Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
करण के घर से निकला तो हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई लेकिन मैं ज़्यादा नही भीगा ऑर ठीक टाइम पर घर पहुँच गया,,,,,,,,,माँ ने दरवाजा खोला ऑर मैं अंदर चला गया,,,,,,,,

माँ-आज फिर भीग गया तू ऑर अकेला क्यूँ आया है सोनिया कहाँ है,,,,,,,,,,,,

सन्नी-माँ वो कविता क साथ आएगी सुबह भी उसके साथ गई थी,,,,,,,,

माँ--क्यू तुम लोगो का फिर से झगड़ा हुआ है क्या,,,,,,,,,,,,

मैने कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,,,,,,,

माँ-पता नही तुम लोग कब बड़े होगे जब देखो बच्चो की तरह लड़ते रहते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं उपर की तरफ जाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,

माँ-कहाँ जा रहे हो यही हाथ मुँह धो लो मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-नही मोम अभी नही अभी मुझे बारिश मे ऑरज़्यादा एंजाय करना है,,इस से पहले माँ कुछ ऑर बोलती मैं भाग कर उपर छत पर चला गया ऑर जाते टाइम अपना बॅग अपने रूम मे रख गया,,,,,,,,,,,जब उपर पहुँचा तो बारिश थोड़ी तेज हो गई थी ऑर बदल भी गरजने लगे थे कुछ ही पल मे बारिश पूरे जोरो पर शुरू हो गई थी,,,,,,,,मुझे बारिश मे भीगना बहुत अच्छा लगता है ऑर मैं कोई मोका हाथ से नही जाने देता बारिश मे भीगने का,,,,

,मैं बारिश मे एंजाय कर ही रहा था तभी मुझे बाहर से हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी मैं जल्दी से छत की एक तरफ गया जहाँ से गेट नज़र आता था,,मैने नीचे देखा तो कविता ऑर सोनिया घर आ गई थी,,दोनो एक दम भीगी हुई थी ,,दोनो का भीगा बदन देख मुझे मस्ती चढ़ने लगी,,,,दोनो इतनी खूबसूरत लग रही थी कि तय करना मुश्किल हो रहा था कि कॉन ज़्यादा खूबसूरत है,कविता या सोनिया,,,,,,,,,,,मैं अभी उनके भीगे हुए बदन से अपनी आँखे सेक रहा था कि तभी सोनिया ने उपर मेरी तरफ देखा ऑर मैं जल्दी से पीछे हट गया,,,क्यूकी वो मुझे गुस्से से देख रही थी,,,,,,

मैं पीछे हो गया ऑर सोचने लगा कि अब शायद सोनिया भी उपर आएगी क्यूकी उसको भी बारिश मे भीगने का शॉंक है लेकिन वो उपर नही आई मैं काफ़ी देर तक बारिश का लुफ्त उठाता रहा लेकिन अकेले अकेले ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब बारिश कुछ कम हो गई तो मैं नीचे चला गया,,,,,,,,,,,मेरे रूम मे कविता ऑर सोनिया बैठी हुई थी,,,दोनो ने कपड़े बदल लिए थे,,,कविता ने भी सोनिया की जीन्स ऑर टी-शर्ट पहन रखी थी,,,,मैं भी जल्दी से अपने कपड़े लेके बाथरूम मे चला गया ऑर अंदर जाके शवर लेके बर्म्यूडा ओर बनियान पहन कर बाहर आ गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता- हाई सन्नी

सन्नी-हाई कविता,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-आज तुम कॉलेज से जल्दी आ गये थे क्या,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-हाँ मुझे कुछ काम था कविता इसलिए थोड़ा जल्दी आ गया था,,,,,,,,,,,

कविता-अच्छा अब बारिश हो रही है या रुक गई,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-क्यू पूच्छ रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-लगता है रुक ही गई है तभी तुम नीचे आ गये हो कविता के बोलने से पहले ही सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नही
रुकी तो नही है हल्की हल्की हो रही है अभी भी,,,कुछ देर तक रुक जाएगी शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-जल्दी रुक जाए मुझे घर जाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-,तो यहाँ कॉन्सा तुम किसी धर्मशाला मे बैठी हो ये भी तो घर ही है,मैने मज़ाक किया कविता तो खुश हो गई लेकिन सोनिया गुस्से मे लग रही थी,,,,,,,,,,,,,मैं समझ गया कि बाहर मौसम रंगीन है लेकिन यहाँ का मौसम थोड़ा गरम है इसलिए मैने ऑर कोई बात नही की ऑर वहाँ से सीधा नीचे चला आया,,,,,,,,,,,वहाँ माँ सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी मैं अभी सोफे पर मां के पास बैठा ही था कि माँ गुस्से होने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--बच्चों की तरह बारिश मे भीगते रहना खाने पीने का भी कोई होश नही तेरे को कब से आया है कॉलेज से लेकिन खाना नही खा रहा तू,,,चल अब जल्दी से चल डाइनिंग टेबल पर मैं खाना लेके आती हूँ,,,,,,,,,,

मोम उठी ऑर किचन मे चली गई ऑर मैं भी चुप चाप डाइनिंग टेबल पर बैठ गया,,,माँ ने मुझे खाना दिया ऑर मैं आराम से बैठ कर खाना खाने लगा तभी कविता ऑर सोनिया भी नीचे आ गई,,,,,, सोनिया ने बाहर वाला दरवाजा खोलके देखा तो बाहर अभी भी बारिश हो रही थी,,,,,,,,,,,

माँ--बेटी तुमको घर जाने की जल्दी है क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता--जी आंटी जी लेकिन बारिश है कि रुकने का नाम ही नही ले रही ,,,,

अब तक मैं खाना खा चुका था ,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर यही रुक जाओ बेटी जब बारिश थम जाए तो चली जाना,,,,,,,,,

कविता--,नही आंटी जी मेरा अभी घर जाना ज़रूरी है,,,,,,,,,,,,

इस से पहले माँ कुछ ओर बोलती सोनिया ने माँ को इशारा करके चुप रहने को बोला ऑर मा भी चुप हो गई तभी बाहर बेल बजी गेट खोला तो देखा डॅड आ गये थे,,,,,,,,

कविता--नमस्ते अंकल

डॅड--,नमस्ते बेटी,,कब आई तुम,,,,,,,,,,,,

कविता-जी कॉलेज से सीधा यहीं आई थी सोनिया को छोड़ने लेकिन अब वापिस जाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

डॅड--अभी रुक जाओ बेटी बारिश हो रही है भीग जाओगी तुम,,,,,,,,,,

कविता--नही अंकल अभी जाना ज़रूरी है वरना घर वाले गुस्सा होंगे,,,,,,,,,,,,,,,

डॅड-बेटी घर पे फोन करदो कि बारिश रुकने के बाद आ जाओगी,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया ने डॅड को भी चुप रहने को इशारा किया,,,,,,,,,,,डॅड चुप हो गये ऑर अपने रूम मे जाने लगे,तभी मैने
डॅड को आवाज़ दी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--डॅड कार की चाबी मुझे दो मैं कविता को उसके घर छोड़ आता हूँ,,,,डॅड ने मुझे चाबी दी ऑर अपने रूम मे चले गये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता--लेकिन मेरी अक्तिवा,,,,,,,,,,,,

सन्नी-अरे आक्टिव यही रहने दो कल सुबह सोनिया जब कॉलेज जाएगी तब तुमके लेती जाएगी अपने साथ तभी अक्तिवा भी ले लेना अपनी,,,,,,,,,,,

माँ--हाँ बेटी यही ठीक रहेगा अक्तिवा यही छोड़ दो ऑर सन्नी के साथ घर चली जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,कविता ने हाँ मे सर हिला
दिया ऑर मेरे साथ जाने को रेडी हो गई,,,,,,,,,,,मैं भी उपर अपने रूम मे गया ऑर टी-शर्ट पहन कर वापिस आ
गया,,,,,,सोनिया थोड़ी गुस्से मे लग रही थी क्यूकी मैं कविता को उसके घर छोड़ने जाने वाला था शायद वो इस
बात से खुश नही थी क्यूकी उसको लगता था मैं उसकी फ्रेंड से फ्लर्ट करता हूँ,,,,,,,,,,,,,खैर हम लोग घर से
बाहर निकले लेकिन तभी बारिश रुक गई,,,,,,माँ ऑर सोनिया भी हमारे साथ बाहर तक आई थी,,,,,मैने देखा कि 
बारिश रुकने से सोनिया बड़ी खुश लग रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया--,चलो बारिश रुक गई अब तुम अक्तिवा लेके जाओ अपने घर,,,,,,,,,,,,,,,कविता भी कुछ नही बोली ऑर सबको बाइ बोलके अक्तिवा लेके चली गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने सोनिया को देखा तो वो कुछ ज़्यादा ही खुश थी लेकिन फिर मेरी तरफ देख कर गुस्सा करते हुए वो घर के अंदर चली गई ऑर उसके पीछे माँ भी अंदर चली गई,,,,,,,,,,,,,,,साला ये सोनिया का मसला क्या है,,एक पल मे खुश ऑर एक पल मे इतना गुस्सा,,,,,,,कुछ समझ नही आता कब क्या कर जाए,,,,,,,,,,खैर मैं भी घर के अंदर चला गया ऑर टीवी देखने लगा,,,,,,,,,,,
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12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
आज रात घर पर सब लोग एक साथ डिन्नर कर रहे थे,,,,,,,,,,बुआ ऑर शोभा नही,,वो उपर ही थे ,,,लेकिन डॅड
आज हमारे साथ डिन्नर कर रहे थे,,,,,,,डिन्नर के बाद सब अपने रूम मे चले गये लेकिन मैं अपने रूम
मे नही जाना चाहता था क्यूकी मेरा मूड कुछ ऑर था आज,,,मैं अपने रूम मे गया ऑर कुछ समान लेके वहाँ
से नीचे आ गया ऑर माँ को बोला कि मैं करण के घर तक जा रहा हूँ कुछ देर मे आ जा,,,,,माँ ने बोला
बेटा जल्दी आ जाना ज़्यादा लेट मत होना,,,,ठीक है माँ मैं जल्दी आ आजाउंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,


मैने बाइक लिया ऑर वहाँ से सीधा बुआ के बुटीक पर आ गया,,,,वहाँ आके मैने बुटीक से गेट की चाबी 
निकली जो मैं अभी अपने रूम से लेके आया था ऑर गेट खोलने लगा,,आज मेरा मूड था मनीषा की गान्ड को
जमकर चोदने का क्यूकी आज मैने शिखा दीदी की गान्ड जो मारी थी ऑर अब मनीषा की गान्ड मारना चाहता था
क्यूकी उसकी गान्ड भी टाइट थी ये मेरे को पता था,,,हालाकी मेरे बाप ने मनीषा की गान्ड मारी थी लेकिन 
मैने देखा था कि मेरे बाप का लंड छोटा था जिस से मनीषा की गान्ड ज़्यादा नही खुली होगी ऑर मेरे बड़े
मूसल के लिए तो अभी भी वो सील बंद गान्ड होगी,,,,,,मैं खुशी से उछलने लगा,,,,,,,,,,,,,,,तभी मैने पूजा
को बुटीक के नंबर पर फोन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,एक फोन नीचे बूटीक मे पड़ा हुआ था जबकि एक फोन उपर
पड़ा हुआ था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पूजा ने फोन उठाया,,,,,,,,,,

पूजा--हेलो कॉन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-,हेलो पूजा मैं सन्नी बोल रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--,हेलो सन्नी हाउ आर यू,,,,,,,,,, 

सन्नी- आइम फाइन पूजा ,हाउ आर यू,,,,,,,

पूजा-आइम ऑल्सो फाइन सन्नी ,कैसे याद किया आज मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--कुछ नही बस घर पे दिल नही लग रहा था तो सोचा कि कुछ देर बाहर घूम कर आता 
हूँ यहाँ से गुजर रहा था तो सोचा एक बार तुमसे मिलता चलूं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--कहाँ हो अभी तुम,,,,,,,,,,

सन्नी-,मैं बाहर गाते पर खड़ा हुआ हूँ,,,,,,,,,,

पूजा--ठीक है तुम रूको मैं अभी आती हूँ,,,,,,,,,,,,,उसने फोन काट दिया ऑर 2 मिनिट मे ही नीचे गेट पर आ गई,,,,,,,,,,,,मैने गेट अपनी चाबी से इसलिए नही खोला था क्यूकी मैं उसको नही बताना चाहता था कि मेरे पास चाबी है ,,,,,,,,,,उसने जल्दी से गेट खोला ओर मैने जल्दी से बाइक अंदर किया वो समझ गई मैं आज रात यही रहने वाला हूँ,,,,,,,,,,,,मेरे बाइक अंदर करते ही उसने गेट लॉक किया ऑर वहीं मुझे गले से लगा कर किस करना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,फिर हम दोनो उपर चले गये,,,मैने उपर जाके देखा कि मनीषा नंगी होके बेड पर लेटी हुई थी,,,,,,,,,,,मैने उसको देखा तो उसने शर्माके अपने उपर एक
चदडार ओढ़ ली,,,,,,,,,अरे लगता है तुम दोनो का पहले से प्लान बना हुआ है मस्ती करने का इसलिए ऐसे नंगी
होके लेटी हुई हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--नही सन्नी हम लोग अक्सर ऐसे ही रहते है यहाँ बिना कपड़ो के क्यूकी यहाँ हमे देखने वाला कोई नही है ऑर जब दिल करता है हम एंजाय करना शुरू कर देते है,,,,,,,,,

सन्नी--तो ठीक है आज की रात मैं भी ऐसे ही रहूँगा ऑर मैने भी जल्दी से कपड़े उतार दिए ऑर नंगा हो गया इतने मे पूजा ने भीअपनी नाइटी उतार दी ऑर नंगी हो गई,,,,,,,,,,पूजा ऑर मैं बेड पर चले गये ऑर बेड पर लेट गये मैं बीच मे
था ऑर एक साइड पूजा पूरी नंगी मेरे से चिपक कर मुझे लिप्स किस कर रही थी ऑर इधर मनीषा पूरी नंगी लेकिन
चद्दर ओढ़ कर लेटी हुई थी,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरा बहुत दिल कर रहा था पूजा तेरे से मिलने को,,,,,,

पूजा--मेरा भी बहुत दिल कर रहा था सन्नी ,,,,,,,,वो मुझे किस करने लगी,,,तभी मैने उसको रोका ऑर वापिस बेड से नीचे उतर कर अपने बर्म्यूडा की पॉकेट से अपने फोन निकाला ऑर घर फोन करके बोल दिया कि मैं आज करण के घर रहने वाला हूँ मुझे झूठ बोलता देख पूजा हँसने लगी ऑर मनीषा की चद्दर से मुँह निकाल कर मुझे देखने लगी,



मैने फोन कट किया लेकिन तभी मुझे एक ऑर आइडिया आया क्यूँ ना मैं करण को यहाँ बुला लूँ वो बेचारा मुझे
कब्से बोल रहा है चूत लेने के लिए,,,आज उसका भी भला कर देते है,,,,लेकिन पहले पूजा को पूछना पड़ेगा,,,,,,,

सन्नी--पूजा क्या तुम आज तैयार हो चुदाई के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--मैं तो हमेशा तैयार रहती हूँ सन्नी ऑर वैसे भी तेरे मूसल से चुदने मे मज़ा ही इतना आता है कि चूत हर टाइम तेरा मूसल मांगती रहती है,,,,,,,,,,

सन्नी--अच्छा अगर एक ऑर ऐसा ही मूसल मिल जाए मेरा मतलब 2 बड़े मूसल मिल जाए तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,पूजा खुशी ऑर हैरत के मिलेजुले भाव से मुझे देखने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--दूसरा मूसल,,,,,,,लेकिन किसका,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरे एक दोस्त का बिल्कुल ऐसा ही बड़ा मूसल है ,,मैने सोचा उसको भी आज बुला लेता हूँ यहाँ लेकिन अगर तुम कहो तो तुम्हारी मर्ज़ी के बिना नही,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा ने कुछ देर सोचा फिर बोली,,,,,,,,,,,लेकिन अगर कोई पंगा हो गया तो मेरा मतलब वो जो भी है क्या भरोसे के लाएक है वो तुम्हार दोस्त,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--हाँ पूजा वो बहुत अच्छा है ओर पूरा भरोसे के लायक है मेरे मे ऑर उसमे कोई फरक नही है,,,तुम उसका नही मेरा तो यकीन करो,,,,,,,,

वो सोचने लगी ऑर बोली,,,,,,,,,,,ठीक है सन्नी मुझे आपके दोस्त पर नही लेकिन आप पर यकीन है आप कोई ग़लत कदम नही उठा सकते,,,,,,,,,,,,

,उसके इतना बोलते ही मैने करण को फोन किया,,,,,,,,,करण ने काफ़ी टाइम लगा दिया फोन उठाने मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--साले इतनी रात को क्यूँ फोन करता है तू सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--कमीने सो गया था क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--हाँ सन्नी भाई,,,,,,,,

सन्नी--चल अब नींद से जाग जा ऑर जल्दी से यहाँ पहुँच जा तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है मेरे पास,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--इतनी रात को क्या सर्प्राइज़ है सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,अबे इतनी रात क्या अभी तो जस्ट 10: पीएम हुए है,,,अब बातें छोड़ ऑर जल्दी से आजा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--लेकिन सर्प्राइज़ क्या है ये तो बात दो भाई,,

सन्नी--अबे बता दिया तो सर्प्राइज़ कैसा अब बोल तू आ रहा है या नही,,,,,,,,,,,,,

करण--आता हूँ भाई आप बुलाओ ऑर मैं ना आउ ऐसा हो सकता है क्या लेकिन आना कहाँ है,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरी बुआ के बुटीक पर लेकिन सामने से नही पीछे वाले गेट की तरफ से आना,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--वहाँ क्या है भाई,,,,,,,,,,,

सन्नी--अबे तू सवाल करना बंद कर ऑर बता कितनी देर मे आ रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--बस 10-15 मिनिट मे आता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला रात को रोड पर रश कम होता है वो कमीना बाइक को उड़ाता हुआ 15 मिनिट मे बाहर गेट पर आ गया,,,,,,मैं नीचे गया बर्म्यूडा ऑर बनियान पहन कर ऑर उसका बाइक अंदर करके उसको भी अंदर ले आया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण-भाई इतना भी क्या सर्प्राइज़ था जो इतनी जल्दी बुला लिया मुझे,,,,,,,,,,

सन्नी--अबे उपर चल सब बताता हूँ,,,,,

वो मेरे साथ उपर चल पड़ा

मैं सीधा उसको उपर वाले उस रूम मे ले गया जो पूजा ऑर मनीषा के साथ वाला रूम था जो
खाली था,,,,मैने उसको बेड पर बैठने को बोला,,,,,,,,,,,,,

करण-अरे भाई सर्प्राइज़ क्या है बताओ ना,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,रुक ज़रा वेट कर अभी बताता हूँ ,,,,,,,,,,,मैं साथ वाले रूम मे गया ऑर मनीषा ऑर पूजा को अपने साथ लेके आ
गया,,,हमे दरवाजे पर देख कर करण का मुँह खुला का खुला रह गया ऑर आँखें भी बड़ी बड़ी हो गई,,,,,,,,,,,
मैने पूजा के रूम मे जाते ही अपने कपड़े उतार दिए थे जबकि पूजा पहले से नंगी थी लेकिन मनीषा कुछ 
शरमा रही थी इसलिए उसने खुद के जिस्म को चद्दर से कवर किया हुआ था,,,,,,,,,,

सन्नी--क्यू कैसा लगा सर्प्राइज़,,,,,
कारण की तो बोलती ही बंद हो गई थी तभी मैने पूजा को इशारा किया ऑर पूजा ने आगे होके करण को बेड से हाथ
पकड़ कर खड़ा कर दिया ओर इस से पहले करण कुछ समझ पाता पूजा ने उसके लिप्स को अपने लिप्स से जाकड़ कर
किस करना शुरू कर दिया,,,,करण बेचारा बे सुध सा हो गया था,,,,होता भी क्यू ना पहली बार किसी लड़की को किस
जो कर रहा था,,,,वो भी पूजा जैसी खूबसूरत ऑर एक दम नंगी लड़की को,,,,,,मैने भी पूजा को बता दिया था
कि करण एक दम अनाड़ी है उसका आज पहली बारी है,,,,,,,,,इसलिए पूजा आगे बढ़ कर खुद उसको क़िस्सी करने लगी थी
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12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
करण तो ऐसे ही खड़ा हुआ था उसके हाथ भी नीचे लटक रहे थे जबकि पूजा ने उसको हग किया हुआ था,,,,,,
पूजा ने उसके कपड़े निकालने सुरू किए ऑर कारण चुप चाप खुद को नंगा होते देखने लगा ना तो वो कुछ बोल
रहा था ऑर ना कुछ कर रहा था ,,करण के नंगे होते ही पूजा ने उसको बेड पर पीछे की तरफ गिरा दिया ऑर खुद
भी बेड पर चढ़ गई ऑर वापिस करण को लिप्स किस करना शुरू कर दिया साथ मे उसके लंड को हाथ मे ले लिया अभी 
उसका लंड बहुत छोटा लग रहा था लेकिन 2 मिनिट मे ही उसने ओकात मे आना शुरू कर दिया था,,,करण भी एक
पंजाबी मुंडा था भरे हुए जिस्म का मालिक,,,जिम नही जाता था लेकिन फिट था ओर वैसा ही फिट था उसका मूसल 
जो काफ़ी लंबा था लेकिन मोटा नही था ,,,अब करण को भी मज़ा आने लगा था क्यूकी उसके लंड पर पूजा के हाथ
अपना कमाल दिखा रहे थे ऑर लंड पूरी ओकात मे आ गया था तभी करण ने भी अपना एक हाथ पूजा की पीठ
पर रखा लेकिन पूजा ने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने बूब पर रख दिया,,,करण थोड़ा झिझक राह था लेकिन
जल्दी ही उसने पूजा के बूब को मसलना शुरू कर दिया था ऑर दूसरे हाथ को पूजा के सर पर रख दिया ऑर उसको किस 
का रेस्पॉन्स देने लगा था,,,,,इधर मैने भी मनीषा को किस करते हुए उसकी चद्दर उतार कर साइड पर रख
दी फिर उसको करण ऑर पूजा की एक साइड मे बेड पर ले गया ऑर उसको लेटा कर खुद साइड मे लेट गया ऑर किस करने लगा

एक तरफ जहाँ पूजा करण को गर्म कर रही थी वहीं मैं मनीषा को गरम करने मे लगा हुआ था,,,


अब हम चारो नंगे बदन बेड पर एक दूसरे से लिपटे हुए थे,,,मैं मनीषा को बेड पर लेता कर उसके उपर
होके उसको लिप्स पर किस कर रहा था ऑर वो भी मुझे हल्का सा रेस्पॉन्स दे रही थी ,,वो पता नही क्यू अभी भी
मेरे से कुछ शरमा रही थी क्यूकी किस करते टाइम उसकी आँखें बंद थी ,,मैं उसको किस करते हुए उसके बूब्स
ऑर पेट पर हाथ फिरा रहा था ऑर कभी कभी कमर से होते हुए एक आधी बार उसकी चूत को भी हल्के से टच
कर देता था लेकिन मैं कोई जल्दबाज़ी नही कर रहा था,,,आज मैं कुछ ज़्यादा ही मस्ती के मूड मे था एक तो आज
शिखा की गान्ड की सील खोली थी ऑर उपर से अपने बेस्ट फ्रेंड को भी ज़िंदगी मे पहली चुदाई मे हेल्प कर रहा था
ऑर वैसे भी अब यहाँ किसने आना था ,,हम बिना किसी डर के आराम से मस्ती कर रहे थे,,,

मैने मनीषा को किस करते हुए उसके बूब्स को पकड़ा ऑर प्यार से सहलाते हुए हल्के हल्के दबाने लगा ,,,,मेरे लिप्स मे उसके लिप्स बड़े नज़ाकत ऑर प्यार से जकड़े हुए थे ऑर मैं बड़े आराम से उनको चूस रहा था अब मनीषा ने भी मेरी
किस का रेस्पॉन्स थोड़ी ज़्यादा मस्ती मे देना शुरू कर दिया था,,,,उसके हाथ मेरी पीठ पर घूमने लगे थे
तभी मैने किस करते हुए करण ऑर पूजा की तरफ देखा तो करण भी अब पूजा को किस मे साथ देते हुए अपने
हाथ उसको पीठ पर घुमा रहा था,,,,कुछ ही देर मे मैने देखा कि पूजा उठी ऑर कारण के लंड को पकड़ा ऑर
उसके लंड की टोपी को किस करने लगी,,,,करण के लिए ये पहले एहसास था ,,पहली बार किसी लड़की के सॉफ्ट लिप्स उसके लंड की टोपी को टच हुए थे जिस से उसके बदन मे एक झटका लगा था ऑर वो हल्का उपर उछल गया था पूजा ने 
जल्दी ही उसके लंड को हल्के से अपने लिप्स मे भर लिया ऑर मुँह के अंदर कर लिया,,,करण बस मस्ती मे आँखें 
बंद करके आराम से लेट गया था उसने अपने हाथ भी बेड पर रख दिए थे,,,वो तो जैसे मस्ती के सातवे आसमान
पर उड़ने लगा था,,,,लेकिन ये उड़ान ज़्यादा देर नही चली ऑर 2 मिनिट मे ही उसने पूजा के सर को पकड़ा ओर उसको
लंड से हटाने लगा लेकिन पूजा ने उसके लंड को नही छोड़ा ऑर मुँह मे लेके चुस्ती रही करण पूरी कोशिश कर
रहा था लेकिन पूजा ने उसको नही छोड़ा ऑर तभी करण के जिस्म ने तेज झटके लिए ऑर वो बेड पर पीछे की तरफ
गिर गया ऑर तेज साँसे लेने लगा,,,,,मैं समझ गया कि वो झड गया था पूजा ने उसके लंड का पानी पी लिया ऑर फिर
उसके साथ बेड पर लेट गई,,,,करण तेज़ी से साँसे ले रहा था उसके माथे पर बहुत ज़्यादा पसीना आ गया था रूम
मे एसी चल रहा था फिर भी वो पसीने से भीगा हुआ था ऑर पूजा उसके माथे से पसीने को अपने हाथ से
सॉफ कर रही थी ऑर हल्की हल्की किस भी कर रही थी,,,,,,


इधर मैने मनीषा को किस करते हुए उसके बूब्स को सहलाना ऑर दबाना जारी रखा ऑर उसने भी अपने हाथों से
मेरी पूरी पीठ को सहलाना जारी रखा हुआ था,,,,कुछ देर बाद मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर
अपने लिप्स को उसके बूब्स पर ले गया मेरे लिप्स बूब्स पर टच होते ही उसने मेरे सर को बूब पर दबा दिया वो 
कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई थी अभी तो मैने जस्ट लिप्स को उसके बूब की डुँड़ी पर टच ही किया था ऑर अभी से उसका
ये हाल था उसकी इस हरकत ने मुझे ऑर ज़्यादा मस्त कर दिया ऑर मैने उसके बूब को मुँह मे भर लिया ऑर खा
जाने वाले अंदाज़ मे चूसने लगा ऑर तभी अपने हाथ से उसके दूसरे बूब को मसल्ने लगा उसने भी अपने एक 
हाथ को मेरे सर पर रखा ऑर दूसरे को मेरे उस हाथ पर रख दिया जो उसके बूब पर था फिर मेरे हाथ को ज़ोर
से दबाते हुए अपने बूब को भी ज़ोर से मसल्ने लगी,,


,वो अब तक पूरी तरह बेक़ाबू हो चुकी थी ऑर उसकी यही
बात मुझे पागल कर रही थी मैने उसके बूब को पूरा मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से चूसने लगा ऑर साथ ही दूसरे
वाले को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा इतना ज़ोर से मसल रहा था कि कभी कभी उसकी दर्द भारी मीठी आहह निकल
जाती थी ,,उधर पूजा ने फिर से करण के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर किस करनी शुरू करदी थी करण भी
उसका साथ पूरी मस्ती मे दे रहा था क्यूकी अब खुद-ब-खुद करण के हाथ पूजा के बूब्स को सहलाने लगे थे
ऑर पूजा भी अपने हाथ से करण के लंड को सहला रही थी तभी पूजा उठी ऑर करण के उपर चढ़ कर अपने सर को
करण के लंड की तरफ ऑर टाँगों को करण के सर की तरफ करके 69 के पोज़ मे आ गई थी ऑर जल्दी से करण के 
आधे खड़े लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी थी करण कुछ समझ नही पा रहा था क्यूकी उसका पहला तजुर्बा 
था करण ने मेरी तरफ देखा ऑर मैने मनीषा के बूब को मुँह से निकाल कर करण को ज़ुबान से पूजा की
चूत चाटने का इशारा किया ऑर करण ने ना चाहते हुए भी अपनी ज़ुबान निकाली ऑर पूजा की चूत पर हल्के से
लगा दी लेकिन पूजा की चूत को चाटा नही जस्ट ज़ुबान को वहाँ टच ही किया तभी पूजा ने अपनी गान्ड को
नीचे किया ऑर चूत को करण के लिप्स से लगा दिया ऑर खुद ही गान्ड को मटक मटका कर चूत को करण के लिप्स
से रगड़ने लगी,,,करण का फेस पूजा की चूत से ढक सा गया था मुझे ये देख कर थोड़ी हँसी आ रही थी
लेकिन मैं वापिस अपने काम मे लग गया ऑर मनीषा के बूब को चूसने लगा,,,मैं बारी बारी से उसके बूब को 
चूस ऑर काट रहा था ऑर दूसरे वाले को हाथ मे लेके दबा रहा था,,,,कुछ देर बाद मैने अपने हाथ को
मनीषा की चूत पर रख दिया ऑर चूत को सहलाने लगा तभी उसने भी अपने हाथ मेरे लंड पर रखा ऑर हल्के
से दबा दिया,,,,मैने करण की तरफ देखा तो वो अभी भी सर को पूजा की चूत से बचाने की कोशिश मे लगा
हुआ था,,,,तभी मैने मनीषा को इशारा किया ऑर उसने मेरा इशारा समझा ऑर बेड से उठ गई ऑर मैं उसकी 
जगह पर लेट गया ऑर उसके अपने उपर ऐसे लेटा लिया जैसे पूजा करण के उपर थी ,,,,मनीषा ने उपर आते ही अपनी
बेहन की तरह जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी मैने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से उसकी
गान्ड पर हाथ रखे ऑर उसकी चूत को अपने लिप्स से लगा लिया,,,करण ये सब देख रहा था,,,मैं बड़ी मस्ती
मे मनीषा की चूत को चाटने लगा ऑर मनीषा भी मेरे लंड को उतनी ही मस्ती से चूसने लगी,,,,अब करण ने
भी मेरी तरह पूजा की गान्ड को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर चूत को मुँह मे भर लिया उसके चहरे से एसा लग
रहा था कि वो ये नही करना चाहता था लेकिन मुझे देख कर ऑर पूजा के द्वारा उसके लंड चूसे जाने की मस्ती
मे वो ऐसा करने लगा था,,,वो भी मेरी तारह पूजा की चूत को मुँह मे भरके ऐसे चूसने लगा था जैसे कि
पूजा के लिप्स पर किस कर रहा था,,,,पूजा भी उसके पूरे लंड को मुँह मे लेके गले से नीचे उतार रही थी करण
का लंड लंबा था लेकिन मोटा नही था इसलिए पूजा आराम से उसको गले से अंदर तक ले रही थी करण भी मस्ती 
मे उसकी चूत को अब भूखे कुत्ते की तरह खाने लगा था,,

इधर मैने मनीषा की चूत को अपने मुँह से लगा रखा था ऑर उसने भी मेरे आधे लंड को मुँह मे ले रखा
था ऑर सर को उपर नीचे करते हुए चूस रही थी ऑर साथ ही एक हाथ से मेरे लंड को उपर नीचे कर रही थी वो
आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे नही ले रही थी ऑर ना ही ऐसी कोई कोशिश कर रही थी उसके मुँह मे जितना भी लंड
था वो उसी से खुश थी ऑर उसी को मस्ती मे चूस रही थी,,,मैं भी इतने मे ही खुश था क्यूकी वो अभी नई
खिलाड़ी थी इस खेल की जितना कर रही थी बहुत अच्छा कर रही थी ऑर मेरे को मस्त कर रही थी,,,मैने भी उसकी चूत
को पूरा मुँह मे भरा हुआ था ऑर हाथ से उसकी गान्ड को सहला रहा था तभी मैने अपनी उंगली गान्ड के होल
पर रखी ऑर हल्के से दबा कर अंदर घुसा दी मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर चली गई थी फिर मैने 2 उंगली
ट्राइ की तो 2 उंगली भी आराम से अंदर चली गई,,,मैं समझ गया कि पीछे कुछ दिनो मे मेरे बाप ने इसकी गान्ड को
खूब मारा होगा तभी ये थोड़ी खुल गई थी लेकिन मेरे लंड के लिए तो अभी भी किसी सील बंद गान्ड जैसी ही थी
,,,,,,,,,कुछ देर बाद मुझे करण की सिसकियाँ सुनाई देने लगी मैने मनीषा की चूत से अपने फेस हटा कर
देखा तो पूजा अब सीधी होके करण के उपर लेटी हुई थी ऑर करण के लंड को चूत मे लेके खुद ही उपर नीचे हो 
रही थी ऑर नीचे लेटा हुआ करण बस सिसकियाँ लेता हुआ आआहएं भर रहा था,,,,लेकिन उसके हाथ पूजा के बूब्स 
को मसल रहे थे,,,,,मेरे से भी अब रहा नही गया मैने भी जल्दी से मनीषा को नीचे उतारा हो खुद उसके
उपर चढ़ कर लंड को चूत मे घुसा दिया,,ऑर तेज़ी से चुदाई करी शुरू करदी,,,,,,लंड चूत मे जाते ही चुदाई
के मज़े ने मनीषा को मस्ती मे भर दिया ऑर उसके जल्दी से मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ खीच लिया ऑर लिप्स
को मेरे लिप्स से जकड कर किस करने लगी मैने भी मस्ती मे उसकी किस का रेस्पॉन्स देने शुरू कर दिया तभी
मैने गर्दन घुमा कर देखा तो करण ने भी अपने हाथ पूजा के बूब्स से हटा कर उसके सर पर रखे ऑर 
उसके सर को अपने करीब कर दिया पूजा ने मेरी तरफ हँसते हुए देखा मानो बोल रही थी कि बच्चा देख देख
कर सब कुछ सीख रहा है,,,,,मैने भी पूजा को आँख मारते हुए उसकी स्माइल का जवाब दिया ऑर मनीषा को
किस करने मे बिज़ी हो गया,,करीब 10 मिनिट से मैं ऑर कारण पूजा ऑर मनीषा की चुदाई कर रहे थे कभी
पूजा करण की चेस्ट पर किस करने लग जाती थी तो कभी करण को किस करने तो कभी करण उसके बूब्स को मसल
रहा होता था,,,,इधर मैं भी मनोशा को किस कर रहा था तो कभी उसके बूब्स को चूसने लग जाता था,,,,,,
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12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद मैने देखा कि पूजा बेड पर ऐसे लेट गई जिस से उसका सर मेरे ऑर मनीषा के करीब बेड के
एक दम बीचो बीच था ऑर टाँगे ज़मीन पर थी वो करण को नीचे जाने को बोल रही थी लेकिन करण समझ नही
पा रहा था,,,,,साला पहली चुदाई मे मैं भी इतना परेशान नही हुआ था जितना करण हो रहा था,,,,करण को
समझाने के लिए मैने भी मनीषा की ठीक वैसे ही लेटा दिया ऑर उसके सर को पूजा के सर के पास करके उसकी 
टाँगों को ज़मीन पर बेड से नीचे कर दिया ऑर खुद भी बेड से नीचे की ओर गया ऑर मनीषा के उपर झुक कर उसकी
चूत मे लंड डाल दिया,,,अब करण ने मुझे देखा ऑर ऐसा ही करते हुए पूजा के उपर झुक गया ऑर लंड को 
पूजा की चूत मे घुसा कर खुद चुदाई करने लगा लेकिन अभी उसकी स्पीड स्लो थी तभी पूजा ने अपनी टाँगों
को उसकी कमर पर कस दिया ऑर हाथों से उसकी पीठ को पकड़ कर उसके नीचे अपनी तरफ खींच लिया ऑर उसकी
गान्ड पर अपने हाथ रखकर उसको तेज़ी से उपर नीचे करने लगी करण ने भी पूजा की बात सुनते हुए अपने स्पीड
तेज करदी ऑर कुछ ही पल मे वो भी तेज़ी से पूजा की चूत को चोदने लगा,,,पूजा और मनीषा का सर एक दूसरे के
करीब था जबकि मैं ऑर कारण ज़मीन पर खड़े हुए थे ऑर उन्दोनो पर झुके हुए उनकी चूत को चोद रहे 
थे,,,करण भी कुछ हद तक सीधा खड़ा हो गया था ऑर तेज़ी से पूजा को चोदने लगा था,,,,अब पूजा को
मज़ा आने लगा था ऑर बहुत ज़्यादा मज़ा आने लगा था उसकी सिसकियों से ये पता चला रहा था लेकिन तभी मनीषा 
की सिसकियाँ भी शुरू हो गई,...........


आआआआआहह उूुुुुुुउऊहह ीसस्सीए हहिि त्टीज्जजििीइ ससीईए म्मीरीइ
कच्छूटतत कक्कूव छ्छूओड़दूव क्कररान्ण ऊओरर त्टीजज ,,,,कख़ूब्ब ंमज़्जाअ ल्लूओ मईरीइइ चुत क्काअ ऊरर
म्मूउज़्ज्झहहीए बभिि ंमाज़्जाअ द्दूऊव आआहह उूुुउऊहह ऊओरर त्टीज्जज क्काररू क्कारराँ
आहह प्पूउर्र्राा उउन्नड़दीर्रर ग्घहुउस्साअ द्दूव आपपंनीई ल्लुउउन्न्ञदड़ ककूऊ ऊरर टीज्जिि सस्ससी
क्कार्र्रूऊ ऊरर त्तीएज्जीइ ससीई,,,,,,,कारण भी पूजा की सिसकियाँ सुनता हुआ उसके चेहरे की तरफ़ देख रहा था ऑर
शायद पूजा की सिसकियों से वो भी मस्ती मे आ गया था उसने स्पीड ऑर तेज करदी थी ,,,,,,,,,,,इधर मनीषा का भी
यही हाल था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओर्र्र्र्ररर त्तीएज्ज्ज क्कार्र्रूऊ ससुउन्नयययी ऊऊरर त्टीज्जज्ज प्पूउर्राा ल्लुउन्ड्ड़
ग्घूउसाआ द्दूव म्मीरीईइ कक्च्छूवततत म्मईए पफहाआद्द्ड़ ददाआल्लूऊओ म्मीर्ररिईईई कच्छूवततत कककू
आआअहह ऊऊओरर्र्रर ट्टीज़्ज़ज्ज्ज आआहह बभहुत्त्त ंमाज़्ज़जाअ एयेए र्राहहाअ हहाआऐययईईईईई
ससुउउउन्न्ञन्नययययी ऊओरर त्टीज्जज क्काररूव प्पल्ज़्ज़्ज़्ज़ ऊरर तीज्ज क्कार्रूऊ,,,,,,,,,,मैने भी स्पीड तेज करदी ऑर 
कमरे मे सिसकियाँ ऑर पच पच की आवाज़ गूंजने लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,करीब 5-7 मिनिट बाद मैने लंड 
को मनीषा की चूत से निकाल लिया ऑर उसको उठा दिया ऑर लंड को उसके मुँह मे घुसा दिया उसने भी मेरे लंड को
चूसना शुरू कर दिया फिर मैने उसकी बेड पर कुतिया की तरह झुका दिया ऑर पीछे से उसकी गान्ड को अपने दोनो
हाथों से खोल कर लंड को गान्ड मे घुसा दिया मेरा लंड उसके थूक से काफ़ी चिकना हो गया था जो पहली बार
मे ही आधा अंदर चला गया था वैसे भी अब उसकी चूत पहले से थोड़ी ज़्यादा खुल गई थी ,,लेकिन मेरा मूसल
भी काफ़ी मोटा था इसलिए अंदर जाते ही उसने गान्ड को ओर ज़्यादा खोल दिया जिस से एक हल्का दर्द से होने लगा था



मनीषा के मुँह से बड़ी बड़ी आअहह निकलने लगी थी ,,,,,,तभी मैने देखा कि पूजा गर्दन घुमा
कर हमें देख रही थी ऑर उसने भी जल्दी से उठकर करण के लंड को मुँह मे लिया ऑर कुछ देर चूसने के बाद खुद
कुतिया की तरह बेड पर झुक गई ऑर खुद ही करण के लंड को पकड़ कर अपनी गान्ड के होल पर रखा मैने
करण की तरफ देखा तो वो थोड़ा परेशान लग रहा था लेकिन जल्दी ही उसने खुद को आगे पीछे करना शुरू कर दिया
था ऑर पूजा की सिसकियाँ भी फिर से शुरू हो गई थी,,,,पूजा ऑर मनीषा के फेस एक दूसरे के बेहद करीब थे ऑर
उन दोनो ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया था करण झटके लगाते हुए उन दोनो को किस करते देख दंग
रह गया था,,,,,,,,,,बच्चा पहली बार मे कितना कुछ देख रहा था परेशान होना तो लाजमी था,,,,,,,,पूजा ऑर 
मनीषा दोनो एक दूसरे को किस करने मे लगी हुई थी ऑर इधर मैं ऑर करण दोनो की गान्ड को जमके चोदने
मे लगे हुए थे,,,,,,,लेकिन करण ज़्यादा देर टिक नही पाया ऑर टाइट गान्ड की लंड पर पकड़ होने से उसका पानी
निकल गया था ओर वो ज़मीन पर ही थक कर लेट गया था,,पूजा ने एक बार पीछे मूड कर देखा ऑर जल्दी से उठके
मेरे पास आ गई ऑर अपने हाथ से अपनी बेहन की चूत को सहलाने लगी जिस से मनीषा का भी पानी निकल गया इतना 
टाइम पूजा मुझे किस करती रही,,,,,उसका मकसद यही था कि वो जल्दी से मनीषा को झाड़ दे ऑर खुद मेरे से 
चुदाई करवाने लग जाए,,,,क्यूकी उसको पता था मेरा पानी जल्दी नही निकलता,,,,वैसे करण की पहली चुदाई थी
शायद इसलिए उसका काम जल्दी हो गया था ऑर मनीषा की गान्ड मे भी मेरा मूसल अच्छी तरह रगड़ ख़ाता हुआ
अंदर बाहर हो रहा था ऑर साथ मे पूजा का हाथ उसकी चूत को सहला रहा था इसलिए उसका भी पानी जल्दी ही निकल
गया,,,,,


मनीषा के साइड होते ही पूजा खुद उसी जगह कुतिया बन गई ओर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गान्ड पर
रखा मैने भी जल्दी से लंड को उसकी गान्ड मे घुसा दिया ऑर एक ही बार मे पूरा घुसा दिया उसकी भूखी
गान्ड भी एक ही बार मे मेरे पूरे मूसल को निगल गई थी,,, मेरे हाथ उसकी कमर पर थे ऑर मैं तेज़ी से
उसकी गान्ड को चोदने मे लगा हुआ था,,,आहह ईइससस्स म्मूसााल्ल्ल ससीई आअस्सल्लीइीईई
म्माज्जाअ आय्या हहाइी गगाणन्दड़ च्छुद्दाी काअ आअब पपाटता ल्लाग्गा हहाऐ क्कीिई गाआंन्ंदड़
म्मईए ककुउक्च्छ गग्यया हहाऐईइ ,आआआआहह उुउऊहह हमम्म्मममम
त्तहूड्दाअ त्तीज्ज्ज क्कार्रूऊ न्नाअ ससुउन्नययी म्मीर्रा बाआस्स हहूओंनी हहिईिइ व्वाल्लाअ हहाइईइ
ज्जाल्लदददीई क्काररूव ससुउन्नययी मैने स्पीड ऑर तेज करदी क्यूकी मेरा भी पानी निकलने वाला था ऑर मैं पूजा 
के साथ ही झड़ना चाहता था ऑर ऐसे ही हुआ 2-3 मिनिट बाद पूजा ऑर मैने एक साथ तेज़ी से आह भरते हुए
पानी छोड़ दिया ऑर बेड पर गिर गये,,,,,,,,,,,,,,


मज़ा आ गया सन्नी भाई बहुत शुक्रिया आपका जो आपने मुझे पहली बार चूत चोदने का मोका दिया मैं आपका बहुत
शुक्रगुज़ार हूँ कि पहली बार की चुदाई मैं ऐसी खूबसूरत लड़की से कर रहा हूँ,,करण ने पूजा की तरफ इशारा
करते हुए बोला,,,,,,पूजा भी मुस्कुराने लगी,,,

अबे थॅंक्स काहे का भाई मैं तो मस्ती करने आया था तो तेरा ख्याल आ गया ऑर पूजा ने भी हाँ करदी ,,सो मैने तेरे
को यहाँ बुला लिया ,,थॅंक्स बोलना है तो मुझे नही पूजा को बोलो,,,,,,,,,,,,,

थॅंक्स पूजा जी आपने हमें इस क़ाबिल समझा ऑर हमें अपनी मस्त चूत मारने का मोका दिया हम आपका एहसान कैसे
चुका सकते है,,,,,,,,,,,,,

पूजा ने हँसते हुआ जवाब दिया,,,थॅंक्स ही करना है तो एक मोका देती हूँ तुमको आज की पूरी
रात मुझे सोने मत देना,,

,हम सब हँसने लगे तभी कारण का ध्यान मनीषा की तरफ गया,,,,,मैं समझ गया वो
क्या चाहता था ,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या हुआ करण भाई ऐसे क्या देख रहे हो,,,,,

करण--,कुछ नही सन्नी भाई मैं सोच रहा था कि अगर एक बार ,,,,,,,,,,,,,,,,

करण की बात को बीच मे टोकते हुए मैने पूजा को आँख मारी ऑर बोला ,,,,नही करण 
भाई अभी इतनी जल्दी नही पहले तुम पूजा के साथ ही मस्ती करो बाद मे इसका नंबर आएगा तेरे साथ तब तक इसकी
चूत की ज़िमेदारी हमारी है,,

मेरा साथ देते हुए पूजा भी बोल पड़ी,,,,,,,,हाँ सही बोला सन्नी तुमने मैने इसको
यहाँ बुलाया है तो पहले मैं अपनी चूत की प्यास बुझाउन्गी इसके प्यारे लंड से फिर बाद मे जब मेरा दिल भर
जाएगा तब इसके लंड को मनीषा की चूत का रास्ता दिखाउन्गी,,,पहले तो मैं ही निचोड़ूँगी इस मतवाले लंड का सारा 
रस,,,,,,इतना बोलते ही पूजा ने फिर से करण के लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया ऑर साथ ही करण के लिप्स
को भी अपने लिप्स मे भर लिया ,,,,

इधर मैने भी मनीषा को अपने पास किया ऑर हल्के से किस करते हुए उसके बूब्स
दबाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने आज एक चीज़ नोट की थी कि अब मनीषा का जिस्म भी पहले से ज़्यादा भारी हो गया
था पहले वो स्लिम थी लेकिन अब पूजा की तरह भरे बदन वाली होने लगी थी शायद ये चुदाई का कमाल था उसके
फेस पर भी एक अजीब सी चमक थी,,बहुत ग्लो था उसके फेस पर जैसा लड़की की शादी एक 2 महीने बाद होता है अपने
पति से लगातार चुदने के बाद,,,,,,तभी तो करण भी मनीषा की चूत मारना चाहता था क्यूकी अब वो भरे
जिस्म वाली मस्त लड़की लगती थी,,,

उस रात करीब या 4 या 5 बार मैने मनीषा की गान्ड मारी ,,मैने उसकी चूत नही मारी उस रात,,,,,,,,,ऑर करण 
ने भी इतनी बार ही पूजा की चूत ऑर गान्ड दोनो मारी करण भी मेरी तरह चूत से ज़्यादा पूजा की गान्ड का दीवाना
हो गया था ऑर हर बार उसने पूजा की गान्ड मे ही पानी निकाला था,,,,,,,,,,हम लोग करीब 6 बजे सुबह वहाँ से अपने
अपने घर को चले गये थे,,,,,,,,,करण बार बार मुझे थॅंक्स बोल रहा था उसकी रात रंगीन करने के लिए,,,,,

घर आया तो मामा बाहर ही बैठा हुआ था गेट पर ऑर मुझे आते देखकर हँसने लगा,,,,,,,,,,,,,,कहाँ रहा मेरा 
भांजा रात भर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मैं करण के घर था मामा जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मामा-लेकिन तेरे चेहरे की खुशी तो बता रही है तू करण नही किसी किरण के घर था,,मामा फिर से हँसने लगा,,,,,,,,,

सन्नी--नही मामा जी ऐसी कोई बात नही मैं सच मुच करण के घर था अब आपसे क्या छुपाना कहीं ऑर होता तो सीधी तरह बता देता,,,,,,

मामा--चल ठीक है बेटा नही बताना तो मत बता तेरी मर्ज़ी,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,अरे मामा जी सच मे मैं करण के घर ही था नही यकीन तो ये रहा
मोबाइल आप खुद करण से बात कर सकते हो,,,मैने ज़ोर देके ये बात बोली तो मामा मान गया ,,,,,,,,,,,,,,,,

मामा--ठीक है बेटा तू बोलता है तो मान लेता हूँ,,,,,,,,,,,,,

मैने सोचा तू नही भी मानता तो मेरे लंड को ठंड नही थी यही
सोचता हुआ मैं घर के अंदर चला गया,,,,,,,,

अपने रूम मे गया तो सोनिया अभी तक सो ही रही थी ,,,,मैं सीधा बेड पर लेट गया ऑर पता नही कब नेंद आ गई पूरी
रात सोया जो नही था,,,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह उठा तो देखा मेरे मोबाइल पर करण की 16 मिस कॉल थी,,,,,,,,,,,,,मैने उठते ही उसको 
फोन किया,,,,,,,हेलो ,,,

करण--हेलो सन्नी भाई कहाँ हो आप,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मैं घर पे हूँ करण ,,,,,,,,,,,,,,

करण=अरे भाई आप आज कॉलेज क्यू नही आए,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--अभी आता हूँ कुछ देर मे करण,,,,,,,,
करण--अभी क्या फ़ायदा भाई अभी तो 12 बज रहे है,,,

मैने घड़ी की तरफ देखा तो सच मे 12 बज रहे थे,,,,,,,,,,,,

करण--सन्नी भाई कल रात के लिए थॅंक्स ,,,,,,,,

सन्नी--तूने ये बोलने को फोन किए थे मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,
करण-नही भाई मैने तो ये बोलना था कि कल रात से बुरा हाल है मेरा लंड 
बार बार खड़ा हो जाता है ऑर पूजा की बहुत याद आ रही है कुछ करो सन्नी भाई बहुत दिल 
कर रहा है चूत मारने को प्ल्ज़्ज़ सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


सन्नी-ठीक है मैं कुछ करता हूँ लेकिन अभी नही,,देखता हूँ आज रात को फिर से कोई प्रोग्राम बनता है तो तुझे कॉल करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,

करण-ठीक है भाई लेकिन कोशिश करना आज हो जाए वरना बुरा हाल हो जाना है मेरा,,,,,,,

सन्नी-ठीक है मैं कोशिश करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैने फोन काट दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला ये करण तो सच मे बावला हो गया था चूत लेके इसको कैसे भी करके चूत दिलवानी 
पड़ेगी वरना जीना हराम कर देगा वैसे भी शेर के मुँह को खून ओर कुवारे लंड पर जब 
चूत का पानी लग जाता है तो वो ख़तरनाक हो जाता है,,,इसलिए मैने अगले 4-5 रात तक मोका
देख कर जब डॅड ऑर बुआ बुटीक नही जाते थे तब मैं करण के घर का बहाना करता 
ऑर करण मेरे घर आने का बहाना करता फिर हम दोनो बुटीक पर चले जाते ऑर रात भर
मैं मनीषा के साथ ऑर पूजा करण के साथ चुदाई करते रहते,,,,,,करण इन 4-5 दिनो मे 
बहुत खुश हो गया था कॉलेज मे भी हमेशा मेरे आगे पीछे दौड़ता रहता ,,,हर बात 
मानता मेरी,,इन दिनो मैने भी किसी ऑर की तरफ ध्यान नही दिया क्यूकी मनीषा की गान्ड 
बहुत टाइट थी भले ही मेरे बाप ने उसकी जमकर चुदाई की थी लेकिन फिर भी उसकी गान्ड 
मेरे लंड के मुताबिक बहुत टाइट थी जिसका मैने भरपूर मज़ा लिया 4-5 रातों मे,,,ऑर
पूजा ने भी करण के पतले ऑर लंबे लंड से हर रात मजेदार चुदाई करवाई थी
अपनी चूत की,,,,,,,,,,,


रात भर मैं बुटीक पर मनीषा की चुदाई करता तो दिन मे 
कॉलेज ही रहता कभी घर आके माँ ऑर मामा के साथ मस्ती करने को दिल नही करता क्यूकी 
पूरी रात मे बहुत थक जाता था मैं ऑर वैसे भी कॉलेज जाके कॉन्सा कुछ करता था बस 
कॅंटीन मे बैठा रहता ऑर कॉफी पीते हुए टाइम पास करता,,,,इन दिनो सोनिया भी नज़र नही
आई मेरे को 1-2 बार कविता ज़रूर आई थी मेरे पास कॅंटीन मे लेकिन उस से भी ज़्यादा बात 
नही हुई मेरी,,,,

एक दिन कॉलेज का मूड नही था तो मैं घर से तैयार होके करण के घर जा रहा था आज हमारा 
मूड घूमने फिरने का था,, मैं फ्रेश होके नीचे चला गया,,,नीचे माँ बैठी टीवी देख 
रही थी ऑर शोबा भी वहीं थी ,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या बात है दीदी आज आप कलाज नही गई,,,,,दीदी ऑर माँ दोनो ने पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शोभा--मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नही है सन्नी इसलिए नही गई,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-क्या हुआ दीदी,,,,,,,,,

शोभा-कुछ नही सन्नी बस सर मे हल्का सा दर्द है,,

तभी माँ बोली ,,,,,,बेटा भूख लगी होगी कुछ खाने को बना दूं क्या,,,

शोभा--जी माँ बहुत भूख लगी है ,,,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:08 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
माँ उठी ऑर किचन मे चली गई वो कुछ परेशान लग रही थी,,, 
मैं माँ की जगह पर दीदी के साथ बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा,,,,,,मैं टीवी देख रहा 
था तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ हरकत महसूस हुई मैने नीचे देखा तो दीदी का
हाथ मेरी पैंट के उपर था ऑर वो मेरे लंड को हाथ मे लेके दबा रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या कर रही हो दीदी माँ देख लेगी,,,,,,,,,

शोभा--,माँ किचन मे है नही देखेगी वो,,,,,,,,,,,,
सन्नी-लेकिन दीदी,,

तभी दीदी ने मेरी बोलती बंद करवा दी,,,तुझे नही पता सन्नी तेरी खातिर आज मैं कॉलेज नही गई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-क्यू दीदी,,,,,,,,,,
शोभा-आज मेरा बहुत दिल था तेरे से चुदाई करने को,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-लेकिन दीदी माँ तो घर पे है फिर कैसे हो सकता है ,,,,,,,,,,,

शोभा--स्टुपिड जानती हूँ माँ घर पे है लेकिन सुबह गाओं से फोन आया था माँ के चाचा जी बहुत बीमार है शायद अब नही 
बचने वाले हॉस्पिटल वालों ने भी जवाब दे दिया है इसलिए माँ ऑर मामा थोड़ी देर मे निकलने वाले है,,,,,,,,,इतनी देर मे माँ नाश्ता लेके आ गई,,,,,,,,,,,, 

सन्नी--अरे इतनी जल्दी तैयार हो गया नाश्ता माँ,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ-हाँ बेटा सुबह सॅंडविच बनाए थे तो तेरे लिए भी बनाकर फ्रिड्ज मे रख दिए थे,,,,,,,इतना बोलकर माँ ने सॅंडविच वाली प्लेट मुझे दी ओर खुद अपने रूममे चली गई इतने मे मामा बाहर से आ गया ऑर माँ के रूम मे चला गया ,,,मैं नाश्ता 
करने लगा ऑर टीवी देखने लगा जबकि दीदी टीवी देखते हुए बार बार मेरे लंड की दबा रहीथी मुझे डर था कोई देख ना ले लेकिन दीदी तो समझ ही नही रही थी ऑर मस्ती करती हुई बार बार मोका देख कर मेरे लंड को हल्के से दबा देती,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद माँ ऑर मामा जी बाहर निकले माँ के रूम से मामा के हाथ मे एक बॅग था,,,,,,,

सन्नी-माँ आप लोग कहाँ जा रहे है,,मैं जानता तो था अभी कुछ देर पहले ही दीदी ने बताया था लेकिन फिर भी अंजान बनतेहुए मैं माँ से पूछ रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ=बेटा मेरे चाचा जी की तबीयत ठीक नही है उन्ही की खबर लेने गाओं जा रहे है 3-4 दिन लग जाने है ,,,,,,,अब माँ झूठ तो नही बोल रही होगी क्यूकी पहले तो भाई के पास जाती थी माँ गाओं जाने का झूठा बहाना करके लेकिन अब तो भाई भी नही है ,,तो माँ को सच मे गाओं ही जाना होगा,,,,,,,,,,,,,,,,मैं प्लेट रखकर माँ ऑर मामा से मिला दीदी ने भी उनको बाइ बोला ऑर माँ के बाहर जाते ही गेट को बंद करके मेन डोर को भी लॉक किया ओर जल्दी से मेरे पास आ गई,,,,,,मैं अभी नाश्ता कर ही रहा था

,,,मेरे पास आते ही दीदी ने लंड को पॅंट से बाहर निकालने की कोशिश की ,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-रूको दीदी पहले नाश्ता तो कर लेने दो,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:08 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सोभा-तेरा पेट तो भर गया होगा अब तक अब मुझे भी मेरा पेट भरने दे सन्नी इतना बोलते ही दीदी ने लंड को बाहर निकल लिया ओर जल्दी से मुँह मे भर लिया,,ऑर मेरे हाथ से सॅंडविच वाली प्लेट को साइड के सोफे पर रख दिया मेरा लंड कुछदेर पहले दीदी के हाथों से हल्का हल्का दबा कर कुछ हद तक ओकात मे आ चुका था लेकिन दीदी के मुँह मे जाते ही लंड ने ज़ोर ज़ोर से अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया,,दीदी ने मेरे लंड को इतनी मस्ती से ऑर पागलपन से चूसना शुरू किया था कि कुछ ही पल मे लंड फुल ओकात मे आ गया ऑर मस्ती से मेरा बुरा हाल होने लगा ,,इतना बुरा हाल की मुँह मे जो सॅंडविच का एक छोटा सा टुकड़ा था उसको चबाना भी मुश्किल होने लगा था ,,लेकिन मैं जल्दी से उसको 
चबा कर निगल गया अगर कुछ देर ऑर चबाता तो शायद मस्ती की वजह से वो टुकड़ा हलक मे फस जाता ,,,,,,

दीदी के सॉफ्ट लिप्स ऑर वेट ज़ुबान ने कुछ पॅलो मे लंड को पूरा हार्ड कर दिया फिर दीदी पीछे
हटी ओर उठके अपने कपड़े निकालने लगी ऑर कुछ पॅलो मे ही नंगी हो गई ऑर जल्दी से मुझे
भी नंगा करने के लिए मेरी टी-शर्ट को पकड़ा ऑर अब तक मैं भी मस्ती मे आ गया था 
मैने भी रज़ामंदी मे अपने हाथ उपर उठा दिए ताकि टी-शर्ट जल्दी से निकल जाए ऑर टी-शर्ट 
निकलते ही दीदी ने बनियान भी निकाल दी ऑर मुझे खड़ा करके मेरी पॅंट को नीचे ज़मीन
पर गिरा दिया लेकिन मैने जूते पहने हुए थे जिस वजह से दीदी ने मेरी पॅंट को अलग
नही किया बल्कि ऐसे ही पैरो मे जूतों एक पास छोड़ दिया ऑर मुझे वापिस सोफे पर बिठा 
दिया ,,दीदी ने लंड को वापिस मुँह मे भर लिया ओर चूसने लगी मेरी भी हालत खराब हो गई 
थी मैं भी दीदी के सर को अपने हाथों मे पकड़ कर उपर नीचे करते हुए लंड से
दीदी के मुँह को चोदने मे लगा हुआ था लेकिन मुझे ऐसा करने की कोई ज़रूरत नही थी 
क्यूकी दीदी खुद ही मेरे लंड को बहुत मस्ती भरे अंदाज़ से चूस रही थी फिर भी मस्ती 
मे आके मैं खुद ऐसी हरकते कर रहा था ,,दीदी अपने मुँह को पूरा खोलकर अपने 
सर को मेरे लंड पर ज़ोर से दबा लेती जिस से मेरे लंड की टोपी दीदी के गले से अंदर तक चली 
जाती ऑर दीदी कुछ देर ऐसे ही टोपी को गले से नीचे तक घुसा कर अपने सर को उपर नीचे 
करने लग जाती मेरे को उस टाइम ऐसे लगता था जैसे मेरा लंड कि टाइट गान्ड मे 
घुसा हुआ है,,बहुत ज़्यादा मज़ा आता था उस टाइम मे ,,,फिर दीदी लंड को थोड़ा बाहर
निकालती ऑर मुँह मे लेके अपनी ज़ुबान से खेलने लग जाती ऑर कभी बाहर निकाल कर लंड पर 
ज़ुबान से चाटने लगती फिर मुँह मे जमा थूक को लंड पर थूक देती ऑर अपने हाथों से
लंड को मसल्ने लग जाती दीदी के अंदाज़ मे अब काफ़ी हद तक निखार चुका था इस कला मे 
दीदी अब बहुत माहिर हो चुकी थी मुझे कुछ ही पॅलो मे ऐसा लगने लगा था कि मेरा लंड 
पानी छोड़ देगा इसलिए मैने दीदी को लंड से हटाने की कोशिश भी की दीदी भी समझ गई
थी कि मैं क्यू दीदी को लंड से पीछे कर रहा था दीदी ने लंड से हटने की बजाए मेरे 
लंड को मुँह मे भर लिया ऑर सर को तेज़ी से उपर नीचे करने लगी साथ ही बाकी के लंड को जो 
मुँह से बाहर था उसको हाथों मे लेके मसल्ने लगी इस से ये हुआ कि 2 मिनिट मे ही 
मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया ऑर दीदी के मुँह को स्पर्म से भर दिया लेकिन दीदी फिर भी 
नही रुकी ऑर ऐसे ही मेरे स्पर्म को निगलती हुई लंड को चुस्ती रही मेरे लंड से आख़िरी 
बूँद तक स्पर्म की दीदी के हलक से नीचे उतर चुकी थी लेकिन ना तो दीदी ने मेरे लंड को
चूसना बंद किया तह ना ही दीदी के हाथ ओर मुँह की स्पीड कम हुई थी मेरे लंड ने पानी 
निकाल कर अब मुरझना शुरू भी नही किया था कि दीदी के द्वारा मस्त चुसाई से उसमे 
फिर से एक जोश भरने लगा था ऑर उसने वापिस ओकात मे आना शुरू कर दिया था,,,
Reply
12-20-2018, 04:08 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
जब लंड फिर से ओकात मे आ गया तो मैने जोश मे आके दीदी को लंड से हटाया ऑर जल्दी से 
अपनी जगह पर बिठा कर खुद ज़मीन पर बैठ गया ऑर दीदी की टाँगों को खोल कर अपने 
सर को दीदी की चूत के पास कर दिया फिर जल्दी से चूत के छोटे छोटे लिप्स को मुँह मे 
भर लिया दीदी थोड़ा पीछे होके बैठी हुई थी मैने दीदी की दोनो टाँगों को कस्के अपने
हाथों मे पकड़ा ऑर अपने करीब खींच लिया ऑर जबरदस्त तरीके से चूत को मुँह मे 
भरके चूसने लगा दीदी भी अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी 
ऑर साथ ही मस्ती मे चिल्लाने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,आहह उूुुुउऊहह
हह हमम्म्ममममममम ईएसस्स्स्स्सीई हहिईीईई कककककच्छुउसू म्मीर
ईईइ कच्छूत्त ककूऊ ब्ब्बभायईईईईईई आहह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हमम्म
आआआआअहह प्प्प्पुउर्राअ कच्ब्बाा ज्जाऊओ म्मीर्ररिइ
कच्छूटतत ककूऊ क्क्हा ज्जााआूओ ईीइसस्सस्स कच्छिीिकककककन्णिी कक्च्छामम्मील्लीी 
ककूऊ आअहह उुउऊहह बब्भ्ाऐईइ म्मीररीि cछूत्त्त कककूऊ
आपपंनी दडांन्त्तूवंन्न म्मी बभ्ार्रकक्क़ीए क्काअततटू प्प्प्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आहह,,
मैं भी दीदी की छूट को दंटून से हल्के हल्के काटना शुरू कर दिया त्तूऊऊद्द
डाा ज्ज्ज्ूओर्रर सस्सीए क्काअतत्तूओ बभहाइईईई आअहह ज्जुउउब्बाआंन्न ककूऊव
ब्भ्हीइ उउन्न्ञदडडीएरररर ग्घूउसा दद्दूऊव ब्ब्भ्हाआईईई आअहह
हह उऊहह मैने दीदी की चूत एक लिप्स को मुँह मे भर 
ऑर दाँतों से थोड़ा ज़ोर लगा कर काटने लगा दीदी भी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी फिर मैने 
अपनी ज़ुबान को दीदी की चूत मे घुसा दिया ऑर ज़ुबान को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा 
दीदी भी मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी मैं करीब 
10-15 मिनिट से ऐसे ही दीदी की चूत को चूस ऑर काट रहा था तभी एक दम से दीदी ने
मेरे सर के बालों को कस्के पकड़ा ऑर चूत पर ज़ोर से दबा दिया ऑर साथ ही मैने भी दीदी
की पूरी चूत को मुँह मे भर लिया दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया जिसको मैं पूरा का पूरा
अपने गले से नीचे तक ले गया वो पानी ज़्यादा नही था लेकिन जितना भी था बहुत ही
ज़्यादा टेस्टी था थोड़ी अजीब महक थी उसकी ऑर स्वाद भी बहुत तीखा नमकीन था लेकिन 
वो स्वाद ओर वो तेज महक मदहोश करने वाली होती है उसको वही समझ सकता है जिसने 
चूत का पानी पिया हो,,,,,,,,दीदी की चूत ने जब पानी छोड़ दिया तो दीदी ने मुझे अपनी
चूत से अलग कर दिया ऑर जल्दी से सोफे पर झुक कर कुतिया बन गई मैने भी उठा ऑर अपने 
जूते उतार कर पॅंट निकाल दी ऑर लंड को दीदी के मुँह के पास ले गया ऑर दीदी ने भी जल्दी से अपने
मुँह को खोल दिया ऑर लंड को अंदर जाने की अनुमति दे दी,,,,


मैने दीदी के मुँह कोहल्के से चोदना शुरू कर दिया ऑर 1-2 मिनिट मे जब लंड थूक से पूरा चिकना हो गया तो 
मैं सोफे पर दीदी के पीछे चला गया ऑर लंड को दीदी की चूत पर टिका दिया लेकिन तभी दीदी ने 
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर चूत से हटा कर गान्ड पर रख दिया मेने भी
लंड को थोडा धक्का दिया ऑर लंड दीदी की गान्ड मे घुसा दिया ऑर हल्के से चोदना शुरू 
कर दिया लंड दीदी के थूक की वजह से चिकना हो गया था ऑर दीदी की गान्ड भी मस्ती मे अपने
आप थोड़ी सी खुल गई थी जिस से एक ही बार मे पूरा लंड दीदी की गान्ड मे चला
गया था आहह आरररामम ससीए क्कार्रूऊ ससुउन्नयी ददार्र्द्द 
हूटता हहाइईइ लेकिन मैं मस्ती मे ज़ोर से झटके लगाने लगा था ऑर दीदी कभी आहह 
भरके दर्द हल्के दर्द का इज़हार करती तो कभी तेज़ी सिसकियाँ लेते हुए मुझे ऑर ज़्यादा
तेज धक्के लगाने को बोलने लगती ऑर मैं भी दीदी की कमर को पकड़ कर तेज़ी से धक्के 
मारने शुरू कर देता,,,,,

मेरे हाथ दीदी की कमर पर थे ऑर मैं घुटनो के बल सोफे पर बैठा हुआ था ऑर लंड को 
दीदी की गान्ड मे घुसा कर तेज़ी से चुदाई कर रहा था दीदी भी मस्ती मे सिसकियाँ लेती जा 
रही थी कुछ देर बाद दीदी ने मेरे हाथों को पकड़ा ऑर अपने बूब्स की तरफ बढ़ा दिया
मैने भी खुद को घुटनो के बल से उठा कर अपने पैरो पर खड़ा कर लिया ऑर दीदी की 
पीठ पर झुक कर दीदी के बूब्स को पकड़ लिया ऑर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए बूब्स को 
दबाने लगा दीदी अब कुतिया की तरह झुकी हुई थी ऑर मैं किसी कुत्ते की तरह दीदी के उपर
चढ़ा हुआ था ऑर दमदार चुदाई करता हुआ बूब्स को मसल रहा था दीदी भी बार बार 
मुझे तेज़ी से चुदाई करने को ऑर बूब्स को भी ज़ोर से मसल्ने को बोल रही थी ऊररर त्तीईज्ज्ज 
सीखोवूऊवुडोवू म्मूउज़्झहहीए ससुउन्नययी प्पूउर्राा ल्लुउन्न्ड़डड़ ग्घूउऊउउस्साआआ
दद्दूऊ म्म्मीमररीइ गगाआंनदडड़ म्मीईई ऊऊररररर ट्टीज ऊऊरररर ट्टीज़्ज़ज्ज्ज 
आआआहह बभहूुूथत् म्म्माीअज़्जजज्ज्जाआअ एयेए र्र्ररराहहाअ हहाऐईइ 
ससुउउन्न्नययययी ऊओररर्र ज्ज्ज्जूऊओररर सस्सीई म्म्मारअस्सल्लूऊ म्म्मीसररीए ब्ब्बूबबसस
कककूऊ ऊओरर्र्रर ज्ज्जूर्र्र ससीई आअहह उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हह हं,म्म्म्म्ममममममममममम मेरी भी स्पीड तेज थी ऑर 
हाथ भी पूरे ज़ोर से मसल रहे थे दीदी के बूब्स को ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:09 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद दीदी 
ज़रा सा हिली तो मैं समझ गया कि दीदी मुझे हटने को बोल रही है तो मैं हट गया दीदी के
उपर से ऑर तभी दीदी उठी ऑर मुझे पकड़ कर सोफे पर पीठ पीछे करके आराम से बिठा 
दिया ऑर लंड पर अपने सर को झुका कर जल्दी से मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से सर को उपर नीचे 
करते हुए लंड को चूसने लगी 2 मिनिट ऐसे ही लंड चूसने का बाद दीदी उठी ऑर दोनो 
टाँगों को खोलकर मेरे उपर चढ़ गई ऑर लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी
गान्ड पर रखा ऑर गान्ड को नीचे करते हुए मेरे लंड पर बैठ गई ऑर लंड दीदी की 
गान्ड मे समा गया अभी लंड दीदी की गान्ड मे गया ही था कि दीदी ने जल्दी से अपने हाथ 
मेरे शोल्डर पर रखे ओर तेज़ी से खुद उपर नीचे होके लंड को गान्ड मे लेके चुदाई 
करवाने लगी 


दीदी के उपर नीचे होने से उनक बूब्स हवा मे तेज़ी से हिचकोले खा रहे 
थे दीदी ने मुझे आँखों से अपने बूब्स की तरफ इशारा किया ऑर मैने भी जल्दी से अपने
हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिए लेकिन दीदी कुछ ऑर चाहती थी इसलिए खुद ही दीदी ने आगे 
बढ़ कर अपने बूब्स मेरे फेस के करीब कर दिया ऑर मेरे शोल्डर से अपने हाथ उठा कर 
मेरे सर को कस्के अपने बूब्स पर दबा दिया अब तक मेरा भी मुँह खुल चुका था ऑर 
मैने भी जल्दी से बूब को मुँह मे भर लिया ऑर जबरदस्त तरीके से चूसने लगा,,,मेरा 
लंड दीदी की गान्ड की दीवारों से एक दम सटके अंदर बाहर हो रहा था ऑर टाइट गान्ड की 
रगड़ मेरे लंड की टोपी पर होते हुए मुझे मस्ती मे पागल कर रही थी मैने
दीदी की पीठ को मस्ती मे अपने हाथों से पकड़ा ऑर दीदी को अपनी तरफ कस्के दबा लिया ऑर 
ज़ोर से अपनी बाहों मे दीदी को जकड़कर खुद अपने ज़ोर से दीदी को उपर नीचे उछालने लगा


दीदी भी मेरे हाथों की हरकत ऑर मेरे ज़ोर को समझती हुई खुद भी अपनी स्पीड को तेज करने 
के लिए अपने घुटनो को सोफे पर टिका कर तेज़ी से उपर नीचे उछलने लगी,,उधर मैं बारी-
बारी से दीदी के बूब्स को चूसने ऑर काटने मे लगा हुआ था,,दीदी भी मेरे सर को कस्के अपने 
बूब्स पर दबा रही थी ऑर मस्ती में पागलो की तरह चिल्ला रही थी घर के हॉल मे इतना ज़्यादा 
शोर हो रहा था दीदी की मस्ती भरी सिसकियों का ऑर गान्ड से बहता पानी भी लंड पर नीचे 
की तरफ इकट्ठा हो गया था जब भी दीदी नीचे होती तो लंड पर जमा पानी गान्ड की टक्कर से 
एक तेज आवाज़ करता ,,,,,,पकच पकच ऑर दीदी की मस्ती भरी सिसकियों से एक अजीब मस्ती भरा 
माहौल बन गया था हॉल मे जो मुझे भी मस्त कर रहा था ,,,,,,,हम लोग लगभग इसी 
पोज़ मे 10-12 मिनिट चुदाई करते रहे तभी दीदी एक दम से मेरे हाथों को अपनी पीठ 
से हटाने लगी ओर मैने भी दीदी की पीठ पर अपने हाथों की पकड़ को कमजोर किया लेकिन 
दीदी को आज़ाद नही किया ऑर ना ही अपने उपर से हटने दिया लेकिन तब तक दीदी मेरे उपर बैठी 
हुई ही पीछे अपनी पीठ की तरफ हल्का सा झुक गई ऑर मैने दीदी की पीठ को अपने हाथों से 
थाम कर दीदी को गिरने से रोका ऑर एक दम से दीदी की पीठ पर हाथ लगा कर उनको 
संभालते हुए खुद खड़ा हो गया ,,,,दीदी को ऐसे गोद मे उठाकर मैं वापिस पलट गया ऑर 
दीदी को सोफे की तरफ कर दिया दीदी कुछ समझ नही रही थी ,,,मैने दीदी को अपनी
बाहों मे पकड़े हुए उनकी पीठ को अपने हाथों का सहारा देते हुए लंड को दीदी की गान्ड
मे ही रखा ऑर ऐसे ही खड़े खड़े दीदी की चोदना शुरू कर दिया अब तक दीदी कुछ कुछ 
समझ गई ऑर दीदी ने पीठ को हल्का सा ऑर झुका दिया ऑर अपने हाथ नीचे करके सोफे का 
सहारा लेते हुए खुद के सर ऑर पीठ को सीधा करने की कोशिश की ओर खुद को थोड़ा अड्जस्ट 
किया दीदी के अगले जिस्म का सहारा तो सोफे पर था लेकिन कमर पर मेरे हाथ थे जिस से गान्ड
हवा मे उठी हुई थी ऑर मैं ऐसे ही दीदी को गोद मे झुका कर चुदाई कर रहा था दीदी 
मेरी इस हरकत से बड़ी खुश लग रही थी मैं खुद आगे पीछे होने की जगह दीदी के जिस्म
को पीठ से पकड़ कर उनको ही आगे पीछे कर रहा था ऑर खुद एक ही जगह पर खड़ा हुआ 
था मेरी हाथों की पकड़ दीदी की पीठ पर बहुत मजबूत हो गई थी ऑर मैं पूरे ज़ोर से दीदी 
की पीठ को आगे पीछे करते हुए लंड को पूरा जड़ तक दीदी की गान्ड मे घुसा रहा था,,,,,
आआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तततूऊऊ ब्बाददीए म्मएम्मूऊओददड़ म्म्म्मी हहू
ससुउउन्नयी क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जाअ द्डदीए र्राहही हहूऊओ आप्प्पनन्िईिइ ददिदडिई 
ककूऊव आआहह उूुउऊहह ब्बास्स ीईसस्सीई हहिईिइ दडील्ल्ल 
कककाररत्ता हहाइईइ त्त्त्तीर्र्रा ल्ल्लुउन्न्ञदड़ म्मीरीइ गगाणन्ंदड़ ककूऊ कच्छूड्ड़तता
र्राहही ऊर्रररर म्मैतईन्न्न बभहिईिइ ीसससी हहिईिइ त्टीरीईइ ब्बाहहूओंन्न म्मी 
प्पिग्घल्ल्लीइी र्राहहुउऊउ आअहह ऊऊरररर ज्ज्ज्ूओर्रर सस्सीईए कच्छूऊद्दद
म्म्मीघरररीए ब्भ्ह्हाईइ आपपनन्िईिइ प्पययार्ररीि दडिड्डिईई ककूऊ प्पूउर्र्राा 
मम्मूओस्साल्ल्ल ग्घुउऊसाआ द्डदीए म्म्मीलररीि गगाणनदडड़ म्म्मी्ईई ऊओररर 
त्त्टीज्जज ऊऊरररर त्त्त्त्तीईएज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मैं भी दीदी की सिसकियों से ज़्यादा स्पीड से दीदी की चुदाई कर
रहा था तभी 5-7 मिनिट के बाद दीदी ने ऑर ज़्यादा तेज़ी से चिल्ल्लाना शुरू कर दिया मतलब 
दीदी का काम होने ही वाला था दीदी ने जल्दी से अपने एक हाथ को सोफे से उठा लिया ऑर अपनी 
चूत पर रखके तेज़ी से चूत को मसल्ने लगी अब दीदी का एक हाथ सोफे पर था तो मैने 
अपने दोनो हाथो से मजबूती से दीदी को थामा ओर दीदी की पीठ को हिलाना छोड़ कर खुद 
तेज़ी से आगे पीछे होने लगा इतने मे ही दीदी ने तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी निकाल दिया ऑर सारा 
पानी मेरी टाँगों से होते हुए ज़मीन पर गिरने लगा लेकिन दीदी ने मुझे रुकने को नही
बोला ऑर ना ही मैं रुका अब दीदी का सारा पानी निकल गया तो दीदी ने अपने दूसरे हाथ को भी 
सोफे से हटाने की कोशिश की तो मैने भी अपने एक हाथ को नीचे से दीदी की पीठ से हटा कर
थोड़ा उपर उनके शोल्डर की तरफ करके उनको सहारा दिया ,,दीदी ने भी मेरे हाथ के सहारे
का फ़ायदा उठाते हुए अपने आप को थोड़ा सीधा किया ऑर जल्दी से दोनो हाथों को मेरे 
शोल्डर से घुमा कर मेरी गर्दन पर जाकड़ लिया ऑर खुद आगे होके मेरे से लिपट गई दीदी 
के बूब्स मेरी छाती से दब गये ,,,
Reply
12-20-2018, 04:09 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने दीदी की पीठ से अपने हाथ उठाकर दीदी की गान्ड पर रख दिए ऑर गान्ड को तेज़ी से 
उपर नीचे करने लगा तभी दीदी ने एक तरफ देखा ऑर मुझे भी उधर जाने का इशारा किया 
ऑर मैं भी दीदी को ऐसे ही बाहों मे भरे उस तरफ चलने लगा अब मैने धक्के
मारने बंद कर दिए थे ऑर दीदी को बाहों मे उठाकर डाइनिंग टेबल की तरफ चलने लगा 
ऑर वहाँ जाके मैने दीदी को टेबल पर लेटा दिया ऑर खुद ज़मीन पर खड़ा होके फिर
से तेज़ी से दीदी की गान्ड को चोदने लगा दीदी मस्ती मे थी क्यूकी आज मैं दमदार तरीके 
से दीदी को चोद रहा था दीदी पानी निकाल चुकी थी लेकिन अभी भी मैदान मे अच्छी खिलाड़ी 
की तरह डॅट कर मेरा मुक़ाबला कर रही थी ऑर मुझे तेज़ी से चोदने को बोल रही थी मैं भी 
दीदी के चेहरे पर झलक रही मस्ती देख कर मस्त हो रहा था ऑर उसी मस्ती मे मस्त 
चुदाई करके दीदी को ऑर भी ज़्यादा मस्त कर रहा था,,,,दीदी भी अब ऑर ज़्यादा पागल
हो चुकी थी मस्ती मे वो टेबल पर लेट कर खुद की बाहों को खोलकर मस्ती मे एंजाय 
करती हुई हाथों को इधर उधर झटक रही थी जिस से टेबल पर पड़ा हुआ समान नीचे 
गिरने लगा हुआ था कुछ काँच के बर्तन भी नीचे गिरके टूट गये थे लेकिन हम दोनो मे 
से किसी को उनकी फिकर नही थी फिकर थी तो बस चुदाई ख़तम होने की क्यूकी ना दीदी चाहती थी 
कि अब उनका पानी निकले ऑर ना ही मैं चाहता था क्यूकी आज कुछ अलग ऑर बेहतरीन
मज़ा आ रहा था हम दोनो को 


तभी दीदी ने मेरे हाथों को पकड़ा जो उनकी कमर पर 
थे ऑर मुझे अपने उपर झुकाने के लिए अपनी तरफ खींच लिया लेकिन ऐसा करते ही लंड को 
दीदी की गान्ड मे जाने को मुश्किल होने लगी तो दीदी ने जल्दी से अपनी टाँगों की अपने हाथों
से पकड़ा ऑर अपने पैर सर की तरफ करके टाँगों को मोड़ने लगी उतनी देर मे मैं खुद दीदी 
के उपर झुक चुका था ऑर दीदी की टाँगें भी पीछे की तरफ जा चुकी थी मैं दीदी का 
मकसद समझ गया था कि क्यू उन्होने मुझे अपने उपर झुकने को बोला था ऑर उसी मकसद 
को पूरा करने के लिए मैने अपने मुँह को खोला ऑर दीदी के एक बूब को मुँह मे भर लिया ऑर 
चूसने लगा तभी दूसरे बूब को हाथों से मसल्ने लगा ,,,,,,,,,,,,,आहह 
ीईसस्स्स्स्स्सीईईई हहिईीईईईईईई कककककककचहुउऊस्स्ूओ म्मीररी 
प्पययाररी ब्बाहहिि आअपपननीी दडियड्ड्डीई क्की ब्बूवबबसस कककूऊ ऊओरर ज्जूओर्रर्र 
ससीए म्मास्सल्लूऊ ईिईन्नक्कूव ऊरर प्पययारर सससी च्छुउसूऊ आपपंनी 
दडांन्त्तूओन्न सस्सीए ककाट्टू इन्नक्कूव आहह उूुुुउऊहह
कककखहाा ज्ज्जाआओ म्म्मीकररी ब्बूवोब्ब्स्स्स कक्कूव ब्ब्बबभाईईइ आअहह मैं 
भी लंड को दीदी की गान्ड मे जड़ तक घुसा कर तेज़ी से धक्के मारते हुए दीदी के बूब्स को 
बारी बारी से मसल ऑर चूस रहा था तभी कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने 
वाला हूँ तो मैने अपने एक हाथ को जो दीदी के बूब पर था उसको दीदी की चूत पर रखा 
ऑर चूत को तेज़ी से मसल्ने लगा ऑर 2 उंगलियाँ चूत मे घुसा कर तेज़ी से दीदी की चूत को 
उंगलियों से चोदने लगा दीदी समझ गई कि मेरा होने वाला है तो दीदी ने भी अपनी एक टाँग 
को अपने हाथ से छोड़ दिया ऑर अपने हाथ को भी अपनी चूत पर ले गई ऑर मेरे हाथ के साथ 
साथ खुद भी अपनी चूत को रगड़ने लगी मेरे हाथ से ज़्यादा तेज स्पीड थी दीदी के हाथ की 
उनकी चूत पर जिसके एहसास से दीदी पागल होकर तेज़ी से सिसकियाँ लेने लगी करीब 2 मिनिट 
बाद ही दीदी की चूत ने फिर से पानी निकालना शुरू कर दिया ऑर मैने भी तेज़ी से धक्के
मारते हुए दीदी की गान्ड को अपने लंड के पानी से भर दिया अब की मस्ती कुछ ज़्यादा ही हो 
गई थी जिसकी वजह से लंड से बहुत ज़्यादा पानी निकला था जिसको निकलने मे भी कम से कम
10 सेक का टाइम लग गया था पानी निकलते ही मैने लंड को दीदी की गान्ड से निकाला ऑर टेबल 
पर दीदी के साथ ही लेट गया ,,,,,,मैं ऑर दीदी नंगे ही टेबल पर लेट कर तेज़ी से साँसे लेने 
लगे हुए थे,,,,,,,
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