Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-14-2019, 11:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये तभी उसके हाथ भी मेरी पीठ पर तेज़ी से कसने लगे लेकिन प्यार से नही ज़ोर से वो मेरी पीठ को बुरी तरह से कुरेद रही थी अपनी नखूनो से,मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं अब क़ाबू मे नही था,,
मेरे लिप्स जैसे ही उसके लिप्स से टच हुए मैं उसके लोवर लिप को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,उसकी गरम साँसे मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी जो बहुत गर्म थी ऑर मुझे भी
गर्म कर रही थी,,,तभी मैने उसके खुले मूह मे अपनी ज़ुबान डाल दी ऑर उसके मूह को अंदर से अपनी ज़ुबान से अच्छी
तरह से हर तरफ से टच करने लगा महसूस करने लगा,,वो मुझे किस का रेस्पॉन्स तो नही दे रही थी लेकिन मुझे
रोक भी नही रही थी,,,लेकिन मेरी पीठ पर जखम ज़रूर लगा रही थी अपने नखून से,,,,हम दोनो ऐसे ही खड़े हुए
थे एक दूसरे को बाहों मे भरके ,,,एक दूसरे के लिप्स को टच कर रहे थे अपने लिप्स से ,,तभी मैने अपनी ज़ुबान से जो
कि उसके मूह मे थी उस से उसकी ज़ुबान को पकड़ने की कोशिश की ओर हल्के से उसकी ज़ुबान को अपनी ज़ुबान से लड़ने लगा ओर लड़ते हुए उसकी ज़ुबान बाहर निकालने लगी ओर मेरे दाँतों तक पहुँच गई तभी मैने उसकी ज़ुबान को अपने दाँतों से पकड़ा ऑर अपने मूह मे खींच लिया ओर अपने मूह मे भरके चूसने लगा,,,इतने मे उसके हाथ मेरी पीठ पर ऑर भी ज़्यादा कस
गये शायद उसको अच्छा लगने लगा था या शायद वो मुझे रुकने को बोल रही थी मुझे मना कर रही थी,,,,मैं अभी मस्ती
मे था ऑर उसकी हॉल्ट पर कन्फ्यूज़ भी था क्यूकी वो मुझे रोक नही रही थी पीछे नही कर रही थी लेकिन मुझे पीठ पर
हर्ट ज़रूर कर रही थी ऑर तभी सब कुछ ग़लत हो गया,,,,

बाहर डोर बेल बजने लगी तो उसे मुझे दूर करने की कोशिश की लेकिन मैं उसको दूर नही जाने दे रहा था ऑर उसके लिप्स
को किस कर रहा था ऑर तभी उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया तो मैं हैरान रह गया शायद उसको भी ये सब अच्छा
लगने लगा था लेकिन अभी ही क्यूँ ,,,अभी ही क्यूँ उसको ये सब अच्छा लगने लगा जब बाहर दरवाजे पर कोई आ गया था पहले क्यूँ
नही,,,,पहले क्यूँ नही उसने मेरा साथ दिया क्यूँ मुझे किस का रेस्पॉन्स नही दिया,,,,ऑर दरवाजे पर जो कोई भी था वो कुछ
देर बाद नही आ सकता था क्या,,,,लेकिन मैं ग़लत था उसने मुझे किस करने के लिए नही मुझसे दूर होने के लिए मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड़ा था क्यूकी उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने लिप्स से भरके चूसा या चूमा नही बल्कि अपने दाँतों
मे दबा कर ज़ोर से काट दिया था ,,लेकिन मैने फिर भी उसको अपने से दूर नही किया,,

फिर दोबारा से बेल बजी तो उसने मुझे ज़ोर लगा कर पीछे कर दिया,,मैं भी सपने की हसीन दुनिया से वापिस अपनी दुनिया
मे आ गया,,,मैं उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया ऑर वो थोड़ा पीछे हो गई ,वो मेरे से दूर तो थी लेकिन अभी भी उसकी
हालत खराब थी वो तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,उसकी आँखें बंद थी ऑर दिल तेज़ी से धड़क रहा था उसके हाथ नीचे की तरफ
लटके हुए थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों को आपस मे जोड़ कर कभी मुट्ठी बंद कर रही थी ऑर कभी हाथ को खोल रही
थी,,,ऐसा लड़की तभी करती है जब वो बहुत ज्याद डर जाती है,,,सहम जाती है,,कन्फ्यूज़ हो जाती है,,,,वो ऐसा करके खुद
पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रही थी ऑर बाहर बेल बजती जा रही थी,,,,

तभी उसने आँखें खोल कर मेरी तरफ देखा तो मैने अपने लोवर लिप्स पर हाथ लगाया जहाँ उसने अभी काटा था ,,,मैने
वहाँ हाथ लगाया तो वहाँ से खून निकल रहा था जो मेरे लिप्स से होते हुए मेरी चिन तक आ गया था मैने अपने हाथ
से अपनी चिन पर लगा हुआ खून सॉफ किया ऑर अपने हाथ को मूह मे भरके चूसने लगा फिर अपने लोवर लिप्स को वापिस
बेंड करके अपने मूह मे भर लिया ओर जहाँ से खून निकल रहा था उस जगह को अच्छी तरह से चूसने लगा,,

वो दूर खड़ी मुझे देख रही थी ऑर तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,,तेज़ी से साँसे लेने की वजह से उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी
छाती पर उपर नीचे हो रहे थे तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया ,,उसने मुझे अपने बूब्स देखते पकड़
लिए ओर जल्दी से अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखा ऑर वहाँ से उपर की तरफ भाग गई,,,,,उसके उपर जाने के बाद
मैं दरवाजे की तरफ गया ऑर दरवाजा खोल दिया,,,,,,

सामने माँ थी,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया ,,क्या कर रहा था,,,कब्से बेल बजा रही हूँ मैं,,,,

कुछ नही माँ बस टीवी देख रहा था आवाज़ तेज थी तो बेल की आवाज़ सुनाई नही दी,,,,,

इतना बोलकर मैं साइड हो गया ऑर माँ अंदर आ गई,,,,,,माँ अंदर आते ही अपने रूम मे चली गई ऑर मैं वापिस सोफे
पर बैठ कर टीवी देखने लगा ,,,,,,,,,

टीवी क्या देखना मैं तो किसी ऑर ही दुनिया मे खोया हुआ था अभी कुछ देर पहले जब सोनिया के गले लग्के उसको चूम रहा
था ,,उसके सॉफ्ट लिप्स मुझे ऐसे लग रहे थे जैसे मेरे मूह मे मक्खन की तरह पिघल रहे थे,,उसकी मखमली पीठ
पर मेरा हाथ अपने आप फिसलता जा रहा था,,उसके बालों मे मेरी उंगलियाँ ऐसे आराम से घूम रही थी जैसे रेशम
का कीड़ा रेशम मे धागो मे आराम से इधर उधर टहलता है,,,,,अब वो उपर चली गई थी लेकिन मेरे जिस्म मे जो सनसनी
अभी तक फैली हुई थी उस से यही लग रहा था जैसे मैं अभी भी उसके पास खड़ा हूँ ,,उसके बदन की खुश्बू अभी
भी मेरी साँसों मे समा रही है,,उसके लिप्स अभी भी मेरे लिप्स मे जकड़े हुए है ,,,,मैं तो बस उसी हसीन दुनिया मे
खोया हुआ था ,,तभी माँ अपने रूम से कपड़े चेंज करके बाहर आ गई,,,,


आज फिर लेट हो गई मैं,,डिन्नर का टाइम भी हो रहा है,,,इतना बोलके माँ जल्दी जल्दी किचन मे चली गई,,,,

मैं नींद से जगा ऑर मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया जो मस्ती मे ओकात मे सर उठा कर खड़ा हुआ था,,,मैने जल्दी से
सोफे पर पड़ा हुआ छोटा सा पिल्लो उठाया ऑर उसको अपने लंड पर रख लिया ताकि माँ को मेरा खड़ा लंड नही दिख जाए
वरना उस चुड़क्कड़ औरत ने डिन्नर के बारे मे भूल जाना है ऑर मस्ती के मूड मे आ जाना है,,,,,ऑर अगर ऐसा हो गया
तो बहुत पंगा हो जाना है क्यूकी सोनिया घर पर है,,,,

लेकिन मेरी भी हालत कुछ खराब थी ,मेरे लंड मे भी भी रह रह कर एक तूफान उठ रहा था ,,मेरा भी दिल कर रहा था
एक बार किचन मे माँ के पास चाल जाउ ,,चुदाई नही तो ना सही एक ब्लोवजोब से ही खुद को शांत करवा लूँ माँ से
लेकिन हिम्मत नही हो रही थी,,,,मैने जैसे तैसे खुद पर क़ाबू किया,,,,,

अरे वाह ये सब्जी किसने काटी आज,,,,,लगता है आज भी मेरी बेटी ने मेरी हेल्प की है,,उसको पता होगा कि माँ ने लेट हो जाना
है तो उसने सब्जी काट दी होगी,,,कितना ख्याल रखती है मेरी बेटी,,,,,

सन्नी सोनिया कहाँ है बेटा,,,,,माँ ने किचन के दरवाजे पर खड़े होके पूछा,,,,

व उपर अपने रूम मे है माँ,,,,मैं सोफे पर ठीक से बैठते हुए ऑर अपने लंड पर पड़े पिल्लो को ठीक करते हुए बोला

ठीक है अभी उसको आराम करने दो,,वैसे भी सब्जी काट कर थक गई होगी मेरी लाडली,,,इतना काम करने की आदत जो नही,,,,,चलो
मैं अब खाना तैयार करती हूँ शोबा भी आती ही होगी,,,,,ऑर तेरा मामा भी,,,इतना बोलकर माँ वापिस किचन मेचली गई

ऑर मैं सोफे पर बैठा खुद पर क़ाबू करता हुआ टीवी देखने की कोशिश करने लगा,,,,


तभी कुछ देर बाद मामा ऑर शोबा भी आ गये,,,,,पहला मामा आया ऑर उसके 10-15 मिनट बाद शोबा आ गई,,,

मामा आते ही मेरे पास बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,,मुझे डर था कहीं मामा का ध्यान मेरे लिप्स पर ना चला जाए
जहाँ सोनिया ने ज़ोर से काटा था,,क्यूकी खून अभी भी हल्का हल्का निकल रहा था ऑर मैं बार बार अपने लिप्स को बेंड करके
वापिस मूह मे भरके चूस रहा था,,मामा से बचने के लिए मैने हाथ को अपने लिप्स के पास रखा हुआ था ऑर ऐसे
ही टीवी देख रहा था,,,,लिप्स पर हल्की हल्की सूजन भी आ गई थी,,,,,,

शोबा आते ही अपने रूम मे चली गई थी ऑर जल्दी ही फ्रेश होके नीचे आके माँ की हेल्प करने लगी थी किचन मे,,,,

क्यू सन्नी कहाँ बिज़ी रहा आज सारा दिन कॉलेज से वापिस आके,,,,,मामा ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा,,,,

अब मैं क्या बोलू इसको कि मैं तो कॉलेज ही नही गया बल्कि सूरज ऑर कामिनी भाभी के साथ मस्ती करता रहा,,,,,,,,कहीं नही मामा जी बस कॉलेज से आके कुछ देर अपने दोस्तो के साथ घूमता रहा ऑर अभी आपके आने से कुछ देर पहले ही घर आया हूँ,,,

बेकार मे दोस्तो के साथ घूमने से अच्छा था बुटीक पर आ जाता ओर हम लोगो के साथ मस्ती करता,,,,2-2 जवान लड़कियों
को अकेले संभालना मुश्किल हो जाता है,,तू साथ होता तो बात बन जाती,,,एक तू संभाल लेता ऑर एक को मैं,,,

क्या बोल रहे हो मामा ,,,,,आप तो एक साथ 4 को संभालने वाले बंदे हो 2 से ही हार गये क्या,,,,मैं हँसते हुए बोला लेकिन
हँसते हुए लिप्स मे हल्का दर्द हुआ इसलिए ज़्यादा खुश नही हो सका ऑर ना ही मैने हाथ दूर किया लिप्स से नही तो मामा को पता चल जाता,,,,

अरे बेटा संभाल तो लेता अगर वो नई खिलाड़ी होती,,,वो तो मेरे से भी कहीं आगे निकल गई है,,मैं थक जाता हूँ लेकिन वो
नही थकती,,,एक तो जवान खून उपर से चूत का उतावलापन जिसके चलते चूत का दाना हर टाइम मचलता रहता है
उनका,,मैं शांत कर देता हूँ तो वापिस दाना मचेलने मे टाइम नही लगता,,,,दोनो की दोनो बड़ी तेज है,,देख ज़रा 2-3
दिन मे तेरे मामा का क्या हाल हो गया है,,,,,

मेरी हँसी निकल गई,,,,लेकिन डर भी लग रहा था एक तो मामा को मेरे लिप्स ना नज़र आ जाए ऑर उपर सोनिया है कहीं वो एक दम से नीचे आ गई तो कहीं मामा ऑर मेरी बातें ना सुन ले,,,,,,,,,,,,,,,,आराम से बोलो मामा ऑर इतना क्यू डर रहे हो ,,आपका ही तो दिल था उन दोनो को चोदने का अब क्या हुआ,,इतनी जल्दी हार गये क्या,,,,

बेटा हारा नही हूँ लेकिन ये दोनो तो थोड़ा सा भी आराम नही करने देती,,,,एक की चूत का पानी निकालता हूँ तो दूसरी तैयार
हो जाती है,,,,,,अगर एक टाइम पर एक हो तो ऐसा हाल करू की याद करेंगी सुरिंदर मामा को,,,,लेकिन एक साथ 2 को खुश करनाथोड़ा मुश्किल है,,,,,,,कल तू चलना मेरे साथ बुटीक पर मज़ा करेंगे ,,एक को तो संभाल लेना एक को मैं,,,,,,बोल
क्या बोलता है,,,,,


मेरा दिल तो नही था लेकिन अभी कुछ देर पहले सोनिया की वजह से जो तूफान उठा था दिल मे ,,जो मस्ती चढ़ि थी उसी मस्ती मे
मैने मामा को हां करदी,,,,ठीक है मामा तूने मेरा इतना साथ दिया है तो कल मैं भी तेरा साथ देने आ जाउन्गा,,,

मामा खुश हो गया,,शुक्रिया भानजे ,,वैसे मेरा साथ तो दे देना फिर भी तेरे को शिखा बहुत याद कर रही थी,,उसने
भी बुलाया है तुझे कल बुटीक पर,,,मेरे लिए ना सही हो सके तो उसके लिए आ जाना कल बुटीक पर,,,,इतना बोलकर मामा
वहाँ से उठा ऑर अपने रूम मे चला गया,,,

मैं दिल ही दिल मे सोचने लगा कि मामा तो अपने आप को बड़ा खिलाड़ी बनता है 2 लड़कियों ने ही तेल निकाल दिया मामा का,,,
लेकिन इस बात की खुशी भी होने लगी कि शिखा मुझे याद करती है ऑर याद करे भी क्यू नही एक बार जो मेरे लंड से
चुद जाती है उसको फिर कहीं शांति नही मिलती मेरे लंड के अलावा,,,,सोचा कि कल मैं भी बुटीक पर चला ही जाउन्गा
मामा की हेल्प करने ऑर साथ ही शिखा के साथ कुछ मस्ती भी हो जाएगी,,,,,,इतना सोचकर मैं थोड़ा खुश हो गया ऑर
टीवी देखने लगा,,,,,,,

जब डिन्नर का टाइम हो गया तो माँ ने ऑर शोबा दीदी ने डिन्नर लगा दिया डाइनिंग टॅबेल पर,,,,मैं अभी भी टीवी देख रहा था,,,

सन्नी आ जाओ बेटा डिन्नर लग गया है,,,,माँ की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटके माँ की तरफ गया तो माँ चेर पर
बैठ चुकी थी,,,,

मैं सोफे से उठा ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ जाने लगा,,,सन्नी ज़रा उपर जाके सोनिया को भी बुला लाना ,,माँ ने इतना बोला
ही था कि मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगा,,,,मैं डर गया बुरी तरह से ,,,अभी कुछ देर पहले इतना सब किया था
सोनिया का साथ वो तो पूरे गुस्से मे होगी ऑर पता नही क्या हाल करेगी मेरा अगर मैं उसको बुलाने उपर चला गया उसके
कमरे मे,,,,पता चले मैं दरवाजा खोला ऑर वो हाथ मे अक47 लेके बैठी हुई थी ऑर दरवाजा खुलते ही मेरी छाती
मे गोलियाँ दागने लगी ऑर 1 मिनट से भी कम टाइम मे पूरी की पूरी मगज़ीन खाली करदी मेरी छाती मे ऑर भून कर
रख दिया मेरी छाती को गोलियों से,,,,

मैं तो डर से काँपने लगा था,,,,मुझे नही जाना माँ जिसको बुलाना है खुद जाके बुला ले,,,मैने थोड़ा गुस्से मे बोला
क्यूकी अगर गुस्से से नही बोलता तो मेरी घबराहट से थर थर काँपती आवाज़ का माँ ऑर शोबा को पता चल जाता,,,,
Reply
07-14-2019, 11:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अरे तुम भाई बेहन अभी तक बच्चो की तरह लड़ते क्यू रहते हो ,,अब तो बड़े हो जाओ ,,,,परेशान करके रखा है,,जा
शोबा बेटी तू ही बुला ला अपनी बेहन को,,,,

जी मोम,,,शोबा इतना बोलकर उठी ऑर वहाँ से उपर चली गई जबकि मैं डाइनिंग टेबल पर जाके बैठ गया,,मेरा हाथ मेरे
मूह पर था ,,,माँ का ध्यान नही था वो सबकी प्लेट मे खाना परोसने मे लगी हुई थी,,,

सोनिया को तो नही बुलाने जाना था तूने जा जाके मामा को तो बुला ले,,,बोल उसको की खाना लग गया है,,माँ प्लेट मे खाना डालते हुए ही बोली,,मेरी तरफ नही देखा उन्होने,,,,,

मैं अभी चेयर पर बैठा ही था कि उठकर मामा के रूम मे गया ऑर मामा को डिन्नर के लिए बाहर आने को बोला,,,

ठीक है बेटा तू चल मैं आता हूँ,,मामा कुछ धीमी ऑर थकि हुई आवाज़ मे बोला था,,,मैं समझ गया कि सच मे
मामा की तो पुँगी ही बज गई थी,,,,क्या हाल किया है शोबा ऑर शिखा ने मिलकर मामा का,,,,सुना था मर्द औरत की फाड़
कर रख देता है लेकिन यहाँ तो उल्टा हो गया था,,,2 लड़कियों ने मिलकर मामा की फाड़ दी थी,,,,,मैं सोच सोच कर
मन ही मन हँसने लगा ऑर वहाँ से वापिस जाने लगा ,,

तभी शोबा दीदी सोनिया को साथ लेके नीचे आ गई ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ने लगी,,,,मैं उनके पीछे था,,,शोबा ऑर
सोनिया जाके डाइनिंग टेबल पर माँ की तरफ बैठ गई,,,,,,,,

मैं जाके सामने की तरफ बैठ गया ऑर मेरे साथ वाली चेयर पर आके मामा बैठ गया,,,,,

माँ के साथ वाली चेयर पर सोनिया बैठी हुई थी,,,,,वो मेरे से नज़र नही मिला रही थी सर को झुका कर बैठी हुई थी,,,तभी
माँ उसको बोली,,,,,,क्या हुआ बेटी तू इतनी गुम सूम क्यू है,,,,,तेरी तबीयत तो ठीक है ना,,,,,

माँ की आवाज़ सुनके सोनिया एक दम से नींद से जागी ऑर सर उठा कर माँ की तरफ देखने लगी,,,,,हां माँ मैं बिल्कुल ठीक हूँ ,,वो बोल तो ठीक रही थी लेकिन उसके चहरे के हाव-भाव उसका साथ नही दे रहे थे,,,,सॉफ पता चल रहा था वो
कुछ परेशान है ऑर थकि ताकि लग रही है,,,,,,

लगता है मेरी बेटी आज कुछ ज़्यादा ही थक गई है सब्जी काट कर,,,,आज तो बेटी अलका आंटी के घर पर टाइम लग गया ऑर लेट हो गई
इसलिए तुझे सब्जी काटनी पड़ी बट नेक्स्ट टाइम से मैं ख्याल रखूँगी इस बता का ऑर जल्दी घर आउन्गी,,,,चल अब खाना खा
ले मैं तुझे बाद मे दूध मे शहद डालके दूँगी तो आराम मिलेगा तुझे,,,,सारी थकान दूर हो जाएगी,,,,

ठीक है माँ,,इतना बोलकर सोनिया सर झुका कर खाना खाने लगी,,,,वो मेरे से नज़र नही मिला रही थी ,,जबकि मैं भी उस
से नज़र नही मिला रहा था फिर भी मैं चोरी चोरी उसकी तरफ देख रहा था,,,,मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मैं उस
से इतना नही डर रहा था जितना वो मेरे से डर रही थी,,,,,उसकी आँखों मे आज गुस्सा तो था लेकिन इतना नही ,,आज उसकी आँखों
मे गुस्से के साथ साथ हल्का डर भी नज़र आ अरहा था,,,,वो डर था या उदासी मायूसी ये समझ पाना थोड़ा मुश्किल था
मेरे लिए क्यूकी उसको आज तक कभी डरी हुई नही देखा था मैने,,,उसकी आँखें जब भी मेरी आँखों से मिलती तो वो जल्दी
से सर को झुका लेती ऑर वापिस खाना खाने लगती लेकिन रोटी का एक नीवाला चबा कर हलक से नीचे उतारने मे उसको परेशानी
हो रही थी,,,,रोटी का वो नीवाला उसके मूह मे इधर उधर घूम रहा था बस जिसको वो मायूसी से हल्के हल्के चबा
रही थी,,,,,डरा तो मैं भी हुआ था थोड़ा उदास भी था,,क्यूकी सोनिया एक चहरे पर उदासी मुझे अच्छी नही लगती थी,,ऑर
डरना तो मेरा वाजिब था आज हरकत ही कुछ ऐसी की थी मैं जिसकी वजह से मेरी फटी पड़ी थी,,,,,,


लेकिन तभी कोई कुछ बोला ऑर मेरी गान्ड पहले से भी ज़्यादा फॅट गई,,,,

ये तेरे लिप्स पे क्या हुआ है सन्नी,,,,,ये शोबा दीदी की आवाज़ थी जिसको सुनकर मेरी गान्ड फॅट गई थी,,,,सोनिया के काटने की
वजह से खून तो काफ़ी निकला था लिप्स से लेकिन अब तो लिप्स थोड़ा सूज भी गया था,,,मैं मूह पर हाथ रखके खाना नही
खा सकता था ऑर अगर ख़ाता तो सच मे पकड़ा जाता इसलिए आराम से नॉर्मल होके खाना खा रहा था,,,,लेकिन फिर भी
शोबा दीदी ने पकड़ लिया,,,,

वू वू कुउक्च्छ भी तो नाहहीी हहुउऊुआ,,,,,,मैं थोड़ा दर गया लेकिन तभी मेरा ध्यान गया सोनिया की तरफ जिसके
चेहरे का रंग फीका पड़ने लगा था ,,,उसके मूह मे जो नीवाला था वो उसके गले मे जाके अटक गया ऑर उसको खाँसी होने
लगी ऑर तभी उसको हिचकी लग गई,,,,माँ ने जल्दी से उसको पानी का ग्लास दिया ,,,अरे तुझे क्या हुआ एक दम से,,,,आराम से खाना खा ले तेरे पीछे पड़ा हुआ है क्या कोई,,,,,,,चल पानी पी अब,,,इतना बोलकर माँ ने अपने एक हाथ से पानी का ग्लास सोनिया
के लिप्स पर लगा दिया ऑर एक हाथ से उसकी पीठ थपथापने लगी,,,,,सोनिया पानी पीती हुई मेरी तरफ देख रही थी,,वो थोड़ा परेशान थी ,,,

तभी शोबा फिर से बोली,,,ओह्ह मिसटर कहाँ खो गया तू तेरे से कुछ पूछा है मैने,,,,,शोबा ने फिर से मेरे से
वही पूछा जिसका मैं कोई जवाब नही दे सकता था शायद देने की हिम्मत नही थी,,,लेकिन सोनिया की तरफ देख कर ऑर
उसकी परेशानी देख कर मुझे पता नही कहाँ से हिम्मत आ गई,,,

इस से पहले मैं कुछ बोलता माँ सोनिया की पीठ थपथपाती हुई बोली,,,,अरे ये क्या हो गया बेटा,,,,तेरा लिप्स इतना कैसे सूज
गया ,,,किसी से झगड़ा हुआ क्या तेरा,,,कैसे लगी ये चोट,,,

नही माँ किसी से कोई झगड़ा नही हुआ,,,मैं माँ की बात का जवाब दिया लेकिन माँ नही मानी,,,

तू दिन भर दिन कुछ ज़्यादा ही फाइट करने लगा है अभी कुछ महीना भर पहले भी तूने फाइट की जब कोई लड़का सोनिया ऑर
कविता को तंग कर रहा था कॉलेज से आते टाइम,,,,तब भी तुझे बहुत चोट लगी थी ऑर आज फिर तेरा लिप्स सूजा हुआ है,,
सच बता कैसे लगी ये चोट,,,,,माँ हल्के गुस्से मे बोल रही थी ऑर उधर सोनिया को एक हाथ से पानी पिलाती हुई उसकी पीठ
पर हल्के से हाथ मार रही थी,,,,,,ऑर इधर शोबा भी मेरे लिप्स की तरफ देख रही थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था
क्या बोलू,,,,,


तभी माँ फिर से हल्के गुस्से मे बोली,,,,,बताता है या करूँ तेरे डॅड को फोन कि आपका बेटा आज फिर किसी से फाइट करके
आया है,,,,,

नही माँ डॅड को फोन मत करना ये तो मैं,,वो बस,,,

वो वो क्या लगा रखा है एक तो ग़लती करता है फिर चोट लगवा लेता है फिर कुछ बोलता नही ,,,,कितना बड़ा हो गया है
फिर भी बच्चो वाली हरकते करता है,,,,बोल क्यू करता है ये सब,,,,,क्यू करता है एसी ग़लती जिसका जवाब ना दे सके,,बोल
क्यू करता है ग़लती,,,

तभी माँ की बातें ऑर शोबा का ऐसे मेरे लिप्स की तरफ घूर्णा मुझे अजीब लग रहा था ऑर मैं जल्दी जल्दी मे बोल
गया,,,,,ये मेरी ग़लती नही माँ सब सोनिया की वजह से हुआ है,,उसी की वजह से मेरे लिप्स पर सूजन आई है,,,

मैं अभी बोलना शुरू ही हुआ था कि सोनिया का नाम मेरे लिप्स पर आते ही सोनिया के मूह से सारा पानी एक ही बार मे डाइनिंग
टेबल पर गिर गया ,,,माँ के हाथ से ग्लास भी निकल कर नीचे गिर गया ,,सोनिया अपना नाम सुनते इतना ज़ोर से खाँसी थी कि
पूछो ही मत,,,,,,

अरे अब तुझे क्या हुआ,,,,,लगता है तबीयत कुछ ज़्यादा ही खराब है तेरी,,,,,तेरे से कोई काम करवाना ही नही चाहिए,,
जब देखो कम करके जल्दी थक जाती है तू,,,देख अब खाना भी ठीक से नही खाया जा रहा,,,,,,

चल उठ मैं तेरे को रूम मे छोड़ कर आती हूँ फिर मेडिसिन देती हूँ,,,इतना बोलकर माँ चेयर से उठी ऑर साथ
ही सोनिया को भी खड़ा कर दिया,,,,,,लेकिन तभी माँ ने सोनिया से पूछा,,,,,,,,ये सन्नी क्या बोल रहा है तेरी वजह से इसके लिप्स पर सूजन आई है,,,,,क्या तूने इसको मारा था,,,,तुम दोनो का झगड़ा हुआ क्या,,,,,

सोनिया का एक दम से रंग ही उड़ गया ,,,,मैने तो क्कुकच्छ ंहिी क्किया मा यी पत्ता नाहही क्या बोल्ल्ल राहहा हहाई

सोनिया की आवाज़ मे एक डर था वो कुछ सहमी हुई थी ऑर तभी मैने देखा उसके फॉरहेड पर पसीना आ गया था,,,

अच्छा झूठी ये तूने नही किया,,,,,तूने मेरे लिप्स पर नही मारा,,,,सच बोलती है या मैं सब सच बता दूं मोम को
कि तूने कैसे खून निकाला मेरे लिप्स से,,,,,

माँ मेरी तरफ देखने लगी ओर फिर सोनिया की तरफ,,,,,,क्या ये सच है सोनिया,,,तूने मारा क्या अपने भाई को,,,जल्दी बता
क्या तूने खून निकाला था इसके लिप्स से,,,,,

सोनिया के चेहरे का रंग ही उड़ गया,,,,माँ मैने कुछ नही किया सच मे ये झूठ बोल रहा है,,,,

अच्छा तो तू कुछ नही बोलेगी,,चल मैं ही बता देता हूँ कि मेरे लिप्स पर क्या हुआ है,,,,,कि कैसे तूने मेरे लिप्स पर
चोट की थी,,,,

मा ये झहहोत बोल रहा है ,,मेरी वजह से इसको चोट नही लगी ऑर ना ही मेरी वजह से इसके लिप्स से खून निकला,,,,

तभी माँ ने मेरी तरफ देखा,,,,,तू सच बोल रहा है ना सन्नी,,देख अगर झूठ बोलेगा तो अच्छा नही होगा,,याद
रखना,,,,

सच बोल रहा हूँ माँ इसी ने मारा है मुझे इसी ने काटा मेरा लिप्स ये देखो,,इसका बस चले तो ड्रेकूला बनके मुझे
काट ले ओर मेरा सारा खून पी जाए,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा,,,,


लेकिन सोनिया की हालत बिगड़ गई ,,वो ज़्यादा ही मायूस हो गई ,,,बस रोना ही बाकी रह गया था उसका,,,,पसीने से पूरा बदन भीग गया था उसका,,,,वो खड़ी हुई थी लेकिन उस से खड़ा नही हुआ जा रहा था माँ ने उसको सहारा दिया हुआ था,,,,

ंहिी मा मैंनी कुउच्च ंहिी क्किया ये झूठ बोल रहा हाई,,,सोनिया डर डर के बोल रही थी,,,,,

मुझे उसकी हालत पे तरस आ आ गया,,,,,,सॉरी माँ मैं मज़ाक कर रहा था ,,इसने मुझे नही मारा ,,,,

माँ हल्के गुस्से मे,,,,हर टाइम मज़ाक करना अच्छी बात नही ,,,देख सोनिया की क्या हालत है ऑर ऐसी हालत मे भी तू उसके
साथ मज़ाक कर रहा है,,,अगर मैं ग़लती से इसको डाँट देती तो क्या होता,,,,,,इसने कुछ नही किया तो चोट कैसे लगी तुझे,,,

सॉरी बोला ना माँ ,,लेकिन एक बात तो पक्की है चोट इसकी वजह से लगी,,,,,

सोनिया पहले कुछ ठीक महसूस करने लगी थी जब मैं माँ को बोला कि सोनिया ने कुछ नही किया मैं मज़ाक कर रहा था
लेकिन एक बार फिर जब उसका नाम लिया तो वो फिर से डरने लगी,,,,,,,,,

इसकी वजह से,,अभी तूने बोला तू मज़ाक कर रह था,,,अब कहीं फिर से मज़ाक तो नही कर रहा,,,,,,

नही माँ चोट सच मे इसकी वजह से लगी है,,,,मैं किचन मे पानी पीने गया तो ये हाथ मे नाइफ लेके बाहर आ रही थी
एक तो हाथ मे नाइफ उपर से इसकी शकल चुड़ैल जैसी,,मैं तो देख कर एक दम से डर गया ऑर डर के मारे ज़मीन पर गिर गया जिस से ये चोट लग गई,,,,

मेर इतना बोलते ही माँ ,,मामा ओर शोबा दीदी हँसने लगे,,,,,क्यूकी मैने सोनिया को चुड़ैल बोला था,,,,,,हम सब लोग तो खुश
थे लेकिन सोनिया अब मेरे तरफ हल्के गुस्से से देख रही थी ऑर तभी मैने भी उसकी तरफ देखा ऑर अपने लिप्स को अपने मूह मे दबा कर चूसने लगा,,,उसने जल्दी ही अपना फेस टर्न कर लिया,,,,,

माँ मुझे उपर जाना है मुझे ले चलो प्लज़्ज़्ज़,,,,सोनिया ने माँ की तरफ ऐसे देखा कि माँ को लगा कि ये सच मे इसकी तबीयत ठीक नही है ऑर माँ उसको वहाँ से ले गई,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग अभी भी वहाँ बैठ कर हंस रहे थे,,,जबकि माँ उसको लेके उपर जा रही थी,,,वो पीछे मूड के मुझे देख रही
थी लेकिन जब मैने देखा तो उसने चेहरा घुमा लिया,,,,

नेक्स्ट डे घर से तैयार होके कॉलेज जाने के लिए निकलने लगा तो मा आज मेरे साथ नही गई करण के घर ,,,,मैं डाइनिंग
टेबल से नाश्ता करके उठा ऑर वहाँ से जाने लगा तो देखा कि मामा भी अपने रूम से निकल कर बाहर आके माँ के पास
सोफे पर बैठ गया,,,,माँ भी नाइट सूट मे थी,,,,,,


शोबा ऑर सोनिया दोनो घर से जा चुकी थी,,,,,

मुझे लगा कि शायद आज माँ का ऑर मामा का प्रोग्राम घर पे रहके मस्ती करने का है इसलिए माँ अलका आंटी के पास
नही गई ऑर मामा शोबा के साथ बुटीक पर नही गया,,,,,बाकी पता भी नही शायद बाद मे मामा चला जाए शोबा
ऑर शिखा के पास,,,,,

खैर मैं तो वहाँ से निकल कर कॉलेज की तरफ चल पड़ा,,,,,

कॉलेज पहुँचा तो सीधा कॅंटीन मे गया ऑर वहीं बैठ गया,,,,आज करण भी साला नज़र नही आ रहा था,,,,,कॅंटीन
वाले छोटू से पूछा तो उसने भी यही बोला कि आज उसने करण को नही देखा है,,,

ऑर तभी मेरे मोबाइल पर करण की कॉल आई,,,,मैने पॉकेट मे फोन निकाला ऑर बात करने लगा,,,,


करण,,,,,,,,,,,,,हेलो सन्नी,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,,हेलो करण,,,,,आज तू कॉलेज क्यू नही आया,,,,

करण,,,,,,,,,,,,,वो सब बाद मे भाई पहले तू मेरे घर पे आजा ,,तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,कैसा सर्प्राइज़?

करण,,,,,,तूने मुझे अपनी मोम की गान्ड मारने का मोका दिया तो अब मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करू,,
तू बस जल्दी से मेरे घर आजा,,,,

सन्नी,,,,,पहले बता तो सही सर्प्राइज़ क्या है,,,,,,,

करण,,,,,ज़्यादा सवाल मत करो सन्नी भाई बस जल्दी आ जाओ,,,ऑर सर्प्राइज़ ऐसा है कि देख कर दिल खुश हो जाएगा तुम्हारा
,,,अब ऑर कोई बात नही बस जल्दी से मेरे घर आ जाओ,,,,,

इतना बोलकर करण ने फोन काट दिया,,,,

मैने भी अपने फोन को वापिस पॉकेट मे डाला ऑर वहाँ से बाइक लेके करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,मैं थोड़ा
हैरान था लेकिन तभी मेरा दिल खुश हो गया कहीं करण ने अपनी मोम को तैयार तो नही कर लिया,,,कहीं वो अपनी मोम के साथ मस्ती तो नही कर रहा ,,,,यही सोच सोच कर मैं खुश होने लगा ऑर 15-20 मिनट मे करण के घर पहुँच गया


मैने बेल बजाई तो करण ने आके गेट खोला,,,मैं देख कर हैरान था कि वो सिर्फ़ निक्केर मे था ,,,उसका उपर का बदन
एक दम नंगा था,,,,,उसकी काफ़ी पसीना भी आया हुआ था ऑर मैने देखा कि उसके बदन पर कुछ नखुनो के निशान
भी थे,,,,,,,,,वो जल्दी आगे बढ़ कर मेरे गले लगा ऑर मुझे अपने साथ अंदर ले गया,,,,,

अब्ये तू इतनी जल्दी कैसे आ गया,,,बाइक से आया है या रॉकेट मे उड़ कर,,,,,करण हँसते हुए बोला,,,

तूने किसी सर्प्राइज़ की बात की तो मेरे से रहा नही गया ऑर बाइक को ही रॉकेट बना कर उड़ता हुआ आ गया मैने,,,मैने भी करण की बात के जवाब मज़ाक मे दिया,,,

अच्छा बता अब सर्प्राइज़ कहाँ है,,,,,,जल्दी बता,,,

रुक ना थोड़ा सबर कर अभी बताता हूँ पहले उनको तो आने दे,,,,,,

उनको ?? उनको किनको ?? मैने अभी इतना पूछा ही था कि बाहर फिर से बेल बजी ऑर करण गेट खोलने चला गया,,,,

तभी करण वापिस आया तो साथ मे शोबा ऑर शिखा थी,,,,,साला ये है सर्प्राइज़ ,,मैं तो थोड़ा उदास ही हो गया,,,मुझे तो
लगा था अलका आंटी होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी समझा कि इन लोगो का यहाँ मस्ती करने का प्लान था तभी आज मामा भी बुटीक पर नही गया ऑर माँ भी यहाँ नही आई,,,,लेकिन अलका आंटी कहाँ है ,,,,वो नज़र नही आ रही,,,,

ऑर तभी करण के रूम से किसी की हल्की आवाज़ आई ,,,शायद कोई अंदर था,,,,मैं फिर से खुश हो गया कि अंदर अलका आंटी होगी,,,,

अरे करण एक दम से फोन करके हमे क्यू बुलाया यहाँ,,,,,शोबा दीदी ने अंदर आते ही पूछा,,,,

कुछ नही दीदी मेरा मूड था मस्ती करने का तो सोचा क्यू ना सबको बुला लूँ तो मस्ती का मज़ा ही कुछ ऑर होगा,,इतना
बोलकर करण शोबा दीदी के करीब हो गया,,,,

अच्छा फिर वो सर्प्राइज़ कहाँ है जिसके बारे मे तूने बोला था फोन पर,,,,शोबा ने फिर से करण से पूछा,,,,,

सर्प्राइज़ भी है दीदी,,,,आओ मेरे साथ दिखाता हूँ,,,,,

करण दीदी का हाथ पकड़ कर अपने रूम की तरफ ले गया ,,मैं ऑर शिखा भी पीछे पीछे चले गये,,,,

तभी मैं अंदर जाके जो देखा तो देखता ही रह गया,,,,ऑर एक दम से हैरान परेशान हो गया,,,,

रूम मे ज़मीन पर कुछ कपड़े बिखरे हुए थे,,,,लॅडीस जीन्स थी ऑर साथ मे पिंक टॉप था,,,ब्रा ऑर पेंटी भी थी,,,,ऑर तभी
मेरा ध्यान गया करण के रूम की लास्ट देवार की तरफ जहाँ कॉर्नर मे एक लड़की अपने सर को घुटनो मे दबा कर रो रही
थी ,,,,उसकी रोने की आवाज़ बहुत स्लो थी जो रूम मे बाहर नही आ रही थी लेकिन फिर भी वो जब हल्की आवाज़ मे सिसकियाँ लेती तो उसकी आवाज़ बड़ी मुश्किल से रूम के बाहर पहुँच रही थी,,,,,

ये कॉन है करण,,,,,,,शोबा दीदी ने करण से पूछा,,,,,

यही तो है सर्प्राइज़ ऑर खास कर इस्पे हक़ बनता है मेरे सन्नी भाई का,,,,इतना बोलकर करण मेरे पास आया,,,,

जाओ सन्नी भाई ये तुम्हारे लिए है,,,,,

मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था,,ये सब क्या हो रहा है,,,,,कॉन है ये करण,,,,ऑर ये रो क्यू रही है,,,,,

अरे कुछ नही भाई ,,साली मना कर रही थी तो हल्के हल्के 2-4 हाथ लगा दिए मैने,,,,बहुत नखरा कर रही थी,,,,,

क्या ,,,तूने इसको मारा,,,,,इसके साथ ज़बरदस्ती की तूने,,,,मैने हल्के गुस्से ऑर हैरानी से पूछा,,,,,

नही भाई अभी तक ज़बरदस्ती तो नही की लेकिन थोड़ा बहुत मारा ज़रूर,,,,ज़बरदस्ती इसलिए नही कि क्यूकी ये फ्रेश है एक दम,,,,वर्जिन है सील भी नही टूटी अभी तक,,,,,तो मैने सोचा कि क्यू ना इसकी सील खोलने के लिए सन्नी भाई को बुलाया जाए,,,ऑर वैसे भी सन्नी भाई तूने मेरे लिए इतना कुछ किया है तो मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करने का,,,,जा मेरे भाई ऐश कर ऑर फाड़ दे इस हरामी कुतिया की चूत को,,,,

ये क्या बोल रहा है करण,,,तूने लड़की पर हाथ उठाया,,,,मारा इसको,,,,इतना बोलकर मैं जल्दी से चलके उस लड़की के करीब
गया,,,,,,,मैने देखा कि उसकी पीठ ऑर हाथ पर हल्की हल्की खरॉच के निशान थे,,,शायद ये भी करण का काम था

मैने लड़की को चुप करवाने के लिए ऑर तसल्ली देने के लिए उसके शोल्डर पर हाथ रखा तो वो एक दम से डर गई,,,

नही प्ल्ज़्ज़ मुझे छोड़ दो,,,,मुझे माफ़ करदो,,,इतना बोलकर लड़की ने अपने फेस को उपर उठाया तो मैं देख कर उदास
हो गया ऑर दुखी भी ,,,,,ये तो वही लड़की थी जो शिखा के साथ थी उस दिन कॉलेज मे ,,जो करण के साथ होती थी बाइक पर अक्सर ,,वही खूबसूरत हसीना जिसको देख कर मेरा दिल क़ाबू मे नही रहा था,,,ऐसा हसीन चेहरा जिसको करीब से एक बार दिल भरके देखने की तमन्ना थी मेरी,,,,लेकिन अब उस हसीन चेहरे की सारी रंगत उड़ गई थी ,,उसके चेहरे पर मार
के हल्के निशान थे लेकिन रंग गोरा होने की वजह से उसके गाल लाल हो गये थे,,,,उसके मासूम चेहरे पर उदासी थी,,
डर था,,,,एक ख़ौफ़ था,,,,,आँखों मे आँसू थे,,,,मैं उसको देख कर थोड़ा गुस्से मे आ गया,,,

कॉन है ये लड़की करण,,,,ऑर इसको इतना मारा क्यूँ तूने,,,,,मैं हल्के गुस्से मे बोल रहा था,,,,
Reply
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अरे भाई तू गुस्सा क्यू हो रहा है,,ऑर अभी तक इसको मारा ही कहाँ है मैने ,,अभी तो असली मार पड़नी है इसको,,,,,साली इतना नखरा कर रही थी इतना हाथ पैर चला रही थी,,,,मुझे डर था कि ये ऐसी हरकत करेगी इसलिए तो मोबाइल पर भी इसकी नंगी की वीडियो बना ली मैने ताकि ये मूह ना खोल सके,,,,इतना बोलकर करण मेरे करीब आया ऑर मुझे मोबाइल दिखाने लगा,,

मैने देखा कि उस वीडियो मे करण लड़की को बेड पर लेटा कर मार रहा था ऑर गालियाँ भी दे रहा था,,,वो लड़की बस रोती
जा रही थी,,,ऑर अभी भी रो रही थी,,,

तुझे शरम नही आती ऐसा घटिया काम करते हुए,,,,मैं करण के मोबाइल को पकड़ा ज़ोर से दीवार पर पटक कर मारा तो उसका मोबाइल टुकड़े टुकड़े होके बिखर गया,,,,

अरे ये क्या किया भाई,,,,मोबाइल क्यू तोड़ दिया,,उसी मे तो वीडियो थी ,,,,करण जल्दी से मोबाइल उठाने के लिए भागा ,,

तभी मैं भी उसके पीछे गया ऑर उसको हाथ से पकड़ लिया,,,,,,


इसके साथ ऐसा क्यूँ कर रहा है तू करण,, ,,देख क्या हालत हो गई है रो रो कर इस लड़की की,,,,,

रोती है तो रोने दे भाई,,,इसके भाई ने भी तो मेरी बेहन को रुलाया था,,,अब मैं इसके भाई की करतूत का बदला इस से लूँगा ऑर तब पता चलेगा इसके भाई को कि लड़की की एसी वीडियो बनाने से क्या होता है,,,,कितनी बदनामी होती है,,,अब पता चलेगा उसको,,,

क्या,,,,ये अमित की बेहन है,,,,

नही भाई ये उस से भी बड़े कमिने की बेहन है,,,,,,,,ये उस हरामी की बेहन है जिसकी वजह से शिखा दीदी की वीडियो बनी
थी,,,,,,,,

वीडियो तो अमित ने बनाई थी करण,,,,,

नही भाई,,,अमित तो दीदी को वहाँ लेके गया था , लेकिन वीडियो का काम था इसके हरामी भाई सुरेश का,,,,,,

सुरेश वही लड़का था जो अमित के साथ होता था,,,,उस दिन सुमित को भी वही मार रहा था,,,,काला कुत्ता ,,अकल ना शक्ल,,,किसी साउत इंडियन मूवीस का गुंडा ,,,,शक्ल ऐसी ऐसी दीवार पर गोबर पटक कर मारा होता है,,,,

इसके भाई ने मेरी बहन की इज़्ज़त खराब की मैं इसकी इज़्ज़त खराब कर दूँगा,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,

वो लड़की फिर से अपने सर को घुटनो मे दबा कर रोने लगी,,,,,

मैने करण को गर्दन से पकड़ा ऑर कस्के 2-3 थप्पड़ लगा दिए उसके,,,,उसने मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की तो मैने
ऐसा कस्के घुसा मारा कि उसकी नाक से खून निकलने लगा,,,,ऑर फिर से थप्पड़ मारने लगा,,,तभी शिखा ऑर शोबा भाग
कर मेरे पास आई ऑर मेरा हाथ पकड़ कर करण को मेरे से अलग कर दिया,,,,,

शोबा ने मुझे दूर किया जबकि शिखा करण को लेके एक साइड पर हो गई,,,,,करण अपने हाथ से अपनी नाक से बहने वाले
खून को रोकने लगा तभी शिखा ने अपने रुमाल को उसकी नाक पर रख दिया,,,,,

ये क्या किया तूने सन्नी,,करण को क्यू मारा,,,,तेरा दिमाग़ तो ठीक है,,,,शिखा गुस्से मे बोली तो मैने शोबा को अपने से
दूर किया ऑर शिखा के करीब जाके उसको बालों से पकड़ लिया,,,,,,ऑर गुस्से मे बोला


क्या तुझे पता था करण ये सब करने वाला है,,,,,मैं पूरे गुस्से मे ऑर चिल्ला कर बोल रहा था,,,,,मेरा गुस्सा देख
शिखा डर गई ऑर शोबा भी जल्दी से मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथ से शिखा के बाल छुड़वाने लगी,,,,

सन्नी तू पागल हो गया है क्या,,,,ये क्या कर ,,छोड़ शिखा को,,,,दीदी मेरे हाथ को शिखा के बालों से खींचने लगी,,

तभी मैं शोबा दीदी को गुस्से मे बोला,,तुम पीछे हट जाओ दीदी,,,,,मेरा गुस्सा इतना ज़्यादा था ऑर मैं चिल्ला कर बोला तो
शोबा दीदी ने मेरा हाथ छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,,उनका चेहरा उदास हो गया था ऑर वो बहुत ज़्यादा डर गई थी,,,,

मैं फिर शिखा से पूछा,,,,,क्या तुम जानती थी करण ये सब करने वाला है,,,,,मैने गुस्से से पूछा,,,

नही सन्नी मुझे कुछ नही पता था मुझे तो अभी करण ने फोन किया था ऑर घर आने को बोला,,,कहने लगा कि आपके लिए कोई सर्प्राइज़ है,,,,,

आप सच बोल रही हो ना,,,,,तभी शोबा दीदी बोलने लगी,,,,हाँ भाई हम सच कह रहे है,,,,करण ने हमे फोन किया था
तभी तो हम दोनो यहाँ आई है,,,,

मैं शिखा को छोड़ कर वापस करण की तरफ गया ,,करण पहले से बहुत डरा हुआ था मेरे करीब आते ही वो पीछे हटने
लाग ,,शिखा ऑर शोबा दोनो फिर हमारे बीच आ गई,,,,

शिखा,,इस से ग़लती हो गई सन्नी माफ़ कर्दे इसको,,,शोबा भी मेरे को रोक रही थी लेकिन वो ज़्यादा ज़ोर नही लगा रही थी,,,,


माफ़ कैसे कर दूं दीदी,,,इसने इस लड़की की ज़िंदगी खराब कर देनी थी,,,,,इसके भाई सुरेश ने ऑर उस कुत्ते अमित ने मिलकर आपको अपने जाल मे फसाया ऑर आपकी वीडियो बना ली तो इसमे इस बेचारी का क्या कसूर,,,उन दोनो की सज़ा इसको क्यू दी जा रही है,,,,सज़ा देनी है तो उन दोनो को दो,,,

सन्नी उसने मेरी बेहन के साथ ऐसा किया तो मैं भी उसकी बेहन,,,,

करण अभी बोलना शुरू ही हुआ था कि मैं उसकी तरफ हाथ बढ़ाया ऑर उसको चुप रहने का बोला,,,,,तू अपनी बकवास बंद
करले वर्ना मैं तेरा सर फोड़ दूँगा,,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी से दूर हुआ ऑर बेड पे बिछी हुई बेडशीट को उठा कर उस लड़की के करीब गया ,,वो अभी भी सर
को नीचे झुका कर अपने घुटनो मे दबा कर रो रही थी,,,,मैने बेडशीट से उसके नंगे बदन को कवर किया ,,उसने
सर उठा कर देखा ऑर थोड़ा डर गई लेकिन अपने जिस्म पर पड़ी हुई बेडशीट देख कर उसका डर थोड़ा कम हुआ लेकिन आँखों से आँसू ऑर चेहरे से उदासी दूर नही हुई,,,,,तभी शोबा दीदी भी मेरे पास आ गई ऑर उस लड़की को उठाने मे मेरी हेल्प करने लगी,,,,वो लड़की उठ कर खड़ी हो गई लेकिन अभी भी वो रोए जा रही थी,,,,इतने खूबसूरत चेहरे पर उदासी ऑर आँखों मे आँसू देख कर मुझे गुस्सा आ रहा था करण पर,,,,,

मैने ऑर शोबा दीदी ने उस लड़की को बेड पर बिठा दिया फिर दीदी भाग कर किचन मे गई ऑर पानी का ग्लास लेके आ गई,,

दीदी उसको पानी पीला रही थी लेकिन उसके गले से एक बूँद भी नीचे नही हो रही थी बल्कि सिसकियाँ लेते हुए जितना पानी वो पीने की कोशिश कर रही थी सारा का सारा पानी मूह से निकल कर उसकी टाँगों पर गिर रहा था,,,मुझे बहुत तरस आ रहा था उस लड़की पर,,,,,

मैने करण की तरफ देखा तो उसका हाथ अभी भी उसकी नाक पर था,,,शिखा दीदी का रुमाल उसके हाथ मे था जिसको उसनेनाक पर लगा रखा था,,,वो रुमाल खून से भीग गया था ऑर खून रुमाल से होता हुआ नीचे ज़मीन पर गिर रहा
था ,,तभी मैं करण के पास गया ऑर अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर उसके नाक पर रखके ज़ोर से दबा दिया फिर शिखा दीदी का हाथ पकड़ कर करण की नाक पर रखा ऑर दीदी को भी उसकी नाक को ज़ोर से दबाने को बोला ताकि खून रुक
जाए,,,,

देख कमिने क्या हालत की है तूने इस लड़की की,,,,इसकी क्या ग़लती थी यही ना कि इसने तेरा यकीन किया ऑर तुझसे प्यार करने की ग़लती की,,,,ऑर आज उसी प्यार ऑर यकीन की वजह से तेरे साथ तेरे घर मे आ गई,,,ऑर तूने उसके इसी यकीन को थोड़ा ऑर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश की वो भी इसके भाई की वजह से,,,,इसके भाई ने जो कुछ किया उसमे इस बेचारी की क्या ग़लती,,बदला लेना ग़लत बात नही लेकिन बदला उसी से लो जिसकी ग़लती हो,,,,,

अमित ने शिखा दीदी को अपने जाल मे फसाया क्यूकी दीदी भी उसका यकीन करती थी,,प्यार करती थी उस से ,,फिर वो दीदी को अपने साथ ले गया ऑर दीदी भी उसी प्यार ऑर विश्वास की वजह से उसके साथ गई ,,फिर सुरेश के साथ मिलकर अमित ने दीदी की वीडियो बना ली ऑर दीदी के उस विश्वास को तोड़ दिया,,,,ये तो अच्छा हुआ कि हमे अमित की इस करतूत के बारे मे पता चल गया वर्ना क्या होता,,,,,,या तो दीदी उसकी बातों मे फस कर उसकी हर बात मानने को तैयार हो जाती फिर अमित,, सुरेश के साथ उसके दोस्तो को भी अपने जिस्म के साथ खेलने देती,,या फिर उनकी बात नही मान कर खुद को बदनामी से बचाने के लिए ख़ुदकुशी कर लेती जैसे हमारे कॉलेज की 2 लड़कियों ने की,,,,अमित ऑर सुरेश की ब्लॅकमेलिंग से तंग आके,,,,,,,क्या तू चाहता है कि कल को ये लड़की भी कुछ ऐसा ही करे,,,तेरी उस घटिया वीडियो की वजह से तेरी हर बात माने फिर तेरे ऑर तेरे दोस्तो के बिस्तर पर बिना कोई शर्त ऑर सवाल किए नंगी होके लेट जाए या बदनामी से बचने के लिए खुद अपनी जान देदे,,,,बोल क्या तू ऐसा ही चाहता है,,,,,बोल अब चुप क्यू है कमिने,,,,बोल,,,,

मैं गुस्से से करण को बोल रहा था लेकिन करण चुप रहा ,,,,,शिखा ऑर शोबा भी चुप थी,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने शिखा को करण से दूर हटने को बोला,,,,,फिर शोबा दीदी ऑर शिखा दीदी को उस लड़की को अपने साथ दूसरे रूम मे लेके जाने को बोला,,,,शोबा ऑर शिखा उसको दूसरे रूम मे ले गई ऑर मैं करण को बेड पर लेके बैठ गया,,,मेरा हाथ करण की नाक पर गया ऑर मैं उसकी नाक को हाथ से दबाते हुए उसको सॉरी बोलने लगा,,,,,

सॉरी करण भाई मैने आज तेरे पर हाथ उठाया ,,लेकिन मैं मजबूर था,,,उस लड़की के उदास चेहरे ने रोती हुई आँखों ने मुझे मजबूर कर दिया था,,,,

तू सॉरी क्यू बोल रहा है सन्नी भाई ग़लती तो मेरी है,,मैं ही बदले की आग मे इतना जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की कोशिश करने वाला था,,,मैं पागल हो गया था सन्नी भाई ,,,मुझे कैसे भी उस सुरेश ऑर अमित से बदला लेना था ,,,जो कुछ भी उन्होने मेरी बेहन के साथ किया,,,,,,करण इतना बोलकर रोने लगा ऑर मेरे गले लग गया

माफी माँगनी है तो मेरे से नही उस लड़की से माँग जिसका तूने दिल तोड़ा है,,,,,कितना यकीन करती थी वो तेरे पे कितना प्यार करती थी वो तेरे से,,,,तूने उसके प्यार को उसके यकीन को विश्वास को तोड़ा है,,,,,माफी तो तुझे उस से माँगनी चाहिए,,,

नही भाई वो मेरी इस हरकत के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेगी,,,,,वो क्या कोई भी लकड़ी किसी लड़के को ऐसी हरकत के लिए माफ़ नही कर सकती भाई,,,,,,,

देख अगर तू उसको सचे दिल से लव करता है ऑर वो भी तेरे को लव करती है तो तुझे उस से माफी माँगनी चाहिए ऑर वो भी तुझे माफ़ कर देगी,,वो जान गई है तुम ऐसा किसी बदले की वजह से कर रहे थे,,,,शायद वो तेरी बात को समझ जाए लेकिन उसको समझाना तेरा काम है,,,,

मैने करण का हाथ पकड़ा ऑर अपने साथ दूसरे रूम मे ले गया,,जहाँ वो लड़की कपड़े तो पहन चुकी थी लेकिन अभी भी
रो रही थी,,,शिखा ऑर शोबा उसको चुप करवाने की कोशिश कर रहे थे,,,,,,,

करण को देख कर उसकी आँखें गुस्से से लाल हो गई लेकिन उस लाल आँखों मे आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे ऑर
ऐसा लग रहा था लाल आँखों से जवालामुखी फुट रहा हो,,,,,,

करण उसको देख कर डर रहा था ऑर उसके करीब नही जा रहा था लेकिन मैं करण को हाथ से पकड़ कर उसके करीब
ले गया,,,,,,

चल सॉरी बोल इसको,,,,,,,करण आगे नही बढ़ा लेकिन मेरे ज़ोर डालने पर वो आगे बढ़ गया ऑर सॉरी बोलने लगा,,,,

सॉरी रितिका,,,,मेरे से बहुत बड़ी ग़लती हो गई,,,,,अभी करण बोलने ही लगा था कि वो लड़की बेड से उठी ऑर करण के चेहरे पर थप्पड़ मारने लगी,,,तभी मैने आगे बढ़ कर करण को पीछे किया ऑर शिखा दीदी ऑर शोबा ने मिलकर उस लड़की को पकड़ा,,,

तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ऐसा करने की,,,,ऑर इतना जॅलील है तू कि ये सब करने के बाद भी मुझे सॉरी बोलने आया है तुझे क्या लगा मैं सब भूल कर तुझे माफ़ कर दूँगी,,,जो तूने मेरे साथ किया है मैं कभी नही भूल सकती,,,,,

तभी मैं आगे हुआ,,,,रितिका उसको अपनी बात तो पूरी करने दो,,,सुनो तो सही वो क्या कहना कहता है,,,मैं मानता हूँ उसने
जो ग़लती की है उसके लिए तुम इसको कभी माफ़ नही कर सकती लेकिन इसने ये ग़लती क्यूँ की किन हालातों मे की ये तो पूछ लो इस से

मुझे कुछ नही सुनना मैं जानती हूँ इसने ऐसा क्यू किया,,,,वो रोती जा रही थी ऑर बोलती जा रही थी,,,,,,,,मेरे से झूठा प्यार
का नाटक किया ऑर मुझे अपने घर लेके आया ऑर यहाँ मेरे साथ ,,,,,,वो बात को बीच मे ही रोक कर रोने लग जाती है,,,,,


इसकी बात तो सुनलो एक बार,,,,ये कुछ बोलना चाहता है,,,,ऑर तेरे से झूठा प्यार नही करता ये ,,सच मे तुझे चाहता
है ,,,,

झूठ,,,एक ऑर झूठ,,,,मुझे सच मे चाहता तो मेरे साथ ऐसा नही करता ये,,मैं जानती हूँ इसने मेरे भाई ऑर उसके
दोस्त अमित की वजह से ऐसा किया है लेकिन उस मे मेरी क्या ग़लती,,,,मेरे भाई की ग़लती की सज़ा मुझे क्यू मिलती है बार बार,,,

पहले उसकी वजह से मुझे कॉलेज छोड़ना पड़ा क्यूकी हर कोई मुझे यही बोलता कि मेरा भाई कमीना है,,,उसके डर की
वजह से उसके सामने सब लोग मेरी इज़्ज़त करते लेकिन जब वो मेरे पास नही होता तो हर कोई मेरे से बत्तमीजि करता,,,बोलता की मेरा भाई कमीना है ,,,बड़ा जॅलील है ,,,यही बोल बोल कर लड़के मेरे से छेड़खानी करते,,,,मैं डर जाती ऑर डर के मारे भाई को कुछ नही बता पाती लेकिन वो लोग बार बार मुझे तंग करते,,,बोलते कि मेरा भाई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करता है तो हम तेरी ज़िंदगी बरबाद कर देंगे,,,,मुझे नही पता मेरे भाई ने क्या किया ऑर जो किया वो सच है या नही लेकिन अपने भाई की ग़लती की सज़ा मैं क्यू भुगत रही हूँ बार बार,,,,,क्यू मुझे बार बार जॅलील होना पड़ रहा है,,

आख़िर मेरी क्या ग़लती है इसमे,,,,,वो रोती जा रही थी,,,,शोबा ऑर शिखा उसको सहारा दे रही थी ऑर चुप करवा रही थी,,,,

तुम्हारी कोई ग़लती नही है रितिका,,मेरी ग़लती है मैं बदले की आग मे पागल हो गया था इसलिए ये सब करने वाला था,,,,मुझे माफ़ करदो रितिका,,,करण रोते हुए ज़मीन पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी गोद मे रख दिया,,,,उसने भी रोते हुए अपने सर को शिखा के शोल्डर से उठाया ऑर करण एक सर को पकड़ कर अपनी गोद से उठा दिया,,,,

दूर हो जा करण मेरी नज़रो से ,,मैं तुझे कभी माफ़ नही करूँगी,,तूने मुझे उस ग़लती की सज़ा देने की कोशिश की है
जो ग़लती मैने की ही नही,,,ऑर पता नही मेरे भाई ने भी वो ग़लती की है या तुम लोग बस ऐसे ही उसको बदनाम कर
रहे हो,,,,,

नही रितिका वो सब सच है,,,,तुम्हारे भाई ने वो सब घटिया हरकते की है जिनकी वजह से कुछ लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद
हुई है,,,कुछ लड़कियों ने तो खुद्कुशि भी करली थी तेरे भाई से तंग आके,,इतना बोलकर मैं बाहर गया ऑर सोफे पर पड़ा
हुआ अपना कॉलेज बॅग लेके अंदर आ गया,,,,
Reply
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं ज़मीन पर ही बैठ गया जहाँ करण भी बैठ हुआ था,,,मैने अपने बॅग से लॅपटॉप निकाला ऑर वो फोल्डर ओपन किया
जहाँ सभी घटिया वीडियो पड़ी हुई थी जो अमित ऑर सुरेश की ग़लतियों का सबूत थी,,,,,,,मैं वीडियो प्ले की ओर लॅपटॉप रितिका की तरफ घुमा दिया,,,,,रितिका की आँखें फटी की फटी रह गई,,,उसने वीडियो मे अपने भाई सुरेश ऑर साथ ही अमित को देखा जिसके साथ कुछ ऑर लड़के थे जो हमारे कॉलेज के थे वो सब मिलकर एक लड़की से ज़बरदस्ती कर रहे थे,,ये वही लड़की थी जिसने ख़ुदकुशी की थी हॉस्टिल की छत से कूद कर,,,,

क्यू रितिका अब हुआ यकीन या नही,,,,,,,अब पता चला तेरा भाई कितना बड़ा कमीना है,,,,,

रितिका का मूह खुला का खुला रह गया ,,,ये देख कर वो खुद रोना भूल गई,,,क्यूकी उस से भी ज़्यादा रो रही थी वो लड़की
जो इस वीडियो मे थी,,,,,,

शिखा ऑर शोबा का भी मूह खुला का खुला रह गया था,,,,,

इसमे एक वीडियो शिखा दीदी की भी थी,,लेकिन इस से पहले वो वीडियो किसी ऑर के हाथ लगती मैने उस वीडियो को हमेशा के लिए ख़तम कर दिया,,,,,वर्ना शिखा दीदी भी आज ख़ुदकुशी कर चुकी होती या तेरे भाई ऑर उसके दोस्तो के डर से वही काम करतीजो वो लोग इस से करवाते,,,,,

मेरी इस बात पर शिखा दीदी की आँखों मे आँसू आ गये,,,रितिका ने शिखा दीदी की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने सर को
हां मे हिला कर रितिका को बोल दिया कि मैं जो बोल रहा हूँ वो सच है,,,,,

कुछ देर तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,,बोलो रितिका अब क्या बोलती हो,,,,अब भी तुमको लगता है करण ने जो किया ग़लत किया हालाकी करण ने ग़लत किया लेकिन उस ग़लती के पीछे एक बदले की आग थी एक जुनून था,,,,वो बदले की आग मे इस कदर जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की साजिश करने लगा था,,,,,ऑर वो कामयाब भी हो जाता शायद,,,,

तभी रितिका शिखा दीदी के गले लग्के रोने लगी,,,,,तेरे साथ इतना कुछ हो गया तूने मुझे बताया क्यू नही,,,,तू तो मेरी
बेस्ट फ्रेंड थी ना एक बार तो बता सकती थी मुझे,,,,,

नही बता सकती थी,,तेरे भाई को या किसी को शक हो जाता तो मुश्किल हो जानी थी,,शिखा दीदी भी रोते हुए उसकी बात का जवाब देने लगी,,,,

फिर रितिका उठी ऑर करण के पास ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गई,,,,मुझे माफ़ करदो करण मुझे नही पता था
शिखा दीदी के साथ ऐसा हुआ ऑर तुम अपने दिल मे बदले की आग लिए उस आग मे जल रहे हो,,अब मैं समझ गई कि उस लड़के कि ऐसी क्या मजबूरी थी जो मुझ से इतना प्यार करता है फिर भी मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है,,,,,इतना बोलकर रितिका करण के गले लगी ऑर दोनो एक दूसेर के गले लग कर रोने लगे,,,,


सबकी आँखों मे आँसू थे,,तभी मैं बोल पड़ा,,,,,अब क्या रोते रहोगे सारा दिन,,,कोई ऑर काम नही है क्या,,,,चलो शोबा
दीदी आंड शिखा दीदी आप लोग बाहर चलो ऑर सबके लिए कॉफी बनाओ,,,मेरे इतना बोलते ही शिखा दीदी आँखों से आँसू पोछते हुए बेड से उठी ऑर हल्के से स्माइल करने लगी,,,,साथ ही शोबा दीदी भी उठ गई,,,,,,

चलो हम लोग बाहर चलते है इन लोगो को थोड़ी देर बात करने दो,,,,,एक दूसरे को सॉरी बोलने दो ऑर एक दूसरे को माफ़ करने दो,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी वहाँ से चले गये,,शिखा दीदी ऑर शोबा दीदी किचन मे चली गई और मैं सोफे पर बैठ गया


कुछ देर बाद शिखा ऑर शोबा कॉफी लेके आ गई ऑर इतने मे करण ऑर रितिका भी वहाँ आ गये,,,,सब लोग बैठ गये ऑर कॉफी पीने लगे,,,,,करण की नाक से खून बहना बंद हो गया था ऑर रितिका की आँखों से आँसू लेकिन एक उदासी अभी भी थी उन लोगो के चेहरे पर,,,,,,

सन्नी तुमको ये सब वीडियोस कहाँ से मिली,,,,रितिका ने कॉफी पीते हुए मेरे से पूछा,,,,

फिर मैने उसको सारी बात बताई ,,,सुमित के घर के बारे मे जहाँ अमित दीदी को लेके गया ऑर कहाँ पर किस बॉक्स मे सारी सीडीज़ ऑर पेनड्राइव पड़ी हुई थी,,,,,,एक एक करके सब कुछ बता दिया

ये सब डेटा तुम लोगो के पास है तो तुम लोगो ने इसको पोलीस के हवाले क्यू नही किया,,,,,,क्या तुम लोग डरते हो इन कमिने लोगो से,,,,

मैं हैरान होके देखने लगा रितिका की तरफ,,,,वो अपने भाई को गाली दे रही थी,,,,,

तुम अपने भाई को गाली दे रही हो,,,,मैने रितिका से पूछा,,,,

मेरा कोई भाई नही है,,,,ऑर जो था अब वो मर गया है मेरे लिए,,,ऐसी घटिया हरकत करने वाला किसी का भाई नही हो सकता

,,,,,मेरा बस चले तो मैं खुद गोली मार दूं ऐसे भाई को,,,,,बट मैं मजबूर हूँ,,,,,,,लेकिन तुम लोग तो मजबूर नही
हो सन्नी,तुम लोग तो ऐसा कर सकते हो ,,,,लेकिन अगर तुम लोगो को डर लगता है ये सीडीज़ पोलीस तक पहुँचाने मे तो मैं तुम लोगो की हेल्प कर सकती हूँ,,,,

नही रितिका इसकी कोई ज़रूरत नही ,वैसे मैं इसी कोशिश मे लगा हुआ हूँ बस एक बार जो मैने प्लान बनाया है वो कामयाब हो जाए,,,फिर सब लोगो को उनकी करनी की सज़ा मिल जाएगी,,,,

क्या प्लान बनाया है सन्नी,,,,करण ने मेरे से पूछा,,,,,

तो मैने वो सारी बात बता दी करण को ऑर बाकी सबको जो मेरे दिमाग़ मे काफ़ी टाइम से चल रही थी,,,,,

कॉफी पीने के बाद शोबा ऑर शिखा ने मिलकर रितिका का हुलिया ठीक किया ऑर उसको अपने साथ लेके उसके घर छोड़ने चली गई,,,,ऑर मैं करण को साथ लेके डॉक्टर के पास चला गया ऑर उसकी नाक ठीक करवा कर मेडिसिन दिलवाके फिर करण को वापिस घर लेके आ गया,,,,

तुझे क्या लगता है ये रितिका जो बोल रही थी सच है क्या,,,क्या ये सच मे हम लोगो की हेल्प कर सकती है सीडीज़ को पोलीस तक पहुँचाने मे,,,,,

हाँ सन्नी भाई,,ये ऐसा कर सकती है लेकिन इस से हमारा प्लान खराब हो जाना है जो आपके दिमाग़ मे चल रहा है इसलिए हम लोगो को आपके प्लान के मुताबिक चलना होगा,,,इसी तरह सबको उनके किए की सज़ा ठीक तरीके से मिलेगी,,,,,

हाँ सही बोला तूने करण,,,,,हमे अपने प्लान के हिसाब से चलना है,,,,,वैसे भी उस बेचारी को हमे इस सब से दूर ही
रखना चाहिए,,,,,वैसे साले एक बात तो आज मैं मान गया कि तुझे सील बंद लड़की मिली तो तूने उसको मेरे लिए संभाल
कर रखा,,,मान गया तेरे को करण भाई,,,,,आंड एक बार फिर सॉरी बोलता हूँ तेरी नाक के लिए,,,मैने जान भूज कर नही
किया बस गुस्से मे ग़लती हो गई,,,,,

इट्स ओके सन्नी भाई आपने जो किया ठीक किया शायद यही तरीका था मुझे मेरी ग़लती का एहसास करवाने का,,मेरी आँखें
खोलने का,,,,ऑर वैसे भी आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है ,,मेरी शिखा दीदी को मेरे करीब किया फिर शोबा दीदी को
भी,,,,,ऑर सबसे पहले वो मनीषा ऑर पूजा की चूत दिलवाई ,,,,अब तो अपनी माँ की चूत ऑर गान्ड भी दिलवा दी,,,,इतना सब कुछ किया है अब तो मेरा भी हक़ बनता है इसलिए मैने सोचा कि रितिका की सील खोलने का मोका आपको दिया जाए,,,,

अच्छा अब तू उस से प्यार करता है ,,अब क्या इरादा है खुद सील खोलेगा या अब भी मेरा हक बनता है,,,,,मैं मज़ाक मे
बोला ऑर हँसने लगा साथ मे करण भी हँसने लगा,,,,

सॉरी करण भाई बुरा नही मानना मेरे मज़ाक का,,,,,,तू उसको प्यार करता है तो उसपे पूरी तरह से तेरा हक़ है,,मैं
उसकी तरफ नज़र उठा कर भी नही देखूँगा,,,ऑर वैसे भी मेरी नज़र किसी ऑर पर है लेकिन वो आज नज़र नही आ रही,,,,,


जानता हूँ तू किसको ढूँढ रहा है सन्नी भाई,,,,,माँ नाना नानी के पास गई है,,,,नाना जी की तबीयत ठीक नही थी,,,तभी
तो तेरी मोम यानी सरिता आंटी आज हमारे घर नही आई,,,,,ऑर मैं मोका देख कर रितिका को यहाँ ले आया था,,,ऑर वो सब घटिया हरकत करने वाला था,,लेकिन तूने सही टाइम पर सब कुछ ठीक कर दिया,,,

जो होता है ठीक ही होता है करण भाई,,,,,ऑर सबके भले के लिए होता है,,,,,,

फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे ऑर कॉलेज टाइम पर मैं उसके घर से निकल पड़ा ऑर अपने घर आ गया,,,
Reply
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
घर आया तो देखा कि कविता की अक्तिवा घर के बाहर खड़ी हुई थी ऑर साथ मे एक कार भी थी,,,,वो कार कुछ जानी पहचानी लग रही थी,,लेकिन ठीक से समझ नही आ रहा था कि वो कार किसकी है,,,,,

मैने बाइक स्टॅंड पर लगाया ऑर घर के मेन डोर पर जाके बेल बजाने लग,,,,तभी कोई 3-4 मिनट बाद कविता ने आके दरवाजा खोला,,,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,

हेलो कविता,,,,,,तुमने दरवाजा क्यू खोला माँ कहाँ है,,,,,

क्यू मैं दरवाजा नही खोल सकती क्या,,,,,,,,वो थोड़ा नखरे से बोली,,,,,,,,आंटी जी उपर है सोनिया के रूम मे ,,उसकी तबीयत
ठीक नही है,,,,,,इतना बोलकर वो दरवाजे से पीछे हट गई ऑर मैं घर क अंदर आ गया ऑर अंदर आते ही मैं कविता के साथ उपर सोनिया के रूम की तरफ चला गया,,,

कविता सीडियाँ चढ़ते हुए मेरे को अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,ऑर जब मैं उसकी तरफ देखता तो वो अपने चेहरा को दूसरी तरफ घुमा लेती,,,,,

हम लोग सोनिया के रूम मे गये तो देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,माँ बेड के पास खड़ी हुई थी ऑर साथ ही खड़ा हुआ था हमारा फॅमिली डॉक्टर,,,,,,फिर मुझे याद आया कि बाहर जो कार देखी थी मैने जो मुझे जानी पहचानी लग रही थी वो डॉक्टर की थी,,,,,,


इसको हुआ क्या है डॉक्टर ,,कल रात से इसकी तबीयत ऐसी ही है,,,,,,कल तो ठीक से डिन्नर भी नही किया इसने,,,,,माँ हल्की उदासी मे बोल रही थी,,,,,

इसको बहुत तेज बुखार है मिसेज़, वर्मा या तो ये गर्मी की वजह से हो सकता है या फिर बहुत ज़्यादा ठंड लगने की वजह
से जो ख़ासकर बारिश मे भीगने की वजह से होता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे बारिश नही हुई इसका मतलब है कि ये सब गर्मी की वजह से हुआ है,,,,,,,आप बोल रही हो कि रात इसने डिन्नर नही किया ऑर कल से इसकी तबीयत ठीक नही है तो अपने इसको कॉलेज क्यूँ जाने दिया,,,,ऐसी हालत मे कॉलेज जाने इसके लिए ठीक नही था,,थकावट की वजह से हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो सकती थी,,,,

क्या करूँ मैं डॉक्टर साहब ये तो मेरी कोई बात ही नही सुनती सुबह भी बोला था कि कॉलेज मत जाओ बेटी लेकिन मेरी एक बात नही सुनी इसने,,,,पता नही ऐसी कॉन्सी स्टडी है इसको जो इसके लिए इतनी ज़रूरी है कि बीमार होते हुए भी इसने कॉलेज जाने की ज़िद की,,,,,मैं तो समझा समझा कर थक गई हूँ इस लड़की को,,,बुखार मे भी कॉलेज भाग जाती है,,,,



ये ग़लत बात है सोनिया बेटा,,माना कि स्टडी ज़रूरी है लेकिन सेहत का ख्याल रखना उस से भी ज़्यादा ज़रूरी है,,,डॉक्टर
सोनिया को समझा रहा था तभी सोनिया का ध्यान मेरी तरफ आया तो उसके माथे से पसीना निकलने लगा,,वो शायद डर गई थी लेकिन उसकी आँखे लाल हो गई थी मतलब वो गुस्सा कर रही थी,,,,

कविता,,,,,,,,,,,,,,,,आंटी जी मैने भी इसको बहुत बार बोला क्लास मे कि तेरी तबीयत ठीक नही तुझे घर ले चलती हूँ लेकिन
इसने मेरी एक नही सुनी,,,,बस अपनी ही मर्ज़ी चलाती रही ऑर छुट्टी के टाइम ही घर आई,,,लेकिन मैने इसको कॉलेज के क्लिनिक से मेडिसिन लाके दी थी बट उस से कोई फ़र्क नही पड़ा,,

इट्स ओके कविता बेटी,,तेरी इसमे कोई ग़लती नही ये लड़की है ही ज़िद्दी,,,अपनी ज़िद्द की वजह से हम लोगो को भी परेशानी मे डाल देती है,,,,,

माँ मैने क्या किया अब मुझे बुखार क्यू हुआ मुझे क्या पता,,,,सोनिया उदास होके बोल रही थी,,,,

सुबह बुखार था तो कॉलेज क्यू गई,,छुट्टी नही कर सकती थी क्या,,,,इतना ज़रूरी है तेरा कॉलेज,,,,माँ हल्के गुस्से
मे बोली,,,,

माँ वो कुछ दिनो मे टेक्स्ट शुरू होने वाले है तो कॉलेज जाना ज़रूरी था,,,,सोनिया फिर से उदास होके बोल रही थी,,,,

टेस्ट इतने भी ज़रूरी नही कि बंदा अपनी सेहत का ख्याल ही ना रखे,,,,,अब तू मेरी मर्ज़ी के बिना बेड से उठ कर देखना,,

हाँ सही बोला मिसेज,वर्मा,,,,,अब इसको बेड से नही उठने देना,,बस मेडिसिन ले ऑर आराम करे ,,हो सके तो कुछ दिन तक इसको कॉलेज भी नही जाने देना,,,,,डॉक्टर ने माँ से इतना बोला ही था कि सोनिया बोल पड़ी,,,,,

नही डॉक्टर अंकल ऐसे मत बोलो मुझे कॉलेज जाना है कल सुबह,,बहुत ज़रूरी है ऑर आप प्ल्ज़्ज़ मुझे कोई अच्छी मेडिसिन
दे दो जिस से मैं जल्दी ठीक हो जाउ क्यूकी मुझे टेस्ट की तैयारी करनी है,,,,

सॉरी बेटा अब तो तुम कुछ नही कर सकती,,,,क्यूकी अभी जो मेडिसिन मैने तुझे दी है वो नींद वाली मेडिसिन थी,,अब
आज तो तुम आराम से सो जाओगी वो भी कम से कम 8-10 अवर्स के लिए,,,,,,

नही डॉक्टर अंकल मुझे स्टडी करनी है ,,,अपने ऐसा क्यूँ किया,,,,,,

तभी सोनिया की बात सुनके डॉक्टर मॉम आंड कविता हँसने लगे,,,,,,

देखा डॉक्टर साहब इसको स्टडी की कितनी टेन्षन है,,,,,,इतनी तबीयत खराब है फिर भी आराम नही करना इसको स्टडी करनी है,,,,,

हाँ देख लिया मिसेज़,वर्मा लेकिन आपको ख़ास ख्याल रखना होगा इसका क्यूकी ये छुटकी रानी बहुत ज़िद्दी है,,,मेडिसिन
का असर तो हो जाएगा 30 मिनट मे लेकिन उसके बाद आप लोगो को इसके फॉरहेड पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करनी है जिस से गर्मी का बुखार जल्दी ठीक होता है,,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,,,मैं ख्याल रखूँगी ऑर ठंडे पानी की पट्टियाँ भी कर दूँगी इसको,,,,,

ओके तो अब मैं चलता हूँ ,,2 दिन की मेडिसिन देके जा रहा हूँ ,वैसे तो 2 दिन मे ही ठीक हो जाएगी लेकिन अगर फिर भी
ठीक नही हुई तो मुझे कॉल कर देना,,,,,,,ओके ,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,

अच्छा तो मैं चलता हूँ सोनिया बेटी तुम अब आराम करो,,,,,,ओके बयए

ओके बाइ डॉक्टर अंकल,,,,,,,,,

डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर माँ भी नीचे चली गई डॉक्टर को दरवाजे तक छोड़ने,,,,,

कविता आगे बढ़ कर मेरे बेड पर बैठ गई जबकि मैं दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था,,,,सोनिया ने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर
फेस दूसरी तरफ करके लेट गई,,,,


तुम वहाँ क्यू खड़े हो सन्नी यहाँ बैठ जाओ आके,,,कविता ने अपने पास ही बेड पर हाथ रखकर मुझे इशारा किया ऑर
मैं भी उसके पास जाके बैठ गया,,,,,,

आज तुम कॉलेज नही आए क्या सन्नी,,,,,मैने तुमको कॅंटीन मे भी नही देखा,,,,इतना बोलकर कविता हँसने लगी ,,क्यूकी
वो मेरा मज़ाक उड़ा रही थी,,,,,मैं अक्सर क्लास से ज़्यादा टाइम कॅंटीन मे ही होता था,,,,,

मैं कॉलेज तो गया था लेकिन तभी किसी दोस्त का फोन आ गया ऑर मैं वहाँ से चला गया था,,,,कोई ज़रूरी काम था,,

तभी माँ उपर आ गई डॉक्टर को बाहर तक छोड़ कर,,माँ के हाथ मे एक पानी का बर्तन था ,,देखने से पता चल गया
था कि उसमे कोल्ड वॉटर था,,,,साथ ही माँ के हाथ मे 2 छोटे टॉवेल थे,,,,,,माँ ने अंदर आके पानी वाले बर्तन को टेबल
पर रखा ऑर सोनिया के पास बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया को पकड़ कर सीधा करके लेटा दिया जिस से उसका सर सीधा हो गया ऑर फॉरहेड उपर की तरफ हो गया,,,,,

माँ ने एक टवल को पानी के बर्तन मे डाला ओर निचोड़ कर सोनिया के फॉरहेड पर रख दिया,,,,तभी कविता भी आगे बढ़ कर दूसरे टवल को पानी मे डालके निचोड़ कर माँ के हाथ मे देने लगी ऑर माँ ठंडे टवल को सोनिया के फॉरहेड पर
रखने लगी,,,,,

थॅंक्स्क्स कविता बेटी,,,,,माँ ने कविता को अपनी हेल्प करते देखा ऑर थेन्क्ष्क्ष बोला

अरे इसमे थॅंक्स्क्स की क्या बात आंटी जी सोनिया मेरी बेहन है ऑर अपनी बेहन के लिए मैं इतना तो कर ही सकती हूँ,,,,

तुम बहुत अच्छी हो कविता बेटी,,,,,,जो इतना करती हो मेरी बेटी का,,,,तुम सच मे इसकी अच्छी दोस्त हो,,,,,अच्छा एक बात तो बता इसने आज कुछ खाया भी था कॉलेज मे या नही,,,,,,

नही आंटी जी ये अक्सर कॉफी ही पीती है कॉलेज मे कभी कुछ खाती नही,,,,आज भी नही खाया,,,,,

सोनिया गुस्से से देखने लगी कविता की तरफ,,,मानो वो उसको गुस्सा हो रही थी क्यूकी वो उसकी माँ से उसकी शिकायत लगा रही थी,,,,,

अच्छा अगर मैं कुछ नही खाया तो तूने कॉन्सा कुछ खाया है,,,,,सोनिया ने भी हल्की आवाज़ मे लेकिन गुस्से से मा को
कविता की शिकायत करदी,,,,

हाइयी राम तभी मैं सोचु तुम दोनो इतनी दुबली पतली क्यूँ होती जा रही हो,,,,सारा दिन स्टडी करती रहती हो ऑर खाती पीती कुछ ' भी नही,,,,,आज भी कुछ नही खाया तुम लोगो ने,,,,,अब इसको तो कुछ नही देना है डॉक्टर मना करके गया है लेकिन तुझे तो भूख लगी होगी ना कविता बेटी,,,,,तू रुक मैं अभी कुछ लेके आती हूँ खाने के लिए,,,,,

अरे नही आंटी जी इसकी ज़रूरत नही है,,,क्यू खा-म-खा इतनी टेन्षन ले रही हो आप,,,,,

अरे इसमे टेन्षन की क्या बात बेटी ,,तू मेरे लिए ऑर मेरी बेटी के लिए इतना कुछ कर सकती है तो मैं तेरे लिए खाना भी नही पका सकती क्या,,,ऑर वैसे भी इसमे टेन्षन वाली क्या बात मैं कॉन्सा तेरे लिए स्पेशल खाना तैयार करने जा रही हूँ ये भी तो आया है कॉलेज से इसको भो भूख लगी होगी,,,,माँ ने बेड पर मेरी तरफ इशारा किया,,,,,

तुम सोनिया को पट्टियाँ करो मैं तब तक खाना तैयार कर देती हूँ इतना बोलकर माँ वहाँ से उठी ऑर दरवाजे से बाहर
की तरफ जाने लगी,,,,लेकिन जाते जाते रुक गई,,,,,तू यहाँ आराम से बैठा क्या कर रहा है चल कविता के साथ बैठ कर सोनिया को ठंडे पानी की पट्टियाँ कर,,चल उठ जल्दी,,,,,

माँ के कहने पर मैं उठा ऑर सोनिया के बेड पर जाने लगा तभी सोनिया ने मुझे गुस्से से घूर कर देखा ,,लेकिन मैं
डरा नही क्यूकी मेरा ध्यान उसकी तबीयत की तरफ था जो सच मे बहुत खराब थी,,,,मैं जाके माँ वाली जगह पर बैठने
लगा लेकिन सोनिया ने मुझे ऑर भी ज़्यादा गुस्से से देखा ऑर मैं सच मे डर गया ,,,,
Reply
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मुझे डरता देख कविता हँसने लगी,,,तभी मैने कविता को इशारा किया कि वो माँ की जगह पर बैठ जाए ऑर वो उठकर
वहाँ बैठ गई जबकि मैं उठके कविता की जगह पर बैठ गया ऑर कविता को टवल गीला करके देने लगा ऑर कविता टवल
को सोनिया एक फॉरहेड पर रखने लगी,,,,,

मैं जब भी गीला टवल कविता के हाथ मे देखता या कविता के हाथ से दूसरा टवल पकड़ता मेरा हाथ कविता के हाथ को
टच कर जाता तो वो शर्मा जाती ,,लेकिन मैं उसकी तरफ कोई खास ध्यान नही देता बस अपने काम मे लगा रहता,,,,,

लेकिन मेरा ध्यान सोनिया की तरफ ज़रूर जा रहा था जो मुझे घूर कर देख रही थी लेकिन तभी उसकी आँखें बंद होने
लगी मैं समझ गया कि अब ये सोने वाली है क्यूकी डॉक्टर ने इसको नींद वाली मेडिसिन दी थी,,,,,ऑर ऐसा ही हुआ करीब 5-7 मिनट बाद उसकी आँखें बंद हो गई ,,,,,

ऑर तभी माँ अंदर आ गई ,,,,चलो चलो बच्चो उठो ऑर हाथ धो कर खाना खा लो,,,,माँ ने हाथ मे पकड़ी हुई प्लेट
को दूसरे बेड पर रख दिया जो मेरा बेड था,,,,माँ ने प्लेट को बेड पर रख दिया ऑर पानी वाले जग को टेबल पर रख दिया
ऑर कविता के हाथ से गीला ऑर ठंडा टवल पकड़ लिया,,,,,,,,,चलो अब उठो ऑर खाना खा लो ये सब मैं करती हूँ,,,

कविता कुछ नही बोली ऑर बातरूम मे चली गई ऑर हाथ धो कर वापिस आके बेड पर बैठ गई तब तक मैं माँ को टवल
गीला करके देता रहा,,,,,कविता के बाहर आते ही मैं भी बेड से उठा ऑर बाथरूम मे चला गया ऑर हाथ धो कर वापिस
अपने बेड पर गया,,,,,,मैने देखा कि कविता अपना खाना खा रही थी प्लेट से लेकिन मेरी प्लेट नही थी,,,,,

माँ आप कविता की प्लेट तो ले आई लेकिन मेरी प्लेट कहाँ है,,,,,,,,

यही तेरी प्लेट है सन्नी बेटा तुम दोनो एक ही प्लेट मे खाना खा लो,,,,,

लेकिन माँ मुझे अपनी प्लेट मे खाना है ,,मैं इसके साथ खाना नही खा सकता,,,,,

क्यू नही खा सकता छोटा था तब भी तो इसके साथ मिलकर खाना ख़ाता था तू अब क्या इतना बड़ा हो गया है कि एक प्लेट मे खाना नही खा सकता इसके साथ,,,,क्या शरम आती है तुझे,,,,,ऑर वैसे भी मेरे 2 हाथ है 4 नही जो एक साथ 2 प्लेट ऑर पानी का जग भी लेके उपर आ जाती,,,,,,चल अब बैठ उसके साथ ऑर खाना खा ले,,,,,,माँ हल्के गुस्से मे बोली ,,,,

नही आंटी जी ये शरमाता नही है इसको डर लगता है मेरे से क्यूकी मेरे हाथों पे ज़हर लगा हुआ है ना,,,,कविता ने
इतना बोला ऑर हँसने लगी माँ भी साथ मे हँसने लगी,,,,,लेकिन तभी माँ बोल पड़ी,,,,,,श्ह्ह्ह्ह्ह अब चुप करके खाना खा
लो ऑर कोई आवाज़ नही करना,,सोनिया को मेडिसिन दी है इसको सोने दो आराम से,,,,,,माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे बेड पर कविता के साथ बैठने का इशारा किया ऑर मैं भी चुप चाप बैठ गया,,,,क्यूकी सुबह कॉलेज मे कुछ नही खाया
था ऑर कारण के घर भी कॉफी ही पी थी इसलिए बहुत भूख लगी हुई थी मुझे,,,,,मैं अपने बेड पर बैठा ऑर खाना खाने
लगा एक ही प्लेट मे कविता के साथ,,,,,,

लेकिन मुझे अच्छा नही लग रहा था अगर इतनी जोरो से भूख नही लगी होती तो मैं कभी एक प्लेट मे इसके साथ खाना नही ख़ाता ,,,,,,

हम दोनो खाना खाने लगे ऑर माँ सोनिया एक फॉरहेड पर ठंडे टवल रखने मे बिज़ी हो गई,,,,,,,,मैं चुप चाप
खाना खा रहा था तभी कविता बार बार मुझे देख कर शरमा रही थी हँसती जा रही थी ,,,,,मैने आँखों ही आँखों
मे पूछा क्या है,,तू इतना हंस क्यू रही है,,,,तो उसने भी अपने सर को ना मे हिला कर बोला कि कुछ नही,,,,

मैने फिर पूछा कि क्या हुआ तू पागल है जो हँस रही है,,,,तो वो बस शरमाती जा रही थी ऑर हँसती हुई हल्के हल्के खाने को चबा रही थी,,,,मैं भी चुप करके खाना खाने लगा ऑर उसकी तरफ ध्यान ही नही दिया,,,,,ऑर खाना खाते हुए माँ
ऑर सोनिया की तरफ देखने लगा,,,

तभी मेरे लिप्स पर कुछ टच हुआ मैने देखा कि कविता हाथ मे एक रोटी का नीवाला लेके मुझे खिलाने की कोशिश कर
रही थी ऑर हँस रही थी,,,,मैने मूह खोलने से मना कर दिया,,,,,,

खा ले ना मेरे हाथ पे सच मे ज़हर नही लगा हुआ,,,कविता के बोलते ही माँ का ध्यान हम लोगो की तरफ आया ऑर माँ
ने कविता को हाथ मे नीवाला लेके मुझे खिलाते हुए देख लिया,,,,मैं समझा कि बेटा अब तो तू गया माँ पता नही क्या सोच
रही होगी,,,,,,,तभी माँ हल्के से बोली,,,,,,इतना नखरा क्यू करता है ऑर शरमाता क्यूँ है ,,,बचपन मे भी तो तुम सब
मिलकर ऐसे ही खाना खाते थे तो अब क्या हुआ ,,,,चल खा ले रोटी कविता के हाथ से ऑर इतना मत शर्मा,,,,,मैने कुछ
नही बोला ऑर मूह खोल दिया ओर कविता के हाथ से नीवाला खा लिया,,,,,,

तभी कविता ने मुझे इशारा किया प्लेट की तरफ ऑर फिर अपने मूह की तरफ ऑर मूह खोल दिया,,,,वो बोल रही थी कि अब तुम मुझे रोटी का एक नीवाला खिलाओ,,,,मैने सर हिला कर मना कर दिया,,,लेकिन उसने ज़िद्द की ऑर ज़िद्द भी की किसी छोटे बच्चे की तरह,,

मैने भी उसकी ज़िद्द मान ली ऑर रोटी का नीवाला लेके उसके मूह की तरफ हाथ बढ़ा दिया,,,,उसने मूह खोला तो मैं उसके पिंक कलर के छोटे छोटे लिप्स को देखता रह गया,,,ये नही कि पहली बार देख रहा था लेकिन अभी पता नही क्यू उसके लिप्स बहुत ही ज़्यादा अच्छे लग रहे थे,,,,मैं उसके लिप्स मे खो ही गया था ऑर मेरा हाथ उसके मूह के पास जाके रुक गया था ,,मुझे पता ही नही था कि वो मूह खोल कर मेरे हाथ मे पकड़े हुए नीवाले का वेट कर रही थी,,,,मैं तो बस उसके लिप्स को देखता जा रहा था,,,,,,तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा ऑर जल्दी से मेरे हाथ को अपने मूह मे करीब करके मेरे हाथ से रोटी का नीवाला अपने मूह मे भर लिया ऑर खाने लगी,

,तभी मैं होश मे आया ऑर उसकी तरफ देखने लगा तो वो मुझे अजीब नज़रो
से देखने लगी,,,,वो मुझे पूछ रही थी कि क्या हुआ सन्नी लेकिन मेरे पास उसकी घूरती नज़रो के सवाल का कोई जवाब नही था इसलिए मैं रूम मे इधर उधर देखने लगा,,,,,फिर वापिस मेरा ध्यान उसकी तरफ गया तो वो हाथ मे रोटी का नीवाला लेके मुझे खिलाने के लिए अपने हाथ को मेरे मूह के करीब कर रही थी ऑर हल्के से मुस्कुरा रही थी,,,,,मैने फिर से मूह खोला उसके हाथ का नीवाला खाने लगा ,,ऑर तभी उसने मुझे फिर से उसको एक नीवाला खिलाने को बोला तो मैने मना नही किया लेकिन इस बार मैने ध्यान रखा कि मैं उसके लिप्स देखने मे खो ना जाउ कहीं ऑर ठीक तरह से एक नीवाला उसके मूह तक पहुँचा दूं,,,,,ऑर ऐसा ही हुआ मैने रोटी का नीवाला उसके मूह तक पहुँचा दिया ऑर उसके लिप्स की तरफ ध्यान नही दिया ,,लिप्स क्या मैं तो मूह की तरफ भी ध्यान नही दे रहा था पता नही कब मेरा हाथ उसके मूह मे गया 'ऑर उसने नीवाला खाने की कोशिश मे मेरी उंगली पर ज़ोर से काट दिया,,,,,मुझे बहुत दर्द हुआ मैं चिल्लाने वाला ही था कि मेरा ध्यान माँ ऑर सोनिया की तरफ गया,,,,,ऑर मेरी आवाज़ मेरे मूह मे घुट कर रह गई लेकिन दर्द तो हुआ था ऑर इसी वजह से मेरी आँखों से हल्का सा पानी निकलने लगा,,,,,,


मैं दर्द से तड़प उठा था लेकिन वो हँसती जा रही थी,,,,,उसको ये सब मज़ाक लग रहा था इस वक़्त वो कोई छोटी बच्ची बनीहुई थी ऑर खाना खाते टाइम मेरे से मज़ाक कर रही थी,,,,,मेरी आँखों मे पानी था लेकिन उसको कोई फ़र्क नही पड़ रहा था वो तो मुझे ज़ुबान निकाल का चिड़ा रही थी ,,मेरा मज़ाक बना रही थी,,,

माँ भी उसकी तरफ देखने लगी और हँसने लगी,,, माँ ने अपने माथे पर हाथ मारते हुए उसको बोला,,,,,,,,पगली कहीं की,,,तू बच्ची की बच्ची रहना,,,,ऑर फिर से माँ हल्के से हँसते हुए अपने हाथ मे पकड़ा हुआ गीला टवल सोनिया के माथे पर रखने
लगी,,,,

मैने कविता की तरफ देखा ऑर उसको बोला कि अब तू मुझे खाना खिला तो उसने सॉफ मना कर दिया,,,,क्यूकी उसको पता था

अब मैं भी उस से बदला लूँगा तो उसने सॉफ तोर पर सर को ना मे हिला कर मना कर दिया,,,,मैं फिर से उसको बोला ऑर ज़िद करने लगा,,,माँ ने एक बार हम लोगो की तरफ देखा ऑर वापिस अपने काम मे लग गई,,,माँ के देखते ही कविता मुझे खाना खिलाने को मान गई ऑर फिर अपने हाथ मे एक नीवाला लेके मुझे खिलाने लगी,,,लेकिन वो बहुत डर रही थी उसको पता था कि अब मैं भी उसकी उंगली पर काटुन्गा ऑर मैं वैसे भी उसको अपने दाँत दिखा कर डरा रहा था ऑर वो डर भी रही थी जैसे जैसे उसका हाथ मेरे मूह के करीब आ रहा था वो अपनी आँखों को बंद करती जा रही थी,,जब उसका हाथ मेरे लिप्स के पास टच करने लगा तो उसने आँखें बंद करके अपने फेस को एक तरफ मोड़ लिया ऑर हाथ को आगे बढ़ा दिया ऑर ऐसे फेस बनाने लगी कि जैसे मैं अभी उसके हाथ पर काट रहा हूँ,,,,फिर उसने फेस को पूरी तरह से टर्न कर लिया ऑर बुरी तरह से डर गई,,,,मैने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर उसके हाथ से नीवाला ख़ाके उसके हाथ को मूह से निकाल दिया ,,,मैं उसके हाथ को या उंगली को काटा नही,,,उसने अपने हाथ के पीछे होते ही अपने फेस को मेरी तरफ किया ऑर रहट की साँस ली ओर मुझे नज़रो ही नज़रो मे थॅंक्स्क्स्क्स बोला,,लेकिन मैं उसका डरा हुआ चेहरा देख कर हँसने लगा

तभी वो भी हँसने लगी,,,,,,

कुछ देर बाद मैं तो चुप हो गया लेकिन वो हँसती रही,,,,,मुझे लगा शायद ये पागल हो गई है,,,,डर की वजह से मैने उसको पूछा क्या हुआ पगली तो उसने अपने लिप्स के नीचे उंगली लगा कर मुझे इशारा किया कि तुम्हारे लिप्स के नीचे कुछ लगा हुआ है,,,मैं अपने हाथ से सॉफ करने की कोशिश की लेकिन साफ नही हुआ ,,उसने फिर मुझे हाथ थोड़ा राइट साइड करने को बोला तो मैने फिर कोशिश की लेकिन मेरा फेस सॉफ नही हुआ,,,,वो हँसने लगी ऑर मुझे रुकने को बोलने लगी,,,मैने हाथ अपने फेस से नीचे कर लिया तभी उसने अपने हाथ को मेरे मूह की तरफ किया ऑर अपनी उंगली से मेरे लोवर लिप्स के नीचे लगी हुई दाल को सॉफ करने लगी जो उसकी ग़लती से मेरे लिप्स के नीचे लगी थी,,,,जब वो डर कर मुझे खाना खिला रही थी तो उसका हाथ काँप रहा था जिस वजह से थोड़ी डाल मेरे लिप्स के नीचे लग गई थी,,,,,

उसने उंगली से डाल को सॉफ किया ऑर उंगली को मेरे मूह मे डाल दिया ताकि मैं डाल को उंगली से चाट सकूँ,,उसकी उंगली मूह मे घुसते ही मैं उंगली पर लगी दाल को चाटने लगा ऑर उंगली को चूसने लगा,,उसकी नरम ऑर छोटी उंगली मेरे मूह मे गर्म होने लगी थी ऑर मक्खन की तरह पिघलने लगी थी मेरे मूह मे,,,उसकी उंगली पर लगी दाल अब मुझे दाल मखनि का टेस्ट देने लगी थी,,,मैं उसके स्वाद मे इतना खो गया कि उसकी उंगली को चूस्ता ही रहा ,,,मुझे पता नही क्या हो गया था मुझे एक अजीब सा टेस्ट मिलने लगा था उसकी उंगली से जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ,,,उसकी उंगली को मेरे मूह मे करीब 15-20 सेकेंड हो गये थे उसने उंगली बाहर नही की ऑर ना मैने उसकी उंगली को मूह से बाहर किया,,तभी मैने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे उंगली चूस्ते देख परेशान हो गई थी,,उसके माथे पर पसीना आ गया था,,उसका मूह खुला हुआ था ऑर हार्ट बीट तेज हो गई थी,,उसका दूसरा हाथ उसके बूब्स के उपर क्लीवेज की लाइन पर था ऑर हल्का सा हार्ट की तरफ था वो दिल की धड़कन को क़ाबू मे कर रही थी,,मुझे सब देख कर डर लगने लगा था कि कविता क्या सोच रही होगी लेकिन डरने के बावजूद मैं उसकी उंगली को चूस्ता ही जा रहा था,,

मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर उंगली को ऑर भी ज़्यादा मूह मे भर लिया ,,,मुझे पता नही क्या हो गया था मैं उसकी उंगली को अपने मूह मे भरके अपनी ज़ुबान से उसकी उंगली के साथ खेलने लगा,,,मैने देखा कि उसकी उंगली भी मेरे मूह के हल्के से इधर उधर घमने लगी थी,,,वो शायद गर्म होने लगी थी,,तभी उसने तेज़ी से साँस लेते हुए माँ की तरफ देखा ऑर मुझे भी उधर देखने को बोला,,,मैने माँ की तरफ देखा तो माँ अपने काम मे लगी हुई थी लेकिन कविता ने मुझे माँ के कमरे मे होने का डर दिखा दिया ऑर मुझे हाथ छोड़ने को कहा ,,मैने जल्दी से उसके हाथ को अपने हाथ से छोड़ दिया ऑर वो जल्दी से बेड से उठी ऑर बाथरूम मे चली गई,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं तो साला डर ही गया कि ये सब क्या हो गया,,,,कैसे हो गया,,,,,मैने तो ऐसा कुछ भी नही सोचा था,,,ऑर ना ही मेरा मूड
था ऑर ना ही हॉंसला था कि मैं कविता के साथ ऐसी वैसी कोई हरकत कर सकता,,,लेकिन मुझे ये सोच कर खुशी हुई थी कि
कविता की उंगली भी मेरे मूह मे हिलने जुलने लगी थी,,शायद उसको ये सब अच्छा लगा था,,,,मैं अभी सोच ही रहा था कि माँ
की आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी,,,,,,,

किस सोच मे डूब गया सन्नी बेटा ,खाना जल्दी ख़तम करो,,,,,मैं जल्दी से प्लेट की तरफ ध्यान करके खाना खाने लगा,,

कुछ देर मे कविता बाथरूम से बाहर आ गई,,जब तक मैं अपने हिस्से का खाना खा चुका था,,,,,कविता आके माँ के पास
दूसरे बेड पर बैठ गई ओर माँ का साथ देने लगी सोनिया के सर पर गीले टवल रखने मे,,,,,अरे बेटी पहले खाना तो ख़तम
कर लेती ये सब तो बाद मे भी हो जाएगा,,,,,,,

मैने जितना खाना था खा लिया आंटी जी,,,,,तभी माँ ने प्लेट की तरफ देखा जिसमे अभी भी खाना पड़ा हुआ था,,,,माँ ने
मुझे हल्के गुस्से मे बोला,,,,,तेरे को कितनी बार बोला है झूठा नही छोड़ते सन्नी बेटा,,,चल जल्दी प्लेट खाली कर,,,

लेकिन माँ मैं तो अपने हिस्से का खा चुका हूँ बाकी तो कविता का है,,,,,माँ ने कविता की तरफ देखा तो कविता मेरी
तरफ देखने लगी लेकिन मेरे से आँख नही मिला पाई ऑर जल्दी से माँ से बोली,,,,,आंटी जी मेरा पेट भर गया मैं ऑर नही
खा सकती,,,,

इतनी जल्दी पेट भर गया तेरा,,,तभी तो इतनी दुबली पतली हो गई है,,,,1 रोटी भी नही खाई तूने पूरी,,,,माँ ने कविता को बोला ऑर
मुझे प्लेट ख़तम करने को बोला,,,,,,मैने जैसे तैसे प्लेट का खाना खा लिया ओर बाथरूम मे जाके हाथ धो आया,,
तभी कविता वो खाली प्लेट लेके खड़ी हुई थी,,,,

तू रहने दे कविता मैं इसको नीचे रख दूँगा,,,,,नही सन्नी तुम बैठो मैं बर्तन नीचे रख कर आती हूँ,,,,,

मैने बोला ना तू रहने दे,,,,,,,मैं अभी बोल ही रहा था कि माँ उठी ओर कविता के हाथ से बर्तन ले लिए,,,,,तुम पता नही
कब बड़े होगे ,,जब देखो छोटी छोटी बात पर लड़ते रहते हो,,अब प्लेट की वजह से लड़ रहे हो,,,,छोड़ो मैं बर्तन
नीचे रखके आती हूँ तुम दोनो सोनिया की पट्टियाँ करो तब तक,,,,,,

कविता फिर वापिस बेड पर बैठ गई ओर मैं माँ की जगह पर बैठ गया,,,,,अब सोनिया सो चुकी थी गहरी नींद मे इसलिए
मुझे उसका डर नही था,,,,,,मैं माँ की जगह पर बैठ गया ओर कविता मुझे टवल गीला करके देने लगी,,,,एक दो बार तो
उसने थोड़ा बचके मुझे टवल पकड़ाया लेकिन एक बार उसका हाथ मेरे हाथ को टच कर गया,,,,वो नीचे टेबल के पास
पड़े पानी के बर्तन को देख रही थी लेकिन मेरे हाथ से उसका हाथ टच होते ही वो सर उठा कर मुझे देखने लगी,,,
हम दोनो की नज़रे मिली तो हम एक दूसरे को देखते रह गये तभी मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर हल्के
से दबा दिया,,,उसने अपने हाथ को पीछे करने की कोशिश की लेकिन मैने उसके हाथ को कस्के अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर
उसको अपने करीब खींचने लगा तभी वो जल्दी से बेड से उठ गई ओर मेरे से हाथ छुड़वा कर अपना बॅग उठा कर वहाँ
से जाने लगी,,,,,मैने पीछे से उठकर जल्दी से उसके बॅग को हाथ मे पकड़ लिया ,,उसने पीछे मूड कर मेरे हाथ से अपना बॅग
छुड़वाने की कोशिश की तो मैने आगे बढ़ कर उसके हाथ को फिर से पकड़ लिया,,,मैने उसको अपने करीब कर लिया लेकिन तभी
मुझे सीडियों मे माँ की आवाज़ आई तो मैने जल्दी से उसके हाथ को छोड़ दिया लेकिन मेरे दूसरे हाथ मे उसका बॅग अभी
भी पकड़ा हुआ था,,,,,,,

तभी माँ अंदर आ गई,,,,,,,अरे तू जा रही है कविता बेटी,,,,,,,मैं ऑर कविता माँ को देख कर डर गये,,,,,,,,मुझे लगा कि अब
मैं क्या करूँ लेकिन आते ही माँ ने कविता के जाने की बात की तो मैने भी माँ की बात को आगे बढ़ा दिया,,,,,,

हाँ देखो ना माँ इसकी बेस्ट फ्रेंड बीमार है ऑर ये घर जाने का बोल रही है,,,,मैं इसको रोक रहा था बट पता नही क्यू
नही रुक रही ये,,,,तभी उसने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर उसका मूह खुला हुआ था वो हैरान रह गई मेरी बात सुनके,,

क्यू जा रही हो बेटी रुक जाओ थोड़ी देर,,,,,,,,,माँ ने कविता से बोला,,,,,,,

आंटी जी मैं कहीं नही जा रही मैं तो बस आपको बोलने आ रही थी कि पानी अब ठंडा नही रहा आप थोड़ी आइस लेके आना
उपर आते टाइम,,,,,उसने माँ को उस बर्तन की तरफ इशारा किया जिस मे हम टवल गीला कर रहे थे,,,,वो पानी अब ठंडा
नही रहा,,,,,,

श अच्छा ठीक है तुम रूको मैं आइस लेके आती हूँ,,,,,,तभी कविता मेरे को देख कर डर गई,,,,,नही आंटी जी आप रूको मैं
लेके आती हूँ,,,,आप यहीं बैठ जाओ,,,,,

माँ अंदर आके बैठ गई ऑर मैं भी ,,,,,कविता नीचे चली गई,,,,,मैं समझ गया कि ये भी काफ़ी तेज है,,,मेरी चाल पर अपनी
चाल चल गई,,,,,,,

मैं माँ के साथ बैठ गया वो नीचे से बर्फ लेके आ गई,,,ओर मुझे वहाँ से उठने को बोला ऑर खुद मेरी जगह बैठ कर
माँ की हेल्प करने लगी,,,,,

उसके बाद कुछ खास नही हुआ ओर करीब 30-40 मिनट बाद कविता अपने घर भी चली गई ,,,,,लेकिन जाते जाते वो मुझे
ऐसे अंदाज़ से देख कर गई कि मैं समझ नही सका उसकी नज़रो मे क्या है,,,,,प्यार है,,नफ़रत है या गुस्सा,,,,

उस दिन मैं ऑर माँ डिन्नर टाइम तक सोनिया के सर पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करते रह ऑर जब माँ नीचे खाना तैयार करने
गई तो मैं अकेला इस काम मे लगा रहा,,,

मैं सोनिया के सर पर ठंडे पानी का टवल रख रहा था लेकिन उसका माथा इतना ज़्यादा गर्म था कि ठंडा टवल कुछ पल
मे ही गर्म हो जाता,,उसको अभी भी कम से कम 104 या 105 बुखार था,,मुझे खुद पर गुस्सा आ रह था क्यूकी मुझे लग
रहा था कि मेरी ग़लती की वजह से उसको बुखार हुआ है क्यूकी मेरी उसी हरकत के बाद से सोनिया की तबीयत बिगड़ी थी,,,,,

खैर मैं अपने काम मे लगा हुआ था तो कुछ देर बाद डिन्नर तैयार करके माँ उपर आ गई ओर साथ मे शोबा दीदी भी थी,,,

शोबा पास आके बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया के माथे पर हाथ लगा कर बुखार चेक करने लगी,,,,,हयी राम माँ इसका
तो माथा बहुत ज़्यादा गर्म है,,,,,डॉक्टर को बुलाया था या नही,,,,,

हाँ बेटी बुलाया था ,,,,डॉक्टर ने इसको मेडिसिन भी दी थी,,,बोल रहा था कि गर्मी का बुखार है मेडिसिन से ज़्यादा इसको आराम
की ज़रूरत है,,,ऑर जब तक ये आराम करती रहे तब तक इसके सर पर ठंडे पानी के टवल रखने है जिस से बुखार जल्दी ठीक
होगा,,,,,लेकिन एक बात की टेन्षन है इसने सुबह से हल्का नाश्ता किया है बस उसके बाद कुछ नही खाया,,,कविता भी बता
रही थी कॉलेज मे भी इसने कुछ नही खाया ,,,,अब जबसे डॉक्टर मेडिसिन देके गया है तभी से सो रही है,,,,पता नही कब
तक उठेगी ओर कब खाना खाएगी,,,,,

तभी शोबा ने अपने फोन से डॉक्टर का नंबर डाइयल किया,,,,रूको माँ मैं अभी पूछ लेती हूँ डॉक्टर अंकल से,,,,

शोबा ने फोन कान पर लगा लिया ऑर बात करने लगी,,,,,

शोबा,,,,हेलो डॉक्टर अंकल,,,,

डॉक्टर,,,,हेलो शोबा बेटी,,,हाउ आर यू,,,,

शोबा,,मैं ठीक हूँ अंकल ,,,लेकिन ये सोनिया ठीक नही है,,,,आपको तो पता ही है,,,

डॉक्टर,,,हाँ बेटी मैं मेडिसिन देके भी गया था,,,,,1 -2 दिन मे ठीक हो जाएगी,,,बस तेंडे पानी की पट्टियाँ करते रहो उसके
फॉरहेड पर,,,,

शोबा,,,,,,वो तो कर रहे है अंकल लेकिन ये अभी तक सो रही है,,,,,माँ को टेन्षन हो रही है इसने सुबह से कुछ नही खाया
है,,,,क्या अभी इसको उठाकर खाना खिला सकते है,,,,,,

डॉक्टर,,,,,,नही बेटी अभी इसको सोने दो उठना मत इसको,,,ये अपने आप उठ जाएगी ,,,,,ऑर हाँ इसको खाना मत खिलाना अभी क्यूकी
गर्मी के बुखार मे बॉडी कुछ ज़्यादा ही गर्म हो जाती है जिस वजह से भूख नही लगती,,,अभी इसको उठा भी दोगे तो भी
ये खाना नही खाएगी,,,आप बस ठंडे पानी की पट्टियाँ करते रहो ताकि बॉडी ठंडी होने लगे ऑर बुखार उतर जाए फिर
जब ये उठेगी तो अपने आप खाना खा लेगी,,,तब तक इसको सोने दो आराम से ,,वैसे मैं कल सुबह आउन्गा तो देख लूँगा,,,,

शोबा,,,,ठीक है डॉक्टर अंकल मैं समझ गई लेकिन माँ टेन्षन ले रही है,,,,,,इसने कुछ खाया जो नही है,,,,चलो मैं
माँ को समझा देती हूँ,,,,, ऑर आप सुबह आ जाना प्ल्ज़्ज़ ,,मुझसे इसकी ये हालत देखी नही जाती,,,,,

डॉक्टर,,,,,तुम बेफ़िक्र रही बेटी मैं टाइम पर आ जाउन्गा,,,,ऑर ज़्यादा टेन्षन मत लो,,वो ठीक हो जाएगी,,,,ओके बेटी,,,,

शोबा,,ओके अंकल ,,,,बयए


शोबा फोन कट करके माँ ऑर मुझे सब बात बता देती है,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तब तक क्या ये भूखे पेट ही सोती रहगी बेटी,,,,इसने कुछ नही खाया है इतनी देर से,,माँ हल्का उदास होके बोल रही थी,,,,

माँ आप टेन्षन मत लो ,,,डॉक्टर ने जो बोला है ठीक ही बोला है,,इसको आराम करने दो जब उठ जाएगी तो अपने आप खाना खा लेगी,,,,

ठीक है बेटी,,,,,चलो इसने तो नही खाना कुछ भी लेकिन तुम लोग तो चलो ओर जाके खाना खा लो तब तक मैं इसके पास बैठ जाती हूँ,,,,

नही माँ आप जाओ मैं बैठ जाती हूँ ,,,वैसे भी आप लोग काफ़ी देर से बैठे हुए हो,,,,शोबा ने मुझे वहाँ से उठा दिया
ऑर खुद बैठ गई ,,,,फिर मैं ऑर माँ खाना खाने नीचे चले गये जहाँ मामा भी बैठा हुआ था,,,,मुझे साले पर गुस्सा
आ रहा था सोनिया बीमार है वो कमीना एक बार भी उसका हाल चाल पूछने नही आया,,,,साला नशेड़ी कहीं का,,,

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मामा पर,,,,,बट मैं क्या कर सकता था,,,,,,,

हम लोगो ने खाना खाया फिर मामा अपने रूम मे चला गया जबकि माँ मेरे साथ उपर सोनिया एक रूम मे चली गई,,

हम लोगो ने शोबा को नीचे भेज दिया ,,ऑर खुद सोनिए के पास बैठ गये,,,,शोबा भी कुछ देर बाद खाना ख़ाके उपर
आ गई ऑर आते टाइम आइस लेके आई साथ मे क्यूकी पानी फिर गर्म हो गया था,,,,,


माँ अभी अब जाके आराम करो मैं ऑर सन्नी यहीं रहते है,,,,,,,

नही शोबा बेटी अभी तुम जाओ ऑर आराम करो मैं यही रुकती हूँ ,,,,,,,ऑर हाँ सन्नी को भी साथ ले जाओ,,ये दोपेहर से यही बैठा हुआ है,,इसको भी थोड़ा आराम करने दो,,,,

नही माँ मुझे आराम नही करना मैं ठीक हूँ,,,आप जाओ ऑर आराम करो,,,,,मुझे यहीं रुकना है ,,,अपने रूम मे

वाह भाई हो तो ऐसा जब फाइट हुई थी सोनिया से तो इस रूम मे सोने भी नही आता था अब सोनिया बीमार है तो यही रुकने को बोल रहा है ऑर रूम को भी अपना रूम बोल रहा है,,,,माँ हल्का खुश होके बोल रही थी,,,,,

ठीक है बेटा तुम यही रूको मैं जाती हूँ ऑर थोड़ा आराम करके आती हूँ,,,,,,

माँ नीचे क्यू जाना है यहीं रुक जाओ ऑर मेरे बेड पर आराम कर्लो,,,,मैं ऑर शोबा दीदी सोनिया के पास बेड पर बैठ जाते है

हाँ ये भी ठीक है बेटा,,,,ऑर जब तुम मे से कोई थक जाए तो मुझे उठा देना,,,इतना बोलकर माँ मेरे बेड पर लेट गई जबकि
मैं ऑर शोबा सोनिया एक पास बैठ कर उसके माथे पर ठंडे पानी की पट्टियाँ करने लगे,,,,

रात भर माँ ऑर शोबा ने बीच बीच मे थोड़ा आराम कर लिया था लेकिन मैं एक पल के लिए भी नही लेटा था,,,मुझ से
सोनिया की ऐसी हालत देखी नही जाती थी,,,,क्यूकी मैं खुद को उसकी हालत के लिया क़सूरवार समझ रहा था ऑर रात भर बैठ
कर अपनी ग़लती की सज़ा दे रहा था खुद को,,,,


सुबह कोई 6-7 बजे सोनिया की आँख खुली तब माँ उसके पास थी ऑर मैं फ्रेश होने बाथरूम मे गया हुआ था ,,जब मैं
फ्रेश होके नहा धो के बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि डॉक्टर भी सुबह सुबह ही आ गया था,,,,वो सोनिया को इंजेक्षन
लगा रहा था,,,,

अब कैसी है मेरी बेटी,,,,पहले से कुछ बेहतर महसूस हो रहा है या नही,,,,,

जी डॉक्टर अंकल पहले से बेहतर हूँ मैं लेकिन बॉडी मे थोड़ा पेन हो रहा है,,थकान महसूस हो रही है ,,उठने का भी
दिल नही कर रहा,,,,,

डॉक्टर-ऐसा होता है अक्सर जब काफ़ी टाइम बुखार चाढ़ रहता है,,,,अभी कुछ देर ओर आराम करना होगा ,,बोलू तो कम से कम 2 दिन
बेड से नही उठना ,,जितन आराम करोगी उतनी जल्दी ठीक हो जाओगी,,,,,अब बोलो भूख लगी है या नही,,,,,

सोनिया-नही डॉक्टर अंकल अभी भूख नही है,,,फिर से सोने का दिल कर रहा है,,,,

नही बेटी अभी नही सोना,,पहले कुछ खा लो अगर खाने का दिल नही तो थोड़ा जूस पी लो,,,,

तभी माँ ने टेबल से जूस का ग्लास उठाया जो माँ पहले ही डॉक्टर के कहने पर बना के लाई थी ,,शोबा दीदी सोनिया को बेड
पर बिठाने लगी लेकिन उनसे अकेले से नही हो रहा था तो मैं आगे बढ़ा लेकिन सोनिया ने मुझे गुस्से से देखा ऑर करीब आने
से मना करने लगी,,,मुझे बड़ा गुस्सा आया उस टाइम सोनिया पर,,,,एक तो इतनी तबीयत खराब है फिर भी गुस्सा करने से बाज़
नही आती ये कमिनि,,,,,फिर डॉक्टर ने शोबा दीदी की हेल्प की ऑर सोनिया को उठा कर बिठा दिया ऑर उसकी पीठ बेड से लगा दी,,,फिर माँ ने जूस का ग्लास सोनिया के मूह को लगा दिया,,,,

नही माँ मुझे नही पीना,,,,सोनिया मूह से मना कर रही थी लेकिन अपने हाथ से माँ को मना नही कर पा रही थी,,,
बुखार ऑर थकान की वजह से उसके जिस्म मे जान ही नही बची थी वो अपना हाथ भी नही उठा पा रही थी,,,,

डॉक्टर,,,,,बेटी ज़्यादा मत पियो जितना दिल करता है पी लो,,1-2 घूट ही पी लो वही बहुत है ,,,,

सोनिया ने डॉक्टर की बात मान ली ऑर थोड़ा जूस पी लिया,,,,,

डॉक्टर,,ये हुई ना बात,,,,तुम तो बहुत अच्छी लड़की हो जो इतना कहना मानती हो,,,

आपका ही कहना मान रही है डॉक्टर हम लोगो का तो कभी नही मानती,,,,हम लोग मिन्नत भी करते रहते तो भी मूह नही लगाती थी ये जूस के ग्लास को,,,,माँ ने हँसते हुए बोला तो सोनिया गुस्से से माँ को देखने लगी,,,,

गुस्सा क्यू करती है ठीक तो बोल रही हूँ मैं,,,,माँ ने हँसते हुए बोला तो शोबा के साथ डॉक्टर भी हँसने लगा,,,,,

अब तुम लेट जाओ ज़्यादा देर बैठोगी तो थक जाओगी,,,,और हो सके तो फिर से सो जाओ,,,,,ऑर जितना हो सके आराम करो,,,,

क्या अभी फिर से अपने मुझे नींद की मेडिसिन दी है डॉक्टर अंकल,,,,सोनिया ने हल्की आवाज़ मे बोला,,वैसे भी उसकी आवाज़ ही नही निकल रही थी,,,,

नही बेटी अब नींद की मेडिसिन नही दी तुम को वो तो कल दी थी अब ज़रूरत नही,,,अब तो तुम खुद सोने की कोशिश करो वैसे
भी तुम बुखार की वजह से बहुत थक गई हो अब तुमको अपने आप नींद आ जाएगी,,,,

ओके तो अब मैं चलता हूँ लेकिन हाँ अभी भी आपको इसके सर पर ठंडे पानी के पट्टियाँ करनी है,,,,मेडिसिन से इतना आराम नही मिलता जितना ठंडे पानी से मिलेगा,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब ,,,वैसे भी हम लोग अब तक ठंडे पानी की पट्टियाँ कर रहे है,,,,,पूरी रात भी करते रहे है,,,,

ये तो बहुता अच्छी बात है तभी तो कुछ ठीक हुई है सोनिया बेटी,,,,,,ओके अब मुझे इज़ाज़त दीजिए,,इतना बोलकर डॉक्टर चला गया

माँ डॉक्टर को नीचे तक छोड़ने गई,,,ऑर शोबा सोनिया के पास बैठ गई,,,,,

तू हो गया फ्रेश सन्नी,,,चल अब तू बैठ सोनिया के पास मैं चली फ्रेश होने ,,,

नही दीदी आप मत जाओ ,,,,पहले माँ को आने दो फिर चली जाना,,,,,सोनिया मेरी तरफ गुस्से से देख रही थी ऑर हल्की आवाज़ मे शोबा को जाने से रोक रही थी,,,,,,,

अरे बुद्धू मैं कही दूर जा रही हूँ क्या साथ वाले रूम मे तो जा रही हूँ,,वैसे सन्नी तो है ना यहाँ माँ भी आती
ही होगी,,,तू आराम कर मैं अभी आई,,,,

नही दीदी माँ को आने दो फिर चली जाना,,,,तभी माँ अंदर आ गई,,,,,

लो आ गई माँ ,,,,अब क्या मैं जा सकती हूँ सोनिया जीई,,,शोबा ने थोड़ा हँसके मज़ाक मे बोला ऑर वहाँ से चली गई,,,,,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,539,063 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,621 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,248,392 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 943,961 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,676,133 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,099,407 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,982,963 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,161,543 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,071,801 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,602 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)