Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद माँ ने मुझे हटने को बोला ओर मैने भी लंड को माँ की गान्ड से निकाल
लिया ऑर माँ भी उठकर खड़ी हो गई ऑर जल्दी ही पलट कर पीठ को मामा की तरफ कर दिया जबकि
अपनी चूत को मेरे सामने पेश कर दिया ऑर खुद के हाथों को बेड पर लगा कर सहारा लेते
हुए पीठ की तरफ झुक कर मामा के उपर हो गई मामा ने अपने लंड को माँ की गान्ड मे
डाल दिया ऑर उपर से मैं माँ के उपर चढ़ गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुस दिया ऑर
जल्दी से माँ के एक बूब को मुँह मे भर लिया,,,,,माँ ने अपनी टाँगों को पूरी तरह खोल
दिया था ऑर मैं अपनी टाँगों को मोड़ कर माँ के हल्का सा उपर की तरफ झुक गया था ऑर
माँ के बूब को चूस्ते हुए माँ की चूत मारने लगा ,,,,,आअहह ीसस्सीए हहिि ब्बीत्ताअ
त्तीज्जीइ ससीए छ्छूड़दूव आपपनन्ी माआ ककूऊ ऊओरर त्तीज्जी ससी ,,बहाररल्लूऊऊ
म्मेररीए प्पूउर्रीए ब्बूबब क्कू आपपंनी म्मूउउहह म्मीई ऊरर क्खहाआ ज्जाऊओ
ईसस्क्कूऊ आअहह ,,,,,,,,, मैने माँ के एक बूब को तो कभी दूसरे को तेज़ी से चूसने ऑर
काटने लगा माँ भी मुझे ऑर तेज़ी से चूत चोदने को ऑर बूब्स चूसने को बोल रही थी मैने
माँ के चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर खुश थी उसने चेहरे पर खुशी ऑर एक
पूरी तरह से संतुष्टि की झलक थी वो बहुत ज़्यादा खुश थी आज मेरे से ऑर मामा से एक साथ'
चुदने के बाद,,,,मैं भी बहुत खुश था क्यूकी कुछ देर पहले छत पर सोनिया के गले
लगने के बाद जो आग लगी थी मेरे जिस्म मे वो आग ना तो बाथरूम मे शवर के नीचे ठंडी
हुई थी ना ही बाथरूम मे मूठ मारने के बाद लेकिन अब वो आग माँ की चुदाई करके ठंडी
करने वाला था मैं अपने लंड के सुलगते लावे को माँ की चूत या मुँह मे निकालकर ऑर
माँ भी उस गर्म लावे को किसी शरबत की तरह पीने वाली थी,,,,,,,माँ इतनी ज़्यादा मस्त ऑर
खुश हो गई थी कि तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए माँ की चूत ने पानी छोड़ दिया था लेकिन माँ ने
मुझे या मामा को रुकने को नही बोला था बल्कि आगे भी चुदाई के मज़ा लेना शुरू कर
दिया था

चुदाई करते टाइम मामा तो कुछ नही बोलता था ऑर ना ही सिसकियाँ लेता था वो बस चुप चाप
शांति से चुदाई करता था लेकिन उसकी चुदाई शांत नही होती थी बल्कि जोरदार ऑर धमाकेदार
होती थी,,,,,,माँ तो पक्की खिलाड़ी थी इसलिए टिकी रहती थी मामा के सामने लेकिन अगर कोई नया
खिलाड़ी दे दिया जाए मामा को तो पक्का वो जान ही निकाल देगा उसकी,,,एक तो 9 इंच का काला लंबा
लंड उपर से किसी फ़ौजी की तरह भरा हुआ शरीर,,,,अगर गली से कोई सील बंद लड़की मिल जाती
मामा को तो आज की डेट मे वो चोद चोद कर ही मार डालता उसको,,,,लेकिन मैं भी कम नही '
था जहाँ मामा का लंड काला ऑर लंबा था 9 इंच का वही मेरा लंड सांवला ऑर 9 इंच के
करीब ही लंबा हो गया था अब तक लेकिन मोटा तो मामा के लंड से कहीं ज़्यादा था,,मेरे
को अगर किसी लड़की की सील तोड़नी पड़ती तो मुश्किल होती क्यूकी लड़की इतना दर्द नही बर्दाश्त कर
पाती ऑर इसका एक उदाहरण मनीषा से मिल चुका था मुझे जिसकी गान्ड से बहुत खून निकला था
जब मेरा मूसल गया था उसकी गान्ड मे ,,,,,,,लेकिन माँ को तो मेरे मूसल से प्यार हो गया
था वो खुद कहती थी कि इतना मज़ा विशाल ऑर मामा के लंड से नही आता जितना मेरे लंड से
आता है लेकिन एक साथ 2 लंड लेने मे ऑर भी ज़्यादा मज़ा आता है बल्कि माँ तो एक साथ 3 लंड
लेना चाहती थी एक टाइम पर,,,,,एक गान्ड मे एक चूत मे ऑर एक मुँह मे,,,,,,,,,,,

काफ़ी चुड़क्कड़ हो गई थी मेरी माँ लेकिन एक बात थी कि घर से बाहर किसी मर्द से नही
चुदवाया था आज तक,,क्यूकी घर मे ही उसकी सारी खुजली दूर हो जाती थी बाहर जाने की कभी
ज़रूरत ही महसूस नही हुई थी,,,,,,,,


मैं माँ के उपर झुक कर माँ के बूब्स को चूस्ता हुआ लंड को तेज़ी से माँ की चूत मे पेल
रहा था जबकि मामा नीचे से माँ की गान्ड की धज्जियाँ उड़ा रहा था लेकिन माँ को चूत
ऑर गान्ड की धज्जियाँ उड़वाने मे ही असली मज़ा आता था इसलिए तो लगातार सिसकियाँ निकल रही
थी माँ के मुँह से,,,,,,,,


,हम लोग करीब 20 मिनट से ऐसे ही चुदाई कर रहे थे इसी
बीच माँ एक बार पानी निकाल चुकी थी लेकिन ना तो मेरा ना ही मामा का पानी निकला था अभी
तक ,,,,तभी मुझे लगा कि माँ फिर से झड़ने वाली है ऑर मामा भी सिसकियाँ लेने लगे है
मामा तभी सिसकियाँ लेता है जबा पानी निकालने वाला होता है इसलिए मैने भी अपनी स्पीड
तेज करदी ताकि सबके साथ झड सकूँ ,,तभी माँ ने फिर से पानी निकाल दिया ऑर मामा ने भी
शायद पानी निकाल दिया था क्यूकी मुझे महसूस हो रहा था कि मामा अब रुक गया है ऑर माँ
की चुदाई नही कर रहा है तभी माँ ने मुझे हटने को बोला लेकिन मैने माँ की इशारा किया
कि मेरा भी बस होने ही वाला है तो माँ ने बोला कि बस कर बेटा बाकी का मेरे मुँह मे करले
मेरी चूत अब ऑर बर्दाश्त नही कर सकती इतना बोलते ही माँ ने मुझे साइड किया ऑर जल्दी से
मामा के उपर से उतर गई मैने देखा कि माँ की गान्ड से मामा का पानी रिस्ता हुआ नीचे
मॅट्रेस पर गिरने लगा था लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था इसलिए माँ के नीचे उतरते ही
मैं वापिस माँ पर चढ़ गया इस से पहले माँ मुझे रोकती मैने लंड को माँ की चूत मे
घुसा दिया ऑर जल्दी से चुदाई करने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,ब्ब्ब्बासस्स क्कार्र ब्बीतता आब्ब्ब ऊरर
बबार्रददासशहतत न्नाहहिि हूत्ताआ ,,,हहययययईईई आआहह
आब्ब्बबब क्क्कय्या ज्जानन्न ल्लीगगाआ आआपपनन्िईीईई म्माआ क्क्कीईईई आअहह
म्‍म्माअरर्र्ररर गगग्गययईीीईई ,,,,,,,,,तभी माँ ने मामा की तरफ़ देखते हुए मामा को मुझे
हटाने को बोला लेकिन मामा वही लेटा हुआ हँस कर हमारी तरफ देखता रहा,,,,,,,,,,,क्यू बड़ा
दिल कर रहा था ना बेटे का लंड लेने को अब भुगतो ,,,,,,,,मामा फिर से हँसने लगा,,,,,,,,

बाआसस्स क्कार्र ब्बेटया म्माअरर ज्जाोउन्नगगीइ म्माईिईन्न्णणन् आहह ऊओरर न्नाहहीी
हूत्ताअ आब्ब्ब म्मीररीए ससीई आअहह हहाआत्तज्जा म्मेररीए उऊप्पाररर ससीए
आहह म्मार्र गगयइी,,,,,,,,,माँ ब्बास 2 ममिंनुउठती म्मीर्रा हहूननी हहिि
व्वाल्लाअ हहाइईइ इत्टना बोलके मैने स्पीड तेज करदी ऑर माँ के हाथों को मॅट्रेस पर
दबा कर माँ के लिप्स मे अपने लिप्स जाकड़ दिए ताकि माँ कुछ बोल नही सके लेकिन फिर भी माँ
की दबी दबी दर्द भरी हल्की सिसकियाँ निकल रही थी,,,,मेरा बस होने ही वाला था इसलिए मेरी
स्पीड भी बहुत तेज थी लेकिन माँ से मेरा मूसल ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था अपनी
चूत मे वो तड़प कर इधर उधर हिल रही थी लेकिन मैने भी कस्के पकड़ा हुआ था अपनी
माँ को ऑर तेज़ी से चुदाई कर रहा था तभी मुझे लगा कि मेरा पानी निलकलने वाला है तो मैं
जल्दी से उठा ऑर लंड को हाथ मे लेके माँ के मुँह के पास चला गया ऑर हाथ से लंड को तेज़ी
से सहलाते हुए सारा पानी माँ के मुँह मे निकाल दिया ऑर माँ ने भी सारा पानी पी लिया मैं'
वही साइड पर ज़मीन पर गिर गया ऑर तेज़ी से हाँफने लगा,,,,,,,माँ की हालत बहुत खराब हो गई
थी लेकिन मैं खुश था क्यूकी जितनी गर्मी थी मेरे जिस्म मे अब सब निकल चुकी थी माँ के
मुँह मे


जब हालत ठीक हुई तो माँ उठकर कपड़े पहनने लगी,,,,,,,,,,

सन्नी-अरे रूको ना माँ अभी मुझे ऑर करना है,,,,,,,,,

माँ--नही बेटा ये घर नही है जहाँ पूरा दिन नंगे रहके मस्ती करते रहे यहाँ तो बहुत ही
मुश्किल से टाइम मिलता है मस्ती करने का ,,,वैसे भी आज के लिए इतना काफ़ी है ऑर चूत चुदवा
कर तेरे से चूत का भोसड़ा नही बनवाना मुझे,,,,एक बार मे ही जान निकाल दी मेरी दूसरी
बार मे तो पक्का मार ही डालेगा,,,,,इतना बोलते बोलते माँ ने कपड़े पहन लिए ऑर मामा ने
भी अपने कपड़े पहन लिए माँ अपनी साड़ी बाँध रही थी जबकि मामा तो कपड़े पहन कर
दरवाजे तक चला गया था माँ ने भी साड़ी के पल्लू को सेट किया ऑर मामा की तरफ बढ़ कर बाहर
जाने लगी तभी मैने माँ को हाथ पकड़ कर रोक लिया,,,,,,,जब तक मामा दरवाजा खोलकर
बाहर जा चुका था ,,,,,

मामा--चलो बहना जल्दी करो कोई आ जाएगा,,,,,,,,,,,

माँ--देखो ना भाई ये सन्नी बच्चो की तरह ज़िद्द कर रहा है,,,,चल जल्दी कपड़े पहन ले सन्नी
बेटा बाकी का हम बाद मे कर लेंगे,,लेकिन अभी नही अभी मुझे जाना है,,,,,लेकिन मैं नही
माना,,,,,मेरे अंदर तो आग लगी हुई थी जो इतनी जल्दी नही भुजनी थी इसलिए माँ ने मेरी हालत
देखी ऑर मुझे लेटा कर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके सहलाने लगी जबकि बाहर खड़े
मामा को इशारा किया कि बाहर ध्यान रखे ऑर मेरे लंड पर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे
ले लिया ओर अच्छी तरह से चूस कर पानी निकाल दिया तब जाके मुझे चैन मिला ,,,फिर मैने भी
कपड़े पहने जब तक माँ ऑर मामा जी वहाँ से जा चुके थे,,,,,,

मैं वहाँ से बाहर निकला ऑर चाचा जी के घर चला गया ,,वहाँ मामा बाहर आँगन मे
बैठा हुआ था जबकि माँ रसोई मे चली गई थी,,,दोपेहर का खाना तैयार करने ,,मुझे थोड़ी
थकान तो थी लेकिन माँ की चुदाई से सब थकान दूर हो गई थी लेकिन सोनिया शायद थकान
से चूर होके सो चुकी थी,,,,,,,,तभी चाची भी रूम से निकल कर बाहर मेरे ऑर मामा जी के
पास आ गई,,,,,हम लोग बैठ कर बातें करने लगे,,,,,,,ऑर माँ खाना तैयार करती रही,,,,

खाने बना कर माँ बाहर आई ऑर मुझे सोनिया को जगाने को बोला ऑर खाना खाने को बोला लेकिन
मैने माँ को मना कर दिया ऑर बोल दिया कि आप खुद जाके उसको उठा दो मुझे नही जाना,,,तो
माँ ने दोबारा मुझे नही बोला ऑर खुद जाके सोनिया को लेने चली गई,,,,,,,,कुछ देर बाद सोनिया
माँ के साथ वहाँ आ गई फिर हम लोगो ने खाना खाया ऑर चाचा जी के रूम मे चले गये
ऑर वहीं बैठ कर बातें करते रहे,,,,दोपेहर से शाम कब हो गई पता ही नही चला,मैने
रूम मे सबका मनोरंजन करने के लिए एक से बढ़ कर एक जोक सुनाया सब लोगो का हँस हँस के
बुरा हाल था चाचा जी भी बहुत खुश थे लेकिन एक शक्स था जो झूठी हसी हँस रहा था वो
थी सोनिया,,,दिल से उदास थी लेकिन चेहरे पर झूठी मुस्कान लेके सबको जता रही थी कि वो भी
बहुत खुश है,,,,,,,,,,,शाम को डॉक्टर आ गया चेक-अप करने के लिए उसने हम सब लोगो को रूम से
बाहर निकाल दिया ऑर खुद चाचा जी का चेक-अप करने लगा,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद वो भी
बाहर आ गया,,,,,,,,,
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07-11-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
डॉक्टर--आज तो कमाल ही हो गया ,,,,किशन लाल जी की तबीयत मे तो बहुत फरक आ गया है,,,,,,

क्या मतलब डॉक्टर साहब,,,,,,,चाची जी ने पूछा,,,,,,,,,

डॉक्टर--मेरा मतलब है कि आज उनकी हालत मे बहुत सुधार है पहले के मुक़ाबले,,,लगता है किसी वजह
से वो बहुत खुश है,,,,,

तभी चाची ने मेरे ऑर सोनिया की तरफ़ उंगली करते हुए बोला,,,,,,,,डॉक्टर साहिब ये दोनो है उनकी
खुशी की वजह ,,,,,,

मैने ऑर सोनिया ने डॉक्टर को नमस्ते बोला ऑर उसने भी हमे रिप्लाइ किया,,,,,,,,

डॉक्टर--अच्छा तो ये शहरी लोगो ने हमारे चाचा जी को इतना खुश किया है कि उनकी हालत सुधरने लगी
है,,,,ये तो बहुत अच्छी बात है क्यूकी खुशी से एक आस जगी है उनके दिल मे फिर से जीने की आस
उनका फिर से दिल कर रहा है अपनी ज़िंदगी जीने को,,,,,

चाची---क्या मतलब डॉक्टर,,,,,,,,,

डॉक्टर--देखिए पुष्पा देवी जी किशन लाल वैसे तो बहुत बीमार है अभी लेकिन जैसे पहले वो जीने की
आस ही खो चुके थे ऑर ज़्यादा बीमार हो गये थे ,,लेकिन अब उनके दिल मे फिर से जीने की
आस पैदा हो गई है,,,जैसे इंसान को जीने के लिए सिर्फ़ साँस लेने की ज़रूरत नही बल्कि जीने का
कोई मकसद भी होना चाहिए जैसे परिवार मे हसना खेलना ,,,,बच्चों से प्यार करना,,मुझे
लगता है इन बच्चो के आने से उनको जीने की नयी उम्मीद मिली है शायद इसलिए उनकी हालत मे आज
बहुत सुधार हुआ है,,,अगर ऐसा ही रहा तो कुछ दिनो मे वेंटिलेटर मशीन की भी ज़रूरत
नही रहने वाली आपको,,बस वो ऐसे ही हँसते रहे ऑर खुश रहे,,हो सके तो अपने मेहमानो को
कुछ दिन तक यहीं रोक लीजिए,,,इतने मे केवल भी वहाँ आ गया ऑर डॉक्टर की बात सुनके बहुत
खुस हो गया,,,,,

लेकिन डॉक्टर साहिब बच्चे तो आज ही आए है कुछ देर पहले ऑर इतनी देर मे भी चाचा जी की तबीयत
मे सुधार आ गया क्या,,,,,चाची ने डॉक्टर से पूछा,,,,,,

डॉक्टर--जी पुष्पा देवी जी,,,मैने चेच अप किया है हालत पहेल से बेहतर है इनकी,,,आप खुद सोचो कि कुछ
ही देर पहले ये लोग आए है ऑर चाचा जी की तबीयत मे इतना सुधार हो गया है तो ज़रा सोचो कि अगर
ये लोग कुछ दिन यहीं रुक जाए तो चाचा जी की तबीयत ऑर भी ज़्यादा ठीक हो जाएगी,,,,इसलिए तो मैं आपको
बोल रहा हूँ इनको यहाँ रोकने के लिए,,,,,,

चाची---जी डॉक्टर हम इन बच्चो को जल्दी नही जाने देंगे यहाँ से,,इनकी ही मेहरबानी से ये
आज इतने खुश है,,,,,,,,,,तभी चाची ने उठकर मुझे ऑर सोनिया को फॉरहेड पर चूम लिया
क्यू बच्चो क्या बोलते हो अब जल्दी शहर जाने की बात तो नही करोगे ना,,,,,,,

मामा--चाची जी सन्नी को तो कोई प्राब्लम नही है जितनी मर्ज़ी छुट्टियाँ करवा लो कॉलेज से लेकिन इस
सोनिया का कुछ नही कह सकते इसको तो खुद बुखार हो तो भी कॉलेज चली जाती है,,,,

क्यूकी बेटी तू कुछ दिन रुकेगी ना अपने बूढ़े चाचा चाची के पास,,,,इतना बोलते ही चाची
ने सोनिया को बाहों मे भर लिया,,,,,,,,

सोनिया--क्यू नही चाची जी मैं ज़रूर रुकूंगी अगर मेरे रुकने से चाचा जी ठीक होते है तो जब तक
आपका दिल करे मैं रुकने को तैयार हूँ,,,,,,,,,,

तभी डॉक्टर ने सबसे अलविदा ली ऑर हम दोनो को कुछ दिन यहीं रहने की बात बोलके वहाँ से
चले गये,,,,,,,,,,,,,,


मैं तो बहुत खुश था गाँव आने से ,,,अब ज़्यादा नही तो कम से कम 10 दिन तो पक्का छुट्टी
होने वाली थी कॉलेज से,,,,,वैसे अगर चाहते तो मुझे तो एक महीना भी रोक लेते तो कोई टेन्षन
नही थी मुझे,,,,


रात को हम लोगो ने खाना खाया ऑर कुछ देर वही चाचा जी के पास बैठ कर बातें करने
लगे,,,,मैने भी एक बात नोट की थी कि सुबह चाचा जी को बार बार वेंट्लेटर से साँस लेनी
पड़ रही थी लेकिन अभी वो आराम से साँस ले रहे थे ऑर अभी आवाज़ भी थोड़ी उँची हो गई थी
डॉक्टर सच कह रहा था उनकी हालत मे सुधार हो रहा था,,,,,,फिर रात ज़्यादा हो गई ,,केवल
तो कबका जाके सो चुका था चाची ने हम सब लोगो को भी आराम करने को बोला ताकि अब चाचा
जी भी आराम कर सके,,,,,

मामा तो बाहर आँगन मे सो गया था जबकि माँ एक साइड वाले रूम मे चली गई ऑर चाची
चाचा के रूम मे ही रहने वाली थी,,,,मैं ऑर सोनिया भी अपने रूम की तरफ चल पड़े,,,,रूम
मे जाते ही मैने बाथरूम मे जाके शवर लिया ओर चेंज कारके एक पिल्लो ऑर एक चद्दर
उठाई ऑर रूम से बाहर आने लगा,,,,,,


सोनिया--कहाँ जा रहे हो भाई,,,,,,,

,मैं जाते जाते दरवाजे पर रुक गया सोनिया की आवाज़ सुनके,,,,,,लेकिन
मैं वापिस नही पलटा ऑर वैसे ही उसकी बात का जवाब देने लगा,,,,,

सन्नी--मैं बाहर सोने जा रहा हूँ,,,,,,,,मुझे नही लगता कि अब हम दोनो को एक रूम मे सोना
चाहिए,,,,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ सेचला गया,,,,,,,,,,,मैं रूम से निकल तो गया था लेकिन
अब सोना कहाँ था ये नही पता था मैं उपर वाले फ्लोर की तरफ चला गया जहाँ एक बड़ा
हॉल था जिसमे सोफा पड़ा हुआ था मैं उसी सोफे पर लेट गया,,,वहाँ कोई एसी नही था लेकिन गाँव
मे गर्मी शहर के मुक़ाबले बहुत कम थी फिर भी छत वाले फॅन के नीचे सोने मे मुझे
दिक्कत हो रही थी क्यूकी हॉल मे विंडो क्लोज़ थी मैने विंडो इसलिए ओपन नही की थी क्यूकी
गाँव मे मच्छर बहुत थे,,,गर्मी मे तो सो सकता था लेकिन मच्छरों मे तो बिल्कुल भी नही,,,
काफ़ी देर तक लेटा रहा लेकिन नींद नही आई,,,मोबाइल निकाला ऑर मोबाइल पर गेम खेलने लगा
टाइम देखा तो रात के 1 बजे थे,,,,

मैं गेम खेल रहा था तभी मुझे सीडियों की तरफ से एक साया मेरी तरफ आता नज़र आया ऑर
वो साया मेरे पास आ गया,,वो सोनिया थी,,,,,,,

सोनिया--भाई तुम उपर क्यूँ आ गये,,,,,,,उसने बड़ी उदासी से पूछा,,,,

सन्नी-कुछ नही बस ऐसे ही ,,,मेरा दिल नही किया नीचे सोने को,,,,,मैने बड़े रूखे ओर रूड अंदाज़
मे उसको जवाब दिया,,,,,,,,,,

सोनिया--भाई मुझे अकेले नींद नही आ रही,,,जैसे आपको भी नही आ रही ,,तभी तो मोबाइल पर गेम
खेल रहे हो,,,,,,,उसने फिर से उदासी से बोला,,,,,,,,

सन्नी--नींद बस आने ही वाली थी कि तुम आ गई,,,,अब जाओ नीचे मुझे सोने दो ,,मैने फिर से रूड
तरीके से बोला उसको,,,,,

सोनिया--भाई मुझे नींद नही आ रही बोला ना,,,अब उसका लहज़ा थोड़ा गर्म था,,,आपको पता है ना
मैं बचपन से आपके साथ सोती हूँ ,,,,,,,,,,अकेले सोना मुश्किल है मेरे लिए,,,

सन्नी--जानता हूँ लेकिन नीचे रूम मे एक ही बेड है जबकि अपने रूम मे 2 बेड है तुम्हारा ऑर मेरा
बेड अलग अलग था,,,मुझे एक बेड पर नही सोना तेरे साथ,,,,,,,,

तभी उसने नज़रे झुका ली,,,ऑर बड़े शांत अंदाज़ मे बोली,,,,,,,,हम लोग बेड अलग कर लेते है
भाई लेकिन प्ल्ज़्ज़ तुम नीचे चलो मुझे अच्छा नही लग रहा अकेले सोना ऑर तुम्हारा ऐसे यहाँ
बिना एसी के सोना,,,देखो कितनी गर्मी है यहाँ,,,उसने अपने माथे से पसीना पोछते हुए बोला,,
भाई चलो ना नीचे,,,,मुझे नींद नही आएगी अकेले,,,,,,,,,

सन्नी--जब कविता के घर जाती है तब भी तो नींद आती है ना तुझे तो अब भी जाके चुपचाप सो जाओ
मुझे तंग मत करो,,,,,,,,,,,

सोनिया--तब कविता होती है ना साथ मे भाई,,,,इसलिए नींद आ जाती है,,,,,,,

सन्नी--ठीक है तो मेरे को तंग ना कर जाके माँ को बुला ले नही तो चाची को मुझे नही जाना
नीचे ,,,मुझे यहीं सोना है,,,,तू समझती क्यूँ नही मेरी बात को,,,,,जा यहाँ से अब गुस्सा मत
दिला मुझे,,,,,,,,

तभी उसने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल छीन लिया ऑर मेरी चद्दर भी खींच ली,,,,,,अब सही
तरीके से नीचे चलता है ब्लककी या 2 कान पे मार कर लेके चलूं,,,,,,उसने अपने हिट्लर वाले
अंदाज़ मे बोला तो मैं थोड़ा डर गया लेकिन मैने भी हिम्मत नही हारी ऑर उसको ये भी शो
नही किया कि मैं डर गया हूँ,,,,,,,,,,

सन्नी--मुझे नही जाना कहीं तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,वो मेरी चद्दर खींच रही थी ऑर मैं
भी अपनी चद्दर को अपने हाथों से उसको खींचने से रोक रहा था तभी मेरा ज़ोर कुछ
ज़्यादा लग गया चद्दर पर ऑर वो मेरे उपर गिर गई,,,,उसका आधा जिस्म मेरे जिस्म के उपर था
जबकि जिस चद्दर की वजह से ये सब हुआ वो ज़मीन पर पड़ी थी,,,उसके गिरने से उसके छोटे-2
बूब्स मेरी छाती से दब गये ऑर एक ही पल मे मेरी हालत खराब होने लगी,,उसका फेस मेरे
शोल्डर के पास था जबकि मेरा फेस उसके शोल्डर के पास था,,,मेरी साँसे उसके कान के
पास गले के करीब टकरा रही थी ऑर उसकी साँसे भी मेरी गर्दन पर टकरा रही थी मैने कुछ
अजीब महसूस किया,,,उसकी हार्टबीट तेज हो गई थी जिसकी हलचल मुझे मेरी छाती पर महसूस
हो रही थी ऑर साथ मे उसकी साँसे भी कुछ गरम हो गई थी,,,,उसकी गर्म साँसे मेरे कान मे
उतर कर मेरे पूरे जिस्म मे दौड़ रही थी ऑर मुझे पागल कर रही थी,,,ये सब कुछ ही पल
मे हो गया था लेकिन कुछ पल मे ही मेरे दिल मे एक तूफान उठने लगा था,,तभी उसने अपने
हाथ मेरी चेस्ट पर रखे ऑर खुद को उपर उठाने की कोशिश की लेकिन वो उपर नही उठ पा रही
थी तभी मेरी गान्ड फॅट गई मैने महसूस किया कि मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे,,,ये कैसे
हुआ ,,,मेरे हाथ इसकी पीठ पर कैसे गये ,,अब तो मैं गया काम से ,,,ये नही छोड़ने वाली अब
मुझे मैं अपने हाथ उसकी पीठ से हटाना चाह रहा था लेकिन मेरे हाथों को कुछ ऑर ही
मंजूर था,,,वो उसकी पीठ से हटने की जगह उसकी पीठ के मखमली एहसास का लुफ्त लेना
चाहते थे ऑर एक ही पल मे मेरे हाथ उसकी पीठ पर प्यार से सहलाने लगे ऑर उसको मेरे उपर
से उठने के लिए रोकने लगे,,,इतनी देर मे मैने महसूस किया कि उसकी हार्ट बीट पहले से भी
ज़्यादा तेज हो गई थी ऑर उसकी साँसे भी पहले से ज्याद गर्म होने लगी थी लेकिन साथ ही उसकी
साँसे उखाड़ने भी लगी थी उसने फिर से अपने हाथों के हल्के ज़ोर को मेरी छाती पर लगा कर
उपर उठने की कोशिश की ऑर अब वो कामयाब भी हो गई थी,,,,अब उसका फेस मेरे फेस से करीब
6 इंच दूर था ,,,,वो मेरी आँखों मे देख रही थी ऑर मैं उसकी आँखों मे मेरी आँखों मे
तो वासना थी जबकि उसकी आँखों मे भी हल्की मदहोशी छाने लगी थी तभी मेरे दोनो
हाथों मे से एक हाथ जो उसकी पीठ को सहला रहे थे उनमे से एक हाथ उसके सर की तरफ़ जाने
लगा ऑर देखते ही देखते मेरे हाथ ने उसके बालों को सहलाना शुरू कर दिया ऑर इस से पहले
वो ऑर उपर उठती मेरे हाथ ने उसके सर को सहलाते हुए नीचे मेरे सर के करीब लाना शुरू
कर दिया वो हल्का ज़ोर तो लगा रही थी लेकिन मेरे ज़ोर के आगे उसका ज़ोर बेकार था तभी मैने
देखा कि उसकी आँखें बंद हो गई ऑर उसने ज़ोर लगाना भी बंद कर दिया था तब तक मेरे हाथ
ने उसके सर को सहलाते हुए मेरे करीब कर दिया था ऑर एक ही पल बाद मेरे जिस्म मे एक तेज
तूफान उठा जिस से मेरे पूरे बदन मे आग लग गई उसके सॉफ्ट लिप्स मेरे लिप्स के उपर थे ,,,


मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे लिप्स पर जलता हुआ कोयला रख दिया था लेकिन फ़र्क सिर्फ़
इतना था कि ये कोयला गुलाब की पंखुड़ी की तरफ पिंक ओर सॉफ्ट था मैने हाथ से उसके सर को
बड़े प्यार से सहलाते हुए उसके लोवर लिप्स को बड़े आराम से बिना कोई जल्दी किए अपने लिप्स मे भर
लिया तभी उसने मेरी चेस्ट को अपने हाथों की फिंगर्स से कस्के जकड लिया उसके बड़े बड़े
नाख़ून मेरी चेस्ट के मास मे धँसने लगे थे,,जैसे ही मैने उसके लोवर लिप्स को पूरा अपने
लिप्स मे भरके चूसना शुरू किया उसके हाथों की पकड़ भी मेरी चेस्ट पर कसने लगी ऑर उसकी
उंगलिया पूरे ज़ोर से अपने नाखूनो से नोच कर मेरी चेस्ट पर से माँस को अलग करने लगी
थी,,,मुझे बहुत दर्द ऑर जलन महसूस हो रही थी लेकिन ये जलन ऑर दर्द उस मस्ती के आगे
कुछ नही था जो मुझे उसके लिप्स को किस करने से मिल रही थी,,मैने उसके लोवर लिप्स को पूरा
मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगा ऑर तभी मेरे हाथ भी उसके सर ऑर पीठ पर सहलाने मे
लगे हुए थे,,,मस्ती मे आके उसने भी अपने मुँह को थोड़ा सा खोल दिया लेकिन ऑर कोई हरकत नही
की लेकिन मेरे लिए उसका इतनी हरकत करना ही काफ़ी था,,उसके लिप्स हल्के से खुले ही थे कि मैने
अपनी ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा दिया ऑर उसकी ज़ुबान को उसके मुँह के अंदर अपनी ज़ुबान से
टच करने लगा ओर फिर अपने दोनो लिप्स उसके लिप्स से जाकड़ दिए ऑर किस करके लगा लेकिन बड़े
प्यार ऑर सॉफ्ट्ली तरीके से उसके हाथ अब मेरी चेस्ट पर चलने लगे थे वो भी ज़ोर से नही बल्कि
बड़े प्यार भरे अंदाज़ से लेकिन ये प्यार भरा अंदाज़ एक ही पल मे ख़तम हो गया ,,,उसने
जल्दी से ज़ोर लगा कर खुद के लिप्स को मेरे लिप्स से आज़ाद कर लिया ऑर जल्दी से उठकर बैठ गई ऑर
मेरी तरफ देखने लगी,,,,मैं भी उसकी तरफ देख रहा था तभी उसने मेरी छाती पर कस कस
के थप्पड़ मारने शुरू कर दिए मुझे दर्द होने लगा था लेकिन दर्द का एहसास नही हो
रहा था ,,,जबकि वो थप्पड़ मार रही थी ऑर खुद दर्द से तड़प रही थी मुझे थप्पड़
मारते हुए उसकी आँखें नम होने लगी थी ,,,,थप्पड़ मारने से मुझे कोई दर्द नही हुआ लेकिन
उसकी आँखों मे आँसू देख मुझे बहुत हर्ट हुआ,,,,उसने करीब 15-20 थप्पड़ मारे मेरे
फिर उठकर अपनी आँखों से आँसू पोछते हुए तेज़ी से वहाँ से नीचे भाग गई ऑर मैं सोफे
पर लेटा-लेटा अब जो कुछ भी हुआ उसके बारे मे सोचने लगा,,,,,,,,ये क्या हो गया था एक ही पल
मे ,,,,मेरी इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि मैं हिट्लर सोनिया के साथ ऐसा कर गया ,,ऑर उसको क्या हो
गया था जो इतने गर्म ऑर तेज मिज़ाज की लड़की एक ही पल मे मेरी बाहों मे पिघल गई थी,,,,क्या
उसको अच्छा लगा ये सब,,,या उसको अच्छा नही लगा इसलिए वो भाग गई,,,मुझे डर लगने लगा था
लेकिन अच्छा भी लग रहा था ,,,अजीब सी बेचैनी होने लगी थी,,,कुछ समझ मे नही आ रहा था
क्या ये ठीक हुआ जो मैने भी किया,,,,या ग़लत हुआ,,,लेकिन एक बात ने मुझे हर्ट कर दिया था
उसकी नम आँखों ने,,,उसके मासूम चेहरे पर आँसू अच्छे नही लगते थे,,,मुझे खुद
पर गुस्सा आने लगा ,,,,इसी गुस्से ऑर बेचैनी मे मैं पूरी रात जागता रहा,,,,,,,,,
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07-11-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह के करीब 4:30 बजे थे ,,,पूरी रात मुझे नींद नही आई थी डर ऑर बेचैनी से पूरी ही
रात तड़प्ता ऑर करवट लेता रहा था मैं ,,अभी सूरज तो नही निकला था लेकिन रोशनी होने लगी
थी हल्की हल्की ,,,मैं सोफे से उठा ऑर डरते डरते नीचे गया ,,दिल किया कि एक बार सोनिया से मिलू ऑर
माफी मांगू उस से लेकिन जैसे ही मैं नीचे गया तो देखा कि उसका दरवाजा अंदर से बंद था


सुबह इतनी जल्दी दरवाजे पर नॉक करना अच्छा नही लगा मुझे ,,लेकिन दिल बहुत बेचैन था तो
सोचा क्यू ना बेचैनी को दूर करने के लिए गाँव की सुबह मे ताजी हवा का लुफ्त उठाया जाए हो
सकता है बेचैनी कुछ कम हो जाए,,,,इसलिए गेट खोलकर घर से बाहर चला गया ,,गाँव की
सुबह सच मे बड़ी मस्त थी इतनी गर्मी का मोसम था लेकिन गाँव मे तो सुबह के टाइम ठंड
लगने लगी थी मुझे,,इतनी ज़्यादा सन्नाटा था लेकिन परिंदो की मीठी आवाज़ ने सब ठंड को दूर
कर दिया सहर मे सुबह का नजारा इतना अच्छा नही होता वहाँ घर से निकलो तो सुबह हो या रात
कार के हॉर्न के अलावा कुछ सुनाई नही देता था लेकिन यहाँ कार तो दूर मुझे तो कोई इंसान भी
नज़र नही आ रहा था सुबह के आलम ने कुछ बेचैनी दूर कर दी थी सोचा क्यू ना गाँव मे
थोड़ा घूम लिया जाए मन भी बहल जाएगा ऑर मॉर्निंग वॉक भी हो जाएगी यही सोच कर
गाँव मे घूमने ऑर ताजी हवा मे मन को बहलाने के लिए जिस से दिल की बेचैनी ऑर ज़्यादा कम
हो जाए इसलिए मैं घर से आगे की तरफ निकल चला लेकिन अभी थोड़ा ही दूर गया था कि दिल की
बेचैनी वापिस बढ़ने लगी थी,,,सुबह की हल्की रोशनी मे एक साया देखा जो छुपता हुआ चाचा
जी के घर के पीछे की तरफ जा रहा था मन मे उत्सुकता होने लगी देखु तो सही ये कॉन है इसलिए
दबे कदमो से मैं भी छुपता हुआ उस साए का पीछा करता हुआ उसी जगह पहुँच गया
जहाँ गाएँ भैंसे बँधी हुई थी,,,,वहाँ अंदर गया तो देखा वहाँ पर कोई नही था वो
साया भी कहीं गुम हो गया था फिर सोचा कहीं वो साया उसी रूम मे तो नही गया जहाँ
कल मैने ऑर मामा ने माँ की चुदाई की थी लेकिन वहाँ भी कोई नही था तभी मैने देखा कि
कमरे के पीछे एक छोटा रास्ता था वो रास्ता पता नही कहाँ जाता था लेकिन उत्सुकता बढ़ने लगी
थी तो मैं उसी रास्ते चल पड़ा क्यूंकी जिस किसी का भी मैं पीछा कर रहा था वो उसी रास्ते गया
गया था मैं भी निकल पड़ा उसी रास्ते ऑर रास्ता ज़्यादा लंबा भी नही था बस 25-30 कदम ही
चलना पड़ा था मुझे ऑर रास्ते पर चलके मैं मंज़िल पर भी पहुँच गया ऑर मंज़िल बड़ी
ही मस्त थी ऑर सुबह सुबह ही मेरा दिल जो अब तक बेचैनी से भरा हुआ था अब वो मस्ती मे
भर गया था मैने देखा कि वो रास्ता चारे की मशीन की तरफ जाता था जहाँ गाय ऑर
भैंसो के लिए चारा काटा जाता था ऑर वहाँ चारा काटने की मशीन के पीछे मामा खड़ा
हुआ था ऑर उसका पयज़ामा ज़मीन पर था ऑर एक औरत उसके पास ही ज़मीन पर बैठी हुई थी ऑर
मामा के लंड को चूस रही थी,,,,,,मामा चुप चाप खड़ा मस्ती मे लंड चुस्वा रहा था ऑर
वो औरत भी बड़ी मस्ती मे लंड चूसने लगी हुई थी मैं दीवार के पीछे छुप गया देखु तो
सही वो औरत थी कॉन,,,,,कुछ ही देर बाद वो औरत उठी ऑर अपनी सलवार खोलकर मामा के आगे
झुक गई ऑर मामा ने अपने लंड को पीछे से उसकी गान्ड मे घुसा दिया ,,तभी मुझे उस औरत
का चेहरा देखने को मिला इसका चेहरा तो जाना पहचाना था ये तो चाचा जी के घर की नौकरानी
थी रेखा जो चाचा जी के घर काम करती थी ,,,,उसकी शकल भी जानी पहचानी लग रही थी शायद
इसलिए कि मैने पहले भी उसको चाचा जी के घर मे देखा था लेकिन तब मैं बच्चा था जबकि
आज उसकी शकल मुझे कुछ ज़्यादा जानी पहचानी लग रही थी ,,,,वो दिखने मे ज़्यादा अच्छी नही
थी मोटी थी ऑर थोड़ी काली भी थी रंग की लेकिन जिस्म बहुत अच्छा लग रहा था उसका हाइट ऑर जिस्म
से मेरी माँ जैसा था लेकिन जहाँ मेरी माँ दूध जैसी गोरी वहीं ये थोड़े हल्के काले रंग की
मानो की साँवले रंग की थी ,,,


मामा उसकी गान्ड को बड़ी तेज़ी से चोद रहा था मैने सोचा कि मामा अभी सो कर उठा है ऑर
अभी इतनी तेज़ी से मस्त चुदाई करने लगा है साला कुछ ज़्यादा की चुड़दक़्कड़ है मेरा मामा .उन
लोगो को देख मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी ऑर बिना किसी डर के मैं उसने सामने चला गया वो
औरत मुझे देख कर डर गयी ऑर सीधी होने लगी लेकिन मामा ने उसको वापिस झुका दिया ऑर मेरी
तरफ हसके देखा मैने मामा के हँसते ही लंड को पयज़ामे से बाहर निकाल लिया जो अभी तक
ओकात मे आ चुका था मैने लंड को हाथ मे लिया ओर मसल्ने लगा उसी औरत के सामने उस
औरत का ध्यान भी जब मेरे बड़े ऑर मोटे मूसल की तरफ गया तो उसकी आँखें फॅटी की फॅटी
रह गई मैं उसके बहुद करीब था तभी उस औरत ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे लंड को
अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर अपने करीब खींच लिया मैं भी मस्ती मे उसके करीब हो गया
ऑर देखते ही देखते मेरा लंड उसके मुँह मे चला गया ,,,उस औरत का अंदाज़ भी बहुत निराला
था लंड चूसने का वो भी किसी रंडी की तरह पूरा लंड मुँह मे लेने लगी थी एक ही बार मे ऑर
वो भी गले से अंदर तक पहली बार मे ही मेरा लंड उसके गले से नीचे चला गया था कुछ
ज़्यादा ही माहिर औरत थी वो उमर मे कोई 33-35 के आस पास थी ,,,,,मामा पीछे से उसकी गान्ड को
तेज़ी से चोद रहा था जबकि आगे से वो मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ कर बाकी के लंड को
मुँह मे लेके चूसने लगी हुई थी लेकिन मैने उसके हाथ को लंड से हटा दिया ऑर उसको ऐसे ही
लंड चूसने को बोला उसने अपने दोनो हाथों को अपने घुटनो पर रख लिया ऑर खुद को झुकी
हुई हालत मे रखने के लिए सहारा लिया ऑर अपने सर को तेज़ी से मेरे लंड पर आगे पीछे करने लगी
लेकिन तभी मैने उसके सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपनी कमर को हिलाते हुए लंड को उसके गले से
नीचे तक घुसा कर उसकी मुँह चुदाई करने लगा उसको मेरे ऐसा करने से कोई दिक्कत नही हो
रही थी वो तो उल्टा अपनी जीब को बाहर निकाल कर ऑर भी ज़्यादा लंड को मुँह मे लेने लगी थी
मैं भी तेज़ी से सुके मुँह को चोदने मे लगा हुआ था ऑर मामा भी तेज़ी से उसकी गान्ड चोदने
मे लगा हुआ था हल्की हल्की रोशनी होने लगी थी क्यूकी हमको करीब 20 मिनट हो गये थे



ऐसे ही यहाँ पर खड़े हुए उसने अपने हाथ को मामा की तरफ करके मामा को स्पीड तेज
करने को बोला ऑर मामा ने स्पीड तेज करदी ऑर इधर उसने अपने हाथों को मेरी कमर पर
रखा ऑर मुझे कमर से पकड़ कर तेज़ी से हिलाने लगी ऑर मेरे लंड को तेज़ी से अपने मुँह मे
लेने लगी मानो वो मुझे भी स्पीड तेज करने को बोल रही थी मैने भी उसके सर को कस्के अपने
हाथों मे पकड़ा ऑर स्पीड तेज करदी वैसे भी मैं झड़ने ही वाला था इसलिए खुद-ब-खुद ही
मेरी स्पीड तेज हो गई थी तभी मामा ने हल्की हल्की सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया मैं समझ
गया कि मामा का होने वाला है इतने मे मैने भी तेज़ी से लंड को उसके मुँह मे पेलना शुरू
कर दिया ऑर कुछ ही पल मे मामा का तो काम हो गया ऑर मामा ने अपने पानी से उसकी गान्ड को
भर दिया शायद वो भी पानी छोड़ चुकी थी क्यूकी ज़मीन पर पानी गिरने लगा था जो स्पर्म
नही लग रहा था उसने मेरी कमर पर कस्के हाथ मारा ऑर मुझे ज़्यादा तेज करने को बोला
ऑर मैने भी लंड को तेज़ी से झटके के साथ उसके गले से टकराना शुरू कर दिया जिस से 2 मिनट
मे ही मेरा भी पानी निकल गया ऑर मैने उसके मुँह मे लंड को गले के अंदर तक घुसा कर
सारा पानी उसकी हलक से नीचे उतार दिया था तब तक मामा अपना पयज़ामा ठीक से बाँध
चुका था ऑर उसकी सलवार को भी उपर उठा चुका था उसने मेरी कमर से अपने हाथ उठा लिए
लेकिन अभी तक वो ऐसे ही मेरे लंड को मुँह मे लेके झुकी रही ऑर अपने हाथो से अपनी सलवार के
नाडे को बाँधने लगी वो मेरे लंड के पानी की एक एक बूँद के निकलने का ऑर मेरे खुद के
पीछे हटने का इंतजार कर रही थी जब लंड ने सारा पानी उसके गले से नीचे उतार दिया तो मैने
लंड को थोड़ा पीछे किया तब तक वो सलवार बाँध चुकी थी ऑर उसने मेरे लंड को हाथ मे
पकड़ा ऑर जितना भी पानी लंड पर लगा था उसको अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ऑर फिर खड़ी
होके मुझे एक किस करी माथे पर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज तो रोशनी हो गई ऑर टाइम कम है किसी ऑर टाइम
तेरे को अच्छी तरह निचोड़ूँगी मैं याद रखना ,,,,उसने हसके मुझे इतना बोला ऑर वहाँ से
चली गई मामा भी उसके पीछे चला गया,,,,


मैं तो हैरान हो गया कि मेरा मामा कहीं भी चक्कर चला लेता है साला ,,,,चाचा के घर
काम करने वाली को भी नही छोड़ा,,,,,तो मैं भी कॉनसा कम हूँ मैने भी तो मस्ती करी
है अभी उसके साथ लेकिन सिर्फ़ मुँह चुदाई की है चूत ऑर गान्ड चुदाई नही की,,,,कोई बात नही
अभी कुछ दिन तो हूँ यहाँ पर इसको भी पूरी तरह चखके जाउन्गा यहाँ से वैसे भी साली
खुद बोलके गई है कि मुझे टाइम मिलने पर निचोड़ेगी अब देखते है टाइम मिलने पर कॉन
किसको निचोड़ता है,,,,,,,,,,,,,,,

मैं भी वहाँ से घर जाने की बजाए वही से खेतो के बीच मे होता हुआ आगे चला गया अब
तक बेचैनी तो कबकि दूर हो गई थी ऑर सुबह सुबह हल्का होके बड़ा अच्छा लग रहा था बड़ा
मज़ा आया इतनी सुबह सुबह उसको लंड चुस्वा कर,,,मैं खुशी खुशी गाँव मे इधर उधर
घूमने लगा ऑर मस्ती करने लगा जब वापिस घर पहुँचा तो सब लोग आँगन मे बैठे
हुए थे टाइम कोई 9 के आस पास हो चुका था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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07-11-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उस रात खाना खाने के बाद मैने माँ को बोला,,,,,,,,,,,,,,,माँ मुझे आज यहीं सोना है
कल रात उस घर मे नींद नही आई,,,,मेरे इतना बोलते ही सोनिया फिर से मुझे घूर्ने लगी

माँ--लेकिन बेटा इस घर मे एसी नही है ऑर तुझे एसी के बिना नींद नही आनी,,,,,,,,,

मैं--नही माँ मैं सो जाउन्गा बिने एसी के ,,,,,आप ऐसा करो सोनिया के साथ सो जाओ जाके ऑर मैं मामा
के साथ आपके वाले रूम मे सो जाता हूँ,,,,,,,,वैसे भी यहाँ गर्मी बहुत कम है गाँव मे,,,
फॅन चला कर ही सो जाउन्गा मैं,,,,,सोनिया कंटिन्यू मुझे घूर रही थी,,,,,,,,

माँ--लेकिन बेटा तू समझता क्यूँ नही ,,,माँ ने मुझे मामा की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,

मैं समझ गया कि माँ रात को मामा से चुदवाती होगी तभी इस घर मे सोना चाची थी,,,

मैं--माँ आप जाओ ना प्लज़्ज़्ज़ ,,,,,मैं यही सोना चाहता हूँ,,,,,,,,

माँ ने मेरी बात मान ली ऑर सोनिया के साथ चली गई जबकि मैं माँ के रूम मे मामा के साथ
सो गया,,,,,,,,,,,,,,,

मामा--अरे क्या किया बेटा तुझे पता है मुझे रात को नींद नही आती जब तक तेरी माँ को नही चोद
लेता एक बार ऑर ना ही उसको नींद आती है लंड लिए बिना,,,,,,सारा काम खराब कर दिया तूने,,

मैने मन ही मन बोला साले कमिने तुझे मेरी माँ की चुदाई की फ़िक्र है ऑर अगर मैं उस
घर मे सोने चला जाता तो मेरी माँ तो वैसे भी चुद जानी थी सोनिया के हाथों से,,,,

मैने कोई जवाब नही दिया ऑर चुप चाप सो गया,,,,वैसे भी ये घर बहुत खुला था ऑर
इसके रूम भी बड़े बड़े थे जिस से गर्मी का बिल्कुल भी एहसास नही हुआ ऑर अच्छी नींद आई
मुझे,,,,,,सुबह 5 बजे आँख खुली तो देखा मामा वहाँ नही था मैं समझ गया कि मामा
फिर से रेखा की चुदाई करने गया होगा इसलिए मैं भी जल्दी से उठा ऑर उसी जगह चला गया
लेकिन वहाँ कोई नही था ,,,,रेखा तो अंदर थी ऑर भैंसो को चारा डाल रही थी,,,

क्या हुआ सन्नी किसको ढूंड रहा है,,,,,,,रेखा ने मुझसे पूछा,,,,

मैं--मैं मामा को ढूँढ रहा था सोचा कि अब भी वो यहीं होगा ,,,,,

रेखा--नही वो यहाँ नही है नये घर मे है,,,,किसी ऑर के साथ,,,,,आज मेरी चूत मारने को दिल नही किया
उसका इसलिए नये घर मे किसी ऑर की मार राह है,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी,,

मैने सोचा नये घर मे तो माँ है,,कहीं मामा माँ को तो नही चोद रहा,,,,ऑर इसको कैसे
पता मामा ऑर माँ के बारे मे मैने उस से कोई बात नही की ऑर जल्दी से नये घर की तरफ
चल पड़ा मैं वापिस पलट कर उसको देख रहा था वो अब भी हंस रही थी,,,,,

मैने गेट खोला ऑर अंदर चला गया ,,जैसे मैं अंदर गया मैने देखा कि माँ ऑर मामा
छत से नीचे आ रहे थे मुझे देख कर मामा हँसने लगा,,,,,,,तू लेट हो गया भानजे हम
लोगो का काम पूरा हो गया,,,,तभी माँ मेरे पास आई ऑर मुझे गले लगा लिया,,,,रात को तूने
मुझे प्यासे ही सुला दिया इसलिए सुबह सुबह ही तेरे मामा ने मेरी रात की प्यास भुजा दी इतना
बोल कर माँ ने मुझे किस किया ऑर वहाँ से चली गई उसके साथ मामा भी चला गया,,,,,,,

मुझे इस बात की हैरत नही थी कि मामा ऑर मा ने सुबह सुबह चुदाई करली बल्कि हैरत
इस बता की थी कि माँ ऑर मामा के बारे मे रेखा को कैसे पता,,,,,कहीं मामा ने उसको सब
कुछ बता तो नही दिया है,,,

मैं वापिस रेखा के पास चला गया देखा कि वो दूध निकाल रही थी ,,,,तभी एक आदमी भी
वहाँ आ गया एक ज़ीप लेके उसके पास बहुत सारे दूध वाले कॅन थे,,,,वो भी रेखा की हेल्प
करने लगा दूध को उन कॅन्स मे भरने के लिए,,,,मुझे लगा कि अब बात करने का ठीक टाइम
नही है तो मैं वहाँ से चला गया,,,,,,,,,,,


दोपेहर मे हम लोग बैठे बातें कर रहे थे सभी लोग थे चाचा जी के रूम मे तभी
रेखा वहाँ आ गई,,,,,,,,,,,,

क्या काम है रेखा ,,,चाची ने उसको पूछा,,,,,,,

रेखा-मालकिन ये पैसे वो दूध वाला मनोहर देके गया है ,,,इस महीने का हिसाब है,,,,,,

वो बंदा जो सुबह रेखा के साथ था वो चाचा जी से दूध लेके शहर मे बेचने जाता था
अब सारा दूध घर मे तो नही लग सकता था ,,,,,वो महीने के महीने हिसाब करता था आज
वो हिसाब करके गया था रेखा वही पैसे देने आई थी,,,,,उसने पैसे दिए ऑर वहीं खड़ी रही,,,

कोई ऑर काम भी है क्या रेखा,,,,चाची ने पूछा,,,,,

रेखा--जी मालकिन,,,,,वो चारे वाली मशीन की मोटर खराब हो गई थी,,,मैने सुरिंदर को बोल कर वो
मोटर उतरवा दी थी लेकिन अब ठीक कराने के लिए शहर जाना पड़ेगा ,,,,अगर कोई चलता तो
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07-11-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मुझे बड़ा अजीब लगा उसने मामा को सुरिंदर बोला था जबकि माँ को ओर चाची को वो मालकिन
बोलती थी,,,,,,,,,,

तभी मामा बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,,हाँ हाँ ये सन्नी है ना इसको ले जाओ ऑर मोटर ठीक करवा लाओ,,
इसके पास कार है तुम लोग जल्दी चले जाओगे तो जल्दी वापिस भी आ जाओगे इसलिए अभी चले जाओ
सुबह चारा काटने मे मुश्किल होगी,,,,मामा ने तो जैसे अपना फैंसला सुना दिया था,,,,,

तभी चाचा जो बोल पड़े,,,,,,,,जाओ सन्नी बेटा तुम रेखा के साथ जाओ ऑर मोटर ठीक करवा लाओ
वर्ना सुबह मुश्किल होगी,,इसी बहाने थोड़ा घूम फिर भी लेना,,,,

मैने कोई बात नही की ओर रेखा के साथ चल पड़ा,,,,,,,मैने कार स्टार्ट की ऑर वो भाग कर मोटर
लेके आ गई ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ,,,टाइम कोई 1 या 1:30 बजे का था ऑर गर्मी भी थी
लेकिन कार मे एसी ऑन था,,,,,

मैं--किस तरफ जाना है मुझे रास्ता बता देना,,,,,,,,

रेखा--रास्ता तो बात दूँगी लेकिन चलना खुद पड़ेगा,,,,,,,उसने हसके मेरी बात का जवाब दिया,,,
लेकिन मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,

वो रास्ता बताने लगी ऑर मैं ड्राइव करता रहा,,,गाँव की सड़कें बहुत खराब थी बार बार कोई
ना कोई खड्‍डा आ जाता था ऑर जब भी खड्‍डा आता मेरा ध्यान रेखा की तरफ चला जाता क्यूकी
उसने घाघरा ऑर ब्लाउस पहना हुआ था,,,उसपे ना कोई साड़ी थी ऑर ना ही दुपपत्ता,,,,उसके बड़े
बड़े बूब्स जो कम से कम 40 के थे या उस से भी बड़े,,,वो बार बार खड्‍डा आने से उछल
रहे थे,,उसने भी मुझे उसको बूब्स की तरफ घूरते देख लिया लेकिन कुछ कहा नही बस
हँसने लगी थी,,,,,

करीब 15-20 मिनट बाद यानी 5 किलोमीटर बाद उसने एक पुराने घर के सामने मुझे
रुकने को बोला,,,,,,,उस घर के पास कोई घर नही था ,,वैसे भी इतने रास्ते मे मैने मुश्किल
से कोई 20 घर ही देखे थे,,,,,ये गाँव बहुत बड़ा था लेकिन लोग बहुत कम थे,,,एक घर से
दूसरा घर करीब 300-400 मीटर दूर था,,,,,,,

रेखा--बस यहीं रोक दो कार सन्नी,,,,,,,,,,

मैने कार रोकी,,,,,,,,,,,,,,लेकिन हमे तो शहर जाना था यहाँक्यू रोका तुमने,,,,,,,,,,,,,,

रेखा--शहर जाने की ज़रूरत नही मोटर ठीक करने वाला यही आएगा कुछ
देर मे,,,,वो हँसने लगी ऑर मोटर को कार मे ही छोड़ कर खुद उतर कर घर मे चली गई ऑर
मैं भी उसके पीछे चला गया फिर उसने घर का दरवाजा बंद कर दिया ऑर मुझे उसके
पीछे चलने का इशारा किया ऑर मैं भी उसके पीछे चल दिया वो आगे चल रही थी जबकि मैं
पीछे से उसकी मटकती गान्ड को देखते हुए चल रहा था वो अपने घर के पीछे वाले दरवाजे
से बाहर निकली ऑर खेतों की बीच चलने लगी,,,,,,,,

मैं--ये कहाँ लेके जा रही हो मुझे,,,,,

रेखा--जन्नत की तरफ ,,बोलो मत बस मेरे पीछे आते रहो,,,,उसने हसके मुझे देखा ऑर मेरी
बात का जवाब देके फिर से गान्ड को मटकाते हुए आगे चलने लगी,,

कुछ कदम चलके हम खेतो के बीच-ओ- बीच एक पेड़ के नीचे पहुँच गये जो बहुत
बड़ा था,,,,वो जल्दी से पेड़ के नीचे बैठ गई ऑर मुझे भी वहीं आके बैठने को बोला,,,,

यहाँ क्यू लेके आई हो मुझे,,,,,,,,,,मैने फिर से उसको पूछा,,,,

रेखा--तू सवाल बहुत करता है तेरा मामा तो चुप चाप आ जाता है यहाँ ऑर वो भी आता था पहले,,

मैं--वो ,,वो कॉन,,,,,,

रेखा--तेरा भाई विशाल,,,,,,,,,,,यहीं आके मस्त चुदाई करते थे दोनो मिलकर ,,तेरा मामा तेरी माँ की
ऑर विशाल मेरी,,,,,इतना बोलकर वो फिर से हँसने लगी,,,,,ऑर मुझे हाथ पकड़ कर नीचे ज़मीन
पर लेटा दिया,,,,

मैं नीचे लेट तो गया लेकिन हैरान रह गया ,,,,,,तुम ये क्या बोल रही हो ,,मेरे मामा ऑर माँ
के बारे मे ऑर विशाल कब आया था यहाँ,,,,,,,,

रेखा--मैं सब जानती हूँ सन्नी तेरे मामा माँ ऑर विशाल के बारे मे,,,,,तूने लगता है मुझे
पहचाना नही,,,,,,,,,

मैने हैरान होके उसकी तरफ देखा ऑर फिर से पूछा,,क्या बोल रही हो तुम मैं कुछ समझ नही
पा रहा,,,ऑर तुमको पहचान लिया है मैने तुम रेखा हो चाचा जी के घर काम करती हो

रेखा--हां ये तो ठीक है लेकिन तुमको पता है मैं कॉन हूँ,,,,,,उसने हँसते हुए बोला

मैं परेशान हो गया कि ये बोल क्या रही है,,,,,इस से पहले कि मैं कोई ओर सवाल करता उसने
मेरे लंड को पयज़ामे से बाहर निकाल लिया ऑर सर झुका कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया

रेखा--अब ज़्यादा परेशान मत हो ,,ऑर मेरे बारे मे अपनी माँ से पूछना,,,,बाप से ,,,या फिर गीता
से,,,,,,,,,,,,,

मैं कुछ नही समझ पा रहा था ऑर उपर से उसने लंड को इतने प्यार से चूसना शुरू कर
दिया कि मस्ती मे दिमाग़ ने काम करना ही बंद कर दिया,,, ऑर मैं मस्ती मे डूबता चला
गया ऑर मुझे उन बातों की भी कोई फिकर नही थी जो अभी कुछ देर पहले बोल रही थी वो,,,

आख़िर कॉन थी वो,,,,जो मेरी माँ ऑर मामा के बारे मे सब जानती थी,,,ऑर विशाल भाई के साथ भी
चुदाई कर चुकी थी,,वो भी माँ ऑर मामा के साथ मिलकर,,,,,इन्ही बातों ने मुझे परेशान
कर दिया था,,,,,,लेकिन अब मैं मस्ती मे खो चुका था ऑर लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा
था,,,,,,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं पैड के नीचे लेट गया था मेरा पयज़ामा घुटनो तक उतरा हुआ था ऑर रेखा मेरे पास
बैठ कर सर को झुका कर मेरे लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी,,,,,

रेखा--तुम साले सब लोगो का लंड इतना बड़ा क्यूँ है,,,,,,,तेरे मामा का भी ऑर विशाल का भी ,,लेकिन
तेरा वाला तो सबसे बड़ा है ऑर मोटा भी,,,,,,उस दिन चूसा था तो मुँह मे भी नही आ रहा
था लेकिन मलाई ख़ाके बड़ा मज़ा आया था मुझे,,,,,तब टाइम नही था लेकिन अब तो टाइम ही
टाइम है अब निचोड़ूँगी तुझे ऑर लूँगी इस मूसल को चूत ऑर गान्ड मे,,,,तब जाके चैन
मिलना है मुझे ,,,,कल से चूत पानी पानी हो रही है जबसे तेरे लंड को मुँह मे लिया है चैन
नही मुझे ऑर मेरी चूत को,,,,

वो एक हाथ से मेरे लंड को उपर नीचे कर रही थी ऑर साथ ही
अपने सर को भी उपर नीचे कर रही थी ऑर मेरे लंड को मुँह मे पूरा घुसा रही थी मेरे
लंड की टोपी उसके गले के अंदर तक जा रही थी ऑर उसके मुँह से थूक निकाल कर मेरी बॉल्स पर
गिरने लगा था वो मेरी बॉल्स पर अपने हाथ से थूक मल रही थी ऑर बॉल्स को भी सहला रही थी
मैं तो मस्ती मे लेटा हुआ था ऑर मज़ा ले रहा था लंड चुसाइ का ,,,वो कभी लंड को मुँह
मे लेके चूसने लग जाती थी कभी दोनो हाथों पर थूक कर लंड को हाथों मे लेके मूठ
मारने लग जाती ऑर कभी मेरी बॉल्स को मुँह मे भर कर चूसने लग जाती,,,वो करीब 15-20 मिनट
से ऐसे कर रही थी,,,,,,,

रेखा--हे राम इतना टाइम लगता है तेरा पानी निकलने मे,,,,मुझे तो सोच सोच
कर ही खुशी होने लगी है कि जब तू चुदाई करेगा तो कितना मज़ा देगा मुझे एक बार बस
तेरा लंड चूस कर तेरी मलाई खा लूँ फिर तो दूसरी बार चुदाई करते टाइम तेरा पानी निकलने
मे ऑर भी ज़्यादा टाइम लगेगा ऑर चुदाई का पूरा मज़ा आएगा

वो फिर से पागलो की तरह लंड पर
टूट पड़ी ऑर मेरी टाँगो को खोल कर मेरी टाँगों के बीच मे बैठ गई ऑर लंड को फिर
से मुँह मे भर लिया ऑर अपने दोनो हाथों से मेरी टी शर्ट को उपर करके मेरी निपल्स को अपने
हाथों से सहलाने लगी ओह कितना मज़ा आ रह था मुझे बता नही सकता मैं,,,,वो लंड
पर अपने सर को पूरा नीचे तक करती मेरी बॉल्स उसके लिप्स पर लगने लग जाती थी फिर वो ऐसे ही
कुछ पल लंड को मुँह मे गले से नीचे तक लेके जाती ऑर अपने मुँह को वहीं रोके रखती कुछ
देर के लिए इसी बीच वो मेरी छोटी छोटी नीप्पल की घुंडीयों को उंगलियों मे लेके दबाने लग
जाती ऑर मुँह को पीछे करके मुँह मे जमा थूक को लंड पर उगल देती ऑर फिर से लंड को मुँह
मे भर लेती ,,,,

मेरी सिसकियाँ निकलने लगी थी वो समझ गई कि मेरा पानी निकलने वाला है तो
उसने अपने हाथों को मेरी निपल से उठा लिया ऑर एक हाथ से बॉल्स को सहलाते हुए एक हाथ से तेज़ी
से लंड की मूठ मारने लगी ऑर लंड की टोपी पर अपने लिप्स को गोल गोल घुमाने लगी ऑर ज़ुबान से
भी मेरे लंड की टोपी को चाटने लगी कुछ 2 मिनट ऐसा करने से ही मेरे लंड ने पिचकारी
मारना शुरू कर दिया ऑर उसने लंड को मुँह मे भर लिया जब तक मेरे लंड ने सारा पानी उसके
मुँह मे नही निकाल दिया ऑर उसने भी सारा पानी नही पी लिया उसने मेरे लंड को मुँह से नही
निकाला ऑर फिर भी लंड को मुँह मे लेके चुस्ती रही फिर अच्छी तरह लंड को चाट कर सॉफ कर
दिया ऑर अपने लिप्स से जो मेरा स्पर्म बाहर निकाला था उसको भी अपनी ज़ुबान से चाट लिया ऑर मेरी
बगल मे लेट गई,,,,,,

रेखा--कैसा लगा सन्नी मज़ा आया या नही,,,,,,,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे आँख मार दी

मैने भी हंस कर बोला,,,,,,बहुत अच्छा लगा ऑर बहुत मज़ा आया,,,,,,,

क्या तेरी माँ भी इतना मज़े से चुस्ती है,,,,,,,उसने हँसते हुए पूछा,,,,,,

मैने भी जबाव दिया ,,,,,,,,,नही वो इतनी मस्ती से नही चुस्ती जितनी मस्ती से तूने चूसा है
लेकिन एक बात बता तुझे ये सब कैसे पता ,,,,,,ऑर माँ मामा ऑर विशाल तेरे साथ कब्से ये सब

उसने मुझे बीच मे ही चुप करवा दिया,,,,,,,,,,,सन्नी मैं जानती हूँ तेरे मन मे बहुत
सारे सवाल है जितने जवाब तुझे चाहिए लेकिन मैं सही इंसान नही जो तुझे तेरे सारे सवालो
के जवाब दे सकूँ,,वो सही इंसान तेरी माँ है वही तुझे सब बता सकती है ,,मेरे बारे मे
ऑर गीता के बारे मे,,,,,हो सके तो अपने बाप के बारे मे भी पूछ लेना,,,,,,

मैं फिर से टेन्षन लेने लगा,,,,,,,

रेखा--तू परेशान मत हो इतना,,ऑर मज़ा कर मेरे साथ,,,,,,,

एक तो मैं उसकी बातों से परेशान था उसपर से वो दोपेहर की रोशनी मे खेतो के बीच मेरे
साथ ऐसे लेटी हुई थी मेरी डर के मारे गान्ड फटी हुई थी कहीं कोई आ जाता तो क्या होता,,,,

रेखा--क्या सोच रहा है सन्नी,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--यही सोच रहा हूँ कि तू दिन के टाइम मुझे यहाँ लेके आ गई है कोई आ गया तो क्या होगा,,

रेखा--यहाँ कोई नही आता सन्नी तू चाहे जितनी देर मर्ज़ी ऐसे नंगा लेटा रहे,,,,ये जगह किसी को नही
पता कुछ खास लोगो के अलावा ऑर उन खास लोगो को तू अच्छी तरह जानता है,,,,,,उसका इशारा माँ
ऑर मामा की तरफ था,,,,,,वैसे भी इस गाओं मे बहुत कम लोग है सन्नी कोई यहाँ नही आ
सकता कभी तू परेशान मत हो ओर मज़ा कर ऑर मुझे भी मज़ा दे,,,,
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07-11-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
इतना बोलते ही उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर किस करने लगी मैने भी ठीक से उसकी
तरफ करवट ली ऑर किस करने मे उसका साथ देने लगा,,,,हम दोनो खेतो मे घास के उपर एक
दूसरे की तरफ फेस करके लेटे हुए थे ऑर किस कर रहे थे वो भी एक मस्त अंदाज़ से,,मैने
हाथ उसकी गान्ड पर रखा ऑर अपने करीब कर लिया ऑर हाथ को उसकी गान्ड से फेरता हुआ उसकी
मोटी कमर से फेरते हुए उसके पीठ पर ले गया ऑर उसकी पीठ को सहलाने लगा इधर उसने
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाना शुरू कर दिया मैने भी हाथ को उसकी पीठ पर
हर तरफ अच्छी तरह घुमाना चालू कर दिया ऑर फिट पीछे से उसके ब्लाउस के बटन खोलने
शुरू कर दिए ऑर ब्लाउस खुलते ही उसकी नंगी पीठ पर हर तरफ हाथ घुमाता रहा वे मेरे
से एक दम चिपकी हुई थी ऑर उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती से दबे हुए थे तभी वो उठ
कर बैठ गई ऑर अपने हाथों से अपने ब्लाउस को उतारकर साइड मे रख दिया उसका ब्लाउस उतरते
ही मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगा वो साले इतने बड़े
थे कि मेरा सर भी उनके सामने छोटा लग रहा था अब तक तो मैने माँ के ही बड़े बूब
देखे थे लेकिन ये तो माँ से भी कहीं बड़े थे,,,,,,,,,,,

रेखा--ऐसे क्या घूर रहा है मेरे बूब्स को,,,,,,,,शरमा मत ये तेरे है आज से जितना मर्ज़ी मसल
ऑर जितना मर्ज़ी चूस इनको

उसके इतना बोलने की देर थी कि मैं भी जल्दी से उठकर बैठ गया ऑर
उसके बड़े बड़े बूब्स को अपने हाथों मे ले लिया,,,,,साला एक हाथ मे एक बूब तो दूर की बात
थी मेरे तो दोनो हाथों मे एक बूब पूरा नही आ रहा था,,,,,,,

रेखा--क्यू मस्त है ना मेरे बड़े बड़े बूब्स ,,,,,तेरी माँ के भी इतने बड़े नही है,,,,,ऑर होने भी
कैसे थे,,तेरा बाप तो मसलता नही था उनको जितना भी मसला सुरिंदर ने ही मसला है वो
बोलके हँसने लगी

लेकिन मुझे कोई परवाह नही थी अब उसकी बातों की मेरा तो पूरा ध्यान अब
उसके बड़े बड़े बूब्स की तरफ था तभी उसने मेरा सर पकड़ा ऑर अपने बूब की तरफ खींच
लिया ऑर एक ही पल मे उसका एक बूब मेरे मुँह मे था ,,,,बूब क्या बस उसके बूब की घुंडी ही
मेरे मुँह मे थी वो भी काले रंग की इतनी बड़ी थी कि उसकी डुँड़ी का मुक़ाबला मैं सोनिया के अभी
छाती से निकले बूब्स से कर सकता था,,,,जितने सोनिया के बूब्स थे उतनी तो इसके बूब्स की घुंडिया
थी ,,,,मैं पागलो की तरह उसके बूब को चूसने ऑर काटने लगा ऑर दूसरे को अपने हाथ मे लेके
मसल्ने लगा लेकिन वो कहाँ आ रहा था मेरे हाथ मे फिर भी मैं पूरा हाथ खोलकर
अपनी फिंगर्स को भी पूरा खोल कर हाथ को फेला कर उसके ज़्यादा से ज़्यादा बूब को हाथ मे लेने
की कोशिश कर रहा था,,,,,,तभी उसने मेरी पीठ पर हाथ रखे ऑर मेरी टी-शर्ट को उपर उठाने
लगी लेकिन मैं उसके बूब्स से दूर नही हो रहा था तो उसने एक पल के लिए मुझे दूर करने
की कोशिश की ताकि वो मेरी टी-शर्ट उतार सके मैं बूब्स के लिए इतना पागल हो गया था कि खुद ही
जल्दी से पीछे होके एक ही पल मे अपने हाथों से अपनी टी-शर्ट निकाल दी ऑर वापिस उसके बूब्स पर
टूट पड़ा,,,,,,,,,,

रेखा--क्या रे तू तो मेरे से भी ज़्यादा जल्दी मे लग रहा है ,,,लगता है कुछ ज़्यादा ही
अच्छी लगने लगी हूँ मैं तेरे को,,,,,वो हँसने लगी ऑर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी ऑर कुछ
ही पलों मे वो वापिस लौटने लगी ऑर मेरी पीठ पर हाथ रखके मुझे भी अपने उपर खींचती
हुई घास पर लेट गई ऑर मैं उसके उपर चढ़ गया ऑर वैसे ही पागलपन भरे अंदाज़ से
उसके बूब्स को चूसने ऑर काटने लगा साथ ही पूरे हाथ को खोल कर ज़्यादा से ज़्यादा बूब को
हाथ मे लेके ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा वो भी पूरे जोश मे मेरी पीठ पर हाथ घुमा रही
थी,,,,तभी मैने उसके बूब से अपना हाथ उठा लिया ऑर उसके पेट से नीचे हाथ फेरता हुआ
उसकी चूत तक ले गया जैसे ही मेरा हाथ उसके बूब से हटा उसने खुद अपने एक हाथ को मेरी
पीठ से हटा लिया ऑर अपने हाथ से अपने बूब को ज़ोर से मसल्ने लगी ,,मेरे से भी कहीं ज़्यादा
ज़ोर से ऑर दूसरे हाथ से मेरे सर को कस्के अपने बूब पर दबाने लगी,,,,,,मैने भी उसके लहंगे
नुमा पेटिकोट को अपने हाथों से पकड़ कर उपर उठाना शुरू कर दिया इतने मे उसने अपनी
दोनो टाँगो को घुटनो से मोड़ कर उपर उठा लिया जिस से पेटिकोट सीधा उसकी चूत के पास
आके इकट्ठा हो गया ,,,,,उसको साली को मेरे से भी ज़्यादा आग लगी हुई थी तभी तो मेरे से पहले
ही खुद उसने पेटिकोट को उपर उठा दिया था ,,लेकिन मुझे क्या था मैं तो खुद बावला हो गया
था उसकी इस हरकत से ऑर जल्दी ही उसके पेटिकोट के उपर होते ही मेरा हाथ उसकी चूत पर चला गया
था उसने नीचे कुछ नही पहना हुआ था ऑर मेरा हाथ पल भर मे उसकी नंगी चूत पर था
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07-11-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
जो काफ़ी पानी बहा चुकी थी ,,,मैने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया ऑर उंगलियों को
उसकी चूत की लाइन पर उपर नीचे करने लगा लेकिन तभी मेरी उंगलियाँ फिसल कर उसकी चूत के
अंदर घुस गई ऑर मैने भी उंगलियों को एक ही पल मे तेज़ी से चूत मे पेलना शुरू कर दिया
उसकी चूत बहुत खुली थी पता नही कितने लंड निगल चुकी होगी अब तक,,,,

चूत मे उंगली करने से वो मस्त हो गई लेकिन उसको कुछ ऑर ही मंजूर था उसने मेरे चेहरे
को बूब से हटा दिया ऑर मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ नीचे धकेल दिया मैं भी
उसका इशारा समझ गया ऑर जल्दी से उसकी टाँगों के बीच जाके बैठ गया ,,,मैने उसकी चूत को
देखा जो डार्क ब्राउन थी लेकिन उसके बड़े बड़े लिप्स जो चूत का चमड़ा होता है वो बिल्कुल काले
थे ऑर बहुत ज़्यादा लटके हुए थे उसकी चूत नही भोसड़ा था जो किसी बड़ी भेंस के भोस्डे
जितनी खुली हुई थी ,,लेकिन फिर भी मैं पागल हो गया था उसकी चूत देख कर ऑर जैसे ही मैने
उसकी चूत एक चमड़े को हाथ से दोनो तरफ करके चूत को खोला तो अंदर वाला गुलाबी हिस्सा
देख कर ऑर भी ज़्यादा पागल हो गया ऑर कोई देर किए बिना ही अपने मुँह को उसकी चूत पर रख
दिया ऑर एक ही पल मे उसकी चूत ऑर चूत के दोनो लिप्स को मुँह मे भर लिया उसकी चूत काफ़ी पानी
छोड़ चुकी थी जिसको मैने मुँह मे लेके पीना ऑर अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया उसने
भी अपने दोनो हाथों से मेरे सर को चूत पर दबा दिया ,,,,,,,,,,,आआहह तततुउुउउ
त्त्तूऊ ब्बाददाअ त्तीएज्ज्ज्ज हहाइईइ ररीई त्त्ीररीइ माआ न्नईए त्तहिईििकक हहिईीई ब्बूल्ला
तहाअ कच्छूत्टीीई उउम्माररर म्मी प्पाक्का क्क्िल्लाददीई ब्बांन गग्यया हहाइईइ ऊओरर
आपपन्ंनईए म्माम्मा ऊरर ब्बाप्प्प सससी ब्बाद्दा हहत्तहिीियय्यारर ल्ल्लीक्क्क्क्ीई
ग्घहूऊंम र्राहहाअ हहाइईइ,,,,,आज्ज्जज्ज त्तूओ प्प्प्ूउर्रा ंमाज्जा ल्लुउन्नगगीइइ त्तीररीए
ससी ऊओररर प्प्प्ूउर्रा ंमाज़्ज़जा द्दुउन्नगगीइ त्तीररी ककूऊ,,,,,,,,,,,,ब्बाअस्स्स एस्स्सीयी हहिि
म्मास्स्त्तिईइ म्मईए म्मीरीइ प्प्पुउर्रीइ कच्छूत्त क्कूव म्मूउउहह म्मईए बभ्ाअररक्की
कच्छुउस्स्टता ररीएहह आअहह उूुउऊहह हमम्म्मममम
उसकी सिसकियों से मस्ती ज़्यादा हुई तो मैने भी ऑर ज्याद पागलपन से चूत को चूसना शुरू कर
दिया ऑर वो सिसकियाँ लेती हुई मेरे सर को दोनो हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी लेकिन उसकी
सिसकियाँ ज़्यादा देर नही चली ऑर कुछ ही पल मे उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया जिसको मैं
सारा का सारा पी गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहययईए र्राांम क्कीिट्त्न्नाअ त्तीज्ज्ज हहाइईइ त्तूओ ईकककक
ब्बूओंनदडड़ बभिि ज्जायया न्नाहहीी हहूननी दडिईइ ,,,मान ग्ग्य्यी त्तीररी कककूऊ
ब्बाअस्स 5 ममिंनुउठती म्मी हहिि चूवस्स क्कार्र प्पान्नीईिइ ननीककाल्ल ददिईयया म्मेररा
ईट्त्न्ना ज्जाल्लददिई त्तूओ ससूउर्रणनीयददीर्रर बभीी न्नाहहीी पान्नीी नीककाल स्साकका मीरीईई
चूऊऊत कककाा,,,,,,ततुउउ त्तूओ ससूउर्रीन्न्ड्दी र्र सससी बहिि 10 कड्दांम आग्गी हहाई


उसकी साँसे तेज थी ऑर वो उनपे क़ाबू पाने की कोशिश करती हुई साइड मे पड़े अपने ब्लाउस से
अपने माथे से पसीना पोछने लगी लेकिन मैने उसकी चूत से मुँह नही हटाया ऑर ऐसे ही
चूस्ता रहा

,,,,ऊरर क्कीितता च्छुउस्सीग्गा एब्ब तूओ म्मूस्साल्ल ग्घुउस्सा डदीए ऊऊरर
न्ना त्टाद्डप्पा म्मीररी ककूऊ,,,,,,,,,,

,मैने भी उसकी बात सुनी ऑर खड़ा होके पयज़ामा
निकाल दिया ऑर इतने मे उसने भी पेटिकोट निकाल कर साइड पे रख दिया ऑर वापिस लेट गई ऑर मैं
भी जल्दी से उसके उपर चढ़ गया ऑर लंड को हाथ मे लेके उसकी चूत पर रखा ऑर एक ही झटके
मे पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे तभी वो एक दम से उछल पड़ी ऑर चीखने लगी
लेकिन खुद ही अपनी चीख को रोकने के लिए उसने अपने ब्लाउस को अपने मुँह मे भर लिया ऑर
दबी दबी चीखे मारते हुए सिसकियाँ लेने लगी,,,,,,साला इतनी खुली चूत फिर भी चिल्ला रही
है रंडी साली,,,,,आज तू मुझे क्या निचोड़ेगी मैं निचोड़ूँगा तुझे चूत का भोसड़ा बना
दूँगा ऑर गान्ड का भी अच्छी तरह बाजा बजा दूँगा ,,,,,


लंड चूत मे एक ही झटके मे पूरा घुसा घुसा कर मैने तेज़ी से उसकी चूत को चोदना शुरू
कर दिया ऑर सर को नीचे करके एक बूब को मुँह मे भरके चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ मे
लेके मसल्ने लगा,,,,,

तभी कुछ देर बाद उसने मुँह से ब्लाउस निकाला ऑर सिसकियाँ लेते हुए मेरे
सर को हाथों से सहलाने लगी साथ ही हाथों को पीठ पर घुमाते हुए मेरी गान्ड को कस्के
पकड़ कर मुझे ऑर ज़्यादा तेज़ी से चोदने का इशारा करने लगी,,मैने भी स्पीड तेज करदी ऑर
उसकी भी सिसकियाँ तेज होने लगी,,,,,,,,,क्कामिन्नी ईककक बबारर म्मी क्क्ययउउू द्दाल्ला त्ता
प्पूउर्रा द्ढ़हररी द्ढहीररी न्नाहहीी डाल्ल स्साककत्ता त्तहाअ इट्त्न्नीी बभीी क्क्क्यय्याअ
ज्ज्जाल्लदीी त्तिईीई ज्जू म्मीरीइ कच्छूत्त म्मी ग्घहूओद्दी कक्का ल्लुउउन्न्ड्ड़ इट्त्न्नीी ज्जयड्डा
ब्बीररीहममि ससी ग्घुउऊस्साअ ददिईयया ,,,,,ल्लीककीईईईन्न ईकक बात्त हहाइी ददार्र्र्दद्द
क्की स्साटतह ईककक ममित्तहा ंमाज़्जा बहिि आय्या म्मूउज़्झहही ,,,एब्ब ब्बास्स एआसे
हहीी टीज्जिि ससी छूद्द्त्ते ररीह म्मूउज़्झहही ऊओरर जज़ूर ससी द्ड़हाक्का ल्लागगगाआ
ऊरर र्रांन्दडीई ब्बांन्ना क्कार्र छ्छूड्द म्मूउज़्झहहीए आआहह उऊहह
ज़्जब्ब त्टाकक दडील्ल क्काररी कच्छूड्दद म्मूउज़्ज्झहही म्मै ईन्न्न न्नाहहीी ररूक्कनईए
व्वाल्लीइी आज्ज तुऊुज्झहहीए ज़्जब्ब त्टाक ददडील्ल्ल्ल्ल क्काररी चछूड्द म्मूऊऊुज्झहीईई
आअहह उुउऊहह हहययइईई ,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भी पूरी स्पीड
से ऑर जोरदार धक्के से चुदाई करने लगा उसकी साथ साथ उसके बूब्स को भी चूस्ता ऑर
काटता रहा,,,,कुछ देर बाद उसने मुझे उपर से हटने को बोला लेकिन मैं हटने को तैयार नही
था ऑर ऐसे ही तेज़ी से धक्के लगाता रहा मैं करीब 20 मिनट से ऐसे ही धक्के लगा रहा
था इसी बीच उसने मुझे 2-3 बार उपर से उठने को बोला था लेकिन मैं नही उठा था लेकिन
तभी उसने मुझे ज़ोर से धक्का लगा कर उपर से हटाने की कोशिश की ऑर मुझे उसकी चूत से
तेज़ी से बहता हुआ पानी महसूस हुआ शायद चुदाई करते टाइम ही उसका पेशाब निकल गया था
उसको पेशाब ही आया होगा तभी वो मुझे उपर से हटने को बोल रही थी लेकिन मैं मस्ती मे
पागल हो गया था ऑर हटने का नाम नही ले रहा था उसका पेशाब निकल गया तब भी मैं
उसकी चुदाई करने मे लगा हुआ था वो अब ज़ोर लगा कर मुझे नीचे उतारने की कोशिश करने
लगी लेकिन मैने उसके दोनो हाथों को कस्के ज़मीन पर लगा दिया ऑर खुद के बदन को
उपर उठा कर उसके दोनो हाथों पर अपने हाथों का ज़ोर डाल दिया ताकि वो ज़रा भी नही हिल
सके ऑर उपर उठने से मुझे भी स्पीड तेज करने का मोका मिल गया ऑर मैने भी मौका हाथ से
नही जाने दिया ऑर ज़्यादा तेज़ी से उसकी चुदाई करने लगा,,,,,,,

ब्बास्स क्काररर क्काममिन्नीई
हहात्तजजा त्तहूड्दीई द्दीर्ररर बभ्हुत्त् त्तीम्मी हहाइी आप्प्पंनी पपाससस ब्बाद्द्ड़ अमम
क्कार्र ल्लीननाअ आब्ब्ब्भहिी ऊरर बबार्रददाश्हत्त न्नाहहीी हू र्राहहा आहह
हहययइईई ब्बाआस्स क्काररर हहाररामम्मिईिइ ररूउककजाआ ज्जाआअ,,,,,वो मुझे हटाने
की पूरी कोशिश कर रही थी ऑर खुद तड़पति हुई अपने सर को इधर उधर झटक रही थी लेकिन
वो मेरे पूरे क़ाबू मे थी मैं उसको ज़रा सा भी ज़ोर लगाने नही दे रहा था लेकिन तभी मैं
उसके उपर से हट गया ऑर साइड हो गया उसने भी राहत की सांस ली ऑर बड़े प्यार से मेरी तरफ देखा
जैसे मुझे शुक्रिया अदा कर रही हो लेकिन मेरा इरादा कुछ ऑर ही था ,,,,,,,,,,


मैं जल्दी से नीचे तो उतर गया लेकिन फिर जल्दी से उसकी गान्ड से पकड़ कर उल्टा घुमा दिया
उसने कुछ ज़ोर लगाया ऑर मुझे मना भी किया लेकिन मैं नही रुका ऑर जल्दी से उसको उल्टा करके
पैट के बल लेटा दिया ऑर उसकी बड़ी मोटी गान्ड को उपर कर लिया ऑर इससे से पहले वो वापिस पलट
सकती मैं उसके उपर चढ़ गया ऑर एक ही पल मे उसकी टाँगो को खोलकर अपने लंड को उसकी
गान्ड पर रखा ओर तेज़ी से धक्का लगा कर गान्ड मे उतार दिया उसकी एक तेज चीख निकल गई जो
खेतो से बाहर भी किसी को सुनाई दे सकती थी लेकिन मुझे इसकी कोई परवाह नही थी अब क्यूकी
उसके जिस्म ऑर बड़े बड़े बूब्स मस्त गान्ड ने मुझे पागल कर दिया था जिस वजह से मुझे
अब कोई टेन्षन नही थी कोई डर नही था मैं तो मस्ती मे था ऑर इतनी ज़्यादा मस्ती मे था
शायद इसी वजह से मेरा पानी भी नही निकल रहा था,,,,,,,,,,,,


,मैने जल्दी से लंड को उसकी गान्ड
मे घुसा दिया लंड पहले से चूत के पानी से चिकना हो गया था जो बिना किसी रुकावट के एक ही
बार मे फिसल कर पूरा गान्ड की जड़ तक उतर गया था ऑर उसकी चीख निकल गई थी तभी उसने
अपने हाथों को पीछे मोड़ कर मुझे उतारने की कोशिश की ऑर मैने भी जल्दी से उसके दोनो
हाथों को पकड़ कर उसकी पीठ पर लगा दिया ऑर एक ही हाथ से उसके दोनो हाथों को पकड़
लिया ऑर एक हाथ से उसके शोल्डर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड को चोदने लगा,,,,,,

हईईएररीईए हहार्राआंमि ब्बाअस्स्स क्कारररर क्क्क्यययउउूउ जानन्न ल्लीन्नी म्मी ल्लाग्गा
हहुउऊआअ हहाइईइ ,,,हहयइीई गगाल्लत्टीी हहू गगयइ मीररी ससीए ज्जूऊ त्तीररीए ल्लुउन्न्द
क्कूव ननीईच्छूड्दननी क्क्कीी बात्त्त ब्बूल्ल्लीइी ऊओरर त्तीरररी लूवंड्ड क्का प्पान्न्ीी ईककक
ब्बास्स च्छुउस्सायईीी क्कार्रक्की ननीककाल्ल्ल ददिईयय्य्ाआ उउस्स ससी बभीी ब्बादीई गगल्लत्टीीई
हहूओ गगययईी ज्जूओ त्तीररी ससी कचहुूद्ड़ञनी क्कू त्त्य्य्ाआररर हहू गयइिीई म्मीरीई
म्मात्ट मार्रीई गगयइ त्तहिि ज्जू टहीकक म्मूत्तूरर क्कू बभीी क्क्हार्राब हहूननी'
क्का द्द्रराम्मा क्कार्रक्की ससूउर्रििन्न्ड्दीचर्रर क्कीी म्माद्दा ससी तुउज़्ज्झहही ब्बाहनने
ससी य्याहहानं ल्लीक्क्की आयईीी,,,उससणनी म्मानना बहिी क्कीिय्या त्तहा क्कीी अक्कील्लीए
म्मात्त्ट ज्जा म्मायन्न हहीी प्पागगाल्ल त्तहिि ज्जू उउस्स्ककीिई बात्त नाहहीी माननीईिइ हईए
ब्बाआस्स क्काररर ककूउत्ती चहूरर द्दी म्मूउज़्ज्झहही म्मार्र द्दल्लीगगा क्क्कय्य्ाआअ
ऊओररर क्कीिट्टन्न्ना त्तीम्मी एआईसी ब्बीर्रेहममिईिइ ससीए छ्छूड्डीग्गा म्मूुझहहीए
आअहह उुउऊहह हहययइईईईईईईई वो मुझे गालियाँ देने लगी लेकिन
इस टाइम उसकी गालियाँ भी मुझे शहद की तरह मीठी लग रही थी,,,साली ने झूठ बोल कर मामा
की मदद से मुझे यहाँ बुलाया था अब तो साली रंडी की ऐसे चुदाई करूँगा की याद रखेगी
ये मुझे,,,,,,,,,,,,,मैं ऐसे ही तेज़ी से उसकी गान्ड मारता रहा कुछ ही देर मे उसकी गालियाँ बंद
हो गई ऑर मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,,,आहह ऊओरर त्तीज्ज्ज क्काअरर आब्ब्ब ककुउती
ऊरर बभिि ज्जय्याद्दा ज्जूऊओरर ससी द्ड़हाक्का ल्लागगगा म्मीरीइ गाणन्दड़ म्मी पूरा
म्मूओस्साल्ल्ल घहूस्सा आपपन्ना आहह ऊरर त्तीज्ज कारर आब्ब्ब्ब क्कममिन्नी ऊर्रर्ररर
त्तीज्ज्ज मैं समझ गया कि इसको मज़ा आने लगा है वैसे भी कोई ही औरत होगी मोटी ऑर मस्त गान्ड
वाली जिसको मेरे मूसल से मज़ा नही आता ,,,मैं भी तेज़ी से झटके मारने लगा अब मैने उसके
हाथों को भी आज़ाद कर दिया ऑर अपने एक हाथ को उसके पेट के नीचे से खिसका कर उसकी चूत
पर ले गया ऑर तेज़ी से चूत को सहलाने लगा उसने मेरे हाथ को हाटने की कोशिश की क्यूकी वो
मेरा इरादा समझ गई थी मैं उसकी चूत को तेज़ी से सहला कर उसका पानी निकालना चाहता था ताकि
वो जल्दी झड जाए ऑर मैं फिर से उसको तडपा तडपा कर चोद सकूँ उसने मेरे हाथ को हटाने
की कोशिश की लेकिन मैने पूरा ज़ोर लगा कर उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया ऑर मेरा प्लान
काम कर गया ऑर 2 मिनट मे उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मैं नही रुका ऑर तेज़ी से
उसकी गान्ड मारता रहा,,,उसने पानी निकल जाने के बाद अपने सर को ज़मीन पर रख दिया ऑर
मेरे सामने हथियार डाल दिए लेकिन मैं फिर भी उसकी गान्ड को तेज़ी से चोदता रहा ऑर साथ
ही चूत मे भी उंगली करता रहा ,,,,,कुछ देर मे उसने फिर से तड़पना शुरू कर दिया ऑर
खुद की पीठ को हिला कर मुझे उतारने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरी पकड़ उसके शोल्डर
पर पूरी मजबूती से थी ऑर मैं उसको हिलने से रोकने लगा ऑर साथ ही चूत मे उंगली करता हुआ
गान्ड की जबरदस्त चुदाई करता रहा,,,उसने फिर से चिल्लाना ऑर मुझे गालियाँ देना शुरू कर
दिया लेकिन मुझपे कोई फ़र्क नही पड़ा उसकी गालयों का मैं तो मस्ती मे उसकी चुदाई करता रहा
लेकिन अब मेरा भी होने वाला था तो मैने स्पीड ऑर तेज करदी,,,मैं पिछले 40-45 मिनट से
उसको ऐसे ही चोद रहा था पहले प्यार से फिर बेरेहमी से,,,,,


बाअस्स्स क्कार्र हहारराम्मी गगाणन्दड़ ब्भ्ही पफाड्द डाल्लीगगा क्क्य्या अब्ब ज्जाससी
चूत क्कूव पफाड्दा हहाऐईइ गगल्लत्टीईइ हहूओ गययईीी ज्जू त्तीररी क्कूव य्याहहन्न
ल्लीक्की आयईीी व्वहहिन्न ग्घररर म्मी चछूड्द्व्वात्ती त्तूओ म्मीरीई च्चेखही ससूउन
क्कार्र क्कू ट्टू ब्बाक्चानने आ हहीी जत्ता मीररी क्कू ल्लेकककीईईईन्न य्यहन्न्न तटूऊ
क्कूवई बभीी न्नहिी आन्नी व्वाल्लाअ,,,,,,,,हहयईी ररीए ब्बास्स क्काररर आब्ब्ब ऊर्रररर
न्नाहहिि हूता आब्ब्ब म्मीररीए ससीई ,मैं झड़ने वाला था इसलिए स्पीड ऑर ज़्यादा
तेज करदी थी मैने लेकिन उसकी गालियाँ भी तेज होने लगी थी,,,2 मिनट मे मैने अपने लंड के
पानी से उसकी गान्ड को भर दिया ऑर उतर कर साइड मे गिर गया ,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं तेज तेज साँसे लेने लगा ऑर वो भी खुद की साँसों पर क़ाबू पाने लगी थी लेकिन मेरी
तरफ बड़े गुस्से से देख रही थी,,,,,

5 मिनट बाद जब दोनो की हालत ठीक हुई तो मैने उस से पूछा,,,,,,,,,,

सन्नी--कैसा लगा ,,,मज़ा आया या नही मुझे निचोड़ने मे,,,,,,,ऑर मैं हँसने लगा

रेखा--साले कमिने हरामी,,,,इतना बुरा कोई रंडी को भी नही चोदता जितना बुरा तूने मुझे चोदा
है ,,,,ग़लती मेरी है अब तुझे क्या बोलू मैं,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन तूने तो मामा ऑर विशाल का लंड भी लिया है फिर कैसे मेरे लंड को झेल नही पाई तेरी
चूत और गान्ड,,,,,,,,,,,,,

रेखा--उनका लंड इंसानो वाला लंड है तेरी तरह घोड़े का लंड नही उनके पास,,,जान निकाल दी मेरी
तूने,,,,इतना दर्द कभी नही हुआ ,,,,लेकिन एक बात है इतना मज़ा भी कभी नही आया आज तक,,,
ना ही तेरे मामा से ऑर ना ही विशाल से चुदाई मे दर्द हुआ ऑर तेरे बाप से तो कभी भी दर्द
नही हुआ था मुझे,,,,,,,,

मैं फिर से हैरान ,,ये साली तो मेरे बाप से भी चुदवा चुकी है,,,,,कोई पहुँची हुई चीज़
लगती है ये तो,,,,,,,,,

रेखा--अच्छा एक बात बता तुझे कितना मज़ा आया मेरे साथ,,,,,,,,,उसने हँसते हुए पूछा,,,,


बहुत मज़ा आया ,,,,मैने भी उसको जवाब दिया,,,,

रेखा--कितना मज़ा,,,,,,,,माँ जितना या उस से भी ज़्यादा,,,,या फिर गीता जितना मज़ा आया,,,,,,इतना बोलकर
वो फिर से हँसने लगी,,,,,,,,,,,

मैं तो साल हैरान पे हैरान हो रहा था बार बार,,,,,,,,,,तुझे कैसे पता कि मैं गीता भुआ
को भी चोद चुका हूँ,,,,,,,,

रेखा--मुझे सब पता है तू माँ गीता ऑर शोभा को भी चोद चुका है,,,,,ऑर मैं भी सबके साथ
चुदाई कर चुकी हूँ,,,,,,,,,जब भी तेरा बाप गीता के साथ गाओं आता है तो मेरे पास ही रुकता
है 2-3 दिन के लिए,,,,,,,


सन्नी--लेकिन डॅड तो कभी गाओं नही आते,,,,,,,,मैने हैरान होते हुए पूछा,,,,,,

रेखा--तुझे अभी कुछ नही पता बेटा,,,,,तेरी माँ भी जब सुरिंदर के साथ आती है तो हम मिलकर मस्ती
करते है,,,,,,ऑर तेरा बाप भी जब गीता के साथ आता है तब भी हम ऐसे ही इसी जगह मस्ती
करते है,,,बस फ़र्क इतना है तेरी माँ ऑर सुरिंदर तेरे चाचा के घर रुकते है जबकि गीता ऑर तेरा
बाप मेरे यहाँ रुकते है,,,,,,,,,,,विशाल तो यहाँ आ चुका है लेकिन शोभा नही आई अभी तक
उसके लेके आना था लेकिन वो मानती ही नही तेरे बाप के साथ आने के लिए,,उसको अब तेरे मूसल से
प्यार हो गया है,,,,,सील तो बाप से तुडवा चुकी है लेकिन असली मज़ा तेरे साथ करती है,,,,,,वो
हँसती जा रही थी ऑर बोलती जा रही थी,,,,


सन्नी--तुमको इतना सब कैसे पता है हमारे घर के बारे मे,,,,,,,,,,,,,,,

रेखा--मुझे ही नही तेरे घर वालो को भी पता है कि घर मे क्या चल रहा है बस कुछ ही लोग
अंजान है घर मे होनी वाली बातों से लेकिन अब तो वो भी जान गये है उसने मेरी तरफ इशारा
करते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या मतलब ,,,मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,

रेखा--तुझे सब पता है तभी तो तू मामा ऑर विशाल के साथ मिलकर माँ की चुदाई करता है ऑर अब तो
तू भुआ ऑर शोबा को भी चोदता है उनके वो बुटीक पर जाके,,,ऑर भी 2 लड़कियाँ है ना वहाँ
जिनको तू चोदता है,,,,,लेकिन किस्मत खराब है तेरी उनकी चूत की सील भी तेरे बाप ने तोड़ी थी
जैसे शोंभा की तोड़ी थी तुझे तो झूठा ही खाने को मिला है अब तक असली चीज़ नही
मिली,,,,,,वो हर बात के साथ हँसती जा रही थी ऑर मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी,,,,,

सन्नी--तुझे किसने बोला कि शोभा की सील डॅड ने तोड़ी है ऑर उन लड़कियों की भी,,,,,,,,

रेखा--मुझे सब पता है क्यूकी मैं भी तेरे परिवार के साथ शामिल होती हूँ चुदाई समारोह मे
,,,,,,तेरे बाप ने शोभा को नही चोदना था लेकिन जब उसने तेरे भाई विशाल को अपनी ही माँ को
चोदते देखा था तेरे बाप ने तो उसने गीता के माड्ड से उसको फसा लिया ऑर गीता ने भी
उसकी मदद की ऑर शोभा को तैयार किया अपने ही बाप से चुदाई करने को,,,,,लेकिन आज कल शोभा
तेरे मूसल की दीवानी है वो तो गीता ऑर तेरी माँ भी दीवानी है तेरे मूसल की लेकिन गीता को
तेरे बाप से चुदवाना ही पड़ता है ऑर तेरी माँ को भी सुरिंदर का सहारा लेना ही पड़ता है
क्यूकी हर टाइम तो तू उनके लिए हाजिर नही रहता ना,,,,,

मैं तो चक्कर मे पड़ गया था ये साली मेरे ही परिवार के बारे मे मेरे से भी कहीं ज़्यादा
जानती थी,,,इस से सब कुछ उगलवाना होगा तभी पता चलना है कि आख़िर मसला क्या है सारा,,

सन्नी--तू इतना सब जानती है तो ज़रा खुल के बता कि सारी बात क्या है ,,,,,,,,,,,,,

रेखा--नही सन्नी मैं तुझे जो बता सकती थी बता दिया है अब इस से आगे कुछ भी जानना है तो अपनी
माँ से पूछ लेना या अपने बाप से,,,,,,सुरिंदर से भी पूछ सकता है लेकिन वो भी तेरे को
कुछ नही बताएगा तेरे को तेरे माँ बाप से ही पूछना होगा सब कुछ,,,,,,,,मैं सही इंसान
नही जो सब कुछ बता सके तेरे को,,,,,,,,,,

मैने सोचा ये तो साली मान ही नही रही कुछ बताने को इसलिए माँ से ही पूछना पड़ेगा क्यूकी
डॅड से तो मैं डरता ही बहुत था उनसे पूछने की हिम्मत नही थी मेरे अंदर,,,,,,लेकिन मुझे
इस बात की हैरत थी कि डॅड मामा ऑर माँ के बारे मे सब जानते है लेकिन फिर भी चुप क्यूँ है
उन्होने विशाल को भी माँ की चुदाई करते देखा था तभी शोभा की चुदाई का ख्याल आया था
उनके मन मे लेकिन माँ ऑर मामा तो शायद इस बात से भी अंजान थे कि डॅड ओर भुआ को भी
सब पता है उनके बारे मे जैसे माँ ऑर मामा को सब पता है डॅड ऑर भुआ के बारे मे,,,,मुझे
कुछ समझ नही आ रहा था मैं पूरी तरह परेशान हो गया था ऑर तड़प रहा था अपने दिल
मे घूम रहे सवालो के जवाब जानने के लिए लेकिन ये रंडी साली कुछ भी नही बता रही थी,,
कोई बात नही जैसे ये तडपा रही है मुझे अब मैं भी तड़पता हूँ इस रंडी को,,,,

सन्नी--चल छोड़ इन बातों को दफ़ा कर जो होता है होने दे ,,हम लोग क्यू टाइम खराब करे जब
इतनी मुश्किल से टाइम मिला है हमे,,,,इतना बोलते ही मैं उसकी तरफ बढ़ा ऑर उसके लिप्स को अपने
लिप्स से किस करने लगा लेकिन उसने मुझे साइड कर दिया ऑर खुद भी दूर हो गई,,,,

रेखा--ना बाबा ना अब ऑर नही करना मुझे,,,,तूने पहले ही जान निकाल दी है मेरी अब ऑर ज़्यादा
करूँगी तेरे साथ तो पक्का मार ही डालेगा तू मुझे,,,,,,,,वो अपने कपड़े उठाने लगी

मैने जल्दी से आगे बढ़के उसके हाथों से कपड़े छीन लिए ,,,,,,,,अच्छा बाबा मत कर कुछ
तूने चुदाई नही करनी तो मत कर लेकिन मेरे लंड का तो कुछ कर्दे ये देख फिर से तेरी मस्त
चूत ऑर मोटी गान्ड मारने के लिए कैसे औकात मे आ चुका है,,,,इसका तो कुछ कर्दे,,,,,

उसने आँखें फाड़के मेरे लंड को देखा,,,,,,,,हयी राम अभी इतनी बेरेहमी से इतनी लंबी
चुदाई करने के बाद इतनी जल्दी फिर से तैयार हो गया ये ,,,,सच मे किसी इंसान का नही घोड़े
का लंड है ये,,,,,

सन्नी--चल बातें बंद कर ऑर कुछ कर इसका वेर्ना मैने फिर से शुरू हो जाना है,,मैने हल्का सा
आगे बढ़ते हुए बोला,,,,,,

रेखा--ना बाबा ना तू आगे मत बढ़ मैं कुछ करती हूँ इसका,,,वैसे भी मुझे चुदाई नही करनी
ऑर तेरे साथ,,,लेकिन तेरे मूसल का पानी निकाल देती हूँ अगर ज़्यादा ही आग लगी हुई है तेरे
अंदर,,इतना बोलते ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर मूठ मारने लगी ऑर मुँह को लंड
के उपर करके ढेर सारा थूक उगल दिया लंड पर फिर हाथों पर भी थूक लगा कर अच्छी
तारह से चिकना करके मेरे लंड को सहलाने लगी,,,मैं आराम से लेट गया ऑर वो मेरे लंड को
मूठ मारने लगी,,,उसके हाथ मेरे लंड की पूरी लंबाई जितने उपर नीचे होने लगे थे ऑर
उसके हाथों की स्पीड भी तेज थी तभी मैने उसकी तरफ देखा ऑर उसको लंड मुँह मे लेने को
बोला तो उसने भी झुक कर लंड को मुँह मे ले लिया ऑर दोनो हाथों से लंड को सहलाते हुए जितना
लंड बाकी बचा था उसको मुँह मे लेके चूसने लगी लेकिन मैने उसके हाथों को पकड़ा ऑर अपने
लंड से हटा दिया ऑर उसके सर को पकड़ कर अपने लंड पर नीचे दबा दिया जिस से मेरा लंड
उसके गले से नीचे तक चला गया उसने उपर होने की कोशिश की लेकिन मैने उसके सर को कुछ
देर ऐसे ही पकड़े रखा उसकी आँखें बाहर निकल आई थी ऑर पूरी ज़ुबान भी मेरा लंड पूरा
उसके मुँह मे था उसके लिप्स मेरी बॉल्स को टच कर रहे थे,,,,तभी उसने हल्के से खांसना
शुरू कर दिया तो मैने भी उसने सर को अपने हाथों से छोड़ दिया ऑर उसने जल्दी से अपने सर
को उपर उठा लिया,,,,,,,

रेखा--कमिने अब गले की भी माँ चोदेगा क्या,,,चूस रही हूँ तो चूसने क्यूँ नही देता तुझे
पानी निकलवाना है या नही,,,,,मैं चुप रहा ऑर जल्दी से उसके सर को पकड़ कर वापिस अपने
लंड पर झुका दिया ऑर उसने भी मुँह खोल कर लंड को मुँह मे ले लिया ऑर मैने फिर से सर को
उपर नीचे करना शुरू कर दिया लेकिन इस बार ज़्यादा नीचे तक नही किया वो खुद ही अपने मुँह
को खोल कर सर को नीचे तक ले जाती जिस से मेरे लंड की टोपी उसके गले से अंदर चली जाती जब
उसने खुद ही मस्ती मे चूसना शुरू कर दिया तो मैने उसके सर को छोड़ दिया ऑर आराम से लेट
गया ऑर मज़ा लेने लगा लेकिन कुछ ही पलों मे उसने लंड को मुँह से निकाल दिया मेने उसकी तरफ
देखा तो वो अपने दोनो बूब्स को हाथ मे लेके सर को झुका कर अपने मुँह मे जमा थूक को
बूब्स की लाइन मे थूक रही थी मैं अभी कुछ समझा भी नही था कि उसने झुक कर अपने
बूब्स की लाइन मे मेरे लंड को पकड़ लिया ऑर फिर से उपर से थूक दिया ऑर अपने दोनो हाथों
से बूब्स ऑर उपर नीचे करके मेरे लंड की मूठ मारने लगी वो भी अपने बूब्स से ,,बूब्स पर
ऑर लंड पर बहुत सारा थूक लगा हुआ था ऑर लंड फिसल फिसल कर बूब्स की लाइन मे उपर नीचे'
हो रहा था मुझे ऐसे लग रहा तह जैसे मैं किसी टाइट चूत की चुदाई कर रहा हूँ लेकिन
से मज़ा उस से भी कहीं ज़्यादा था,,वो लंड को कस्के अपने बूब्स मे दबा कर तेज़ी से बूब्स को
उपर नीचे कर रही थी ओर जितना लंड बूब्स से बाहर रह जाता था वो उसको मुँह मे लेके चूसने
लग जाती मुझे एक साथ 2 तरह का मज़ा आ रहा था चुदाई का भी ऑर चुसाई का भी,,,,,मेरे लिए
ये नया अनुभव था चुदाई करने का ऑर ये अनुभव बहुत मस्त था जिसने मुझे भी मस्त कर
दिया इतना मस्त कि मैं जल्दी से उठा ऑर उसके कस्के बाहों मे पकड़ा ऑर ज़मीन पर गिरा लिया
ऑर इस से पहले वो कुछ समझती मैने उसके उपर चढ़ कर लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया
उसने अपने मुँह को खोला ही था चिल्लाने के लिए तो मैने अपने लिप्स को उसके लिप्स मे जाकड़ दिया
ऑर उसके लिप्स को चूसने लगा ताकि उसकी चीख नही निकल सके ऑर मैं कामयाब हो गया मैं उसके
लिप्स को चूस्ता हुआ उसके हाथों को ज़मीन पर दबा कर लंड को चूत मे डालके तेज़ी से उसकी
चुदाई करने लग गया वो रोने लगी थी उसकी आँखों मे आँसू आ गये थे लेकिन मैने उसकी
कोई परवाह नही की ऑर जबरदस्त तरीके से उसको चोदता रहा,,जैसे पहले चुदाई की थी ,,,,

मैने उसकी चूत भी मारी ऑर गान्ड भी वो बस तड़पति रही ऑर मुझे गालियाँ देती रही लेकिन
मैं फिर भी उसकी चुदाई करता रहा करीब 30 मिनट तक,,,इस दौरान वो 2 बार झड़ी थी,,,

फिर जब मैने उसको छोड़ा तो उसने जल्दी से उठकर तेज़ी से साँसे लेते हुए अपने कपड़े पहनना
शुरू कर दिए ताकि मैं फिर से उसकी चुदाई नही कर सकूँ,,,,ऑर मैं उसको देख कर हँसने लगा
था,,,उसने जल्दी से कपड़े पहने ऑर वहाँ से घर की तरफ चली गई जबकि मैं अभी तक तेज़ी से
साँसे ले रहा था,,फिर मैने भी कपड़े पहने ऑर उसके घर की तरफ चल पड़ा,,,,पीछे दरवाजे
से अंदर जाके मैने दरवाजा बंद किया ऑर उसको देखने के लिए उसके कमरे मे चला गया,,,घर
तो छोटा सा ही था बस 2 कमरे एक रसोई ऑर साइड मे एक बाथरूम बना हुआ था लेकिन इसका घर
पूरी तरफ़ से कवर था पूरे घर पर छत थी खुला अंगान नही था,,एक रूम को लॉक लगा हुआ
था जबकि एक रूम खुला था मैं उसी रूम मे चला गया ,,,,देखा तो वो बेड पर लेटी हुई थी
उसका रूम भी काफ़ी अच्छा लग रहा था,,काफ़ी सॉफ सुथरा था ,,,वो बेड पर लेटी हुई मेरी तरफ़ गुस्से
से देख रही थी,,,,मैं हँस कर उसकी तरफ देख रहा था,,,,,,,,

रेखा--यहाँ क्यू आया है अब ,,,,,जा यहाँ से ,,,,

गुस्सा क्यू करती है मेरी जान ,,,,,कोई ग़लती हुई क्या मेरे से,,,,,,मैने हंस कर पूछा
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