Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:56 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल के भी साथ चलने की बात से विनीत की भाभी के लिए उत्सुक का बढ़ गई साथ में पेशाब करने की बात को सोचकर ही उत्तेजना के मारे उसकी बुर फुलने पिचकने लगी। विनीत की भाभी के इनकार करने का सवाल ही नहीं उठता था क्योंकि उसके बदन में भी पेशाब करने वाली बात से रोमांच उठ रहा था। विनीत की भाभी उत्तेजना से भर चुकी थी इसके लिए उसके होंठों से एक भी शब्द निकल नहीं पाई और वह बस रूम से आते है बाथरूम का दरवाजा खोलकर बाथरूम में घुस गई और उसके पीछे पीछे राहुल भी बाथरुम का दरवाजा बंद करने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि घर में वह दोनों के सिवा तीसरा कोई नहीं था। विनीत की भाभी बड़ी ही कामुक महिला थे इसलिए निसंकोच होकर वहां खड़ी हो गई राहुल की तो हालत खराब हो रही थी विनीत की भाभी जी कहां से खरीदे बहुत ही उत्तेजनात्मक तरीके से खड़ी थी। वीनीत की भाभी एकदम सीधी खड़ी थी और उसने अपनी छातियों वाला भाग आगे की तरफ निकाली हुई थी और कमर के नीचे का संपूर्ण नितंब वाला भाग बाहर की तरफ उभार कर खड़ी थी। उसका ब्लाउज का बटन खुला होने से और ब्रा ऊपर की तरफ खींची होने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी और नुकीली चुचीया साफ नजर आ रही थी। 
भरावदार गांड अपने उन्मादक रंग में राहुल को पूरी तरह से रंग रही थी। राहुल उत्तेजना से सराबोर हो चुका था उसके पैंट में तंबू तन चुका था। विनीत की भाभी धीरे से अपने दोनों हाथों से जांघों की तरफ से साड़ी को पकड़ी और कामुक नजरों से राहुल की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाने लगी। साड़ी ऊपर की तरफ सरकाने की अदा बड़ी ही कातील थी जिसे देखकर राहुल से रहा नही जा रहा था। वह पेंट के ऊपर से ही अपने खड़े लंड को सहलाने लगा उसको अपना लंड सहलाते हुए विनीत की भाभी बखूबी देख रही थी। धीरे धीरे विनीत की भाभी ने अपनी साड़ी को घुटनों तक उठा दे गोरी गोरी टांगे देख कर राहुल के लंड अंगड़ाई लेना शुरु कर दिया था। 
दोनों के बीच कोई भी वार्तालाप नहीं हो रही थी बस दोनों एक दूसरे को देखकर उत्तेजित हुए जा रहे थे, राहुल की हालत पल पल खराब हो रही थी। कुछ दिनों से जिस्मानी तौर पर वह भूखा था औरत का बदन स्पर्श करने तक को उसे नहीं मिला था। इसलिए इतना ज्यादा उत्तेजित होना उसके लिए स्वाभाविक था। अगले ही पल विनीत की भाभी ने अपनी साड़ी को धीरे धीरे करके पूरी तरह से कमर तक उठा दी , कमर के नीचे का भाग संपूर्ण रूप से नग्न हो चुका था ,केवल पैंटी ही थी जो की ऊसकी नग्नता को कुछ हद तक ढंके हुए थी । 
कुछ हद तक क्या पेंटिंग के अंदर ही तो दुनिया का सबसे बेशकीमती खजाना छिपा हुआ था। जिसे विनीत की भाभी ने देखते ही देखते उसे भी अपनी जांघो तक सरका दी। ऊफ्फफफ...... क्या नजारा देखने को मिल रहा था। राहुल को यह नजारा देख कर इस बात का डर लग रहा था कि कहीं उसका लंड पानी ना छोड़ दे। विनीत की भाभी की भरावदार गोरी गोरी गांड गजब का कहर ढा रही थी। विनीत की भाभी अच्छी तरह से जान रही थी कि इस वक्त राहुल के ऊपर क्या बीत रही थी राहुल उत्तेजना के परम शिखर तक पहुंच चुका था।
डिलीट की भाभी राहुल की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए एक हाथ से साड़ी को पकड़कर दूसरे हाथ की हथेली को अपनी बुर पर रखकर उसे मसलने लगीं यह देखकर राहुल के मुंह से सिसकारी छूट गई।
विनीत की भाभी एक हाथ से अपनी बुर को मसलते हुए बोली ।

ओहहहहह राहुल मुझे बहुत जोरो से पिसाब लगी है।( विनीत की भाभी मादक स्वर में बोली।)

ओ मेरी प्यारी भाभी ( लंड को मसलते हुए) तो मुतो ना मे भी तो तड़प रहा हुं तुम्हें पेशाब करते हुए देखने के लिए। 

सच

हां भाभी कसम से तुम्हें पेशाब करते हुए देखकर मुझे ना जाने क्या होने लगता है मेरे बदन में झनझनाहट सी फैल जाती है।

लेकिन तूने कब मुझे पेशाब करते हुए देखा है? ( बुर को मसलते हुए बोली।) 

भाभी पहली बार जब तुम मुझसे चुदवाई थी और बाथरूम में जाकर पेशाब कर रही थी तब शायद तुमने दरवाजा बंद करना भूल गई थी और मैंने तुम्हें पेशाब करते हुए देख लिया था। सच कहूं तो भाभी तुम्हारी बड़ी-बड़ी गांड और तुम्हारी बुर सें सीटी की आवाज को सुनकर तो ऐसा लगने लगता है की तुम्हारी बुर में लंड डाले बिना ही पानी निकल जाएगा।

तू बहुत शरारती है मुझे पता भी नहीं चला कि तु मुझे पेशाब करते हुए देख रहा है। ( वीनीत की भाभी उसी तरह से अपनी बुर को मसलते हुए बोली, और फिर अपनी गांड को बाहर की तरफ थोड़ा और ज्यादा उभारते हुए पेशाब करने के लिए नीचे बैठने लगी । राहुल उसे बड़ी ही उत्सुकता से देख रहा था उसे पता था कि कुछ ही देर में भूल से निकलने वाली बांसुरी से भी मधुर सीटी की आवाज उसके कानों में पड़ने वाली है इसलिए उसके बारे में सोचकर ही उसके बदन में रोमांच सा फेल रहा था। राहुल के देखते ही देखते वह नीचे बैठ गई उसकी सारी कमर तक उठी हुई थी।जिससे उसकी भरपूर गांड पूरी तरह से नज़र आ रही थी । तभी कुछ सेकंड बाद ही राहुल के कानों में बुर से निकल रही पेशाब के साथ मधुर सीटी की आवाज भी सुनाई देने लगी। बुर से आ रही सीटी की आवाज को सुनकर राहुल का रोम-रोम झनझना ऊठा। भाभी की बुर से निकल रही पेशाब की तेज धार राहुल को साफ साफ नजर आ रही थी जोकि सामने की दीवार में लगी टाइल्स पर ठोकरे लगा रही थी । विनीत की भाभी भी उत्तेजना के भरोसे तेरे वह राहुल को देखते हुए कामोत्तेजित होकर अपने दांतो से ही अपने गुलाबी होठों को काट रही थी। राहुल तो यह नजारा देख कर एक दम से पागल हो गया था ऐसा नहीं था कि किसी औरत को पेशाब करते हुए वह पहली बार देख रहा हो, इससे पहले भी उसने पेशाब करते हुए औरतों को देख चुका था पहली बार इस नजारे का दर्शन नीलू ने हीं करवाई थी। जिसे देख कर पहली बार उसके मन में कामवासना जागी थी और फिर अपनी मां को भी पेशाब करते हुए नग्नावस्था में देख चुका था जिसने उसके दिलो दीमाग मे काम का ऐसा पर चढ़ाया की अब तक नहीं उतर रहा है विनीत की भाभी को तो वह देख ही चुका था और दोबारा देखकर कामोत्तेजित हो चुका था।
उसके पैंट में अच्छा खासा तंबू बन चुका था जिस पर विनीत की भाभी की बरा बर नज़र बैठी हुई थी। बुर से सीटी की आवाज लगातार आ रही थी राहुल से रहा नहीं गया और उसने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और दिनेश की भाभी को पेशाब करते हुए रिकॉर्ड करने लगा यह देख कर वीनीत की भांभी पेशाब करते हुए बोली।

यह क्या कर रहा है राहुल ऐसा मत कर एैसे भी कोई रिकॉर्ड करता है क्या? 

करने दो ना भाभी तुमसे एक पल भी मैं अगर दूर रहता हूं तो मुझसे रहा नहीं जाता है और वह तुम्हारा ही ख्याल आता है अगर ऐसा नजारा मेरे पास रहेगा तो मेरा मन तड़पेगा नहीं बल्कि तुम्हारे इस नजारे को देख कर मैं खुद ही अपने लंड को हिलाकर पानी निकाल दूंगा।( राहुल रिकॉर्ड करते हुए बोला और एक हाथ से खुद ही अपने पेंट की बटन खोलने लगा। राहुल की यह बात सुनकर वह मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली।)

तू बहुत बदमाश है ला इधर ला मैं तेरी पेंट की बटन खोल दुं। ( इतना कहने के साथ ही राहुल विनीत की भाभी के करीब आ गया और दिनेश की भाभी अपने नाजुक नाजुक उंगलियों का सहारा लेकर राहुल की पेंट के बटन को खोलने लगे और अगले ही पल फुर्ती दिखाते हुए विनीत की भाभी ने पेंट के बटन को खोलकर तुरंत उसे घुटनों तक सरका दी। टनटनाया हुआ लंड देखकर ऊसकी बुर मे मदन रस भर गया। वीनीत की भाभी भी कुछ दिनों से प्यासी थी। उससे देखा नहीं गया और उसने तुरंत लंड को पकड़ कर हिलाने लगी यह देखकर राहुल की भी उत्तेजना बढ़ गई और वह सारे नजारे को अपने मोबाइल में कैद करने लगा बड़ा ही मोहक दृश्य लग रहा था। वीनीत की भाभी लगातार पेशाब किए जा रही थी। तभी राहुल के दिमाग में कुछ सुझा ओर वह रिकॉर्ड करते हुए बोला।


भाभी जल्दी से खड़ी हो जाओ।( राहुल इतनी उत्साहजनक है शब्दों में बोला था कि विनीत की भाभी को कुछ पता ही नहीं चला और वह पूछते हुए बोली।) 

क्यों क्या हुआ? 

अरे पहले खड़ी तो हो जाओ मैं बताता हूं ना। 

रुक जाओ पूरी तरह से पेशाब कर लूं। 

नहीं नहीं भाभी पेशाब मत करो रोक के रखो मैं बताता हूं तुम्हें क्या करना है। 
( राहुल की यह बात भी नहीं की भाभी के तो पहले ही नहीं पड़ रही थी कि आखिर वह करना क्या चाहता है लेकिन फिर भी थक हारकर वह खड़ी होने लगी तो वह फिर से बीच में बोल पड़ा।) 

एैसे नही भाभी साड़ी को ऊठाए ही रहो। 
( वीनीत की भाभी को राहुल की बातें बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी वह खड़ी हो गई। और राहुल यह खाते में मोबाइल लिए सारे नजारे को कैद करता हुआ दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीयाते हुए बोला।)

अोहहहहहह....भाभी,ईस तरह से साड़ी ऊठाए हुए कीतनी सेक्सी लगती हो।

( राहुल की बात सुनते ही वह मुुस्कुराने लगी ओर बोली )
यह सब छोड़ो अब करना क्या है? 

कुछ नहीं भाभी बस अब तुम अपने पेशाब की धार मेरे लंड पर मारो। 
( राहुल की यह बात सुनते ही विनीत की भांभी का बदन उत्तेजना से भर गया उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राहुल यह बात कह रहा है। लेकिन जो उसके कानो ने सुना उसे सुनते ही वीनीत की भाभी की उत्तेजना परम शिखर पर पहुंच गई। वह कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल फिर बोला।

देर मत करो भाभी अब जल्दी से मेरे लंड के ऊपर मूतना शुरू कर दो। 

( वीनीत की भाभी तो उत्तेजना में सरो बोर हो चुकी थी उसकी बुर फूलने पिचकने लगी थी। और उसने थोड़ा सा राहुल की तरफ घुमकर अपनी बुर के गुलाबी पत्तियों के बीच से पेशाब की तेज धार राहुल के लंड पर मारने लगी । बुर से निकलती हुई पेशाब की तेज धार राहुल के लंड पर पड़ रही थी तो राहुल से भी रहा नही गया और वह भी मुतना शुरु कर दीया। एक साथ दोनों पेशाब कर रहे थे। विनीत के भाभी को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन जोभी वह कर रही थी वैसा करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी।रहरहकर उसका बदन झनझन इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह राहुल के खड़े लंड पर पेशाब कर रही हे

और राहुल यही चाहता भी था वह आज विनीत की भाभी के साथ खूब मस्ती करना चाहता था और उसे दिल बेहद मस्ती देना चाहता था जिसमें वह कामयाब भी होता जा रहा था। विनीत की भाभी तो आज एक नए सुख का अनुभव कर रही थी। वह उत्तेजना के मारे पेशाब करती हुए ही अपनी बुर को हथेली से मसल रही थी। राहुल भी कम उत्तेजना का एहसास नहीं कर रहा था बल्कि उसे भी बहुत ज्यादा उत्तेजना का एहसास हो रहा था। भाभी के पेशाब की तेजधार लंड पर पड़ते ही उसे ऐसा लगने लगा था कि उसके लंड की लंबाई और मोटाई कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी। इसलिए तो उसे और ज्यादा मजा आ रहा था।

ओहहहह ....भाभी बहुत मजा आ रहा है।

सससससससहहहह..आहहहहहहहहह.....राहुल मुझे भी बहुत मजा आ रहा है मैंने आज तक ऐसा आनंददायक अनुभव नहीं ली हुं। ( वीनीत की भाभी सिसकारी लेते हुए बोली। मजा दोनों को बेहद आ रहा था राहुल पूरे दृश्य की रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल में कर रहा था। दोनों यही सोच रहे थे कि कुछ देर तक और पेशाब की धार चलती रहेैं लेकिन पेशाब थी तो खत्म तो होना ही था। आखिरकार दोनों पेशाब कर चुके थे।
राहुल विनीत की भाभी से पहले ही बॉथरुम से बाहर आ गया। और बाहर आते ही सबसे पहले उसने हल्का सा खिड़की को खोल दिया ।
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10-09-2018, 03:56 PM,
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राहुल अपना प्लान आगे बढ़ा रहा था खिड़की को हल्की सी खोल देने के बाद वह तुरंत आकर बेड पर बैठ गया तब तक विनीत की भाभी भी बाथरुम से बाहर आ गई उसके चेहरे पर संतुष्टि भरी मूत्रत्याग का सुखद एहसास साफ साफ नजर आ रहा था। आज से पहले उसने कभी भी इस तरह से रोमांच से भरा हुआ मूत्रत्याग नहीं की थी।
बाथरुम से बाहर आ करके अपनी कमर पर हाथ रख कर वह राहुल की तरफ देखने लगी जोकि अपना शर्ट के बटन को खोल रहा था। वीनीत की भाभी कि दोनों चूचियां अभी भी नंगी थी। बड़ी ही कामुक अदा लग रही थी वीनीत की भाभी की । राहुल अपनी शर्ट को उतार चुका था अपनी पैंट को भी उतारता इससे पहले ही वह विनीत की भाभी के छातियों के उतार चढ़ाव को देखकर उत्तेजित हो गया और उससे रहा नहीं गया, वह पलंग पर से उठा और उठते ही सीधे एक हाथ विनीत की भाभी की कमर में डालकर अपने बदन से सटाते हुए अपने मुंह को उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों पर टिका दिया।
विनीत की भाभी राहुल की इस हरकत पर भी एकदम से गनंगना गई, उसे यह महसूस होने लगा था कि राहुल आज कुछ ज्यादा ही उसे अपना दीवाना बनाए जा रहा था क्योंकि हर एक अदा में वह विनीत की भाभी को पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था। 
राहुल तो पागलों की तरह उसकी चूचियों को पीना शुरु कर दिया, कभी वह दांई चुची को पकड़ता तो कभी बांई तो कभी उसकी तनी हुई निप्पल को दांतो से दबाकर खींचता। राहुल एकदम पागलों की तरह हरकत कर रहा था और इन हरकत में विनीत की भाभी को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। वह भी राहुल के सिर को पकड़कर अपनी चुचियों पर ही दबाने लगती तो कभी उसकी पीठ पर अपनी हथेली को मसलती। दोनों वासना की आग में तपने लगे थे दोनों के जिस्म में चुदास की लहर बढ़ती जा रही थी। इसे रोक पाना दोनों के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था । राहुल ने विनीत की भाभी की बड़ी बड़ी चुचियों को चूस चूस कर कश्मीरी सेव की तरह लाल कर दिया था और इस चुची चुसाई में राहुल के साथ साथ विनीत की भाभी को बहुत मजा आ रहा था उसके मुंह से लगातार गरम सिसकारी निकल रही थी।
ससससहहहहहह....आहहहहहहहह....ऊहहहहहहहह...राहुल...ऊमममममम.... बहुत मस्ती के साथ चुसता है रे तू,स्स्सहहहहहहहहह.... पागल कर दिया है रे तूने। तु जैसे चूस रहा है उस तरह से आज तक किसी ने नही चुसा। ऊफ्फ्फ .... ऐसा लगता है कि तेरी चुसाई से मेरी चूचियां और ज्यादा बड़ी हो गई है। बस ऐसे ही दबा दबा कर चूसता रहे। आाहहहहहहहह.....राहुल....ऊममममममम......

( विनीत की भाभी गरम पिचकारी लेते हुए अपने हिसाब से अपने गुलाबी होंठ को कांटे जा रही थी और राहुल को अपनी मस्त बातों के द्वारा उकसाए जा रहे थी । राहुल तो पहले से ही विनीत की भाभी की खूबसूरती और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां देखते ही मस्त हो चुका था और उन चूचियों को मुंह में भर कर पीते हुए ऊसकी संगेमरमरी समान चिकनी पीठ से लेकर पुरे बदन पर अपनी हथेली फीराकर आनंद लेनेलगा। धीरे-धीरे उसकी हथेली नीचे की तरफ बढ़ने लगी और उसने विनीत की भाभी की साड़ी को हथेली से पकड़कर ऊपर की तरफ सरकाने लगा। राहुल का सब्र का बांध टूटता जा रहा था और तोड़ता भी क्यों नहीं आखिरकार कुछ दिनों से कुछ करने का मोका जो नहीं मिला था और जब आज मौका मिला था तो इस मौके का पूरी तरह से वह फायदा उठाना चाहता था। विनीत की भाभी की मस्ती सातवें आसमान तक पहुंच चुकी थी उसकी गर्म गर्म सांसे सिस्कारियों के साथ पूरे कमरे में गूंज रही थी। 
राहुल धीरे-धीरे करके उसकी साड़ी को कमर पर फिर से उठा दिया और सारी को उठाते हैं अपने हाथ को उसकी पैंटी में डाल कर, बुर पर रख दिया, बुर पर हथेली पड़ते ही राहुल के मुंह से आहहहहह निकल गई क्योंकि मारे उत्तेजना के उसकीे बुर गरम रोटी की तरह फूल चुकी थी और उसमें से मदनदास धीरे-धीरे करके रिस रहा था। राहुल बुर की फांकों के बीच अपनी बीच वाली उंगली को ऊपर से नीचे तक रगडने़ लगा। जिससे वीनीत कीे भाभी का पूरा बदन कसमसाने लगा। उसके बदन में अजीब से सुख की अनुभूति लगातार हो रही थी।
राहुल था कि अपनी हथेलियों को लगातार गुलाबी फांकों के ऊपर रगड़े जा रहा था। विनीत की भाभी की उत्तेजना उस समय और ज्यादा बढ़ जाती एकदम से मचल उठती जब राहुल अपनी उंगलियों के बीच में बुर के गुलाबी पत्ती वाला हिस्सा दबाकर बाहर की तरफ खींचता। दोनों आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे बंद कमरे के अंदर दोनों वासना का खेल खेल रहे थे। 
विनीत की भाभी भी कुछ दिनों से बहुत प्यासी थी और वैसे भी वह एक अति कामुक और प्यासी महिला थी,
जो अपनी प्यास बुझाने के लिए न जाने कितने मर्दों का सहारा ले चुकी थी अपने ही देवर के साथ उसके जिस्मानी ताल्लुकात थे और अब जाकर के विनीत के ही मित्र राहुल के साथ उसकी घने संबंध बन चुके थे।
विनीत की भाभीी कभी भी अपने पति से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सकी। पूरी तरह से उसे संतुष्टि अब राहुल ही दे रहा था। तभी तो राहुल को भी नाराज नहीं करना चाहती थी इसीलिए उसे आए दिन पैसे दिया करती थी और आज तो एक साथ सौ सौ के नोटों की गड्डी थमा दी
इतने सारे पैसे राहुल पहली बार ही देखी देख रहा था। इसलिए पैसे को ले करके भी उसके शरीर में अजीब सी उत्तेजना बनी हुई थी। इसलिए तो वह वीनीत की भाभी को पूरी मस्ती दे करके उसे मस्त किए हुए था। 
राहुल चुचियों को चूसते चूसते उन्हें एकदम लाल कर दिया था। गोलियों को दबा दबा कर रहा हूं अंदर ही अंदर कामोत्तेजना से भरा जा रहा था। विनीत की भाभी भी उत्तेजना से कसमसाते हुए राहुल को अपने सीने से भींच ले रही थी। विनीत की भाभी अर्धनग्न अवस्था में और भी ज्यादा कामुक लग रही थी। 

ओहहहहहह..... भाभी तुम्हारा खूबसूरत बदन ऐसा लगता है कि मैं किसी गुलाब के फूल को अपनी बाहों में कसा हुआ हूं। 

ससससससहहहहह..... राहुल तेरे साथ मत बोलो वरना ख़ुशी के मारे मैं तुम्हारी बाहों में ही पिघल जाऊंगी।

तो पिघल जाओ ना भाभी मना किसने किया है। 
( पिघलने वाली बात सुनकर राहुल तुरंत अपनी उंगली को विनीत की भाभी की बुर में घुसेड़ते हुए बोला। ) 

ओोहहहहहह राहुल तुम बड़े ही रोमांटिक हो... अपनी प्यारी प्यारी बातों से ही तुमने मेरी बुर को पानी पानी कर दिया है। अब तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है राहुल बस अब डाल दो अपने लंड को मेरी बुर में , चोदो मुझे राहुल जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे़ चोदो। 
( राहुल की अति कामुक हरकतों की वजह से विनीत की भाभी शीघ्र ही कामोत्तेजित होकर एकदम से चुदवासी हो गई, राहुल का लंड भी पैंट के अंदर गदर मचाए हुए था। राहुल भी अब अच्छी तरह से समझ चुका था कि, लंड को अब बुर में डाले बिना ना उसे चेन मिलने वाला था और ना ही विनीत की भाभी को। इसलिए वह वीनीत की भाभी की बुरसे अपनी उंगली को बाहर निकाल कर अपनी पेंट की बटन खोलने लगा। और अगले ही पल उसकी पेटं उसके घुटनों में अटकी हुई थी। राहुल का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था।जिस पर नजर पड़ते ही वीनीत की भाभी की बुर आनंदित हो कर के कुलबुलाने लगी। विनीत की भाभी के साथ साथ उसकी बुरकी भी प्यास बढ़ती जा रही थी। ऊसकी बुर से रीस रहे मदन रस की वजह से उसकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि मानो राहुल के तगड़े लंड को देखकर बुर के मुंह से पानी आ रहा हो। 
राहुल से अब एक पल भी बर्दाश्त कर पाना नामुमकिन सा लगने लगा था। उसे उसकी पेंटी निकालने तक की फुर्सत नहीं थी। राहुल में झटके से विनती भाभी की एक टांग पकड़ कर उसे पलंग पर रख दिया। और पेंटी को बिना निकालें ही उसके नीचे के एक सिरे को पकड़कर दूसरे सिरे पर खींचकर कर दिया। बुर रोटी की तरह फूली हुई थी इसलिए दूसरे सिरे पर आराम से अटक गई
विनीत की भाभी की बुर ईस तरह से पूरी तरह से नंगी सामने नजर आने लगी। जिसे देखते ही राहुल के मुंह में भी पानी आ गया उसने तुरंत वीनीत की भाभी की कमर को दोनों हाथों से थाम लिया और अपने लंड के सुपाड़े को बुर की गुलाबी फांकों के बीच टीका दिया। जैसे ही राहुल का मोटा सुपाड़ा विनीत की भाभी ने अपनी बुर पर महसूस की वैसे ही तुरंत उसका पूरा बदन अजीब से सुख की अनुभूति करते हुए गनगना गया। वह तुमसे चुदवासी हो गई और खुद ही अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा दी जिससे सुपाड़े का हल्का सा भाग बुर के अंदर प्रवेश कर गया विनीत की भाभी का या उतावलापन देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने तुरंत अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा दिया। ऐसा करने से राहुल का मोटा लंट धीरे-धीरे बुर की गहराइयों में उतरने लगा , लंड की रगड़ वीनीत की भाभी को मस्ती के सागर मे लिए जा रही थी। 
राहुल विनीत की भाभी के गुलाबी होठों को चुसते हुए अपनी मोटे लंड को और ज्यादा अंदर की तरफ ले जा रहा था। विनीत की भाभी एकदम से कामातूर हुए जा रही थी वह भी अपने होठो में राहुल के होठ को-भरकर चूस रही थी और अपने दोनों हाथों से राहुल की नंगी पीठ को सहला रही थी। दोनों मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे धीरे धीरे करके राहुल ने अपने समूचे लंड को भाभी की बुर की गहराईयो मे पूरा उतार दिया पूरा लंड बुर में घुसते हैं विनीत की भाभी एक दम मस्त हो गई वह कस के राहुल को अपनी बांहो मे भींच ली। राहुल भी अब कहां रुकने वाला था वह भी करके विनीत की भाभी की कमर को थाम कर अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए चोदना शुरू कर दिया। राहुल की कमर अपनी लय में आगे पीछे हो रही थी। विनीत की भाभी तो कामातूर हो करके एकदम से कसमसा रही थी
उसकी गर्म सांसे उसकी नथुनोों से निकलकर के राहुल के नथुनो से टकरा रही थी जोकि राहुल को गर्माहट प्रदान कर रही थी। राहुल भाभी के गुलाबी होठों को चुसते हुए हल्के हल्के धक्के लगा रहा था।वीनीत की भाभी की बुर कुछ ज्यादा ही पनिया रही थी। राहुल वीनीत की भाभी को कमर से पकड़े हुए एकदम अपने बदन से सटाए हुए था। राहुल को खड़े खड़े चोदने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था और खड़े-खड़े चुदवाने का आनंद वीनीत की भाभी भी पूरी तरह से ले रही थी।


सससससहहहहहह....राहुल....मेरे राजा....ऊमममम...
कस कस के धक्के लगा। ऊूूहहहहहहहहह.....गजब का लंड है रे तेरा.....
( विनीत की भाभी राहुल से चुदवाते हुए उसे ऊकसा रही थी । राहुल तो पहले से ही तय करके आया था कि आज विनीत जी भाभी को एकदम मस्त कर देगा इसलिए उसके कहते ही जोर जोर से धक्के लगाना शुरु कर दिया। राहुल के लंड का प्रहार इतना तेज था कि राहुल के हर धक्के पर विनीत की भाभी लड़खड़ा जाती, लेकिन उसकी कमर को कस के पकडे होने की वजह से बार-बार राहुल उसे संभाल ले रहा था। फच्च फच्च की आवाज वीनीत की भाभी की पनियाई बुर से आ रही थी। राहुल चाहता तो उसे आराम से लेटा कर पूरे कपड़े निकाल कर के नंगी करके चोद सकता था। लेकिन दोनों ही प्यासे थे विनीत की भाभी के काम रुपी बदन को देख करके राहुल से बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ था, और उसने उसके बिना कपड़े ं निकाले ही बस पेंटिं को थोड़ा सा सरका कर अपने लंड के लिए जगह बनाकर चोदना शुरू कर दिया था। राहुल को विनीत की भाभी की पनियाई बुर में लंड अंदर बाहर करने में बहुत मजा आ रहा था। 

ससससससहहहहह.....ओहहहहहह...राहुल बस ऐसे ही ....चोदते रहो .....हां बस ऐसे ही .....बड़ा मजा आ रहा है राहुल.... कितना आराम से तुम्हारा लंड.... रगड़ते हुए मेरी बुर......में आ जा रहा है ....ओह राहुल चौदो और चोदो .....आज मेरी बुर को फाड़ दो....... डाल दो पूरा लंड मेरी बुर में ....बस ऐसे ही चोदते रहो ...आहहहहहहहह.....आहहहहहहहहह....आहहहहहहहहहह....( जब तक वह अपनी बात पूरी करती तब तक राहुल दो चार धक्के ओर तेजी से लगा दिए जिससे विनीत की भाभी की आह निकल गई। विनीत की भाभी मस्त होकर की राहुल को अपने गंदे और उन्माद से भरी बातो से ऊकसाने लगी। राहुल भी एक दम मस्त हो चुका था वह विनीत की भाभी की बुर में धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। खड़े खड़े चुदवाकर विनीत की भाभी मस्त हो चुकी थी उसकी बड़ी पूरी नंगी चूचियां हर धक्के पर झूलते हुए लहरा रही थी। जिसे राहुल रह-रहकर उसके गुलाबी होठों को चुसता हुआ अपनी हथेली में भरकर पके हुए आम की तरह दबा रहा था। विनीत की भाभी उत्तेजना से तरबतर हो चुकी थी उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था । 
आहहहहहहह ....आहहहहहहहहह की आवाज राहुल की हर धक्के पर उसके मुंह से आ रही थी। ऐसी गजब की चुदाई राहुल कर रहा था कि विनीत की भाभी जोकी ईतना खेली खाई और अनुभवी थी उसे भी विश्वास नहीं हो रहा था कि राहुल इस तरह की जबरदस्त चुदाई करेगा। ऐसा नहीं था कि राहुल ईस तरह की चुदाई नहीं कर सकता था लेकिन आज का आलम ही कुछ अलग था राहुल ने पहले से ही विनीत की भाभी को अपनी हरकतों से एकदम मस्त कर दिया था। आज घर से तय करके ही आया था कि विनीत की भाभी को ऐसा मजा देगा कि वह जिंदगी भर याद रखेंगी। और जैसा वह चाहता था वैसा होगी रहा था विनीत की भाभी एक दम मस्त हो चुकी थी। राहुल का हर एक ठाप उसे चरमसुख का एहसास दीला रहा था। विनीत की भाभी एकदम बदहवास हो चुकी थी वह रह-रहकर गरम सिस्कारियों के साथ राहुल से चुदवा रही थी। राहुल था कि उसकी कमर को थामे अपनी कमर को बड़े ही तीव्र गति से आगे पीछे करते हुए अपने लंड को उसकी बुर में पेल रहा था। विनीत की भाभी भी राहुल के हर धक्के का जवाब देते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ फेंक रही थी।
दोनों कुछ देर तक यूं ही संभोग का आनंद लेते रहे लंड अपनी लय मे बुर के अंदर बाहर होता रहा। तभी विनीत की भाभी की सबसे तीव्र गति से चलने लगी सांसो के साथ ऊपर नीचे उठ रही उसकी दोनों गोलाइयां बड़ी कामुक लग रही थी। उसकी सिसकारी बढ़ने लगी और साथ ही उसके बदन की ऐंठन भी बढ़ने लगी। राहुल समझ गया कि विनीत की भाभी झड़ने वाली है इसलिए उसने भी अपने धक्कों को तेज कर दिया। और थोड़ी ही देर में विनीत की भाभी के मुंह से जोर से चीख निकली और चीख के साथ ही विनीत की भाभी के साथ साथ राहुल के लंड ने भी ऊसकी बुर मे गरम पानी की बौछार कर दीया। विनीत की भाभी का यह चरमोत्कर्ष का सुख कुछ ज्यादा ही सेकंड चल रहा था। रह रह कर विनीत की भाभी की बुर से मदन रस की पिचकारी छूट जा रही थी। जिस तरह से वीनीत की भाभी-अभी झड़ रही थी उसे भी अच्छी तरह से मालूम था कि इस तरह से वह कभी भी नहीं झड़ी। इस तरह की बेहतरीन अद्भुत अतुल्य चरमोत्कर्ष की अनुभूति करके विनीत की भाभी तो मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी। राहुल का लंड भी विनीत की भाभी की बुर में ठुनकी मारते हुए झड़ रहा था वह विनीत की भाभी को कमर से करके दबोचे हुए था उसका लंड बुर की गहराई में समाया हुआ था।
धीरे-धीरे करके कुछ ही पल में दोनों पानी-पानी हो गए पूर्व में इकट्ठा हुआ दोनों का काम रस बुर से निकलकर नीचे फर्स पर टपक रहा था राहुल विनीत की भाभी को अपनी बाहों में कस के दबोचे हुए था, विनीत की भाभी भी राहुल को अपने बदन से सटाए हुए थी। कुछ ही देर में दोनों की सांसे सामान्य हुए तो दोनों एक दूसरे के बदन से अलग हुए। राहुल का लंड ढीला पड़ चुका था वह बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया। विनीत की शादी भी उसके बगल में ही लेट गई उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ नजर आ रहे थे राहुल खुश था जो विनीत की भाभी को आज इतनी ज्यादा संतुष्टि प्रदान किया था। विनीत की भाभी राहुल के सीने पर अपने ऊंगलिया फिराते हुए उसकी तरफ देखते हुए बोली।

ओह राहुल तूने तो आज मुझे पागल ही बना दिया है इस तरह से मैंने कभी भी नहीं झड़ी थी जिस तरह से तुने मुझे आज पानी पानी कर दिया है। सच में तू और तेरा लंड काबिले तारीफ है।( इतना कहने के साथ ही वह अपना हाथ बढ़ाकर राहुल के ढीले लंड को थाम ली। और ऊसे धीरे धीरे सहलाते हुए उसमें जान डालने की कोशिश करने लगी। राहुल भी उसकी तरफ देखते हुए बोला ।

भाभी तुम भी तो बहुत खूबसूरत हो तुम और तुम्हारा बदन भी काबिले तारीफ है। मैं तो तुमको देखते ही पागल हो जाता हूं । (इतना कहते हुए वह भी वीनीत की भाभी की बड़ी बड़ी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और उसे हल्के हल्के से दबाने लगा.. विनीत की भाभी राहुल किस बात पर मुस्कुराने लगी और ढीले लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर ऊपर नीचे करके हिलाने लगी। राहुल वीनीत की भाभी की चुचियों को दबाते हुए उसे मुंह में भर लिया, और चूसना शुरू कर दिया थोड़ी ही देर में दोनों फिर से उत्तेजित होने लगी अभी-अभी एक अद्भुत चरमोत्कर्ष की प्राप्ति करने के बाद दोनों की उत्तेजना कुछ ही देर में फिर से अपने परम शिखर पर पहुंच चुकी थी। विनीत की भाभी ने अपनी हथेलियों का कमाल दिखाते हुए राहुल के लंड को फिर से पहले की तरह खड़ा कर दी, एक बार राहुल का इंतजार किए बिना ही जिस अवस्था में थी उसी अवस्था में ही फिर से एक बार राहुल के लंड पर खुद ही चढ़ गई , और खुद ही वह अपने हाथ के से अपनी पैंटी को साइड में सरकाते हुए एक हांथ से राहुल का लंड पकड़ कर अपनी बुर पर टिका दी और धीरे-धीरे करके उस पर बैठती चली गई, राहुल का लंड पूरी तरह से उसकी बुर में समा चुका था। गजब का नजारा बना हुआ था विनीत की भाभी बिना नंगी हुए ही जिस अवस्था में राहुल ने पहली बार चुदाई किया था उसी अवस्था में वह राहुल के लंड पर बैठी हुई थी। राहुल से नजारा देख कर रहा नहीं गया और उसे जैसे कुछ याद आया हो इस तरह से वह तुरंत अपना मोबाइल लेकर के रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया। विनीत की भाभी मस्ती के साथ उसके लंड पर उठ बैठ रही थी। दोनों की सांसे एक बार फिर से भारी हो चली दोनों एक बार फिर से एक दूसरे के बदन में समाने की पूरी कोशिश करते हुए संभोग का आनंद लेने लगे। कुछ देर बाद दोनों की साथ एक तीव्र गति से चलने लगी दोनों की बदन में अकड़न सी होने लगी ,और थोड़ी ही देर में दोनों भल भला कर झड़ने लगे एक बार फिर से दोनों चरमोत्कर्ष की प्राप्ति कर लिए थे।
इस तरह से दोनों तीन चार बार चुदाई का आनंद ले चुके थे। विनीत की भाभी पूरी तरह से थक चुकी थी। वह बदहवास से बिस्तर पर लेटी हुई थी संपूर्ण नग्नावस्था में उसका बदन बड़ा ही उत्तेजक लग रहा था। राहुल की नजर बार बार दीवार घड़ी पर चली जा रही थी क्योंकि स्कूल छुट चुकी थी। और वक्त आ चुका था अपने प्लान को अंजाम देने का वह जानता था कि कुछ ही देर में अब वीनीत घर पर पहुंच जाएगा इसलिए वह आगे का कार्यक्रम शुरु कर दिया । वह फीर से मोबाइल निकाल कर के अपने ढीले लंड को विनती भाभी के होठों से लगाकर के रिकॉर्डिंग करना शुरु कर दिया। विनीत की भाभी तुरंत अपने होठों को खोलकर लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में राहुल का लंड चार चार बार झड़ने के बावजूद भी एक बार फिर से टनटनाकर खड़ा हो गया। दोनों पूरी तरह से तैयार हो चुके थे एक बार फिर से राहुल ने वीनीत की भाभी के बदन में चुदाई की आग लगा दिया था। 
राहुल अच्छी तरह से जानता था कि विनीत किसी भी वक्त घर पर पहुंच जाएगा इसलिए उसने घर के दरवाजे को लोक नहीं किया था ताकि वह अंदर आराम से आ सके। और वैसा हुआ भी विनीत की भाभी इस बात से अनजान थी की विनीत घर में प्रवेश कर चुका है। क्योंकि उसे राहुल ने यह बताया था कि वीनीत कहीं बाहर जाने वाला है और वह शाम को ही घर पर लौटेगा इसलिए तो वह बेफिक्र होकर के राहुल से जमकर चुदवा रही थी। राहुल की नजर बार बार खिड़की की तरफ जा रही थी क्योंकि किसी भी वक्त वह यहां तक पहुंच सकता था। 
राहुल ने मोबाइल को एक तरफ रख दिया विनीत की भाभी पलंग पर चित होकर लेटी थी उसकी दोनों टांगे फेली हुई थी। 
दूसरी तरफ विनीत इस बात से अनजान था कि उसके घर में उसका ही दोस्त उसकी ही भाभी के साथ काम क्रीड़ा कर रहा है। वह तो हमेशा किसी तरह स्कूल से आते ही अपने भाभी के कमरे की तरफ जाने लगा। लेकिन घर में घुसते समय उसे दरवाजा खुला मिलने पर बड़ा ही अजीब लगा था वह धीरे धीरे अपनी भाभी के कमरे की तरफ बढ़ रहा था और कमरे के अंदर राहुल अपने प्लान को अंजाम देने के कगार पर था। 
राहुल धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए अपनी भाभी के कमरे पर पहुंच गया था वह आगे बढ़ता कि तभी उसे कमरे की खिड़की खुली नजर आई और उसमें से हल्की हल्की रोशनी आ रही थी। वह कोतूहल बस हल्की सी खुली खिड़की में से अंदर की तरफ नजर बुलाया तो अंदर का नजारा देखकर उसके पांव के नीचे से जमीन खिसकती नजर आने लगी। अंदर का दृश्य देखकर उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। अंदर का नजारा बड़ा ही कामुक था लेकिन वीनीत के लिए किसी हादसे से कम नहीं था। राहुल उसकी भाभी की टांगों के बीच खड़े होकर अपने लंड को बुर की फांकों के बीच रगड़ रहा था यह देख कर वीनीत का दिमाग खराब हो गया। वह कुछ करता इससे पहले ही राहुल की आवाज उसके कानों में पड़ी।
भाभी क्या तुम्हें मेरा लंड बहुत अच्छा लगता है।

हां रे मुझे तो तेरा लंड बहुत अच्छा लगता है।

तुम तो विनीत से भी चुदवाती हो तो फिर क्या उसका लंड तुम्हें अच्छा नहीं लगता। ( बुर पर लंड के सुपाड़े को रगड़ते हुए बोला।)

जब से मेरी बुर में तेरा लंड लेना शुरु किया हे तब से मुझे अपने देवर का लंड बिल्कुल भी नहीं भाता। 
( इतना सुनते ही वीनीत सन्न रह गया उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था और इस बात से वह बिल्कुल अनजान था कि राहुल को भी इस बात का पता था कि वह अपनी भाभी की चुदाई करता है। वह बस मुक प्रेक्षक बनकर अंदर का दृश्य देख रहा था। राहुल को इस बात का पता चल गया था की खिड़की पर विनीत खड़ा होकर अंदर सब कुछ देख रहा है इसलिए जानबूझकर ऐसी बातें कर रहा था। )

भाभी चलो थोड़ा आज खुलकर चुदाई का मजा लेते हैं।( वह लंड को बुर के अंदर सरकाते हुए बोला।)
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10-09-2018, 03:57 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल की बात सुनकर विनीत की भाभी को अजीब लगा उसे समझ में नहीं आया कि खुलकर चुदाई का मजा लेने का मतलब क्या होता है। लेकिन गरीब की थाली राहुल की कामुक हरकतों की वजह से एक बार फिर से एक दम से चुदवासी हो चुकी थी। क्योंकि राहुल की हरकत ही कुछ ऐसी थी कि विनीत की भाभी खुद-ब-खुद उत्तेजना के महा सागर में गोते लगाने को तैयार हो गई। राहुल अच्छी तरह से जानता था कि दिनेश की नजरें खिड़की के पल्ले से अंदर की तरफ बराबर बनी हुई है। इसलिए वह उसे दिखाने के लिए अपने लंड कै सुपाड़े को उसकी भाभी की रसीली बुर के गुलाबी पत्तियों के बीच रगड़ रहा था। जिससे विनीत की भाभी बिस्तर पर नागिन की तरह छटपटा रही थी। वह अपनी बड़ी बड़ी नंगी चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए राहुल से बोली।

ओह राहुल मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझ पा रही हूं खुलकर मतलब क्या? 

भाभी तुम इतनी समझदार होकर भी इतनी सी बात नहीं समझ पा रही हो खुलकर मतलब कि तुम मुझसे चुदवाते समय मुझे कुछ भी बोल सकती हो और मैं तुम्हें कुछ भी बोल सकता हूं गाली भी दे सकती हो ।

( राहुल की बात सुनते ही विनती भाभी के बदन में रोमांच से उठने लगा, उसे भी इस तरह का अनुभव लेने का कुछ ज्यादा ही मन कर रहा था लेकिन वह चाहे जितनी भी खुली हुई थी लेकिन इस तरह की गंदी बातें और गालियों के साथ चुदाई करने में अजीब प्रकार की झिझक उसके मन में होती थी लेकिन आज राहुल के द्वारा खुलकर चुदाई का मजा लेने का सुनकर उसका भी मयुर मन नाचने लगा। वह पूरी तरह से तैयार थी इसलिए वह खुद ही शुरुआत करते हुए बोली।)

तो चलना इंतजार किस बात का कर रहा है। चल शुरू हो जा हरामजादे मैं भी देखूं तेरे में कितना दम है।

( विनीत की भाभी शुरुआत करते हुए अपनी चुचियों को दबाते हुए बोली, राहुल को विनीत की भाभी की ऐसी बातें सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रहा था लेकिन खिड़की पर खड़ा वीनीत अपनी भाभी की यह सब बातें सुनकर अंदर ही अंदर जल भुन जा रहा था। तभी राहुल ने अपने लंड के मोटे सुपाड़े को हल्के से गुलाबी फांकों के बीच प्रवेश कराते हुए बोला।

हां साली आज मैं भी तुझे दिखाऊंगा कि जब असली मर्द का लंड बुर में जाता है तो औरत को कैसा लगता है अब तक तो तू अपने हरामजादे देवर से चुदते आई है पता नहीं तुझे उसके लंड से मजा आता भी था कि नहीं आज मैं तुझे दिखाऊंगा कि मैं कैसे चोदता हूं। मेरा मोटा लंड तेरीे बुर में जाएगा तो तेरी बुर फट जाएगी साली
( राहुल विनीत की भाभी को बोलते हुए दो चार बार अपने लंड कै सुपाड़े को गुलाबी बुर के अंदर घुसा घुसा कर बाहर निकाल लिया जिससे विनीत की भाभी एकदम चुदवासी हो गई और वह अपनी चुचियों को जोर-जोर से मसलती हुए बोली।

सससससहहहहहह..... कुत्ते तो एैसे तड़पा क्यों रहा है हरामजादे डाल देना पूरा लंड मेरी बुर में फाड़ दे मेरी बुर को । मैं तो कब से तैयार बैठी हूं तुझ से चुदवाने के लिए बस अब बिल्कुल भी देर मत कर डाल दे एकदम जड़ तक । आहहहहहहहहह.... 

( राहुल भाई भाभी की बातों से एक दम मस्त हो गया वह जानबूझकर ऐसी बातें करके विनीत को जला रहा था उससे बदला ले रहा था बाहर खड़ा विनीत कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि उसकी भाभी उसके ही दोस्त के साथ इस तरह से संबंध बना रही होगी। विनीत को यह समझते देर नहीं लगा कि राहुल भी उसके साथ यह सब करके बदला ले रहा है। उसे गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था उसे डर था कि अगर वह इन दोनों को ऐसा काम करते हुए रोकेगा तो शायद राहुल उसकी बातों को यह बता देती वीनीत उसकी मां के साथ गलत करना चाहता है ' घर में बवाल खड़ा हो जाए वह नहीं चाहता था कि किसी भी बात का बखेड़ा खड़ा हो लेकिन जो हो रहा था कमरे के अंदर उसे देख कर वह अंदर ही अंदर जल भून जा रहा था। विनीत की भाभी की गंदी बातों को सुनकर राहुल से रहा नहीं जा रहा था और उसने अपने लंड को सुपाड़े के साथ अंदर की तरफ एक झटके मे ं सरका दिया। जैसे ही पूरा लंड बुर की गहराई में अंदर तक धंसा वैसे ही वीनीत की भाभी के मुख से चीख निकल गई।

आहहहहहहहहह... हरामजादी कुत्तिया समझ के रखा है क्या थोड़ा आराम से कर इतनी जल्दी बाजी किस बात की है तुझे मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं बस आराम से कर' साले भोंसड़ी वाले अब धीरे-धीरे करना।
( विनीत तो यह सब देख कर और इन सब बातों को सुनकर उसका क्रोध बढ़ता ही जा रहा था साथ ही वह राहुल की ताकत को देखकर भी अचंभित था। और राहुल तो जैसे आनंद के सागर में गोते लगा रहा हो उसका प्लान पूरी तरह से सफलता की ओर बढ़ रहा था जो वह चाह रहा था वैसा बिलकुल होता जा रहा था। वह तो अब बस विनीत की भाभी को गाली देते हुए उसे जमकर चोदना शुरू कर दिया वह विनीत की भाभी को चोद जरूर रहा था लेकिन वह बाहर खड़े विनीत को दिखाना चाहता था, के जो वह मजबूरी का फायदा उठाते हुए कर सकता है वह उसकी भाभी को आनंद प्रदान करने के लिए कर रहा है जिसमें उसकी पूरी तरह से संमती है। राहुल विनीत की भाभी को चोदता हुआ उसे गाली देते हुए बोला।)

साली हरामजादी कुत्तिया ले मेरा पूरा लंड ले भोसड़ी की । ले माधरचोद, विनीत की रंडी भाभी ले पूरा लंड लेकर लेकर चुदवा साली। ( राहुल की कमर बड़ी तीव्र गति से विनीत की भाभी की बुर पर आगे पीछे हो रही थी। दोनों को बेहद आनंद आ रहा था राहुल को पता था कि बाहर उसका देवर खड़ा होकर के सब कुछ देख रहा है इस बात से वीनीत की भाभी बिल्कुल अनजान थी। उसे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि उसका देवर बाहर खड़ा होकर के खिड़की से सब कुछ ऊसकी काली करतूतों को देख रहा है। ) 

साली रंडी आज तेरी बुर को चोद चोद कर भोसड़ा कर दुंगा । साली हरामजादी विनीत की रंडी भाभी उसका लंड ले लेकर मजा नहीं आया तो मेरे लंड से चुदवा रही है भोसड़ी की। साली हरामजादी विनीत की माधरचोद छिनाल रंडी भाभी। 
( राहुल गंदी से गंदी गाली दे देकर विनीत की भाभी की चुदाई कर रहा था। सुबह गाली तो विनीत की भाभी को दे रहा था लेकिन उसका सीधा असर विनीत को हो रहा था क्योंकि वह उसे सुनाने के लिए ही उसे जलाने के लिए ईतनी गंदी गंदी बातें बोलकर उसकी भाभी को उसकी आंखों के सामने चोद रहा था। इस तरह से गाली सुनकर चुदवाने का आनंद विनीत की भाभी पूरी तरह से उठा रहीे थेी उसे आज बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसने आज तक इस तरह की चुदाई कभी भी नहीं करवाई थी। जो मजा आज राहुल उसे अपनी हरकतों से अपनी जबरदस्त चुदाई से और अपनी गंदी गंदी गालियों से उसे दे रहा था उससे वह पूरी तरह से तृप्त हुए जा रही थी। वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह इस तरह का आनंद लेते हुए चुदाई का पूरी तरह से लुत्फ उठाएगी। विनीता तो यह सब देखकर पूरी तरह से सदमे में था लेकिन एक बात उसको यह भी खटक रही थी कि उसने भी दिन-रात अपनी भाभी पर मेहनत किया था उसे हर तरह से चुदाई का सुख दिया था लेकिन जिस तरह से वह राहुल के साथ चुदाई का आनंद ले रही थी उस तरह का आनंद वह कभी भी उसके साथ ना ले सकी या शायद उसे मिला ही नहीं। 
राहुल का लंड बड़ी तेजी से वीनीत की भाभी की बुर में अंदर बाहर हो रहा था। विनीत की नजर मन में बुरी तरह से ग्लानी होते हुए भी राहुल के मोटे और लंबे लंड पर टिकी हुई थी वह कभी सोचा भी नहीं था कि राहुल को हथियार इतना तगड़ा होगा। राहुल उसे जलाने के लिए जानबूझकर बार-बार विनीत की भाभी की बुर में से लंड को बाहर निकालकर उसके सुपाड़े को बुर की फांकों के बीच थपथपाते हुए बोलता।)

ओ मेरी प्यारी रंडी भाभी साली यह तो बता तुझे विनीत के साथ ज्यादा मजा आता है या मेरे साथ चुद़वाने मे।
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10-09-2018, 03:57 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
( राहुल के लिए गंदी गंदी बातें विनीत को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही थी उसने आज तक अपनी भाभी से इसी भाषा में कभी भी बात नहीं किया था पहले चाहे उसके साथ शारीरिक संबंध रखता हो। उसे राहुल से ज्यादा अपनी भाभी पर गुस्सा आ रहा था तो उसके साथ इस तरह की गंदी गंदी बातें करते हुए चुदवा रही थी। राहुल के सवाल का जवाब अपनी भाभी के मुंह से सुनकर वीनीतअंदर ही अंदर से टूटता चला गया उसे बहुत बुरा लग रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था।)

सससससहहहहहह....मेरे राज्जा ...आहहहहहहहह.... तेरे साथ चुदने का मजा ही कुछ ओर है। तू इस तरह से चोदता है विनीत तो कभी सोच भी नहीं सकता सच में तू बहुत ही कमाल का चोदता है। ( विनीत की भाभी की बातें जले पर नमक छिड़कने जैसी लग रही थी वीनीत को, कभी राहुल ने विनीत की भाभी से कुछ ऐसा पूछ लिया जिसे सुनकर विनीत शर्म से पानी पानी हो गया उसे अपने आप पर ग्लानी होने लगी।)

ओहहहहहह मेरी रानी ,लंड की प्यासी मेरी जान मेरी भाभी सच-सच बताना तुम्हें विनीत का लंड कैसा लगता है और मेरा लंड कैसा लगता है? ( राहुल जोर-जोर से अपने लंड को उसकी बुरमें पेलते हुए बोला ।। राहुल का यह सवाल सुनकर वीनीत की हालत खराब होने लगी उसे अंदेशा हो गया था कि उसकी भाभी क्या कहने वाली है वह उन शब्दों को सुनना नहीं चाहता था लेकिन क्या करें वह भी सुनना चाहता था कि आखिककार उसकी भाभी क्या कहती है। राहुल खूब जमकर उसकी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़े हुए जोर जोर से चोद रहा था और उसकी भाभी अपने हाथों से ही अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को दबाते हुए बोली।)

ससससससससहहहहहहहह..... अब क्या बताऊं राहुल तुझे....आहहहहहहह.....आहहहहहहहहह....
(वीनीत की भाभी कुछ कह पाती इससे पहले उसने जबरजस्त दो धक्के और लगा दिया जिससे उसके मुंह से आह निकल गई।) ओहहह मेरे राजा तेरे लंड के सामने तो विनीत का लंड जैसे बच्चे का हो इस तरह से लगता है। वह जब मेरी बुर में अपना लंड डालता है तो पता ही नहीं चलता कि अंदर क्या गया है। और जब तेरा लंड मेरी बुर में जाता है तो ऐसा लगता है कि किसी सांड का लंड मेरी बुर में चला गया है। 
( विनीत की भाभी का यह जवाब सुनकर राहुल अंदर ही अंदर प्रसन्न होने लगा वह खुशी से गदगद हो गया वह खिड़की के बाहर खड़ा भी नहीं अपनी भाभी का यह जवाब सुनकर शर्मसार हो गया। )

राहुल उसे और ज्यादा शर्मसार करते हुए अपनी आंखे बड़ी-बड़ी करके खिड़की में से अंदर झांक रहे विनीत को देखा विनीत और राहुल दोनों की नजरें आपस में मिली तो विनीत शर्मिंदा होकर अपनी नज़रें नीचे झुका लिया। वीनीत की भाभी ने जिसमें सबसे ज्यादा मर्दानगी भरी हुई थी उसके ऊपर अपनी सहमति का ठप्पा लगा चुकी थी। विनीत भी इस बात से अनजान नहीं था उसे तो उसने ऐसा लग रहा था कि वह मर्द ही नहीं है वह एकदम से शर्मसार हुआ जा रहा था लेकिन उसकी शर्मिंदगी कम होने की बजाए बढ़ती जा रही थी क्योंकि अभी भी वह बेशर्म बना अपनी भाभी को अपने दोस्त राहुल के साथ चुदते हुए देख रहा था। शायद उसने भी राहुल के मर्दानगी का लोहा मान लिया था क्योंकि जिस तरह से वह ठाप पर ठाप लगाकर उसकी भाभी को चोद रहा था उस तरह से चोद पाना उसके बस की बात नहीं थी। राहुल के हर धक्के पर विनीत की भाभी आगे की तरफ सऱक जा रही थी। ऐसे जबरदस्त धक्कों को देखकर विनीत की भी आंखें फटी की फटी रह जा रही थी। 
राहुल अपने प्लान में पूरी तरह से सफल हो चुका था अब बस विनीत को जला रहा था। राहुल रह-रहकर उसकी भाभी की बड़ी-बड़ी पके हुए आम की तरह गोल गोल चुचियों को अपने हथेली में भरकर दबाते हुए उसके ऊपर झुक कर मुंह में भर लेता था , जिसे देख कर भी नहीं सकते क्रोध का पारा बढ़ जाता था लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा था। 
राहुल था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था उसकी कमर किसी मशीन की तरह आगे पीछे हो रही थी। विनीत की भाभी आज मस्ती के महासागर में गोते लगा रही थी। कुछ देर तक राहुल उसे ऐसे ही बिस्तर पर चित लीटाकर चोदता रहा । उसकी कमर के दर्द करने लगी थी इसलिए वह झटके से अपने लंड को भाभी की बुर से बाहर निकाल लिया, विनीत की भाभी को बेहद आनंद मिल रहा था इसलिए लंड को बाहर निकलते ही वह प्यासी नजरों से राहुल की तरफ देखने लगी। प्यासी नजरों से अपनी तरफ देखता हुआ पाकर राहुल बोला।

वह मेरी रानी मेरी जान मेरी जाने बाहर आ जरा सा कुतिया की तरह बन जा रंडी मैं तुझे पीछे से चोदूंगा।

राहुल की बातें सुनकर वह कुछ बोली नहीं बस गरमा गरम सिसकारी अपने मुंह से छोड़े जा रही थी उसकी सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी भारी-भारी चलती सांसो के साथ साथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी। उसकी हालत देख कर लग रहा था कि वह कुछ ज्यादा ही चुदवासी हो चुकी थी उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल रहे थे पंखा चालू होने के बावजूद भी उसके बदन से पसीना टप टप करके नीचे चु रहा था। वह बिना एक पल भी गम आए तुरंत घोड़ी बन गई और अपना सारा भार अपने हाथ की कोहनी पर लाते हुए अपनी बड़ी-बड़ी भरावदार गांड को हवा में ऊपर उठा दी। राहुल उसकी मातवाली गांड देखकर बदहवास हो गया उससे रहा नहीं गया और उसने तुरंत दो चपत उसकी गांड पर लगा दिया', राहुल ने यह दो चपत लगाई तो थी विनीत की भाभी की गांड पर लेकिन यह दो चपत विनीत के गाल पर लगी थी, हर पल राहुल विनीत को शर्मसार किया जा रहा था उसकी बेज्जती करने का एक भी मौका वह अपने हाथ से गवाना नहीं चाहता था। इसीलिए वह विनीत की तरफ देखता हुआ फिर से लगातार दो चार चपत उसकी भाभी की गांड पर लगा दिया। विनीत की भाभी की गांड चोट लगने की वजह से कश्मीरी सेब की तरह लाल लाल हो गई थी। गोरी गोरी गांड लाल लाल हो जाने की वजह से राहुल को बहुत ही आनंद प्राप्त हो रहा था इसलिए वह तुरंत भाभी की बड़ी-बड़ी गांड को अपनी हथेली में भरते हुए
थाम लिया और अपने टनटनाए हुए लंड को भाभी की रसीली बुर पर टिका कर अंदर की तरफ घुसेड़ दिया। लंड को बुर में जाते ही राहुल बिना रुके उसको चोदना शुरू कर दिया।ठाप पर ठाप पढ़ने लगी इस तरह की जबरदस्त चुदाई को देखकर के वीनीत का लंड भी खड़ा हुए बिना नहीं रह सका , उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह कोई पॉर्न मूवी देख रहा हो। जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि अंदर अपनी भाभी की अपने दोस्त के द्वारा चुदाई होता हुआ देखकर उसका लंड खड़ा हो गया है तो वह एक बार फिर से शर्मसार हो गया। उसे अपने आप पर ग्लानी होने लगी। लेकिन कर भी क्या सकता था हालात उसके हाथ में नहीं थे सबकुछ राहुल के कंट्रोल में था और राहुल था कि उसकी भाभी को चोदे जा रहा था कभी उसकी चिकनी पीठ को सहलाता तो कभी आगे बढ़कर उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को अपनी हथेलियों में भरकर दबाते हुए चोदना शुरू कर देता। विनीत की भाभी की गरम सिसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी। कंमरे मे गुंज रही शिसकारियों को ऊन दोनों के अलावा बाहर खड़ा विनीत भी सुन रहा था जिसकी आवाज उसके कानों में गर्म शीशे की तरह पड़ रही थी। राहुल था कि उसे जलाने के लिए बार-बार उसकी भाभी की गांड पर चपत लगाते हुए उसे चोद रहा था। विनीत की भाभी कुछ ही घंटों में कितनी बार झड़ी थी कि वह थक चुकी थी उसका रोम रोम मीठा-मीठा दर्द करने लगा था लेकिन आज जिस तरह की चुदाई वह करवाई थी वह अपनी जिंदगी में न कभी देखी थी ना करवाई थी। एक बार फिर से वह अपने चरमोत्कर्ष की तरफ आगे बढ़ रही थी। कुछ देर बाद विनीत की भाभी की सिसकारियां बढ़ने लगी वह जोर जोर से अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेलते हुए राहुल को गंदी-गंदी गालियां देते हुए उसे और जोर से चोदने के लिए ऊकसा रही थी।

हरामजादे कुत्ते ऐसे ही जोर जोर से चोद मुझे फाड़ दे मेरी बुर को भोंसड़ी के। और जोर जोर से च** अंदर तक घुस जा मेरे मेरी बुर को चोद चोद कर भोसड़ा कर दे। हरामजादे माधरचोद।

( राहुल को विनीत की भाभी की दी हुई है सब गालियां
सुनने में बड़ी ही आनंद दायक लग रही थी। राहुल जोर जोर से धक्के लगा कर छोड़ देना शुरु कर दिया था वह समझ चुका था की विनीत की भाभी चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रही है। और कुछ ही देर बाद दोनों गरम सिसकारी लेते हुए झड़ना शुरु हो कर दीए । वीनीत की भाभी तो निढाल होकर बिस्तर पर ही लेट गई और उसके ऊपर राहुल कुछ देर तक युं ही पड़ा रहा । राहुल का काम बन चुका था वह जो चाहता था ठीक वैसा ही हो गया था। विनीत की भाभी थक कर चूर हो गई थी वह बेसुध होकर बिस्तर पर लेटी हुई थी कुछ देर बाद राहुल बिस्तर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा कपड़े पहनते हुए लगातार विनीत की तरफ ही देख रहा था। वह जाते-जाते वीनीत की भाभी की तरफ देखा तो वह थक कर सो चुकी थी। वह जाते जाते एक बार उसको झकझोर कर जगाने की कोशिश करने लगा लेकिन वह एकदम बेशुध हो चुकी थी। वह नींद के आगोश में चली गई। राहुल कमरे से बाहर निकला और वीनीत की तरफ गुस्से में देखते हुए बोला।

इसे कहते हैं चुदाई। ( और इतना कहकर वह चला गया विनीत उसे जाते हुए देखता रहा लेकिन कुछ भी कर पाने जितनी हिम्मत उसमे नहीं थी।)
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10-09-2018, 03:57 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
वह जाते-जाते वीनीत की भाभी की तरफ देखा तो वह थक कर सो चुकी थी। वह जाते जाते एक बार उसको झकझोर कर जगाने की कोशिश करने लगा लेकिन वह एकदम बेशुध हो चुकी थी। वह नींद के आगोश में चली गई। राहुल कमरे से बाहर निकला और वीनीत की तरफ गुस्से में देखते हुए बोला।

इसे कहते हैं चुदाई। ( और इतना कहकर वह चला गया विनीत उसे जाते हुए देखता रहा लेकिन कुछ भी कर पाने जितनी हिम्मत उसमे नहीं थी।)

राहुल विनीत के घर से जा चुका था वह जैसा प्लान बनाया था ठीक वैसा ही हुआ था विनीत को नीचा दिखाने में वह कोई भी कसर बाकी नहीं रखा था विनीत खुद शर्मिंदा हो चुका था उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा ही नहीं था कि राहुल ऐसे कदम भी उठा सकता है। उसे इस बात से ज्यादा हैरानी हुई कि राहुल को कैसे पता चल गया कि विनीत और उसकी भाभी के बीच में शारीरिक संबंध का रिश्ता है। उसके मन में भी इस समय ढेर सारे सवाल उमड़ रहे थे जिसका जवाब उसकी भाभी या राहुल ही दे सकता था । विनीता शर्मसार हो कर वह खिड़की पर खड़ा रहा उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें । कुछ देर तक वह वहीं पर बुत बना खड़ा रहा। विनीत की भाभी थकान से चूर हो चुकी थी उसे इसका अंदाजा भी नहीं था कि राहुल आज इतना जमकर उसकी चुदाई करेगा।
विनीत की भाभी राहुल से बहुत ही ज्यादा खुश और संपूर्ण संतुष्टि का एहसास लिए बेसुध होकर बिस्तर पर पड़ी थी। विनीत कुछ देर तक वहां खड़ा रहने के बाद बिना कुछ बोले ड्राइंग रूम में आकर बैठ गया उसका मन इधर उधर भाग रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अब करना क्या है उसका दांव खुद उस पर ही भारी पड़ गया था। 
थोड़ी देर बाद उसकी दादी अपनी साड़ी को ठीक करते हुए ड्राइंग रूम में आई तो उसे देखते ही वीनीत अपनी जगह से खड़ा होता हुआ बोला।

भाभी राहुल इधर क्या करने आया था।

कुछ नहीं वह कुछ नोटबुक लेने आया था तो मैंने उसे कह दी कि विनीत अभी घर पर नहीं है जब आए तो ले लेना । ( वह अपनी साड़ी ठीक करते हुए बोली, )
लेकिन तुम कब आए? 

मैं तो कब से आ चुका हूं भाभी तभी तो पता चला कि राहुल इधर आया था। ( विनीत की बात सुनकर होती वह भी कुछ बोली नहीं बल्कि अपनी हालत को दुरुस्त करने लगी कुछ देर तक खामोशी छाई रही तभी वीनीत बात को आगे बढ़ाते हुए बोला।) 

यह सब कब से चल रहा है भाभी। ( विनीत थोड़ा गुस्से में बोला विनीत के सवाल पर उसकी भाभी थोड़ा सक पका गई। कुछ देर तक उसे समझ नहीं आया की विनीत क्या कह रहा है इसलिए वह हड़ बड़ाते हुए बोली।)
ककककक.... क्या कब से चल रहा है? 

वही तुम्हारे और राहुल के बीच में।
( इस बार उसको अंदेशा हो गया कि कुछ गड़बड़ हो चुकी है फिर भी बात को संभालते हुए वह बोली।) 

मेरे और राहुल के बीच में...... क्या चल रहा है? तुम पागल तो नहीं हो रहे हो तुम्हें शर्म नहीं आती है की बातें करते हो वह तुम्हारा दोस्त है तुमसे मिलने घर पर आया था बस और क्या।( वह अपना मुंह दूसरी तरफ फेरते हुए बोली।)

बनो मत भाभी, मैंने अपनी आंखों से तुम दोनों की कामलीला देख चुका हूं। ( विनीत अपनी भाभी का गुस्से से जोर से हाथ पकड़ते हुए बोला। )

देख लिए तो देख लिए मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और तुम अपने काम से काम रखो दूसरों के कमरे में झांकना छोड़ दो। समझ गए।
( विनीत की भाभी को समझ में आ गया था कि वीनीत ने सब कुछ देख लिया है तो बात को घुमाने से कोई फायदा नहीं है इसलिए वह विनीत से साफ़ साफ़ बोल दी। विनीत भी गुस्से में था इसलिए वह अपनी भाभी का हाथ जोर से झटकते हुए बोला।)

नहीं तुम्हारी सारी काली करतूतों को भैया को बता दूंगा।

जा बता दे लेकिन यह सब बताने पर भी कुछ फायदा नहीं होगा उल्टा मैं तुझे ही फसा दूंगी। बस मुझे इतना ही कहना होगा कि मुझे नग्नावस्था में देखकर तुम्हारे भाई से कंट्रोल नहीं हुआ और वह मेरे साथ जबरदस्ती करना चाहता था तो मैंने उसे जोर से दो तमाचे गाल पर जड़ दि। बस मेरा इतना ही कहना होगा उसके बाद तुम जानते हो कि तुम्हारे भैया तुम्हारे साथ क्या करेंगे तुम्हें घर से भी निकाल देंगे।( वह इतराते हुए बोली। विनीत यह सब बातें सुनकर सन्न रह गया लेकिन फिर भी अपनी भाभी की बात पर आशंका जताते हुए बोला।)

तुम अच्छी तरह से जानती हो भाभी की भैया तुम्हारी इन सब मनगढ़ंत बातों पर कभी भी विश्वास नहीं करेंगे।


करेंगे जरूर करेंगे( अपनी गांड मटकाते हुए दो चार कदम चलते हुए वह बोली।) तू अभी बहुत नादान है विनीत तू औरतों की मायाजाल को नहीं जानता। मर्दों की समझदारी बड़प्पन चालाकी सब कुछ औरतों की दो टांगो के बीच आते ही धरी की धरी रह जाती है। तेरे भैया भी मेरी टांगों के बीच आते ही सब कुछ भूल जाएंगे यह भी भूल जाएंगे कि तू उन का छोटा भाई है और वही करेंगे जो मैं कहूंगी। 

तू बहुत बेशर्म है भाभी।

अच्छा तो यह बात है तेरे साथ सोती हूं तो सती सावित्री और तेरे दोस्त के साथ सोई तो बेशर्म। तेरी भाभी होने के बावजूद जब मैं तेरे साथ संभोग सुख का आनंद लेती थी तभी तुझ को समझ लेना चाहिए था कि मैं कितनी प्यासी हूं। तेरा भाई मुझे चोद कर संतुष्ट नहीं कर पाता था तब मैंने तेरा सहारा ली, और जब मुझे तेरे से भी ज्यादा दमदार और तगड़ा लंड मिल गया तो मैं तेरे दोस्त से चुदवाने लगी। सही मायने में तुझे कहूं तो असली मर्द राहुल ही है उसे पता है की औरतों को कैसे खुश किया जाता है। और उसके पास औरतों को संपूर्ण रुप से संतुष्टि प्रदान करने वाला लंबा तगड़ा हथियार भी है। जो कि तुम दोनों भाइयों के पास उसका आधा भी नहीं है।

( अपनी भाभी की ऐसी गंदी और कड़वी बातें सुनकर विनीत शर्म से पानी पानी हुए जा रहा था इससे बड़ी शर्मकी बात विनीत के लिए क्या होगी की उसकी भाभी ही उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रही हो। विनीत ऐसी बातें सुनकर गुस्से में बोला।)

बस भाभी बस मुझे नहीं मालूम था कि तुम इतनी बड़ी बेशर्म निकलोगी।


अच्छा तुम्हारे साथ सोऊं तो सती सावित्री और तुम्हारे दोस्त के साथ सो गई तो बेशर्म। 

मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि तुम इस तरह की औरत निकलोगी। 


बस अब मे ईससे ज्यादा कुछ नहीं सुनना चाहती जैसा चाहती हूं वैसे ही रहो अगर जरा भी चालाक बनने की कोशिश किए तो तुम्हारे लिए ही अच्छा नहीं होगा।
( इतना कहने के साथ ही वह अपने कमरे में चली गई और विनीत वहां पर ठगा सा खड़ा रह गया । वह चारों खाने चित हो चुका था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसके सोचने के बिल्कुल उल्टा हो रहा था। वह एकदम से बौखला गया था। उसकी प्यारी भाभी जिसे वह जी जान से ज्यादा मानता था उसे अपने ही दोस्त के साथ रंगरेलिया मनाते हुए देखकर दंग रह गया था। वह अब राहुल से मिलने के लिए छटपटा रहा था वह अपनी बेइज्जती का बदला राहुल की मां को चोद कर लेना चाहता था। वह भी अपने मन में ठान लिया था कि आगे उसे क्या करना है।

दूसरे दिन स्कूल जाते वक्त विनीत रास्ते में ही राहुल का इंतजार कर रहा था और वह उसे रास्ते में मिल गया । राहुल को देखते ही विनीत का भी खून खोलने लगा वह सड़क पर ही राहुल का गिरेबान पकड़कर उसे धमकाने लगा। लेकिन राहुल था कि हंसे जा रहा था क्योंकि उसे अच्छी तरह से मालूम था की उसने कौन सा दांव खेल चुका है वीनीत के साथ। विनीत के हाथों में अब एक भी बाजी नहीं रह गई थी। जितना विनीत क्रोधित हो रहा था उतना ही ज्यादा राहुल हंस रहा था राहुल की हंसी विनीत को जहर की तरह लग रही थी। राहुल की हंसी बंद नहीं हो रही थी उसको इतना से हंसता हुआ देखकर विनीत उससे बोला।

हंस मत हरामजादे मुझे अभी के अभी अपने पैसे भी चाहिए और तेरी मां भी , तू खुद अपनी मां को मेरे पास लाएगा वरना आज मैं पूरी स्कूल को बता दूंगा कि तेरी मां के साथ मेरा क्या रिश्ता है। ( विनीत राहुल का गिरेबां पकड़ते हुए बोला लेकिन विनीत की यह बात सुनकर राहुल उसे जोर से धक्का दिया और वह नीचे जमीन पर गिर गया। और उसके नजदीक जाकर बोला।)

हरामजादे कुत्ते तो क्या हम लोगों को बदनाम करेगा मैं चाहूं तो अभी इसी वक्त तेरी और तेरे खानदान की धज्जियां उड़ा सकता हूं। लेकिन तू ऐसे नहीं मानेगा लगता है तुझे एक बार फिर से असली नजारा दिखाना होगा। ( विनीत के गिरेबान को कस के पकड़ते हुए)
हरामजादे तू तो देख ही चूका है कि नहीं क्या क्या कर सकता है लेकिन शायद इससे भी तेरा पेट नहीं भर रहा है, तो सुन आज रिशेेश में ऊपर के मंजिलें पर आ जाना शायद वहां का नजारा देखकर तुझे कुछ सीखने को मिलेगा और आइंदा से मेरे साथ ऊलझने की गलती ना कर सके। ( वह जाने ही वाला था कि फिर से दिनेश की तरफ मुड़कर गुस्से में बोला।) और हां सिर्फ देखना और उससे मिला इससे ज्यादा कुछ भी करने की कोशिश किया तो तेरा बना बनाया सारा खेल बिगड़ जाएगा और तू कहीं का नहीं रह जाएगा समझ गया।

( इतना कहकर राहुल स्कूल की तरफ चला गया विनीत वहीं खड़ा फिर से सोचने लगा कि आखिरकार उसके साथ हो क्या रहा है प्रिया राहुल ऊपर की मंजिल पर ऊसे क्या दिखाने वाला है। उसके सामने सारे राज अभी राज ही थे उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि आखिर राहुल उसे दिखाना क्या चाहता है। अलका को लेकर के उसकी चाहत बढ़ती जा रही थी वह उसे लगभग हासिल कर ही लिया था लेकिन एक दिन में सारा खेल उल्टा पड़ने लगा था। लेकिन फिर भी वह अलका को भोगने की उम्मीद पर कायम था वह मन में अलका को लेकर के ख्याली पुलाव बना रहा था उसे लगता था कि अलका उसके हाथ लग जाएगी। जिसके लिए उसने इतना कुछ कर दिया अपनी दोस्ती भी दांव पर लगा दिया इतनी आसानी से वह अलका को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था। वह ऊसे किसी भी हाल में पाना चाहता था।और ऊसे पाने के लिए मन में ठान लिया था कि आज शाम को किसी भी हाल में चाहे कुछ भी हो अलका को भोगकर ही रहेगा। 
मन में यह ख्याल करके वह स्कूल की तरफ चल दिया क्लास में बैठे-बैठे वह रिशेश होने का इंतजार कर रहा था।
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10-09-2018, 03:57 PM,
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विनीत को बड़ी बेसब्री से रिशेेश होने का इंतजार था। उसके मन में एक अजीब सा डर भी बना हुआ था लेकिन फिर भी उत्सुकता भी थी कि आखिरकार राहुल उसे क्या दिखाने वाला है उसका दिल जोरो से धड़क रहा था हालात के हाथो वह इतना लाचार हो चुका था कि कुछ भी उस के पक्ष में होता नजर नहीं आ रहा था।
आखिरकार इंतजार की घड़ियां खत्म हुई दीवार घड़ी की सुई अपनी नियत स्थान पर पहुंचते ही स्कूल में रिशेेश की घंटी भी बज गई। राहुल के चेहरे पर संतुष्टि भरी मुस्कान तैर रही थी। लेकिन वीनीत के चेहरे पर तो जैसे 12:00 बजे हुए थे। वह राहुल के हाथों का कठपुतली बना हुआ था वह जैसे चाहता, वैसा ही उसे नचा रहा था। रीषेश की घंटी बजते ही दोनों एक दूसरे को घूरते हुए क्लास से बाहर निकले , राहुल उसे थोड़ा आगे को निकल गया, विनीत ऊससे कुछ दूरी बनाकर उसके ऊपर नजर गड़ाए हुए था उसे इंतजार था कि वह कब स्कूल की ऊपरी मंजिल पर जाएगा कुछ देर तक यूं ही वहां खड़ा रहा। कुछ ही मिनट बाद उसकी नजरों ने जो देखा उसे देख कर उसे अपनी आंखो पर विश्वास नहीं हुआ। राहुल और नीलू दोनों हंस हंस कर बातें कर रहे थे राहुल ने उसके कान में कुछ धीरे से कहा जिससे दोनों सबसे नजरें बचाते हुए ऊपरी मंजिलें की तरफ जाने लगे। राहुल का तो यह देखकर होश ही ऊड़ गया था। दोनों के बीच कुछ गड़बड़ होने की आशंका वीनीत को साफ नजर आ रही थी। वह धड़कते दिल के साथ दोनों के पीछे पीछे ऊपरी मंजिल पर जाने लगा, राहुल और नीलू भी नजरे बचाते हुए उस क्लास की तरफ बढ़ रहे थे जिस क्लास में दोनों बहुत बार अपनी मर्यादाओं को लांघ चुके थे। मैंने तुमसे कुछ दूरी बनाकर ही चल रहा था ताकि उन लोगों की नजर उस पर ना पड़ सके लेकिन राहुल को अच्छी तरह से मालूम था कि लिमिट इन दोनों के पीछे पीछे आ रहा है इसलिए उसे जानबूझकर जलाने के उद्देश्य से उसने अपने एक हाथ को नीलू की संगमरमरी पीठ पर धीरे-धीरे सरकाते हुए नीचे की तरफ ले जाकर नीलू की भरी हुई भरावदार गोल गांड पर अपनी हथेली फिर आते हुए उसे अपनी हथेली में दबोच लिया और गांड को दबोचे हुए हैं पीछे की तरफ नजर घुमाकर विनीत की तरफ देखते हुए धीरे से आंख मार दिया। विनीत अब तो राहुल की इस हरकत से एकदम जल भून गया। उसे इसकी भी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी राहुल के व्यवहार पर का पता चला था कि दोनों के बीच लंबे समय से कुछ चल रहा है। नीलू उसकी होने वाली पत्नी थी। नीलू से उसे इस तरह की कतई उम्मीद नहीं थी। वह नीलू पर हमेशा से अपना ही हक समझता था क्योंकि नीलू भी उसे बेहद प्यार करती थी लेकिन इस समय उसकी आंखें जो देख रही थी वह सनातन सत्य था उसकी होने वाली बीवी के नितंबों पर उसका ही दोस्त राहुल की हथेली घूम रहीे थी। जो की बहुत कुछ कह रही थी। वीनीत का गुस्से से बुरा हाल था लेकिन हालात कुछ इस तरह के खड़े हो चुके थे कि विनीत कुछ करने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था। 
उसके देखते ही देखते दोनों खाली क्लास में चले गए और दोनों के अंदर प्रवेश करते ही फटाक की आवाज के साथ दरवाजा बंद हो गया दरवाजा के बंद होते ही विनीत के दिल की धड़कन तीव्र गति से चलने लगी। उसे इसका आभाष अच्छी तरह से हो गया था कि बंद कमरे में दोनों के बीच कुछ गंदा ही होने वाला है। वह दबे क़दमों से दरवाजे के करीब पहुंच गया और कमरे के अंदर का दृश्य देखने के लिए वह दरवाजे में से जगह तलाशने लगा। विनीत के कानों में कमरे के अंदर से आ रही आवाज साफ साफ सुनाई दे रही थी और उस आवाज को सुनते ही गुस्से के मारा उसका खून खौल रहा था। कमरे के अंदर से नीलू की ही आवाज आ रही थी।

छोड़ो राहुल क्या कर रहे हो तुम्हें तो जरा भी सब्र नहीं होता।ऊंहहहहहहह..... छोड़ो ना .....आहहहह....प्लीज ऐसे मत दबाओ दर्द होता है।
( कमरे के अंदर से आती नीलू की मादक आवाज को सुनकर विनीत बेचैन हो गया उसके कानों में उसकी आवाज किसी सुल की तरह चुभ रही थी। उसे पक्का यकीन हो गया था कि कमरे के अंदर दोनों के बीच गंदा ही हो रहा था ।वह अंदर की बातों को तो आराम से सुन ले रहा था लेकिन अंदर का नजारा देख सके ऐसा कोई जुगाड़ उसे नजर नहीं आ रहा था कि तभी उसकी नजर दरवाजे के किनारे पर पतली सी दरार पर पड़ी और वह तुरंत दरार मैं अपनी नज़र गड़ा कर अंदर के दृश्य को देखने की कोशिश करने लगा। दरवाजे की उस पतली दरार से जैसे ही उसने कमरे के अंदर अपनी नजर दौड़ाया तो अंदर का नजारा देख कर दंग रह गया। वह कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि नीलू उसके साथ इस तरह की बेवफाई करेगी। 
वह गुस्से से एकदम बौखला गया था वह भी कर क्या सकता था अंदर का नजारा ही कुछ ऐसा था। नीलु के शर्ट के ऊपर के दोनों बटन खुले हुए थे। ब्रा ऊपर की तरफ ऊठी हुई थी उसकी दोनों चूचियां राहुल की हथेली में कसी हुई थी और वह उसकी निप्पल को मुंह में भर कर चूस रहा था। नीलू के चेहरे के भाव को देख कर साफ मालूम पड़ रहा था कि नीलु को इसमें बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। राहुल बड़े मजे लेते हुए नीलू की दोनो चुचियों को बारी-बारी से मुंह में भर कर चूस रहा था। विनीत से यह सब देखा नहीं जा रहा था लेकिन ना चाहते हुए भी वह अपनी आंखों को दरवाजे की पत्नी दरार से सटाए रहा। राहुल जोर-जोर से उसके चुचियों को दबाते हुए बोले जा रहा था कि।

ओह नीतू मेरी जान मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकता। ( ऐसा कहते हुए वह नीलू की गोल-गोल दोषियों को अपनी हथेली में भरकर जोर जोर से दबाने लगा जिससे नीलू की गरम सिसकारी निकल जा रही थी।) 

ससससहहहहहहहह....राहुल मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं तुम्हारे बिना मे भी नहीं जी सकती। ( राहुल के चेहरे को अपनी हथेलियों में लेते हुए बोली। यह सब देखकर विनीत जल भून जा रहा था वह गुस्से में आग बबूला हो चुका था। वह अंदर का दृश्य देखने में अपने आप को असमर्थ पा रहा था उसकी इच्छा हो रही थी कि दरवाजा तोड़कर अंदर चला जाए और राहुल की जमकर धुलाई कर दे। वह ऐसा करने की सोच रहा था लेकिन बार-बार उसे राहुल की दी हुई धमकी याद आ जा रही थी कि अगर वह कुछ भी किया तो उसका बना बनाया सारा खेल बिगाड़ देगा। विनीत को यह भी नहीं समझ में आ रहा था कि कौन सा बना बनाया खेल बिगाड़ देगा लेकिन एक अजीब प्रकार का डर विनीत के मन में बैठ चुका था जिसकी वजह से वह आगे कदम बढ़ाने में घबरा रहा था। तभी विनीत की नजर जब राहुल की कमर के नीचे गई तो वह सन्न रह गया, राहुल एक हाथ से अपने पेंट की बटन को खोल रहा था और साथ ही बोल रहा था कि।

नीलू तुम मुझसे प्यार तो करती हो लेकिन तुम्हारी शादी तो वीनीत के साथ तय हो गई है। 

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो राहुल इसमें पापा की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं उनसे तुम्हारे बारे में कोई भी जिक्र नहीं करना चाहती लेकिन मेरा यकीन मानो सब कुछ हालात ठीक होते ही मैं तुम्हारे बारे में पापा से बात करूंगी और मेरे पापा जरुर मेरी खुशी के लिए मान जाएंगे और मैं तुम्हारी ही दुल्हन बनुंगी। 
( ऐसा कहते हुए वह खुद ही अपना एक हांथ नीचे ले जाकर के राहुल की मदद करते हुए उसके पैंट की चेन को खोलने लगी' नीलू की बात सुनकर और उसकी हरकत को देखकर राहुल शर्मिंदा होने लगा और उसे एक झटका सा लगा, उसे आज तक इस बात की भनक तक नहीं लग पाई थी कि दोनों के बीच कुछ चल रहा है और बात बढ़ते-बढ़ते यहां तक बढ़ गई थी दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे और नीलू खुद अपने पापा से राहुल के बारे में बात करने वाली थी। नीलू की बात सुनते ही राहुल के पैरों के नीचे से जैसे जमीन खिसक गई हो। उसकी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा उसे ऐसा लगने लगा कि वह कहीं गिर ना जाए इसलिए अपने आप को संभालते हुए दरवाजे का टेका ले लिया। वह शर्मिंदगी से गड़ा जा रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था वह तो नीलू के साथ शादी करके अपने भविष्य के सपने बुनना शुरू कर दिया था। लेकिन आज सच्चाई जानकर उसे एक झटका सा लगा था उसकी नाक के नीचे ही यह सब कुछ चल रहा था और उसे कानों-कान पता भी नहीं चला। विनीत ना चाहते हुए भी अंदर का दृश्य देखने के लिए अपने आपको संभाल कर फिर से अपनी नजर को दरवाजे की पतली दरार से ज्यों ही अंदर की तरफ ़ दौड़ाया तो अंदर का नजारा देखकर उसका माथा ठनक गया। राहुल का लंड उसकी पेंट से बाहर लटक रहा था जिसे नीलू अपनी हथेली में भरे हुए धीरे-धीरे मुठिया रही थी। विनीत बार-बार शर्मसार हुए जा रहा था उसके सब्र की सीमा समाप्त हो रही थी। लेकिन राहुल के आगे वह पूरी तरह से लाचार और मजबूर हो गया था राहुल ने वीनीत को कुछ इस तरह से घेर लिया था कि जिससे निकल पाना विनीत के बस में नहीं था। 

सच नीलु तुम मेरी दुल्हन बनोगी ना कहीं तुम वीनीत से शादी करके उसकी दुल्हन बन गई तो ।

( अपनी हथेली को राहुल के होठों पर रखते हुए) नहीं राहुल ऐसा मत बोलो मैं तुमसे ही प्यार करती हूं और तुम्हारी ही दुल्हन बनुंगी चाहे कुछ भी हो जाए। 

ओहहहहहह नीलू मेरी जान तुम कितनी अच्छी हो इसीलिए तो मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं।
( राहुल को मालूम था कि वीनीत दरवाजे के बाहर खड़ा होकर अंदर का दृश्य देख रहा है। इसलिए जानबूझकर ऐसी बातें कर रहा था और नीलू के मन की बात ऊगलवा रहा था ताकी वर्तमान परिस्थिति की स्थिति को जान कर विनीत अच्छी तरह से समझ सके कि राहुल क्या कर सकता है। तभी राहुल एक और झटका देने वाली बात नीलू से बोला।


नीलू प्लीज एक बार मेरा लंड मुंह में लेकर चूस लो मेरा बहुत मन कर रहा है तुम्हें लंड चुसवाने का... प्लीज नीलु ।) 

राहुल की बात सुनकर वीनीत अंदर ही अंदर जलभुन गया क्योंकि आज तक वह समझता था कि नीलू सिर्फ
उसके ही लंड को मुंह में लेकर चूसी है लेकिन आज उसे कुछ और देखने को मिलने वाला था। नीलू अभी भी उसके लंड को मुट्ठी में भरकर हिला रही थी। वह राहुल के लंड को हिलाते हुए बोली।

राहुल रिशेष पूरी होने वाली है चलो नीचे चलते हैं। ( लंड को मुठीयाते हुए बोली।)


क्या नीलू अभी बहुत समय है अच्छा सच सच बताना क्या तुम्हारा मन नहीं कर रहा है मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने का । 
( नीलू राहुल की बात सुन कर हंसने लगी और हंसते हुए बोली।)

मेरा तो हमेशा मन करता है तुम्हारे लंड को मुंह में लेकर चूसने का ।
( और इतना कहने के साथ हुआ नीचे घुटनों के बल बैठ गई यह देखकर विनीत की हालत ऐसी हो गई थी कि जैसे उसे सांप सूंघ गया हो। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार करें तो क्या करें वह बस बूत बना अंदर का दृश्य देखता रहा। और नीलू देखते ही देखते राहुल के मोटे लंबे लंड को धीरे धीरे करके अपने गले तक निगल गई। जिस तरह से नीलु उसके लंड को चूस रही थी राहुल की तो सिसकारी छूट रही थी। विनीत इसे यह सब देखा नहीं जा रहा था और वह राहुल था कि जानबूझकर विनीत को यह सब देखने के लिए मजबूर किए हुए था उसने झट से अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया। बाहर दरवाजे पर खड़ा अंदर का दृश्य देख रहा वीनीत राहुल की चालाकी को अच्छी तरह से समझ चुका था। राहुल बार-बार दरवाजे की तरफ देख ले रहा था विनीत को लग रहा था कि जैसे वह उसी को देख रहा हूं जबकि दरवाजे की तरफ देखना यह राहुल का इशारा था कि वह उसी को सब कुछ दिखा रहा है। नीलुू लंड चूसते हुए राहुल को रिकॉर्डिंग करते हुए देखीतो वह राहुल की हरकत को देखकर मुस्कुरा दी वह गले के अंदर तक लंड को लेकर अच्छी तरह से लंड की चुसाई कर रही थी। राहुल को यूं विनीत को दिखाते हुए उसकी होनो वाली पत्नी से लंड चुसवाते हुए बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। रह रह कर राहुल की सिसकारी छुट जा रही थी।
विनीत का पूरा बना बनाया खेल बिगड़ चूका था विनीत ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सीधा-साधा लगने वाला राहुल इस तरह की हरकत भी कर सकता है। यह एक तमाचा था विनीत के गाल पर। राहुल अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए नीलू के मुंह को ही चोद रहा था उसे पता था कि कुछ ही समय बचा हे रिशेष पूरी होने में। इसलिए वह विनीत को एक और झटका देना चाहता था इसके आगे का नजारा दिखा कर इसलिए वह तुरंत नीलू के मुंह में से अपने लंड को बाहर की तरफ खींच कर निकाल लिया। नीलू की सांसें भारी हो चली थी वह अपनी सांसो को दुरुस्त करती इस से पहले ही राहुल ऊसके कंधो को पकड़ कर उठाते हुए 
( नीलू कुछ समझ पाती उससे पहले ही वह टेबल की तरफ उसका मुंह करके उसे नीचे की तरफ झुका दिया नीलू को अब समझ में आ गया था कि राहुल क्या करने वाला है उसका भी बहुत मन कर रहा था चुदवाने को लेकिन इस तरह से जल्दबाजी में चुदवाना पड़ेगा उसे पता नहीं था लेकिन फिर भी उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी और साथ ही दरवाजे के बाहर खड़े विनीत की भी, राहुल की खड़े लंबे मोटे लंड को देखकर विनीत की भी हालत खराब हो जा रही थी उसे राहुल से इस बारे में भी काफी जलन हो रही थी। 
राहुल ने झटके से नीलू की स्कर्ट को ऊपर कमर तक चढ़ा दिया और दरवाजे की तरफ देखते हुए जल्दी से नीलू की गुलाबी रंग की पैंटी को भी पकड़ कर नीचे जंघोा तक सरका दिया। राहुल के हाथों से अपनी पैंटी को नीचे सरकावाती हुई नीलु को देखकर नीलु के ऊपर उसे गुस्सा आने लगा। उसे नीलू से भी इस तरह की बेशर्मी की उम्मीद नहीं थी लेकिन वह भी उसकी भाभी की तरह बेशर्म निकल गई थी। 

क्या कर रहे हो राहुल रीशेष पूरी होने वाली है क्यों मेरी भी गर्मी को बढ़ा रहे हो।( नीलू का भी बहुत मन था चुदवाने का लेकिन उसे इस बात की फिक्र भी थी की कहीं यह चुदाई का कार्यक्रम पूरा ना हो सका तो वह प्यासी ही रह जाएगी लेकिन उसकी शंका को दूर करते हुए राहुल बोला।) 

तुम चिंता मत करो मेरी जान मैं तुम्हें चोद चोदकर तुम्हारी बुर से पानी का झरना बहा दूंगा बस तुम देखती जाओ। ( इतना कहने के साथ ही वह विनीत को चिढ़ाने के लिए अपने लंड को अपनी उंगलियों से पकड़कर ऊपर नीचे करके हिलाते हुए दरवाजे की तरफ दिखाने लगा ,लंड की मोटाई और चौड़ाई देखकर विनीत का भी गला शुखने लगा। तभी राहुल अपने लंडको पकड़ कर लंड के सुपाड़े को नीलू की गांड के नीचे के भाग में उसकी गुलाबी बुर पर टिका दिया। नीलू की बुर इतनी ज्यादा पनीया ई हुई थी कि राहुल को अंदर डालने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और लंड पहले ही प्रयास में बुर की गहराई नापने लगा। राहुल नीलू की गांड को पकड़कर शुरू से ही जोर जोर से धक्के लगाते हुए चोदना शुरू कर दिया था। हर धक्के के साथ नीलू की सिसकारी निकल जा रही थी। दरवाजे के बाहर खड़ा विनीत यह सब देख कर दंग रह जा रहा था कुछ देर पहले जो नीलू और राहुल कोई समझता में देखकर गुस्से में तमतमाया हुआ था, वही विनीत राहुल की जबरदस्त चुदाईको देखकर मंत्रमुग्ध हो चुका था। बुर और लंड के संगम से उत्पन्न हो रही फच्च फच्च की 
आवाज इतनी तेज थी कि कमरे के साथ-साथ दरवाजे के बाहर खड़ा विनीत के कानों में भी साफ साफ सुनाई दे रही थी जिसे सुनकर वीनीत का लंड भी खड़ा हो गया था अपनी स्थिति को जानकर विनीत अपनी ही नजरों में गिरा जा रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था कमरे के अंदर का दृश्य नीलू भले ही उसकी होने वाली बीवी थी इतना ज्यादा गर्म नजारा देख कर वीनींत तो क्या उसकी जगह कोई भी होता तो उसका भी हाल वीनीत की तरह ही होता। राहुल बड़े ही तीव्र गति से नीलू की चुदाई कर रहा था और उसकी चुदाई करते हुए बोल रहा था कि।

आहहहहहहहह...नीलु मेरी जान कैसा लग रहा है तुम्हें।

ससससहहहहहहह....राहुल बहुत मजा आ रहा है राहुल बस ऐसे ही चोदते रहो...आहहहहहह....


छोटा तो नहीं पड़ता ना मेरा लंड तुम्हारी बुर के लिए..
.( राहुल तेज धक्के लगाते हुए बोला।)

नहीं मेरी जान ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मुझे तो तुम्हारे लंड देखकर कभी-कभी लगता है कि मेरी बुर में जाएगा भी या नहीं। 
( नीलू का जवाब सुनकर राहुल बहुत प्रसन्न हुआ क्योंकि वह जानता था कि नीलू का जवाब वीनीत भ ीं सुना होगा और सुनकर जल भून गया होगा। और एैसा था भी नीलू का जवाब सुनकर विनीत शर्म से पानी पानी हो गया था कि तभी रिशेश पूरी होने की घंटी बज गई, घंटी की आवाज सुनते ही राहुल ने धक्कों की गति को और ज्यादा तेज कर दिया जैसे-जैसे धक्के बढ़ते जा रहे हैं वैसे वैसे नीलू की सिसकारी भी बढ़ती जा रही थी। और दो चार धक्कों के बाद ही दोनों भलभला कर झड़ने े लगे। राहुल का काम पूरा हो चुका था उसने अपना आखिरी पत्ता भी वीनीत के सामने खोल दिया था और वीनीत राहुल के इस पत्ते को देखकर ढेर भी हो चुका था। राहुल और नीलू कमरे के बाहर आते इससे पहले ही विनीत अपना टूटा हुआ दिल लेकर वहां से जा चुका था।
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10-09-2018, 03:58 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल के द्वारा एक बार फिर से संतुष्टि भरा संभोग सुख पाकर नीलू अति प्रसन्न हो गई थी। उसे क्या मालूम था कि उसके संभोग का सीधा प्रसारण विनीत देख रहा था वह देख क्या रहा था राहुल उसे दिखा रहा था। राहुल के चेहरे पर भी संतुष्टि भरा अहसास साफ झलक रहा था।
चुदाई की गरमा-गरम संतुष्टि के साथ उसके चेहरे पर विजयी मुस्कान भी तैर रही थी। उसे अपने ऊपर और अपने प्लांट पर पूरा विश्वास था जो कि उसे लगने लगा था कि उसका प्लान पूरी तरह से सफल हो चुका है और ऐसा था भी विनीत की हालत को देख कर यह तय हो चुका था कि राहुल अपने मकसद में कामयाब हो चुका था। 
राहुल और नीलू भी अपने क्लास में आ गए राहुल नीलू के साथ जो किया सो किया लेकिन उसे विनीत के सामने प्रदर्शित करना नहीं चाहता था लेकिन वह भी मजबूर हो चुका था वह जानता था कि विनीत उसकी इस चाल से एक दम मात हो जाएगा। राहुल के सामने बड़ी ही संकट की घड़ी थी उसे अपनी मां को ही प्रमुखता देनी थी। राहुल यह अच्छी तरह से जानता था कि नीलू चाहे जितना भी वादे कसमे खा ले लेकिन उसकी शादी राहुल के साथ नहीं हो सकती क्योंकि उसकी मम्मी पापा कभी भी यह नहीं चाहेंगे कि उसकी लड़की ऐसे घर में ब्याह कर जाए जहां उनके खुद का ठिकाना ना हो। देर-सबेर नीलू भी इस वास्तविकता को समझ जाती की उसके मम्मी पापा भी उसकी शादी राहुल के साथ नहीं होने देंगे, कहां वह अमीर घराने की नीलू और कहां राहुल जो ढंग से उसे अपने घर में रख भी नहीं सकता था ।वह ऊन सुख सुविधा मुहैया नहीं करा सकता था जो सुख सुविधा वह अपने घर में भोगती थी। 
राहुल कीसी भी हाल मे अपनी मां की ईज्जत को बचाना चाहता था विनीत को उसके गंदे इरादे में कामयाब नहीं होने देना चाहता था बरसों से कमाई हुई इज्जत को वह ऐसे ही गंवा दे ये ऊसके लिए नामुमकीन था। इसलिए उसे अपनी मां की इज्जत और घर की बदनामी से बचाने के लिए ऐसे कठोर कदम उठाएं क्योंकि इसी तरह से ही वीनीत की अकल ठिकाने आ सकती थी, क्योंकि समझाने से वह समझने वाला नहीं था उनका के कामुक बदन का नशा उसके सिर पर सवार हो चुका था इसलिए वह नशा उतारने के लिए यह कदम उठाना राहुल के लिए बेहद जरूरी था। राहुल के लिए यह बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल था कि उसकी मां के संबंध उसके ही दोस्त वीनींत के साथ बन चुके थे । लेकिन किसी तरह से वह इस कड़वे घूंट को पीकर अपने आप को संभाल ले गया था। उसे अपनी मां के इस बात से थोड़ी तसल्ली मिली थी कि जो कुछ भी हुआ था वह अनजाने में हुआ था जिस का पछतावा उसे हो रहा था। 
वैसे भी राहुल यह अच्छी तरह से जानता ही था कि उसकी मां बेहद खूबसूरत और खूबसूरत बदन वाली महिला थी जिसके आगे नीलू और विनीत की भाभी उसके पास बराबर भी नहीं थी इसलिए वह अपनी मां से नाराज ना हो करके बल्कि उसे इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए अपनी चहीती नीलू और खूबसूरत विनीत की भाभी के साथ ऐसा खेल खेलना पड़ा।
अलका राहुल की मां ही नहीं बल्कि उसकी सब कुछ उसकी प्रेमिका तक हो चुकी थी। ऐसे में वह अपनी बेहद खूबसूरत बहुत ही कामुक और भरे हुए बदन की हुस्न की मल्लिका अलका को अपनी आंखों के सामने किसी और के हाथों में जाते हुए कैसे देख सकता था इसलिए उसने सारा प्लांन रचाया। और अपने पलान में लगभग कामयाब हो चुका था। 
क्लास में छुट्टी होने तक विनीत अपना मुंह लटकाए बैठा रहा उसके गरम-गरम अरमानों पर राहुल ने ठंडा पानी दो डाल दिया था। राहुल अंदर ही अंदर बेहद खुश नजर आ रहा था क्योंकि उसने निश्चित तौर पर अपनी मां को दुष्ट विनीत के हाथों से बचा लिया था। विनीत के मन में ढेर सारे सवाल चल रहे थे जिनका जवाब सिर्फ राहुल ही दे सकता था इसलिए वह राहुल से मिलकर सारी बातें करना चाहता था । उसके मन से अलका का ख्याल लगभग पूरी तरह से निकल चुका था। लेकिन कुछ यादें जो राहुल की मां से जुड़ी हुई थी वह शायद जिंदगी भर उसके जेहन से कभी नहीं मिट पाती। राहुल की मां की खूबसूरत कामुक बदन की कसक उसके तन-बदन में अभी तक झनझनाहट पैदा कर दे रही थी। उसकी मंन की आखिरी इच्छा यही थी कि वह एक बार फिर से राहुल की मां को भोग पाता लेकिन उसकी मन की इच्छा उसके मन में ही दब के रह गई। विनीत के मन की इच्छा लगभग पूरी होने वाली थी अलका भी तैयार हो चुकी थी कि एक बार फिर से विनीत के साथ सोकर शायद वह इस मुसीबत से छुटकारा पाने लेकिन एक मौके पर राहुल ने पूरी बाजी पलट दिया था। विनीत राहुल से चोट खाकर मुंह के बल गिर पड़ा था।ं तभी छुट्टी होने की घंटी बज गई राहुल पहले ही क्लास के बाहर निकल गया पीछे-पीछे विनीत भी क्लास के बाहर आ गया राहुल पैदल ही सड़क पर चला जा रहा था कि पीछे से राहुल उसे आवाज देकर रुकने को कहा। राहुल रुक गया वह देखना चाहता था कि विनीत का मिजाज अभी भी वैसा ही है या बदल गया है। 

तूने यह अच्छा नहीं किया राहुल , दोस्त होकर तूने दोस्त के पीठ पर छुरा भोंका है। ( विनीत अपनी हार के कारण बौखलाया हुआ था इसलिए वह गुस्से में राहुल से इस तरह की बातें करता हुआ बोला।)

तेरे मुंह से यह सब बातें अच्छी नहीं लगती वीनीत । तूने भी तो वही किया जो मुझे मजबूरन करना पड़ा। ( राहुल विनीत को जवाब देते हुए बोला।) मैं कभी भी नहीं चाहता था कि मैं ऐसा करूं लेकिन तूने मुझे मजबूर कर दिया है सब करने के लिए। 


तू सब कुछ जानते हुए भी कि वह मेरी भाभी है उसके साथ भी तूने गंदा काम किया और तो और यह भी तुझे अच्छी तरह से पता था की नीलू मेरी प्रेमिका है और मेरी होने वाली पत्नी भी फिर भी तूने उसके साथ भी गंदा काम किया।


लेकिन तू भी तो अच्छी तरह से जानता ही था कि जिसके साथ तुने गलत काम किया और जिसके साथ तू अभी भी गलत काम करने के लिए इस कदर पागल हुआ था वह मेरी मां है। ( राहुल की बात सुनकर विनीत के पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं बचे फिर भी वह अपने बचाव में बोला।)

तेरी मां भी यही चाहती थी , तेरी मां की ही मंजूरी पाकर हम दोनों आगे बढ़ें। 


झूठ बिल्कुल झूठ हरामजादे, वह तो मजबूर थी । तूने उसकी मजबूरी का फायदा उठा कर उसके साथ गलत काम किया और आगे भी यही करना चाहता था। वह तो अच्छा हुआ कि आगे कुछ और गलत होता इससे पहले ही मुझे मेरी मां ने तेरे बारे में सारी सच्चाई बता दी। 
( राहुल की बात सुनकर विनीत एकदम से हड़बड़ा गया और शक पकाते हुए बोला।)

ततततत... तू भी तो वही कर रहा है और मुझे इल्जाम देता है। 
( राहुल विनीत की यह बात सुनकर हंसने लगा उसे हंसता हुआ देखकर विनीत को अजीब सा लगा लेकिन फिर वह हंसते हुए ही बोला।) 

साले तेरी भाभी तो मेरी दीवानी है और तेरी गर्लफ्रेंड नीलू भी मेरी दीवानी है। तो यह जानने के लिए उत्सुक होगा कि यह सब कब से चल रहा है और तो और लड़कियों औरतों से दूर भागने वाला राहुल आज उनके इतने करीब केसे पहुंच गया। और हां जो यह तू मुझे और मेरे परिवार को समाज में बदनाम करने की धमकी देता फिरता है ना मैं चाहता तो ना जाने कब से पूरे स्कूल में तेरे और तेरी भाभी के बीच कैसा रिश्ता है सब कुछ बता देगा तब तु यहां मुंह दिखाने के भी लायक नहीं रह जाता। ( राहुल की बात सुनते ही वीनीत एकदम सन्न हो गया, उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी भाभी और उसके बीच क्या चल रहा है यह उसे कैसे पता चल गया। उसका भी खुलासा करते हुए राहुल बोला।) बड़ा दुहाई दे रहा था ना तु कि मेरी भाभी मेरी मां के समान है उसी ने मुझे बचपन से पाल पोस कर बड़ा किया मेरा इतना ज्यादा ख्याल रखती है यह सब तू ही कह रहा था। साले यह सब मुझे भी नहीं पता चलता कि तेरे और तेरे भाभी के बीच में कैसा रिश्ता है अगर मैं उस दिन अपनी इंग्लिश की नोट लेने तेरे घर ना आया होता। तेरे घर पहुंचते ही मैंने देखा कि दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर चला गया और मैंने कमरे में तुझे तेरी भाभी को चोदता पाया। मैं तो यह सब देखकर एकदम दंग रह गया क्योंकि तू अपनी बड़ी भाभी को मां के समान मानता था और तू खुद अपनी मां समान भाभी को चोद रहा था। तेरी नंगी भाभी को तुझसे ही चुदवाते देख कर मुझे बड़ा अजीब लगा। तूने तो मुझे नहीं देखा लेकिन तेरी भाभी मुझे देख ली थी कि मैं खिड़की से सब कुछ देख चुका हूं लेकिन तेरी भाभी बिना शर्माए मुझे देखते हुए जमकर तेरे लंड पर कूदने लगी। मुझसे यह नजारा बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं वहां से बिना कुछ बोले चला गया। लेकिन तेरी भाभी का नंगा बदन और उसकी मदमस्त कर देने वाली अदा बार बार मेरी आंखो के सामने तैर जा रही थी। मुझसे रहा नहीं गया और मैं फिर से नोट मांगने के बहाने तेरे घर पहुंच गया। ( विनीत राहुल की बातों को बड़े ध्यान से सुन रहा था और उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन सुनने के सिवा और कुछ कर भी नहीं सकता था। ) तेरे घर पहुंचा तो तू घर पर मौजूद नहीं था, और तेरी भाभी मौका देख कर मुझ ऊकसाने लगी और सच कहूं तो मुझे भी बेहद आनंद आने लगा था तेरी भाभी का मदमस्त बदन देख-देख कर मेरा भी लंड हिचकोले खाने लगा था। ( राहुल की बात सुनकर वीनीत क्रोध से भरा जा रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था, राहुल उसको और ज्यादा जलाते हुए अपनी बात को बढ़ाने लगा।) 
मुझे तो यकीन ही नहीं आ रहा था कि ऐसा कुछ हो जाएगा तेरी भाभी ने मुझ पर अपने बदन का अपने कामुक हुस्न का ऐसा जाल बिछाया की जो नहीं होना था वही हो गया तेरी भाभी ने मुझसे उस दिन चुदाई का पूरा मजा ली और सही बताऊ तो चुदाई का मजा क्या होता है मैंने भी उसी दिन जाना( राहुल विनीत को और ज्यादा जलाते हुए बोला ।) तेरी भाभी ने मेरा कुंवारा पन उसी दिन तोड़ दि थी। 
( राहुल अपने चेहरे पर विजयी मुस्कान बिखेरते हुए बोल रहा था और विनीत उसकी मुस्कुराहट और उसकी बातें सुनकर जलभुन जा रहा था। )
और हां वींनीत मैं नहीं जाता था तेरी भाभी को चोदने बल्की तेरी भाभी खुद मुझे फोन करके जब भी उसका मन मोटा लंबा लंड लेने को करता तो मुझे बुलाती थी। इसलिए उसने देख मुझे (अपनी जेब में हाथ डालकर मोबाइल निकालते हुए) यह उसका मोबाइल भी दी है।
राहुल के हाथ में मोबाइल देखते ही विनीत दंग रह गया। क्योंकि वाकई मे वह उसकी भाभी का ही मोबाइल था। वाह मोबाइल देखते ही उसे झपटने के लिए हाथ बढ़ाते हुए बोला।
यह मोबाइल तो मेरी भाभी का है। 
( राहुल ने अपना हाथ पीछे लेते हुए और मुस्कुराते हुए बोला। ) 


हां
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10-09-2018, 03:58 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल के हाथ में मोबाइल देखते ही विनीत दंग रह गया। क्योंकि वाकई मे वह उसकी भाभी का ही मोबाइल था। वाह मोबाइल देखते ही उसे झपटने के लिए हाथ बढ़ाते हुए बोला।यह मोबाइल तो मेरी भाभी का है।( राहुल ने अपना हाथ पीछे लेते हुए और मुस्कुराते हुए बोला। )

हां, यह मोबाइल तेरी भाभी का ही है और तुझे पता है कि तेरी भाभी ने मुझे यह मोबाइल क्यों दी है। 

ताकि जब भी उसका मन चुद़वाने को करें ,अपनी बुर में मोटा लंड लेने को करे तो तुरंत मुझे फोन करके अपने पास बुला सके। और ऐसा होता भी था जब भी उसका मन जमकर चुदाई करवाने के लिए तड़पता था तो वह मुझे फोन करके अपने घर बुला लेती थी और मैं भी उसकी प्यास को बखूबी बुझाता था। क्योंकि जब से उसने अपनी बुर में मेरा मोटा लंबा लंड डलवा कर चुदवाई है तब से तेरा लंड ऊसे छोटा पड़ने लगा है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जान ही गया होगा। 
( राहुल जानबूझकर उसकी भाभी के बारे में गंदी गंदी बातें करके उसे बता रहा था ताकि विनीत और ज्यादा जले और ऐसा हो भी रहा था विनीत अपनी भाभी के बारे में कानों से तो सुन रहा था लेकिन वह राहुल की सारी बातें सीधा उसके दिल में चोट पहुंचा रही थी। वह खामोश बुत बना राहुल की बातें सुनता रहा।)
विनीत तू नहीं जानता कि तेरी पीठ पीछे मैंने तेरी भाभी के साथ क्या क्या गुल खिलाए हैं , तेरी भाभी तो मुझ पर फिदा हो गई है, दीवानी है मेरीे, जैसा मैं कहूं वैसा वह करती है। उसे तो हर रोज अगर मिले तो मेरा लंड ही अपनी बुर में लेकर दिन रात पड़ी रहे। ( ऐसा कहते हुए राहुल हंसने लगा राहुल के हंसने की आवाज उसके दिल में छुरा भोंक रही थी वह अंदर ही अंदर राहुल से जल भून जा रहा था। उसे इस बात का पूरा मलाल था कि उसकी नाचनीचे यह सब चलता रहा है और उसे इस बात की बिल्कुल भनक तक नहीं लगी। अलका को भोगने की मंशा उसके दिल में ही दब कर रह गई थी। विनीत चाह कर भी अलका की देह लालीत्य को भुला नहीं पा रहा था लेकिन अब अलका को पाने का सारा रास्ता उसके लिए बंद हो चुका था। राहुल उसको गुस्से से देखते हुए फिर बोला।) 

नीलू के साथ भी मेरा किस तरह का रिश्ता है यह तो तू आज क्लास में देख कर अच्छी तरह से समझ ही गया होगा। नीलू के साथ भी मेरा सब कुछ हो गया और इस बात की भनक तुझे कानों-कान तक नहीं हुई। जिस तरह से तेरी भाभी मेरी दीवानी हो चुकी है उसी तरह से नीलू भी मेरी दीवानी हो चुकी है। नीलू से मुझे मिलाने की गलती तूने हीं की थी ना तू नीलू से मुझे मिलाया होता और ना नीलु मेरी बाहों में आकर इस तरह से सिमटती। जिस दिन से तूने मुझे नीलू से मिलाया उसी दिन से नीलु मुझे देखते ही मेरी तरफ आकर्षित होने लगी। वह मुझे एक बहाने से घुमाने ले जाती थी सैर सपाटे कराती थी , और एक दिन वह मुझे पढ़ाई की तैयारी के बहाने अपने घर ले गई और उस दिन उसने भी तेरी भाभी की ही तरह अपनी रसीली बुर का स्वाद 
जमके उसने मुझे चखाई और एक बार जो ऊसने मेरे 
लंड को अपनी बुर मे लेकर चुदवाई , फिर तो वह भी तेरी भाभी की ही तरह मेरे मोटे तगड़े लंड की दीवानी हो गई और कब मुझसे प्यार करने लगी है पता ही नहीं चला। और अब तो हाल यह है कि वह मेरे बिना रह नहीं सकती मेरे खातिर भी तेरे से भी सारे रिश्ते तोड़ लेगी।
अगर मैं कह दूं तो वह मेरे साथ अभी के अभी शादी कर ले और शादी करने के बाद आखिर कब तक मां-बाप नाराज रहेंगे एक ना एक दिन तो अपना ही लेंगे और उसके घर पर उसके बिजनेस पर सब पर मेरा राज होगा। मेरे एक इशारे पर तेरा पत्ता साफ हो जाएगा मैं जानता हूं कि ऊससे शादी करने के बाद तो उसके बिजनेस का मालिक बन जाएगा और यह सपना तू अच्छी तरह से देख रहा है लेकिन तू यह नहीं जानता कि तेरा सारा बना बनाया खेल में चुटकी बजाते ही बिगाड़ सकता हूं ' तेरी पत्नी बनने से पहले ही वह ना जाने कितनी बार मेरे साथ सुहागरात मना चुकी है मैं चाहूं तो उसे तेरी पत्नी बनने से पहले अपनी पत्नी बना लुं। ( राहुल की यह सब बातें सुनकर विनीत के चेहरे पर तो जैसे हवाइयां उड़ने लगी। उसे इसका अंदाजा तक नहीं था कि राहुल की मां के साथ गंदा काम करने की वजह से उसे इतना कुछ भुगतना पड़ेगा। वह तो राहुल के दिमाग से एकदम परेशान हो चुका था राहुल के परिवार पर वह अपना शिकंजा करना चाहता था। वह राहुल के परिवार को बदनामी का डर दिखाकर उसकी मां को चोदना चाहता था उसे देखना चाहता था उसे हर तरह से अपनी बनाकर रखना चाहता था। लेकिन राहुल के दिमाग में और उसकी समझदारी की वजह से विनीत चारों खाने चित हो चुका था ।उसके पास करने के लिए अब कुछ भी नहीं बचा था। विनीत के सारे सपने टूट चुके थे विनीत को इस तरह के हाल में देखकर राहुल मुस्कुरा रहा था और विनीत हैरान परेशान होकर उसके सामने बूत बना खड़ा था। राहुल को उसके परेशान सा चेहरा देखने में बड़ा आनंद मिल रहा था अब जाकर उसके दिल को सुकून मिला था क्योंकि ऐसी ही परेशानी और डर को वह अपनी मां के चेहरे पर देख चुका था इसलिए वही हाल वीनीत का देखकर उसकी खुशी का ठिकाना ना था वह विनीत का हाल देख कर बोला।)

बस यही डर यही परेशानी में तेरे चेहरे पर देखना चाहता था जो कि मैं अपनी मां के चेहरे पर देखते आ रहा था। मैं चाहता तो तुझे सब कुछ अपने मोबाइल पर भी दिखाकर तेरी बोलती बंद कर सकता था ।तेरी शान ठिकाने ला सकता था। लेकिन जो काम तुने मेरी मां के साथ किया था उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर तूने जो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था। और उसे फिर से भोगने के लिए यह सारा षड्यंत्र रचाया था। इसलिए मुझे तेरी औकात दिखाना जरूरी था इसलिए मैंने तेरी भाभी के साथ रंगरेलिया मनाता हुआ रिकॉर्डिंग की बजाए तुझे उसका सीधा प्रसारण दिखाने का पूरा बंदोबस्त बना लिया था। कल मैं उस स्कूल ना जाकर सीधे तेरे घर चला गया और तेरी भाभी को यह बोला कि तू शाम तक लोटेगा किसी काम से बाहर जा रहा है। तेरी भाभी तो है ही बहुत चुदवासी ,उसे तो मौका मिल गया मुझसे चुदने का। मैं तेरे घर में प्रवेश करते ही दरवाजे को खुला ही छोड़ दिया उसे लोक नहीं मारा बस ऐसे ही बंद कर दिया ताकि तू आराम से कमरे में आ सके। और मैंने हल्की सी खिड़की भी खुद ही छोड़ दिया था कि तू उस खिड़की में से तेरी भाभी और मेरा चुदाई का सीधा प्रसारण अपनी आंखो से देख सके।
और जैसा मैं चाहता था ठीक वैसा ही हुआ मुझे तो स्कूल छूटने तक का ही इंतजार था मुझे मालूम था कि तू घर में घुसते ही अपनी भाभी के कमरे तक जरूर आएगा। और तू आकर सब कुछ अपनी आंखों से देख भी लिया और यही मैं चाहता भी था। जानता है तेरी भाभी कितनी बड़ी चुदवासी है स्कूल छुटने तक मैंने उससे पांच छ बार जमकर चोदा और उसने चुदाई का पूरा लुफ्त उठाई। अपनी भाभी को मेरे से चुदते देख तेरे माथे पर जो परेशानी के पसीने छूट रहे थे तेरे चेहरे पर जो हैरानी छाई हुई थी यही मै तेरे चेहरे पर देखना चाहता था। 
( विनीत पूरी तरह से घायल हो चुका था बिना मारपीट के बिना लड़ाई झगड़े की विनीत पूरी तरह से राहुल के सामने पस्त हो चुका था। राहुल अपने चेहरे पर विजई मुस्कान बिखेरते हुए उसे उसकी ही भाभी का मोबाइल दिखाते हुए बोला।) 
तेरी भाभी के साथ हो तेरी होने वाली बीवी के साथ मेरे किस तरह के नाजायज संबंध शारीरिक संबंध हे, इसकी सारी रिकॉर्डिंग इस मोबाइल में है तेरे पास तो मेरी मां को बदनाम करने का कोई सबूत भी नहीं था फिर भी हम शरीफ लोग हैं इसलिए सबूत से नहीं बातों से ही हम लोगों को बदनामी का डर पूरी तरह बना रहता है। 


आखिर तू चाहता क्या है ? (बहुत देर बाद भी नहीं सोच समझ कर बोला) 

तू अब इस लायक भी नहीं रहा कि मैं तुझे आगे क्या करना है इसके लिए बताऊं कुछ भी तो अपना हाल देख कर खुद ही समझ जाना चाहिए कि तुझे अब क्या करना है कैसे करना है। जो तू अपने मन में मेरी मां को पाने का गंदा सपना संजो रखा है । अपना हाल देखकर तुझे यह समझ जाना चाहिए कि अब आगे से किसी अपने सपने के साथ चलना है या नहीं। फिर भी मैं तेरे अच्छे के लिए इतना बता दूं कि आइंदा अगर तू मेरे परिवार को बदनाम करने की या फिर मेरी मां के आसपास भी भटका तुम मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। 
और हां मैं चाहूं तो इस रिकॉर्डिंग के जरिए तुझे तेरे परिवार सहित पूरी तरह से बदनाम कर सकता हूं। पूरे समाज में तू और तेरा परिवार कहीं मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं रह जाएगा। 
( विनीत आंखें नीची करके राहुल की सारी बातें सुने जा रहा था और सुनने के सिवा कुछ कर भी नहीं सकता था राहुल उसे हिदायतें देते हुए धमका रहा था।) 
विनीत अगर मैं चाहूं तो इस रिकॉर्डिंग के जरिए आंखें भी तेरी आंखों के सामने ही तेरी भाभी के साथ चुदाई का पूरा सुख ले सकता हूं। और तू मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता और अगर चाहूं तो तेरी होने वाली बीवी नीलू के साथ भी सब कुछ कर सकता हूं और तू कुछ भी नहीं कर सकता। लेकिन मैं अब ऐसा करुंगा नहीं आज आखिरी बार तुझे सबक सिखाने के लिए मुझे यह सब करना पड़ा। और अब से मेरा और तेरा कोई रिश्ता नहीं है और ना ही तेरी भाभी के साथ और ना ही नीलू के साथ आज सब कुछ त्याग रहा हूं। तू अपनी दुनिया में मस्त रह और मैं अपनी दुनिया में। 
अगर अभी भी तेरे मन में कोई शंका हो या और कोई षड्यंत्र तेरे मन में बन रहा हो तो वह भी बता देना इसका भी इलाज में अच्छी तरह से कर दूंगा। यह तू अच्छी तरह से समझ लेना। 
( इतना कहने के साथ ही राहुल मस्ती में अपने रास्ते पर चल पड़ा विनीत वहीं खड़ा उसे जाते हुए देखता रह गया एक हारे हुए सिपाही की तरह वह मैदान ए जंग में घुटनों के बल बैठा हुआ था। उसके पास कोई रास्ता नहीं था शिवाय राहुल की दी हुई हिदायतो पर कायम रहने के। विनीत भी वही खड़े राहुल को तब तक देखता रहा जब तक की वह उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गया इसके बाद वह भी अपने रास्ते पर चल पड़ा। 
राहुल अब सुकून की सांस ले रहा था उसने अपनी मां अलका के लिए दो दो औरतों का साथ छोड़ चुका था वह चाहता तो दोनों औरतों के साथ भी अपने संबंधों को कायम रख सकता था क्योंकि उन दोनों के साथ संबंध रखने में भी उसे कोई अड़चन नहीं होती लेकिन वह अब इस दुनिया में वापस नहीं जाना चाहता था। वह अलका से ही बेहद प्यार करता था दो दो औरतों को अलका के लिए त्याग कर देना ईसी से इस बात की साबिती होती थी कि अलका की खूबसूरती उसका भरा हुआ बदन, विनीत की भाभी और नीलू की खूबसूरती पर भारी पड़ रही थी वरना कौन बेवकूफ होगा जो वीनीत की भाभी जैसी मस्त योवन वाली औरत और खूबसूरती की कुतुब मीनार की ऊंचाई को छूती हुई नीलु जेसी लड़की को छोड़ेगा। लेकिन राहुल तीनों औरतों के साथ मजे ले चुका था उसे अच्छी तरह से मालूम था कि तीनों में से कौन सबसे ज्यादा बेहतर है वह अच्छी तरह से जानता था कि ऊसकी मां के मादक बदन के हर एक अंग से मदन रास टपकता था। और राहुल अलका के मदनरस का दीवाना हो चुका था। 
राहुल अपने घर नां जा कर इधर-उधर घूमता रहा। उसे शाम होने का इंतजार था। जब शाम ढले लगी पर अंधेरा छाने लगा तो उसे पता चल गया कि उसकी मां घर पर आ चुकी होगी और घर का काम कर रही होगी तब जाकर वह अपने घर की तरफ जाने लगा। घर में प्रवेश करते ही वह सीधा रसोईघर की तरफ गया और जैसे ही दरवाजे पर पहुंचा तो उसकी नजर सीधे अपनी मां पर गई जो कि इस समय भी आटा ही गुंथ रही थी। और आटा गूथते हुए जिस तरह से उसकी भरावदार गांड मटक रही थी। उसे देखते ही ऊसकी पुरानी यादें ताजा हो गई। अपनी मां की मटकती हुई गांड को देख कर उसे अपने ऊपर सब्र नहीं हुआ और वह रसोईघर के अंदर दाखिल हो गया।
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10-09-2018, 03:58 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल से रसोई घर के अंदर का नजारा देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। अपनी मां की मटकती हुई गांड को देख कर उसे पहले की बात याद आ गई और वह अपने आप को रोक नहीं पाया और रसोई घर में घुस गया। आटा गूथने के साथ ही अलका के भजन में हो रही हरकत की वजह से उसके कमर के नीचे के नीचे के भाग मैं अजीब तरह की थिरकन हो रही थी जिसकी वजह से अलका की भराव दार गांड ऊपर नीचे होते हुए मटक रही थी जोकि साड़ी के ऊपर से भी साफ-साफ महसूस हो रही थी। अलका यह नहीं जानती थी कि राहुल रसोईघर में आ चुका है , वह तो आटा गूथ होते हुए भी अपने सर पर आई मुसीबत के बारे में ही सोच सोच कर परेशान हो जा रहे थे वह उसे यकीन नहीं आ रहा था कि राहुल उसे इस बड़ी मुसीबत से छुटकारा दिला देगा वह परेशान सी रसोई घर में रसोई बनाने में जुटी थी, लेकिन उसका मन रसोई बनाने में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था। दूसरी तरफ राहुल कुछ दिनों से अलकां के साथ कुछ भी नहीं कर पाया था। राहुल विनीत की भाभी और नीलू के साथ जमकर चुदाई का मजा लेने के बावजूद भी उसकी प्यास बुझी नहीं थी उसकी प्यास अभी भी अधूरी थी, क्योंकि जब तक वह अपनी मां को जमकर चोद नहीं लेता था तब तक उसकी प्यास बुझती नहीं थी। इसीलिए तो अपनी मां की भरावदार और मटकती हुई गांड को देखकर उसकी दबी हुई प्यास और ज्यादा बढ़ गई और अपनी प्यास को भुझाने के लिए वह अपनी मां की तरफ बढ़ने लगा। दूसरी तरफ अलका अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी तभी उसे अचानक अपनी कमर के इर्द-गिर्द हथेलियों की पकड़ का एहसास होते ही जोर से उछल पड़ी लेकिन राहुल अपनी मां को कमर से कस के पकड़ कर अपने बदन से सटा दिया, अलका कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल की पेंट मे बना तंबु सीधे उसके भरावदार गांड के बीचो-बीच जाकर चुभने लगा , अपनी गांड पर कड़क और मोटे वस्तु की चुभन को महसूस करते ही उसे समझते देर नहीं लगी कि वह वस्तु क्या है लेकिन फिर भी एकाएक इस तरह की हरकत से वह उछल पड़ी थी। वह नजरें घुमा कर पीछे देखी तो राहुल उसे पीछे से अपनी बाहों में भर कर गर्दन को चूम रहा था वह कुछ कहती इससे पहले ही राहुल ने अपने दोनों हथेलियों को ऊपर की तरफ ले जाकर ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूचियों को अपनी हथेली में भरकर जोर जोर से दबाने लगा और लगातार अपने तंबू को गांड की दरारों के बीच साड़ी के ऊपर से ही रगड़ने लगा। एकाएक हुए राहुल की इस हरकत से अलका एकदम से हड़बड़ा गई थी और हड़ब़ड़ाते हुए ही अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए वह बोली। 

क्या कर रहा है राहुल एक तो वैसे ही सर पर इतनी बड़ी मुसीबत है । मेरा कहीं भी मन नहीं लग रहा है और तू है कि इस हाल में भी मस्ती करने की सूझ रही है और मुझे काम करने दे। ( इतना कहने के साथ वह अपने आप को छुड़ाने की पूरी कोशिश करने लगी लेकिन राहुल था कि आज मानने वाला बिल्कुल भी नहीं था। वह आज पूरी तरह से अपनी मनमानी करने पर उतारू हो चुका था इसलिए वह चुचीयों को दबाते हुए ही ब्लाउज के बटन खोलने लगा। अपने बेटे को ब्लाउज के बटन खोल के देख वह उसे रोकते हुए बोली।) 

यह क्या कर रहा है बेटा मेरा मूड बिल्कुल भी नहीं है अभी रहने दे जब तक इस मुसीबत से छुटकारा नहीं मिल जाता तब तक मेरा मन कहीं भी नहीं लगेगा। ( अलका राहुल को ब्लाउज के बटन खोलने से रोकती रही हो राहुल खाकी उसके बोलते बोलते हैं ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया, किस्मत भी शायद राहुल के साथ ही थी क्योंकि शायद गर्मी की वजह से उसकी मां ने ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। इसलिए ब्लाउज के बटन खुलते ही, अलका की दोनों बड़ी-बड़ी पके हुए आम की तरह गोल गोल चुचियां तुरंत राहुल की हथेलियों में आ गई। अपनी मां की नंगी नंगी बड़ी बड़ी चुचियों का स्पर्श हथेलियों में होते ही राहुल का लंड पेंट के अंदर ही फुंफकारने लगा। राहुल से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था पेंट के अंदर तना हुआ तंबू वह लगातार अपनी कमर को अपनी मां की मादक भराव दार गांड पर रगड़ते हुए स्तन मर्दन का आनंद लेने लगा। अलका फिर भी उसे रोकते हुए बोली।

रहने दे राहुल मेरा मूड बिल्कुल भी नहीं है । छोड़ मुझे काम करने दे। 

मम्मी मुड़ का क्या है? अभी 2 मिनट में तुम्हारा मूड बन जाएगा और हां आप किसी के बारे में भी तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। ( इतना कहने के साथ ही वह अपनी पेंट के बटन को एक हाथ से खोलने लगा। अपने बेटे की बात सुनकर अलका थोड़ी सी शांत होते हुए बोली ।) 


क्या मतलब? 

मतलब वतलब सब बाद में बताऊंगा मम्मी मुझे बस अपना काम करने दो। ( इतना कहने के साथ ही राहुल पेंट के बटन को खोल कर पेंट को घुटनों तक सरका दिया। अलका सोच में पड़ गई आखिर राहुल उसे चिंता ना करने के लिए कह रहा है तो जरूर कोई बात होगी। लेकिन वास्तव में उसका हाल इस समय बेहाल होने लगा था ना चाहते हुए भी राहुल ने उसके बदन में मदहोशी का आलम भर दिया था। वह भी करके आ सकती थी बदन की मस्ती होती ही कुछ ऐसी है कि लाख मुसीबत हम लाख परेशानी क्यों ना हो एक बार जब बदन के अंदर काम की मस्ती चढ़ती है तो सब कुछ भुला देती है यही हाल अलका का भी हो रहा था धीरे-धीरे उसकी आंखों में चुदास का सुरूर छाने लगा था।
उसके बेटे ने उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को मसल मसल कर और उसके मस्ताए लंड की रगड़ को अपनी गांड के बीचो-बीच महसूस कर के वह भी चुदवासी होने लगी थी की तभी राहुल उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने नंगे लंड को अलका की गांड के बीचों-बीच टीकाकर उसे फिर से अपनी बाहों में भरते हुए जोर-जोर से चूचियों को दबाने लगा जिसकी वजह से अलका की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और उसके मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई।

सससससससहहहहहह.....राहुल , यह क्या कर रहा है राहुल दरवाजा भी खुला है कहीं सोनु ना आ जाए। ( अलका के बदन में पूरी तरह से उत्तेजना जा चुकी थी, राहुल ने फिर से उसके बदन में काम को जगा दिया था।
वैसे भी कुछ दिनों से अलका की बुर भी सूखी पड़ी थी विनीत के द्वारा दी गई धमकी की वजह से अलका का कहीं भी मन नहीं लगता था। हालांकि राहुल ने बहुत बार कोशिश किया अलका को चोदने का , लेकिन अलका ने हीं तबीयत ना ठीक होने का बहाना बनाकर राहुल को अपने से दूर करती रही लेकिन आज राहुल ने उसका मूड बदल दिया था अपनी कामुक हरकतों की वजह से एक बार फिर से अलका के बदन में चुदास की लहर भर दिया था। कुछ दिनों से सूखी पड़ी बूर की नहरो मे फिर से मदनरस का झरना फूट पड़ा था। उसकी बुर गीली होने लगी थी। अलका को डर था कि कहीं उसका छोटा बेटा सोनू रसोईघर में ना आ जाए लेकिन राहुल ऊसके डर को दूर करते हुए बोला।)


सोनू जब तक आएगा तब तक अपना काम हो जाएगा मम्मी बस आप जल्दी से अपनी साड़ी को उठा कर के थोड़ा सा झुक जाओ।( राहुल एकदम से चुदवासा हो चुका था। वह थोड़ा सा भी सब्र नहीं कर सकता था। वह अपने लंड को पकड़ कर आगे पीछे करके हिलाने लगा। उसकी मां की प्यासी थी इसलिए राहुल के कहने के साथ ही अपनी साड़ी को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाने लगी, अपनी मां को साड़ी ऊपर की तरफ उठाते हुए देखकर उसके कामुक अंदाज को देखकर राहुल का लंड उसकी हथेली में ही उत्तेजना के कारण ठुनकी मारने लगा। अगले ही पल देखते ही देखते राहुल की मां अपने हाथों से ही अपनी साड़ी को उठाकर कमर तक ऊठा दी , कमर तक साड़ी के उठते ही जो नजारा राहुल की आंखों के सामने आया उसे देखकर उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई। एक तो वैसे भी वह काफी दिनों के बाद अपनी मां की भरावदार बड़ी-बड़ी गांड को देख रहा था और उस पर भीे उसकी मां ने पैंटी नहीं पहनी थी। अपनी मां के बिना पैंटी पहनी हुई गांड को देखकर राहुल और ज्यादा चुदवासा हो गया था। उससे रहा नहीं गया और उसने एक चपत अपनी मां की गोरी गांड पर लगा दिया । चपत के पड़ते ही उसकी मां आउच की आवाज के साथ उछल पड़ी।


आहहहहहह क्या कर रहा है , लगती है। 

मम्मी तुम तो आज बहुत सेक्सी लग रही हो ना तो आज तुमने ब्रा पहनी हो और ना ही चड्डी पहनी हो लगता है आज पहले से ही चुदवाने का इरादा था' इसलिए पहले से ही सारी तैयारी करके रखी थी। ( राहुल यह कहते हुए दो चार चपत और अपनी मां की गांड पर लगा दिया। जिसकी वजह से उसकी मां के मुंह से करारी आह निकल गई।)

आहहहहहह.... नहीं रे ऐसा बिल्कुल भी नहीं है वह तो आज करने जा रहे थे इसलिए ब्रा और पेंटी दोनों नहीं पहनी हो. बस अब बातों में वक्त जाया मत करो जल्दी से अपने लंड को मेरी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दो। कहीं ऐसा ना हो कि सोनू आ जाए और सारा मजा किरकिरा हो जाए। 
( जिस तरह से राहुल बेकरार था अपनी मां को चोदने के लिए उसी तरह से उसकी मां भी अपने बेटे से चुदवाने के लिए तड़प रही थी। इसलिए राहुल भी ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मां को थोड़ा नीचे की तरफ झुकने का इशारा करते हुए उसकी पीठ पर हाथ रख दिया, अलका भी अपने बेटे के ईशारे को अच्छी तरह से समझ गई और खुद ही किचन पर थोड़ा सा झुक गई। अलका के झुकते ही राहुल ने अपने लिए जगह बनाई और अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की रसीली और पनियाई बुर के मुहाने पर टिका दिया, जैसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी गरम और रसीली बुर की गुलाबी पत्तियों पर स्पर्श हुई वैसे ही अलका उत्तेजना से भर गई और उसका पूरा बदन कांप सा गया।

अलका की बुर गीली होने की वजह से राहुल का लंड धीरे-धीरे करके आराम से अलका की बुर की गहराई में धंस गया, काफी दिनों से राहुल की मां प्यासी थी' इसलिए अपने बेटे का लंड बुर के अंदर लेते ही उसकी सांसे भारी होने लगी। राहुल का लंड जैसे ही अपनी मां की बुर की गहराई नापने के लिए अंदर घुसा राहुल अपने दोनों हथेलियों से अपनी मां की चिकनी कमर को थाम कर अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए चोदना शुरू कर दिया। अलका की बुर में कुछ दिनों से लंड ने प्रवेश नहीं किया था इसलिए अपने बेटे का लंड अपनी बुर में महसुस करके अलका गदगद हुए जा रही थी। राहुल रसोई घर में अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया था उसे भी इस बात का डर लगा हुआ था कि कहीं सोनू आ ना जाए इसलिए अपने धक्कों को तेजी से लगाने लगा। अलका को भी जल्दी थी चुदाई के कार्यक्रम को खत्म करने के लिए क्योंकि उसे भी डर लगा हुआ था कि कहीं ऊसका छोटा बेटा आकर अपनी आंखों से सब कुछ देख ना ले ' इसलिए वह खुद ही अपनी भारी भरकम गांड को पीछे की तरफ ठेल ठेल कर अपने बेटे का साथ देते हुए उसका लंड अपनी बुर में ले रही थी।
गरम सिस्कारियों से पूरा रसोईघर गूंज रहा था। अलका की दोनो हथेलियां आटे में सनी हुई थी। राहुल अपनी मां की बुर में धक्के पर धक्का लगाया जा रहा था। वह भी अपनी मां की रसीली बुर को चोदते हुए मन ही मन में यह सोच रहा था कि वाकई में विनीत की भाभी कि बुर से और नीलू की बुर से कई गुना ज्यादा मजा उसकी मां की बुर से मिलता है। यह सब खयाल करके राहुल और ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था और कस कसके अपनी मां की बुर में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था।

ससससहहहहहह..... राहुल और तेजी से चोद मुझे जल्दी जल्दी चोद मुझे मेरी बुर को पानी पानी कर दे देख ले दरवाजा खुला हुआ है कहीं तेरा छोटा भाई आकर देख लिया तो गजब हो जाएगा।

नहीं आएगा मम्मी वह भी जानता है कि उसकी मां लंड की प्यासी है। और उसकी प्यास को उसका बड़ा लड़का अपने मोटे ताजे लंड से चोदकर बुझा रहा होगा। इसलिए तो वह भी हम दोनों को इतना समय दे रहा है। ( इतना कहते हुए राहुल अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को थाम लिया और उसे हथेलियों में भरकर दबाना शुरु कर दिया। दोनों को बहुत मजा आ रहा था अलका की गरम सिस्कारियों को सुनकर राहुल के ऊपर मदहोशी छा रही थी।वह बहुत तेजी से अपने मां को चोदे जा रहा था। फच्च फच्च और सससससहहहहहह. आहहहहहह आहहहहहह की आवाज से पूरा रसोईघर गूंज रहा था। राहुल अभी तक अपनी मां को झुका कर चोद रहा था। उसकी दोनों टांगे नीचे जमीन पर टिकी हुई थी। राहुल ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचकर बाहर निकाल लिया वह अपनी जगह बदलना चाहता था लेकिन इस तरह से बुर से लंड को बाहर निकाल लेने से अलका पीछे नजरें घुमा कर तरसी आंखों से अपने बेटे को देखने लगी की अलका कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल अपनी मां की एक काम को पकड़कर किचन पर रख दिया और फिर देखते ही देखते अपने लंड को फीर से अपनी मां की बुर मे पेल दीया । ईस. स्थिति में लंड सीधे बुर की गहराई मे ऊतर गया राहुल के साथ साथ उसकी मां को भी इस पोजीशन में ज्यादा मजा आने लगा राहुल तो अपनी मां की कमर पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया। अलका की गरम सिसकारियां फिरसे रसोईघर मैं गूंजने लगी । अलका रह रहकर अपनी भारी-भरकम गांड को पीछे की तरफ ठेलकर अपने बेटे का साथ दे रही थी। कुछ देर तक किचन में जबरदस्त चुदाई चलती रही और तभी गरम सिस्कारियों के साथ अलका का बदन अकड़ने लगा और फिर तेज धक्कों के साथ दोनों एक साथ झड़ने लगे । राहुल एक बार फिर से अपनी मां को खुश कर दिया था और साथ ही अपना भी संतुष्ट हो चुका था। राहुल जल्दी से रसोई घर के बाहर आ गया क्योंकि किसी भी वक्त सोनू आ सकता था। काफी दिनों से प्यासी अलका की भी प्यास बुझ चुकी थी। अलका भी खाना बनाने में जुट गई।

राहुल और अलका दोनों का काम हो चुका था थोड़ी ही देर में सोनू के घर पर आ गया वह पड़ोस में दोस्तों के साथ पढ़ने के लिए गया था। राहुल के सिर से बहुत बड़ा बोझ हट चुका था विनीत से उसे छुटकारा मिल गया था लेकिन इस छुटकारा पाने के लिए राहुल को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी अपनी दो दो मासूकाअो को छोड़ना पड़ा था। जिनके साथ अपनी जिंदगी के बेहतरीन और हसीन पल गुजारे थे जिनको देखकर वह बदन के भूगोल को बदन की रूपरेखा को अच्छी तरह से समझा और जाना था। ऐसी खूबसूरत दोनों औरतों को अपनी मां अलका के लिए छोड़ चुका था। क्योंकि दोनों के खूबसूरत होने के बावजूद भी अलका की खूबसूरती दोनों पर भारी पड़ती थी। 
थोड़ी ही देर बाद अलका ने सभी के लिए खाना परोसा और तीनो साथ में बैठकर खाना खाने लगे, खाना खाते समय अलका का ध्यान फिर से वींनीत पर चला गया
उसे फिर से उसकी दी हुई धमकी याद आने लगी। राहुल ने उसे कहा तो था कि चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी उसका मन नहीं मान रहा था। फिर जैसे तैसे करके उसने खाना खा ली सोनू के सामने उसे विनीत के बारे में बात करना उचित नहीं लगा इसलिए खाना खाने के बाद अलका राहुल से जरुरी बात करने के लिए अपने कमरे में आने को बोली। इतना कहकर वह रसोई घर की सफाई में लग गई। 
कमरे में आने की बात सुन कर रहा हूं प्रसन्ना रहा था क्योंकि वही सोच रहा था कि रसोई घर की चुदाई से शायद उसकी मां की प्यास और ज्यादा बढ़ गई है जिसे बुझाने के लिए वह अपने कमरे में बुला रही है। राहुल के मन में घंटियां बजने लगी क्योंकि बहुत दिनों बाद मौका मिला था सारी रात अपनी मां की चुदाई करने का' वह बहुत खुश नजर आ रहा था और खुश होता अभी क्यों नहीं आखिर इसीलिए तो उसने दो दो औरतो को ठुकरा चुका था। 
खेर अल का मन में ढेर सारे सवाल लिए अपना साफ सफाई का काम पूरा करके अपने कमरे में चलीे गई। राहुल को भी इसी पल का इंतजार था वह भी अपनी मां के पीछे पीछे उसके कमरे में चला गया। कमरे में घुसते ही वह अपनी मां को देखता ही रह गया ऊसकि मां आईने के सामने अपने कपड़े उतार रही थी वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी लंबे लंबे घने बाल उसकी कमर तक आ रहे थे। अलका आईने में देखते हुए अपने ब्लाउज के बटन को खोल रही थी । यह देखते ही राहुल से रहा नहीं गया और वह अपनी मां को एक बार फिर से पीछे से जाकर अपनी बाहों में भर लिया। लेकिन इस बार अलका अपने बेटे पर नाराज होते हुए बोली।
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10-09-2018, 03:59 PM,
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अब हट जा, मुझे परेशान मत कर ( इतना कहने के साथ ही अलका अपने बेटे का हाथ झटकने लगी, अपनी मां का यह व्यवहार राहुल को बिल्कुल समझ में नहीं आया और वह फिर से अपनी मां को पीछे से बांहों में भरता हुआ बोला।)

क्या हुआ मम्मी ऐसा क्यों कह रही हो? 

तो और क्या कहूं। ( अलका के ब्लाउज के बटन खोल चुके हैं जिसकी वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां सामने आईने में नंगी नजर आ रही थी। राहुल की नजर सामने आईने में नजर आ रही है अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची ऊपर पड़ी तो वह उन्हें पकड़ने से अपने आप को रोक नहीं सका और वह अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को हथेली में भरते हुए। )

मैं कुछ समझा नहीं मम्मी तुम कहना क्या चाहती हो? 

तुझे जैसे मालूम ही नहीं कि मैं क्या कहना चाहती हूं मैं उसी विनीत के बारे में कह रही हूं। उसके बारे में सोच सोच कर मेरी मुसीबत बढ़ी जा रही है मेरा कहीं मन नहीं लग रहा है और तू है कि बस मुझ पर टूट पड़ता है अपनी प्यास बुझाने के लिए कुछ मेरे बारे में तो ख्याल कर कैसे छुटकारा पांऊ ऊस मुसीबत से। कहीं ऐसा ना हो कि तेरी आंखों के सामने ही हो मेरे साथ सब कुछ.....( इतना कहने के साथ ही अलका खामोश होकर राहुल को आईने मे देखने लगी। राहुल अपनी मां की बात को सुनकर और उसकी खूबसूरती को आईने में देखकर जोर से अपनी हथेलियों का दबाव चुचियों पर बढ़ाते हुए हंसने लगा उसे हंसता हुआ देखकर अलका आश्चर्य से राहुल को घुरने लगी लेकिन राहुल हंसता हुआ बोला।)

अच्छा आप विनीत को ले करके इतना चिंतित हैं तो एक बात कहूं अब तुम विनीत के बारे में बिल्कुल भी सोचना बंद कर दो।

क्या मतलब मैं तेरी बात को समझीे नहीं?

मतलब यह कि अब तुम्हारे सिर से विनीत नाम की मुसीबत बन चुकी है अब वह हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता उसे मैंने रास्ते पर ला दिया है। ( राहुल अपनी मां की तनी हुई निप्पल की उंगलियों के बीच मसलते हुए बोला।)
अलका यह सुनकर एकदम चौंक गई और खुशी के मारे राहुल की तरफ घूमते हुए बोली।

सच राहुल तू सच कह रहा है ना ।

हां मम्मी मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं।

खा मेरी कसम कि यह सच है कि तुम मुझे उससे छुटकारा दिला दिया।


तुम्हारी कसम मम्मी ने बिल्कुल सच कह रहा हूं अब वह दिन हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता मैंने आज ही उसको अच्छी तरह से समझा दिया हूं आइंदा से वह तुम्हारे रास्ते में भी नहीं आएगा। 

ओह मेरे लाल तू नहीं जानता कि तूने मुझे कितनी बड़ी मुसीबत से निजात दिला दिया। ( इतना कहने के साथ ही अलका राहुल को अपनी छाती से लगा ली ओर उसे कसके अपनी चुचियों पर दबा दी । अलका बहुत खुश नजर आने लगी वह लगातार अपने बेटे के ऊपर चुंबनों की बारिश करने लगी। राहुल तो अपनी मां की हरकत एकदम उत्तेजना के मारे गदगद हुआ जा रहा था। अलका थी की रुकने का नाम ही नहीं ले रहीे थी। आखिरकार उसके बेटे ने महीनों के बाद उसे इस मुसीबत से छुटकारा दिलाया था। जिस मुसीबत की वजह से वह महीनों से चिंताग्रस्त थी उसके बारे में सोच सोच कर वह अंदर ही अंदर टूटते जा रही थी। अलका को ऐसा महसूस हो रहा था कि वह महीनों की कैद से आज आजाद हुई है उसकी चुंबनों की बारिश राहुल के ऊपर रुक ही नहीं रही थी। राहुल तो अपनी मां की खुशी भरी कामुक हरकत की वजह से उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया उसके पेंट मै ऊसका टनटनाया हुआ लंड तंबु बनाए हुए था। अलका अपने बेटे के चेहरे पर कोई भी कोना बाकी नहीं रहने देना चाहती थी वह सब जगह पर चुंबन की बारिश कर रही थी कि तभी राहुल अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाया और उसने तेरी मां के चेहरे को दोनों हाथों में भरकर अपने होठ को उसके होठ पर रखकर चूसना शुरू कर दिया। मुसीबत से छुटकारा पाने की खुशी और अपने बेटे के रसीले चुंबन की वजह से उसके बदन में भी उत्तेजना का संचार होने लगा और वह भी अपने बेटे का साथ देते हुए उसे अपनी बाहों में भर कर अपनी जीभ को अपने बेटे के मुंह में डाल कर चूसने लगी। 
थोड़ी ही देर में दोनों मां-बेटे कामोतेजना में सराबोर हो गए। अलका एक तरफ चुंबन का मजा लेते हुए अपने हाथ से अपने बेटे के पेंट के बटन को खोलना शुरू कर दी और अगले ही पल उसने पेंट के बटन खोल कर उसे नीचे घुटनों तक सरका दी । लंड को पेंट की कैद से आजाद होते हैं अलका बिना एक पल भी बनाए तुरंत खुद नीचे घुटनो के बल बैठ गई और अपने बेटे के लंड को अपने हाथों से पकड़कर उसके सुपाड़े को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दी। इतनी तेज गति से यह सब हुआ था कि राहुल को कुछ पता ही नहीं चला लेकिन जैसे ही उसका लंड उसकी मां के मुंह में गया वैसे ही राहुल का पूरा बदन उत्तेजना के मारे झनझना गया। इस समय सबकुछ बड़ी तेजी से हो रहा था राहुल और अलका दोनों एक पल भी गवारा नहीं चाहते थे इसलिए अलका भी जल्दी जल्दी अपने बेटे के लंड को आइसक्रीम कौन की तरह मुंह के अंदर डालकर जीभ को गोल-गोल घुमाते हुए चूसने लगी। राहुल भी अपनी मां के मुंह को ही बुर की तरह अपनी कमर को आगे पीछे करके चोदने लगा। अलका को बहुत मजा आ रहा था आज अपने बेटे का लंड चूसने में। उसके मुंह से गगगगगगगगगग. की आवाजें आ रही थी। राहुल अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ बोला।

ओहहह मम्मी बहुत मजा आ रहा है तुम बहुत सेक्सी हो तुम कितनी अच्छी तरह से मेरा लंड चूस रही हो देखो तो सही मेरे लंड का साईज और ज्यादा बढ़ गया है। 

राहुल अपनी मां के द्वारा लंड चुसाई का मजा लेते हुए गंदी गंदी बातें बोले जा रहा था और उसकी मां अपना सारा ध्यान बस अपनी बेटे का लंड चूसने में लगा रही थी। कुछ देर तक दोनों मां बेटे इस तरह से मजा लेते रहें लेकिन आज अलका खुद कुछ ज्यादा मूड में नजर आने लगी थी इसलिए वह अपने बेटे के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकालकर खड़ी हो गई और फिर से अपने बेटे के होठ को चूसते हुए उसे बिस्तर के करीब ले जाने लगी जैसे ही बिस्तर करीब आया वह राहुल को धक्का देकर बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दी। राहुल अपनी मां की इस कामुक रूप को देखकर बहुत ही ज्यादा उत्तेजना से भर चुका था। उसका लंड भी अपनी औकात में आ चुका था। राहुल बिस्तर पर पेट के बल लेटा हुआ अपनी मां के कामुक रूप को देख रहा था और उसकी मां अपनी पेटीकोट की डोरी को खोलते हुए राहुल से बोली


आज तू नहीं बल्कि मैं तुझे चोदूंगी। (इतना कहने के साथ ही अलका अपनी पेटीकोट की डोरी को खोलकर अपनी पेटीकोट को नीचे गिरा दी। पेटीकोट के नीचे गिरते ही अलका पूरी तरह से नंगी हो गई क्योंकि आज उसने सुबह से ही पेंटी भी नहीं पहनी थी। राहुल अपनी मां के नंगे बदन को देख कर एकदम से चुदवासा हो गया और अपने हाथ से लंड को पकड़कर मुठियाने लगा। अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखकर अलका मुस्कुराई और खुद भी अपनी हथेली को अपनी रसीली बुर पर मसलते हुए बिस्तर पर अपने घुटनों को रखकर चढ़ते हुए बोली ।

आज बेटा मैं तेरा पूरा पानी नीचोड़ लुंगी, आज देखना मैं तुझे कैसे चोदती हूं। 
( इतना कहने के साथ ही अलका अपने बेटे के ऊपर सवार हो गई उसने अपने एक पैर के घुटने को उसकी दांई कमर के करीब रखी और दूसरे घुटने को बांए। 
राहुल को कुछ करने की जरूरत नहीं थी वह बस आंख फाड़े अपनी मां को देखे जा रहा था। उसके देखते ही देखते अलका ने अपनी बेटे के लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसके गरम सुपाड़े को अपनी बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टीकाई और अपने भारी भरकम गांड का दबाव लंड पर बढ़ाना शुरू कर दी। देखते ही देखते राहुल का लंड कचकचाते हुए उसकी मां की रसीली बुर में घुसने लगा।

देखते ही देखते राहुल का समुचा लंड उसकी मां की बुर की गहराई में कहां खो गया उसे पता ही नहीं चला। अलका पूरी तरह से अपनी बेटे के लंड को अपनी बुर में ले चुकी थी वह अपने बेटे की जांघो पर बैठ चुकी थी। 
अलका धीरे धीरे अपने बेटे के लंड के ऊपर उठना बैठना शुरु कर दी थी। अलका को आज एक नया ही अनुभव हो रहा था आज पहली बार बार कुछ ज्यादा ही खुल कर अपने बेटे के सामने आई थी। यह निश्चित रुप से विनीता से छुटकारा दिलाने का इनाम था राहुल के लिए। और राहुल भी अपनी मां के द्वारा दिए गए इस ईनाम का पूरी तरह से लाभ उठाते हुए अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को अपने हथेली में भरकर दबाने लगा है अलका भी धीरे-धीरे अपने बेटे के लंड पर उठक बैठक करने की गति को बढ़ा रही थी। थोड़ी ही देर में अलका अपनी लय पकड़ ली और गर्म सिस्कारियों के साथ अपने बेटे को चोदने लगी। राहुल भी रह रह कर नीचे से अपनी कमर को उछाल दे रहा था। 
दोनों को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। अलका के उठने-बैठने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां हवा में उछल रही थी जिसे राहुल अपनी हथेलियों में दबाकर उसे जोर जोर से मसल रहा था।

ससससससहहहहहहहह आाहहहहहह राहुल आज देख मैं तुझे कैसा चोदती हु। आजा तुझे पानी पानी कर दूंगी तूने भी मुझे विनीत से छुटकारा दिला कर एक बहुत बड़ी मुसीबत से बचाया है इसलिए तू जो कहेगा वह मैं करुंगी आज तुझे मे खुश कर दुंगी। 

अलका बेहद कामोतेजना से भर चुकी थी और अपने बेटे को मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए आज की रात इनाम के तौर पर पेश कर रही थी। राहुल भाई मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए चुदाई का आनंद ले रहा था। थोड़ी देर तक यह घमासान चुदाई चलती रही और इसके बाद दोनों की सांसे तेज चलने लगी । दोनों के मुंह से एक गरम आह निकली और दोनों भलभला कर झड़ने लगे। दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल कर बिस्तर पर उसी तरह से लेटे रहे। कुछ ही देर में दोनों की सांसे सामान्य होने लगी तो अलका बोली।

तूने मुझे आज बहुत खुशी दी है कि जिसके बारे में मैं बयां नहीं कर सकती इसलिए आज की रात में तुझे इनाम की दूर कर देती हूं तुझे मेरे साथ जो करना है सब कुछ कर लो आज मैं तुझे पूरी तरह से खुश कर दूंगी। 

खुश तो तुमने मुझे हमेशा करती आई हो लेकिन यह इनाम में आज नहीं बल्कि परसों के दिन मेरे जन्मदिन पर लूंगा। ( राहुल अपनी मां की नंगी पीठ को सहलाते हुए बोला। ) लेकिन हम इस बात का वादा करो कि तुम मुझे उस दिन बिल्कुल भी ना इनकार करोगी ना नाराज करोगी । 

ठीक है मैं वादा करती हूं कि तुझे उस दिन बिल्कुल भी नाराज नहीं करुंगी तु जैसा चाहेगा जैसे चाहेगा वैसे मैं तुझे चोदने दुंगी। 


कहीं उस दिन तुम अपने वादे से मुकर मत जाना।

नहीं नहीं पूरी तरह से अपना वादा निभाऊंगी मैं अपना वादा तोड़ुगी नहीं। ( इतना कहने के साथ अलका मुस्कुराते हुए अपने बेटे को चूमने लगी और उसके बाद वह दोनों मैं सारी रात बिस्तर पर घमासान चुदाई को जारी रखा।)
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