से पकड़ कर खींचते हुए चूसने लगा. दीदी अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक पर जीभ फिरते हुए चाटा दीदी अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक और उसके निचे होंठो के ऊपर जो पसीने की छोटी छोटी बुँदे जमा हो गई थी उसके नमकीन पानी को पर जीभ फिराते हुए चाटा और फिर होंठो को अपने होंठो से दबोच कर चूसने लगा. दीदी भी इस काम में मेरा पूरा सहयोग कर रही थी और अपने जीभ को मेरे मुंह में पेल कर घुमा रही थी. कुछ देर में मुझे लगा की मेरे लण्ड पर दीदी की चुत का कसाव थोड़ा ढीला पर गया है. लगा जैसे एक बार फिर से दीदी की चुत से पानी रिसने लगा है. दीदी भी अपनी गांड उचकाने लगी थी और चुत्तर उछालने लगी थी. ये इस बात का सिग्नल था का दीदी की चुत में अब मेरा लण्ड एडजस्ट कर चूका है. धीरे-धीरे उनके कमर हिलाने की गति में तेजी आने लगी. थप-थप आवाज़ करते हुए उनकी जान्घे मेरी जांघो से टकराने लगी और मेरा लण्ड सटासट अन्दर बाहर होने लगा. मुझे लग रहा था जैसे चुत दीवारें मेरे लण्ड को जकड़े हुए मेरे लण्ड की चमरी को सुपाड़े से पूरा निचे उतार कर रागड़ती हुई अपने अन्दर ले रही है. मेरा लण्ड शायद उनकी चुत की अंतिम छोर तक पहुच जाता था. दीदी पूरा लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींच कर निकाल लेती फिर अन्दर ले लेती थी. दीदी की चुत वाकई में बहुत टाइट लग रही थी.

मगर फिर भी गजब का आनंद आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल में मेरा लौड़ा एक कॉर्क के जैसे फंसा हुआ अन्दर बाहर हो रहा है. दीदी को अब बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था ये बात उनके मुंह से फूटने वाली सिस्कारियां बता रही थी. वो सीसियते हुए बोल रही थी "आआआ.......सीईईईइ.....भाई बहुत अच्छा लौड़ा है तेरा.....हाय एक दम टाइट जा रहा है.......सीईईइ हाय मेरी....चुत.....ओह हो....ऊउउऊ....बहुत अच्छा से जा रहा है...हाय....गरम लोहे के रोड जैसा है....हाय....कितना तगड़ा लौड़ा है..... हाय मेरे प्यारे...तुमको मजा आ रहा है....हाय अपनी दीदी की टाइट चुत को चोदने में...हाय भाई बता ना....कैसा लग रहा है मेरे राजा....क्या तुम्हे अपनी दीदी की बूर की फांको के बीच लौड़ा दाल कर चोदने में मजा आ रहा है.....हाय मेरे चोदु....अपनी बहन को चोदने में कैसा लग रहा है....बता ना….अपनी बहन को....साले मजा आ रहा...सीईईई....ऊऊऊऊ...." दीदी गांड को हवा में लहराते हुए जोर जोर से मेरे लण्ड पर पटक रही थी. दीदी की चुत में ज्यादा से ज्यादा लौड़ा अन्दर डालने के इरादे से मैं भी निचे से गांड उचका-उचका कर धक्का मार रहा था. कच कच बूर में लण्ड पलते हुए मैं भी सिसयाते हुए बोला "ओह सीईईइ....दीदी....आज तक तरसता....ओह बहुत मजा.....ओह आई......ईईईइ....मजा आ रहा है दीदी....उफ्फ्फ्फ्फ़...बहुत गरम है आपकी चुत....ओह बहुत कसी हुई....है…बाप रे....मेरे लण्ड को छिल....देगी आपकी चुत....उफ्फ्फ्फ्फ़....एक दम गद्देदार है....” चुत है दीदी आपकी...हाय टाइट है....हाय दीदी आपकी चुत में मेरा पूरा लण्ड जा रहा है....सीईईइ.....मैंने कभी सोचा नहीं था की मैं आपकी चुत में अपना लौड़ा पेल पाउँगा....हाय….. उफ्फ्फ्फ्फ़... कितनी गरम है….. मेरी सुन्दर...प्यारी दीदी....ओह बहुत मजा आ रहा है....ओह आप....ऐसे ही चोदती रहो...ओह....सीईईई....हाय सच मुझे आपने जन्नत दिखा दिया....सीईईई... चोद दो अपने भाई को…." मैं सिसिया रहा था और दीदी ऊपर से लगातार धक्के पर धक्का लगाए जा रही थी. अब चुत से फच फच की आवाज़ भी आने लगी थी और मेरा लण्ड सटा-सट बूर के अन्दर जा रहा था. पुरे सुपाड़े तक बाहर निकल कर फिर अन्दर घुस जा रहा था. मैंने गर्दन उठा कर देखा की चुत के पानी में मेरा चमकता हुआ लौड़ा लप से बाहर निकलता और बूर के दीवारों को कुचलता हुआ अन्दर घुस जाता. दीदी की गांड हवा लहराती हुई थिरक रही थी और वो अब अपनी चुत्तरों को नचाती हुई निचे की तरफ लाती थी और लण्ड पर जोर से पटक देती थी फिर पेट अन्दर खींच कर चुत को कसती हुई लण्ड के सुपाड़े तक बाहर निकाल कर फिर से गांड नचाती निचे की तरफ धक्का लगाती थी. बीच बीच में मेरे होंठो और गालो को चूमती और गालो को दांत से काट लेती थी. मैं भी दीदी के दोनों चुत्तरों को दोनों हाथ की हथेली से मसलते हुए चुदाई का मजा लूट रहा था. दीदी गांड नचाती धक्का मारती बोली "राजू....मजा आ रहा है....हाय....बोल ना....दीदी को चोदने में कैसा लग रहा है भाई....हाय बहनचोद....बहुत मजा दे रहा है तेरा लौड़ा.....मेरी चुत में एकदम टाइट जा रहा है....सीईईइ....माधरचोद….इतनी दूर तक आज तक…..मेरी चुत में लौड़ा नहीं गया....हाय...खूब मजा दे रहा है.... बड़ा बूर फारु लौड़ा है रे…तेरा....हाय मेरे राजा....तू भी निचे से गांड उछाल ना….हाय....अपनी दीदी की मदद कर....सीईईईइ.....मेरे सैयां.....जोर लगा के धक्का मार...हाय बहनचोद....चोद दे अपनी दीदी को....चोद दे....साले...चोद, चोद....के मेरी चुत से पसीना निकाल दे...भोसड़ीवाले…. ओह आई......ईईईइ…” दीदी एकदम पसीने से लथपथ हो रही थी और धक्का मारे जा रही थी. लौड़ा गचा-गच उसकी चुत के अन्दर बाहर हो रहा था और अनाप शनाप बकते हुए दाँत पिसते हुए पूरा गांड तक का जोर लगा कर धक्का लगाये जा रही थी. कमरे में फच-फच...गच-गच...थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी. दीदी के पसीने की मादक गंध का अहसास भी मुझे हो रहा था. तभी हांफते हुए दीदी मेरे बदन पर पसर गई. "हाय...थका दिया तुने तो.....मेरी तो एक बार निकल भी
गई....साले तेरा एक बार भी नहीं निकला....हाय....अब साले मुझे निचे लिटा कर चोद...जैसे मैंने चोदा था वैसे ही....पूरा लौड़ा डाल कर....मेरी चुत ले....ओह...." कहते हुए मेरे ऊपर से निचे उतर गई. मेरा लण्ड सटाक से पुच्च की आवाज़ करते हुए बाहर निकल गया. दीदी अपनी दोनों टांगो को उठा कर बिस्तर पर लेट गई और जांघो को फैला दिया. चुदाई के कारण उनकी चुत गुलाबी से लाल हो गई थी. दीदी ने अपनी जांघो के बीच आने का इशारा किया. मेरा लपलपाता हुआ खड़ा लण्ड दीदी की चुत के पानी में गीला हो कर चमचमा रहा था. मैं दोनों जांघो के बीच पंहुचा तो मुझे रोकते हुए दीदी ने पास में परे अपने पेटिकोट के कपड़े से मेरा लण्ड पोछ दिया और उसी से अपनी चुत भी पोछ ली फिर मुझे डालने का इशारा किया. ये बात मुझे बाद में समझ में आई की उन्होंने ऐसा क्यों किया. उस समय तो मैं जल्दी से जल्दी उनकी चुत के अन्दर घुस जाना चाहता था. दोनों जांघो के बीच बैठ कर मैंने अपना लौड़ा चुत के गुलाबी छेद पर लगा कर कमर का जोर लगाया. सट से मेरा सुपाड़ा अन्दर घुसा. बूर एक दम गरम थी. तमतमाए लौड़े को एक और जोर दार झटका दे कर पूरा पूरा चुत में उतारता चला गया. लण्ड सुखा था चुत भी सूखी थी. सुपाड़े की चमरी फिर से उलट गई और मुंह से आह निकल गई मगर मजा आ गया. चुत जो अभी दो मिनट पहले थोरी ढीली लग रही थी फिर से किसी बोतल के जैसे टाइट लगने लगी. एक ही झटके से लण्ड पेलने पर दीदी कोकियाने लगी थी. मगर मैंने इस बात कोई ध्यान नहीं दिया और तरातर लौड़े को ऊपर खींचते हुए सटासट चार-पॉँच धक्के लगा दिए. दीदी चिल्लाते हुए बोली "माधरचोद...साले दिखाई नहीं देता की चुत को पोछ के सुखा दिया था...भोसड़ी के सुखा लौड़ा डाल कर दुखा दिया.....तेरी बहन को चोदु....हरामी…. साले...अभी भी....चोदना नहीं आया...ऊपर चढ़ के सिखाया था....फिर साले तुने...." मैं रुक कर दीदी का मुंह देखने लगा तो फिर बोली "अब मुंह क्या देख रहा है....मार ना....धक्का....जोर लगा के मार...हाय मेरे राजा...मजा आ गया...इसलिए तो पोछ दिया था....हाय देख क्या टाइट जा रहा है...इस्स्स्स्स….” मैं समझ गया अब फुल स्पीड में चालू हो जाना चाहिए. फिर क्या था मैंने गांड उछाल उछाल कर कमर नचा कर जब धक्का मरना शुरू किया तो दीदी की चीखे निकालनी शुरू हो गई. चुत फच फच कर पानी फेंकने लगी. गांड हवा में लहरा कर लण्ड लीलने लगी “ हाय पेल दे.....भाई ऐसे ही बेदर्दी से….. चोद अपनी दीदी की चुत को....ओह माँ....कैसा बेदर्दी भाई है....हाय कैसे चोद रहा है....अपनी बड़ी बहन को....हाय माँ देखो....मैंने मुठ मारने से मना किया तो साले ने मुझे चोद डाला......चोदा इसके लिए कोई बात नहीं....मगर कमीने को ऐसे बेदर्दी से चोदने में पता नहीं क्या मजा मिल रहा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़.......मर गई....हाय बड़ा मजा आ रहा है.....सीईईईई.....मेरे चोदु सैयां...मेरे बालम....हाय मेरे चोदु भाई.....बहन के लौड़े...चोद दे अपनी चुदक्कड़ बहन को...सीईईईई...." मैं लगातार धक्के पर धक्का लगता जा रहा था. मेरा जोश भी अपनीमें चिपका झरने लगा. उसी समय वो भी झरने लगी.
तो दोस्तों थी मेरी अपनी दीदी के साथ चुदाई मेने अपने जीजाजी और अपनी पत्नी पद्मा कि चुदाई का बदला अपनी दीदी को चोद के ले लिया था
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11-01-2017, 12:07 PM,
#52
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
जीजू और साली की होली पार्ट-1 

आज होली का त्योहार है. ऑफीस को होली की छुट्टी है. मैने ने अपनी वाइफ के साथ ल्यूक से पहले दोपेहेर मे ही होली खेल ली थी और हम दोनो ने बोहोत एंजाय किया था और फिर एक लंबी चुदाई का भी आनंद लिया था. 
कियोंकि यह हमारी शादी के बाद की फर्स्ट होली थी, मेरी वाइफ अपनी सहेलियो के साथ शाम मे सब मिल के उसके फ्रेंड के घर मे होली खेलना चाहते थे इसी लिए वो अपनी फ्रेंड्स के घर को चली गई थी. 
मैं लंच के बाद थोड़ा रेस्ट कर के उठ गया था और नहा धो के कपड़े बदल ने जा रहा था. सोचा था के शाम मे अपने मित्रों के साथ खूब होली खेलूँगा और हम सब मिल कर खूब धमाल मचाएँगे. अभी मैं स्नान करके बाथरूम से बाहर आया ही था के डोर पे किसी ने बेल बजाई और कंटिन्यू बेल बजने लगी. मैं ने घड़ी देखी तो तकरीबन शाम के 5 बजे थे लैकिन बोहोत घने बदल छा गये थे ऐसे लगता था जैसे रात हो गई हो. मैं ने सोचा के ऐसे टाइम पे कौन हो सकता है. 
मैं सोच ही रहा था के कौन हो सकता है. पर डोर तो खोलना ही था कियों के बेल कंटिन्यू बज रही थी. मैं ने डोर खोला और मुझे एक ज़बरदस्त झटका लगा. मेरी साली ( वाइफ की छोटी बहेन ) सोनिया डोर पर खड़ी थी उसके होटो पे एक नॉटी स्माइल थी. अभी मैं अपने असचर्या से बाहर भी नही निकल पाया था के उसने मेरे बदन पे लिक्विड कलर फेंक दिया और हँसने लगी और कहा जीजा जी होली मुबारक हो. 
क्योंकि मैं घर मे अकेला ही था और बॅस अभी अभी स्नान कर के बाथरूम से बाहर निकला था.मेरे गीले बदन पे सिवा एक टवल के और कुछ भी नही था जिस से मेरा आधा बदन ढका हुआ था. मेरे सारे बदन पे रंग गिर गया जिस से मेरी चेस्ट के घने बॉल मेरे बदन से चिपक गये.मुझे इस हाल मे देख के वो ताली बजा बजा के ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. 
सोनिया मेरी एक्लोति ही साली है. मैं अपनी साली सोनिया को बोहोत पसंद करता हूँ. वो है ही इतनी ब्यूटिफुल के किसी का भी लंड उसे देखते ही खड़ा हो जाए. उसका बदन तो क़यामत है 34 – 30 – 36 का उसका फिगर. 
उसके बूब्स मुझे बोहोत आछे लगते हैं. हमेशा ही सोचता था के कभी मौका मिले तो उसको अपनी बाहों मे जाकड़ के खूब प्यार करूँगा और इन चुचिओ को ज़ोर ज़ोर से मसल दूँगा और चूस चूस का चुचिओ का सारा रस्स पी जाउन्गा और फिर उसको इतना चोदुन्गा के उसके मूह से पेन आंड प्लेषर की चीखें निकल जाएँ और अपने तगड़े मोटे लंड से उसकी टाइट वर्जिन चूत को फाड़ डालूँगा. 
सोनिया बोहोत सुन्दर गोरे रंग की घाटेली बदन की लड़की है. उसकी हिरनी जैसे आँखों मे एक नशा सा है. उसके होन्ट इतने जुसी हैं के मंन करता के उसके होटो को सारी उमर चूस्ता ही रहूं. उसके मलाई जैसे चुचियाँ बोहोत सिडोल और कड़क हैं. एक दम से फुल शेप मे. जब कभी वो टी-शर्ट बिना ब्रस्सिएर के पेहेन्ति या कोई लाइट कलर की कमीज़ पेहेन्ति तो उसकी चुचिओ के ऊपेर से उसके पिंक निपल्स खड़े दिखाई देते और ऐसा लगता जैसे उसके निपल्स एग्ज़ाइट्मेंट मे खड़े हो गये हो और मूह को पुकार पुकार के इन्वाइट कर रहे हो के आओ और इन्है चूसो. चलती तो चुचियाँ ऐसे हिलती जैसे कह रही हो के आओ और पकड़ लो अगर तुम्हारे अंदर दम है तो.. और चूतड़ तो उफ्फ ऐसे चूतड़ कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए और ऐसे मटक मटक के चलती के लंड उसकी गंद मे घुसने को तड़प जाए. 
हा तो वो मेरे सामने खड़ी थी. उसने बोहोत पतली सी बिना ब्रस्सिएर के लूज टी शर्ट और कॉटन के लूज स्लॅक्स (जॉगिंग पॅंट टाइप) पहना हुआ था. सामने खड़ी ऐसे लग रही थी जैसे आकाश से उतरी हुई कोई सुन्दर सी टेचनिकोलौर अप्सरा हो. मैं उसे देखते का देखते ही रह गया. थोड़ी देर तक तो मुझे कुछ समझ नही पड़ा के यह मेरे साथ क्या हुआ और मैं क्या देख रहा हू. 
उसकी टी शर्ट उसके बदन से चिपकी हुई थी. वो अभी अभी अपनी फ्रेंड्स के साथ होली खेल के आई थी और अब मेरे साथ और अपनी बहेन ( मेरी वाइफ ) के साथ होली खेलना चाहती थी. चिपके बदन से शर्ट मे से दिखाई देती उसके वंडरफुल बूब्स की आउटलाइन पकड़ने और मसल्ने को इन्वाइट कर रहे थे. 
ओह्ह्ह माइ माइ माइ माइ शी ईज़ जस्ट वंडरफुल. आइ वाज़ स्टंड टू सी हेर स्टॅंडिंग देर “विथ क्लियर विज़िबल बूब्स आंड पायंटेड निपल्स स्टेरिंग आंड इन्वाइटिंग प्राउड्ली अट मी” आंड शी ईज़ लाफिंग अट माइ प्रेज़ेंट पोज़िशन. 
मेरे लंड मे मानो जान पड़ गई हो और वो एक दम से खड़ा हो गया और टवल के अंदर टेंट जैसा बन गया. सोनिया की आँखें मेरे टवल के अंदर ही अंदर मेरे तने लंड पे पड़ी और वो अपना मूह दबा के हस्ने लगी. इस से पहले के मैं कुछ और सोचता उसने थोड़ा और रंग मेरे बदन पे फेंक दिया. मुझे समझ नही आ रहा था के यह क्या हुआ और मैं क्या करूँ. 
मेरे सामने मेरी बोहोत प्यारी बोहोत सुंदर साली अपने मस्त भीगे बदन के साथ खड़ी थी जिस को मैं अपने ख़यालों मे कई बार चोद चुक्का था. और मेरी फॅंटेसी के बारे मे मेरी वाइफ को कुछ पता नही था और मौका मिलने पर रियल मे चोदना चाहता था. 
सोनिया मेरे ऊपेर रंग फेक के हँसती हुई और दौड़ती हुई अंदर चली गाइ. मैं तुरंत उसको पकड़ने के लिए आगे बढ़ा. जाते जाते डोर को एक हाथ से ज़ोर से बंद किया जिस से वो ऑटोमॅटिकली अंदर से बंद हो गया. अब वो आगे आगे थी और मैं उसके पीछे पीछे पकड़ने को भाग रहा था. 
वो भागते भागते एक रूम मे घुस गई मैं उसके पीछे उस रूम मे घुस्स गया. वो वाहा से निकल कर दूसरे रूम मे घुस गई मैं उसको फॉलो करने लगा. मैं ने उसका पीछा करते करते एक डिब्बा कलर पाउडर का उठा लिया और उसके पीछे भागने लगा. और फाइनली वो भागते हुए घर के पीछे बने बॅक यार्ड गार्डेन मे चली गई वहाँ से वापस भागने का कोई रास्ता नही था. मैं ने वो डोर को बंद कर दिया. अब वो बिना मेरे हाथ लगे निकल नही सकती थी.
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11-01-2017, 12:07 PM,
#53
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
मेरे बॅकयार्ड गार्डेन मे कई छोटे बड़े ट्रीस थे और फेन्स भी हाइ वॉल की थी इसी लिए पड़ोसिओं को पता नही चलता था के यहा कौन है और क्या कर रहा है. यह बॅकयार्ड गार्डेन मे एक कॉट (पलंग) भी पड़ा हुआ था और कुछ गार्डेन चेर्स भी. कभी शाम के टाइम मैं और मेरी वाइफ यहा आ के बैठ ते थे और टी कॉफी वाघहैरा हम यही पीते थे. कभी कभी उस कॉट पे चुदाई भी किया करते थे. 
मैं ने दूर से ही उसपे थोड़ा सा रंग फेंका मगर उसपे गिरा नही वो हंसते हुए फिर से भागने लगी. 
मैं उसके पीछे भगा और अल्टिमेट्ली उसको अपनी बाहों मे जाकड़ ही लिया. वो मेरी बाहों से बाहर निकलने के लिए मचलने लगी लैकिन मेरी टाइट ग्रिप से निकलना मुश्किल था. 
मैं ने उसको पीछे से पकड़ा हुआ था और वो मेरे रंग लगाने से बचना चाहती थी और आगे को झुकी जा रही थी और 
अपने मूह पे हाथ रख लिए ताके मैं उसके मूह को कलर ना लगा सकु और अपने कोहनी ( एल्बो ) से अपने बूब्स को प्रोटेक्ट करने लगी. इसी रेज़िस्टेन्स मे उसके मूह पे थोड़ा सा कलर लग ही गया. वो मेरी बाहो से निकलने को मचल रही थी लैकिन मेरे पवरफुल ग्रिप से निकल नही पा रही थी और कंटिन्यू हँसती जा रही थी. 
जब मैं रंग लगा रहा था तो मेरे हाथ उसके बूब्स पर भी लग रहे थे. झुकने से उसकी लूज टी-शर्ट मे से बूब्स लटक रहे थे. मुझे मौका मिला तो मैं ने उसके बूब्स को भी दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से मसल ने लगा. आअहह क्या बूब्स थे साली के. जैसे बड़े साइज़ का आपल. मेरे हाथ लगने से उसके निपल्स एरेक्ट हो गये थे. वो हस्ती जा रही थी और मेरी बाहो से निकलने को मचल रही थी और मैं उसके सेब जैसे मम्मो को मसल रहा था. वाह क्या मज़ा आ रहा था उसके बूब्स को मसल्ने मे. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हो गया था अब और तंन गया था और उसकी गंद को टच कर रहा था. 
मुझे एक नया आइडिया आया और थोडा सा रंग ले के उसके बूब्स को लगाने लगा और साथ मे मसल्ने भी लगा शी हॅज़ बीन रेज़िस्टिंग सेयिंग ओह वॉट आर यू डूयिंग जीजू, छोड़ो ना जीजू प्लीईआसए अब बॅस भी करो. लीव मी जीजू प्लीईएआसए शी हॅज़ बीन लाफिंग आंड रेज़िस्टिंग लैकिन मैं उसके मस्त मम्मो को दबाता ही रहा कंटिन्यूवस्ली. 
मैं रंग लगाता ही जा रहा था और साथ मे ऐसी गोलडेन ऑपर्चुनिटी मिलने पर उसके वंडरफुल गदराए हुए फ्रेश बूब्स की मालिश भी कर रहा था. मेरे हाथ उसके बूब्स और पेट पे फिसल रहे थे. ओह जीजू कम ऑन फिनिश इट प्लीईआसए . अब बॅस भी करो ना प्लीईआसस्ससी वो मेरी मिन्नते करने लगी. वो आगे को झुकी हुई थी ( पोज़िशन ऐसी थी जैसी मैं उसकी गंद मार रहा हू ) और मेरे रंग लगाने से और उसके बूब्स को मसल ने से बचने की कोशिश कर रही थी और साथ मे मिन्नते भी कर रही थी प्लीईएअसससे जीजू लीव मी नाउ. अब छोड़ दो ना जीजू क्या कर रहे है आप. 
मुझे उसके बूब्स मसल्ने का बोहोत मज़ा आ रहा था. मेरे लंड ने टवल मे टेंट बना दिया था और फुल तंन गया था और उसकी गन्ड के छेद को टच कर रहा था. विदाउट नोयिंग के मैं क्या कर रहा हू, मैं आगे पीछे हो के उसकी गंद पे अपने तने हुए लंड से धक्के मारने लगा. 
जैसे ही उसको मेरा लंड उसकी गंद मे महसूस हुआ वो एक दम से चौंक गई और हैरत से पलट के मुझे देखने लगी के यह मैं क्या कर रहा हू. हम दोनो की इसी खेचाम तानी मे 
मेरा टवल लूज हो गया था और जब वो मेरी बाहो से निकली और पलट के देखा तब तक मेरा टवल ज़मीन पे गिर छुआ था और मेरा लंबा मोटा लंड स्प्रिंग के जैसा ऊपेर नीचे हो रहा था. ऐसे हिल रहा था जैसे अब लंड को पता हो के उसे एक नई चूत मिलने वाली है और लंड नई चूत को प्रणाम कर रहा हो. 
मेरी हालत कुछ अजीब सी हो रही थी. मैं अपनी प्यारी साली सोनिया के सामने अपना लंबा मोटा जोश मे हिलाता हुआ लंड लिए खड़ा था. वो मुझे इस हालत मे देख के अपने मूह पे हाथ रख के ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी. जब मैं ने नीचे अपने लंड को आकड़े और हिलते देखा तो मैं भी सोनिया के साथ हस्ने लगा. 
जब सोनिया ने मेरा लंबा मोटा हिलता हुआ लंड देख ही लिया है तो मैं ने भी अपने लंड को छुपाने की कोशिश भी नही की और ज़रूरत भी नही समझी. मैं आगे बढ़ा और उसको फिर से अपनी बाहो मे लेना चाह रहा था तो वो प्लीडिंग करने लगी के बॅस अब और नही. प्रॉबब्ली सोच रही होगी के उसकी सिस्टर आ जाएगी तो अछा नही होगा. ळैकिन मैं ने उसकी एक ना सुनी और उसको अपनी बाहो मे जाकड़ ही लिया और अपने बदन से उसका बदन दबाने लगा. इस पोज़िशन मे मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था.
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11-01-2017, 12:07 PM,
#54
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
वो मेरी ग्रिप से निकल ने के लिए तड़प रही थी कहती जा रही थी के 
जीजू लीव मी जीजू प्लीज़ जीजू दीदी आ जाएगी. जीजू दीदी आ जाए गी प्लीईईआसए लीव मी. यह ठीक नही है जीजू. प्लीईआसए लीव मी अलोन. प्ल्ीएआसए जीजू. अगर दीदी ने हमै देख लिया तो बोहोत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी प्लीईआसस्सीईए छोड़ो ना जीजू. प्लीज़ लीव मी मैं आपके हाथ जोड़ती हू जीजू पलेयीयेज़. 
मैं ने कहा के तुम्हारी दीदी तो घर पे नही है वो अपने फ्रेंड्स के साथ होली खेलने गई हुई है. हो सकता है के रात को किसी टाइम पे वापस आए और अगर देर हो गई तो शाएद कल ही आए. अभी तो इस घर मे हम दोनो ही है और कोई नही है. है वो थोड़ी सी नर्वस और थोड़ी सी कन्फ्यूज़्ड लग रही थी. मेरा बताने पर के उसकी दीदी घर पे नही है तो ऐसा लगा जैसे वो थोडा सा रिलॅक्स हो गई हो उसके चेहरे से दिखाई देता टेन्षन जैसे ख़तम होगया.. 
अब मैं और अपने आप को कंट्रोल नही कर पा रहा था. मैं ने उसको पकड़ के अपने सीने से लगा लिया. मेरे नंगे बदन पे उसकी बूब्स दब रहे थे. उसके निपल्स मेरे सीने से लग के एक दूसरे के अंदर जैसे एलेक्ट्रिक करेंट दौड़ा रहे थे. और फिर उसके सेनुयल लिप्स को किस करने लगा. यह मेरा पहला किस था सोनिया के साथ. मैं अपनी टंग उसके मूह मे घुसाने लगा 
पहले तो वो थोड़ा सा रेज़िस्ट कर रही थी पर थोड़ी ही देर मे उस से भी कंट्रोल नही किया गया और फाइनली उसने अपना मूह खोल ही दिया और मेरी टंग उसकी मूह मे चली गई. वी वर किस्सिंग पॅशनेट्ली टंग सकिंग किस आआहह बोहोत मज़ा आ रहा था उसकी हनी जैसे टंग को चूसने मे. 
हम ऐसे ही पॅशनेट किस करते रहे. एक दूसरे की टंग को चूस्ते रहे. मस्ती मे सोनिया की आँखें बंद हो गई. अब उसकी ब्रीदिंग भी हेवी हो रही थी. और इसी बीच मैं अपना हाथ उसके बदन पे घुमाने लगा तभी मुझे फील हुआ के सोनिया ने ब्रस्सिएर नही पहनी हुई है. मैं ने उसकी गंद को पकड़ के अपनी ओर खेचा और उसकी चूत को अपने नंगे तने हुए लंड से मिलाने लगा. 
मेरा लंड अब बोहोत ज़ोर से अकड़ गया था और फूल गया था. मैं ने सोनिया की गंद पकड़ के उसके स्लॅक्स की एलास्टिक मे हाथ डाल के उसको नीचे खेचा और धीरे से नीचे कर के उतार दिया और उसकी नंगी चूतड़ को दबाने लगा. पहले तो उसने रेज़िस्ट किया पर थोड़ी देर मे जब वो भी मस्ती मे आ गई तो उसने पॅंट को उतारने दिया. अब उसने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया था और हम एक दूसरे की टंग्स को सक कर रहे थे. 
पॅंट को थोड़ा सा नीचे घुटनो तक उतार के, अपने लेग को ऊपेर उठा के, सामने से उसके स्लॅक मे पैर रख के नीचे दबा दिया तो उसका पॅंट नीचे फ्लोर पे चला गया और उसने कोई माइंड भी नही किया. आअहह उसकी वंडरफुल लव्ली चूत का क्या सीन था. उभरी हुई मलाई जैसी गोरी चूत एक दम से चिकनी लगता था के अभी अभी झटों को साफ किया हुआ है. इतनी प्यारी और डेलिकेट चूत को देखते ही मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से हिलने लगा ऊपेर नीचे होने लगा और लंड के मूह मे पानी आ गया. 
मेरा फॅन फनता हुआ लोहे जैसा सख़्त क़ुतुब मीनार जैसा लंड उसकी फ्रेश वर्जिन अन-टच्ड चूत को किस कर रहा था. लंड के सूपदे मे से प्री कम निकल के चूत को गीला कर रहा था. उसकी चूत के पतले पतले लिप्स के बीच मे सूपड़ा टीका हुआ था जिस से उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी. मैं ने उसके टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसके सर के ऊपेर से उसका टी-शर्ट निकाल दिया… अब हम दोनो एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे लंड उसकी चूत से टीका हुआ था. आहह क्या मज़ा आ रहा था. 
अब हम दोनो नंगे थे और एक दूसरे को अपनी बाँहो मे ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे. हवा थोड़ी सी ठंडी हो गई थी जिस से सोनिया कापने लगी. मैं ने उसको और ज़ोर से अपने बदन से दबाया ताके मेरे बदन की गर्मी उसके बदन मे ट्रान्स्फर करू. 
अब उसके नंगे चुचियाँ मेरे नंगे चेस्ट के बालों से चिपकी हुई थी. मैं उसके वंडरफुल टाइट बूब्स का और उसके एरेक्टेड निपल्स का स्पर्श अपने बदन मे फील कर रहा था. मैं ने धीरे से उसके चुचिओ का मसाज करना शुरू कर दिया. उसके निपल्स जब मेरे चेस्ट के बालों से घिसते तो उसको और ही मज़ा आता और उसके मूह से हल्की सी मस्ती भरी आवाज़ निकल जाती. 
क्रमशः...............
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11-01-2017, 12:08 PM,
#55
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
जीजू और साली की होली पार्ट-2 
गतान्क से आगे.......... 
सोनिया को जब पता चला के उसकी सिस्टर घर मे नही है और अभी आने वाली भी नही है तो वो रिलॅक्स होने लगी थी और थोड़ी फ्री भी हो गई थी. उसके अंदर दो नंगे बदन का मिलन और उसकी गीली चूत से लगे हुए गरम लंड के लगने से उसके बदन मे जैसे सनसनाहट सी हो रही थी और जैसे उसे नशा छा रहा था. मैं ने उसके बॅक पे हाथ फेरना शुरू किया और सारे बॅक का मसाज करने लगा. उसके चूतदों को पकड़ के अपनी ओर खेच के लंड और वर्जिन चूत (जो अब बोहोत गीली हो गई थी) का मिलन कराने लगा. 
अपने नंगे बदन से उसके नंगे बदन का मसाज करने लगा. उसका हाथ पकड़ के अपने तड़प्ते हुए लंड पे रख दिया. पहले तो वो थोड़ा झिझकी लैकिन जल्दी ही उसने मेरे हिलते हुए गरम लंबे मोटे लंड को अपने हाथ मे पकड़ ही लिया और दबाने लगी. लंड को पकड़ ते ही उसके मूह से निकला ओह जीजू यह तो बोहोत बड़ा और मोटा है. यू हॅव ए लव्ली थिक आंड बिग लंड. दीदी को तो बोहोत मज़ा आता होगा. मैं ने कहा के तुम अपनी दीदी से भी ज़ियादा ब्यूटिफुल आंड सेक्सी हो और मैं बोहोत दीनो से तुम्है चोदने का बारे मे सोच रहा था के तुम्हारी चूत मे मेरे लंड को बोहोत मज़ा आएगा. वो एक दम से शर्मा गई और शरम से टमाटर जैसी लाल लाल हो गई. मैं ने उसको बताया के अपनी फॅंटेसी मे उसको बोहोत बार चोद चुक्का हू डिफरेंट प्लेसस मे और डिफरेंट स्टाइल्स मे. उसने शर्मा से मेरे चेस्ट मे अपने मूह छुपा लिया और धीरी आवाज़ मे कहने लगी के आइ लव यू आंड युवर लंड ज़िजुउउ. और मुझे भी बताया के उसकी फॅंटेसी मे उसने मुझे चोदा है और दोनो की फॅंटसीस आज रियल हो रही है और आज दोनो एक दूसरे को चोदने के लिए बेचैन है. 
हम दोनो एक दूसरे को पॅशनेट्ली किस करते रहे. वो और गरम हो गई. मेरा लंड उसकी स्वीट कंट को टच कर रहा था. उसने मेरा लोहे जैसा लंड अपने हाथ मे पकड़ के अपने चूत मे ऊपेर नीचे घिसना चालू कर दिया जिस से उसकी चूत समुद्र जैसे गीली हो गई. मेरा लंड मे से निकला हुआ प्री कम 
उसकी गीली चूत को और ज़ियादा स्लिपरी बना रहा था.. उस ने अपने लेग्स को और ज़ियादा खोल दिया था. लंड के सूपदे को चूत के अंदर ही अंदर घिस रही थी और अपने चूत के दाने को लंड से रगड़ रही थी. मूह से मस्ती भरी सिसकारिया निकाल रही थी.. आअहह उउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह जीजू यह लंड कितना प्यारा है कितना लंबा और लोहे जैसा सख़्त है. उसकी आँखें बंद थी. गीली चूत के अंदर घिस्स रहे लंड के स्पर्श ले रही थी. उसकी ब्रीदिंग हेवी हो गई थी. और वो एवेरी मिनिट मस्ती मे आउट ऑफ कंट्रोल हो रही थी. 
शी वाज़ टेल्लिंग मी जीजू युवर कॉक ईज़ सो वंडरफुल.. ओह जिजुउउ आइ नीड दिस लंड इन माइ इची पुसी नाउ जीजू.आअहह आइ लव युवर वंडरफुल लंड जीजू आअहह. प्लीईईईआसए जीजू फक मी फक मी हार्ड जीजू आइ नीड युवर लंड डीप इनसाइड माइ ड्रिपिंग हॉट वेट चूत जीजू. आअहह जीजू जीजू जीजू आअहह. इस बेचैन चूत को अब बड़ा लंबा मोटा लंड चाहिए जीजू देदो ना इस चूत को अपना यह मूसल जैसा तगड़ा लुन्न्द प्ल्ीएआसए. मेरी चूत तुम्हारे मोटे तगड़े लंड के लिए बेचैन है. 
मैं ने उसके नेक पे किस किया और नीचे उसके बूब्स पे किस किया तो वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई और मेरे सर को पकड़ के अपने बूब्स पे दबाने लगी. मैं ने उसकी बूब्स को अपने मूह मे ले के चूसना स्टार्ट कर दिया. आअहह क्या मस्त बूब्स थे और वो वंडरफुल किशमिश जैसी निपल. आहह उसको चूसने मे मुझे बोहोत ही आनंद आ रहा था. उसकी ब्रीदिंग और हेवी हो गी. उसके पूरे मम्मे को अपने मूह मे ले के चूस रहा था और ऐसे चूस रहा था जैसे कोई इन्फेंट फीडिंग बॉटल से दूध पी रहा हो. उसके निपल्स को अपने दांतो के बीच मे रोल कर रहा था और कभी दाँतों से काट डालता तो उसके मूह से मस्ती भरी आअहह निकल जाती. 
सोनिया ने मेरे लंड को ज़ोर से पकड़ा हुआ था और अपनी चूत मे ऊपेर नीचे ऊपेर नीचे ऐसे मसल रही थी जैसे कोई मसाला पीस रही हो (जैसे पिस्ट्ल इन मोर्टार) और अपनी सेन्सिटिव क्लाइटॉरिस को मेरे लंड के हेड से रगड़ रही थी. जब मेरा लंड का हेड उसकी चूत के होल मे अटक जाता तो वो एक मस्ती भरी सिसकारी लेती ऊऊऊओह ऊओईईईइ आआहह. उसकी आँखें बंद थी और वो मज़े ले ले के सिसकारियाँ भर रही थी आअहह ऊओह जिजुउउउउ बोहोत मज़ा आ रहा है जिजुउउ. कहाँ छुपा के रखा था यह मूसल लंड तुम ने जिजुउउउउ. पहले ही कियों नही बताया के तुम मुझे चोदना चाहते हो, मैं तो कभी की चुद चुकी होती अगर तुम पहले ही बता देते तो. मेरे सारे बदन मे चूत की गर्मी से सनसनाहट सी हो रही थी आहह उसकी चूत इतनी गरम थी जैसे कोई भट्टी जल रही हो. 
मैं पहले ही बता चक्का हू के हमारे बॅकयार्ड मे एक चारपाई (कॉट) पड़ी रहती ही. मैं सोनिया को अपने बदन से लिपटाए हुए पीछे हट ते हट ते उसपे बैठ गया. सोनिया मेरे सामने खड़ी थी और मैं उसके पेट पे किस कर रहा था आअहह सिल्क जैसा चिकना बदन था उसका. मैं उसके चूतदों को पकड़ के अपनी ओर खेच रहा था. उसके बेल्ली बटन को किस कर के उसके अंदर अपनी टंग डाल के घुमाया और अपने होंठ थोड़ा सा नीचे कर के उसके चूत के ऊपेर के पोर्षन (नवल एरिया) को किस किया और फिर जैसे ही मेरे होंठ उसके चूत के लिप्स से टच हुए तो वो मस्ती मे चिल्लाईइ आआईयईईईई आअहह ऊऊओिईई और अपने दोनो टाँगो को खोल के दीवानो की तरह से मेरे सर को पकड़ के अपनी मक्खन जैसे नरम, ओवेन जैसे गरम और समंदर जैसे गीली चूत मे सर को पकड़ के घुसा दिया और मेरे मूह से अपनी भट्टी जैसी गरम चूत को रगड़ने लगी आअहह जीईज्ज्जुउउउउ बोहोत मज़ा आता है जीइजुउउउउ आअहह वो मस्ती मे चिल्ला रही थी. 
उसकी मक्खन जैसी फ्रेश्ली शेवन चिकनीचूत की खुश्बू से मेरा बदन जोश मे जलने लगा. उसकी चूत मे से पानी कंटिन्यू निकल रहा था और मैं उसको टेस्ट कर रहा था..आहह बोहोत टेस्टी था उसकी चूत का पानी एक दम से हनी के जैसा टेस्ट था उसकी कुवारि चूत का. उसने अपने लेग्स और फैला दिए और मेरे सर को अपनी चूत के अंदर घुसाने लगी. उसकी आँखें बंद थी और उसका सर इधर से उधर और उधर से इधर टॉस कर रहा था आआहह उउउउउह्ह्ह्ह जीईइज्ज्जुउउउ मुझे तो जन्नत का स्पर्श आ रहा है जिजुउउउउउ…उउफफफफफ्फ़ जिजुउउउउउ तुम तो मुझे पागल बना रहे. जैसे ही मैं ने उसकी कंप्लीट चूत को अपने मूह मे ले के दाँतों से चबाया तो मेरे दाँत जब उसकी चूत के दाने से टकराए तो वो पागल हो गई और चिल्लइइ ऊऊऊऊऊ.आअहह उउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह जिजुउउउउउउ यह काइया हो रहा है मुझे जिज्जुउउउउउउ मानो जैसे उसकी चूत मे कोई तूफान आ गया हो और उसका वर्जिन वीर्य उसकी गीली चूत मे से ऐसे बाहर निकलने लगा जैसे कोई नद्दि मे बाढ़ (फ्लड) आ गई हो. मूह से ग्ग्गहर्ररर आआआअग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउफ्फ्फ्फ की साउंड आ रही थी ग्ग्गहर्र्र्ररर ग्ग्गफहर्ररर आआहह ऊवूऊवयफ्फ्फफ्फ्फ्फ ऊवूऊवूयूवूऊवयाच्च आआआआअहह हमम्म्मम. उसकी मस्ती भरी आवाज़ें सुन कर मेरा क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा लंड और फ्यूवरियेट हो गया और एग्ज़ाइट्मेंट मे हिलने लगा . माइ लंड वाज़ इन फुल स्विंग सल्यूटिंग सोनिया’स सिल्की सॉफ्ट चूत इन आंटिसिपेशन. 
मैं खड़ा हो गया और सोनिया को बेड पे लिटा दिया ऐसे के उसकी लेग्स नीचे ग्राउंड पे और उसकी गंद बेड के एड्ज पे थी. फिर से उसकी चूत को किस किया और दोनो थंब्स से उसकी पिंक चूत के लिप्स को खोल के अपनी टंग अंदर डाल के ऊपेर नीचे करने लगा ..उसकी चूत के दाने को टिप ऑफ दा टंग से टच रहा था. टुक कंप्लीट कंट इन माइ माउत आंड च्यू हेर चूत का दाना (क्लाइटॉरिस). उसकी चूत को ऐसे चबा रहा था जैसे पान चबा रहा हू. सोनिया इमीडीयेट्ली पुट हर लेग्स ऑन माइ शोल्डर्स आंड रॅप्ड ओवर माइ हेड आंड स्टार्टेड पुल्लिंग मी डीप इनसाइड हर ड्रिपिंग फ्लडेड वेट छूट..
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11-01-2017, 12:08 PM,
#56
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
मैं अब ग्राउंड पे से उठ गया और सोनिया पे झुक के उसके निपल्स को चूसने लगा, काटने लगा. मेरा लंड सोनिया के गीली चूत के एंट्रेन्स पे टीका हुआ था लंड का मोटा सूपड़ा जिस्मै से प्री कम निकल के गीली चूत को और स्लिपरी बना रहा था... माइ लंड वाज़ थ्रॉबिंग और वो जोश मैं ऊपेर नीचे स्प्रिंग जैसे हिल रहा था नीचे ऊपेर हो रहा था जैसे चुदाई से पहले वर्जिन और मक्खन जैसी चूत को सल्यूट कर रहा हो. 
लंड बोहोत ज़ोर से अकड़ गया था. चूत मैं घुसने को बेचैन था और तड़प रहा था.. लंड के हेड मैं से प्री कम के ड्रॉप्स भी निकल रहे थे... सोनिया की गीली गीली प्यारी प्यारी मक्खन जैसे चिकनी चूत.. और राज्ज्जज का लंबा मोटा लोहे जैसा आकड़ा हुआ क़ुतुब मीनार की तरह खड़ा लंड का सूपड़ा सोनिया के गीली चूत मैं धीरे से घुसने लगा..आआआआअहह उउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्प्प्प्प्प्पक्क्क्ककचप्प्प्प्

प्पक्क्क्ककचह की आवाज़ें करता हुआ मेरा मोटा लंबा मोटा स्ट्रॉंग लंड का सूपड़ा सोनिया की लव्ली प्यारी गीली गीली चूत मैं थोड़ा और अंदर घुसा.. 
लंड का हेड प्री कम से और सोनिया के चूत के जूस से चिकना और स्लिपरी हो गया था. थोड़ा और पुश कर के थोड़ा और चूत के अंदर डाला. सोनिया की आँखे बंद थी और उसने अपने दाँतों को मज़बूती से बंद किया हुआ था. टाइट चूत मे लंड नही घुस्स रहा था. सोनिया नीचे से दरद के मारे चिल्ला रही थी और कह रही थी.. निकालो जीजू यह इतना बड़ा और मोटा लंड नही घुसेगा हमारी इतनी छोटी सी चूत मैं. मुझे बोहोत दरद हो रहा है जीईजुउउउ प्लीईएआसए निकाओ ना.. लायकिन मैं धीरे धीरे लंड के सूपदे को ही उसकी गीली चूत मैं अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा. थोडा सा और पुश किया तो गीली चूत मे थोड़ा और अंदर गया पर सोनिया ने मुझे कस्स के ज़ोर से पकड़ लिया और चिल्लाने लगे..ऊओईईई मैं मॅर जाउन्गि जीइजुउउ प्लीईआसीए बोहोत दर्द होता है जिजुउउ प्लीएज निकालो ना जिजुउउ मेरी चूत मे जलन हो रही है. यह इतना बड़ा 
है और मेरी चूत इतनी छोटी सी कैसे जाएगा इसके अंदर प्लीएज निकालो ना. पर मैं ऐसे ही लंड के हेड को अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा पूरा उसकी चूत से बाहर निकाल निकाल कर अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था. 
मैं ने अब सोनिया के ऊपेर झुक के उसके बघल (आर्मस्पिठस) के नीचे से हाथ डाल के उसको शोल्डर्स से टाइट पकड़ लिया और लंड को पूरा हेड तक बाहर निकाल के एक थोड़ी देर तक ऐसे ही सूपदे को अंदर बाहर अंदर बाहर किया और जब लगा की अब चूत बोहोत ही स्लिपरी हो गई है तो एक ज़ोर का पवरफुल झटका मारा और मेरा लंड सोनिया की टाइट गरम और गीली चूत को फाड़ता हुआ उसकी टाइट चूत के अंदर आधा घुस्स गया. सोनिया के मूँह से एक ज़ोरदार चीख ( स्क्रीम ) निकल गयी.ऊवूवयियैआइयीयीयियी म्माआआ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईई. सोनिया को लगा जैसे दुनिया अंधेरी हो गई हो और सारी ज़मीन और आसमान घूम रहा है और उसके हेड मे लाखों पटाखे छूटने लगे. उसकी आँखे मानो सॉकेट मे से बाहर निकल आई. उसने मुझे कस्स के पकड़ लिया. मैं ने अपने लंड को उसकी चूत मे ऐसे ही रहने दिया. थोड़ी देर मे सोनिया की ब्रीदिंग थोड़ी नॉर्मल हुई और उसकी चूत मेरे लंड को अड्जस्ट कर पाई तो थोड़ा और अपने हाफ लंड को चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा. अब चूत थोड़ी और स्लिपरी हो गई थी. मुझ से अब और वेट नही किया जा रहा था तो अपने लंड को सूपदे तक बाहेर निकाल के पूरी ताक़त से अपने लोहे जैसे सख़्त लंड को सोनिया की नंगी चिकनी गीली चूत के अंदर घुसेड दिया. मेरा मूसल जैसा लंड रॉकेट की तरह सोनिया की चूत फाड़ के चूत की गहराईइ मे घुस्स गया था और चूत के अंदर ही अटक गया. फिर क्या था सोनिया की चीख निकल गई आआमम्म्मममममममममममम्मूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ म्‍म्माअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर ग्गाऐयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई 
निकााआआआाअलल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊओ बहेर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर जिजुउउउउउउउ बोहूऊऊऊवटतत दर्द हो रहा है. चूत मे जलन हो रही है. 
उसकी चीख पड़ोसिओं को नींद से जगाने के लिए काफ़ी थी इतनी ज़ोर से चिल्लाई थी वो. ळैकिन सब अपनी अपनी मस्ती मे थे तो किसी ने कोई इस चीख का नोटीस नही लिया. मुझे लग रहा था जैसे उसकी टाइट चूत के मसल्स ने मेरे लंड को और ज़ोर से दबा दिया हो. 
और मैं ने देखा के उसके आँखों से दो आँसू के ड्रॉप्स रोल होके उसके कान के पास रोल कर गये. इट वाज़ ड्यू टू सम पेन आंड सम प्लेषर. इट वाज़ हर फर्स्ट टाइम. मैं ने अपने लंबे मोटे स्ट्रॉंग लंड से सोनिया की टाइट वर्जिन चूत को फाड़ डाला 
था.. शी वाज़ ए वर्जिन आंड आइ टुक हर चर्री. माइ साली सोनिया हॅज़ हॅप्पिली गिवन हर चर्री टू हर जीजू फाइनली.साली की टाइट चूत मे जिजूउ का लंड क़यामत मचा चुक्का था. लंड को ऐसे ही उसकी फाटती चूत के अंदर ही रखा सो दट हर चूत ईज़ अड्जस्टेड टू माइ लंड. उसकी तेज़ी से चलती ब्रीदिंग थोड़ी कंट्रोल मे आई तो लंड को बाहर निकाल के धीरे से घुसाया और स्लोली फक्किंग करना स्टार्ट कर दिया. सोनिया की चूत अब मेरे लंड से अड्जस्ट हो गई थी और चुदवाने के लिए रेडी थी. 
अब सोनिया ने अपने लेग्स मेरे बॅक पे लपेट लिए थे. मैं ने अब सोनिया की टाइट चूत की चुदाई शुरू कर दी. वो अभी भी हाफ बेड पेट ही उसकी लेग्स मेरे बॅक पे. मैं खड़ा हो के ग्राउंड की ग्रिप ले के जम्म के उसकी टाइट चूत की चुदाई कर रहा था. आहह क्या मज़ा था साली की टाइट चूत मे. ऐसा मज़ा तो अपनी वाइफ की टाइट चूत को फर्स्ट टाइम चोदने का भी नही आया था. मैं ने अपने लंड को जब पूरा सूपदे तक निकाल के घुसना चाहा तो देखा के मेरे लंड के सूपदे पे अपनी साली की फ्रेश्ली टॉर्न वर्जिन चूत का गिफ्ट था.. आअहह वो उसकी चूत फॅट जाने से निकला हुआ ब्लड था जो मेरे लंड के सूपदे पे लगा था. मेरे मन को एक शांति सी मिली के आजज्ज एक और कुवारि चूत को फाड़ डाला. 
मेरा लोहे जैसा मोटा लंड अभी अभी की फ्रेश फटी हुई चूत की चुदाई कर रहा था. सोनिया बोली के जीजू मेरी चूत मैं बर्निंग सेन्सेशन हो रहा है बोहोत जलन हो रही है जिजुउउउउ प्लीईआसए थोड़ा आहिस्ता से करो ना प्लीज़. 
मैं ने सोनिया को कस के पकड़ लिया और चोदने लगा. लंड पूरा सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के उसकी टाइट फ्रेश्ली टॉर्न चूत की चुदाई कर रहा था. अब उसको भी मज़ा आ रहा था सोनिया मज़े मे चिल्ला रही थी आहह जिजुउउउ ऊऊऊईईइ म्‍म्म्ममाआआ… हर धक्के से उसके मूह से हम्म उूउउ फफफफ्फ़ जैसे आवाज़े निकल रही थी और चुचियाँ आगे पीछे डॅन्स कर रही थी. मैं ने उसके बूब्स को पकड़ा और अपने मूह मे ले के चूसने लगा. उसके क्रीमी वाइट बूब्स को चूस रहा था और उसपे किशमिश जैसी पिंक निपल को काट रहा था. 
लंबी चुदाई हो रही थी सोनिया की. पवरफुल और डीप धक्के लगा लगा के चोद रहा था. अपनी गंद उठा उठा के पूरा लंड बाहर निकाल निकाल के उसकी खुल बंद होती चूत मे घुसेड देता तो वो पेन और प्लेषर से सिसकारिया भरने लगती. 
क्रमशः...............
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11-01-2017, 12:08 PM,
#57
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
जीजू और साली की होली पार्ट-3 
गतान्क से आगे.......... 
सोनिया की चीखें अभी भी निकल रही थी लैकिन अब वो मज़े लेने लगी थी. पेन हॅज़ टर्न्ड इंटू प्लेषर. आअहह ऊओ कर रही थी. मुझे क़ास्स्स के पकड़ा हुआ था. मेरे बॅक को अपने नाइल्स से खीरॉच रही थी (स्क्रॅचिंग मी बॅक). मैं अपने स्ट्रॉंग लंड को सोनिया की चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर होते देख रहा था. उसकी चूत के लिप्स मेरे मोटे लंड से चिपके हुए थे जैसे मेरे लंड को निचोड़ (स्क्वीज़) रहे हो. 
सोनिया वाज़ टेकिंग हर प्लेषर विथ मी आस्किंग मी टू फक हर हार्ड आंड फास्ट... आअहह जीजू फक मी. ऊऊहह जीजू फक मी हार्ड... जिज़्जु चोदो मुझे आअहह जीजू यू आर लव्ली जीजू चोदो और ज़ोर से चोदो आअहह जिजुउउ आइ लव युवर लंड जीजू.. आअहह चोदो अपनी साली की टाइट गीली चूत को चोदो आआहह मिटा दो इस साली की प्यासी चूत की प्यास बुझा दो जिजुउउ. उउउउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ आअहह जीजू… लव यू जीजू. लव युवर स्ट्रॉंग लंड आआअहह…. फक मी आअहह फक मी उउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह प्प्पक्कक्चह प्प्प्पक्कक्चह दा फक्किंग साउंड केप्ट इनक्रीसिंग..सोनिया हॅज़ बिकम सो वेट दट आइ थॉट शी पिस्ड ड्यू टू माइ हार्ड आंड डीप फक्किंग.. 
माइ फक्किंग स्पीड इनक्रीस्ड. लोहे जैसा लंबा मोटा लंड सोनिया की टाइट चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर अंदर बाहर हो रहा था और जैसे रेलवे एंजिन का शॅफ्ट ट्रेन के चलते वक़्त होता है वैसे ही लोहे के पिस्टन की तरह से सोनिया की चूत मे घुस्स रहा था. .आआहह .उउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ.. आहह..... वी बोथ वर एंजायिंग दिस फक्किंग सेशन. 
उसकी आँख मे से आँसू निकल रहे थे लैकिन वो पेन के नही प्लेषर के थे. वो चुदाई का पूरा स्पर्श ले रही थी 
आइ केप्ट फक्किंग हर डीप आंड हार्ड. शी वाज़ प्लीडिंग मी टू फक हर डीप आंड फ़ाआस्ट. आअहह जीजू जीजू जीजू यू आर वंडरफुल जीजू फक मी. ऊउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्

फ्फ्फ्फ जीजू चोदो मुझे चोदो मेरी नंगी गीली चूत को चोदो जीजू. जीजू देखो मेरी चूत कैसे गीली और चिकनी है... चोदो जीजू इस साआली की चूऊत को चूऊड़ो अपने मूसल लंड से चूऊओदू...फुक्ककक मीई जिजुउउउउउ फुक्ककक मीई. आअहह उउउउउउउउह्ह्ह्ह जिजुउउउ ऊऊहह जिजुउउ जिजुउउ जिजुउउ. 
और मैं उसे ज़ोर ज़ोर से चोद दीवानो की तरह से चोद रहा था एक एक झटके से उसके बूब्स आगे पीछे डॅन्स कर रहे थे और मैं अपनी साली की जम कर चुदाई कर रहा था. अपनी प्यारी साली की ब्रांड न्यू चूत को चोद के फाड़ चुक्का था. बहुत मज़ा आ रहा था चुदाई का. और सडन्ली सोनिया चिल्लाने लगी आइ आम क्यूमियियैयींग जीजू आइ आम क्यूमियियैयींग आइ आम क्यूमियियैयींग जिजुउउ... कुमििईइंग क्यूमियीयिंग.मुझे कुछ हो रहा है.. चूत मे से कुछ 
निकल रहा है जिजुउउउउ आआहह .आअगग्घह आअगग्घह उउउउउग्ग्घ्ह्ह्ह्ह आंड सडन्ली दा होल स्काइ लुक्ड लाइक इट ईज़ रोटेटिंग अपसाइड डाउन. लगा जैसे सारे पेड़ (ट्रीस) घूम रहे हो. मैं उसकी फ्रेश्ली टॉर्न चूत को चोद ता ही रहा. मेरे धक्के और ज़ियादा पवरफुल हो गये थे. उसकी सिसकारियाँ मेरे लंड को पागल बना रही थी. उसकी आँखें बंद थी और सारा बदन मज़े से काप रहा था 
हर एएस क्लोस्ड, हर बॉडी वाज़ शडरिंग. उसने मुझे बोहोत टाइट पकड़ लिया और मुझे लगा जैसे उसकी चूत मेरे लंड को स्क्वीज़ कर रही है. उसकी साँसें फास्ट होने लगी आइ आम कमिंग जिजुउउउ कमम्माइयैयिनंगग्ज आअहह कहते हुए वो मुझ से लिपट गई और यह उसका पहला ऑर्गॅज़म था. उसकी चूत मे से उसका जूस फर्स्ट टाइम निकल गया था. वो मुझ से चिपकी हुई थी और उसका बदन कुछ ही देर मे ढीला पड़ने लगा. ळैकिन मैं अभी तक नही झाड़ा था और उसकी नंगी गीली प्यारी और प्यासी चूत की चुदाई कर रहा था अपने लंबे मोटे लोहे जैसे लंड से आआआहह… क्या मज़ा था सोनिया की टाइट चूत मैं आअहह. 
अब मैं भी रेडी था मेरा वीर्य भी अब निकलने के लिए मचल रहा था. मेरे बॉल्स मे मेरा वीर्य बाय्ल हो रहा था. कुछ और पवरफुल झटके मार रहा था लंड के सूपदे को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के और ज़ोर से उसकी झड़ी हुई चूत मे घुसेड रहा था. मेरा लंड उसकी बच्चे दानी (वूंब) को हिट कर रहा था. सोनिया ने मुझे ज़ोर से पकड़ा हुआ था अभी तक उसका ऑर्गॅज़म चल रहा था उसकी आँखें बंद थी. मुझे अपनी ओर खेच रही थी. है मुझे लगा के मेरा कुम्म मेरे बॉल्स मे से लंड के सूपदे की तरफ ट्रॅवेल कर रहा है.
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11-01-2017, 12:08 PM,
#58
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
मेरे मूह से भी ग्ग्गह आअहह की आवाज़ें निकल रही थी. इतना स्पर्श किसी चूत मे नही था. सोनिया के मूह से भी अजीब सी आवाज़ें निकलने लगी आआग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह ग्ग्गह उफफफ्फ़ मैं भी फिर से आ रही हू जीजू मैं भी आ रही हू.. आइ आम ऑल्सो कमिंग जिजुउउ फक मी डीप लेट्स कुम्म टुगेदर. और अंदर तक जीजू आआग्ग्घ्ह्ह्ह्ह उउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं आआआअ रहियीई हुउउउउउ जिजुउउउउ आइ आम कमिंग कमिंग कमिंग आआहह आंड देन आइ सडन्ली स्टार्टेड शूटिंग माइ हॉट कम डीप इन हर बाय्लिंग कंट.. आअहह उउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह. माइ लंड हॅज़ स्टार्टेड स्परटिंग वाइट थिक हॉट जेट्स ऑफ क्रीमी कम आफ्टर कुउँम्म आफ्टर कूम्म्म डीप इनसाइड हर फ्रेश्ली टॉर्न चूत. वी बोथ केम टुगेदर इट वाज़ हर सेकेंड वंडरफुल ऑर्गॅज़म ऑफ हेर लाइफ. आइ केप्ट शोतिंग आंड फिल्लिंग हर चूत विथ माइ थिक हॉट कुम्म. हर चूत वाज़ फिल्ड विथ और मिक्स्ड कुम्म और हमारा जूस 
नीचे उसकी चूत मे से ओवरफ्लो हो रहा था और कॉट पे गिर रहा था. 
जैसे ही मेरी क्रीम के जेट्स निकल के उसकी चूत को फिल करने लगे उसने मुझ से फुल फोर्स के साथ लिपट गई और फिर से झड़ने लगी आअगग्घह उउउउउग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह क्यूमियीयिंग जिजुउउ आइ आम क्यूमियैयीनन्नंग्ग जिजुउउउ जिजुउउउउ जिजुउउउ आआआआआहह आआआआआआआआआआहह जीजू… उउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ. शी केम 3 टाइम्स विथ वन फक्किंग. उसकी आँखें बंद हो गई और डीप ब्रीदिंग करने लगी. 
जब मेरे लंड मे से वीर्य का ईजॅक्युलेशन ख़तम हो गया तो मैं उसके बदन पे कोलॅप्स हो गया और उसके चुचियाँ मेरे और उसके बदन के बीच मे प्रेस हो गई. हमारी आँखें बंद थी और हेवी ब्रीदिंग चल रही थी दोनो की. ऐसे लग रहा था जैसे हम दोनो ने एक लंबी रेस लगाई हो और दुनिया का सफ़र कर के वापस आए हो. दोनो थोड़ी देर तक तो वही पर एक दूसरे से लिपट कर सो गये. 
जब सोनिया उठी तो देखा के उसकी फटी चूत मे से ब्लड निकला हुआ है.. वो डर गई और पूछा यह क्या कर दिया जीजू तुम ने. इतनी ज़ोर से चोदा के मेरी चूत फॅट गयी. कैसे बे रहम हो तुम जिजुउउ. मैं ने कहा डरने की कोई बात नही पगली ऐसा तो हर कंवारी लड़की के साथ होता है. पहली बार जब किसी कंवारी की कंवारी चूत फॅट ती है तो ऐसे ही खून निकलता है. इस्मै डरने की कोई बात नही. और ऐसा ब्लड अब कभी नही निकलेगा. कियॉंके यह बस एक बार ही खून निकलता है. चूत मे एक झिल्ली जैसे होती है जो फर्स्ट टाइम की चुदाई मे फॅट जाती है और थोडा सा खून निकलता है बॅस फिकर करने की कोई बात नही. 
सोनिया को थोडा इतमीनान हुआ. उसने एक लंबी साँस ली और कहा के “ आख़िर कार तुम ने मेरी चूत फाड़ ही डाली ना जिजुउउउ “ और हम दोनो कुछ देर के लिए ऐसे ही आँखें बंद कर कर एक दूसरे से लिपटे हुए लेट गये. 
थोड़ी देर के बाद जब हमै होश आया तो सोनिया ने मुझे किस करना शुरू किया और कहा ओह माइ डार्लिंग जीजू यू आर वंडरफुल. आइ लव यू आंड युवर लंड वेरी मच जिजुउउ. तुम्हारा लंड तो उफ़फ्फ़ बोहोत ही बड़ा है, लोहे जैसा सख़्त और मूसल जैसा मोटा है तुम्हारा लंड. मैं चाहती हू के दीदी के वापस आने से पहले मुझे फिर से चोदो ना जिजुउउ प्लीज़. मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हू जिजुउउ पर एक बार और चोद डालो अपनी इस एक्लोति साली की एक्लोति चूत. मैं ने देखा के सोनिया की चूत दोनो के मिक्स क्रीम से भरी पड़ी है और एक ब्लड की धारी भी है. आइ हॅव सीन दट सोनिया'स चूत ईज़ फुल ऑफ और मिक्स्ड 
क्रीम आंड आ स्ट्रीम ऑफ ब्लड प्रेज़ेंट इन दा मिक्स्ड कुम्म.... शी वाज़ आ वर्जिन. आइ जस्ट फक्ड आ वर्जिन कंट आ लव्ली वर्जिन चूत. 
सोनिया खुश थी के उसने अपनी कंवारी चूत को अपने प्यारे जीजू के वंडरफुल लंड से खुलवाया है और एक वंडरफुल लंबी चुदाई हुई है उसकी वर्जिन चूत की उसके ज़िजुउ के रॉकेट जैसे लंड से. 
थोड़ी देर के बाद हम दोनो ने एक और चुदाई का मज़ा लिए. 
लेट ईव्निंग से जो बारिश शुरू हुई तो रात देर तक चलती रही. उसकी दीदी भी घर नही आ सकी थी उसने भी फोन कर दिया था के वो अपने फ्रेंड्स के घर मे रुकेगी. मैं ने अपनी वाइफ को बताया के सोनिया आई हुई है और तुम्हारा वेट कर रही है तो वो हंस के बोली के अब मैं कैसे आ सकती हू इतनी ज़ोर की बारिश जो हो रही है. सोनिया से कहो के वो अब वही रुक जाए इतनी बारिश मे घर कैसे जाएगी और मुझ से कहा के सोनिया का ख़याल रखू. मैं ने कहा के तुम उसकी चिंता ना करो मैं जितना हो सकता है सोनिया का उतना ख़याल रखूँगा. 
सोनिया ने घर फोन कर दिया के वो आज रात दीदी के घर ही रुकेगी. उसके घर वालो को क्या पता के उसकी दीदी घर पे नही है और सोनिया मेरे साथ रात मे अकेले ही रहेगी. फिर क्या था सारी रात सोनिया को डिफरेंट स्टाइल्स मे चोदा. चोद चोद के उसकी प्यारी सी रेशम जैसी और मक्खन जैसी नरम चूत का भॉड़सा बना दिया मैं ने और उसकी वर्जिन गांद भी मार के फाड़ डाली. फिर कभी टाइम मिला तो वो भी लिखुगा के सारी रात कैसे चोदा हम दोनो एक दूसरे को और कैसे सोनिया की टाइट गंद को फाड़ डाला. 
आपका

दोस्त राज शर्मा
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11-01-2017, 12:08 PM,
#59
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
हर्षा, लाली और होली

होली पर पिछले तीन साल से घर नहीं जा पाया था. उस बार माँ का फ़ोन आ ही गया. कह रही थी 'सुरेश बेटा इस होली पर जरूर आ जाना. और हाँ वो अपनी हर्षा भी आई हुयी है, तुझे पूछ रही थी'
हर्षा का नाम सुनते ही मेरे तन बदन में एक मादक तरंग दौड़ गयी. मैंने तुरंत फैसला किया की इस बार होली पर जरूर घर जाऊंगा.
'ठीक है माँ, मै कोशिश करता हूँ, अगर दफ्तर से छुट्टी मिल गयी तो जरूर आऊंगा' मैंने माँ से फ़ोन पर कह दिया.
होली को अभी पूरा एक हफ्ता बाकी था....मै स्टेशन पर ट्रेन का इन्तजार कर रहा था. मन में हर्षा उमड़ घुमड़ रही थी. तभी ट्रेन आने का अनाउंसमेंट हुआ, ट्रेन के आते ही मै अपनी कोच में अपनी बर्थ पर जा के बैठ गया. ट्रेन चल पड़ी और मै फिर से हर्षा के ख्यालों में खो गया
हर्षा, मेरे अज़ीज़ दोस्त मेघ सिंह ठाकुर की बेटी हर्षा.
मेघ सिंह ठाकुर हमारे गाँव के जमींदार थे. खूब बड़ी हवेली, सैकड़ों एकड़ जमीन जिस पर खेती होती थी. बाग़ बगीचे; सब कुछ. मेघ सिंह से मेरी पुरानी यारी थी. हम लोग शाम को अक्सर एक साथ बैठते कुछ पीने पिलाने का दौर चलता, हसी मजाक होती, कहकहे लगते. ना जाने कितनी हसीनाओं का मान मर्दन हम दोनों ने मिल कर किया था....अब तो वो सब बातें इक ख्वाब सी लगती हैं.
बात हर्षा की है, उस दिन से पहले मेरे मन में हर्षा के प्रति ऐसा वैसा कुछ भी नहीं था....मैंने उसे उस नज़र से कभी देखा भी नहीं था.
हर्षा ने इंटर पास करने के बाद पास के शहर में बी काम में दाखिला ले लिया था. उन दिनों वो गर्मिओं की छुट्टी में आई हुयी थी.

उस दिन जून का तपता महिना, लू के थपेड़े अभी भी चल रहे थे....हालाँकि शाम के ६ बजने वाले थे. मेरी तबियत ठीक नहीं थी. शायद लू लग गयी थी. सोचा की कच्चे आम का पना (पना.....कच्चे आम भून कर बनाया जाने वाला शर्बत) पी लूँ तो मेरी तबियत ठीक हो जाएगी. यही सोच कर मै हर्षा की अमराई (आम का बगीचा) में कच्चे आम तोड़ने के इरादे से चला गया. चारों तरफ सन्नाटा था. माली भी कहीं नज़र नहीं आया.

मन ही मन सोच रहा था की अब मुझे ही पेड़ पर चढ़ कर आम तोड़ने पड़ेंगे.

तभी मुझे कुछ लड़कियों के हंसने खिलखिलाने के आवाजें सुनाई दी. 'हर्षा, तुम देखो ना मेरी चूत को....तुमसे बड़ी है, और गहरी भी' कोई लड़की कह रही थी.

'हाँ हाँ...मुझे पता है तू अपने जीजाजी से चुदवाती है...तभी तो तेरी चूत ऐसी भोसड़ा बन गयी है' किसी दूसरी लड़की की आवाज आई. 'ऐ कमली, अब तू रहने दे..मेरा मुहं ना खुलवा. मुझे पता है तुम अपने चाचू का लण्ड चूसती हो और अपनी बुर में लेती हो' वो लड़की बोल उठी.

'देखो, तुम लोग झगडा मत करो, "चूत-चूत" खेलना हो तो बोलो वर्ना मै तो घर जा रही हूँ' हर्षा बोल रही थी.

मेरे कदम जहाँ के तहां ठहर गए....मै दबे पांव उस तरफ चल दिया जहाँ से आवाजें आ रहीं थी. पेड़ों की ओट में छुपता हुआ मै आगे बड़ने लगा...फिर जो देखा, उसे देख कर मेरा गला सूख गया. मेरी साँसे थम गयीं. दिल की धड़कन तेज हो गयी.

हर्षा और उसकी सात आठ सहेलियां एक गोल घेरा बना के बैठी थी. सब लड़कियों ने अपनी अपनी सलवार और चड्डी उतार रखी थी और अपनी अपनी टाँगे फैला के अपनी अपनी चूत अपने हाथो से खोल रखी थी. और आपस में बतिया रहीं थी.

'सरस्वती, अब तू ही समझा इस पुष्पा को...ये तो आज "चूत-चूत" खेलने नहीं झगडा करने आई लगती है' कमली बोल पड़ी

सभी लड़कियों को मैं जनता पहचानता था. सरस्वती उम्र में सबसे बड़ी थी, उसने भी अपनी चूत दोनों हाथों से खोल रखी थी. कमली की बात सुन कर उसने अपना एक हाथ चूत पर से हटाया और सबको समझाने के अंदाज़ में बोली 'देखो तुम लोग लड़ो मत, हम लोग यहाँ खेलने आयीं हैं झगड़ने नहीं...समझीं सब की सब'

तभी हर्षा बोल पड़ी 'तो अब खेल शुरू, मै तीन तक गिनुंगी फिर खेल शुरू और अब कोई झगडा नहीं करेगा....एक दो तीन'

हर्षा के तीन बोलते ही सब लड़कियों ने अपनी अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दी. किसी ने एक ऊँगली डाल रखी थी किसी किसी ने दो. जिस पेड़ के पीछे मै छुपा हुआ था वहां से सिर्फ तीन लड़कियां ही मेरे सामने थीं. बाकी सब की नंगी कमर और हिप्स ही दिख रहे थे. हर्षा मेरे ठीक सामने थी.

हर्षा, मेरे खास मित्र की बेटी...जिसे मैं आज तक एक भोली भाली मासूम नादान लड़की समझता आया था उसका कामुक रूप मेरे सामने था. वो भी अपनी चूत की दरार में अपनी ऊँगली चला रही थी. हर्षा की गोरी गोरी पुष्ट जांघो के बीच में उसकी चूत पाव रोटी की तरह फूली हुयी दिख रही थी. उसकी चूत पे हलकी हलकी मुलायम रेशमी झांटे थी...तभी...सुनयना बोल पड़ी...

'ऐ, शबनम तेरा हाथ बहुत धीरे चल रहा है....जरा जाके अपना हथियार तो उठा ला' सुनयना बोली

यह सुन कर शबनम उठी और पास की झाड़ियों में से कुछ उठा लायी. मै उत्सुकता से देख रहा था....शबनम के हाथ में लाल कपडे में लिपटा हुआ लम्बा सा कुछ था. वो उसने लाकर सुनयना को दे दिया. सुनयना ने उस हथियार के ऊपर से कपडा हटाया...वो हथियार एक लकड़ी का बना हुआ डिल्डो, (कृत्रिम लण्ड) था....लगभग बारह अंगुल लम्बा और तीन अंगुल मोटा...एकदम चिकना...कांच की तरह.

सुनयना ने वो हथियार अपनी चूत में दन्न से घुसेड लिया और उसे अन्दर बाहर करने लगी....

मुझे भी दो. मुझे भी दो...सब लड़कियां कह रही थी...फिर सुनयना ने वो डिल्डो अपनी चूत से बाहर निकाल कर हवा में उछाल दिया...कई लड़कियों ने केच करने की कोशिश की. लेकिन बाजी शबनम के हाथ लगी. शबनम उस डिल्डो को अपनी चूत में सरका कर मजे लेने लगी.

उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ मेरी कनपटियाँ गरम होने लगी थी...मेरा गला सूख चुका था...जैसे तैसे मैंने थूक निगला...जिन लड़कियों को मै आज तक सीधी सादी भोली भाली समझता आया था...उनका असली रूप मेरे सामने था.

'हर्षा, तू भी ले ना इसे अपनी बुर में...बहुत मज़ा आता है' शबनम बोली

'ना, बाबा...ना. मुझे तो इसे देख कर ही डर लगता है...मै तो शादी के बाद ही असली चीज लुंगी अपने भीतर' हर्षा बोली

सब लड़कियां बारी बारी से उस डिल्डो को अपनी चूत में चलाती रही...सिर्फ हर्षा ने वो डिल्डो अपनी चूत में नहीं घुसाया. जब लडकियों की मस्ती पूरे शवाब पे आई तो वो एक दुसरे के ऊपर लेट के चूत से चूत रगड़ने लगीं....ये खेल लगभग पंद्रह बीस मिनिट तक चला...जब सब की सब झड गयीं तो सबने अपनी अपनी चड्डी और सलवार पहिन ली.

अच्छा सखियों, आज का अपना खेल ख़तम...कल फिर हम लोग चूत-चूत खेलेंगी....हर्षा बोल पड़ी

सब लड़कियों के जाने के बाद मै भी दबे पांव अपने घर को चल दिया उस रात. नींद मेरी आँखों से कोंसों दूर थी. रह रह कर "चूत-चूत" का खेल मेरे दिमाग में चल रहा था. जिसकी कभी कल्पना भी ना की थी उसे प्रत्यक्ष देख चुका था. हर्षा की भरी भरी चूत मेरी आँखों में नाच रही थी. उसकी गुलाबी सलवार उसके पांव के पास पड़ी थी, और उसने अपनी धानी रंग की कुर्ती अपनी कमर के ऊपर तक समेट ली थी...उसकी चुचियों पे मैंने ज्यादा गौर नहीं किया था...लेकिन हर्षा की कुर्ती काफी ऊंची उठी हुयी दिख रही थी...
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11-01-2017, 12:08 PM,
#60
RE: Holi sex stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
तभी मेरे लण्ड ने खड़े होकर हुंकार सी भरी...और मेरे पेट से सट गया....जैसे मुझे उलाहना दे रहा था.....

मैंने अपने लण्ड को प्यार से थपथपाया....'सब्र करो छोटू...बहुत जल्दी तुम हर्षा की चूत की सैर करोगे'

लेकिन कैसे....? ये सवाल मेरे सामने मुह बाए खड़ा था. हर्षा...जो मेरे सामने पैदा हुई थी...मेरी गोद में नंगी खेली थी...मेरे खास दोस्त की बिटिया...मैंने कभी आज तक उसके बारे में ऐसा सोचा भी नहीं था....लेकिन आज जो खेल उसकी अमराई में देखा...हर्षा ने अपनी चूत अपने हाथों से खोल रखी थी...उसकी चूत के भीतर वो तरबूज जैसा लाल और भीगा भीगा सा द्वार. वो उसकी छोटी अंगुली की पोर जैसा उसकी चूत का दाना (Clit)

अनचाहे ही मै हर्षा की चूत का स्मरण करता हुआ मुठ मारने लगा. मेरे लण्ड से जब लावा निकल गया तब कुछ चैन मिला.

अब मेरा मन...हर्षा की रियल चुदाई करने के ताने बाने बुनने लगा..

अगली सुबह मै जल्दी उठ गया और घूमने के बहाने हर्षा की अमराई में जा पहुंचा. मै झाड़ियों में डिल्डो की तलाश करने लगा...वो मुझे वैसा ही कपडे में लिपटा मिल गया. मैंने डिल्डो को कपडे से बाहर निकल कर देखा, बड़ा मस्त डिल्डो था...उस में से लड़कियों की चूत के रस की गंध अभी भी आ रही थी...मैंने उसे अपनी नाक से लगा कर एक गहरी सांस ली....और डिल्डो अपनी जेब में रख लिया.

इतना तो मै समझ ही गया था की हर्षा एक सेक्सी लड़की है और लण्ड लेने की चाहत उसे भी होगी. आखिर अब वो भरपूर जवान हो चुकी थी. मुझे अपनी राह आसान नज़र आने लगी.

मैंने कुछ कुछ सोच लिया था की मुझे क्या करना है. उसी दिन मैं हर्षा के घर जा पहुंचा, इत्तफाक से हर्षा से अकेले में बात करने का मौका मिल ही गया...

'हर्षा, कैसी हो तुम...तुम्हारी पढ़ाई लिखाई कैसी चल रही है' मैंने पूछा

'ठीक चल रही है अंकल जी, मै दिन भर मन लगा के पड़ती हूँ' हर्षा बोली

'ठीक है हर्षा, खूब मन लगा के पढो तुम्हे ज़िन्दगी में बहुत आगे बढ़ना है' मैंने कहा

'जी अंकल' वो बोली

'वैसे हर्षा, कल मैंने तुम्हे तुम्हारी अमराई में सहेलियों के साथ पढ़ते देखा था' मैंने कह दिया

यह सुन कर हर्षा सकपका गयी और उसका चेहरा फक पढ़ गया. उसके मुंह से बोल ना फूटा. फिर मैंने वो डिल्डो निकाल कर हर्षा को दिखाया...

'ये तुम्हारा ही है ना?' मैंने पूछा

'अंकल जी, वो वो.....' इसके आगे हर्षा कुछ ना बोल सकी

'हर्षा, ये आदतें अच्छी नहीं...मुझे तुम्हारे पिताजी से बात करनी पड़ेगी इस बारे में' मैंने कहा

'नहीं अंकल जी, आप पिताजी से कुछ मत कहना इस बारे में...मैं आपके पांव पड़ती हूँ' वो बोली

'हर्षा, तुम उन गन्दी लड़कियों के साथ ये सब गंदे गंदे काम करती हो...मुझे तुम्हारे पिताजी को ये सब बताना ही पड़ेगा' मैंने अपनी बात पर जोर देकर कहा.

'नहीं, अंकल जी, प्लीज....आप पिताजी से कुछ मत कहना...अब मैं कभी भी वैसा नहीं करुँगी' हर्षा रुआंसे स्वर में बोली और मेरे पैरों पर झुक गयी...मेरा तीर एकदम सही जगह लगा था..

'देखो, हर्षा मैं तुमसे इस बारे और बात करना चाहता हूँ.....तुम कल दोपहर को मुझे अपनी अमराई में मिलना' मैंने उससे कहा

'अंकल जी, अब क्या बात करनी है आपको...' वो बोली

'हर्षा, तुम कल मुझे वही पे मिलना....अब तुम छोटी बच्ची तो हो नहीं.....अपने आप समझ जाओ' मैंने उसकी आँखों में आँखे डाल कर कहा..

कुछ देर वो चुप रही.....फिर धीरे से बोली...'ठीक है अंकल जी, मै कल दोपहर को आ जाउंगी वही पर, लेकिन आप पिता जी से कुछ मत कहना'

'ठीक है, नहीं कहूँगा....लेकिन तुम समझ गयीं ना मेरी बात को ठीक से' ?

'जी, अंकल....मै तैयार हू' वो बड़ी मुश्किल से बोली...यह सुन कर मैंने हर्षा को अपनी बहो में भर लिया और उसका गाल चूम लिया. वो थोड़ी कसमसाई लेकिन कुछ नहीं बोली फिर मैंने धीरे से उसकी चुचिओं पर हाथ फिराया और उसकी जांघो के बीच में हाथ ले जाकर उसकी चूत अपनी मुट्ठी में भर ली...हर्षा के मुह से एक सिसकारी निकली

'हर्षा...अपनी इसे भी चिकनी कर के आना' मै उसकी चूत पर हाथ फिरते हुए बोला. हर्षा ने अपना सर झुका लिया, बोली कुछ नहीं.

मै फिर अपने घर लौट आया....अब मुझे कल का इंतज़ार था.

अगले दिन मै नहा धोकर तैयार हुआ, खूब रगड़ रगड़ के मल मल के नहाया और फिर अपने लण्ड पर चमेली के तेल की मालिश की,सुपाडे पर खूब सारा तेल चुपड़ लिया....आखिर हर्षा की चूत की सील तोड़ने जा रहा था मेरा छोटू. मैं हर्षा की अमराई में लगभग एक बजे ही पहुँच गया. चारों तरफ सुनसान था, चिलचिलाती धूप पड रही थी और गरम हवाएं चल रही थी.

करीब आधे घंटे बाद मुझे हर्षा आती दिखाई दी, उसने अपने सर पर दुपट्टा ढँक रखा था, गुलाबी रंग के सलवार सूट में ताजा खिला गुलाब सी लग रही थी. 'आओ हर्षा...तुमने तो मुझे बहुत इंतजार करवाया, मैं कब से यहाँ अकेला बैठा हू' मैंने कहा.

'अंकल जी, वो तैयार होने में देर लग गयी' वो धीरे से बोली. हर्षा की कातिल जवानी गजब ढहा रही थी, खूब सज संवर के आई थी वो.

मैंने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया, उसकी कड़क कठोर चूचिया मेरे सीने से आ लगीं, उसके तन की तपिश मुझे दीवाना बनाने लगी.

'अंकल जी, कोई देख लेगा' वो बोली और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. 'अरे, यहाँ तो कोई भी नहीं है...तुम बेकार डर रही हो' मैंने उसे समझाया
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