10-30-2019, 11:59 AM,
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RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
थोड़ी देर बाद रचना ने अपना हाथ हटा लिया मैंने भी अपना हाथ हटा लिया हम सबने खाना खा लिया था अब मैं बस यही सोच रहा था की अब हम दोनों रूम में अकेले होंगे मैं अब रचना को और खोलना चाहता था और मैंने इसके लिए एक आईडिया भी सोच लिया थोड़ी देर बाद पापा मम्मी अपने रूम में चले गए और हम अपने रूम में आ गए रूम में आते ही मैंनेरचना को हग कर लिया वो भी मुझसे लिपट गई फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगा उसके होंठ चूसने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ के उसे बेड पे ले गया वो शर्माती हुई मेरे साथ साथ चलने लगी मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और उनके पास बैठ के उनसे कहा
"रचना मुझे तुझसे कुछ कहना है" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "मैंने पिछले दिनों मॉम और डैड को चुदाई करते देखा था तब ही से में मॉम को चोदना चाहता हु ये कहते हुए मैंने उसके टॉप के गले को खींचा और अंदर देखने लगा रचना ने चोंक कर कहा ,क्या भैया अब आप मॉम को भी ?में ने कहा " हा रचना मेने इन सबके लिए बहुत इंतजार किया है ,मॉम इतनी सेक्सी है की में अब उन्हें भी चोदना चाहता हु,बल्कि तुम दोनों को साथ साथ एक ही बेड़ पर चोदना चाहता हु ,रचना ने कहा भैया पहले लाइट बंद कर दो मुझे बहुत शर्म आ रही है" मैंने कहा "रचना अब शर्म की कोई बात नही है चल अभी इस बात को छोड़ मुझे अभी तुझे ढंग से देखना है" तो उसने कहा "अभी नहीं प्लीज लाइट बंद कर दे" मैंने कहा "ठीक है एक शर्त पे" उसने कहा "क्या" मैंने कहा "तुम अपने हाथ से सहलाओगी" उन्होंने कहा "क्या" मैंने कहा "मेरा लंड" उसने धीरे से कहा "ह्म्म्म आप पहले लाइट बंद कर दे जल्दी" मैंने लाइट बंद की और बेड पे सहारा लेके बैठ गया और रचना को खुद से चिपका के अपनी बाँहों में भर के बिठा लिया रचना भी मुझसे चिपक के बैठ गयी और अपने हाथ से लोअर पे से मेरा लंड सहलाने लगी मैंने कहा "रचना तुम इतनी खूबसूरत हो की में बता ही नही सकता,तुम्हारी चूत तुम्हारे बोबे सभी लाजवाब है मैंने कहा "रचना सहलाती रहो ना मेरा लंड" रचना बोली "हाँ सहला तो रही हूँ" और वो मेरा लंड सहलाने लगी फिर वो बोली "मुझे दो तीन बार पता चला था जब आपने मेरे बदन पे हाथ फेरा था जब मैं सो रही थी" मैंने कहा "क्या रचना तुझको पता था तो उस रात कुछ बोला क्यों नहीं" वो बोली "क्या बोलती" फिर मैंने कहा "रचना तूने टेबल के नीचे अपनी टांगें क्यों नहीं खोली थी, ना आप अभी खोल रही हो ,मुझे सहलाने दो ना तेरी चूत" वो बोली "अरे समझा करो " मैंने कहा "क्या तुझको मजा नहीं अत जब मैं सहलाता हूँ तेरी चूत" तो वो बोली "वो बात नहीं है भैया प्रॉब्लम है " मैंने कहा 'क्या" वो बोली "डाउन हूँ" मैंने कहा "मतलब" तो वो बोली "अरे सिली पीरियड्स में हूँ" मैंने कहा "कैसे रचना शाम को जब मैंने तेरी पेंटी में हाथ डाला था तब तो कुछ नहीं था" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "अरे स्कूल से आके पैड हटा दिया था जलन हो रही थी"
मैंने पूछा "रचना तुम कौनसा पैड यूज़ करते हो" वो बोली "व्हिस्पर अल्ट्रा" मैंने कहा "रचना तू फ्री कब होगे" वो बोली "मंडे को" उनकी ये सब बातें सुन के मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसने सब कुछ मुझे बता दिया था मैं रचना को किस करने लगा फिर उसके टॉप पे से उनके बोबे दबाते हुए कहा "रचना लोअर के अंदर हाथ डालो ना अंदर से सहलाओ ना" उसने हाथ अंदर डाला और मेरे नंगे लंड को सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने रचना के टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा और वो मेरा नंगा लंड अपने हाथ से सहलाने लगी तभी लाइट चली गयी पंखा कूलर बंद हो गया मम्मी की आवाज आई "अरे रचना लाइट चली गई है तुम लोग हमारे रूम में आजाओ पता नहीं कब आएगी लाइट अब इन्वर्टर दो रूम का लोड नहीं ले पाएगा यहीं आजाओ दोनों " रचना बोली "हाँ मम्मी" वो उठने लगी मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला "बट रचना " वो बोली "चलो आ जाओ बाथरूम में, मैं आपको फ्री कर देती हूँ नहीं तो दर्द होगा और जल्दी कर फटाफट मम्मी कहीं अंदर ना आजाए" हम बाथरूम में गए बाथरूम में अँधेरा था कुछ दिख नहीं रहा था फिर रचना ने मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी मैं उसे किस करने के लिए आगे बड़ा वो बोली "किस नहीं आवाज होगी" वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को हिलाने लगी और मैंउसके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया उसने शमीज भी पेहैन रखी थी लेकिन शमीज बार बार नीचे आ रही थी रचना बोली "रुको " उसके हाथ मेरे लंड से हट गए थोड़ी देर बाद उसने वापस मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और बोली "अब कर लो " मैंने हाथ फेरा तो उसके खड़े हुए निप्पल मुझे टच हुए मैंने कहा "रचना तूने सब कुछ ...." इतने में वो बोल पड़ी "हाँ मैंने टॉप शमीज और ब्रा सब उतार दी है जल्दी करो "
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10-30-2019, 12:00 PM,
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RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैंने कहा "रचना हुक खोलो ना " वो अपने हाथ पीछे लेके गई और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया रचना कि वाइट ब्रा नीचे गिर गई मैं रचना के सेक्सी बदन को निहारने लगा अब वो मेरे सामने बस पेंटी में थी मैं उसके नंगे बोबे देख रहा था इतने मैं वो बोली "ऐसे मत देख ना मुझे शर्म आ रही है " मैंने कहा रचना तेरे बूब्स बहुत प्यारे है बहुत ही सेक्सी है" और ये केह के मैं अपने हाथों से उसके दोनों नंगे बोबे दबाने लगा फिर मैंने उसका एक बोबा अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ से रचना कि पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उसे बहुत मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों बोबे चूसे और फिर मैंने अपना हाथ रचना कि पेंटी में डालना चाहा लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली "भैया अभी नहीं ना और अब ज्यादा मत करो नहीं तो प्रॉब्लम होगी मुझे पेन भी हो रहा और अपन ने गेट भी ढलका रखा है अगर पापा मम्मी में से कोई भी उठा और उन्होंने देखा तो उन्हें शक ना हो जाए " मैंने उनसे कहा "ठीक है रचना लेकिन तू मुंह में लो ना मेरा "
उसने कहा "हम्म्म्म " और वो घुटनो के बल बैठ गई और मेरा लोअर नीचे किया मेरा खड़ा हुआ लंड उसके सामने था उसने पहले मेरा लंड अपने हाथ से सहलाया उसे ऊपर नीचे किया फिर उसे किस किया और फिर उसे अपने मुंह में ले लिया मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया आज मेरा लंड मेरी प्यारी बहन के मुंह में था मैंने देखा रचना बस पेंटी में बैठी थी और मेरा लंड उसके मुंह में था मुझे बहुत मजा आ रहा था वो मेरा लंड चूस रही थी मैंने रचना का क्लिप उसके बालों में से हटा दिया और उसके बाल खुल गए मैं उसके लम्बे घने खुले हुए बालों को सहलाने लगा रचना मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर ही कर रही थी मैं समझ गया कि रचना को लंड चूसना नहीं आता और वेसे भी मेरा लंड ही था जो उसने पहली बार चूसा होगा ये मुझे पता था वो मेरा लंड चूस नहीं रही थी बस उसे अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसे शायद नहीं पता था कि लंड कैसे चूसा जाता है लेकिन मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा लंड मेरी प्यारी बहन रचना चूस रही थी मेरा लंड उसके मुंह में था
उसके बाल मेरे एक हाथ में थे मैं थोडा सा नीचे हुआ और झुक के अपने दूसरे हाथ से रचना कि नंगे बोबे को पकड़ लिया और उसे दबाने लगा अब रचना मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके नंगे मुलायम गोरे बोबे दबा रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी रचना ने मेरा लंड अपने मुंह से निकाला और बोली "जब होने वाला हो तो बता देना " मैंने कहा "हाँ रचना लेकिन मुझे तेरे बूब्स पे निकालना है " वो मुस्कुराई और वापस मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं जल्दी जल्दी उसके बोबे दबाने लगा और वो समझ गई उसने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला और मुझे देखते हुए जल्दी जल्दी उसे हिलाने लगी ऊपर नीचे करने लगी और मैंने उसके बाल छोड़े और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बोबो को पकड़ लिया और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा और थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मेरा थोडा सा मुट रचना के चेहरे पे गया और बाकि उसके बोबो पे मेरा मुट निकलने के बाद भी वो मेरे लंड को हिलाती रही फिर वो उठी और हमने एक लम्बा सा किस किया फिर वो पलट के जाने लगी मैंने कहा "कहाँ जा रही हो रचना " वो बोली "साफ करने खुद को और कपडे पहनने ऐसे ही सो जाऊं और वो बाथरूम में चली गई .....रचना को में पहले चोद चूका था लेकिन तब मेने जबरदस्ती की थी और अब में उसके साथ चुदाई उसकी इच्छा के साथ आराम आराम से करना चाहता था। न जाने मुझे क्या सूझी की में कमरे से बहार निकला और मॉम के कमरे की तरफ चला ,लेकिन वंहा जाकर मुझे निराशा हुई ,शायद डैड आ गए थे और रूम अंदर से बंद था। मेने के होल में से अंदर देखा तो डैड मॉम को कह रहै
चल नंगी हो भेन की लौड़ी ...!" शायद डैड ने बहुत ज्यादा शराब पी राखी थी ,मॉम ने तुरंत अपने सरे कपडे उत्तर दिए और वो बिलकुल नंगी हो गयी। डैड ने माँ से कहा आज में तेरी बीबी समझ कर चुदाई नही करूँगा बल्कि ये समझूंगा की तू एक रंडी है ,डैड ने कहा
..बोल भेन की लौड़ी बोल ....!तुझे मंजूर है,मॉम ने अपनी गर्दन हा में हिला दी। डैड ने फिर कुछ देर तक मॉम के होंट चुसे ,गाल चूमे फिर दोनों को कच कचा कर काट खाए !
" बोल रंडी ..तू मेरी रखेल है ..."
"चोद - चोद के तुझे हिरोइन से छिनाल रांड बना दूंगा ...चल भेन की लौड़ी मुह खोल
...!"
अपना लोडा मॉम के खुले मुह में आधा ठूंस दिया !
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10-30-2019, 12:01 PM,
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RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
लोडे को अपनी चूत में फूलता पिचकता महसूस कर मॉम और कस कर डैड की चौड़ी
नंगी छाती से चिपक गई
मानो उसका एक एक बूँद वीर्य अपनी योनि में भर लेना चाहती हो !
कब तक देखते रहोगे ? आओ मेरे पास आओ, और मुझे चोदो. देख नही रहै हो मै कब से
अपनी चूत खोले चुदासी खड़ी हूँ. आओ पास आओ और अपने मोटे लंड से मेरी चूत को खूब
अच्छी तरह से रगड़ कर चोदो ."
डैड मॉम की ये बाते सुन कर चूत को जीभ से चाटने लगे . वो मॉम की चूत को पूरी अंदर तक चाट रहै थे , कभी
कभी उनकी जीभ मॉम की चूत के मटर -दाने को भी चाट लेती थी या फिर अपने दांतों में
लेकर धीरे धीरे से काट लेते थे ,मॉम
अपनी चूत चटाई से बिल्कुल पागल हो गयी और बड़बड़ाने लगी "आ आ आह हह हह मेरे
अनिल , बहुत मजा आ रहा है. चूसो, खूब जोर से चूसो ओ ऊ ओ ओऊ ओऊ ओह हह उ ऊह.
मॉम उनका सर पकड़ कर मुंह में अपनी चूत को चूतड उछाल उछाल कर रगड़ रही थी.
डैड की चूत चटाई से बिल्कुल पागल हो गयी थी
लंड पूरा का पूरा मॉम चूत में घुस गया. वो मस्ती में आकर चिल्ला पड़ी थी आ आ आह ह
हह ओ ओ ऊ ह हह हहा आ आ. हाय अनिल , बहुत अच्छे. पेलो मेरी चूत को, जोर से पेलो.
फाड़ दो मेरी चूत रानी को, आज सालों बाद इतनी हसींन चुदाई हो रही है इस छिनाल
चूत रानी की. साली को लंड लेने का बहुत शौक था. चोद दो, फाड़ दो आ अ आ आह ह
हह. उ ऊ उई ईई में ई ईएर ररर ई मम म माँ आया आ यी यी ममा अर्रो ऊऊ धक् कक्क के
ईई ज्जोर र से ई ई मम ममेरे ल न न ड ड वाल्ले "डैड कह रहै थे
साली, बड़ी जल्दी है तुझे ? चल घोड़ी बन जा साली रांड ! जल्दी कर ! मुझे तो
तुजसे ज्यादा जल्दी है ! रंडी, कब से सोच रहा था कि कब तुझे ऐसे चोदूँ !
. साली रंडी, तेरी गांड का तो आज मैं बुरा हाल बना कर छोड़ूंगा !
मॉम भी कहने लगी- हाँ कुत्ते ! कर ना !
और वो डैड का साथ देने लगी....डैड मॉम की चूत पर बहुत सा थूक लगा कर जोर जोर से चोदने
लगे । अब वो मजे से चुदने लगी ....और डैड को भी मजा आने लगा...... थोड़ी देर में डैड ने ढेर सारा वीर्य माँ की चूत में भर दिया ,इधर मारा लंड पुरे शवाब पर आ चूका था
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