09-18-2018, 12:13 PM,
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RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
रवि का लंड कुछ ही देर मे तन कर फूल गया. रज़िया का दिल फिर से जोरों से धड़कने लगा.वो अपनी मुट्ठी मे रवि के लंड को भींचे हुए हाथ से हिलाते हुए चूस रही थी. रवि का लंड रज़िया के थूक से सन चुका था. जब रवि का लंड पूरी तरह ना खड़ा हो गया. तो रज़िया ने रवि के लंड को मुँह से निकाल दिया. और रवि की बगल मे अपने पैरों को चौड़ा कर लेट गयी.
रज़िया: आ रवि अब जल्दी से अपना लौडा मेरी चूत मे घुसा दे.
रवि उठ कर रज़िया की जाँघो मे आ गया. और रज़िया की टाँगों को मोड़ कर ऊपेर उठा दिया. रज़िया की चूत का छेद रज़िया के रस से भीगा हुआ था. और कभी सिकुड और फैल रहा था. रवि का लंड रज़िया की चूत के रसीले छेद को देख कर झटके खाने लगा. रवि एक टक रज़िया की चूत के छेद को घूरे जा रहा था.
रज़िया: क्या देख रहा है छोरे.
रवि: काकी वो आपकी चूत का छेद ऐसे क्यों खुल और बंद हो रहा है.
रज़िया: (रवि की बात सुन कर मुस्कुराने लगी. उसे रवि के भोले पन पर बहुत प्यार आ रहा था) अर्रे मेरे राजा . वो तो तेरे लंड के लिए तड़प-2 कर अपने आँसू बहा रही है.
रवि: काकी मे एक बार इसे प्यार करना चाहता हूँ.
रज़िया: तो कर ले ना किसने मना किया है. ये चूत तेरी ही तो है.
और रज़िया ने अपने दोनो हाथों को नीचे ले जाकर अपनी उंगलियों से फैला लिया. जिससे रज़िया की चूत का गुलाबी छेद पूरी तरह खुल कर रवि की आँखों के सामने आ गया. और रवि अपनी हसरत भरी नज़रों से रज़िया की चूत के लबलबा रहे छेद को देखने लगा. फिर कुछ देर देखने के बाद रवि रज़िया की चूत के ऊपेर झुक गया. और अपने मुँह को रज़िया की चूत के बहते हुए छेद पर लगा दिया.
रज़िया: ओह्ह्ह्ह रवि मेरे राजा एयाया बेटा ओह्ह्ह्ह हाआँ चुस्स्स ले अपनी काकी की चूत का रस ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईई
रवि धीरे-2 अपनी जीभ बाहर निकाल कर रज़िया की चूत के भीगे हुए छेद को चाटने लगा. पर कुछ ही पलों मे रज़िया की चूत का रस रवि के मुँह मे घुल गया. जिसका रवि आदि नही था. उसे उबकाई आने लगी.
रज़िया: (रवि की हालत देखते हुए) एक आहह एक मिनिट रुक बेटा ओह्ह्ह्ह. जा वहाँ से वो कपड़ा उठा ले आ.
रवि ने उस ओर देखा जिस ओर रज़िया इशारा कर रही थी. दीवार के साथ पड़े संदूक के ऊपेर एक पुराना सा कपड़ा रखा हुआ था. रवि उठ कर वहाँ गया. और कपड़ा उठा कर फिर से रज़िया की जाँघो के बीच मे बैठ गया. रज़िया ने रवि के हाथ से कपड़ा लिया, और अपनी चूत को सॉफ करने लगी. जब रज़िया की चूत एक दम सूख गयी. तो रज़िया ने कपड़े को एक तरफ फेंक दिया.
रज़िया: अब चाहे जितना दिल करने उतना प्यार कर ले अपनी काकी की चूत को, मे भी तो बरसों से तड़प रही हूँ, कि कोई मेरी चूत को इस तरहा प्यार करने.
रवि रज़िया की वासना से भरी आँखों मे फिर से देखते हुए. उसकी चूत पर झुकने लगा. रज़िया अपनी साँसे रोके अपनी चूत पर रवि के होंठो के स्पर्श का इंतजार करने लगी. और जैसे ही रवि के होंठो ने रज़िया की फूली हुई चूत को छुआ. रज़िया ने अपने होंठो को दाँतों मे भींचते हुए अपने आँखों को बंद कर लिया.
रज़िया: उम्ह्ह्ह्ह्ह ओह रवि. हाआअँ आईसीई ही अपनी काकी कीयेयी चूत को प्यार करो. ओह्ह्ह सच मे बहुत अच्छा लग रहा है. ओह मेरी राजा एयेए बेटा. तूने तो लगता हाई पीछे से ही सब कुछ सीख कर आया है. उम्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह रवि. और ज़ोर सीई चूस. ओह ओह .
रज़िया का बदन मस्ती मे कांप रहा था. और रज़िया अपने दोनो हाथों की उंगलियों को रवि के बालों मे घुमा रही थी. और धीरे-2 अपनी कमर को उचका कर रवि के मुँह पर अपनी चूत को रगड़ रही थी.
रज़िया एक दम गरम हो चुकी थी. उसकी चूत मे फिर से उसका रस आने लगा था. रज़िया ने अपने हाथों से रवि के कंधों को पकड़ कर ऊपेर खींच लिया. और अपने मस्ती से भरी हुई आँखों से रवि को देखने लगी.
रज़िया: (काँपती हुई आवाज़ मे) ओह्ह रवि आज तूने मस्त कर दिया. ओह्ह्ह बेटा अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे घुस्सा दे. ओह्ह्ह रवि.
रज़िया ने एक हाथ से रवि के लंड को जड से पकड़ लिया, और लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर टिका दिया. और मदहोशी से भरी आवाज़ मे बोली.
रज़िया: ले मेरी राजा आ, अपनी रज़िया की चूत मे डाल दे अपना लौडा.
ये बात सुनते ही, रवि ने बिना कोई पल गँवाए ज़ोर दार धक्का मारा. लंड चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ एक ही बार मे आधा अंदर घुस्स गया. और रज़िया के मुँह से मस्ती और दर्द से भरी हुई आह निकल गयी.
रज़िया: ओह जालिम क्यों कहर ढा रहा है, अपनी काकी की चूत पर. ओह्ह्ह धीरे कर्र. बहुत दर्द होता है.
रवि को इस रात की पहली चुदाई की घटना याद आ गयी. जिसमे रज़िया ने उसे कहा था. वो जैसे चाहे उसे चोद सकता है. ये सोचते ही रवि के दिल की धड़कने बढ़ गयी. और रवि ने रज़िया की टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उसके सर के ऊपेर कर दिया. और एक और ज़बर्दास्त धक्का मारा. इस बार रवि का लंड और तेज़ी से रज़िया की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया, और रज़िया की बच्चेदानी से जा टकराया.
रज़िया: अहह मार्र डाला ओह रवीीई धीरीए-2 कर्र ओह्ह्ह.
रवि: (तेज़ी से साँस लेते हुए) काकी मे तुझे कस-2 के चोदना चाहता हूँ. मे तेरी चूत को फाड़ना चाहता हूँ.
रज़िया: (अपनी चूत को रवि के लंड पर कसी हुई महसूस करके गरम होते हुए) आह रवि जैसी मर्ज़ी चोद ले . जितने जोर्र्र से चोदना चाहता है चोद ले ओह्ह्ह बससस्स एक वादा कारर्र मुझे कि तू मुझे जब भी टाइम मिलेगा चोदने आ जाएगा.
रवि: हां काकी जब भी तुम कहो गी. मे तुम्हें ज़रूर चोदुन्गा.
रज़िया: ( रज़िया के होंठो पर रवि की ये बात सुन कर मुस्कान फैल गयी.) एक मिनिट यारा. अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल. फिर तुझे बताती हूँ. जब किसी की जोरदार चुदाई करनी हो तो कैसे करते हैं.
रवि ने अपने लंड को रज़िया की चूत से बाहर निकाल लिया. जो रज़िया की चूत के पानी से एक दम भीगा हुआ था. जैसे ही रवि ने अपना लंड रज़िया की चूत से निकाला. रज़िया उठ कर उल्टी हो गयी. और डॉगी स्टाइल मे आ गयी. फिर रज़िया अपनी गान्ड को उठा लिया. और अपनी कमर को अंदर की ओर मोडते हुए आगे से नीचे झुक गयी. जिससे उसकी फूली हुई गीली चूत पीछे से बाहर की तरफ आ गयी.
ये सब देख रवि का लंड और तेज़ी से झटके खाने लगा. उसके लंड के नसें और कस गयी.
रज़िया: आज्जा मेरे शेर, अब डाल दे अपना मुनसल मेरी चूत मे. फिर मेरे गान्ड को पकड़ कर ज़ोर-2 से अपना लंड मेरी चूत मे पेलना.
रवि रज़िया की बात सुन कर उसके पीछे आ गया. और घुटनो के बल बैठ कर थोड़ा सा उँचा हो गया. जिससे उसका तना हुआ मोटा लंड उसकी चूत के छेद के बराबर हो गया. रज़िया अपने एक हाथों को अपनी दोनो जाँघो मे से निकाल कर अपनी चूत की फांकों को फैलाए हुए थी.
ये देख रवि के लंड और तन गया, और रवि ने अपने लंड के सुपाडे को रज़िया की चूत के गुलाबी छेद पर टिका दिया. जैसे ही रवि के लंड का गरम सुपाडा रज़िया की चूत के छेद पर लगा. रज़िया के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और उसकी चूत की दीवारों मे सरसराहट होने लगी. रज़िया ने अपना हाथ वहाँ से हटा लिया. और दोनो कोहानियों को नीचे टिका दिया.
जैसे ही रज़िया ने अपनी चूत की फांकों को चौड़ाया. उसकी चूत की फाँकें रवि के मोटे लंड के गुलाबी सुपाडे के चारों ओर कस गयी. जैसे वो रवि के लंड को अपने अंदर खींच लेना चाहती हों.
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