Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:02 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
उधर करण ने माँ की चूत मे उंगली करते हुए अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग कर लिया ऑर माँ के खाली पड़े बूब
को मुँह मे भर लिया ,,,माँ के लिप्स फ्री होते ही मैं वापिस टूट पड़ा माँ के लिप्स पर ऑर जल्दी ही उनके लिप्स को अपने लिप्स
मे जाकड़ कर किस करने लगा ,,उधर करण का मुँह माँ के बूब पर था ऑर वो बूब को चूस्ता हुआ माँ की चूत मे
उंगली कर रहा था इधर मैं वापिस माँ को किस करते हुए माँ के एक बूब को हाथ मे लेके मसल रहा था ,,तभी 
मैने देखा कि करण ने माँ के बूब को मुँह से निकाला ऑर ज़मीन पर माँ की टाँगों के बीच जाके बैठ गया ऑर
माँ की टाँगों को खोलकर माँ की चूत को सोफे के लास्ट मे अपने सर के करीब खींच लिया ,,,माँ भी जल्दी से अपनी
चूत को करण के मुँह के करीब करने के लिए सोफे से उठकर आगे की तरफ खिसक गई ऑर पल भर मे माँ की चूत '
करण के मुँह के करीब थी ऑर करण ने माँ की चूत को मुँह मे भर लिया था ,,करण ने मस्ती मे इतना कस्के माँ की
चूत को मुँह मे भरके चूसा था कि माँ की हालत खराब हो गई थी वो मस्ती मे चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसके लिप्स
मेरे लिप्स मे जकड़े हुए थे इसलिए वो चिल्ला नही सकी लेकिन बदले मे उसने मेरे लिप्स को इतनी ज़ोर से दबा कर अपने मुँह 
मे भर लिया जैसे खा ही जाएगी मेरे लिप्स को,,मैने भी उसी मस्ती मे माँ के लिप्स को चूसना शुरू कर दिया,,माँ के
लिप्स मेरे लिप्स मे जकड़े हुए थे लेकिन फिर भी माँ की हल्की हल्की दबी हुई सिसकियाँ निकल रही थी क्यूकी करण बड़ी 
मस्ती भरे अंदाज़ मे माँ की चूत को चूस रहा था,,,

कुछ देर बाद मैने माँ के लिप्स से अपने लिप्स अलग किए ऑर माँ के बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लाग ,,मैं एक
बूब्स को मुँह मे भरके चूस रहा था ऑर दूसरे को हाथ मे लेके मसल रहा था ,,मेरे लिप्स माँ के लिप्स से दूर होते
ही माँ की सिसकियाँ निकलना शुरू हो गई,,,,अहह उउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हययइईईईईईईई
क्काररांंणणन् ब्बीतता आईसीए शियी च्छुउस्सूऊ म्मेरेइईईई चूऊऊओत ककूऊव आहह प्पूउर्रा म्मूउहह
म्मीई बभ्ारर ल्लूऊ म्मेरेइईईई चूत्त ककूऊऊ क्क्हाअ ज्जाऊओ इश्स कच्छीककन्णीी कच्छाम्मील्लीइीई ककूऊऊ
आहह ऊओररर्र ज्ज़्य्यददााअ ककाट्तूओ म्मेरेइईईई छ्छूवतत क्की कच्छांम्मददीए ककूऊऊओ आअहह
उूुुुउऊहह हहयययययईईई हमम्म्ममममममममममम ऊओरर्र्र्र्र्र्र्र्ररर
ज्जूओर्रर ससी च्छुउस्ूओ मेरेयिइ चुत्त्त्त्त्त्त्त्त ककूऊ आपपनन्ी प्पूउर्रिइ ज्जुउब्बान्न्न्न् उउन्न्ञददीर्रर ग्घुउस्स्स्साआ
दद्दूऊव क्काररांन्न ब्बीत्ताअ आहह कारण भी माँ की सिसकियों सुनकर ऑर भी तेज़ी से माँ की चूत को
चूसने लगा मैने देखा कि करण ने माँ की चूत के चमड़े को अपने दाँतों मे दबा रखा था ऑर मुँह मे 
भरके चूस रहा था ऑर हल्के से काट भी रहा था ,,करण को मस्ती से माँ की चूत चूस्ते देख ऑर माँ की मस्ती
भरी सिसकियाँ सुनकर अब मेरे से रहा नही गया मैने जल्दी से सोफे पर खड़ा हो गया ऑर जैसे ही माँ ने अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
करने के लिए मुँह खोला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया ,,माँ आराम से मस्ती मे आँखें बंद करके
चूत चुसाइ का मज़ा ले रही थी लेकिन जैसे ही मेरा लंड माँ के मुँह मे गया माँ की आँखें खुल गई ऑर माँ ने लंड
को हाथ मे पकड़ ओर मुँह से निकाल दिया फिर हँसके मेरी तरफ देखा ऑर वापिस लंड को मुँह मे भर लिया ,,,

माँ ने अपने सर को लंड पर आगे पीछे करने की कोशिश की लेकिन ऐसी हालत मे माँ को अपना सर हिलाने मे मुश्किल हो
रही थी तो मैने माँ के हाथ को अपने लंड से हटा दिया ऑर खुद अपने लंड को माँ के मुँह मे अंदर बाहर करने 
लगा ,,जिस तरह से माँ बैठी हुई थी उस तरह से माँ के मुँह मे आधा लंड ही जा रहा था जिस से मुझे मज़ा नही आ
रहा था ऑर ना ही माँ को मज़ा आ रहा था क्यूकी चूत हो गान्ड हो या मुँह हो जब तक लंड जड़ तक अंदर नही चला
जाता ना तो मुझे मज़ा आता था ना ही माँ को ,,तभी माँ ने खुद को अड्जस्ट करते हुए अपने सर को सोफे के पीछे की दीवार
पर रखके सोफे से हल्का सा पीछे की तरफ झुका दिया जिस से माँ का सर थोड़ा नीचे झुक गया ऑर माँ की आँखें ऑर मुँह 
उपर छत की तरफ हो गये जिस से मुझे अपने लंड को माँ के मुँह मे डालने मे आसानी हो गई ऑर मैने भी जल्दी से अपने
लंड को माँ के मुँह मे गले से नीचे तक उतार दिया ऑर ऐसे ही पूरा लंड माँ के गले से नीचे तक उतारकर उपर नीचे 
करने लगा ऑर माँ के मुँह को लंड से चोदने लगा,,माँ ने भी अपनी ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाल लिया ऑर मेरे लंड
को अंदर बाहर होने के लिए जगह बना दी जिस से मेरा लंड बड़े आराम से माँ के मुँह मे अंदर बाहर होने लगा ऑर
मैं मस्ती मे भरने लगा ,,मैने अपनी टाँगों को थोड़ा खोला ऑर माँ के उपर से दोनो टाँगों को माँ के जिस्म
से दोनो तरफ सोफे पर रख दिया ऑर हाथ सोफे की बॅक पर रख दिए जहाँ माँ का सर टिका हुआ था फिर तेज़ी से माँ के
मुँह को लंड डालके चोदने लगा ,,,,
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12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
नीचे करण भी अपना पूरा हुनर दिखा रहा था ऑर माँ की चूत को बड़े प्यार ऑर
मस्ती से पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूस रहा था ,,माँ भी मस्ती मे अपने एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने
लगी ऑर एक हाथ को करण के सर पर रख कर करण के सर को अपनी चूत पर दबाने लगी,,,उपर मैं पूरी स्पीड से माँ
क मुँह को चोदने मे लगा हुआ था ,,तभी लंड चूस्ते हुए माँ ने मेरी पीठ पर हल्के से हाथ मारते हुए मुझे
अपनी स्पीड तेज करने को बोला ऑर तभी माँ के मुँह से दबी दबी हल्की सिसकियाँ निकलने लगी मैं समझ गया कि माँ
झड़ने लगी है इसलिए मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर माँ मे मुँह मे लंड को जड़ तक घुसा कर माँ के मुँह
को चोदने लगा तभी 2 मिनट बाद ही माँ की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया में नीचे की तरफ देखा ऑर
करण माँ की चूत से निकलने वाले पानी की एक भी बूँद को जाया नही कर रहा था ऑर माँ की चूत के पानी को पीता हुआ
अपनी ज़ुबान से माँ की चूत को अभी भी चाट रहा था ,



माँ ने रास्ते भर मेरे लंड को इतना प्यार से मसला था कि मुझे करण के घर आने तक पेशाब का पूरा ज़ोर पड़ गया 
था ऑर लंड हल्का हल्का दुखने लगा था इसलिए मेरा भी काम जल्दी ही होने वाला था मैने भी माँ के मुँह को तेज़ी से 
चोदते हुए अपने पानी की पिचकारी माँ के गले से नीचे तक छोड़ना शुरू कर दिया था मेरे लंड से निकलने वाला
स्पर्म सीधा माँ के गले से नीचे तक बहने लगा था जो थोड़ा बहुत माँ के मुँह मे रह गया उसको भी माँ ने गले
से नीचे गटक लिया ऑर मेरे लंड को भी अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ,,लंड सॉफ होते माँ ने लंड को मुँह से निकाल
दिया ऑर मैं भी सोफे पर माँ के साइड मे बैठ गया ,,मैने सोफे पर बैठ कर करण की तरफ देखा तो करण अभी भी 
माँ की चूत को चाट रहा था ऑर साथ ही अपने हाथ से अपने लंड की मूठ मार रहा था ,,,मैं अभी बैठा ही था कि
करण जल्दी से उठकर खड़ा हो गये ऑर सोफे के उपर चोदने लगा,,,मैं समझ गया कि अब इसका भी होने वाला है ऑर ये
अब सोफे पर चढ़के माँ के मुँह मे झड़ने वाला है ऑर ऐसा ही हुआ करण अपने लंड को हाथ मे लेके मूठ मारता 
हुआ जल्दी से सोफे पर चढ़ गया ऑर लंड को माँ के मुँह के करीब कर दिया माँ ने भी जल्दी से अपने मुँह को खोल दिया 
ऑर करण के लंड को मुँह मे भर लिया ,,,अभी करण का लंड माँ के मुँह मे गया ही था कि लंड ने पिचकारी मारना 
शुरू कर दिया ऑर देखते ही देखते करण भी माँ के मुँह मे झड गया ऑर माँ ने उसके लंड के पानी को भी गले से
नीचे गटकना शुरू कर दिए जैसे कुछ देर पहले मेरे लंड के पानी को गटका था ,,,जब करण भी झड गया ऑर उसके 
लंड से लास्ट ड्रॉप माँ के मुँह मे मे गिर गई तो माँ ने करण के लंड को अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ऑर लंड को
मुँह से बाहर निकाल दिया,,,करण भी हांफता हुआ माँ की दूसरी साइड पर बैठ गया ,,,मैं भी तेज़ी से साँसे ले रहा था
ऑर उधर करण भी अपनी सांसो पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रहा था ,,बीच मे बैठी हुई माँ अपने मुँह से बहने
वाले स्पर्म को हाथ से सॉफ करके वापिस मुँह मे भर रही थी वो एक ड्रॉप भी स्पर्म की जाया नही होने दे रही थी,,उसका
मुँह स्पर्म से भर गया था क्यूकी एक साथ 2 लंड ने पानी निकाला था उसके मुँह मे फिर भी वो सारा का सारा पानी गटक
गई थी,,,,,,

कुछ देर तक हम तीनो सोफे पर ऐसे ही बेसूध बैठे रहे ओर अपनी अपनी हालत को क़ाबू करने की कोशिश करते रहे
तभी माँ उठी ऑर मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर साथ ही दूसरे हाथ से करण का हाथ पकड़ लिया ऑर हम दोनो को सोफे से 
उठा दिया,,,ऑर हम दोनो को हाथ से पकड़ कर करण के रूम की तरफ ले गई ,,हम दोनो भी चुप चाप माँ के साथ
करण के रूम मे चले गये ,,,,रूम मे जाते ही माँ ने मुझे ऑर करण को बेड पर लेटा दिया ऑर खुद एसी ऑन करके 
वापिस हमारे पास बेड पर आ गई ऑर आते ही मेरे लंड को हाथ मे लेके सहलाने लगी ,

मेरा लंड अभी कुछ देर पहले ही झडा था ऑर सुस्त हो गया था लेकिन माँ के हाथ लगते ही उसने फिर से ओकात मे आना
शुरू कर दिया था ,,लंड अभी हल्का सर उठाने ही लगा था कि माँ ने लंड को मुँह मे भर लिया ऑर लंड एक दम से
हार्ड होने लगा ,,उधर माँ ने करण के लंड को भी हाथ मे पकड़ लिया जो मुझे ऑर माँ को देख कर पहले से ही 
मस्ती मे आने लगा था ,,माँ ने 2 मिनट तक ही मेरे लंड को चूसा ऑर जब लंड पूरा हार्ड हो गया ऑर थूक से चिकना
हो गया तो माँ ने लंड को मुँह से निकाला ऑर जल्दी से अपनी टाँगों को खोल कर मेरे उपर चढ़ गई ऑर पल भर मे मेरे 
लंड को हाथ मे लेके अपनी चूत पर रख दिया ,,माँ की चूत पहले से गीली ओर चिकनी थी मेरा लंड भी माँ के थूक 
की वजह से चिकना था जो एक ही बार मे हल्का धक्का लगते ही चूत की जड तक समा गया ऑर माँ ने अपनी गान्ड को
उपर नीचे करते हुए लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया 
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12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
उधर करण बेड पर लेटा हुआ था माँ ने
उसको लंड से पकड़ कर उठा दिया ऑर अपने करीब आने को बोला,करण भी बेड से उठा फिर मेरे ऑर माँ के करीब आके
घुटनो के बल बैठ गया माँ ने भी जल्दी से खुद के सर को करण के लंड की तरफ मोड़ दिया ऑर करण के लंड को मुँह
मे भर लिया करण ने भी मस्ती मे माँ के सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर माँ के सर को पकड़ कर अपनी कमर हिलाने
लगा ऑर माँ के मुँह मे लंड को अंदर तक घुसाते हुए माँ के मुँह को चोदने लगा ,,करण का लंड पतला था लेकिन 
लंबा बहुत था पतला होने की वजह से माँ को कोई ज़्यादा परेशानी नही हो रही थी करण के पूरे लंड को अपने गले 
से नीचे उतारने मे ,,,




करण इतनी तेज़ी से माँ के मुँह को चोदने लगा था कि उसको देख कर मेरी मस्ती भी बढ़ने लगी मैने अपने हाथ माँ
की पीठ पर रखे ऑर माँ को अपनी बाहों मे कस्के अपनी कमर को बेड से उपर उछालने लगा मेरे उपर उछलते ही
माँ ने खुद की कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर मुझे खुद उनकी चूत चोदने का मोका दिया मैने भी तेज़ी से अपनी
कमर को बेड से उछाल उछाल कर माँ की चूत को चोदना शुरू कर दिया ,,,,माँ ने एक हाथ को बेड पर रखा हुआ 
था ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने लगी थी ,,करण का लंड बड़ी तेज़ी से माँ के मुँह मे अंदर बाहर हो रहा
था जिस वजह से माँ के मुँह से थूक बाहर निकलने लगा था ,,माँ ने जल्दी से अपने हाथ को अपने बूब से उठाया ऑर
अपने मुँह से निकलने वाले थूक को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड पर लगा दिया ऑर कारण को भी वहाँ से उठकर 
अपने पीछे जाने को बोला करण ने भी माँ का इशारा मिलते ही जल्दी से उठकर माँ के पीछे चला गया ,,माँ अपने हाथ
से अपनी गान्ड पर थूक लगा रही थी जो अभी अभी उसके मुँह से निकला था ,मस्ती मे माँ की गान्ड थोड़ा खुल गई थी जिस
वजह से माँ ने अपनी 2 उंगलियाँ गान्ड मे घुसा दी थी ऑर उंगलिओ से अपने थूक को अपनी गान्ड मे भरने लगी थी
जब अच्छी तरह थूक लग गया तो माँ ने अपने हाथ को अपनी गान्ड से उठा लिया ऑर करण ने आगे बढ़ कर अपने लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,माँ एक दम मस्ती मे उछल गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,करण ने भी एक दम से लंड अंदर
घुसते ही माँ की कमर को अपने हाथ मे पकड़ लिया था ऑर बिना कोई देर किए तेज़ी से माँ की गान्ड को ठोकना शुरू
कर दिया था ,,,




जिस स्पीड से करण माँ की गान्ड मार रहा था उसी स्पीड से मैं भी अपनी कमर बेड से उपर उछाल उछाल कर माँ
की चूत मार रहा था ,,कुछ ही देर मे माँ की सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,हयीईईईईईईई आआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज एयेए
राहहा हहाइईइ आसल्लीइी मामज़्जजाअ म्मेरेरी 2-2 बीट्टी ममिल्लककाररर म्मूउज़्झहही क्क्हुउस्शह क्कार्र रहही 
हहाईईइ हययईई क्क्य्या म्मामज़्जज़ा हहाइईइ ,,हमम्म्मममम आहह ीसस्सीईई हहिईीईईईईईईई
ब्बाचहूऊ ऊर्र्टटीिई ससीई चछूड्डूऊ आप्प्पनन्िईिइ मामा ककूऊ हहययइईई आहह
कककाररान्ण ब्बीत्टता टतरराा ददिल्ल्ल्ल क्काररत्ता हहाइईइ नाअ अपपनन्िईिइ हहिि मामा क्कीईइ गगाणनदडड़ मार्रननी
कक्कूव टूऊ आआअजजज अब्भहिि म्मूउुज्झहहीए आपपनन्िईिइ मामा हहिि स्सामंमज़्जहहूओ ऊरर टटेजज़ििइईईई सीए
गगाणन्दड़ मारूव मेरेइईइ ससूच्छू क्कीिई तुउउंम आप्प्पनन्िईीई माँ क्कीिई गाणनदडड़ मररर र्रहही हूऊओ 
हहयइईईई आजज्ज म्मेरेरी ब्बीत्टी ब्बान्न्णणन् ज्ज्ज्जाऊओ तुउउंम्म ऊरर ज्जिि बभ्ार्ररक्की म्म्मेररेइईईईईईईई
ग्गगाणंननन्न्ंदड़ म्मार्रूऊऊऊऊओ क्कूिइ त्तररासस्स माँात्त क्काररन्ना म्मूउज़्झहह पीररर हहययययई
मामाआ क्कीिट्त्न्ना म्मामज़्जज़ा आ र्राहहा अहहाईईईईई हययययए उऊहह हमम्म्मममम
आहह ऊरर त्टीज्जज क्कारूऊऊ सुउउन्नयी ब्बेतटटा पफाड्दड़ द्डूऊऊऊओ
आहज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आपपनन्िईीईईईईई मामा क्कीईईईई चहूऊतत कककूऊऊओ ऊओरर टटेजज़्ज़्जििीइ ससीए त्तूकककूऊ मेरेइईईईईईईईईई
चहूवततत्त कककूऊऊओ हहययईई ऊरर त्टीजज कारूऊ क्काररान्ण बीत्टता तटुउंम्म बभहीइ टटेजज़्ज़ििीइ सस्स्स्स्सीए
गाअंन्दड़ म्मर्रूऊ मेरेइईईईईईईईई ,,,,,,,,,,आअज्ज आ र्राहहा हहाइईइ ज्जाननाट्त्ट क्का म्मामाजजा मेरेररी ब्बीत्टी
क्कीत्न्ननिईिइ माँसत्त्तिीई ससीए छ्छूड्द र्राहही हहाइईइ अप्प्पनन्ी मामा कूऊऊऊ हयीईईईईईईई


माँ की सिसकियाँ सुनकर मेरी स्पीड तेज हो गई ऑर साथ ही करण की भी हम दोनो फुल स्पीड से माँ को चूत ऑर गान्ड 
मारने लगे ,,माँ ने अपने हाथ मे अपने बूब को पकड़ा ऑर मेरे मुँह की तरफ बड़ा दिया मैने भी जल्दी से अपने 
मुँह को खोल दिया ऑर माँ के बूब को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगा माँ कभी एक बूब को मेरे मुँह मे डालने 
लगती तो कभी दूसरे को ,,ब्बीत्टता सिर्रफफ़्फ़ छ्छूवस्स्स न्नहहिि हाल्लकई हाल्लक्की आपपन्ने दडंन्तूओंन्न म्मी
द्डब्बा क्काररर काट्त इन्नक्कू ट्टाब्भीी मांज़्जा आयएएग्गा म्मूुझहही हहूओ स्सक्क्की टूऊ त्हूऊददाअ
ज्जूओर्रर ससीए बहिि काट्त डीएन्न्ना आज्ज्जज ककुउक्च ररीहम्म मॅट कररन्ना म्मेरेर ई ब्बीत्टी जीिथन्नाअ 
हूऊ स्साक्क्की ददार्रद्द डीनना म्मूउज़्झहही क्क्ययुउककिईईईई उसस्स्सीई ददार्र्द्द म्मईए आसल्लीी मांज़्जा हूत्ताअ 
हहाइईइ व्वाइईसी बबीी अओउर्रत्त्त्टतत्त क्कूव जबब्ब्ब त्टाकक च्छुद्दाइ मईए ददार्र्द्द ना हहूओ उउस्स्क्क्कू
म्मांजजई ऊरर मांसस्त्तिीई काअ ईहहस्स्साआस्स्स हहिि नाहहीी हूटता ,,र जजूर्र ससीए काट्त मेरेरी बॉब्ब पीरररर 
ब्बेतटटा ख्हाा ज्जा म्मेररी ब्बूबबसस ककूऊ ,,मैं भी माँ के कहने पर मस्ती मे भरता चला गया ऑर माँ
के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से काटने लगा कभी कभी तो निशान भी पड़ने लगे थे मेरे दाँतों के ,,माँ दर्द से चिल्ला
भी रही थी ऑर मस्ती मे सिसकियाँ भी ले रही थी उसकी आवाज़ मे दर्द ऑर मस्ती का मिला जुला असर था ,,ओरर ज्जूओर्र ससीए 
काट्त मेरेरी ब्बीत्टी ऊरर जय्याद्दा ददार्रद्द डदीई म्मूउज़्झहही इसी ददार्र्द्द म्मी म्मांज़्जा आत्ता 
हहाीइ मुऊऊुज्झहीई,,,,,,,,,,,,,,,,

तभी मैने माँ के बूब को मुँह से निकाल दिया ,,माँ मेरी तरफ हैरान होके देखने लगी तभी मैने माँ को
अपने उपर से हटने को बोला ऑर माँ आगे होके मेरे उपर से हट गई जिस वजह से करण का लंड भी माँ की गान्ड से
बाहर निकल गया,,माँ मेरी तरफ देख रही थी तभी मैने करण को पकड़ा ऑर बेड पर लेटा दिया करण बेड पर लेट
गया तो मैने माँ को उसके पास लेटने का इशारा किया माँ ने भी मेरी बात समझ ली ऑर करण की तरफ मुँह करके अपनी एक टाँग करण की टाँगों पर रख दी ऑर अपने हाथ को भी करण की पीठ पर रख कर करण से चिपक गई करण ने 
भी जल्दी से अपने हाथ मे अपने लंड को पकड़ा ऑर माँ की उस टाँग के नीचे से जो टाँग केरेन की टाँगों पर पड़ी
हुई थी वहाँ से अपने लंड को माँ की चूत पर रख दिया ,माँ ने अपने हाथ मे करण के सर को पकड़ा ऑर उसके सर 
को अपने बूब्स मे दबा लिया करण ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर माँ के बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगा ,इतनी
देर मे मैं माँ की पीठ पीछे लेट गया ऑर अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,मैने
अपने हाथ से अपने लंड को अच्छी तरह सॉफ कर लिया था ,,मेरे लंड पर जितना भी माँ की चूत का पानी लगा हुआ था 
मैने उसको करण की बेडशीट से सॉफ करके अपने लंड को खुश्क कर लिया ऑर अपने हाथ से बेडशीट को खींच कर 
माँ की गान्ड पे ले गया ऑर माँ की गान्ड पर लगे थूक ऑर करण के लंड के पानी को भी सॉफ कर दिया ,,
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12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
जब मैं ऐसा 
कर रहा था तो माँ ने मेरी तरफ मूड कर देखा ऑर नज़रो ही नज़रो मे पूछने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो ,,मैने
माँ की बात का कोई जवाब नही दिया ऑर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की पीठ के साथ सट गया ऑर लंड को माँ की
गान्ड के होल पर रख दिया फिर तेज़ी से झटका मार कर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया ,,मेरा लंड भी 
ऑर माँ की चूत भी एक दम खुश्क थी जिस वजह से लंड को अंदर जाने मे मुश्किल हो रही थी लेकिन मैने अपने एक
हाथ से माँ की गान्ड को थोड़ा खोला ऑर फिर से लंड को तेज़ी से झटका लगा कर अंदर घुसा दिया इस बार मेरा लंड
माँ की गान्ड की दीवार से रगड़ ख़ाता हुआ पूरा अंदर चला गया ऑर माँ के मुँह से एक तेज चीख निकल गई माँ
ने मेरी तरफ मूड कर देखा ,,



माँ की आँखों मे हल्के आँसू थे शायद माँ को दर्द हुआ था मैने माँ की तरफ हँसके देखे ऑर नज़रो ही नज़रो 
मे बोला कि माँ तुमने ही बोला था कि तुमको दर्द चाहिए बिना दर्द के तुमको मज़ा नही आता इसलिए मैं तुमको दर्द
दे रहा हूँ ताकि तुम मज़ा कर सको ,,माँ ने हल्की मस्ती के साथ साथ गुस्से से मुझे देखा लेकिन मैं नही रुका ऑर 
लंड को अंदर घुसा कर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा ,,,खुश्क लंड जब भी माँ की गान्ड की दीवारों से
रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता तो माँ के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल जाती ,,इस चीख से मुझे माँ पर तरस
नही आता बल्कि मुझे ज़्यादा मस्ती चोदने लगती ऑर मैं तेज़ी से जोरदार धक्का लगाने लगता ,,,मैं काफ़ी देर तक माँ की
गान्ड मे तेज धक्के लगाता रहा ऑर माँ चिल्लाती रही कभी कभी मेरी तरफ पीछे मूड कर देखती ऑर आँखों मे पानी
ऑर फेस पर गुस्सा लिए मुझे घूर्ने लग जाती लेकिन मैं हँसके माँ की तरफ देखता ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने 
लग जाता ,,,मैने अपने हाथ को आगे करके माँ के बूब को पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया ,,,,,,,,,,,,ध्हीर्र्री कार्ररर
कमिन्नईए ददार्रद्द हहू राहहा हाइी माँिन्न तीरीइ माँ हहूओन्न क्कूिइ र्रन्न्दडी न्नाहहिि आर्रामम्म्ममम
ससी न्नाहहीी छ्छूड्द स्सककत्ता कय्याअ हहययईईए मार्र द्दाल्ला ररीए क्कममिन्नी सुउन्नयी टुउन्नी 
म्मूउुज्झीए आअज्जजज्ज्ज्ज्ज ठूड्दा अर्रामम ससीए म्मांस्साल्ल्ल ली मेरररी ब्बूबबसस क्कू आब्ब क्क्य्य्ाआअ
क्काहहत्तिईइ ससीए उउक्खाडदननी क्का ईर्राद्ड़ा हहाइईईईई आहह म्मार्र गगययईीीईईई हहयइईईईई


तभी मैने माँ की पीठ के उपर से करण की तरफ देखा जो माँ की चूत मारते हुए माँ के एक बूब को मुँह मे 
भरके चूस रहा था ,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने भी मेरी तरफ़ देखा मैने उसको माँ के लिप्स पर किस करने
को इशारा किया ऑर उसने भी ऐसा ही किया उसने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया ओर माँ की आवाज़ को बंद कर दिया ,,

मैने मोका देख कर जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला ऑर बेड शीट से सॉफ कर दिया क्यूकी माँ की गान्ड ने मस्ती
मे पानी भरना शुरू कर दिया था ऑर लंड फिर से चिकना होने लगा था ,,,मैने लंड को फिर से खुश्क किया ऑर माँ
की गान्ड पर लगे पानी को भी बेड शीट से सॉफ कर दिया ऑर अपने लंड को वापिस अपने हाथ मे लेके माँ की गान्ड पर
रख दिया ,,माँ को फिर से दर्द होना था खुश्क लंड गान्ड मे लेके इसलिए माँ ने मुझे रोकने की कोशिश की तो मैने
माँ के हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर जल्दी से लंड को गान्ड मे घुसा दिया ,,माँ ने चिल्लाने की कोशिश की लेकिन 
करण ने माँ के लिप्स को इतना कस्के अपने मुँह मे भर लिया कि माँ चाह कर भी चिल्ला नही सकी ,,मैने लंड अंदर 
घुसते ही तेज़ी से माँ की गान्ड मारनी शुरू करदी ऑर हाथ को वापिस माँ के बूब्स पर ले गया ऑर ज़ोर से दबाने लगा ,,माँ
ने अपने हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर अपने बूब से दूर करने लगी तभी मैने करण के हाथ को अपने हाथ मे 
पकड़ा ऑर उसको माँ का हाथ पकड़ कर साइड करने का इशारा किया उसने भी ऐसा ही किया ऑर माँ का हाथ पकड़ कर साइड
कर दिया ,,मैं फिर अपने हाथ को माँ के बूब पर रखा ऑर ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा,,

माँ के मुँह से हल्की हल्की दबी हुई दर्द भरी सिसकियाँ निकालने लगी थी,,इधर मैं तेज़ी से माँ की गान्ड मारते हुए 
माँ के बूब्स को कस कस के हाथ मे लेके मसल रहा था ऑर उधर करण माँ की टाँग को अपनी टाँगों पर रखके माँ 
की चूत मारते हुए माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर चूस रहा था,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे 
पीछे हटने को बोला,,मैने माँ की गान्ड से लंड निकाल लिया ऑर उठ गया तभी जल्दी से करण ने माँ को खुद से पीछे 
ऑर माँ को पलट कर उल्टी कर दिया जिस से माँ का पेट बेड से लग गया ऑर गान्ड उठकर उपर आ गई ,,करण ने बेडशीट 
की तरफ देखा जहाँ मैने अपने लंड की चिकनाई सॉफ की थी करण ने भी जल्दी से अपने लंड की वहीं सॉफ किया ऑर माँ
की गान्ड को भी जल्दी से सॉफ कर दिया ,,,माँ ने करण को ऐसे करते देख लिया था वो समझ गई थी कि अब करण भी 
अपने लंड को खुश्क करके उसकी गान्ड मे डालने वाला है तो माँ ने जल्दी उठने की कोशिश की लेकिन तभी करण ने
माँ के राइट वाले हाथ को पकड़ कर माँ की पीठ पर रख दिया ओर मैने लेफ्ट वाले हाथ को अपने हाथ मे पकड़
कर फिर एक हाथ से माँ के सर को अपनी तरफ मोड़ कर बेड से लाग दिया ऑर माँ के गाल पर हल्का सा दबाव डाला तो माँ
का मुँह खुल गया ऑर जैसे ही मैने माँ के मुँह मे लंड डालने की कोशिश की माँ ने जल्दी से मुँह को बंद कर लिया,,
Reply
12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कारण ने माँ की गान्ड पर अपना लंड रखा ऑर एक हाथ से माँ की गान्ड को खोल कर अपने खुश्क लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,करण का लंड मेरे लंड से काफ़ी पतला था जो बड़े आराम से एक ही बार मे पूरा अंदर चला
गया लेकिन खुश्क होने की वजह से माँ को फिर दर्द हुआ तो माँ ने चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोला ऑर जैसे ही माँ का
मुँह खुला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया माँ की चीख दब कर रह गई ,,मैने माँ के एक हाथ 
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर एक हाथ से माँ के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसाने लगा ऑर
पीछे से करण ने माँ के हाथ को पकड़ कर उनकी पीठ पर रखा हुआ था ऑर एक हाथ से बेड का सहारा लेके माँ की
गान्ड पर झुक कर तेज़ी से खुश्क लंड से माँ की गान्ड मारने लगा था ,,माँ को दर्द हो रहा था लेकिन वो चिल्ला नही
सकती थी क्यूकी मेरे लंड ने माँ के मुँह को पूरी तरह से बंद किया हुआ था ,,,लेकिन फिर भी माँ अपने दर्द को ब्यान
करने के लिए थोड़ा सा झटपटा रही थी जिसका मेरे ऑर करण पर कोई खास फ़र्क नही पड़ रहा था ,,,

कुछ देर बाद माँ ने झटपटाना बंद कर दिया ऑर मेरे लंड पर अपने मुँह को हलके से आगे पीछे करने लगी मैं
समझ गया कि माँ को मज़ा आने लगा है ऑर दर्द कम हो गया होगा क्यूकी काफ़ी टाइम से करण माँ की गान्ड मार रहा था

उसने खुश्क लंड डाला था माँ की गान्ड मे लेकिन अब तक मस्ती मे माँ की गान्ड ने काफ़ी पानी बहा दिया होगा जिस से
लंड चिकना हो गया होगा ऑर इसलिए माँ को मज़ा आना शुरू हो गया होगा ,,अब चिकने लंड की वजह से करण की स्पीड 
भी काफ़ी तेज हो गई थी ऑर वो माँ के हाथ को अपने हाथ से छोड़ कर माँ के उपर ही लेट गया था ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड
मारते हुए चिल्लाने लगा था मैं समझ गया कि ये बंदा तो अब झड़ने वाला हो गया है ऑर तभी करण ने ज़ोर से 
आअहह की ऑर माँ की गान्ड मे झड गया ओर कुछ देर माँ की पीठ पर चढ़ कर ऐसे ही लेटा रहा ,,,,फिर उतर कर साइड
हो गया तभी माँ ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया मैं समझ गया माँ मुझे हटने को बोलेगी लेकिन जो मैं सोच
रहा था उस से उल्टा ही हुआ माँ उठी ऑर बेड शीट को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड सॉफ करने लगी ऑर करण के लंड
पर झुक कर करण के लंड पर लगे स्पर्म को चाटने लगी फिर करण के लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी जब तक
माँ ने बेडशीट से अपनी गान्ड को सॉफ किया उतनी देर मे माँ ने करण के लंड को भी चूस कर सॉफ कर दिया ऑर
वापिस बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर मुझे इशारा किया अपनी पीठ पर चोदने के लिए मैं भी माँ की पीठ पर 
चढ़ गया ऑर आगे झुक कर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की चूत पर रखा क्यूकी मैं माँ को ऑर दर्द नही देना 
चाहता था इसलिए लंड को माँ की गान्ड मे नही चूत मे पेलना चाहता था लेकिन जैसे ही मैने अपने लंड की माँ की
चूत के होल पर रखा माँ ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया ऑर फिर पीछे मूड कर मेरी 
तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,मैं तो साला हैरान ही रह गया कि अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने इसकी सुखी गान्ड
मारी थी ऑर इसको इतना दर्द भी हुआ था ,,इतना दर्द कि इसका पूरा जिस्म झटके खाने लगा था ऑर आँखों मे भी आँसू आ
गये थे लेकिन ये औरत तो फिर से लंड को गान्ड मे लेने को तैयार थी ,,,मैने अपने लंड को माँ के हाथ से पकड़ा ऑर
चूत पर रखा लेकिन माँ ने मेरी तरफ देख कर अपने हाथ से लंड को पकड़ कर वापिस गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने
फिर कोई देर नही की अगर ये खुद गान्ड फाडवाना चाहती है तो ठीक है यह सोच कर मैने अपने लंड को माँ की गान्ड
मे पेल दिया ,,
Reply
12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे लंड पर तो माँ का थूक लगा था क्यूकी अभी कुछ देर पहले मेरा लंड माँ के मुँह मे था लेकिन माँ की गान्ड
उपर से काफ़ी सुखी ऑर खुश्क थी लंड को थोड़ी दिक्कत हो रही थी अंदर जाने मे लेकिन एक बार जब अंदर घुस गया तो
फिसल कर गान्ड की जड़ तक समा गया ऑर माँ की हल्की आहह निकल गई जिसमे मज़ा ज़्यादा था और दर्द कम था,,


मैने हलके से झटके मारने शुरू किया तो माँ ने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर तेज़ी से चोदने को बोला,,,,आब्ब्ब्बब
कय्या हहूउआ क्कामिन्नी ज़्जब्ब ददार्रद्द ससीए त्टाद्दप्प र्राहहिि टहिईिइ ज्जू जजूर्र जजूर्र ससी छूओद्द्द द्द्दद्ड
र्राहहा त्तहा ऊररर आब्ब्ब्ब ज़्जबब्ब्ब म्मांज़्जा आन्नी ल्लागगगा हहाईईइ तटूऊ स्स्पपीएद्ड क्क्ययउउू स्ल्लूओवव्वव
क्कार्र र्राहहा हहाईईइ व्वाईससीए हहिि टीज्जिई र बीररीहममी ससीए छ्छूड्द ज्जाससी प्पीहील्ल्लीए छ्छूड्द
र्र्र्ररराहहा त्तहााअ इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर मैने भी माँ की हसी देख कर खुद को माँ की पीठ पर
लेटा लिया ओर हाथों को माँ के शोल्डर पर रख कर अच्छी तरह से पकड़ बना ली ऑर तेज़ी से जोरदार धक्के मारते हुए
माँ की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर हल्के हल्के से अपने दाँतों से माँ की पीठ को काटने लगा ,,,आहह 
आहंंननननणणन् हहानं मेरेरी ब्बीत्टी आईसीए हहिईिइ ऊरर त्तीज्ज ऊरर त्तीज्ज छ्छूओद्द अपपननीी माँ कीईईईईईईई
माँसतटत्त ब्बाहहर्रिई भार्रककामम गाअंन्दड़ ककूऊ क्कूिइ त्तार्रास्स्स मांत्त क्काररन्ना आज्ज्जज हययइईईई
चछूड्द म्मेरेरे ब्बीत्टी ऊरर त्टीजज चछूड्द मैने देखा की सिसकियाँ लेते हुए माँ अपने एक हाथ को अपने
जिस्म के नीचे ले गई शायद अपनी चूत पर लेके गई होगी क्यूकी माँ का हाथ जब उसके जिस्म के नीचे गया था तभी से
माँ का हिलना जुलना कुछ ज़्यादा हो गया था ,,,,,,माँ खुद अपनी चूत मे उंगली करती हुई तेज़ी से चिल्ला रही थी ऑर मुझे 
ज़ोर ज़ोर से झटका मारने को बोल रही थी मैं भी तेज़ी से जोरदार धक्का लगा कर माँ की ख्वाहिश पूरी कर रहा था ,,


तभी माँ की सिकियाँ तेज होने लगी मैं समझ गया कि माँ झड़ने वाली है क्यूकी माँ ने पीछे मूड कर मेरी तरफ 
देखा था ऑर बता दिया था कि वो अब झड़ने वाली है तो मैने जल्दी से माँ के हाथ को पकड़ा जो उनकी चूत पर था ऑर
खींच कर उसको माँ की चूत से दूर कर दिया क्यूकी कुछ देर मे मैं भी झड़ने ही वाला था मैं नही चाहता 
था कि माँ मेरे से पहले झड जाए लेकिन माँ के हाथ उनकी चूत से पीछे करके मैने माँ का मज़ा कम कर दिया
था इसलिए मैं अपने हाथ को माँ की कमर की साइड से बेड ऑर माँ के जिस्म के बीच मे से माँ की चूत पर ले गया ऑर
हल्के हल्के चूत को सहलाने लगा ,,,


माँ फिर से दुगनी मस्ती मे आ गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,,करण साइड पर लेटा हुआ था ऑर हम लोगो की तरफ देख रहा था तभी माँ ने करण को अपने पास आने का इशारा किया ऑर करण भी माँ के पास आ गया माँ ने उसको अपना लंड माँ के करीब करने को बोला लेकिन करण ने मना कर दिया ऑर माँ को वॉल क्लॉक की तरफ इशारा करने लगा वो माँ
को ये बताने की कोशिश कर रहा था कि टाइम बहुत हो गया है ऑर उसकी माँ कभी भी आ सकती है क्यूकी उन लोगो को मस्ती
करते हुए 2 घंटे हो गये थे ,,लेकिन मेरी माँ नही मानी ओर करण के लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी तो करण 
जल्दी से पीछे हट गया क्यूकी उसको डर था कि अगर उसका लंड खड़ा हो गया ऑर बीच मे ही उसकी माँ आ गई तो काम खराब हो जाना है इसलिए उसने जल्दी से पीछे हटके अपने लंड को माँ के हाथ से दूर कर दिया ऑर बेड पर माँ के
साथ लेट कर माँ के लिप्स पर किस करने लगा माँ ने फिर अपने हाथ से करण के लंड को पकड़ने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के हाथ को पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा उधर मैं पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मारने मे लगा 
हुआ था करीब 5-7 मिनट बाद मुझे लगा कि अब मेरा होने वाला है तो मैने माँ की चूत मे तेज़ी से उंगली करना
शुरू कर दिया जिस वजह से माँ भी झड़ने के करीब आ गई ऑर मस्ती मे कारण एक लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ से
चूसने लगी ,,तभी मैं तेज़ी से अह्ह्ह्ह भरते हुए माँ की गान्ड मे झड गया मेरे लंड ने एक के बाद एक 8-10 
पिचकारी मारी माँ की गान्ड मे ऑर मेरा सारा पानी माँ की गान्ड मे समा गया ऑर जब सारा पानी निकल गया तो माँ ने भी तेज़ी से आहे भरना शुरू करदी अभी भी मेरा लंड माँ की गान्ड मे ही था लेकिन सारा पानी निकल चुका था ऑर मैं
माँ की चूत मे उंगली कर रहा था ऑर तभी माँ की चूत ने भी पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब मेरे हाथ पर कुछ 
ज़्यादा ही गीला गीला एहसास हुआ तो मैने माँ की चूत पर अपने हाथ की स्पीड को स्लो कर दिया ऑर कुछ देर बाद अपने
हाथ को रोक कर माँ की चूत से हटा लिया ओर माँ के जिस्म ऑर बेड के बीच से खींच लिया ऑर खुद भी माँ के जिस्म
से नीचे उतर कर साइड मे लेट गया ,,इतने मे माँ भी जल्दी से उठी ऑर मेरे हाथ को चाटने लगी जिस पर उसी की चूत का
पानी लगा हुआ था जब हाथ को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया तो माँ मेरे लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी 
ऑर लंड को अची तरह साफ करके मुँह से बाहर निकाल दिया,,,फिर माँ भी बेड पर निढाल होके गिर गई,,,,
Reply
12-21-2018, 02:03 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
जब साँसे कुछ ठीक हुई तो माँ उठी ऑर बाथरूम मे चली गई इतनी देर मे मैं ऑर कारण भी उठे ऑर बाहर आ गये 
जहाँ सोफे के पास मेरे ऑर कारण के कपड़े पड़े हुए थे ,,मैने ऑर करण ने कपड़े पहन लिए ऑर इतनी देर मे माँ
भी करण के रूम से बाहर आ गई,,,माँ की चाल कुछ ठीक नही थी क्यूकी अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने माँ
की सुखी गान्ड मारी थी वो भी खुश्क लंड से ,,,उनको शायद दर्द हो रहा था जो उनकी चाल से सॉफ ज़ाहिर हो रहा था,,,

मैने ऑर करण ने माँ की तरफ हँसके देखा तो माँ ने भी हम लोगो की तरफ हँसके देखा ,,ऑर करीब आके अपने
कपड़े उठा कर पहनने लगी,,,,

क्या हुआ माँ ऐसे क्यू चल रही थी ,,,मैने मज़ाक मे पूछा,,,,,

कमिने अभी इतनी जबरदस्त गान्ड मारी है मेरी वो भी बिना आयिल के अब पूछता है क्या हुआ,,,,माँ थोड़े गुस्से मे
बोली,,

माँ तूने ही तो बोला था कि औरत को जब चुदाई करते टाइम दर्द होता है तभी उसको ज़्यादा मज़ा आता है,,,,मैने तो
तेरी ही बात पूरी की है,,,,

अच्छा मेरी बात पूरी की है ,,मैने हल्के दर्द की बात की थी गान्ड फाड़ने वाले दर्द की नही,,,,तूने तो इतनी बुरी तरह
से चोदा है कि अभी तक रह रह कर दर्द की लहर उठ रही है पूरे जिस्म मे,,,

मैने तो ज़्यादा दर्द नही दिया ना आंटी जी,,करण बीच मे बोल पड़ा,,,,,

कोशिश तो तूने भी की थी करण बेटा लेकिन तेरा मूसल लंबा तो है लेकिन सन्नी के मूसल जितना मोटा नही है ,,अगर
होता तो तू भी दर्द देने मे पीछे नही रहता ,,,,

ग़लती हो गई माँ अब दोबारा ऐसे नही करूँगा,,,,माफ़ कर्दे,,,

अरे नही पागल ऐसा मत बोल,,,ऐसा बोल कि माँ हर बार ऐसा ही करूँगा और ऐसे ही जबरदस्त तरीके से गान्ड मारूँगा
लेकिन खुश्क लंड से नही हल्का आयिल लगा कर,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी ओर कपड़े पहन कर सोफे पर बैठ गई ऑर
अपने पर्स से कुछ मेक-अप का समान निकाल कर अपना हुलिया ठीक करने लगी क्यूकी अलका आंटी कभी भी आ सकती थी
ऑर ऐसा ही हुआ अभी हम लोग कपड़े पहन कर ठीक तरह से बैठे ही थे कि डोर बेल बजी ,,,

मैं ऑर माँ ठीक तरह से बैठ गये ऑर करण ने जल्दी से अपने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया क्यूकी उसके रूम
मे बेडशीट गंदी हो गई थी ऑर बेड का हाल भी बुरा था,,,वो जल्दी से अपने रूम को बंद करके बाहर गेट खोलने 
चला गया,,,,

कुछ देर बाद अलका आंटी अंदर आ गई,,,,जैसे आज माँ को देख कर मेरा बुरा हाल हो गया था जब उन्होने टाइट
फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था उसी तरह अलका आंटी को देख कर भी मेरा बुरा हाल हो गया,,,

अलका आंटी ने भी हल्के पिंक कलर का एक दम टाइट सूट पहना हुआ था,,,मेरी माँ की तरह उनके बूब्स भी बहुत 
बड़े बड़े थे जो आधे से ज्याद सूट से बाहर निकले हुए थे ,,सूट इतना टाइट था कि उनकी बॉडी का एक एक पार्ट खुल 
कर नज़र आ रहा था ,,

तभी वो अंदर आते ही अपने हाथ मे पकड़ा हुआ कुछ समान ऑर एक बास्केट ज़मीन पर रख कर माँ की तरफ बढ़ी,,
माँ भी आंटी को अपने करीब आता देख सोफे से उठकर खड़ी हो गई,,,,,

नमस्ते दीदी,,इतना बोलकर आंटी माँ के गले लग गई ऑर माँ ने भी उसकी बात का जवाब देके उनको अपनी बाहों मे
भर लिया ,,,वो दोनो एक दूसरे को हग करके खड़ी हुई थी ,,मैं ऑर कारण दोनो को ऐसी हालत मे देख कर मस्त हो गये 
थे ,,क्यूकी दोनो क्या लग रही थी ,,,ये बताना मुश्किल था कि कॉन ज़्यादा सेक्सी लग रही है ,,करण की माँ या मेरी माँ

दोनो के भरे हुए जिस्म ,,बड़े बड़े बूब्स ,,मस्त मोटी गान्ड ऑर उपर से टाइट फिटिंग वाला सूट,,,जान निकाल कर रख
दी थी दोनो ने,,,,अभी दिल कर रहा था कि दोनो को नंगी करके जल्दी से बेड पर ले जाउ ऑर लंड पेल दूं दोनो की गान्ड
मे,,,,,अभी कुछ देर पहले मैं माँ की गान्ड मार कर आया था ऑर अब अलका आंटी को इमॅजिन कर रहा था वो भी बेड 
पर पूरी तरह नंगी कुतिया बनी हुई ऑर मैं पीछे खड़ा उनकी गान्ड मे लंड पेल रहा था,,,

तभी आंटी ने मुझे आवाज़ दी,,,,हेलो सन्नी,,,,,मैं एक दम से नींद से जाग गया,,,हील्लूओ हेलो आंटी

अरे क्या हुआ इतना डरा हुआ क्यू है,,,,मैं कितना हसीन सपना देख रहा था आंटी की आवाज़ से मैं थोड़ा घबरा
गया ऑर सपने से निकल कर हक़ीक़त की दुनिया मे आ गया ,,,,

मेरी इस तरह बोखलाने से माँ ऑर करण मेरी तरफ़ देख कर हँसने लगे,,,,

कुछ नही आंटी जी बस मैं वो,,,,,

तभी माँ बीच मे बोल पड़ी,,,,,,,

बड़ा टाइम लगा दिया तूने अलका ,,,,थोड़ा ऑर लेट होती तो मैं बस जा ही रही थी,,,,

सॉरी दीदी घर से काफ़ी दूर थी तो वापिस आने मे टाइम लग गया,,,वो तो आपके आने का पता चला वर्ना मैने तो ऑर
भी ज़्यादा लेट आना था,,,,,

अच्छा छोड़ो इन बातों को ,,ऑर सुना क्या हाल है तेरा,,,

ठीक हूँ दीदी,,,,आप बैठो ना खड़ी क्यू हो,,,,,

माँ सोफे पर बैठ जाती है ओर मैं एक तरफ सिंगल सोफे पर बैठ गया करण भी दूसरी तरफ जाके बैठ गया,,,

कितने टाइम से तेरा वेट कर रही हूँ मैं अलका ,,,,

सॉरी बोला ना दीदी ,,बस ज़रा शॉपिंग मे बिज़ी हो गई थी,,,,अच्छा ये बातो ये करण ने आपको चाइ कोफ़ी दी या नही,,

हाँ हाँ चाइ भी दी ऑर कॉफी भी ,,,बहुत दिल लगा कर सेवा की इसने आज मेरी,,,

माँ की बात सुनके मैं ऑर करण हँसने लगे,,,,

सच मे दीदी,,,कॉफी बना के दी इसने आपको,,,,मुझे तो आज तक कभी पानी का ग्लास भी नही लाके दिया किचन से,,,

तेरे को सेवा करवानी ही नही आती अलका ,,पर अब तू टेन्षन मत ले मैं आ गई हूँ तो तुझे सिखा दूँगी कि बच्चों से
काम कैसे लेते है ऑर अपनी सेवा कैसे करवाते है,,,,

सच मे दीदी,,,,आप ही मेरी कुछ हेल्प करो ,,ये करण तो मेरी एक भी बात नही सुनता,,,जबसे इसके डॅड आउट ऑफ कंट्री
गये है तबसे मेरा कोई कहना ही नही मानता,,,,,आप ही कुछ बोलो इसको,,,

अच्छा तो ये कहना नही मानता तेरा,,,लेकिन मेरा तो बहुत कहना मानता है,,,,नही यकीन तो ये देख ज़रा,,,,

करण बेटा जल्दी किचन मे जाओ ऑर कॉफी बना कर लेके आओ,,,

जी आंटी जी अभी लेके आया ,,,,,

अरे वाह दीदी,,,आपकी बात कितनी जल्दी मान गया,,मुझे तो सॉफ सॉफ मना कर देता है,,,,,,,दीदी आप 2 मिनट रूको मैं 
ज़रा फ्रेश होके आती हूँ फिर बात करते है,,,,,

ठीक है तो चल मैं भी तेरे साथ चलती हूँ तेरे रूम मे वहीं बैठ कर बात करते है,,,,

माँ आंटी के साथ जाने लगी ,,,माँ की चाल ठीक नही थी तो आंटी ने भी माँ से पूछ लिया,,,,,

ऐसे क्यू चल रही हो दीदी,,,चोट लगी है क्या टाँग मे

माँ कुछ नही बोली ओर गुस्से से मूड कर मुझे देखने लगी,,,मैं जल्दी से उठा ऑर किचन मे करण के पास चला गया
ऑर वो लोग रूम मे जाने लगी,,,,

हां अलका हल्की चोट लगी है,,,,रूम मे चल दिखाती हूँ तुझे,,,,इतना बोलकर वो रूम की तरफ चली गई,,,,,

रूम मे जाके सरिता बेड पर बैठ गई ऑर अलका बाथरूम मे फ्रेश होने चली गई,,,

कुछ देर बाद अलका फ्रेश होके बाथरूम से निकली ऑर बेड पर आके सरिता के पास बैठ गई,,,

इस से पहले वो कोई बात शुरू करते सन्नी ऑर करण भी कॉफी लेके आ गये,,,,

अरे वाह दीदी ,इतनी जल्दी कॉफी लेके आ गया करण ,,,मुझे तो पानी का ग्लास देने मे 1 घंटा लगा देता है ऑर कभी
कभी तो सुनता ही नही,,,,सॉफ मना ही कर देता है,,,,

क्यू माँ हर वक़्त ताने मारती रहती हो इतना तो कहा मानता हूँ तुम्हारा,,,,करण हल्का चिढ़ते हुए बोला,,

देखा दीदी अभी भी कैसे गुस्सा कर रहा है,,,जब देखो चिढ़ता रहता है,,,ऑर जब कोई काम बोलो तो ,,,

अलका तेरे को इसको क़ाबू मे करना नही आता ,,लेकिन अब तू डर मत मैं आ गई हूँ तो तेरे को सब कुछ सीखा दूँगी 
कि जवान बेटे को क़ाबू मे कैसे करते है,,

तुम दोनो अपनी कॉफी लेके करण के रूम मे जाओ ऑर दोनो भाई वहीं बैठ कर बातें करो,,,,मैं आज अपनी बेहन के
साथ इतने टाइम बाद बैठी हूँ बहुत सारी बातें है करने के लिए,,,,,चलो जाओ यहाँ से ,,,,,

मैने ऑर करण ने अपनी कॉफी ली ओर रूम से बाहर आ गये,,,,,

अरे दीदी उनको क्यू भेज दिया ,,यही रहने देती ना उनको भी,,,

अरे पगली उनको यहाँ रहने देती तो तुझे अपनी चोट के बारे मे क्या बताती ऑर तुझे कैसे दिखाती कि जखम कितना
गहरा है,,,,,,

ओह्ह सॉरी दीदी मैं तो भूल ही गई थी कि आपको चोट लगी है,,,,,कहाँ लगी है चोट दिखाओ तो ज़रा ऑर कैसे लगी,,,

रुक रुक मेरी माँ ज़रा साँस तो ले ,,,सब कुछ बता दूँगी ,,लेकिन तू पहले या बता कि आज कल टाइम कैसे पास करती है,,

क्या करना दीदी ,,सारा दिन घर के काम मे लगी रहती हूँ ,,,करण कॉलेज चला जाता है तो शिखा के साथ घर का
काम करती रहती हूँ,,,,

अच्छा शिखा के बारे मे कुछ सोचा कि नही,,,,

क्या सोचना था दीदी शिखा के बारे मे,,,,,,

मेरा मतलब है उसकी दूसरी शादी के बारे मे कुछ सोचा या नही,,,,,

नही दीदी अभी कुछ नही सोचा ,,अगर सोचो भी तो वो मना कर देती थी,,पहले तो बोलती थी थोड़ा टाइम चाहिए सोचने
के लिए लेकिन अब तो कुछ दिनो से शादी के नाम पर भी गुस्सा करती है,,,,बोलती है कि अब शादी ही नही करनी,,,,बहुत ज़ोर
डाला लेकिन अब नही मानती शादी के लिए,,,,ऑर वैसे भी इतनी बड़ी जवान बेटी पर ज़्यादा ज़ोर भी तो नही डाला जा सकता ,,ये
तो अब अच्छा हुआ कि शोभा के साथ उसके बुटीक जाने लगी है काम मे लगी रहेगी तो दिल बहल जाया करेगा घर पर
तो सारा दिन बोर ही होती रहती है ,,,,

हाँ बात तो ठीक है लेकिन अब शादी तो करनी ही होगी उसकी,,,लेकिन इस बार लड़का देख परख कर शादी करना कहीं
पहले जैसा निखट्टू ना हो ,,जिस से कुछ होता ही ना हो,,,,

हाँ दीदी सही बोला आपने ,,अब तो लड़के के बारे मे सब कुछ जान परख कर ही बात आगे पक्की करूँगी,,,,वर्ना फिर से मेरी 
बेटी की ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी ओर मैं ऐसा नही चाहती,,,,

शिखा को कोई लड़का पस्संद है क्या,,उससे किसी से प्यार तो नही जो शादी के लिए मना कर रही है,,,तूने कभी पूछा
क्या उस से,,,,अगर उसको कोई लड़का पस्संद है तो उसको अपनी मर्ज़ी से शादी कर लेने दो,,,,

मुझे कोई एतराज़ नही दीदी वो चाहे तो अपनी मर्ज़ी से शादी करे ,,मुझे तो इसी बात की खुशी होगी कि मेरी बेटी का घर
बस गया है,,,,,लेकिन उसको कोई लड़का पसंद नही,,,कुछ महीने पहले एक लड़का अच्छा लगता था उसको उसने मुझसे बात
भी की थी लेकिन बाद मे पता नही क्या हुआ ,,दोबारा कभी बात भी नही की उसके बारे मे ,,,मैने पूछा तो बोलने
लगी कि माँ अब उसका नाम भी मत लेना,,,,,शायद झगड़ा हो गया होगा या ऑर किसी ऑर लड़की के चक्कर मे होगा ,,शायद
धोखा दे रहा होगा मेरी बेटी को,,,,

हाँ हो सकता है अलका,,,लड़की कभी धोखा बर्दाश्त नही करती ऑर ना ही कभी नपुंसक पति को बर्दाश्त करती है,,,

सही बोला दीदी तभी तो पहले पति से तलाक़ हुआ है मेरी बेटी का,,,,

मैं जानती हूँ अलका ,,,वो कमीना अगर कुछ करता होता तो हमारी बेटी आज तलाक़ करके हमारे पास नही रहती ,,लड़की
घर मे 4 की जगह 2 रोटी खा सकती है लेकिन अपने पति के प्यार के लिए भूखी नही रह सकती,,,,

बिल्कुल सही कहा दीदी अपने,,,मेरी बेटी को अगर पूरा सुख मिलता उस घर मे तो ये बेचारी तलाक़ क्यू करती,,,उस कमिने
ने तो 6 महीने मे बस कुछ बार ही मेरी बेटी को सुख दिया ,,कितना तरस आया था मुझे मेरी बेटी पर,,,,ऑर उस कमिने 
पर गुस्सा ,,,अगर कुछ कर नही सकता था तो शादी करके मेरी बेटी की ज़िंदगी क्यू बर्बाद की,,,

ठीक बोला तूने अलका ,,लेकिन अब ये बता कि तुझे अब कैसे सुख मिलता है जीजा जी तो काफ़ी महीने से बाहर गये हुए है,,,

तभी अलका शर्मा जाती है,,,,क्या बोल रही हो दीदी ,,,,

शर्मा क्यू रही है ,,,मैने सब देख लिया है,,,,,

क्या देख लिया दीदी अपने,,,,अलका थोड़ा शरमाते हुए अपने कपड़े ठीक करने लगी,,,,,

वही तेरे हाथ मे पकड़ी हुई बास्केट जिसमे सब्जिया थी ऑर बीच ही पड़ा था सब्जियों का राजा ,,,बैंगन,,,वो भी इतना
लंबा लंबा,,,,,,

अलका कुछ ज़्यादा ही शरमाते हुए,,,,अरे नही दीदी वो तो मुझे बैंगन खाना बहुत अच्छा लगता है,,,,,इसलिए लेके आई हूँ
Reply
12-21-2018, 02:04 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
क्यू झूठ बोल रही है अलका ,,मुझे सब याद है जब तू करण ओर जीजा जी के साथ मेरे घर आई थी ,तुझे तो बैंगन अच्छे
ही नही लगते थे,,,,,

वो उूओ दीदी बात ,,,,

अब शर्मा मत ,,,,ऐसा होता है,,,जैसे तेरी बेटी को सुख नही मिला अपने पति से तो उनका तलाक़ हो गया अब जीजा जी के जाने
के बाद तुझे भी तो सुख नही मिल रहा इसलिए बैंगन अच्छे लगने लगे तुझे,,,,इतना बोलकर सरिता हँसने लगी,,,,

ज़रा धीरे बोलो दीदी ,,कोई सुन लेगा ,,करण साथ वाले रूम मे है,,,,

आहह तो ये बात है,,चोर की दाढ़ी मे तिनका,,,तो जो मैने सोचा ठीक सोचा ,,ऑर तू शरमा क्यू रही है ,,हम लोग क्या
ऐसे बातें पहली बार कर रही है,,,,,

नही दीदी वो बात नही ,,बस बच्चे घर है तो थोड़ा डर लग रहा है कहीं हम दोनो की बातें नही सुन ले,,क्या
सोचेंगे हम दोनो के बारे मे की हमारी माँ कैसी बातें करती है,,,,,

उनकी चिंता मत कर तू ,,,वो लोग अपनी वीडियोगेम मे बिज़ी हो गये होंगे ,,एक ही तो शॉंक है उन दोनो को,,,अच्छा बता
ज़रा कितने बड़े बैंगन लेके आई है,,,,

अरे दीदी छोड़ो ना क्यू ऐसी बातें कर रही हो,,,,मत करो ऐसी बात ,,,कुछ अजीब सा फील होने लगता है,,,

क्या फील हो रहा है ,,चूत गीली हो रही है क्या मेरी बातें सुनकर,,,,,

हयी राम दीदी ऐसा मत बोलो मुझे शरम आ रही है,,,,एक तो वो बाहर चले गये है इतना टाइम से सुख नही मिला
मुझे उपर से आप ऐसी बातें करके तंग कर रही हो,,,,मत करो ऐसी बातें,,,,,

लेकिन तू तड़प क्यू रही है,,,वो बाहर गये तो क्या हुआ,,,तेरे बैंगन है ना साथ मे,,,,इतना बोलकर सरिता हँसने लगी,,,,

दीदी क्या करू तड़पाना तो पड़ता है ,,,जितना मज़ा वो देते थे उतना मज़ा बैंगन मे कहा,,,अलका बोलते हुए शर्मा जाती 
है,,,ओर वैसे भी बैंगन पूरा साल नही मिलते मार्केट मे,,,

तो क्या हुआ फिर कोई दूसरी सब्जी से काम चला लेना,,,,,नही तो किसी दूसरे मर्द का इंतेज़ाम करले,,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,दूसरे मर्द के बारे मे तो मैं सोच भी नही सकती ,,,,ऑर मुझे बदनाम नही होना किसी ऐसे
वैसे चक्कर मे पड़के,,,,

बदनाम होने को कॉन बोलता है ,,,बदनाम तो तब होगी जब बाहर जाके किसी मर्द से सुख लेगी ,,,किसी ऐसे मर्द का
इंतेज़ाम कर जो सुख भी दे ऑर बदनामी का डर भी नही रहे,,,,,

अलका चेहरे पर हल्की खुशी एक साथ थोड़ी शरमाती ऑर हैरान भाव के साथ बोलती है,,,,,,ऐसा मर्द कहाँ मिलेगा दीदी,,

देखा ,,,अब आया ना ऊँट पहाड़ के नीचे ,,दिल तो तेरा भी करता है दूसरे मर्द से चुदवाने को,,लेकिन डरती है,,

क्या करूँ दीदी इतना टाइम हो गया इनको बाहर गये अब कब तक बैंगन के सहारे रह सकती हूँ ,,,10-15 दिन की बात 
होती तो ठीक था लेकिन ये तो 4 साल के लिए गये है ,,अब तो गये हुए भी काफ़ी महीने हो गये,,,,,पूरे बदन मे आग लगी हुई
है बस दिल करता है वो जल्दी आ जाए ऑर इस आग को भुजा दे,,,,

वो तो आने से रहे ,,तुझे ही कोई इंतेज़ाम करना होगा इस आग को भुजाने का,,,किसी मर्द की तलाश करनी होगी जो तेरी 
आग को भी भुजा दे ऑर इसका धुआँ भी किसी को नज़र नही आए,,,,

ऐसी बातें मत करो दीदी,,,अब ऑर सहन नही होता,,,,ऑर वैसे भी कहाँ मिलना ऐसा मर्द जो आग भुजा दे ऑर धुआँ 
भी नज़र नही आए किसी को,,,,

मेरी नज़र मे है एक ऐसा मर्द जो तेरी आग भी भुजा देगा ऑर धुआँ भी नज़र नही आने देगा किसी को,,,,

कॉन है दीदी जल्दी बताओ ,,,,

अभी नही ,,,,,,कल बताउन्गी,,,वैसे भी बहुत टाइम हो गया है,,,सरिता ने क्लॉक की तरफ इशारा करते हुए बोला,,घर जाके
रात के खाने का इंतेज़ाम भी करना है,,,,देख बातों बातों मे पता ही नही चला टाइम का,,,,जब बातें इंटेरशटिंग
हो तो अक्सर टाइम का पता नही चलता,,,,,

सही बोला दीदी,,,,,लेकिन अब बता भी दो ऐसा मर्द कहाँ मिलेगा मुझे,,,,अब बर्दाश्त नही हो रहा,,,,

बोला ना अभी नही,,,,,अब मैं घर जा रही हूँ तू कल करण के साथ मेरे घर आना ,,,वहीं तुझे उस मर्द से मिलवा
दूँगी जो तेरे को खुश कर सकता है,,,ऑर अपनी इस चोट के बारे मे भी बता दूँगी,,,,

अरे माफ़ करदो दीदी बातों बातों मे मैं भूल ही गई कि आपको चोट लगी है,,,,कैसे लगी चोट बताओ ज़रा,,,,

अभी नही कल घर आना,,,अभी मुझे जाना है,,,,काफ़ी काम है करने वाला,,,,ऑर वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया,,,,

ठीक है दीदी ,,आपकी मर्ज़ी,,इतने महीने से तड़प रही हूँ एक रात ऑर सही,,,,इतना बोलकर अलका बेड से उठी ऑर साथ ही सरिता
भी उठ गई फिर दोनो गले मिली ऑर रूम से बाहर आ गई,,,

सरिता ने सन्नी को आवाज़ दी ऑर दोनो घर की तरफ आ गये,,,,,,जाते जाते वो अलका को एक बार फिर कल घर आने का याद दिला गई,,,,


सन्नी ऑर सरिता घर आ जाते है ,,बेल बजाने पर सोनिया दरवाजा खोलती है ऑर दोनो अंदर चले जाते है,,,,सन्नी सोनिया
के पास से गुजर जाता है लेकिन एक बार भी सोनिया की तरफ नही देखता क्यूकी जब भी देखता है सोनिया गुस्से से घूर्ने लग
जाती है,,,पहले तो सब ठीक था लेकिन जबसे पता चला कि सोनिया ने तो भुआ को भी नही बख्शा तब से सन्नी कुछ ज़्यादा
ही डरने लगा था सोनिया से,,,,उसका तो मूत निकालने वाला हो जाता है सोनिया का गुस्सा देख कर,,,,,
Reply
12-21-2018, 02:04 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सरिता ऑर सन्नी घर मे आते है तो टेबल पर देखते है कि सब्जिया कुछ बर्तन ऑर एक नाइफ पड़ा हुआ था,,,,,तभी सोनिया दरवाजा बंद करके पीछे मुड़ती है ऑर सरिता को ऐसे चलते देख पूछने लगती है,,,,,

क्या हुआ माँ ऐसे क्यूँ चल रही हो,,,,ऑर इतने मे ही सोनिया माँ के करीब आ जाती है,,,

माँ थोड़ा डर जाती है,,,,कुछ नही बेटी वो बाइक पर बैठते टाइम टाँग की नस थोड़ी खिच गई है इसलिए हल्का दर्द
हो रहा है,,,माँ सोनिया की बात का जवाब देते हुए मेरी तरफ पूरे गुस्से से देखती है ,,,मानो आँखों ही आँखों मे
बोल रही हो कि कमिने ये सब तेरी वजह से हो रहा है,,,,,

मैं माँ से नज़रे छुपा कर सोफे पर जाके बैठ गया जल्दी से ऑर टीवी देखने लगा,,,,,

चलो माँ आराम से बैठो मैं दवाई लगा देती हूँ,,,,,,

नही बेटी उसकी ज़रूरत नही मैं अलका आंटी के घर गई थी उन्होने दवाई लगा दी थी,,,आब मैं ठीक हूँ,,,,,तभी माँ
ने टेबल पर पड़ी सब्जी की तरफ इशारा किया,,,,,,,ये क्या कर रही थी तू बेटी,,,,

माँ रात के खाने का टाइम हो गया था आप अभी तक आई नही थी ऑर ना अभी तक दीदी आई थी तो मैने सोचा क्यू ना खाने का समान तैयार कर देती हूँ ताकि आपको घर आके ज़्यादा काम नही करना पड़े,,,,,आटा गूँथ दिया है मैने ऑर सब्जी
भी बस कटने ही वाली है,,,,

मेरी बेटी कितना ख्याल रखती है मेरा,,,,,चल अब तू टीवी देख भाई के साथ बैठ कर ऑर मैं बाकी की सब्जी काट लेती
हूँ,,,,

लेकिन माँ आपको तो चोट लगी है,,,,,,,

चोट टाँग मे लगी है बेटी हाथ पर नही ,,,तू अब टीवी देख मैं कर लूँगी ये सब,,,,,

ठीक है माँ लेकिन अगर कोई ऑर काम करना है तो बोलो,,,,

नही बेटी तू बस आराम से बैठ जा भाई के साथ ऑर टीवी देख,,,,,

तभी मैने सोनिया की तरफ देखा तो उसने हल्के गुस्से से देखते हुए,,,,,नही माँ मुझे टीवी नही देखना मैं उपर
अपने रूम मे जा रही हूँ ,,डिन्नर बन जाए तो मुझे बुला लेना,,,,वो हलके गुस्से से उपर की तरफ चली गई,,,ऑर मैं
डरे ऑर सहमे दिल से टीवी देखने लगा,,,,

आज रात फिर कुछ ख़ास नही हुआ,,,,क्यूकी आज भी दीदी ऑर मामा बुटीक पर रहे सारा दिन ऑर माँ की तो मैने ऑर
करण ने मिलकर गान्ड फाड़ दी थी ,,,इसलिए आज सबलॉग खाना ख़ाके अपने अपने रूम मे सोने चले गये,,,मैं अपने
रूम मे नही जा सकता था ऑर आज माँ ने भी मुझे अपने साथ नही सोने दिया,,,,मैं भुआ के ड्रॉयिंग रूम मे जाके
ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर सो गया,,,,



अगले दिन सुबह उठा तो सोनिया कॉलेज जा चुकी थी ऑर शोबा दीदी भी मामा को लेके बुटीक पर चली गई थी,,,,मैं नीचे
आया तो माँ डाइनिंग टेबल से बर्तन उठा रही थी,,,,

आ गया मेरा बेटा,,,आज तू लेट क्यू हो गया उठने मे ,,,काल रात को कॉन्सा किसी पर मेहनत की तूने जो थक गया था ,,वो तो दिन मे ही सारी थकावट हुई थी तेरे को,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,,,

वही तो माँ रात को किसी पर मेहनत नही की इसलिए देर रात को नींद आई वो क्या है ना अक्सर बिना मेहनत किए अब मुझे नींद नही आती,,,,,,मैने भी माँ की बात का जवाब उसी अंदाज़ मे दिया,,,,,

तभी बाहर डोर बेल बजी ,,,,,,

माँ के हाथ मे बरतन थे,,,,ज़रा जाके देख तो कॉन आया है सन्नी,,,,,,माँ इतना बोलकर बरतन लेके किचन मे चली
गई ऑर मैं दरवाजा खोलने चला गया,,,,

जैसे ही दरवाजा खोला मैं सामने अलका आंटी को देख कर दंग रह गया ,,आज आंटी ने हल्के ब्राउन कलर की बोलो तो स्किनकलर की साड़ी पहनी हुई थी ,,ब्लाउस एक दम टाइट था जिस वजह से उनके आधे से ज़्यादा बूब्स नज़र आ रहे थे,,,मैं तो उनको बूब्स मे इतना खो गया कि उनको हाई हेलो बोलना भूल ही गया,,,,

हेलो सन्नी बेटा,,,,,आंटी की आवाज़ से मैं होश मे आया ऑर आंटी की तरफ देखने लगा,,,उन्होने मुझे उनके बूब्स
देखते पकड़ लिया था ऑर हँसने लगी,,,,,

हहे हहेहे हेल्ल्ल्लू ऑयंटीयीई,,,,,,,,,,,,,,मेरे तो मूह से आवाज़ ही नही निकल रही थी,,,साला क्या मस्त लग रही थी आंटी मेरी तो बोलती ही बंद हो गई थी,,,तभी मैने करण की तरफ देखा तो वो भी मुझे आंटी के बूब्स की तरफ देखते हुआ हँसके
मेरी तरफ देख रहा था,,,,,

कहाँ खो गया सन्नी बेटा,,,,ठीक तो है ना तू,,आंटी हँसते हुए बोल रही थी,,,,,

जीई ज्जिई आंटीयीई ज्जिई माईंन ठीक हूँ,,अभी भी मेरी ज़ुबान नही खुल रही थी ,,मेरा जिस्म एक दम से सुन्न हो गया था रह रह कर मस्ती की एक लहर उठ रही थी पूरे जिस्म मे जिसने मेरे होश गुम कर दिए थे मेरे से तो ठीक से बोला भी नही जारहा था,,,,

तभी मैने ऑर कुछ ना बोलते हुए दरवाजा अच्छी तरह खोल दिया ऑर आंटी को अंदर आने का इशारा किया तो आंटी मेरे
करीब से होकर अंदर चली गई ,,,,जब वो मेरे पास से गुज़री तो उनके जिस्म की खुश्बू ने बचे कुचे होश की भी
माँ चोद कर रख दी,,मैं तो दरवाजे पर गिरने वाला हो गया था,,,

तभी करण मेरे करीब आया,,,,अबे साले इतना क्यू घूर रहा था मेरी माँ के बूब्स को,,अगर वो देख लेती तो पंगा हो
जाता ,,,,

मैने करण को जल्दी से बाहों मे भर लिया,,,,,थॅंक्स्क्स भाई सुबह सुबह अपनी माँ के दर्शन करवाने के लिए,,,क्या लग
रही है वो ,,,,,मैं तो देख कर गुम्म हो गया था,,,,,

साले तेरी देख कर ये हालत है तो सोच ज़रा मेरा क्या हाल होगा ,,मैं तो उसको बाइक पर अपने साथ लेके आया हूँ,,,इतना
बोलकर करण ने मुझे अपने लंड की तरफ इशारा किया जो पॅंट मे तंबू बनाकर खड़ा हुआ था,,,तो मैने भी करण
'को अपने लंड की तरफ इशारा कर दिया ऑर ये बता दिया बेटा कि तू साथ मे लेके आया तो तेरा ये हाल है मेरा तो बस एक झलक देख कर ही बुरा हाल हो गया,,,,

हम दोनो ही कमिने है सन्नी भाई ऑर होते भी क्यू नही ,,हम दोनो की माँ है ही इतना मस्त ऑर भरा हुआ माल,,,मैं ऑर
करण दोनो हँसने लगे,,,

चल आजा अंदर,,,,,मैने करण को अंदर आने को बोला,,,,

नही सन्नी भाई मुझे जाना है लेट हो रहा हूँ,,,,

तो साले 2 मिनिट रुक ना मैं भी तेरे साथ चलता हूँ ,,एक ही बाइक पर चलते है वैसे भी तो तूने कॉलेज से आंटी को
वापिस लेने आना है,,,,

भाई मैं कॉलेज नही जा रहा ,,,कुछ ज़रूरी काम है वो करने जा रहा हूँ,,,,तू खुद अपनी बाइक पर कॉलेज जा ऑर हाँ
माँ को मत बताना कि मैं कॉलेज नही जा रहा,,,,

कहाँ जा रहा है तू,,,,

थोड़ा काम है भाई,,,,अभी नही बता सकता ,,बाद मे बता दूँगा,,,,

इस से पहले मैं कुछ ऑर बात करता करण से वो जल्दी से अपने बाइक की तरफ गया ऑर बाइक स्टार्ट करके वहाँ से चला गया,,,,,

मैं समझ गया कि ये साला उसी लड़की को मिलने जा रहा होगा,,,,मैं साले की खातिर इतना कुछ कर चुका हूँ ऑर ये मुझे
उस लड़की के बारे मे कुछ भी नही बता रहा,,,,कोई बात नही बेटा आज तेरा दिन है कल मेरा दिन भी आएगा,,,मैं हल्के
गुस्से से दरवाजा बंद करके घर के अंदर आ गया,,,,


तब तक माँ ऑर अलका आंटी सोफे पर बैठ गई थी ऑर बाते करने लगी थी,,,,

करण कहाँ है सन्नी,,,,माँ ने मेरे से पूछा,,,,साली कितनी बेचैन हो गई करण को ना देख कर,,,,

माँ उसको जल्दी थी वो चला गया है,,,,लेट हो रहा था कॉलेज से,,,,

तू नही गया उसके साथ,,,दोनो एक बाइक पर ही चले जाते,,,,,

नही माँ मैं नही जा रहा आज कॉलेज ,,,तबीयत ठीक नही लग रही थोड़ी,,,माँ समझ गई कि मैं अलका आंटी की वजह से
नही जा रहा,,,,,,

तभी मा सोफे से उठी ओर किचन मे चली गई,,,,तुम बैठो अलका मैं कॉफी लेके आती हूँ,,,,,,,,

मैं अभी वहीं खड़ा हुआ था,,,ऑर अलका आंटी की तरफ देख रहा था ,,,मैं उनके बड़े बड़े बूब्स मे खो गया था
ये बात उनको भी पता थी इसीलिए वो अपना सर झुका कर बैठी रही ऑर मुझे उनके बूब्स देखने का मोका देती रही उनको
पता था कि अगर वो सर उपर उठा लेगी तो मैं डर जाउन्गा ऑर उनकी तरफ नही देखूँगा,,,

तभी मुझे माँ की आवाज़ आई किचन से,,,,,सन्नी बेटा ज़रा ये डिब्बा तो उतार दे चीनी वाला,,,मैं माँ की आवाज़ सुनके होश
मे आया ऑर किचन की तरफ चला गया,,,,

कॉन्सा डिब्बा उतारना है माँ ,,,,,तभी माँ ने मेरे करीब आके मेरे मूह पर हाथ रख दिया,,,,,

कोई डिब्बा नही उतारना मैने तो इसलिए बुलाया है कि तुम कुछ देर हम लोगो के साथ बैठ कर कॉफी पीना ऑर बाद मे ये
बोलकर उपर अपने रूम मे चले जाना कि तबीयत ठीक नही है ऑर तुम मेडिसिन लेके आराम करने लगे हो,,,ऑर ये भी बोल देना कि मुझे डिस्टर्ब मत करना,,,,मैं कुछ बोला नही बस माँ की बात के जवाब मे हां मे सर हिला दिया,,,,

ठीक है अब जाओ ऑर अलका के पास बैठ जाओ ऑर ज़ी भरके उसके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन कर्लो,इतना बोलकर माँ हँसने
लगी,,,,आख़िर वो मेरी माँ थी उस से कुछ छुपा नही था अब तक,,,,

मैने माँ की बात सुनी ऑर बाहर आके सोफे पर अलका आंटी के साइड पर बैठ गया ऑर रिमोट उठा कर टीवी ऑन कर लिया ,,,मैं टीवी देखते हुए बार बार नज़रे बचा कर आंटी के बूब्स की तरफ देख रहा था आंटी को भी ये पता था इसलिए वो एक-टक टीवी पर नज़रे जमा कर बैठी हुई थी,,,,,

कुछ देर बाद माँ कॉफी लेके आ गई ऑर हम सब कॉफी पीने लगे,,माँ ऑर आंटी इधर उधर की बातें करने लगी
जबकि मैं टीवी देखता रहा ऑर बीच बीच मे आंटी के बूब्स भी,,,
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12-21-2018, 02:04 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
जब कॉफी ख़तम हो गई तो मैने माँ से ऑर आंटी से बाइ बोला,,,,माँ मैं अपने रूम मे जाके आराम करने लगा हूँ
सर मे बहुत दर्द है ,,हो सकता है नींद आ जाए ,,मुझे डिस्टर्ब मत करना प्ल्ज़्ज़,,इतना बोलकर मैं उपर अपने रूम की
तरफ जाने लगा,,,,

तभी पीछे से माँ की आवाज़ आई,,,,,,,सोने से पहले मेडिसिन ले लेना बेटा,,,,

ठीक है माँ,,,,,इतना बोलकर मैं उपर अपने रूम मे आ गया,,,,,ऑर लॅपटॉप ऑन करके गेम खेलने लगा,,,दिल तो कर रहा था
दोनो की बाते सुनू लेकिन माँ ने मुझे उपर रहने को बोला था,,,ताकि माँ आंटी से खुल कर बात कर सके,,क्यूकी अगर मैं
नीचे रहता तो वो लोग अपनी बातें नही कर सकती थी,,,,


करीब 15-20 मिनिट बाद मैं नीचे गया लेकिन हल्के कदमो से चलके ताकि कोई आवाज़ नही हो,,,मैने देखा कि माँ ऑर
आंटी वहाँ नही थी,,शायद माँ के रूम मे चली गई थी,,,,मैं हल्के कदमो से चलके माँ के रूम के पास गया तभी
मुझे अंदर से हल्की हल्की आवाज़ आने लगी,,जो माँ की थी,,,,दरवाजा खुला हुआ था इसीलिए मैं माँ के रूम से थोड़ा पीछे
दीवार के साथ सटके खड़ा हो गया,,,,


माँ,,,,,,,,,,,तो क्या सोचा ,,किसी नये मर्द की ज़रूरत है या नही,,,,

अलका,,,,,,,,,दीदी कल आपने बात ही की थी नये मर्द की तबसे बुरा हाल है मेरा ,,,रात को नींद भी नही आई मुझे,,,

माँ,,,,,,चूत की आग होती ही ऐसी है अलका ,,नीद उड़ा देती है,,मुझे ही देख ले तेरे जीजा जी को काम के सिलसिले मे बाहर
गये अभी 3-4 दिन हुए है इतने दिनो मे ही बुरा हाल हो गया है मेरा,,ना दिन मे चैन ऑर ना रात को नींद,,,,बात करते
हुए माँ के मूह से आह निकल गई,,,,

अलका,,,,,,,,क्या हुआ दीदी ,,,

माँ,,,,,,कुछ नही वो चॉट दर्द करने लगी है फिर से,,,,

अलका,,,हाँ दीदी मैं तो आज फिर भूल गई आपकी चॉट के बारे मे,,,,मेडिसिन ली या नही ऑर डॉक्टर को दिखाया या नही,,,,

माँ हँसने लगी,,,,,अरे ये चोट ऐसी है कि कोई दवा असर नही करती ना कोई डॉक्टर इलाज कर सकता है इसका,,इसका इलाज तो तेरे जीजा का पास है बस,,,,या उस दूसरे मर्द के पास,,,,

अलका,,,,,ये कैसी चॉट है दीदी जिसपे दवा असर नही करती,,,,,ऑर कैसा दर्द है जिसको जीजा जी ठीक कर सकते है डॉक्टर नही,,

माँ ,,,,,,ये मेरी मस्ती भरी चोट है अलका ऑर ये दर्द गान्ड का दर्द,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी,,

अलका,,,,क्या बोल रही हो दीदी ज़रा आराम से बोलो कोई सुन लेगा,,,ऑर आपको वहाँ पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,

माँ,,,,,कॉन सुन लेगा अलका ,,,घर पे सिर्फ़ सन्नी है जो उपर आराम कर रहा है अब तक तो शायद सो भी गया होगा,, ऑर अगर
तुझे ज़्यादा डर लगता है तो मैं दरवाजा भी बंद कर देती हूँ फिर तो आवाज़ भी बाहर नही जाएगी,,,इतना बोलकर माँ
उठी ऑर दरवाजा बंद करने आ गई,,,लेकिन दरवाजा बंद करते टाइम उसकी नज़र मेरे पर पड़ गई,,उसने मुझे हल्के गुस्से
से देखा ऑर दरवाजा बंद करके वापिस चली गई,,,,,

मैं दरवाजा बंद होते ही दरवाजे के पास आ गया ऑर कीहोल से अंदर देखने लगा ऑर उनकी बातें भी सुनने लगा,,


माँ,,,,,,ले अब तो कोई टेन्षन नही तुझे,,,अब तो दिल खोल कर बात कर सकती है तू...ऑर मेरी चोट का दर्द भी देख सकती
है,,,,माँ हँसने लगी,,,

अलका,,,,,,तुम अभी भी पीछे से करती हो दीदी,,,,दर्द होता है तो क्यूँ करती हो,,,,ऑर अब तो जीजा जी को गये इतने दिन हो गये फिर भी तुमको पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,,

माँ,,,,,,,,,,अरे अब तुझे क्या बोलू कि तेरे जीजा जी कितनी बुरी चुदाई करते है पीछे से,,पूरी गान्ड फाड़ कर रख देते है मेरी
देख ज़रा मेरी हालत,,,,


अलका,,,,,,,दीदी ऐसे वर्ड्स मत यूज़ किया करो कितनी बार बोला है,,,,मुझे अच्छा नही लगता,,शरम आती है,,,

माँ,,,,,,,अब गान्ड को गान्ड नही बोलू तो क्या बोलू मेरी अलका रानी तू ही बता दे,,,,पिछवाड़ा या कुछ ऑर,,,

अलका,,,,आप नही सुधरने वाली दीदी,,कुछ भी बोलो,,,,लेकिन आपने बताया नही कि जीजा जी को गये तो इतने दिन हो गये फिर भी आपको पीछे दर्द क्यू हो रहा है,,,,,

माँ,,,,,,,,,,,,बोला ना कि तेरा जीजा बहुत बुरी गान्ड चुदाई करता है तेरे पति की तरह नही जो महीने मे 6 बार ही गान्ड
मारता है लेकिन अब तो वो भी नही मारता ,,बाहर जो चला गया,,,,लेकिन ये दर्द तेरे जीजा ने नही दिया ये तो किसी ऑर मर्द के बड़े मूसल ने दिया है ,,,,

अलका,,,,क्या बोल रही हो दीदी,,,कोई ऑर मर्द,,,,आपको शरम नही आती शादी शुदा होके ऐसी हरकत करते हुए,,,ज़रा तो सोचना था कि अगर किसी को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी,,,,

माँ..,,,,.अच्छा कल खुद उछल उछल कर बोल रही थी किस मर्द की बात कर रही हो दीदी अब मुझे बोलती हो शादी शुदा होके ऐसी हरकत करते शरम नही आती,,खुद का भी तो दिल करता है तेरा किसी ऑर मर्द का लंड लेने को,,,,,

अलका,,,,,वो तो दीदी बस,,,,लेकिन दीदी आप जिसके साथ वो सब करती हो आपको डर नही लगता कहीं उसने आपको बदनाम कर दिया तो ,,अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा,,,,

माँ,,,,,,,,,वो किसी को कुछ नही बता सकता अलका,,,,,वो पूरी तरह से मेरे क़ाबू मे है,,,,,जब मेरा दिल करता है तब वो
मुझे खुश करता है ,,ऑर जितना मेरा दिल करता है उतनी देर तक वो मुझे मस्ती ऑर मज़ा देता है,,,,,जब तक मैं नही
थकती वो भी नही थकता,,,,,ऑर जब तक मैं नही चाहू वो किसी को कुछ नही बोल सकता,,,,

अलका ,,,,,,,,कॉन है वो दीदी,,,,,,,,,मुझे भी बता दो ना ,,,,,,

माँ अलका के पास गई ऑर ब्लाउस के उपर से उसके बूब्स पर हाथ रख दिया ,,,,देख तेरे बूब्स कितने हार्ड हो गये ,,लगता
है तू अच्छी ख़ासी मस्त हो गई है,,,,

अलका शरमाते हुए,,,,,क्या कर रही हो दीदी ,,,छोड़ो मुझे ये सब अच्छा नही लगता,,,कितनी बार बोला है आपको,,,,,हटो दीदी
मुझे शरम आ रही है,,,,,

माँ,,,,,,,,शरम आ रही है तो मस्त क्यूँ हो रही है तू अलका,,,,,,इतना बोलकर माँ ने उसके बूब को ज़ोर से दबा दिया ऑर उसकी आहह निकल गई,,,,देख मस्ती मे सिसकियाँ भी शुरू हो गई तेरी

अलका,,,,अब आप इतना ज़ोर से दबा दोगि तो मस्ती तो चढ़ेगी ही ना ,,,ऑर मैं तो वैसे भी पता नही कितने महीने से भरी हुई बैठी हूँ,,,,,देखो ना आपका हाथ लगते ही क्या हाल हो गया मेरा,,,,

माँ,,,,,,,,,,जानती हूँ तभी तो तेरे को यहाँ बुलाया है ताकि जितनी आग तेरे जिस्म मे लगी हुई है करण के डॅड के बाहर जाने
के बाद आज मैं वो सारी आग को भुजा दूँगी,,,,,इतना बोलकर माँ ने अलका के बूब्स को दोनो हाथों मे पकड़ लिया ऑर
कस्के दबा दिया,,,,,

अलका,,,,,ये क्या कर रही हो दीदी,,,,,

माँ,,,,,,,,,,वही जिस से तेरी आग भुज जाएगी,,,,,

अलका,,,,नही दीदी ऐसा मत करो ये ग़लत है,,,,आप मेरी दीदी हो,,,,एक औरत हो,,,ये अजीब लग रहा है दीदी,,,,,,

लेकिन माँ ने उसकी कोई बात नही सुनी ऑर उसके बूब्स को दबाते हुए उसको बेड पर पीछे की तरफ लेटा दिया,,ऑर खुद उसके करीब जाके उसके बूब्स को कस्के दबाने लगी,,,,

अलका ,,,अह्ह्ह्ह नही दीदी ऐसा मत करो प्ल्ज़्ज़ मुझे अच्छा नही लग रहा ,,,ये बहुत अजीब है मुझे शरम आ रही है,,,,

तभी माँ ने उसके ब्लाउस के बटन को खोल दिया ,,,,अगर अच्छा नही लग रहा तो तेरी निपलेस इतनी हार्ड क्यूँ हो रही है,,,ऑर इस से पहले अलका आंटी माँ को रोकती माँ ने ब्लाउस को साइड करके ब्रा के उपर से आंटी एक बूब्स को पकड़ लिया ऑर ब्रा को साइड करने लगी लेकिन तभी आंटी ने माँ के हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,

अलका,,,,,,,,ये क्या कर रही हो दीदी कुछ तो शरम करो ,,,मैं औरत हूँ ऑर आप भी औरत हो ,,,ऑर औरत का औरत को ऐसे हाथ लगाना कहाँ की बात है,,,,,चलो छोड़ो मुझे ये सब अच्छा नही लग रहा,,,

लेकिन माँ ने उसकी बात नही सुनी ऑर उसकी ब्रा को थोड़ा नीचे कर दिया तो उसका एक बूब ब्रा से बाहर निकल आया ऑर माँ ने अपने हाथ की उंगली से उसकी निपल की कॅप को ज़ोर से दाब दिया,,,,

इस हरकत से अलका आंटी की एक तेज अहह निकल गई तो दरवाजे के बाहर खड़े हुए मेरे लंड को एक तेज झटका लगा,,

दीदी छोड़ो ना क्या कर रही हो मुझे शरम आ रही है,,,,ऐसा मत करो ना प्लज़्ज़्ज़ दीदी

पर माँ तो उसकी कोई बात नही सुन रही थी ,,क्यू अच्छा नही लग रहा क्या,,,,

अलका कुछ नही बोली बस ना मे गर्दन हिला दी,,,

अच्छा नही लग रहा तो निपल को बार बार हार्ड क्यू कर रही है ऑर इतना कहते ही माँ ने जल्दी से उसकी साड़ी को उपर
उठा दिया ऑर साथ मे पेटिकोट को भी,,,इस से पहले अलका आंटी मा कॉम रोकती माँ का हाथ 2 पल मे ही आंटी की चूत पर चला गया,,,,,

हईीई दीदी ये क्या कर रही हो छोड़ो मुझे ये सब ठीक नही ,,,आपको होश तो हो ,,,दीदी छोड़ो ना ,,,,ये सब ग़लत कर
रही हो आप कोई ऐसा भी करता है क्या,,,,लेकिन माँ ने उसकी बात नही सुनी ऑर चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी अभी माँ ने शायद एक बार ही अपने हाथ को अलका की चूत पर उपर से नीचे तक सहलाया था ऑर अलका की लगातार हल्की हल्की सिसकियाँ निकलने लगी,,,,,,

क्यू क्या हुआ ,,अभी से तेरी चूत पानीपानि हो गई ,अभी तो मैने हाथ ही लगाया है ऑर तेरी चूत मे सैलाब बहने लगा तो
सोच ज़रा जब किसी मर्द का मूसल जाएगा तेरी चूत मे तो कैसा लगेगा,,,बोल लेना है किसी मर्द का मूसल,,

अलका कुछ नही बोली ऑर ऐसे ही लेटी रही ,,,तभी शायद माँ ने उसकी चूत मे उंगली घुसा दी ऑर वो बेड पर उछल गई,,,,

हईए रामम्म्म दिदीई क्या कर रहहीी हूओ छ्छूड्डू म्मूउज़्झहही स्शहाररम्म आ राहि हहाइी,,,

शरम आ रही है तो चूत मे पानी क्यू आ रहा है तेरी,,,,,बोल जल्दी लेना है क्या किसी मर्द का मूसल,,उसी मर्द का
दूँगी जिसने मेरी गान्ड का बुरा हाल किया है,,,,बोल लेना है क्या,,,,,

अलका कुछ नही बोल रही थी बस अपने सर को इधर उधर झटक रही थी ऑर अपने बूब्स से ऑर पेटिकोट के अंदर से माँ के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी,,,

तभी माँ ने उंगली को थोड़ा अंदर बाहर किया तो अलका की सिसकियाँ ऑर भी ज्याद तेज हो गई,,,उसके माथे पर पसीना
आ गया ,,रूम मे एसी भी चल रहा था फिर भी,,,,

बोल जल्दी वर्ना इतनी तेज़ी से उंगली करूँगी कि ,,

अलका कुछ नही बोली बस आह आह करती रही इस से पहले माँ कुछ ऑर बोलती या करती अलका की चूत ने पानी का फव्वारा चला दिया ऑर माँ का हाथ पूरा भीग गया ,,बेड भी पूरा गीला हो गया था,,,अलका आंटी ने स्किन कलर की साड़ी ऑर मॅचिंग पेटिकोट ब्लाउस पहना हुआ था जब उनकी चूत से पानी निकला तो उनकी साड़ी के साथ उनका पेटिकोट भी भीग गया जिस से स्किन कलर की साड़ी ऑर पेटिकोट डार्क-ब्राउन कलर का लगने लगा,,,,

अरे तू तो इतनी जल्दी झड गई,,थोड़ा सबर नही कर सकती थी क्या,,,,,,,

आज मेरे ऑर मेरे पति के अलावा आप हो दीदी जिसका हाथ लगा है वहाँ,,,,मुझसे ऑर बर्दाश्त नही हुआ दीदी,,,,

कहाँ हाथ लगा ये तो बता,,,,माँ ने हाथ को हल्का सा चूत पर रगड़ा,,,

आहह दीदी आब रुउक्क जाऊ त्हूड्दीई द्दीर्ररर,,,,

जल्दी बता पहला कहाँ हाथ लगा,,,,वर्ना उंगली तेज कर दूँगी ,,,,

वूऊ व्वाहन्ना

वो वहाँ नही सीधी तरह बोल,,,,,माँ ने इतना बोला ऑर चूत मे हल्के से उंगली करने लगी,,,,

अह्ह्ह्ह डीईडीिई चूत प्पीईए ,,,आजज्ज त्तुउम्म प्पील्लीी अओउर्रतत्त हहू जीिस्सन्णोनी म्मेरेईी छूत क्कूव च्छुउआ
हहाईईइ अहह

माँ,,,,,,,,,,,अब बोल उंगली से मज़ा आया कि नही,,,,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हहानं दडियड्डिई आय्या ल्लेककिन्न त्तहूदिईई द्दीर सीसी लइइयईी ,,,,

हाँ हाँ थोड़ी देर के लिए आया लेकिन आया तो सही,,,,पता नही कब्से भरी बैठी थी ,,,देख ज़रा कितना पानी निकला तेरी चूत
से ,,,लगता है जबसे तेरा पति गया है तबसे पानी नही निकाला तूने चूत का,,,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ दीदी बैंगन से करती हूँ पर मज़ा नही आता,,,,ऑर पानी भी नही निकलता

माँ,,,,,,,,,,,,,,,अब बोल लंड लेने का दिल करता है या नही,,,,

अलका,,,,,,,,,,,हाँ दीदी करता है लेकिन डर भी लगता है बदनामी से,,,,

माँ,,,,,,,,तू फ़िक्र मत कर बदनामी नही होगी ऑर मज़ा भी बहुत आएगा,,,तुझे उसी मर्द का लंड दूँगी जिसने मेरा ये हाल किया है,, मेरा मतलब मेरी गान्ड का ये हाल किया है,,,,

अलका,,,,,,,,,,,अच्छा दीदी कहाँ है वो,,,जल्दी बुला दो उसको,,लेकिन याद रखना बदनामी वाली बात ना हो ,,मैं तो मर ही जाउन्गी वर्ना,,

माँ,,,,,,,,,,,,चल पगली कोई बात नही होती बदनामी वाली,,,बस तू बेफ़िक्र रह मैं अभी बुलाती हूँ उसको,,,खूब मज़ा देगा फिर तेरे को,,,,इतना मज़ा तुझे तेरे पति ने नही दिया होगा,,,,

अलका,,,,,,,,कहाँ है दीदी जल्दी बुला दो उसको अब ऑर बर्दाश्त नही हो रहा,,,,

माँ,,,,,,,,,ठीक है तैयार होज़ा अभी आएगा 2 मिनिट मे

अलका,,,,,,,,,,,,,2 मिनिट मे ,,,,क्या अभी यहीं है वो ,,घर के आस पास रहता है क्या,,,,,

माँ,,,,,,,,,,,नही घर के आस पास नही इसी घर मे रहता है,,,ऑर अभी इसी कमरे मे है,,,,इतना बोलकर माँ बेड से उठी ऑर,,,,,,
तभी माँ बेड से उठी ऑर अलमारी की तरफ चली गई ऑर मैने देखा कि अलमारी खोलकर माँ ने वही शोबा दीदी वाला पिंक
कलर का नकली लंड निकाल लिया ,,

माँ की पीठ थी अलका की तरफ तो अलका कुछ देख नही पा रही थी,,,,,वो बेड से उठते हुए बोली,,,,हाई दीदी क्या उस मर्द को अलमारी मे छुपा कर रखा हुआ है,,,,,

माँ पीछे मुड़ते हुए,,,,हाँ ऐसा ही सोच ले तू,,,,तभी माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ नकली लंड अलका की तरफ किया,,

अलका,,,,,,,,,,,,,,,,हयी राम ये क्या है दीदी,,,,अलका की नज़रे नकली लंड पर पड़ी तो उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गई ऑर मूह खुले का खुला रह गया,,,,

माँ,,,,,,,,यही तो है वो मर्द ऑर मूसल जो मेरे काम आता है,,,जब मैं कहूँ तब मुझे चोद देता है कभी चूत मे
तो कभी गान्ड मे ,,,,ना इसके होते मुझे बदनामी का डर ना किसी ऑर बात का ,,,जितना कहूँ उतना देर चोदता है मुझे ऑर
मेरे कहने से पहले थकता भी नही,,,,माँ हँसते हुए बोल रही थी ऑर बेड के करीब जा रही थी,,
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