Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-15-2019, 01:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अभी मैं बोल रहा था कि आंटी मेरे बहुद करीब हो गई,,,,,,अच्छा बता मेरे साथ रोल प्ले करेगा क्या,,,,

ज़रूर आंटी जी,,,,आप बोलो आपको कॉन्सा रोप प्ले करना है,,,,,,

मुझे तो यही वाला करना है,,,,,तू सन्नी ओर मैं तेरी अलका आंटी,,,,,

ये तो अभी कर चुके है ,,,आप कोई न्यू बताओ अब,,,,

अच्छा तू बता तुझे कॉन्सा रोल प्ले करना है,,,,,

ऐसे नही चुदाई करते हुए बताउन्गा,,,,,इतना बोलकर मैं आंटी के उपर चढ़ गया,,,मस्ती की वजह से लंड
पहले से अकड़ चुका था मैं लंड को आंटी की चूत मे घुसा दिया,,,,

आहह कुछ सबर कर बेटा,,पहले बता ना रोल कॉन्सा प्ले करना है फिर मस्ती करते है,,,,

नाह्ीऊ आंटी जी मस्ती करते करते रोल की बात करते है,,इतना बोलकर मैने झटके लगाना शुरू कर दिया,,मेरा
पूरा लंड आंटी की चूत की जड तक जाने लगा था,,

आहह आछ्ह्ह्ह्ह बाट्टा कून्न्स्सा रूल्ली प्पलाय क्काररन्ना हाइी ,,,,,ब्बातता ना

स्सच्च बूलुउउ औउन्नती ज्जिई,,,,

हां बोल न्ना अबीतता आज्ज तटूउ कककुउहह बहिी बूल्ल,,

मुउजझी आअज आपपक्के साथ मा बेटे का रोल प्लाय क्कारन्ना हाइईइ,,,आंटी मूह खोल कर
मुझे देखने लगी लेकिन उनके खुले मूह से भी सिकियाँ निकल रही थी,,,,,,

क्या बोल रहा है बेटा कुछ शरम कर,,,,,

शरम कैसी आंटी जी,,,,इसमे क्या बुरी बात है,,,,,मुझे शुरू से भारी बदन की लॅडीस अच्छी लगती है ऑर जैसा
बदन आपका है वैसा ही बदन मेरी माँ का भी है,,,,,,उसके बूब्स भी बहुत बड़े बड़े है,,,,मस्त गान्ड
है उनकी,,,,,,

क्या बूल्ल राहहा हहाई सन्नी,,,,,,

सही तो बोल राहहा हूँ,,,,अब अगर मेरी जगह करण का लंड होता आपकी चूत मे तो क्या अपने उसको चोदने
से मना कर देना था,,,,,जबकि आपको पता हो कि करण का लंड भी मेरे लंड जितना बड़ा है,,,,,


आंटी मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रही थी,,,,,क्या बोल रहा है बेटा कुछ तो शरम कर,,,,,

मैं बेशर्म ही ठीक हूँ अगर बेशर्म रहके माँ के साथ मस्ती कर सकता हूँ तो ठीक है मैं बेशर्म
ही सही,,,,लेकिन एक बात पक्की है अगर एक बार आप भी करण का लंड चूत मे लोगि तो मस्ती किए बिना नही रह
पाओगी,,,उसका लंड भी 9 इंच लंबा है,,,,जब चूत मे जाएगा आपकी तो मस्त कर देगा आपको,,,,,


बस कर सन्नी ऐसे मत बोल प्लज़्ज़्ज़,,,,ये सब अजीब है,,,,,बहुत बुरा लगता है सुनने मे


बुरा क्या इसमे आंटी जी,,,एक बार चुदाई करके तो देखो कारण से,,मज़ा आ जाएगा,.,अगर इस टाइम मेरी जगह
यहाँ करण होता तो अप उसके साथ मस्ती किए बिना रह नही पाती,,,,,

बस बहुत हो गया सन्नी,,,क्या तेरी माँ होती यहाँ तो तू उसको चोद लेता,,,,,

हाँ बिल्कुल चोद लेता अगर वो मना नही करती,,,,,ऑर मैं तो कब्से मोका ढूँढ रहा था आपको ऑर अपनी
माँ को चोदने का,,,,आपको चोदने का मोका मिल गया अब माँ के साथ पता नही कब मोका मिलेगा,,,,

क्या बोल रहा है तू,,कुछ तो सोच सन्नी,,कुछ तो शरम कर,,,,,,वो मुझे समझा रही थी लेकिन चूत मे
अंदर बाहर होता लंड उसको मस्त करता जा रहा था,,,,,

प्ल्ज़्ज़ आंटी एकक बार मेरी माँ बन जाओ,,,,रियल मे ना सही रोल प्ले मे सही एक बार मुझे अपनी माँ को
चोद लेने दो ,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,इतना बोलकर मैं अपनी स्पीड तेज काद्री,,,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ,,,

ठीक है बेटा,,,,आजज्ज तूऊ मुउज़्झहह्ी अपनी माँ सरिता समझ ले,,,,


ऑर आप भी मुझे अपना बेटा करण समझ लो आंटी जी,,,,,,,,मैने स्पीड ऑर भी ज़्यादा तेज करदी,,,,पहले तो
सिसकियों के साथ आंटी सन्नी सन्नी कर रही थी लेकिन जल्दी ही वो करण करण करने लगी,,,मैं उनकी तरफ देख
कर हँसने लगा,,,,लेकिन मस्ती मे शरमाने की जगह आंटी मुझे करण ही बुला रही थी,.


माज्जा आ राहहा हहाइी म,,,,बूल्लू म्मा ंमाज़्जा आ र्हाहहा हाइईइ


हाँ कार्रान्ण बेटा भ्हुत्त मा ज्जा आ राहा हहा,,,टीज़्ज चोद आपपननीी माँ कूओ कार्रान्ण बेटा
ऊरर टीज़्जज आहह उउउहह स्पीदड़ काम मॅट काररन्ना ब्बीत्ताअ,,,

त्ीिक हाइी मा जिित्टनीी टटेज बूलूओगीइ उउतन्ना तेज करूँगा,,,,बस मुज्झहही आपपन्ना अबबीतता ब्बांना
क्कार म्मा्स्स्ती कार्रत्ती र्राहूऊ,,,,,,

आंटी मुझे अपना बेटा करण बना रही थी ऑर मैं उनको अपनी माँ सरिता,,,इस बात से पक्का हो गया था कि आंटी
'भी करण से चुदने को तैयार हो जाएगी ,,,मुझे पक्का यकीन था सीलिए मैं कारण को मेसेज कर चुका था
जब आंटी वॉशरूम मे थी,,,,वो अब किसी भी पल मेरी माँ को लेके यहाँ आने वाला था,,,,,


रोल प्ले करते हुए मैं तेज़ी से आंटी को चोद्ता रहा ऑर आंटी भी मुझे तेज़ी से झटके मारने को बोलती
रही,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,

कौन आ गगया ब्बीतता इतनी सुबह हहूऊंम ल्ल्लूग्गू क्कू ददीईसस्तटुउर्ब्ब क्कररनी,,,,,,,

माँ आप लेटी रहो आराम से मैं देख कर आता हूँ,,,,,,,

लेकिन बेटा अपनी हालत तो देख ज़रा,,,,,आंटी ने मेरे जिस्म पर लगे आयिल की तरफ इशारा किया,,,


कोई बात नही माँ आप फ़िक्र मत करो,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर टवल लपेट कर बाहर चला गया,,,,मैने
देखा कि गेट पर माँ ऑर करण थे,,,लेकिन जैसे ही मैने गेट खोला तो साथ मे शिखा भी थी,,,,

गेट खुलते ही करण मेरे गले लग गया,,,,साले मार लिया मैदान ,,,,,कहाँ है माँ,,,,,

मैने सबको अंदर आने को बोला,,,,शिखा ऑर माँ मुझे देख कर बहुत खुश थी,,,,,

बता ना माँ कहाँ है,,,,मैने गेट बंद किया ऑर टवल के अंदर अपने लंड पर इशारा किया,,,,जो फुल मस्ती
मे खड़ा हुआ था,,,,,माँ ऑर शिखा की नज़र उसपे चली गई,,,,

साले इतनी सुबह सुबह लगा हुआ है मेरी माँ को चोदने मे,,,,

तू भी तो करण बेटा मुझे रात से चोद रहा है,,,,,फिर क्या हुआ अगर इसने तेरी माँ को चोद लिया,,,,इतना
बोलकर माँ और करण हँसने लगे साथ मे शिखा भी,,

मैं सब को चुप रहने को बोला ऑर अंदर चलने को बोला लेकिन कोई आवाज़ किए बिना,,,,,
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07-15-2019, 01:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सब लोग अंदर आ गये ऑर मैं आंटी के रूम की तरफ जाने लगा,,,,तभी अंदर से आवाज़ आई,,,कॉन था बेटा,,,

मैं दरवाजे के पास चला गया,,,,,,,

कोई नही था माँ,,,,

फिर तू वहाँ क्या कर रहा है ,,चल आजा ऑर अपनी माँ को खुश कर,,,,,मैं दरवाजे पर खड़ा था ऑर बाकी
लोग बाहर खड़े मेरी ऑर आंटी की बातें सुन रहे थे,,,,,

ऐसे नही आउन्गा माँ पहले मेरा नाम लो ऑर अपने बेटे को पास बुलाओ अपने,,,,

आजा सन्नी बेटा अब और मत तडपा अपनी माँ को,,,,,

सन्नी नही ,,अपने बेटे को बुलाओ माँ,,,,

ओह भूल गई करण बेटा,,,,,जल्दी आ जाओ ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,

क्या बोला फिर से बोलना माँ,,,,,

जल्दी आ जाओ करण बेटा ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,जल्दी कर तडपा मत अपनी माँ को,,,

आंटी ने इतना बोला ही था कि करण नंगा होके मेरे साथ आके दरवाजे पर खड़ा हो गया,,,,आंटी ने जब
करण को मेरे साथ नंगा देखा तो आंटी का मूह इतना ज़्यादा खुल गया कि एक साथ 2 लंड जा सकते थे
उनके मूह मे,,,,,

क्या मैं आ जाउ माँ आपकी प्यास भुजाने ,,,,करण ने इतना बोला ऑर थोड़ा आगे बढ़ गया,,,उसका लंड अभी
पूरा तन चुका था अपनी माँ को देख कर,,

उसकी माँ जल्दी से उठी ऑर पास पड़े पिल्लो को अपने उपर रख लिया ऑर अपने बदन को छुपाने की कोशिश
करने लगी,,,,,

तभी करण ऑर आगे बढ़ कर बेड पर जाके अपनी माँ के पास बैठ गया,,,उसकी माँ की नज़रे झुक गई,,वो अपने
बेटे से नज़रे नही मिला रही थी,,,,,

क्या हुआ आंटी जी अभी तो बोल रही थी करण बेटा आ जाओ ऑर मेरी प्यास भुजा दो अब करण आ गया तो आपकी
चूत की जगह आपका गला भी सूखने लगा,,,,

मैं ऑर करण हँसने लगे,,ऑर तभी पीछे से माँ ऑर शिखा भी अंदर आ गई,,,,वो भी नंगी हो चुकी थी,,
ऑर हँसते हुए अंदर आ रही थी,,,,

अलका आंटी इतना हैरान हो गई थी कि मुझे डर था कहीं इसको अटॅक नहीं आ जाए,,,,

क्यू अलका मज़ा आया सन्नी का लंड लेके,,अब शर्मा क्यू रही है ,,करन का भी लंड लेले एक बार फिर देख
कितना अमज़ा आता है,,,,इतना बोलकर माँ भी बेड पर चढ़ गई ऑर करण के लंड को हाथ मे लेके सहलाते हुए
अलका आंटी को दिखाने लगी ऑर कुछ देर बाद झुक कर करन के लंड को मूह मे भर लिया,,,इधर मैं
बेड से थोड़ा पीछे खड़ा हुआ था ऑर शिखा मेरे पास थी,,,मेरा लंड भी आकड़ा हुआ था शिखा मेरे पास
आई ऑर हम दोनो किस करने लगे ,,फिर शिखा घुटनो के बल बैठ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी,,,,लेकिन
ज़्यादा देर तक नही,,,,माँ ने करण का ऑर शिखा ने मेरा लंड बस कुछ पल ही चूसा फिर माँ ऑर शिखा
दोनो अलका आंटी के पास हो गई,,,,,,


क्या देख रही है अलका रानी,,,,ये सब हम लोगो का ही प्लान था,,,तुझे भी खेल मे शामिल करने का,,,,

तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा,,,,,हाँ आंटी जी,,,,,ऑर शिखा ही वो लड़की है जो कल मेरे साथ लॅपटॉप पर
थी,,,,,अलका आंटी को कुछ समझ नही आ रहा था,,,,तभी माँ ने आगे बढ़ कर पिल्लो के नीचे से आंटी के
बूब्स को पकड़ लिये ऑर खुद आंटी के उपर होके आंटी के लिप्स पर किस करने लगी,,,आंटी अभी तक बेसूध
ही थी,,,कुछ समझ नही पा रही थी,,,,लेकिन माँ के हाथों ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया ऑर इतने
मे शिखा भी अलका आंटी ऑर माँ के पास चली गई ऑर अलका आंटी के हाथ से पिल्लो लेके साइड पर रख दिया,,,,इस
से पहले अलका आंटी कुछ समझ सकती शिखा ने उनकी टाँगों को खोल दिया ऑर अपने लिप्स रख दिए उनकी चूत
पर और उनकी चूत को मूह मे भरके चूसने लगी,,,,,अलका आंटी की हैरत ख़तम हो चुकी थी वो एक दम
से मस्ती मे आ गई थी,,,एक तो माँ उनको किस करने लगी थी ऑर साथ ही उनके बूब्स को मसल रही थी ऑर नीचे
से शिखा अपनी माँ की चूत पर टूट पड़ी थी ऑर उसको मूह मे भरके चूसने लगी थी,,,करीब 5-7 मिनट
तक माँ अलका आंटी को किस करती रही ऑर फिर उनके बूब्स को चूसने लगी जब अलका आंटी के लिप्स माँ के लिप्स
से दूर हुए तो वो अपनी ही बेटी को उनकी चूत चाट-ते देख थोड़ा हैरान हो गई लेकिन मस्ती की वजह से उनकी
हैरत कहीं हवा मे उड़ गई,,,इधर माँ जल्दी से पलट कर करन के पास हो गई तब तक मैं भी माँ और
उन लोगो के पास चाल गया था,,,,,माँ ने करण के लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर बेड पर झुक गई
जिस से माँ की गान्ड मेरे सामने हो गई ,,मैने कोई देर नही की ऑर अपने लंड पर थोड़ा थूक लगा लिया ,


मेरे लंड पर पहले से आयिल लगा हुआ था लेकिन थूक की वजह से लंड ऑर चिकना हो गया था,,मैने थोड़ा
थूक माँ आकी गान्ड पर लगाया तो मस्ती मे माँ की गान्ड खुलने लगी ऑर मैने माँ की गान्ड के अंदर थूक
दिया ऑर उंगली से हर तरफ लगा दिया,,,फिर अपने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अलका आंटी की तरफ देखते
हुए अपने लंड को माँ की गान्ड मे घुसा दिया,,,,,अलका आंटी कुछ मस्ती मे थी लेकिन अभी भी परेशान
थी,,,,नीचे से शिखा उनकी चूत को चूस रही थी,,ऑर अब शिखा के हाथ उपर अपनी माँ के बूब्स पर
चले गये थे जिनको वो हाथ मे लेके मसल्ने लगी थी,,,,अलका आंटी की सिसकियाँ भी शुरू हो गई लेकिन उस से
तेज थी मेरी माँ की सिसकियाँ जो गान्ड मे लंड लेके मस्ती मे पागल होने लगी थी,,,लेकिन माँ के लिए एक लंड
काफ़ी नही था ,,माँ ने करण के लंड को मूह से निकाला ऑर करण खुद को अड्जस्ट करता हुआ माँ के नीचे
घुस्स कर लेट गया जिस से करण का लंड माँ की चूत तक पहुँच गया ऑर माँ ने अपने हाथ से करण का लंड
पकड़ा ऑर अपनी चूत मे घुसा लिया ,,,,करीब 5-10 मिनट तक मैं पीछे से माँ की गान्ड ऑर करण नीचे से
माँ की चूत मारता रहा ऑर उधर शिखा अपनी माँ की चूत को चुस्ती हुई उनके बूब्स मसल रही थी,,अलका
आंटी कभी अपनी बेटी की तरफ देख रही थी ऑर कभी हम तीनो की तरफ,,,,


शिखा काफ़ी देर से अपनी माँ की चूत को चूस रही थी इसलिए अलका आंटी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर
दिया ऑर शिखा ने सारा पानी पी लिया,,अलका अपनी बेटी को देख कर हैरान हो गई,,,,तभी शिखा उठी ऑर अपनी
माँ के पास जाके उनके लिप्स को किस करने लगी ऑर करण को इशारा करने लगी,,,,माँ ने भी शिखा की तरफ
देखा ऑर मुझे हटने को बोला जिस से माँ उठ गई ऑर करण माँ के नीचे से उठा कर अपनी माँ के पास
चला गया,,,शिखा ने करण के पास आते ही उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ा ऑर फिर मूह मे भर लिया ,,,,अलका
फिर से मूह खोले अपने बेटे ऑर बेटी को देखने लगी थी,,लेकिन उसको असली हैरत तब हुई जब शिखा ने अलका
की टाँगों को खोल दिया ऑर करण को अलका के उपर चढ़के उसको चोदने का इशारा किया,,,,करण भी जल्दी ही
अपनी माँ पर चढ़ गया ऑर अपने लंड को अपनी माँ की चूत मे घुसा दिया ऑर अपनी माँ को किस करने लगा,,

पहले तो अलका बेसूध पड़ी रही लेकिन करण की स्पीड तेज होते ही मस्ती मे वो अपने बेटे का साथ देने लगी



,,इधर मैने भी माँ को बेड पर लेटा लिया ऑर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ तेज़ी से
सिसकियाँ लेते हुए मुझे स्पीज़ तेज करने को बोलने लगी,,,,,आहह ऊरर तीज्ज काररर ब्बीत्टता ऊरर तीएजज़्ज़्ज
फादद्ड़ द्दी आपपनन्ी ,माआअ क्कीी छ्छूटतत ककूऊ प्पूउर्राा मूऊवस्साल्ल्ल ग्घुउस्साआआ डदीए
उउन्नड़दीर्र त्टाककककक आहह ऐसी हहीी बीत्ताअ ऊरर तीएजज ऊरर तीज़्ज़ज्ज ,,,,अलका ने करण के लिप्स से
अपने लिप्स को अलग किया ऑर मेरी ऑर मेरी माँ की तरफ देखने लगी,,,,फिर कुछ ही पल मे अलका की भी सिसकियाँ
शुरू हो गई,,,करण अपनी माँ पर लेट कर तेज़ी से झटके लगा रहा था ऑर दोनो हाथों से अपनी माँ के बूब्स
को मसल रहा था,,,,अलका भी मस्ती मे पागल हो गई ऑर अपने बेटे करण को तेज़ी से चोदने को बोलने लगी,,,


ओररर तीज्ज्ज्ज करन्णन्न् बीत्ताअ आअज्ज ततुउउउ बभिईीई त्टीजजिि ससीए छ्ोपूओद्दड़ आपपननीी माआ ककूऊऊ
प्पूउर्रा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्साअ डदीई आपपननन्िईीईई माआअ क्कीईइ चूटतत मीईए आहह ऊओरर
त्टीज्जज बीत्ताआअ ,,,,माँ ऑर अलका आंटी के सर एक दूसरे से बस 2 फीट दूर थे ऑर बीच मे बैठी हुई थी
शिखा जो कभी अपनी माँ के जिस्म पर तो कभी मेरी माँ के जिस्म पर हाथ घुमा रही थी,,,दोनो बेटे अपनी
माँ को चोदने मे लगे हुए थे ऑर दोनो माँ अपने बेटे को स्पीड तेज करने को बोल रही थी,,,,अलका पहले
बहुत शर्मा रही थी घबरा रही थी लेकिन अब उसकी शरम ऑर डर हवा मे उड़ गये थे,,,,तभी कुछ देर
बाद माँ ने मुझे हटने को बोला ऑर उठकर बैठ गई ऑर अपनी जगह पर शिखा को लेटा दिया ऑर मैने भी
जल्दी से अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से शिखा की चूत को चोदने लगा,,,,
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07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर उस दिन कभी मैने माँ को कभी अलका आंटी को कभी शिखा को चोदा ऑर कभी मैने ऑर करण के
मिलकर माँ शिखा ऑर अलका आंटी को चोदा,,,,हमने अलका आंटी को भी 2 लंड का मज़ा दे दिया,,,कभी चूत
मे मेरा ऑर गान्ड मे करण का लंड तो कभी गान्ड मे मेरा ऑर चूत मे करण का लंड,,,इतनी मस्ती की
हम सब ने मिलकर की अलका आंटी ने तो कभी सपने मे भी नही सोचा था,,,,,,,,वो तो अपने बेटा ऑर बेटी से
मस्ती करके पागल ही हो गई थी,,,,,,




जब चुदाई ख़तम हुई तो करीब नून टाइम हो गया था ऑर 12 बजे का टाइम हो गया था,,,

क्यू अलका कैसा लगा अपने ही बेटे से चुदाई करके,,,,,माँ ने हँसते हुए बोला,,,,,,

दीदी आपने अच्छा नही किया,,,मेरे साथ इतना बड़ा गेम खेला,,,सीधी तरह नही बता सकती थी सब कुछ,,,,,

सीधी तरह बता देती तो शायद तू मेरी बात नही मानती अलका,,,,ये सब करना ज्रूरी था,,,मेरा बेटा सन्नी
मुझे कब्से चोद रहा है,,,फिर उसने करन को भी मेरे साथ मस्ती करने के लिए तैयार किया था,,,फिर बाद
मे पता चला कि करण भी तेरे को बहुत पसंद करता है तुझे चोदना चाहता है,,,,,,

अलका ने करण की तरफ देखा तो करण ने हां मे सर हिला दिया,,,,,

बस फिर करण की खातिर मैने ये सब किया,,,,ऑर ये सन्नी भी तो तेरी मस्त गान्ड पर लट्तू हो गया था,,,

लेकिन ये शिखा कब शामिल हुई आप लोगो के साथ,,,,,,,

ये भी बहुत पहले से शामिल है हम लोगो के साथ ऑर ये ही नही ,,मेरी बेटी शोबा भी शामिल है,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,,,

सही बोल रही हूँ अलका,,,,,,मैं अपने पति से खुश हूँ लेकिन कुछ ज़्यादा ही चुड़क्कड़ हूँ मैं इसलिए तो
अपने ही घर मे अपने पति के अलावा आपने भाई से ऑर दोनो लड़को से चुदती हूँ,,,,विशाल भी मुझे चोदता
है ऑर अब सन्नी भी,,,,अब तो ऐसी आदत हो गई है कि एक साथ 2-3 लंड से ही संतुष्टि होती है,,,,एक लंड से
कुछ नही होता,,,,,,मैं चाहती तो घर से बाहर जाके भी खुद को संतुष्ट कर सकती थी लेकिन इसमे बहुत
टेन्षन होती है ,,बदनामी का डर रहता है लेकिन अब मैं अपने घर मे मस्ती करती हूँ ऑर जब दिल करे
तब मस्ती करती हूँ,,,ना कोई डर ना कोई टेन्षन,,,,,,,ऑर आज के बाद तू भी अपने बेटे ऑर बेटी के साथ जब दिल
करे तब मस्ती कर सकती है,,,बिना किसी डर के,,आख़िर परिवार मे चुदाई के सुख से बड़ा कोई ऑर सुख कहाँ
है ,,,एक चुदाई का सच ही बड़ा होता है सब सुखों से,,,,,,,

अब ना तुझे अपनी पति की याद आएगी ना उसके लंड की याद सताएगी,,,ऑर देख ज़रा करण के लंड को तेरे
पति के लंड से भी कहीं ज़्यादा बड़ा है,,,,,

अलका ने शरमाते हुए करन के लंड को देखा तो सिकुड कर भी कम से कम 4 इंच का था,,,,,

अब शरमाना छोड़ दे,,ऑर दिल खोल कर मस्ती कर अपने परिवार के साथ,,,जब तक करण का बाप वापिस नही
आ जाता,,फिर उसको भी शामिल कर लेना अपने खेल मे,,,,पूरा परिवार मिलकर मस्ती करना फिर,,,,,जैसे मैं ऑर
मेरा परिवार करते है,,,,,,,,,,

इतना बोलकर माँ ने मुझे कपड़े पहनने को बोला ऑर खुद भी कपड़े पहनने लगी,,,,,,,अरे कहाँ चली आप दीदी
रूको ना थोड़ी ओर मस्ती करते है,,,,अलका बोली,,,

नही अलका अब मुझे जाना है,,,मैं तो बस तेरी प्रोबलम दूर करना चाहती थी वो हो गई अब तू अपने परिवार
के साथ सुखी रह,,,

रूको ना आंटी अभी इतनी भी क्या जल्दी है,,,,,


तुझे तो पता है ना मेरी जल्दी की वजह करण बेटा,,,,,,

ओह्ह हां भूल गया मैं आंटी जी,,,,,

माँ ऑर करण की क्या बात हुई मैं कुछ समझा नही ,,,लेकिन मुझे ऐसा लगा कि शिखा भी उनकी बात को जानती
थी इसलिए माँ करण के साथ शिखा भी हँसने लगी,,,,,

अब तुम लोग करो मस्ती मैं चली,,,,,,माँ तैयार होने लगी ऑर मैं भी करण के रूम मे जाके अपना समान
पॅक करने लगा,,,,तभी शिखा ऑर करण मेरे पास आ गये,,,,

थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भाई तेरी वजह से ऑर सरिता आंटी की वजह से अब मैं ऑर दीदी जब दिल करे तब मस्ती कर सकते
है ऑर अब तो माँ भी शामिल हो गई है हम लोगो के खेल मे,,,,

अच्छा वैसे तुझे मज़ा आया करण अपनी माँ को चोद कर,,,,,

हाँ भाई बहुत मज़ा आया,,,,करण बोला,,,,,,,

मुझे भी बहुत मज़ा आया ,,,,शिखा भी बोली,,,,,

अच्छा तो तुम दोनो को सर्प्राइज़ अच्छा लगा,,,,

हाँ बहुत अच्छा लगा,,ऑर जैसे तूने हमे सर्प्राइज़ दिया है वैसे एक सूप्राइज़ तेरा घर पर वेट कर रहा है,,

कॉन्सा सरप्राइज,,,,इस से पहले मैं या कोई कुछ बोलता माँ वहाँ आ गई साथ मे अलका आंटी भी थी,,,उनके जिस्म
पर बेडशीट थी जबकि करण ऑर शिखा नंगे थे,,,,,मैं ऑर माँ वहाँ से चलने लगे तो आंटी ने एक बार
मुझे बाहों मे भर लिया ऑर एक डीप किस करदी ,,,,,,फिर मैं ऑर माँ वहाँ से चल पड़े घर की तरफ,,


करण शिखा ऑर अलका आंटी को मस्ती करने के लिए छोड़ कर,,,,,,,

करण को उसकी माँ मिल गई थी ऑर अलका को उसका बेटा ,,,अब करण बिना किसी डर के अपनी बेहन शिखा के साथ
जब दिल करे तब चुदाई कर सकता था ऑर अलका को भी अब बाज़ार से बैगन लेके आने को कोई ज़रूरत नही थी
उसको इतना बड़ा मूसल जो मिल गया था,,,जो उसके पति के छोटे से लंड से कहीं ज़्यादा बड़ा था,,शिखा भी अब
अपनी माँ ऑर भाई के साथ दिल खोल कर मस्ती कर सकती थी,,,,बोलो तो पूरा परिवार अब एक ही छत के नीचे एक
ही बेड पर हर रात नंगा सोया करेगा बिना किसी डर के बिना किसी टेन्षन के,,ऑर एक दूसरे के जिस्म का सुख
लिया करेंगे,,,,आख़िर इसी को कहते है,,,,परिवार मे चुदाई के सुख से बड़ा कोई सुख नही,,,,,,,


माँ को साथ लेके मैं करण के घर से निकला तो माँ बहुत खुश थी,,,,अलका से तो मस्ती करली बेटा अब ज़रा
घर चल ऑर मुझे भी खुश कर,,ऑर साथ ही तेरे लिए एक सर्प्राइज़ आया हुआ है वो भी देख लेना,,,,

माँ सर्प्राइज़ तो कितने दिन से आया हुआ है आपने मुझे बताया क्यूँ नही,,,

माँ हैरान होते हुए हुए,,,,,तुझे किसने बताया सर्प्राइज़ के बारे मे,,,,,

कविता ने बताया था कॉलेज मे ,,,,लेकिन अपने क्यू नही बताया,,,,,,

अगर तुझे बता देती तो बेटा सर्प्राइज़ कैसे रहता वो,,,,

वैसे सर्प्राइज़ है क्या माँ,,,,,

अब घर जा रहा है ना घर जाके देख लेना,,,,वैसे तेरा दिल खुश हो जाएगा सर्प्राइज़ देख कर,,,,

अभी हम बात कर ही रहे थे तभी मेरा फोन बजने लगा,,,,पॉकेट से मोबाइल निकालने ही लगा था कि बेल
बंद हो गई,,,,,,मैं फिर आगे बढ़ चला ,,,बातें करते हुए मैं ऑर माँ घर पहुँच गये ,,,,माँ ने गेट
खोला ऑर मैं बाइक अंदर करने लगा तभी फोन फिर से बजने लगा,,,,

मैने फोन पॉकेट से निकाला तो देखा ये कामिनी भाभी की कॉल थी,,,,,ओह्ह शिट्ट मैं तो भूल ही गया था
क़ि कामिनी भाभी ने मुझे सुबह घर पर बुलाया था,,,,,अलका आंटी की मस्त गान्ड के चक्कर मे मैं
कामिनी की सॉफ्ट चूत को भूल ही गया था,,,,

हेलो भाभी,,,,,

शुक्र है सन्नी तुझे मेरी आवाज़ तो याद है,,मुझे तो लगा भाभी के साथ-साथ भाभी की आवाज़ भी भूल
गया है तू,,,,,

नही ऐसी बात नही है भाभी बस थोड़ा काम आन पड़ा था इसलिए सुबह नही आ पाया मैं,,,,

अच्छी बात है सुबह नही आया,,,सुबह आता तो काम नही बनता हम लोगो का,,,,अभी कहाँ है तू,,,

मैं बस घर से निकलने ही लगा था भाभी,,,,

अरे वाह,,,,तो ठीक टाइम पर फोन किया है मैने,,,,,मैने भी फोन इसलिए किया था ताकि तुझे याद दिला
दूं,,,कब तक आ रहा है तू सन्नी,,,,

बोला ना भाभी घर से निकलने लगा हूँ,,,,15-20 मिनट मे पहुँच जाउन्गा,,,,


ठीक है ,,,जल्दी आजा फिर,,,इतना बोलकर भाभी ने फोन कट कर दिया ,,,,

किसका फोन था बेटा,,,,,,माँ ने गेट के अंदर से पूछा,,,,

कुछ नही माँ किसी दोस्त का फोन था ,,कुछ काम है मुझे जाना होगा,,,,जब मैं माँ से बात कर रहा
था तो मेरी नज़र पड़ी घर के अंदर खड़ी हुई एक चमचमाती न्यू कार पर,,,जिसका अभी नंबर भी नही
आया था,,,,,मैं न्यू कार देख कर खुश हो गया,,,,मेरा सर्प्राइज़ तो बहुत अच्छा है,,,,,दिल तो कर रहा था न्यू
कार को ड्राइव करने का लेकिन ये कार कहाँ जाने लगी है अब,,अपनी ही है घर पर रहेगी लेकिन भाभी रोज रोज
नही मिलने वाली,,,,,ऑर वैसे भी न्यू कार से कहीं ज़्यादा मज़ा था भाभी की सवारी करने का,,,,,इसलिए माँ को
बाइ बोला ऑर मैं वहाँ से चलने लगा,,,,

पहले अंदर तो आजा बेटा,,फिर चला जाना,,,सर्प्राइज़ तो देख ले ,,,,शायद तेरा जाने को दिल ही नही करे,,,,

वो मैने देख लिया माँ ,,अब मैं चला ,,शाम को आता हूँ,,,,,
Reply
07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
इस से पहले माँ कुछ बोलती मैं वहाँ से चल पड़ा,.,,,,पीछे से माँ ने कुछ बोला भी था लेकिन मेरा
ध्यान नही गया उनकी बात पर,,,मेरे ध्यान मे तो अब भाभी की चूत थी बस,,,,

मैं तेज़ी से बाइक चलाता हुआ भाभी के घर पहुँच गया,,,,बाहर एक कार खड़ी हुई थी जो सूरज भाई की थी
,,तभी सूरज भाई घर से बाहर निकला ऑर उसके हाथ मे कुछ समान था जो उसने कार मे रख दिया,,

इतने मे मैं बाइक साइड पर लगाने लगा,,,सूरज का ध्यान मेरी तरफ हुआ,,,,,

आ गया तू सन्नी,,,,बड़ी जल्दी आ गया,,,,

जी भाई ,,,वो भाभी का फोन आया था,,,,

हाँ हाँ जानता हूँ तभी इतनी जल्दी आ गया तू,,मैने फोन किया होता तो इतनी जल्दी नही आता तू,,,,,इतना बोलकर
सूरज हँसने लगा,,ऑर मेरी बोलती बंद हो गई,,

चल आ अंदर चलते है,,,,

मैं सूरज भाई के साथ अंदर चला गया,,अंदर जाके देखा तो भाभी ,,कविता ऑर सोनिया तीनो बातें
कर रही थी,,,,मैने देखा कि ज़मीन पर कुछ बॅग भी पड़े हुए थे,,,,

अरे जल्दी चलो अब क्या सारा दिन बैठ कर बातें ही करती रहोगी,,जाना नही है क्या,,,,,

मुझे अंदर आते ही कामिनी भाभी ऑर कविता ने मुझे हेलो बोला जबकि सोनिया अपने वहीं हमेशा
वाले अंदाज़ मे मुझे घूर्ने लगी,,,,

जाना है भैया ,,,,इतना बोलकर कविता उठी ऑर एक बॅग उठा कर बाहर की तरफ जाने लगी,,,ऑर जाते जाते
मुझे बड़े अजीब अंदाज़ से हंस कर देख कर गई,,,

सूरज भाई ने मुझे सोफे पर बैठने को बोला ओर खुद भी मेरे साथ बैठ गये,,,,,कामिनी सन्नी के
लिए कुछ चाइ कॉफी लेके आओ,,,,,

जी अभी लेके आती हूँ ,,,इतना बोलकर भाभी किचन की तरफ जाने लगी,,,

नही भाभी रहने दो मैं अभी कॉफी लेके ही आया हूँ,,,,

अरे तुम इतने दिनो बाद आते हो ऑर फिर भी हमे खातिरदारी करने का मोका नही देते,,भाभी ने
हल्के नखरे से बोला,,,,,

हम लोगो ने चले जाना है कामिनी फिर आराम से खातिरदारी करना सन्नी की,,,,इतना बोलकर सूरज हँसने
लगा ऑर साथ मे कामिनी भाभी भी,,,,

लेकिन सोनिया ,,,उसके बारे मे क्या बोलू,,,,

आप लोग कहीं घूमने जा रहे हो क्या सूरज भाई,,,,,

तभी कविता अंदर आ गई,,,,,हाँ सन्नी हम लोग सूरज भाई के साथ घमने जा रहे है,,,,

हम लोग मतलब ,,,,,,,

मतलब कविता ऑर सोनिया मेरे साथ जा रही है,,,,मुझे माँ के पास जाना है उनके कुछ कपड़े यहाँ
पर थे ऑर भी कुछ समान था मुझे वो देने जाना है तो कविता ने बोला कि उसको भी माँ से मिलना
है,,,,ऑर कविता के साथ सोनिया भी तैयार हो गई जाने के लिए,,,,

तो क्यूँ ना तैयार होती,,,मेरी दोस्त है वो,,,,आंड आपको कोई प्रोबलम है क्या अगर सोनिया साथ चलेगी,,,,

हां हां बोलो सूरज भाई क्या प्रोबलम है मेरे जाने से,,एक एक करके कविता ऑर सोनिया दोनो सूरज
भाई के पीछे पड़ गई,,,,,अरे नही मेरी माँ कुछ प्रोबलम नही है मुझे तुम दोनो से मैं तो यूँ
ही बता रहा था सन्नी को,,,,

सोनिया ऑर कविता हँसने लगी साथ मे भाभी भी,,,,,,

सोनिया की तबीयत ठीक नही है कुछ दिन से सन्नी तो मैने सोचा भाई के साथ मैं तो जा रही हूँ तो
क्यू ना सोनिया को भी साथ ले जाउ,,,,,वहाँ माउंटन्स की खुली हवा मे घूम कर शायद कुछ बेहतर
महसूस करे ये,,,,ओर दिल भी बहल जाएगा,,,,

हाँ सन्नी,,तभी तो फोन किया है तुझे,,,,हम लोग शायद कल वापिस आने वाले है,,,या फिर परसो
तब तक तुझे यहाँ रहना होगा भाभी के साथ,,,,,मैने शोबा को भी फोन कर दिया है वो भी
यहाँ रहने आ जाएगी,,,,इतना बोलकर सूरज भाई उठे ऑर मुझे बाइ बोलने लगे,,,
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07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सूरज भाई बाइ बोल कर एक बॅग लेके बाहर चले गये ऑर साथ मे भाभी भी चली गई,,फिर कविता ने भी
मुझे बाइ बोला ऑर बाहर चली गई जबकि सोनिया चुप चाप ही गई थी,,,उसने मुझे बाइ नही बोला,,,

मैं अंदर ही खड़ा रहा तभी एक बॅग जो ज़मीन पर पड़ा हुआ था मेरी नज़र उसपे गई तो मैं बॅग
उठा कर बाहर जाने लगा तभी कविता अंदर आ गई,,,,,

ओह्ह सॉरी मैं ये बॅग भूल ही गई थी,,,

इट्स ओके नोकरानी जी ,,,,हम है ना काम करने के लिए ,,अब नोकरों को तो आदत हो गई है काम नही करने
की,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा तो कविता एक दम से आगे बढ़ कर आ गई ऑर मेरे हाथ से गुस्से से बॅग
खींचने लगी,,,,

ला दे बॅग मैं खुद ले जाती हूँ,,,आंड मुझे नोकरानी मत बोल,,,वर्ना अच्छा नही होगा,,,

बोलूँगा,,तू क्या कर लेगी ,,,

बोला ना मत बोल,,,वर्ना मैं गुस्सा हो जाउन्गी,,,,,

अच्छा बाबा सॉरी गुस्सा मत होना,,,वैसे भी खूबसूरत लड़कियाँ गुस्से मे अच्छी नही लगती,,खुद की
तारीफ सुनकर कविता थोड़ा इतराने लगी,,,,,

क्या मैं तुझे खूबसूरत लगती हूँ,,,ठीक है तो मैं नही करती गुस्सा,,,,वो नखरे से इतराने लगी,,

अरे मैं खूबसूरत लड़कियों के बारे मे बोला है,,,,तेरे बारे मे नही,,तू जितना मर्ज़ी गुस्सा कर
सकती है,,,,इतना सुनकर वो फिर गुस्से से मूह फुलाने लगी,,,,

अच्छा अच्छा बाबा सॉरी ,,,,मज़ाक कर रहा था मैं,,तुम तो बहुत खूबसूरत हो,,,आंड गुस्सा करके अपने
इस खूबसूरत फेस को खराब मत कर,,,,

वो खुश हो गई,,,,थॅंक्स्क्स्क्स झूठी तारीफ के लिए ब्लककी,,,,चल अब बॅग छोड़ मुझे जाना है,,,,

ऐसे कैसे जाना है पहले बाइ तो बोल मुझे,,,

पहले बोला तो था बाइ जाते टाइम,,,अब क्यू बोलू,,,,

नही बोलेगी तो मैं बॅग नही देने वाला,,,,

अच्छा बाइ ब्लककी,,,अब तो बॅग दे मुझे जाना है भाई वेट कर रहा है बाहर,,,,

ऐसे नही प्यार से बोल बयी,,,,

प्यार से ही बोला मैने कॉंका बाइ को पत्थर के साथ बाँध कर तेरे सर मे मारा है,,,,वो फिर
से हँसने लगी,,,,,

ऐसे नही ना प्यार से बोल फिर जाने दूँगा तुझे,,,,,

प्यार से कैसे,,मुझे नही आता प्यार से बाइ बोलना,,,,

मैं सिखा देता हूँ,,,इतना बोलकर मैने उसका हाथ पकड़ा जो बॅग पर था ऑर जल्दी से उनको अपने करीब
खींच लिया,,मैं इतनी तेज़ी से खींचा था उसको कि वो मेरी चेस्ट मे ज़ोर से लगी आके,,,ऑर मेरे
करीब आते ही मैं बॅग को अपने हाथ से अलग कर दिया ऑर बॅग नीचे गिर गया ,,उसके हाथ से भी बॅग
छूट गया था,,,मैने जल्दी से उसको बाहों मे भर लिया ऑर उसके कुछ सोचने या बोलने से पहले ही एक
हाथ से उसको उसकी पीठ से पकड़ा ऑर एक हाथ को उसके सर पर ले गया ऑर अपनी उंगलियों को खोल कर उसके
बालों मे घुसा दिया जिस से मेरे हाथ की पकड़ काफ़ी मजबूत हो गई एक ही पल मे उसके सर पर ,,ऐसे
करके उसका फेस मेरे फेस के करीब हो गया,,,एक ही पल लगा मुझे गर्म होने मे ऑर उतने ही टाइम मे
उसकी साँसे भी आग उगलने लगी थी,,,हार्टबीट तो पूछो मत,,,,

तुझे प्ययारर से बयी बूल्लनना न्ह्ही आत्ता ना,,तैन्शन मत ले आज मैईन्न सीकखहा
द्दीतता हहूँ ,,इतना बोलकर मैं अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए ऑर पिछली बार की तरह उसने एक
ही पल मे मेरे लिप्स को अपने लिप्स से टच होते ही मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,इस से
पहले मैं कुछ करता उसकी ज़ुबान मेरे मूह मे घुस गई ऑर मूह के हर कोने के मुआयना करने
लगी,,उसके हाथ जो अभी तक नीचे हवा मे लटक रहे थे वो एक ही पल मे मेरी पीठ पर चले
गये ऑर मेरी पीठ को प्यार से सहलाने लगे,,,अभी मेरा हाथ उसके पेट पर ऐसे ही पड़ा हुआ था मैं
अपने हाथ को ज़रा भी नही हिला रहा था,,,एक हाथ उसके सर पर टिका हुआ था,,,मैं जब भी इसके
करीब जाता तो गर्म हो जाता ऑर उसको गर्म करने की कोशिश करता लेकिन वो तो मेरे से भी कहीं
ज़्यादा जल्दी गर्म हो जाती थी,,,

उसको तो मस्ती चढ़ चुकी थी वो भी पूरे जोश के साथ ओर उसके जोश ने मेरे जोश को भी भड़का दिया
था,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चलने लगा था ऑर उसके बलों को सहलाने लगा था,,तभी बाहर से
सूरज की आवाज़ आई,,,,

जल्दी करो कविता हमे रात होने से पहले पहुँचना है,,,,,

सूरज भाई की आवाज़ सुनके कविता एक दम से मेरे से दूर हो गई ऑर मुझे भी धक्का देके पीछे
कर दिया,,,मैं पीछे हटके उसकी तरफ देखा तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी,,,उसकी तेज़ी से
चलती हुई साँसे ,,,दिल की तेज धड़कन,,आँखों मे एक अजीब कशिस एक मस्ती भरा नशा ,,इस वक़्त अगर
कोई अंदर आ जाता तो सॉफ समझ जाता कि कविता को क्या हुआ है,,,,वो जैसे तैसे खुद पर क़ाबू करते
हुए खुद को संभालने लगी ऑर मेरे से नज़रे चुराती हुई ज़मीन पर पड़े बॅग को उठाने लगी लेकिन
मस्ती की वजह से एक लहर जो उसके जिस्म मे अभी भी दौड़ रही थी उस लहर ने कविता का खड़ा होना
भी मुश्किल कर दिया था,,,,वो बॅग को उठाने की कोशिश मे झुकी तो ज़मीन पर लड़खड़ा कर गिरने
लगी थी,,,मैं उसकी हालत को पहले से समझ गया था इसीलिए जल्दी से आगे बढ़ कर उसको सहारा देने लगा,,

लेकिन उसने जल्दी से मुझे पीछे धक्का दे दिया ऑर बॅग उठा कर बाहर की तरफ भाग गई ऑर जाते जाते
मुझे थोड़ा गुस्से से देख कर गई,,उसकी आँखें थोड़ी नम हो गई थी,,,वो अपने दुपपत्टे से अपनी
आँखों को सॉफ करती हुई बाहर की तरफ चली गई,,,

मैं यहाँ खड़ा खड़ा बेचैन हो गया था,,,,कविता को क्या हो गया एक ही पल मे,,,अभी तो बहुत
खुश थी अभी रोने लगी ओर गुस्सा भी हो गई,,,क्या मैं कोई ग़लती करदी उसके साथ,,,,लेकिन जब किस
कर रहा था तो वो मेरे से कहीं ज़्यादा उतावली होके मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,तो फिर
एक दम से उसको क्या हो गया,,,,वो ऐसा बर्ताव क्यू करने लगी थी,,,ख़ुसनूमा चेहरा पर एक दम से
उदासी क्यूँ आ गई थी गुस्सा क्यूँ आ गया था,,,मदहोश आँखों मे आँसू क्यू आ गये थे,,,,,वो
खुद को संभाल कर बाहर तो चली गई थी लेकिन अंदर खड़े हुए मेरा खुद को संभालना बहुत
मुश्किल हो गया था,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,,

वो सब लोगो के जाते ही भाभी गेट बंद करके अंदर आ गई ,,,,यहाँ मैं अपने ख्यालों मे खोया
हुआ था ऑर कविता के बारे मे सोच रहा था मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,,

कहाँ खो गये सन्नी,,,क्या सोच रहे हो,,,,भाभी की आवाज़ से मैं अपनी दुनिया मे वापिस आ गया

कुछ नही भाभी,,बस ऐसे ही ध्यान किसी ऑर तरफ चला गया था,,,,
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07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी कुछ अजीब नज़रो से देखने लगी मुझे,,,अब तुम्हारी उमर ही ऐसी है ध्यान तो भटकता ही
रहता है इस उमर मे,,कभी ध्यान इधर तो कभी उधर,,,,

क्या बोला भाभी मैं कुछ समझा नही,,,,,,

कुछ नही मैने तो बोला कि तू आज कल मुझे याद ही नही करता,,तभी तो सुबह आने को कॉल की थी ऑर
अब आया है,,ये तो अच्छा हुआ कि इन लोगो का जाने का टाइम चेंज हो गया ऑर अब गये ये लोग अगर सुबह
ही चले जाते तो मैं अकेली बोर हो जाती,,,

क्या करूँ भाभी थोड़ा काम आन पड़ा था इसलिए नही आ सका,,वैसे इनका जाने का टाइम क्यू चेंज
हो गया भाभी,,,,

कुछ नही सन्नी पहले तो सूरज का माना नही था ऑफीस जाने का उसने सोचा था कि सुबह जल्दी ही चले
जाएँगे ऑर ना ही कविता का मोड़ था कॉलेज जाने का लेकिन सुबह जब सोनिया उठी तो उसने बोला कि
कॉलेज जाना है तो कविता को भी जाना पड़ा ऑर सूरज भी कुछ काम से ऑफीस चले गये,,फिर कविता ऑर
सोनिया तो आ गई जल्दी लेकिन सूरज को टाइम लग गया ऑफीस मे,,,,

पहले क्या बोला अपने ,,सोनिया उठी तो उसने बोला कॉलेज जाने को,,,क्या सोनिया कल रात यहीं सोई थी,,

कल क्या सन्नी वो तो 4 दिन से यहीं थी,,,------देर शाम को वो यहाँ आई थी,,,,

ये तो उस दिन की बात कर रही थी भाभी जिस दिन उसको हल्का बुखार था ऑर जिस दिन सुबह मैं अपना
समान लेके कारण के घर चला गया था,,,,मैं नून टाइम मे गया था जबकि सोनिया कविता के साथ शाम
को यहाँ आ आ गई थी,,,,लेकिन क्यूँ,,,क्या मेरी वजह से,,,क्या उसको मेरा घर से जाना अच्छा नही लगा या अपनी
फ्रेंड के घर मे मन बहल जाता ऑर बीमारी थोड़ी कम फील होती इसलिए सोनिया यहाँ आ गई थी,,,

किस सोच मे पड़ गया सन्नी,,,,,ये उमर सोचने की नही करने की है,,,,

क्या बोला भाभी,,,,सन्नी भाभी की बात सुन नही सका क्यूकी उसका ध्यान कहीं ऑर था,,,


कुछ नही सन्नी,,,,,,,,अच्छा बताओ कुछ खाना पीना है ,,,चाइ या कॉफी,,,,,ओह सॉरी भूल गई थी
तुम तो कॉफी पीक आए हो,,,,कुछ ऑर चाहिए क्या,,,,,

मैं भाभी की बात समझ गया था लेकिन अभी मैं कुछ अजीब सा फील कर रहा था,,,भाभी की तरफ
भी ध्यान नही दे रहा था इसलिए मैं भाभी को कुछ खाने को बनाने के लिए बोला,,,,वैसे भी
आज सुबह से अलका आंटी के साथ ऑर फिर माँ ऑर शिखा क साथ मस्ती कर रहा था,,,,एक कप चाइ भी
नही पी थी सुबह से,,,,बहुत भूख लगी हुई थी,,,,,

क्या खाना है सन्नी,,,,,,भाभी शर्मा ती हुई वही मस्ती भरे अंदाज मे बोल रही थी,,,

कुछ भी बना दो भाभी ,,,तब तक मैं ज़रा शवर ले लेता हूँ,,,थोड़ा थका हुआ हूँ,,,

ठीक है तुम फ्रेश हो जाओ मैं सॅंडविच बना देती हूँ,,,,इस से पहले भाभी कुछ ऑर बोलती मैं
भाभी के रूम की तरफ चला गया,,ऑर बाथरूम मे जाके घुस गया,,

जब शवर लेके बाहर निकला तो देखा कि मेरे पास तो कोई कपड़ा ही नही था,,,अब क्या करूँ,,जो
कपड़े मैने पहने हुए थे उन पर तो आयिल लगा हुआ था,,,,अलका आंटी के घर से भी बाथ लेके नही
आया था मैं ओर मेरे कपड़ो वाला बॅग भी मैं घर पे माँ के पास छोड़ आया था,,,,अब क्या
करूँ ,,,यही सोचता हुआ मैं टवल लपेट कर बाहर चला आया,,,मेरे जिस्म पर बस एक टवल ही था,,

बाहर आया तो देखा सोफे पर शोबा भी बैठी हुई थी,,,,उसने मुझे रूम से बाहर आते देखा तो मेरे
जिस्म पर एक टवल देख कर मस्त हो गई ऑर जल्दी से उठकर मेरे पास आ गई,,,,,,,,


वाह जी वाह क्या बात है ,,मेरे आने से पहले ही भाभी ऑर देवर की मस्ती शुरू हो गई थी,,,,इतना बोलकर
शोबा मेरे से चिपक गई,,,,,

मैने भाभी की तरफ देखा तो भाभी शर्मा रही थी,,,


मैने शोबा को पीछे किया,,,,नही दीदी आप ग़लत समझ रही हो,,,मैं तो अभी आके शवर लेके बाहर
निकला हूँ,,,मेरे कपड़े गंदे हो गये थे इसलिए टवल मे बाहर आ गया,,,,इतना बोलकर मैं भाभी
की तरफ देखा ऑर भाभी को कुछ कपड़े देने को बोला,,,,,

भाभी उठी ऑर हम दोनो के करीब से शरमाती हुई गुजर कर अपने रूम मे गई,,,शायद सूरज भाई
के कुछ कपड़े लेने गई होगी,,,तभी शोबा ने मोका देखा ऑर मेरे से चिपकने की कोशिश की तो मैने
दीदी को पीछे कर दिया ,,,,,,

थोड़ा सबर करो दीदी ,,मुझे भूख लगी है अभी,,,,बाद मे मस्ती करते है,,,इतना बोलकर मैं
डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ने लगा,,,जहाँ सॅंडविच पड़े थे,,,,शोबा हल्के गुस्से से पैर पटकती हुई
भाभी के रूम मे चली गई और मैं बाहर बैठ कर सॅंडविच खाने लगा,,,,,अभी मैं सॅंडविच
खा ही रहा था ऑर शोबा को रूम मे गये 10 मिनट हुए थे कि मुझे भाभी के रूम से हल्की
हल्की सिसकियों की आवाज़ आने लगी,,,,जो कुछ देर बाद तेज होने लगी ये आवाज़ भाभी की थी,,,मैं समझ
गया कि मेरे से दूर होके शोबा से सबर नही हुआ इसलिए भाभी को पकड़ लिया है उसने,,,पहले तो
मेरा मूड नही था मस्ती का लेकिन भाभी की सिसकियाँ सुनकर मेरा लंड खड़ा होने लगा,,,,मैने
जल्दी जल्दी सॅंडविच ख़तम किए ऑर जल्दी से भाभी के रूम की तरफ चला गया,,,,,

रूम के दरवाजे के पास पहुँचा तो अंदर का नज़ारा देख कर दिल खुश हो गया,,,भाभी की सिसकियाँ
सुनकर लंड मे जो तूफान उठने लगा था वो तूफान अब लंड से होता हुआ पूरे जिस्म मे खलबली
मचाने लगा था,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी भाभी की सलवार उतर चुकी थी लेकिन कमीज़ अभी
तक भाभी के जिस्म पर थी ऑर वो भी भाभी की गर्दन तक उठी हुई थी,,,भाभी की ब्रा भी उपर की
तरफ उठी हुई थी ,,,भाभी के दोनो बूब्स नंगे थे ऑर शोबा उनको हाथों मे लेके मसल रही थी
ऑर भाभी की दोनो टाँगे खुली हुई थी ऑर उन खुली टाँगों के बीच मे शोबा अपने सर को भाभी
की चूत पर टिका कर लेटी हुई थी,,,,,शोबा भाभी की चूत को मूह मे भरके चूस रही थी ऑर
दोनो हाथों से भाभी के बूब्स को मसल रही थी,,,भाभी मस्ती मे ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी
लेकिन जैसे ही भाभी की नज़र मुझपर पड़ी तो भाभी की आवाज़ कुछ दब गई ऑर उन्होने शरमाते हुए
अपने मूह पर हाथ रख लिया ,,लेकिन शोबा इतनी मस्ती से भाभी की चूत को चूस रही थी कि भाभी
मूह पर हाथ रख कर भी अपनी सिसकियाँ पर क़ाबू करने मे नाकाम हो रही थी,,,,भाभी की आवाज़
कुछ देर के लिए कम हुई तो शोबा ने सर उठा कर भाभी की तरफ देखा ऑर फिर भाभी की नज़रो का
पीछा करते हुए शोबा का ध्यान भी मेरे उपर पड़ गया तो शोबा ने हाथ का इशारा करके मुझे
अपने पास बुलाया ऑर मैं किसी डोर से बँधा हुआ शोबा ऑर भाभी के पास खिंचा चला गया,,,

बेड के पास जाते ही शोबा ने मेरा टवल एक दम से खींच कर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया ऑर मेरे
फुल हार्ड हो चुके लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर बिना देर किए मेरे लंड को पहली बार मे ही आधा
मूह मे भर लिया ऑर फिर मूह को पीछे करके लंड को मूह से बाहर निकाल दिया ऑर मूह से थोड़ा
थूक लेके मेरे लंड पर लगा दिया ओर अच्छी तरह से हाथ से थूक को मेरे लंड पर मलने लगी ,,,
कुछ देर हाथ मे लंड सहलाने के बाद उसने फिर से लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे
पूरा का पूरा लंड मूह मे भरके गले से नीचे तक ले गई,,,,भाभी बेड पर लेटी हुई शोबा की इस
हरकत को आँखे फाड़ फाड़ कर देख रही थी क्यूकी भाभी की कभी इतनी हिम्मत नही हुई थी कि
मेरा पूरा लंड मूह मे ले सके,,,लेकिन शोबा की बात कुछ ऑर थी,,,,उसने लंड को पूरा मूह मे लिया
ऑर फिर मूह को तेज़ी से आगे पीछे करते हुए लंड को चूसने लगी,,,लेकिन वो सिर्फ़ इतने से खुश नही थी
उसने मेरे हाथ पकड़े ओर अपने सर पर रख दिए ऑर मुझे अपनी कमर हिलाने को बोलने लगी मैने
भी उसका इशारा समझा ऑर उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर तेज़ी से उसके मूह मे लंड पेलने लगा
मेरी कमर तेज़ी से आगे पीछे होने लगी लेकिन शोबा का सर उस से भी तेज़ी से आगे पीछे हो रहा था,,,

उधर शोबा भाभी की चूत मे उंगली कर रही थी लेकिन मस्ती मे सिसकियाँ लेने की जगह भाभी बड़ी
हैरत से शोबा के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को देख रही थी,मेरा लंड शोबा के मूह मे था जबकि उसका
एक हाथ भाभी की चूत पर था जबकि एक हाथ से उसने बेड पर सहारा लिया हुआ था जिस से वो कुतिया की तरह झुक कर
मेरे लंड को चूस रही थी,,,लेकिन जल्दी ही उसने पीछे हटके लंड को मूह से निकाल दिया ऑर मुझे
बेड पर उपर खींच लिया ,,मेरे बेड पर जाते ही शोबा ने जल्दी से भाभी को भी उठा कर बिठा
दिया ऑर भाभी की कमीज़ ऑर ब्रा को निकाल दिया जिस से भाभी बिल्कुल नंगी हो गई ,,शोबा ऑर मैं तो
पहले से नंगे थे,,,अब मैं बेड पर खड़ा हो गया जबकि शोबा ऑर भाभी घुटनो के बल बेड पर
बैठी हुई थी,,,,शोबा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी के मूह की तरफ बढ़ा दिया ,,भाभी
ने भी शरमाते हुए अपने मूह को खोल लिया लेकिन लंड को मूह मे लेने से नखरा करने लगी,,,तभी
शोबा ने अपने एक हाथ को भाभी की चूत की तरफ बड़ा दिया ऑर भाभी की चूत मे उंगली घुसा
दी ऑर तेज़ी से भाभी की चूत को उंगली से चोदने लगी,,,,उंगली की मस्ती से भाभी की मस्ती भी बढ़ गई
तो उन्होने मूह खोल कर लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन भाभी लंड को
बस 3 इंच तक ही मूह मे ले रही थी ,,तभी शोबा ने भाभी के मूह मे जाते हुए मेरे लंड को अपने
हाथ से पकड़ा ओर भाभी के मूह से निकाल कर अपने मूह मे ले लिया ,,ऑर एक ही बार मे आधे से ज़्यादा
लंड को मूह मे लेके चूसने लगी ओर भाभी की तरफ देखने लगी,,,मानी शोबा भाभी को बोल रही
हो कि ज़्यादा से ज़्यादा लंड मूह मे लेक चूसो तभी चूसने वाले ओर चुसवाने वाले दोनो को मज़ा
आता है,,,,भाभी ने हां मे सर हिला कर अपनी सहमति जता दी ऑर तभी शोबा ने लंड को भाभी के
मूह की तरफ कर दिया ऑर भाभी ने भी लंड को मूह मे ले लिया ऑर हल्के हल्के चूसने लगी लेकिन
अभी भी भाभी 4 इंच तक लंड मूह मे ले रही थी ,,,शोबा ने एक हाथ से लंड को पकड़ा ऑर एक
हाथ को पीछे से भाभी के सर पर रख दिया ओर भाभी एक सर को लंड की तरफ आगे बढ़ा दिया जिस
से भाभी के मूह मे लंड करीब 6 इंच तक अंदर चला गया ऑर जाके उनके गले से टकरा गया,,भाभी
ने जल्दी से लंड को मूह से निकाला ऑर खांसने लगी ऑर कुछ थूक भी उनके मूह मे जमा था वो उनके
मूह से बाहर निकल आया तभी शोबा ने उस थूक को भाभी के मूह से सॉफ किया ऑर मेरे लंड पर
लगा कर अपने हाथ से अच्छी तरह मल दिया ऑर फिर भाभी के सर को पकड़ा ऑर लंड को उनके मूह मे
घुसा दिया,,भाभी का खांसना अभी तक ख़तम नही हुआ था कि लंड फिर से उनके मूह मे घुस
गया ऑर शोबा ने उनके सर को तेज़ी से आगे किया तो लंड फिर उनके गले से लगा तो भाभी ने फिर से
खांसने के लिए लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन इस बार शोबा ने उनको लंड मूह से
नही निकलने दिया ऑर भाभी ऐसे ही लंड को मूह मे लिए हुए खांसने की कोशिश करने लगी,,,,भाभी
की आँखों मे भी पानी आ गया लेकिन शोबा नही रुकी ,,उसने भाभी के खाँसते हुए ही भाभी के
सर को फिर से आगे किया तो लंड उनके गले से टकराता हुआ गले से नीचे तक उतर गया ,,शोबा ने जल्दी
से अपने हाथ को मेरे लंड से हटा लिया जिस से बाकी का लंड भी भाभी के गले से नीचे तक उतर गया
ओर भाभी को खांसने का मोका भी नही मिला,,,भाभी की आँखें बाहर निकल आई लेकिन शोबा फिर
पर कोई असर नही हुआ ,,उसने भाभी के सर को पकड़ा ऑर थोड़ा पीछे किया फिर जल्दी से आगे कर दिया जिस
से लंड एक बार फिर से उनके मूह मे पूरा अंदर तक घुस गया,,,मेरी बॉल्स भाभी के लिप्स पर टच
हो रही थी मतलब मेरा पूरा लंड उनके मूह मे था,,,शोबा ने अभी तक भाभी के सर को पकड़ा हुआ
था फिर शोबा उठी ऑर भाभी के पीछे जाके बैठ गई लेकिन उसका एक हाथ अभी भी भाभी के सर पर
था ,,उसने भाभी के पीछे जाके भाभी के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर हल्के हल्के भाभी के
सर को आगे पीछे करने लगी,,,,मेरा लड 6 इंच तक भाभी के मूह मे था जबकि 3 इंच लंड भाभी
बाहर था जो बार बार अंदर बाहर हो रहा था,,,,शोबा मेरे लंड को भाभी के गले से बाहर
नही निकालने दे रही थी उसको पता था एक बार लंड गले से बाहर आ गया तो भाभी दोबारा से शोबा
को ऐसा नही करने देगी इसलिए वो लंड को ज़्यादा बाहर नही निकालने दे रही थी,,,,भाभी से अब बर्दाश्त
'नही हो रहा था उन्होने अपने हाथों से मेरे लंड को मूह से निकालने की कोशिश की लेकिन शोबा ने
जल्दी से मुझे भाभी के हाथ पकड़ने को बोला तो मैने भी मस्ती मे भाभी के हाथ पकड़ लिए
क्यूकी अभी मैं मस्ती एक सातवे आसमान पर था अगर लंड बाहर निकल जाता तो मैं फिर से ज़मीन
पर आके गिरता,,,,
Reply
07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भाभी के हाथ पकड़ लिए ऑर शोबा पीछे से भाभी के सर को मेरे लंड पर आगे पीछे कर
रही थी,,,,मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी चूत मे लंड पेल रहा हूँ इसलिए मस्ती मे
मेरी कमर आगे पीछे हिलने लगी थी ऑर मैं भी भाभी के गले मे अपने लंड को अंदर तक घुसाने
लगा था,,,कुछ देर बाद भाभी की हालत ठीक हो गई,,,आँखों से निकलने वाला पानी भी रुक गया ,,,,,


लेकिन भाभी के मूह से निकलने वाला पानी उनके मूह से होता हुआ उनके बूब्स पर ऑर फिर उनकी
टाँगों पर गिरता हुआ बेड पर पहुँच गया था,,,तभी शोबा उठी ऑर भाभी के साथ आके बैठ गई
ऑर भाभी के मूह से लंड निकाल लिया ऑर तभी भाभी के मूह से खूब सारा थूक निकला जो भाभी
ने बेड पर उगल दिया,,शोबा भाभी को देख कर हँसने लगी ,,भाभी खांसने लगी ,,फिर शोबा ने
मेरे लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर भाभी के सर को पकड़ा ओर अपनी तरफ कर लिया वो भाभी
को दिखा रही थी कि लंड कैसे चूसा जाता है,,,शोबा ने लंड को पहली बार मे पूरा मूह मे लिया ऑर
गले से अंदर तक घुसा लिया फिर अपनी ज़ुबान को मूह से बाहर निकाल लिया जिस से उसके मूह मे ज़्यादा
जगह बन गई ऑर लंड को मूह मे घुसने मे आसानी होने लगी,,,शोबा ने लंड को 2-3 मिनट तक
चूसा ऑर फिर मूह से निकाल दिया ऑर भाभी की तरफ बढ़ा दिया भाभी ने भी एक ही पल मे मूह खोला
ऑर लंड को मूह मे भर लिया ओर एक ही बार मे 5-6 इंच लंड मूह मे ले लिया ,,ऑर इतने ही लंड को मूह
मे लेके चूसने लगी ,,,कुछ देर बाद भाभी ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली ऑर शोबा की तरह लंड को
'पूरा मूह मे लेने की कोशिश करने लगी लेकिन भाभी को इस काम मे मुश्किल हो रही थी फिर भी
भाभी ने हार नही मानी ऑर 2-3 बार कोशिश करने के बाद भाभी ने मेरे पूरे लंड को ,मूह
मे घुसा लिया था ,,,लंड गले से टकराता हुआ नीचे तक चला गया ऑर भाभी ने पूरे लंड को मूह
मे लेके चूसना शुरू कर दिया,,,भाभी की इस हरकत से शोबा खुश हो गई ऑर झुक कर भाभी के
बूब्स को चूसने लगी,,,क्यूकी अब भाभी ने खुद लंड को पूरा मूह मे लिया था इसलिए अब उनको भी
मस्ती की ज़रूरत थी इसलिए शोबा उनको खुश करने लगी,,
Reply
07-15-2019, 01:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद शोबा ने भाभी के मूह से लंड निकाला ऑर भाभी को बेड पर लेटा दिया,,भाभी बेड
पर पीठ के बल लेट गई ऑर भाभी की गर्दन बेड से नीचे लटक रही थी,,,शोबा खुद भाभी की
टाँगों के बीच मे चली गई ऑर मुझे बेड से नीचे जाने को बोला,,,मैं बेड से नीचे उतर कर
भाभी के सर के पास आ गया,,शोबा ने मुझे इशारा किया ऑर मैं अपने लंड को भाभी के मूह
मे घुसा दिया,,भाभी के सर बेड से नीचे की तरफ झुका हुआ था ऑर मैं भी भाभी के उपर
झुक गया जिस से मेरा सर भाभी के पैट पर आ गया लेकिन शोबा ने मेरा सर पकड़ा ऑर मुझे ऑर आगे
तक खींच लिया जिस से मेरा सर भाभी की चूत पर चला गया,,,मेरे दोनो हाथ बेड पर थे ऑर
मैं भाभी पर झुक कर अपने लंड को उनके मूह मे घुसा चुका था ऑर हल्के हल्के लंड को आगे
पीछे करने लगा था,,,,भाभी के मूह मे मेरा लंड अभी आधा ही अंदर बाहर हो रहा था,,,लेकिन
इतने से ही मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,,,,तभी शोबा ने भाभी की टाँगों को खोल दिया ऑर मेरे
सर को भाभी की चूत पर रख दिया मैने भी कोई देर किए बिना भाभी की चूत को मूह मे भर
लिया ऑर चूसने लगा,,,,चूत के मेरे मूह मे जाने से भाभी की मस्ती चढ़ने लगी ऑर भाभी ने अपने
दोनो हाथ मेरी कमर पर रख दिए ऑर मुझे तेज़ी से अपने पूरे लंड को उनके मूह मे घुसने का
बोलने लगी,,,मैने भी भाभी का इशारा मिलते ही अपनी कमर को नीचे किया और मेरा पूरा लंड उनके
मूह मे गले से नीचे तक चला गया ऑर मैने हल्के हल्के अपनी कमर को हिलाना शुरू किया ,,मेरा
पूरा लंड अब भाभी के मूह मे घुस गया था ऑर गले से नीचे उतर गया था ,,इधर मैं भाभी
की चूत को चूस रहा था मेरे साथ ही शोबा भी भाभी की टाँगों के बीच मे लेट गई ऑर अपने
लिप्स को भाभी की चूत के पास कर दिया ऑर मेरे साथ साथ खुद भी भाभी की चूत को चूसने लगी

बीच बीच मे कभी कभी शोबा मेरे लिप्स पर किस करने लग जाती तो कभी कभी भाभी की चूत
के लिप्स को मूह मे भर लेती,,,मैं भी कभी कभी शोबा को किस करता तो कभी भाभी की चूत
को मूह मे भर लेता,,,ऑर कभी हम दोनो भाभी की चूत को चूस्ते ,,ऐसा करीब 12-15 मिनट तक
हुआ ऑर फिर भाभी के हाथ जो मेरी कमर पर थे भाभी ने उस से मुझे तेज़ी से हिलाना शुरू कर
दिया मैं समझ गया कि भाभी अब झड़ने वाली है तो मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर कुछ ही पल
मे भाभी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ,,जैसे ही भाभी की चूत से पानी निकला शोबा ने
मेरे सर को भाभी की चूत से दूर कर दिया ऑर खुद भाभी की चूत पर अपना मूह लगा कर '
भाभी की चूत से निकलने वाले पानी को पीने लगी,,तभी मैं अपनी कमर को तेज़ी से हिलाता हुआ शोबा
की तरफ देखने लगा तो उसका बदन भी झटके मारने लगा था मतलब वो भी पानी बहा रही थी ,,ऑर
इधर मेरा भी पानी निकलने वाला हो गया 2-2 चूत के पानी को देख कर ऑर मैने तेज़ी से अपनी कमर को
हिलाते हुए भाभी के गले से अंदर तक अपना लंड घुसा दिया ओर तभी लंड ने पिचकारी मारना शुरू
कर दिया ऑर मेरा पानी भाभी के गले से अंदर तक चला गया,,,

हम तीनो का पानी निकल गया ऑर मैं बेड से नीचे होके ज़मीन पर लेट गया ,,शोबा भी बेड पर
गिर गई ऑर भाभी भी ऐसे ही लेटी हुई तेज़ी से साँसे लेने लगी,,,,


हम सब थक गये थे लेकिन नही,,शायद कोई था जो अभी नही थका था,,,क्यूकी ज़मीन पर लेटे हुए
मुझे अपने लंड पर किसी के हाथ का एहसास हुआ,,,मैने देखा तो ये शोबा थी,,जो मेरे लंड पर
लगे हुए स्पर्म को चाटने के लिए नीचे आई थी,,,,उसने मेरे लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर '
उससे स्पर्म को चाटने लगी जो भाभी के मूह मे जाने से बच गया था,,,मैं आराम से लेटा रहा ऑर
उसको स्पर्म चाट कर सॉफ करने दिया ,, लेकिन उसका दिल कुछ ऑर ही कर रहा था उसने स्पर्म चाट कर
सॉफ करने के बाद भी लंड को मूह से नही निकाला ऑर चुस्ती रही,,,मैं समझ गया कि अब ये चुदाई
करवाना चाहती है ऑर ऐसा ही हुआ उसने लंड को फिर से मूह मे पूरा घुसा लिया ,,मेरा लंड अभी
तक ठीक से सिकुडा भी नही था कि फिर से ओकात मे आने लगा ऑर हार्ड होने लगा,,,जिसको हार्ड होने मे
2 मिनट भी नही लगे,,क्यूकी शोबा का लंड चूसने का अंदाज़ ही बड़ा मस्त था जो सोते हुए लंड
को भी कुछ पल मे भी पूरा हार्ड कर देती थी,,,,,,

लंड हार्ड होते ही शोबा जल्दी से मेरे उपर चढ़ गई ऑर बिना देर किए अपनी टाँगे खोल कर मेरे उपर
आ गई फिर हाथ पर थोड़ा थूक लिया ऑर उसको अपनी चूत पर या गान्ड पर लगा लिया ,,मुझे नही
पता चला कहाँ लगाया पता तभी चलना था जब लंड अंदर घुसना था ऑर तभी लंड एक टाइट होल
'मे घुस्स गया तो मैं समझ गया शोबा ने थूक गान्ड पर लगाया था,,,गान्ड के होल पर लंड रखते
ही शोबा नीचे की तरफ बैठने लगी जिस से लंड गान्ड मे घुस गया,,लंड पर भी थूक लगा था ऑर
गान्ड पर भी इसलिए एक बार मे ही लंड पूरा अंदर चला गया,,,,ऑर तभी शोबा ने अपने हाथ मेरी
चेस्ट पर रखे ऑर लंड को गान्ड मे लेके उपर नीचे उछलने लगी,,,वो तेज़ी से ऑर पूरा लंड गान्ड
मे लेके उछल रही थी,,ऑर उसकी सिसकियाँ भी शुरू हो गई थी,,,,भाभी अभी तक बेड पर लेटी हुई खुद
पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी लेकिन शोबा की आवाज़ सुनके भाभी का ध्यान शोबा ऑर मेरी
तरफ आया तो भाभी हैरान रह गई थी क्यूकी अभी तो मैं झडा था ऑर अभी फिर से मैं शोबा की
चुदाई करने लग गया था ,,,भाभी को मेरे झड़ने का तो पता लग गया था लेकिन शोबा का पता नही
चला था,,,,शोबा की सिसकियाँ सुनकर भाभी उठकर बैठ गई और हम दोनो की तरफ देखने लगी,,,

शोबा की सिसकियों ने भाभी पर भी असर कर दिया ऑर भाभी का हाथ उनके बूब्स पर चला गया ऑर
भाभी अपने हाथों से अपने बूब्स मसल्ने लगी,,,शोबा की सिसकियाँ थी ही इतनी तेज जिसने भाभी को
फिर से मस्त कर दिया था,,,,,,
Reply
07-15-2019, 01:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अहह ससुउउन्न्ञनयी ऊररर त्टीज्जज्ज्ज आहह त्तीज्ज्जीई ससीई चहूओद्दड़ आपपनन्िईीईई
ब्बीहानन्न ककूऊऊओ हहयइीई माआ क्कीत्त्न्नईए डििईन्न्णणन् ससीए ताद्दाप्प्प राहहिि त्तिी
तीर्रीए इसस्स मूआसस्स्स्स्साल्ल्ल सीसी ल्लीइयईीई हहयइीई माआआआ आहह उऊहह
आब्ब्बब ज्जाकक्क़ीए ईीीइसस्स गाअन्नद्द्द्दद्ड कककूऊ आर्राआंम्म्म आय्या हहाइईईईईईई उउउहह
म्म्म्मा आआआआअ हहयइईईई ऊरर टीज्जििइई ससी काररर म्मेरेरी ब्बाहहिईिइ शोबा की मस्ती
भरी आवाज़ सुनकर मेरी कमर ज़मीन से उपर उठने लगी ऑर मैं कमर उठा उठा कर शोबा की
गान्ड मे लंड पेलने लगा,,,शोबा मेरे उपर झुक गई ऑर खुद हिलाना बंद कर दिया क्यूकी उसकी स्पीड
से कहीं ज़्यादा तेज हो गई थी मेरी स्पीड,,,उसको पता था वो हिलती रही तो मुझे स्पीड बरकरार रखने
मे दिक्कत होगी इसलिए वो रुक गई ऑर मेरे उपर झुक गई ऑर मुझे किस करते हुए सिसकियाँ लेने लगी,,
जैसे जैसे मेरी स्पीड तेज हुई वैसे वैसे उसकी आवाज़ भी तेज हो गई,,,,,आहह म्मेरेरीई
प्ययारीई बभहाइईईई ऊरर टीज़्जज छ्छूओद्द आपपननन्िईिइ बीहानं ककूऊव र टीज़्जज्ज गाणनदडड़
माआररर आपपनन्ी ब्बीहान्णन्न् क्क्कीईईईईई आहहूरर त्टीज्जज छ्छूओद्द मेरेरी बाहहिईिइ
आहह शोबा की आवाज़ सुनके भाभी बेड से नीचे आ गई ऑर हम दोनो के पास बैठ गई ऑर
शोबा की पीठ पर हाथ फिराने लगी तभी शोबा ने भाभी की तरफ देखा ऑर भाभी को किस करने
लगी लेकिन एक ही पल बाद वो उठी ओर बाहर भाग गई ,,,मैं ऑर भाभी कुछ नही समझ सके कि वो
भाग कर क्यूँ गई ऑर जल्दी ही वो वापिस आ गई ऑर उसके हाथ मे था एक नकली लंड उसने नकली लंड को
भाभी के हाथ मे दिया ऑर पलट कर मेरे उपर चढ़ गई लेकिन पहले वो पेट के बल मेरे उपर चढ़ि
थी लेकिन इस बार पीठ पर बल,,,,उसने अपने टाँगों को खोला ऑर मेरे उपर आ गई ऑर गान्ड को मेरे
लंड के उपर कर लिया मैने भी लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उसकी गान्ड के होल पर रखा तो उसने
नीचे होके लंड को गान्ड मे घुसा लिया ऑर आपने दोनो हाथों को ज़मीन पर रख दिया जिस से
उसको सहारा मिल गया ,,फिर वो मेरे लंड पर उछलने लगी ,,उधर भाभी ने अपने हाथ मे पकड़े हुए
नकली लंड को मूह मे भर लिया ऑर अच्छी तरह चूस कर थूक लगा दिया ऑर फिर उस लंड को शोबा
की चूत मे घुसा दिया,,,शोबा भी अपनी माँ की तरह चुड़क्कड़ हो गई थी एक लंड से खुशी नही
मिलती थी अब उसको इसलिए नकली लंड भी चूत मे लेने क लिए साथ मे लेके आई थी,,,उसको पता था मैं
यहाँ अकेला हूँ ऑर एक लंड से उसका क्या होगा,,,,


गान्ड मे मेरा लंड ऑर चूत मे भाभी का नकली लंड लेके शोबा की सिसकियाँ पूरे घर मे गूंजने
लगी थी,,,,,,,आहह बभब्भहिि ीसससी हहिईिइ प्पूउर्राा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउऊस्स्साअ द्दूव
म्मेरेइईइ चूत्त म्मी ऊओरर टीज्जिि ससीए ब्बाहभहिी प्पूउर्रा उउन्नड़दीर्रर ताआक्कककककक
डाअल्ल्ल द्दूऊव र फाड्दड़ दूओ म्मेरेइईइ छ्छूवततत कककूऊऊओ स्साल्ल्लीी ज़्जबब्ब्ब द्डेक्खूओ
ल्ल्लुउउन्न्ञदड़ कककक ल्लीइयईी त्तार्रास्स्त्तीी रीहहत्तिीई हहाइईइ आजज्ज साररीि त्टाद्दाप्प्प ममीताआ द्दूव
ईसस्ककीईईई आहह उउउहह ब्बाहहिईिइ तुउुउउ बभिि टीज़्जजििइई ससी गाणन्ँदडड़
म्माआररर आप्प्पननन्ी बीहान्णन्न् क्कीईईईई ग्घहुऊऊस्साअ दीए प्पूउर्रा म्मूस्सालल्ल्ल म्मेरेयिइ
गगाणन्ंदड़ क्क्कीी जाद्दद्ड त्टाकककक ऊररर प्फ़ादद द्दी मेरेयिइ हहारममि गाणन्ंदड़ कक्कूव आहह
उउउहह माआआ क्कीिट्त्न्ना माज्जाअ आर्राहहा हहाइईईई हयीईई आहह
क्कीिट्त्न्ना बाद्दा ल्लुउउन्न्ड्ड़ हहाइईइ मेरेरीए बब्भ्ाइईईई क्कााअ क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा द्दीतत्तता
हहाइईइ आप्प्पनन्ी बीहानन्न क्कूव गाणन्ंदड़ क्कू ऊरर टीज़्ज बभहाइईइ ऊरर तीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज


नीचे से मैं शोबा की गान्ड को तेज़ी से चोद रहा था ऑर सामने से भाभी तेज़ी से अपना हाथ हिला कर
नकली लंड को शोबा की चूत मे घुसा रही थी,,,शोबा पागलो की तरह सिसकिया ले रही थी ऑर ज़ोर ज़ोर
से चिल्ला रही थी वो पहले भी झड़के हटी थी इसलिए मैं जनता था इश्स बार वो जल्दी नही झड़ने वाली
थी लेकिन 2 तरफ़ा हमले से उसकी हालत खराब हो गई थी ऑर सिसकियाँ ये बता रही थी कि वो झड़ने वाली
है ऑर ऐसा ही हुआ करीन 5-8 मिनट बाद शोबा की सिसकियाँ इतनी तेज हो गई कि उसकी चूत ऑर गान्ड
दोनो ने पानी भरना शुरू कर दिया ,,,पानी निकलने के बाद उसने भाभी के हाथ को हटा दिया लेकिन
जब मेरे उपर से उठने लगी तो मैने उसको कस्के पकड़ लिया क्यूकी मेरा अभी तक नही हुआ था,,,मैं
भी पहले पानी निकाल चुका था इसलिए मुझे भी अब काफ़ी टाइम लगने वाला था इसलिए मैने शोबा को
कस्के पकड़ लिया लेकिन तभी भाभी ने आगे बढ़ कर मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर मैने
भी भाभी को किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया साथ ही भाभी का हाथ शोबा की गान्ड पर जाते हुए
मेरे लंड पर चला गया ऑर भाभी ने हाथ मे पकड़ कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया मैं
समझ गया कि भाभी ऐसा क्यू कर रही थी वो शोबा को मेरे से दूर करने की कोशिश कर रही थी
ताकि मैं शोबा को छोड़ दूँ मैने भी शोबा को छोड़ दिया ऑर शोभा के डोर हटते ही मैने
भाभी को ज़मीन पर लेटा लिया ऑर जल्दी से भाभी के उपर चढ़ गया ऑर भाभी की चूत मे लंड
घुसा दिया,,,,,मैं इतनी ज़्यादा मस्ती मे भाभी के उपर चढ़ा था ऑर इतनी जल्दी मे भाभी की चूत
मे लंड घुसाया था कि लंड एक ही बार मे पूरा अंदर तक चला गया ऑर झटके से जाके बच्चेदानी पर
लगा तो भाभी को एक तेज चीख निकल गई लेकिन मैं मस्ती मे पागल हो गया था उस भाभी की परवाह
किए बिना तेज़ी से भाभी को चूत मारने लगा,,मेरा हर एक झटका तेज ऑर पूरी रफ़्तार पर था भाभी
लगातार चिल्ला राही थी तो मैने भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर भाभी की आवाज़ को दबा
दिया ऑर वैसे ही पागलो की तरफ भाभी को चोदता रहा,,,भाभी के हाथ मेरी पीठ पर थे जिस से
भाभी मेरी पीठ को नाखूनो से कुरेद रही थी लेकिन मेरे पर इसका कोई फ़र्क नही पड़ रहा था
मैं उसी तेज़ी से भाभी को चोद रहा था ऑर पागलो की तरह उनको किस कर रहा था,,मेरे घुटने
ज़मीन पर लगे हुए थे जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी इसलिए मैने एक पल के लिए स्पीड
कम की ऑर रुक कर भाभी को अपनी गोद मे उठा लिया ऑर ऐसे ही लंड को भाभी की चूत मे रखते
हुए भाभी को बेड पर ले गया ऑर जाके बेड पर लेटा दिया,,लेकिन अपने लंड को भाभी की चूत से
निकलने नही दिया ऑर बेड पर जाते ही फिर उसी तेज़ी से भाभी की चूत मारने लगा,,,,
Reply
07-15-2019, 01:51 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी चिल्लाती रही लेकिन मैं उसी स्पीड से चुदाई करता हुआ भाभी के लिप्स पर किस करता रहा जिस से
भाभी की आवाज़ कुछ कम हो जाती लेकिन भाभी फिर भी चिल्ला रही थी,,,,मेरा झटका काफ़ी तेज था
ऑर स्पीड भी काफ़ी तेज थी,,मैं जल्दी झड़ने वाला भी नही था अब,,तभी मैं भाभी के उपर से
उठा ऑर भाभी की टाँगों के बीच मे बैठ गया,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी जबकि मैं भाभी
की टाँगों के बीच मे बैठा हुआ था,,मैने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी की चूत मे
घुसा दिया ऑर भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर पर रख लिया ऑर दोनो तरफ से हाथ घुमा
कर भाभी के बूब्स पर रख दिए,,जिस से मुझे अच्छी ख़ासी पकड़ मिल गई ऑर मैं तेज़ी से भाभी
की चुदाई करने लाग,,,,अब भाभी के लिप्स मेरे लिप्स से आज़ाद थे इसलिए भाभी की सिसकियाँ ऑर चिल्लाना
शुरू हो गया,,,,,,,


हईीई री क्काममिन्न्नी जानं क्क्ययउउू नीईकाल्ल राहहा हहाइी आरामम्म ससीए कच्छूड्द ल्ली
मायन्न्न क्कोन्न्न्स्सा क़ाहहिन्न भ्ागगीइ जेया राहहिि हहूऊवंन्न हहयईए माआआ क्कीिट्त्न्ना
ब्बुउराअ छ्छूओद्द राहहा हाइी तुउउउ सुउन्नयययी कककुउक्च्छ ट्टू ररीहामम्म कार्ररर आपपंनी
बभ्ब्भिि पीरररर आहह उउउहह हमम्म्ममममममममममम
म्माआअ माआररर गगयइिीईईईईईईईईई आर्रामम्म ससी क्काररल्लीए क्काममिन्नीईई बभभिईीईईई
हूऊवंन्न ट्तीररीई क्कूविइ रर्रांन्दडीईईई न्ंहिईीईईईईईई ज्जूऊ ईट्त्न्निईिइ जजूर्र ज्जोर्र ससीए ककूट्त
राहहा हहाइईइ मेररीईई चहूवतत ककूऊऊओ म्म्माईआआअ हयीईईईईईई


भाभी तेज़ी से चिल्ला रही थी जबकि मैं तेज़ी से चुदाई कर रहा था उधर शोबा की हालत ठीक हुई तो
वो भाभी की हालत देख कर ऑर मेरी तरफ देख कर हँसने लगी,,,,,तभी उसने ज़मीन पर पड़ा हुआ
नकली लंड उठा लिया ऑर जल्दी से भाभी के पास आ गई ऑर नकली लंड को अपने मूह मे भर लिया ऑर
चूसने लगी ऑर कुछ देर बाद उस लंड को भाभी के मूह मे घुसा दिया ,,भाभी लंड नही चूस
रही थी तो शोबा ने खुद ही लंड को उनके मूह मे अंदर बाहर करना शुरू कार दिया,,फिर कुछ देर
बाद वो मेरे पास आई ऑर मुझे किस करते हुए भाभी को पलट कर लेटने को बोलने लगी,,मैने भी
जल्दी से भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर से नीचे उतारा ओर भाभी को बेड पर एक तरफ करवट लेके
लेटा दिया ऑर खुद उनके पीछे चला गया,,,तभी शोबा ने भाभी की एक टाँग को पकड़ा ऑर उपर हवा
मे उठा कर मेरे हाथ मे पकड़ा दिया फिर नीचे होके मेरे लंड को मूह मे भर लिया ओर चूस
कर भाभी की गान्ड पर रखा ओर गान्ड पर तोड़ा थूक लगा दिया,,मैं भी एक ही पल मे भाभी
की गान्ड मे लंड घुसा दिया,,,लेकिन भाभी की गान्ड शोबा की गान्ड से काफ़ी टाइट थी इसलिए मुझे
8-10 तेज तेज झटके मारने पड़े तो जाके लंड पूरा घुसा भाभी की गान्ड मे ,,लेकिन इतने झटको मे
भाभी की हालत खराब हो गई ऑर वो तेज़ी से चिुल्लती रही,,,उनका चिल्लाना कम करने के लिए शोबा ने
नकली लंड को उनके मूह मे घुसा दिया ऑर उनकी आवाज़ को बंद कर दिया ,,फिर शोबा सामने की तरफ
भाभी के साथ लेट गई ऑर नकली लंड को भाभी के मूह से बाहर निकाल लिया ऑर भाभी की चूत
मे घुसा दिया भाभी इस के लिए तैयार नही थी इसलिए हिलने जुलने लगी लेकिन भाभी की एक टाँग मेरे
हाथ मे थी जिस से मैने भाभी को क़ाबू किया हुआ था ऑर सामने से शोबा ने भाभी को क़ाबू
कर लिया था,,शोबा ने अपने लिप्स से भाभी के लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ ही भाभी
की चूत मे नकली लंड को पेलना शुरू कर दिया,,,,,ऑर एक हाथ से शोबा ने भाभी के एक बूब को
पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,


गान्ड मे मेरा मूसल लेके भाभी को तकलीफ़ हो रही थी लेकिन नकली लंड से भाभी को चूत मे
मस्ती चढ़ने लगी जिस से भाभी को आराम मिलने लगा ऑर अब लिप्स पर शोबा का किस करना ऑर बूब्स को
मसलना ,,ये सब काफ़ी था भाभी का दर्द कम करने के लिए ऑर उनको मस्त करने के लिए,,,शोबा का हाथ
बड़ी नज़ाकत से भाभी की चूत मे नकली लंड घुसा रहा था ऑर दूसरा हाथ भाभी के बूब्स को
मसल रहा था लेकिन मैं उसी स्पीड ओर जोरदार धक्के से भाभी की गान्ड मार रहा था,,दिल कर रहा
था भाभी को किस करने का इसलिए भाभी की गर्दन के पास ऑर शोल्डर के पास के मास को मूह मे
भरके चूसने लगा ऑर हल्के हल्के काटने लगा,,,जहाँ जहाँ काट रहा था वहाँ निशान पड़ता जा रहा
था लेकिन मुझे इसकी कोई टेन्षन नही थी,,,मैं तो मस्ती मे बहुत ज़्यादा पागल हो गया था,,,,भाभी
की चूत तो नही लेकिन गान्ड ने मुझे ज़्यादा पागल कर दिया था क्यूकी उनकी गान्ड इतनी ज्याद टाइट
थी अभी तक कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं दोनो हाथों से कस्के अपने लंड को पकड़ कर
मूठ मार रहा हूँ,,,इसी मस्ती मे स्पीड तेज की तेज बरकरार थी मेरी ऑर भाभी भी अब मस्त
हो गई थी शोबा की वजह से,,चूत मे जाते हुए नकली लंड की मस्ती से भाभी की गान्ड आगे पीछे
हिलने लगी थी जिस वजह से मेरा लंड भी थोड़ी ज़्यादा तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा था भाभी की
गान्ड मे ,,,शोबा ने अपने हाथ की स्पीड को तेज कर दिया ऑर भाभी की चूत मे तेज़ी से नकली लंड
आगे पीछे करने लगी ऑर भाभी ने भी अपने हाथों से शोबा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया
ऑर शोबा को किस करती हुई शोबा की पीठ पर हाथ घुमाने लगी,,भाभी मस्ती मे जोददार
सिसकियाँ लेने लगी थी ,,शोबा को किस कर रही थी फिर भी उसकी आवाज़ बहुत तेज थी,,,इधर मैं भी
झड़ने वाला था ऑर भाभी भी 2-3 तरफ़ा वार ज़्यादा देर तक नही झेल सकती थी इसलिए भाभी के
बदन ने झटके मारने शुरू कार दिए थे ऑर मैने भी स्पीड स्लो करते हुए झटका तेज ऑर ज़्यादा
ज़ोर से मारना शुरू कर दिया था जिस से हर बार लंड गान्ड की गहराई तक घुसता चला जाता ऑर मेरे
स्पर्म निकलने की उम्मीद ज़्यादा होने लगती ऑर ऐसा ही हुआ जब तक भाभी की चूत ने पानी बहाना शुरू
किया मेरे भी लंड ने भाभी की गान्ड मे जड़ तक घुस कर पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया था,
जब मैं झड गया तो अपने लंड को भाभी की गान्ड से निकाल कर पीछे हटके लेट गया ऑर जब भाभी
की चूत से पानी बह चुका था तो शोबा ने भी भाभी को छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,

भाभी काफ़ी टाइम तक अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश करती रही जबकि शोबा मेरे लंड पर
लगे स्पर्म को चाट कर सॉफ करने लगी,,,,,


उस दिन डिन्नर तक हम लोगो ने एक बार ऑर चुदाई की ऑर रात को तो पता नही किसकी चूत से या किसके
लंड से कितना पानी निकला ,,रात भर इतना थक गये थे कि जब आँख खुली तो नून टाइम के 12 बज रहे
थे,,,,,,शायद हम लोग सुबह 5-6 बजे सोए थे,,,,,
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