02-26-2019, 12:33 PM,
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RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
बिस्तर पर लेटते ही रागिनी ने अपनी टाँगे और फैला दी, मेने एक
तकिया लिया और उसके चूतड़ के नीचे लगा दिया जिससे उसकी चूत और
उपर की तरफ उठ गयी. अब में अपनी उंगलियों से उसकी चूत को
फैलाया और अपनी जीब से उसे चोद्ने लगा.
रागिनी को काफ़ी मज़ा आ रहा था. वो अपने चूतड़ उपर को और उठा
अपनी चूत मेरे मुँह पे घुसा देती वो सिसक रही थी, "अंदर
बाआाहार करो. अपनी जीईब को और तेज़ी से करो, ओह
हााआअँ और ज़ोर से राज्ज्जज्ज्ज्ज ओह आआआआः."
रागिनी सिसकती रही जब तक कि उसकी चूत ने पानी नही छोड़ दिया.
मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया था. में खड़ा होकर अपने लंड को
हाथों से मसल रहा था. और जब मेने उसकी टाँगो के बीच आकर उसे
चोद्ना चाहा तो उसने मुझे रोक दिया, "राज अब चूत मे नही, अपना
लंड मेरी गांद मे डाल दो."
मेने दूसरी बार सकते की हालत मे उसे देख रहा था, "ग……….गंद
मे.? लेकिन चाची." मेने कहा पर उसने बीच मे ही टोकते हुए कहा.
"राज गांद मे लंड डालना इतना आसान नही है. तुम्हे बहुत ताक़त
लगानी पड़ेगी." उसने मेरे लंड पकड़ मुझे अपने पास खींचा और
लंड को मसल्ने लगी.
"ऐसा क्यों चाची?" मेने उसके मम्मे दबाते हुए पूछा.
"क्योंकि, राज जब औरत उत्तेजित होती है तो उसकी चूत गीली हो जाती
है जिससे मर्द को अपना लॉडा घुसाने मे आसानी होती है. गंद मे
ऐसा कुछ नही होता इसलिए लॉडा घुसाने के लिए ज़ोर लगाना पड़ता
है. लेकिन उसका भी इलाज है." उसने ज़ोर से मेरे लंड को मसल्ते हुए
कहा.
"और वो इलाज क्या है." मेने उत्सुकता से पूछा.
रागिनी मुस्कुरई और उठ कर अपने कमरे मे चली गयी. जब वो वापस
आई तो उसके हाथ मे एक क्रीम की शीशी थी. उसने शीशी से थोड़ी
क्रीम निकाली और अपनी हथेली पर लगा कर मेरे लंड पर लगाने
लगी. जब मेरा लंड क्रीम से पूरी तरह चिकना हो गया तो उसने
शीशी मेरी तरफ बढ़ा दी.
अब वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गयी और बोली, "अब इस क्रीम को मेरी
गांद मे अच्छी तरह लगा दो."
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RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
राज ने उसे बिस्तर के किनारे पर बिठा दिया और खुद अपने कपड़े
उतारने लगा. फिर घुटनो के बल हो उसने उसकी जीन्स उतार दी. राज ने उसे
हल्का सा धक्का दे बिस्तर पर लिटा दिया, "अब असली मज़ा शुरू होता
है." राज ने कहा.
राज ने बेड के नीचे से रस्सी निकाल ली, और प्रीति के हाथों को उसके
सिर के पीछे कर उसके दोनो हाथ बेड के किनारे से बाँध दिए.
"ये तुम क्या कर रहे हो और मेरे हाथ क्यों बाँधे है?" प्रीति ने
पूछा.
"मेने तुमसे कहा था ना कि तुम सवाल नही कर सकती !" राज ने कहा.
प्रीति सोच रही थी कि वो कितनी मजबूर है इन सब चीज़ो से पर उसने
अपने शरीर में फिर गर्मी महसूस की जब उसने पाया की राज ने उसे
फिर चूमना शुरू कर दिया है.
राज अब उसकी चुचियों को चूम रहा था. एक हाथ उसके एक मम्मो को दबा
रहा था और दूसरे मम्मे पर वो अपनी ज़ुबान फेर रहा था. जब उसकी
जीभ निपल के चारों और घूमती तो प्रीति के शरीर में एक
थिरकन सी उत्पन्न हो जाती.
वो राज को अपनी बाहों में भर उसे चूमना चाहती थी पर अपने हाथ
बँधे होने से वो लाचार थी.
राज उसकी चुचियों को चूस नीचे की ओर बढ़ रहा था, उसने उसकी
नाभि पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी. अब वो ज़्यादा समय उसकी नाभि
में ज़ुबान डाल उसे चूम रहा था. रश्मि उत्तेजना के मारे कांप रही.
राज की यातना ने उसे और कामातुर कर दिया था.
राज ने उसकी पॅंटी की एलास्टिक में अपनी उंगली फँसा उसे भी उतार
दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया. राज उठा और एक बड़ा सा तकिया ले
आया.
"प्रीति ज़रा अपने कुल्हों को उठाओ जिससे में ये तकिया तुम्हारे नीचे
लगा सकु." राज ने कहा.
प्रीति अपने आप को उपर उठाने में दिक्कत महसूस कर रही थी, राज
ने उसकी मदद की और तकिया उसके नीचे लगा दिया. अब प्रीति की चूत
उपर को उठ चुकी थी.
राज अब उसकी जांघों के बीच आ उसकी जांघों को चूस्ते हुए उपर की
और बढ़ा. अब उसने अपनी ज़ुबान चूत के आजू बाजू फिराने लगा. प्रीति
की उत्तेजना बढ़ रही थी, उससे अब सहन नही हो रहा था.
राज अपनी ज़ुबान उसकी चूत में डाल उसे चोद रहा था, प्रीति ने
चाहा कि वो राज के सिर को पकड़ उसे और अपनी चूत पर दबौउ पर
हाथ बँधे होने के कारण वो ऐसा ना कर सकी.
"हे भ्ाआआगवान" वो ज़ोर से सिसकी.
"आवाज़ नही मेने कहा था ना !" राज बोला.
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RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
राज ज़ोर से अपनी जीभ को प्रीति की चूत के अंदर बाहर कर रहा
था, प्रीति अपनी कुल्हों को उठा उसकी इस अदा मे उसका साथ दे रही
थी. प्रीति ने अपने शरीर को अकड़ता पाया और उसकी चूत ने उस दिन
का पहला पानी छोड़ दिया.
प्रीति की चूत में जोरों की खुजली हो रही थी और वो राज से कहना
चाहती थी कि वो उसे कस्के चोदे पर राज ने कुछ कहने से मना किया
था ये सोच वो चुप रह गयी.
राज उसकी जांघों के बीच से उठ खड़ा हुआ और उसके होठों को चूमने
लगा. राज का एक हाथ उसके मम्मो को दबा रहे थे और दूसरा हाथ उसके
सिर को ज़ोर से पकड़ा हुआ था. राज ने अपनी ज़ुबान प्रीति के मूह में
डाल दी और उसकी जीभ से खेलने लगा.
इतने मे प्रीति ने अपनी जांघों के बीच किसी को महसूस किया, ये
कैसे हो सकता है जब राज उसे चूम रहा है तो उसकी जांघों के
बीच कौन है. उसे लगा कि कोई अपनी ज़ुबान उसकी जांघों के अन्द्रुनि
हिस्से पर फेर रहा.
जैसे ही उसने कुछ कहने के लिए अपना मूह खोलना चाहा, राज ने उसके
होठों को ज़ोर से चूम लिया.
"कुछ कहने की ज़रूरत नही है, यही तुम्हारा अनोखा तोहफा है." राज
ने कहा.
प्रीति ये सुन कर सहम गयी, ये अंजाना व्यक्ति कमरे में कौन है?
वो मर्द है या औरत ये विचार उसके दिमाग़ में घूमने लगा.
इतने में उसने महसूस किया कि वो जो कोई भी था अब उसकी चूत को
चाट रहा था, उसकी उत्तेजना फिर भड़क रही थी. इतने में राज उसकी
छाती पर चढ़ गया और अपना खड़ा लंड उसकी होठों पर रख दिया.
उस अंजाने व्यक्ति की ज़ुबान की रफ़्तार उसकी चूत पेर तेज हो गयी थी
और उसके मूह से सिसकारी फुट पड़ी.
"ओह आआआआआआहह" जैसे ही उसका मूह खुला राज ने
अपना लंड उसके मूह में घुसा दिया. प्रीति ने राज के लंड को चूसना
शुरू किया और वहीं उस व्यक्ति की रफ़्तार और तेज होती गयी.
उसका शरीर अकड़ रहा था और उसे अपने आपको रोकना मुश्किल लग रहा
था. वो उत्तेजना में और ज़ोर से राज के लंड को चूसने लगी और उसकी
चूत ने दुबारा पानी छोड़ दिया.
राज ने अपना लंड उसके मूह से निकाल लिया और उसपर से खड़ा हो गया.
प्रीति भी अपनी साँसे संभालने में लगी हुई थी.
"ओह ये सब कितना अछा लग रहा है." प्रीति सोच रही थी कि
उसने फिर किसी को अपनी जांघों के बीच महसूस किया.
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RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
"अब चुदाई का वक्त हो गया है," कहकर राज ने अपना लंड उसकी चूत
पर रख थोडा सा अंदर घुसा दिया.
"ओह माआआअ" उसके मूह से आवाज़ निकली.
प्रीति की चूत इतनी गीली हो चुकी थी राज के हल्के से दबाव से ही
उसका पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, इतने में उसने एक और लंड
को उसके होठों के पास महसूस किया. उसने अपना मूह खोला और उस व्यक्ति
को अपना लंड उसके मूह में डालने दिया.
"ये कौन हो सकता है?' वो सोच रही थी.
राज अब प्रीति को जम कर चोद रहा था. उसके धक्को की रफ़्तार और तेज
होती जा रही थी. प्रीति भी अब अपने कूल्हे उछाल उसकी ताल से ताल
मिला रही थी.
"अगर मेने राज की गांद पे जूते नही मारे तो मेरा नाम प्रीति नही,"
वो अपने आप को बार बार याद दिला रही थी जैसे ही अंजाने व्यक्ति का
लंड उसके मूह में ज़ोर से घुसता.
जैसे जैसे राज की रफ़्तार बढ़ती प्रीति के शरीर में कामुकता और
बढ़ जाती. ना चाहते हुए भी उस व्यक्ति के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस
रही थी.
"अगर राज यही चाहता है कि में दूसरे मर्द से चुदाई करवाउ तो
ठीक है में भी बता देना चाहती हूँ कि मैं चुद्वा सकती हूँ," ये
सोचकर प्रीति और ज़ोर से उस लंड को चूसने लगी. उसने उस लंड से
पानी छुट ता महसूस किया. राज धक्के पे धक्के दिए जा रहा था और
उसकी चूत पानी छोड़े जा रही थी.
प्रीति खूब मज़े ले के उस व्यक्ति के लंड के पानी को पी रही थी.
ऐसी चुदाई का उसका ये पहला मौका था. राज ने भी दो धक्कों के बाद
उसकी चूत में पानी छोड़ दिया.
राज ने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला प्रीति को बुरा
लगा वो और चुद्वाना चाहती थी. राज ने उसके हाथों की रस्सी खोल दी
और उसे बिस्तर पर पलट दिया.
अब वो पेट के बल हो गयी थी और तकिये पर होने के कारण उसकी गांद
थोड़ी उठ गयी थी. राज बिस्तर के किनारे पे आ गया जिससे उसका लंड
आसानी से प्रीति के मुँह मे जा सके, "प्रीति अब मेरा लॉडा चूसो."
राज ने कहा.
प्रीति ने राज के वीर्य रिक्त लंड को अपने मूह में ले लिया तभी उसने
अंजाने व्यक्ति के हाथ अपनी गांद पे महसूस किए, जैसे ही उस व्यक्ति
ने अपना लंड उसकी गीली चूत में पेला प्रीति ने सोचा. "हे भगवान
अब ये मुझे चोद्ने वाला है."
एक बार तो उसका मन किया की वो यहाँ से भाग जाए पर उसकी काम इच्छा
ने उसे रोक दिया. उसके अंदर की आग इतनी भड़क चुकी थी कि वो
चुद्वाने के अलावा उसके पास कोई उपाय नही था.
अंजाने व्यक्ति उसके दोनो कुल्हों को पकड़ ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत
में डाल दिया, वहीं राज ने उसके पट्टी बँधे सिर को अपने लंड पर
दबा दिया जो अब खड़ा होने लगा था.
वो अंजना व्यक्ति उसकी गांद पर थप्पड़ मारते हुए ज़ोर ज़ोर से प्रीति
को चोदे जा
रहा था. और वो उतनी ज़ोर से राज के लंड को चूस रही थी. उसका
शरीर फिर तन रहा था.
अनजाना व्यक्ति जैसे ही अपने लंड को अंदर तक डालता प्रीति उतना ही
अपने कुल्हों को पीछे की ओर धकेल उसके लंड को और अपनी चूत की
जड़ तक ले लेती. उस व्यक्ति का लंड राज के लंड से बड़ा था और
प्रीति को उसकी चूत भारी सी महसूस हो रही थी.
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