08-22-2018, 10:50 PM,
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RE: Gandi Kahaniya सहेली के पापा
"जी पापा." मैं मस्त हो चूचियों को उचकाकर सहेली के बाप से बोली.
मुझे इस समय जन्नत सा मज़ा आ रहा था. दोनो चूचियों को एक साथ
हाथ से पकड़ रीता के पापा ने मेरी शरम को धो दिया था. मैने
मस्त हो उनको देखा तो वो बोले,
"तुम्हारे पापा तुमसे मज़ा नही लेते क्या?"
"जी नही."
"तभी तो छ्होटी-छ्होटी हैं तुम्हारी. कोई बात नही मैं बड़ी कर
दूँगा. बहुत मज़ा आता है लड़कियों को. अभी तुम एकदम नादान हो.
तुमको सब सीखना होगा. अब बराबर आओगी ना?"
"जी पापा." अब मेरे बदन मे 440 वॉल्ट का करेंट सा दौड़ रहा था.
चूत के दोनो फाँक खड़े थे. तभी मैने अपने हाथ को अपनी चूत
से अलग कर अपनी चूत को रीता के पापा के सामने कर दिया. मेरी गदराई
सोलह साल की अनचूदी चूत थी, देखकर भला कौन ना मस्त होता.
रीता के पापा का लंड मेरी चूत देखते ही झटके खाने लगा. वह मेरी
चूत को नशीली नज़रो से ऐसे देख रहे थे जैसे पहली बार चूत
देख रहे हो. नंगी चूत को इक मर्द को दिखाने मे मुझे बड़ा मज़ा
आ रहा था. मेरी नंगी चूत पर हाथ फेरते हुवे बोले,
"चूत तो तुम्हारी बहुत खूबसूरत है. चोदने लायक है, खूब मज़ा
आएगा तुमको." और जब उंगली से गुलाबी कलर की फाँक को मसला तो
मैं गुदगुदते हुवे सिसककर रानो को कस सिसक उठी. तभी मेरे गाल
को सहलाते दूसरे हाथ से चूत के लिप्स को मसल्ते कहा,
"ईस्को छ्छूने मे मज़ा आ रहा है ना?"
हाए पापा बहुत." रीता के पापा का लंड एकदम खड़ा हो गया था. मेरी
चूत की लंबी- लंबी फाँक देख वो बहुत खुश थे. समझ गये कि
रीता से ज़्यादा मज़ा इस नये माल मे है. वो बोले,
"तुमको भगवान ने बहुत प्यारी चूत दी है. ऐसी चूत बहुत कम
लड़कियों के पास होती है. मेरी बेटी रीता की चूत की फाँक बहुत
छ्होटी हैं और चुदवाते-चुदवाते अंदर घुस गयी हैं इसीलिए लंड को
पूरा मज़ा नही मिलता. तुम्हारी फाँक बड़ी हैं."
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08-22-2018, 10:51 PM,
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RE: Gandi Kahaniya सहेली के पापा
गतान्क से आगे.........
मेरे हाथ मे लंड को झटका देते बोले,
"देखो रीता कैसे कह रही है चोदने को. तुम भी ऐसे ही कहना.
बताओ जिस को पकड़े हो इसका क्या नाम है?" मैं लंड को पकड़ते ही मस्त
हो अपनी शरम खो चुकी थी. लंड को ठीक से दबा बोली,
" लंड कहते हैं पापा."
"शाबास, इसका काम क्या है?" और निपल को चुटकी से दबा मुझे
जन्नत की सैर कराया तो मैं बोली,
"चोदता है पापा."
"क्या चोद्ता है?"
"लड़कियों की चूत को." मैं मस्त थी. ईस तरह की गंदी बातो के
जवाब मे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे हर जवाब से उनका लंड तेज़ी से
झटका ख़ाता था. वह मेरी दोनो चूचियों को आगे खीचते बोले,
"बहुत अच्छी हो. लड़कियों को इसी तरह खुलकर मज़ा लेना चाहिए." और
रीता को जो ज़मीन पर बिस्तर लगा चुकी थी, पास बुला हम्दोनो को
पंजे के बल बिठा बोले,
"बेटी रीता अपनी सहेली को समझाओ फिर आराम से चोदेन्गे." और रीता
की बड़ी-बड़ी चूचियों को दबाते मुझे एक तरफ आने को कहा. उनके एक
तरफ रीता थी और दूसरी तरफ मैं. मैं उनसे चिपकी तो मेरी एक
चूची को भी पीठ के पिछे से हाथ लगा दबाते बोले,
"ध्यान से देखो रीता क्या बता रही है. रीता."
"जी पापा."
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