08-02-2019, 12:32 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
उसके बाद उन्होंने मुझे टेबल पर हाथ रखकर झुक जाने को बोला। मैं अपने दोनों हाथ टेबल पर रखकर घोड़ी की तरह झुक कर खड़ी हो गई। अंकल मेरे पीछे आ गये और अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाला और फिर झुक कर मेरे दोनों ममममों को पकड़ लिया और मेरे मम्मों को जोर-जोर से दबाते हुये जोर-जोर से मुझे चोदने लगे। मुझे इस स्टाइल में बहुत मजा आ रहा था और मैं लज़्ज़त के मारे बुरी तरह से सिसकने लगी। मचलने । लगी, तड़पने लगी।
अंकल को भी शायद इस स्टाइल में मुझे चोदकर बहुत मजा मिल रहा था। अंकल पहले दो बार फारिग हो चुकी थी इसलिए उनका स्टेमिना बढ़ चुका था, 5 मिनट तक अंकल मुझे इस तरह चोदते रहे। फिर उन्होंने मुझे नीचे कालीन पर लिटा दिया और फिर मेरी टांगें उठाकर मेरे ही तरफ कर दीं और मेरे ऊपर झुक कर अपना लण्ड । मेरी चूत में डाल दिया और पूरी ताकत से झटके मारकर मुझे चोदने लगे। थोड़ी देर के बाद मैं झड़ने वाली थी
और मैं अंकल से कहने लगी- “उफफ्फ़... आअह्ह... अंकल मैं झड़ रही हूँ... जान-जोर से चूत मारो मेरी और जोर से कम ओन अंकल्ल फकक मी...”
मैं इतनी मदहोश थी की मुँह से अल्फ़ाज सही से नहीं निकल रहे थे और अंकल भी जोर जोर से धक्के पर धक्का मारते हुये बोले- “ओह सोबिया... मैं भी छूट रहा हूँ..” ये कहके उन्होंने लण्ड चूत से निकाला और मेरी चूचियां पर ये कहते हुये- “आह्ह्ह... आश मेरीई जान्न ल्लो...” और हाँफते हुये मेरे बराबर में लेट गये। हम दोनों अब बुरी तरह थक गये थे।
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15-20 मिनट बाद मैं उठी और अंकल से कहा की मैं नहाकर आती हूँ, आप मेरी टी-शर्ट प्रेस कर दीजिएगा और एक कप चाय भी बना लीजिएगा इतनी देर में। और मैं नहाने चली गई। मैं अच्छी तरह नहा धोकर जीन्स पहनके और ऊपर शरीर में तौलिया लपेटके आ गई। क्योंकी टी-शर्ट तो बाहर ही थी। अंकल ने प्रेस करके रूम में रख दी थी। मैं बाहर आई तो अंकल ने कहा की चाय यहीं ले आऊँ।
मैंने कहा- “जैसे आपकी मर्जी..”
वो चाय लेकर आये, तब भी मैंने टी-शर्ट नहीं पहनी थी, तौलिया में ही थी। फिर हमने चाय पी और इस दौरान खामोश ही रहे। मैंने अंकल से कहा की “अंकल मुझे फ्रेन्ड की बर्थडे में जाना है आप छोड़ दीजिये...”
तो उन्होंने कहा- “क्यों नहीं?”
मैंने कहा- “बैंक्श अंकल..." और टी-शर्ट लेकर वाशरूम जाने लगी।
तो अंकल बोले- “कहाँ जा रही हो... यही चेंज कर ल्लो..."
मैं मुश्कुराई और बोली- “जैसे आप कहें...” और तौलिया उतार दिया। मेरे मम्मे देखके उनका लण्ड फिर खड़ा हो गया। मैंने टी-शर्ट पहनी और जाने के लिए तैयार हो गई।
अंकल ने कहा की मैं जरा वाशरूम से आ जाऊँ। मैं हसरत भरे अंदाज से मुश्कुराई और बोली की क्यों अंकल क्या झड़ने जा रहे हैं?
मेरे इस रिमार्क पर वो थोड़ा शर्मिंदा सा हो गये और वू... करने लगे।
मैंने कहा अंकल आप भी क्या याद करेंगे, मैं जाते-जाते आपको हैंड जाब भी दे जाती हैं और ये कहकर मैं उनके पास गई और उनकी पैंट से उनका लण्ड निकालकर हैंडजाब देनी लगी और अंकल आहें भरने लगे और दो मिनट में ही झड़ गये। 5 मिनट बाद मैं गाड़ी में बैठी अपनी फ्रेन्ड के घर जा रही थी।
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08-02-2019, 12:33 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
राणा साहिब बोले- “बाद की बात बाद में, अभी तो मैं ऐसे ही दबाऊँगा..." और वो फिर जोर-जोर से मेरे मम्मों को दबाने लगे।
अब मुझसे फिल्म नहीं देखी जा रही थी। जब की फहद और आंटी हम दोनों से बेखबर फिल्म देख रहे थे। एक हाथ से मेरे मम्मे को दबाते हुये राणा साहिब का दूसरा हाथ मेरी रानों के बीच की तरफ बढ़ने लगा। मैं जानती
थी की अब उनका हाथ मेरी चूत की तरफ बढ़ रहा है। राणा साहिब की आसानी के लिए मैंने खुद ही अपनी टांगों को खोल दिया ताकी उनका हाथ सही से मेरी चूत पर आ जाये।
मेरी इस हरकत पर राणा साहिब मुश्कुराये और बोले- “अब आई हो ना तुम लाइन पर...”
मैं मुश्कुराई और बोली- “राणा साहिब लाइन पर तो मैं हर वक़्त ही रहती हूँ बस अपनी लाइन पर किसी के आने का इंतेजार करती हूँ..."
राणा साहिब मुश्कुराकर बोले- “ये तो और अच्छी बात है, तुम्हारे साथ काफी मजा आयगा...” अब उनका हाथ मेरी चूत पर था और वो मेरी शलवार के ऊपर से ही मेरी चूत को मसलने लगे।
मैं उनकी तरफ झुकी और बोली- “राणा साहिब शलवार में एलास्टिक है आप हाथ अंदर डाल लें..”
राणा साहिब ने अपना हाथ मेरी शलवार में डालने के बजाय मुझे हल्का सा ऊपर उठने को बोला तो मैं जरा सा ऊपर हो गई। राणा साहिब ने शलवार खींचकर मेरे घुटनों तक उतार दी और मैंने आहिस्ता आशिस्ता अपने पैरों से पूरी शलवार उतार दी और अपनी टांगें चौड़ी कर दी। अब राणा साहिब का हाथ आसानी से मेरी चूत का सर्वे कर रहा था और मैं मजे से पागल हुई जा रही थी। फिर उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली तो मेरे मुँह से सिसकारी निकलते निकलते बची। वो काफी देर तक मेरी चूत में उंगली करते रहे।
फिर वो कहने लगे- “अपनी कमीज उतारो, मैं अब तुम्हारी चूत की तरह तुम्हारे मम्मे दबाना चाहता हूँ..”
मैंने खुले गले की कमीज पहनी हुई थी जिसमें सामने की तरफ बटन लगे हुये थे। मैंने कमीज के सारे बटन खोल दिए और थोड़ा सा ऊपर की तरफ झुकी तो राणा साहिब ने मेरी कमीज उतार दी। फिर उन्होंने मेरी कमर पर बँधी ब्रार का हुक खोला तो मैंने खींचकर अपनी ब्रा उतार दिया। अब मैं बुल्कुल नंगी हो चुकी थी। अब राणा साहिब आजादी से मेरे मम्मों और चूत को दबा और सहला रहे थे।
मैंने शिकायती अंदाज में राणा साहिब से कहा- “राणा साहिब आपने तो मुझे पूरा नंगा कर दिया मगर खुद सारे कपड़े पहने हुये हैं, और आपने अभी तक अपने हथियार को भी आजाद नहीं किया...”
राणा साहिब हँसे और बोले- “ये काम तो तुमने खुद करना होगा। तुम अपपने काम की चीज खुद ही ढूँढो...”
राणा साहिब की बात सुनकर मैंने अपना हाथ उनकी रानों की तरफ बढ़ाया तो मुझे पता चला की उन्होंने तो धोती बाँधी हुई है। और उनकी रानों में उनका लण्ड पूरा अकड़ा हवा खड़ा था। मैंने फौरन उनका लण्ड पकड़ लिया। मैंने अंदाजा लगाया की उनका लण्ड तकरीबन 9 इंच लंबा और तीन इंच मोटा है। मैं राणा साहिब की तरफ झुक कर बोली- “राणा साहिब आपका लण्ड 9 इंच लंबा और तीन इंच मोटा है ना...”
राणा साहिब मुश्कुराकर बोले- “बहुत सही अंदाजा लगाया है। अब तक कितनों के लण्ड पकड़ चुकी हो जो इतना सही अंदाजा लगाया है...”
मैं मुश्कुराई और बोली- “बहुत से लण्ड मेरे हाथों में आ चुके हैं और ये काम मेरे लिए नया नहीं है...”
अभी हमारी बातें जारी थी की आंटी को नींद आने लगी तो उन्होंने फहद को भी अपने कमरे में जाने को बोला।
फहद कहने लगा- “अभी मैंने फिल्म देखनी है...”
मगर आंटी ने उसे डाँट दिया और वो उसे अपने साथ ले गई। आंटी और फहद के कमरे से जाते ही राणा साहिब ने मुझे लिपटा लिया और बेतहाशा मुझे चूमने लगे। मैं हँसकर बोली- “अरे अरे... राणा साहिब थोड़ा सबर करें, मैं कहीं भागी नहीं जा रही, अभी आंटी और फहद सोए नहीं होंगे। अगर उन दोनों में से कोई कमरे में आ गया तो मसला हो जायेगा...”
राणा साहिब ने मुझे जोर से भींचा और बोले- “अब मुझसे सबर नहीं हो रहा है...” ये कहकर उन्होंने लिहाफ उतारकर फेंक दिया और मुझे सोफे पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गये और पागलों की तरह मेरे होंठों को चूमने लगे।
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