Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
04-08-2019, 12:39 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
दूसरी तरफ कुलवंत और रवि दोपहर को 1 बजे खाना खा कर अपने पुराने घर चले गए थे….जहाँ पर वो अपनी भैंसो को बाँधते थे. उसके बाद उन्होने ने वही से मंडी चले जाना था….काम निपटा कर पायल और नेहा दोनो अपने-2 रूम में आराम कर रही थी…साहिल का स्कूल 1 बजे बंद होता था….नेहा अपने रूम में लेटी हुई सोने की कॉसिश कर रही थी….क्योंकि उस दिन के बाद तो तीनो अक्सर देर रात तक चुदाई का खेल खेलते थे…..इसीलिए तीनो दिन में ही अपनी नींद पूरी करते थे…

अभी नेहा की आँख ही लगी थी की, पायल एक दम से नेहा के रूम का डोर खोल कर दीदी -2 कहती हुई अंदर आ गई….और आते ही बेड पर चढ़ गई. “क्या हुआ….इतना क्यों चिल्ला रही है…” नेहा ने थोड़ा खीजते हुए कहा…

पायल: दीदी देखो मेरे पास क्या है….(पायल ने नेहा को एक डीवीडी दिखाते हुए कहा….)

नेहा: उफ्फ ये तो डीवीडी है….पर तू क्यों उछल रही है….

पायल: दीदी ये ऐसी वैसी डीवीडी नही है….ये ना वो वाली डीवीडी है….

नेहा: (थोड़ी देर सोचने के बाद) वो वाली कॉन से बता ना….?

पायल: अर्रे दीदी ये ना अडल्ट फिल्म है….

नेहा: क्या बीएफ मूवी है…?

पायल: हां….आप ने कभी देखे है पहले….

नेहा: हां शादी से पहले एक बार देखी थी….पर ये तेरे पास कहाँ से आई…

पायल: दीदी ये ना वो रवि कोई दो साल पहले लाए थे…मुझे साथ में देखने के लिए बोल रहे थी….पर तब वंश छोटा था….इसीलिए मेने मना कर दिया था….तब से मेरे अलमारी में पड़ी थी….आज जब में कपड़े चेंज करने लगी तो, इस पर नज़र पड़ी…दीदी क्या कहती हो देखे इसे.

नेहा: (नेहा ने एक बार घड़ी की तरफ देखा….अभी साहिल के घर वापिस आने में एक घंटा बचा था) चल जल्दी लगा देखते है…अभी साहिल के आने में टाइम है…

पायल नेहा की बात सुन कर मुस्कुराइ….और झट से बेड से नीचे उतरी, टीवी और डीवीवी प्लेयर ऑन करके डीवीडी लगा दे…फिर वो नेहा के पास आकर बेड पर बैठ गई…मूवी स्टार्ट हुई तो…उसमे सबसे पहले एक थ्रीसम सीन स्टार्ट हुआ. उसमे दो मेच्यूर औरतें एक यंग लड़के के 8 इंच के मुन्सल के लंड को घुटनो के बल बैठी हुई बारी-2 चूस रही थी…दोनो मूवी देख कर गरम होने लगी….उन्होने देखा कि कैसे दोनो औरतें उस लड़के के लंड को अपने हलक तक उतार-2 कर चूस रही है….करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद दोनो औरतें सोफे पर डॉगी स्टाइल में आ गई…और लड़के ने उन्दोनो की मोटी गान्डो पर कोई तेल लगा कर एक दम चिकना बना दिया,….और फिर अपने दोनो हाथों का इस्तेमाल करते हुए, दोनो औरतों की गान्ड के छेद में अपने दो-2 उंगलियो को गुस्सा कर अंदर बाहर करने लगे….

पूरे रूम में उस डीवीडी से आने वाली मादक आवाज़ें गूंजने लगी….नेहा और पायल ये देख कर हैरान हो रही थी कि, वो दोनो कैसे अपनी गान्ड में उंगली लेकर मस्त हो रही है….फिर उनमे से एक औरत पीछे की तरफ पलटी.. और दूसरी औरत की गान्ड के छेद को जीभ से चाटना शुरू कर दिया…वो आदमी अपने फन्फनाते हुए लंड को हाथ में लेकर घुटनो के बल बैठी हुई औरत की गान्ड के छेद पर रगड़ेने लगा….जिसे दूसरी औरत चाट रही थी. वो कभी उस औरत की गान्ड के छेद को चाटती तो कभी उस आदमी के लंड के सुपाडे के चुप्पे लगाती….फिर टीवी पर वो मंज़र आया…..जिसे देख नेहा और पायल की चूत के साथ-2 दोनो की गान्ड के छेद में भी सनसनी दौड़ गई…

उस आदमी ने थूक से भीगे हुए अपने लंड को उस औरत की गंद के छेद पर धीरे-2 दाबना शुरू कर दिया….और नेहा और पायल के देखते ही देखते उस आदमी का पूरा का पूरा 8 इंच का लंड उस औरत के गान्ड के छेद को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….टीवी में उस औरत की जैसी ही सिसकारी निकली….पायल ने नेहा के जाकड़ लिया….”सीईईईईई हाई दीदी यी तो अहह”

नेहा का हाल भी पायल जैसा था….दोनो बहुत गरम हो चुकी थी…अगर साहिल घर पर होता तो वो दोनो आज ज़रूर अपनी गान्ड का उधघाटन करवा लेती…..मस्ती का ये दौर मूवी के ख़तम होने पर ही हुआ

साहिल जब घर आया तो उसे पहले ही नेहा और पायल दोनो एक दूसरे की चूत को चाट कर झाड़ चुकी थी….इसीलिए साहिल खाना खा कर अपने दोस्तो के साथ खेलने के लिए चला गया…गाओं की गलियो में टहलते हुए साहिल अपने दोस्तो के साथ अपने पुराने घर वाली गाली में जैसे ही पहुँचा तो, उसे कमला अपने घर के गेट पर खड़ी हुई दिखाई डी…..वो गली में इधर उधर देख रही थी…जैसे किसी को ढूँढ रही हो….जैसे ही उसकी नज़र साहिल पर पड़ी, तो उसने साहिल के तरफ मुस्कुराते हुए देखा. पर साहिल के कुछ दोस्त उसके साथ थी….इसीलिए वो सोच में पड़ गई…

जैसे ही साहिल उसके सामने से गुज़रा, तो कमला ने उसे आवाज़ दी….” साहिल बेटा तूने अमित को कही देखा है….” कमला की आवाज़ सुन कर साहिल रुक गया…..

साहिल: नही आंटी मेने नही देखा…..

कमला: पता नही कहाँ मर गया….अच्छा सुन बेटा मेरा एक काम करेगा…

साहिल: (कमला के घर के गेट बाहर खड़ा होते हुए) जी आंटी कहे..

कमला: बेटा मुझे दुकान से दूध का पॅकेट मंगवाना था….ज़रा दुकान से खरीद कर ला दोगे….

साहिल: हां हां क्यों नही आंटी….

कमला: अच्छा अंदर आओ…में तुम्हे पैसे देती हूँ…

ये कह कर कमला घर के अंदर चली गई….साहिल ने अपने दोस्तो को बाहर इंतजार करने को कहा…और घर के अंदर कमला के पीछे उसके रूम में चला गया…कमला ने उसे पैसे दिए….साहिल ने पैसे लिए और बाहर जाने के लिए जैसे मुड़ा, तो उसे साहिल को रोक लिया…..

कमला: क्या बात है….उस दिन के बाद नज़र नही आते….मुझे भूल गए हो क्या ?

साहिल: नही आंटी ऐसे कोई बात नही है….

कमला: हां हां जानती हूँ….अब तुम अमीर लोगो को हमारी याद कहाँ से आने लगी…..

साहिल: नही आंटी सच में ऐसे कोई बात नही है……

कमला: अच्छा अगर ऐसे कोई बात नही है तो….जब दूध लेकर आओगे तो अकेले आना….फिर देखती हूँ क्या बात है…..

ये कहते हुए, कमला ने अपनी सलवार के ऊपेर से अपनी फुद्दि को मसला और अपने होंठो को दांतो से काटते हुए, साहिल की तरफ देखने लगी…साहिल कमला का इशारा समझ गया था….इसीलिए वो मुस्कुराते हुआ बाहर चला गया. और फिर अपने दोस्तो के साथ मेन रोड की तरफ जाने लगा….वहाँ पर उसने दुकान से दूध का पॅकेट खरीदा और किसी तरह अपने दोस्तो से रुखसत लेकर कमला के घर की ओर अकेला चला गया…

क्रमशः.........................................................
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04-08-2019, 12:39 PM,
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छोटी सी जान चूतो का तूफान--33

जैसे ही साहिल दोबारा अपने पुराने घर वाली गाली में पहुँचा तो, उसे कमला गेट पर खड़ी हुई नज़र आई…..साहिल अभी उसकी तरफ बढ़ ही रहा था कि, गाली के दूसरी वाली साइड से मोहित आता हुआ नज़र आया…मोहित को देख कर तो जैसे कमला गुस्से से पागल ही हो गई हो…..”इसे भी अभी आना था…..यूँ तो सारा दिन कुत्तो के तरह घूमता रहता है….और अब देखो मुँह उठा कर चला आ रहा है हरामी कही का…..

दूसरी तरफ से साहिल ने भी मोहित को अपने घर की तरफ आते हुए देख लिया था…और जैसे ही वो कमला के सामने पहुँचा तो मोहित भी पास आ गया….”और सुना यार कहाँ रहते हो…आज कल दिखाई नही देते….” मोहित ने साहिल की तरफ देखते हुए पूछा….इससे पहले कि साहिल को कुछ कहता, कमला बीच में बोल पड़ी….”तुम्हारी तरह सारा दिन वो आवारा गार्दी नही करता….घर पर रह कर पढ़ता है वो…तू चल अंदर आज तेरे खबर लेती हूँ….” ये कहते हुए कमला ने मोहित को घर के अंदर भेज दिया…और फिर साहिल को साथ लेकर अंदर आ गई….

अंदर आने के बाद कमला ने गेट लॉक किया…..और उसे अपने साथ रूम में ले गई…यहाँ पर मोहित सर झुकाए हुए बैठा हुआ था….”चल अब अपना स्कूल बॅग खोल कर जल्दी से होमवर्क शुरू कर दे…और जब तक तेरा होमे वर्क पूरा नही हो जाता तब तक यहाँ से हिलना नही…वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा….” मा की डाँट सुन कर मोहित घबराया हुआ अपना बॅग लेकर बेड पर बैठ गया…मोहित भले ही अपने बाप से इतना नही डरता था. पर कमला का अपने घर पर और सभी सदस्यों पर पूरा दबदबा था…

जैसे ही मोहित पढ़ने बैठा….कमला ने मुस्कुराते हुए साहिल की तरफ देखा, और बोली….”तू चल बेटा इसे पढ़ने दे…मुझे तेरे हाथ तेरे घर पर कुछ समान भिजवाना है….जाकर नेहा को दे देना…”

साहिल: जी आंटी….

उसके बाद कमला और साहिल उस रूम से बाहर निकल कर किचन की तरफ जाने लगे…जैसे ही दोनो किचन में पहुच कर, कमला ने मूड कर साहिल को अपने बाहों में भर लिया….उसकी 38 साइज़ की चुचियाँ उसके सीने में आ धँसी. ऊफ्फ क्या नरम अहसास था, कमला की चुचियों का….कुछ पुरानी यादें ताज़ा हो गई…फिर कमला साहिल से अलग हुई, और किचन की विंडो से बाहर मोहित के रूम की तरफ झाँकते हुए बोली, “ओह्ह साहिल चल जल्दी से अपनी आंटी की फुद्दि में अपना लंड डाल दे…..बहुत तडफाया है तेरे लंड ने…”

और ये कहते हुए, उसने झुकते हुए, अपनी सलवार का नाडा खोल दिया….और अपनी सलवार पेंटी समेत अपने घुटनो तक सरका कर झुक कर खड़ी हो गई. ताकि वो खिड़की से बाहर मोहित के रूम के डोर पर नज़र रख सके…जैसे ही साहिल की नज़र कमला की झांतों भरी चूत पर पड़ी….उसका लंड उसकी पेंट में झटके खाने लगा…उसने भी बिना एक पल रुके अपने पेंट की ज़िप्प खोली, और अपना मुन्सल सा लंड बाहर निकाल कर कमला के पीछे आ गया…कमला ने अपनी टाँगो को फेलाते हुए, अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर अपनी चूत के छेद को और बाहर की तरफ निकाल दिया…और अगले ही पल साहिल के मुन्सल लंड का दहकता हुआ सुपाडा कमला की छूट के साथ जा लगा….

साहिल के लंड के सुपाडे की गरमी को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही, कमला का पूरा जिस्म काँप गया….चूत ने अपने कामरस के खजाने को खोल दिया….और कुछ ही पॅलो में उसकी चूत गीली हो गई…”हाई साहिल जल्दी कर डाल दे अपनी आंटी की फुद्दि में अपना लंड…आह ओह्ह्ह हाइईईईईईई ओईईईईईई मार दिताअ अहह” साहिल ने एक ही झटके में अपना आधे से ज़्यादा लंड कमला की चूत में पेल दिया था….कमला अपनी चूत को साहिल के लंड के चारो तरफ बुरी तरह जकड़े महसूस कर रही थी…..और उसे अपनी चूत की दीवारों पर साहिल के लंड की नसे सॉफ महसूस होने लगी….

कमला: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुत्तर तेरा लंड तां बहुत मोटा हो गया है…..अपनी आंटी की फुद्दि फाड़ कर रख दी तूने…अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुत्तर पर कोई परवाह नही करनी तूने मेरे…ज़ोर ज़ोर बाहर निकाल निकाल कर फुद्दि में लंड ठोक बेटा….

साहिल: धीरे मोहित सुन ना ले….

कमला: नही बेटा….तू मार मेरी फुद्दि जैसे मर्ज़ी मार….

ये कहते हुए, कमला आगे की तरफ झुक गई….साहिल ने अपने लंड को धीरे-2 कमला की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….साहिल के लंड की रगड़ को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके, कमला एक दम मस्त हो गई…और वो भी अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलते हुए, साहिल के लंड को अपनी चूत के गहराईयो में लेने को मचलने लगी… साहिल भी समझ चुका था कि, ये रांड़ भी अब पूरे रंग में आ चुकी है… इसीलिए उसने कमला के चुतड़ों को दोनो हाथों से फैलाते हुए, तेज -2 झटके मारने शुरू कर दिए…..साहिल का हर झटके के साथ कमला का पूरा बदन हिल जाता….और मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल जाती…

कमला बार -2 ऐसे मुँह बना कर पीछे की तरफ साहिल को देख रही थी… जैसे उसे साहिल के मुन्सल जैसे लंड को झेलने में दिक्कत हो रही हो…”ओह्ह साहिल अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मोटा है रे तेरा लाउडा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लगता है आज आह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह धीरे कर ना पुत्तर अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तू मेरी फुद्दि फाड़ कर ही मानेगा…अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाइईईईईईईईईईईईईईईई कहाँ था उन इतने दिनो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह….अपनी आंटी का ख्याल रखा कर पुत्तर…तेरे बिना तेरी आंटी की फुद्दि की सुध लेने वाला कोई नही है…”
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04-08-2019, 12:39 PM,
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साहिल: हाँ अहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह….तू फिकर ना कर आंटी…में हूँ ना….तेरी फुद्दि की देखभाल के लिए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यी ले…..अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

कमला: हां बेटा एक तू तो है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले बेटाअ तेरी आंटी की फुद्दि मूतने लगी हाईईईईईईईईईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले में आई और ज़ोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..

साहिल: अहह आंटी भिगो दे मेरे लंड को अपनी फुद्दि के पानी सी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

कमला: ले बेटा ले…..तेरी लिए तो है सब ले अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऑश माआआआआआआअ..

ये कहते हुए कमला का पूरा बदन अकड़ने लगा….मस्ती का तूफान अब ज़लज़ला बन गया था….और उसकी चूत से पानी की नदी बह निकली….साहिल का लंड गीला होकर फतच-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर होने लगा….और फिर एक हलकी सी घुरहट के साथ साहिल के लंड ने भी कमला की चूत में वीर्य की बोछार कर दी…..

कमला को अपनी चूत में ऐसे महसूस हो रहा था….जैसे साहिल ने उसकी फुद्दि के अंदर सैलाब ला दिया हो….उसे अपनी पूरी चूत उसकी वीर्य से भरी हुई महसूस होने लगी….कमला आज बहुत दिनो बाद झड़ी थी…जैसे ही साहिल का लंड कमला के चूत से बाहर आया…तो कमला सीधी हुई, उसके सीधे खड़े होते ही, उसकी चूत से वीर्य की धार बह कर बाहर निकलते हुए, उसकी जांघों में आ पैंटी के ऊपेर पड़ने लगी…. उसके देखते ही देखते उसकी पैंटी उसके वीर्य से सन गई….

कमला: हाई मा तू इंसान है या भैंसा…..कितना पानी छोड़ता हे रे तेरा लंड अह्ह्ह्ह….

ये कहते हुए कमला ने मुस्कुराते हुए, साहिल की तरफ देखा, और अपनी पैंटी और सलवार को एक साथ ऊपेर कर सलवार का नाडा बांधने लगी….

साहिल: आंटी सॉरी वो आप की पैंटी खराब हो गई….आप बाद में बदल लेना….अब में चलता हूँ….

कमला: अर्रे नही पुत्तर ऐसी कोई बात नही….अब ये पैंटी तो में पूरा दिन ऐसे ही पहन कर रखूँगी…

साहिल: क्यों ?

कमला: (मुस्कुराते हुए) ताकि तेरे लंड का पानी मेरी फुद्दि को ठंडा रखे. हा हहा…अच्छा अब तू जा….

उसके बाद साहिल कमला के घर से निकल कर बाहर चला गया….

अगले कुछ दिन कुछ ख़ास ना हुआ. क्योंकि कुलवंत और रवि दोनो मंडी नही जा रहे थे….क्योंकि मंडी कुछ दिनो के लिए बंद थी…इस लिए घर में सब नॉर्मल चल रहा था…नेहा और पायल बीच-2 में साहिल से से छेड़ छाड़ कर लेती थी….बस यही सब चल रहा था….इस दौरान साहिल कमला के घर की तरफ भी कई बार गया…पर हर बार घर पर कोई ना कोई होता… इसीलिए वहाँ भी साहिल को कुछ नही मिल रहा था…..एक दिन जब जब वो शाम को घर पहुँचा तो उसे पता चला कि, फसलो की कटाई होने के बाद, मंडी वाली जगह पर आनाज़ की मंडी लगाने लगी है….इसीलिए भैंसो की मंडी को एक महीने के लिए बंद कर दिया गया था…..

नेहा और पायल भी ये खबर सुन कर थोड़ा उदास हुई…पर वो जानती थे कि, ये वक़्त भी गुजर जाएगा….पर साहिल बेचारे का बुरा हाल था…जिस लड़के की तीन-2 औरतें दीवानी हो, और उसे एक के भी साथ सेक्स करने का मोका ना मिल रहा हो….उसका क्या हाल रहा होगा…इसका अंदाज़ा लगाना मुस्किल नही है…खैर साहिल भी सही समय के इंतजार में था….पर अब 8 इंच के लंड को संभालना मुस्किल होने लगा था….जब उसका लंड किसी औरत की हिलती गान्ड या मम्मो को देख कर खड़ा हो जाता…बेचारा साहिल आपने लंड को अपने हाथों से दबा कर बैठने की नाकामयाब कॉसिश करता….

स्कूल में भी उसका यही हाल था…..जब कभी कोई टीचर उसके सामने से अपनी गान्ड हिलाते हुए गुजरती, तो उसका लंड तुक्की मारने लगता….नेहा पायल और कमला की वजह से ही, साहिल का इंटेरस्ट अब बड़ी उमर की औरतों में ज़्यादा होने लगा था….कुँवारी लडकयाँ तो उसे जैसे नज़र नही आती हों. इस दौरान एक अजीब से घटना घटी…..जिसकी के कारण साहिल के जिंदगी में बहुत बदलाव आने वाला था…शायद आगे चल कर यही बदलाव उसकी जिंदगी के उस मुकाम पर लेजाने वाला था….जिसकी चाह हर लड़के के दिल में होती है….

एक दिन जब साहिल स्कूल से घर लोटा, तो उसकी चाची पायल ने उससे कहा कि, वो खाना खा कर कुछ समान उसके मायके यानी गीता के घर उसकी मा नीलम को दे आए….फ्रेश होने के बाद नॉर्मली साहिल घर पर एक पयज़ामा और टीशर्ट पहन लेता था….सर्दी होने की वजह से वो टी-शर्ट के ऊपेर से एक जॅकेट भी पहनता था…खाना खाने के बाद उसने पायल से वो समान लिया जो, पायल ने अपनी मा के लिए भेजना था. और घर से निकल कर उस तरफ चल पढ़ा….रास्ते में दोस्तो से बीच में ही हेलो करते हुए, वो गीता के घर पर पहुँच गया….वो जैसे ही में डोर पर नॉक करने लगा, तो गेट बिना कोई आवाज़ किए हुए खुल गया….

साहिल अंदर की तरफ बढ़ा….घर एक दम सुनसान था….जैसे घर पर कोई हो ही ना…सबसे पहले वो हाल में पहुँचा तो उसे वहाँ कोई दिखाई नही दिया….उसके बाद वो सीधा गीता के रूम में चला गया. पर उसे वहाँ भी कोई नज़र नही आया….फिर वो नीलम के रूम में गया, पर वहाँ पर भी कोई नही था…”अजीब बात है….दरवाज़े सब खुले है….और घर पर कोई नही है….” साहिल धीरे से बुदबुदाया….साहिल जैसे ही नीलम के रूम से बाहर निकला…उसे छत पर कुछ गिरने की आवाज़ आई….

आवाज़ सुन कर साहिल को लगा कि, शायद सब ऊपेर छत पर धूप में बैठे हो…इसीलिए वो सीडयों की तरफ बढ़ा…लेकिन वो जब ऊपेर पहुँचा, तो उसे छत पर भी कोई नज़र नही आया….तभी उसकी नज़र छत पर बने एक छोटे से स्टोर रूम पर पड़ी…जिसका डोर बंद था…साहिल अभी सीडयों पर ही खड़ा था…और वो अभी ऊपेर की आख़िर सीढ़ी पर पैर रखने ही वाला था कि, उस स्टोर रूम का डोर खुला, और कोई बाहर आया….जिसे देख साहिल एक दम से सोच में पड़ गया….उस सख्स को साहिल अच्छे से जानता था… वो कोई और नही, बल्कि नीलम के खेतों में काम करने वाला ही एक मजदूर था...नीलम के पति की मौत के बाद जब नीलम के बेटे विजय यानी कि पायल के भाई ने जब आर्मी जाय्न कर ली थी….
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04-08-2019, 12:39 PM,
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तो खेतो की देख भाल करने के लिए कोई नही रहा था…इस लिए उन्होने ने खेती के लिए उस कालू नाम के मजदूर को रख लिया था…वो खेतों में ही काम करता था….कई साल पहले उसकी बीवी उसे छोड़ कर किसी और मर्द के साथ भाग गई थी….तब से वो अकेला ही था….वो कभी एक जगह काम करता था, तो कभी दूसरी जगह…कालू उम्र में लगभग 45 साल का आदमी था….उसका शरीर भी अब ढलने लगा था…दारू और बीड़ी पीने का असर उस पर सॉफ दिखाई देने लगा था…..वो खेतों में बने हुए कमरे में ही रहता था…

खैर जैसे ही, कालू उस स्टोर रूम से बाहर आया. एक पल के लिए साहिल के कदम वही रुक गए…कालू बड़ी तेज़ी से स्टोर रूम से बाहर आया था. बाहर आकर उसने घर की पिछली तरफ बनी बाउंड्री पर से एक कपड़े का टुकड़ा उठाया, और फिर बड़ी तेज़ी से चलता हुआ स्टोर रूम में घुस गया…और डोर को अंदर से लॉक कर दिया….साहिल को समझ में नही आया की, आख़िर माजरा क्या है…घर पर कोई नही है….और ये कालू यहाँ घर पर ऊपेर क्या कर रहा है…साहिल के मन में आया चलो वो कालू से ही पूछ लेता है, आख़िर सब है कहाँ पर…क्योंकि कालू की नज़र साहिल पर नही पड़ी थी.

ये सोचते हुए आख़िर सीधी चढ़ कर ऊपेर पहुँचा, और उस स्टोर रूम की तरफ बढ़ने लगा…जैसे ही वो स्टोर रूम के पास पहुँचा तो, उसे अंदर से किसी औरत के फुसफुसाने की आवाज़ आई….कोई औरत बहुत दबी हुई आवाज़ में बोल रही थी….इसीलिए साहिल ना जान पाया कि अंदर कालू के साथ कॉन है. एक पल के लिए साहिल का माथा ठनका, और उसके दिमाग़ में तरह -2 के ख्याल आने लगे…साहिल ने अगले ही पल अपना इरादा बदला, और धीरे-2 स्टोर रूम के डोर के पास जाकर खड़ा होकर अंदर की बातें सुनने की कॉसिश करने लगा.

अंदर से अभी भी उस औरत की आवाज़ आ रही थी….पर साहिल को समझ में नही आ रहा था कि, ये आवाज़ किसकी है…पर अंदर जो भी हो रहा था. उस बारे में सोचते ही, साहिल का लंड उसके पयज़ामे में झटके मारने लगा था. साहिल अब बड़े गोर से अंदर हो रही बातों को सुनने की कॉसिश कर रहा था. तभी उसे वो चीज़ सुनाई दी, जिसे सुनते ही, साहिल का लंड पूरे जोश में आकर हुंकार भरने लगा….

औरत: आह कालू तू ना किसी काम का नही रहा…सारा पानी मेरे पेट पर ही निकाल दिया….अर्रे मुअये, एक दो मिनिट रुक जाता, तो कम से कम मेरी फुद्दि को लंड नसीब तो हो ही जाता….हरामी साले, फुद्दि के ऊपेर रगड़ते ही तेरा लंड पानी छोड़ने लगा…

कालू: क्या करू बीबी जी….अब उम्र भी तो हो गई है…लेकिन आप तो जानती ही है ना पिछले 6 सालो से आपकी सेवा करता आया हूँ…अब वो पहली वाली बात नही रही…

औरत: हां जानती हूँ, कुत्ते तुझे अच्छे से जानती हूँ….तू ना दिन देखता है और ना रात जब देखो दारू के नशे में रहता है. यही सब करना है कि, आज तेरे ये हालत हो गई है….

कालू: में तो हूँ ही कुत्ता बीबी जी…आपका कुत्ता…

औरत: हां अब मक्खन ना लगा….अब बता मेरी फुद्दि की प्यास कैसे बुझेगी….

कालू: आप मेरे होते हुए फिकर ना करे बीबी जी…लाओ पहले ज़रा ये पानी सॉफ कर दूँ….

फिर कुछ देर खामोशी छा गई…फिर थोड़ी देर बाद उस औरत के पुरजोर तरहा से सिसकने की आवाज़ स्टोर रूम में गूँज उठी…अंदर क्या हो रहा है, भले ही साहिल को दिखाई नही दे रहा था…पर आवाज़ सुन कर उसे ऐसा लगा जैसे कालू ने उस औरत को फिर से चोदना शुरू कर दिया है.. पर साहिल की ये ग़लत फेहमी जल्द ही दूर हो गई….

जब उस औरत ने सिसकते हुए कालू से कहा….”आहह हरामी चाट कुत्ते अपनी मालकिन की फुद्दि चाट….आह लंड से तेरे कुछ होने से रहा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और अंदर तक जीभ डाल कर चाट….”

कालू: बीबी जी टाँगें चौड़ी करो ना….

औरत: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और कितनी करू कुत्ते जल्दी चाट…

फिर तो जैसे उस स्टोर रूम में सिसकयों को उफान आ गया…बाहर खड़ा साहिल ये सोच -2 कर गरम हो रहा था कि, आख़िर अंदर कालू किसकी फुद्दि चाट रहा है…कोई 5 मिनिट तक उस औरत की सिसकारियो की आवाज़ रूम में गूँजती रही….और फिर एक दम से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गई….और फिर कुछ पॅलो बाद रूम में सन्नाटा सा छा गया….

कालू: अब तो खुस हो ना बीबी जी…

औरत: (थोड़ी देर बाद) कालू खुस क्या खाक होना….जो मज़ा लंड फुद्दि में लेने का है….वो मज़ा किसी और चीज़ में नही…

कालू: आप फिकर ना करे बीबी जी….में जल्द ही इसका हल भी ढूढ़ लूँगा….अब तो मेरा इनाम दे दो…

औरत: हां हां देती हूँ…नीचे रखी है तेरी दारू के बॉटल…. तू नीचे चल फिर देती हूँ…

साहिल को समझते देर ना लगी, कि वो औरत और कालू दोनो बाहर आने वाले है….इसीलिए वो तेज़ी से सीडयों की तरफ गया…और कुछ सीडीयाँ नीचे उतर कर इंतजार करने लगा….क्योंकि वो देखना चाहता था कि, कालू के साथ अंदर कॉन है….तभी उसे डोर खुलने की आवाज़ आई….फिर कदमो की आवाज़ आई, जो सीडयों की तरफ बढ़ रही थी…बस उसी पल साहिल भी सीडीयाँ चढ़ने लगा…
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04-08-2019, 12:40 PM,
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छोटी सी जान चूतो का तूफान--34

जैसे ही साहिल सीढीया चढ़ कर दोबारा ऊपेर पहुँचा तो, कालू सामने खड़ा था….साहिल को सामने देख कर कालू का रंग एक दम से ओढ़ गया. वो बिना कुछ बोले नीचे जाने लगा…कालू एक दम से घबरा गया था. जैसे ही वो नीचे उतरने लगा तो, साहिल ने उसे आवाज़ देकर रोक दिया.

साहिल: घर पर कोई नही है ? कहाँ गए सब…

कालू: वो वो गीता बेटी अपनी भाभी के साथ सहर गई है बेटा…

साहिल: और नीलम आंटी…

कालू: वो वो अंदर है स्टोर रूम में…पर तुम कब आए….

कालू ने बात का जायज़ा लेने के लिए पूछा . वो जानना चाहता था कि, कही साहिल को कुछ पता तो नही चला….

साहिल: में तो अभी आया हूँ….चाची ने कुछ समान भेजा है…

उसके बाद कालू बिना कुछ बोले तेज़ी से नीचे उतरा और घर से बाहर निकल गया…पर साहिल कालू के ये बात सुन कर एक दम चोंक गया था. कि अंदर नीलम है यानी की पायल चाची की मा…. उसे यकीन नही हो रहा था कि, कालू अंदर नीलम के फुद्दि चाट रहा था…ये सोचते ही कि, कैसे नीलम अपनी फुद्दि कालू से चटवा रही होगी, उसका लंड उसके पयज़ामे में झटके खाने लगा…

वो काँपते हुए कदमो के साथ स्टोर रूम की तरफ बढ़ने लगा…और जैसे ही वो स्टोर रूम के अंदर पहुँचा, तो उसकी आँखे फटी के फटी रह गई. नीलम के सलवार उसकी जाँघो में अटकी हुई थी…और वो झुक कर अपनी फुद्दि को कपड़े से सॉफ कर रही थी….क्योंकि कि नीलम के पीठ साहिल के तरफ थी…इस लिए उसे पता नही चला कि, उसके पीछे साहिल खड़ा है. वो तो समझ रही थी कि, कालू दारू की बॉटल के लिए खड़ा है…

नीलम: (चूत सॉफ करने के बाद अपनी सावलार का नाडा बाँधते हुए) तुझे एक बार समझ नही आती….मेने कहा ना नीचे जाकर बैठ में आती हूँ…मेरे सर पर खड़ा मत रह….

साहिल: वो में …..

नीलम साहिल के आवाज़ सुन कर एक दम से चोंक गई…..और उसकी तरफ पलटा कर उसे हैरत और खोफ़ज़दा होते हुए देखते हुए बोली….”तुम बेटा तुम कब कब आए”

साहिल: में तो थोड़ी देर पहले आया था….जब कालू यहाँ से बाहर निकल कर नीचे जा रहा था…

साहिल के बात सुनते ही, नीलम के पैरो के तले से ज़मीन खिसक गई.. “क्या कहा कब….” साहिल ने एक बार नीलम के बदन को ऊपेर से नीचे तक देखा….और फिर बोला…” जब कालू नीचे जा रहा था…..

नीलम: हां वो बेटा में और कालू यहाँ की सफाई कर रहे थे….

साहिल: पर डोर बंद करके….

नीलम को एक और बढ़ा झटका लगा….वो समझ गई थी कि, भले ही साहिल ने कुछ देखा ना हो…पर वो सब जान चुका है….

नीलम: वो बात ये है ना बेटा….में झाड़ू लगा रही थी….पर बाहर हवा से मिट्टी उड़ कर बार-2 अंदर आ रही थी…इसीलिए डोर बंद कर दिया था….

साहिल: वो में तो इसीलिए आया था कि चाची से कुछ समान भेजा है….आप ये रखो में चलता हूँ….

नीलम: अर्रे रूको अभी तो आए हो…चलो नीचे चलते है….

उसके बाद दोनो नीचे आ गई….नीलम ने देखा कि, कालू नीचे नही है. शायद वो जा चुका था…उसे समझते देर ना लगी कि, कालू भी डर गया होगा…इसी वजह से वो दारू लेने के लिए भी नही रुका…नीलम का शक अब यकीन में बदलता जा रहा था…वो साहिल को सीधा अपने रूम में ले गई…साहिल से समान लेकर अपनी अलमारी में रखते हुए, वो साहिल के पास जाकर सोफे पर बैठ गई….

नीलम: साहिल वो एक बात पूछूँ….

साहिल: जी…..

नीलम: वो साहिल जब तुम आए थे….तो क्या तुमने सच में स्टोर रूम का डोर बंद देखा था…

साहिल: हां जी….

नीलम: और फिर…

साहिल: फिर क्या जैसे ही में ऊपेर आने को हुआ तो कालू बाहर निकला और चला गया…

नीलम: (सहमी से सोचते हुए) साहिल बेटा मेरी एक बात मानेगा….

साहिल: हां कहिए….

नीलम: देखो बेटा…..किसी को कहना नही कि, में और कालू स्टोर रूम को बंद करके सफाई कर रहे थे….

साहिल: पर क्यों इसमे छुपाने वाली क्या बात है…

साहिल भले ही सब कुछ जानता था…पर नीलम के सामने वो किसी ना समझ बच्चो जैसी बात जान बुझ कर रहा था….

नीलम: वो क्या है ना बेटा मिट्टी हवा के साथ उड़ कर बार-2 अंदर आ रही थी..इसीलिए डोर बंद कर दिया था…पर अगर तुम ये सब किसी को बताओगे तो सब तो उल्टा ही मतलब निकालेंगे….मेरी बड़ी बदनामी हो जानी है… किसी से कहना नही…लोगो ये थोड़ा ही ना कहगे कि, में सफाई कर रही थी…

साहिल: अच्छा नही कहता पर….

साहिल बोलते -2 चुप हो गया…पर उसकी ये चुप्पी नीलम के दिल के धड़कने बढ़ा गई थी…

नीलम: पर पर क्या बेटा…

साहिल: पर आप वो अपनी सलवार क्यों….

साहिल एक बार फिर से चुप हो गया…नीलम को समझते देर ना लगी कि, ये साहिल जितना भोला बनने की कॉसिश कर रहा है….उतना भोला है नही…

नीलम: वो अच्छा वो ना मुझे नीचे बहुत खुजली हो रही थी.. ऐसा लगा रहा था. जैसे किसी चींटी ने काट लिया हो…इसीलिए देख रही थी…

साहिल ने सिर्फ़ हां में गर्दन हिला दी….

नीलम: अच्छा अब ध्यान रखना किसी से कुछ कहना नही समझे बेटे.

साहिल ने फिर से हां में सर हिला दिया…..

नीलम: अच्छा साहिल बेटा मेरा एक काम करेगा…

साहिल: जी कहिए…..

नीलम: बेटा तूने तो कालू का कमरा देखा है ना है जो खेतो में है.

साहिल: हां देखा है…

नीलम: वहाँ जाकर उसे खाना पकड़ा आना..बोल पकड़ा आएगा ना ?

साहिल: हां दे आता हूँ….

नीलम: अच्छा तू रुक में में खाना झोले में डाल देती हूँ…

उसके बाद नीलम वहाँ से खड़ी हुई और किचन में चली गई. थोड़ी बाद जब नीलम वापिस आई, उसके हाथ में एक थेला था….उसने थेले को गाँठ बाँधी हुई थी….नीलम ने थेल्ले को टेबल पर रखा, और साहिल के पास जाकर सोफे पर बैठ गई….इस बार नीलम साहिल के ज़्यादा ही करीब बैठी थी. उसने एक हाथ से साहिल के सर को बालों को सहलाते हुए प्यार से साहिल की ओर देखा, और साहिल के दूसरे तरफ के कंधे को पकड़ते हुए, उसके सर को अपनी चुचियों पर रख लिया….
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04-08-2019, 12:40 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नीलम: साहिल बेटा तुम बहुत अच्छे हो..हर बात जल्दी मान जाते हो. सच में नीलम और पायल बहुत ख़ुसनसीब है….

नीलम के बड़ी-2 38 साइज़ के गोल-2 नरम चुचियाँ साहिल के गाल पर रगड़ खाने लगी थी….जिसे महसूस करके साहिल का लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा था….

नीलम: (साहिल के सर को अपनी चुचियों पर दबाते हुए) साहिल एक बात पूछूँ…

साहिल: जी…

नीलम: तुम्हारा किसी लड़की से अभी तक कोई चक्कर चला है क्या….

साहिल: चक्कर में समझा नही….

नीलम: मेरे कहने का मतलब तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है….

साहिल: नही….

नीलम: क्यों नही है..या फिर तुम झूट बोल रहे हो…

साहिल: नही सच में मेरे किसी से कोई चक्कर नही है…

नीलम: वही तो पूछ रही हूँ क्यों नही है…

साहिल: मेने इस बारे में कभी सोचा ही नही…

नीलम: सोचा ही नही या लड़कियों से बात करने से डरते हो.

साहिल: नही मेने कभी सोचा नही….

नीलम: तुम लडकयाँ पसंद तो है ना….

साहिल: मुझे नही पता…

नीलम: अर्रे ये क्या बात हुई…तुम्हे लड़कियाँ पसंद तो है…

साहिल: में सच कह रहा हूँ मुझे नही पता….

नीलम: (साहिल के सर को अपनी चुचियो पर से हटाते हुए) पता नही मतलब. अच्छा ये बताओ जब तुम किसी लड़की या औरत को देखते हो तो क्या तुम्हे कुछ होता है…..

साहिल: क्या होता है में समझा नही….

नीलम: उफ्फ अब में तुम्हे कैसे समझाउ….

तभी अचानक बाहर से डोर खुलने की आवाज़ आई, नीलम खड़ी हुई, और रूम के डोर पर जाकर बाहर देखा…बाहर गीता और उसकी भाभी पूनम गेट से अंदर आ रही थी….नीलम ने पीछे पलट कर साहिल को देखा और मुस्कुराते हुए बोली, गीता और बहू है….

नीलम: हो आए सहर से….

गीता: हां मा….

नीलम: वो साहिल आया हुआ है…..

गीता: क्या सच में साहिल आया हुआ है ?

नीलम: हां…

तभी साहिल भी बाहर आ गया….”अच्छा अब में चलता हूँ….” साहिल ने गीता की तरफ देखते हुए कहा….

गीता: अर्रे ऐसे कैसे….अभी तो में आई हूँ….

साहिल: हां पर में बड़ी देर से यहाँ हूँ…घर पर भी नही बताया….इस लिए घर पर परेशान हो रहे होंगे….

गीता: अच्छा ठीक है…जैसे तुम्हारी मरजी…

गीता ने मुँह बनाते हुए कहा….तभी उसकी नज़र साहिल के हाथ में पकड़े हुए झोले पर पड़ी….”इसमे क्या है….” गीता ने साहिल के हाथ से झोला लेने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि, नीलम ने उसे रोक दिया…

नीलम: तुझे क्या हर चीज़ दिखानी ज़रूरी है….जा अंदर आ जा…कालू का खाना है उसमे…

उसके बाद साहिल खेतो की तरफ जाने लगा…रास्ते में साहिल सोच रहा था कि, क्या सच में इस झोले में खाना ही है…अगर खाना है तो गीता पर उसकी मा इतना क्यों भड़क गई थी….साहिल चलते-2 गाओं से बाहर निकल कर खेतो की तरफ पहुँच गया था…उसने चलते-2 ही झोला खोला और अंदर देखने लगा…उसमे कुछ रोटियाँ एक कपड़े में बँधी हुई थी. और एक डब्बे में सब्जी थी….तभी उसकी नज़र दारू की बॉटल पर पड़ी…

साहिल के होंठो पर अजीब से मुस्कान आ गई…आख़िर कार नीलम ने उसके हाथों ही अपने यार के लिए शराब भिजवा दी थी…साहिल कालू के कमरे बाहर पहुँचा तो उसने देखा कि कालू बाहर चारपाई पर बैठा हुआ था.. उसने झोला कालू को देते हुए कहा कि, आंटी ने खाना भेजा है. और फिर सीधा अपने घर की तरफ चल पड़ा…जब वो गाओं के अंदर पहुँचा तो उसे किरियाने की दुकान पर नीलम खड़ी हुई दिखाई दी….नीलम की नज़र भी साहिल पर पड़ी…पर साहिल बिना कुछ बोले आगे बढ़ने लगा.

नीलम ने जल्दी से समान लिया और फिर दुकान से बाहर आकर साहिल को आवाज़ लगाई…नीलम की आवाज़ सुन कर साहिल नीलम के पास आ गया..

नीलम: साहिल बेटा खाना दे आया कालू को….

साहिल: जी दे आया….

नीलम: कालू ने कुछ कहा….

साहिल: जी नही….

नीलम: अच्छा सुन तू कल सुबह 11 बजे घर पर आना मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी काम है…बोल आएगा ना….

साहिल: जी कॉसिश करूँगा….

नीलम: कॉसिश नही आना है तुम्हे बस….

साहिल: जी…

नीलम: और हां बेटा जो मेने तुम्हे समझाया था ना वो स्टोर रूम वाली बात किसी से ना करना….

साहिल: आप बेफिकर रहे में नही करता किसी से….

उसके बाद साहिल घर चला गया……..
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04-08-2019, 12:40 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
घर आने के बाद साहिल पढ़ने बैठ गया….कुछ ख़ास नही हुआ…क्योंकि अगले दिन सनडे था….इसीलिए स्कूल ऑफ था….साहिल देर रात तक पढ़ता रहा. अगले दिन साहिल जब उठा तो 10 बज रहे थी…उसे याद आया कि, नीलम ने उसे 11 बजे बुलाया था….वो उठ कर बाथरूम में चला गया. फ्रेश होने के बाद वो हाल में जाकर बैठ गया….वहाँ पर रवि और कुलवंत दोनो पहले से बैठे हुए नाश्ता कर रहे थे…

कुलवंत ने साहिल से उसके पड़ी के बारे में पूछा…और फिर कुछ देर बाद पायल खाना लेकर आ गई….साहिल ने नाश्ता क्या…और उसके बाद नेहा को ये बोल कर घर से बाहर निकल गया कि, वो ग्राउंड में क्रिकेट कहलाने जा रहा है…घर से निकल कर वो सीधा गीता के घर के तरफ चला गया….घर पहुँच कर उसने डोर नॉक किया….थोड़ी देर बाद नीलम ने डोर खोला और उसे अंदर बुला लिया….

साहिल के अंदर आते ही, उसने डोर लॉक कर दिया…और फिर साहिल को साथ लेकर अपने रूम में चली गई…उसने साहिल को सोफे पर बैठने के लिए कहा… और फिर कल के ही तरह उसके साथ सॅट कर बैठ गई….

साहिल: जी क्या काम था…

नीलम: साहिल अब में तुम्हे कैसे कहूँ….

साहिल: बेझीजक कहिए…..वैसे गीता मौसी और पूनम मामी कहाँ है ?

नीलम: गीता पूनम के साथ उसके मायके गई है….कल तक आ जाएगे अच्छा तुमने वो स्टोर रूम वाली बात किसी से कही तो नही..

साहिल: नही तो…

नीलम: दरअसल मेने तुम्हे इस लिए बुलाया था कि, कल जब तुमने कहा था कि, तुम्हे लड़कियों को देख कर कुछ नही होता….तब से मुझे तुम्हारी चिंता हो रही है बेटे…

साहिल: पर क्यों….

नीलम: अब में तुम्हे कैसे समझाउ बेटा…अच्छा ये बता तुम्हे किसी लकड़ी को या औरत को देख कर कभी कुछ नही हुआ…

साहिल: (अंजान बनते हुए) नही….पर आप ऐसे क्यों पूछ रही है… ऐसे देखने से क्या होता है….

नीलम: अफ अच्छा सुनो तुम्हे कभी कुछ हुआ जब तुम किसी लड़की या औरत का ये चीज़ देखते हो…(नीलम ने हाथ से अपनी चुचियों की तरफ इशारा करते हुए कहा)

साहिल ने शर्मा कर सर झुका लिया….उसे मुस्कराता देख नीलम ने फिर से पूछा…”बोलो कभी कुछ हुआ है…” साहिल ने हां में सर हिलाया.

नीलम: क्या हुआ है….

साहिल: (सर झुकिए हुए) अजीब से बेचनि होती है….

नीलम: और…

साहिल: और तो कुछ नही…

नीलम: क्या तुम्हारा वो खड़ा होता है….

नीलम अब सीधे -2 मुद्दे की बात पर आ चुकी थी….नीलम के मुँह से ये बात सुन कर साहिल को झटका लगा पर फिर भी वो अंज़ान बनते हुए बोला…”क्या खड़ा होता है….”

नीलम अब बिना किसी के पर्दे के सब कुछ कह देना चाहती थी… उसका हाथ रेंगता हुआ साहिल की जाँघ पर पहुँच गया….और उसने साहिल के लंड के ऊपेर हाथ रखते हुए कहा….”ये खड़ा होता है….”

साहिल: पता नही….

नीलम: कभी खड़ा नही हुआ ये….

साहिल: नही ऐसी बात नही है….कभी होता है जब सुबह तेज पेशाब होता है..

नीलम: कितना खड़ा होता है….कितना तानव आता है….

साहिल: मुझे नही पता….

नीलम ने एक गहरी साँस छोड़ी और फिर बोली….”में तो घबरा ही गई थी..इसका मतलब तुम्हे कोई बड़ी बीमारी नही…थोड़ी प्राब्लम हो सकती है. पर उसका इलाज करवाया जा सकता है….

साहिल मन ही मन सोच रहा था कि, वो अब कैसे कहे कि, वो उसकी दोनो बेटियों को चोद चुका है…और पायल को तो वो कई बार पेल चुका है….और पायल उसके लंड की किस कदर दीवानी है….क्योंकि साहिल ने अपने लंड को अपनी जाँघो के बीच में दबा रखा था…जिसके कारण उसके लंड में अभी तक कोई तनाव नही था….इसीलिए नीलम यही समझ रही थी कि शायद सच में उसे कोई प्राब्लम हो….

नीलम: वैसे में एक वैद्य को जानती हूँ….में तुम्हारी दवाई वहाँ करवा दूँगी…

साहिल: नही उसकी ज़रूरत नही…

नीलम: अच्छा तुझे कैसे पता तुझे उसकी ज़रूरत नही…अच्छा एक काम कर में चेक करके देखती हूँ…कि तुझे ज़रूरत है या नही….

नीलम एक दम से सोफे पर से खड़ी हो गई….और फिर साहिल के सामने पैरो के बल नीचे ज़मीन पर बैठ गई…उसने साहिल से अपने टाँगो को खोलने के लिए कहा….और जैसे ही साहिल ने अपनी टाँगो को खोला…नीलम ने पयज़ामे के ऊपेर से साहिल के लंड को हाथ में पकड़ लिया….नीलम का हाथ लगते ही, साहिल के लंड में हलचल होने लगी…भले ही साहिल के लंड में तनाव नही था…पर उस हाल में भी साहिल का लंड 4 इंच लंबा लग रहा था…..नीलम मन ही मन सोचने लगी….जब सिकुडे हुए लंड इतना बड़ा लग रहा है…तो खड़ा होने के बाद तो उफफफ्फ़ ये सोचते ही नीलम के मुँह सीयी के आवाज़ निकल गई…..

साहिल: क्या हुआ आंटी….

नीलम: कुछ नही बेटा….
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04-08-2019, 12:40 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नीलम ने धीरे-2 साहिल के लंड को पयज़ामे के ऊपेर से मुट्ठी में भर कर दबाना शुरू कर दिया…साहिल का लंड भी धीरे-2 अकड़ने लगा…जैसे ही साहिल का लंड आधा खड़ा हुआ, नीलम उसकी मोटाई और लंबाई का जायज़ा लेते हुए, एक दम से हैरान हो गई….उसकी चूत सलवार के अंदर से पानी छोड़ने लगी….उसने बिना किसी झिझक के साहिल के पयज़ामे की इलास्टिक में हाथ डालते हुए, उसे उसकी जाँघो तक सरका दिया….साहिल ने नीचे अंडर वेर नही पहना हुआ था….जैसे साहिल का पयज़ामा उसकी जाँघो पर आया…उसका विकराल लंड हवा में झटके खाने लगा…..

नीलम: (अपने मुँह के आगे हाथ रखते हुए) हाई मा……

नीलम अपनी फटी आँखों से कभी साहिल के विकराल लंड को देखती, तो कभी साहिल की आँखो में. उसने अभी भी साहिल के लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ रखा था….और साहिल के लंड में तनाव पूरी तरहा आ चुका था…

नीलम: हाई साहिल ये तो सच में खड़ा हो गया है….तुम्हारा तो बहुत बड़ा है….

नीलम ने अब धीरे-2 साहिल के लंड को हिलाना शुरू कर दिया था…साहिल के लंड का लाल दहाकता हुआ सुपाडा देख कर उसकी चूत में कुलबुलाहट शुरू हो चुकी थी…इसीलिए अब वो साहिल को अपने बातों के जादू से गरम करने के कॉसिश करने लगी थी…..

नीलम: (साहिल के लंड को सहलाते हुए) साहिल बेटा….

साहिल: (मस्ती की कारण साहिल की आँखें बंद होने लगी थी) जी….

नीलम: तुम्हे मज़ा आ रहा है….

साहिल नीलम के बात का जवाब ना दे पाया…

नीलम: बताओं ना…

साहिल: जी….

नीलम: कितना मज़ा आ रहा है….

साहिल: जी बहुत…..

नीलम: अब में बस करू…..

साहिल एक बार फिर चुप हो गया….

नीलम: बोला ना साहिल में बस कर दूं या करती रहूं….

साहिल: जी बहुत मज़ा आ रहा है….

नीलम: (अपने होंठो को दांतो में काटते हुए) तो सीधा सीधा कह ना तुम्हारा हथियार हिलाती रहूं….

फिर नीलम अपने हाथ को बड़ी तेज़ी से साहिल के लंड पर चलाने लगी… करीब 5 मिनिट बाद नीलम का हाथ भी दुखने लगा….

नीलम: उफ्फ इसका पानी क्यों नही निकल रहा साहिल…..

साहिल: जी मुझे नही पता…

नीलम: देख साहिल में ये सिर्फ़ चेक करने के लिए कर रही थी…पर अब तो ये ठंडा होने का नाम ही नही ले रहा…..अब में क्या करूँ…

साहिल: कुछ भी बस इसे ठंडा कर दीजिए….

नीलम: (साहिल के लंड को हाथ से छोड़ते हुए) अच्छा तुम यही बैठो…..

ये कह कर नीलम खड़ी हुई, और अपने रूम का डोर लॉक कर दिया. फिर उसने रूम में लगी खिड़की को बंद करके पर्दों से ढक दिया….साहिल का लंड ये सोच -2 कर ही झटके खाने लगा था कि, अब वो नीलम की फुद्दि का बॅंड बजा देगा…पर साहिल ये सब अंजान बनते हुए करना चाहता था…फिर नीलम ने रूम की लाइट्स भी ऑफ कर दी…रूम की लाइट्स ऑफ होते ही पूरे रूम में एक दम से अंधेरा छा गया….रूम में कुछ दिखाई नही दे रहा था….बस कुछ आवाज़ें सुन कर ही कि क्या हो रहा है, साहिल अंदाज़ा लगाने की कॉसिश कर रहा था…..

तभी उसे नीलम के कदमो के आहट सुनाई दी….जो उसकी तरफ बढ़ रही थी…फिर नीलम के पैर साहिल के पैरो से टकराए….अब नीलम साहिल के बिल्कुल सामने खड़ी थी….थोड़ी देर बाद उसे कपड़ो की सरसराहट सुनाई दी. साहिल आँधिरे में यही सोच रहा था कि, नीलम शायद अब अपने कपड़े उतार रही है….फिर थोड़ी देर के लिए खामोशी छा गई…और फिर साहिल को अपने दोनो कंधो पर नीलम के हाथों का अहसास हुआ, नीलम ने अपने दोनो हाथ साहिल के कंधो पर रख लिए थी….फिर नीलम ने अपने एक टाँग को घुटने से मोड़ कर साहिल की लेफ्ट जाँघ के साथ सोफे पर रखा, और फिर दूसरी टाँग को भी वैसे ही साहिल की राइट जाँघ के दूसरी तरफ टिका कर उसके ऊपेर आ गई….फिर उसने साहिल के लंड को हाथ नीचे लेजाकार जड़ से पकड़ लिया…..

नीलम के नरम हाथ को अपने लंड पर महसूस करते ही साहिल एक दम से सिसक उठा….फिर नीलम ने उसके लंड के सुपाडे को धीरे-2 अपनी चूत की फांको के बीच में रगड़ना शुरू किया….साहिल को ऐसा लग रहा था, जैसे उसका लंड किसी जलती हुई भट्टी के ऊपेर रगड़ खा रहा है….कुछ ही पलों में साहिल का लंड नीलम की चूत के पानी से गीला हो गया….फिर नीलम ने साहिल के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर टिकाया, और धीरे-2 अपना वजन डालते हुए, साहिल के ऊपेर बैठने लगी….साहिल का लंड नीलम की चूत के छेद को फेलाता हुआ धीरे -2 अंदर घुसने लगा….रूम में एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….जैसे ही साहिल का लंड नीलम की चूत की गहराईयो में समाया, नीलम ने आगे की ओर झुकते हुए, साहिल के गले में बाहें डालते हुए उसे अपने से चिपका लिया….साहिल भी कहाँ पीछे रहने वाला था….उसने भी नीलम की कमर को अपनी बाहों में कसते हुए, नीलम की गर्दन पर होंठो को रख दिया….

नीलम ने साहिल के होंठो को अपनी गर्दन महसूस करते ही, उसके सर को अपनी बाहों में कसते हुए अपनी गर्दन पर दबा दिया….और अपनी गान्ड को एक रिदम के साथ ऊपेर नीचे करने लगी…..नीलम की चूत बहुत ठुकी हुई थी..इसीलिए उसे साहिल का लंड लेने में ज़्यादा दिक्कत नही हो रही थी…रूम में जिस तरहा से खामोसी छाई हुई थी….उसके कारण जब साहिल का लंड नीलम की गीली चूत में जाता, तो पक -2 की आवाज़ रूम में गूँज जाती. और नीलम भी सीईइ सीईइ कर उठती…..

साहिल का लंड भी पूरे जोवन पर आ चुका था….अब साहिल भी नीचे से अपनी कमर हिलाते हुए नीलम की फुददी में अपना लंड पेल रहा था….धीरे-2 दोनो की स्पीड बढ़ती जा रही थी….नीलम को अपनी पूरी जिंदगी में अपनी चूत इतनी कसी हुई महसूस नही हो रही थी….साहिल का लंड जिस तरह से नीलम की चूत की दीवारो से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. नीलम एक दम मस्त हो चुकी थी…नीलम की चूत अब लावा उगलने के बेहद करीब पहुँच चुकी थी….

नीलम: हाई साहिल ओह्ह्ह देख मेरी फुद्दि पानी छोड़ने लगी है आह तू भी निकाल दे अपना पानी आह अह्ह्ह्ह….

नीलम की सिसकारियाँ अब कमरे में बनी हुई शान्ती को तोड़ने लगी थी…उसकी भारी और मोटी गान्ड साहिल की जाँघो से टकरा कर पूरे रूम में ठप-2 का तेज शोर करने लगी थी…एक दम से नीलम का बदन अकड़ने लगा. साहिल का जिस्म भी अब उसका साथ छोड़ने लगा…और उसके लंड से पानी निकल कर नीलम की चूत की दीवारों को भीगोने लगा…नीलम अपनी चूत में गिरते हुए गरम वीर्य को महसूस करते हुए एक दम से चिल्ला उठी. उसकी कमर झटके खाने लगी….और फिर उसका बदन ढीला पड़ गया…दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही बैठे रहे….काफ़ी देर बाद अचानक से बाहर डोर नॉक होने की आवाज़ आई….

दोनो एक दम से चोंक गए….

नीलम: साहिल के ऊपेर से उठते हुए) तुम यही बैठो में अभी देख कर आती हूँ….(ये कहते हुए नीलम ने रूम की लाइट ऑन की)

जैसे ही नीलम ने लाइट ऑन की, दोनो ने अपने कपड़े जल्दी से पहने और फिर नीलम बाहर चली गई….साहिल अंदर बैठा हुआ हल्की आवाज़ में बातें सुन रहा था….थोड़ी देर बाद नीलम वापिस आई और साहिल से बोली….

नीलम: साहिल अब तुम जाओ….पर दोपहर को 1 बजे यहाँ वापिस आना मुझे तुमसे ज़रूरी काम है….

साहिल बिना कुछ बोले सोफे से उठा और बाहर चला गया….वहाँ से निकल कर वो सीधा अपने घर चला गया….

क्रमशः.............................................
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04-08-2019, 12:41 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--39

जब साहिल बाथरूम से बाहर आया तो, उसने देखा कि, पायल बेड पर पेट के बल उल्टी लेटी हुई थी….उसकी सलवार अभी भी फरश पर धूल चाट रही थी…..और उसकी कमीज़ उसकी गान्ड के ऊपेर तक उठी हुई थी…ये नज़ारा देख कर साहिल का लंड फिर से खड़ा होने लगा…साहिल वही रूम के डोर के पास खड़ा अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा…. थोड़ी ही देर में साहिल का लंड फिर से पूरे ताव में आ गया….साहिल तेज़ी से बेड के तरफ बढ़ा….और बेड पर चढ़ कर घुटनो के बल बैठ गया…उसने एक झटके में पायल की टाँगो को खोला और टाँगो से पकड़ कर खेंच कर उसकी जाँघो को अपने घुटनो पर चढ़ा लिया….

पायल अब भी उल्टी लेटी हुई थी….साहिल के इस तरह अचानक हुमले से पायल एक दम से बोखला सी गई….इससे पहले कि पायल को कुछ समझ आता…साहिल ने पायल के दोनो चुतड़ों पर एक साथ दोनो हाथों से थप्पड़ झाड़ दिया…पायल की गान्ड एक दम से सनसना उठी….उसने दर्द भरे चेहरे से पीछे मूड कर देखा….और कुछ बोलने को मुँह खोला ही था कि, साहिल ने अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिकाते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा….पायल की चूत उसके पहली चुदाई के निकले कामरस और साहिल के वीर्ये से एक दम सनी थी…इसीलिए साहिल का लंड फिसलता हुआ एक ही बार मे पायल की चूत को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा…..

पायल: ओह्ह्ह्ह माआ मार दित्ता मेनू अहह फाड़ देति मेरी फुद्दि ……आह साहिल पुत्तर अहह अहह ओह धीरीई कर नाआआअ आह मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह

पर साहिल तो जैसे पायल की बात सुनने को ही तैयार नही था…..उसके धक्के फिर से फुल स्पीड पर चालू हो चुके थी….साहिल के लंड का मोटा सुपाडा पायल की चूत के दीवारों को बुरी तरह से रगड़ रहा था….पायल दर्द और मस्ती के मिलजुले असर से सिसकारियाँ भर रही थी….साहिल ने बिना कोई रहम खाए अपनी चाची को फिर से 10 मिनिट तक खूब रगड़ा…और जब साहिल के लंड मनी निकली….तब जाकर साहिल अपनी चाची पायल के ऊपेर से उठा, और बेड पर लेट गया….पायल बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने रूम में चली गई. उसे चलने में भी दिक्कत महसूस हो रही थी….पायल जैसे ही अपने रूम में पहुँची, तो वो सीधा बाथरूम में घुस गई…और मूतने बैठ गई….साहिल के लंड ने आज पायल की चूत की दीवारो को बुरी तरह से रगड़ा था….

पायल की चूत से मोटी मूत की धार तेज़ी से बाहर आने लगी…मूतते हुए भी पायल का बदन बुरी तरहा से थरथरा रहा था….पायल को ऐसा लग रहा था…जैसे अभी तक भी उसकी चूत झाड़ रही हो…..मूतने के बाद पायल खड़ी हुई, और अपनी टाँगो को चौड़ा करके झुक कर अपनी चूत को देखने लगी….उसकी चूत साहिल के लंड के थपेड़ो से एक दम लाल सुर्ख हो चुकी थी….भले ही साहिल ने उसे बेहद बहरहमी से चोदा था. पर अपनी चूत की हालत देख कर उसके होंठो पर एक कामुकता भरी मुस्कान फेल गई…

थोड़ी देर बाद पायल और साहिल दोनो फ्रेश होकर पूनम के घर पहुँच गए….जैसे ही साहिल घर में दाखिल हुआ तो सामने से उसे नीलम आती हुई नज़र आई….”अर्रे साहिल बेटा कहाँ था तू देख गीता कब से तेरे बारे में पूछ रही है….जा जाकर मिल ले उसे. दो दिन बाद तो वो अपने घर चली जाएगी….”

साहिल: जी आंटी…

साहिल गीता के रूम के तरफ चला गया….जब वो रूम में पहुँचा तो उसने देखा कि, गीता दीप्ति और गीता की फ्रेंड सिमरन यानी कि कमला के बेटी तीनो बेड पर बैठी हुई थी….जैसे ही गीता की नज़र साहिल पर पड़ी…तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई.

गीता: अर्ररे साहब जादे कहाँ रहते हो आजकल नज़र ही नही आते….सुबह से नेहा दीदी से तुम्हारे बारे में पूछ रही हूँ…

साहिल: में तो यही था…वो आंटी ने कुछ समान लाने सहर भेज दिया था…

गीता: अर्रे वहाँ क्यों खड़ा है….आजा यहाँ बैठ….

गीता ने बेड पर अपने पास बैठने का इशारा किया….साहिल सर झुकाए हुए गीता के पास आकर बेड पर बैठ गया…..

गीता: ह्म्म्म तुझे मुझसे मिलने का ज़रा भी दिल नही करता ना ?

साहिल: नही ऐसे बात तो नही है….

गीता: तो फिर इतने दिनो तक घर क्यों नही आया….

साहिल: वो टाइम नही मिला….

गीता: टाइम नही मिला बड़ा आया बोल तो ऐसे रहा है….जैसे सारी दुनिया के काम सिर्फ़ तेरे सर पर डाल दिए गए हो….

थोड़ी देर इधर उधर के बातें करने के बाद साहिल उठ कर रूम से बाहर आ गया. बाहर अंगान में नेहा के साथ कमला बैठी हुई बातें कर रही थी…जैसे ही कमला की नज़र साहिल पर पड़ी, तो उसके होंठो पर मुस्कान फेल गई….नेहा भी ये सब देख रही थी….नेहा ने उसे कोहनी मारते हुए धीरे से उसके कान में कहा…”अभी भी चुदवाती हो साहिल से कि नही…..”

कमला: अर्रे कहाँ वो तो अब हमारी गली में आता नही…..

नेहा: अच्छा लगता है तू उसे खुस नही कर पाती…..

कमला: अर्रे में तो उसे खुस रखने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ…नेहा सुन ना.

नेहा: हां बोल ना….

कमला: वो में कह रही थी कि अमित आज अपने पापा के साथ अपने चाचा के घर पर गया है….आज घर में कोई नही है…..क्या में साहिल को साथ ले जाउ….

नेहा: अगर वो जाना चाहता है तो ले जा मना किसने किया है….

कमला: अच्छा ठीक है….में उसे लेकर जाती हूँ…..पर सिमरन यहाँ पर है…. उसे एक घंटे के लिए किसी भी तरह यही रोक कर रखना….कही वो घर ना आजाए…..

नेहा: ठीक है तू जा…पहले साहिल से तो पूछ ले….

कमला नेहा के पास से खड़ी हुई, और साहिल की तरफ गई….साहिल बाथरूम की तरफ जा रहा था….जैसे ही कमला साहिल के पास पहुँची, उसने धीरे से साहिल को कहा…

कमला: साहिल एक मिनिट के लिए बाहर आना….

और ये कह कर कमला घर से बाहर निकल कर गेट के सामने खड़ी हो गई…साहिल भी उसके पीछे बाहर चला गया….दोनो गेट के बाहर खड़े आपस में कुछ बात कर रहे थे….तभी सिमरन गीता के रूम से बाहर आई, गीता ने उसे पानी लाने के लिए किचन में भेजा था….तभी उसकी नज़र बाहर खड़े साहिल और उसकी मा कमला पर पड़ी…. दोनो आपस में कुछ बात कर रहे थे…..फिर कमला ने अपनी सलवार के ऊपेर से अपनी चूत को खुजाते हुए कुछ कहा….और मुस्करा कर चली गई….साहिल ने भी एक बार घर के अंदर नज़र डाली , और कमला के पीछे चला गया….ये सब गीता को बहुत अजीब सा लगा.

उसने जल्दी से एक ग्लास पानी लिया, और गीता के रूम में गई….और गीता को कहा कि, उसे घर पर कुछ ज़रूरी काम याद आ गया है….बाहर बैठी नेहा को पूनम अपने साथ किसी काम से अपने रूम में ले गई…सिमरन जल्दी से पानी देकर रूम से बाहर आई, और फिर तेज़ी से घर से बाहर निकलते हुए, अपने घर की तरफ जाने लगी….जैसे-2 उसका घर नज़दीक आता जा रहा था….उसके दिल में उथल पुथल से बढ़ने लगी…जैसे ही वो अपनी गली के मोड़ पर पहुँची तो उसने देखा कि, गली में कोई नही है…वो तेज़ी से चलते हुए अपने घर के सामने पहुँची ही थी कि, उसे घर के गेट के अंदर से बंद होने की आवाज़ आई….

उसने अंदर झाँकने की बहुत कॉसिश की, पर नाकाम रही….तभी उसने देखा कि साहिल के पुराने घर का गेट खुला हुआ था…उसे याद आया कि, दोनो घरो के पीछे यहाँ पर भैंसो का बाँधा जाता है….वहाँ दोनो घरो के बीच में सिर्फ़ 5 फीट उँची दीवार है. वो आसानी से उस दीवार को फाँद कर अपने घर के अंदर जा सकती है…वो जल्दी से साहिल के पुराने घर के अंदर गई….उसे घर के सामने वाले रूम से कुछ आवाज़ आ रही थी. अंदर कुलवंत भैंसो को डालने वाली खुराक की बोरियो को सेट कर रहा था….
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04-08-2019, 12:41 PM,
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
गीता की नज़र उस पर पड़ी…पर बड़ी सफाई से सामने से होते हुए बिना दिखे घर के पिछले हिस में आ गई….वहाँ पर दीवार के पास लकड़ियो को इकट्ठा करके रखा गया था….जिससे सिमरन आसानी से उन लकड़ियों पर चढ़ कर दीवार फाँद कर अपने घर में जा सकती थी…सिमरन धीरे से लकड़ियो के ढेर पर चढ़ि और फिर दीवार पर अपने हाथ टिका कर अपने घर के अंदर की तरफ आ गई….किसी तरह वो अपने घर की ज़मीन पर आई, और दबे पाँव अपनी मा कमला के रूम की तरफ जाने लगी….

जैसे-2 वो कमला के रूम के नज़देक पहुँच रही थी….वैसे-2 उसे कमला की सिसकारियो की आवाज़ सुनाई देने लगी…कमला की मस्ती भरी सिसकारिया सुन कर सिमरन का दिल जोरो से धड़कने लगा….उसने देखा कि कमला के रूम का डोर पूरा खुला हुआ था. जैसे -2 वो डोर के पास पहुँच रही थी…वैसे -2 कमला की सिसकारिया और उँची सुनाई देने लगी….आख़िर कार सिमरन धड़कते हुए दिल और काँपते हुए कदमो के साथ किसी तरहा डोर तक पहुँची…और जैसे ही उसने दीवार की ओंट से अंदर झाँका, उसी पल मानो उसकी साँसे थम गई हो…..

अंदर कमला बेड पर पीठ के बल लेटी हुई थी…..उसने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर पूरा चौड़ा किया हुआ था….और उसने अपनी टाँगो को ऊपेर उठाया हुआ था….साहिल कमला की टाँगो के दरम्यान घुटनो के बल बैठ कर उसके ऊपेर झुका हुआ था..उसका मुन्सल जैसा मोटा लंड किसी एंजिन के पिस्टन की तरहा कमला की चूत के अंदर बाहर हो रहा था… पीछे खड़ी सिमरन को अपनी मा कमला की चूत का छेद सॉफ नज़र आ रहा था….जिसे साहिल के मोटे लंड ने बुरी तरहा फैलाया हुआ था….

कमला: अह्ह्ह्ह चोद मुझे साहिल बेटा अह्ह्ह्ह्ह तेरे लंड से ही मेरी फुद्दि के आग बुझती है….आह चोद और ज़ोर से चोद मुझे अहह फाड़ दे अपनी आंटी की फुद्दि को….

पीछे खड़ी सिमरन को अपनी आँखो पर यकीन नही हो रहा था…कमला के मुँह से ऐसी बातें सुन कर वो एक दम से हैरान हो गई थी….उसे यकीन नही हो रहा था.. उससे दो क्लास पीछे पढ़ने वाला लड़का उसकी ही मा की चूत को चोद रहा है…और उसकी मा की चूत भी उसके लंड पर पानी बहा रही है…ये सब देखते हुए सिमरन का हाथ नज़ाने कब उसकी सलवार के ऊपेर से उसकी चूत पर चला गया…अपनी मा कमला की चूत के छेद में साहिल के लंड को अंदर बाहर होता देखा वो भी तेज़ी से अपनी चूत को अपनी सलवार के ऊपेर से मसलने लगी….

कमला भी अब अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर साहिल के लंड को अपनी चूत की गहराईयो में लेने के कॉसिश कर रही थी….पूरे रूम मानो चुदाई की आवाज़ो का तूफान सा आ गया था…..और एक तूफान सिमरन की चूत के अंदर अंगड़ाई ले रहा था….सिमरन पहले भी कई बार लंड का स्वाद चख चुकी थी…..पर उसे आज तक इस तरहा खुल कर चुदवाने का मोका नही मिला था….सिमरन जानती थी कि, वो अब ज़्यादा देर तक यहाँ नही रुक सकती थी…..इसीलिए वहाँ से हट कर वो घर के पीछे चली गई…फिर उसने दीवार फांदी और साहिल के घर में आ गई…..एक बार फिर से वो कुलवंत की नज़रों से बच कर साहिल के घर से भी बाहर निकल गई….

सिमरन घर से निकल कर फिर से गीता के घर की तरफ चली गई…..दूसरी तरफ कमला साहिल के लंड से अपनी चूत की ठुकाई करके एक दम सन्तुस्त हो चुकी थी….साहिल भी वहाँ से निकल कर गीता के घर पर आ गया….गीता के घर पर मेहमानो का ज़मघट सा लगा हुआ था….सभी खुशी से इधर उधर चहल पहल कर रहे थे….साहिल के पूरे परिवार ने रात का खाना वही पर खाया…और फिर दीप्ति और उसकी मा सीमा को साथ लेकर अपने घर पर आ गए…..क्योंकि सीमा जब से शादी में आई थी…तब से उसके रहने का इंतज़ाम साहिल के घर में ही किया गया था…..

दूसरी तरफ कमला के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ था…..कमला अपने रूम में घोड़े बेच कर सो रही थी….पर दूसरी तरफ सिमरन कमला की बेटी, अपने घर के पिछले हिस्से में भैसो के बाडे में खड़ी अपनी हथेलयों को मल्सते हुए अपने यार सोनू का इंतजार कर रही थी…..तभी उसे पीछे से किसी ने अपनी बाहों में जाकड़ लिया…सिमरन एक पल के लिए बुरी तरहा से घबरा गई….अभी वो चीखने ही वाली थी….कि पीछे खड़े सख्स ने उसके होंठो पर अपने हाथ रख कर उसकी आवाज़ दबा दे….

सोनू: अर्रे में हूँ सिमरन मरवाए गी क्या….?

सिमरन: ये क्या तक़रीका हुआ आने का…तुमने तो मेरी जान ही निकाल डी थी…

सोनू: ह्म्म अगर तुम चीख पड़ती तो सच में दोनो की जान निकाल देती तेरी मा…

सिमरन: तुम उसकी फिकर मत करो…आज वो घोड़े बेच कर सो रही है….आज नही उठने वाली वो….

सोनू: वो क्यों आज कुछ ज़्यादा ही काम कर लिया क्या तुम्हारी मम्मी ने…

तभी सिमरन की आँखों के सामने सुबह का वो नज़ारा घूम गया….जब उसकी मा कमला अपनी टांगे उठा कर अपनी चूत में साहिल के लंड को ले रही थी…..”क्या हुआ सिमरन” सोनू ने सिमरन के कंधे को पकड़ कर हिलाते हुए कहा…..”वो वो कुछ नही….”

सोनू ने सिमरन के कंधो को अपने हाथों में पकड़ कर अपनी तरफ घुमा लिया….और उसके होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ा दिया….सिमरन भी सोनू के साथ सॅटती चली गई…भले ही वो सोनू के होंठो को चूम रही थी….पर उसके जेहन में अभी भी वही नज़ारा था…..जब साहिल का लंड कमला की चूत के पानी से चिकना होकर उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था…..सिमरन की पेंटी उसकी चूत से निकल रहे कामरस से एक दम गीली हो चुकी थी…कमला के घर के पिछवाड़े में चुदाई का दौर शुरू हो चुका था….जब भी सिमरन सोनू से इस तरह चुपके से चुदवाती थी…तो वो हमेशा बहुत सतर्क रहती थी…..

पर दोपहर को हुई अपनी मा की चुदाई देख कर आज सिमरन कुछ ज़्यादा ही गरम हो गई थी….उसकी सिसकारियाँ बदस्तूर जारी थी….सिमरन की सलवार और पेंटी उसकी टाँगो में नीचे तक लटकी हुई थी….और वो एक दीवार से अपने दोनो हाथ टिका कर झुक कर अपनी फुद्दि सोनू से मरवा रही थी….अपने रूम में सो रही कमला सिमरन की सिसकारिया सुन कर एक दम से उठ कर बैठ गई…..

कमला को ये अजीब सी आवाज़ अपने घर के पीछे से आती हुई महसूस हुई, वो धीरे -2 से बेड पर से उठी, और रूम से बाहर आ गई….जब वो सिमरन के रूम के सामने से गुज़री तो उसने देखा के सिमरन के रूम का डोर खुला हुआ था….और सिमरन अंदर नज़र नही आ रही थी….वो घर के पिछवाड़े की तरफ जाने लगी….और जैसे ही वो घर के पिछवाड़े में पहुँची तो उसने देखा कि, सिमरन दीवार पर हाथों को टिकाए हुए घोड़ी जैसी बनी हुई है….और कोई लड़का बेहरमि से उसके चुतड़ों को मसलते हुए अपने लंड को उसकी बेटी सिमरन की फुद्दि में ठोक रहा है….

ये देख कमला का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया…वो एक दम से चिल्ला उठी. “कॉन है कॉन है वहाँ पर” कमला की आवाज़ सुनते ही, सोनू की तो जैसे गान्ड से हवा ही निकल गई….उसने जल्दी से अपने लंड को सिमरन की चूत से बाहर निकाला, और अपने पैरो में पड़ी हुई अपनी अंडरवेर और पेंट उठा कर छत की तरफ भाग खड़ा हुआ.

सिमरन ने भी जल्दी से अपनी सलवार और पेंटी एक साथ ऊपेर की, और अपनी सलवार का नाडा बांधने लगी….पहले तो कमला सोनू के पीछे भागी. पर जब उसे अहसास हुआ कि वो उसे नही पकड़ पाएगी, तो वो वापिस सिमरन की तरफ पलटी…सिमरन अभी अपनी सलवार का नाडा बाँध ही रही थी…

कमला ने पास आते ही उसके बालो को पकड़ कर खेंच दिया….और उसके मुँह पर एक ज़ोर दार थप्पड़ झाड़ते हुए बोली….”क्यों री कंजरये किसके साथ मुँह काला करवा रही थी…बोल हां बड़ी आग लगी है ना तुझे….आने दे तेरे बापू को घर तेरी सारी कर्तूते उसे बता दूँगी…..” ये कहते हुए उसने एक और जोरदार थप्पड़ सिमरन के मुँह पर झाड़ दिया….सिमरन के लिए अब बर्दास्त करना मुस्किल हो गया…उसने अपनी मा के हाथ को झटक कर पहले अपने बालो को आज़ाद करवाया और फिर कमला को धक्का दे दिया…कमला पीछे दीवार से जा टकराई…..
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