Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-15-2019, 02:13 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ बात करनी थी लेकिन तुम जाओ और पहले कुछ कपड़े पहन लो,,,,मैने इतना बोल दिया लेकिन फिर भी वो
अपनी जगह से नही हिली ,,,बस उसी जगह खड़ी होके काँपति रही,,,मैं समझ गया कि ये मेरे करीब से होके
किसी भी हालत मे रूम से बाहर नही जाने वाली इसलिए मैं जल्दी से रूम से बाहर चला गया,,,और जाके
हॉल मे खड़ा हो गया,,,,सोनिया और शोबा के रूम की तरफ पीठ करके,,,,तभी कुछ देर बाद हल्के कदमो
से सोनिया शोबा के रूम से बाहर निकली और अपने रूम मे चली गई,,,मुझे उसके रूम का दरवाजा बंद
होने की आवाज़ सुनाई दी और मैं पलट कर खड़ा हो गया,,,,

मैं नीचे नही गया और ना ही शोबा के रूम मे वापिस गया,,,मैं वहीं खड़ा हुआ पता नही किस सोच मे
डूब गया,,,,मुझे सोनिया को ऐसी हालत मे देखना था ,,,किसी टवल मे ,,किसी सेक्सी ड्रेस मे,,,पैंटी और ब्रा
मे या सिर्फ़ टवल मे,,,,जिस से मेरे दिल को खुशी होती,,,लेकिन आज उसको ऐसी हालत मे देख कर मुझे खुशी
नही हुई,,,क्यूकी ऐसी हालत मे वो मेरे सामने खड़ी होके डरी हुई थी,,घबराई हुई थी,,,वो इतनी बुरी तरह
से डर गई थी जैसे कोई औरत खुद को 4-6 मर्दो के बीच नंगी पाके दार जाती है,,,उसका काँपता हुआ जिस्म
थरथराते हुए होंठ जिनसे बोलना भी मुश्किल हो रहा था उस से ,,वो सब मेरी आँखों के सामने से गुजर
रहा थे और मुझे आज खुद पर गुस्सा आ रहा था,,,,मेरी बेहन आज मेरे से ऐसे डर रही थी जैसे मैं
कोई गुंडा हूँ कोई रेपिस्ट हूँ,,,क्या सच मे मैं इतना बुरा बन गया हूँ सेक्स और वासना की वजह से कि
मेरी बेहन मेरे पास होने से थर-थर काँपने लगी थी,.,क्या सेक्स और वासना ने मुझे इतना बदल दिया था
कि जिस बेहन के साथ मैं अक्सर हँसता खेलता था एक ही रूम मे सोता था,,वो आज मेरे साथ एक ही रूम
मे खड़ी होने से भी डर रही थी,,,,

मैं इन्ही सोचो मे डूबा हुआ था तभी सोनिया अपने रूम से निकल कर बाहर आ गई,,,उसने एक पयज़ामा और
साथ मे माचिंग टी-शर्ट पहनी हुई थी,,,,लेकिन अभी भी वो बुरी तरह से डरी हुई थी,,,,वो अपनी टी-शर्ट के
कलर को इतना कस्के पकड़े हुए खड़ी हुई थी जैसे अभी भी वो मेरे सामने टवल मे थी,,,और उसने अपने
टवल को कस के पकड़ा हुआ था,,,


क्या बात करनी है तुमने मेरे से सन्नी,,,वो दूर खड़ी हुई डरते हुए बोल रही थी,,,

मैं वो मैं बस,,,,,,मैं बस तुमसे सौरी बोलने आया था,,,,वो जो कुछ नीचे किचन मे हुआ उसके लिए
मैने जो तेरा मज़ाक बनाया उसके लिए,,,सौरी प्ल्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर्दे,,,

तभी उसका मुँह खुला का खुला रह गया,,,,,क्या तू सन्नी है ,,,,,या कोई और,,,उसने बड़ी हैरत से मेरे
से पूछा,,,

क्या मतलब है तेरा,,,,,,मैं कुछ समझा नही,,,

मैने पूछा क्या तू सन्नी है या कोई और,,,,,,,,,क्यूकी सन्नी ग़लती करके मुझसे माफी माँग लेता
था लेकिन जो सन्नी का नया रूप है वो मुझसे सौरी नही बोलता कभी,,,बस ग़लती पर ग़लती ही करता रहता है
,,,, उस सन्नी को मैं नही जानती और जान-ना भी नही चाहती,,,,,इसलिए पूछा कि तू सन्नी है या कोई और,,,

मुझे उसकी बात से थोड़ी मायूसी हुई और खुद पर बहुत ज़्यादा गुस्सा आया,,,मेरी आँखें भी थोड़ी नम हो
गई,,,मैने सर झुका लिया लेकिन उसने मेरी आँखों मे आने वाले आँसू देख लिए,,,,,,,,,मैं वहीं सन्नी
हूँ इसलिए तो माफी माँग रहा हूँ,,,,,

तभी वो मेरे करीब आ गई,,,अब उसका डर ख़तम हो गया था,,वो मेरे करीब आई और दोनो हाथों से
मेरे सर को उपर उठा दिया और फिर एक हाथ से मेरे आँसू पोंछने लगी,,,,

लेकिन तभी मैने उसके हाथ पकड़े और उसको खुद से दूर कर दिया,,,,नही प्लज़्ज़्ज़ मेरे करीब मत आ तू,
मैं सन्नी हूँ तेरा भाई और मैं तेरा भाई ही रहना चाहता हूँ,,,लेकिन अगर तू मेरे करीब आएगी तो
मैं सन्नी नही रहूँगा,,,,एक जानवर बन जाउन्गा,,,प्लज़्ज़्ज़ तू मेरे से दूर रह ,,मैं तुझे हर्ट नही करना
चाहता ,,और ना ही तेरे से दूर रहना चाहता हूँ,,,,

मुझे भी कोई और इंसान नही वो पहले वाला सन्नी ही चाहिए जो मेरी क़दर करे,,मुझे अपनी बेहन समझे
ना कि कोई लज़ीज़ इस्तेमाल करने लाएक कोई चीज़ या खिलोना,,तू बुरा नही है भाई,,,लेकिन तू जानभूज कर
मेरे सामने बुरा बनता है,,बुरा बन-ने का नाटक करता है,,मैं जानती हूँ तू जानभूज कर मुझे
तंग करता है,,,बारिश मे बच्चों की तारह खेलते टाइम भी तू मुझे तंग ही कर रहा था,,,मुझे सब
पता है भाई,,,,,मुझे तंग करके तू मस्ती करने के नाटक करता है लेकिन मुझे तंग करके तू मस्ती नही
कर सकता तू खुद भी उतना ही तंग होता है,,,,,,प्लज़्ज़्ज़ ऐसी हरकते मत कर भाई,,,मुझे मेरा भाई सन्नी
वापिस चाहिए भाई,,,

वो रोते हुए मेरे गले लग गई ,,,,लेकिन मैं जल्दी से उस से दूर हो गया,,,

बोला ना मेरे करीब मत आ तू,,,,मैं तेरा भाई हूँ और भाई ही रहूँगा,,,लेकिन दूर दूर से,,करीब
आएगी तो पछताएगी,,,तू मेरे करीब आती है तो मेरे अंदर का जानवर जागने लगता है और ये जानवर ये नही
जानता कि तू मेरी क्या लगती है,,,मेरे जानवर को मत जगा तू प्लज़्ज़्ज़ दूर रह मेरे से,,,,

उसने मेरी बात सुनी और रोते हुए पहले मुझे गुस्से से देखा फिर आँखों मे नमी लिए हुए हँसने लगी
मुस्कुराने लगी और मेरे गाल पर एक हल्के से थप्पड़ मारा,,,,,,

समझ गई,,,अब हम भाई बेहन है,,दोस्त है,,,लेकन दूर दूर से,,,करीब नही आउन्गि तेरे और अगर तू आया
तो तेरा सर फोड़ दूँगी याद रखना,,,,उसने ये सब हँसते हुए बोला लेकिन आखों मे नमी थी उसके,,

चल अब नीचे चलते है और कविता की हेल्प करते है,,,,वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे नीचे लेके चली
लेकिन जैसे ही मैने उसकी तरफ देखा उसने मेरा हाथ छोड़ दिया और दूर हट गई,,,,,,,,,,,सौरी बाबा ग़लती
हो गई,,,,अब नीचे चले क्या,,,,,वो मुस्कुराते हुए बोल रही थी,,मैं भी उसको मुस्कुराता देख कर खुश
हो गया,,,,क्यूकी काफ़ी लंबे टाइम बाद वो मेरे साथ रहके खुश थी,,,वर्ना तो हर बार बस गुस्सा ही होती
'रहती थी,,,,,,,

फिर वो नीचे की तरफ चलने लगी और मैं भी उसको साथ नीचे की तरफ चलने लगा लेकिन हम दोनो 2
सीडियों के फंसले से चल रहे थे लेकिन हँसते और मज़ाक करते हुए,,,,,,

मैं और सोनिया हँसते हुए बातें करते हुए नीचे की तरफ गये तभी डाइनिंग टेबल पर बैठ कर कविता सब्जी
काट रही थी साथ मे माँ भी आके बैठ गई थी,,,,,वो दोनो भी बातें करते हुए सब्जी काट रही थी लेकिन
जैसे ही मैं और सोनिया बातें करते हुए नीचे गये तो माँ और कविता की बातें बंद हो गई और वो दोनो
बड़ी खुशी से हम दोनो की तरफ देखने लगी,,,,,


शूकर है तुम दोनो की फाइट ख़तम हुई,,,माँ ने इतना हँसते हुए बोला तो साथ मे कविता भी हँसने लगी
,,,,,,,,,लेकिन ये चमत्कार हुआ कैसे ?,,,,मुझे भी तो पता चले,,,,

तभी डॅड अपने रूम से बाहर निकलते हुए,,,,,,,,,क्या चमत्कार हो गया भाई हमे भी तो पता चले
डॅड ने बड़ी उत्सुकता से पूछा माँ से,,,,

खुद ही देख लो,,,,माँ ने डॅड से इतना बोला और हम दोनो की तरफ इशारा कर दिया,,,,

अरे वाह,,,,भाई बेहन दोनो एक साथ,,,,,ये तो अच्छी बात है,,,,वैसे ये चमत्कार हुआ कैसे,,,


ये चमत्कार मुझे लगता है कविता की वजह से हुआ होगा,,,,माँ ने हंस कर कविता के सर पर हाथ फेरते
हुए बोला,,,,,

इस से पहले कविता कुछ बोलती मैं बोल पड़ा,,,,,,,,,,,इसमे चमत्कार कैसा,,,,हम दोनो मे कॉन्सा कोई
फाइट थी,,,बस हल्का मन-मुटाव था जो अब ख़तम हो गया,,,,आंड इस सब मे इस नौकरानी का कोई हाथ नही
है ना कोई चमत्कार किया है इसने,,,,,,,,,,,,मैने इतना बोला तो कविता गुस्से से,,,,,,,,

अच्छा बच्चू अब सब ठीक हो गया तो मैं नोकारानी बन गई फिर से,,,,,याद रखना रात मे खाना मैं ही
बना रही हूँ आंटी के साथ मिलकर,,,इतनी हरी मिर्ची डाल दूँगी तेरी दाल मे कि याद रखेगा,,,,


अरे बेटी इसकी दाल मे ही डालना कहीं ग़लती से हम लोगो की दाल मे मत डाल देना,,,,डॅड ने हँसते हुए बोला
तो कविता शरमा गई,,,,वैसे जो आज तूने किया है ये बहुत अच्छा काम था तुम्हारा कविता बेटी,,इस से सबका
फ़ायदा होगा,,,,,,,,,,

वो कैसे अंकल जी,,,,,,कविता ने बड़ी उत्सुकता से पूछा,,,,,


तेरे को तेरे दोनो दोस्त मिल जाने है,,,,जैसे अक्सर थे दोनो ,,,पहले तो दोनो की फाइट की वाजहह से एक टाइम पर
एक दोस्त ही तेरे साथ होता था,,,,,,,और अब जब ये दोनो साथ मिल गये है तो सन्नी का भी एग्ज़ॅम मे पास होना
तय हो गया है,,,,,,अब सन्नी को न्यू कार मिलेगी और सोनिया को अपना समान,,,अक्तिवा मोबाइल एट्सेटरा..

सब लोग इसी बात पर खुश हो गये,,,,,उसके बाद ऐसे ही हँसी मज़ाक चलता रहा और ऐसे ही बातें करते
हुए डिन्नर भी हो गया और डिन्नर के बाद हम लोग वापिस उपर रूम मे स्टडी करने के लिए बैठ गये,,,
Reply
07-15-2019, 02:13 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग अभी बैठे ही थे कि मेरा फोन बजने लगा,,,,मैने देखा तो ये फोन अमित के बाप का
था,,,मुझे पता था ये फोन ज़रूर करेगा और बहुत जल्दी ही करेगा,,,और ऐसा ही हुआ,,क्यूकी करण और
रितिका की शादी से ज़्यादा जल्दी थी उसको उन सीडीज़ को अपने हाथ मे लेने की,,,

मैं कविता और सोनिया के सामने बात नही कर सकता था इसलिए मैं शोबा के रूम मे चला गया,,,सोनिया
और कविता ने मुझे बड़े शक की नज़र से देखा जब मैं फोन आते ही रूम से बाहर चला गया था,,

हेलो ,,सन्नी बेटा,,,कैसे हो

हेलो अंकल जी,,मैं ठीक हूँ आप बताओ इतनी रात को फोन कैसे किया,,,कोई काम था क्या,,

अरे बेटा काम था तभी फोन किया,,,,तूने बोला था ना कि तू सुमित से वो सीडीज़ लाके हमे दे सकता है ,,

हाँ अंकल जी बोला था,,,,और बदले मे कुछ माँगा भी था आपसे,,,

हां हां याद है बेटा ,,,,करण और रितिका की शादी ना,,,,,हो जाएगी उन दोनो की शादी मैने रितिका के बाप
से बात करली है वो तैयार है उन दोनो की शादी के लिए,,,

ये तो अच्छा बात है अंकल जी,,,तो बोलो कब करनी है शादी,,,

जब तुम सीडीज़ हमे लाके दोगे सन्नी बेटा,,,,

वो तो मैं ले आउन्गा अंकल जी ,,,लेकिन आप बोलो कि कब चाहिए सीडीज़ ,,,,

मुझे तो अभी लाके देदे बेटा वो सीडीज़ अगर ला सकता है ,,,,तुझे नही पता वो सीडीज़ कितनी ज़रूरी है हम लोगो
के लिए,,,,

जानता हूँ अंकल जी तभी तो आप लोग रितिका की शादी करन से करने के लिए राज़ी हुए हो,,,

हाँ बेटा,,,तभी तो तैयार हुआ है रितिका का बाप उसकी शादी के लिए,,,,तू जितनी जल्दी हो सके हम लोगो को वो सीडीज़
'लाके देदे और हम रितिका की शादी करण से करवा देंगे,,,,हो सके तो कल ही लाके देदे वो सीडीज़,,,

इस से पहले मैं कुछ बोलता मैने फोन के पीछे से सुना कि कोई और भी था वहाँ अमित के बाप के पास और
शायद वो कोई और नही पायल भाभी थी,,,और साथ मे रितिका का बाप भी था,,,मुझे उनकी आवाज़ तो सुन गई थी
लेकिन ये नही सुन सका मैं कि वो लोग बात क्या कर रहे थे,,,,

ठीक है अंकल जी मैं कोशिश करूँगा क्यूकी जितनी जल्दी आप लोगो को है उस से कहीं ज़्यादा जल्दी मुझे है
रितिका और करण की शादी की,,,

तो ठीक है बेटा हमे वो सीडीज़ कल लाके देदे हम कल ही शादी करवा देते है इन लोगो की,,,,अंकल ने इतना
बोला और फोन कट कर दिया,,,,

मैं थोड़ा टेन्षन मे आ गया,,,,साला रितिका का बाप इतनी जल्दी कैसे मान गया,,,,और पायल क्या कर रही है
उन लोगो के पास,.,,,,,क्या वो कोई गेम खेल रही है हम लोगो के साथ,,,क्या वो उन लोगो से मिली हुई है,,नही
ये नही हो सकता क्यूकी रितिका को पूरा यकीन था पायल भाभी पर,,,,लेकिन जो आवाज़ मैने सुनी थी वो भी
पायल भाभी की थी ये मुझे यकीन था,,,

खैर मैं बात करके वापिस सोनिया और कविता के पास चला गया,,,,मैं वहाँ पहुँचा तो सोनिया और कविता
दोनो बड़ी खुश थी,,,दोनो बुक्स को मुँह पर रखकर ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी,,,जैसे ही मैं रूम मे एंटर
हुआ उन दोनो ने मुझे शक की नज़र से देखा और चुप कर गई,,,

अरे ये क्या बात हुई अभी तुम दोनो इतना खुश थी और अभी एक दम से चुप हो गई,,,भला मुझे भी तो पता
चले कि इतनी खुशी का राज़ क्या है,,,,

कुछ नही भाई कविता ने एक बड़ा अच्छा जोक सुनाया था उसी पर हंस रही थी हम दोनो,,,

अच्छा मुझे भी सूनाओ ,,पता तो चले ऐसा कॉन्सा जोक था जो तुम दोनो इतनी ज़ोर से हंस रही थी,,

फिर कविता ने जोक सुनाया तो मैं भी हँसने लगा साथ मे कविता और सोनिया भी,,,,कुछ देर बाद सब चुप
हुए तो मैने एक जोक सुना दिया और फिर से सब पागलो की तरह हँसने लगे,,,,हम लोग इतना खुश थे कि मुझे
अपने पुराने दिन याद आ गये जब हम लोग अक्सर ऐसे ही हँसते खेलते थे,,,,पता नही किसकी नज़र लग गई थी
हम लोगो को,,,

उसके बाद काफ़ी टाइम तक हम लोग जोक्स ही सुनाते रहे एक दूसरे को और हँसते खेलते रहे,,,,,हम लोगो को काफ़ी
रात हो गई थी मस्ती करते जोक सुनाते हुए,,,,फिर सोनिया ने बोला कि उसको नींद आ गई है वो सोने लगी है तो
इस बात पर भी कविता ने उसका मज़ाक बना दिया,,,,,

हां हां सो जाओ महारानी जी,,,,,अभी स्टडी कर रही होती तो नींद नही आती तुझे और जोक्स पर हंस कर इतना थक
गई कि इतनी जल्दी नींद भी आने लगी,,,,,,सोनिया उसकी बात पर हँसने लगी लेकिन वो उठी नही बल्कि कॅंबल लेके
लेट गई,,,,,फिर मैं और कविता बातें करने लगे ,,कविता ने भी बुक साइड पर रख दी ,,,,,हम दोनो बात
भी करने लगे और साथ साथ जोक्स भी चलते रहे लेकिन हम लोगो को सोनिया के उठने का डर था,,,हम लोग
जोक्स पर इतना ज़ोर से हंस रहे थे कि डर था कहीं सोनिया जाग नही जाए क्यूकी वो सो चुकी थी,,,तभी कविता
ने मुझे इशारा किया धीरे हँसने का लेकिन मैने मुँह पर हाथ रखके हँसी को दबा लिया और ऐसे ही कविता
को इशारा कर दिया कि हम लोग साथ वाले रूम चलते है,,,,,उसने भी हाँ मे सर हिला दिया,,,

हम लोग उठे और रूम की लाइट ऑफ करके हल्के कदमो से चलके शोबा के रूम मे चले गये,,,और शोबा
के रूम मे जाके कविता थोड़ा टेन्षन मे आ गई क्यूकी वहाँ एक ही बेड था,,,,कविता ने जब बेड की तरफ
देखा तो वो थोड़ा सहम गई इस बात का मुझे पता चल गया,,,,तभी मैने आगे बढ़ कर आधे बेड से एक
मॅट्रेस खींच लिया और उसको नीचे ज़मीन पर लगा लिया और कविता को बेड पर जाने को बोला और खुद ज़मीन
पर लगे मॅट्रेस पर बैठ गया,,,,कविता ने मेरी तरफ हंस कर देखा और बेड पर उपर चली गई,,,जबकि मैं
बेड के नीचे लगे मॅट्रेस पर बैठ गया,,,

कविता बेड की बॅक से पीठ लगा कर बैठ गई जबकि मैं ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर बैठ गया ,,मेरे दोनो
हाथ बेड पर थे और मेरा सर उन दोनो हाथों के उपर था,,,मैं दोनो हाथों को बेड पर रखके अपने
सर को दोनो हाथों पर टिका कर कविता से बातें करने लगा,,,वो बेड की बॅक से पीठ लगा कर अपनी टाँगे
फैला कर बैठी हुई थी,,,,उसके दोनो पैर मेरे करीब थे,,,,रूम मे बहुत हल्की रोशनी थी क्यूकी मैने
छोटी लाइट ऑन की हुई थी,,,,,हम लोग फिर से बातें करने लगे और जोक्स सुनाने लगे,,,,

वो मेरे से कहीं ज़्यादा तेज थी जोक्स सुनाने मे ,,,,मेरे 3-4 जोक्स पर हम लोगो को इतनी हँसी नही आती थी
जितनी हँसी मुझे उसके एक जोक पर आती थी,,,,मैं हँसते हुए अपने पेट को पकड़ लेता था कभी कभी,,,फिर
उसने इतना मस्त जोक सुनाया कि मैं हँसते हुए ज़मीन पर लॉट-पोट होने लगा और मेरी आँखों से पानी निकलने
लगा मारे खुशी के,,,,,वो मुझे हँसता देख कर बहुत खुश थी,,,मुझे भी उसकी मुस्कान से पता चल रहा
था कि वो अपने जोक पर नही बल्कि मुझे हँसता देख कर खुश हो रही थी,,,उस टाइम उसके भोले भाले फेस
पर वो मुस्कान सीधा मेरे दिल मे उतर रही थी,,,वो मुस्कुराती हुई इतनी प्यारी लग रही थी कि मैं बता नही
सकता,,,,,

इस से पहले कि मैं खुद पर क़ाबू करता उसने एक और जोक शुरू कर दिया और उस जोक पर तो मैं इतना ज़ोर से
हँसने लगा कि मेरे पेट मे दर्द होने लगा,,,,,,,,,,,,,मैं हँसते हुए बेड पर अपने सर को झुका कर बैठ
गया और अपने मुँह को बेड पर दबाने लगा ताकि मेरी हँसी की आवाज़ रूम से बाहर नही जाए,,,,,तभी हँसते हुए
मैने कविता से बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बस कर कविता इतना मत हंसा मुझे कहीं हँसते हुए मेरी जान ही
ना निकल जाए,,,,,,,,,

मैने इतना बोला था कि उसने जल्दी से आगे बढ़ कर मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,खबरदार अगर ऐसी बात
बोली तूने,,,,,मरे तेरे दुश्मन,,,,,इतना बोलते टाइम कविता की आँखें नम हो गई,,,,

मैने उसकी तरफ देखा तो वो कुछ अलग लगने लगी थी मुझे,,,कुछ अपनी लगने लगी थी,,,तभी मैने उसके
हाथ को जो मेरे मुँह पर था उसको अपने हाथ से अपने मुँह से हटा दिया,,,,,अरे पगली मैं तो मज़ाक कर
रहा था,,,,

नही सन्नी प्ल्ज़्ज़ ऐसी बात तू कभी मज़ाक मे भी नही बोलना दोबारा कभी,,,,,इतना बोलकर वो बेड से आगे की
तरफ झुकी और मेरे लिप्स पर हल्की किस करदी,,,,,तूने अगर ऐसी बात फिर कभी अपने मुँह पर लेके आई तो मैं
खुद तेरी जान ले लूँगी,,,,इतना बोलते ही उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,.,,मेरा कुछ ऐसा इरादा न्ही
था मैं तो जस्ट हँसी मज़ाक करने के लिए इस रूम मे आया था लेकिन उसकी एक किस ने ,,उसकी एक बात ने जिस से
सॉफ पता चल रहा था वो मेरी कितनी केर करती है,,,उस एक बात ने मुझे बहुत खुश कर दिया और उसके सॉफ्ट'
लिप्स के एहसास ने मुझे मस्त करने मे कोई ज़्यादा देर नही की,,,,
Reply
07-15-2019, 02:14 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं बेड से नीचे मॅट्रेस पर बैठ हुआ था और कविता बेड पर बैठी हुई थी,,,,वो बेड से आगे और नीचे की
तरफ झुकी हुई थी ,,उसके दोनो हाथ अब तक मेरे सर पर पहुँच गये थे और उसने अपने हाथों की उंगलियों
से मेरे सर के बालों को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया था,,,मैं मस्त तो हो गया था लेकिन ये सब एक दम
से हुआ तो मैं थोड़ा परेशान हो गया था,,,,मुझे उसके सॉफ्ट लिप्स का एहसास अपने लिप्स पर हो रहा था लेकिन
फिर भी मैं उसको किस का रेस्पॉन्स नही दे रहा था,,,,लेकिन उसकी उंगलियों ने मेरे सर पर इतने प्यार से अपना
कमाल दिखाना शुरू किया कि मुझे अपनी सुध-बुध खोने मे ज़्यादा टाइम नही लगा,,,,,अब मस्ती मे मैने
भी उसके सॉफ्ट लिप्स को अपने लिप्स मे जकड़कर उसके होंठों से सोमरस को पीना शुरू कर दिया और अब तक मेरे
हाथ भी उसके सर पर चले गये थे और मैने भी उसके बल्लों को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू कर दिया
था,,,,लेकिन मैं इस से आगे नही बढ़ा क्यूकी वो मुझे मना कर देती थी हर बार और आज मैं उसकी मर्ज़ी के
बिना आगे नही बढ़ना चाहता था,,,,

हम लोग करीब 8-10 मिनट ऐसे ही एक दूसरे के बालों को सहलाते हुए एक दूसरे के होंठों को चूमते और
चूस्ते रहे फिर उसने हल्के से मेरे होंठों को अपने होठों से अलग कर दिया और बड़े धीरे से मेरे से
दूर हो गई,,,उसने अपने हाथ भी मेरे सर से उठा लिया और उसके ऐसा करते ही मैं भी उस से दूर हो गया
और अपने हाथों को भी उसके सर से उठा लिया,,,,मेरा दिल तो नही कर रहा था लेकिन उसने खुद को मेरे से दूर
किया था इसका मतलब वो मुझे रुकने को बोल रही थी इसलिए मैं भी रुक गया और उस से दूर हो गया,,,

मैं थोड़ा पीछे हटा तो देखा कि उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी ,,हार्टबीट भी इतनी तेज थी कि उसके
दिल की धड़कन का एक हल्का सा शौर होने लगा था रूम मे,,वो खुद पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी
लेकिन जैसे ही मैने उसकी तरफ देखा और हम दोनो की नज़रे मिली तो उसने शरमा कर अपने चेहरे को झुका
लिया लेकिन एक ही पल मे अपने चेहरे को दोबारा से उपर किया और मेरी तरफ हंस कर देखने लगी और मुझे देख
कर उसने अपने नज़रे दरवाजे की तरफ करली और कुछ देर बाद वापिस मुझे देखने लगी,,,

मैं उसकी बात समझा नही लेकिन मुझे लगा कहीं ये मुझको दरवाजा बंद करने को तो नही बोल रही इसलिए
मैं उठा और दरवाजे की तरफ बढ़ने लगा,,,मैने दरवाजे के पास जाके पलट कर उसकी तरफ देखा तो उसने
मेरी तरफ एक बार देखा और बेड पर लेट गई और मुझे देख कर शरमाने लगी,,,,मैने उसकी तरफ हंस कर देखा
और दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा दी,,,,शायद वो भी मुझे ऐसा करने को ही बोल रही थी,,,मैने दरवाजे
को कुण्डी लगाई और पलट कर उसकी तरफ चला गया,,,,मैं बेड के पास जाके खड़ा हो गया और उसकी तरफ देखने
लगा,,,वो बेड पर लेटी हुई शरमा कर मुझे देख रही थी,,,मुझे उसका खूबसूरत जिस्म बेड पर लेटा हुआ
ऐसे लग रहा था जैसे उसने खुद को किसी पकवान की तरह थाली मे परोस कर मेरे हवाले कर दिया था


,,,,ये पकवान ऐसा था कि जिसको एक ही बार मे पूरा निगल जाने को दिल कर रहा था मेरा लेकिन मैं कुछ
जल्दबाज़ी नही करना चाहता था,,,,मैं बस ऐसे ही खड़ा खड़ा उसके जिस्म को देख रहा था उसने भी मुझे
अपने जिस्म की तरफ घूरते हुए देखा और शरमा कर चेहरे को दूसरी तरफ घुमा लिया,,,,,और तभी उसने बेड से
अपना हाथ उठा कर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेड पर अपने करीब कर लिया,,,,मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा
खुश हो गया था और बड़े आराम से बेड की लास्ट मे उसके पास बैठ गया,,,उसका चेहरे अभी भी दूसरी तरफ था
,,मैने अपने हाथ से उसकी चिन को पकड़ा और उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमा लिया ,,उसकी आँखें बंद थी
लेकिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ हल्की शरम भी थी,,,

मैने उसके चेहरे को कुछ देर तक ऐसे ही देखा और फिर हल्के से आगे बढ़ कर उसके लिप्स पर किस करने लगा,,
उसने भी एक ही पल मे मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,मैं बेड पर टाँगें ज़मीन पर
लटकाकर उसके करीब बैठा हुआ उसके जिस्म पर झुक कर उसको किस कर रहा था,,उसका लेफ्ट हाथ मेरे राइट हाथ
मे पकड़ा हुआ मेरी टाँगों के उपर था और उसका राइट हॅंड मेरे सर पर पहुँच गया था,,,,उसने अपने
हाथ से मेरे सर को सहलाना शुरू कर दिया था,,उसी प्यार भरे अंदाज़ से जिस से मुझे एक अजीब सी मस्ती
चढ़ने लगती थी,,,मैने भी अपने हाथ को उसकी कमर पर पेट के पास टी-शर्ट के उपर रख दिया और जैसे ही
मेरा हाथ उसके पेट पर लगा उसकी कमर ने हल्के से झटका मारा और उसकी कमर पेट के साथ-साथ उसका पूरा
जिस्म रुक रुक कर हल्के झटके मारने लगा और उन्ही झटको की वजह से मेरा हाथ उसकी कमर से होता हुआ पेट
पर और पेट से होता हुआ कमर पर थिरकने लगा,,,मैने उसकी कमर और पेट को अपने हाथ से सहलाना शुरू
कर दिया,,,तभी उसका हाथ जो मेरे सर पर था उसने वो हाथ मेरे सर से उठा लिया और अपने हाथ से अपनी
टी-शर्ट को थोड़ा उपर उठा दिया मुझे तो तब पता चला जब एक दम से मेरा हाथ उसकी नंगी कमर पर लगा


,,,,जैसे ही मेरा हाथ उसके नंगे पेट पर लगा मुझे पागलपन के दौरे पढ़ने शुरू हो गये ,,मैं मस्ती
मे पागल होने लगा और मुझे मेरे पागलपन का पता तब चला जब मेरा हाथ उसके पेट से होता हुआ उसके
बूब्स तक पहुँच गया ,,,उसने ब्रा नही पहनी हुई थी और मेरा हाथ उसके एक बूब के उपर था,,,,मुझे खुद
पर भरोसा नही हो रहा था कि इतनी जल्दी कैसे मेरा हाथ उसके बूब्स तक पहुँच गया था,,,लेकिन उसके बूब्स
के मखमली एहसास ने एक ऐसी मस्ती भर दी थी मेरे पूरे जिस्म मे की मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रहा था
और शायद यही हाल उसका भी था....

उसके छोटे छोटे बूब्स जो छाती से बाहर निकल कर अपनी उमर के हिसाब से कुछ आकार ले चुके थे वो
दोनो बूब्स मेरी मुट्ठी मे भरने लगे थे,,,मैं रुक रुक कर हल्के हल्के से उसके दोनो बूब्स को बारी-2
से दबाने लगा था,,,उसकी छोटी छोटी डुंड़िया जो मस्ती की वजह से थोड़ा हार्ड हो गई थी मैं उन डुंदियो
को अपनी उंगलियों मे पकड़ कर दबा दिया और जब मैने ऐसा किया तो उसने मेरे लिप्स पर हल्के से काट दिया और
मेरे सर को अपने लिप्स पर दबा लिया,,,फिर मैने अपने लिप्स को उसके लिप्स से आज़ाद किया और अपने सर को भी
थोड़ा उपर उठा लिया और उसकी तरफ देखने लगा,,,,उसकी आँखें बंद थी,,,मैने मोका देखा और अपने सर को
उसके पेट की तरफ ले गया और कुछ ही पल मे मेरा सर उसके पेट पर था और मेरे लिप्स उसके पेट पर टच हो
गये थे,,,,जैसे ही मेरे लिप्स उसके पेट पर टच हुए उसने अपने दोनो हाथों से मेरे सर को अपने पेट पर
दबा दिया और तभी उसके मुँह से हल्की अह्ह्ह्ह भी निकल गई,,,,मैं समझ गया कि अब ये शायद पूरी तरह से
मेरे क़ाबू मे आ गई है इसलिए मैने थोड़ी जल्दी करदी और अपने हाथ से उसकी शौर्ट्स को नीचे कर दिया
,,,मुझे लगा था शायद वो मुझे रोक देगी लेकिन उसने ऐसा नही किया तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैने दोनो
तरफ से उसकी शौर्ट्स को नीचे खिसका दिया,,,उसकी शौर्ट्स नीचे हुई तो मुझे एहसास हुआ कि उसने नीचे पैंटी नही
पहनी हुई थी,,,क्यूकी उसकी शौर्ट्स उसकी कमर से लगभग 3-4 इंच नीचे हो गई थी लेकिन अभी तक मेरा हाथ '
उसकी पेंटी पर टच नही हुआ था,,,,मैने तो उसके पेट पर किस करते हुआ मस्ती मे दोनो हाथ से उसकी शौर्ट्स
को नीचे कर रहा था ,,,उसने मुझे एक बार भी नही रोका था,,,मुझे लगा कि शायद आज मैं इसको चोद
ही लूँगा लेकिन मैं ग़लत था,,,,,,मैने अपने सर को उसके पेट से थोड़ा उपर उठाया कि देखु तो सही कि
उसके फेस पर मस्ती के भाव कैसे नज़र आते है लेकिन जैसे ही मैने उसकी तरफ देखा तो वो रो रही थी,,,


मैं एक दम से दंग रह गया कि इसको क्या हुआ,,,ये रोने क्यूँ लगी,,,मुझे लगा शायद से खुशी की आँसू है
इसलिए मैने उपर उठकर अपने दोनो हाथों से उसकी शौर्ट्स को थोड़ा और नीचे किया लेकिन तभी उसने मेरे हाथ
पकड़ लिए और अब उसका रोना भी कुछ ज़्यादा ही अलग हो गया था,,,,ये रोना खुशी का नही था,,,वो उदास हो
गई थी शायद हर्ट भी हो गई थी,,,क्यूकी वो नही चाहती थी कि मैं उसकी शौर्ट्स को नीचे करूँ,,लेकिन मस्ती
मे पागल हो चुका मैं उसकी शौर्ट्स को नीचे करता जा रहा था लेकिन तब उसने मुझे रोका भी तो नही था ,,

लेकिन अब वो मुझे रोक भी रही थी और बहुत ज़्यादा रोने भी लगी थी,,,जैसे जैसे उसकी शौर्ट्स नीचे उतरती जा रही
थी और रोती जा रही थी,,,,मैने एक दम से अपने हाथ उसकी शॉर्ट से उठा लिए और जल्दी से उठकर खड़ा हो गया
तभी उसने मेरी तरफ रोते हुए देखा और मुझे हाथ जोड़कर पीछे हटने को बोलने लगी,,,,ना मे अपना सर
हिला कर मुझे ऐसा नही कारने को बोलने लगी,,,,,,मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा गुस्से मे भी आ गया था और
शायद मैं थोड़ा हर्ट भी हो गया था,,,लेकन उसका उदास और रोता हुआ चेहरा देख कर उसकी आँखों मे आने
वाले आँसू देख कर मुझे उस पर तरस आने लगा,,,,,लेकिन मैं थोड़ा हैरान भी था कि ये खुद तो मुझे
पकड़ कर अपने करीब कर रही थी और जब मैं करीब आ गया तो अब दूर क्यू करने लगी,,मुझे कुछ समझ
नही आया,,,,मैने उसके आँसू पोछने के लिए नीचे झुकने की और उसके आँसू पोछने की कोशिश की लेकिन
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे दूर कर दिया,,,,और जल्दी से उठी और आँसू पोंछ कर अपने कपड़े
ठीक किए और वहाँ से दरवाजे की तरफ गई,,,उसने जाके दरवाजा खोला और खोलकर वापिस पलटकर मुझे देखा,,

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,लेकिन तभी उसने मुझे रोते हुए सौरी बोला और वहाँ से चली गई,,,

मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था,,,ये खुद मुझे करीब कर रही थी और खुद ही अब दूर भाग
गई थी और जाते जाते मुझे सौरी क्यूँ बोलके गई थी,,,,मैं साला पहले कम परेशान था जो इसने और ज़्यादा
परेशान कर दिया था मुझे,,,,लेकिन उसकी रोती हुई उदास शकल जब मेरे सामने आई तो मैं सब भूल गया
और सोचने लगा कि उसकी कोई मजबूरी होगी,,,,लेकिन क्या,,,,,क्या मजबूरी थी उसकी जो उसने एक पल मे मुझे
दूर कर दिया था और रोने लग गई थी,,,,

नेक्स्ट डे जब मैं उठा तो काफ़ी टाइम हो गया था,,,जल्दी जल्दी फ्रेश होके कपड़े पहने ताकि कॉलेज के लिए लेट
नही हो जाउ,,,,तैयार होके नीचे गया तो डाइनिंग टेबल पर सोनिया और मोम नाश्ता कर रही थी,,,डॅड ऑफीस चले
गये थे,,,,,कविता भी नही थी,,,,

मैं भी जाके नाश्ता करने के लिए बैठ गया,,,,तभी सोनिया बोल पड़ी,,,

कितना टाइम हो गया अब तक वापिस नही आई वो,,,सोनिया ने जल्दी जल्दी नाश्ता करते हुए बोला,,,

अरे नही आई तो क्या हुआ तुम सन्नी के साथ चली जाना,,,,मोम ने सोनिया की बात का जवाब दिया,,,,

वैसे कविता इतनी जल्दी जल्दी क्यूँ चली गई,,,,मोम ने सोनिया से पूछा,,,,

कितने बजे गई मोम,,,,मुझे तो पता ही नही कब गई वो मैं तो सो रही थी,,जब उठी तो वो रूम मे न्ही
थी,,,,


बेटी वो तो सुबह 6 बजे ही चली गई थी,,,मैने पूछा कि इतनी जल्दी क्यूँ जा रही हो तो उसने बोला कि चेंज
करने के लिए कपड़े नही है उसके पास और इस से पहले मैं कुछ बोलती वो दरवाजे से बाहर चली गई,,,
मैने सोचा कि उसको बोलती हूँ वो कॉलेज जाने के लिए तुम्हारे कपड़े पहन लेगी लेकिन जब तक मैं बाहर
गई वो अपनी अक्तिवा लेके वहाँ से चली गई थी,,,


मुझे लगा शायद वो मेरी वजह से जल्दी चली गई होगी,,सोनिया के उठने से पहले ही,,,शायद वो मेरे से गुस्सा
हो गई होगी,,,,लेकिन क्यूँ,,,,,मैने क्या किया,,,,,वो भी तो मेरा साथ दे रही थी फिर एक दम से उसको क्या हो
गया जो रोने लगी थी वो,,,,मैं अपनी ही सोच मे डूबा हुआ था तभी मोम बोली,,,,

तू ले जाएगा ना इसको अपने साथ सन्नी ,,,माँ ने मेरे से पूछा

मैने और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर मैने माँ की तरफ देखा,,,,

हाँ हाँ क्यू नही मोम,,,,मैं ले जाउन्गा इसको कॉलेज ,,,,

नाश्ता करके मैं और सोनिया उठे और घर से बाहर आ गये मैने बाइक स्टार्ट किया और सोनिया डरते हुए मेरे
बाइक पर बैठ गई,,,मैने बोला था उसको मुझसे दूर रहने को लेकिन माँ की वजह से हम दोनो को साथ
जाना पड़ रहा था,,,,वो मेरे साथ बैठ गई और सहारे के लिए उसने बाइक सीट को पकड़ लिया तभी मैने देखा
माँ दरवाजे से बाहर आ गई थी गेट बंद करने के लिए,,,,मैने सोनिया को माँ की तरफ इशारा किया तो उसने
अपना हाथ बाइक सीट से उठाकर मेरे शोल्डर पर रख दिया ,,,,,मैने बाइक आगे बढ़ा दी और पीछे देखा
तो माँ गेट बंद करके अंदर चली गई थी,,,,,सोनिया ने भी पीछे मूड के देखा तो मोम के जाते ही उसने
अपना हाथ मेरे शोल्डर से उठा लिया और वापिस बाइक सीट को पकड़ लिया,,,,,मैं ऐसे ही बाइक चलाता हुआ आगे
बढ़ने लगा थोड़ी दूर जाके ऑटो-रिक्शा स्टॅंड आया तो मैने बाइक स्लो कर दिया ताकि सोनिया को ऑटो मे बिठा
दूं लेकिन जैसे ही मैने बाइक स्लो किया तो मेरा ध्यान मिरर मे गया मैने देखा कि बाइक स्लो होने पर
सोनिया समझ गई थी मैं उसको ऑटो मे बिठाने वाला हूँ इसलिए वो थोड़ा उदास भी हो गई थी,,,मैने उसकी
उदासी को दूर कर दिया और बाइक को वहाँ नही रोका और कॉलेज की तरफ चलने लगा,,,,उसका ध्यान मिरर की
तरफ गया उसने मिरर मे मुझे उसकी तरफ देखते हुए देख लिया फिर उसने हंस कर मुझे देखा जैसे मुझे
थॅंक्स्क्स्क्स बोल रही हो बाइक नही रोकने के लिए और उसको अपने साथ कॉलेज तक लेके जाने के लिए,,,

कुछ टाइम बाद हम लोग कॉलेज पहुँच गये,,,,मैने बाइक स्टॅंड पर लगाया ,,सोनिया उतर कर अपनी क्लास की
तरफ चली गई और मैं अपनी,,,,

एग्ज़ॅम के बाद मैं कॅंटीन मे गया क्यूकी एग्ज़ॅम करते टाइम करण ने मुझे इशारा किया था एग्ज़ॅम के बाद
कॅंटीन मे मिलने के लिए,,,,,मैं कॅंटीन मे जाके बैठ गया और कुछ देर बाद सोनिया वहाँ आ गई,,,

वो मेरे पास आई और बोली,,,,भाई मैं कविता के साथ जा रही हूँ घर,,मैने कॅंटीन के बाहर की तरफ
देखा तो कविता बाहर खड़ी हुई थी वो अंदर नही आई,,,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने उदास चेहरे से
दूर से ही मुझे ही बोल दिया,,,,


ठीक है तुम जाओ कविता के साथ मैं कुछ देर बाद आता हूँ,,,मैने सोनिया को इतना बोला और वो वहाँ से
चली गई साथ मे कविता भी,,,,कविता जाते टाइम भी मुझे उदास चेहरे के साथ बाइ बोलकर गई,,,

उन लोगो के जाने के बाद करण वहाँ आ गया,,,वो थोड़ा परेशान लग रहा था,,,वो मेरे पास आके बैठ गया


क्या हुआ भाई इतना परेशान क्यूँ है,,,एग्ज़ॅम अच्छा नही हुआ क्या,,,,मैने मज़ाक मे करण से पूछा,,,

ऐसी बात नही है सन्नी भाई मैं तो रितिका की वजह से परेशान हूँ,,,,,करण ने उदास होके बोला,,

रितिका की वजह से,,,,क्यूँ,,,,,अब तो तेरी शादी होने वाली है उसके साथ फिर उसकी वजह से परेशान क्यूँ,,,अब
वो तुझे अच्छी नही लगती क्या,,,,मैने फिर मज़ाक मे बोला,,,

अरे भाई हर बात पर मज़ाक मत किया करो,,,,पता है जब तूने मुझे बताया था कि मेरी शादी रितिका से
हो जाएगी तो उस से थोड़ी देर पहले मुझे रितिका का मेसेज भी आया था,,,,कि उसके पास कोई गुड न्यूज़ है ,,,लेकिन
तुमने बोला था कि तुमने रितिका से कोई बात नही की इस बारे मे इसलिए तुमसे बात करने के बाद मैने सोचा
कि रितिका को कॉल करके पूछता हूँ कि गुड न्यूज़ क्या है लेकिन उसका फोन ही नही लगा,,,,और अब तक उसका
फोन स्विचऑफ आ रहा है,,,,मैने कई बार ट्राइ किया,,,,

अबे बेटरी लो हो गई होगी,,,,तू इतनी छोटी बात पर परेशान क्यूँ हो रहा है,,,

भाई बेटरी लो होती तो अब तक चार्ज करके उसने फोन कर लेना था लेकिन अब तक उसका फोन बंद
आ रहा है,,,,मुझे बहुत टेन्षन हो रही है,,,


तभी मुझे याद आया कल रात जब मैं अमित के बाप से बात कर रहा था तभी पीछे से पायल भाभी की
आवाज़ भी आ रही थी,,,,

अच्छा तूने पायल भाभी को फोन किया था क्या,,,,मैने करण से पूछा

हाँ भाई किया था उनका फोन भी बंद है तबसे,,,,मैने कई बार ट्राइ किया,,,मुझे बहुत डर लग रहा है
भाई,,कहीं रितिका के बाप ने उसका फोन तो नही छीन लिया उस से,,,,तू कुछ कर सन्नी भाई मुझे डर
लग रहा है,,,

तू टेन्षन मत ले मैं कुछ करता हूँ,,,,तू आराम से घर जा,,,,मैं ख़ान भाई से मिलके आता हूँ,,,

हम लोग कॅंटीन से निकले ,,,करण अपने घर की तरफ चल पड़ा और मैं ख़ान भाई से मिलने,,अभी मैं
रास्ते मे ही था कि मेरा फोन बजने लगा ,,

ये फोन घर से ही था,,,,माँ ने मुझे फोन किया था,,


कहाँ है तू सन्नी बेटा अभी तक घर क्यूँ नही आया,,,,,एग्ज़ॅम तो कबका ख़तम हो गया है,,,

माँ मैं बस घर आने ही वाला था कुछ काम पड़ गया इसलिए लेट हो गया,,,

बाकी कम बाद मे कर लेना पहले मेरा काम कर्दे आके बेटा,,,देख मेरी चूत और गान्ड कितनी बेचैन
हो गई है तेरे लंड के लिए,,,जल्दी आके घुसा दे अपना मूसल मेरी गान्ड मे ,,,

लेकिन माँ अभी तो सोनिया आ गई होगी घर पे,,,अब कुछ कैसे हो सकता है,,,,

नही बेटा वो कविता के घर पर ही रुक गई है तभी तो तुझे फोन किया है,,,वो अब शाम से पहले नही
आने वाली घर,,,,अब तू जल्दी आजा मेरे से और इंतजार नही होता,,,,
Reply
07-15-2019, 02:14 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
माँ की बातें सुनकर मैं करण और रितिका के बारे मे भूल ही गया और भूल गया कि मैं ख़ान भाई के
पास जा रहा था,,,बात करते करते मैने बाइक को घर की तरफ घुमा लिया था,,,,,,,रात कविता के साथ मस्ती
करने वाला ही था कि उसने मुझे रोक दिया था,,,मूठ भी नही मारी थी रात को ऐसे ही सो गया था,,,लंड
उपर तक भरा हुआ था स्पर्म से और मैं जल्दी से इसको खाली करना चाहता था,,,

मैने माँ को बोला कि मैं बस कुछ देर मे आया और फोन कट करके पॉकेट मे रखा और बाइक को भगा
दिया घर की तरफ,,,,

घर पहुँचा तो माँ नाइटी मे दरवाजा खोलने आ गई थी,,,नाइटी के नीचे माँ ने कुछ न्ही पहना हुआ
था,,ना ब्रा और ना ही पेंटी,,,,

माँ ने मुझे देखा और कस्स्के बाहों मे भर लिया और जल्दी से दरवाजा बंद करके मेरे से लिपट गई,,

माँ थोड़ा सबर करो कपड़े तो खोलने दो,,,,

नही बेटा अब सबर नही होता,,,,और ये कपड़े तो मैं खोल देती हूँ,,,माँ ने जल्दी से मेरी टी-शर्ट पकड़ी
और उपर उठाकर निकाल दी और फिर अपनी नाइटी को भी जल्दी से निकाल दिया और नंगी हो गई,,,,इतनी देर मे
मैने अपने हाथ से अपनी पॅंट को निकालना शुरू किया लेकिन माँ ने नाइटी उतारी और मेरे से चिपक गई,,,

तू इतनी मेहनत मत कर जल्दी थक जाएगा,,,,ला मैं निकाल देती हूँ तेरी पॅंट,,,,माँ जल्दी से नीचे बैठ
गई और मेरी पेंट निकालने लगी,,,मेरी पॅंट अभी घुटनो तक नीचे सर्की थी कि मेरा लंड माँ के मुँह मे
घुस गया,,,मेरा लंड अभी अंगड़ाई ले रहा था लेकिन माँ के होंठों के एहसास से वो ओकात मे आने लगा
,,माँ ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और हल्के से काट दिया और साथ ही मेरी पॅंट को मेरे पैरो तक
पहुँचा दिया,,,,बूट्स . होने की वजह से पॅंट नीचे से नही निकल रही थी तो माँ ने पॅंट को ऐसे
ही छोड़ दिया और लंड को हाथ मे पकड़ लिया ,,एक हाथ से माँ ने लंड को पकड़ा और एक हाथ मेरी बॉल्स
पर रखा और हल्के हल्के सहलाते हुए मेरे लंड की टोपी को दाँतों मे पकड़कर चूसने लगी,,,माँ मेरे
बाकी लंड को मुँह मे नही भर रही थी बस टोपी को ही चूसने लगी थी,,,बाकी लंड पर माँ के हाथ अपना
कमाल दिखा रहे थे,,,,,माँ टोपी को इसलिए चूस रही थी क्यूकी माँ को पता था ऐसे करने से मेरा लंड
और भी ज़्यादा जल्दी से और तेज़ी से ओकात मे आ जाएगा और ऐसा ही हुआ,,,कुछ 2-3 मिनट मे ही लंड पूरी ओकात
मे आ गया और माँ ने लंड से अपने हाथ हटा लिया और लंड को मुँह मे घुसाना शुरू कर लिया,,जैसे जैसे
लंड हार्ड होता गया ओकात मे आता गया माँ ने वैसे वैसे ही मेरे लंड को अंदर लेना शुरू कर दिया और जब
तक लंड पूरी ओकात मे आ गया था तब तक मेरा पूरा लंड माँ के मुँह मे गले से नीचे तक घुसने लगा
था,,,



मेरा लंड माँ के गले से नीचे तक घुस गया था और माँ तेज़ी से अपने मुँह को आगे पीछे करके लंड को मुँह
मे अंदर बाहर कर रही थी,,,उनका एक हाथ मेरी बॉल्स पर था जबकि एक हाथ से माँ अपने बूब्स को दबा
रही थी,,मैं मस्ती मे आ चुका था ,,मेरे लंड मे एक हल्का दर्द हो रहा था क्यूकी कविता के साथ रात
मस्ती नही कर सका था इसलिए लंड भरा हुआ था स्पर्म से और जब तक लंड खाली नही करता तब तक ये दर्द
होता रहना था,,,मैं जल्दी झड़ना चाहता था इसलिए मैने माँ के सर को पकड़ा और माँ के मुँह मे तेज़ी से
लंड पेलने लगा,,,,ऐसा नही कि मुझे जल्दी झड़ना था बात तो ये थी कि मुझे माँ के मुँह की चुदाई करके
बहुत मज़ा आता था ,,जितनी तेज़ी से चुदाई करता था उतना ही ज़्यादा मज़ा आता था,,माँ ने भी अपने दोनो हाथ
मेरी कमर पर रखे और मेरी कमर को तेज़ी से आगे पीछे हिलाने लगी और मुझे ज़्यादा तेज़ी से लंड को उनके
मुँह मे घुसाने का इशारा करने लगी,,,,मेरी स्पीड इतनी तेज़ी थी जैसे की मैं माँ के मुँह को नही बल्कि उसकी
चूत की या गान्ड की चुदाई कर रहा हूँ लेकिन माँ मुझे और ज़्यादा तेज़ी से करने को उकसा रही थी,मेरी
बॉल्स माँ की चिन से टकरा रही थी जिन पर थूक लगा हुआ था और बॉल्स जब भी माँ की चिन से लगती तो एक
हल्का सा शोर होता ,,लेकिन जितनी तेज मेरी स्पीड थी उस हिसाब से वो शौर थोड़ा तेज होने लगा,,,उस अजीब
मस्त करने वाली आवाज़ से मेरी स्पीड और तेज होने लगी ,,,माँ भी यही चाहती थी कि मैं तेज़ी से उनके मुँह की
चुदाई करूँ और उनके मुँह को भर दूँ अपने स्पर्म से,,,एक तो माँ को मेरा स्पर्म बहुत अच्छा लगता था
और दूसरा उनको पता था कि अगर मैं एक बार स्पर्म निकाल दूं तो अगले राउंड मे मैं ज़्यादा देर तक टिक
सकता हूँ और जमकर माँ की चूत और गान्ड की चुदाई कर सकता हूँ,,,माँ ने यही सोच कर मेरे लंड को
तेज़ी से अपने मुँह मे घुसाना जारी रखा,,,माँ के मुँह से उनकी ज़ुबान बाहर निकल आई थी जिस से मुँह मे और
ज़्यादा जगह बन गई थी,,,माँ की ज़ुबान मुँह से निकल कर नीचे की तरफ मूड गई थी ,,माँ का मुँह भी थूक
से भर गया था और मुँह चुदाई मे मुझे चूत चुदाई का पूरा सुख मिल रहा था,,,,,माँ के मुँह से थूक
ज़ुबान के रास्ते बहने लगा ,,माँ की ज़ुबान नीचे की तरफ मूडी हुई थी जिस से थूक ज़ुबान से होता हुआ माँ
के बूब्स पर गिरने लगा,,,,थूक की एक बूँद का एहसास अपने बूब्स पर होते ही माँ ने मेरे लंड को मुँह
से निकाल दिया और जल्दी से मुँह मे जमा थूक को अपने बूब्स की लाइन के बीच मे उघल दिया और तभी मेरे
लंड को पकड़ा और अपने बूब्स की लाइन मे दबा दिया,,इस से पहले मैं कुछ करता माँ ने अपने बूब्स की
लाइन मे मेरे लंड को दबा लिया और दोनो हाथों से अपने बूब्स को मेरे लंड पर आगे पीछे करने लगी,,


माँ के बूब्स के बीच दबे हुए मेरे लंड पर दोनो तरफ से एक सॉफ्ट सा दबाव बना हुआ था और दोनो
बूब्स मेरे लंड पर रगड़ खाते हुए आगे पीछे हो रहे थे,,,ये एक अजीब सा मज़ा था ,,एक सॉफ्ट और टाइट
गान्ड मारने जैसा मज़ा,,,लेकिन बूब्स गान्ड से भी कहीं ज़्यादा सॉफ्ट थे,,,मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा
था मैने खुद को अड्जस्ट किया और खुद ही अपने लंड को माँ के बूब्स के बीच मे आगे पीछे करने लगा
,,रगड़ की वजह से थोड़ी गर्मी पैदा हो रही थी जिस से थूक सूखने लगा था तभी माँ ने थोड़ा थूक
और उघल दिया अपने मुँह से अपने बूब्स पर और फिर लंड को भी मुँह मे भरके थोड़ी देर चूसा और वापिस
अपने बूब्स मे भर लिया,,,,फिर से सॉफ्ट और टाइट बूब्स के बीच मेरा लंड आगे पीछे होने लगा ,,मेरा
लंड कुछ ज़्यादा ही लंबा था जिस वजह से मेरा लंड जब भी बूब्स से उपर की तरफ निकलता तो माँ के गले
से नीचे या माँ की चिन पर टकरा जाता इस बात से माँ ने अपने मुँह को खोला और मेरे लंड की तरफ मोड़
दिया ऐसा करने से मेरे लंड जब भी बूब्स से निकल कर उपर की तरफ आता तो माँ के मुँह मे घुस जाता,,

मैने खुद को थोड़ा अड्जस्ट किया और अपने लंड को भी ताकि मेरा लंड माँ के मुँह से बाहर नही निकले
उसका आगे का हिस्सा माँ के मुँह मे ही रहे जबकि बाकी लंड बूब्स मे दबा रहे और मेरे लंड की हल्की मालिश
होती रहे..,,,,अब लंड बूब्स मे भी दब गया था और माँ के मुँह मे भी अंदर बाहर हो रहा था,,मुझे
एक साथ दो मज़े आ रहे थे,,,चूत चुदाई का भी और लंड चुसाई का भी,,,मेरे लंड का उपर का 2-3 इंच
का हिस्सा माँ के मुँह मे अंदर बाहर हो रहा था ,,,माँ बीच बीच मे अपने मुँह से लंड निकाल कर
थोड़ा थूक उघल देती थी अपने बूब्स पर,,,,मैं करीब 10-15 मिनट से माँ मे बूब्स और मुँह की चुदाई
कर रहा था,,,,तभी मेरी तेज सिसकियाँ शुरू हो गई और जब माँ को पता चल गया कि मैं झड़ने वाला हूँ
तो माँ ने मेरे लंड पर बूब्स की पकड़ को थोड़ा और ज़्यादा दबा दिया और मेरे लंड की टोपी को अपने
होंठों मे भर लिया और सिर्फ़ टोपी को ही चूसने लगी,,,क्यूकी . हिस्सा था जिस पर लास्ट टाइम मे सबसे ज़्यादा
मज़ा आता था और स्पर्म निकालने मे बड़ी आसानी होती थी,,,माँ ने लंड को टोपी को मुँह मे भरके चूसना
शुरू कर दिया और कोई 2-3 मिनट बाद मैं तेज़ी से सिसकियाँ लेता हुआ माँ के मुँह मे झड़ने लगा,,,मेरा
लंड माँ के मुँह मे उनकी ज़ुबान के उपर पिचकारी मारना शुरू हो गया था,,माँ ने मेरे स्पर्म का स्वाद
लेते हुए उसको गले से नीचे निगलना शुरू कर दिया था,,,जितना टाइम मेरे लंड से स्पर्म निकलता रहा उतना
टाइम माँ अपने बूब्स से मेरे लंड को सहलाती रही और जब सारा स्पर्म निकल गया तो माँ ने मेरे लंड को
हाथ मे पकड़ा और लंड की लास्ट ड्रॉप को भी निचोड़ लिया अपने मुँह मे ,,फिर लंड की टोपी को अपने लिप्स मे
भरके चूसने और चाटने लगी फिर लंड के होल पर जहाँ से स्पर्म निकलता था उस होल से भी स्पर्म की
लास्ट ड्रॉप को चाट कर लंड को अच्छी तरह सॉफ कर दिया,,,लेकिन लंड को हाथ से नही छोड़ा बल्कि दोबारा
से मुँह मे भरके चूसना शुरू कर दिया,,,,मैं समझ गया कि अब माँ चुदाई के लिए लंड को तैयार करने
लगी है,,,,
Reply
07-15-2019, 02:14 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
लंड मे अभी हल्की सुस्ती आनी शुरू हुई थी कि लंड वापिस अंगड़ाई लेके ओकात मे आने लगा था,,माँ ने लंड
को वापिस तैयार कर दिया था 4-5 मिनट तक अच्छी तरह चूस चूस कर,,,,,,


उसके बाद सोनिया के आने से पहले मैने माँ की चूत चुदाई और गान्ड चुदाई का मज़ा लिया,,,,जब तक सोनिया
नही आई तब तक मैने माँ को 2 बाद चोदा और सारा पानी उनके मुँह मे ही निकाला था,,,

माँ की चुदाई करके डॅड के आने से पहले ही हम लोग अपने अपने काम मे लग गये थे,,,क्यूकी डॅड ने ही
'आते टाइम सोनिया को साथ लेके आना था,,,,मोम डॅड के लिए कॉफी बनाने के लिए किचन मे चली गई जबकि
मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा,,,,तभी कुछ देर बाद मेरे मोबाइल की रिंग बजी मैने मोबाइल
देखा तो उसपे एक मेसेज आया था ये मेसेज पायल भाभी का था,,,,,,,,,,सन्नी एक ज़रूरी काम है जल्दी से मेरे
फार्महाउस पर आ जाओ,,,,,,,,,,,,

मैने मेसेज रीड किया और तभी पायल भाभी को कॉल करदी लेकिन भाभी का फोन स्विच-ऑफ आने लगा,

कुछ देर बाद फिर मुझे वही मेसेज आया और जब मैने कॉल की तो मोबाइल स्विच-ऑफ आने लगा,,,,मैने जल्दी
से करण को फोन किया और उसको पूछा कि उसको भी पायल भाभी का कोई मेसेज आया था क्या लेकिन उसने बोला
कि नही उसको कोई मेसेज नही आया,,,फिर उसने बोला कि हम लोगो को फार्म हाउस जाना चाहिए शायद वहीं जाके
कुछ पता चले लेकिन वो डर भी रहा था कहीं कोई पंगा हुआ तो,,,,,मैं उसकी बातों से समझ गया था
कि उसको डर लग रहा है,,,,इसलिए मैने उसको बोला कि तुम घर पर ही रूको मैं फार्महाउस जाता हूँ और
ख़ान भाई को अपने साथ ले जाता हूँ ताकि अगर कोई पंगा हुआ तो ख़ान भाई मेरे साथ होंगे तो मुझे कोई
ज़्यादा डर नही होगा और अगर ज़्यादा ज़रूरत पड़ी तो मैं करण को बुला लूँगा,,,इतना बोलके मैने फोन
कट कर दिया और फिर ख़ान भाई को फोन करने लगा,,,मुझे उनसे पहले भी बात करनी थी रितिका के बारे मे
लेकिन माँ की वजह से मैं उनके पास नही जा सका इसलिए अब तो उनसे बात करना बहुत ज़रूरी था,,,मैं उनको
फोन करने लगा लेकिन उनका फोन नही लग रहा था,,मैने माँ को बोला कि मुझे ज़रूरी काम है इसलिए
मैं कुछ लेट ही घर आउन्गा,,,

मैं अपना बाइक लेके चल पड़ा सोचा कि ख़ान भाई के पास पोलीस स्टेशन चलता हूँ वहीं से उनको साथ
लेके फार्महाउस पर चला जाउन्गा लेकिन जब मैं पोलीस स्टेशन पहुँचा तो पता चला ख़ान भाई तो कहीं
बाहर गये हुए थे और कल सुबह ही वापिस आने वाले थे,,,,इसी बीच मुझे पायल भाभी के 2-3 मेसेज और आ
गये थे,लेकिन जितनी देर मे मैं उनको कॉल करता फोन बंद हो जाता था उनका,,,,मुझे कुछ टेन्षन हो
रही थी,,,अब तो ख़ान भाई भी नही थे और मुझे अकेले जाने से बहुत डर लग रहा था,,करण भी फट्टू हो
गया था इसलिए अब उससे से दोबारा बात करना ही बेकार था,,तभी मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा मैने
बाइक को पोलीस स्टेशन से फार्महाउस की तरफ मोड़ लिया,,,,फार्म हाउस बहुत दूर था मुझे जाने मे काफ़ी टाइम
लगने वाला था ,,,मैं रास्ते भर ख़ान भाई का फोन ट्राइ करता गया बट कोई फ़ायदा नही हुआ,,,तभी मुझे
पायल भाभी का फोन आया,,,मैने जल्दी से फोन उठा लिया और बात करने लगा,,,,


सन्नी कब्से मेसेज कर रही थी तुम कहाँ हो अब तक,,,,पायल भाभी की आवाज़ से ये तो पक्का हो गया था
कि ये पायल भाभी ही थी जो मेसेज कर रही थी,,,

अरे भाभी क्या बात है जो इतने मेसेज कर रही हो,,,फोन करके नही बता सकती थी क्या,,,,

ज़्यादा बात करने का टाइम नही है सन्नी जल्दी से फार्म-हाउस पहुँच जाओ,,,

लेकिन बात क्या है भाभी ,,कुछ तो बोलो,,,

कुछ नही बता सकती जल्दी से फार्म हाउस आ जाओ ,,भाभी ने इतना बोला और फोन कट कर दिया,,,

मैं सोच मे पड़ गया कि आख़िर पंगा क्या है ,,मैं फार्महाउस के करीब ही था तो सोचा अब यहाँ तक तो
आ गये देखते है आगे क्या होता है,,,,

कुछ टाइम बाद मैं फार्महाउस पर पहुँच गया,,,,मैं घर से चला तो शाम थी और यहाँ तक आते आते
मुझे रात हो गई थी,,,,वैसे भी सर्दियाँ शुरू हो गई थी अंधेरा जल्दी होने लगा था,,,,,मैं फार्महाउस
के गेट पर पहुँचा तो गेट अपने आप खुल गया,,,,शायद भाभी को पता चल गया था कि मैं आ गया हूँ
तभी गेट खुल गया था,,,लेकिन गेट पर तो कोई नही था फिर गेट किसने खोला,,,खैर मैं बाइक लेके अंदर
की तरफ आ गया,,,डर तो लग रहा था लेकिन अब किया भी क्या जा सकता था,,,,मैं बाइक लेके फार्महाउस के मेन
डोर तक पहुँच गया,,,,


सारी लाइट्स बंद थी,,,,बस मेरे बाइक की हेडलाइट्स की रोशनी थी,,,बहुत अंधेरा था यहाँ,,,मैं थोड़ा डरा
हुआ था,,,

तभी दूर खुला और पायल भाभी बाहर निकली...वो जल्दी से मेरे पास आई और मुझे अपने साथ अंदर चलने
को बोला,,,

मैने भी बाइक स्टॅंड पर लगाया और भाभी के साथ अंदर चला गया,,,,भाभी कुछ परेशान थी,,,भाभी ने
अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया,,,मैने देखा कि अंदर भी कोई लाइट नही जल रही थी,,,बस कहीं कहीं
छोटी छोटी मोमबत्तियाँ जल रही थी,,,,पूरे घर मे अंदर से पर्दे लगे हुए थे,,,हर खिड़की पर हर दरवाजे
पर,,,,,

अरे भाभी लाइट नही है क्या,,,,मैने मज़ाक मे बोला,,,,वैसे तो मैं डरा हुआ था लेकिन कहीं सुना था
कि मज़ाक करने से डर थोड़ा कम लगता है,,,

नही लाइट तो है सन्नी लेकिन ऑन नही करनी,,,ऑन की तो किसी को पता चल जाएगा कि हम लोग है यहाँ पर

किसको पता चल जाएगा भाभी?? मैने पायल भाई से पूछा

मेरे डॅड को,,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी और ये आवाज़ थी रितिका की,,,मैने पीछे मूड के देखा तो बस
देखता ही रह गया,,,,खुले बाल जो फॅन की हल्की हवा से इधर उधर उड़ रहे थे,,,हल्के पिंक कलर का
सूट था शायद,,,मोमबत्ती की रोशनी मे रंग ठीक से नज़र नही आ रहा था,,,लेकिन मोमबत्ती की हल्की
रोशनी मे भी उसने चेहरा का रंग खूब चमक रहा था,,,उसने मोमबत्ती को फॅन की हवा से बचाने
के लिए अपने हाथ को मोमबत्ती की लो के आगे किया हुआ था,,,उसकी नम आँखों से तो लग रहा था जैसे कि वो
अभी रोके आई है लेकिन उसका हँसमुख स्वाभाव और मासूम चेहरा बता रहा था कि वो ठीक है,,,,


तुम्हारे डॅड को,,,,मैं कुछ समझा नही,,,,

तभी पायल भाभी ने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और उधर रितिका ने भी कॅंडल को टेबल पर रखा और
खुद सामने वाले सोफे पर बैठ गई,,,,पायल भाभी मेरे साथ ही बैठ गई थी,,,

तूने जो बात की अमित के डॅड से वो हमको पता है सन्नी इसलिए अमित के बाप ने रितिका के बाप को मना भी
लिया करण और रितिका की शादी के लिए,,,,,इसने भी अपने बाप से 1-2 बार बात की थी करण से शादी करने के बारे
मे लेकिन इसका बाप कभी नही माना था,,लेकिन अब उन सीडीज़ की वजह से अमित के बाप ने इसके बाप को यानी
मेरे फूफा जी को मना भी लिया है और मेरे फूफा जी भी रितिका की शादी के लिए मान गये थे,,,

मान गये थे मतलब,,,,वो तो अभी भी माने हुए है,,,,कल ही मुझे भी अमित एक बाप का फोन आया
था,,,,,

तभी रितिका बोली,,,,,जानती हूँ सन्नी,,,,,,,तुमसे तो बात करली थी रात को अमित के बाप ने लेकिन कल नून
टाइम जब पापा घर आए थे तो अमित और उसका बाप भी था उनके साथ,,,पापा ने मुझे बोला था कि मेरी
शादी वो करने वाले है करण के साथ मैं इस बात से बहुत खुश हो गई लेकिन बाद मे मैं चाइ कॉफी
बनाने लगी तो मैने उन लोगो की बातें सुनी,,,,वो हम लोगो की शादी नही होने देंगे वो ऐसा बोल रहे
थे और वो बिना शादी के तुमसे वो सीडीज़ भी हासिल कर लेंगे ,,ये वादा अमित एक बाप ने किया था मेरे पापा
से क्यूकी मेरे पापा मेरी शादी करण से करने को तैयार नही थे बिल्कुल भी,,,,इसलिए पापा ने पायल भाभी
को बुला लिया यहाँ ताकि पायल भाभी मुझे अपने साथ ले जाए ,,,

मैं तो शादी की बात से इतना खुश हो गई थी कि तभी करण को मेसेज भी कर दिया लेकिन जब दोबारा से पापा
और उन लोगो की बातें सुनी तो मैं करण से बात करने ही वाली थी कि पापा ने मुझे उनकी बातें सुनते हुए
पकड़ लिया और मेरा फोन भी छीन लिया मेरे से और मुझे एक रूम मे बंद कर दिया ताकि मैं करण
से कोई बात नही कर सकूँ,,,,

ओह्ह अच्छा तभी करण बोल रहा था कि तुमने उसको मेसेज भेजा था किसी गुड न्यूज़ के बारे मे,,,और उसी के
कुछ टाइम बाद तुम्हारा मोबाइल स्विच-ऑफ हो गया था,,,,

हाँ सन्नी,,,पापा ने मेरा मोबाइल ले लिया था,,,


तो तुमने भाभी के फोन से बात क्यूँ नही क़ी,,,,तुम भाभी के फोन से भी तो बात कर सकती थी ना और
बता सकती थी मुझे या करण को इस बारे मे,,,

नही बता सकती थी सन्नी,,क्यूकी मुझे रूम मे बंद कर दिया गया था,,मैं तो रात को मिली थी पायल भाभी
से और तब सभी लोग थे साथ मे बात नही कर सकती थी मैं,,,और उसके बाद हम लोगो को एयरपोर्ट ले गये
थे,,,,,

तुम लोग एर पोर्ट पर ?? लेकिन क्यूँ,,,,,,,मैने हैरान होके पूछा,,,,

हाँ एर पोर्ट पर,,ताकि भाभी मुझे यहाँ से कही दूर ले जाए,,,और एयिरपोर्ट से भी हम लोगो को टाइम नही
मिला तुमसे बात करने का,,,

क्या किसी भी तरह नही बता सकते थे तुम लोग मुझे,,,,मैने थोड़ा चिड़ते हुए बोला,,,

नही सन्नी हम नही बता सकते थे तुमको,,,क्यूकी रात को ही फूफा जी ने हमको एर पोर्ट पर छोड़
दिया था ताकि मैं इसको लेके आउट ऑफ कंट्री चली जाउ कुछ दिन के लिए,,,ताकि ये सब पंगा सॉल्व होने तक
रितिका करण से दूर रहे,,,,मैने उनकी बातें सुनी थी तुम्हारे बारे मे कि अगर शादी नही हुई तो तुम उनको
सीडीज़ नही दोगे और अगर उन लोगो ने कोई और तरीका आजमाया सीडीज़ हासिल करने के लिए तो तुम कुछ भी कर सकते
हो और अगर रितिका ने करण के साथ मिलके घर से भागके शादी करली तो उन लोगो के लिए मुश्किल हो जानी है
इसलिए तो मैं उन लोगो की बात मान गई और ऐसे शो किया कि मैं उन लोगो के साथ हूँ,,,हालाकी उन लोगो
ने मुझे ये नही बताया कि ये सब किसी सीडीज़ की वजह से हो रहा है उन लोगो ने तो यही बोला कि रितिका घर से
भाग कर करण से शादी करने वाली है ,,,,,

ओकककक,,,,,,अब मैं समझा सब कुछ,,,रात को जब अमित के बाप का फोन आया था तो मैने पीछे से आपकी
आवाज़ सुनी थी पायल भाभी,,,और मुझे लगा था कि आप उन लोगो के साथ मिली हुई हो,,,,


नही सन्नी ऐसा मत सोचना तुम कभी,,,,मैं किसी के साथ नही मिली हुई,,,ना उन लोगो के साथ और ना ही मैं
तुम्हारे साथ हूँ ,,,मैं तो बस रितिका की शादी करवाना चाहती हूँ करण के साथ,,,बाकी मुझे कुछ न्ही
लेना देना तुम लोगो से,,,और ना ही किसी की कोई हेल्प करनी है अब मुझे,,,


इतनी तो हेल्प करदी अपने हम लोगो की पायल भाभी जी अब और क्या चाहिए,,,,अगर आप सच मे इसको लेके कहीं
चली जाती तो मैं क्या करता,,,कैसे वादा पूरा करता जो मैने करण और रितिका से किया था उन लोगो की शादी
करवाने का,,,इतना बोलकर मैने पायल भाभी को एक हग किया और रितिका हम लोगो को देखने लगी,,,

चल चल अब मस्का नही लगा,,,,,ले आ गई तेरी रितिका और आगे अब तू ही संभाल इसको,,,,,,

पायल ने मेरी रितिका बोला तो मैं हैरान हो गया और साथ मे रितिका भी,,,,,

अरे मेरे कहने का मतलब है अपनी भाभी रितिका को संभाल ,,,अब ये मेरी नही तेरी टेन्षन है,,,,इतना बोलकर
भाभी उठी और किचन मे चली गई,,,,

मैं और रितिका चुप चाप बैठे रहे,,,और इधर उधर देखते रहे,,,कुछ टाइम बाद पायल भाभी खाना
लेके आ गई

हम लोग खाना कहने लगे,,,,डिन्नर टाइम तो हो ही गया था और भाभी को पता था मैं आने वाला हूँ तो
भाभी ने मेरे लिए भी डिन्नर बना लिया था,,,,फिर हम डिन्नर करते हुए इधर उधर की बातें करने
लगे,,,,,
Reply
07-15-2019, 02:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम डिन्नर करके फ्री हुए थे तभी पायल भाबी ने बर्तन उठा लिया और रितिका को कुछ इशारा किया और
खुद किचन की तरफ चली गई,,,

पायल भाभी किचन मे गई तभी रितिका बोली,,,,तुम मेरी शादी कारण से करवा रहे और मुझे मेरी ज़िंदगी का
सबसे बढ़िया गिफ्ट दे रहे हो इसलिए मेरे पास भी तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है सन्नी,,,,

इतना बोलकर रितिका उठी और एक रूम मे चली गई और जब वापिस आई तो उसके हाथ मे एक लॅपटॉप था,,,,उसने लॅपटॉप
मेरे सामने रख दिया,,,,

क्या ये है मेरा गिफ्ट,,,,मैने लॅपटॉप की तरफ देखा और रितिका से पूछा,,,

नही ये लॅपटॉप नही सन्नी,,,,,ये है तेरा गिफ्ट इतना बोलकर रितिका ने एक पेनड्राइव मेरी तरफ बढ़ा दी

मैने उस पेनड्राइव को पकड़ा और उस से पूछा ,,,,,,क्या है इसमे,,

खुद ही देख लो,,उसने थोड़े नखरे से बोला,,,,मुझे पता था वो मेरे से गुस्सा है,,,

मैने पेनड्राइव लॅपटॉप पर लगाई और उसमे जो फाइल थी उसको ओपन की,,,उसमे एक वीडियो थी,,,मैने वो वीडियो
प्ले की तो दंग रह गया,,उस वीडियो मे सुरेश और अमित थे,,,,सुरेश की टाँग टूटती हुई थी और वो बेड पर लेटा
हुआ था जबकि अमित उसके पास बैठ कर बात कर रहा था,,,उस वीडियो मे वो लोग करण और रितिका की शादी की
बात कर रहे थे,,,लेकिन बाद मे उन लोगो ने ऐसी बातें की जो हम लोगो के लिए एक पक्का सबूत बन गया,,

मैने वो वीडियो देखी और इतना ज़्यादा खुश हो गया कि जल्दी से उठकर रितिका के गले लग गया,,,,ओह्ह्ह रितिका
तुझे नही पता तूने मुझे क्या गिफ्ट दिया है,,,ये गिफ्ट तो ना सिर्फ़ मेरे लिए बल्कि हम सब लोगो के लिए बहुत
ज़रूरी चीज़ है,,,,इतना बोलकर मैने उसको बाहों मे भर लिया ,,,मेरा कोई ग़ल्त इरादा नही था,,मैं तो बस
उसका शुक्रिया अदा कर रहा था,,,,रितिका चुप-चाप खड़ी रही उसने ना तो मुझे दूर किया खुद से और ना ही
मुझे अपनी बाहों मे हग किया,,,,मैं उसको बार बार थॅंक्स्क्स बोलता हुआ काफ़ी टाइम से उसके गले लगा रहा
क्यूकी उसने मुझे बहुत अच्छा गिफ्ट दिया था,,,,जब मैं काफ़ी देर तक उसके साथ चिपका रहा तो जाने अंजाने मैने
उसको मस्त कर दिया या वो मस्त हो गई ,,उसने मुझे बाहों मे कस लिया ,,,,मैने तो उसको बाहों मे
पकड़ा था बस लेकिन उसने तो मुझे बाहों मे पूरी तरह से कस लिया था,,,,उसने इतनी ज़ोर से मुझे बाहों मे
जकड़ा की उसके छोटे छोटे बूब्स मेरी छाती से दबने लगे,,उसने अपने सर को मेरे गर्दन के पास मेरे
शोल्डर पर रख लिया और लंबी लंबी अहहें भरने लगी,,,उसकी साँसे भी गर्म हो गई थी और दिल
की धड़कन भी तेज हो गई थी,,,,उसकी ऐसी हालत से ना जाने कब मेरी भी हालत बिगड़ने लगी और मेरे हाथ उसकी
पीठ पर फिसलने लगे,,उसके हाथ भी मेरी पीठ पर थिरकने लगे थे,,,मेरा कोई गल्त मकसद नही था
उसको बाहों मे भरने का लेकिन मेरे गले लग्के वो शायद मस्त हो गई थी और उसकी मस्ती ने मुझको मस्त
कर दिया था,,,,

तभी पायल भाभी वहाँ पर आ गई मेरा और रितिका का ध्यान नही था पायल भाभी की तरफ,,पायल भाभी
वहाँ आई और हल्के से खांसने लगी तभी मेरा और रितिका का ध्यान भाभी की तरफ गया और हम दोनो एक
दूसरे से दूर हो गये,,,,भाभी ने हम लोगो की तरफ हंस कर देखा वहाँ से चली गई,,,

मैं और रितिका एक दूसरे से दूर हुए और सोफे पर बैठ गये,,,,,मैं रितिका से नज़रे नही मिला रहा था लेकिन
तिरछी नज़रो से उसकी तरफ देख ज़रूर रहा था वो भी मुझे हल्के से देख कर शरमा रही थी,,,तभी मैने
वापिस लॅपटॉप पर वो वीडियो देखने लगा जो मुझे रितिका ने दी थी,,,वो बहुत काम की चीज़ थी,,,वैसे एक बार
ख़ान भाई को दिखानी पड़ेगी वही बता सकते थे कि ये कितने काम की वीडियो है,,,,मैं अभी वीडियो देख ही
रहा था कि रितिका ने लॅपटॉप मे से पेनड्राइव को खींच कर बाहर निकाल लिया,,मैने उसकी तरफ देखा तो वो
पेनड्राइव लेके मेरे पास आके बैठ गई,,,,

मेरा दिल तो नही करता तुमको ये पेनड्राइव देने का लेकिन क्या करूँ करण और शिखा दीदी से भी वादा किया
है उनकी हेल्प करने का,,,उसने थोड़ा नखरे से बोला,,,,मैं जानता था वो मेरे से नाराज़ है इसलिए ऐसा बोल
रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अच्छा दिल नही करता तो मत दो ,,,मैं कौन सा फोर्स कर रहा हूँ,,,,मैने भी हल्के मज़ाक मे जवाब दे
दिया उसकी बात का,,,


नही ऐसी बात नही दिल तो करता है कि ये पेनड्राइव तुझे तब दूं जब तू मेरी शर्त पूरी करे और मेरी ज़िंदगी
का पहला सेक्स तू करे मेरे साथ लेकिन मैं भी तुझे फोर्स नही करूँगी क्यूकी तू उस से भी कहीं बड़ी और
मुश्किल शर्त पूरी करने वाला है मेरी,,,,,करण से मेरी शादी करवा कर,,,,वैसे भी अगर मैं तुझे फोर्स
करूँगी और तू फिर भी मुझे मना कर देगा तो ये तीसरी बार होगा जब तू मुझे नज़रअंदाज़ करेगा और मैं
तीसरी बार ये सब बर्दाश्त नही कर पाउन्गी,,,मैं क्या कोई भी औरत ये बर्दाश्त नही कर सकती कि कोई मर्द
उसके खूबसूरत जिस्म को नज़रअंदाज़ कर्दे वो चाहे पहली बार ही क्यूँ ना हो,,,,और तुम तो पहले भी 2
बार मेरे से दूर हो चुके हो,,,,अब मैं तुमको फोर्स नही करूँगी हाँ अगर तुम्हारा अपना दिल करता है
तो तुम मुझको बाहों मे भर सकते हो,,,,

नही मैं ऐसा नही चाहता रितिका भाभी जी,,,,मैने उसको भाभी बोला तो वो शरमा गई,,,,,मैने आपको
पहले भी बता दिया था,,,,

अच्छा ऐसा नही चाहते तो तुम्हारे हाथ मेरी पीठ पर फिसलने क्यूँ लगे थे,,,क्यूँ महसूस कर रहे थे
मेरे जिस्म को अपनी बाहों मे,,,क्यूँ कसते जा रहे थे अपनी बाहों के घेरे को मेरे चारो तरफ,,,सीधी
तरह क्यूँ नही कहते मैं तुमको अच्छी लगती हूँ,,,

मैं उसकी बात सुनके हँसने लगा,,,,बाहों को मैं नही आप कस रही थी रितिका भाभी जी,,,मैं तो बस


मैं तो बस क्या,,,,,,,,मैने तुमको बाहों मे भरा लेकिन अच्छा तो तुमको भी लगा ना,,,तभी कुछ देर के
लिए सही तेरे हाथों ने मेरी पीठ पर कुछ हलचल तो की थी,,,

मैं उसके करीब हो गया और उसके सर पर हाथ फेरते हुए,,,,तुम ऐसा मत करो,,,तुम जानती हो मैं ऐसा
कुछ नही चाहता ,,हाँ एक पल के लिए मैं अपने आपे से बाहर ज़रूर हो गया था लेकिन मुझे पता है तुम
करण की अम्मानत हो और तुम पर सिर्फ़ करण का हक़ है,,,तुम चाहती हो कि मैं तुम से वो सब करूँ लेकिन
मैं नही कर सकता ,,,,मैं तुम्हे उस से बेहतर तोहफा देने जा रहा हूँ करण से तुम्हारी शादी करके और
तुम अपनी लाइफ का सबसे पहला सेक्स करण के साथ करके उसको शादी के सबसे अच्छा गिफ्ट देना,,,

मैने इतना बोला तो उसने अपने सर से मेरा हाथ झटक दिया और उठकर वहाँ से चली गई,,,अभी वो उठकर
गई ही थी कि पायल भाभी सामने से चलती हुई मेरे पास आ गई,,,,,

पायल भाभी को मेरे पास आके बैठते हुए देखा रितिका जाती हुई रुक गई,,,,,,और पलटकर बोलने लगी,,,मुझे
मेरा गिफ्ट मिल गया करण से शादी करने का और करण को भी मिल जाएगा,,,अब तुम दोनो एक दूसरे को गिफ्ट देने की
तैयारी करो,,,,,इतना बोलके वो गुस्से से पलट कर वहाँ से चली गई,,,,

उसकी बात को मैं और भाभी समझ गये थे,,,,इसलिए मैं और भाभी हँसने लगे,,,मैने भाभी की तरफ देखा
तो उसने आगे बढ़ते हुए मुझे हल्की किस करदी,,,,

ये पागल हो गई है सन्नी सच मे,,,,इसकी बात का बुरा नही मान-ना,,,,,उमर ही ऐसी है इसकी,,,,

जानता हूँ भाभी,,,,और मैं गुस्सा करता भी नही इसकी बात का,,,वैसे मैं किसी की बात का गुस्सा नही करता
क्यूकी मैं हर टाइम मस्ती एक मूड मे जो रहता हूँ,,,मैने भाभी को इतना बोला और अपने करीब करके
अपनी गोद मे बिठा लिया,,,,मैं रितिका की वजह से थोड़ा गर्म हो गया था लेकिन रितिका के साथ कुछ कर नही
सकता था,,अब पायल भाभी मेरे पास थी और रितिका गुस्से मे वहाँ से चली गई थी,,,ये अच्छा मोका था मेरे
लिए और पायल भाभी के लिए भी,,,,,और वैसे भी हम दोनो को कोई डर नही था क्यूकी रितिका तो हम लोगो के
बारे मे सब जानती ही थी,,,,,

फिर हम दोनो की किस शुरू हो गई,,,,,,रूको सन्नी यहाँ नही,,,अंदर रूम मे चलते है,,,,भाभी ने
मेरा हाथ पकड़ा और मुझे रूम मे ले गई,,,,और फिर जब तक सुबह नही हुई मैं पायल भाभी की चुदाई
करता रहा,,,,हम दोनो सुबह से पहले रूम से बाहर नही निकले थे,,,

सुबह काफ़ी जल्दी हम लोगो को बाहर से आवाज़ सुनाई दी,,,भाभी रूम का दरवाजा खोलकर बाहर निकली और
साथ मे मैं भी,,,,

मैने जीन्स पहनी हुई थी जबकि भाभी नाइटी मे थी,,,

मैने और पायल भाभी ने देखा कि रितिका बाहर कॉफी बना रही थी,,,जैसे ही मैं और पायल भाभी बाहर
निकले तो रितिका कॉफी लेके टेबल की तरफ आ रही थी ,,उसने 3 कप कॉफी टेबल पर रखी और हम लोगो की
तरफ देखा,,,,

आ गये आप लोग,,,मैं बस अभी आप लोगो को बुलाने जा रही थी,,,,उसने भाभी की तरफ देखा तो हँसने लगी
जबकि मुझे देख कर शरमाने लगी,,

हम तो आ गये लेकिन तू बता इतनी जल्दी उठकर क्या कर रही है पायल भाभी ने रितिका से पूछा,,,


कुछ नही भाभी,,बस नींद नही आई तो कॉफी बनाने आ गई,,,सोचा आप लोगो के लिए भी बना लूँ,,आप
लोग भी थक गये होगे ना,,,,,रितिका ने इतना बोला और 2 कप हम लोगो की तरफ बढ़ा दिए,,,

अरे तूने अपने लिए ब्लॅक कॉफी क्यूँ बनाई,,भाभी ने अपने कप उठाते हुए उसका कप देखा और बोला,,,

कुछ नही भाभी रात भर सोई नही इसलिए सर मे दर्द हो रहा था,,,इसलिए ब्लॅक कोफ़ी बनाई मैने,,

क्यू,, नींद क्यूँ नही आई तुझे,,,भाभी ने हँसते हुए पूछा,,,जबकि मैं चुप चाप कॉफी पीने लगा था,,,

कैसे आती नींद भाभी,,रात भर आप लोगो के शोर ने मुझे सोने नही दिया,,,जब भी आँख लगने लगती आप
लोगो का चिल्लाना शुरू हो जाता,,,,रितिका ने इतना बोला और शरमा गई,,

भाभी भी हँसने लगी जबकि मैं कॉफी लेके वहाँ से उठकर चला गया,,,

मेरे उठते ही भाभी और रितिका हँसने लगे,,,,,,,,,,,,,,अरे क्या बताऊ तुझे रितिका ये सन्नी इतनी मस्ती से चुदाई
करता है कि दर्द और मस्ती के मारे आवाज़ निकलनी बंद ही नही होती,,,,पूरी रात ना खुद सोया ना मुझे सोने
दिया,,,,बहुत ज़ालिम है ये,,,,

भाभी ने मेरी तरफ देखा और मैं शरमा कर रूम मे चला गया,,,
Reply
07-15-2019, 02:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अब इन लोगो से मैं क्या बात करूँ,,,,लेकिन एक बंदा था जिस से मुझे बात करनी थी,,,,वो थे ख़ान भाई


मैने ख़ान भाई को फोन किया

पहले तो मैने शूकर मनाया कि ख़ान भाई का फोन लग गया बाद मे मैने ख़ान भाई को सारी बात बता
दी,,,,, फिर ख़ान भाई ने मुझे एक जगह मिलने को बोला,,

फार्म हाउस शहर से दूर था इसलिए हम लोगो को अभी जाना था,,,,मैने कॉफी जल्दी से ख़तम की और बाहर
जाके पायल भाभी और रितिका को सारी बात बताई और बोला कि जल्दी से तैयार हो जाओ हमे ख़ान भाई के पास जाना
है,,,,,,,,


वो लोग भी जल्दी से तैयार हो गई,,,फिर मैं बाहर गया और एक टॅक्सी लेके आया,,,इतना सुनसान इलाक़ा था कि टॅक्सी लेके
आने मे भी मुझे बहुत मुश्किल हुई,,,,,जाने को तो हम पायल भाभी की कार मे भी जा सकते थे लेकिन हम
लोगो को डर था कहीं भाभी की कार को कोई देख नही ले,,,,इसलिए उन लोगो को टॅक्सी मे लेके मैं खुद टॅक्सी
के पीछे पीछे बाइक पर चलने लगा,,,,


काफ़ी टाइम बाद हम लोग ख़ान भी की बताई हुई जगह पर पहुँच गये,,,,ख़ान भाई से मिलकर हम लोगो ने
सारी बात बता दी ख़ान भाई को,,,,रितिका तो बहुत खुश हो गई थी ख़ान भाई से मिलके,,,

ख़ान भाई ने बोला कि हमे आज ही रितिका की शादी करनी होगी,,,उन्होने मुझे पूरा प्लान भी समझा दिया और
मैं वहाँ से चल पड़ा,,,,आगे का काम करने के लिए,,,

जबकि पायल भाभी और रितिका ख़ान भाई के पास रुक गई थी,,,,,


मैं पहले अपने घर गया,,,और वहाँ से सीडीज़ लेके अमित एक घर की तरफ चल पड़ा,,,,रास्ते मे मैने करण
को भी फोन किया और बता दिया आज रेडी रहने के लिए ,,और बाकी की बात भी बता दी,,,रितिका कहाँ थी पायल
भाभी कहाँ थी,,,,और साथ मे ये भी बोला कि शायद उसकी शादी भी आज ही हो जायगी रितिका के साथ,,,,और मैने
उसको अलका आंटी और शिखा को भी तैयार करने को बोल दिया,,,,

करण से बात करके मैं अमित के घर की तरफ चल पड़ा और अमित के घर के बाहर पहुँच कर मैने गेट
पर खड़े एक आदमी को सीडी पकड़ा दी,,वो आदमी मुझे पहचानता था,,,उसने वो सीडी पकड़ी तो मैने उसको बोला कि
ये सीडी अंदर जाके अमित के बाप को दे दो,,,,

वो बंदा सीडी लेके अंदर की तरफ चल पड़ा और मैं वहाँ से बाइक लेके आगे की तरफ चल पड़ा,,अभी मैं
अमित एक घर से कुछ दूर ही गया था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,,

ये फोन था अमित एक बाप का,,,,

उसने ना हेलो बोला ना हाई बस सीधी बात पर आ गया,,,,

तुमको ये सीडी कहाँ से मिली सन्नी,,,,

मैने भी हाई हेलो नही बोला बस मतलब की बात करने लगा,,,,मुझे ये सीडी सुमित के घर से मिली थी अंकल जी
,,क्यू ये सीडी असली हैं ना अंकल जी,,,,

क्या वो सुमित भी अपने ही घर मे छुपा हुआ है सन्नी बेटा,,,अमित के बाप ने मुझे तो प्यार से बेटा बोला
था लेकिन सुमित का नाम गुस्से से लिया था,,,,

जी नही अंकल जी,,,वो तो पता नही कहाँ है लेकिन मैने बातों ही बातों मे उस से ये पता कर लिया था कि
ये सीडीज़ कहाँ पर छुपाई हुई है उसने,,,वो कहाँ है नही पता,,,,, मुझे तो उसका फोन आया था,,,,

क्या तूने ये सीडी देखी थी सन्नी बेटा,,,अमित का बाप बड़े प्यार से बोल रहा था,,,,

जी नही अंकल जी,,,,मुझे आपके ज़रूरी डॉक्युमेंट्स मे कोई दिलचस्पी नही थी,,,,मुझे तो दिलचस्पी है बस करण
और रितिका की शादी मे,,,,,,इसलिए तो 1 सीडी आपको दी है जबकि 1 सीडी अभी मेरे पास है,,,,और वो मैं आपको दूँगा
करण और रितिका की शादी के बाद,,,,

क्या ,,तुम्हारे पास 1 और सीडी है,,,,अमित के बाप ने हैरान होते हुए बोला,,,

जी अंकल जी,,,,1 सीडी तो मैने आपको इसलिए दी है ताकि आपको यकीन हो जाए ये सीडी वही है या नही ,,और अब दूसरी
सीडी आपको दूँगा शादी के बाद,,,,

शादी की क्या बात है बेटा,,शादी तो आज कर देते है,,,अभी कर देते है,,,बस वो सीडी भी लाके मुझे देदो तुम

नही अंकल जी वो सीडी तो आपको शादी के बाद ही मिलेगी,,,

तो ठीक है बेटा,,,,,तुम ठीक 11 बजे काली पहाड़ी वाले मंदिर पर आ जाओ ,,,,वहीं हम लोग करण और रितिका
की शादी भी करवा देंगे और तुम मुझे वो सीडीज़ भी दे देना,,,,


ठीक है अंकल जी,,,जैसे आप कहो,,,,,

तभी फोन कट हो गया और मैं चल पड़ा करण के पास,,,मैं बाइक पर करण के घर की तरफ जा रहा
था तभी मैने मिरर मे देखा कि 2 लोग बाइक पर मेरा पीछा कर रहे थे,,,,मैं समझ गया कि इन लोगो
को अमित एक बाप ने ही भेजा होगा,,,मुझे उनकी टेन्षन नही थी और मैं बाइक भी ऐसे ही चला रहा था कि
जैसे मैने उन लोगो को देखा ही नही हो,,,तभी आगे एक रेड लाइट आई और मैने बाइक रोक लिया,,,,वो लोग भी
मेरे पास आके रुक गये,,,,वो लोग मेरी तरफ नही देख रहे थे और ना ही मैं उनकी तरफ देख रहा था,,

तभी कुछ देर बाद ग्रीन लाइट हुई और मैने बाइक को आगे बढ़ा दिया और तभी एक तरफ से 2 लोग आए और उन लोगो
ने मेरी बाइक को टक्कर लगा दी,,,,ये लोग वो नही थे जो मेरा पीछा कर रहे थे,,,जैसे ही टक्कर लगी मैं
बाइक से नीचे गिर गया और बाइक भी गिर गई,,,,वो लोग भी गिर गये,,उन लोगो ने उठकर मुझे गाली देनी शुरू की
और मेरे साथ मारपीट करने लगे,,,,,मैं तो वैसे भी तेज था मारपीट मे ,,मैने उन 2 लोगो को अकेले
क़ाबू मे कर लिया लेकिन तभी वो 2 लोग जो मेरा पीछा कर रहे थे वो लोग भी बाइक से उतर कर मेरे साथ
मारपीट करने लगे,,,,मैं समझ गया कि ये सब लोग मिले हुए है,,,,मैं उनसे मुक़ाबला करने लगा लेकिन
4 लोगो को एक साथ संभालना मुश्किल हो रहा था,,,लेकिन इतने मे भीड़ जमा हो गई थी,,,लोगो ने देखा
था कि इस आक्सिडेंट मे मेरा कोई क़सूुर नही था,,इसलिए भीड़ के कुछ लोगो ने उन लोगो को पकड़ लिया और
फाइट बंद करवा दी ,,,वो लोग फिर भी मुझे गालियाँ दे रहे थे,,,भीड़ के लोगो ने उन लोगो को पकड़
लिया और मुझे वहाँ से चले जाने को बोला,,,,,मैं भी कोई पंगा नही करना चाहता था और वहाँ से बाइक
लेके चला गया,,,,
Reply
07-15-2019, 02:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वो लोग जब मेरे से मार पीट कर रहे थे तो साथ साथ मेरी तलाशी लेने की कोशिश भी कर रहे थे,,,
हो ना हो वो सीडी की तालश मे थे,,,,

मुझे गुस्सा तो था उन लोगो पर लेकिन वो लोग कोई आम लोग नही थे पेशेवर गुंडे लग रहे थे,,,इसलिए
कोई पंगा नही करने की जगह मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,

करण के घर पहुँचा तो करण मेरा हुलिया देख कर डर गया और फिर गुस्से मे बोला,,,,ये क्या हुआ भाई
,,,,किसने तेरा ये हाल किया भाई

कुछ नही भाई,,,,बस छोटा सा आक्सिडेंट हो गया था,,,,इस से पहले वो कुछ बोलता मैने उसको चुप करवा
दिया,,,

चल अब जल्दी तैयार हो जा और चल मेरे साथ,,,,

लेकिन भाई अपना हाल तो देखो आप,,,,,,,उसने मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला,,,मुझे कोई चोट तो नही
लगी थी लेकिन उन लोगो से फाइट करते हुए मेरे कपड़े फॅट गये थे,,,,

अबे धीरे बोल शिखा या अलका आंटी ने मुझे ऐसी हालत मे देखा लिया तो पंगा हो जाना है,,,और बात मेरे घर
पहुँच जानी है,,,,

भाई उनको पता नही चलना,,वो दोनो घर से चली गई है,,,,,जहाँ आपने बोला था ,,,बस मैं तेरा इंतेज़ार
कर रहा था,,,,

अच्छा किया तूने उनको भेज दिया,,वैसे भी वहाँ बहुत सारी तैयारी करने वाली होती है,,,वैसे माँ से तूने बात
की थी या दीदी ने,,,,

मैने तो दीदी को बोला था लेकिन दीदी ने माँ को बता दिया,,और अभी आपके आने से 2-3 मिनट पहले ही वो गई है
घर से,,,,

चल अब तू भी जल्दी तैयार हो जा,,,अपने पास ज़्यादा टाइम नही है,,,और मुझे भी एक टी-शर्ट दे अपनी,,अब तेरी
शादी मे फटी हुई टी-शर्ट पहनकर थोड़ी जाउन्गा मैं,,,मैने हंस कर मज़ाक मे बोला,,,
'

हम दोनो घर से तैयार होके अपने रास्ते चल पड़े,,,,


करीब 2-3 अवर्स के बाद मैं करण के साथ कोर्ट रूम पहुँच गया ,,,,मैने अमित के बाप को भी
फोन करके यहीं आने को बोल दिया था,,,

ये कोर्टरूम स्पेशल मॅरेज करवाने के लिए ही बना हुआ था और यहाँ जो बंदा बैठा हुआ था वो ख़ान
भाई का भरोसे वाला बंदा था जो लीगल मॅरेज करवाता था,,,


मैं और करण वहाँ पहुँचे तो अमित ,,अमित का बाप,,,सुरेश और सुरेश का बाप सब लोग यहाँ मौजूद
थे,,उन लोगो के साथ कोई भी बॉडीगार्ड नही था कोई गन्मन नही था,,,,क्यूकी मैने ही बोला था उन लोगो
को ऐसा करने को,,,,

मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा अमित और सुरेश करण और मेरी तरफ गुस्से से घूर्ने लगे,,,

सुरेश का पैर टूटा हुआ था और वो व्हील्चैर पर बैठा हुआ था,,,,

तभी अमित का बाप बड़े प्यार से आगे बढ़ कर मुझे मिलने आया,,,,मैने भी उनको नमस्ते बोला और उनसे
हाथ मिलाया,,,

अमित का बाप तो आगे बढ़ कर बड़े प्यार से करण के गले लग्के भी मिला,,,,और उसके इशारे से रितिका का बाप
भी बड़े प्यार से आगे बढ़ कर करण के गले लग्के मिला ,,,,

अरे बेटा यहाँ क्यूँ बुला लिया हमको,,,शादी तो मंदिर मे करवानी थी ना करण और रितिका की,,,

जी अंकल जी,,,लेकिन करण बोला कि उसको मंदिर मे नही कोर्ट मे शादी करनी है,,,,मंदिर की शादी को कोई
मानेगा या नही लेकिन कोर्ट की शादी को तो हर कोई मानेगा ना,,,मैने इतना बोला तो सुरेश का बाप और अमित
का बाप दोनो गुस्से से दाँत पीसने लगे,,,,

क्यूँ यहाँ कोई पंगा है क्या शादी करवाने मे अंकल जी,,,

अरे बेटा कोर्ट की शादी भी कोई शादी होती है क्या,,,,शादी तो मंदिर मे होती है,,,,पूरे रीति-रिवाज़ के साथ
वैसे तो शादी पूरी शान से होती है लेकिन ये शादी तो तुमको पता है किस वजह से हो रही है,,इसलिए कम
से कम मंदिर मे होती शादी तो अच्छा था,,,,

अरे अंकल जी छोड़िए ना ,,आप भी कहाँ मंदिर और रीति-रिवाज़ के चक्कर मे पड़ गये,,आज कल का ज़माना
मॉडर्न है और शादी भी मॉडर्न ही होती है,,,,,,जस्ट 2-3 साइन किए और हो गई शादी,,,,

अच्छा बाकी बातें बाद मे अंकल जी पहले ये बताए कि रितिका कहाँ है,,,वो नज़र नही आ रही,,,मैने थोड़ा
हंस कर पूछा तो वो लोग थोड़ा सहम सा गये,,,,

अरे बेटा वो यही है,,,कार मे बैठी हुई है,,,तुम बोलो तो अभी बुला लाता हूँ उनको,,,,लेकिन तुम पहले
ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,

आप रितिका को बुलाओ सीडी भी अभी मिल जाएगी अंकल जी,,,,


तभी अमित के बाप ने अमित को इशारा किया और उसने अपने मोबाइल से किसी को फोन किया,,,,कुछ ही देर मे
2 लड़कियाँ उस कोर्टरूम मे आ गई,,,,वो दोनो लड़कियाँ अपने साथ एक और लड़की को लेके आई थी जो सर से पैर
तक दुल्हन की तरह सजी हुई थी,,,बस उसका चेहरा ढँका हुआ था,उसने सर पर पल्ल्लू लिया हुआ था अपने ही
दुपट्टे से,,,,,

वो लड़कियाँ अंदर आ गई और उनके आते ही अमित ने दरवाजा बंद कर दिया,,,,

लो आ गई बेटा रितिका,,,अमित के बाप ने बड़ी खुशी से बोला,,,


क्या ये रितिका है अंकल जी,,,,लेकिन इसने चेहरा क्यूँ छुपा कर रखा हुआ है,,,इतना बोलकर मैं आगे बढ़ा और
उस लड़की के सर से दुपट्टा हटाने लगा,,,तभी अमित के बाप ने आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,,


अरे नही बेटा,,,ऐसा नही करते,,,शादी से पहला दुल्हन का मुँह देखना अपशकुन होता है हम लोगो
मे,,,,एक बार शादी होने दो फिर देखते रहना इसका मुँह,,,,

मैं हंस कर पीछे हो गया,,,क्यूकी मुझे पता था ये रितिका नही थी...,कोई और थी,,,,

ठीक है अंकल जी जैसा आप चाहो,,,,तो शादी का काम शुरू करे,,,

इतनी भी क्या जल्दी है,,,ये बात बोली अमित ने और आगे बढ़ कर हम लोगो के पास आ गया,,,,

शादी भी हो जाएगी लेकिन पहले ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,अमित थोड़ा गुस्से मे बोला,,,

तभी अमित के बाप आगे बढ़ कर ,.,,,,,,सन्नी बेटा अमित के कहने का मतलब है कि एक बार हमे भी वो सीडी
दिखा दो ताकि हम लोगो को भी यकीन हो जाए कि सीडी तुम्हारे पास है,,,,


आप बेफ़िक्र रहिए अंकल जी,,,,सीडी यहीं है मेरे पास,,,,,

तुम्हारे पास मतलब ,,अभी तुम्हारे पास है सीडी,,,,तुम्हारी पॉकेट मे है क्या,,,,,

अमित ने खुशी से इतना बोला और अपने फोन को कान पर लगा कर हमसे दूर होकर किसी से बात करने लगा,,,,,,


जबकि मैं अमित एक बाप से बात कर रहा था,,,,

अभी हम लोग बात ही कर रहे थे कि तभी कोर्ट रूम के दरवाजा खुला और ???
ये लोग तो वही थे जिन लोगो से मेरा सुबह आक्सिडेंट हुआ था,,,इस से पहले मैं कुछ करता उन लोगो ने
आगे बढ़ कर मुझे पकड़ लिया,,,,,सुबह वो लोग 4 थे लेकिन अभी वो 6 लोग थे,,,,,4 लोगो ने आगे बढ़ कर मुझे
पकड़ लिया,,,,,

करण ने आगे बढ़ कर उनको हटाने की कोशिश की लेकिन तभी 2 लोगो ने करण को भी पकड़ लिया,,,,,

उनमे से एक आदमी ने मुझे गालियाँ देनी शुरू करदी,,,,,,,,,,साले सुबह आक्सिडेंट करके भाग गया था,,,जो
नुकसान हुआ वो क्या तेरा बाप देगा,,,,उस आदमी ने मुझे कस के एक थप्पड़ मारा तभी अमित ने आगे बढ़ कर
उस आदमी को पकड़ लिया,,,,

क्यूँ मार रहे हो इसको,,,,क्या किया है इसने,,,,,अमित ऐसे बोल रहा था जैसे वो मेरा साथ दे रहा था,,,

उस आदमी ने अपनी पॉकेट से एक पिस्टल निकाली और अमित एक तरफ कर दी,,,अमित जल्दी से पीछे हो गया,,,,,देख
भाई तेरे से मेरा कोई झगड़ा नही है,,,इस लड़के ने सुबह मेरी बाइक से टक्कर लगा दी थी और मेरी बाइक का
नुकसान करके वहाँ से भाग गया था,,,,,हमे कोई लफडा नही करना बस ये हमको हमारे नुकसान के
पैसे दे दे,,,,हम लोग यहाँ से चले जाएँगे,,,,


तभी उस कोर्ट के वकील ने भी उन लोगो को रोकने की कोशिश की लेकिन उन लोगो ने उसकी तरफ भी अपनी पिस्टल
तान दी और वो बेचारा अपनी चेयर पर वापिस बैठ गया,,,,मैने भी उनको इशारा कर दिया था चुप-चाप
बैठने के लिए,,,,

वो अभी बोल ही रहा था,,, करण ने ज़ोर लगाकर खुद को छुड़वाने की कोशिश की लेकिन मैने उसको मना कर
दिया और इशारा किया चुप-चाप खड़े रहने को,,,


देख भाई वो मेरी ग़लती नही थी,,,,तू ही रेड लाइट क्रॉस करके मेरे से टकरा गया था,,,मैं फिर भी तेरा
नुकसान भरने को तैयार हूँ,,,बता कितना नुकसान हुआ तेरा,,,,,

मैने अभी बोला ही था कि उस आदमी ने मुझे कस के 2-3 थप्पड़ लगा दिए,,,,,तू अपनी बकवास बंद रख
लड़के ,,और जो नुकसान हुआ है वो तो मैं लेके ही जाउन्गा,,,,सुबह तो तू भाग गया था और अब यहाँ पर मेरा
एक भाई काम करता है जिसने सुबह तुझे देख लिया था मेरे से फाइट करते,,उसी ने फोन करके मुझे बताया
है कि तू यहाँ है,,,,इसलिए मैं यहाँ आया हूँ तेरे से नुकसान के पैसे लेने,,,


फिर उस आदमी ने मेरी तलाशी लेनी शुरू की,,,,फिर सर से पैर तक मेरी तलाशी लेके उसने करण की तलाशी ली
और फिर मेरी पॉकेट से मेरा वॉलेट निकाला और उसमे जितने भी पैसे थे सब निकाल लिए,,,लेकिन फिर भी वो
मेरी तलाशी लेने लगा,,,,,

फिर जब उसको कुछ नही मिला तो उसने पैसे अपनी पॉकेट मे डाले और वॉलेट को ज़मीन पर फैंक दिया और
गुस्से से बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा,,,,,इस बार तो पैसे लेके छोड़ रहा हूँ अगली बार ग़लती से मेरे से
टकरा गया तो टाँगें तोड़ दूँगा ,,,याद रखना,,,,,,वो गुस्से से मुझे इतना बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा और
जाते हुए उसने ना मे सर हिलाकर अमित के बाप को कुछ इशारा भी किया,,,,,
Reply
07-15-2019, 02:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उन लोगो को लगा कि मुझे कुछ पता नही चला लेकिन मैने सब कुछ देख लिया था,,,

फिर वो सब लोग गुस्से से बोलते हुए वहाँ से चले गये,,,,,,करण ने उन लोगो के पीछे जाने की कोशिश की लेकिन
मैने करण को रोक दिया,,,,लेकिन तभी मैने उस कोर्टरूम के पीओन को जो दरवाजे के बाहर खड़ा हुआ था
उसको उन लोगो के पीछे भेज दिया,,,

ये लोग कॉन थे बेटा,,,,इतना बोलते हुए अमित का बाप मेरे पास आया और बड़े प्यार से मेरे से पूछने लगा,
ज़्यादा ज़ोर से तो नही मारा तुमको बेटा,,,,

तभी अमित गुस्से से,,,,,,,,,अगर पिस्टल नही होती उनके पास तो एक-एक का सर फोड़ देता,,,,

गुस्सा मत कर अमित भाई,,,,और मुझे कुछ नही हुआ,,,बस हल्के हल्के हाथ लगे है 2-4,,,,इतने से मुझे कोई
फ़र्क नही पड़ता,,,,,

चलो छोड़ इन बातों को अब हम लोग अपना काम करते है,,,,जो करने आए थे,,,,

वो तो हो जाएगा बेटा लेकिन पहले वो सीडी तो पता चले कहाँ है,,,,अमित का बाप फिर से सीडी के पीछे पड़ गया
था,,,,

सीडी भी यहीं है अंकल जी,,,,मेरे पास,,,,बस शादी हो जाए तो सीडी भी दे दूँगा आपको,,,,

अमित के बाप को पता था सीडी मेरे पास नही है क्यूकी अभी वो आदमी मेरी पूरी तलाशी लेके गया था और साथ
मे करण की भी,,,उसको हम लोगो के पास कोई सीडी नही मिली थी,,,

नही बेटा पहले सीडी के दर्शन करवा दो फिर होगी शादी,,,

सिर्फ़ सीडी के नही पहले तो आप लोगो को किसी और चीज़ के दर्शन करवाने है अंकल जी,,,इतना बोलकर मैं कोर्ट
रूम से एक ऑफीस की तरफ गया जो ऑफीस उसी वकील का था,,,मैने ऑफीस का दरवाजा खोला और तभी करण
की मोम और शिखा उस ऑफीस से कोर्टरूम की तरफ आ गई,,,,,शिखा को देखकर अमित थोड़ा सकपका गया ,,

लेकिन जो लोग उसके बाद कोर्ट रूम मे आए उनको देख कर सब लोगो के साथ-साथ सुरेश का बाप सबसे ज़्यादा
सकपका गया,,,,

शिखा दीदी और अलका आंटी के पीछे पीछे पायल भाभी और उसके साथ रितिका भी उसी कोर्टरूम मे आ गई,,वो
दोनो बहुत खूबसूरत लग रही थी,,,वैसे तो शिखा और अलका आंटी भी कम नही थी लेकिन आज रितिका सब पर
भारी पड़ रही थी,,,

रितिका और पायल भाभी को देख कर अमित सुरेश और उन लोगो के बाप के होश उड़ गये,,,,

क्यूँ अंकल जी,,,,कैसा लगा ये सब,,,,वो लोगो का मुँह खुला का खुला रह गया ,,,उन लोगो मे से किसी के मुँह से
एक लफ़्ज तक नही निकला,,,,,सबके होश गुम हो गये रितिका और पायल भाभी को देख कर,,,,और मेरे होश गुम
थे रितिका को देख कर,,,,,रितिका सर से पैर तक दुल्हन की तरह सजी हुई थी,,,,लाल रंग का दुल्हन का जोड़ा
,,,,हाथ मे कलाई से लेके एल्बो तक बड़ी बड़ी चूड़ियों से आधी बाजू भरी हुई थी,,,गले मे मंगलसूत्र
और माँग भरी हुई थी,,,,

ये देख कर सुरेश और उसका बाप थोड़ा गुस्से मे आ गये,,,सुरेश का बाप हम लोगो की तरफ बढ़ा लेकिन तभी
अमित के बाप ने उसको रोक लिया,,,,


क्यूँ अंकल की गुस्सा आ गया ना ये सब देख कर,,,,ये सब मेरा प्लान था,,,,वैसे आप लोगो का प्लान भी अच्छा
था,,,,रितिका को पायल भाभी के साथ बाहर भेज देना फिर घूँघट मे किसी नकली रितिका से शादी करवा
देना और सीडीज़ हासिल कर लेना,,,,तभी तो आप लोगो को मंदिर मे शादी करने की पड़ी थी ताकि बाद मे मंदिर
की शादी को कोई नही मानता,,,ना आप लोग और ना ये समाज़,,,,और वैसे भी आपकी इस नकली रितिका की शादी अगर हो
भी जाती करण से तो आप लोगो को क्या फ़र्क पड़ने वाला था,,,


अमित का बाप थोड़े गुस्से मे ,,,,चल अब हो गई ना शादी,,,अब तो वो सीडी कर मेरे,,,

इतनी भी क्या जल्दी है,,,,पहले लीगल मॅरेज तो हो जाए,,जिसको ना आप झुटला सको और ना ये समाज़ और क़ानून

तेरी इतनी हिम्मत,,,ये कहता हुआ अमित अपनी पॉकेट से पिस्टल निकालता हुआ मेरी तरफ बड़ा,,,,,वो जैसे ही मेरे
पास आया अमित के बाप ने उसको भी रोक लिया,,,,

अरे वाह,,,,अब तो पिस्टल भी निकल आई,,,,,पहले कहाँ थी ये पिस्टल जब वो लोग तुमको पिस्टल दिखा रहे थे,,
मैने मज़ाक मे अमित को बोला,,,

मेरी बात सुनके अमित और उसका बाप चुप हो गये,,,,,,,,,,,,,

मैं जानता हूँ वो सब भी आपका ही प्लान था अंकल जी,,,लेकिन कोई बात नही,,,,ऐसा होता रहता है अक्सर,,अब
जल्दी से इन लोगो की शादी कर देते है इस से पहले कि कोई और पंगा हो,,,,,


तभी करण हँसते हुए,,,,अब और क्या पंगा हो सकता है सन्नी भाई,,,,

मैने भी हँसते हुए करण की बात का जवाब दिया,,,,,,,,करण भाई मैं वो सीडीज़ देख चुका हूँ मुझे
पता है उन सीडीज़ मे क्या है,,,,,ऐसी घिनोनी हरकते है इन नवाबजादो जिसको देख कर गुस्सा आता है,,,लेकिन
इसमे इनका कोई क़सूुर नही,,,,ये सब तो विरासत मे मिला है इन लोगो को,,ऐसी घटिया हरकते करना तो अपने
ही बाप से सीखा है इन लोगो ने,,,,,आज इनके बाप ने भी तो अपना पूरा ज़ोर लगा लिया था ,,,अपनी हर घटिया
चाल खेल चुके है ये लोग,,लेकिन अब हमारी बारी है,,,,,,,,,,

देखो अंकल जी,,,,मुझे पता था आप लोग ऐसी वैसी हरकते ज़रूर करोगे इसलिए रितिका और करण की शादी
पहले ही मंदिर मे करवा दी है हम लोगो ने ,,,और अब कोर्ट मेरिज करवानी है,,,,


ऐसा हरगिज़ नही हो सकता,,,,तू क्या सोचता है हम ऐसा होने देंगे,,,,अमित गुस्से से बोलने लगा,,,

मुझे पता है तुम लोग अपनी पूरी कोशिश करोगे,,लेकिन मैने भी हाथ पे पत्ते स्ट्रॉंग रखे हुए है
क्यूकी मुझे पता है आप लोग भी कम नही हो,,,,,

क्या मतलब तेरा सन्नी भाई,,,करण फिर हँसते हुए बोला,,,,साथ मे शिखा ,,अलका आंटी,,,और पायल भी
हँसने लगी,,,जबकि रितिका तो अपने बाप और भाई को गुस्से से घूर रही थी,,,


मतलब ये है मेरा करण भाई कि मुझे पता था इन लोगो ने ऐसी घटिया हरकत ज़रूर करनी है और इसी
लिए मैने अपने एक दोस्त को वो सीडी पकड़ा दी थी ताकि अगर टाइम आने पर हम लोग तेरी शादी करके रितिका को
अपने घर नही लेके गये तो मेरा वो दोस्त जो सीडी हाथ मे लेके इनस्पेक्टर ख़ान के पोलीस स्टेशन के पास खड़ा हुआ
है वो सीडी को उसके हवाले कर देगा,,,,,

मेरे मुँह से ये बात सुनके सब लोग हैरान रह गये,,,,,


तभी अमित एक बाप ,,,नही सन्नी बेटा तू हम लोगो के साथ ऐसा नही कर सकता,,तूने ही कहा था कि तू हम
लोगो का साथ देगा,,,,

अंकल जी साथ तो मैं दे रहा था लेकिन पहले घटिया काम की शुरुआत भी तो आप लोगो ने ही की है,,,मैं तो
बस आपका ही साथ दे रहा हूँ घटिया काम मे,,,,

अब बोलो शादी करवानी है या इंतेज़ार करना है कि कब मेरा दोस्त सीडी लेके ख़ान के पास जाए और ख़ान आप लोगो
को पकड़ने के लिए आपके पीछे निकल पड़े,,,,

तभी अमित का बाप सुरेश के बाप के पास गया और वो लोग कुछ बातें करने लगे,,,,अमित गुस्से मे मुझे
घूर रहा था और हाथ मे पकड़ी हुई पिस्टल दिखा रहा था,,,,

तभी शिखा हम लोगो के पास आ गई,,,,,अमित उसकी तरफ देख कर हँसने लगा,,,तभी शिखा ने अपने हाथ मे
पकड़ी हुई पिस्टल उसकी तरफ की तो अमित की सिट्टी-पीटी गुल हो गई,,,,ये पिस्टल करण ने दी थी शिखा को घर से
निकलने से पहले,,,,और ऐसे ही एक पिस्टल थी पायल भाभी एक पास जो उन्होने लाके मुझे पकड़ा दी,,,,

ये सब देख कर अमित और सुरेश का बाप थोड़ा डर गये साथ मे अमित और सुरेश भी,,,
Reply
07-15-2019, 02:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ठीक है सन्नी बेटा,,हम रितिका की शादी करवा देते है,,,,लेकिन इस बात का क्या भरोसा कि तुम वो सीडी हमे
दे दोगे,,,और उसकी कोई कॉपी नही होगी तुम लोगो के पास,,,,


देखिए अंकल जी ये सब पॉलिटिक्स खेलना मुझे नही आता,,,,ये सब आप जैसे लोगो का काम है,,,,मैं तो बस
जैसे को तैसा करने मे यकीन करता हूँ,,,मैं कोई प्लान नही करता अगर आप लोगो ने भी कोई प्लान नही
किया होता,,,,,अब भी टाइम है आप सही रास्ते चलिए और मेरा यकीन कीजिए,,,,और अगर अब भी आप लोगो को
मेरा यकीन नही तो आपकी मर्ज़ी है,,,जो मर्ज़ी कीजिए,,,,


तभी अमित का बाप चुप चाप हम लोगो के पास आ गया और साथ मे सुरेश का बाप भी,,,,

फिर मैने वकील की तरफ इशारा किया तो उसने मेरिज के पपर्स निकाल कर टेबल पर रख दिए ,,

फिर सब लोगो ने अपने अपने साइन किए,,,,अमित और उसके बाप ने तो एक पल से पहले ही साइन कर दिए लेकिन
सुरेश और उसका बाप फिर हल्की सोच मे पड़ गये लेकिन अमित और उसके बाप ने उनको समझा दिया था,,,,

सुरेश तो साइन करके पीछे हट गया लेकिन सुरेश का बाप साइन नही कर रहा था तभी सुरेश ने व्हील्चैर
पर बैठे हुए अपने बाप को साइन करने का बोला तो सुरेश के बाप ने सुरेश को सबके सामने कस्के थप्पड़
मारा,,,,,साले हरामी ये सब तेरी वजह से हो रहा है,,,,,

इतना बोलकर वो सुरेश को गालियाँ देने लगा,,,लेकिन तभी अमित के बाप ने उसको समझा दिया,,,,,

फिर सुरेश के बाप ने भी साइन कर दिया और अपने बेटे को वापिस गालियाँ देने लगा,,,क्यूकी अमित ने लड़कियों
को फसाने का काम किया था जबकि उनकी वीडियो बनाने का काम किया था सुरेश ने,,,जिसके बारे मे वो लोग
जानते थे,,,,

शादी होते ही रितिका और करण खुश हो गये,,,,क्यूकी अब वो क़ानूनी तौर पर पति पत्नी बन गये थे अब
ना तो उनको अपने बाप का डर था ना ही किसी और का,,,,,

हम सब बड़े खुश थे लेकिन कुछ लोग थे जो खुश नही थे ,,,,,,

तभी अमित का बाप मेरे पास आया और बोला,,,,,,,लो बेटा अब तो हो गई शादी ,,,अब तो बुलाओ अपने दोस्त को
और वो सीडी करो हम लोगो के हवाले,,,,

कॉन सा दोस्त अंकल जी,,,...मैने हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,

तभी सुरेश का बाप भी हम लोगो के पास आ गया,,,ये क्या मज़ाक लगा रखा है तूने,,,अब हो गई ना शादी
चल सीडी कर हमारे हवाले,,,,बुला अपने दोस्त को जल्दी,,,,

अरे अरे अंकल जी गुस्सा क्यूँ होते हो,,,सीडी आपको मिल जाएगी,,,लेकिन उसके लिए मुझे किसी को बुलाने की ज़रूरत
नही क्यूकी जिसके पास सीडी है वो दोस्त अभी यहीं मौजूद है,,,,

तभी सुरेश का बाप बड़ी उत्सुकता से,,,,कहाँ है वो दोस्त और कहाँ है वो सीडी,,,

ये रहा वो दोस्त और ये रही वो सीडी,,,इतनी बात बोलके रितिका ने अपने पर्स मे से वो सीडी निकाली ,,,

सब लोगो का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,अमित उसका बाप,,,सुरेश और उसका बाप ,,,सब मुँह खोलकर रितिका
की तरफ देख रहे थे और ख़ासकर रितिका के हाथ मे पकड़ी हुई उस सीडी की तरफ,,,


यही है ना वो सीडी जिसके लिए इतना कुछ हुआ है और अब भी हो रहा है,,,रितिका ने इतना गुस्से मे बोला और वो
सीडी अपने बाप की तरफ फैंक कर मारी,,

वो सीडी रितिका के बाप की छाती पर लगी और नीचे ज़मीन पर गिर गई,,,,रितिका के बाप ने शरम से अपना सर
झुका लिया लेकिन सीडी ज़मीन पर गिरते ही अमित और उसका बाप किसी लालची कुत्ते की तारह उस सीडी पर लपक पड़े

अमित ने वो सीडी उठा ली ,,,अमित और उसका बाप दोनो बहुत खुश हो गये थे,,,,तभी अमित का बाप बोला
,,सन्नी बेटा यही है दूसरी सीडी या इसके अलावा कोई और सीडी भी है तुम्हारे पास,,,,,

जी अंकल जी,,यही है दूसरी सीडी अब इसके अलावा कोई और सीडी नही मेरे पास,,,जो है बस यही है,,,

अमित और उसका बाप खुशी से वो सीडी लेके कोर्टरूम से बाहर जाने लगे तभी मैने उसको आवाज़ लगा दी,,,
एक मिनट रुकिये अंकल जी,,,,,यही वो सीडी है अब मेरे पास कोई सीडी नही है,,और ना ही इन सीडीज़ की कोई कॉपी है
लेकिन सुमित के पास इसकी और कोई कॉपी है या नही ये मुझे नही पता,,,,

मैने इतना बोला तो अमित और उसका बाप गुस्से मे मुझे घूरते हुए वहाँ से बाहर चले गये,,,जबकि पीछे
खड़े हुआ हम सब लोग हँसने लगे,,,,

फिर मैं वापिस पलटा और मेरी नज़र पड़ी सुरेश और उसके बाप पर जो शरम के मारे अपना सर झुका कर
खड़े हुए थे,,,अपनी ही बेटी और बेहन के हाथों जॅलील होने पर दोनो का सर शरम से झुक गया था,,,

मैं चलके रितिका और करण के पास गया और उन लोगो को लेके रितिका के बाप के पास आया,,,

चलो अब तुम लोग इनका आशीर्वाद लो,,,,,मैने इतना बोला तो करण ने तो अपने ससुर का आशीर्वाद ले लिया और
उसके ससुर ने भी उसके सर पर हाथ रखके उसको आशीर्वाद दे दिया लेकिन रितिका ने सॉफ मना कर दिया,,,

क्या हुआ रितिका तुम अपने पापा का आशीर्वाद क्यूँ नही ले रही,,,

ये इंसान मेरा बाप नही है सन्नी,,,,अब तक तो ये मेरा बाप था लेकिन आज पता चला कि सुरेश के सभी
गंदे काम मे ये भी उसकी मदद करता था इसलिए जैसे सुरेश मेरे लिए मर चुका है वैसे ही आज मेरा
बाप भी मेरे लिए मर गया है,,,,

नही रितिका ऐसा नही बोलते,,,,ये इंसान अभी भी तुम्हारा बाप और ये लड़का तुम्हारा भाई है,,,,माना इन
लोगो ने बहुत ग़लतियाँ की है लेकिन अब इनके झुके हुए सर देख कर लगता है कि इनको अपनी ग़लती पर शरम
आ रही है,तभी तो सर उठाकर ये हम लोगो की आँखों मे नही देख रहे,,,,और वैसे भी एक बाप अपने
बच्चे के सभी बुरे कामों पर परदा डालता है,,उसकी लिए उसका बच्चा जैसा भी हो,,अच्छा हो या बुरा उसका
बच्चा ही रहता है,,,,,वैसे ही ये आदमी जो अभी तेरे सामने खड़ा है ये जितना भी बुरा क्यूँ ना हो ये तेरा
बाप ही है,,,,आज अपनी ही बेहन और बेटी के सामने ये लोग सर झुका कर खड़े हुए है इस से बड़ी और क्या
सज़ा हो सकती है इन लोगो के लिए,,,

रितिका मेरी बात सुनके भी आगे नही बढ़ी लेकिन करण के इशारा करने पर उसने झुक कर अपने बाप का
आशीर्वाद ले लिया,,,,,उसके बाप ने भी अपने हाथ को अपनी बेटी के सर पर रखा और आशीर्वाद देके आँखों
मे आँसू लेके वहाँ से चला गया और जाते जाते वो अपने बेटे की व्हील्चैर को भी धक्का लगाके वहाँ से
बाहर चला गया,,,,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,543,552 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,216 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,250,380 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 945,300 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,678,822 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,101,633 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,986,575 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,173,702 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,075,746 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,012 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 15 Guest(s)