Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-15-2019, 01:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उठकर फ्रेश होके तैयार हो गये घर जाने के लिए,,,,,शोबा मुझे गेट तक छोड़ने आई,,,

दीदी तुमको आज बुटीक पर नही जाना क्या,,,,,

नही सन्नी आज शिखा भी नही आने वाली,,,अभी बोल रही थी 1-2 दिन घर रहके भाई ऑर माँ के साथ
मस्ती करना चाहती है वो,,,,तूने अच्छा किया जो उन लोगो की प्रोबलम सॉल्व करदी,,,

हाँ दीदी ,,ये बहुत ज़रूरी था करण ऑर शिखा के लिए,,,,ओर अब उनकी माँ के लिए भी,,,,तो ठीक है दीदी मैं
चलता हूँ रात को वापिस आउन्गा,,,,अगर सूरज भाई वापिस नही आए तो मुझे कॉल कर देना,,

ठीक है सन्नी ,,,,घर पर बोलना मत कि मैं यहाँ हूँ,,, बोलना कि मैं किसी सहेली के घर
पर हूँ ,,,,

ठीक है दीदी आप भी मत बोलना किसी को,,,,

मैने ऑर दीदी ने किसी को नही बताया था भाभी के बारे मे ,,

मैं वहाँ से घर की तरफ चल पड़ा,,2 दिन से इतनी चुदाई कर रहा था कि थक गया था,,अब दिल नही
था ऑर चुदाई करने का,,,,अगर दिल होता तो भाभी को छोड़ कर क्यू जाता ऑर चाहता तो करण के घर
अलका आंटी ऑर शिखा के पास चला जाता लेकिन अब दिल नही था चुदाई का ऑर घर जाके अपने सर्प्राइज़
यानी कि न्यू कार पर ड्राइव करना चाहता था,,,,,इसलिए खुशी खुशी घर की तरफ चल पड़ा,,,,

घर पहुँच कर गेट खोला ऑर बाइक अंदर करदी,,,तभी न्यू कार देख कर दिल खुश हो गया,,एक बार
करीब जा कर को टच किया ,,आगे पीछे से अच्छी तरह देखा,,,,ये वही कार थी जिसके बारे मे मैने डॅड
को बोला था,,,,तो क्या डॅड घर वापिस आ गये थे,,,नही उन्होने तो आज कल मे आना था ,लेकिन ये कार को
आए तो 2-3 दिन हो गये थे,,,,क्यूकी 2 दिन पहले कविता ने सर्प्राइज़ के बारे मे बोला था कॉलेज मे,,

चलो अंदर चलके माँ से पूछ लेते है,,,,यही सोच कर सन्नी बेल बजाने लगा लेकिन काफ़ी टाइम तक
दरवाजा खोलने कोई नही आया,,,सन्नी समझ गया,,,,डॅड ऑर भुआ नही थे,,शोबा भाभी के घर पर थी
ऑर सोनिया कविता के साथ थी,,,,यानी घर पर माँ ओर मामा थे इसलिए इतना टाइम लग रहा था दरवाजा
खोलने मे,,,,


तभी कुछ देर बाद माँ ने आके दरवाजा खोला ऑर सन्नी ने माँ को देखा तो समझ गया कि जो वो
सोच रहा था वो सही था,,,क्यूकी उसकी माँ ने अभी भी नाइटी पहनी हुई थी,,,,

क्या माँ इतना टाइम क्यू लगा दिया,,,कब्से बेल बजा रहा हूँ,,,सन्नी इतना बोला लेकिन उसकी माँ ने उसकी
बात को अनसुना कर दिया ऑर जल्दी से उसको अपनी बाहों मे भर लिया,,

आ गया मेरा बेटा,,,,तुझे नही पता कितनी बैसब्रि से तेरा इंतेज़ार कर रही थी मैं,,,,कल कहाँ चला
गया था एक दम से मुझे गेट पर छोड़ कर,,,पता है कितना तड़प रही थी मैं ,,,कहाँ रहा रात
भर,,,

अरे माँ छोड़ो ना बताता हूँ,,,,,,माँ दूर हुई तो सन्नी बोलने लगा,,,,मैं रात को अपने दोस्त के
घर पर था,,,,,

किसके घर पर,,,करण के ,,,,,अलका के साथ मस्ती को इतना दिल कर रहा था कि माँ को अकेली छोड़ कर
वापिस उसके घर चला गया,,,,,

नही माँ करण के घर पर नही ,,उसके घर जाना होता तो वहाँ से आता ही क्यूँ,,,,ऑर आपको क्या है,,आपके
पास तो मामा है ना तभी तो इतना टाइम लगा दिया दरवाजा खोलने मे,,,,

अभी सन्नी माँ से बात कर ही रहा था तभी किचन के अंदर से आवाज़ आई,,,,,सरिता दीदी दाल बन गई
है कुक्कर की सीटी बजने लगी है गॅस बंद कर्दू क्या,,,,सन्नी को आवाज़ जानी पहचानी लगी ऑर सन्नी
एक दम से चोंक गया वो आवाज़ सुनके,,

तभी उसकी माँ किचन की तरफ जाने लगी,,,,ऑर सन्नी भी अपनी मा के पीछे-पीछे किचन मे चला
गया,,ऑर वहाँ जाके देखा तो दंग रह गया,,,,किचन मे गीता भुआ थी,,,,

दीदी दाल बन गई है गॅस बंद कर दिया है,,,आटा गुंथना है तो बोलो,,,,,

सन्नी को यकीन नही हो रहा था गीता ऑर सरिता एक किचन मे,,,,वो भी बातें कर रही थी,,गीता
उसकी माँ को दीदी बोल रही थी ऑर काम पूछ रही थी,,,,सन्नी अपनी आँखों मे मुक्के दे दे कर अपनी
आँखों को मल्ता है उसको यकीन नही हो रहा जो वो देख रहा है क्या वो सच है,,,,फिर सन्नी
का सर चकराने लगता है तो वो ज़ोर से अपने सर पर हाथ मारता है,,,,

अरे सन्नी बेटा क्या हुआ,,सर पर इतनी ज़ोर से क्यूँ मार रहा है,,,,इतना बोलकर गीता उसके पास आती है ऑर
उसके सर पर हाथ फिराने लगती है ऑर उसको गले से लगा लेती है,,,,गीता भी अभी नाइटी मे थी,,

कहाँ था इतने दिन से,,पता है कितना मिस कर रही थी तुझे,,,इतना बोलकर गीता सन्नी को गाल पर ऑर
माथे पर किस करने लगती है,,,,कितना तड़प रही थी तेरे से मिलने को,,,,कहाँ गएब थे इतने दिन से
,,,,सन्नी के होश गुम थे उसको कुछ समझ नही आ रहा था ,,,एक दूसरे की जान लेने वाली जानी दुश्मन
आज एक दूसरे की हेल्प कर रही थी किचन मे,,,,

क्या हुआ सुनी बेटा कहाँ खो गये,,,,,सन्नी ,,सन्नी,,,,,क्या हुआ बेटा,,,,

कुछ नही भुआ,,,,यही सोच रहा हूँ कि मैं अपने ही घर मे आया हूँ या ग़लती से किसी ग़लत घर
मे आ गया हूँ,,,,

सन्नी की बात सुनके भुआ ऑर उसकी माँ हँसने लगी,,,,सन्नी हैरत मे था ऑर वो दोनो हँस रही थी,,तभी
सन्नी की हैरत ऑर भी ज़्यादा बढ़ गई जब पीछे से आवाज़ आई,,,,

तुम सही समय पर घर मे आए हो सन्नी,,पीछे से आती आवाज़ से सन्नी भी पीछे पलट कर देखता है तो सामने
विशाल खड़ा हुआ था,,,,सन्नी हैरत मे तो था लेकिन अपने भाई के आने की खुशी से पागल होके वो
तेज़ी से भागता हुआ अपने भाई के गले लग जाता है,,,,

भैया,,,,इतना बोलकर सन्नी भाई के गले लगता है ऑर उसकी आँखें भी हल्की नम हो जाती है,,,,

विशाल भी उसको गले से लगा लेता है,,,,अरे पगले आँखें क्यू नम कर रहा है ,,मेरे वापिस आने पर
खुशी नही हुई क्या,,,,

ऐसा मत बोलो भाई,,,मैं बहुत खुश हूँ आपको देख कर,,,ये तो खुशी के आँसू है,,,ऑर मुझे ये
वाला सर्प्राइज़ बाहर वाले सर्प्राइज़ से अच्छा लगा,,,,,

गीता हैरान होते हुए,,,,कहाँ देखा तूने सर्प्राइज़,,,,बाहर कहाँ,,,,

अरे बाहर ही तो है ना,,न्यू कार ,,,मेरा सर्प्राइज़,,,,,

मेरी बात सुनके सब हँसने लगे,,,,भुआ माँ ऑर विशाल,,,,,,ऑर मैं चुप करके सबको देखने लगा,,

वो भी तेरा सर्प्राइज़ है सन्नी बेटा,,लेकिन तेरा एक सर्प्राइज़ विशाल भी तो है,,विशाल को देख कर तुझे
खुशी नही हुई क्या,,,,

बहुत खुशी हुई भुआ,,,आख़िर मेरा भाई है ये,,,ऑर वो तो सिर्फ़ एक कार है,,,,,

अच्छा 2 सर्प्राइज़ देख कर इतनी खुशी हुई तो सोच तीसरा देख कर कितनी खुशी होगी,,,,विशाल हँसते
हुए बोला,,,,

टेसरा सर्प्राइज़ ,,कॉन्सा,,,,,,,,,वैसे विशाल भाई तीन सर्प्राइज़ तो हो चुके,,,,पहले आप,,फिर कार,,ऑर फिर
माँ ऑर भुआ का आपस मे बातें करना भी तो सर्प्राइज़ है,,,मेरी बात सुनके विशाल हँसने लगा,,,

हाँ ये भी सर्प्राइज़ है लेकिन अभी सबसे बढ़िया सर्प्राइज़ बचा कर रखा है तेरे लिए,,जो कब्से तेरा
इंतेज़ार कर रहा है,,,,,

अच्छा क्या है वो,,,,बताओ मुझे,,,,,,

बताना नही बेटा दिखाना है,,,,,,इतना बोलकर भुआ ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे उपर की तरफ लेके
चली ,,,,,,,,पीछे पीछे माँ ऑर विशाल भी आ गये,,,
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07-15-2019, 01:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सन्नी जैसे जैसे सीढ़ियाँ चढ़ता जा रहा था उसको उपर से सिसकियों की तेज आवाज़ सुनाई दे रही थी,,,जैसे
जैसे वो उपर वाले ड्रॉयिंग रूम के नज़दीक जा रहा था वैसे वैसे आवाज़ तेज होती जा रही थी,,,ऑर जैसे
ही वो भुआ के साथ ड्रॉयिंग रूम मे एंटर हुआ तो सामने का नजारा उसके लिए सबसे बड़ा सर्प्राइज़ ही
था,,,,

सामने ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर रेखा थी ,,जो बिल्कुल नंगी थी ऑर झुक कर कुतिया बनी हुई थी,,
पीछे से मामा उसकी गान्ड मे लंड डालके उसको चोद रहा था जबकि सामने से उसका बाप अशोक अपने
छोटे लेकिन मोटे लंड को रेखा के मूह मे अंदर बाहर कर रहा था,,,सन्नी देख कर दन्ग रह गया
उसको कुछ समझ नही आ रहा था ऑर इस से पहले सन्नी आगे बढ़ता उसने एक नज़र पीछे मूड के माँ
ऑर भुआ की तरफ देखा तो उसके फिर से होश उड़ गये,,,पीछे विशाल ,,भुआ ऑर उसकी माँ किस कर रहे
थे,,विशाल के हाथ भुआ ऑर माँ की पीठ पर थे ऑर उसने दोनो को अपने करीब कर लिया था,,


कभी विशाल भुआ को किस करता तो कभी माँ को ऑर कभी उसकी माँ ऑर भुआ दोनो आपस मे किस करती
सन्नी को कुछ समझ नही आ रहा था ये सब क्या हुआ ,,कैसे हुआ,,कब हुआ,,,,सन्नी को झटके पे
झटका लग रहे थे,,उसका सर घूम रहा था ऑर तभी पीछे से किसी ने उसके शोल्डर पर हाथ रखा
ऑर सन्नी को अपनी तरफ घुमा लिया,,सन्नी जैसे ही पलटा उसके पास रेखा खड़ी हुई थी जिसने पल भर की
देर किए बिना सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर एक ही पल मे सन्नी के लिप्स को खा जाने वाले
अंदाज़ मे चूस कर किस करने लगी,,,सन्नी बेसूध था उसको कुछ समझ नही आ रहा था इसलिए वो
किस का रेस्पॉन्स भी नही दे पा रहा था लेकिन रेखा उसके लिप्स को अच्छी तरह से चूस रही थी उसके
मूह मे ज़ुबान डालके इधर उधर घुमा रही थी,,,वो कभी सन्नी के उपर वाले लिप्स को अपने मूह मे
भर लेती तो कभी नीचे वाले लिप्स को ऑर कभी सन्नी के मूह मे अपनी ज़ुबान घुसा देती तो कभी सन्नी
की ज़ुबान को अपने मूह मे खींच कर चूसने लगती,,,,सन्नी उसकी किसी भी हरकत का कोई जवाब नही
दे रहा था हालाकी वो नंगी थी लेकिन सन्नी फिर भी उसको टच नही कर रहा था कहीं भी,,ऑर तभी
रेखा ने जल्दी से पॅंट के उपर से सन्नी के लंड को पकड़ लिया जो सोया हुआ था,,सन्नी को खुद को
भी हैरत हो रही थी कि रूम मे चुदाई की महफ़िल लगी हुई है ऑर रेखा नंगी उसके पास खड़ी उसको
किस कर रही है फिर भी उसका दीन दयाल नींद से नही जागा अभी तक,,,,,लेकिन रेखा भी कम नही
थी उसने सन्नी को किस करते हुए उसके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर हल्के हल्के दबाने लगी जिस से लंड
मे खून हल्के हल्के पंप होने लगा ऑर लंड की नसों मे आई हुई सुस्ती दूर होने लगी ऑर नसों
मे बहने वाले खून की रवानी से लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया ऑर तभी रेखा ने अपने दोनो
हाथों से सन्नी की पॅंट को खोल दिया ऑर अपने हाथों से पॅंट को नीचे की तरफ सन्नी के घुटनो तक
उतार दिया ऑर बाकी की पॅंट को अपने पैर से नीचे कर दिया ऑर सन्नी को किस करती हुई सन्नी के लंड
को हाथ मे लेके जो अब सर उठाने लगा था उसको हाथ मे लेके उपर से नीचे तक आगे से पीछे तक
सहलाने लगी,,,


कुछ देर मे सन्नी का लंड काफ़ी हार्ड हो गया ऑर सन्नी को भी मस्ती चढ़ने लगी ऑर सन्नी ने रेखा
को किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया रेखा ने जल्दी से सन्नी की इस हरकत से खुश होके मोका देखा
ऑर सन्नी के दोनो हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए ऑर सन्नी ने भी उनको बड़े प्यार से अपने
हाथों मे पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,,,रेखा के बूब्स सन्नी की माँ ऑर अलका आंटी से भी
कहीं ज़्यादा बड़े थे जो सन्नी को बड़े अच्छे लगते थे,,इसलिए सन्नी ने एक ही पल मे बूब्स को ज़ोर
ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था,,,कुछ देर बाद रेखा ने सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ,,

कहाँ था ज़ालिम इतने दिन से ,,,पता है कितना याद किया मैने तुझे ऑर मेरे से ज़्यादा मेरे इस जिस्म
ने ,,इन बड़े बड़े उरोजो ने,,इस चूत ने मस्त गान्ड ने जो तेरे मूसल के लिए इतना तड़प रही थी,
रेखा खुद सन्नी को अपने जिस्म पर हाथ फिराते हुए अपना जिस्म दिखा रही थी ऑर बता रही थी,तभी'
वो जल्दी से नीचे बैठ गई,,,,,,,,जितना मुझे तडपाया है तूने उतना ही मैं मज़ा दूँगी तुझे आज इतना
बोलकर रेखा ने जल्दी से सन्नी के लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा गले से अंदर
तक ले गई ओर फिर पूरा बाहर निकाल दिया ऑर वापिस मूह मे भर लिया ऑर गले तक ले गई,,,सन्नी एक दम
से मस्ती के आसमान पर पहुँच गया था ऑर उसके जिस्म मे रुक रुक कर एक झटका लग रहा था मस्ती
का,,,,रेखा सन्नी के लंड को इतनी मस्ती से चूस रही थी कि सन्नी पूरी ओकात मे आ गया था ऑर उसका
लंड भी,,,,,सन्नी ने रेखा के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ओर कमर हिला हिला कर लंड को उसके
मूह मे पेलने लगा ,,,पहले तो सन्नी की कमर स्लो स्पीड मे आगे पीछे हो रही थी लेकिन रेखा के
सर की स्पीड सन्नी के लंड पर काफ़ी तेज थी इसलिए सन्नी ने भी अपनी कमर की स्पीड को तेज कर दिया ऑर
ज़्यादा से ज़्यादा लंड रेखा के मूह मे घुसा कर उसके मूह को चोदने लगा,,,ऐसा करते हुए सन्नी
का ध्यान गया सामने की तरफ अपने बाप ऑर मामा पर जो अपने हाथों मे अपने अपने लंड पकड़ कर
सहला रहे थे,,सन्नी के आने की वजह से रेखा उन दोनो को बीच मजधार मे छोड़ कर सन्नी
के पास जो आ गई थी,,इसलिए दोनो को हाथ से काम चलाना पड़ रहा था लेकिन तभी विशाल ,,भुआ ऑर
माँ आगे बढ़ कर सन्नी ऑर रेखा के करीब से गुजर कर अशोक ऑर मामा के पास चले गये,,,,अब तक
माँ भुआ ऑर विशाल नंगे हो चुके थे......सन्नी का ध्यान उन लोगो की तरफ था,,,

भुआ आगे बढ़ कर डॅड को किस करने लगी जबकि माँ ने आगे बढ़ कर मामा के लंड को हाथ मे लिया ऑर
ज़मीन पर बैठ गई ऑर लंड को मूह मे भर लिया लेकिन तभी विशाल ने माँ को पकड़ा ऑर उनको
कुतिया की तरह झुका दिया ओर खुद माँ के पीछे चला गया ऑर अपने लंड पर थूक लगाने लगा ऑर
तभी गीता उसके पास आई ऑर उसके लंड को मूह मे भर लिया ऑर चूस चूस कर थूक से सराबोर
कर दिया फिर अपने मूह से थोड़ा थूक निकाल कर माँ की गान्ड पर लगा दिया ऑर आपने हाथ से विशाल
के लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,विशाल ने भी एक झटके मे पूरा लंड उतार दिया
अपनी माँ की गान्ड मे ऑर माँ को कमर से पकड़ कर तेज़ी से उनकी गान्ड मारने लगा,,सामने से मामा
नीचे बैठ गया जिस से उसका लंड फिर से माँ के मूह के सामने आ गया ऑर माँ ने बिना देर किए लंड
को मूह मे भर लिया ,,,,विशाल के झटके के साथ माँ का जिस्म हिलने लगा ऑर खुद-ब-खुद मामा के
लंड पर माँ का सर आगे पीछे होने लगा लेकिन मामा को इतने से आराम नही मिलने वाला था इसलिए
उसने माँ, को सर से पकड़ा ओर अपनी कमर हिला हिला कर तेज़ी से पूरा लंड माँ के गले से नीचे तक
उतारने लगा,,,पीछे से विशाल भी अपना लंड माँ की गान्ड मे जड़ तक घुसा रहा था,,उसकी माँ
कुतिया की तरह झुकी हुई थी जिस वजह से उसकी माँ के बूब्स हवा मे लटक रहे थे ऑर विशाल के
हर झटके के साथ वो हवा मे लहरा रहे थे,,,,उनके पीछे डॅड ऑर भुआ फिर से किस करने लगे
थे ऑर डॅड भी अपने हाथों से भुआ के बूब्स को सहला रहे थे ऑर भुआ भी अपने हाथ से डॅड
के लंड को मसल रही थी,,,
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07-15-2019, 01:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद डॅड ने भुआ को माँ के साथ ही नीचे उनकी बगल मे लेटा
दिया ऑर उनकी टाँगें खोल कर अपने सर को उनकी चूत तक ले गये ऑर भुआ की चूत को मूह मे भर
लिया भुआ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ डॅड के सर पर रख दिए ऑर डॅड के सर को अपनी चूत से
चिपका लिया,,,,डॅड अपनी ज़ुबान निकाल कर बड़ी तेज़ी से भुआ की चूत को उपर से नीचे तक चाटने
लगे थे ऑर भुआ ने जब डॅड के सर को चूत पर दबाया तो डॅड ने भुआ की चूत के लिप्स को अपने
मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगे,,,,,

इधर रेखा का सर मेरे हाथ मे था ऑर मैं तेज़ी से रेखा के मूह मे गले से नीचे तक अपना लंड
घुसा कर अंदर बाहर कर रहा था जितनी तेज़ी से मेरी कमर चल रही रही उतनी तेज़ी से रेखा का सर भी
आगे पीछे हो रहा था ,,रेखा को 5 मिनट हो गये थे मेरा लंड चूस्ते हुए इस दौरान उसने एक
बार भी मेरे लंड को मूह से नही निकाला था जिस वजह से उसका मूह थूक से भर गया था ऑर थूक
उसके मूह से बहता हुआ उसके बूब्स पर गिरने लगा था ,,,,रेखा ने जल्दी से अपने हाथ अपने बूब्स पर
रखे ऑर गिरते हुए थूक को जाया नही करते हुए अपने हाथों से अपने बूब्स पर मलने लगी ,,रेखा
कुछ साँवले रंग की थी लेकिन थूक की वजह से लाइट मे उसके बड़े बड़े बूब्स बहुत ज़्यादा चमक
रहे थे ऑर खुद अपने हाथों से थूक मल्ति हुई अपने बूब्स को सहलाने लगी थी,,सन्नी ये सब से
मस्त हो गया था अब उस से बर्दाश्त नही हो रहा था उसने अपने हाथों से रेखा के सर को छोड़ा
ऑर अपने लंड को रेखा के मूह से बाहर निकाल लिया तभी रेखा ने मूह मे जमा सारा थूक सन्नी
के लंड पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से अच्छी तरह मल भी दिया, ऑर जल्दी से सामने पड़े सोफे पर
एक पैर रख कर झुक गई ऑर सन्नी के सामने अपनी मस्त मोटी गान्ड करदी ऑर सन्नी ने भी बिना कोई
देर किए अपना मूसल घुसा दिया रेखा की गान्ड मे तभी रेखा ज़ोर से चिल्ला उठी,,,,,,हईए रे
कामिनीई अर्रामम सीए कार्रररर

रेखा इतना ज़ोर से चिल्लाई कि रूम मे मौजूद सब लोगो का ध्यान उनकी तरफ आ गया,,,माँ ने मामा
के लंड को मूह से निकाल दिया था ऑर डॅड ने अपने सर को भुआ की चूत से उठा लिया था सन्नी ऑर
रेखा की तरफ देखने क लिए,,,लेकिन सन्नी ने उन लोगो की तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर रेखा को
कमर से पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,,,जैसे जैसे सन्नी की स्पीड तेज ऑर धक्का जोरदार
होता गया वैसे वैसे रेखा की मस्ती भरी सिसकियाँ ऑर हल्के दर्द से मिली जुली आवाज़ रूम मे तेज होती
गई,,,,,,आअहह माआआअ जाअंणन्न् ननीईकाल्लीगाआअ क्क्य्या मेरेइईईईईई आहह
हइईए रीईई मारररर गगयइिीईईईईई उऊहह इट्त्न्नईए डििईन्न्न्न् ससीई त्टाद्दाप्प
राहहिईिइ त्तहिईिइ त्तीररीए ल्लुउन्न्ञदड़ सीसी ल्लीइयईी क्कीिई ससुउन्नयी ककबब्ब्बब आयईगगाआअ ओर्र्र्र्ररर
काअब्ब्ब्ब मेरेइईईईई गाणन्दड़ मी म्मूससाअलल्ल्ल्ल ग्घुउस्स्साअ काअररर मम्मूउज़्ज्झहहीए छ्छूड्देगा
ल्लीककिन्न आब्ब्ब्ब मूस्साल्ल ग्घुउस्स्स्सा तटूऊ ससूचहटिीई हूओंन्न द्दूर्र र्रेहहककी वऊू
त्टद्दाप्प हहीी आक्च्छिईीई थ्हीइ इश्स मूसाल्ल सीसी ददार्रद्द क्कीी जज़ग्घाा हयईई रीईई सुउन्नयी
मार डाल्लाअ रीईई रेखा की आवाज़ सुनकर सब थोड़ा हंस रहे थे ख़ासकर माँ ऑर भुआ उनको
भी पता था मैं कैसी चुदाई करता हूँ,,,मैं तेज़ी से उसी स्पीड मे रेखा की गान्ड मारता रहा


उधर डॅड भुआ की चूत से मूह उठा चुके थे अब वो भुआ के उपर लेट कर उनकी चुदाई करने
लगे थे ऑर भुआ माँ के करीब ही थी तभी माँ ने मामा ऑर विशाल को रुकने को बोला ऑर जल्दी से
मामा को ज़मीन पर लिटा दिया ओर खुद माँ के उपर चढ़ गई ऑर मामा के लंड को अपनी चूत मे
घुसा लिया ऑर विशाल फिर पीछे से माँ की गान्ड मारने लगा ,,ऐसे लेट कर माँ थोड़ी साइड की तरफ
हो गई ऑर भुआ को किस करने लगी ,,,,कभी माँ नीचे लेटी हुई भुआ को किस करती ऑर कभी भुआ के
उपर चढ़के उनको चोदने वाले डॅड को किस करने लगती,,,,मुझे रेखा ऑर बाकी सब की टेन्षन नही
थी लेकिन माँ ऑर भुआ कैसे इतनी करीब आ गई यही बात मुझे सता रही थी,,,लेकिन रेखा की गान्ड की
मस्त चुदाई से आने वाली मस्ती ऑर मज़ा मुझे पागल कर रहा था इसलिए मैं उस बात को दिमाग़ से
निकाल कर बस मस्ती की तरफ ध्यान देने लगा था,,,रेखा का एक पैर सोफे पर था जबकि एक पैर अभी
ज़मीन पर था ऑर वो सोफे पर झुकी हुई थी ,उसके बूब्स हवा मे लटक रहे थे जैसे कुछ देर पहले
माँ के बूब्स लटक रहे थे जब वो कुतिया बनके झुकी हुई थी मेरे हाथ रेखा की कमर से उठकर
जल्दी से रेखा के बूब्स पर चले गये जिन पर अभी भी कुछ थूक लगा हुआ था रेखा का,,,मैने जल्दी
से रेखा एक बूब्स को हाथ मे पकड़ा ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,अब तक जो रेखा मूसल के दर्द
से चिल्ला रही थी उसको कुछ राहत मिलने लगी थी ऑर मज़ा भी आने लगा था बूब्स पर हाथ लगते ही
उसकी आवाज़ निकलने लगी लेकिन इस बार वो आवाज़ दर्द की नही बल्कि मस्ती की थी ,,आहह आब्ब्ब्बब
आय्य्ाआअ माज्जाआअ आब्ब्ब्बब ज्जििट्त्न्नीी तीज्जीई ससी छ्छूड्ड़न्ना हाइी छूद्द लीयी मुुझहहीए
ससुउन्नयी बीत्ताआअ ज्जििट्त्न्नाआ ल्लुउन्न्ड्ड़ घहुउस्साआन्नाअ हहाइईइ ग्घुउस्साअ डदीए मेरेइईईईई
गगाणनद्दद्ड मीईए ऊओरर टीज्जििीइ ससी छ्छूओद्द म्मूउज़्झहीईई आहह ह्म्म्म्म मम
हयीईईईई उउउहह माआआआआआआअ ऊरर टीज़्जज काररर ब्बीत्ताआ ऊर्ररर जजूर्र्रर
ससीए म्मास्साल्ल मेरेरीए ब्बाददी बाददीए उूउउर्रूऊवजजज्ज्ज कककूऊऊओ जजूर्र्र ससीई
म्मास्सालल्ल्ल्ल्ल्ल हहययइईईई क्कीिट्त्न्नाअ माज्जाअ द्दीत्ताअ हहाइईइ त्तीर्रा यईी म्मूस्साल्ल
आहह प्पूउर्राा ग्घहूऊस्स्साअ डदीए बीत्ताआ उउन्नड़दीर्ररर ताअक्कककककककक
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07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रूम मे चुदाई तो सब कर रहे थे लेकिन सबसे ज़्यादा आवाज़ थी रेखा की क्यूकी उसकी चुदाई मैं कर
रहा था,,,,जैसे वो मस्त हो गई थी वैसे मैं भी काफ़ी मस्त हो गया था उसकी भरी हुई गान्ड मार के
मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि मुझे लगा अब मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन मैं इतनी मस्ती
ऑर मज़े को इतनी जल्दी ख़तम नही करना चाहता था इसलिए मैं जल्दी से उसकी गान्ड से लंड बाहर
निकाल लिया ऑर उसको पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया,,,,मैने सब कुछ जल्दी जल्दी से किया तो रेखा भी
कुछ समझ नही सकी,,,,,मैं उसको सोफे पर लिटा कर उसकी टाँगे खोल दी ऑर जल्दी से खुद ज़मीन'
पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी टाँगों के बीच मे उसकी चूत पर ले गया ऑर एक ही पल मे उसकी
पूरी चूत को मूह मे भर लिया,,,,जैसे रेखा के बूब्स माँ ऑर अलका आंटी से बड़े थे वैसे ही
उसकी चूत का चमड़ा यानी के चूत के लिप्स भी माँ ऑर अलका आंटी की चूत के लिप्स से काफ़ी बड़े थे
फिर भी मैने उसकी चूत के लिप्स को पूरा का पूरा मूह मे भर लिया ऑर तेज़ी से चूसने लगा ,,,वो एक
दम से सिहर उठी ओर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी मैने भी अपनी ज़ुबान की उसकी चूत
मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से ज़ुबान को अंदर बाहर करने लगा ऑर साथ ही बीच बीच मे चूत के
लिप्स को मूह मे भरके चूसना शुरू कर देता,,,,उसके हाथ मेरे सर पर थे इसलिए मेरे हाथ फ्री
थे जिनको मैं जल्दी से उसके बूब्स पर ले गया ऑर उसके बूब्स को ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,,

हईीई रीए तूऊ ब्बाद्दा ख्िल्लाददीई हाइईईई सुउन्नयी बीत्ताअ गगाणन्दड़ माररत्ता हहाई टू बही
म्मासत्त कारर दीतता हाइी र जबब्ब्ब छ्छूत्त क्का स्ववाद्द छ्चाकखताअ हहाीइ तूओ डील्ल्ल्ल्ल
ससीए च्चाककत्ता हाईईईईई ज्जििट्त्न्नीी अच्चिईिइ छ्छूत्त तुऊउ च्छुउस्स्टता हाइईइ क्कू नाहहीी छ्छूस्स्ट्ता
आअहह हयइईईई क्कीिट्त्न्ना याद्द क्कीिय्या तुउज़्झहही गाऊंन म्मीई हयीईईई
रीईए ऊरर तेजज्ज़ छ्छूस्स ग्घुस्स्सा द्दी पुउर्रिि ज्जुउब्बाआन्णन्न् मेरेरी छ्छूतततत मीई ऊहह
म्म्मा्आआआ आहह ,,,,,,,,,,,उसकी सिसकियाँ रूम के माहौल को पूरी तरह गर्म
कर चुकी थी बाकी सब लोगो की मस्ती भी अब काफ़ी तेज़ी पकड़ चुकी थी माँ की सिसकियाँ भुआ की सिसकियाँ
सब मिलकर एक अजीब सा मस्ती भरा माहौल पैदा कर रही थी,,,कहीं पच पच की आवाज़ तो कहीं
सिसकियों की आवाज़ ,,इतना मज़ा मुझे भी कभी नही आया था ऑर इतने लोगो के साथ आज तक मैने कभी
चुदाई नही की थी ,,,,,,,


कुछ देर बाद मैने उसकी चूत से मूह हटा लिया ऑर अब तक लंड भी कुछ ठीक हो गया था ,,अब मैं
जल्दी से सोफे पर बैठ गया ऑर रेखा को अपने उपर आने को बोला उसने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से
टाँगे खोल कर मेरे लंड पर बैठ गई लेकिन इस बार उसने लंड को अपने हाथ मे पकड़ कर गान्ड
मे नही बल्कि चूत मे घुसा लिया ,,मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा हंस कर उसकी तरफ देखने लगा तो उसने
जल्दी से मेरे लिप्स पर किस करदी ऑर तक तब लंड उसकी चूत की गहराई मे उतर चुका था ,,उसने मुझे
किस करते हुए अपने जिस्म को उपर नीचे उछालना शुरू कर दिया जिस से लंड उसकी चूत की गहराई तक
अंदर बाहर होने लगा ऑर फिर से एक मस्ती भरने लगी पूरे जिस्म मे,,गान्ड की टाइट पकड़ की वजह
से लंड का पानी जल्दी निकलने वाला था लेकिन चूत काफ़ी खुली थी रेखा की अब लंड काफ़ी देर तक मैदान
मे टिका रह सकता था ,,रेखा ने एक बार मेरे लिप्स पर किस की ऑर फिर हंस कर मुझे देखा मैं उसकी
हसी का मतलब समझ गया उसकी गान्ड मे मेरे मूसल की वजह से दर्द होने लगा था तभी तो उसने
लंड को चूत मे घुसाया था,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे उछल रही थी ऑर उसके हाथ मेरे शोल्डर्स
पर थे ,,उसके बूब्स भी हवा मे उपर नीचे हो रहे थे जिन पर मेरा ध्यान गया तो मैने अपने
हाथ उसके बूब्स पर रख दिए ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा तभी वो आगे की तरफ हो गई ऑर बूब्स की
मेरे फेस के करीब कर दिया मैने भी जल्दी से मूह खोला ऑर एक बूब्स को मूह मे भरके चूसने
लगा जबकि दूसरा बूब जो मेरे हाथ से था उसको ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा ,,रेखा के बूब्स बहुत बड़े
थे एक बूब्स जो मूह मे लेके चूस रहा था मैं उसने मेरे पूरे फेस को कवर किया हुआ था अब
मुझे रेखा की शकल भी नज़र नही आ रही थी लेकिन पूरे फेस पर एक मखमली एहसास हो रहा था
उसका बूब जितना बड़ा था उतना ही सॉफ्ट था ,,मैं उसके बूब्स को कभी उसकी कॅप से मूह मे भरता तो
कभी कहीं ऑर से,,,मैं उसके बूब्स को हर जगह से पकड़ पकड़ कर मूह मे भरके चूसने लगा
था ,,उसके बूब पर जगह जगह निशान पड़ने लगे थे तो उसने जल्दी से अपने दूसरे बूब को हाथ मे
पकड़ा ऑर मेरे मूह एक करीब करके हँसने लगी,,,,,मानो बोल रही हो कि इस ग़रीब पर थी थोड़ा करम
कर्दे ज़ालिम,,,,मैं भी हंस कर उसके दूसरे बूब को चूसना शुरू कर दिया,,,,मैं फुल मस्ती मे था
दिल तो कर रहा था कि खुद उसकी चूत मे झटके लगा दूं लेकिन रेखा काफ़ी तेज थी ऑर उसी तरह उसकी
स्पीड भी काफ़ी तेज थी मेरे लंड पर उछलने की,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी,,,,,,
Reply
07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही

उधर माँ जो विशाल ऑर मामा से चुद रही थी वो मामा के उपर से उठा गई ऑर डॅड ने भी भुआ को
अपने नीचे से उठा दिया फिर माँ भुआ की जगह लेट गई और डॅड ने जल्दी से माँ की चूत मे लंड
घुसा दिया ऑर माँ के लिप्स पर किस करने लगा जबकि भुआ जाके विशाल का लंड चूसने लगी जो उठकर
खड़ा हो गया था ,,,मामा अभी भी नीचे लेटा हुआ था भुआ ने अपनी टाँगे खोली ऑर मामा के उपर
मामा की तरफ पीठ करके मामा के लंड पर बैठ गई ऑर लंड को हाथ मे पकड़ कर चूत मे लेने
लगी लेकिन तभी मामा ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ा ऑर भुआ की गान्ड पर रख दिया भुआ ने
एक पल के लिए विशाल के लंड को मूह से निकाला ऑर मामा की तरफ पीछे मूड के देखा ऑर फिर अपनी
टाँगों को थोड़ा ज़्यादा खोल दिया ऑर मामा के लड पर नीचे की तरफ बैठने लगी लेकिन लंड गान्ड
मे नही घुसा तो मामा ने जल्दी से अपने हाथ पर थूक लगा कर लंड पर लगा दिया ऑर फिर से भुआ
को नीचे होने का इशारा किया ऑर लंड भुआ की गान्ड मे घुसता चला गया,,,,भुआ ने धीरे धीरे
उपर नीचे उछलना शुरू किया लेकिन मामा पक्का कमीना था उसने भुआ की कमर को पीछे से पकड़ा
ऑर खुद अपनी कमर को ज़मीन से उछल उछल कर भुआ की गान्ड मारने लगा,,भुआ को हल्का दर्द
होने लगा था इसलिए भुआ ने विशाल के लंड को मूह से निकाला ऑर सिसकियाँ लेते हुए अपने दर्द का इज़हार
करने लगी लेकिन तभी विशाल ने भुआ के सर को पकड़ा ऑर लंड को वापिस भुआ के मूह मे घुसा दिया ऑर
भुआ की आवाज़ को बंद कर दिया लेकिन दर्द की वजह से फिर भी भुआ की हल्की हल्की आवाज़ कमरे
मे गूँज रही थी,,,मेरा ऑर रेखा का ध्यान उसी तरफ था फिर रेखा ने मेरी तरफ देखा ऑर नज़रो
ही नज़रो मे ये बोला कि कुछ देर पहले तूने भी मेरी एसी ही हालत की थी ज़ालिम,,


विशाल ने अपने लंड को कुछ देर भुआ के मूह मे रखा ऑर फिर भुआ को पीठ के बल मामा की
तरफ झुका दिया मामा ने भी भुआ की पीठ पर हाथ रखा ताकि उसकी झुकने मे सहारा मिल सके ऑर
इसी दौरान मामा ने अपने झटके लगाना बंद कर दिया ऑर भुआ को अपने पेट पर झुका लिया भुआ ने
भी अपने दोनो हाथ ज़मीन पर रख दिए ऑर सहारा लेके झुक गई ऑर अपनी टाँगों की आगे विशाल की
तरफ कर दिया ऑर खोल दिया ,,विशाल ने कोई देर किए बिना भुआ की चूत मे लंड घुसा दिया ऑर एक
ही पल मे तेज़ी से भुआ की चूत को चोदना शुरू कर दिया,,,भुआ के मूह मे अब विशाल का लंड
नही था ऑर अब भुआ 2-2 लंड से चुद रही थी इसलिए रूम मे सबसे तेज सिसकियों की आवाज़ भुआ
की थी,,रेखा भी सिसकियाँ ले रही थी लेकिन रेखा की आवाज़ अब उतनी तेज नही थी जितनी तेज गान्ड मे लंड
लेते टाइम थी,,,,माँ ऑर डॅड की आवाज़ तो बिल्कुल भी नही आ रही थी क्यूकी डॅड माँ के उपर लेट कर उनकी
चुदाई करते हुए उनके लिप्स पर किस कर रहे थे ऑर उनके दोनो हाथ माँ के बूब्स पर थे शायद
पकड़ बना कर वो माँ की चुदाई कर रहे थे,,,,,माँ भी पूरी मस्ती मे डॅड की पीठ पर अपने
हाथ घुमा रही थी माँ ने अपनी टाँगों से भी डॅड की पीठ को जकड कर डॅड को अपने पास
कर लिया था,,,डॅड का लंड छोटा था लेकिन मोटा था आंड उनकी स्पीड तो हम सबसे तेज थी जैसे एशियन
आंड जापानी लोगो की होती है,उनके लंड भी पतले होते है लेकिन स्पीड काफ़ी तेज होती है,,,

कुछ देर बाद भुआ की सिसकियाँ काफ़ी तेज हो गई ,,मतलब वो झड़ने वाली थी ऑर तभी भुआ तेज़ी से आवाज़
करती ऑर चिल्लाती हुई झड़ने लगी विशाल ने तो अपना लंड निकाल लिया भुआ की चूत से लेकिन मामा उसको
अपने से दूर करने को तैयार नही था ,,मामा ने भुआ को कस्के पकड़ा हुआ था ऑर भुआ की सिसकियाँ
फिर से तड़प ऑर दर्द मे बदल गई तभी माँ ने डॅड के लिप्स से अपने लिप्स दूर किए ऑर मामा के
हाथ पर हाथ मारा ऑर भुआ को आज़ाद करने को बोला ऑर साथ ही डॅड को अपने उपर से उठने को बोला
डॅड भी माँ के उपर से उठ गये ऑर मामा ने भी भुआ को आज़ाद कर दिया था,,,अभी माँ जल्दी से मामा
के उपर चढ़ गई ऑर झुक कर मामा के लंड को चूत मे ले लिया ऑर डॅड ने पीछे से माँ की
गान्ड मे लंड घुसा दिया ऑर फिर से चुदाई शुरू हो गई,,,भुआ जल्दी से हटा कर साइड पर लेट गई ऑर
विशाल चलके मेरे ऑर रेखा के पास आ गया ,,रेखा ने विशाल को देखा ऑर मेरे उपर से उतारकर
सोफे पर बैठ गई ऑर अपने सर को सोफे से पीछे की तरफ कर लिया ऑर विशाल का हाथ पकड़ कर उसको
भी सोफे से पीछे की तरफ भेज दिया ऑर मुझे सोफे से खड़ा करके अपने पीछे भेज दिया ,,मैने
उसके पीछे जाके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उसकी चूत पर रखा ऑर अंदर घुसने लगा क्यूकी अब
मेरा दिल उसको ज़्यादा दर्द देने का नही कर रहा था इसलिए लंड को चूत मे डालने लगा था मैं
लेकिन तभी रेखा ने मेरे हाथ से लंड पकड़ा ऑर अपनी गान्ड के होल पर रखा लंड चूत के पानी
से चिकना था इसलिए एक ही बार मे आधे से ज़्यादा अंदर घुस गया लेकिन इस बार रेखा की दर्द भरी
आवाज़ नही निकली क्यूकी सोफे के पीछे से विशाल भाई ने अपने लंड को रेखा के मूह मे घुसा दिया
था शायद रेखा भी यही चाहती थी कि जब मेरा लंड उसकी गान्ड मे जाए तो वो दर्द से चिल्ला नही
सके तभी तो उसने विशाल को सोफे के पीछे अपने सर के पास खड़ा किया था ऑर उसके लंड को मूह मे
ले लिया था,,,,अब फिर से मैं पीछे से उसकी गान्ड मारने लगा ऑर विशाल उसके सर को पकड़ कर उसके
मूह मे लंड पेलने लगा,,मैं भी उसकी कमर को पकड़ कार तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था,,रेखा
की आवाज़ तो बंद थी लेकिन माँ की आवाज़ काफ़ी तेज थी रूम मे अब वो लंड का स्वाद ले रही थी फिर से
ऑर मस्त हो चुकी थी,,,,डॅड अकेले माँ को खुश नही कर सकते थे क्यूकी माँ को 2 लंड से ही
मज़ा आता था,,
Reply
07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भुआ तो शांत हो गई थी लेकिन बाकी सब टिके हुए थे ऑर तभी मामा भी तेज़ी से सिसकियाँ लेने लगा
मामा अक्सर कोई बात नही करता था चुदाई करते टाइम उसके मूह से एक भी लफ़्ज नही निकलता था लेकिन
जब पानी निकलने वाला होता तो उस से पहले उसकी सिसकियाँ शुरू हो जाती माँ भी ये जानती थी इसलिए माँ
ने भी अपनी चूत को मामा के लंड पर मारना शुरू कर दिया ताकि मामा जल्दी झड जाए ऑर ऐसा
ही हुआ मामा तेज़ी से माँ की चूत मारते हुए ऑर चिल्लाते हुए माँ की चूत मे झड गया ऑर सारा
पानी माँ की चूत मे छुड़वा दिया लेकिन माँ मामा के उपर से नही उठी क्यूकी डॅड पीछे से उनकी
गान्ड मार रहे थे मामा का लंड सिकुड कर अपने आप माँ की चूत से निकल गया ऑर साथ मे माँ
की चूत से निकल कर वो सारा स्पर्म भी मामा के पेट पर गिर गया जो मामा के लंड से निकल कर माँ
की चूत मे गया था,,,डॅड की स्पीड काफ़ी तेज थी लेकिन डॅड का लंड भी काफ़ी मोटा था जिस से डॅड का भी
काम जल्दी हो जाना था इस बात के डर से माँ ने खुद अपनी चूत मे उंगली करना शुरू कर दिया
करीब 2-3 मिनट बाद डॅड की सिसकियाँ तेज हुई तो माँ के हाथ की स्पीड भी तेज हो गई ऑर फिर माँ
की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब डॅड के लंड से पानी निकलने लगा तो डॅड ने जल्दी से
अपना लंड निकाला ऑर माँ के मूह के पास जाके लंड को माँ के मूह मे घुसा दिया माँ उपर को
उठ गई ऑर डॅड के लंड को मूह मे भर लिया तभी डॅड के लंड ने पानी निकालना शुरू कर दिया इतने
मे भुआ उठी ऑर जल्दी से मामा के पास आ गई और माँ की चूत से निकला पानी भुआ ने मामा के
पेट से चाट कर सॉफ कर दिया फिर मामा के लंड को भी अच्छी तरह चूस ऑर चाट कर सॉफ कर दिया
डॅड के लंड से भी सारा पानी निकल गया तो माँ ने उनके लंड को भी अच्छी तरफ साफ कर दिया,,,


फिर वो सब आराम से लेट कर मेरे रेखा ऑर विशाल भाई की तरफ देखने लगे,,,विशाल भाई भी अभी
तक टिका हुआ था उसका 7 इंच का लंड रेखा के मूह मे अंदर बाहर होके तेज़ी से रेखा के मूह की
चुदाई कर रहा था ओर मेरा 9 इंच से थोड़ा बड़ा लंड तेज़ी से रेखा की गान्ड तक घुस कर रेखा
की गान्ड की चुदाई कर रहा था,,,रेखा का हाथ भी अब उसकी चूत पर चला गया उसने अपने
सर को सोफे की बॅक पर टिका लिया ऑर एक हाथ को अपने बूब्स पर ले गई ऑर एक को चूत पर ऑर तेज़ी
से बूब्स मसल्ते हुए चूत मे उंगली करने लगी मैने देखा कि वो अपनी चूत मे 3 उंगलियाँ
डालके तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी इसका मतलब था कि वो झड़ने वाली है ऑर ये मतलब भी था
की उसको कम से कम 3 लंड चाहिए होते है एक बार मे ,,एक मूह मे एक गान्ड मे ऑर एक चूत
मे ,,,उसके हाथ की स्पीड जब तेज हो गई तो विशाल ने भी कस्के रेखा के सर को पकड़ा ऑर ज़ोर ज़ोर
से झटका लगा कर उसके मूह को चोदने लगा मेरी भी कमर तेज़ी से आगे पीछे होने लगी क्यूकी मुझे
लगा कि शायद विशाल ऑर रेखा झड़ने वाले है तो क्यू ना मैं भी उन लोगो के साथ ही झड जाउ ऑर
तभी विशाल ने तेज़ी से चिल्ला कर अपने लंड को बॉल्स तक रेखा के मूह मे उतार दिया जो गले से नीचे'
तक चला गया ऑर विशाल ने लंड के पानी को भी रेखा के मूह मे नही गिरने दिया सारा पानी सीधा
गले से नीचे जाके बहने लगा,,,जब सारा पानी निकल गया तो विशाल ने लंड को बाहर निकाला ऑर पीछे
हटके दूसरे सोफे पर गिर गया ऑर विशाल का लंड मूह से बाहर आते ही रेखा की सिसकियाँ निकलने लगी जो
काफ़ी तेज थी ऑर मेरी भी सिसकियाँ अब शुरू हो गई थी मतलब मेरा भी होने वाला था ऑर ये पता
चलते ही रेखा ने अपनी एक उंगली ऑर घुसा ली चूत मे अब उसकी चूत मे 4 उंगलियाँ थी,,,ऑर
उसका हाथ भी तेज़ी से चलने लगा था ऑर मेरी भी स्पीड तेज ऑर धक्का जोरदार हो गया था इस से पहले
कि उसकी चूत से पानी निकलता मेरे लंड ने उसकी गान्ड मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया जब तक मेरा
पानी नही निकला मैने उसकी गान्ड से लंड बाहर नही किया ऑर जैसे ही मेरा लंड बाहर निकला उसकी चूत
से भी पानी की बरसात होने लगी ,,उसकी गान्ड से मेरा स्पर्म भी बाहर निकल आया ऑर उसकी चूत से
पानी के साथ मिलकर सोफे से होता हुआ ज़मीन पर गिरने लगा,,,,,मैं ज़मीन पर ही गिर गया जबकि
वो सोफे पर लेट कर तेज़ी से साँसे लेने लगी,,,

रूम मे हर कोई थक गया था क्यूकी ये चुदाई का खेल बहुत देर तक चला ऑर शायद आगे भी चलने
वाला था,,,,,

सब लोग थक कर अपनी अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश कर रहे थे,,मैं भी ज़मीन पर
गिर गया था ऑर खुद की हालत को ठीक करने की कोशिश कर रहा था ,,,,तभी रेखा सोफे से उतर कर
ज़मीन पर मेरे पास आ गई ऑर मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,अभी तक मेरी हालत ठीक नही हुई थी
मैं अभी भी तेज़ी से साँसे ले रहा था लेकिन उसकी हालत बहुत बेहतर हो गई थी,,,,साली इतनी दमदार
चुदाई के बाद इतनी जल्दी नॉर्मल भी हो गई थी,,,काफ़ी चुड़दकड़ थी रेखा,,,,,

हयी रे कमिने जान ही निकाल दी तूने तो आज मेरी,,,,इतनी जबरदस्त चुदाई की जो इतने दिनो कोई नही
कर सका ,,,इसलिए तो तेरे से मिलने को तरस रही थी मैं,,,साला ये मूसल है कि घोड़े का लंड जो
गान्ड मे जाता है तो पूरी तरह फाड़ कर रख देता है,,,लेकिन एक बात है मज़ा भी पूरा देता
है,,,,वो साथ साथ बोलती जा रही थी ऑर साथ साथ मेरे लंड पर हल्के हल्के हाथ से सहला रही थी जो
लंड अभी तक पूरी तरह से सोया नही था वो फिर से सर उठाने लगा था,,,

तभी विशाल उठा ऑर पीछे वाले सोफे से उठकर उस सोफे पर आ गया जिस पर से उठकर रेखा मेरे पास
आई थी,,,,,,तो छोटे भाई कैसा लगा ये सर्प्राइज़,,,,उसने सोफे पर बैठे हुए ही रेखा के एक बूब को
हाथ मे पकड़ा ओर ज़ोर से दबाते हुए बोला,,,,कितना याद कर रही थी तेरे को,,,हम सब से चुदाई
करवा चुकी है इतने दिन लेकिन फिर भी तेरा नाम लेती रहती थी पता नही क्या जादू कर दिया है
तूने,,,,

अच्छा लगा भाई ये सर्प्राइज़,,,,,मैने इतना ही बोला था कि भाई बीच मे बोल पड़ा,,,,

तो अच्छा क्यू नही लगता ,,मैं लेके आया हूँ तेरे लिए ये सर्प्राइज़,,एरपोर्ट से सीधा गाओं चला गया
थे इसको लेने के लिए,,,,,

भाई आप लेके आए हो इसको??,,,,वैसे अच्छा लगा ये सर्प्राइज़ लेकिन वो सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा जो आपने
देल्ही मे दिया था मुझे,,,,


कॉन्सा सर्प्राइज़ छोटे भाई,,,,

वही दूध मे नींद की गोली वाला,,,,,,मैने इतना बोला तो सब लोग हँसने लगे,,,मामा ,,,माँ
भाई,,,दाद भुआ,,,,ऑर रेखा भी,,,,,


वो तो मजबूरी थी भाई,,,,लेकिन ये बता ये सर्प्राइज़ अच्छा लगा ना,,,,


हाँ भाई बहुत अच्छा लगा,,,,लेकिन वो सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा,,,,


अब कॉन्सा सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा,,विशाल चोन्क्ते हुए बोला,,,,अब क्या कर दिए मैने,,,,

तभी मैने माँ ऑर भुआ की तरफ इशारा किया,,,,ऑर फिर बोला,,,ये सब कैसे हुआ भाई,,,,

ये सब मेरा नही रेखा का चमत्कार है सन्नी,,इसी ने माँ ओर भुआ को एक किया है,,

मैने रेखा की तरफ देखा ऑर रेखा ने मुझे फिर से किस करदी,,,,,हाँ सन्नी ये सब मेरी वजह
से हुआ है,,,,इन दोनो ने मुझे गिफ्ट दिया है ,,,आपस मे बात करके ,,दुश्मनी ख़तम करके,,,

गिफ्ट कैसा गिफ्ट,,,,,,मैं हैरान होके बोला,,,,

तभी रेखा बोली,,,,,लो अब ये भी नही पता तुझे,,,,किसी ने बताया नही क्या तुझे,,,

क्या नही बताया मुझे,,,,??

यही कि मेरी शादी होने वाली है कुछ दिनो मे,,,तभी तो गीता ऑर अशोक आए थे मेरे पास गाओं
ताकि मेरी शादी की कुछ तैयारियाँ करवा सके मेरे साथ मिलकर ,,ऑर भला है कॉन मेरा गाओं मे,,

सच मे मैं खुशी से उछलता हुआ,,,आपकी शादी पक्की हो गई,,,,पर किस से,,,,
Reply
07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वही आदमी तूने देखा था उसको जो चाचा जी के घर से दूध लेके शहर मे बेचने जाता है,,,
मैं सोचा कि अब शादी होने वाली है तो एक ही लंड के सहारे रह जाउन्गी क्यू ना शहर जाके
एक बार सबके साथ मिलकर मस्ती करली जाए,,,,इसलिए जब विशाल ने बताया कि वो घर आ रहा है तो मैने
उसको गाओं ही बुला लिया,,,,कुछ दिन अशोक गीता ऑर विशाल क साथ गाओं मे मस्ती की फिर कोई 4-5 दिन
पहले हम लोग यहाँ आ गये ऑर फिर मस्ती करने लगे,,सुबह शाम,,रात,,,,लेकिन हर टाइम मैं
तुझे ही याद करती रहती,,,,इतने दिनो मे सबने मिलकर इतना मज़ा नही दिया जितना तूने दिया,,,,4 लंड
वो नही कर सके जो तेरे इस अकेले मूसल ने कर दिया,,,,

4 लंड,,,,4 लंड कैसे ,,,यहाँ तो 3 मर्द है,,,,,

अरे वो आया था ना तेरा दोस्त करण,,,,,उसका भी लिया मैने,,,,

साला मैं तो सोच मे पड़ गया,,,,तभी माँ ऑर करण बात कर रहे थे सर्प्राइज़ की ऑर मुझे कुछ
समझ ही नही आ रहा था,,,,,

करण आया था यहाँ,,,,

हाँ ऑर उसकी बेहन भी आई थी सन्नी,,विशाल ने जब ये बात बोली तो उसकी आँखें चमक गई,,,,

तो क्या शिखा दीदी ने भी मस्ती की आप लोगो के साथ मिलकर,,,,,


हाँ बेटा,,,तभी तो मैं यहाँ आई थी ताकि मस्ती कर सकून ,,,इसलिए तो सोनिया को उसकी सहेली के
घर भेज दिया था,,,वो होती तो कों मस्ती कर सकता था,,,,

तभी माँ भी मेरे पास आ गई ऑर भुआ भी,,,,हाँ सन्नी बेटा ,,करण ऑर शिखा यहाँ आ चुके है
ऑर भुआ भी करण के साथ मस्ती कर चुकी है,,,जब ये लोग आए तो शाम को मैने किसी बहाने से
सोनिया को कविता के साथ भेज दिया था,,ताकि हम सब मिलकर मस्ती कर सके,,,

ये बात तो ठीक है मा लेकिन आप लोगो की तकरार कैसे ख़तम हुई,,,,

हम लोगो मे कोई तकरार नही थी बेटा,,,बस कुछ मन मुटाव था जो अब नही रहा,,,अब हम सब
मिलकर रहने वाले है ओर मस्ती करने वाले है,,,,

तभी रेखा बोली,,,,,सब कैसे कर सकते हो मस्ती,,,,आप लोगो की बड़ी अम्मा है ना सोनिया,,,उसको कॉन
शामिल करेगा खेल मे,,,,,

सोनिया का नाम सुनते ही रूम मे हर कोई चुप हो गया,,,,लगता था साँप सूंघ गया है सबको,,,


कॉन करेगा मतलब,,,किसमे है इतनी हिम्मत जो उस जलते अँगारे के पास से भी गुजर सके,,,ये बात
विशाल भाई ने बोली थी,,,

भाई आप हो ना,,आप कोशिश करो,,,,,मैं मज़ाक मज़ाक मे बोला,,,,

ना बाबा ना,,,,मैं नही करने वाला.,,,मुझे मरना नही अभी वापिस जाके जॉब करनी है

आप वापिस चले जाओगे भाई,,,,,


हाँ सन्नी ,,रेखा की शादी एक बाद मैं वापिस चला जाउन्गा,,,,

शादी कब है इनकी,,,,,,???

तभी डॅड बोल पड़े,,,शादी --- तारीख को है बेटा,,ऑर हम सबको जाना है,,,,

ओह्ह शिट दाद,,,,,मैं तो नही जा सकता,,,मेरे तो एग्ज़ॅम है तभी,,,,

रेखा बीच मे बोल पड़ी,,,,,कोई बात नही बेटा,,,,जितनी कसर बाकी है आज रात पूरी कर लूँगी मैं

आज रात,,क्यू कल का दिन भी है ना,,,,,

नही बेटा कल मुझे वापिस जाना है,,,,शादी के बाकी काम भी निपटाने है,,,,इतना बोलकर रेखा ने
माँ ऑर भुआ को बोला,,,,,अब आज रात सन्नी को कोई हाथ नही लगाएगा,,आज रात ये मेरा है बस,,
ज़ी भरके मस्ती करूँगी आज रात मैं इसके साथ,,,

सब लोग हँसने लगे,,,,,,,

लेकिन मैं परेशान हो गया था,,,,आख़िर ये रेखा कॉन थी,,,सब इसको नाम से बुला रहे थे कोई
अपना रिश्ता नही बता रहा था,,,,ऑर ऐसी क्या ख़ास्स बात इसमे जो माँ ऑर भुआ की दुश्मनी ख़तम
करदी इसने,,,ऑर भाई भी इसकी शादी के लिए वापिस आ गया,,,,,लगता है कोई ख़ास्स ही है ये रेखा लेकिन
कॉन है,,,,अब तो पूछ भी नही सकता किसी से,,,,माँ ने मना जो किया था,,,बोला था सही वक़्त आने पर
खुद ही बता देगी,,

उस दिन ऑर रात को मैं बस रेखा की चुदाई करता रहा,,,,बाकी कोई मेरे पास नही आया,,,ना माँ ऑर
ना ही भुआ,,,,,मर्द कोई ना कोई आता जाता था रेखा के पास,,क्यूकी उसको 1 लंड से मज़ा नही आता था,,,

पूरी रात मस्ती होती रही कोई नही सोया,,,,मुझे भाभी ऑर शोबा के पास भी नही जाने दिया किसी
ने,,,,,


जब सुबह रेखा की संतुष्टि हुई तो वो उस रूम से बाहर चली गई ऑर फिर सबको सोने के टाइम मिला
मैं भी सो गया ,,पूरी रात मे रेखा ने निचोड़ दिया था मुझे,,इतना थक गया कि सुबह सोया ऑर
शाम को उठा,,,,

शाम को उठा तो वहाँ रूम मे कोई नही था,,,,उठकर बाहर आया तो नंगा ही अपने उपर वाले
रूम की तरफ चला गया ऑर फ्रेश होके नीचे चला गया,,नीचे सीढ़ियाँ उतर रहा था तो माँ की तेज
आवा आई,,मैं भाग कर नीचे गया कहीं कुछ हो गया है शायद,,,मैं डर गया था,,,लेकिन जैसे ही
नीचे गया देखा कि माँ ऑर डॅड सोफे पर चुदाई कर रहे थे,,,,अभी माँ झड़ी थी इसलिए इतनी तेज़ी
से चिल्लाई थी,,,डॅड भी झड गये थे ऑर सोफे पर बैठ गये थे,,,,मैं जब पास पहुँचा तो
माँ डॅड के लंड पर लगा हुआ स्पर्म चाट कर सॉफ कर रही थी,,,,,

आ गया बेटा,,,रात को लगता है ज़्यादा ही थक गया था शायद ,,,,,,

थकता क्यू नही सरिता,,रेखा ने पूरी रात सोने कहाँ दिया इसको,,,लंड गान्ड मे लेके चिल्लाति
रही लेकिन फिर भी लंड गान्ड मे घुसाती ही रही,,,,ना खुद सोई ना किसी को सोने दिया,,देख
ज़रा पूरा निचोड़ कर गई है इसको,,,,

माँ ने मेरी हालत देखी ऑर हँसने लगी ,,,डॅड भी हँसने लगे,,,

मेरी हालत सच मे ऐसी थी ,,अभी फ्रेश होके आया था फिर भी किसी उजड़ी हुई सलतनत का फ़क़ीर बन
चुका राजा लगता था मैं,,,,सच मे बहुत थक गया था रात भर रेखा की चुदाई से,,,,

अच्छा हुआ रेखा चली गई वर्ना इस बच्चे की जान निकाल देती,,,,,

सही बोला अशोक,,,,ये खुद बड़ा खिलाड़ी बनता है लेकिन इसको नही पता रेखा कितनी बड़ी चुड़दकड़
है,,,

रेखा चली गई,??,,मैने हैरान ऑर उदास होके पूछा,,,,,

हाँ बेटा चली गई रेखा,,,,तू सो रहा था फिर भी सोते हुए तेरे लंड पर पता नही कितनी किस करके
गई है वो,,,,,

वो चली क्यूँ गई माँ,,,???

बेटा शादी को कुछ दिन ही रह गये है ,,काफ़ी काम करने वाले है,,,,ऑर उसका कोई है भी नही गाओं
मे इसलिए तो भुआ,,,मामा ,,विशाल ऑर शोबा सब उसके साथ चले गये है,,,,,

सब के सब क्यू चले गये,,,ऑर गाओं मे कोई क्यूँ नही है,,,,आपके चाचा जी है ना ,,वो रेखा की
शादी की तैयारियाँ कर देंगे,,,,,

तभी अशोक गुस्से से बोला,,,,,,नही सन्नी,,,वो उसकी शादी का कोई काम नही करेगा ऑर ना मैं उसको
करने दूँगा,,तभी तो सब लोगो को उसके साथ भेजा है ताकि हमे उस इंसान का कोई क़र्ज़ नही लेना
पड़े,,,,अशोक गुस्से से बोल रहा था तभी सरिता ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए उसको शांत रहने
को बोला,,,,,

आप गुस्सा नही करो ,,चाचा जी कोई हेल्प नही करने वाले रेखा की शादी मे,,,,

मैं कुछ समझ नही पा रह था मेरा बाप माँ के चाचा जी से इतना चिढ़ता क्यू था ,,,क्यू डॅड की
आँखों मे खून उतर आता था उस इंसान का नाम सुनके,,,आख़िर क्या वजह थी,,,
Reply
07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कुछ शांत होके डॅड उठे ओर मेरे पास आ गये,,,,अच्छा बता तुझे कोई काम तो नही आज,,,

जी नही डॅड लेकिन क्यू,,आपको कोई काम था क्या मेरे से,,,,

हाँ बेटा,,,,विशाल भाई भी गाओं चला गया है उसको कुछ नये कपड़े लेने थे,,लेकिन टाइम नही था
जाते जाते तेरी कुछ न्यू पॅंट्स ले गया है ,,सही फिट आई थी उसको,,,,,,ऑर जाते जाते मुझे कुछ पैसे
दे गया है,,जाके उसके लिए भी शॉपिंग कर्लो ओर अपने लिए भी कुछ शॉपिंग कर लेना,,,

इतना बोलकर डॅड अंदर गये ओर कुछ पैसे लाके मुझे दे दिए,,,,

मेरा भी दिल कर रहा था कहीं बाहर घूमने को,,,,इसलिए डॅड से पैसे लिए ऑर तैयार होके घर से
चला गया,,,,माँ का दिल तो कर रहा था मैं उनके साथ चुदाई करूँ लेकिन मैं बहुत ज्याद थक
गया था ,,अब मूठ मारना या चुदाई करना तो दूर पैशब करने के लिए लंड को हाथ लगाने को
दिल नही कर रहा था,,,,,पैसे पॉकेट मे डालके मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा ताकि उसको
भी साथ लेता चलूं क्यूकी अकेले जाने मे मुझे अजीब सा लग रहा था ऑर अकेला वही तो दोस्त
था मेरा,,,

बाइक लेके करण के घर की तरफ चल पड़ा,,जब करण के घर पहुँचा तो शिखा ने गेट खोला

हाई दीदी,,,,,

हेलो सन्नी,,,,

शिखा ने एक हल्के पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी,,,मैने सोचा कि साला दिन मे भी नाइटी
कुछ ऑर नही पहन सकती थी क्या,,,,नाइटी मे से सारा जिस्म नज़र आ रहा था,,,,बड़े बड़े बूब्स
जो अब पहले से भी ज़्यादा बड़े हो गये थे वो सर उठा उठा कर नीचे से उपर निकल रहे थे,,
दीदी ने मुझे उनके बूब्स की तरफ घूरते देखा ऑर शरमाने लगी,,,,

अंदर आओ ना सन्नी,,दीदी ने अपने बूब्स पर हाथ मलते हुए बोला,,,,,

दिल तो किया अंदर चला जाउ लेकिन इतना थक गया था रेखा की वजह से की लंड मे भी कोई हलचल
नही हो रही थी शिखा को देख कर,,,,,

नही दीदी अभी नही,,,डॅड ने कुछ काम बोला है वहीं करने जा रहा हूँ,,,,सोचा करण को भी
साथ ले जाउ,,,आप करण को बुला दो,,,,

करण तो घर पे नही है,,,,सुबह से कहीं बाहर गया हुआ है,,,,

कहाँ गया है दीदी,,,

तभी दीदी गेट से थोड़ा अंदर हो गई ओर अपने हाथों से अपने बूब्स मसल्ते हुए बोली,,,मुझे
नही पता ,,अंदर आके माँ से पूछ लो वो भी बड़ा याद कर रही है तुमको,,,,

तभी अंदर से आवाज़ आई,,कॉन आया है बेटी,,,,

मुझे पता था शिखा को देख कर तो नही लेकिन अलका को देख कर मेरा मूड खराब हो जाना है
ऑर लंड का बुरा हाल हो जाना है इसलिए मैने जल्दी से बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से भाग गया,,,,

साला पहली बार हुआ था की मैं चूत से दूर भाग रहा था,,,,लेकिन क्या करता अगर रुक जाता वहाँ
तो दोनो ने मिलकर मुझे पूरा का पूरा निचोड़ लेना था,,,जो थोड़ा बहुत रस रेखा ने मेरे अंदर
छोड़ दिया था वो भी शिखा ऑर अलका आंटी ने ख़तम कर देना था,,एक एक बूँद निचोड़ लेनी
थी,,,,,

करण के घर से थोड़ा आगे आके मैने करण को फोन किया तो पता चला कि वो माल मे ही है
पिज़्ज़ा शॉप मे ,इसलिए मैं भी माल की तरफ ही चल पड़ा,,,,


माल की पिज़्ज़ा शॉप मे पहुँचा तो सामने के एक टेबल पर करण बैठा नज़र आ गया ऑर उसके साथ
2 लोग ऑर थे,,,,एक तो थी रितिका लेकिन साथ मे कोई ऑर भी था जो बहुत खूबसूरत था,,


मैं टेबल के पास गया तो करण उठकर खड़ा हो गया उसने मेरे से हाथ मिलाया ऑर मुझे गले
लगा कर मिला,,,,,,

ऑर क्या हाल है सन्नी भाई ,,,,,करण ने मेरे गले लगते हुए पूछा,,,,

मैं भी उसको हग किया ,,,,मैं ठीक हूँ भाई तू बता,,,,,

तभी करण मेरे से दूर हुआ ओर मुझे चेर पर बैठने को बोला,,,,

रितिका को तो तुम जानते ही हो सन्नी भाई,,,,अब इनसे मिलो ये है पायल,,,रितिका के साथ आई है,,

मैं उसकी तरफ देखा तो वो जल्दी से अपनी चेर से उठ गई,,,ऑर मेरी तरफ अपना हाथ बड़ा दिया,
मैं भी चेर से उठा ऑर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए उसके कोमल ऑर सॉफ्ट हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर शाकहन्ड किया तभी हाथ मिलते ही वो टेबल से आगे की तरफ झुक कर मुझे गले लगाने
लगी,,,ये मेरा पहला मोका था किसी लड़की के गले लग्के मिलने का,,,वो भी पहली बार जिस से मिला
था,,,,

उसने आगे बढ़ कर पहले तो मुझे गले से लगा लिया फिर मेरे एक गाल पर अपना गाल टच किया ऑर
हवा मे किस करते हुए दूसरी तरफ के गाल पर अपना गाल टच कर दिया ,,इस बार भी उसने किस
की लेकिन मेरे गालों को अपने लिप्स से टच नही किया,,,,ये कैसा तरीका था मिलने का मुझे समझ
ही नही आया,,,,भाई किस ही करनी थी तो सीधी तरह करती क्यूकी सीधी किस मे मैं बहुत ज़्यादा
एक्सपर्ट हूँ,,,,

उसने एक छोटा सा टॉप ऑर उसके साथ एक शॉर्ट-स्कर्ट पहनी हुई थी ,,उसकी पीठ भी पूरी नंगी थी ओर
शॉर्ट-स्कर्ट की वहज से उसकी टाँगे भी पूरी नंगी थी,,,,उसके बाल एक दम ठीक तरह से बँधे
हुए थे,,,उसने जुड़ा किया हुआ था ऑर एक भी बाल जुड्डे मे से बाहर नही था,,हल्के पिंक कलर
के लिप्स पर हल्की पिंक कलर की ही लिपस्टिक लगी हुई थी,,,जिस्म एक दम तना हुआ था,,ना तो मोटी थी
ज़्यादा ऑर ना ही पतली,,एक दम सही फिगर थे उसका,,,पेट अंदर की तरफ ऑर बूब्स बाहर की तरफ,,
कोई 20-25 साल की लग रही थी,,,बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत थी,,,,लगता था ब्यूटी प्रॉडक्ट्स पर बहुत
ज़्यादा खर्चा करती थी क्यूकी फेस पर बहुत ग्लो थी ऑर एक भी पिंपल नही था फेस पर,,,


उसकी नंगी पीठ पर मेरा हाथ फिसलता जा रहा था ऑर खुद पर क़ाबू पाना मुश्किल हो रहा था
वो कुछ पल ही मेरे से हग करके खड़ी हुई थी लेकिन इतने मे ही दीन द्या ल सर उठाने लगा था,,,

वो मेरे से दूर हुई ओर अपनी चेर पर बैठ गई ,,फिर मैं रितिका को हेलो बोला ओर चेर पर बैठ
गया,,,लेकिन मेरा ध्यान पायल की तरफ था,,,

इनसे मिला तो दिया मुझे करण लेकिन ये तो बताया नही ये है कॉन,,,,

तभी रितिका बोल पड़ी,,सन्नी ये मेरे मामा जी के बेटे की वाइफ है,,,,उसने इतना बोला तो सब लोग उसकी
तरफ देखने लगे,,,,

उसके जवाब मे मासूमियत सॉफ झलक रही थी,,,,
Reply
07-15-2019, 01:52 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही

मैने रितिका की तरफ देखा तो उसने भी आज शॉर्ट्स पहनी हुई थी उसकी भी आधी से ज़्यादा टाँगे
नंगी थी,,,मैने आज पहली बार उसको ऐसे कपड़ो मे देखा था ,,अक्सर वो सूट ही पहनती थी लेकिन
कभी कभी जीन्स टॉप भी होता था लेकिन शॉर्ट्स कभी नही पहने थे उसने,,, लेकिन उसके शॉर्ट्स
इतने भी छोटे नही थे वो घुटनो तक आते थे,,,जबकि पायल की शॉर्ट स्कर्ट तो बहुत ज़्यादा छोटी
थी,,,,

स्टुपिड,,,सीधी तरह नही बोल सकती कि ये तेरी भाभी है,,,,,लेकिन दिखने मे तो नही लगता कि आप
शादीशुदा हो,,,बहुत अच्छे से अपनी फिगर का ध्यान रखती हो आप,,,,ऑर मुझे तो पहली नज़र मे
आपको देख कर ऐसा लगा था कि आप या तो मॉडेल हो या कोई एर होस्टेस्स,,,,

आपकी सेन्स ऑर ह्युमर की दाद देनी पड़ेगी मिस्टर सन्नी,,,क्या नज़र रखते हो आप,,,,सही पहचाना मैं
पहले एर होस्टेस्स अकादमी से ट्रेनिंग ले चुकी हूँ लेकिन कभी जॉब नही की ,,,ऑर ना कभी ज़रूरत
पड़ी,,,,

उसके बोलने से अंदाज़ से ये सॉफ झलक रहा था कि वो काफ़ी पैसे वेल बाप की बेटी है,,,तभी तो
इतने नखरे से बोल रही थी,,,,लेकिन फिर भी एक अलग अंदाज़ था उसका,,,नखरे के साथ हल्की तमीज़
के साथ भी बोल रही थी वो,,,सॉफ ज़ाहिर था वो बहुत तेज थी,,मीठी चोट करती थी ताकि खुद को भी
खुश कर सके ऑर सामने वाले को नीचा भी दिखा दे लेकिन फिर भी सामने वाले को उसकी इस हरकत
का पता नही चले,,,,

हम बहुत शातिर है पायल जी ऑर नज़र भी काफ़ी तेज है हमारी,,,,लेकिन फिर भी हम आपको देख कर
धोखा खा गये,,,,,आप तो शादी शुदा लगती ही नही हमे,,,,,क्या फिगर मेनटेन किया है अपने,,

वो अपनी तारीफ़ से खुश हो गई,,,,थॅंक्स्क्स मिस्टर सन्नी,,,लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि मेरी
शादी को 9 साल हो गये है ऑर मेरा एक ---- साल का बच्चा भी है,,,,

ओह्ह मयी गॉड,,,क्या ये सच है,,,लेकिन आपको देख कर तो लगता है कि आप कॉलेज स्टूडेंट हो,,,कसम
से अपने तो मुझे हैरान ही कर दिया पायल जी,,,,

वो बहुत खुश हो रही थी अपनी तारीफ सुनके ऑर मुझे अजीब नज़रो से भी देख रही थी,,,हम लोग
ऐसे ही बातें करने लगे ओर तभी पिज़्ज़ा आ गया ओर हम पिज़्ज़ा एंजाय करने लगे,ऑर साथ साथ बातें
करने लगे,,,

मेरा ध्यान पिज़्ज़ा खाती हुई पायल पर था ,,वो कुछ अलग ही अंदाज़ मे पिज़्ज़ा खा रही थी,,पिज़्ज़ा
के सॉफ्ट चीज़ को वो अपने दाँतों मे बड़ा कर खींच खींच कर खा रही थी,,ऑर कभी
पिज़्ज़ा स्लाइस को अपने लिप्स पे रख कर हल्के से चूस रही थी,,,मेरा ध्यान उसी तरफ था लेकिन मैं
रितिका से नज़रे बचा रहा था क्यूकी वो भी मुझे देख रही थी,,लेकिन उसका ज़्यादा ध्यान करण की
तरफ था,,,

पिज़्ज़ा खाते ऑर बातें करते हमे 6-7 बज गये ओर फिर मैं ऑर करण उठे ओर काउंटर पर जाके
बिल पे करने लगे,,,तभी मेरा ध्यान रितिका ऑर पायल की तरफ गया जो कुछ बातें कर रही थी मैं'
उनकी बातें तो नही सुन पा रहा था लेकिन इशारों से लग रहा था कि रितिका पायल को कुछ करने से
मना कर रही थी या शायद पायल रितिका को मना कर रही थी,,,क्यूकी रितिका बार बार अपने सर को
ना मे हिला रही थी,,,,अब पता नही वो खुद कुछ करने से मना कर रही थी या पायल को रोक रही
थी कुछ करने से,,,,

हम लोग पिज़्ज़ा शॉप से बाहर निकल आए,,,,,,

चल करण भाई अब शॉपिंग करते है,,,,,

नही आज शॉपिंग नही करनी सन्नी,,,आज कुछ चिल करते है तुम शॉपिंग फिर कर लेना,,,ये आवाज़ थी
पायल की,,,,

क्यू आज शॉपिंग क्यू नही करनी,,मैं तो घर से शॉपिंग के लिए ही आया था,,,,

तो आज रहने दो ना कल कर लेना ,,वैसे भी मैं कुछ ही दिन के लिए यहाँ आई हूँ,,,इतना बोलकर पायल
ने मेरा हाथ पकड़ लिया,,क्या मेरे लिए इतना नही कर सकते,,,,,पायल बहुत ज़्यादा फ्रॅंक थी या
बोलो कि फ्रेंड्ली थी,,,वो मेरे साथ चिपक चिपक कर बात कर रही थी ,,जैसे वो शादीशुदा नही
थी कोई कॉलेज की स्टूडेंट थी ऑर मैं उसके साथ ही कॉलेज मे था ऑर उसका दोस्त था,,उसकी इस हरकत
से करण या रितिका को भी कुछ प्रोबलम नही हो रही थी,,,,

सही बोला है औरत प्यार से चाहे तो कुछ भी करवा सकती है मर्द से,,,ऑर मर्द भी किसी कट्पुतली
की तरह नाचने लगता है औरत की उंगली के इशारे पर,,,,

ठीक है आज शॉपिंग नही करते तो फिर क्या करना है ,,,मैने अपना हाथ पायल के हाथ से दूर
करते हुए पूछा,,,

पायल मेरी इस हरकत से थोड़ा खुश हो गई,,वो समझ गई मैं शरमा रहा हूँ उस से,,,,


चलो मेरे साथ मैं बताती हूँ क्या करना है,,,,,इतना बोलकर वो हमे माल की पार्किंग मे
ले गई जहाँ एक लंबी सी कार खड़ी हुई थी,,,उसने अपने बॅग मे से कार की चाबी निकली ऑर खुद कार
की ड्राइविंग सीट पर बैठ गई फिर दूसरी तरफ का डोर ओपन करके मुझे आवाज़ लगाई ऑर मुझे
अपने साथ आगे की सीट पर बैठने को बोला जबकि करण ऑर रितिका पीछे वाली सीट अर बैठ गये,,,,

फिर उसने कार ड्राइव करनी शुरू की ऑर पता नही किस तरफ चलना शुरू कर दिया,,मुझे नही पता
था ये हमको कहाँ लेके जा रही थी,,लेकिन जल्दी ही पता चल गया,,,

वो हम लोगो को डिस्को क्लब लेके आई थी,,,,मैं पहले कभी डिस्को नही गया था ऑर जाता भी क्या
करने,,,,ना मेरी कोई गर्लफ्रेंड थी ओर ना ही मुझे सिगरेट ओर ड्रिंकिंग की आदत थी तो डिस्को मे आके क्या करना
था,,,,सिर्फ़ नाचने के लिए डिस्को मे आने की क्या ज़रूरत ऑर अगर करण को साथ लेके आता तो लोग हम
दोनो को गे समझते ,,,,,लोल्ज़्ज़्ज़्ज़

कार से उतर कर करण ऑर रितिका आगे की तरफ चल पड़े जबकि पीछे मैं ऑर पायल चलने लगे,,पायल
ने मुझे ऐसे पकड़ा हुआ था जैसे की मैं उसका पति या बाय्फ्रेंड हूँ,,,,वो एयिर्हसटेस्स की ट्रैनिंग
ले चुकी थी शायद इसलिए इतनी फ्रॅंक थी ,,या शायद उसकी नेचर ही ऐसी थी,,,,,

मैं उसके साथ डिस्को की तरफ चल पड़ा तभी हम लोगो के आगे आगे चल रहे करण को डिस्को के
बाहर खड़े एक बाउन्सर से रोक दिया,,ओर अंदर नही जाने दिया तभी पायल ने आगे बढ़ कर बोला,,,

ये लोग मेरे साथ है,,,,,पायल ने इतना बोला था कि बाउन्सर पायल को सॉरी बोलने लगा,,,,सॉरी पायल
मेडम मुझे नही पता था ये लोग आपके साथ है,,,,फिर उसने करण ओर रितिका को भी सॉरी बोला ऑर
हमे अंदर जाने दिया,,,,
Reply
07-15-2019, 01:53 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
जैसे ही मैं डिस्को एक अंदर गया अंदर का नजारा देख कर खुश हो गया ऑर थोड़ा हैरान भी क्यूकी
ऐसा माहौल अक्सर मैने मूवीस मे ही देखा था,,अंदर काफ़ी अंधेरा था लेकिन डिस्को फ्लोर पर
काफ़ी चमकदार लाइट्स चल रही थी,,जो म्यूज़िक के साथ ऑन ऑफ हो रही थी अपनी दिशा बदल रही थी
,,सब लोग म्यूज़िक पर पागलो की तरह उछल कूद कर रहे थे ऑर शायद यहीं इनका डॅन्स था,,सब
के सब आधे नंगे थे,,,मुझे लड़कियों को सूट दुपट्टे मे देखना अच्छा लगता था या फिर
जीन्स टॉप भी ठीक था लेकिन यहाँ तो सब लड़कियाँ शॉर्ट-स्कर्ट मे थी,,,किसी किसी ने तो ऐसी ड्रेस
पहनी हुई थी जिसको देख मुझे भी शरम आने लगी थी मुझे लग रहा था जैसे ये लड़कयँ ग़लती से
नाइटी पहन कर डिस्को मे आ गई थी,,,,मुझे शरमाता देख पायल बहुत खुश हो रही थी,,,ऑर अजीब
नज़रो से मुझे देख रही थी,,,

तभी एक वेटर हम लोगो के पास आया,, पायल मेम आपका टेबल रेडी है,,,,इतना बोलकर वेटर ने
एक कॉर्नर पर लगे टेबल की तरफ इशारा किया ऑर पायल हम लोगो को लेके उस टेबल की तरफ चल पड़ी
उस नाचती फुदक्ति भीड़ के बीच से चलते हुए मुझे बड़ा अजीब लग रहा था,,हर किसी के हाथ
मे ड्रिंक का ग्लास था जो ड्रिंक को उछाल उछाल कर डॅन्स कर रहे था तभी ड्रिंक के कुछ छींटे
मेरे पर पड़े ,,ये सॉफ्ट ड्रिंक नही थी इसमे से अजीब सी बदबू आ रही थी हो ना हो ये शराब थी
मुझे इतना गुस्सा आया कि मैने उस लड़के को पकड़ कर ज़ोर से एक घुसा मारा तो वो लड़का भीड़
के बीच मे गिर गया,,लेकिन किसी को कोई फ़िक्र नही थी उसकी हर कोई अपने डॅन्स मे बिज़ी था इसलिए करण
ऑर पायल ने मेरा हाथ पकड़ा ओर मुझे टेबल की तरफ ले गये,,,,मेरी इस हरकत से रितिका थोड़ा डर गई
थी,,,,

हम लोग टेबल के पास पहुँचे तो करण ने मुझे सोफे पर बिठा दिया ऑर खुद दूसरी तरफ से मेरे
पास आके बैठ गया जबकि रितिका ऑर पायल सामने वाले सोफे पर बैठ गई,,,,

करण ने कोई बात नही की वो समझ गया था मैने उस लड़के को क्यूँ मारा लेकिन पायल बोल पड़ी,,

क्या हुआ सन्नी तूने उसको मारा क्यूँ,,,,,

मैं कुछ नही बोला ऑर आराम से बैठ रहा तभी वो वेटर हम लोगो के पास आया ऑर 4 ग्लास टेबल
पर रख दिए,,,

ये लो ड्रिंक करो ऑर गुस्सा शांत करो सन्नी,,,,पायल ने एक ग्लास मेरी तरफ बढ़ा दिया तभी करण
ने पायल के हाथ से वो ग्लास पकड़ लिया क्यूकी उसमे शराब थी,,,


क्या हुआ करण ये ग्लास सन्नी के लिए है तुम दूसरा उठा लो,,,,

पायल भाभी सन्नी ड्रिंक नही करता इसलये तो उस लड़के को मारा इसने क्यूकी इसको शराब से नफ़रत
है,,,,

ओह्ह अच्छा ,,तो क्या सन्नी तुम मेरी खातिर आज ड्रिंक नही कर सकते,,

नही पायल जी,,,मैं किसी भी हालत मे बदल नही सकता ,,,कुछ असूल है मेरे जिनको मैं किसी की
खातिर नही भूल सकता,,आपकी जगह कोई ऑर भी होता तो भी नही,,,,


तो अगर इस वक़्त तुम्हारी गर्लफ्रेंड तुमसे ड्रिंक करने को कहेगी तो भी नही करोगे क्या,,,,

मेरी गर्लफ्रेंड जो होगी वो मुझे अच्छी तरह जानती होगी,,,वो ऐसी बेहूदा हरकत कभी नही करेगी,ऑर अगर
वो खुद ड्रिंक करेगी तो मैं उसकी टाँगे तोड़ दूँगा,,,,

लो जी मैं तो चिल करने आई थी लेकिन तुमने तो मूड ही खराब कर दिया,,,,,

कॉन कहता है ड्रिंक करके ही चिल होती है,,,,हम लोग ड्रिंक नही करते तो क्या हम लोग चिल नही
करते,,,,

अच्छा बाबा तुम बिना ड्रिंक के चिल कर सकते हो लेकिन मैं नही,,,,इतना बोलकर पायल ने एक ग्लास उठा
लिया,,,,,,,,,,,,,अब सन्नी को तो मेरे साथ चिल नही करनी तो क्या तुम लोग भी नही करोगे,,,

करण ने मेरी तरफ देखा ऑर मैं उसको बोल दिया तेरी मर्ज़ी है,,मैं कुछ नही कहने वाला
तो उसने भी ग्लास नही उठाया,,,,लेकिन पायल ने रितिका को मना लिया ऑर रितिका ने एक ग्लास उठा भी
लिया,,,लेकिन डरते हुए उसने मेरी तरफ देखा,,,,

तुम सन्नी से क्यू डर रही हो रितिका,,,तुम्हारा बाय्फ्रेंड तो करण है जब करण से कोई डर नही तो सन्नी
से कैसा डर,,,,रितिका ने ग्लास मूह को लगाया ऑर तभी एक घूँट पीते ही उसको खाँसी आने लगी ,मैं
समझ गया कि वो भी आज पहली बार पी रही थी उसका भी पीने को दिल नही था लेकिन अपनी भाभी
की वजह से वो ऐसा कर रही थी,,,

कुछ देर मे रितिका ने भी एक पेग लगा लिया ऑर फिर करण को भी पीने को बोला,,,करण ने रितिका को
मना नही किया ओर ड्रिंक करने लगा,,,,पायल बहुत खुश थी करण के ड्रिंक करने से ,,


1-2 पेग के बाद रितिका ऑर करण का काम तो हो गया था लेकिन पायल अभी भी पी रही थी,,वेटर
पेग पे पेग बना कर ला रहा था ऑर वो पीते जा रही थी,,,,

वो काफ़ी नशे मे हो गई थी,,,मुझे अब उसपे गुस्सा आ रहा था ऑर डिस्को मे हर एक लड़की पर जो
आधी नंगी होके डॅन्स कर रही थी ऑर साथ मे ड्रिंक भी,,,,मेरा ध्यान इधर उधर ही घूम
रहा था तभी मेरे पैर पर किसी का पैर लगा जो मेरी पॅंट के अंदर घुसने की कोशिश कर रहा
था,,,मैने देखने की कोशिश की लेकिन तभी वेटर एक पेग ऑर लेके आ आ गया ऑर पता नही पायल ने
उसको क्या इशारा किया की तभी टेबल की लाइट ऑफ हो गई,,,हम लोगो के पास अंधेरा हो गया,,,बहुत
कम लाइट थी वहाँ पर,,,एक छोटी सी लाइट टेबल के नीचे जल रही थी उसी की हल्की रोशनी थी आस पास
मे,,,,हम लोगो को कोई नही देख सकता था ओर तभी फिर से मेरी टाँग पर किसी का पैर लगने
लगा जो मेरी टाँग को अजीब अंदाज़ से टच कर रहा था ,,उस पैर ने अजीब हरकते करनी शुरू करदी
थी ऑर मेरी टाँग को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया था ऑर वो पैर मेरी पॅंट के उपर से होता हुआ मेरे
लंड तक आने लगा था ,,मेरी हालत कुछ पल मे ही खराब होने लगी थी,,,तभी हल्की रोशनी मे
मैने पायल की तरफ देखा तो वो पैर जल्दी से हरकत करना बंद हो गया लेकिन पायल ने मुझे बड़ी
अजीब नज़रो से देखा ऑर स्माइल करने लगी ऑर तभी मैने रितिका की तरफ देखा तो वो कुछ ठीक नही
थी शायद उसको नशा हो गया था,,,वो करण से बातें कर रही थी लेकिन सॉफ पता चल रहा था वो
बहक गई थी,,,फिर जैसे ही उसका ध्यान मेरी तरफ आया उसने डर से फेस नीचे कर लिया,,,

कुछ देर बाद मेरी टाँग पर किसी का पैर लगा मैने जल्दी से टेबल पर पड़ा कुछ खाने का समान
जो प्लेट मे पड़ा हुआ था उसमे से एक स्पून नीचे गिरा दिया ऑर जल्दी झुक कर देखने लगा कि ये किसका
पैर है,,,टेबल के नीचे काफ़ी लाइट थी ,,लेकिन इतनी देर मे वो पैर मेरे पैर से पीछे हट गया था
लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी मुझे उम्मीद नही थी,,,,मेरे सामने बैठी पायल ने अपनी टाँगों
को पूरी तरह खोला हुआ था ऑर उसका एक हाथ उसकी पेंटी के उपर से उसकी चूत पर था,,उसकी एक
उंगली उसकी पेंटी की साइड से उसकी चूत मे घुसी हुई थी,,,मैं ये देख कर दंग रह गया ओर समझ
गया की मेरे पैर पर जिसका पैर टच कर रहा था वो कोई ओर नही बल्कि पायल ही है,,,मैं वापिस
चेर पर बैठ गया ओर पायल की तरफ देखने लगा ओर तभी वो पैर वापिस मेरी टाँग को टच करने
लगा ओर मेरा ध्यान पायल की तरफ गया जो बहुत शर्मा रही थी ओर साथ साथ हल्की स्माइल के साथ एक
नशीले अंदाज़ मे मुझे देख रही थी,,,,उसका पैर मेरे लंड के पास पहुँच गया था तभी
मैने उसके पैर को अपने हाथ से टच किया ऑर जल्दी से उसका पैर पीछे हट गया लेकिन फिर कुछ पल
बाद उसका पैर मेरी टाँग से होता हुआ मेरे लंड के करीब आ गया ऑर मैने फिर से उसके पैर को
टच करना शुरू किया ऑर अपने एक हाथ से उसके पैर को प्यार से सहलाने लगा,,,तभी रितका के हाथ
से एक ग्लास छूट कर नीचे गिर गया लेकिन किसी को पता नही चला लेकिन तभी रितिका खुद मद-होशी
मे टेबल पर गिरी तो एक दम से टेबल हिला जिस से वो पैर वापिस खींचा गया,,करण आगे बढ़ कर
रितिका को संभालने लगा ,,,उसने आज पहली बार ड्रिंक की थी इसलिए बहक गई थी,,,उस को खुद पर
क़ाबू नही था ,,ऑर नही क़ाबू था पायल को खुद पर जो बार बार मेरे से अपना पैर टच
कर रही थी ऑर अब तो मेरा भी बुरा हाल हो गया था ,,,वो सॉफ्ट पैर को कुछ पल हाथ मे पकड़ा
था जिस से एक आग लगने लगी थी पूरे जिस्म मे,,,लेकिन रितिका के हिलते ही सारा काम खराब हो गया,,

तभी पायल बोली,,,,,इसने भी आज पहली बार ड्रिंक की है लगता है कुछ ज़्यादा ही नशा हो गया
है इसको,,,चलो करण इसको डॅन्स फ्लोर पर ले चलो शायद कुछ बेहतर महसूस करने लगे,,इतना
बोलकर पायल खुद उठी ओर रितिका का हाथ पकड़ कर उसको उठा दिया फिर मैं भी उठकर खड़ा हो
गया जिस से करण भी सोफे से उठकर बाहर निकल आया ऑर रितिका को पकड़ कर डॅन्सिंग फ्लोर की तरफ
ले गया,,,,उसके आगे जाते ही पायल ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अपने साथ उसी तरफ ले गई,,,
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