Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-15-2019, 01:53 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मुझे डॅन्स करना तो आता था लेकिन इन लोगो की तरह बेहूदा डॅन्स मेरे से नही होने वाला था ये
बात पायल भी समझ गई थी इसीलिए पायल अपने हाथों मे मेरे हाथ पकड़ कर हल्के हल्के इधर
उधर हिलने लगी थी ,,,ऐसे ही हम डॅन्स करने लगे थे लेकिन पायल को इस सब मे मज़ा नही आ रहा
था इसलिए वो मेरे से थोड़ा पीछे हटके तेज़ी से लटके झटके लगाने लगी ,,,ऐसा करते हुए उसने अपने
बाल भी खोल दिए ओर ज़ुल्फो को इधर उधर हिलाते हुए पूरे जिस्म को झटके मारने लगी,,,उसका डॅन्स
करने का अंदाज़ बहुत अजीब था लेकिन सभी लोगो का ध्यान उसकी तरफ था,,लकते झटके लगाते हुए वो
मुझे थोड़ी अजीब तो लग रही थी लेकिन झटके लगाते टाइम उसके जिस्म के एक एक पार्ट अलग तरह से हिल रहा
था ऑर मुझे भी बाकी लोगो की तरह उसको देख कर मज़ा आ रहा था,,,

तभी उसने डॅन्स करते हुए वेटर की तरफ देखा जो उसी को देख रहा था,,उसने वेटर को कुछ इशारा
किया तो कुछ देर मे वेटर 2 ग्लास लेके फ्लोर पर आ गया ऑर एक ग्लास पायल को देते हुए एक ग्लास मेरी
तरफ बढ़ा दिया,,,,तभी पायल ने मुझे देखा ऑर इशारा किया कि ये शराब नही है जस्ट सॉफ्ट ड्रिंक
है पी जाओ,,,,मैं वो ड्रिंक पी ली ऑर पायल ने भी एक ही बार मे ग्लास खाली किया ऑर वेटर को पकड़ा
दिया फिर उसने वेटर को करण ऑर रितिका की तरफ इशारा किया ऑर फिर डीजे की तरफ,,,,वेटर ने हां मे सर]
हिलाया ऑर वहाँ से चाल गया,,,मैं कुछ नही समझा कि उसने वेटर को क्या बोला था ऑर करण ऑर रितिका
की तरफ इशारा क्यूँ किया था,,,,तभी डिस्को की लाइट्स बहुत कम हो गई ऑर ड्ज पर लव सॉंग प्ले होने लगा
जिसका म्यूज़िक बहुत रोमांटिक था,,,,वो म्यूज़िक प्ले होते ही कुछ लोग वहाँ से चले गये जबकि कुछ लोग
बाहों मे बाहें डालके एक दूसरे के बहुद करीब आके हल्के हलके इधर उधर हिलते हुए पता नही
कॉन्सा डॅन्स करने लगे,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,तभी पायल मेरे बहुद करीब आ गई
ऑर मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया जिस जगह पर उसका टॉप ख़तम हो रहा था मैं
एक दम से सहर गया उसकी नंगी कमर पर हाथ रखते ही तभी उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ा पर कमर की
दूसरी तरफ रख दिया,,,,अभी मैं अपने पहले हाथ से उसकी कमर को टच करके बेहोश सा हो गया था ऑर
होश मे नही आया था कि उसने मेरा दूसरा हाथ भी अपनी कमर की दूसरी तरफ रख दिया था,,फिर वो एक
दम से मेरे ओर करीब आ गई ऑर अपने हाथों को मेरे शोल्डर्स पर रख दिया ऑर मेरे से बस 5-6 इंच
की दूरी से मुझे अपने साथ हल्का हल्का इधर उधर हिलने लगी,,,मैं तो बेसूध हो गया था,,,ये तो
साला वहीं रोमॅंटिक डॅन्स तो जो अक्सर मूवीस मे देखा था,,,कभी करने का मोका नही मिला था,,लेकिन
आज मोका मिला भी तो किसके साथ ऑर कहाँ,,,,मैं कुछ समझ नही पा रहा था,,,तभी मेरा ध्यान गया
करण ऑर रितिका की तरफ वो लोग भी ऐसे ही एक दूसरे से चिपक कर डॅन्स कर रहे थे,,,करण की पीठ थी
मेरी तरफ जबकि रितिका के फेस मुझे सॉफ नज़र आ रहा था क्यूकी उसने अपना फेस करण के शोल्डर पर
रखा हुआ था ऑर करण से एक दम चिपक कर डॅन्स कर रही थी,,,,डॅन्स क्या वो बस एक जगह खड़े होके
थोड़ा थोड़ा हिल रहे थे बस,,,
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07-15-2019, 01:53 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
इधर मेरे हाथ पायल की नंगी कमर पर थे दोनो तरफ ऑर उसके हाथ मेरे शोल्डर्स पर थे,,डॅन्स
फ्लोर पर रोशनी बहुत कम थी,,,आस पास वालों को देखना मुश्किल था ऑर ना ही कोई हमे देख सकता था
बस 3-4 फीट तक अगर कोई पास था तो कुछ दिखाई दे जाता था,,,,,करण ऑर रितिका तो हम लोगो के बेहद
करीब थे,,,करण की पीठ पायल की पीठ से बस 1-2 फीट की दूरी पर थी इसलिए मुझे रितिका का फेस
नज़र आ रहा था,,,मेरे हाथ भले ही पायल की कमर पर थे लेकिन फिर भी मेरा ध्यान पता नही क्यूँ
रितिका की तरफ था क्यूकी वो कुछ ठीक नही लग रही थी,,आज पहली बार ड्रिंक की थी उसने इसलिए कुछ मदहोशी
सी छाइ हुई थी उस पर ,,,,वो हल्की हल्की आँखें खोल कर मुझे देख रही थी ,,,सॉफ पता चल रहा था
वो अपने आप मे नही थी,,,,तभी कुछ ऐसा हुआ जिस से मैं हिल गया करण ने अपने हाथ से रितिका के सर को
पकड़ा ऑर उसके लिप्स पर किस करने लगा ऑर तभी रितिका ने उसको धक्का दिया ऑर भाग कर एक तरफ चली
गई,,वो किस तरफ गई कुछ पता नही चला ऑर करण भी उसीतरफ चला गया ,,मैने भी भाग कर उसकी
तरफ जाने की कोशिश की लेकिन तभी पायल ने मुझे रोक लिया,,,,,


तुम कहाँ चले,,,उसकी गर्लफ्रेंड है उसी को बात करने दो ,,तुम मेरे साथ डॅन्स करो इतना बोलकर पायल मेरे
से पहले से भी ज्याद करीब गई ऑर दोनो हाथों को मेरे गले मे डालके मेरे से चिपक गई उसका सर
मेरी छाती पर था ,,उसकी साँसे मेरी छाती पर महसूस होते ही मेरी हालत खराब होने लगी लेकिन मेरे
हाथ अभी भी हवा मे थे,,,तभी उसने अपने हाथ मेरे गले से निकाले ऑर अपने हाथों से मेरे हाथ
पकड़ कर अपनी पीठ पर ले गई ऑर मुझे खुद को हग करने को बोला,,,मेरा ऐसा दिल तो नही कर रहा था
लेकिन तभी उसकी सांसो के एहसास से मैं थोड़ा बहक गया ऑर मेरे हाथ उसकी पीठ पर चले गये ऑर ऐसा
होते ही उसने मुझे कस्के अपने से सटा लिया,,उसके बूब्स मेरी छाती से एक दम दब गये थे उसने मोका
देखा ऑर आगे बढ़ कर मेरे लिप्स पर हल्की किस करदी ,,मैं उसकी इस हरकत से हैरान रह गया लेकिन मैं
थोड़ा मस्त भी हो गया,,,तभी मुझे ज़्यादा हैरत तब हुई जब एक ही पल मे मेरे लिप्स भी खुल गये ऑर हम
दोनो के लिप्स एक दूसरे के लिप्स मे जाकड़ गये ,,,मैने उसके लिप्स को हल्के से किस किया जबकि उसने मुझे एक ही
पल मे पागलो की तरफ किस करना शुरू कर दिया ऑर तभी उसका एक हाथ मेरे लंड पर चला गया,,,ऐसा होते
ही मैं बहुत डर गया ,,डॅन्स फ्लोर पर बहुत लोग थे ,,माना बहुत अंधेरा भी था लेकिन अगर कोई हमे
इस हालत मे देख लेता तो,,,इसलिए मैने उसको खुद से अलग किया ऑर वापिस टेबल की तरफ बढ़ गया,,,,मेरे पीछे
पीछे वो भी आ गई,,,,जब मैं टेबल पर पहुँचा तो करण रितिका को मना राह था ऑर वो मान नही
रही थी लेकिन मेरे ऑर पायल के वहाँ आते ही रितिका ऐसे बिहेव करने लगी जैसे कुछ हुआ ही नही ,,लेकिन
रितिका मेरी तरफ बड़े अजीब अंदाज़ से देख रही थी,,,,,,,पायल भी आके फिर से मेरे सामने बैठ गई,,

तभी कुछ देर तक सब चुप रहे लेकिन पायल मेरी तरफ बड़े मस्ती भरे अंदाज़ मे देख रही थी
वो बार बार अपने लिप्स पर अपनी ज़ुबान घुमा रही थी,,,उसकी ऐसी हरकत से मैं डर गया दिल किया
वहाँ से चला जाउ ऑर मुझे बातरूम जाने का भी दिल किया,,,,काफ़ी कोल्डड्रिंक पी चुका था ऑर इतनी देर
से पायल ने मुझे हर जगह टच कर के मस्त कर दिया था जिस से मुझे पेशाब आने लगा था,,,मैं
उठा ऑर बाथरूम की तरफ चला गया,,,,,

मैं आया तो था खुद को हल्का करने लेकिन मेरी हालत ऑर भी ज़्यादा खराब होने लगी थी ,,अभी तक तो
मैं बाथरूम मे पहुँचा भी नही था कि बुरा हाल हो गया था मेरा,,,,



बाथरूम जाने के लिए एक बहुत पतले से गलियारे से गुजर कर जाना पड़ रहा था वहाँ पर इता ज़्यादा
अंधेरा था कि पूछो मत,,,,,ऑर उसी अंधेरे का फ़ायदा उठा कर कुछ लोग अजीब सी हरकते करने मे
लगे हुए थे,,,,कहीं कोई लड़का लड़की को किस कर रहा था तो कहीं कोई 2 लड़कियाँ आपस मे किस
कर रही थी,,,यहाँ तक कि कहीं मैने देखा 2 लड़के आपस मे किस कर रहे थे उनको देख कर '
मुझे इतना गुस्सा आया कि दिल किया इनका सर फोड़ दूं,,,,फिर सोचा मुझे क्या हक़ बनता है गुस्सा
करने का उनकी अपनी लाइफ है अपने तरीके से एंजाय करने दो लेकिन फिर भी कहीं दिल मे उलझन
सी पैदा हो गई थी,,मैं बाथरूम नही गया हालाकी मुझे बहुत तेज पेशाब आया था लेकिन इन लोगो को
देख कर मेरा दिल नही किया बाथरूम जाने को ऑर मैं वापिस टेबल पर आके बैठ गया,,,

वापिस आया ऑर आके अपनी सीट पर बैठ गया जल्दी से,,,बाथरूम के बाहर ऐसी ऐसी चीज़े देख कर
आया था कि हैरान रह गया था,,,,ऑर आते ही मुझे पायल ने फिर से हैरान कर दिया,,जैसे ही मैं
आके सोफे पर बैठा पायल का पैर सीधा मेरे लंड पर आके लगा ऑर उसने अपने पैर की उंगलियों से
मेरे लंड पर हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया,,,,बाथरूम जाने की तेज़ी थी लेकिन बाथरूम नही
करके आया था ऑर अभी पायल का फिर से लंड को ऐसे टच करना बर्दाश्त नही हो रहा था ,,,लग
रहा था जैसे आज किस्मत बहुत खराब है,,वैसे तो किस्मत अच्छी थी कि कोई भाभी वो भी इतनी ज़्यादा
सेक्सी खुद चलके चुदवाने को तैयार थी लेकिन लंड मे हल्का हल्का पेन होने लगा था जिस वजह से
किस्मत खराब लगने लगी थी,,,,कुछ नही कर सकता था मैं बस ऐसे ही बैठा रहा,,,,

तभी करण बोला,,सन्नी भाई ज़रा साइड होना मुझे बाहर जाना है,,,,करण की आवाज़ सुनके मैं बहुत
खुश हुआ क्यूकी करण की वजह से मुझे हिलने का मोका मिला था वैसे हिलता तो शायद करण मेरे
पर शक करता या रितिका,,,,,,

मैं कुछ नही बोला ऑर जल्दी से खड़ा होने लगा लेकिन तभी याद आया कि लंड तो पूरी तरह अकडा हुआ
है ऑर अगर उठकर खड़ा हो गया तो कहीं करण या रितिका की नज़र नही पड़ जाए उस पर इसीलिए उठने
की जगह मैं अपनी सीट से खिसक कर बाहर की तरफ टाँगे मोड़ कर बैठ गया जिस से करण बड़े
आराम से सोफे से निकल कर बाथरूम की तरफ चला गया,,,उसको भी बाथरूम बहुत तेज़ी से आया था शायद
क्यूकी वो भी बाथरूम की तरफ तेज़ी से जा रहा था,,,,,अभी मैं बाहर टाँगे करके बैठा हुआ
था तभी कुछ लोग आस पास से गुजर रहे थे ,,,,डिस्को की लाइट्स भी कभी कभी इधर घूम कर
आ रही थी जिस से हल्की रोशनी हो रही थी,,,मैं डर गया कहीं कोई मेरे लंड को ना देख ले इसलिए
वापिस सोफे से अंदर की तरफ मूड गया क्यूकी टेबल मेरी टाँगों के उपर तक आता था ऑर कोई मेरा
लंड नही देख सकता था,,,लेकिन जैसे ही मैं वापिस मुड़ा वो पैर फिर से मेरे पैर के नीचे से
होता हुआ मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगा ऑर फिर से मेरे लंड को सहलाने लगा,,,,अब मेरा खुद
पर क़ाबू पाना मुश्किल हो रहा था बाथरूम की वजह से लंड वैसे ही अकडा हुआ था ऑर पैर के
सहलाने से लंड मे हल्का दर्द होने लगा था मेरी जीन्स भी टाइट थी जिस वजह से लंड पॅंट मे
पूरा फैल भी नही सकता था,,,,उस दर्द की वजह से हल्की हल्की मस्ती चढ़ने लगी थी मुझे लेकिन
मैं कुछ नही कर सकता था,,,मेरा ध्यान सामने की तरफ गया तो पायल का हाथ नीचे कुछ हरकत
करता नज़र आया मैं समझ गया कि वो फिर से चूत मे उंगली कर रही है लेकिन मैं हैरान भी था
कि उसको अपने पास बैठी हुई रितिका से डर नही लग रहा था जबकि रितिका कभी मेरी तरफ तो कभी पायल
की तरफ देख रही थी लेकिन उसका ज़्यादा ध्यान मेरी तरफ ही था,,फिर मस्ती के हाथों मजबूर होके
मैने हिम्मत करके उस पैर को पकड़ लिया ऑर हल्के से सहलाने लगा ऑर उसको अपने लंड पर ऑर भी
ज़्यादा दबाने लगा ,,मैं पायल की तरफ देख रहा था वो भी मुझे देख रही थी वो बड़ी खुश
'थी तभी मेरा ध्यान रितिका की तरफ गया जो मुझे एक टक देखती जा रही थी,,,वो हल्का सा शर्मा भी
रही मैं ,,,शायद उसको नशा कुछ ज़्यादा ही हो गया था,,,इसलिए मैने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही
'दिया ऑर उस कोमल ऑर मुलायम पैर को पकड़ कर हल्के हल्के सहलाने लगा ,,लेकिन तभी कुछ ऐसा
हुआ कि मेरी गान्ड फॅट गई,,,

वेटर हम लोगो के टेबल के पास खड़ा हो गया था,,,पायल उस से कुछ बोल रही थी लेकिन उसको कुछ
'सुन नही रहा था ,,,वेटर झुक कर अपने कान को पायल के लिप्स के पास लेके आने लगा लेकिन पायल
ने उसको रोक दिया ऑर खुद खड़ी होके वेटर से बात करने लगी,,,,,ऑर मेरे को बहुत तेज झटका लगा
क्यूकी पायल खड़ी हुई थी जबकि वो पैर अभी तक मेरे हाथ मे था,,,,इसका मतलब वो पैर रितिका का
था,,,,नही ये नही हो सकता,,,,मैने डरते हुए रितिका की तरफ देखा और वो शरमाने लगी लेकिन जब
मैने वापिस पायल की तरफ देखा तो रितिका ने मुझे पायल की तरफ देखते हुए खुद भी पायल की
तरफ देखा ऑर जब उसको एहसास हुआ कि पायल खड़ी हुई है उसने जल्दी से अपना पैर पीछे खींच लिया


,,,,,मेरी तो सिट्टी पिटी गुल हो गई थी,,कुछ समझ नही आ रहा था,,,तभी करण वापिस आ गया ऑर
मैं जल्दी से खड़ा हो गया,,,,,,करण सोफे पर बैठ गया ऑर मैं खड़ा रहा ,,,पायल का ध्यान मेरे
लंड पर पड़ा ऑर वो एक टक मेरे लंड को देखने लगी लेकिन रितिका ने मेरी तरफ नही देखा ऑर वो
डरते सहम्ते हुए करण से बात करने लगी,,,

तभी करण ज़ोर से बोला,,,सन्नी भाई खड़ा क्यूँ है बैठ जा ना,,,,मुझे कुछ समझ नही आया लेकिन
जिस तरह से वो चिल्ला रहा था ऑर सोफे की तरफ इशारा कर रहा था मैं उसकी बात समझ गया,,,

ऑर मैने उसको इशारा किया कि मुझे बाथरूम जाना है,,,,वो हँसने लगा ऑर इशारे से बोलने लगा
कि अभी तो बाथरूम से आए हो तुम सन्नी भाई,,,,लेकिन मैने उसकी बात का जवाब नही दिया ऑर
वहाँ से चाल गया ,तभी पायल भी उठी ऑर मेरे साथ बाथरूम की तरफ जाने लगी,,,,,वो मेरे साथ
तो चल रही थी लेकिन मेरे को टच नही कर रही थी,,,फिर जब हम उस तंग गलियारे से गुजर रहे
थे जहाँ लोग अजीब हरकते कर रहे थे तो मेरा सर नीचे झुक गया जबकि पायल मुझे देख
कर हँसने लगी,,,मैने एक बार पायल की तरफ देखा ऑर फिर वापिस ज़मीन की तरफ देखने लगा,,,
आगे चल कर मैं राइट साइड में टायिलेट्स की तरफ चला गया जबकि वो लेफ्ट मूड कर लॅडीस टायिलेट्स की तरफ
चली गई,,,,,,,
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07-15-2019, 01:53 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भाग कर टाय्लेट मे घुस गया,,,,मुझे बहुत तेज सूसू आया था,,,मैने जैसे ही ज़िप खोली तो लंड
पूरी ओकात मे सर उठ कर खड़ा हुआ था,,,मैने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर सूसू करने लगा,,ये
टाय्लेट बहुत छोटा था ,,एक आदमी के लिए ही जगह थी मैं खड़ा होके सूसू कर रहा था ऑर जैसे
जैसे मैं सूसू करता गया लंड छोटा होता गया,,,,मुझे बड़ी राहत मिली सूसू करके ,,लेकिन जैसे ही
एक राहत मिली उसके साथ ही एक उलझन भी होने लगी,,,,मैं सोचने लगा कि पायल खड़ी हुई थी तो
पक्का था वो पैर रितिका का था लेकिन रितिका ने ऐसा क्यू किया,,,वो तो बड़ी सियानी लड़की थी,,कभी कोई
ऐसी वैसी हरकत नही की थी उसने,,,फिर आज ही क्यूँ,,,,शायद शराब के नशे की वजह से,,,हाँ यही
हो सकता है,,,,,

अभी मैं खुद से बातें करने लगा था ऑर मेरा लंड सिकुड कर छोटा हो गया था लेकिन मैने उसको
अभी तक पॅंट के अंदर नही किया था,,,,लंड तो पॅंट के अंदर नही गया लेकिन तभी कोई उस बाथरूम
मे घुस आया जिसमे मैं था,,,,सूसू के ज़ोर की वजह से मैने दरवाजा लॉक नही किया था ऑर जैसे ही
मैं वापिस पलटा देख कर दंग रह गया मेरे पीछे पायल भाभी खड़ी हुई थी,,उसने बाथरूम मे
घुसते ही दरवाजा लॉक कर दिया ऑर जल्दी से मेरी तरफ पलट गई,,,,,जगह कम थी हम दोनो को खड़े
होने मे दिक्कत हो रही थी तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धक्का दिया ऑर जगह बनाने के लिए मेरी
टाँगें टॉयलेट सीट की दोनो तरफ से फैल गई ओर मैं पीछे की दीवार से जाके टिक गया,,,,

मैने कुछ बोलने के लिए मुँह खोला तभी भाभी ने मेरा मुँह खुलते ही अपना हाथ मेरे मुँह पर
रख दिया ऑर खुद एक उंगली अपने लिप्स पर रखते हुए मुझे चुप रहने के इशारा करने लगी,,भाभी
ने वही हाथ रखा था मेरे मुँह पर जिसकी उंगली अपनी चूत मे घुसा रही थी वो,,,उंगली से आने
वाली चूत के नमकीन पानी की खुसबू मुझे एक ही पल मे मद-होश करने लगी ,,,वो खुसबू
मेरे नाक से होते हुए मेरे पूरे जिस्म मे पहुँच गई थी जिस से एक एक अंग मस्ती मे भरने लगा
था,,,,मेरी नाक ने उस उंगली को करीब से सूंघना शुरू कर दिया इस बात का पायल को भी पता
चल गया था इसलिए जल्दी से उसने अपने हाथ को अपने लिप्स पर से उठा कर मेरे लंड पर रख दिया जो
अभी सिकुड कर छोटा हो गया था ऑर ज़िप से बाहर था,,,लेकिन पायल की चूत की नमकीन खुश्बू जो
मुझे उसकी उंगली से मिल रही थी उस से उत्तेजित होके मेरा लंड ओकात मे आने लगा था ऑर बाकी का
काम पायल का हाथ करने लगा था जो मेरे लंड पर था,,उसने मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ लिया
ऑर हल्के से दबाने लगी,,,फिर अपने उस हाथ को जो मेरे मुँह पर था उसकी वही उंगली जो पायल ने
चूत मे ली थी वो उंगली मेरे मुँह मे घुसा दी ऑर चूत के नमकीन पानी का स्वाद मिलते ही मेरी
ज़ुबान ने उस उंगली को चाटना ऑर चूसना शुरू कर दिया,,,,पायल मेरी इस हरकत से खुश हो गई ऑर
जल्दी से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी,,,उसकी उंगली तो मेरे मुँह मे थी अब उसकी ज़ुबान भी मेरे
मुँह मे घुस गई थी,,,वो अपनी उंगली को ऑर ज़ुबान को एक साथ मेरे मुँह मे घुसा कर मेरी ज़ुबान
के साथ छेड़खानी कर रही थी उसका हाथ मेरे लंड पर बड़े प्यार से आगे पीछे होने लगा था लेकिन
'बीच बीच मे वो मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके दबा देती थी जिस से एक झटका सा लगता था मेरे
पूरे जिस्म मे,,तभी उसने अपनी उंगली को मेरे मुँह से निकाल लिया ओर मुझे प्यार से चूमने लगी ऑर
साथ साथ लंड पर हाथ की स्पीड भी तेज करने लगी ,,वो मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भरके बड़े मस्ती
भरे अंदाज़ से चूस रही थी ऑर मेरे लंड को हाथ से मसल्ति हुई मेरे लंड की टोपी पर अपने
नाख़ून से हल्के से ज़ोर डालके दबा रही थी मुझे हल्का दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा भी बहुत आ
रहा था,,,पेशाब करके लंड सो गया था लेकिन अब लंड फिर से एक मस्ती के साथ जाग गया था ऑर पूरी
ओकात मे आ गया था,,,,

मैं मस्ती मे तो आ गया था लेकिन इस एक दम हुए हमले से मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया था इसलिए
मैं उसको किस का रेस्पॉन्स तो देना शुरू कर दिया था थोड़ा थोड़ा लेकिन मेरे हाथ अभी तक नीचे
लटक रहे थे ,उसको ये अच्छा नही लग रहा था तभी उसने मुझे किस करते हुए अपने दोनो हाथों
से मेरे हाथ पकड़े ऑर टॉप के उपर से अपने बूब्स पर रख दिए ऑर मैने भी कोई देर किए बिना
उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,,उसने जल्दी से अपने हाथ उठा कर अपना टॉप निकाल दिया उसने
ये इतना जल्दी किया कि मुझे पता ही नही चला,,मैं तो उसके बूब्स देख कर ही दंग रह गया उसने
टॉप के नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी लेकिन फिर भी उसके बूब्स थोड़े से भी कमजोर नही पड़े थे
थोड़ा सा भी नीचे की तरफ नही झुके थे,,,एक दम टिक कर खड़े हुए थे अपनी जगह पर,,,मैने
बिना देर किए उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,मेरी तरफ से रेस्पॉन्स मिलने पर वो बहुत
खुश हो गई ऑर मुझे फिर से किस करने लगी ,,,,मैं उसके बूब्स मसल रहा था जबकि वो मेरे लंड
पर अपने दोनो हाथों से मूठ लगा रही थी,,,,तभी एक दम से उसको पता नही क्या हुआ वो एक दम
से पीछे हट गई ऑर मुझे हाथ से पकड़ कर पॉट सीट पर बिठा दिया ऑर खुद ज़मीन पर बैठ गई
ऑर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके उसपे थूक दिया ऑर हाथ से थूक को लंड पर मल दिया ऑर
फिर थोड़ी देर मेरे लंड पर थूक से मालिश करने लगी ऑर एक हाथ से मेरे सर को पकड़ कर अपनी
तरफ झुका लिया ऑर फिर से मुझे किस करने लगी,,लेकिन किस ज्याद देर नही चली उसने मेरे सर को
फिर से पीछे कर दिया ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया,,,मैं एक दम से मस्ती के झटके
खाने लगा था,,,उसने एक ही बार मे मेरा लंड पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया था ऑर मेरा लंड उसके
गले से टकराता हुआ उसके मुँह मे हलक से नीचे तक घुस गया था,,,,उसने मेरे लंड को फिर मुँह से
निकाला ऑर वापिस मुँह मे भर लिया,,,वो पूरे लंड को मुँह से निकाल रही थी ऑर फिर से लंड को पूरा
मुँह मे भर रही थी ,,जब 8-10 बार पूरा लंड उसके मुँह मे घुस गया तो उसने तेज़ी से अपने सिर को
मेरे लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया फिर बीच बीच मे अपने हाथों से ही अपने सर
को मेरे लंड पर दबा कर मेरे लंड को इतना ज़्यादा मुँह मे भरने की कोशिश करने लगती जैसे कि
मेरी बॉल्स को भी मुँह मे भरना चाहती थी वो,,,उसका लंड चूसने का अंदाज़ किसी रंडी से कम नही
था लेकिन फरक बस इतना था कि ये बड़े घर की रंडी थी जो शायद अपने पति से खुश नही थी या फिर
इसको शुरू से ही बाहर खाने की आदत थी,,,खैर मुझे क्या मुझे तो चूत से मतलब था,,,,


कुछ देर बाद वो उठी ऑर अपनी स्कर्ट उपर उठा कर अपनी पेंटी को उतारने लगी ,,,मेरी नज़र उसकी चूत
पर पड़ी जो एक दम गोरी थी ऑर जिसके लिप्स लाइट पिंक कलर के थे,,बहुत ही सॉफ थी उसकी चूत जिसमे
एक भी बाल नही था,,दिल तो किया कि उसकी चूत को मुँह मे भर लूँ ऑर शायद वो भी ऐसा ही चाहती थी
इसलिए वो अपनी एक टाँग उठाने लगी मैं समझा कि उसकी चूत मेरे मुँह की तरफ आ रही है लेकिन
पेंटी उतार कर अपनी टाँग उठा कर वो अपनी चूत को मेरे मुँह के पास नही लाई बल्कि मेरी टाँगों
पर बैठ गई ओर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर फिर दूसरे हाथ मे थोड़ा थूक लगा कर अपनी
चूत पर लगा लिया ऑर जल्दी से मेरे लंड पर बैठ गई,,,उसकी चूत दिखने मे तो सॉफ सुथरी थी
लेकिन इतनी ज़्यादा खुल चुकी थी कि मेरा लंड एक बार मे ही पूरा घुस गया था,,,इतनी खुली चूत तो
आज तक मुझे रेखा की मिली थी बस,,,यानी ये पायल रेखा से भी बड़ी चूड्डकड़ थी,,उसने मेरे लंड
पर बैठ कर एक दम से उपर नीचे उछलना शुरू कर दिया ,उसके हाथ मेरे शोल्डर पर थे ऑर
उसने शोल्डर का सहारा लेके खुद को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,उसकी चूत जितनी भी खुली थी
मेरा लंड भी कम नही था जो उसकी खुली चूत मे भी अच्छी तरह से रग्गड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर
हो रहा था इस बात का अंदाज़ा मुझे तब हुआ जब मस्ती के मारे उसकी सिसकियाँ निकालने लगी लेकिन बाहर
लोग थे इसलिए उसने जल्दी से मुझे किस करना शुरू कर दिया ताकि उसकी आवाज़ बाहर नही निकले ,,किस करते
हुए मैं ओर भी पागल हो गया मैने अपने हाथ उसकी कमर पर रखे ओर उसको गोद मे उठा कर अपने
लंड पर उपर नीचे करने लगा,,,उसका वजन ज़्यादा नही था इसलिए मुझे उसको उठाने मे कोई ज़्यादा
दिक्कत नही हुई वैसे भी मर्द चुदाई करते टाइम ज़्यादा ही जोश मे आ जाता है,,वो खुद भी मेरे
लंड पर तेज़ी से उछल रही थी ऑर पागलो की तरह मुझे किस कर रही थी अब तक मेरा पागलपन भी
शुरू हो गया था ,,,काफ़ी देर वो ऐसे ही लंड पर उछलती रही ऑर हम दोनो किस करते रहे फिर कुछ
देर बाद वो उठी ऑर खड़ी हो गई फिर मुझे भी पॉट सीट से उठकर खड़ा कर दिया ,,फिर मुझे एक
साइड करके वो मेरे बगल से गुजर कर पॉट सीट की तरफ बढ़ गई,,,टाय्लेट मे जगह बहुत कम थी हम
दोनो का टर्न करना मुश्किल था जब वो मेरे बगल से गुज़री तो उसके बूब्स मेरी छाती पर रग्गड़
खाने लगे थे,,,,,,,
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07-15-2019, 01:53 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वो जल्दी से पॉट सीट पर एक पैर रखके झुक गई ऑर मैने भी जल्दी से उसकी चूत मे पीछे से लंड
घुसा दिया ऑर एक ही पल मे तेज़ी से उसकी चूत मारने लगा ,,मेरे हाथ जल्दी से उसके बूब्स पर चले
गये थे जिनको मैने पूरे ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था ,उसकी हालत खराब होने लगी थी उसको
डर था उसकी आवाज़ निकलनी शुरू नही हो जाए इसलिए उसने अपने हाथ से अपने मुँह को बंद कर लिया
था ,,मैं उसके बूब्स को दबाता हुआ तेज़ी से उसकी चूत मार रहा था तभी उसने हाथ पीछे किया
ऑर मुझे रुकने को बोला लेकिन मैं नही रुका ओर तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा ,,,उसने फिर से मुझे
रुकने को बोला लेकिन मैं ऐसे ही तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा,,,उसने अपने हाथ से मेरे हाथ अपने
बूब्स से हटा दिए ऑर मैने अपने हाथ उसकी कमर पर रख दिए ऑर तेज़ी से उसकी चुदाई करता रहा
,,मैने उसकी कमर को ज़ोर से नही पकड़ा था बस हल्का से हाथ रख कर सहारा लिया था तभी फिर
से उसने मुझे रुकने को बोला लेकिन मैं नही रुका तो वो जल्दी से थोड़ा आगे खिसक गई जिस से मेरा
लंड उसकी छूट से निकल गया मैने जल्दी से उसको पकड़ने की कोशिश की तो वो जल्दी से पॉट सीट पर
बैठ गई ऑर एक तेज सीटी की आवाज़ एक साथ पेशाब करने लगी,,,मैं समझ गया कि ये झड गई थी ऑर चूत
के पानी के साथ इसका पेशाब भी निकल गया था,,,तभी उसने मेरी तरफ मूड के देखा ऑर मैं हँसने
लगा ,,मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया था ,,वो भी मेरी तरफ हंस कर देखने लगी ऑर पेशाब करके
वापिस खड़ी हो गई ,,,मैने भी अपने हाथ से लंड को चूत पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया ऑर
फिर से तेज़ी से उसकी चूत चोदने लगा,,,मेरे हाथ उसकी कमर पर थे ऑर वो खुद एक हाथ से दीवार
का सहारा लेके एक हाथ से अपने बूब्स मसल्ने लगी थी,,,,उसकी सिसकियाँ निकल रही थी लेकिन इतनी ज़ोर से
नही उसने खुद की आवाज़ को क़ाबू मे किया हुआ था,,लेकिन चूत पर लंड के झटके की मार से एक
हल्की पच पच की आवाज़ होने लगी थी उसको क़ाबू करना मुश्किल था,,लेकिन ना तो मुझे ओर ना ही
उसको इस आवाज़ से कोई फ़र्क पड़ रहा था,,ये आवाज़ तो हम दोनो को मस्त कर रही थी,,,,

मैं उसके झड़ने के बाद से करीब 10-15 मिनट से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था मुझे डर
था कहीं कोई आ नही जाए या करण ऑर रितिका शक नही करने लगे इसलिए मैं जल्दी झड़ना चाहता
था ऑर इसका एक ही तरीका था,,,पायल की गान्ड,,,,,मैने अपने लंड को उसकी चूत से निकाला ऑर तभी
वो पीछे मूड के मुझे देखने लगी मानो बोल रही हो कि लंड बाहर क्यूँ निकाला सन्नी लेकिन मैने
उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर लंड पर थूक लगा लिया ऑर लंड को उसकी गान्ड के होल पर रखा ऑर
तभी वो आगे बढ़ने की कोशिश करने लगी,,,,उसने मुझे देखा ऑर ऐसा करने से मना किया,,,लेकिन
मैं कहाँ रुकने वाला था मैने एक हाथ से उसके पैट से उसको पकड़ा ताकि वो आगे नही जा सके ऑर
एक हाथ से लंड को उसकी गान्ड के होल पर रखा ऑर ज़ोर से धक्का दिया तो लंड पहली बार मे ही
अंदर घुस गया ऑर उसकी तेज चीख निकलने लगी तभी उसने हाथ मुँह पर रखा ऑर अपनी आवाज़ को
दबा दिया ,,,मैने लंड को वापिस निकाला ऑर तेज़ी से झटका मार कर वापिस अंदर घुसा दिया ऐसे ही
8-10 झटके मारने के बाद मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया,,उसकी चूत के मुक़ाबले मे उसकी गान्ड
बहुत टाइट थी शायद वो गान्ड ज़्यादा नही मरवाती थी,,,,लेकिन मुझे तो गान्ड मार के ही ज़्यादा मज़ा
आता था इसलिए तो उसकी हालत मे मुझे कोई तरस नही आ रहा था लेकिन तभी वो अपना फेस पीछे करके
मेरी तरफ पलटी तो मैने देखा कि उसकी आँखों मे पानी था ऑर उसके मुँह मे उसकी पेंटी थी जो अभी
कुछ देर पहले निकाली थी उसने,,,,,उसको डर था कहीं उसकी आवाज़ बाहर नही जाए इसलिए उसने अपनी पेंटी
को अपने मुँह मे घुसा लिया था ,,उसकी आवाज़ तो बंद हो गई थी लेकिन दर्द के मारे उसकी आँखों से
पानी निकलने लगा था,,,लेकिन मेरे पर कोई ज़्यादा असर नही हुआ ये बात उसको भी पता चल गई जब
मैने उसकी तरफ हंस कर देखा ऑर अपनी स्पीड को ऐसे ही बरकरार रखा,,उसने अपने हाथ को पीछे किया
ऑर मुझे हटाने लगी तभी मैने उसके दोनो हाथों को पकड़ा ऑर उसको पॉट सीट पर झुका लिया उसके
दोनो हाथ मेरे हाथ मे थे जिनको मैने उसकी पीठ पर लगा कर अपने एक हाथ से पकड़ा हुआ था
ऑर दूसरे हाथ से उसके पैट से उसको पकड़ कर सहारा दिया हुआ था ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मार रहा था


,,मुझे पता था मुझे अगर जल्दी झड़ना है तो गान्ड मारकर ही झड सकता हूँ इसलिए मैने
तेज़ी से उसकी गान्ड मारनी जारी रखी ऑर कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन
अभी तक वो नही झड़ी थी इसलिए मैने उसके हाथ छोड़ दिए ऑर जल्दी से अपने हाथ को उसकी चूत पर
ले गया ऑर चूत मे उंगली करने लगा ऑर उसपे झुक कर उसकी गान्ड भी मारता रहा,,,चूत पर उंगली
की चुदाई से उसको कुछ राहत मिली ऑर उसके मुँह से दबी दबी आवाज़ निकलनी बंद हो गई ऑर तभी उसने
अपने मुँह से पेंटी निकाल दी ऑर मुझे पीछे मुदके देखने लगी अब उसके चेहरे पर दर्द ऑर तकलीफ़
नही बल्कि राहत झलक रही थी,,,उसने मुझे अपनी मस्ती भरी आवाज़ मे हल्की हल्की सिसकियाँ लेके बता
दिया कि अब वो ठीक है लेकिन तभी उसकी सिसकियाँ तेज हो गई लेकिन आवाज़ स्लो ही रही मैं समझ गया कि
उसका काम होने वाला है तो मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर उंगली की रफ़्तार भी उसकी चूत मे तेज
करदी कुछ पल बाद उसकी चूत से फिर से पानी बहना शुरू कर दिया इस बार भी पानी बहुत ज़्यादा
था शायद इस बार भी उसने पेशाब किया था,,,जब पानी निकल गया तो मैने उसकी गान्ड से लंड निकाल
लिया ओर वो भी जल्दी से पॉट सीट पर बैठ गई ऑर अपना मुँह खोल लिया,,मैने लंड को हाथ मे लेके
मूठ मारते हुए उसके मुँह के करीब कर दिया ऑर जैसे ही पानी निकलने लगा उसने आगे बढ़ कर लंड
को मुँह मे भर लिया ऑर जब तक पानी की लास्ट ड्रॉप नही निकली उसने लंड को मुँह से नही निकाला ऑर
जब लंड से पानी निकल चुका था तो उसने लंड को चूस ऑर चाट कर सॉफ कर दिया ऑर जल्दी से उठकर
अपने कपड़े पहन लिए फिर मुझे प्यार से एक किस की मेरे फॉरहेड पर,,,,ऑर बोली,,,,,

बहुत मज़ा आया तेरे साथ सन्नी लेकिन तू बहुत ज़ालिम है ,,,जान निकाल दी मेरी,,,,अब यही रुक मुझे
बाहर जाने दे तू कुछ देर बाद बाहर आना,,इतना बोलके उसने दरवाजा खोला ऑर बाहर निकल कर इधर
उधर देखा ऑर भाग कर वहाँ से चली गई,,,मैं यहीं बाथरूम मे खड़ा हुआ था मेरा लंड
ऐसे ही ज़िप से बाहर निकला हुआ था ऑर सिकुड चुका था,,,,मैं सोचने लगा कि मैने सच मे पायल
भाभी की चुदाई की है या मैं अभी पेशाब करके ही हटा हूँ,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था तभी ज़िप बंद करते हुए मेरी नज़र पड़ी ज़मीन पर पड़ी हुई पेंटी पर तो मैं खुश हो गया
कि ये मेरा वहाँ नही था मैने सच मे पायल की चुदाई की है अभी,,,मैं खुश होता हुआ वहाँ
से बाहर निकल गया ऑर पायल की पेंटी को जेब मे डाल लिया,,,,


जब मैं बाहर गया तो सब लोग उठकर खड़े हो गये उनके जाने का टाइम हो गया था शायद,,,मैं भी
उन लोगो के साथ डिस्को से बाहर आ गया,,रितिका अभी भी करण के साथ आगे चल रही थी ऑर मैं पायल के
साथ पीछे ,,,तभी मैने जेब से पायल की पेंटी निकाली ऑर उसके हाथ मे पकड़ा दी,,उसने शरमाते हुए
अपनी पेंटी पकड़ी ऑर अपने बॅग मे डाल ली,,,,,उसके बाद हम कार मे बैठ कर वापिस उस माल की
तरफ गये जहाँ मेरी बाइक थी,,,मैं कार से उतरा ऑर माल मे चला गया,,,सभी शॉप बंद हो गई
थी इसलिए शॉपिंग नही कर सकता था इसलिए पायल रितिका ऑर करण को मैने बाइ बोला वो लोग अपने
रास्ते चले गये ऑर मैं माल की पार्किंग से अपना बाइक लेके घर की तरफ चल पड़ा,,,,लेकिन कार से दूर
जाते हुए मैने देखा कि पायल मेरी तरफ बड़ी हंस कर देख रही थी जबकि रितिका ने मेरे से एक बार
भी नज़र नही मिलाई थी,,,उसने तो बाइ भी सर झुका कर बोला था,,,,,,,


मैं घर पहुँचा तो काफ़ी लेट हो गया था ,,,काफ़ी देर बेल बजाने के बाद माँ ने आके दरवाजा
खोला ,,,,माँ नाइटी मे थी ऑर नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था ,,बाल भी बिखरे हुए थे
मैं उनको देख कर समझ गया कि आज माँ डॅड के साथ मस्ती कर रही है,,क्यूकी ऑर तो कोई है नही
घर पे,,,,मेरा ध्यान माँ के बूब्स की तरफ गया तो माँ हँसने लगी,,,,,

इतना टाइम कहाँ लगा दिया,,,,ऑर शॉपिंग नही की तूने,,,,माँ ने मेरे खाली हाथ देख लिए ऑर समझ
गई कि मैं शॉपिंग करके नही आया था,,,,,

नही माँ कुछ ज़रूरी काम आन पड़ा था इसलिए शॉपिंग नही कर सका इतना बोलकर मैं अंदर की
तरफ आ गया,,,,,

डिन्नर लगा दूं या बाहर से ख़ाके आया है,,,,

मैने दिल ही दिल मे बोला कि बहुत लज़ीज़ पकवान ख़ाके आया हूँ वो भी एक दम बढ़िया स्टाइल मे
परोसा हुआ,,,,,

नही माँ आप जाके मस्ती करो मैं डिन्नर बाहर से करके आया हूँ,,,,,

मेरे मुँह से मस्ती लफ़्ज सुनके माँ मेरे पास आ गई,,,,तू भी चल ना ,,,जब माँ मेरे पास आके
बोल रही थी तब मैं ऑर माँ उनके बेडरूम मे दरवाजे के पास थे अंदर बेड पर डॅड नंगे
होके लेटे हुए थे,,,डॅड ने भी मुझे इशारा किया अंदर आने का लेकिन अब तो मैं बिल्कुल भी कुछ
करने का क़ाबिल नही था इसलिए माँ से बोला कि नही माँ मुझे नही आना आप लोग मस्ती करो इतना बोल
कर मैं उपर चला गया अपने रूम मे,,,,,

मैं बहुत थक गया था ओर जल्दी से शवर लेके बेड पर लेटना चाहता था इसलिए जल्दी से अपने रूम
का दरवाजा खोलने से पहले ही मैं अपनी टी-शर्ट निकाल चुका था ,,मैने टी-शर्ट को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर दूसरे हाथ से जल्दी से अपने रूम का दरवाजा खोला ऑर अंदर घुस गया तभी मेरी नज़र
पड़ी बेड पर सोनिया पर,,,,,वो अंदर रूम मे बेड पर बैठ कर स्टडी कर रही थी,,,,

मैं एक दम से अंदर घुसा था इसलिए वो थोड़ा डर गई थी ,,,मुझे नही पता था वो घर आ
चुकी है इसलिए मैं इतनी जल्दी मे अंदर आ गया था,,,अगर पता होता तो मैं नीचे के रूम मे
ही सोने चला जाता,,,,,

मेरी टी-शर्ट मेरे हाथ मे थी मेरा उपर का जिस्म नंगा था ,,उसने एक पल मुझे उपर से नीचे तक
देखा फिर अपनी बुक से अपना फेस कवर कर लिया ऑर फेस भी दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,,,मुझे भी
एक दम से झटका लगा मैने उसको जल्दी से सॉरी बोला ऑर रूम से बाहर आ गया ,,मैं वहाँ से जाने
लगा तभी याद आया कि कपड़े तो मेरे अंदर थे इसलिए टी-शर्ट पहना ऑर वापिस दरवाजा खोला ,,,
Reply
07-15-2019, 01:54 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसने मुझे देखा ऑर फिर से बुक को अपने फेस के आगे रखने लगी लेकिन जब उसने देखा कि मैं
टी-शर्ट पहन चुका हूँ तो उसने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर अपना ध्यान बुक की तरफ किया ऑर
नज़रे झुका कर स्टडी करने लगी,,,,

मैने वहाँ से कुछ कपड़े लिए ऑर नीचे मामा के रूम मे आके शवर लेके सो गया,,,आज जल्दी सोना
था लेकिन मैं लेट हो गया था,,सुबह जल्दी जो उठना था,,,कल से एग्ज़ॅम शुरू होने वाले थे,,,ऑर
कल पहला एग्ज़ॅम था,,,,मैं शवर लेके जल्दी से सो गया,,,,

नेक्स्ट डे कॉलेज से एग्ज़ॅम देके वापिस घर आया ऑर मामा के रूम मे बैठ कर अगले एग्ज़ॅम की तैयारी
करने लगा,,,तभी मुझे बाहर बेल बजने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन मैं बाहर नही गया क्यूकी बाहर
माँ थी वो दरवाजा खोल देती,,,,,

तभी कुछ देर बाद माँ जल्दी से मेरे रूम मे आई,,, ऑर ज़ोर से बोलने लगी,,,,

तूने कुछ ग़लत काम किया है क्या सन्नी,,,,,

मैं तो एक दम से डर गया क्यूकी माँ बड़ी घबराई हुई थी,,,उनको पसीना भी काफ़ी आया हुआ था,,

मैं उनकी बात सुनके एक दम से चौंक गया ऑर कुछ नही बोल पाया,,,,तभी वो फिर से बोली,,,तूने
कुछ ग़लत काम किया है क्या सन्नी,,,,,

नही माँ मैने कुछ ग़लत काम नही किया,,लेकिन आप ऐसे क्यूँ पूछ रही हो ऑर इतना घबरा क्यूँ
रही हो,,,

तूने कोई ग़लत कम नही किया तो बाहर पोलीस क्यूँ आई है ऑर तेरे बारे मे क्यू पूछ रही है,,

पोलीस????? हमारे घर मे,,,,

हाँ हमारे घर मे ऑर नही तो क्या पड़ोसी के घर मे,,,,बोल क्या किया है तूने,,,,

माँ मेरे से पूछ रही थी लेकिन मैं कुछ नही बोला ऑर रूम से बाहर निकल आया ,,जब सामने
देखा तो दरवाजे पर इनस्पेक्टर ख़ान थे,,,,मैं एक दम से हँसने लगा अपनी माँ की हालत पे,,

मैं आगे बढ़ कर ख़ान भाई के पास गया ऑर उनसे हाथ मिलाके गले लग गया,,,,,

सलाम ख़ान भाई,,,

वालेकुम सलाम, सन्नी,,,,कैसे हो सन्नी ,,,,

मैं तो ठीक हूँ लेकिन आप आज मेरे घर कैसे,,,,ख़ैरियत तो है ख़ान भाई

कुछ नही बस इधर से गुजर रहा था तो सोचा एक बार मिल लूँ तेरे से,,,क्यूँ मैं तेरे से मिलने
नही आ सकता क्या,,,

ऐसी बात नही है ख़ान भाई बस आपको देख कर माँ थोड़ा डर गई थी,,,,ऑर मुझपे पर शक करने
लगी थी,,,,

ख़ान भाई मेरी बात सुनके हँसने लगे,,,,,ये पोलीस की वर्दी चीज़ ही ऐसी है पहले सिर्फ़ गुंडे डरते
थे लेकिन आज कल आम आदमी भी डरने लगा है,,,पता नही क्या होगा,,,

कुछ नही होगा ख़ान भाई कुछ लोगो ने इसका ग़लत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है इसलिए आम आदमी
भी आज कल गुंडे से ज़्यादा पोलीस से डरता है,,,,आप छोड़ो इन बातों को ऑर अंदर आओ,,,,

मैने ख़ान भाई को अपने साथ मामा के रूम मे ले गया,,,,

आप ऐसे ही मुझसे मिलने नही आए होगे ख़ान भाई ज़रूर कुछ बात होगी,,,

तुमको ऐसा क्यूँ लगा सन्नी,,,,मैं तो तुमसे ऐसे ही मिलने चला आया,,,

नही ख़ान भाई मैं जानता हूँ आप ऐसे ही नही आए कुछ बात करने आए होगे पक्का,,,,पोलीस
किसी के पास ऐसे ही नही जाती,,,

सही बोला सन्नी,,,मैं बस तेरे से पूछने आया था कि अब आगे क्या करना है,,,प्लान क्या है आगे
का,,

प्लान बहुत सिंपल है ख़ान भाई,,,बस उसके लिए मुझे एक बार सुमित से मिलना होगा,,कहाँ है
सुमित,,,,

सुमित उन्ही लोगो के पास है सन्नी जो तेरे कॉलेज मे आए थे,,,,

क्या सुमित उन गुन्डो के पास है,,,,मैने हैरान होते हुए बोला ,,लेकिन अपने तो बोला था उसको
किसी सेफ जगह रखने के लिए,,,,

ख़ान भाई हँसने लगे,,,,सन्नी वो गुंडे नही थे,,पोलीस वाले थे,,,वो लोग स्पेशल ब्रांच के लोग
थे ऑर ऐसे लोग गुंडे से कम नही होते,,,वो मेरे दोस्त है ऑर मेरे साथ इसी केस पर काम कर
रहे है,,,

ओह्ह अच्छा ,,लेकिन उन लोगो ने तो बहुत बुरी तरह से मारा था सुरेश ओर उसके दोस्तों को,,

सन्नी ये स्पेशल ब्रांच के लोग बहुत बुरी मार मारते है,,,पत्थर भी मुँह खोलने लगता है इनके
सामने,,,,अच्छा वैसे तुमको अब सुमित से क्यूँ मिलना है,,,

मुझे कुछ काम है उस से ,,,उस से एक बार मिलना होगा तभी प्लान आगे बढ़ पाएगा,,,,

ठीक है तो चलो अभी मिलवा देता हूँ,,,लेकिन मैं तुमको वहाँ नही लेके जाउन्गा,,,अगर किसी
ने तुमको मेरे साथ देख लिया तो पंगा होगा,,,

पंगा कैसा पंगा,,अभी भी तो आप मेरे घर पे आए हो अगर अभी कोई आप को आते देख लेता तो
क्या होता,,,,

अभी तो मैं बोल सकता हूँ कि मैं तुमसे कॉलेज की फाइट के बारे मे पूछ ताछ करने आया हूँ
लेकिन वहाँ जाते अगर किसी ने देख लिया तो मैं कुछ नही कह पाउन्गा,,,,

तो मैं वहाँ कैसे जाउन्गा,,,,

तभी ख़ान भाई ने अपने सेल से किसी को फोन किया ओर मुझे साथ लेके अपनी ज़ीप मे शहर से
डोर की तरफ चल पड़े,,,,हम लोग शहर से काफ़ी डोर आ गये थे,,ये जगह काफ़ी सुनसान थी तभी
ख़ान भाई ने एक कार के पास ज़ीप को रोक दिया ओर उतार कर कार की तरफ चलने लगे साथ मे मुझे
भी अपने साथ ले गये,,,

ख़ान भाई ने कार का अगला दरवाजा खोला ऑर मैं कार की अगली सीट पर बैठ गया ,,उसमे एक सरदार आदमी
बैठा हुआ था,,बड़ी बड़ी मुन्छे ,,बड़ी दाढ़ी,,,हटा कट्टा था एक दम पहलवान के जैसा,,,ख़ान
भाई ने मुझे अगली सीट पर बिठा दिया ऑर खुद पीछे वाली सीट पर बैठ गये,,,,

कार मे ब्लॅक काँच लगा हुआ था जिस से मैं बाहर तो देख सकता था लेकिन बाहर वाला कोई भी आदमी
कार के अंदर नही देख सकता था,,,,,

इस लड़के को अपने साथ ले जाओ ऑर दूसरे लड़के से मिलवा दो,,,ख़ान भाई ने इतना बोला ही था कि उस आदमी
ने अपनी जेब से एक कपड़े की पट्टी निकाली ऑर मेरी आँखों पर बाँधने लगा,,,तभी ख़ान भाई ने उसको
रोक दिया,,,,इसकी कोई ज़रूरत नही है,,,इस लड़के पर तुम उतना ही यकीन कर सकते हो जितना मुझ पर

ख़ान भाई ने इतना बोला तो उस आदमी ने पट्टी को वापिस अपनी जेब मे डाल लिया ऑर तभी ख़ान भाई भी
कार से उतर गये ऑर अपनी ज़ीप की तरफ चल पड़े,,,उस आदमी ने भी कार अपने रास्ते चलानी शुरू करदी
ऑर पता नही किन रस्तो से होता हुआ कहीं दूर बसी एक झोपड़-पट्टी के पास आके कार रोक दी,,,

फिर वो कार से उतरने लगा ऑर मेरे से बोला,,,,

ए लड़के तेरे पास रुमाल है क्या,,,,मैं कुछ नही बोला बस हाँ मे सर हिला दिया,,,,

ठीक है रुमाल को अपने फेस पर बाँध ले,,मैने भी जल्दी से पॉकेट से रुमाल निकाला ऑर अपने फेस
पर बाँध लिया ऑर फिर वो आदमी कार से उतरा ऑर मुझे भी उतरने को बोला,,फिर वो मुझे झोपड़-पट्टी
के अंदर तंग गलियों मे पता नही किधर किधर से एक घर मे ले आया,,,उसने घर के दरवाजे पर
नॉक किया ऑर दरवाजे के बीच मे से एक छोटी सी खिड़की खुली ऑर अंदर से एक आदमी ने बाहर देखा
ऑर दरवाजा खोल दिया,,मैं भी घर के अंदर चला गया,,,,घर के अंदर 2-3 लोग ऑर थे,,तभी वो
सरदार आदमी जो मेरे साथ आया था उसने अपनी दाढ़ी निकालनी शुरू की ऑर कुछ देर मे अपने असली रूप
मे आ गया,,मैं तो उसको देख कर दंग रह गया ये तो वही आदमी था जो उस दिन कॉलेज मे आया था

उसने मेरी तरफ एक बार देखा ऑर मुझे एक कमरे की तरफ इशारा किया जिसको बाहर से बंद किया हुआ
था ,,,मैं उस दरवाजे के पास गया ऑर दरवाजा खोलके अंदर चला गया,,,तभी सामने बेड पर सुमित
लेटा हुआ था,,,,वो मुझे देख कर एक दम से खुश हो गया ऑर उठकर मेरे गले लग गया,,,,

भाई ये कहाँ फसा दिया अपने मुझे,,,ये लोग मुझे रूम से निकलने ही नही देते ,,,,

अच्छी बात है नही निकलने देते इसी मे तेरी भलाई है,,,,बाहर अमित तुझे पागल कुत्ते की तरह तलाश
कर रहा है,,,शूकर मना छुपने की कोई जगह मिल गई तुझे,,,,अमित का नाम सुनके वो थोड़ा
डर गया,,,,

लेकिन भाई ये लोग बाहर भी नही जाने देते रूम से,,बैठा बैठा बोर हो गया हूँ मैं,,

क्यूँ बोर क्यू हो गया सब तो है तेरे पास ,,मैं रूम मे पड़े टीवी की तरफ इशारा किया जिसके साथ
डीवीडी प्लेयर भी पड़ा हुआ था,,,साथ मे टेबल पर शराब की बॉटल ऑर सिगरेट भी पड़ी हुई थी,,,इतना
सब कुछ है फिर क्यूँ बोर होता है तू,,,

भाई ये टीवी की बात कर रहे हो इसमे कुछ नही आता,,सुबह शाम वही बकवास शो आते रहते है,,ये
तो शूकर हो मेरा समान मिल जाता है मुझे वर्ना रहना मुश्किल हो जाता ,,इसी के सहारे कुछ मस्ती
कर लेता हूँ मैं,,,,

मुझे पता था तुझे मस्ती करनी है इसलिए मैं भी तेरे लिए कुछ मस्ती का समान लेके आया हूँ
तभी मैने बॅग से एक प्लास्टिक का छोटा बॅग निकाला ऑर उसको दे दिया जिसमे कुछ डीवीडी थी,,,

ये क्या है भाई,,,,,,,,

वही मस्ती का समान,,,,

मतलब वो वाली मूवीस,,,,,सुमित खुश हो गया,,,,भाई सच मे तू कितना ख़याल रखता है मेरा,,पहले
उन कमिनो से बदला लेने मे इतनी हेल्प की अब मस्ती के लिए ये सब ले आया तू,,,,इतना बोलकर वो मेरे
गले लग गया,,,,

ये ले इसको देख ऑर मस्ती कर,,ऑर हां याद रखना इस्पे कोई निशान नही पड़ने पाए ये मेरी फ़ेवरेट
मूवीस है,,,ध्यान से रखना इनको,,,मैने वो डीवीडी उसको दी ऑर उसको बोला कि मैं कुछ दिनो बाद
फिर आउन्गा ,,जब तक माहौल ठंडा नही हो जाता मैने उसको वहीं रुकने को बोला,,,फिर मैं वहाँ
से चल पड़ा ऑर वही आदमी सरदार के रूप मे मुझे वापिस मेरे घर तक छोड़ने आया लेकिन उसने
मुझे मेरे घर से काफ़ी पीछे ही कार से उतार दिया था,,,


आज मैं अपने प्लान के एक कदम ऑर करीब चला गया था,,
Reply
07-15-2019, 01:54 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी,,,उन लोगो ने सुमित को शहर से बहुत दूर रखा हुआ था इसलिए
घर आने मे इतना टाइम हो गया,,,,मैं घर आया तो डिन्नर लग गया था ,,मैं भी आके डाइनिंग टेबल पर
बैठ गया,,


डॅड,,,वो पोलीस वाला क्या करने आया था आज घर मे ,,,

डॅड ने इतना बोला ही था कि मैने मा की तरफ देखा तो माँ ने अपना सर झुका लिया,,,

कुछ नही डॅड वो मेरे दोस्त थे ,,,

तेरे दोस्त,,,,पोलीस वालों से कब्से दोस्ती करने लगा तू,,,,

दरअसल वो मेरे नही कविता के भाई सूरज के दोस्त थे मैं उनको उन्ही के ऑफीस मे मिला था,,,बस
इधर से गुजर रहे थे तो मिलने आ गये,,,,,

अच्छा तो फिर तू उनके साथ कहाँ गया था जो इतनी लेट घर आया,,,,

वो तो मुझे थोड़ा काम था इसलिए करण के घर जाना था तो ख़ान भाई ने बोला कि वो मुझे छोड़
देंगे करण के घर इसलिए मैं उनके साथ चला गया,,ऑर अभी करण मुझे ड्रॉप करके गया है,,,,
यकीन नही तो फोन करके पूछ 'लो....

तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,हाँ हाँ डॅड फोन करके पूछ लो करण से मुझे तो लगता है ये झूठ
बोल रहा है पक्का कोई ग़लत काम किया होगा इसने तभी तो पोलीस घर आई थी आज,,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो समझ गया कि ये बात वो मज़ाक मे बोल रही थी,,लेकिन मेरे देखते ही वो चुप चाप खाना
खाने लगी,,,,,

तू अपनी बोलती बंद ही रख समझी,,,,मैं कोई ग़लत काम नही करता,,ऑर मेरे मामले मे बोलने की कोई
ज़रूरत नही तुझे,,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे मामले मे टाँग लड़ाने का मैं तो इसलिए बोल रही थी कि आज तक इस घर
मे कभी पोलीस नही आई ऑर आज तेरी वजह से आई,,,

तो इसका मतलब मैने कुछ ग़लत किया क्या,,,

हाँ किया होगा मुझे क्या पता तू है ही ग़लत इंसान ,,,,मैं ऑर सोनिया फाइट करने लगे तभी डॅड
बीच मे बोल पड़े ऑर वो भी गुस्से से,,,

लगता है तुम दोनो की फाइट अभी तक ख़तम नही हुई,,,जब देखो बच्चों की तरह लड़ते रहते हो
कुछ तो शरम करो कितने बड़े हो गये हो अब,,,,डॅड इतना गुस्से से बोले कि मैं ओर सोनिया दोनो
डर गये,,,,माँ भी थोड़ा सहम गई,,,,

तभी मैने डॅड का गुस्सा कम करने के लिए बोला,,,,डॅड हम लोग लड़ थोड़ी रहे थे हम लोग तो
मज़ाक कर रहे थे जैसे अक्सर करते है,,,,मेरी बात सुनके सोनिया ने भी मेरी बात मे अपनी बात
मिला दी,,,हाँ डॅड हम दोनो तो मज़ाक कर रहे थे,,,,,

अच्छा ये मज़ाक था,,,तुम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही क्या,,,,,डॅड ने ये बात भी गुस्से मे बोली

हम दोनो एक साथ बोल पड़े,,नही डॅड हम दोनो मे कोई फाइट नही चल रही ,,सब नॉर्मल है हम
तो मज़ाक करते है फाइट करने का,,,,

अच्छा अगर फाइट नही चल रही तो तुम दोनो आज अपने रूम मे सोना,,,जैसे पहले सोते थे,,,डॅड
ने इतना सब ऐसे बोला जैसे अपना हुकम सुना रहे हो,,,,

सोनिया मेरी तरफ देख कर डर गई लेकिन मैं उस से भी ज़्यादा डर गया,,,उस से तो खाना खाया जा
रहा था लेकिन मेरे से तो एक नीवाला भी अंदर नही निगला जा रहा था,,,

खैर ऐसे तैसे डिन्नर ख़तम हुआ ,,,मोम डॅड अपने रूम मे जाने लगे जबकि मैं ऑर सोनिया उपर की
तरफ,,,,,,,,,,तभी हम दोनो को पीछे से आवाज़ आई,,,,,तुम चलो मैं अभी आता हूँ तुम दोनो के
रूम मे कॉफी देने के लिए,,,साथ मे बैठ कर स्टडी जो करनी है तुम दोनो ने,,

ओके तो ये डॅड का प्लान था ताकि मेरी ऑर सोनिया की फाइट ख़तम हो जाए ऑर सोनिया मुझे स्टडी मे हेल्प
करे जैसे वो हर बार करती थी एग्ज़ॅम के दिनो मे,,,,

मैं ऑर सोनिया उपर गये सोनिया अपने बेड पर बैठ गई ऑर मैं अपने बेड पर,,तभी कुछ देर बाद
डॅड आए ऑर हम लोगो के लिए कॉफी लेके आए,,,,ये लो कॉफी पियो ऑर अच्छे से स्टडी करो दोनो भाई
बेहन मिलकर,,,,एक दूसरे की हेल्प करो स्टडी मे ऑर फाइट बिल्कुल नही करना,,,,,,,डॅड के सामने तो
मैं ऑर सोनिया ऐसे नाटक कर रहे थे जैसे हम कितने शरीफ है ऑर चुप चाप बैठे रहे लेकिन
डॅड के जाते ही सोनिया मुझे गुस्से से देखने लगी,,,,

ऐसी मत घूर मुझे,,,,,मुझे कोई शॉंक नही इस रूम मे सोने का,,,वो भी तेरे जैसे पागल के साथ
इतना बोलकर मैने अपना बॅग उठया ऑर साथ मे कॉफी का कप ऑर रूम से बाहर निकल कर साथ वाले
शोबा के रूम मे चला गया,,नीचे मामा के रूम मे जाता तो डॅड को पता चल जाता इसलिए शोबा
के रूम मे आके स्टडी करने लगा,,,,,फिर स्टडी करते हुए कब नींद आ गई पता ही नही चला,,,,

अगले दिन कॉलेज से छुट्टी थी इसलिए डॅड की कार लेके करण को साथ लेके शॉपिंग करने चला गया,,करण
को फोन करके मैने अपने घर पे बुला लिया था क्यूकी अगर खुद उसके घर जाता तो अलका ऑर शिखा
ने मुझे बिना चुदाई के जाने नही देना था,,,,,

शॉपिंग करके जब मैं ऑर करण वापिस घर आने क लिए कार मे बैठने लगे तभी मेरे शोल्डर पर
किस ने हाथ रखा ,,,मैने पीछे मूड के देखा तो एक आदमी ब्लॅक कलर की यूनिफॉर्म मे हाथ मे
एके47 लेके खड़ा हुआ था,,,,,

सुनिए सर,,,आपका नामा सन्नी है,,,,,वो बड़ी तमीज़ ऑर प्यार से बोला,,,,

जी मेरा नाम सन्नी है ,,,मैने भी बड़े प्यार से उसकी बात का जवाब दिया,,,बोलो क्या काम है

आपको हमारे सर बुला रहे है,,,,उसने इतना बोला ऑर मुझे एक कार की तरफ इशारा किया,,मैने देखा
कि वो लाल बत्ती वाली कार थी,,,,मैं उसके साथ चलके कार के पास चला गया,,,,

जैसे ही मैं कार के पास पहुँचा तो कार का शिक्षा नीचे होने लगा,,ऑर अंदर बैठा हुआ था
सुरेश का बाप ऑर साथ मे थी रितिका,,,,,

रितिका ने मुझे देखा ऑर नज़रे झुका ली,,,,

हेलो सर,,,,,मैने सुरेश के बाप को हेलो बोला ,,,,

हेलो बेटा,,हाउ आर यू,,,,

उसका बाप बोल तो बड़े प्यार से रहा था लेकिन फिर भी मुझे उसके बात करने का अंदाज़ ठीक नही
लग रहा था,,,,

आइएम फाइन सर,,हाउ आर यू,,,

मैं भी ठीक हूँ बेटा,,,,

तभी रितिका ने ने मुझे ही बोला तो मैने भी उसको हाई बोला,,,,उसके बाद उसने कोई बात नही की,,,हाई
भी उसने अपने बाप की वजह से बोला था शायद,,,,

अपने मुझे बुलाया क्यूँ था सर,,कोई काम था क्या,,,

हाँ सन्नी बेटा,,,मुझे तुमसे सुरेश के बारे मे बात करनी थी,,,,उस दिन जो फाइट हुई तुम लोगो के
कॉलेज मे उसके बारे मे कुछ जान-ना था तुमसे,,,,ऑर ख़ासकर सुमित के बारे मे,,,,सुमित का नाम
उसने थोड़े गुस्से से लिया था,,,

जी क्या पूछना है ,,,,,पूछ लीजिए,,,,

यहाँ नही घर चलो फिर बात करते है,,,उसने मुझे कार के अंदर आने का इशारा किया,,,ऑर उसने
इशारा ऐसे किया जैसे मुझे ऑर्डर दे रहा था,,,

नही सर अभी नही,,,अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूँ ,,मुझे शॉपिंग करनी है,,,,ऑर वहाँ मेरा दोस्त मेरा
वेट कर रहा है,,,,जब फ्री होता हूँ तो बात करता हूँ ,,

उसका बाप थोड़ा चिड़ते हुए,,,,,कोई बात नही बेटा करो शॉपिंग,,,बात फिर कभी कर लेंगे,,मैं
तुमको कॉल कर दूँगा घर चले आना,,,,अभी मुझे भी थोड़ा काम है,,,

ओके सर तो मैं चलता हूँ,,,फिर बात होगी,,,,इतना बोलकर मैने उनसे अलविदा ली ऑर करण की तरफ
चल पड़ा,,
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07-15-2019, 01:54 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर मैं ऑर करण घर की तरफ चल पड़े,,,,रास्ते मे ही बारिश शुरू हो गई थी,,

करण भाई ये क्या कर रहा था यहाँ,,,,क्या कोई प्रोबलम है,,,,

अरे नही भाई इसको वही कॉलेज के पंगे के बारे मे जानकारी चाहिए थी,,,,मुझसे बोल रहा था
सुमित के बारे मे भी कुछ पूछना है,,,,,

मेरी बात सुनके करण हँसने लगा,,,,भाई ये सब तो ठीक है लेकिन अगर घर बुला कर इन लोगो ने कोई
पंगा किया तो,,,तुम मुझे भी साथ लेके चलना,,,,

अबे नही कोई पंगा नही होगा मैं जानता हूँ, ऑर वैसे अकेले गया तो शायद पंगा नही होगा लेकिन
अगर तुझे साथ लेके गया तो पंगा पक्का होगा,,,,देखा नही उसका बाप तुझे कितने गुस्से से घूर
राह था,,,,शायद उसको तेरे ऑर रितिका के बारे मे पता लग गया होगा,,,,

पता लगता है तो लगने दो,,मैं कोई डरता हूँ उस से,,,ऑर वैसे भी मुझे डर तब होगा जब रितिका
मेरे साथ नही होगी,,,,अब तो वो मेरे साथ है मुझे किसी का डर नही,,,,

क्या मतलब,,,,,

मतलब ये भाई कि मैं ऑर रितिका शादी करना चाहते है,,,,

अरे बाप रे,,ये क्या बोल रहा है तू,,,,क्या सच मे तू रितिका से शादी करेगा,,,,

मैं ही नही भाई वो भी मुझसे शादी करने को तैयार है,,,बस डर लगता है उसको अपने बाप से बात
करने मे,,,ऑर मेरी तो गान्ड फॅट जाती है उसके बाप का नाम सुनते ही,,,

चल कोई बात नही जब होनी होगी शादी हो जाएगी,,,,अभी तू कॉलेज मे है स्टडी पर ध्यान दे,,बाकी
टाइम पर छोड़ दे सब,,,,वैसे अगर तुम दोनो तैयार हो तो कोई नही रोक सकता तुम दोनो को शादी
करने से,,,,,

जनता हूँ भाई लेकिन उसका बाप बहुत पॉवेरफ़ुल्ल इंसान है,,,,उसके आगे मेरा क्या ज़ोर,,,

रितिका अगर तेरे साथ है तो डर मत,,,,जो भी होगा ठीक ही होगा,,,ज़्यादा टेन्षन मत ले,,,

ऐसे ही बातें करते हुए मैने करण को उसके घर ड्रॉप कर दिया,,,उसका बाइक तो मेरे घर पर था
लेकिन बारिश की वजह से उसका मूड बहुत मस्त हो गया था,,,वो घर जाके माँ ऑर बेहन के साथ
मस्ती करना चाहता था,,,,

मैने उसको उसके घर ड्रॉप किया ऑर खुद जल्दी से अपने घर की तरफ चल पड़ा क्यूकी मुझे भी घर जाके बारिश
मे एंजाय करना था,,,,

मैं घर पहुँचा ऑर जल्दी से कार से निकल कर घर के अंदर गया,,,बेल बजाने पर माँ ने दरवाजा
खोला तो मैं जल्दी से भाग कर उपर छत की तरफ जाने लगा,,,,माँ भी समझ गई कि मैं बारिश मे
भीगने के लिए छत पर जा रहा हूँ इसलिए माँ ने भी मुझे नही रोका,,,क्यूकी मैं रुकने वाला
भी नही था,,,मैने सीडियों मे भागते हुए ही अपने जूते निकाल दिए थे ऑर नंगे पैर जल्दी से
छत पर पहुँच गया लेकिन छत पर जाते ही मुझे एक झटका लगा,,छत पर जो दरवाजा था उसपे लॉक
लगा हुआ था,,,,मैं जल्दी से हल्के गुस्से से नीचे या,,,

माँ सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी,,,,,माँ ये उपर छत वाले दरवाजे को लॉक क्यूँ किया है,,,,

बेटा बारिश की वजह से,,,सोनिया भी बारिश मे भीगने की ज़िद कर रही थी,,अभी तो बीमार हुई थी
कुछ दिन पहले अब फिर से बीमार नही हो जाए इसलिए उसको रोकने के लिए मैने छत पर लॉक लगा
दिया था,,,,

अच्छा उसको रोक लो तुम लेकिन मुझे चाबी दो मुझे उपर जाना है,,,,

नही तुझे भी चाबी नही मिलने वाली,,,तुझे जाने दूँगी तो वो मेरे से झगड़ा करेगी,,,,

ठीक है मत दो चाबी मैं बाहर चला जाता हूँ,,,मैं घर के मेन दरवाजे के पास गया ऑर देखा कि
दरवाजा भी लॉक था,,,,

माँ पीछे से हँसने लगी,,,,,यहाँ भी लॉक लगा हुआ है बेटा,,,,सोनिया बाहर नही आ जाए इसलिए लॉक लगा
दिया था यहाँ भी,,,


माँ चालक थी लेकिन मैं माँ से भी चालाक था,,,मैं जल्दी से घर के पीछे वाले दरवाजे पर
चला गया जो पीछे की तरफ गार्डन मे खुलता था,,,,माँ समझ गई मैं पीछे वाले दरवाजे की तरफ
जा रहा हूँ तभी माँ भाग कर आगे आई मुझे रोकने के लिए लेकिन तब तक मैं दरवाजे से बाहर
चला गया ऑर बाहर जाके दरवाजे की कुण्डी लगा दी,,,

फिर गार्डन की घास पर नंगे पैर बारिश का लुफ्त उठाने लगा,,,,बारिश बहुत तेज हो गई थी,,उसकी
बूँदें बहुत तेज चोट कर रही थी बदन पर लेकिन फिर भी बारिश मे भीगने के बहुत मज़ा आ
रहा था मुझे,,,,मैने जल्दी से अपनी टी-शर्ट भी निकाल दी ऑर बारिश को फुल एंजाय करने लगा,,तभी
मेरा ध्यान गया उपर की तरफ,,उपर खिड़की पर सोनिया खड़ी हुई थी,,वो शोबा के रूम मे थी जिसकी
विंडो पीछे के गर्दन की तरफ थी,,,,,वो बारिश मे भीग तो नही सकती थी लेकिन बारिश को देख
कर ही एंजाय कर रही थी,,,वो बड़ी मायूस उदास ऑर गुम सूम खड़ी हुई थी,,,मुझसे उसकी हालत
देखी नही जा रही थी,,,,क्यूकी वो बारिश मे एंजाय करती हुई अच्छी लगती थी,,,ऐसे उदास खड़ी हुई नही,,,

उसका ध्यान मेरी तरफ था वो मुझे एक टक देखती जा रही थी,,मेरा उपर का जिस्म नंगा था,,मैं सिर्फ़
जीन्स मे था,,मैं भी एक टक उसकी तरफ देखने लगा,,,,आज उसकी आँखों मे मुझे गुस्सा नही दिख
रहा था,,,लेकिन अपने लिए प्यार भी नही दिख रहा था,,वो मुझे बड़ी अजीब नज़रो से देख रही थी
लेकिन चेहरे पर एक उदासी थी उसके,,,उसको देख मैं भी उदास हो गया,,फिर सोचने लगा कि अगर हम
दोनो मे हालात पहले जैसे होते तो मैं अभी उसको लेके बाहर गर्दन मे चला आता,,,मुझे माँ
की डाँट की कोई परवाह नही होती ऑर हम दोनो खूब मस्ती करते बारिश मे ,,जैसे पहले करते थे
लेकिन आज वो पहले वाली बात नही थी हम दोनो मे,,,क्या सेक्स ऑर वासना ने मुझे इतना बदल दिया था
कि मैं अपनी ही बेहन से खुल कर मौज मस्ती नही कर सकता था,,,,क्या सिर्फ़ सेक्स ही रह गया था मेरी
लाइफ मे,,,क्या फिर कभी मैं उसके साथ हँस खेल सकूँगा या नही,,,क्या सब कुछ पहले जैसा होगा या
नही,,,,इन्ही सवालो मे मैं इतना गुम हो गया कि बारिश की मस्ती को भूल ही गया,,,ऑर बस एक टक से
उसकी तरफ देखता रहा,,,,लेकिन तभी मुझे एक आइडिया आया सोनिया को गुस्सा दिलवाने का,,,वो मेरी किसी
हरकत से मुस्कुरा तो नही सकती लेकिन कम से कम गुस्सा तो हो ही सकती थी,,उदास होने से उसका गुस्से
मे होना ठीक था मेरे लिए,,,,इसलिए मैं जल्दी से गार्डन की घास पर लेट गया ऑर बच्चों की तरह
बारिश मे खेलने लगा,,जहाँ जहाँ भी बारिश का पानी जमा हुआ था वहाँ मैं अपने हाथों से
ज़ोर से ज़मीन पर मार करने लगा जिस से पानी उपर उछलने लगा,,मैं उसको दिखा रहा था कि मैं
फुल मस्ती कर रहा हूँ ऑर वो उदास होके खड़ी है खिड़की के पास,,,मेरा ये प्लान काम कर गया ऑर
जल्दी ही उसके चेहरे पर गुस्सा झलकने लगा क्यूकी वो भी समझ गई थी कि मैं उसको चिड़ा रहा हूँ
ऑर वो चिडने भी लगी थी,,,,,वो ज़्यादा देर नही रुकी वहाँ पर ऑर वहाँ से चली गई,,गुस्से मे मुझे
घूरती हुई,,,,,,उसके वहाँ से जाने के बाद मैं फिर से अपनी मस्ती करने लगा,,,लेकिन मैं भी ज़्यादा
देर तक मस्ती नही कर सका क्यूकी बारिश जल्दी ही रुक गई थी,,,शायद मैने सोनिया को रुसवा किया था ये
बात बारिश को अच्छी नही लगी इसलिए वो भी मेरे से रुसवा हो गई थी,,,,
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07-15-2019, 01:54 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर उस दिन भी कुछ ख़ास नही हुआ,,,मैं डिन्नर के बाद पहले कुछ देर सोनिया के रूम मे रहा
ओर फिर जब माँ ऑर डॅड सो गये तो मैं शोबा के रूम मे जाके सो गया,,मैं जितना टाइम रहा सोनिया
के रूम मे जान भूज कर बारिश वाले सॉंग प्ले करता रहा लॅपटॉप पर ताकि उसको मेरे पर गुस्सा
आता रहे,,,,


अगले दिन भी कॉलेज से छुट्टी थी,,,कुछ खास नही था करने को,,,दाद ऑफीस चले गये थे,,मा
घर पर थी ओर सोनिया भी,,,तभी मा मेरे पास आ गई,,,,,

तूने कहीं जाना तो नही सन्नी बेटा,,माँ ने अंदर आते ही पूछा,,,,

नही माँ मुझे कहीं नही जाना,,,,क्यू माँ कोई काम था क्या,,,

हाँ बेटा काम था एक,,,,

क्या काम था माँ बोलो कर देता हूँ,,,,

बेटा तुझे तो पता है मुझे क्या काम होता है तेरे से लेकिन सोनिया घर पर है तो कुछ नही कर
सकते हम,,,

सोनिया की बात नही माँ वैसे भी मुझ स्टडी करनी है,,,,आज कुछ नही करने को दिल करता,,

जानती थी तू यही बोलेगा इसलिए मैं अलका के घर जा रही हूँ उन लोगो के साथ मस्ती करने,,,तुझे तो
सिर्फ़ बताने आई थी मैं,,,,

अलका का नाम सुनते ही लंड उछालने लगा था मेरा लेकिन मुझे स्टडी करनी थी ,,,कल एग्ज़ॅम जो था,,

फिर माँ वहाँ से चली गई ऑर जाते हुए मुझे नीचे बैठने को बोल गई क्यूकी घर पे कोई नही
था ,,,सोनिया अपने रूम मे थी ऑर स्टडी कर रही थी,,,,मैं नीचे जाके सोफे पर बैठ गया ऑर स्टडी
करने लगा,,लेकिन स्टडी मे कहाँ दिल लगना था मेरा जल्दी ही बोर हो गया ऑर लॅपटॉप पर गेम खेलने
लगा,,,,फिर सोचा कि माँ के साथ ही चला जाता तो मस्ती कर लेता ,,,घर पर बोर तो नही होना पड़ता


तभी कुछ देर बाद बाहर बेल बजी,,मैं ग़मे मे बिज़ी था लेकिन बेल की आवाज़ सुनते ही जल्दी से उठकर
दरवाजा खोलने चला गया लेकिन तभी मेरे पीछे से चलती हुई सोनिया तेज़ी से मेरे से आगे निकल कर
दरवाजे के पास पहुँच गई,,,,

उसने दरवाजा खोला तो सामने कविता थी,,,,इस से पहले कविता अंदर आती या मुझे मिलती या मैं उसको
मिलता सोनिया ने कविता का हाथ पकड़ा ऑर बाहर की तरफ ले गई,,,ऑर फिर दोनो घर के गेट की तरफ चली
गई,,मैं भी दरवाजा बंद करने के लिए बाहर निकला ऑर जाते जाते कविता को आवाज़ लगा दी,,,,,


कहाँ जा रही हो तुम,,,,मैने कविता से पूछा था

तभी सोनिया पीछे मूडी ओर गुस्से से बोली,,,,,,तुझे क्या लेना देना मैं जहाँ भी जाउ,,,

तेरे से नही पूछा मैने तो कविता से पूछा है,,,इतना सुनके वो ओर भी ज़्यादा गुस्से से मुझे देखने
लगी लेकिन कविता मेरे इस मज़ाक से खुश हो गई लेकिन जैसे ही सोनिया ने कविता की तरफ देखा तो कविता
चुप हो गई,,,

सन्नी हमारी एक क्लासमेट का बर्तडे है उसी के लिए गिफ्ट लेने जा रहे है हम लोग,,,ऑर अपने लिए भी
कुछ शॉपिंग करनी है,,,,

कविता अभी मेरे से बात कर ही रही थी कि सोनिया चिड़ते हुए बोली,,,,,,अब चल ना जल्दी से यहाँ बेकार
मे टाइम क्यू बर्बाद कर रही है,,,,,

सोनिया ने इतना बोला कि कविता अक्तिवा पर बैठ गई ऑर आक्टिव स्टार्ट करली ऑर सोनिया पीछे बैठ गई,,,कविता
ने एक बार हंस कर मुझे बाइ बोला ऑर तभी सोनिया ने फिर से उसकी पीठ पर हाथ मारा ऑर उसको चलने
के लिए बोलने लगी,,,कविता ने हंस कर मुझे देखा ऑर वहाँ से चलने लगी,,,

उनके जाने के बाद मैने गेट बंद किया ऑर घर के अंदर जाने लगा तभी मेरा ध्यान उपर आसमान
की तरफ गया,,बहुत बदल हो गये थे,,शायद बारिश होने वाली थी इसलिए मैं जल्दी से अंदर गया ऑर
अपना लॅपटॉप लेके घर के फ्रंट गार्डन मे बैठ गया,,,सोचा जब तक बारिश नही होती तब तक मौसम
का मज़ा लेते है ओर जब बारिश होगी तो लॅपटॉप को अंदर रखके बारिश का मज़ा लेंगे,,,,

लेकिन बारिश नही हुई,,बट मौसम बहुत अवेसम रहा ,,,,मैं 2-3 अवर्स तक बाहर गार्डन मे रहा
ऑर लॅपटॉप पर टाइम पास करता रहा,,,तभी कुछ देर बाद गेट खुला फिर सोनिया ऑर कविता अंदर आ
गई,,,उन दोनो के हाथ मे कुछ गिफ्ट पॅक पकड़े हुए थे ऑर साथ मे काफ़ी समान था,,,लगता है खूब
शॉपिंग करके आई थी दोनो,,,कविता मेरे पास आने लगी थी समान लेके लेकिन सोनिया उसको अपने साथ अंदर
ले गई,,,

मैं वापिस अपने लॅपटॉप पर बिज़ी हो गया,,तभी कुछ देर बाद ज़ोर से बादल गरजने की आवाज़ हुई ऑर
मेरा ध्यान उपर आसमान की तरफ गया लेकिन वहाँ तो 2-2 बिजलियाँ बैठी हुई थी,,,,सोनिया ऑर कविता दोनो
उपर वाले ड्रॉयिंग रूम मे बैठी हुई थी जिसकी खिड़की सामने वाले गार्डन की तरफ थी,,,वो दोनो
शायद कॉफी पी रही थी ऑर बातें कर रही थी साथ साथ मौसम का लुफ्त उठा रही थी,,,लेकिीन मैने
गौर किया कि कविता का ध्यान मेरी तरफ ही था जो बड़ी क़ातिल मुस्कान लिए मेरी तरफ देख रही थी वैसे
देख तो सोनिया भी रही थी लेकिन गुस्से से,,,,,फिर कॉफी ख़तम होने के बाद दोनो उठी ऑर वहाँ से
चली गई,,फिर कुछ देर बाद घर का मेन दरवाजा खुला ऑर कविता बाहर आ गई,,लेकिन सोनिया नही आई


कविता के हाथ मे कुछ समान पकड़ा हुआ था वो गेट की तरफ जा रही थी,,,,ओके बाइ सन्नी,,

अरे ऐसे कैसे बाइ,,,बाइ ऐसे बोलते है क्या,,,,

वो हँसने लगी,,,ऐसे नही तो कैसे बोलते है,,,,

भूल गई इतनी जल्दी,,,अभी कुछ दिन पहले तो बताया था तुझे कि बाइ कैसे बोलते है,,,लगता है फिर
से बताने परेगा,,,,,

वो मेरी बात समझ गई थी ऑर हँसने लगी,,,,,नही मुझे नही सीखनी तेरी वो बेहूदा बाइ श्यीई,,वो
हँसती हुई उपर खिड़की की तरफ देख रही थी,,,,लेकिन सोनिया खिड़की पर नही थी,,,इसलिए वो खुलकर
हँसने लगी थी,,,,,

अच्छा मत सीख लेकिन ये समान तो दिखा मुझे,,,मुझे भी तो पता चले तूने क्या शॉपिंग की है आज,,

वो बड़ी मस्ती से ऑर खुश होते हुए मेरे पास आ गई,,,जैसे नॉर्मल लड़कियाँ अक्सर करती है,,,उनको
अपना शॉपिंग का समान दिखाने मे बड़ा मज़ा आता है,,,फिर चाहे शॉपिंग से कुछ भी अजीब सा
समान क्यूँ ना लेके आई हो,,,,

कविता भी हँसते हुए मेरे पास आ गई ऑर मुझे समान दिखाने के लिए घास पर मेरे पास ही बैठ गई
लेकिन बैठते टाइम उसका ध्यान फिर से उपर गया तो खिड़की मे सोनिया बैठी हुई थी,,,वो पहले तो थोड़ा
डर गई क्यूकी अगर ये मेरे से बात करती तो पक्का था सोनिया इसको गुस्सा होती,,लेकिन शॉपिंग का समान
दिखाने की खुशी मे उसने सोनिया को इग्नोर कर दिया ये बात सोनिया भी समझ गई ऑर जैसे ही कविता ने
समान दिखाना शुरू किया सोनिया गुस्से से वहाँ से चली गई,,,,मैं कविता की इस हरकत से खुश हो
गया,,,,

कविता मुझे समान दिखाने लगी,,,,नये कपड़े थे उसमे,,,कुछ जीन्स थी कुछ टॉप थे,,ऑर सबसे
खूबसूरत थी एक लाइट ब्लू कलर की साड़ी,,जो सबसे अच्छी लगी मुझे,,,,

ये किसके लिए है,,,,,मैं साड़ी को हाथ मे पकड़ा ऑर पूछा,,,,

उसने शरमाते हुए बोला,,,,,मेरे लिए है,,,

तू साड़ी भी पहनती है,,,मैने हैरान होके बोला,,,,,

नही आज तक पहनी नही कभी लेकिन सोच रही हूँ एक बार पहन कर देखु,,भाभी ने बोला था
लेके आने को इसलिए लेके आई,,,,क्यू तुझे अच्छी नही लगती क्या साड़ी,,,,

नही कविता जी ऐसी बात नही है मुझे साड़ी बहुत अच्छी लगती है ऑर ख़ास कर वो लड़की जो साड़ी पहनती
है,,,,,

मैने इतना बोला तो कविता का फेस शरम से लाल हो गया,,,

तुझे साड़ी वाली लड़कियाँ अच्छी लगती है सन्नी,,,,उसने शरमाते हुए बोला,,,,

हाँ बहुत अच्छी लगती है लेकिन उस से भी ज़्यादा अच्छा लगता है मुझे वाइट गुलाब का फूल,,,

कविता खुश हो गई,,,,वो तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है,,,,,,तुझे भी अच्छा लगता है क्या सन्नी,,

हाँ ना तभी तो एक न्यू वाइट रोज़ का प्लांट लगाया है मैने उस तरफ,,,मैने उंगली से एक तरफ
इशारा करते हुए बोला,,,,

सच मे,,,,वो खुश हो गई,,,,,हमारे घर पर तो नही है,,,भाई को बोला भी था लेकिन भाई सुनता
ही कहाँ है मेरी बात,,,

कोई बात नही तुम यहाँ से ले जाओ,,,,ऑर अपने घर लगा लेना,,,,चलो आओ तुमको दिखाता हूँ वो
प्लांट,,वो बड़ी खुशी से उठी ऑर मेरे साथ चलने लगी,,,उसने अपना सारा समान वहीं पड़ा रहने दिया
ऑर मेरे साथ चल पड़ी लेकिन जाते टाइम वो फिर उपर खिड़की की तरफ देखने लगी,,,

अरे आओ ना ,,क्या हो गया तुमको,,,वाइट रोज़ देखना है कि नही,,,

हां हां देखना है,,अभी आती हूँ,,,इतना बोलकर वो मेरे पास आ गई,,,मैं उसको खिड़की के पास
वाली दीवार के पास ले गया था,,,ऑर एक ट्री के पीछे खड़ा हो गया था,,,

कहाँ है वाइट रोज़ का प्लांट,,उसने मेरे करीब आके बड़ी खुशी से पूछा,,,,

ये रहा ना,,,,,मैं इशारा कर रहा था लेकिन वो ग़लत तरफ देख रही थी,,,

कहाँ है मुझे तो नही दिख रहा ,,वो ज़मीन की तरफ देखते हुए बोल रही थी,,,,,

दिखेगा कैसे,,,तुम ग़लत जगह जो देख रही थी,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मेरी उंगली थी उसकी
तरफ,,,क्यूकी उसने आज वाइट सूट पहना हुआ था,,,,खुली सी कमीज़ ऑर टाइट सलवार वाला,,,उसकी कमीज़
आगे से किसी फ्रॉक या लहंगे की तरह थी,,काफ़ी खुली हुई थी आगे से,,,ओर साथ मे टाइट चूद्दीदार सलवार
,,,,
Reply
07-15-2019, 01:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसने मेरी उंगली खुद की तरफ देखी तो शरमा गई,,,ऑर प्यार से हँसते हुए बोलने लगी,,,,तेरा नाम
ब्लककी नही फ्लर्टी होना चाहिए था सन्नी,,कितना फ्लर्ट करता है तू,,,

उसने इतना बोला ऑर वापिस पलट कर जाने लगी तभी मैने उसको पकड़ लिया ऑर दीवार के साथ लगा दिया
मैं उसको दीवार के पास इसलिए लेके आया था कि अगर मैं चांस मिलने पर कविता को अपनी बहहों
मे भर लूँ तो उपर से सोनिया हम दोनो को नही देख सके,,,,

मैने उसको पकड़ा ऑर दीवार से लगा दिया,,,,,आप जैसी खूबसूरत लड़की से भला कॉन फ्लर्ट करने की
कोशिश कर सकता है,,,हम कोशिश नही कर रहे ,,,हम तो फ्लर्ट कर रहे है ऑर खुल-म-खुला कर रहे है,,,इतना बोलकर मैं उसके लिप्स की तरफ बड़ा,,,,

सन्नी रुकजा,,,,उसने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे ऑर मुझे रोकने लगी,,,,उसके हाथ तो मुझे रोक
रहे थे लेकिन उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उखाड़ने लगी थी बस पल भर मे ,मदहोश हो चुकी
आँखें जो एक ही पल मे नशीली हो गई थी,,उसके लिप्स जो एक दम सूख गये थे मस्ती की वजह से
वो सब चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे थे कि वो मुझे दूर नही बल्कि अपने करीब करना चाहती है ऑर
मैं भी उसके करीब होने लगा,,,मुझे हैरत थी कि अभी मैने उसको हल्के से छुआ था इतने मे ही
वो क़ाबू से बाहर हो गई थी,,,,

मैं उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगा उसकी हार्टबीट ऑर तेज होने लगी,,उसके हाथ जो मेरी चेस्ट पर थे
वो मुझे रोक नही रहे थे,,उसकी ज़ुबान भले मुझे रोक रही थी लेकिन पल-भर मे उसकी ज़ुबान
लड़खड़ाने भी लगी थी,,,सुउन्न्ञनयययी म्मात्त्त कारर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ उसकी आवाज़ से उसकी मद-होशी सॉफ-सॉफ
झलक रही थी,,उसकी तेज हो चुकी साँसे जो उसके बस मे नही थी उसकी हार्टबीट जो इतनी तेज थी कि मेरे
कानों तक उसके दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी,,,मैं भी उसकी हरकत देख मस्त हो गया था ऑर मेरे
लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,अभी मेरे हाथ दीवार की दोनो तरफ थे ऑर वो मेरे हाथों
ऑर दीवार के बीच मे क़ैद थी,,,,,,मेरे लिप्स उसके लिप्स की तरफ बढ़ रहे थे तभी उसके हाथ जो मेरी
चेस्ट पर थे वो हाथ मेरी चेस्ट से उपर उठकर मेरे शोल्डर्स की तरफ बढ़ने लगे थे,,मैं उसकी
इस हरकत से हैरान था वो मुझे रोक रही थी लेकिन अपने करीब आने को उकसा भी रही थी,,मेरे लिप्स
उसके लिप्स से 2-3 इंच दूर थे हम दोनो की तेज ऑर गर्म साँसे एक दूसरे के लिप्स पर महसूस हो
रही थी,,,मेरी आँखें खुली हुई थी ऑर उसकी भी लेकिन जैसे ही मेरे लिप्स उसके लिप्स के करीब हुए ऑर मेरी
नज़रे उसकी नज़रो से मिली तो उसने बड़ी नज़ाकत से शरमाते हुए अपनी आँखें बंद करली ऑर आँखें बंद
होते ही मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये,,,अभी लिप्स से लिप्स टच ही हुए थे कि उसने मेरे लिप्स को
अपने लिप्स मे भर लिया ऑर मेरे से पहले खुद मुझे किस करना शुरू कर दिया उसकी तरफ से किस का
रेस्पॉन्स मिलते ही,,(रेस्पॉन्स क्या मिलना ,,,,रेस्पॉन्स तो मुझे देना था उसको),,,,,जैसे ही मैने उसको
किस का रेस्पॉन्स देना शुरू किया मेरे हाथ दीवार से उठकर उसकी कमर पर आ गये ऑर मैने हल्के
से उसकी कमर की एक तरफ से उसकी कमीज़ को उपर करने की कोशिश की लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़
लिया ऑर अपने लिप्स से मुझे दूर कर दिया,,,,

मैने उसकी तरफ देखा तो वो ना मे सर हिला कर मुझे मना करने लगी ऐसा करने से,,,मैने भी कोई
ज़बरदस्ती नही की ऑर उस से पीछे हो गया,,,ऑर बता दिया कि मैं कुछ नही करूँगा,,मैं उस से दूर
हुआ ऑर पीछे हटके जाने लगा तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अपने करीब कर लिया,,मुझे
उसकी इस हरकत से बड़ा अजीब लगा,,,,उसने मुझे अपने करीब किया ऑर मुझे किस करने लगी,,,मैने
भी उसको किस करना शुरू कर दिया लेकिन अपने हाथ उसके जिस्म पर नही रखे ,,,मैने अपने हाथ वापिस
दीवार पर रख दिए थे,,,काफ़ी देर हम ऐसे ही किस करते रहे ,,,हम दोनो की हालत खराब थी
मेरा तो दिल कर रहा था कि अभी इसकी चुदाई शुरू कर दूं लेकिन मैं ज़ोर ज़बरदस्ती नही करता था


,,,क्यूकी सेक्स का असली मज़ा रज़ामंदी से होता है ना कि ज़ोर ज़बरदस्ती से,,उसके हाथ भी मेरे शोल्डर
पर थे,,,,फिर कुछ देर बाद हम अलग हुए क्यूकी बादल बहुत ज़ोर से गरजे थे,,,,वो डर गई क्यूकी
सोनिया घर पर थी,,,,उसने मेरी तरफ देखा तो मैने उसको फिर से किस करने की कोशिश की तभी उसने
मेरा हाथ पकड़ा ऑर शरमाते हुए अपनी नज़रे झुका कर अपने दूसरे हाथ से अपनी कमीज़ को थोड़ा
उपर किया ऑर अपनी कमर को थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरे हाथ को अपनी नंगी कमर पर रख दिया
जैसे ही मेरा हाथ उसकी नंगी कमर पर लगा उसके मुँह से अहह निकल गई,,,ऑर साथ ही मेरा
नाम भी सुन्न्ञन्न्नययययययी,,,,,,मैने कमर पर हाथ रखते ही खुद के जिस्म मे तेज झटके महसूस
किए जो काफ़ी तेज थे,,,मुझे एक दम से पता नही क्या हो गया था मैने अपने दूसरे हाथ को उसकी कमर
की दूसरी तरफ किया तो उसने अपनी कमर को दूसरी तरफ से भी थोड़ा नंगा कर दिया ऑर मेरा हाथ उसकी
नंगी कमर पर दोनो तरफ से जकड़ा गया मैने ज़ोर से दोनो तरफ से उसकी कमर को कस्के दबा दिया
जिससे वो एक दम से सिहर गई,,,,उसकी गर्दन एक तरफ मूड गई ऑर उसका जिस्म रह रह कर झटके मारने
लगा,,तभी मैने आग मे आयिल डाल दिया ओर उसकी गर्दन पर अपने लिप्स रख दिए ऑर उसकी गर्दन पर किस
करने लगा मेरे बस इतना करने से उसकी हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो गई उसने जल्दी से अपने हाथ मेरे
सर पर रखे ऑर मुझे दूर करने लगी,,,

रूउक् जाऊओ ससुउन्नयी प्लज़्ज़्ज़ ,,,,अहह सुउन्नययययययययी ,,

उसने मेरे सर को तो दूर कर दिया लेकिन मेरे हाथ अभी भी उसकी कमर पर थे जिसको मैने प्यार से
सहलाना शुरू कर दिया था,,,

सुन्नयययी प्पल्लज़्ज़्ज़ मात्त काऊरर वरर्न्ना म्मूउस्शह्क्किल्ल हहू जाईज्गीइइ,,,,

कुछ मुश्किल नही होगी ,,,सब कुछ आसानी से होगा,,,,,

तभी उसने उपर खिड़की की तरफ देखा ऑर बोला,,,,नही सुउन्नययी म्मूउशह्क्किल्ल्ल हूगगीइइ भूत्त्
ज्जय्याअड्डा म्मूउस्शह्क्किल्ल्ल

मैं उसका इशारा समझ गया वो सोनिया की बात कर रही थी,,,,,लेकिन मुझे अब कोई परवाह नही थी
मैने उसकी बात नही सुनी ऑर अपने लिप्स को उसके लिप्स की तरफ ले गया ऑर फिर से हम दोनो की किस शुरू
हो गई,,,,उसके हाथ एक पल से पहले ही मेरी पीठ पर चले गये,,,मुझे समझ नही आ रहा था इस
लड़की का,,,,कहती कुछ है करती कुछ ऑर है,,,,मुँह से मना कर रही है लेकिन उसके जज़्बात मुझे ऑर
करीब आने को बोल रहे है,,तभी तो किस शुरू होते ही उसके हाथ मेरी पीठ पर चले गये ऑर उसने
किस का रेस्पॉन्स भी देना शुरू कर दिया,,,,अब मैने अगली चाल चली ऑर उसकी कमर को सहलाते हुए
अपने हाथों से उसके पैट को भी सहलाने लगा ऑर जल्दी ही मेरे हाथ उपर बढ़ने लगे उसके बूब्स की
तरफ लेकिन इस से पहले मैं उसके बूब्स की तरफ जाता उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया ऑर मैं एक दम
से पीछे जाके गिरा,,,,मुझे नही लगा था वो ऐसा करेगी एक बार फिर,,,,उसकी हालत से तो लग रहा था
वो तैयार है अब पूरी तरह से मेरे क़ाबू मे है लेकिन एक ही पल मे उसको पता नही क्या हुआ उसने
मुझे धक्का दिया ऑर भाग कर अपने समान की तरफ गई ऑर समान को बॅग्स मे डालने लगी जल्दी
से जबकि मैं खड़ा होके उसकी तरफ देखने लगा,,वो भी मेरी तरफ देख रही थी लेकिन साथ ही उसका
ध्यान उपर खिड़की की तरफ भी था,,,,मैं समझ गया कि ये सोनिया की वजह से डर गई थी,,,उसने जल्दी से
समान प्लास्टिक बॅग्स मे डाला ऑर मुझे एक बार हंस कर देखा ऑर वहाँ से भाग कर गेट की तरफ चली
फिर गेट खोलके अपनी अक्तिवा पर बैठ कर वहाँ से चली गई,,,,,जब तक मैं गेट तक पहुँचा वो
वहाँ से जा चुकी थी,,,,,,मैने गेट बंद किया ऑर पलट कर खिड़की की तरफ देखा तो सोनिया वहाँ नही
थी,,,,,,,,शूकर है वो वहाँ नही थी क्यूकी अगर उसको ज़रा सा भी शक हो जाता तो पता नही क्या करती
वो,,मेरा तो ठीक था लेकिन कविता के साथ क्या होता,,,,मुझे भी ये सोच कर डर लगने लगा,,,,उस टाइम
तो मैं मस्ती मे पागल हो गया था ऑर कुछ सोचने समझने की हालत मे नही था लेकिन अब सोच सोच
कर डर लगने लगा था कि अगर कविता का डर सही साबित हो जाता तो,,,,,,,,,अगर सोनिया हमे देख लेती
तो,,,यही सोच सोच कर डर लगने लगा मुझे,,,,,मौसम इतना अच्छा था लेकिन अब क्या फ़ायदा,,अब तो
डर से अंदर की दुनिया वीरान हो गई थी,,,,

सुबह डाइनिंग टेबल पर हम सब साथ थे,,,मैं,, सोनिया,,मोम,,डॅड,,,,,

सोनिया=== डॅड मेरे बाथरूम का शवर ऑर टॅब्स ठीक से काम नही कर रही आप किसी को बोलकर
ठीक करवा दो प्ल्ज़्ज़

डॅड===ये सन्नी है ना इसको बोल दे ये ठीक कर देगा,,,पहले भी तो कर देता था,,,आख़िर वो रूम
ऑर उसका बाथरूम तेरे साथ इसका भी तो है,,,

सोनिया गुस्से से मुझे घूरती हुई===डॅड इसको बोला था इसने कोशिश भी करली लेकिन कुछ फ़ायदा नही
हुआ इसलिए आपको बोल रही हूँ,,,,

मैने हंस कर उसकी तरफ देखा कि वो कितने मासूम चेहरा बना कर झूठ बोल लेती थी ऑर किसी को
पता भी नही चलता था,,

इस से पहले की मैं कुछ बोलता डॅड बोल पड़े,,,,,ठीक है मैं किसी को बुलवा कर सब ठीक करवा
दूँगा,,,,,वो सब तो मैं ठीक करवा दूँगा पहले ये बताओ कि एग्ज़ॅम कैसे चल रहे है,,,,

डॅड ने ये बात मेरे से पूछी थी लेकिन जवाब दिया सोनिया ने,,,

सोनिया== डॅड अभी तो एक ही एग्ज़ॅम हुआ है,,वैसे बहुत अच्छा हुआ मेरा एग्ज़ॅम,,,वो बड़ी खुश होके
बोल रही थी,,,,

डॅड== ऑर तुम सूनाओ सन्नी तुम्हारा एग्ज़ॅम कैसा हुआ,,,ऑर आगे के एग्ज़ॅम की तैयारियाँ कैसी चल रही है

डॅड के सवाल से मैं एक दम से थोडा सहम गया क्यूकी डॅड के सवाल पूछने का अंदाज़ थोडा गुस्से
वाला था,,,,

मैं=== जी डॅड एग्ज़ॅम बहुत अच्छा हुआ,,दिल लगा कर तैयारी की थी मैने,,आगे भी तैयारी दिल लगा कर ही
करूँगा,,,

डॅड खुश होते हुए,,,,अच्छे से तैयारी करना दिल लगा कर ,,,ऑर इस बार 65% से कम नंबर आए तो देख
लेना..........

डॅड ने देख लेना इतनी गुस्से से बोला कि मेरी तो पुँगी बज गई,,लेकिन माँ ऑर सोनिया हँसने लगी थी,,,

सोनिया=== बस डॅड 65% ,,इस से क्या होगा,,,,

डॅड == बेटी तेरे से तो मैं 95% की उम्मीद कर सकता हूँ क्यूकी मुझे पता है तू काफ़ी होनहार है
लेकिन इस नालयक के लिए 65% भी कॉलेज मे टॉप करने के बराबर है,,,,

डॅड ने इतना बोला ऑर हँसने लगे ऑर साथ मे मोम ओर सोनिया भी,,,

मैं=== डॅड मैं पूरी कोशिश करूँगा,,,,

डॅड== कोशिश नही मुझे 65 % चाहिए तेरे से वर्ना तुझे वो न्यू कार नही मिलेगी जो विशाल ने
ली है,,,,मैं अपनी कार सेल कर दूँगा ऑर खुद वो कार रख लूँगा,,,याद रखना,,,

मैं===ओके डॅड मैं 65% नंबर लेके ही आउन्गा,,पक्का,,,वादा करता हूँ आपसे,,,

तभी सोनिया मस्ती भरे अंदाज़ मे बोल पड़ी,,,मोम किसी का वादा टूटेगा ऑर न्यू कार डॅड की होगी,,
सोनिया ने इतना बोला तो मोम उसके साथ ही हँसने लगी,,,

तभी डॅड बोल पड़े,,,इतना खुश होने की बात नही है सोनिया बेटी,,,,अगर इसके 65% नंबर नही आए
तो याद रखना इसकी कार तो इसको नही मिलेगी लेकिन साथ मे तेरी न्यू आक्टिव न्यू लॅपटॉप ऑर न्यू
मोबाइल भी तुझे नही मिलना,,,

डॅड ने ये बात हँसते हुए बोली ऑर डॅड के साथ मैं भी खुश हो गया,,,लेकिन सोनिया का चेहरा उतर
गया,,,,,

ये क्या बात हुई डॅड,,पास ये नही होगा तो उसकी सज़ा मुझे क्यू,,,,

क्यूकी मुझे पता है तुम इसको स्टडी मे हेल्प नही कर रही,,,तुम दोनो की फाइट अभी भी चल रही
है,,,,तुम दोनो फाइट ख़तम होने का नाटक मेरे सामने मत किया करो मैं तुम्हारा बाप हूँ
,,तुमने अगर सही से सन्नी की हेल्प नही की तो सज़ा दोनो को मिलेगी,,,डॅड ने इतना बोला ऑर अपना नाश्ता
करके वहाँ से चले गये,,,,ऑर जाते जाते मेरे फेस पर खुशी ऑर सोनिया के फेस पर गुस्सा छोड़ गये,,,

मैं सोनिया की तरफ हंस कर देख रहा था लेकिन सोनिया गुस्से से मुझे घूर रही थी,,,माँ भी हम दोनो
को देख कर खुश हो रही थी क्यूकी उनको भी पता था हम लोगो की फाइट अभी ख़तम नही हुई,,
Reply
07-15-2019, 01:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
नाश्ते के बाद मैं बाहर गार्डन मे आके बैठ गया क्यूकी मौसम काफ़ी अच्छा था ,,,तभी सोनिया
भी अपनी बुक्स लेके गार्डन मे मेरे पास आ गई ऑर आके मेरे पास बैठ गई,,,,

तू यहाँ क्यू आई है,,जा यहाँ से ऑर कहीं ऑर बैठ कर स्टडी कर,,,,

मुझे भी शॉंक नही तेरे पास बैठने का,,ये तो डॅड ने बोला है इसलिए मैं तेरी हेल्प करने आई
हूँ स्टडी मे,,वर्ना तूने फैल हो जाना है ऑर तेरी वजह से मुझे भी मेरा समान नही मिलना
जो पास होके मिलने वाला था,,,

चल चल ,,मुझे ज़रूरत नही तेरी हेल्प की ऑर ना कोई परवाह है तेरी अक्तिवा ऑर लॅपटॉप की,,मैं
खुद अपने एग्ज़ॅम की तैयारी कर लूँगा,,,,मैने इतना बोला ऑर खुद वहाँ से उठकर चला गया
अभी मैं उठा ही था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,ये कोई अननोन नंबर था,,,

हेलो सन्नी,,,,

हेलो,,मैं सन्नी बोल रहा हूँ आप कॉन,,,,

अच्छा अब मैं कॉन हो गई,,,आवाज़ भी नही पहचानता मेरी,,,मैं रितिका बोल रही हूँ,,,

ओह्ह सॉरी रितिका,,,वो पहले कभी फोन पर बात नही हुई है इसीलिए आवाज़ पहचान नही सका,,,ऑर
सूनाओ क्या हाल चाल है रितिका,,,

मैं ठीक हूँ सन्नी तुम सूनाओ,,,,क्या कर रहे थे,,,,

तभी मैने सोनिया की तरफ देखा जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,,एक तो गुस्सा उसको इस बात का था
कि मुझे स्टडी मे उसकी हेल्प लेने से इनकार कर दिया था ऑर उसको अपनी अक्तिवा ऑर न्यू लॅपटॉप अपने
हाथ से जाता नज़र आ रहा था ,,,वो गुस्से मे लाल हो रही थी तभी मैने इस आग मे आयिल डाल दिया,,,,

कुछ खास नही रितिका मैं बस कुछ कमजोर बच्चों की हेल्प कर रहा था स्टडी मे,,,,तुमको तो
पता है मैं पढ़ने मे कितना होशियार हूँ,,मेरी इस बात से सोनिया ऑर गुस्सा हो गई ऑर गुस्से मे
पैर पटकती हुई वहाँ से चली गई,,,

खैर मेरी छोड़ो तुमने कैसे याद किया आज मुझे,,,

मैने नही सन्नी मेरे डॅड ने याद किया है,,,वो तुमसे कुछ बात करना चाहते है,,अगर फ्री हो
तो क्या मेरे घर आ सकते हो,,,,

हाँ हां अभी आ जाता हूँ,,,लेकिन तेरे डॅड ने बात क्या करनी है मेरे से,,,

वही सुरेश भाई ऑर कॉलेज के पंगे के बारे मे बात करनी है,,,,

उसकी बात सुनके मैं थोड़ा डर गया,,,क्यूकी करण ने बोला था कि अकेले मत जाना कोई पंगा हो सकता
है,,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है मैं अभी आता हूँ करण के साथ,,,

नही नही सन्नी करण को साथ मत लेके आना,,,,अभी मैने तुम्हारा नंबर करण से ही लिया है ऑर
उसको सब बता दिया है,,,,दाद पहले ही थोड़े गुस्से मे है सुरेश भाई की वहज से ओर अगर कारण
साथ आ गया तो पता नही क्या होगा,,,,,डॅड को मेरे ऑर करण के बारे मे पता चल गया है शायद
तुम उसको मत लेके आना प्लज़्ज़्ज़,,

मैं उसकी बात को समझ नही पाया,,,मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,खैर देखते है क्या होता है

ओके रितिका मैं आता हूँ कुछ देर मे,,इतना बोलकर मैने फोन कट किया ऑर ख़ान भाई को फोन
कर दिया ऑर उनको सारी बात बता दी,,,,ख़ान भाई ने मुझे विश्वसस दिलाया कि कुछ नही होगा तुम
बिना किसी डर के जाओ ऑर अगर कुछ प्रोबलम हुई तो मुझे फोन कर देना,,,,ख़ान भाई की बात से
मुझे हिम्मत मिली ऑर मैं चेंज करके बाइक लेके रितिका के घर की तरफ चल पड़ा,,,



मैं रितिका के घर के बाहर पहुँचा ऑर बाइक गेट के आगे रोक दिया,,,,चलके गेट के पास गया,,

गेट पर नॉक किया तो गेट खुला ऑर एक आदमी सामने आया,,,,जी किसको मिलना है अपने,,वो गेट खोलकर
मेरे से बात कर रहा था ऑर मेरा ध्यान गया गेट के अंदर गार्डन मे टहलती हुई रितिका पर,,वो
कुछ परेशान लग रही थी तभी इधर उधर टहल रही थी,,,,तभी मैने देखा कि वो सर उठाकर
घर की एक बाल्कनी की तरफ देख कर कुछ एशारे मे बात कर रही थी,,मैने गेट से आगे होके
देखना चाहा कि रितिका किस से बात कर रही है तभी उस आदमी ने मुझे रोक दिया,,,,

आपने बताया नही किसको मिलना है अपने,,इस बार वो आदमी थोड़े गुस्से से बोला ऑर रितिका ने उसकी आवाज़
सुन ली,,,,,ऑर मेरे बोलने से पहले खुद बोल पड़ी,,,,

सिकुरिटी इनको अंदर आने दो,,,ये मेहमान है,,,,रितिका ने गेट की तरफ बढ़ते हुए बोला,,,

सॉरी सर मुझे नही पता था आप मेहमान हो,,,,इतना बोलकर वो मुझे सॉरी बोलते हुए गेट को
खोल कर मुझे अंदर आने को बोलने लगा,,,,,

मैं अंदर जाते हुए रितिका की तरफ देख रहा था जो बहुत परेशान लग रही थी,,,उसके माथे पर
पसीना भी आया हुआ था,,,वो कुछ डरी ऑर सहमी लग रही थी,,,तभी उसने एक बार पलट कर बाल्कनी
की तरफ देखा ऑर उसके साथ मेरा ध्यान भी बालकोनी की तरफ गया पर वहाँ कोई नही था,,मुझे कुछ
ठीक नही लगा,,,,,लगा कि कुछ गड़बड़ है,,,,फिर भी मैं हिम्मत करके आगे बढ़ गया,,,,

हाई रितिका,,,

हाई सन्नी,,,वो बड़े अजीब अंदाज़ मे ही बोली तो मुझे ठीक नही लगा,,,,

क्या हुआ रितिका तुम ठीक तो हो,,इतना पसीना क्यूँ आ रहा है तुमको,,,इतना डरी क्यूँ हुई हो तुम,,,

मैं,,मैं कहाँ डरी हुई हूँ,,,,ये पसीना तो गर्मी की वजह से आ रहा है,,,वो पसीना सॉफ
करती हुई बोली,,,,

लेकिन आज तो गर्मी नही है,,,,देखो कितना अच्छा मौसम है,,,धूप भी नही है,,फिर तुमको
गर्मी क्यू लग रही है,,,,

वू वू कुछ नही,,,,तुम अंदर चलो,,

वो इतना बोलकर आगे चलने लगी ऑर मैं उसके पीछे पीछे,,तभी वो घर के अंदर एंटर हुई तो मैं
उसका घर देखता ही रह गया,,,इतना बड़ा घर था ऑर रहने वाले शायद 4-5 लोग थे,,जबकि इतनी जगह
मे अगर ग़रीबो की बस्ती होती तो वहाँ 1000 लोग रह लेते आराम से,,,,

अरे वाह घर तो बड़ा शानदार है तुम्हारा रितिका,,,,ओह सॉरी ये घर नही ये तो महल है,,,कितने
लोग रहते है यहाँ,,,

वो सीडियाँ चढ़ते हुए उपर जाने लगी,,,,मैं उसके पीछे था,,,,

यहाँ बस हम तीन लोग है सन्नी,,,वो वापिस नही पलटी बस ऐसे ही चलते हुए बात करती रही,,,

बस तीन लोग,,,,,कॉन -कॉन,,,,

मैं,,मेरे डॅड,,,ऑर सुरेश,,,,उसने सुरेश को अपना भाई नही बोला,,,,वो ये भी तो बोल सकती थी कि
वो अपने बाप ऑर भाई के साथ रहती है ,,,लेकिन उसने अपने बाप को तो बाप बोल दिया लेकिन भाई को
भाई नही बोला,,,सुरेश बोला,,,,शायद वो सच मे अपने भाई से नफ़रत करती थी,,,

इस से पहले कोई ऑर बात होती वो एक रूम मे घुस गई ऑर उसके पीछे मैं,,,,

ये तुम मुझे कहाँ ले आई,,,,तुम्हारे डॅड कहाँ है,,,उस रूम मे कोई नही था,,,बस हम दोनो
थे,,,

डॅड घर पे नही है सन्नी,,वो अपने पार्टी मीटिंग के लिए देल्ही गये है,,,शाम को आएँगे,,

शाम को,,,,,,,,,क्या मतलब,,तुमने तो फोन पर कहा था कि तुम्हारे डॅड ने मुझे बुलाया है,,,

नही सन्नी मैने झूठ बोला था,,,,दरअसल डॅड ने नही मैने तुमको बुलाया है,,,मुझे लगा मेरे
कहने पर पता नही तुम यहाँ आओगे या नही ,,,,,इसलिए डॅड के बारे मे झूठ बोला था,,,

तुम्हारे कहने पर क्यू नही आउन्गा,,तुम मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुमको झूठ बोलने की क्या पड़ी
थी,,,सीधी तरफ बोल देती तो भी मैं आ जाता,,,,अच्छा छोड़ो इन बातों को तुमने बुलाया क्यूँ है
मुझे यहाँ ये बोलो,,,,

वो इधर उधर देखने लगी,,,अपने हाथों को बारी बारी से मसल्ने लगी वो ऐसे लग रही थी जैसे
बहुत परेशान थी,,बहुत डरी हुई थी,,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था,,

तभी मैं उसके पास गया,,,,क्या हुआ रितिका तुम परेशान क्यू हो,,,,,कुछ प्रोबलम है क्या,,,,

नही नही,,,कुछ भी तो प्रोबलम नही,,,वो मैं तो बस वो मैं बस वो,,,

क्या हुआ सीधी तरह बोलो,,,,डरो नही हम दोनो दोस्त है ना,,बोलो क्या बात है रितिका क्यू बुलाया
मुझे यहाँ,,,,

तभी उसने खिड़की की तरफ देखा जो बाल्कनी मे खुलती थी ऑर मेरे पीछे की तरफ थी,,,मैने भी
पलट कर उस तरफ देखा तो वहाँ कोई नही था,,,,बस करटन हिल रहे थे,,,शायद हवा से,,या
शायद वहाँ कोई था,,,,

क्या हुआ रितिका बोलो ना,,,,


तभी वो बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,,सन्नी क्या तुमने सुरेश को मारा था,,,,

मैं उसके सवाल से हैरान हो गया,,,,नही रितिका मैने उसको नही मारा,,1-2 बार पहले मेरी सुरेश
से फाइट ज़रूर हुई थी,,,लेकिन इस बार मैने कुछ नही किया,,,,

मैं जानती हूँ तुम झूठ नही बोलते सन्नी,,,,तुमने उसको नही मारा होगा लेकिन क्या तुम्हारा हाथ
है इस सबके पीछे,,,,


मैं कुछ देर चुप रहा,,,,कुछ नही बोला,,,,खुकी मैं झूठ नही बोल सकता था,,,वैसे मैं
बहुत झूठ बोलता था लेकिन रितिका इस टाइम बड़े यकीन से मेरे से बात कर रही थी ,,,

बोलो सन्नी,,,क्या ये सब तुमने करवाया है,,,,ऑर क्या ये सब तुम्हारे प्लान का हिस्सा है,,,

हां रितिका ,,,,,,,,मैने इतना बोला ही था कि वो मेरे करीब हो गई,,,,तो ये सच है,,तो ख़ान भाई
भी तुम्हारे साथ है ये भी सच है ना,,,,

ख़ान भाई का नाम सुनते मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,,,,,तुमको कैसे पता ख़ान भाई भी मेरे
साथ है,,,,,,,,,,
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