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RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--19
गतान्क से आगे......
“अब यह अपना निकककर भी उतारो ! “
रोशनी ने अपनी निक्कर जैसी दिखने वाली शॉर्ट स्कर्ट को भी उतार दिया जिसके नीचे उसने कोई पॅंटी नही पहनी हुई थी. अब वो मोहित के सामने पूरी तरह नगनवस्था मे खड़ी थी. मोहित के लिए अपने उपर कंट्रोल कर पाना काफ़ी मुश्किल हो रहा था लेकिन वो भी किसी फिल्मी हीरो की तरह धीरे धीरे ही अपने स्टेप्स उठा रहा था.
रोशनी को नंगा देख शायद मोहित को उसके म्मस का ख्याल आ गया और अगले ही पल उसने रोशनी को हुक्म दिया-“अपने दोनो हाथ उपर उठाओ और अपने बदन को गोल गोल घूमकर दिखाओ !”
रोशनी ने वोही सब किया जो मोहित चाहता था-मोहित अपने एक हाथ से अपने पॅंट मे बने एरेक्षन को सहलाने मे व्यस्त था और उसकी नज़रें रोशनी के बदन पर चिपकी हुई थी-उसकी हालत से लग रहा था मानो वो किसी और दुनिया मे पहुँच गया हो.
कुछ देर तक टकटकी लगाए वो रोशनी का यह हॉट सेक्सी न्यूड बॉडी शो देखता रहा,फिर अचानक बोला-“रुक जाओ और अपने हाथ भी नीचे कर लो !”
मोहित के हुक्म पर रोशनी ने अपने बदन को गोल गोल घूमना बंद कर दिया और रुककर खड़ी हो गयी.
“बेड से नीचे उतरकर मेरे पास आकर खड़ी हो जाओ !”
रोशनी को अब तक पता चल ही गया था कि उसे क्या कुछ करना पड़ सकता है,वो नीचे उतरकर मोहित के सामने जाकर खड़ी हो गयी.
“घुटनो के बल बैठ जाओ !”
अगले ही पल रोशनी घुटनो के बल बैठ गयी और मोहित के अगले ऑर्डर का इंतेज़ार करने लगी.
मोहित जो अभी तक अपने हाथ से अपने एरेक्षन को पॅंट के उपर से सहला रहा था,अपना हाथ हटाते हुए रोशनी से बोला-“इसे अपने हाथ से सहलाओ !”
सलोनी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली-“मोहित भैया भी काफ़ी पहुँची हुई चीज़ हैं-लगता है किसी इंग्लीश फिल्म के हीरो की आक्टिंग कर रहे हैं.”
मैने उसे कहा-“ छोड़ ना यार ! वो जो भी करे….हम लोगों को तो मज़ा आ ही रहा है ना ?”
“हां यार.वो तो है……….हमे तो इस लाइव ब्लू फिल्म का मज़ा मिल ही रहा है !” सलोनी मुझसे सहमत होती हुई बोली.
रोशनी के सहलाने की वजह से मोहित की पॅंट मे बन रहा टेंट और भी अधिक ऊँचा हो गया था.
“इसे खोलो ! “ मोहित ने अपनी पॅंट की बेल्ट की तरफ इशारा करते हुए रोशनी को हुक्म दिया.
रोशनी ने उसके एरेक्षन को सहलाना बंद कर दिया और मोहित की लेदर बेल्ट खोलने लगी. बेल्ट उतारकर रोशनी ने उसे पास रखी चेर पर रख दिया.
“पॅंट के हुक्स भी खोलो !” मोहित ने फिर से ऑर्डर दिया और रोशनी पॅंट के हुक्स खोलने लगी.
पॅंट के हुक्स खोलने के बाद रोशनी की उंगलियाँ स्वाभाविक रूप से पॅंट की ज़िप खोलने के लिए बढ़ गयी,लेकिन मोहित ने उसे रोक दिया और हुक्म देता हुआ बोला-“हाथों से नही,अपने मूह का इस्तेमाल करो इसे खोलने के लिए”
शर्म और जलालत से रोशनी का मूह लाल हो चुका था.वो अपने दोनो होंठों को मोहित की पॅंट की ज़िप के हुक के पास ले गयी और अपने दाँत के बीच मे उसके हुक को दबाकर नीचे सरकाने लगी. ज़िप खुलते ही मोहित का सफेद रंग का अंडरवेर और उसमे क़ैद उसका खड़ा हुया लिंग नज़र आने लगा.वाइट अंडरवेर पर एक जगह गीला धब्बा सॉफ नज़र आ रहा था जो इस बात को दिखा रहा था की मोहित का लिंग कुछ कुछ गीला हो चुका था.
“अंडरवेरा भी नीचे खिस्काओ ! “ मोहित ने रोशनी को हुक्म दिया और उसने अंडरवेर को भी नीचे खिसका दिया.मोहित ने अपनी पॅंट और अंडरवेर को अपनी टाँगों से बाहर निकालते हुए रोशनी को ऑर्डर दिया-“इन्हे भी चेर पर रख दो और अपने चेहरे को मेरे और नज़दीक लेकर आओ !”
रोशनी के पास उसके हर हुक्म को मानते जाने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नही था.वो अपने चेहरे को उसके खड़े लिंग के बिल्कुल नज़दीक ले गयी. दो चार बार मोहित ने अपने खड़े हुए लिंग को रोशनी के गालों पर स्लॅप किया और उसके बाद वो अपने लिंग को उसके पूरे चेहरे पर फिराने लगा.आख़िर मे वो अपने लिंग को सरकाते हुए रोशनी के होंठों तक ले आया और उसके होंठों पर अपने लिंग को काफ़ी देर तक फिरता रहा. ऐसा लग रहा था मानो वो अपने लिंग से उसके होंठों पर पोलिश कर रहा हो .रोशनी ने अपने होंठ बंद कर रखे थे और शर्म से अपनी दोनो आँखें भी बंद कर रखी थी.उसे इस तरह के ह्युमाइलियेशन की उम्मीद नही थी.
जब मोहित के सब्र का बाँध टूटने लगा तो उसने रोशनी को हुक्म दिया-“अपनी आँखे भी खोलो और मूह भी खोलो !”
जैसे ही रोशनी ने अपना मूह खोला,मोहित ने अपने खड़े हुए लिंग को उसके अंदर डाल दिया और बोला-“इस पर अपनी जीभ फिरा फिरा कर सहलाओ ! “
इसके बाद मोहित अपने लिंग को उसके मूह मे इस तरह से आगे पीछे करने लगा जैसे की मुख मैथुन कर रहा हो-कुछ ही देर बाद उसने अपने लिंग की पिचकारी उसके मूह मे छोड़ डी और बोला-“सारे वीर्य रस को मज़े लेती हुई पी जाओ. एक बूँद भी बाहर गिरनी नही चाहिए वरना तुम्हे उसकी सज़ा मिलेगी.”
रोशनी जो पहले से ही काफ़ी डरी सहमी हुई थी,उसने भरपूर कोशिश करके उसका सारा वीर्य रस अपने गले के नीचे उतार लिया
इसके बाद मोहित ने अपना लिंग रोशनी के मूह से बाहर निकाला और उसे हुक्म दिया-“इसे अपनी जीभ से सॉफ करो !”
रोशनी मोहित के लिंग को अपनी जीभ से सॉफ करने लगी.
इसके बाद मोहित ने रोशनी से कहा-“ जाओ बिस्तर पर जाकर लेट जाओ! “
रोशनी उठी और बिस्तर पर जाकर लेट गयी- लेटने के बाद उसे अपने पूरी तरह नंगी होने का अहसास हुआ और वो अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियो और योनि को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी.
“अपने हाथ हटाओ और मुझे अपने बदन को ठीक से देखने दो ! “ मोहित ने रोशनी को ऑर्डर दिया और उसने अपने हाथ सीधे कर लिए.
इसके बाद मोहित ने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी और वो भी पूरी तरह से नंगा होकर बिस्तर पर रोशनी के पास ही आ गया.रोशनी के चिकने बदन को उसने अपने हाथों से सहलाना शुरू कर दिया. मोहित क्यूंकी खुद काफ़ी डार्क कंपेक्स्षन का था,इसलिए जब उसने गोरी और चिकनी रोशनी को नग्न देखा तो वो एकदम बेकाबू सा हो उठा था.
मोहित के इस जबरदस्त फोरप्ले की वजह से रोशनी की हालत भी काफ़ी खराब हो चली थी और उसका भी शर्म की वज़ह से मूह एकदम लाल हो गया था.उसके चिकने योनि प्रदेश पर मोहित ने अपना हाथ फिराया तो उसे मालूम हुआ कि वो काफ़ी गीला हो चुका था. रोशनी को इस बात का अंदाज़ा हो चुका था कि मोहित अब उसके साथ क्या कुछ करने वाला था और इसके लिए तैय्यार होने के अलावा उसके पास कोई चारा भी नही था.
रोशनी ने फिर भी अपनी तरफ से आख़िरी कोशिश करते हुए मोहित से कहा-“सर,यह सब मेरे साथ मत कीजिए प्लीज़ ! यह सब शादी के बाद ही होता है !”
“ठीक है……..तुम मेरे साथ सहयोग करती रहो तो मैं तुमसे शादी करके तुम्हे अपनी अग्यकारी पत्नी के रूप मे भी स्वीकार कर लूँगा….चलो अपनी टाँगे खोलो……” मोहित ने उसे हुक्म देते हुए कहा और रोशनी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोली,मोहित ने अपना खड़ा लिंग उसकी योनि मे डाल दिया.
रोशनी के साथ ऐसा पहली बार ही हुआ था –इसी वजह से वो एक बार को काफ़ी ज़ोर से चिल्लाई भी लेकिन मोहित उसके बदन को पूरी तरह से रौंदकर मज़ा लेने मे मस्त हुआ जा रहा था.रोशनी के मूह से चीख निकलने से उसे और भी ज़्यादा संतोष इस बात का मिला कि जिस लड़की से वो शादी करने जा रहा है ,वो अभी तक पूरी तरह वर्जिन है. इसके बाद मोहित ने अपने लिंग से रोशनी की योनि के अंदर पंपिंग जारी रखी-अब शायद रोशनी को भी मज़ा आ रहा था-कुछ ही देर मे दोनो अपने आनंद की चरम सीमा पर पहुँच गये और दोनो उसके बाद अलग हो गये.
मोहित ने रोशनी को हिदायत देते हुए कहा-“ अब तुम अपने कापरे पहन लो ! तुम अपने इस फाइनल एग्ज़ॅम मे पास हो गयी हो ! तुम्हारे जैसी चिकनी,गोरी,खूबसूरत और अग्यकारी पत्नी के मुझे काफ़ी समय से तलाश थी-मेरी अब वो खोज पूरी हुई और अब मैं तुमसे पूरे एक महीने बाद शादी करूँगा.लेकिन इस एक महीने मे तुम मेरे अंडर ट्रैनिंग मे रहोगी ताकि तुम्हे वाइफ बनाने से पहले यह समझा दिया जाए कि वाइफ को पति के साथ किस तरह पेश आना चाहिए-तुम हालाँकि पहले से ही काफ़ी समझदार और अग्यकारी लगती हो लेकिन फिर भी छोटी मोटी ट्रैनिंग की तुम्हे ज़रूरत है.”
रोशनी को कुछ समझ नही आ रहा था कि मोहित क्या कुछ कहे जा रहा था.वो हैरानी से बोली-‘”लेकिन…….सर……..मेरे केस का क्या हुआ…….?”
“तुम्हारा केस रफ़ा दफ़ा कर दिया गया है………और अब क्यूंकी तुम मेरी वाइफ बनने जा रही हो………तुम्हारे उपर किसी तरह के केस करने का कोई मतलब नही बनता है……तुम्हे सिर्फ़ मेरी हर जायज़ नाजायज़ बात को मानते रहना होगा.समझी ? “ मोहित ने रोशनी की तरफ देखा.
“जी सर….” रोशनी बोली.
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RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--21
गतान्क से आगे......
मोहित लगता था अभी अभी ऑफीस से आया था और उसने अपने कपड़े और शूज वग़ैरा नही उतारे थे. रोशनी के लिए यह एक नये तरह का ह्युमाइलियेशन था. वो बेड के पास जाकर ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गयी और मोहित के पैरों से शूस उतारने लगी. दोनो जूते उतारने के बाद वो रुक गयी तो मोहित ने कहा-“ सॉक्स भी उतारो “
रोशनी ने फटाफट सॉक्स भी उतार दिए.
इसके बाद जब वो ज़मीन से उठने लगी तो मोहित ने उसे रोका और कहा-“उठो मत अभी…ज़रा मेरे पैरों को सहलाओ.”
रोशनी ने ह्युमाइलियेशन का एक और घूँट पिया और मोहित के पैरों को सहलाने लगी.
मोहित कुछ देर तक ऐसे ही अपने पैरों को सहलवाता रहा-इसके बाद उसने अपने पैर के अंगूठे को रोशनी के होंठों पर फिराते हुए कहा-“उपर बिस्तर पर आ जाओ और मेरे कपड़े भी उतारो !”
रोशनी बिस्तर पर आ गयी.मोहित पिल्लो लगाए हुए आधा बैठा और आधा लेटा हुआ था-उसने अपनी टांगे फैला रखी थी और उसकी पॅंट की ज़िप के पीछे उसके लिंग का एरेक्षन सॉफ दिखाई दे रहा था. रोशनी ने पहले मोहित की पॅंट की बेल्ट खोलनी शुरू की.बेल्ट खोलने के बाद उसने पॅंट के हुक और बटन खोल दिए और अपना हाथ ज़िप खोलने के लिए आगे बढ़ा दिया.मोहित ने उसे रोका और ऑर्डर दिया-“पॅंट की ज़िप को हमेशा अपने मूह से खोला करो……..जो इन्स्ट्रक्षन्स मैं दे रहा हूँ.इन्हे याद रखो क्यूंकी अगर तुमने कुछ ऐसा किया जो मेरी इन्स्ट्रक्षन्स के खिलाफ हुआ तो तुम्हे काफ़ी सज़ा मिलेगी.”
इसके बाद रोशनी ने ज़िप के हुक को अपने मूह मे दबाया और उसे नीचे की तरफ खोलने लगी. ज़िप खोलते खोलते रोशनी के होंठ लगातार मोहित के अंडरवेर मे बंद खड़े लिंग से टकराते रहे. ज़िप खुलते ही मोहित का सफेद रंग का अंडरवेर और उसमे क़ैद खड़े लिंग की झलक रोशनी को सॉफ नज़र आने लगी.पॅंट उतारने के बाद मोहित ने रोशनी से कहा –“ चलो अब मेरी टाँगे सहलाओ और दबाओ ताकि मैं रिलॅक्स कर सकूँ.” रोशनी के मखमली गोरे हाथ मोहित की टाँगों को सहलाने मे व्यस्त हो गये. रोशनी के हाथ सिर्फ़ मोहित के घुटनो तक ही जाकर रुक जा रहे थे-इससे मोहित को पूरा मज़ा नही आ रहा था.उसने रोशनी को ऑर्डर देते हुए कहा-“अपने हाथों को उपर तक लाओ और मेरी जांघों को भी सहलाओ.”
रोशनी के इस सहलाने से मोहित का लिंग और भी अधिक कड़क होकर खड़ा हो गया था लेकिन अभी भी अंडरवेर के अंदर ही था और मोहित उस पर अंडरवेर के उपर से ही हाथ फिरा फिरा कर अपनी उत्तेजना को शांत करने की कोशिश कर रहा था.
“चलो अपना टॉप उतारो ! “ यकायक मोहित ने रोशनी से कहा और रोशनी ने बिना किसी देरी के अपना टॉप उतार दिया और उसकी नीले रंग की ब्रा नज़र आने लगी. मोहित ने रोशनी की तरफ देखा और बोला-“घर के अंदर तुम ना तो ब्रा पहानोगी और ना ही पॅंटी-समझी ? चलो अपनी ब्रा भी अलग करो.”
रोशनी ने ब्रा को भी अपने बदन से अलग कर दिया और उसका उपर का पूरा भाग वस्त्रहीन हो गया. उसके कसे हुए उरोज़ एकदम उत्तेजित अवस्था मे खड़े हुए थे.मोहित ने अपने हाथ को बारी बारी से उसके उन्नत उरोजो पर फिराया और बोला-“ अपने इन उरोजो से मेरी टाँगो और जांघों को सहलाओ ! “
मोहित को भी यह मालूम था कि रोशनी को उसके इस ऑर्डर को कंप्लाइ करने के लिए काफ़ी ह्युमिलियेटिंग शो पेश करना पड़ेगा और यही सोच कर उसका लिंग और भी अधिक तनाव के साथ खड़ा हो गया था और उसके अंडरवेर मे से बाहर निकलने के लिए बेताब था. रोशनी मोहित की टाँगों के उपर पूरी तरह झुक गयी और अपने दोनो उभारों को उसकी टाँगों पर रखते हुए ,अपने बदन को उपर नीचे करते हुए उसकी टाँगों को अपने उरोजो से सहलाने का ह्युमिलियेटिंग जॉब करने लगी.मोहित के आनंद की मानो कोई सीमा आयी नही थी-रोशनी के ज़रिए वो अपनी हर संभव सेक्स फॅंटेसी सॅटिस्फाइ करना चाहता था और कर भी रहा था.
अपने उरोजो को सरकाती हुई रोशनी जब मोहित की जांघों तक पहुँच गयी, तो मोहित के उसकी चिकनी टाँगो पर हाथ फिराना शुरू कर दिया और उसके स्कर्ट मे क़ैद नितंबों को स्लॅप भी करने लगा. इसी बीच मोहित ने अपने अंडरवेर को थोड़ा सा नीचे खिसकाया और उसमे से अपने क़ैद खड़े लिंग को बाहर निकालकर रोशनी के होंठों पर फिराने लगा.
रोशनी मोहित का इशारा नही समझ सकी और अपने मूह को बंद ही किए रही.मोहित बेहद उत्तेजना मे था-उसने गुर्रकार रोशनी को ऑर्डर दिया-“फटाफट अपना मूह खोल और इस पर अपनी जीभ फिरा….”
रोशनी ने ना चाहते हुए भी अपना मूह खोला और उसमे मोहित के लिंग को लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी. मोहित रिलॅक्स होकर रोशनी के मुख मैथुन का आनंद लेने लगा. बीच बीच मे रोशनी के मूह मे से उसका लिंग फिसल कर बाहर जा रहा था क्यूंकी रोशनी उल्टी होकर लेटी हुई थी-जितनी बार लिंग फिसलकर रोशनी के मूह से बाहर निकला,मोहित ने उसके गाल पर हल्की सी चपत लगाते हुए उसे हुक्म दिया-“अंदर डालो इसे.” और बेबस रोशनी उसे फिर से अपने मूह मे लेकर उस पर अपनी जीभ घुमाने के लिए विवश थी.
मोहित और रोशनी की इस जबरदस्त ब्लू फिल्म को देखकर मैं और सलोनी पूरी तरह गरम हो चुके थे. सलोनी ने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा और बोली-“मोहित भाय्या के हाथ तो मानो कोई खिलोना लग गया है-जिससे वो खेलते ही जा रहे हैं और उनका मन ही नही भर रहा.”
अचानक स्क्रीन पर कुछ हलचल हुई और मैने देखा कि मोहित ने रोशनी से कहा-“जाओ दरवाज़ा खोलो..घंटी बजी है शायद.”
रोशनी के बदन पर इस समय कोई कपड़ा नही था और वो पूरी तरह से नंगी थी.वो अपने कपड़े उठाकर पहनने लगी तो मोहित ने उसे रोक दिया-“बिना कपड़े पहने ही जाकर दरवाज़ा खोलो ! जब तक मैं ना कहूँ कपड़े पहनने की जुर्रत मत करना.”
रोशनी के मानो काटो तो खून नही.उसने मोहित की तरफ देखा और बोली-“मैं इस हालत मे पूरी तरह नंगी दरवाज़े पर कैसे जा सकती हूँ…..? जबकि यह भी नही मालूम है दरवाज़े पर आने वाला कौन है ?”
इससे पहले की मोहित कुछ जबाब देता, एकदम बहुत बड़ा धमाका हुआ और कमरे मे जबरदस्त तरीके से आग लग गयी और कुछ ही पलों मे ना वहाँ मोहित का पता था और ना ही रोशनी का-सब कुछ लगता था एक जबरदस्त ब्लास्ट की भेंट चढ़ गया था-मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन मानो खिसक गयी हो-मैने सलोनी की तरफ देखा.सलोनी ने भी मेरी तरफ देखा और आँखों मे आँसू भरकर बोली-“यार…यह सब क्या हुआ……..मोहित भाय्या…………अब नही रहे……….और रोशनी भी…………..”
मैने स्क्रीन को ऑफ कर दिया और पास मे रखे टीवी सेट को ऑन कर लिया-न्यूज़ चॅनेल लगाते ही वहाँ ब्रेकिंग न्यूज़ फ्लश होने लगी-सहर मे तीन जगह बॉम्ब ब्लास्ट हुए हैं-किसी भी टेररिस्ट ग्रूप ने अभी तक इन ब्लास्ट्स की ज़िम्मेदारी अभी तक नही ली थी.जिन तीन ठिकानो पर ब्लास्ट हुए थे-उनमे से एक ठिकाना गूव्ट.स्टाफ हाउसिंग कॉंप्लेक्स भी था. इस समय पूरे शहर मे अफ़रा तफ़री का माहौल था.मेरी आँखों मे भी आँसू आ गये थे और मैं रोती हुई सलोनी से लिपट गयी-“अब मुझे तुरंत घर पहुँचकर मम्मी पापा को यह मनहूस खबर देनी होगी-उनकी पता नही क्या हालत होगी-उन्हे पता नही यह खबर मिली भी है या नही.”
इससे पहले कि मैं टीवी बंद करके वहाँ से निकलती,टीवी पर दूसरी न्यूज़\ फ्लश हो गयी-एसीपी अमित और इनस्पेक्टर विवेक दोनो भी बॉम्ब ब्लास्ट मे मारे गये हैं.मुझे खुद एकदम बहुत ज़्यादा डर लगने लगा.मैने जल्दी से वहाँ से उठकर कमरे को बंद किया और सलोनी के साथ नीचे रिसेप्षन पर पहुँच गयी और कमरे की चाबी मैने वहाँ बैठे कॉन्स्टेबल के हाथ मे पकड़ा दी.
कॉन्स्टेबल ने मेरी तरफ देखा और बोला-“इस समय यहाँ से मूव करना ठीक नही है-हमारे पास खबर है कि टेररिस्ट्स ने कयी अलग अलग ठिकानो पर चुन चुन कर टाइम बॉम्ब लगाए हुए हैं-जो अलग लग जगह पर अलग अलग टाइम पर ब्लास्ट हो रहे हैं.”
मैं डरी सहमी हुई सलोनी के साथ वहीं एक सोफे पर बैठ गयी और हालत नॉर्मल होने का इंतेज़ार करने लगी.कुछ ही देर बाद मैने वहाँ एक जबरदस्त ब्लास्ट की आवाज़ सुनी और पूरे गेस्ट हाउस मे ना सिर्फ़ आग लगी हुई थी बल्कि वहाँ पर बिल्डिंग टूट टूट कर गिरनी भी शुरू हो गयी-मैने देखा कि बिल्डिंग गिरने की वज़ह से गेस्ट हाउस से बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुक्का था और वहाँ बैठे कयी लोग आग की लपटों की चपेट मे आ चुके थे.हम दोनो को अपनी मौत सामने खड़ी दीख रही थी और उससे निकलने का अब कोई रास्ता नही था.अचानक ही, जिस सोफे पर हम दोनो बैठे थे,उसने भी आग पकड़ ली और हम दोनो आँखें बंद करके भगवान से अपने किए गये गुनाहों के क्षमा माँगने लगे.यह तय हो गया था कि बुरे काम का अंत हमेशा ही बुरा होता है.कुछ ही देर बाद मेरे और सलोनी के बदन मे आग लग गयी-हम लोग चिल्ला चिल्ला कर इधर उधर भागने लगी –लेकिन आग तो सभी तरफ लगी हुई थी.
तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी ज़रूर बताना दोस्तो फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ आपका दोस्त
*****************दा एंड*****************
समाप्त,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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