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RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
हम लोग पोलीस गेस्ट हाउस के रिसेप्षन पर जैसे ही पहुँचे,वहाँ पर बैठे कॉन्स्टेबल ने एक डVड विवेक को थमाते हुए कहा-“सर, यह रही आज किए गये इनटेरगेशन की रेकॉर्डिंग.” विवेक ने डVड उसके हाथ से लेकर अपने बॅग मे रख ली और गेट से निकलकर पोलीस जीप की तरफ बढ़ने लगा.हम सब पहले की तरह जीप के पिछले भाग मे बैठ गये और विवेक ने ड्राइवर को ऑर्डर दिया-“चलो,पोलीस स्टेशन ले चलो !”
पोलीस स्टेशन नज़दीक ही था और हम लोग लगभग 10 मिनिट मे वहाँ पहुँच गये.वहाँ पहुँचकर,विवेक ने नेहा से कहा-“तुम अभी से निशा और सलोनी मॅम की कस्टडी मे हो ! जैसा यह कहें,तुम्हे वैसा ही करना है-तुम्हे इन्ही दोनो की जमानत पर छोड़ा जा रहा है.जब भी मुझे या फिर इन लोगो को ज़रूरत पड़ेगी,तुम्हे इनटेरगेशन के लिए अपने आप को हाज़िर करना होगा !”
इसके बाद विवेक ने जीप के ड्राइवर से कहा-“ इन लोगों को इनके घर तक छोड़ कर वापस आओ ! “
इसके बाद विवेक पोलीस स्टेशन के अंदर चला गया और ड्राइवर ने जीप स्टार्ट कर दी.मैने ड्राइवर को बता दिया था कि उसे नेहा को कहाँ ड्रॉप करना था और उसके बाद हम लोगों को हॉस्टिल मे कहाँ पर ड्रॉप करना था. नेहा का घर आने मे अभी करीब 30-35 मिनिट्स का समय था.मैने सोचा क्यूँ ना इस समय का भी कुछ सदुपयोग किया जाए.जीप का दरवाज़ा अंदर से बंद करने के बाद मैने नेहा से कहा-“टाइम कम है-फटाफट कपड़े उतार और नंगी हो जा !” नेहा को सारे कपड़े उतारने मे हेसिटेशन शायद इसलिए हो रही थी क्यूंकी उसे जीप मे लगी विंडोस से बाहर का सारा नज़ारा नज़र आ रहा था और उसे यह भी लगा की बाहर से भी अंदर का सारा नज़ारा देखा जा सकेगा.
उसने काफ़ी देर बाद पहली बार प्रोटेस्ट किया-“मॅम प्लीज़,ऐसा मत करिए.बाहर सब देख रहे हैं.”
“हम तुझे नंगा करके अपनी गोद मे लिटाने वाले हैं चिकनी.तुझे उस हालत मे बाहर से कोई नही देख पाएगा-लेकिन तुम ज़रा जल्दी करो और वक़्त बर्बाद किया तो हमारे इरादे बदल भी सकते हैं.” मैने नेहा की तरफ देखकर सख़्त आवाज़ मे कहा.
सलोनी भी बोलने लगी-“ वैसे भी पोलीस की जीप है-कोई डर नही है की कोई इसे रोकने की कोशिश भी करेगा-और तूने कपड़े भी कौन से ज़्यादा पहन रखे हैं.सिर्फ़ एक जीन्स और टॉप ही तो उतरना है तुझे-चल हो जा फटाफट नंगी “
नेहा ने कोई और रास्ता ना देख अपना टॉप उतार दिया और फटाफट जीन्स भी उतार डाली-वो अब एकदम नंगी खड़ी थी.अपने आप को छुपाने के लिए वो नीचे बैठ गयी,लेकिन उसकी इस हरकत से सलोनी को गुस्सा आ गया और वो उसके गाल पर चपटलगाकर बोली-“खड़ी हो जा !” और नेहा ना चाहते हुए भी खड़ी हो गयी.
मैने भी सलोनी को सपोर्ट करते हुए कहा-“तेरी इतनी हिम्मत की तू हमारी पर्मिशन के बिना नीचे बैठ गयी-अब तेरी सज़ा यही है कि तू पूरे रास्ते ऐसे ही खड़ी रहेगी सबको अपने नंगे जिस्म की नुमायाश कराती हुई.” हम लोगों को मालूम था कि जीप की विंडोस पर जो ग्लास लगे हुए थे वो टिनटेड थे और उनमे से बाहर से अंदर सॉफ सॉफ नही देखा जा सकता था. यह बात नेहा को बिल्कुल नही मालूम थी इसलिए वो खड़ी हुई शर्म और जलालत से मरी जा रही थी.उसने अपने एक हाथ से अपने सीने को और दूसरे हाथ से अपने योनि प्रदेश को कवर किया हुआ था.
जैसे ही एक रेड लाइट पर जीप आकर रुकी,सलोनी ने और मज़े लेते हुए मुझसे कहा-“इस समय बाहर काफ़ी लोग हैं और रोशनी भी भरपूर है-फिर भी इसने अपने इस खूबसूरत बदन को वेवजह ही छुपा रखा है-लोगों का ठीक से मनोरंजन करना हमारा फ़र्ज़ बनता है.”
सलोनी की बात को समझते हुए नेहा को हुक्म दिया-“अपने दोनो हाथ उपर उठाओ और ज़रा घूमकर दिखाओ !”
नेहा ने कुछ भी नही किया तो सलोनी ने उसके दोनो हाथ खुद पकड़ कर उपर कर दिए और मेरी तरफ देखकर बोली-“निशा यार ज़रा चेक तो कर कि इसकी तबीयत कैसी है”
कहने के साथ ही मैने अपने हाथ उसके मखमली नंगे बदन पर फिराने शुरू कर दिए-सलोनी ने उसके दोनो हाथ पकड़े हुए थे इस वजह से वो शर्म और जलालत से कसमसाने के अलावा और कुछ भी नही कर पा रही थी.
ग्रीन लाइट हो गयी और जीप चल पड़ी-कुछ देर का रास्ता सुनसान था-अब हम लोगों ने नेहा को अपने घुटनो पर लिटा लिया और उसके मखमली नंगे बदन से खेलना शुरू कर दिया.जब नेहा के घर आने मे 5 मिनिट का समय रह गया तो हम लोगों ने उसे अपनी गिरफ़्त से आज़ाद किया और कहा –“चल अपने कपड़े पहन ले …तेरा घर आने वाला है.अभी तो हम तुझे आज़ाद कर रही हैं….लेकिन तू हमारी लाइफ टाइम सेक्स स्लेव है….इस बात का ख़याल रखना.”
नेहा के मूह से सिर्फ़ यही निकला-“ जी मॅम !”
कुछ ही देर बाद हमारा हॉस्टिल भी आ गया और हम दोनो भी जीप से उतारकर अपने हॉस्टिल मे आ गयी.सारे दिन की मौज़ मस्ती के बाद काफ़ी थकान जैसी होने की वज़ह से हम दोनो कुछ ही देर मे नींद की गोद मे समा गयी.
अगले दिन सनडे होने की वजह से छुट्टी का दिन था और हम दोनो ने आज भी आराम करने का मन बनाया हुआ था-हम लोग फ्रेश होने के बाद ब्रेकफास्ट करने के बाद जब रिलॅक्स होने के मूड मे बैठे तो उस समय सुबह के 11 बज चुके थे.
सलोनी ने मुझ से कहा-“यार ! तेरे इस अमित ने तो एन मौके पर आकर सारी की सारी बाज़ी ही पलट डाली. तू ठीक ही कह रही थी कि पोलीस वालों से दोस्ती करने मे मज़े ही मज़े हैं.”
मैने सलोनी की तरफ देखकर कहा-“ अब अमित तो क्या, विवेक भी अपनी मुट्ठी मे ही है.उसकी भी खातिरदारी हमने नेहा से कराई, उसकी वज़ह से वो हम लोगों से बहुत ज़्यादा इंप्रेस्ड है.”
हम लोग यह बातें कर री रहे थे कि मेरे मोबाइल फोन की घंटी बज उठी.मैने देखा कि इनस्पेक्टर विवेक का फोन था. मैने फोन उठाकर कान पर लगा लिया-“हेलो विवेक सर !”
सलोनी मेरी तरफ उत्सुकता देखे जा रही थी,क्यूंकी विवेक मुझसे फोन पर क्या कह रहा था,वो सुन नही पा रही थी.कुछ ही देर बाद मैने फोन बंद कर दिया और सलोनी की तरफ देखकर बोली-“आज सुबह 4 बजे ब्लूमून नाइट क्लब में रेड हुई थी.वहाँ से काफ़ी टीनेजर्स ड्रग्स के साथ पकड़े गये हैं…….ज़्यादातर लड़के लड़किया बड़े घरानो से ताल्लुक रखते थे और वो सभी ऊँची सिफारिश या फिर ले दे कर छूट गये हैं-विवेक से पास लेकिन एक चिकनी लड़की अभी भी रह गयी है-जिसकी यहाँ कोई ना तो सिफारिश करने वाला है और ना ही वो कुछ पैसा खिलाने की पोज़िशन मे है.पोलीस ने अफीशियल तौर पर सारे केस को रफ़ा दफ़ा कर दिया है-लेकिन विवेक ने उस लड़की को अभी भी रिहा नही किया है और वो लड़की क्यूंकी पहली बार गिरफ्तार हुई है इसलिए बहुत अधिक डरी हुई है.”
मेरे मूह से यह सब सुनकर सलोनी के चेहरे पर ग़ज़ब की चमक आ गयी-“फिर….आगे बता कि हमे भी इसमे कुछ करना है क्या ?”
“एसीपी अमित अफीशियल ट्रिप पर बाहर गये हुए हैं-विवेक ने अमित को भी फोन किया था कि इस खूबसूरत चिड़िया का किया जाए…..अमित ने विवेक को हिदायत दी है कि वो निशा और सलोनी की प्रेज़ेन्स मे उस लौंडिया का इनटेरगेशन पोलीस गेस्ट हाउस मे कर ले.” मैने सलोनी को बताया तो उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी.
मैं अभी सलोनी को यह सब बता ही रही थी कि मेरा मोबाइल फोन फिर से बज उठा.इस बार अमित की कॉल थी.मैने फोन उठाया-“हेलो अमित सर
कुछ देर बाद मैने फोन रख दिया और सलोनी की तरफ देखकर हंसते हुए बोली-“अमित की मुझे यह हिदायत है कि उस खूबसूरत लौंडिया के पर वो आज लेट नाइट पहुँचने के बाद खुद ही कतरेगा.तब तक विवेक उसके साथ कोई छेड़खानी ना कर बैठे,इसका हम लोगों को ख़याल रखना है.”
सलोनी को शायद कुछ समझ नही आया-“तू क्या कह रही है मुझे कुछ समझ नही आया…..”
दोस्तो कहानी अभी बाकी है कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.......
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RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--16
गतान्क से आगे......
मैने फिर से उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा-“देख लड़की,ऐसा है की एसीपी अमित पहले इस फ्रेश माल को खुद चखना चाहता है और वो यह नही चाहता कि उसकी आब्सेन्स मे उसका जूनियर ऑफीसर उस माल को ग़लती से भी टेस्ट कर ले. इसीलिए उसने अपने यहाँ पहुँचने तक , हम दोनो को उस लड़की का जॉइंट कस्टोडियन बना दिया है. हम लोगों को अभी पोलीस जीप लेने आ रही है-हम लोगों को जीप गेस्ट हाउस ड्रॉप कर देगी-वहाँ पर विवेक उस लौंडिया के साथ हमे उसी रूम मे मिलेगा.अमित ने विवेक को भी हिदायत दी है कि हम लोगों के पहुँचने तक वो उस पकड़ी हुई लड़की के साथ कोई हरकत नही करेगा.”
सलोनी ने अब समझते हुए कहा-“अब समझ मे आया सारा मज़रा.पोलीस वालों की प्लॅनिंग भी कमाल की होती है-उस चिकनी को एसीपी से पहले इनस्पेक्टर ना चख ले,हम दोनो को वहाँ पहुँचकर यही निश्चित करना है.”
“हां यार ! अब समझ मे आई सारी बात !!” मैने सलोनी की तरफ देखा.
सलोनी को फिर शरारत सूझी-“हम लोग यह तो निश्चित कर लेंगी कि विवेक उस लौंडिया को नही चखे, लेकिन हमारा ही दिल अगर उस चिकनी पर आ गया तो……..?”
मैने भी उसी टोने मे जबाब देते हुए कहा-“यार हम लोगों के चखने मे और विवेक के चखने मे तो ज़मीन आसमान का अंतर है-हमारे चखने से अमित को कोई फ़र्क नही पड़ने वाला है…इसीलिए उसने मुझे हिदायत दी है कि जब तक वो गेस्ट हाउस ना पहुँच जाए,हम दोनो वहीं पर उस लड़की को विवेक से “गार्ड” करती रहेंगी.”
सलोनी ने फिर सवाल किया-“ लेकिन फिर विवेक क्या करेगा गेस्ट हाउस मे ? अगर हम उसे उस लड़की के साथ विवेक को कुछ करने ही नही देंगे तो वो वहाँ क्या करेगा?”
मैने सलोनी को फिर समझाया-“यही तो हमारा काम है कि विवेक को हम इतना ज़्यादा बढ़िया शो दिखाएँ कि वो उसी के मज़े लेता रहे और उस लड़की के साथ कोई फिज़िकल शरारत ना कर सके.वैसे मैं तो विवेक को यह बता भी सकती हूँ कि उसे एक लिमिट तक उस लड़की का इनटेरगेशन करना है.”
कुछ ही देर मे पोलीस की जीप हम लोगों को लेने हॉस्टिल पहुँच गयी और हम दोनो उसमे बैठकर पोलीस गेस्ट हाउस पहुँच गयी.
पोलीस गेस्ट हाउस पर हम दोनो जैसे ही पहुँची वहाँ रिसेप्षन पर ही विवेक हम दोनो का इंतेज़ार कर रहा था. लड़की उसके साथ नज़र नही आ रही थी.मैं और सलोनी उसके हाथ गेस्ट हाउस के पहले से रिज़र्व्ड रूम मे पहुँच गयी.वहाँ पहुँचकर मैने देखा की एक खूबसूरत सी लड़की बिल्कुल छुई मूई की तरह सोफे पर बैठी हुई थी और उसके हाथ पीछे की तरफ हथकड़ी से बँधे हुए थे-जिसकी वजह से वो शायद ठीक से बैठ भी नही पा रही थी.
विवेक ने लड़की को वहीं ड्रॉयिंग एरिया मे सोफे पर ही छोड़ दिया और हम दोनो को लेकर अंदर कमरे मे आ गया-वहाँ पहुँचकर उसने सफाई देने वाले अंदाज़ मे मुझे बताया-“इस लड़की को मैं यहाँ पहले ही बंद कर गया था क्यूंकी इसे नीचे रिसेप्षन पर रखना ठीक नही था-पोलीस ने अफीशियल तौर पर कोई गिरफ्तारी नही दिखाई है.”
मैने यह समझने के लिए कि विवेक ने अभी तक उस लड़की के साथ कुछ किया है या नही, विवेक से पूछा-“विवेक सर, आपने कुछ इनटेरगेशन वग़ैरा किया कि नही ?”
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RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--17
गतान्क से आगे......
रोशनी ने अपने दोनो हाथ जोड़कर सलोनी की तरफ देखा और बोली-“मॅम..हमे हंटर मत मारिए…हम बताते हैं कि आगे हमारे साथ क्या हुआ.”
“गुड गर्ल……….” सलोनी दोबारा से सोफे पर बैठ गयी और रोशनी ने अपनी हॉट स्टोरी को आगे कंटिन्यू करते हुए कहा-“कुछ देर बाद इनस्पेक्टर सर ने मुझे घुटनो के बल बैठने का हुक्म दिया –मैं कुछ समझी नही और बैठ गयी-इसके बाद उन्होने अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने लिंग को बाहर निकाला और मेरे दोनो गालों पर उसे स्लॅप करते हुए मुझसे अपना मूह खोलने के लिए कहा.मैने जैसे ही अपना मूह खोला,इनस्पेक्टर सर ने अपना लिंग मेरे मूह मे डाल दिया और बोले कि जब तक वो पर्मिशन ना दें तब तक मुझे उनके लिंग को अपने मूह के अंदर ही रखना होगा.उन्होने मुझे यह भी ऑर्डर दिया कि मैं अपनी जीभ को उनके लिंग के चारों तरफ घुमा घूमाकर उसको सहलाती रहूं.काफ़ी देर तक जब मैं यह सब करती रही तो यकायक उनके लिंग मे से एक पिचकारी निकली और मेरे मूह मे बहुत सारा लिंग के अंदर से निकला वीर्य रस भर गया-उन्होने यह भी हुक्म दिया कि मुझे वो सारा वीर्य रस पीना है और एक बूँद भी नीचे गिरना नही चाहिए. इसके बाद मुझे अपनी जीभ से इनस्पेक्टर के लिंग की सफाई भी करनी पड़ी.”
‘फिर क्या हुआ……….” मैने पूछा
रोशनी फिर बोलने लगी-“इसके बाद इनस्पेक्टर सर ने कहा की चलो अब गेस्ट हाउस आने वाला है और तुम अब अपने कपड़े पहन लो.जब मैने अपने कपड़े पहन लिए तो उन्होने मेरे हाथ पीछे करके उनमे हथकड़ी लगा दी और कहा-“किसी को कुछ भी पता नही चलना चाहिए जो कुछ भी यहाँ अभी अभी हुआ है..समझी….वरना बहुत बुरा होगा………तुम्हारी बाकी की इनटेरगेशन क्राइम ब्रांच की लेडी ऑफिसर्स करेंगी और तभी यह तय होगा कि तुम्हे कितनी सज़ा दी जाए.”
मुझे और सलोनी को अब सारा मज़रा समझ मे आ चुका था-विवेक ने रोशनी का मुख मैथुन रास्ते मे ही कर लिया था और यह दिखाने की कोशिश कर रहा था मानो उसने रोशनी के बदन को छुआ भी नही हो.
मैने रोशनी की तरफ देखा और कहा-“ठीक है.अब आगे की इनटेरगेशन हम दोनो ने ही करनी है.हम लोग चाहे तो तुम्हारी 10 साल की सज़ा को कम भी कर सकती हैं या पूरी सज़ा भी माफ़ कर सकती हैं……”
“जी मॅम……..थॅंक्स……” रोशनी खुश होते हुए बोली.
सलोनी ने सोफे पर बैठे बैठे अपनी दोनो जंघे फैलाई हुई थी.जीन्स वो पहले ही उतार चुकी थी और वो सिर्फ़ पॅंटी ही पहने हुए थी-पॅंटी के उपर से ही वो अपने योनि प्रदेश को हाथ से सहला रही थी लेकिन उसको शायद कोई राहत नही मिल रही थी.उसकी पॅंटी गीली होने के भी सॉफ संकेत मिल रहे थे-मेरी खुद की हालत भी कमोबेश सलोनी जैसी ही थी लेकिन मैने अपने आप पर कुछ कंट्रोल किया हुआ था और अभी तक अपनी जीन्स नही उतारी थी.मुझे यह लग गया था कि रोशनी को पहले सलोनी की खिदमत मे ही लगना पड़ेगा और मेरा नंबर उसके बाद ही आएगा.
मैने रोशनी की तरफ देखा और उसे हुक्म दिया-“चल..अपने कपड़े उतार और हमे भी अपना मखमली बदन दिखा.”
“जी मॅम……..?” रोशनी ने मेरी तरफ इस तरह देखा मानो उसे इस तरह के हुक्म की हमसे बिल्कुल भी उम्मीद नही थी.
रोशनी के बदन मे अभी तक कोई हरकत ना देख, सलोनी ने उसकी तरफ गुस्से से देखा-“फटाफट नंगी होती है या फिर फिर से हंटर लगाया जाए.”
अब रोशनी ने अपने टॉप को उतारते हुए कहा-“नही मॅम…..हमे हंटर मत मरो…..हम आपका कहना मानेंगे.”
रोशनी पूरी तरह नंगी हो चुकी थी.उसका बदन ग़ज़ब का गोरा और चिकना था. सलोनी ने मेरी तरफ देखकर हंसते हुए कहा-“निशा,ज़रा देख इसने कहीं कुछ छिपा तो नही रखा है”
मेरे बदन मे भी उत्तेजना की लहरें हिलोरें मार रही थी.मैने भी मस्ती भरे अंदाज़ मे रोशनी को हुक्म दिया-“चल चिकनी ज़रा इधर आ और अपनी तलाशी दे.”
रोशनी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी-शर्म और जलालत से उसका चेहरा एक दम लाल हो चुका था और उसने अपनी नज़रें नीचे की तरफ झुकाई हुई थी.उसने अपने एक हाथ से अपने सीने को छुपा रखा था और दूसरे हाथ से अपने योनि प्रदेश को छुपा रखा था.
“अपने दोनो हाथ उपर उठाओ और अपने बदन को गोल गोल घूमकर दिखाओ” मैने रोशनी को ऑर्डर दिया और उसने एकदम से हुक्म की तामील कर डाली और अपने दोनो हाथ उपर उठाकर अपने बदन को गोल गोल घूमने लगी.
जब तक रोशनी का यह “हॉट-शो” चल रहा था,मैने भी अपनी जीन्स उतार डाली और मैने भी सोफे पर रिलॅक्स करते हुए अपनी दोनो जंघें फैलाकर अपनी पॅंटी के उपर हाथ फिराना शुरू कर दिया.
इसके बाद मैने रोशनी के मखमली बदन पर जी भरकर अपने हाथ फिराए-उसके बदन पर हाथ फिराने से ऐसा लग रहा था मानो मक्खन के ढेर मे अपना हाथ डाल दिया हो. उसके दोनो हाथ उपर होने की वजह से उसका पूरा बदन बिना किसी बाधा के मेरे दबाने,सहलाने और हाथ फिराने के लिए फ्रीली अवेलबल था.
सलोनी ने इस बीच अपनी पॅंटी उतार डाली और रोशनी को हुक्म दिया-“ चल चिकनी, ज़रा इधर आ जा और मेरे योनि प्रदेश को अपनी जीभ से चाट चाट कर इसकी खिदमत कर.”
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