Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 12:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
[size=large]मैं कॉफी लेके बाहर आ गया ऑर 2 कप सोनिया ऑर शिखा दीदी के पास टेबल पर रख दिया ,,,1 कप मे मैने स्पून
डाला हुआ था ओर उससी कप की तरफ इशारा करते हुए मैने शिखा को वो कप सोनिया को देने को बोला ऑर खुद अपने 2
कप लेके मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,,,मैं ऑर कारण कॉफी पीने लगे ,,,,जब हमारी कॉफी ख़तम हो गई
ऑर मैं कप रखने के लिए बाहर निकला तो देखा कि सोनिया ऑर शिखा वहाँ नही थी,,,शायद वो उपर अपने रूम मे
चली गई थी,,,,,,,

मैं कप किचन मे रखके वापिस आने लगा तो दीदी सीडियों से नीचे आ रही थी,,,,

क्या हुआ,सोनिया ने कॉफी पी ली या नही,,,,,,

पी ली थी ऑर ये रहे कप,,,,दीदी ने अपने हाथ मे पकड़े कप मुझे दिए,,,,,

अब कहाँ है वो,,,,,,,

अपने रूम मे लेट गई है,,,,बोल रही थी सोने लगी हूँ,,,,,

ठीक है अब आप जाओ उस रूम मे ,,,,,,,लेकिन अभी मस्ती शुरू मत करना क्यूकी गोली का असर होने मे कम से कम 30
मिनट लग जाते है,,,,,,एक बार सोनिया सो गई तो 6 अवर्स से पहले उठने वाली नही,,,,,तब तक आप लोग मस्ती करते रहना
,,,,,,

आप लोगो से क्या मतलब,,,,,तुम नही आओगे क्या हमारे साथ,,,,,,,,,,,,,

नही दीदी ,,,,आज आप ऑर करण ही मस्ती करना,,,,मैं यहाँ बाहर रुक कर सोनिया का ख्याल रखूँगा,,,,

उसका का ख्याल ,,,,,,,वो तो सो जाएगी थोड़ी देर मे,,,,,

सो जाएगी लेकिन फिर भी मैं उसका ख्याल रखूँगा आप जाओ ओर जब मैं आपको आके बोलू तो ही मस्त शुरू करना

ऐसा मत बोलो सन्नी,,,,,,,तुम भी साथ मस्ती करो,,,,,ज़्यादा मज़ा आएगा,,,,,,,,,,,,प्लीज़

ज़िद्द मत करो दीदी,,,,,,,,,मैं कोई रिस्क नही ले सकता अगर ग़लती से सोनिया उठ गई तो हम लोगो को ऐसे देख लिया तो
पंगा हो जाएगा,,,,,,,,,,,अगर आप लोग मस्ती करो तो मैं यहाँ बैठ कर उसका ख्याल रख सकता हूँ ऑर उसके आने
पर आपको सावधान कर सकता हूँ,,,,,,,,,,,,

ठीक है सन्नी,,,,,,,,,,दीदी थोड़ा उदास होके मामा के रूमकी तरफ बढ़ने लगी जहाँ करण बैठा हुआ था,,,,,

मैं वहीं बाहर बैठ गया,,,,,,ऑर 30 मिनट बाद मामा के रूम मे जाके करण ऑर दीदी को मस्ती करने का इशारा
कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,दिल तो मेरा भी था मस्ती करने का लेकिन मेरा इरादा कुछ ओर ही था,,,,,उन दोनो ने तो इशारा मिलते
ही कपड़े खोलना शुरू कर दिया था,,,,दोनो पहले से ही भरे बैठे थे ,,,,,,,,

करण ऑर शिखा को मस्ती करने का इशारा करके मैं बाहर आके बैठ गया ऑर वो लोग इशारा मिलते ही शुरू हो गये,,,
लेकिन पहले से ही वो लोग एक दूसरे को किस करने मे लगे हुए थे,,,,,,

मैं बाहर आके टीवी देखने लगा ,,,करीब 40 मिनट बाद मैं उठा ऑर मामा के रूम की तरफ गया ऑर कीहोल से
अंदर देखने लगा तो देखा कि करण नीचे बेड पर लेटा हुआ था ऑर शिखा नंगी होके उसके उपर बैठ कर तेज़ी से
खुद को करण के लंड पर उछाल रही थी,,,,,बस यही मोका था मेरी अगली चाल चलने का ऑर मैं अपनी चाल चलने
के लिए सीधा सोनिया के रूम मे चला गया,,,,,,,,,जहाँ वो अपने लॅपटॉप पर कुछ काम कर रही थी बेड पर लेट कर,,,

मैने उसकी कॉफी मे नींद की गोली नही डाली थी,,,,बस करण ऑर शिखा को ये एहसास करवाया था कि मैं सोनिया को
नींद की गोली देखे सुला दूँगा ताकि वो मस्ती कर सके,,,,,,,,,जान भूज कर एक कॉफी कप मे स्पून डाला था ताकि
शिखा को सच मे लगे कि कप मे नींद को गोली डाली गई है,,,,

सोनिया के रूम मे जाके मैं सीधा उसके बेड के पास चला गया,,,,,मुझे जल्दी से पास आते देख कर उसने अपने
लप्पी को साइड मे रख दिया ऑर उठके बैठ गई,,,,,,,,थोड़ा गुस्से ऑर डर के भाव थे उसके फेस पर,,,,,,मैं इतनी तेज़ी
से उसके करीब गया था कि उसको लगा कि मैं कोई ऐसी वैसी हरकत करने वाला हूँ इसलिए वो जल्दी से उठकर बैठ गई
थी,,,,,,

तूने कहा था ना कि बेहन ऑर भाई कभी सेक्स नही करते,,,,,,,,ऑर वो सारी स्टोरीस भी झूठी होती है जो हम लोग नेट
पर रीड करते है,,,,,वो चुप चाप मेरी बात सुन रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,तूने कहा था ना कि तू स्टोरीस पर यकीन नही
करती,,,,,,,,लेकिन अपनी आँखों से देखेगी तो यकीन करेगी ना,,,,,,,

वो थोड़ा परेशान हो गई,,,,,,लेकिन उसी परेशानी मे उसने अपने सर को हां मे हिला दिया,,,

इशारा मिलते ही मैने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने साथ लेके जाने लगा लेकिन उसने अपने हाथ को मेरे से छुड़ा
लिया,,,,,,,,,

कितनी बार बोला कि मुझे हाथ मत लगाना,,,,,,वो गुस्से मे थी,,,,,,,,,,

साली पता नही क्या ख़ाके जन्मी थी ,,,जब देखो गुस्सा नाक पे रहता था,,,,,,

अच्छा बाबा नही लगाता हाथ,,,,,,लेकिन मेरे साथ तो चल तुझे कुछ दिखाना है,,,,,,,

वो उठी ऑर मेरे साथ चलने लगी,,,,,,,,,,,,जब हम सीडियाँ उतर रहे थे तो मैने उसको ज़रा आराम से नीचे
उतरने को बोला ताकि कोई शोर ना हो,,,,,,,,,,वो थोड़ा हैरान थी कि मैं उसको अपने ही घर मे चोरो की तरह चलने
को क्यू बोल रहा था,,,,,,,,,तभी उसका मुँह हैरानी से खुल गया शायद उसको पता लग गया था कि मैं उसको क्या दिखाने
वाला हूँ,,,,,,,,,,,,उसको पता था कि घर मे करण ऑर शिखा दीदी आए है ऑर कहीं वो लोग ही तो नही जो सगे भाई बेहन
होने नीचे सेक्स कर रहे थे,,,,,,,,,,,,,,मैं भी उसके अंदाज़ से समझ गया कि वो क्या सोच रही थी तो मैने भी उसको
हाँ मे सर हिला कर ये इशारा कर दिया कि तुम जो सोच रही हो वही सच है,,,,,,,,,

वो आराम से चलती हुई मेरे साथ नीचे आ गई,,फिर मैं उसको मामा के रूम के पास जाके कीहोल से अंदर देखने को
बोला ,,,,,वो नीचे झुक कर कीहोल से अंदर देखने लगी,,,,मेरा दिल तो खुश हो गया क्यूकी आज ये सब कुछ देख लेगी ऑर
मेरा काम आसान हो जाएगा इसको चोदने का,,,,,,,,,,

वो एक बार देखने लगी तो कम से कम 5 मिनट देखती ही रही,,,,,,शायद उसको अच्छा लग रहा था,,,,,,,,,मेरे लिए भी
ये अच्छी बात ही थी,,,,,,

फिर एक दम से वो सीधी खड़ी हुई ऑर वापिस उपर जाने लगी,,,,,लेकिन जाते टाइम वो थोड़ा गुस्से से देखती हुई ऑर तेज़ी
से उपर जाने लगी थी ,,,,,,,,उसके तेज़ी से चलने से मुझे डर लगने लगा कहीं करण ओर शिखा को इसके चलने की आवाज़
सुनाई ने दे जाए कहीं,,,,,,,,,,,लेकिन उसको कोई फ़र्क नही था वो तो बस तेज़ी से उपर की तरफ जाने लगी ,,,,,मैं भी उसके
पीछे पीछे उपर चला गया,,,,,,,,,

वो अभी अपने कमरे मे एंटर हुई थी ओर उसके पीछे मैं भी वहाँ चला गया,,,,,,

क्यू अब क्या बोलती हो सोनिया,,,,,,,,,अब तो अपनी आँखों से देख लिया है तुमने,,,,,,

वो कुछ नही बोली चुप रही,,,,,,,

मैं उसके करीब जाने लगा तो वो थोड़ा पीछे हट गई क्यूकी मुझे लगा था कि करण ऑर शिखा को देख कर वो
थोडा गर्म हो गई है ओर उसको देख कर मैं भी गर्म होने लगा था,,,,,,,लेकिन एक ही पल मे मेरी गर्मी बरफ की
तरह ठंडी हो गई,,,,,,

तो ये है आपके दोस्त एक भाई ऑर उसकी बेहन ,,,,,,,,,,,जो भाई बेहन होके ऐसी घटिया हरकत करते है,,,
उन लोगो की हिम्मत कैसे हुई हमारे घर मे ऐसी हरकत करने की,,,,,ऑर आपकी हिम्मत कैसे हुई उन लोगो को अपने घर मे ऐसी नीच हरकत करने की एज़ाज़त देने की,,,,,

अबे ये क्या ,,,साला सोचा था ये मान जाएगी लेकिन इसका तो पारा बढ़ने लगा है,,,,तभी मैने खुद पर क़ाबू किया,,,

तुम कॉन होती हो ये सब बोलने वाली,,,,तुमको क्या पता ये सब जो दोनो भाई बेहन कर रहे है वो नीच हरकत है,,,


नीच नही तो क्या बढ़िया हरकत है वो,,,,,,,,,,उन लोगो को शरम नही आती भाई बेहन होके ऐसा करते हुए,,,,

वो थोड़ा ज़ोर से बोल रही थी इसीलिए मैं दरवाजा बंद कर दिया,,,,,

क्यू एक भाई बेहन के ऐसा करने से क्या ग़लत हरकत है,,,,इसमे नीचता वाली क्या बात,,,,,,,,बाहर भी तो हम किसी ना
किसी से सेक्स करते है,फिर भला अपने घर ने क्यू नही,,,,,,,,,

मैं ये नही कहती भाई कि बाहर भी ये सब करना ठीक है,,,,,ये ग़लत है,,,,,,,,,लेकिन भाई बेहन का ऐसा करना तो
पाप है भाई,,,,,,,,,,

कोई पाप नही इसमे सोनिया,,,,,,ऑर पता नही ऐसे कितने भाई बेहन है जो ऐसा करते है,,,,एक तेरे बोलने से वो लोग ग़लत
नही हो जाते,,,,,

तो आपके बोलने से वो सब अच्छे भी नही बन जाते भाई,,,,,,जो भाई अपनी बेहन से ऐसी हरकत करे उसको डूब के मर
जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,वो गुस्से मे थी,,,,पूरे गुस्से मे,,,,,,

अच्छा तो जो लड़का बाहर किसी लड़की से ऐसी हरकत करके उसकी वीडियो बना ले फिर उसको ब्लॅकमेल करे तो क्या वो ठीक होता है,,,,,,,,,क्या वो लड़का अच्छा होता है तेरी नज़र मे,,,,

वो मेरी बात सुनके चुप हो गई,,,,,,,,

क्या बोल रहे हो भाई,,,,,,,,,,किसने किया ऐसा ,,,,,,,,,,,,

जिसने भी किया हो तेरे को क्या,,,,,,,,,,तेरे को तो भाई बेहन का ये सब करना गंदा लगता है ,,,लेकिन जिस भाई ने अपनी
बेहन को बदनाम होने से बचाया हो वो बेहन खुश होके अपने भाई से प्यार करने लगे ऑर प्यार का खेल खेलने
लग जाए तो इसमे बुरा क्या है,,,,

किसने की ऐसी हरकत भाई मुझे बताओ,,,,,,,,,

मैं चुप हो गया,,,,,,,अब क्या बोलू इसको,,,,,,,,,,साला इसको पटाने के चक्कर मे सब कुछ उगलना पड़ रहा है इसके
सामने,,,,,,,,

क्यू तेरे को क्यू बताऊ,,,तुझे तो वो भी अच्छा नही लगेगा,,,,,,,,,,,,,,,,

बताओ ना भाई,,,,,,प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज

मैने उसको सारी बात बता दी कैसे अमित ने शिखा की वीडियो बना ली फिर करण ने उस वीडियो को कैसे हासिल किया ऑर डेलीट किया ,,,,,,,,,,फिर कैसे शिखा ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए अपने भाई को थॅंक्स्क्स किया ऑर फिर कैसे वो दोनोएक दूसरे से प्यार करने लगे,,,,,,,,,,,,हालाकी काफ़ी कुछ मैने अपनी तरफ से जोड़ कर बताया था उसको लेकिन शायद मेरीबातें असर करने लगी थी ऑर वो चुप चाप मेरी बातें सुनती रही,,,,,,

अब बोलो,,,क्या करण ऑर शिखा का ऐसा करना ग़लत है,,,,,,,क्या शिखा का अमित से वो करना ठीक था जिसने उसको बदनाम करने क लिए सारा प्लान बना लिया था,,,,,,,


भाई अमित से अपनी बेहन को बचा कर करण ने जो हरकत की है अपनी बेहन से इस से उसका पाप धुलने वाला
नही है,,,,,,,,,,,,,,,,,अमित को तो उसके किए की सज़ा मिलके रहेगी लेकिन करण ओर शिखा भी सज़ा से बचने वाले नही
है,,,,,,,,,,,,,हर किसी को सज़ा मिलेगी,,,,,,,,,,,,,

क्या सज़ा मिलेगी,,,,,,,,,,,बता ज़रा,,,,,,,,,,,,,

अमित का तो मुझे नही पता लेकिन करण ऑर शिखा के बारे मे मैं उनकी मोम को बता दूँगी,वही सज़ा देंगी इन दोनो
को,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला इसकी बात सुनके तो मेरी बॉल्स मेरे गले मे आके अटक गई थी,,,,,,साला ये क्या करने जा रहा हूँ मैं ऑर क्या हो
रहा है,,,,,,,,,,,,,

अभी उन लोगो को यहाँ से भेजो वरना मैं चली उनके घर,उनकी मोम के पास,,,,,,,,,,

वो चिल्लाती हुई दरवाजे की तरफ बढ़ी ऑर मेरे पास से गुजर कर दरवाजे को खोलने लगी तभी मैने उसको पीछे से
कमर मे हाथ डालके पकड़ लिया,,,,मेरी इस हरकत से वो चिल्लाने लगी तो मैने अपने एक हाथ को उसके मुँह पे रख दिया
,,,,उसने चिल्लाने के लिए मुँह खोल लिया था ऑर मेरा हाथ उसके खुले मुँह पर था ऑर एक हाथ उसकी कमर पर था जहाँ सेमैने उसको कस्के पकड़ा हुआ था ऑर पीछे खींच कर अपने से सटा लिया था,,,,,,,उसकी मखमली पीठ मेरी चेस्ट ऑर
पेट पर घिसने लगी थी,,,,इतने मे मेरा लंड खड़ा होने लगा था जो उसकी गान्ड से टकराने लगा था,,,मैने अपने
हाथ को कस्के उसकी कमर पर रखा ऑर पेट के हल्के माँस को अपनी मुट्ठी मे दबा कर मसल दिया जिस से उसकी साँसे
अटकने लगी ऑर भारी होने लगी,,,,मेरा फेस उसके शोल्डर के पास था ऑर मैने अपने लिप्स उसके कान के पास ले जाके
बड़े प्यार से बोला,,,,,,,,,,,,,,

वो लोग जो कर रहे है वो ग़लत है या सही मैं नही जानता,,,,,,,,,,मैं बड़ा स्लो आवाज़ मे बोल रहा था मेरी आवाज़ से
उसकी साँसे गर्म होने लगी थी जो मेरे हाथ पर महसूस हो रही थी,,,,उसकी हार्टबीट भी तेज थी,,,पीछे से मेरा
लंड पूरा हार्ड हो गया था जो उसकी गान्ड की लाइन मे घुसने लगा था इस बात का एहसास उसको भी होने लगा था ऑर
वो खुद को आगे करने की कोशिश भी कर रही थी लेकिन मेरा हाथ उसकी कमर पर था ऑर मैने उसको कस्के पकड़ा
हुआ था,,,,,,,,,,,

उनलोगो का ऐसा करना सही है या ग़लत मैं नही जानता,,,,,,,,,,लेकिन एक बात जनता हूँ मैं भाई बेहन के सेक्स को
ग़लत नही मानता,,,,भाई बेहन से अच्छा दोस्त कोई नही होता दुनिया मे,,ऑर उनसे ज़्यादा यकीन किसी पर नही कर सकता
इंसान,,,,,मैं भी तेरा अच्छा दोस्त हूँ ऑर तुम मेरी अच्छी दोस्त हो,,,,तुम मेरे पे यकीन करती हो ऑर मैं तेरे पे
यकीन करता हूँ,,,ऑर तेरे साथ वही सब करना चाहता हूँ जो करण अपनी बेहन शिखा के साथ कर रहा है ,,,
लेकिन किसी ज़ोर ज़बरदस्ती से नही,,,तेरी रज़ामंदी से ,,,,प्यार से,,,,जैसे मैं तड़प कर तेरे करीब आने की कोशिश
करता हूँ वैसे जब तू भी मेरे करीब आने को तड़पेगी ,,,उस दिन मैं तेरे साथ वही हरकत करूँगा जो कब्से करने
को तरसता जा रहा हूँ,,,,,,,,,,,इतना बोलकर मैने उसके कान के पास हल्की किस करदी तो उसने जल्दी से मेरे हाथ पर ज़ोर
से दाँत मांर दिए मुझे बहुत दर्द हुआ ऑर मैने उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया,,,,वो पीछे होके दरवाजे
का साथ चिपक गई,,,उसकी पीठ दरवाजे के साथ लग गई थी ऑर सीना मेरी तरफ था लेकिन चेहरा झुका हुआ था वो
नीचे देखती हुई तेज़ी से साँसे ले रही थी लेकिन जल्दी ही उसने चहरे उपर किया ऑर मेरी तरफ देखा इस बार वो गुस्से
मे नही थी लेकिन रोने लगी थी,,उसका ध्यान मेरे लंड पर पड़ा जो पूरी ओकात मे था उसने जल्दी से चेहरा दूसरी
तरफ कर लिया ओर दरवाजा खोल दिया,,,,,,,,,,,

वो रोती हुई आवाज़ मे बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जाओ यहाँ से सन्नी,,,ऑर उन लोगो को भी जाने को बोल दो ,,,वर्ना,,,,,,,,,

इतना बोलकर वो चुप हो गई ऑर मैं उसके रूम से बाहर निकल आया,,,,,,,,,,,,,

मेरे जाते ही उसने दरवाजा बंद कार लिया ,,,,,,,,

साला इसका लफडा क्या है,,,,,,,,,क्यू नही समझती मेरे दिल की बात को,,,,,,,,,,क्यू गुस्सा करती रहती है ऑर जब गुस्से से काम नही होता तो रोने लग जाती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या करू मैं इस लड़की का,,,,,,,कुछ समझ नही आ रहा मुझे,,,,,,

खैर मैं नीचे गया ऑर मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,जहाँ करण ओर शिखा एक बार चुदाई करके नंगे लेटे
हुए थे बेड पर,,,,,,

हो गया तुम लोगो का,,,,,,,,,,,,,मैने हल्के गुस्से से पूछा,,,,,,मुझे सोनिया पर गुस्सा था

गुस्से मे क्यू हो भाई,,,,,,,,करण ने पूछा,,,,,

गुस्से मे नही हूँ करण लेकिन सोनिया जाग गई है वो नीचे आ गई तो पंगा हो जाना है तुम लोग जल्दी कपड़े
पहन लो ऑर जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया का नाम सुनते ही शिखा जल्दी से कपड़े उठाकर बाथरूम मे चली गई ऑर करण भी तैयार होने लगा,,,,2 मिनट
मे करण भी तैयार हो गया ऑर शिखा भी बाथरूम से बाहर आ गई ,,,,,

सॉरी करण ,सॉरी सिखा,,,,,,,,,तुम लोगो को फुल मस्ती करने नही दे सका,,,,,,,,,,,,,,वो सोनिया की वजह से हुआ सब मैं
तो बस,,,,,,,,,,,

सॉरी बोलने की ज़रूरत नही है सन्नी भाई,,,,,,मैं सोनिया को अच्छी तरह जानता हूँ ऑर उसके गुस्से को भी,,,,,अरे मैं
क्या पूरा कोलेज जानता है उसके गुस्से को,,,,,,,,किसी की हिम्मत नही उसके सामने बोलने की,,,,,,

सही बोला करण भाई तभी तो तुम लोगो को जाने को बोल रहा हूँ,,,,,,,,,,,

करण ऑर शिखा वहाँ से चले गये ऑर मैं दरवाजा लॉक करके वापिस अंदर आ गया ऑर सीधा उपर सोनिया के रूम
के पास चला गया,,,,,,,,,,,,

मैं रूम के दरवाजे पर नॉक किया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ,,,,,,

सोनिया दरवाजा खोलो मुझे तुमसे बात करनी है,,,,,,,

मुझे कोई बात नही करनी सन्नी दफ़ा हो जाओ यहाँ से,,,,,

प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज सोनिया एक बार मेरी बात तो सुन लो,,,,,,,,,,,

कुछ नही सुनना मुझे,,,,,,,,जो भी सुनना था तुम पहले सुना चुके हो,,,,,,,,,,अब जाओ यहाँ से,,,,,

मैने बहुत कोशिश की लेकिन उसने दरवाजा नही खोला,,,,,,,,,,मैं निराश होके मामा के रूम मे चला गया ऑर
बेड पर लेट गया,,,,,बेड शीट पर हल्का सा पानी गिरा हुआ था मैने पानी को हाथ ल्गया ओर हाथ को नाक के पास
ले जाके सूँघा तो पता चला कि ये शिखा की चूत का पानी था शायद क्यूकी खुश्बू तो चूत के पानी जैसी ही थी
ऑर इस खुश्बू ने मुझे मस्त कर दिया ऑर हाथ खुद-ब-खुद लंड पर चला गया ,,,साला सोनिया ने कलपद कर दिया था
लेकिन लंड महाराज तो मस्ती मे थे इसलिए अपना हाथ जग्गन्नाथ करना पड़ा मुझे,,,,मूठ मार कर आराम से
लेट गया ऑर कब नींद आ गई पता ही नही चला,,,,,

शाम को माँ ऑर मामा जी आ गये गाओं से वापिस ऑर उनके आने के थोड़ी देर बाद ही डॅड ऑर बुआ घर से
चले गये,,,,मैं समझ गया था कि मामा ऑर माँ के आने के बाद डॅड ऑर बुआ एक दम से कहीं जा रहे
थे तो पक्का था कि ये लोग भी गाओं जा रहे है,जबकि दोनो कहीं काम से जाने की बात कर रहे थे
लेकिन इस बार भी शोबा दीदी नही गई उनके साथ,,,,,,,

रात को करीब 9 बजे माँ ने खाना बनाया ऑर हमे डाइनिंग टेबल पर बुलाया ,,,मैं मामा जी ऑर
शोबा तो वहीं थे लेकिन सोनिया अभी तक नीचे नही आई थी ऑर ना ही दरवाजा खोला था,,,

शोबा बेटी जाओ तो ज़रा सोनिया को भी बुला लाओ डिन्नर के लिए,,,,जबसे मैं आई हूँ वो एक बार भी नीचे
नही आई मेरे को मिलने ,,,,,,,

ठीक है माँ अभी लेके आती हूँ उसको,,,,,,,इतना बोलकर शोबा वहाँ से चली गई उपर सोनिया के रूम की
तरफ,,,,

थोड़ी देर बाद शोबा सोनिया को लेके नीचे आ गई,,,,माँ अपनी चेयर से उठी ऑर सोनिया को गले लगा कर
मिलने लगी,,,,

तेरी तबीयत तो ठीक है बेटी,,,इतना टाइम हुआ मुझे घर आए तू एक बार भी मुझे मिलने नही आई,,,मैं
उपर तेरे डोर पर नॉक करके तक गई तूने डोर भी नही खोला,,,,

मेरी तबीयत ठीक नही थी माँ इसलिए आराम कर रही थी,,,दरवाजा भी इसलिए बंद किया था ताकि कोई
डिस्टर्ब नही करे मुझे,,,

माँ ने उसके फॉरहेड पर हाथ लगायाऑर देखने लगी कहीं बुखार तो नही है,,,,,,,तुझे बुखार तो
नही है बेटी लगता है वैसे ही थकावट हो गई होगी,,,,चल खाना खा ले फिर मैं तेरे को गर्म
दूध देती हूँ ,,,थोड़ा आराम मिलेगा उस से,,,,,,,,,,

सोनिया मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गई उसके साथ वाली चेयर पर शोबा बैठी हुई थी,,,,मेरे साथ
मामा जी ऑर माँ बैठी हुई थी,,,,,,,मामा तो पक्का नशेड़ी था जो काम करता उसी मे मगन हो
जाता ,,,,,,,,,जैसे अब खाना खाते टाइम उसका ध्यान खाने की प्लेट की तरफ ही रहता वो इधर उधर
कोई ध्यान नही देता,,,,

मैं खाना खाते टाइम सोनिया की तरफ देख रहा था ,,,,वो बड़ी उदास थी खाना भी बड़ी स्लो
स्पीड मे खा रही थी,,,,,,,,रोटी के एक नीवाले को मुँह मे भरके चबाती रहती ,,गले से नीचे खाना
निगलने को भी दिल नही कर रहा था उसका,,,लेकिन फिर भी वो खाना खा रही थी,,,जब भी मैं उसकी
तरफ देखता तो मुझे देख कर सर झुका लेती ओर खाने की प्लेट मे कहीं खो जाती,,,,,तभी मेरा
ध्यान शोबा दीदी की तरफ गया तो वो मुझे सबकी नज़रो से बचके इशारा कर रही थी लेकिन क्या बोल रही
थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,वो बार बार मुझे इशारे मे कुछ बताने की कोशिश कर
रही थी लेकिन उसके सारे इशारे बेकार साबित हो रहे थे,,,,,,

खैर हम लोगो ने खाना ख़तम किया ऑर खाना खाते ही मामा घर से बाहर चला गया,,,सिगरेट
पीने के लिए,,,,,,,,,माँ किचन मे बर्तन रखने लगी ऑर सोनिया भी उनकी हेल्प करने लगी लेकिन शोबा
दीदी खाना खाते ही उपर अपने रूम मे चली गई ऑर 2 मिनट बाद ही वापिस आ गई,,,,

तब तक माँ ऑर सोनिया सोफे पर आके बैठ गई थी जहाँ मैं पहले से बैठा हुआ टीवी देख रहा था,,,,

सन्नी उपर तेरा फोन बज रहा था,,,,,,,,,शोबा दीदी ने नीचे आते ही बोला,,,,,,,,,,

किसका फोन था दीदी,,,,,,,,मैने भी दीदी से पूछा,,,,,,,,,,,

करण का फोन था तुझे अपने घर बुला रहा था बोल रहा था कोई ज़रूरी काम है कॉलेज का,,,
शोबा ने मुझे फिर से सबकी नज़रो से बचके आँख मांर दी,,,लेकिन मैं अंजान कुछ समझा ही नही,,

लेकिन जब मैने सोनिया की तरफ देखा तो वो करण के नाम से आग बाबूला होने लग गई थी,,मैने उस
से नज़र बचाई ऑर अपने रूम मे चला गया पयज़ामा ऑर टी-शर्ट पहनने क्यूकी अभी इस टाइम मैं
निक्केर ऑर बनियान मे था,,,,करण के घर जाने के लिए तैयार हो रहा था तो सोचा क्यू ना एक बार करण
को फोन करके पूछ लूँ कि आख़िर मसला क्या है ,,फोन उठाकर कॉल हिस्ट्री मे जाके ही करण को
फोन करने लगा था क्यूकी अभी उसका फोन आया था सबसे उपर उसका नंबर ही होता लेकिन देख कर
हैरान हो गया कि उसकी तो कोई कॉल नही आई मुझे तो दीदी ने झूठ क्यू बोला,,,फिर याद आया कि दीदी ने
नीचे मुझे इशारा किया था डाइनिंग टेबल पर ,,लगता है कुछ लफडा है,,,,चलो दीदी से ही पूछ लेते
है,,,,,,,,,मैं तैयार होके नीचे चला गया,,,,,जहाँ सब लोग दूध पी रहे थे मेरे नीचे जाते ही
माँ ने एक ग्लास दूध मुझे भी दिया ,,,मैं दूध पीक माँ को बोला कि मैं करण के घर
जा रहा हूँ थोड़ा काम है,,,,,,,,,,,

वापिस कब आओगे बेटा,,,,,,माँ ने पूछा,,,,

पता नही माँ ,,,,,,,,,शायद अभी आ जाउ कुछ देर मे ऑर शायद कल सुबह को,,,,,,,,,,,

मैं घर से जाने ही लगा तभी शोबा दीदी ने पीछे से आवाज़ दी मुझे,,,,,,,,

रूको सन्नी,,,,,,तुम करण के घर जा रहे हो तो प्लीज़ मुझे पहले बुटीक पर ड्रॉप करदो,,बुआ
बाहर गई है ऑर कुछ ज़रूरी काम है बुटीक पर,,,,

मुझे पहले पता था ये भी साथ चलेगी,,,,,क्यूकी इसका मूड था आज चुदाई करने को,,,लेकिन ये घर
मे भी तो मेरे साथ चुदाई कर सकती है ,,फिर भला बुटीक जाने की क्या ज़रूरत,,,उपर बुआ का
ड्रॉयिंग रूम है इसका रूम भी है वहाँ मस्ती कर सकते है हम दोनो,,,,फिर सोचा कहीं इसने
बुटीक पर करण ऑर शिखा को ना बुलाया हो इसलिए खुद भी साथ चल रही है,,,,,,

मैने कुछ नही बोला ऑर घर से बाहर आ गया ,,,,बाइक स्टार्ट किया ऑर हम दोनो वहाँ से चल पड़े,,

घर से थोड़ी दूर जाके ,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या बात है दीदी ,,,झूठ क्यू बोला करण का तो कोई फोन नही आया
था मुझे,,,,,,,,,,,,,,

बुटीक पर चल सब बताती हूँ तेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,,

अभी बता दो दीदी,अभी कॉन है सुनने वाला,,,,,,

तेरे लिए एक चूत का बंदोबस्त किया है मैने,,,,,,,,दीदी ने बोलते टाइम अपने हाथ को आगे करके मेरे
लंड को पॅंट के उपर से मसल दिया,,,,

मैं उछल पड़ा,,,,एक तो लंड को थोड़ा ज़ोर से मसला था दीदी ने उपर से चूत की बात सुनके दिल
खुश हो गया था,,,,,क्यूकी बंदोबस्त का मतलब शिखा नही था ,,,,किसी ऑर की चूत तैयार की थी दीदी
ने मेरे लिए,,,,,,,,,,,

कॉन है वो दीदी,,,,बताओ तो ज़रा,,,,,

है कोई,तू टेन्षन मत ले,,,,,,,,,,,ऑर हाँ वो मस्ती के लिए नही बल्कि किसी मजबूरी मे ये सब करने के लिए
तैयार हुई है,,,,,,,,उसको ज़्यादा तंग मत करना,,,,,,,

ठीक है नही करता तंग लेकिन बताओ तो सही कॉन है वो,,,,,,,,मैं एग्ज़ाइट्मेंट मे पूछ रहा था,,,,,

है कोई ,,,,,,,,,,,,,बुटीक चल सब पता लग जाएगा,,,,,,,,,,,

लेकिन दीदी बुटीक पर तो पूजा ऑर मनीषा भी होंगी तो कैसे होगा सब,,,,कुछ पंगा हो गया
तो,,,,,,,,,

वो लोग वहाँ नही है वो भी आज सुबह अपने घर चली गई है,,,,बुटीक पर कोई नही है,,,

मैं समझ गया कि डॅड ऑर बुआ के साथ गई है वो दोनो,,पहले डॅड उनके साथ मस्ती करेंगे ऑर
बाद मे बुआ के साथ गाओं जाके रेखा के साथ मस्ती करेंगे,,,,,

अच्छा तो क्या मेरे लिए चूत का बंदोबस्त करने की खातिर आप डॅड ऑर बुआ क साथ नही गई,,,,मैने
भी हसके बात की ताकि दीदी को थोड़ा कल्पा सकूँ,,,,

मैने क्या करना था डॅड ऑर बुआ के साथ जाके ,,,,वो लोग किसी काम से गये है,,,,

किस काम से गये है मैं सब जानता हूँ दीदी,,,,,,,,मैं अब बच्चा नही रहा,,,,सब समझता हूँ
वो लोग गाओं गये है रेखा क पास,,,,,,,,,,

मेरे इतना बोलने की देर थी कि शोबा के फेस का रंग उड़ गया,,,

तो रेखा कमिनि की ज़ुबान सच मे कुछ ज़्यादा ही चलती है,,,,बुआ ने ठीक कहा था,,,,वो किसी बात
को पेट मे दबा कर नही रख सकती,,,,सब उगल देती है,,,,,

अरे दीदी उसपे गुस्सा क्यू करती हो,,,,,,गुस्सा तो मुझे आप पर होना चाहिए जो आप सब कुछ छुपाती
रहती हो मेरे से लेकिीन मुझे फिर भी पता लग ही जाता है,,,,,

अच्छा तो मुझे भी तेरे पे गुस्सा होना चाहिए,,तू भी मेरे से बहुत कुछ छुपाता है,,,लेकिन मैं
भी तेरी बड़ी बेहन हूँ मुझे भी सब पता चल जाता है,,,,,

क्या पता चला मेरे बारे मे दीदी,,,,,,,,,,,

यही कि तू माँ की चूत का बंदोबस्त करने को बोलता है जबकि माँ की गान्ड का भी स्वाद चख
चुका है,,,,,,

अब हैरान होने की बारी मेरी थी,,,,,आपको कैसे पता चला दीदी,,,,

उससी कमिनि रेखा से जिसने तुझे सब कुछ बताया है,,,,

क्या बुआ ऑर दाद भी जानते है मेरे ऑर माँ के बारे मे दीदी,,,,,,,,,,

नही वो लोग तो माँ विशाल भाई ऑर मामा के बारे मे जानते है,लेकिन तेरे बारे मे नही,,,,अब पता नही
गाओं गये है तो रेखा उनको भी सब कुछ बता ना दे कहीं,,,,,

सच मे दीदी ,,,डॅड ऑर बुआ माँ भाई ऑर मामा के बारे मे जानते है,,,,,

हाँ सन्नी ,,,,मामा के बारे मे तो कब्से जानते थे डॅड लेकिन भाई ऑर माँ के बारे मे थोड़ा टाइम
पहले ही पता चला था उनको,इसलिए तो बुआ को बोलकर मेरी चूत तैयार करवाने लगे थे अपने लिए

दीदी आपको कितना टाइम हुआ डॅड ऑर बुआ के साथ मस्ती करते हुए,,,,,,

जबसे मैने बुटीक पर जाना शुरू किया,करीब 1 साल हो गया,,,,,,,,

उस से पहले आपका कोई बाय्फ्रेंड था क्या ,,,,

नही सन्नी,मेरा आज तक कोई बाय्फ्रेंड नही हुआ,,,,पहले स्टडी मे ध्यान देती रहती थी तो ऐसी बातों
की तरफ सोचा भी नही ऑर जब चुदाई के बारे मे पता चला तो बाय्फ्रेंड बनाने की ज़रूरत ही महसूस
नही हुई,,,,,,,

तो क्या आपकी सील भी डॅड ने खोली थी,,,,,,,,,,

हाँ सन्नी,,चूत की सील डॅड ने ऑर गान्ड की सील बुआ ने खोली थी नकली लंड से,,,,,

तेरी आज तक कोई गर्लफ्रेंड बनी क्या सन्नी,,,,,,,,

नही दीदी मुझे कभी अपनी वीडियोगेम से फ़ुर्सत ही नही मिली ऑर जब सेक्स गेम खेलनी शुरू की तो
घर मे ही एक से बढ़ कर एक चूत के साथ मस्ती करने का मोका मिलने लगा,,,,पहले माँ फिर बुआ
ऑर अब आप ,,,,,,,,गर्लफ्रेंड बनाने की ज़रूरत ही महसूस नही हुई,,,,अब तो घर की सारी औरते ही
मेरी गर्लफ्रेंड है,,,,,,आप बुआ ऑर माँ,,,,,,,,

अच्छा ऑर सोनिया का क्या,,,,,,,,,,उसको गर्लफ्रेंड बनाने को दिल नही करता क्या,,,,,दीदी ने हँसते हुए ये बात बोली
मैं समझ गया कि मेरा मज़ाक उड़ा रही है,,

दिल तो करता है दीदी लेकिन हिम्मत नही होती,,,,,अगर आप कुछ हेल्प कर सको तो बड़ी मेहरबानी होगी,,

ना बाबा ना,मुझे मरना नही है,,,,,ऑर वैसे भी जितनी चूत है तेरे पास इस टाइम काफ़ी है तेरे लिए,,,
फिर दीदी हँसने लगी,,,,

हम बातें करते हुए बुटीक पर चले गये,,,दीदी ने अपने बॅग से चाबी निकाली ऑर पीछे के गेट
को खोल कर हम अंदर चले गये,,,,

जैसे ही मैं बाइक अंदर करने लगा मैने देखा कि वहाँ एक अक्तिवा खड़ी थी,,,,वो शोबा दीदी की नही
थी क्यूकी उसका नंबर शोबा दीदी की अक्तिवा का नंबर नही था,,,,पूजा ऑर मनीषा के पास तो अक्तिवा नही
थी,,,,फिर ये किसकी है,,,,,,,मैने गौर से नंबर प्लेट की तरफ देखा तो नंबर कुछ जाना पहचाना लगा,,,
ये तो कविता की अक्तिवा थी,,,,,कहीं दीदी ने कविता को मेरे लिए तैयार तो नही कर लिया,,ये सोच कर ही मेरे लंड
ने सर उठाना शुरू कर दिया,,,,,,दिल मे खुशी भरने लगी,,

बाइक अंदर किया ऑर फिर हम लोग उपर चले गये,,,,उपर का दरवाजा भी लॉक था,,,दीदी ने लॉक खोला
ऑर हम अंदर गये दीदी जाते ही किचन के बाहर पड़े हुए सोफे पर बैठ गई,,,,,,,,

अरे आप यहाँ क्यू बैठ गई,,,,ऑर मेरी प्यारी चूत कहाँ है,,,,,

ज़रा आराम से बोलो,,,,वो अंदर है,दीदी ने एक रूम की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,,देखो सन्नी
मैने तेरे से पहले भी बोला है कि वो तेरे साथ मस्ती करने नही बल्कि किसी मजबूरी की वजह से
यहाँ आई है तो प्लीज़ उसके साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही करना,,,,वो मना करे तो कुछ मत करना जब
तक की उसकी रज़ामंदी नही मिलती,,,ऑर ज़रा तमीज़ से पेश आना ,,,,

अच्छा बताओ तो सही वो है कॉन,,,,,,,,,,

अंदर जाके खुद देख लेना,,,,,

आप साथ नही आओगी क्या,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,

नही सन्नी,,,वो मेरे सामने कुछ नही करने वाली,थोड़ा शरमाती है,,,,,वो तो आने को भी तैयार नही
थी मैने बड़ी मुश्किल से तैयार किया था उसको ,,,,ऑर उसके घर वालो को कितने बहाने बनाए उसको यहाँ
लेके आने के लिए ये मैं ही जानती हूँ,,,,,,,,,अब जाओ ऑर मस्ती करो,,,,,,लेकिन ज़रा आराम से ऑर प्यार से,,,,


मैं कुछ समझ नही पा रहा था ,,,ऐसा कॉन है अंदर जो तैयार भी है मस्ती के लिए ऑर नही भी,,दीदी
साथ क्यूँ नही जा रही,,,,,अगर अपनी किसी सहेली को लेके आई है तो खुद भी साथ चले ऑर अपनी सहेली के
साथ मस्ती करने मे मेरा साथ दे,,,मैं अंदर जाने लगा तो दीदी भी उठी ऑर मेरे साथ वाले रूम
मे चली गई,,,,,ऑर इशारा करते हुए ये बता गई कि मैं यहीं हूँ तुम जाओ दूसरे रूम मे,,,,

दीदी ने अंदर जाके दरवाजा बंद कर लिया ऑर मैं साथ वाले रूम के दरवाजे के पास पहुँच गया,,
मैं दरवाजे को खोलने लगा,,थोड़ा डर भी लग रहा था ऑर थोड़ी मस्ती भी चढ़ने लगी थी,,,डर
ऑर एग्ज़ाइट्मेंट का मिला जुला असर हो रहा था मेरे दिल मे,,,,,मैने दरवाजे को खोला तो देखा कि एक
पतली सी लड़की रूम के अंदर खिड़की के पास खड़ी हुई थी जो खिड़की बुटीक के दूसरी तरफ की गली मे
खुलती थी जहाँ कोई नही होता था,,,,,फिर वो किसको देख रही थी वहाँ खड़ी होके,,,,,


उसके बाल बँधे हुए थे,,जुड़ा किया हुआ था बालों का उसने,,,,लाइट पिंक कलर का सूट पहना हुआ
था जो स्किन फिटिंग वाला लग रहा था,,,,पीछे पीठ पर एक लंबी ज़िप लगी हुई थी जो नेक से शुरू
होके पीठ के लास्ट मे गान्ड से थोड़ा उपर तक आके ख़तम हो गई थी,,,सर पर भी दुपट्टा लिया
हुआ था उसने,,,जो उसके सर के उपर से होते हुआ दोनो तरफ से उसकी पीठ पर आ रहा था,,,,रूम मे
एसी चल रहा था लेकिन फिर भी एक फॅन को स्लो स्पीड मे चलाया हुआ था,,जिसकी हवा से उसका दुपट्टा
हिलने लगा था,,,,उसको दरवाजा खुलने की आवाज़ सुन गई थी लेकिन वो मेरी तरफ पलटी नही थी लेकिन थोड़ा
घबरा ज़रूर गई थी,,,,क्यूकी उसके दोनो हाथ उसकी कमर की दोनो तरफ से नीचे लटके हुए थे ऑर वो
दोनो हाथों से अपने सूट को कभी हाथ से पकड़ लेति और कभी छोड़ देती,,ये निशानी होती है किसी
भी लड़की के डर की,,कन्फ्यूज़ होने की,,जब लड़की को कुछ समझ नही आता तो वो अक्सर ऐसे ही करती है,,या
उंगलियों मे अपना दुपट्टा घुमाती रहती है,,,,,,,,मैने अंदर जाके दरवाजा बंद किया जैसे ही मैने
दरवाजा बंद किया तो देखा कि उसके बदन को एक तेज झटका लगा,,,,वो कुछ ज़्यादा ही डर गई थी क्यूकी
एग्ज़ाइट्मेंट मे मैने दरवाजे को थोड़ा ज़ोर से बंद किया था ,,,,मैं दरवाजे से उस खिड़की की तरफ
बढ़ने लगा लेकिन कोई जल्दबाज़ी नही की मैने ,,,मैं बड़े आराम से उसकी तरफ बढ़ रहा था लेकिन मेरे
कदमो की आवाज़ से उसके डर बढ़ता जा रहा था जैसे जैसे उसको अपने पास आते कदमो की आवाज़ सुनती जा
रही थी वैसे वैसे उसका डर भी बदता जा रहा था,,,,उसके डर मे भी एक अजीब मस्ती थी जिस से दिल मे
खुशी की हलचल होने लगी थी,,,,,,,मैं उसके करीब पहुँच गया था ,,हम लोगो मे अब 6 इंच का
फासला था,,,उसके दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी उसको पता लग गया था कि मैं उसके पीछे खड़ा
हूँ ऑर कुछ ज़्यादा ही करीब हूँ,मुझे उसके दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी साथ ही उसकी डर के
मारे उखड़ती साँसे भी,,,,मेरी भी साँसे गर्म होने लगी थी ऑर मैं उसके ऑर भी ज़्यादा करीब चला
गया था,,,,अब मेरे हाथ उसकी पतली कमर की तरफ बढ़ने लगे ,,,,जैसे ही मेरे हाथ उसकी कमर पर
लगे वो एक दम से डर कर आगे की तरफ हो गई,,,लेकिन आगे खिड़की थी ऑर वो खिड़की के काँच के साथ लग्के
खड़ी हो गई थी,,,उसके हाथों ने उसके सूट को तेज़ी से पकड़ना ऑर छोड़ना शुरू कर दिया था मतलब
वो बहुत ज़्यादा डरी हुई थी,,,लेकिन मैं उसके डर से खुश होता हुआ आगे बढ़ने लगा ऑर फिर से उसकी
कमर को दोनो हाथों से पकड़ लिया वो आगे होना चाहती थी लेकिन आगे कोई जगह नही थी वो बस
वही खड़ी खड़ी झटके खाने लगी थी,,मैने उसको कमर से पकड़ा ऑर अपनी तरफ खींच लिया मेरे
करीब आते ही मेरे हाथ उसकी कमर से खिसकते हुए उसके पेट पर चले गये ऑर मैने दोनो हाथों से
उसको अपने से सटा लिया ,,,लेकिन जल्दी ही उसने मेरे हाथ को अपने हाथों से पकड़ा ऑर खुद को मेरे से
छुड़वा लिया,,,,,मैं उसको छोड़ना नही चाहता था लेकिन शोबा दीदी ने बोला था कि कोई ज़बरदस्ती
नही करनी इसके साथ,,,,इसलिए मैने उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया लेकिन एक ही पल मे मैं फिर से
उसके करीब हो गया ऑर फिर से मेरे हाथ उसकी कमर के दोनो तरफ टिक गये थे,,,इस बार मैने उसको
अपने करीब नही किया बल्कि मैं खुद उसके करीब चला गया,,,उसने आगे होने की कोशिश की लेकिन
उसकी कोशिश बेकार गई आगे खिड़की थी,,,वो खिड़की के साथ सॅट कर खड़ी हो गई ऑर मैं पीछे से उसकी
पीठ के साथ सटके खड़ा हो गया,,,,मैने अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर हल्के से दबा
दिया तो उसकी आहह निकल गई मैने मोका देखते ही एक हाथ से उसके दुपट्टे को साइड किया ऑर उसके
सर से दुपट्टा उतार दिया उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो गई ऑर उसका दुपट्टा
उसके सर से नीचे हो गया ऑर एक तरफ लटक गया,,थोड़ा सा दुपट्टा उसके लेफ्ट शोल्डर पर था बाकी का
ज़मीन पर था,,मैने उसको भी वहाँ से अलग करके ज़मीन प??
Reply
07-11-2019, 12:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
[size=large]ये तो कविता की भाभी थी,,,,,,,,,,कामिनी,,,,,मैं एक दम से पीछे हो गया,,मैं थोड़ा डर गया था,,,,
उसने भी एक बार मुझे देखा ऑर फिर फेस झुका लिया,,,वो बड़ी तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,मैं उस से
दूर हो गया था लेकिन ध्यन अभी भी उसकी तरफ ही था,,कुछ देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद उसने
फिर से सर उठाके मुझे देखा तो मैं भी उसकी तरफ देख रहा था ,,,हम दोनो की नज़रे मिली लेकिन
तभी उसने सर को फिर से झुका लिया ,,,,मैं हिम्मत करने उसके करीब गया ऑर उसके फेस को अपने हाथ
से पकड़ कर उपर उठा दिया ,,,,उसकी आँखें नम थी ऑर भोला भाला चेहरा बहुत उदास था ,,कविता
की तरह इसके चहरे पर भी अभी तक मांर के निशान थे,,,जब उसने मुझे अपने चहरे की तरफ
घूरते हुए पाया वो समझ गई कि मैं उसके फेस पर मांर के निशान देख रहा हूँ तो उसने जल्दी से
फेस को टर्न करने की कोशिश की लेकिन मैं पहले ही समझ गया था इसलिए जल्दी ही मैने उसके फेस को
अपने दोनो हाथों से पकड़ लिया उसने फेस नीचे करने की बहुत कोशिश की लेकिन नाकाम रही,,,लेकिन
शर्म ऑर डर के मारे उसने आँखे बंद करली थी,,,,लेकिन आँखें बंद करते टाइम उसने मुझे
देख लिया था क्यूकी मैं उसके फेस को देखता हुआ एक झलक उसके बूब्स को भी देख रहा था,उसको
जब एहसास हुआ कि उसका दुपट्टा नही है उसके बदन पर तो आँखे बंद करते टाइम उसने अपने दोनो
हाथों को एल्बो से क्रॉस करके अपने दोनो बूब्स को कवर कर लिया...

आँखे बंद किए वो दोनो हाथों को एल्बो से बंद करके अपने बूब्स को कवर करके खड़ी हुई थी,
मेरे दोनो हाथ उसके सर के दोनो तरफ थे ,,उसका फेस हल्का सा झुका हुआ था ,,,,मैंने उसके फेस
को थोड़ा उपर किया ऑर कुछ पल उसको ऐसे ही देखता रहा ,,,,कितनी क्यूट लग रही थी वो लेकिन फेस पर
हल्के हल्के मांर के निशान देख कर गुस्सा आ रहा था मुझे,,,,,पक्का इसके पति सूरज ने मारा होगा
इसको,,,,,,,,,,,,,,मैं बड़े प्यार से उसको 2-3 मिनट से देख रहा था फिर मैं हल्के से उसके लिप्स की
तरफ बढ़ने लगा ,,,वो थोड़ी बेचैन थी क्यूकी मैने इतनी देर से कुछ नही किया था इसलिए उसने अपनी
आँखें खोल कर मुझे देखा मैं उसके लिप्स की तरफ़ बढ़ रहा था उसने जल्दी से फिर से अपनी आँखें
बंद करली ऑर सर को टर्न करने की कोशिस की लेकिन नाकाम रही मैने उसके सर को दोनो तरफ से हल्का
ज़ोर लगा कर पकड़ा हुआ था ,,,एक पल बाद मेरे लिप्स उसके लिप्स को टच कर गये क्या मस्ती चढ़ि मेरे को
उस एक पल मे बता नही सकता ,,,आग लग गई थी पूरे बदन मे दिल कर रहा था कि जल्दी से सारा रस्स
चूस लूँ इसके नरम होंठों से,,,लेकिन मैं कोई जल्दी नही करना चाहता था क्यूकी शोबा दीदी ने
मना किया था ज़ोर ज़बरदस्ती करने से,,,,,,इसलिए मैं बड़े प्यार से उसके लिप्स को हल्के हल्के किस करने
लगा ,,,,,,,मैने अपनी ज़ुबान को अपने लिप्स से बाहर निकाला ऑर उसके दोनो लिप्स के बीच मे फेरने लगा
ताकि वो अपने लिप्स को थोड़ा खोल दे लेकिन उसने लिप्स को नही खोला लेकिन उसकी साँसे तेज हो गई थी इस से
पहले मैं उसकी मस्ती का फ़ायदा उठाकर अपनी ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा देता उसने मुझे ज़ोर
से धक्का मारा ऑर दरवाजे की तरफ भाग गई ,,,मैं भी उसके पीछे जल्दी से भागा क्यूकी एक पल के लिए
उसके लिप्स को किस करने भर से मेरी हालत खराब हो गई थी ऑर मैं ऐसी मस्त चीज़ को ऐसे जाने नही
दे सकता था अपने हाथों से इसलिए मैं भी उसके पीछे दरवाजे की तरफ जल्दी से भागा ,,,उसने दरवाजा
खोल लिया था लेकिन मैने उसके पीछे से जल्दी से दरवाजे को बंद कर दिया ऑर उपर वाली कुण्डी भी लगा
दी,,,,उसने भी जल्दी से अपना हाथ उठा कर कुण्डी खोलने की कोशिश की जैसे ही उसका हाथ उपर कुण्डी की
तरफ उठा मैने अपने हाथ को उसके हाथ पर रख दिया ऑर उसके हाथ को पकड़ लिया ऑर उसने जल्दी से
अपने दूसरे हाथ को उपर उठा लिया तो मैने भी जल्दी से उसके दूसरे हाथ को भी पकड़ लिया,,,वो थोड़ा
झटपटाने लगी तो मैने अपने दोनो हाथों से उसके दोनो हाथों को मजबूती से पकड़ा ऑर नीचे
करके उसकी पीठ से सटा दिया ऑर जल्दी से उसको अपनी तरफ पलट कर उसके हाथों को उसकी पीठ पर अपने
एक हाथ से पकड़ लिया,,,,वो मेरे ऐसे ज़ोर लगाने से थोड़ा गुस्से मे आ गई थी लेकिन अब मुझे उसके
गुस्से की कोई परवाह नही थी मैने कोई देर किए बिना अपने लिप्स को उसके लिप्स के करीब किया तो उसने
भी जल्दी से अपने फेस को दूसरी तरफ टर्न कर लिए ,,,,मैं पहले से जानता था इसलिए मैने एक हाथ को
उसके सर के पीछे की तरफ किया ऑर जल्दी से उसके बालों से उसके सर को पकड़ लिया,,,,मेरे लेफ्ट हॅंड मे
उसके दोनो हाथ उसकी पीठ पर पकड़े हुए थे जबकि राइट हॅंड से उसके सर को पीछे से पकड़ा हुआ
था ,,,उसने अपने सर को टर्न किया तो मैं उसके लिप्स की तरफ बढ़ता जा रहा था लेकिन फेस टर्न होते ही
मैं भी उसके लिप्स की जगह उसके गले ऑर शोल्डर की तरफ बढ़ने लगा ऑर एक ही पल मे मेरे लिप्स उसके
गले ऑर शोल्डर के पास थे मैने उसको गले पर किस किया ऑर हल्के हल्के किस करते हुए शोल्डर
की तरफ बढ़ने लगा ऑर तभी मैने अपने मुँह को थोड़ा खोला ऑर उसके शोल्डर के हल्के माँस को मुँह
मे भर के चूसने लगा मेरे ऐसा करने से उसकी अहह निकल गई ऑर मैने एक ही पल मे
उसको वापिस टर्न कर दिया दरवाजे की तरफ ऑर उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़कर हवा मे उठा कर
दरवाजे से लगा दिया ऑर पीछे से उसके करीब हो गया अब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था जो पीछे से
उसकी गान्ड पर चुबने लगा था ऑर वो मेरे से आगे होने की कोशिश कर रही थी लेकिन आगे दरवाजा था
जो बंद था,,,,

मैं उसके ऑर ज़्यादा करीब हुआ तो लंड उसकी गान्ड की लाइन मे रगड़ खाने लगा ,,फिर
मैने उसके कान के पास अपने लिप्स किए ऑर कान के नर्म माँस को अपने लिप्स मे भरके चूसने लगा ऑर
साथ ही अपने हाथों से उसके हाथों को आज़ाद करके उसके हाथों पर फेरता हुआ नीचे की तरफ आने लगा
लेकिन तभी उसने भी अपने हाथ नीचे करने शुरू कर दिए,,,मैने वापिस उसके हाथों को पकड़ा ऑर हवा
मे उपर उठा कर दरवाजे से लगा दिया ऑर फिर से उसके हाथों पर अपने हाथ फेरता हुआ नीचे की तरफ
बढ़ने लगा तो इस बार उसने अपने हाथों को उपर की तरफ उठाकर कुण्डी खोलने की कोशिश की,,,,,मैं उसको
मस्त करने की कोशिश कर रहा था ऑर वो मस्त हो भी रही थी लेर्किन फिर भी वो डर रही थी मेरे से,,,

फिर मैने उसको पकड़ कर दरवाजे से दूर किया ऑर खुद दरवाजे की कुण्डी को ठीक से बंद करके वापिस
पलट गया क्यूकी उसने हाथ उपर करके कुण्डी को थोड़ा सा खोल दिया था,,,,मैं जल्दी ही कुण्डी ठीक से बंद
करके पलटा तो वो मुझे देख कर थोड़ा शरमा रही थी ऑर डर भी रही थी ,,,,,मैं उसके करीब जाने लगा
तो वो अपने हाथों की उंगलियों को बंद करके मुट्ठी बना लेती ओर वापिस हाथ खोल देती ,,,,वो बेचैन होने
लगी थी ऑर उसकी बेचैनी मुझे मस्त करने लगी थी,,,,,मैं उसकी तरफ बढ़ने लगा हल्के कदमो से ऑर वो हल्के
कदमो से पीछे की तरफ जाने लगी,,,,तभी मैने देखा कि उसके पीछे बेड था ,,शायद उसका ध्यान नही था
पीछे बेड की तरफ वो बस हल्के कदमो से डरती हुई पीछे की तरफ चल रही थी जैसे ही वो बेड से टकराई
तो थोड़ा बहुत खुद को संभलने की कोशिश करने लगी लेकिन उतनी देर तक वो बेड पर पीछे की तरफ पीठ के
बल गिर चुकी थी उसकी टाँगे बेड से नीचे ज़मीन पर थी ऑर बाकी का हिस्सा बेड पर था तब तक मैं भी
बेड के करीब उसकी टाँगो के पास तक पहुँच गया था,,,,,उसने मुझे ऐसे अपने करीब देखा तो बहुत
ज़्यादा डर गई क्यूकी गिरने के टाइम उसकी कमीज़ थोड़ी पीठ की तरफ दब गई थी जिस से उसके बूब्स सॉफ तौर पर
नज़र आने लगे थे उसने भी मुझे अपने बूब्स की तरफ घूरते पकड़ लिया ऑर जल्दी से साइड पर पड़े पिल्लो
को अपने पेट पर रख लिया जिस से उसका फेस भी हल्का कवर हो गया ऑर पेट भी,,,,,मैने जल्दी से अपनी टी-शर्ट
ऑर बनियान निकाल दी ऑर उपर का हिस्सा नंगा कर लिया ऑर फिर नीचे झुक कर उसके हाथों से पिल्लो लेने लगा
लेकिन उसने पिल्लो को बड़ी मजबूती से पकड़ा हुआ था ,,,,मैं भी अपना पूरा ज़ोर लगा कर पिल्लो को साइड करना
चाहता था लेकिन मैने ऐसा नही किया ,,,,मैने ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया ऑर उसके एक पैर को अपने
हाथ मे पकड़ लिया,,,,,उसने थोड़ा ज़ोर लगाया ताकि अपने पैर को मेरे से छुड़वा सके लेकिन मैने उसके पैर
को ज़ोर से पकड़ा हुआ था ,,,,फिर मैने उसके सॅंडल को निकाला ,,ओह्ह गुड उसके तो पैर भी दूध की तरह
एक दम वाइट थे ऑर नीचे का हिस्सा एक दम पिंक था मैने कोई देर किए बिना उसके पैर पर किस करना शुरू
कर दिया ,,फिर उसने पैर की एक उंगली को अपने मुँह मे भरके चूसने लगा फिर दूसरी उंगली को फिर बाकी की
उंगलियों की भी ऐसे ही चूसने लगा ,,,कभी ज़ुबान बाहर निकाल कर उसकी उंगलियों को ऑर पैर के नीचे के
हिस्से को अच्छी तरह चाटने लग जाता,,,,वो मस्ती मे अपना पैर छुड़वाने की कोशिस कर रही थी लेकिन मैने
उसके पैर को नही छोड़ा बल्कि मैने तो उसके दूसरे पैर को भी अपने दूसरे हाथ से पकड़ लिया ऑर बारी बारी
दोनो पैरो पर किस करते हुए उंगलियों को मुँह मे भरके चूसने लग जाता ,,,,वो मचल मचल कर अपने
पैर दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसके पैरो को मजबूती से पकड़ा हुआ था फिर मैं पैरो
से उपर बढ़ने लगा ऑर किस करते हुए दोनो टाँगो पर उपर बेड पर चला गया,,,उसने अभी भी पिल्लो से
खुद को कवर किया हुआ था तो मैने उसकी कमर की एक साइड पर अपना लेफ्ट हॅंड रखा ऑर कमर को सहलाने
लगा उसने जल्दी से एक तरफ करवट ली ऑर उस हिस्से को बेड से लगा कर फेस मेरी तरफ कर लिया लेकिन पिल्लो को अपनेहाथों से अलग नही होने दिया मैने जनभूज कर पिल्लो ऑर बेड एक बीच मे अपना हाथ घुसा कर उसकी
कमर को टच करने की कोशिश की तो वो ऑर ज़्यादा टर्न हो गई जिस से पिल्लो उसके नीचे दब गया ऑर उसकी पीठ
उपर की तरफ हो गई मैने मोका देखते ही उठके उसको कमर से उपर की तरफ पकड़ लिया ,,,,,

अब पिल्लो बेड पर था ऑर वो पिल्लो के उपर पेट के बल पीठ उपर करके लेटी हुई थी,,,मैने उसको कमर से
पकड़ लिया ऑर बिना कोई देर किए जल्दी से उसकी कमीज़ की ज़िप को खोल दिया वो मेरी हरकत से थोड़ा उछलने लगी
लेकिन मैने उसको हिलने नही दिया ऑर कस्के अपने हाथों से उसकी कमर को दोनो तरफ से पकड़ लिया ,,,अभी तक
उसकी ज़िप आधी भी नही खुली थी ऑर मेरे दोनो हाथ भी उसकी कमर पर थे तो मैने नीचे झुक कर अपने
मुँह को खोला ऑर उसकी ज़िप को अपने दाँतों से पकड़ लिया ऑर आराम से सर को नीचे करते हुए उसकी ज़िप को खोल
दिया ,,,मेरे दाँतों मे उसकी ज़िप थी ऑर जब मैं ज़िप खोलने के लिए नीचे की तरफ जा रहा था तो जैसे जैसे
उसकी ज़िप खुलती गई उसकी नंगी पीठ पर मेरी नाक टच करती हुई नीचे बढ़ती जा रही थी,,ऑर साथ ही मैं उसकी
पीठ की खुश्बू का आनंद लेता हुआ नीचे की ओर बढ़ता जा रहा था,,,उसकी ज़िप पूरी खुलते ही मैने अपने एक
हाथ को उसकी नंगी पीठ पर रख दिया ऑर उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा फिर दोनो हाथों से उसकी कमीज़
को दोनो तरफ खोल दिया ऑर खुद उसके उपर चढ़ गया ऑर नंगी पीठ पर किस करने लगा,,,मैं उसकी पीठ
के हर हिस्से पर किस कर रहा था ऑर वो बस लेटी हुई अह्ह्ह्ह भरती जा रही थी तभी किस करते टाइम उसकी पीठ
पर उसकी ब्रा के हुक मेरे लिप्स पर लगे तो मैने उसकी ब्रा को भी खोल दिया,,,,अब उसकी पूरी पीठ मेरे पास
नंगी थी ऑर मैं पागलो की तरह प्यार से उसकी पीठ पर किस कर रहा था फिर कभी अपनी ज़ुबान निकाल कर उसकी
पीठ को अच्छी तरह से चाटने लग जाता ,,,,वो तड़पति ऑर मचलती हुई आहहें भरती जा रही थी ऑर मैं उसकी
पीठ के हर एक इंच को अच्छी तरह से चूमता ऑर चाटता जा रहा था,,,,फिर मैने उसके दोनो शोल्डर से उसकी
कमीज़ को दोनो तरफ से थोड़ा तोड़ा नीचे कर दिया जिस से उसके शोल्डर्स भी नंगे हो गये ऑर मैने दोनो
शोल्डर्स को अपने हाथों से पकड़ा ऑर मसल्ते हुए उसकी पीठ पर किस करने लगा ,,फिर किस करते हुए उसके
एक शोल्डर की तरफ बढ़ने लगा ,,,,उसके शोल्डर पर किस करते टाइम मैने शोल्डर को मुँह मे भर लिया ऑर
हल्के से चूस्ते हुए अपने दाँतों से काटने लगा,,फिर एक शोल्डर से दूसरे शोल्डर की तरफ बढ़ते टाइम
उसकी नेक पर पीछे से हल्के से काटने लगा ,,,,वो मचलती जा रही थी ऑर आहहे भरती जा रही थी,,,,फिर मैने
उसकी कमीज़ को ऑर नीचे किया तो उसकी आधी से थोड़ी कम पीठ नंगी हो गई,,,,,,मैं उसकी पीठ पर शोल्डर पर
हाथ फेरता हुआ किस करता हुआ अपने दाँतों से हल्के हल्के काट रहा था,,,,फिर मैने उसको कमर की एक
तरफ से पकड़ा ऑर टर्न किया इस बार उसने ज़ोर लगाया लेकिन इतना नही ,,,,मैने आराम से उसको पलट दिया ऑर उसके
उपर से पिल्लो को हटाने लगा लेकिन उसने पिल्लो को नही छोड़,,,,,मैने थोड़ा ज़ोर लगाया ऑर पिल्लो को खींच
कर साइड कर दिया ,,,,,जैसे ही पिल्लो साइड हुआ मैं देख कर दंग रह गया कि उसके बूब्स काफ़ी हद तक नंगे हो
चुके थे उसने मुझे बूब्स की तरफ देखते हुए देखा ऑर शर्मा कर अपने हाथों से अपने बूब्स को
कवर करने लगी लेकिन मैने जल्दी से आगे बढ़ कर उसके दोनो हाथों को अपने हाथों से पकड़ लिया,,,,वो थोड़ा
ज़ोर लगा कर अपने हाथों को मेरे हाथों से अलग करने लगी लेकिन मैने भी अपने पूरे ज़ोर से उसके हाथों
को दोनो तरफ खोल कर बेड से लगा दिया ऑर खुद उसके उपर चढ़ गया ,,,,वो मछली की तरह मचलने लगी थी
ऑर मुझे उपर से हटाने की कोशिश करने लगी थी लेकिन मेरे आगे उसका कोई ज़ोर नही चला ,,,,

उसके दोनो हाथ बेड से लगे हुए थे ऑर मैने कस्के उनको पकड़ा हुआ था ऑर खुद उसके उपर टाँगें खोल
कर बैठ गया था लेकिन थोड़ा भी वजन नही डाला था मैने उसके उपर,,,,वो मेरी तरफ़ देख रही थी ऑर मैं
उसके बूब्स की तरफ ,,,वो समझ गई थी अब मैं क्या करने वाला हूँ इसलिए नज़रो ही नज़रो मे मुझा मना
कर रही थी लेकिन अब मैं रुकने वाला नही था मैं हल्के से नीचे झुकने लगा जैसे जैसे मैं नीचे
झुक रहा था उसकी हार्ट बीट तेज हो रही थी ,,,मैने नीचे झुक कर उसके बूब्स के उपर के हिस्से पर हल्की किस
की ऑर फिर उसके गले पर किस करने लगा फिर हल्के हल्के किस करते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा ,,,उसकी कमीज़
तो बूब्स से नीचे थी लेकिन ब्रा भी भी आधे से ज़्यादा बूब्स पर कवर किए हुई थी,,,मैने एक हाथ से उसकी
ब्रा को नीचे करने की कोशिश की ,,जैसे ही मैने उसके हाथ से अपना हाथ हटाया तो उसने जल्दी से अपने उसी हाथ
से मुझे रोकने की कोशिश की तब तक मैं ब्रा को एक साइड से नीचे कर चुका था ऑर जल्दी से उसके हाथ को पकड़
कर फिर से बेड से लगा दिया ऑर जल्दी ही उसके बूब को जो अभी अभी ब्रा से बाहर निकला था उसको एक पल के लिए
देखा ऑर फिर उसपे अपने लिप्स रख दिए लिप्स रखते टाइम मेरा ध्यान उसके फेस की तरफ था,,,मेरे लिप्स जैसे
ही उसके बूब पर टच हुए उसने अपने सर को हल्का सा टर्न कर लिया ,,,,,,मैने बूब पर किस करते हुए अपने
मुँह को खोला ऑर बूब की डुँड़ी को जो अब तक काफ़ी हार्ड हो चुकी थी उसको अपने लिप्स मे भर लिया ऑर हल्के
से किस करते हुए सक करने लगा,,,,फिर मैने उसके दूसरे बूब के उपर से ब्रा को अपने दाँतों से पकड़ कर
नीचे किया ऑर दूसरे बूब को भी हल्के से किस करके उसकी हार्ड हो चुकी डुँड़ी को मुँह मे भर के चूसने लगा
ऑर हल्के से दाँतों मे दबा कर काटने लगा,,,,वो मचलने लगी थी ,,उसके हाथ बेड पर नीचे की तरफ मूड गये
थे ऑर वो अपनी हथेलियों मे बेड शीट को कस्के पकड़ने लगी थी,,,मैं समझ गया कि वो मस्ती मे आने लगी
है इसलिए मैने उसके हाथों को अपने हाथों से आज़ाद कर दिया ऑर दोनो हाथों से उसके एक एक बूब को पकड़
'लिया ऑर हल्के से दबाते हुए किस करने लगा फिर बारी बारी से दोनो बूब्स को चूसने ऑर काटने लगा ,,,उसके बूब्स
ज़्यादा बड़े नही थे लेकिन इतने छोटे भी नही थे,,,,उमर मे करीब 23 साल की थी शादी को भी 4 साल हो
गये थे ,,,एक दम स्लिम ऑर गोरी थी,,,,,बूब्स भी काफ़ी अच्छे थे ना ज़्यादा बड़े ऑर ना ज़्यादा छोटे,,,

मैं बूब्स को बारी बारी से मसल्ने ऑर चूसने लगा ऑर दोनो हाथों से मसल्ने लगा,,,,कुछ ही देर मे उसकी
आहहें निकलनी शुरू हो गई ऑर देखते ही देखते उसके हाथ मे सर पर आ गये वो कभी तो मेरे सर को अपने
बूब्स पर दबा देती ऑर कभी मुझे बालों से पकड़ कर बूब्स से दूर करने लग जाती,,जब वो मुझे बालों
से पकड़ती तो मुझे हल्का सा दर्द होता तो मैं भी उसके बूब को हल्के से दाँतों से काट देता तो उसकी आहह
निकल जाती,,,करीब 10 मिनट ऐसे ही बूब्स चूसने के बाद मैं उसके उपर से हट गया ,,,,उसने मेरी तरफ देखा
तो मैने उसको पकड़ कर उपर उठा दिया उसने कोई ज़ोर नही लगाया लेकिन हल्का नखरा ज़रूर किया उपर उठने
मे लेकिन थोड़ी देर मे उठके बैठ गई थी वो,,,,मैने उसके फेस को पकड़ा ऑर्ट किस करने की कोशिश की तो उसने
फिर से फेस टर्न कर लिया तो मैने उसके सर पर हाथ रखा ऑर उसके बालों के जुड़े को खोल दिया मेरे ऐसा
करते ही उसने मेरी तरफ देखा तो मैने जल्दी से उसके सर को पकड़ा ऑर बलॉन मे उंगलियाँ डालके उसको अपनी
तरफ खींच लिया ऑर उसके मना करने के बावजूद उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए ऑर उपर उपर से उसके लिप्स
को चूसने लगा ,,,,मैने अपनी ज़ुबान को उसके लिप्स की लाइन मे डालके हल्के से उसके लिप्स चाटने लगा ताकि वो अपने
लिप्स को खोल दे लेकिन उसने ऐसा नही किया ,,,,उसकी कमीज़ उसके शोल्डर्स से काफ़ी नीचे उतर चुकी थी ऑर ब्रा भी
नीचे लटकी हुई थी उसका आधे से ज़्यादा पेट नंगा था तो मैने जल्दी से एक हाथ को उसके पेट पर रखा ऑर
धीरे ढेरीरे अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा फिर उसके बूब्स को पकड़ कर मसल्ने लगा साथ ही उसके
लिप्स की लाइन मे अपनी ज़ुबान से चाटने लगा ,,,,लेकिन उसने मुँह नही खोला तो मैने उसके एक बूब को अपने हाथ
से थोड़ा ज़ोर से दबा दिया तो दर्द से उसकी अह्ह्ह्ह निकल गई ऑर दोनो लिप्स खुल गये मैने जल्दी से अपनी ज़ुबान को
उसके मुँह मे डाल दिया ऑर उपर वाले लिप्स को अपने मुँह मे भर लिया मेरे ऐसा करते ही मैने देखा कि उसकी
आँखें बड़ी बड़ी हो गई थी वो हैरानी से मुझे ऐसी हरकत करते देख रही थी,,,,,,मैने अपनी ज़ुबान को उसके
मुँह मे घुसा दिया ऑर उसके मुँह मे हर तरफ घुमाने लगा ऑर बड़े प्यार से उसके लिप्स को चूसने लगा ,,,,क्या
सॉफ्ट लिप्स थे उसके ,,मुँह मे आते ही घुलने लगे थे ऑर घुलते घुलते अपना रस्स छोड़ने लगे थे जिस रस्स
को मैं पीता जा रहा था,,,उसने कुछ पल तो मुझे रोकने ऑर हटाने की कोशिस की लेकिन जब मेरा हाथ उसके
बूब्स को प्यार से सहलाने लगा ऑर मेरी उंगलियाँ उसके बूब्स की डुँड़ी पर छेड़खानी करने लगी तो मस्ती मे
उसने भी मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया ,,मैं समझ गया कि अब ये मेरे क़ाबू मे आ चुकी है
मैने जल्दी से उसकी कमीज़ को नीचे करना शुरू किया ऑर कुछ ही देर मे उसकी कमीज़ नीचे आ गई थी ऑर फिर
ब्रा भी उसके हाथों से निकाल कर साइड पर रख दी,,,,अब उसकी कमीज़ उसकी चूत के पास पेट पर इकट्ठा हो गई
थी जबकि ब्रा हाथों से निकल कर बेड पर आ चुकी थी,,,उसका उपर वाला हिस्सा पूरा नंगा हो गया था ,,,

मैने उसको वापिस बेड पर लेटा दिया ऑर अपने पैरो से उसकी कमीज़ को नीचे करते हुए उसके लिप्स को बड़े प्यार से
चूसने लगा था ,,,वो भी उतने ही प्यार से मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,,कुछ ही देर मे उसकी कमीज़
नीचे से उसके पैरो मे से निकल कर बेड से नीचे गिर चुकी थी,,,,,,,,मेरे हाथ उसके बूब्स को सहला रहे थे
ऑर उसके हाथ भी अब मेरे सर पर आ गये थे ऑर उसने प्यार से मेरे सर को सहलाना शुरू कर दिया था तभी
मैने उसके हाथ को अपने हाथ से पकड़ा ऑर अपनी पीठ की तरफ ले गया तो उसने भी अपने दूसरे हाथ को मेरी
पीठ पर रख दिया ऑर दोनो हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी,,,,उसके हाथ बड़ी नज़ाकत से मेरी पीठ को
सहला रहे थे इसका मतलब था उसने पूरी रज़ामंदी से मेरा साथ देना शुरू कर दिया था,,,,मैं एक पल के
लिए उसके लिप्स को अपने लिप्स से अलग करके उपर उठा तो देखा कि उसकी आँखे बंद थी लेकिन मेरे उपर होते ही
उसने अपनी आँखें खोल दी ऑर मुझे हैरानी से देखने लगी,,,मानो पूछ रही हो कि क्या हुआ सन्नी तुम किस
क्यू नही कर रहे मुझे,,,,मैने हसके उसकी तरफ देखा तो वो भी शरमा गई ऑर अपने फेस को दूसरी तरफ टर्न
कर दिया तो मैने झुक कर उसके गाल पर किस कर दिया फिर अपनी ज़ुबान से चाटने लगा उसकी गाल को उसने जल्दी
से अपने फेस को वापिस टर्न किया ऑर मेरे लिप्स को किस करने लगी,,,,,,,,फिर कुछ देर किस करने के बाद मैं नीचे
की तरफ गया ऑर उसके गले पर किस करते हुए उसके बूब्स के उपर छाती पर किस करने लगा ऑर बाद मे उसके एक
बूब को मुँह मे भर लिया ऑर एक को हाथ मे लेके सहलाने लगा,,,,,मैं बारी बारी से दोनो बूब्स को सहलाने
ऑर चूसने लगा ऑर वो आहे भरने लगी,,,,,तभी मैं किस करते हुए उसके पेट से नीचे की तरफ आ गया ऑर अपनी
ज़ुबान को उसकी बेल्ली मे घुसा दिया मेरे ऐसे करते ही उसने अपनी कमर को नीचे की तरफ कर लिया जिस से उसका
पेट अंदर की तरफ हो गया वो ऑर भी ज़्यादा स्लिम लगने लगी,,,मैने वापिस उसके पेट पर किस करते हुए उसकी
बेल्ली मे ज़ुबान डालके चूसने लगा ,,,,

फिर एक हाथ को नीचे ले जाके मैने उसकी टाँगों पर रखा ऑर दोनो टाँगों को सहलाने लगा वो अपनी
टाँगों को हिलाने लगी ऑर मचलने लगी लेकिन मुझे मन नही किया उसने,,,,मैने हाथ को उसकी टाँगों पर
सहलाते हुए उसकी चूत के करीब ले गया तो उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया उसके ऐसा करते ही मैने अपने
दाँतों से उसके पेट पर हल्के से काट लिया ,,,,मैं फिर से हाथ को उसकी चूत की तरफ ले जाने लगा तो उसने फिर
से मेरे हाथ को पकड़ लिया मैने भी हल्के से उसके पेट पर काट दिया,,,उसने 2-3 बार मुझे रोका तो मैने
भी जवाब मे उसके पेट को हल्के से काटा,,,,,,वो मेरे साथ खेल रही थी ऑर मैं उसके जिस्म के साथ,,,,मैने
अपने हाथों से उसके हाथों को पकड़ा ताकि अब वो मुझे रोक नही सके ऑर अपने सर को उसके पेट से नीचे
ले गया ऑर उसकी चूत को सलवार के उपर से नाक लगा कर सूंघने लगा,,,,चूत की नमकीन खूशबू से
पता चल गया था कि उसकी चूत मे पानी बहने लगा है इसी बात से मेरी मस्ती पागलपन मे बदल गई ऑर
मैने उसकी चूत को सलवार के उपर से हल्के से काट दिया ,,,,,मेरा ज़ोर ज़्यादा लग गया तो उसकी दर्द भरी आअहह
निकल गई ,,,,,मैने देखा कि उसकी सलवार का नाडा सलवार से बाहर था जिसको मैने जल्दी से पकड़ा ऑर खींच
दिया इस से पहले कि वो मुझे रोक पाती उसका नाडा खुल चुका था ऑर मैने जल्दी से सलवार को भी थोड़ा
नीचे कर दिया था,,,,सलवार नीचे होते ही मैने उसकी पैंटी के उपर से उसकी चूत को अच्छी तरह से अपने लिप्स
लगा कर महसूस किया ऑर फिर अपनी ज़ुबान से उसकी पैंटी को चाटने लगा मेरा ऐसा करना उसको अच्छा नही
लग रहा था उसके फेस पर अजीब सी हैरानी थी ,,,,मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चूत को करीब से नही
देखा था उसके पति ने ऑर आज मुझे उसकी चूत के इतना करीब पाके वो हैरान थी ,,,वो समझ नही रही थी कि
मैं क्या कर रहा हूँ,,,मैने उसकी सलवार को थोड़ा ओर नीचे करने की कोशिश की तो उसने अपनी टाँगों को
आपस मे जकड लिया ऑर मुझे सलवार नीचे करने से रोक दिया ,,,,लेकिन जितना ज़रूरी थी उतनी सलवार तो मैं पहले
से नीचे कर चुका था,,,,उसकी सलवार उसके घुटनो के पास थी ओर मैं उसकी चूत को पैंटी के उपर से चाटने
लगा था मैं अपनी ज़ुबान को चूत के नीचे लेके जाता फिर चूत को चाट-ते हुए ज़ुबान को उपर की तरफ लेके
आता,,,पैंटी मेरे थूक से गीली हो चुकी थी लेकिन उसकी चूत भी पहले से पानी छोड़ चुकी थी जिसका नमकीन
स्वाद मुझे हर बार चूत चाटने पर अच्छा लग रहा था,,अब मैने उसके हाथों को छोड़ा ऑर उठके
बैठ गया ऑर उसकी दोनो टाँगों को पकड़ कर खोल दिया उसने थोड़ा ज़ोर लगाया लेकिन नाकाम रही ,,उसने उठके
मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक एक टाँग से सलवार निकल चुकी थी इस से पहले मैं दूसरी टाँग से सलवार
निकालता उसने उठके मेरे हाथों को पकड़ लिया ऑर सर को ना मे हिला कर मुझे मना करने लगी लेकिन मैने
उसके जवाब मे उसके लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर उसको वापिस लेटा दिया ऑर खुद उसके उपर चढ़ गया ,,,,

उसके उपर चढ़ कर मैं उसके लिप्स को अच्छी तरह से चूसने लगा ऑर जब उसने भी रेस्पॉन्स देना शुरू किया तो
मैने अपने पैरो से उसकी दूसरी टाँग मे से भी सलवार को निकाल दिया,,अब वो सिर्फ़ पैंटी मे थी ,,,,मैने
उसको किस करते हुए उसके दोनो बूब्स को मसलना शुरू कर दिया उसके भी हाथ मेरी पीठ पर चलने लगे
,,मैं बड़ी मस्ती मे उसके लिप्स को चूम रहा था लेकिन मेरा इरादा उसकी चूत के लिप्स को चूसने का था इसलिए
मैने उसके एक बूब से अपना हाथ हटाया ऑर नीचे की तरफ ले गया उसने मेरा हाथ पकड़ लिए लेकिन मैने ज़ोर
लगाया ऑर हाथ को चूत पर ले गया ,,उसने मेरे हाथ को पकड़ा हुआ था लेकिन मेरा हाथ चूत के उपर था ऑर
मैने चूत को ऐसे ही सहलाना शुरू कर दिया पैंटी के उपर से,,,,मैने पैंटी के उपर से ही उसकी चूत की
लाइन पर उंगली फिराना शुरू कर दिया ,,उसको मस्ती चढ़ने लगी ऑर वो किस करने मे ऑर भी तेज हो गई ,उसके
हाथ ने भी अब मुझे चूत पर सहलाने से रोकना बंद कर दिया था मैने मोका देखा ऑर हाथ को जल्दी से
पैंटी के अंदर घुसा दिया,,,

ऊहह म्म्मुय्ी गगूओड़द ,,,,,,,,,वो अभी अभी शेव करके आई थी क्यूकी उसकी
चूत बहुत चिकनी थी ऑर गीली भी बहुत थी मैने उसकी चूत को उपर से सहलाना शुरू किया था कि उसकी दोनो
टाँगें अपने आप खुल गई ऑर मेरी उंगली चूत मे घुस्स गई या बोलू कि उसने अपनी टाँगो को खोल कर मेरी
उंगली को अंदर जाने का रास्ता दिया था,,,मेरी एक उंगली ही अंदर गई थी ऑर मैने उसी से उसकी चूत को हल्के से
सहलाना शुरू कर दिया था फिर कुछ देर बाद मैने एक ऑर उंगली अंदर घुसा दी तो वो हल्का सा उपर उछल
गई लेकिन मुझे रोका नही उसने,,मैने 2 उंगली से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया ऑर उसने भी मस्ती मे
आके मुझे पागलो की तरह किस करना शुरू कर दिया,,,,जब देखा कि अब वो पूरी तरह क़ाबू मे आ चुकी है तो
मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर जल्दी से नीचे उसकी चूत पर चला गया ,,इस से पहले वो कुछ
बोलती या मुझे मना करती मैने पैंटी को उतार दिया ,,,उसने जल्दी से उठके अपनी चूत को अपने हाथों से
कवर कर लिया,,,,उसके चेहरे को देख कर लग रहा था कि वो शरमा रही थी उसने जल्दी से अपनी टाँगो को
भी मोड़ने की कोशिश की लेकिन उस से पहले ही मैने उसकी टाँगों को पकड़ा ऑर चूत पर अपने लिप्स रख दिए
ऑर एक ही बार मे पूरी चूत को मुँह मे भर लिया,,,,,,मेरे ऐसा करते ही उसने मुझे सर से पकड़ कर चूत
से दूर हटाने की कोशिश की लेकिन मैने उसकी दोनो टाँगों के नीचे से अपने दोनो हाथ घुमा कर उसको
अपने करीब कर लिया था वो अब चाह कर भी मुझे दूर नही कर सकती थी,,,,लेकिन फिर भी मुझे दूर करने
नाकाम कोशिशे करती रही वो भी बस 2 -4 पल के लिए जब उसकी चूत मे मेरी ज़ुबान अंदर तक घुस गई तो
उसने हथियार डाल दिए ऑर वापिस बेड पर लेट गई,,,

जब वो बेड पर लेट गई तो मैने फेस को चूत से दूर किया ऑर देख कर हैरान रह गया ,,,कितनी प्यारी चूत
थी कामिनी भाभी की एक दम गोरी ऑर अंदर से पिंक कलर की जबकि चूत के लिप्स हल्के गजरी कलर के थे,,,
मुझे ऐसे चूत की तरफ़ घूरते देख उसने आँखों ही आँखों मे मुझे ऐसे घूर्ने से मना किया ऑर इशारा
किया कि ऐसे मत देखो मुझे शर्म आती है,,,,उसकी इस अदा ने मुझे वापिस उसकी चूत की तरफ खींच लिया
ऑर मैं फिर से उसकी चूत को मुँह मे लेके चूसने लगा ,,,,मैं कभी उसकी चूत मे अपनी ज़ुबान डालके अच्छी
तरह से चूत को चाटने लगता ऑर ज़ुबान को अंदर बाहर करने चूत को ज़ुबान से चोदने लग जाता तो कभी
चूत के लिप्स को मुँह मे भरके चूसने लग जाता,,वो कुछ बोल नही रही थी बस लेटे लेटे सिसकियाँ ले रही थी
उसकी सिसकियाँ इतनी तेज थी कि पक्की बात थी साथ वाले रूम मे शोबा को भी उसकी आवाज़ सुन रही होगी,,,,

चूत को चूस्ते हुए मैं अपने हाथों से उसके पेट पर हल्के से सहलाने लगा ऑर सहलाते हुए अपने हाथों
को उपर करके उसके बूब्स पर ले गया ऑर दोनो हाथों मे एक एक बूब पकड़ कर सहलाने लगा ऑर साथ ही उसकी
चूत को चाटने ऑर चूसने लगा उसकी हालत इतनी ज़्यादा खराब होने लगी कि सिसकियाँ लेते हुए वो थोड़ा ज़ोर से
चिल्लाने लगी थी ,,,,मैं भी चूत को चूस्ता हुआ उसके बूब्स की घुंदियो को उंगलियों मे लेके दबा देता
था जिस से उसकी एक लंबी आआआआआआअहह निकल जाती थी,,,,,,,मैं अभी 5-7 मिनट से
उसकी चूत को चाट रहा था कि उसने ज़ोर से सिसकियाँ लेते हुए तड़पना शुरू कर दिया मुझे लगा शायद वो
पानी निकालने वाली है तो मैने जल्दी से उसके बूब्स से एक हाथ हटा लिया ऑर 2 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा
दी ऑर तेज़ी से उंगलियाँ अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत को मुँह मे भरके चूसने लगा ,,,,उसकी सिसकियाँ तेज
होने लगी ऑर बदन भी तेज़ी से हिलने लगा उसने मेरे सर को बालों से पकड़ा ऑर मुझे चूत से हटाने लगी '
लेकिन मैं उसकी चूत से दूर नही हुआ ऑर ऐसे ही उसकी चूत को चाट्ता रहा वो बड़ी ज़ोर से मेरे बालों को
खींच रही थी ऑर मुझे चूत से दूर करने की कोशिस कर रही थी लेकिन मैं चूत से दूर नही हो रहा
था तभी ज़ोर से चिल्लाते हुए उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया ऑर मैं उस पानी को पीने लगा तब भी वो बस
तेज़ी से तड़पति तो ज़ोर से आहे भरती हुई मुझे चूत से दूर करने को कोशिस मे लगी हुई थी जब तक उसकी
चूत के पानी का एक एक कतरा मैं पी नही गया उसकी चूत से दूर नही हुआ ऑर ना ही इति देर तक उसने आहे
भरना बंद किया ऑर ना ही तड़प्ते ऑर मचलते हुए मुझे चूत से दूर करना बंद किया,,,,जब चूत का
सारा पानी निकल गया ऑर मैं सारा पानी पी गया तो मैं खुद ही उठके चूत से दूर हो गया ऑर उसकी बगल मे
लेट गया,,,वो तेज़ी से साँसे ले रही थी लेकिन मुझे ऐसे पास मे लेटा देख कर उसने मेरी तरफ पीठ करके फेस'
को दूसरी तरफ टर्न कर लिया लेकिन फिर भी हाँफती रही,,,,,,,

जब उसकी हालत ठीक हुई तो मैने उसको हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ पलटने की कोशिस की लेकिन वो मेरी तरफ
पलटने को तैयार नही थी इसलिए मैं उसके उपर से चढ़ कर उसकी दूसरी तरफ चला गया ऑर जाके उसके सामने लेट
गया,,,,,,उसने एक बार मुझे देखा फिर दूसरी तरफ पलटने की कोशिश की लेकिन मैने उसको अपने हाथ से
पकड़ा ऑर बाहों मे भरके अपने करीब खींच लिया ,,उसका नंगा बदन मेरे आधे नंगे बदन से
सट गया था,,,तभी मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर उसके हाथ को नीचे अपने लंड की तरफ ले
गया उसके हाथ लंड पर लगते ही उसने जल्दी से हाथ को पीछे कर लिया मैने फिर से उसके हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर लंड की तरफ ले गया उसने फिर से हाथ झटक कर उपर खींच लिया ,,मैने जल्दी से अपने पयज़ामे
को अपने हाथ से नीचे उतार दिया ,,,,नीचे अंडरवेअर नही था इसलिए पयज़ामा उतरते ही मैं नंगा हो गया
था,,,ऑर मैने अपने पूरी तरह हार्ड हो चुके लंड को उसके हाथ मे पकड़ाने की कोशिश की लेकिन वो बार बार
अपने हाथ को पीछे खींच लेती तो मैने जल्दी से अपने हाथ को उसकी चूत पर रखा ऑर उसके लिप्स को अपने लिप्स
मे भर लिया ,,,,,,,,,,किस करते हुए मैं उसकी चूत मे उंगली करने लगा तो उसकी वापिस मस्ती चढ़ने लगी ,,अब
मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ा तो मस्ती मे उसने अपने हाथ को पीछे नही किया ऑर लंड को हाथ
मे पकड़ लिया लेकिन उसने लंड को पकड़े रखा कुछ किया नही तो मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़
कर उसको लंड को आगे पीछे करके सहलाने को बोला तो उसने हल्के हल्के लंड को सहलाना शुरू किया,,,उसका लंड
सहलाना भी मुझे अजीब लगा क्यूकी वो ऐसे लंड को सहला रही थी जैसे आज पहली बार लंड पकड़ा है ,,मुझे
मज़ा तो आ रहा था उसके द्वारा लंड सहलाने से लेकिन इतना नही इसलिए मैं जल्दी से उठा और लंड को उसने फेस
के करीब कर दिया,,,,,एक पल के लिए उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गई ऑर वो मेरे लंड को बड़ी हैरानी से देखने
लगी
Reply
07-11-2019, 12:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी ने शरमा कर सर को झुका लिया,,,,शोबा समझ गई कि भाभी को मज़ा आया होगा मेरे साथ,,,,उसने
आगे बढ़ कर भाभी को शोल्डर से पकड़ा ऑर फिर से पूछा,,,,बोलो ना भाभी मज़ा आया ना सन्नी के साथ,,,,,

भाभी ने सर उठा कर हल्का शरमाते हुए बोला,,,,हाँ बहुत मज़ा आया लेकिन,,,,,,,,,,

लेकिन क्या भाभी,,,,,,,,,

उसने सारा काम खराब कर दिया,,,,,

वो कैसे भाभी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शुरू से तो सब ठीक किया ,,मज़ा भी बहुत दिया लेकिन लास्ट मे गड़बड़ करदी उसने,,,,,

क्या गड़बड़ करदी भाभी,,,,,,,,,,

उसने अपना वू,,,,,,,,,,,,,,,उसने अपना पानी मेरे पेट पर निकाल दिया,,,,,,,

भाभी की बात सुन कर मैं कुछ कुछ समझने लगा था भाभी की मजबूरी के बारे मे,,,,लेकिन कुछ
ज़्यादा नही पता चल रहा था,,,,,

ओह्ह्ह तो ऐसी बात है मैने सोचा पता नही क्या कर दिया उसने,,,,,,,,,,,पेट पर पानी निकाल दिया तो क्या हुआ
एक बार ऑर कर लो चुदाई ऑर इस बार काम पूरा हो जाएगा,,,,,,

नही मुझे नही करना,,,,,,,,,,मुझे डर लगता है ,,,,

किस बात का डर,,,,,,,उसके बड़े लंड से तो डर नही लगता,,,,,,शोबा ने हसके बोला,.,,,,

नही लंड से तो नही लेकिन उसके बचपने से ऑर उसके बच्चे वाले दिमाग़ से डर लगता है ,,,कहीं किसी को कुछ
बोल दिया उसने तो क्या होगा,,,,,,,,,,,,

मैने बोला ना वो किसी को कुछ नही बोलेगा आप डरो नही,,,ऑर अंदर जाके मस्ती करो,,,ऑर इस बार काम पूरा
कर लेना अपना,,,,,,,,,,,,

नही मुझे डर लगता है शोबा,,,,वो अभी बच्चा है,,,,किसी को बता देगा,,,,,,,,,,,

तभी शोबा ने भाभी के हाथ पकड़ा ऑर कुछ बोले बिना भाभी को दरवाजे की तरफ लेके आने लगी ,,,,

मैं जल्दी से दरवाजे से हटके पीछे खड़ा हो गया ,,,अभी तक मैं नंगा ही था,,,,तभी दरवाजा खुला ऑर
शोबा भाभी को हाथ से पकड़ कर अंदर ले आई,,,,,,भाभी अंदर आते ही डरते हुए कभी मुझे देखने लगी तो
कभी शोबा को देखने लगी,,,,,,,,,,क्यूकी उसकी नज़र मे हम भाई बेहन का एक दूसरे के सामने ऐसा नंगा
खड़ा होना अजीब बात थी,,,,,,

शोबा अंदर आके मेरे पास खड़ी हो गई ऑर भाई भी उसके साथ की खड़ी हुई थी,,,,,,,,,,,,

आपको लगता है कि सन्नी किसी को कुछ बता देगा,,,,,,,,,तो ये देखो आप,,,,,,,,,,इतना बोलते ही शोबा ने आगे बढ़ कर
मेरे लिप्स को किस करना शुरू कर दिया,,,,,,मैने भी उसकी किस का रेस्पॉन्स देते हुए उसको अपनी बाहों मे
भर लिया,,,,कुछ देर किस करने के बाद हमने भाभी की तरफ देखा तो भाभी मुँह खोल कर हम दोनो
की तरफ देखने लगी ऑर थोड़ा पीछे हट गई,,,,,

तभी शोबा ने मुझे भाभी के पास जाने का इशारा किया ऑर खुद भी भाभी के करीब हो गई,,,

हम दोनो भाभी के करीब खड़े थे ऑर वो भी बिल्कुल नंगे,,जबकि भाभी मुँह खोले हैरानी से हमे
देखती हुई टवल मे खड़ी हुई थी,,,,,इस से पहले भाभी कुछ समझ पाती शोबा ने मुझे भाभी की पीठ
की तरफ कर दिया ऑर खुद भाभी के सामने खड़ी हो गई,,,,,,सामने से शोबा ने जल्दी से अपने फेस को भाभी
के कारेब किया भाभी ने डार्क फेस तुर्न कर लिया ,,तब तक मैं भाभी क पीछे चला गया था मैने जल्दी से
भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया ,,,,मेरे दोनो हाथ भाभी के पेट पर पहुँच गये थे ऑर मैने
जल्दी से भाभी के टवल को खोल दिया था,,,,,भाभी ने गिरते हुए टवल को पकड़ने के लिए अपने हाथ नीचे
किए लेकिन आगे से शोबा ने भाभी के हाथों को पकड़ लिया ,,,,,भाभी ने फेस को सीधा करके शोबा की
तरफ देखा ही था कि शोबा ने आगे बढ़ कर भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,,,भाभी ने अपने हाथ
शोबा की तरफ किए ऑर उसको अपने से दूर करने लगी,,,तभी मैने अपने हाथों से भाभी के हाथों को पकड़ा
ऑर मोड़ कर उनके हाथों को उनकी पीठ पर लगा दिया ऑर एक हाथ से उनके दोनो हाथों को पकड़ लिया,,शोबा
ने आगे से अपने हाथों से भाभी के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से पागलो की तरह भाभी को किस करने लगी,,,भाभी
के लिए ये पहना अनुभव था शायद किसी लड़की को किस करने का इसलिए वो थोड़ा झटपटा रही थी,,,लेकिन मैने
उनको कस्के अपने हाथों मे जकड़ा हुआ था,,,मेरे एक हाथ मे उनके दोनो हाथ उनकी पीठ पर थे ऑर मेरा
दूसरा हाथ उनके पेट पर कॅसा हुआ था ताकि वो ज़्यादा हिल डुल नही सके,,,,,,शोबा ने भी भाभी के सर को अपने
हाथों से कस्के पकड़ा हुआ था ऑर भाभी को किस कर रही थी,,,,,,,,इधर मैने अपने एक हाथ को जो भाभी
के पेट पर था उसको भाभी के बूब्स की तरफ ले गया ऑर भाभी के एक बूब्स को हाथ मे लेके मसल्ने लगा
फिर दूसरे बूब को भी ऐसे ही मसल्ते हुए अपने लिप्स को भाबी के शोल्डर ऑर नेक के पास रख कर किस करते
हुए हल्के से दाँतों से काटने लगा,,,,,,,मेरा हाथ भी भाभी के बूब्स को बारी बारी से मसल्ने लगा कुछ
ही देर मे भाभी के हिलना जुलना बंद हो गया तो शोबा ने भाभी के सर को अपने हाथों से छोड़ कर अपने
हाथ भाभी के एक बूब्स पर रख दिए,,,शोबा के हाथ भाभी के बूब्स पर आते ही मैने अपने हाथ को वहाँ
से हटा कर भाभी की पीठ पर रखा ऑर पीठ को सहलाते हुए भाभी के शोल्डर ऑर नेक पर किस करते
हुए पीठ पर भी हल्की हल्की किस करने लग,,,सामने से शोबा भाभी को किस करते हुए भाभी के बूब्स को
सहलाने लगी तभी भाभी ने हल्के से हिलना जुलना शुरू किया तो शोबा ने जल्दी से अपने एक हाथ को भाभी की
पीठ की तरफ किया जहाँ पर मेरा हाथ था फिर मेरे हाथ को अपने हाथ मे लेके भाभी की गान्ड की तरफ
करने लगी मैं भी शोबा का इशारा समझ गया था,,,,,,भाभी हिलने झूलने लगी थी ऑर भाभी को क़ाबू करने
का एक ही तरीका था उनकी चूत,,,,,,,,,,,,,,,मैं जल्दी से शोभा का इशारा समझकर भाभी की चूत पर अपने
हाथ को ले गया ऑर जल्दी से भाभी की चूत मे उंगली घुसा दी,,,,मेरे ऐसा करते ही भाभी उछल गई ऑर ज़्यादा
तेज़ी से हिलने जुलने लगी लेकिन भाभी के हाथ मेरे हाथ मे थे ऑर आगे से शोबा ने भी भाभी को काफ़ी हद
तक अपने क़ाबू मे किया हुआ था,,,,मैने जल्दी से भाभी की चूत मे उंगली घुसा दी ऑर तेज़ी से उंगली को आगे
पीछे करने लगा,,,,,,ऑर साथ ही भाभी की पीठ पर हल्के से किस करते हुए अपनी ज़ुबान से पूरी पीठ को
चाटने लगा,,,,,कुछ ही देर मे भाभी के मुँह से दबी दबी सिसकियाँ निकलने लगी,,,,जैसे ही सिसकिया निकलने
लगी मैं अपने लिप्स को भाभी के कान के पास ले गया ऑर कान पर किस करने लगा ऑर तेज़ी से भाभी की चूत
को उंगली से चोदने लगा,,,,तभी मैने देखा कि शोबा ने भाभी को किस करना बंद कर दिया ऑर भाभी से
थोड़ा दूर होके पीछे की तरफ हट गई ऑर भाभी की तरफ देखने लगी,,,,फिर एक पल बाद भाभी के करीब
आई ऑर भाभी को किस करने लगी,,,,मैने देखा कि इस बार शोबा ने नही बल्कि भाभी ने आगे बढ़ कर शोबा को
किस करने की कोशिश की थी,, फिर भाभी ने अपने हाथों को ज़ोर से झटकना शुरू किया मैं समझ गया कि
भाभी क्या चाहती है इसीलिए मैने भाभी के हाथों को अपने हाथों से अलग कर दिया ,,भाभी ने अपने हाथों
को जल्दी से शोबा की पीठ पर कस दिया ऑर शोबा को अपनी बाहों मे भर लिया,,,,,भाभी अब पूरी तरह से
मेरे ऑर दीदी एक क़ाबू मे आ गई थी,,,,,,तभी शोबा ने मुझे पीछे हटने को बोला ऑर बेड की तरफ जाने का
इशारा किया,,,,,मैने भाभी को किस करना बंद किया ऑर उंगली भी निकाल ली उनकी चूत से ऑर बेड की तरफ चला
गया,,,,,मैं जैसे ही भाभी से पीछे हटके बेड की तरफ जाने लगा तो भाभी ने एक पल के लिए शोबा को किस
करना बंद किया ऑर मूड कर मुझे देखने लगी तभी शोबा ने भाभी के सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ घुमा
लिया ऑर फिर से दोनो किस करने लगी,,,,भाभी के हाथ शोबा की पीठ पर ऑर शोबा के हाथ भाभी की पीठ
पर सहलाने लगे,,,,,,,मैं बेड पर जाके लेट गया ऑर दोनो को किस करते देख कर हल्के हाथ से अपने लंड को
सहलाने लगा
Reply
07-11-2019, 12:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शोबा ऑर भाभी एक दूसरे को बाहों मे भरके ,,एक दूसरे के बदन को अपने हाथों से सहलाते हुए किस
करने के लुफ्त उठा रहे थे,,,,,,,भाभी पहली बार किसी लड़की को किस कर रही थी इसलिए थोड़ा झिझक रही थी
लेकिन शोबा को किसी औरत को बस मे करना खूब आता था ,,,,,पहले पहले तो भाभी शोबा के द्वारा किस
करने से थोड़ी हिलती जुलती शोबा को अपने से दूर करने की कोशिस कर रही थी लेकिन जैसे ही शोबा के हाथ
भाभी की पीठ पर ऑर बूब्स पर हल्के से सहलाने लगे तो भाभी ने भी शोबा को किस का रेस्पॉन्स देना
शुरू कर दिया था,,लेकिन शोबा इतने भर से खुश नही थी उसने जल्दी से अपने एक हाथ को भाभी की चूत
की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया ऑर कुछ ही पल मे शोबा का हाथ भाभी के बूब्स ऑर पेट पर से सहलाते हुए
भाभी की चूत पर चला गया ऑर शोबा ने हल्के हाथ से चूत को उपर से ही सहलाना शुरू कर दिया लेकिन
भाभी को उसका ऐसा करना अच्छा नही लगा तो भाभी ने उसके हाथ को हटाने की कोशिश की ऑर एक हाथ से
शोबा के हाथ को अपनी चूत से हटाने लगी ऑर साथ ही शोबा को अपने से दूर करने की कोशिश करने लगी,,
लेकिन शोबा भी पूरी मन्झि हुई खिलाड़ी थी उसने जल्दी से भाभी के सर को कस्के पकड़ लिया ताकि भाभी
अपने सर को शोबा के सर से दूर नही कर सके ऑर उसको किस करने से रोक नही सके ,,,,ऑर साथ ही शोबा ने
भाभी की चूत मे एक साथ 2 उंगलिया घुसा दी ,,इस से पहेल की भाभी अपने हाथ से शोबा के हाथ को
चूत से दूर करती शोबा ने चूत मे उंगलियाँ घुसते ही तेज़ी से चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर
दिया एक ही पल मे भाभी का वो हाथ जो शोबा को अपनी चूत से दूर करने की कोशिस कर रहा था उसकी पकड़
कमजोर हो गई ऑर मोका देखते ही शोबा ने उंगली की स्पीड को ऑर भी ज़्यादा तेज करते हुए भाभी के लिप्स से
अपने लिप्स दूर किए ऑर अपने फेस को भाभी के बूब्स पर ले गई ,,,,शोबा ने जल्दी से एक बूब को मुँह मे
भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगी लेकिन मस्ती मे भाभी ने उसने सर को एक ही पल मे अपने बूब्स पर दबा
दिया तो शोबा ने भी थोड़े पागलपन से भाभी के बूब को पूरा मुँह मे भर लिया ऑर हल्के दाँत से काटने
लगी ऑर चूसने लगी,,,,भाभी के लिप्स अब शोबा के लिप्स से आज़ाद हो चुके थे इसलिए उनकी हल्की हल्की सिसकियाँ
निकलनी शुरू हो गई,,,शोबा भाभी की चूत मे तेज़ी से उंगली करते हुए भाभी के बूब्स को बारी बारी से
चूसने लगी हुई थी ऑर खाली पड़े बूब को हाथ मे लेके सहलाने ऑर मसल्ने लग जाती थी,,,,

भाभी की सिसकियाँ पूरे कमरे मे गूंजने लगी थी,,,जिस से कमरे मे मस्ती का एक अजीब महॉल बन गया
था वो मुझे भी मस्त करने लगा था ,,,,लेकिन मेरे से भी ज़्यादा मस्त ऑर पागल हो चुकी थी शोबा ,,,,उसने
जब देखा कि भाभी अब पूरी तरह उसके बस मे आ चुकी है तो उसने अपना लास्ट पत्ता भी फेंक दिया ऑर
बाजी को अपने क़ाबू मे करते हुए जल्दी से नीचे झुक कर भाभी के कुछ सोचने या समझने से पहले ही
भाभी की एक टाँग को हाथ मे पकड़ कर हवा मे उठा दिया ,,इस से पहले भाभी मस्ती भरी सिसकियों को
बंद करके नीचे शोबा की तरफ देखती शोबा ने भाभी की टाँग को हाव मे उठा दिया था ऑर खुद ज़मीन
पर घुटनो एक बल बैठ गई थी,,,,ऑर उसका फेस भाभी की चूत के करीब जा चुका था,,,,उसने एक पल के लिए
उपर भाभी के फेस की तरफ देखा ऑर इस से पहले भाभी कुछ बोलती या समझती उसने भाभी की चूत पर
अपने लिप्स रख दिए ऑर चूत के मुँह मे भर लिया तभी भाभी के बदन को एक तेज झटका लगा ऑर भाभी
मस्ती भरे तेज झटके से गिरने ही वाली थी कि मैने जल्दी से भाभी को पीछे जाके पकड़ लिया ऑर भाभी को
कमर से पकड़ कर हवा मे उठा लिया ,,,,मैने भाभी के पूरे वजन को अपनी बाहों मे उठा लिया था,,तब
तक शोबा भी उठ गई थी उसने भाभी की टाँगों को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर हम दोनो भाभी को उठाकर
बेड की तरफ ले आए ,,ऑर भाभी को बेड पर लेटा दिया,,,,भाभी के बेड पर लेट-ते ही शोबा ने जल्दी से अपने लिप्स
को फिर से भाभी की चूत पर रख दिया,,,फिर से भाभी की पूरी गीली हो चुकी चूत शोबा के मुँह मे थी
ऑर भाभी एक हाथ भी एक पल से पहले ही शोबा के सर पर चला गया था ,,,उन्होने शोबा को हटाने की
कोशिश की तो शोबा ने एक पल के लिया अपना चेहरा भाभी की चूत से उपर किया ऑर मुझे भाभी के हाथ
पकड़ने को बोला,,,मैने जल्दी से भाभी के हाथों को अपने हाथों से पकड़ लिया ,,,भाभी ने हल्की आवाज़
से शोबा का नाम लेने की कोशिश की तो मैने भी उनके लिप्स खुलते ही अपने लिप्स उनके लिप्स पर रख दिए ,,,मैने
मस्ती मे उनके लिप्स को चूसना शुरू कर दिया,,,,,वो मस्त हो चुकी थी लेकिन थोड़ा परेशान थी क्यूकी पहली
बार वो किसी लड़की के साथ ऐसी हरकत कर रही थी ऑर पहली बार ही शायद एक रूम मे वो नंगी थी वो भी
किसी सगे भाई बेहन के साथ जो लोग पूरे नंगे थे,,,इसलिए उनकी परेशानी उनकी मस्ती को बार बार कम कर
देती थी,,लेकिन शोबा भी बार बार उनको मस्त करने की पूरी कोशिश कर रही थी,,,मैं भी शोबा दीदी का साथ
दे रहा था,,,,,,,

भाभी बेड पर टाँगे खोल कर लेटी हुई थी ऑर शोबा दीदी उनकी चूत को अच्छी तरह से चाट ऑर चूस रही
थी ऑर उपर मैं भाभी के दोनो हाथों को पकड़ कर उनके लिप्स मे अपने लिप्स जाकड़ कर किस कर रहा था,,
पहले भाभी मेरे से अपने लिप्स दूर करने के लिए सर को इधर उधर हिला रही थी लेकिन जल्दी ही भाभी ने
मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,,,मैं समझ गया कि दीदी के लिप्स ऑर टंग ने भाभी की चूत
पर अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया है ऑर भाभी मस्त होने लगी है,,,,मोका देखते ही मैने भाभी
के हाथों को छोड़ दिया ऑर अपने हाथ भाभी के बूब्स पर ले आया ऑर दोनो हाथों मे एक एक बूब को पकड़
कर मसल्ने लगा,,,भाभी की हल्की दबी दबी सिसकियाँ निकल रही थी ऑर वो मस्ती मे मुझे किस कर रही थी
साथ ही भाभी के हाथ मेरे सर पर पहुँच गये थे ऑर वो मेरे सर मे अपनी उंगलियाँ घुमा कर मेरे
बालों को सहलाने लगी थी,,,तभी कुछ देर बाद भाभी की हालत खराब होने लगी वो तेज़ी से साँसे लेने लगी
बदन भी तेज झटके खाने लगा ,,मैं समझ गया कि भाभी झड़ने वाली हो गई है ,,मैने एक पल के लिए
भाभी के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर शोबा की तरफ देखा तो वो पागलो की तरफ टूट पड़ी थी भाभी
की चूत पर उसको भी पता लग गया था कि भाभी झड़ने वाली है ,,,,मेरे लिप्स भाभी के लिप्स से दूर होते ही
बड़ी तेज ऑर जोरदार सिसकियों से पूरा कमरा गूँज उठा,,भाभी ने मेरे सर को कस्के अपने हाथों मे
जाकड़ लिया ऑर बालों मे ज़ोर से उंगली करने लगी ऑर तेज़ी से चिल्लाने लगी,,,,ऑर फिर कुछ देर मे भाभी एक दम
शांत हो गई ,,उनकी सिसकियाँ बंद हो गई,,,लेकिन साँसे तेज़ी से चलती रही,,,,वो पानी निकाल चुकी थी मैने
शोबा की तरफ देखा तो वो अब भी हल्के से भाभी की चूत को चाट रही थी,,,,उसने भाभी की चूत से
बहने वाला सारा पानी पी लिया था ऑर अब वो चूत पर लगे पानी को चाट कर सॉफ कर रही थी,,,,कुछ देर मे
उसने चूत को अच्छी तरफ सॉफ कर दिया ऑर भाभी की बगल मे आके लेट गई,,भाभी तेज़ी से साँसे लेती हुई मेरे
सर को हल्के से अपनी उंगलियों से सहला रही थी,,,उनकी आँखें बंद हो चुकी थी,,,,मैं बेड से नीचे खड़ा
हुआ था ऑर झुका हुआ था मेरा सर भाभी के बूब्स से थोड़ा सा उपर था,,,,,मैने भाभी के हाथों को
अपने सर से हटाया ऑर बेड पर भाभी के पास बैठ गया,,,मेरे पैर ज़मीन पर थे,,,,,भाभी ने अपने दोनो
हाथों को बेड पर फेला दिया ऑर रिलॅक्स होने की कोशिस करने लगी,,,,उनके फेस पर एक अजीब चमक थी जो
अभी कुछ देर पहले की मस्ती की वजह से आई थी उनके फेस पर,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी अभी हल्की हल्की तेज साँसे ले रही थी ऑर खुद पर क़ाबू करने की कोशिश कर रही थी ,,तभी भाभी
की दूसरी तरफ लेटी हुई शोबा ने मेरी पीठ पर हाथ मारा ऑर मुझे उसके पास आने को बोला,,,मैं भी उठके
शोबा की तरफ चला गया,,,मैं अभी बेड की दूसरी तरफ से घूम कर शोबा की तरफ जा रहा था कि शोबा भी
उठकर बेड के लास्ट मे आ गई थी,,,,मैं ज़मीन पर खड़ा हुआ था बेड से नीचे ऑर शोबा बेड से उठकर
कुतिया की तरह झुक कर बेड के लास्ट मे मेरे करीब आ गई थी ऑर आते ही उसने मेरे लंड को अपने मुँह मे
भर लिया,,,मेरा लंड अभी भी पूरी ओकात मे था ,,,बस हल्का सा ही नीचे को झुका था लेकिन जैसे ही शोबा के
मुँह मे घुसा उसने फिर से ज़ोर से ओकात मे आना शुरू कर दिया ,,,,शोबा अपनी गान्ड ऑर कमर को आगे पीछे
करने लगी थी इस से उसकी पूरी बॉडी आगे पीछे हिलने लगी थी ऑर उसका मुँह भी मेरे लंड पर आगे पीछे होने
लगा था तभी मैने पीछे मूड कर देखा तो शोबा एक हाथ से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी इसलिए लंड
को चूसने के लिए अपनी पूरी बॉडी को हिला रही थी,,,,मैने भी उसकी हेल्प करने के लिए मस्ती मे उसके सर को अपने
हाथों मे पकड़ लिया ऑर हल्की तेज़ी से अपने लंड को उसके मुँह मे अंदर बाहर करने लगा,,,,लंड बड़े आराम
से उसके मुँह मे पूरा अंदर बाहर होने लगा था,,मैं भी पूरी मस्ती एम लंड को ऑर भी ज़्यादा उसके गले से
अंदर तक डालने की कोशिश मे लगा हुआ था,,लेकिन लंड तो पहले से ही उसके मुँह मे पूरा घुस्स कर गले से
नीचे उतर रहा था,,,,,वो अपने हाथ को चूत पर रख कर तेज़ी से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी इसलिए उसके
मुँह से मस्ती भारी सिसकियाँ निकालने लगी थी लेकिन मेरा लंड उसके मुँह मे था इसलिए सिसकियाँ दबी दबी आवाज़ मे
निकल रही थी लेकिन इतनी सिसकियाँ ही काफ़ी थी रूम मे मस्ती का महॉल बनाने क लिए ,,मैं भी अपनी कमर को मस्ती
मे आगे पीछे करते हुए लंड को पूरा गले से नीचे तक उतारने मे लगा हुआ था वो भी चूत मे उंगली करती हुई
लंड को ऑर भी ज़्यादा मुँह मे लेने क लिए अपनी ज़ुबान को बाहर निकाल कर तेज़ी से कमर ऑर पूरी बॉडी को आगे पीछे हिला रही थी,,,,


तभी मैने देखा कि भाभी हम दोनो की तरफ मुँह खोल कर देख रही थी,,लेकिन जितना ज़्यादा वो हैरान
लग रही थी उस से भी कहीं ज़्यादा मस्ती मे लग रही थी क्यूकी उसके हाथ ने मस्ती मे उसकी चूत को सहलाना शुरू
कर दिया था ,,,तभी मैने शोबा को इशारा किया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर भाभी की तरफ देखा ऑर
फिर भाभी का हाथ पकड़ कर जल्दी से अपनी तरफ खींच लिया ,,भाभी एक ही पल मे हमारे पास आ गई जैसे वो तो
पहले से तैयार बैठी थी हमारे पास आने के लिए,,,शोबा ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे भी बेड के उपर खींच लिया
ऑर जल्दी से लेटने का इशारा किया ,,,मैं बेड के उपर आके लेट गया ,,शोबा मेरी एक तरफ आ गई जबकि भाभी मेरी दूसरी तरफ थी,,,

शोबा ने मेरे उपर से अपना हाथ बढ़ा कर भाभी के सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ खींच लिया ऑर थूक
के भीगे अपने लिप्स भाभी के लिप्स पर रख दिए भाभी ने एक पल के लिए पीछे होने की कोशिस की लेकिन तब तक
मेरा एक हाथ भाभी के बूब्स पर चला गया था ऑर मैने भाभी के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया था,,भाभी
ने एक पल मेरी तरफ देखा ऑर फिर खुद शोबा के करीब हो गई ऑर शोबा के थूक से भीगे लिप्स पर किस करने लगी,,

भाभी ऑर शोबा दोनो मेरे पेट के हल्के उपर अपने लिप्स को एक दूसरे के लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगे थे ऑर मेरा हाथ भाभी के बूब्स को सहलाने मे लगा था जबकि शोबा का हाथ मेरे लंड पर मूठ मांर रहा था,,,,कुछ पल
बाद शोबा ने भाभी के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया लेकिन एक ही पल मे बाहर भी निकाल दिया,,,फिर शोबा ने भाभी को मेरे लंड की तरफ इशारा किया तो भाभी ने मेरे लंड को मुँह मे लेने
से मना कर दिया,,,शोबा ने भाभी के सर को पकड़ा ऑर मेरे लंड पर हल्का से दबा दिया लेकिन भाभी ने अपना मुँह
नही खोला,,,लेकिन अपने लिप्स से हल्की सी किस करदी मेरे लंड की टोपी पर,,फिर अपने सर को उपर उठा लिया तभी शोबा ने फिर से भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड़ा ऑर किस करते हुए मेरे लंड के करीब आ गई,,उन दोनो के लिप्स मेरे लंड से कुछ ही दूर थे लेकिन शोबा हल्के हल्के मेरे लंड की तरफ बढ़ती जा रही थी ,,,अब उन दोनो के लिप्स मेरे लंड के
2 इंच दूर थे तभी शोबा ने भाभी के लिप्स से अपने लिप्स हटा कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से उपर
नीचे होते हुए मेरे लंड को चूसने लगी,,,


अब भाभी बेहद करीब से मेरे लंड को शोबा एक मुँह मे जाते देख रही थी,,,,शोबा ने फिर मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर भाभी को किस करने लगी ,,,कुछ देर बाद शोबा ने अपनी ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाला ऑर भाभी को भी ज़ुबान बाहर निकालने को बोला ,,भाभी ने भी अपनी ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाल लिया,,,शोबा अपनी ज़ुबान को भाभी की ज़ुबान से मिलने लगी ,,भाभी भी उस तरफ से अपनी ज़ुबान को शोबा की ज़ुबान से मिलाने लगी जैसे शोबा कर रही थी तभी शोबा ने अपने ऑर भाभी के लिप्स को लंड के बेहद करीब किया जिस से शोबा को भाभी की ज़ुबान मेरे लंड पर टच करने लगी ,,भाभी ने एक दम से अपने सर को पीछे कर लिया लेकिन तभी शोबा ने भाभी एक सर को पकड़ा ऑर वापिस मेरे लंड के करीब करने भाभी को ज़ुबान बाहर निकालने को बोला ,,भाभी ने ज़ुबान को बाहर निकाला लेकिन तभी अपनी आँखें बंद करली,,,,शोबा ने अपनी ज़ुबान को भाभी की ज़ुबान से मिलाते हुए मेरे लंड की टोपी को भी अपनी किस मे शामिल कर लिया,,,उन दोनो की ज़ुबान मे लंड की टोपी पर हल्के हल्के टच होने लगी,,,

शोबा भाभी की ज़ुबान को टच करते टाइम बीच बीच मे मेरे लंड को टोपी की अच्छी तरह से चाटने लगी अपनी ज़ुबान
से ,,धीरे धीरे भाभी की ज़ुबान भी मेरे लंड की टोपी का स्वाद चखने लगी तभी शोबा ने मेरे को हाथ से
इशारा किया कि मैं अपने हाथ को भाभी की चूत पर ले जाउ ऑर मैने भी कोई देर किए बिना अपने हाथ को भाभी की
चूत पर रख दिया ,,,भाभी भी शोबा की तरफ कुतिया बनी हुई थी ऑर गंद बेड से उपर उठी हुई थी मुझे कोई भी
परेशानी नही हुई भाभी की चूत तक जाने मे मैने हाथ चूत पर रखते ही उंगली को चूत मे घुसा दिया,,मेरा
लेफ्ट हाथ भाभी के बूब्स पर था जबकि राइट हाथ भाभी की चूत पर जाके उंगली से भाभी की चूत को सहलाने लगा
था,,,भाभी को मस्ती चढ़ने लगी थी ऑर उस का अंदाज़ा मुझे भाभी की ज़ुबान से होने लगा था क्यूकी भाभी किसी
सिफ्टी आइस्क्रीम की तरफ मेरे लंड की टोपी को चाटने लगी थी तभी शोबा ने भाभी के सर पर हाथ रखते हुए भाभी
के सर को ऑर भी ज़्यादा करीब कर दिया मेरे लंड के ,,,भाभी के लिप्स मेरे लंड पर टच होने लगे ,,शोबा खुद भी
अपने सर को मेरे लंड के करीब कर चुकी थी जिस से उसके लिप्स भी मेरे लंड की टोपी पर घिसने लगे थे,,शोबा ने
अपने लिप्स को थोड़ा खोला ऑर मेरे लंड को टोपी को मुँह मे भर लिया ऑर साथ ही ज़ुबान से मेरे लंड की टोपी को चाटने
लगी,,ऐसे करते हुए वो बीच बीच मे भाभी के लिप्स पर ज़ुबान घुमाने लग जाती,,भाभी की आँखें बंद थी लेकिन
शोबा के लिप्स ज़ुबान ऑर मेरे लंड की टोपी के एहसास से भाभी के लिप्स भी खुलने लगे थे ऑर देखते ही देखते भाभी
के लिप्स खुल गये ऑर भाभी ने मेरे लंड की टोपी पर हल्के से किस कर दिया ,,,पहले एक किस फिर दूसरा,,,कुछ ही पल मे भाभी ने मेरे लंड पर हल्की हल्की 15-20 किस करदी,,फिर शोबा ने अपनी एक फिंगर को भाभी के लिप्स पर रखा ऑर लिप्स को खोलते हुए भाभी के मुँह को खोल दिया भाभी एन मुँह खोल कर शोबा की फिंगर को मुँह मे ले लिया ऑर हल्के से चूसने लगी,,शोबा ने अपनी फिंगर को हल्के से आगे पीछे करना शुरू किया ऑर जल्दी से एक फिंगर ऑर डाल दी भाभी केमुँह मे भाभी ने भी दोनो फ़िंगर को चूसना शुरू कर दिया तभी शोबा ने एक फिंगर ऑर डालनी चाही तो भाभी ने
अपने मुँह को थोड़ा ज़्यादा खोल दिया,,शोबा ने जल्दी से अपने हाथ को हटा लिया ऑर भाभी का खुलता हुआ मुँह मेरे
लंड के करीब कर दिया ऑर हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर एक हाथ से भाभी ने सर को मेरे लंड के करीब कर दिया
Reply
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी का मुँह शोबा की तीन फिंगर्स के लिए कुछ ज़्यादा ही खुल गया था जिस से मेरे लंड की टोपी भाभी के मुँह मे
चली गई शोबा ने हल्के से भाभी के सर को मेरे लंड पर दबा दिया जिस से मेरा 2इंच लंड भाभी के मुँह मे
चला गया ऑर तभी भाभी ने अपनी आँखें खोल दी लेकिन लंड को मुँह से नही निकाला ऑर ना ही सर को पीछे करने की
कोशिश की,,,शोबा ने भाभी के सर को हल्का उपर किया लेकिन लंड को पूरा मुँह से नही निकलने दिया ऑर फिर से भाभी
के सर को नीचे कर दिया,,भाभी भी शोबा की हरकत को पहले से समझ चुकी थी इसलिए भाभी ने अपने मुँह को थोड़ा
ऑर खोल दिया था अब मेरा करीब 4 इंच लंड भाभी के मुँह मे था,,,शोबा ने हल्के हल्के भाभी के मुँह को उपर
नीचे करना शुरू का दिया लेकिन ज़्यादा नीचे नही किया बस 4 इंच लंड को ही भाभी के मुँह मे रखा ऑर ऐसे
ही भाभी को मेरा लंड चुसवाने लगी,,,,भाभी इस खेल मे कुछ कमजोर थी इसलिए चूस्ते टाइम उनके दाँत लगने
लगे थे मेरे लंड पर ऑर मेरे लंड पर हल्का दर्द होने लगा था,,,शोबा ने मेरी तरफ देखा ऑर समझ गई कि मेरे
लंड पर भाभी के दाँत लग रहे है इसलिए उसने भाभी के गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा ऑर भाभी ने मुँह को
थोड़ा ऑर ज़्यादा खोल दिया,,,अब मुझे कुछ राहत महसूस हुई लेकिन मुँह थोड़ा ऊपर ज़्यादा खुलते ही मेरा लंड 6 इंच
तक भाभी के मुँह मे चला गया ऑर शायद भाभी के गले से टकरा गया तभी भाभी ज़ोर से खांसने लगी ऑर अपने सर
को मेरे लंड से उपर उठा लिया,,,भाभी ने खाँसते हुए हल्का थूक मेरे लंड पर उगल दिया ,,जो भाभी के मुँह
मे जमा हो गया था,,,थूक मेरे लंड पर गिरते ही शोबा ने भाभी के हाथ को मेरे लंड पर रखा ऑर भाभी के
हाथ से मेरे लंड को मसल्ने लगी ,,भाभी ने एक पल के लिए मेरी तरफ देखा फिर शोबा की तरफ़ उनका खांसना बंद
हो गया था तो शोबा ने वापिस उनके सर को पकड़ा ऑर लंड की तरफ करने लगी लेकिन शोबा के हाथ रखने से पहले ही
भाभी ने खुद अपने सर को नीचे झुकाना शुरू कर दिया था,,,इस बात से मैं भी खुश हो गया ऑर शोबा ने भी
हल्की स्माइल से मेरी तरफ देखा,,,,,,भाभी ने मुँह खोला ऑर लंड को मुँह मे लेके हल्के से सर को उपर नीचे करने
लगी ,,भाभी मेरे 4 इंच लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी थी तभी शोबा ने भाभी को लंड से हटा दिया ऑर खुद
मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा लंड मुँह मे लेके चूसने लगी,,भाभी शोबा को देख कर कुछ
हैरान हो गई ,,,

,वो शायद सोच रही थी जिस लंड को वो आधा मुँह मे नही ले पा रही उसको शोबा ने पहली बार मे
पूरा मुँह मे ले लिया था,,,,,,,शोबा ने लंड को 1-2 मिनट चूसा ऑर फिर मुँह से बाहर निकाल दिया उसके पीछे हट-ते
ही भाभी ने सर नीचे झुका लिया ऑर लंड को मुँह मे भर लिया ,,,वो लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी लेकिन अब भी 6
इंच से ज़्यादा नही ले पा रही थी वो कोशिश तो कर रही थी लेकिन जब भी वो ज़्यादा लंड लेने लगती उनको खाँसी शुरू
हो जाती,,,,,,अभी भी मेरा एक हाथ भाभी के बूब्स पर था ऑर एक भाभी की चूत पर,,,,

कुछ देर बाद शोबा ने भाभी को मेरे लंड से हटा दिया ऑर देखते ही देखते अपनी टाँगे खोल कर मेरे उपर
चढ़ गई ऑर लंड को अपनी चूत मे ले लिया,,,ऑर तेज़ी से उपर नीचे उछलने लगी ,,साथ ही भाभी को किस करने लगी ,,मेराहाथ भाभी की चूत पर था अपने हाथ को चूत से निकाला ऑर भाभी को उनकी गान्ड के पास से पकड़ कर अपनी तरफखींच लिया इस से पहेल भाभी को कुछ पता चलता मैने भाभी को अपने सर के उपर खींच लिया ऑर भाभी की
टाँगो को खोल कर भाभी की चूत को अपने लिप्स के पास कर लिया ऑर एक ही पल मे भाभी की चूत को मुँह मे भरके
चूसने लगा,,,,,मैं बेड पर लेटा हुआ था भाभी मेरे सर के उपर थी ऑर मैं उनकी चूत को चूस रहा था दूसरी
तरफ शोबा मेरे लंड पर बैठ कर तेज़ी से उपर नीचे उछल रही थी ऑर मेरे लंड की सवारी करती हुई भाभी को किस कर
रही थी,,,मैने भाभी की चूत को चूस्ते हुए अपने हाथ भाभी के बूब्स की तरफ किए तो भाभी के बूब्स पर पहले
से ही शोबा के हाथ थे जबकि भाभी के हाथ दोनो बेड की तरफ थे ,,मैने अपने हाथों को शोबा के बूब्स की तरफ
मोड़ दिया ,,लेकिन तभी मेरे हाथों को शोबा ने अपने हाथों से पकड़ा ऑर भाभी के बूब्स पर रख दिया मैने भी
एक ही पल मे भाभी के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया,,,मैने भाभी की चूत को पूरा मुँह मे भरके चूस रहा
था ऑर भाभी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था तभी भाभी ने मस्ती मे अपनी कमर ऑर गान्ड को हिलाना शुरू
कर दिया जिस से उनकी गान्ड मेरे लिप्स पर रग्गड़ खाने लगी,,,,भाभी अपनी गान्ड को आगे पीछे करके अपनी चूत को
मेरे लिप्स पर रगड़ने लगी ,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद शोबा मेरे उपर से उतर गई ऑर उसने भाभी को भी मेरे उपर से हटा दिया ऑर
जल्दी से कुतिया बनके झुक गई ऑर गान्ड को उठा कर मेरे सामने पेश कर दिया मैं भी उसकी बात समझ गया ऑर
जल्दी से अपने लंड को उसकी गान्ड मे घुसा दिया,,,,मेरा लंड उसकी चूत के पानी से चिकना हो गया था जो एक ही बार मे
पूरा उतर गया था उसकी गान्ड मे ,,,भाभी मेरे पास थी ऑर मेरे लंड को शोबा की गान्ड मे जाते देख थोड़ा डर गई
थी क्यूकी मैने उसकी गान्ड देखती थी जो बिल्कुल टाइट थी शायद उसने कभी अपने पति से गान्ड चुदाई का मज़ा नही
लिया था,,,,इसलिए वो थोड़ा हैरान भी थी लंड को शोबा की गान्ड मे जाते देख कर,,,,लेकिन वो मस्ती मे भी थी इसलिए
मेरे करीब आके खुद मेरे को किस करने लगी थी,,,मैने भी मस्ती मे पागल होके उनके लिप्स को खाना शुरू कर दिया
था ,,वो मुझे किस करते टाइम भी तिरछी नज़रो से मेरे बड़े मूसल को शोबा की गान्ड मे जाते देख रही थी,,तभी
एक दम से शोबा की सिसकियाँ निकलने लगी,,,,,,आआआआआआआअहह उुउऊहह
ीसससी हहिि जजूर्र ज्जूओर्र ससी छ्छूड्डू म्मूउज़्झहही बभ्ाईईईईई ऊओरर त्तीज्ज ऊऊओररर त्तीज्ज्ज ग्घुउस्साआ द्डू
आपपन्ना प्प्प्ूउर्रा म्मूऊस्साल्ल म्मीररीि गगाणन्दड़ म्म्महईए आहह ब्बाद्दा म्मांज़्जाअ आआआ
रर्राहहाअ हहाइईइ ब्बाहहिईिइ आहह ऊऊररर त्तीज्ज कककार्ररूव ब्बाहहिईिइ शोबा की सिसकियाँ सुनकर भाभी
ने जल्दी से मुझे किस करना बंद किया ऑर शोभा की तरफ भाग गई ऑर जाके शोबा को किस करने लगी,,,,

भाभी ने भी
मस्ती मे हम लोगो का साथ देना शुरू कर दिया था,,,,पहले खुद मुझे किस करने लगी थी ऑर अब शोबा को किस करने
लगी थी,,,,,,फिर कुछ देर किस करने के बाद भाभी शोबा के सामने लेट गई ओर अपनी टाँगे खोल दी ,,,,मैं भाभी
के लेटने का मकसद समझ गया ऑर भाभी की तरफ देख कर हँसने लगा भाभी ने भी मेरी तरफ हसके देखा तभी
शोबा भी पीछे मूड कर मुझे देखने लगी,,,,शोबा हंस कर मुझे ये बोल रही थी कि भाभी भी अब उनके साथ फुल
मस्ती के मूड मे आ गई है,,,,भाभी शोबा के सामने लेट गई ओर अपनी टाँगे खोल कर अपनी चूत शोबा के सामने
पेश करदी शोबा ने भी कोई देर किए बिना भाभी की चूत पर अपने लिप्स रख दिया ऑर चूत को चूसना शुरू कर दिया
,,भाभी ने अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखा ऑर खुद ही मसल्ने लगी ऑर चूत चुसवाने का मज़ा लेते हुए तेज तेज
सिसकियाँ लेने लगी,,,,शोबा भी मस्ती मे भाभी की चूत को चूसने लगी थी ऑर मैं भी फुल मस्ती मे शोबा की गान्ड
को तेज़ी से चोदने लगा था,,,,,

कुछ देर बाद मैने सुना कि चूत चूस्ते हुए शोबा की दबी दबी सिसकियाँ निकलने लगी थी ऑर बदन झटके खाने
लगा था उसका मतलब था वो झड़ने वाली थी तभी मैने अपने हाथ की 2 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी ताकि उसको
झड़ने मे आसानी हो ऑर ऐसा ही हुआ 2 मिनट मे ही उसने पानी छोड़ना शुरू कर दिया ,,पानी निकल जाने के बाद शोबा
जल्दी से साइड हट गई ऑर मैं भाभी की तरफ बढ़ गया,,,भाभी टाँगे खोल कर लेटी हुई थी ऑर उनकी चूत मेरे सामने
थी मैने जल्दी से लंड को उनकी चूत मे घुसा दिया ऑर एक ही पल मे पूरी तेज़ी क साथ उनकी चूत को चोदना शुरू कर
दिया भाभी तो पहले से मस्ती मे थी लेकिन मेरे करीब आते ही वो थोड़ा शरमा गई ऑर अपने सर को दूसरी तरफ टर्न
करने लगी तो मैने भाभी के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर अपने लिप्स को उनके लिप्स मे जकड लिया,,,भाभी मुझे
देख कर तो शरमा रही थी लेकिन किस करने मे ज़रा भी नही शरमा रही थी,,,लिप्स मे लिप्स जकड़ते ही मैने तो भाभी
को किस करना शुरू किया था लेकिन भाभी ने तो मेरे लिप्स को निचोड़ना शुरू कर दिया था ,,वो मस्ती मे पागल होके
मेरे लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ से चूसने लगी थी,,,,कुछ देर पहले जो शरमा रही थी अब वो मैदान मे
मेरा पूरा साथ देने लगी थी ऑर मेरी पीठ पर अपने हाथ रख कर मुझे तेज़ी से उपर नीचे होके धक्का लगाने का
इशारा कर रही थी,,मैने भी भाभी को किस करते हुए अपने हाथ बेड पर रखे ऑर बेड का सहारा लेके खुद के जिस्म को
भाभी के जिस्म से थोड़ा उपर उठा लिया ऑर तेज़ी से धक्के मारने लगा,,,मेरे उपर उठते ही भाभी को अपने हाथ मेरी
पीठ पर ले जाने मे थोड़ी मुश्किल हो रही थी इसलिए उन्होने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रख दिए ऑर हल्के हल्के मेरी
चेस्ट को सहलाने लगी लेकिन तभी मुझे एक ज़ोर का झटका लगा,,,

भाभी ने मेरी चेस्ट को सहलाते हुए मेरे निपल को
सहलाना शुरू कर दिया ऑर फिर मेरी निपल्स की छोटी छोटी कॅप्स को अपनी उंगलियों मे पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया,,,मेरी
दर्द से बुरी हालत हो गई ओर मेरे मुँह से आहह निकलती निकलती रह गई लेकिन उस दर्द मे एक अजीब सा मज़ा आया मुझे ऑर मैने भाभी के लिप्स को हल्के दाँतों से काट दिया मेरे इस पागलपन ने भाभी को ओर भी ज़्यादा पागल कर दिया
ऑर वो बारी बारी से थोड़ी देर रुक रुक कर मेरे निपल्स की कॅप को उंगलियों मे जकड कर दबाने लगी,,मेरी मस्ती अब अपने पूरे जोश मे पहुँच गई थी ऑर मेरी स्पीड भी पूरे जोरो पर थी,,,

कुछ देर ऐसे ही भाभी को चोदने के बाद मैं भाभी के उपर से उतरा ऑर भाभी को बेड पर झुका दिया ,,,,,,,, तभी
शोबा उठी जो अब तक फिर से मस्ती मे आ गई थी शायद,,,,,मैने भाभी के पीछे जाके अपने लंड को फिर से उनकी चूत
मे घुसा दिया इतने मे शोबा मेरे पास आ ऑर मुझे किस करने लगी,,मैं शोबा को किस करता हुआ भाभी की टाइट
गान्ड को देख रहा था शोबा ने भी मुझे भाभी की गान्ड को देखते पकड़ लिया ऑर हँसने लगी तभी मैने अपनी
एक उंगली भाभी की गान्ड पर रखी लेकिन शोबा ने मुझे मना कर दिया,,,फिर मुझे हल्की किस करके शोबा बेड से
नीचे उतर गई ऑर रूम से बाहर चली गई ,,,मैं ऑर भाभी शोबा को रूम से जाते देख रहे थे ,,,फिर भाभी ने
एक बार पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा मानो पूछ रही हो कि सन्नी ये शोबा कहाँ गई है,,,मैने भी नज़रो ही नज़रो
मे इशारा कर दिया कि मुझे नही पता,,ऑर फिर से भाभी की चुदाई करने लगा तभी दरवाजे की तरफ देखा तो शोबा
वापिस आ गई ऑर आके बेड पर चढ़ गई लेकिन इस बार वो मेरे करीब नही भाभी के करीब बैठ गई थी ,,,तभी मैने
उसके हाथ की तरफ देखा तो उसके हाथ मे एक नकली लंड था रब्बर वाला,,,,उसने वो लंड भाभी के सामने किया तो भाभी
देख कर कुछ समझ नही पाई ,
Reply
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शोबा ने भाभी की हल्की किस की फिर नकली लंड को भाभी के लिप्स के पास कर दिया इस
से पहले भाभी कुछ समझ सकती शोबा ने लंड को थोड़ा ऑर आगे किया तो मस्ती मे खुद-ब-खुद भाभी का मुँह खुल
गया ऑर नकली लंड भाभी के मुँह मे चला गया,,,शोबा ने कुछ पल वो लंड भाभी कर मुँह मे आगे पीछे किया ,,वो
लंड बहुत पतला था ऑर करीब 6 इंच लंबा था,,,,,,कुछ देर शोबा अपने हाथ से लंड को भाभी के मुँह मे आगे
पीछे करती रही फिर लंड को भाभी के मुँह मे ही रख कर मेरे करीब आ गई,,,मैने देखा की भाभी ने खुद अपने
हाथ से उस नकली लंड को पकड़ा ओर अपने मुँह मे आगे पीछे करने लगी ऑर चूसने लगी,,,शोबा ने पीछे आके भाभी की
गान्ड पर थूक लगा दिया ऑर एक उंगली से भाभी की गान्ड वाले होल को सहलाने लगी भाभी ने पीछे मूड के शोबा
की तरफ देखा मानो वो शोबा को एसा करने से मना कर रही हो,,,,भाभी को इसलिए पता चला कि वो हाथ शोबा का था
क्यूकी मेरे दोनो हाथ तो भाभी की कमर पर थे ,,,,,,,भाभी ने शोबा को मना किया लेकिन शोबा ने हाथ हटाने की
जगह अपनी एक उंगली गान्ड मे घुसा दी,,,भाभी की आहह निकल गई ऑर नकली लंड उनके मुँह से बाहर निकल
कर बेड पर गिर गया ,,,भाभी ने एक पल के लिए शोबा की तरफ देखा तो शोबा ने वो लंड फिर से उठा कर भाभी के
मुँह मे डाल दिया,,,,भाभी ने फिर से लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर शोबा को ना मे सर हिला कर इशारा करने लगी
कि गान्ड मे उंगली मत डालो लेकिन शोबा ने भाभी की बात को नज़रअंदाज़ कर दिया ऑर उंगली को भाभी की गान्ड मे
घुसा दिया ऑर हल्के से आगे पीछे करने लगी उंगली पर थूक कम लगा हुआ था इसलिए शोबा ने झुक कर थोड़ा थूक
गान्ड पर उगल दिया ऑर उंगली से थूक को गान्ड मे भरने लगी उसने 3-4 बार काफ़ी सारा थूक उगला भाभी की गान्ड
पर ऑर थूक को उंगली से भाभी की गान्ड मे भर दिया इस से काफ़ी थूक उसकी उंगली पर भी लग गया अब गान्ड ऑर उंगली दोनो थूक से चिकनी हो गई थी ऑर शोबा ने उंगली को थोड़ा तेज़ी से गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया ,,,मेरी भी स्पीड
तेज थी भाभी को चोदने की ऑर साथ ही भाभी भी मस्ती मे अपने हाथ मे पकड़े लंड को तेज़ी से मुँह मे अंदर बाहर
करने लगी थी,,,,,भाभी को कुछ ज़्यादा ही मस्ती चढ़ने लगी थी क्यूकी लंड मुँह मे होने के बावजूद उनकी सिसकियों की
आवाज़ बहुत तेज थी,,,,,

शोबा भाभी की गान्ड मे उंगली करते टाइम मुझे किस करने लगी लेकिन जब उसने देखा कि भाभी की सिसकियों की आवाज़ तेज हो गई है तो उसने जल्दी से अपनी एक ऑर उंगली घुसा दी भाभी की गान्ड मे ,,,भाभी हल्की उछल गयी ऑर आगे की तरफ होने लगी लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी भाभी की कमर पर मैने भाभी को आगे नही होने दिया,,,शोबा ने 2 उंगलिया
घुसा कर पहले तो धीरे धीरे फिर थोड़ी तेज़ी से उंगलियों को गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया,,करीब 10 मिनट
तक मैं भाभी की चूत मारता रहा ऑर शोबा भाभी की गान्ड मे उंगली करती रही ,,जब भाभी की गान्ड कुछ हद '
तक खुल गई तो शोबा ने भाभी के हाथ से वो नकली लंड पकड़ कर उनके मुँह से निकाल दिया ,,,वो लंड थूक से अब
काफ़ी चिकना हो गया था ,,,शोबा ने उस लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी की गान्ड पर रखा ,,,भाभी समझ गई कि
अब शोबा क्या करने वाली है इसलिए उसने आगे होने की कोशिश कि लेकिन मैं भी भाभी की हरकत समझ गया था इसलिए भाभी को पहले ही कस चुका था अपनी बाहों मे,,,,शोबा ने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उंगलियों को बाहर करते
हुए लंड को गान्ड के होल पर रखा ,,जैसे ही उंगलियाँ बाहर निकली लेकिन उंगलियों की वजह से गान्ड थोड़ी खुली हुई
थी शोबा ने इसी बात का फ़ायदा उठाते हुए नकली लंड को भाभी की गान्ड मे घुसा दिया,,,,मुझे लगा था भाभी
अब फिर से हवा मे उछलेगी ऑर आगे होने की कोशिस करेगी लेकिन भाभी ने ऐसा नही किया बल्कि लंड गान्ड मे घुसते
ही उनके मुँह से एक मीठी ऑर हल्की दर्द भरी आहह ज़रूर निकली,,,,उस आह मे दर्द कम था जबकि मस्ती कुछ ज़्यादा थी,,


भाभी को लंड गान्ड मे लेके मज़ा आया था,,,,उंगली की वजह से गान्ड थोड़ी खुल गई थी इसलिए भाभी को कुछ ख़ास
दर्द नही हुआ लंड गान्ड मे घुसते टाइम,,,,ऑर साथ ही मैं भाभी की गान्ड की चुदाई कर रहा था इस लिए मस्ती ने
भी दर्द को थोड़ा कम कर दिया था ,,,,शोबा ने नकली लंड को हल्के हल्के आगे पीछे करना शुरू किया ऑर तभी भाभी
की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई,,,,,,भाभी आज पहली बार 2 लंड का मज़ा ले रही थी ,,,भाभी की सिसकियाँ तेज होने लगी
जैसे जैसे शोबा ने नकली लंड की स्पीड तेज की उनकी गान्ड मे ,,,,,मैने शोबा को इशारा किया कि नकली लंड बाहर करे
भाभी की गान्ड से मुझे भाभी की गान्ड मारनी है लेकिन शोबा ने मुझे मना कर दिया,,,,मैने फिर इशारा किया
कि मैं झड़ने वाला हूँ ऑर अपना माल भाभी की गान्ड मे निकाला चाहता हूँ तो शोबा ने मुझे अपना पानी
भाभी की चूत मे निकालने को बोला,,,,मेरा हालत काफ़ी खराब हो गई थी मैं मस्ती के लास्ट चरम पर पहुँच गया
था अब रुकना मुश्किल था लेकिन फिर भी भाभी की टाइट गान्ड देख कर मैं भाभी की गान्ड मे ही पानी निकालना
चाहता था,,,,शोबा के मना करने से थोड़ा उदास हो गया लेकिन स्पीड कम नही की,,मैं समझ गया था कि भाभी
की गान्ड अभी तैयार नही हुई मेरे लंड के लिए इसलिए शोबा ने मुझे मना किया था,,मैने उसकी बात मानते हुए तेज़ी से
झटके मारते हुए अपने पानी को भाभी की चूत निकाल दिया,,,,मैने देखा कि उससी टाइम भाभी ने भी तेज़ी से सिसकियाँ
लेते हुए पानी निकालना शुरू कर दिया था,,,,मेरा सारा पानी निकलते ही मैं साइड पर गिर गया ऑर भाभी भी बेड पर गिर
गई लेकिन शोबा अभी तक भाभी की गान्ड मे नकली लंड को हल्के से आगे पीछे करने मे लगी हुई थी ऑर लंड को ऐसे ही आगे पीछे करते हुए वो मेरे लंड के करीब आ गई ओर मेरे लंड पर लगे पानी को चाटने लगी फिर मेरे लंड को मुँह
मे भर लिया ऑर चूस्ते हुए सॉफ करने लगी और लंड पर लगे पानी को पीने लगी,,,,इस बीच उसने नकली लंड से हाथ हटा लिया ऑर मेरे लंड को पकड़ कर हल्के से मसल्ते हुए चाटने लगी ऑर चूस्ते हुए सॉफ करने लगी,,,वो नकली लंड अभी भी
भाभी की गान्ड मे घुसा हुआ था ऑर भाभी बेड पर लेट कर तेज़ी से साँसे ले रही थी,,,,मेरा लंड सॉफ करके शोबा
ने नकली लंड को भाभी की गान्ड से निकाल लिया ऑर उसको भी चाट कर सॉफ कर दिया ऑर हम दोनो के बीच मे लेट गई....

कुछ देर बाद भाभी उठी ऑर रूम से बाहर चली गई ,,,,,,वो बाथरूम गई थी,,,,इतनी देर मे शोबा मेरे करीब आ
गई ऑर मुझे चेस्ट पर किस करने लगी साथ ही अपने हाथ से मेरी चेस्ट को सहलाने लगी,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
क्यूँ सन्नी मज़ा आया भाभी की चुदाई करके,,,,,उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी ऑर उसने मुझे आँख मारते हुए
ये बात पूछी थी,,,,,

मैने भी हंस के उसकी बात का जवाब दिया,,,,,,,हाँ दीदी बहुत मज़ा आया,,,,,,,लेकिन पहले ज़्यादा मज़ा नही आया था वो तो
जब आप भी हम दोनो का साथ देने आई तो ज़्यादा मज़ा आया,,,,,,लेकिन दीदी अपने मुझे भाभी की गान्ड क्यूँ नही मारने
दी,,,

सन्नी अभी भाभी की गान्ड मे कभी लंड नही गया है ,,,बहुत टाइट है उनकी गान्ड ,,,,तू फ़िक्र मत कर आज पूरी रात
अपनी है मैं पूरी रात मे भाभी की गान्ड को तेरे लिए तैयार कर दूँगी,,,,,,

क्या सच मे दीदी,,,,,,,,तो क्या मैं रात को उनकी गान्ड मांर सकता हूँ,,,,,,,,,,मैने एग्ज़ाइट होके पूछा,,,,

नही सन्नी आज नही फिर कभी,,,,,,,,,,आज तो गान्ड को तैयार करूँगी लेकिन चोदने नही दूँगी भाभी की गान्ड को,,,वो
बेचारी मजबूर है ,,थोड़ा तरस कर उसपे,,,,,,,थोड़ा टाइम दे उसको वो खुद ही तैयार हो जाएगे तेरे से गान्ड मरवाने
के लिए,,,,लेकिन आज नही ,,,,,,,,दीदी ने मुझे हल्की किस करते हुए बोला,,,,,,,,,,

ठीक है दीदी,,,,,,,,जैसा आप बोलो,,,,


तभी हम दोनो की नज़र दरवाजे की तरफ गई,,,,,भाभी हम दोनो की तरफ देख रही ऑर अभी भी हल्का सा शरमा रही
थी,,,,फिर भाभी ने अपने हाथ को अपनी चूत की तरफ किया ऑर चूत पर हाथ रगड़ कर उस हाथ को शोबा की तरफ
दिखा कर हल्के से मुस्कुराने लगी,,,भाभी के चहरे पर अजीब सी खुशी थी,,,,

शोबा ने भी भाभी की तरफ हसके देखा ,,

मैने भाभी के हाथ की तरफ देखा तो उनके हाथ मे मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,,वो मेरे स्पर्म से गीले हाथ को शोबा
को दिखा कर खुश हो रही थी,,,,,मैं कुछ कुछ तो समझ गया था उनकी खुशी की वजह,,,,,

भाभी हाथ ऐसे ही शोबा को दिखाती हुई हस्ती हुई ऑर मुझे देख कर शरमाती हुई बेड के करीब आ गई,,,

शोबा बेड से नीचे उतरी ऑर भाभी के पास चली गई,,,,,ऑर भाभी को हल्की किस करके भाभी के उस हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ लिया जिसपे मेरे लंड का पानी लगा हुआ था,,,,,,

आपके काम तो आ गया ये अनमोल पानी लेकिन इस हाथ पे लगे पानी को जाया नही करना मुझे,,,,इतना बोल कर शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे मेरे स्पर्म को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया,,,भाभी बड़ी हैरत से शोबा की तरफ
देख रही थी,,,शोबा ने भाभी के हाथ पर लगे स्पर्म को अच्छी तरफ चाट कर भाभी के हाथ को अच्छी तरह सॉफ
कर दिया,,,

ये क्या कर रही हो पगली,,,,,,ये गंदा है,,,,,,,,

नही भाभी ये गंदा नही ये तो अमृत है,,,,,,इसका स्वाद किसी औरत के मुँह लग जाए तो जन्नत का मज़ा देता है,,,फिर
शोबा हँसने लगी,,,,

सही कहा तूने ये अमृत है,,,,,बस ये अमृत अब मेरे काम आ जाए,,,,,भाभी ने थोड़ा उदास होके सर झुका कर बोला

अरे भाभी उदास मत हो ये जवान लंड का अमृत है आपके कम ज़रूर आएगा,,,,इतना बोलके शोबा ने भाभी को बेड
पर मेरे करीब बिठा दिया,,,भाभी कुछ शरमा रही थी मेरे से,,,,,,,,

अब क्यू शरमा रही हो भाभी,,,,इतनी देर से मस्ती कर रही थी सन्नी के साथ ऑर अभी भी शरमा आरही हो,,,,अब ये शरम
ऑर डर को निकाल दो अपने मन से ऑर मस्ती करो हम लोगो के साथ,,,,

शोबा मैं मस्ती करने नही आई तू जानती है,,,,,मैं तो बस,,,

जानती हूँ भाभी लेकिन अगर इसी बीच थोड़ी मस्ती हो जाए तो क्या हर्ज है,,,,,

हर्ज है शोबा ,,,,,मैं तो तुम लोगो की दूर की भाभी हूँ लेकिन तुम दोनो तो भाई बेहन हो,,,,,तुम लोगो को शरम
नही आती ये सब करते,,,,ज़रा भी नही सोचा तुमने कि ये तुम्हारा भाई है जिसके साथ तुम ये सब कर रही हो,,,,,

भाभी किसी लंड या चूत पे कोई नाम नही लिखा होता ना ही कोई रिश्ता लिखा होता है,,,,,,

लेकिन फिर भी तुम लोगो को ज़रा भी एहसास नही कि आज तुम लोगो ने जो किया वो ग़लत है,,,,

भाभी आज ही क्या हमने तो कभी नही सोचा कि जो कर रहे है वो ग़लत है,,,,,,

क्या मतलब,,,,,,क्या तुम दोनो पहले से ये सब करते आ रहे हो,,,,,,हयी राम क्या बोल रही हो तुम शोबा,,,,,

हाँ भाभी,,,,तो इसमे क्या बड़ी बात है,,,,आप भी तो आज अपनी मजबूरी के लिए यहाँ आई हो,,,,ये तो अच्छा हुआ मैने
सन्नी को तैयार का लिया आपकी मजबूरी दूर करने के लिए अगर ये नही होता तो आप भी किसी गैर मर्द से चुदवाने को
तैयार थी ना,,,ऑर सोचो ज़रा कि वो गैर मर्द आपकी मजबूरी दूर करते करते आपकी मजबूरी का हद से ज़्यादा फ़ायदा उठा
लेता,,,,,आपको ब्लॅकमेल करता,,,,या बदनाम कर देता,,,,,

भाभी शोबा की बात बड़ी गौर से सुन रही थी,,,,,

बोलो भाभी,,,,अगर कोई गैर मर्द होता तो,,,,

सही कहा शोबा ,,,,कोई ऑर होता तो कुछ भी करसकता था,,,मुझे बदनाम भी कर सकता था,,,,मुझे तो सोच कर
ही डर लगता है,,,,,

बस यही वजह है भाभी कि मैं भी सन्नी के साथ चुदाई करती हूँ,,,,,क्यूकी चढ़ती जवानी मे लड़का हो या लड़की
दोनो के कदम बहक जाते है ऑर दोनो चुदाई के लिए पागल होते है,,फिर पागलपन मे इधर उधर मुँह मारते है,,
बाहर मुँह मारने से बदनाम होने का डर रहता है,,,,ज़रा सोचो कि अगर आपको चुदाई का मज़ा घर से ही मिलने लगे
तो ना किसी का डर ऑर जब दिल करे तब मस्ती करो,,,,,


मैं दोनो की बातों को आराम से लेट कर सुन रहा था,,,,तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,,,

अरे दीदी अब मुझे भी तो बताओ कि भाभी की मजबूरी क्या थी,,,,

उस से क्या पूछ रहे हो सन्नी मैं बताती हूँ,,,,,,,,,,भाभी ने मेरी तरफ चेहरा किया ऑर हँसके मुझे देखा,,,
उनके चेहरे पर अब डर या शरम नही थी शायद शोबा की बातें सुनकर डर ऑर शरम दूर भाग गई थी,,,,

सन्नी मेरे पति मे बच्चा पेदा करने की हिम्मत नही है,,,इसलिए मेरे घर मे हर दिन फाइट होती थी,,,,

लेकिन भाभी जहाँ तक मैने सुना था एक बार आप प्रेग्नेंट हुई थी,,,,

तभी शोबा बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,एक बार नही सन्नी,भाभी 3 बार प्रेग्नेंट हुई है,,,,,,,,,,

भाभी ने शोबा को चुप रहने का इशारा किया लेकिन शोबा चुप नही हुई,,,,

लेकिन दीदी ये तो बोल रही है कि सूरज मे बच्चा पेदा करने की ताक़त नही है फिर ये 3 बार प्रेग्नेंट कैसे हो गई,,

सूरज मे बचा पेदा करने की हिम्मत है सन्नी,,,,,लेकिन लड़का पेदा करने की नही,,,,

मैं हैरान हो गया क्यूकी मुझे उनकी बातें समझ नही आ रही थी,,,,,,

क्या बोल रही हो दीदी मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,,,

सूरज ने भाभी को 3 बार प्रेग्नेंट तो किया है सन्नी लेकिन हर बार भाभी को अबॉर्षन करवाना पड़ा,,,,,

अबॉर्षन का नाम सुनके मैं चोंक गया ओर भाभी की तरफ देखने लगा,,,भाभी की आँखों मे आँसू आ गये
थे ऑर वो शोबा को चुप रहने को बोल रही थी,,,,,,

सूरज बाप बन सकता है सन्नी लेकिन हर बार भाभी के पेट मे लड़की जनम लेने लगी थी जबकि सूरज ऑर उसके घर
वालो को अपनी बहू के पेट से पहली औलाद लड़का चाहिए,,,,वो लोग कहते है कि पहली औलाद घर मे लड़का ही होगी
इसलिए उन लोगो ने 4 साल मे भाभी का 3 बार अबॉर्षन करवा दिया था,,,,

मैं थोड़े गुस्से मे बोला,,,,,,,बस्टर्ड,,,,,,,,,,,,,,,कैसे लोग है वो दीदी जो आज भी लड़का ऑर लड़की मे इतना फ़र्क करते है
अनपढ़ ऑर जाहिल लोगो मे तू ऐसा सुना था लेकिन आजकल की मॉडर्न ऑर हाइ सोसाइटी के लोग भी ऐसे बातों को मानते है,,,

सूरज तो पड़ा लिखा वेल अडुकटेड है ,,,,ऑर उसका बाप भी,,,,,आप भी तो पड़ी लिखी हो भाभी फिर अपने कैसे उनकी बात
मान ली ऑर अबॉर्षन करवा लिए,,,,वो भी 1 नही 3-3 अबॉर्षन,,,,,,,,,,,

सही कहा सन्नी,,,,,,वो लोग पड़े लिखे अनपढ़ ऑर जाहिल लोग है जो लड़का ऑर लड़की मे फ़र्क करते है,,,,लेकिन इसमे भाभी का कोई क़सूर नही है,,,ये तो बेचारी अपने सास ऑर ससुर के डर से चुप चाप अबॉर्षन करवाती रही ,,ऑर जब इस बार इसने प्रेग्नेंट होने से मना किया तो उन लोगो ने इसके साथ बहुत मांर पीट की,,,,,,,,,,तभी तो कविता भी अपने घर आके रो रही थी

उस दिन जब मैं सोनिया के साथ कविता के घर गई थी,,ऑर फिर वहाँ जाके मैने कविता की मोम को पोलीस मे शिकायत
करने की धमकी दी थी,,,तब जाके वो लोग कुछ ठीक हुए,,,,,

हाँ सन्नी,,,,,शोबा ने उनको पोलीस का डर दिखाया तो कहीं जाके मेरा ऑर कविता का जीना सुखी हुआ उस घर मे,,मैं
पड़ी लिखी ज़रूर हूँ सन्नी लेकिन अपने सार ससुर के सामने बोलने की हिम्मत नही होती थी मेरी,,,,एक बार जब हिम्मत
करके बोलने की कोशिश की तो उन लोगो ने मुझे ऑर कविता को बहुत मारा ,,क्यूकी कविता भी अपने माँ बाप के खिलाफ मेरा साथ दे रही थी,,,,,भाभी रोते हुए बोलती जा रही थी,,,,
Reply
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मुझे याद आया कि उस दिन जब मैं भाभी कि घर गया था तो कविता के फेस पर भी मांर के निशान थे,,,ऑर गेट
पर खड़ी होके शोबा दीदी किसी को फोन करने की धमकी दे रही थी जब कविता की मोम ने हाथ जोड़ कर शोबा से माफी
माँगी थी ऑर उसके मोबाइल को हाथ से पकड़ कर डायल किया हुआ नंबर डिसकनेक्ट कर दिया था तब शायद शोबा दीदी
पोलीस को फोन करने की धमकी ही दे रही थी कविता की मोम को,,,,,

लेकिन भाभी आपने इस बारे मे अपनी फॅमिली को कुछ क्यू नही बोला,,,,,

मैं क्या करती सन्नी,,,,मेरे घर मे मेरे माँ बाप एक सिवा कोई नही है,,,वो लोग बहुत ग़रीब है,,,मेरे पापा उसी
फॅक्टरी मे एक छोटे से मुलाज़िम है जहाँ मेरे ससुर मनेजर की पोस्ट पर है,,,,,अगर मैं अपने माँ बाप को सब
बता देती तो मेरा ससुर मेरे बाप को नौकरी से निकाल देता ऑर इस उमर मे उनको दूसरी नौकरी कहाँ से मिलती,,,वैसे भी
मैं अपनी ससुराल को बेइज़्ज़त नही करना चाहती थी क्यूकी अगर उनको बेइज़्ज़त करती तो साथ मे मैं ओर मेरी फॅमिली भी बदनाम हो जाती,,इसलिए मैं चुप चाप सब सहती गई,,,,,,

मुझे भाभी पर बहुत तरस आ रहा था,,,,,लेकिन साथ ही कविता के भाई सूरज पर गुस्सा,,,,,,

सूरज तो पढ़ा लिखा है भाभी,,,उसको तो पता होना चाहिए कि माँ के पेट मे जो बच्चा है वो लड़का होगा या लड़की ये
डिपेंड करता है मर्द के स्पर्म पर उसके हार्मोंस पर,,,,साइन्स ने भी साबित किया है कि 98 % मेल ही ज़िम्मेदार होता
है किसी औरत के पेट मे पलने वाले बच्चे के लिंग पर,,,,,कि वो बच्चा लड़का होगा या लड़की,,फिर सूरज को ये बात क्यू
नही पता,,,,आपका अबॉर्षन करवाने से पहले या आप पर गुस्सा करने से पहले सूरज को खुद पर गुस्सा होना चाहिए कि
उसके स्पर्म मे इतनी ताक़त नही कि वो लड़का पेदा कर सके,,,,मुझे तो गुस्सा आ रहा है सूरज पर,,,,,

अब गुस्सा करने से क्या फ़ायदा सन्नी ,,,,अब तो सब कुछ हो गया,,,,,इसलिए तो मैं तेरे को यहाँ लेक आई ताकि तू अपने
स्पर्म से भाभी की गोद को भर सके ,,,,ऑर हो सकता है तेरे स्पर्म से भाभी को लड़का पेदा हो जाए,,,,शोबा ने
मेरी तरफ देखते हुए बोला,,,,,,,,,

लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि मेरे स्पर्म से भाभी को लकड़ा ही होगा,,,,,,,,अगर इस बार भी लड़की हुई तो क्या
आप इस बार भी अबॉर्षन करवा लोगि भाभी,,,,,,,,,,,

भाभी थोड़ा रोते हुए लेकिन गुस्से मे,,,,,,,,,,नही सन्नी इस बार मैं अबॉर्षन नही करवाउन्गी,,,,बहुत सह चुकी
हूँ मैं ,,,अब ऑर नही सहूंगी,,,,,

मैं ऑर शोबा भाभी की हिम्मत देख कर खुश हो गये,,,,,,ये हुई ना बात भाभी,,,,वैसे भी आपको कोई हक़ नही कि
आप किसी ऑर की ग़लती की सज़ा अपने आप को दो,,,,ऑर उन मासूम ज़िंदगियों को दो जिन्होने अभी तक जनम भी नही लिया है इस दुनिया मे,,,,,

हाँ भाभी,,,,अब ऑर सहने की ज़रूरत नही आपको,,,,अब मैं ऑर सन्नी भी आपके साथ है,,,,आपको डरने की कोई ज़रूरत नही
है,,,,,,

मेरी ओर शोबा की बातें सुनकर भाभी थोड़ा खुश हो गई,,,,,ऑर आँखों से आँसू पोछते हुए बोलने लगी,,,,,,
सही कहाँ सन्नी ऑर शोबा,,अब तुम दोनो मेरे साथ हो मुझे डरने की ज़रूरत नही,,,ऑर घर मे कविता मेरे साथ
है इसलिए अब मुझे किसी का डर नही,,,,,

चलो छोड़ो इन बातों को भाभी,,,,थोड़ी मस्ती करते है अब ,,,शोबा ने महॉल को चेंज करने के लिए थोड़ा मज़ाक
मे बोला भाभी को लेकिन भाभी ने उस मज़ाक को सीरीयस लेते हुए शोबा को अपने करीब किया ऑर इसके लिप्स पर किस करनेलगी,,,,मैं ऑर शोबा एक दम हैरान रह गये भाभी के इस तरह पेश आने पर,,,,लेकिन हम दोनो खुश भी हो गये
थे ऑर मस्त भी,,क्यूकी जैसे भाभी ने शोबा को किस करना शुरू किया शोबा का हाथ मेरे लंड पर आ गया ऑर लंड
ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया,,,,,,


तभी भाभी ने एक दम से शोबा को किस करना बंद किया,,,,,

क्या हुआ भाभी,,,,,,,,शोबा ने हैरत से पूछा,,,,

कुछ नही मैं सोच रही थी कि अब इतनी रात हो गई है ,,कविता ऑर घर वाले क्या सोच रहे होंगे कि मैं अब तक वापिस घर क्यू नही आई,,,,,

तभी शोबा हँसने लगी,,,,,,

हंस क्यू रही हो शोबा,,,,,,,

कुछ नही भाभी,,,,मुझे पता था कि जब सन्नी आपको देखेगा तो जल्दी जाने नही देगा यहाँ से ऑर आप भी सन्नी के लंड
की दीवानी हो जाओगी ऑर आपका भी दिल नही करेगा रात भर यहाँ से जाने को,,,इसलिए मैने आपकी सास को पहले ही फ़ोन कर दिया था कि आप मेरे साथ डॉक्टर के पास जा रही हो ऑर अगर हम लेट ही गये तो आप मेरे साथ मेरे घर पर रुकोगी,,,,

ये क्या किया तुमने,,,,,,,अगर कविता ने सोनिया को फोन कर दिया तो,,,,सब पंगा हो जाना है,,,,,भाभी डरते हुए बोल रही थी

कोई पंगा नही होगा,,,मैने कविता को सब समझा दिया था,,,,,,

इतना सुनते ही मेरी तो गान्ड ही फॅट गई,,,,साला इन लोगो ने कविता को भी सब बता दिया,,,मैं कैसे सामने जाउन्गा कविता के ऑर अगर कविता को सब पता चल गया है तो पक्का है सोनिया को भी पता चल गया होगा,,,,मेरी तो हालत ही बुरी हो गई थी ये सब सोच कर,,,,

क्या ,,,,,,,तुमने कविता को सन्नी के बारे मे सब बता दिया,,,,,,,भाभी ने हैरत से शोबा से पूछा,,,,

नही भाभी सन्नी के बारे मे नही,,,,बस आपकी प्राब्लम दूर करने के बारे मे,,,,उसको नही पता कि आपकी प्राब्लम दूर
करने वाला इंसान सन्नी है,,,

भाभी ने राहत की साँस ली ऑर मैने भी,,,,

इस से पहले भाभी कुछ ऑर बोलती शोबा ने वापिस भाभी को किस करने शुरू कर दिया ऑर फिर से मेरे लंड को भी
मसलना शुरू कर दिया,,,,,

उस रात मैने भाभी ऑर शोबा को 3 बार ऑर चोदा ऑर सारा पानी निकाला भाभी की चूत मे,,,,लेकिन भाभी ने मुझे
उस रात गान्ड नही मारने दी,,,,


=============================================================================

दोस्तो ये हॉट स्टोरी का हॉट अपडेट नही बल्कि एक मेसेज भी है उन घटिया लोगो के लिए जो लड़के की चाहत मे जनम
लेने से पहले ही लड़की को माँ की कोख मे मांर देते है,,,तरस आता है ऐसे घटिया लोगो पर ऑर गुस्सा भी बहुत आता है,,,,


दोस्तो साइन्स ने भी साबित कर दिया है कि माँ की कोख मे पालने वाला बच्चा लड़का होगा या लड़की ये मर्द के स्पर्म से तय होता है,,,,इसलिए आज के बाद अगर कोई मर्द अपनी पत्नी के अबॉर्षन करवाने के बारे मे सोचे तो उस साले हरामी को अपनी पत्नी के अबॉर्षन से पहले अपना लंड काट कर फेंक देना चाहिए,,,,जो साला एक लड़का पेदा नही कर सकता ऑर बदले मे अपनी पत्नी का अबॉर्षन करवा देता है वो मर्द मर्द नही ऑर जो मर्द नही उस को भला लंड की क्या ज़रूरत,,,,,काट के अपनी ही गान्ड मे ले लेना चाहिए वो लंड उस हरामी मर्द को,,,,,,,,,,,,,,,

सुबह उठा तो भाभी वहाँ से जा चुकी थी शोबा भी रूम मे नही थी,,,,,मैने बेड की तरफ देखा तो बेड शीट पर जगह-जगह
चूत ओर लंड का पानी गिरा हुआ था जो अब तक सूख चुका था लेकिन उस सूखे हुए पानी की खुश्बू अभी भी वैसी ही थी जब लंड ऑरचूत से निकलते टाइम थी,,,मैने बेड शीट को पकड़ा ऑर अपनी नाक के पास करके सूंघने लगा ,,,,उस मे से मेरे स्पर्म के साथ साथ भाभी ऑर शोबा की चूत के नमकीन पानी की मदहोश करने वाली खुश्बू आ रही थी,,,मैं उसको सूंघ सूंघ कर मन ही मन खुश होने लगा था,,,रात को मैने कामिनी भाभी ऑर शोबा को एक बेड पर चोदा था जिसकी खुशी अभी तक मेरे चेहरे पर थी,,ऑर लंड पर भी,,,,,तभी रूम मे शोबा दीदी आ गई ऑर मुझे बेड शीट सूंघते हुए देख कर हँसने लगी,,,,,

रात भर मेरी ऑर भाभी की चूत को चाट ऑर सूंघ कर थका नही क्या जो बेड शीट से चूत के पानी की खुशुबू ले रहा है,,,,

मैने बेड शीट को हाथ से छोड़ दिया ऑर दीदी की तरफ देखा,,,,,,,क्या करूँ दीदी तुम्हारी ऑर भाभी की चूत की खुश्बू है ही इतनी मस्त करने वाली कि क्या कहने,,,,देखो ज़रा अभी बेड शीट को ही सूँघा है तो ये हाल हो गया सोचो अगर सच मे आपकी ऑर भाभी की
चूत को फिर से सूंघ लूँ तो क्या होगा,,,,मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,,मेरा लंड चूत से निकले पानी को
सूंघ कर ही मस्ती मे खड़ा हो चुका था,,,,,

हाइ राम तू इंसान है या घोड़ा,,,,रात भर इतनी चुदाई की फिर भी नही थका,,,,ऑर ये तेरा लंड तो कभी सोने का नाम ही नही लेता,,,इतना बोलते ही दीदी बेड पर आ गई ऑर लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी ,,

मैने दीदी को सर से पकड़ा ऑर बेड पर लेटने लगा,,,,,,,,,,,,,

नही सन्नी अब ऑर नही,,,,,,,,,,वैसे भी मैं तैयार हो चुकी हूँ ,,,,,ऑर जल्दी उठ तुझे कॉलेज भी जाना है ,,,दीदी मेरे लंड को हाथ से मसल्ते हुए अपना ऑर्डर सुना रही थी,,,,

लेकिन दीदी इसका क्या करू मैं,,,,ये तो जब तक सोता नही मेरा उठने को दिल ही नही करना,,,,,

इसको एलाज़ है मेरे पास,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने मेरे लंड को ज़ोर से दबाया ,,,मेरी हल्की अहह निकल गई,,,,ऑर देखते ही देखते दीदी ने सर को झुका कर मेरे लंड पर किस करदी,,फिर एक के बाद एक 15-20 हल्की हल्की किस करने के बाद दीदी ने लंड को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,में एक दम से मस्ती मे आ गया ऑर दीदी के सर पर हाथ रखके दीदी के सर को लंड पर दबाने लगा लेकिन तभी दीदी ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखा ऑर मुझे पीछे धक्का देके बेड पर लेटा दिया,,,,,,,,ऑर फिर तेज़ी से अपने हाथ से लंड की मूठ मारते हुए बाकी के लंड पर भी तेज़ी से अपना मुँह उपर नीचे करके लंड को चूसने लगी,,,,ऑर मैं आराम से लेट कर लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा,,,,,
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