Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-10-2019, 07:20 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह उठा ऑर नाश्ता करके कॉलेज की तरफ चल पड़ा तभी रास्ते मे सोनिया का फोन आ गया,,,,,

सोनिया-हेलो सन्नी मुझे भी अपने साथ कॉलेज लेके जाना आज कविता को कॉलेज नही जाना है,,,,,,,,,,,,,,,
मैं भी सीधा कविता के घर के बाहर पहुँचा गया,,,,,,,,,,,,वहाँ सोनिया पहले से बाहर खड़ी हुई थी कविता भी उसके साथ थी बट कविता कुछ उदास लग रही थी ऑर ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत ज़्यादा रोई हुई थी,,,,,,,,

मैं-हाई कविता ,,,,,,उसने भी मुझे उदासी भरी आवाज़ मे हल्के से हाई बोला ऑर अंदर चली गई सोनिया मेरे साथ आके बैठ गई लेकिन सोनिया ने मुझे नही पकड़ा बल्कि बाइक की सीट को पकड़ कर बैठ गई,,,,,,,,,,,मैं सोनिया से कविता के बारे मे बात करना चाहता था जैसे ही मैने कुछ बोलने के लिए मुँह खोला तो मेरे से पहले सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,,,,,

सोनिया-सन्नी मुझे आज कॉलेज नही जाना तू प्लज़्ज़्ज़ कहीं ऑर ले चल मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-क्या हुआ सोनिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;कुछ नही सन्नी बस मूड थोड़ा ठीक नही है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं;-कविता के घर मे कोई प्राब्लम है क्या ,,,,,,

सोनिया-; हाँ सन्नी तभी तो मैं कल से वहाँ थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-; क्या प्राब्लम है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;वो तेरा जानना ज़रूरी नही है,,,,,,,सोनिया गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं चुप हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सोनिया-; सॉरी सन्नी मेरा वो मतलब नही था मैं जस्ट कविता की वजह से बहुत परेशान हूँ तभी तो तेरे पर गुस्सा
हो गई तू प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे कहीं ऐसी जगह ले चल जहाँ मेरा मन थोड़ा बहल जाए,,,लेकिन मुझे माल
या मूवी नही देखने जाना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-; इट्स ओके सोनिया,,,जनता हूँ तुम कविता की वजह से टेन्षन मे हो तुम
आराम से बैठो मैं तुमको माल या मूवी के लिए नही बल्कि पार्क मे लेके चलता हूँ जहाँ तुम्हारा मन
बहल जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं सोनिया को पार्क मे ले गया,,,,,,,,,,वहाँ बहुत सकून था सुबह का टाइम था
तो ज़्यादा रश नही था क्यूकी ज़्यादातर रश शाम के टाइम होता था,,,लेकिन अभी भी कुछ लवर्स थे यहाँ
पर जो हाथों मे हाथ डालके घूम रहे थे,,,,,,,,,,,,,,,मैं ऑर सोनिया पार्क मे 2 टेबल्स पर जाके बैठ गये
जो एक कॉर्नर पे अलग थलग जगह पर पड़े हुए थे,,,,,,,,,,,,,,,,,सोनिया कुछ उदास थी,,,,,,,,मैने उसका मन
बहलाने की कोशिश करते हुए उसको जोक्स सुनाने शुरू किए ,,मैं अक्सर उसको हँसाने के लिए उसको जोक्स सुनाता
था जिस से उसको बहुत खुशी होती थी,,,,,,ऑर अब भी जोक्स का असर होने लगा था ऑर वो हँसने लगी थी,,वो इतना
ज़ोर से हँसने लगी थी मेरे जोक्स पर कि आस पास के लोग जो आस पास नही थे कुछ दूर थे उनको भी सोनिया की
हँसी सुनाई देने लगी थी,,,,,,,,,,,,,,सोनाई ने देखा कि लोग उसके ऐसे पागलों की तरह हँसते देख रहे थे तो वो चुप
हो गई ऑर शरमाने लगी उसका एक दम से शरमाना मुझे बहुत अच्छा लगा ऑर मैं एक टक उसको देखने लगा,,,उसने
मुझे ऐसे उसकी तरफ घूरते देखा तो उसकी नज़रे झुक गई ऑर उसका शरमाना ऑर भी हसीन हो गया,,,इतनी बात
तो थी कि अब वो कविता के घर की टेन्षन को भूल चुकी थी ऑर खुश थी,,,,,,,,,,,,,,


सोनिया-भाई ऐसे मत देखो मुझे अच्छा नही लगता,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं फिर भी उसको देखता जा रहा था,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसे मत देखो ना,,,,,वरना मुझे गुस्सा आ जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,मैं फिर भी उसको देखता जा रहा था,,
तभी वो उठी ओर मेरे पास आ गई ओर मेरे साथ मेरे टेबल पर बैठ गई ओर आते ही उसने मुझे एक थप्पड़
मारा लेकिन ज़्यादा ज़ोर से नही मैं डर गया था कहीं इसको गुस्सा तो नही आ गया था ,,,,मैं हैरान भी हो गया
था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तभी वो बोलने लगी,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसा क्यू होता है जब भी मैं उदास होती हूँ तो आपके साथ रहने से मेरी उदासी दूर हो जाती है,,,,कल से
मैं कविता क घर पर हूँ ऑर एक बार भी मेरे फेस पर हल्की सी स्माइल नही आई ऑर आपके साथ होते ही मैं इतना
ज़्यादा खुश होने लगी हूँ इतना ज़्यादा हँसने लगी हूँ कि लोग भी मुझे पागल समझ रहे है,,,,ऐसा क्यू है भाई,,,,,,,,,,,

मैं-क्यूकी मैं तेरा भाई हूँ,,,भाई कम ऑर दोस्त ज़्यादा,,,जो तेरी हर बात को समझता है,,ऑर तेरे इस मासूम
चेहरे पर उदासी नही देख सकता ऑर तुझे खुश करने क लिए कुछ भी कर सकता है,,,,,,,,

सोनिया-इतने ही अच्छे भाई हो ऑर इतनी फिकर करने वाले दोस्त हो तो घटिया हरकते करके ऐसे रिश्ते को खराब क्यूँ करते हो भाई,,,,,,,,,,,,क्यूँ ऐसे अजीब नज़रो से देखते हो मुझे कि मुझे ही अपने आप पर शरम आने लग जाती है,,
क्यू करते ही ऐसा भाई,,,,,क्यू अपनी बेहन को ,,अपनी एक ऐसी दोस्त को जिसकी तुम बहुत ज़्यादा फ़िक्र करते हो कि उसको हर्ट करने वाले इंसान को भी जान से मारने की कोशिश करते हो,,,,,,,,,उस दिन उन लोगो को इतनी बुरी तरह से
मारा तुम ने जिन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा था ,,,ऑर एक तरफ रात को खुद ऐसी हरकत,,,,,,,,,,,,,कहते हुए ही सोनिया चुप हो गई,,,,,,,,,,,

मैं-;तेरे को कोई हाथ लगाएगा तो मैं उसकी जान ले लूँगा सोनिया,,,मैं तुझे बहुत लाइक करता हूँ जानता हूँ मैं
तेरा भाई हूँ ऑर जो हरकते मैं करता हूँ वो ग़लत है लेकिन क्या करूँ तुझे देखता हूँ तो मेरे होश गुम
हो जाते है ,,,,तू इतनी अच्छी लगती है कि मैं ये भी भूल जाता हूँ कि तू मेरी बेहन है,,पता नही क्या हो जाता
है मुझे,,,,,,,,,इतना बोल कर मैने हिम्मत की ऑर सोनाई के हाथ पर हाथ रख दिया जो उसकी टाँगो पर पड़ा
हुआ था,,,,,,,,

सोनिया ने जल्दी से अपने हाथ को हटा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसा नही करो प्लज़्ज़्ज़ हम भाई बेहन है,, ऐसा करना ग़लत है,,ऐसा करके तुम क्यूँ भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर रहे हो,,,,तुमको शरम क्यू नही आती भाई मेरे साथ ऐसा करते हुए,,,,,,,,कुछ तो सोचो अपने इस रिश्ते के बारे मे,,,,,,,,,,

मैं-;मुझे कुछ नही सोचना ऑर ना कुछ समझना है,,,,,जब भी तेरे करीब आता हूँ खुद बा खुद तेरी तरफ
खिंचा चला आता हूँ,,,,दिल ऑर दिमाग़ काम करना बंद कर देते है,,,जानता हूँ ये ग़लत है लेकिन फिर
भी ना जाने क्यूँ मुझे ये सब ग़लत नही लगता जब भी तुम मेरे करीब होती हो,,ना जाने क्यू,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ये ग़लत है,,,,तुम खुद पर क़ाबू करो,,,,दुनिया क्या कहेगी अगर किसी को पता चलेगा,,,,,,,,,,

मैं-;किसको पता चलेगा,,,,,,,,,ऑर दुनिया की टेन्षन मत लो तुम,,,दुनिया मे पता नही कितने भाई बेहन ऐसे है
जो ये सब करते है,,,,,,,,,,कयि भाई बेहन तो शादी करके पति पत्नी की तरह रहते है,,,,,,,,,,

सोनिया-;तुमको कैसे पता,,,,,,,

मैने बहुत सारी स्टोरी रीड की है राजशर्मास्टॉरीज पर,,,,,,,,,,,

सोनिया-;ये राजशर्मास्टॉरीज क्या है भाई,,,,,,,,,

मैं-;ये एक सोशियल साइट है,,जहाँ बहुत सारी स्टॉरीज पड़ी हुई है,,,,,,,इन्सेस्ट स्टोरीस,,,जिसमे भाई बेहन को,,,,,बेटा
माँ को,,,,,,,बाप बेटी को ऑर पता नही कॉन कॉन किस किस के साथ ये सब करता है,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई वो स्टोरी झूठ होती है,,,भला कॉन भाई अपनी बेहन को ऑर कॉन मा अपने बेटे से ऐसी गंदी हरकत कर
सकती है,,,,,मुझे तो सोच कर भी गुस्सा आ रहा है,,,,,,,,,,

मैं-;तेरे को गुस्सा आने से क्या होगा,,,,,,जो सच है सो है,,,,,,,,,,,,,,,,,वहाँ आने वाले हर राइटर मे से हर कोई
झूँठा नही होता,,,,,,,,,,,,कुछ सच्चे भी होते है जो अपनी रियल लाइफ स्टोरी लोगो के साथ शेयर करते है,,लेकिन वो
लोग अपनी पहचान छुपा लेते है,,,,,,,,,,ऑर तुमको क्या पता हो सकता है अपने पड़ोसी ही ऐसे हो जो घर मे ही
ऐसी हरकते करते हो,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ये लिखी पढ़ी बातों पर यकीन नही करो तुम,,,,,,,,,

तभी मुझे पता नही क्या हुआ,,,,,मैं एक दम से बोल पड़ा,,शायद मे जोश मे था ऑर सोनिया को किसी भी तरह
से मनाना चाहता था,,,,,,,,,,,,,स्टोरी पर नही लेकिन मेरी आँखों देखी पर तो यकीन कर सकती हो,,,,,,,,,

सोनिया हैरत भरी नज़रो से मुझे देखने लगी,,,,,,क्या बोल रहे हो तुम भाई,,,,,,

मैं कुछ पल खामोश रहा,,,,,,साला ये क्या बोल गया सोनिया को,,,,,अब क्या बोलूं इसको मैने किसको देखा है,,,
इसको फसाने के चक्कर मे किसकी चुदाई का भंडा फोड़ दूँ मैं,,,,,,,,अपना ऑर शोभा का बता दूँ,,
नही नही,,,,,तो फिर माँ ऑर मामा का,,,,,,,,,,,,,,,,नही वो भी नही,,,,,,,,,,तो क्या इसको डॅड ऑर बुआ के बारे मे
बता दूँ,,,,,,,,,,,क्या करूँ यार कुछ समझ नही आ रहा,,,,घर वालो की सारी पूल खोल दी तो पता नही ये
घर जाके क्या करेगी,,,,,,कहीं घर मे झगड़ा शुरू कर दिया तो,,,,,,,,

सोनिया-;बोलो सन्नी चुप क्यूँ हो गये,,,,,,,,,तुमने किस भाई बेहन को ऐसी घटिया हरकत करते देखा है,,,,मुझे भी
पता चले कॉन है ऐसे घटिया भाई बेहन जो ऐसी नीच हरकत कर सकते है,,,,,

मेरे को साँप ही सूंघ गया था,,,वो बोल ही इतने गुस्से मे रही थी,,जैसे अभी मैं इसको बता दूँगा तो ये
जाके उनको गोली मार देगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-है कोई ऐसे भाई बेहन जो एक दूसरे के साथ मस्ती करते है,,,,,,,

सोनिया-;छ्ह्हि सन्नी,,,,ऐसी घटिया हरकत को मस्ती का नाम मत दो,,,मुझे तो सोच कर भी गुस्सा आने लगा है कि
भाई बेहन ऐसा कैसे कर सकते है,,,,,

मैं-सोनिया ये सब ग़लत है मैं जानता हूँ,,,,लेकिन मैने अपनी आँखों से देखा है,,,पहले मेरे लिए भी यकीन
करना मुश्किल था ,,,लेकिन जब उनकी बातें सुनी तो यकीन हुआ ,,,,,,भाई अपनी बेहन को खुश कर रहा था
ताकि उसकी बेहन कहीं बाहर जाके ऐसा वैसा कुछ ना करे,,,

सोनिया-;बाहर जाके मतलब,उसकी बेहन बाहर किसी के साथ ऐसी गंदी हरकत करती थी क्या,,,,,,,,,

मैं-;नही सोनिया की तो नही थी लेकिन उसको डर था ,,क्यूकी सोनिया जब लड़का ऑर लड़की जवान हो जाते है तो उनको अपने पर क़ाबू पाना मुश्किल हो जाता है ऑर अक्सर वो जवानी मे कोई ना कोई भूल कर जाते है जिस से ना सिर्फ़ उनकी बल्कि उनके परिवार की भी बदनामी हो जाती है,,,,,लेकिन अगर वो लोग घर मे ही ऐसी हरकत करते है वो भी बंद
कमरो मे तो बाकी दुनिया तो दूर की बात उनके पड़ोसियों तक को ऑर तो ऑर उनके साथ वाले रूम मे सोने वाले
बाकी लोगो को भी कानों कान खबर नही होती,,,,,,,,,,वो लोग अपनी मस्ती भी कर लेते है ओर अपनी चढ़ती जवानी
के जोश को क़ाबू करने का तरीका भी मिल जाता है ऑर साथ-2 बदनामी का डर भी नही रहता,,,,,,,,

सोनिया चुप चाप मेरी बातों को सुन रही थी,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या हुआ सोनिया किस सोच मे पड़ गई,,,,,,,,,,,

सोनिया-;कुछ नही सोच रही हूँ क्या ये सच है,,,,ऑर क्या कोई बेहन भाई ऐसी हरकत ,,,,,,छि मुझे तो सोचना भी
अजीब लग रहा है,,,,,,

मैं-लेकिन सोनिया ये,,,,,,मैने बोलना शुरू ही किया था कि सोनिया ने मुझे चुप करवा दिया,,,,,,,,अब इस टॉपिक पर कोई
बात नही करना तुम,,,वर्ना मैं थप्पड़ लगा दूँगी तेरे ब्लककी,,,,वो गुस्से मे थी इसलिए मैं चुप हो गया

सोनिया-;तेरे को ऐसे घटिया टॉपिक के लिए चुप रहने को बोला है बाकी बातें तो कर सकता है,,,,,,,,,,,

मैंफिर भी चुप रहा,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;चल फिर उठ घर चलते है अगर तूने इस घटिया टोपीक के अलावा कोई बात नही करनी तो,,,,,,,,,,,,

मैं चुप चाप उठ गया,,,मुझे इस सोनिया पर गुसा आ रहा था साली ने कलपद कर दिया
मेरे साथ ,,,मैं सोच रहा था ये मेरी बातों मे आके बोतल मे उतर जाएगी लेकिन इसने तो सॉफ सॉफ मना
कर दिया कि इस टॉपिक पर बात ही नही करनी लेकिन एक बात अच्छी हुई थी थोड़ी बहुत ही सही लेकिन सोनिया ने मेरी बात चुप रहके सुनी तो थी,,,अब सब कुछ सुन कर उसकी ज़ुबान पर तो गुस्सा था लेकिन दिल मे क्या था ये नही पता
चल रहा था पता करने का एक ही तरीका था कि इसको फिर से उसी टॉपिक पर बात करने के लिए शुरू किया जाए
पर अब मेरी हिम्मत नही हो रही थीउसी टॉपिक पर बात करने की साली ने थप्पड़ की धमकी जो दी थी ऑर अगर
मैं कुछ बोलता उस बारे मे तो ये इसी पार्क मे सबके सामने मेरे को थप्पड़ रसीद कर देती साली का गुस्सा ही
इतना ज़्यादा था,,,,,,मैं चुप चाप सोचते हुए बाइक की तरफ चलने लगा,,,,,मैने बिके स्टार्ट की ऑर सोनिया मेरे
साथ बैठ गई अबकी बार उसने फिर से मुझे नही पकड़ा था बाइक की सीट को ही पकड़ा था,,,,,मैं भी बाइक
चला कर घर की तरफ बढ़ने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,


अभी मैं घर के गाते पर ही पहुँचा था कि तभी मुझे करण का फोन आ गया,,,,,,उसने मुझे थॅंक्स बोला
कि मैने उसकी शिखा दीदी को समझा दिया है ओर वो अमित से नफ़रत करने लगी है,,,करण बहुत खुश था इस बात
पर ऑर मुझे बार बार थॅंक्स बोल रहा था,,,,,,,,,मैने फोन बंद किया तब तक सोनिया गेट से होते हुए मैन
दरवाजे तक पहुँच गई थी,,,उसने बेल बजाई बट 2 मिनिट तक कोई नही आया,,,,,,,,मुझे पता था माँ ऑर
मामा जी लगे होंगे अंदर अपने खेल मे,,,,,,,,,,सोनिया ने गुस्से मे हाथ को बेल पर रखा ऑर तब तक बजाती रही
जब तक माँ अंदर से दरवाजा खोलने नही आ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;क्या माँ कितनी देर से बेल बजा रही हूँ आप खोलती क्यू नही,,कहाँ बिज़ी रहती हो इतनी देर,,,,,,,,,,,,,,

माँ ने मेरी तरफ़ देखा ऑर बोली,,बेटा मैं ज़रा सा किचन मे बिज़ी थी,,,,,,,,,,,

सोनिया-;मामा कहाँ है माँ वो नही खोल सकते क्या दरवाजा जब देखो घर पे वहले
इधर उधर घूमते रहते हैं,,उसको बोला करो दरवाजा खोलने को,,इस से पहले माँ कुछ बोलती सोनिया गुस्से से
घर के अंदर चली गई,,,,

माँ अभी भी दरवाजे पर खड़ी हुई थी,,,,,,,,,,,,,मैं दरवाजे के पास गया तभी माँ बोली,,,,,,,,,,,,,,बेटा तू मुझे फोन नही कर सकता था क्या कि सोनिया को घर लेके जल्दी आ रहा है तो मैं ऑर मामा जल्दी से काम ख़तम कर लेते,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या करता माँ सोनिया के होते फोन कैसे करता,,,सॉरी माँ

माँ-;चल कोई बात नही अब अंदर चलो,,,,,तब तक सोनिया उपर जा चुकी थी सोनिया क जाते ही मैने मामा को
माँ के रूम से बाहर आते देखा,,,,,,,,,,,,,,मामा चुप चाप जाके सोफे पर बैठ गया ऑर माँ अपने रूम मे
चली गई,,मैं भी अपने रूम मे चला गया,,सोनिया बाथरूम मे थी ऑर मैं अपने बॅग से लप्पी निकालकर
अपने बेड पर लेट गया ऑर टाइम पास करने के लिए गेम खेलने लगा,,,कुछ देर बाद सोनिया बाथरूम से निकली
ऑर चुप चाप बेड पर बैठ गई,,,,,हम लोग ऐसे ही काफ़ी देर बैठे रहे ना उसने कोई बात की ऑर ना मैने,,,,


काफ़ी टाइम बाद जब मैं लप्पी से फ्री हुआ तो देखा वो सो चुकी थी मैने भी लप्पी साइड मे रखा ऑर नीचे
चला गया,,,,,,,,,,,,मामा अभी भी सोफे पर बैठा हुआ था जबकि माँ अपने रूम मे थी शायद क्यूकी मैं
किचन मे पानी लेने गया तो माँ वहाँ नही थी ,,,,,,मैं भी मामा के पास जाके बैठ गया,,,,,,मामा मेरा
आलसी बंदा था बात भी कम ही करता था,,जितना मतलब हो या ज़रूरी हो उतना ही बोलता था,,,,,मैं भी चुप
चाप टीवी देखने लगा,,,,,,,,,,,,मैं बोर होने लगा था तो सोचा क्यूँ ना कह बाहर चला जाए,,,मैने
बाइक ली ऑर घर से चला गया,,,क्यूकी घर पर रहके बोर ही होना था,,,सोनिया घर पर थी तो माँ के साथ
चुदाई करना भी मुश्किल था लेकिन दिल तो बहुत था चुदाई करने को तो मैं बुआ के बुटीक पर चला गया,,
बुटीक खुला हुआ था ,,मैं सीधा अंदर चला गया,,,,,,,,बुआ सामने बैठी हुई थी ऑर साथ ही पूजा भी
थी लेकिन मनीषा नज़र नही आ रही थी,,,,शोबा दीदी तो आती ही शाम को थी कॉलेज से,,,,,,,,,

बुआ-;अरे तुम आज कॉलेज नही गये सन्नी,,,बुआ ने बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;नही बुआ आज दिल नही किया सोचा बुआ के पास चलता हूँ थोड़ा टाइम पास हो जाएगा,ऑर मस्ती भी हो जाएगी,,,,,मेरी बात सुनके पूजा हंस कर मेरी तरफ देखने लगी,,,लेकिन बुआ मेरे वहाँ आने से खुश नही लग रही थी,,,,,,,,,,

मैं-,बुआ आज मनीषा कहाँ है नज़र नही आ रही,,,,,,,,,,,,,

बड़ा याद कर रहे हो मनीषा को सन्नी सर,,,,,पूजा ने मज़ाक मे हँसते हुए बोला,,,,,,

तभी बुआ ने उसकी तरफ़ देखा ऑर वो चुप चाप काम करने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;बेटा उसकी तबीयत ठीक नही है वो उपर आराम कर रही है ,,,,,,,,,,

मैं-क्या हुआ उसको बुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;बोला ना बेटा उसकी तबीयत ठीक नही है,,,

मैं-;बुआ क्या मैं एक बार उसको मिल सकता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;नही बेटा वो आराम कर रही है तुम अभी जाओ शाम मे आके मिल लेना ऑर तुमको जिस काम के लिए मिलना है मैं सब जानती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-जानती हो तो मिलने दो ना एक बार बुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;नही सन्नी ऐसे ज़िद्द मत करो मैने बोला ना अभी तुम जाओ शाम मे आके मिल लेना तब तक आराम करने से तबीयत शायद ठीक हो जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,बुआ हल्की सी डरी हुई थी ऑर उसके बोलने के अंदाज से लग रहा था जैसे वो गुस्से मे मुझे ऑर्डर दे रही थी,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;,ठीक है बुआ तो पूजा से बात करने दो थोड़ी देर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;हाँ पूजा से बात कर सकते हो तुम सन्नी,,,,,जाओ बैठो ऑर आराम से बात कर्लो पूजा के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;यहाँ नही बुआ उपर जाके आराम से,,,,,,,,

बुआ-;,नही सन्नी यही बात करो जो करनी है उपर नही जाना अभी पूजा को ,,,बहुत काम है आज पूजा के
पास,अभी भी बुआ मुझे ऑर्डर ही दे रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;ठीक है बुआ आप लोग काम करो मैं चलता हूँ शाम को आता हूँ जब आप लोग फ्री हो जाओ,,,,,,,,,मैं वहाँ से जाने लगा,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:21 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
बुआ का बात करने का अंदाज़ कुछ ठीक नही लग रहा था वो गुस्से मे मुझे ऑर्डर दे रही थी,,,कुछ घबराई
हुई भी लग रही थी,,,मैने ज़्यादा बात नही की ऑर वहाँ से चलने लगा जैसे ही मैने डोर ओपन की तभी मुझे
सीडियों से किसी के उतरने की आवाज़ आई मैने पीछे मूड कर देखा तो मनीषा नीचे आ रही थी ,,,,,,,इस से पहले
वो कुछ बोलती या कोई भी कुछ कहता मैने जल्दी से पीछे जाके उसको पूछ लिया,,,

मैं-तुम्हारी तबीयत कैसी है अब मनीषा,,,,,,,,

मनीषा ने कोई जवाब नही दिया बस मुझे देखने लगी ऑर तभी उसका ध्यान बुआ की तरफ गया,,वो बुआ की तरफ़
देख कर घबरा सी गई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मनीषा-;मैं ठीक हूँ अब सन्नी,,,,

लेकिन उसकी आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि वो ये सब खुद नही बोल रही थी,,,क्यूकी बोलते टाइम वो कुछ ऐसे बोल रही थी जैसे कोई ज़बरदस्ती उस से बुलवा रहा था,

मैने भी जल्दी से पीछे मूड कर देखा तो बुआ उसको इशारा कर रही थी,,,मेरे देखते ही बुआ ने अपना फेस दूसरी
तरफ टर्न कर लिया ,,मैं समझ गया कि बुआ ने ही मनीषा को इशारा किया था,,,,,,तभी मुझे उपर वाले डोर
के खुलने ऑर बंद होने की आवाज़ आई,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं समझ गया कि उपर कोई था मनीषा के साथ लेकिन मेरे
कुछ बोलने से पहले ही बुआ बोल पड़ी थी क्यूकी उस आवाज़ को बुआ ने भी सुना था ऑर बुआ को ये भी पता चल गया
था कि मैने भी वो आवाज़ सुनी है क्यूकी आवाज़ सुनते ही मैने बुआ की तरफ सवालिया नज़रो से जो देखा था,,,,,,,,

बुआ-;लगता है उपर कोई बिल्ली है,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ बुआ जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,,,,,,
मैने फिर सबको बाइ बोला ऑर वहाँ से डोर खोलके बाहर चला गया,,,,,,,,,मैने जल्दी से बाइक स्टार्ट किया ऑर बुआ के सामने वहाँ से चल पड़ा लेकिन मैने बुआ के बुटीक से थोड़ा आगे जाके बाइक को साथ वाली गली मे टर्न कर लिया जो बुआ के बुटीक के पिछले गेट की तरफ जाती थी,,,,,,वो गली बिल्कुल सुनसान थी बस 2-3 ही घर थे वहाँ बाकी कुछ नही
था,,,सामने की तरफ मार्केट थी तो सभी लोग पीछे की गली मे ही अपने बाइक ऑर कार पार्क करते थे,,तभी मैने
देखा कि एक खाली प्लॉट मे से एक कार निकली ऑर तेज़ी से वहाँ से जाने लगी,,,,,,,,,,,ये कार डॅड की थी,,,,,मैं समझ
गया कि मनीषा के साथ उपर डॅड ही थे तभी बुआ डरी हुई थी ऑर मुझे उपर नही जाने दे रही थी,,,साला मेरा
बाप मेरे माल पर नज़र रखता था,,,या कहीं ऐसा तो नही मैं ही अपने बाप के माल को चोदने की फिराक
मे था,,,,,,,,,,जो भी था एक बात तो परेशान करने वाली थी,,,,,,,,,,,डॅड बुआ मनीषा ऑर पूजा को चोद रहे है
कहीं वो शोबा दीदी को भी ,,,,,,,,,,,,,नही नही ऐसा नही हो सकता,,,,,लेकिन शोबा दीदी भी तो ज़्यादा टाइम बुआ के
साथ ही होती थी तो ऐसा होना मुनासिब था,,,,वैसे भी घर मे माँ मामा ऑर भाई से चुद रही थी तो यहाँ
डॅड भी बुआ ऑर शोबा को चोदते होंगे,,,,,क्यूकी अक्सर देखा था कि जब भी माँ मामा के साथ भाई के पास
जाती थी गाओं जाने का बहाना करके तो बुआ ऑर दीदी भी बुटीक नही जाती थी ऑर उनके साथ-साथ डॅड भी कई बार
बॅंक से छुट्टी लेके घर पर रहते थे,,,,,लेकिन मैने आज तक डॅड ऑर शोबा दीदी को एक साथ नही देखा था,,,,
तो क्या अभी तक डॅड ने शोबा दीदी की चुदाई की थी या नही,,,,,,,ये बात मुझे परेशान कर रही थी ऑर थोड़ा बहुत
रोमांचित भी,,क्यूकी अगर डॅड दीदी की चुदाई करते थे तो मुझे उनको देखना था चुदाई करते,,,एक बाप
को बेटी से चुद्ते देखने की तमन्ना से ही मैं खुश होने लगा था,,,अगर डॅड सच मे दीदी की चुदाई करते
है तो काश एक बार मुझे उनकी चुदाई देखने का मोका मिल जाए,,,,वैसे भी मैने डॅड को किसी की भी चुदाई
करते नही देखा था,,क्यूकी वो अक्सर सभी खिड़की दरवाजे बंद कर लेते थे,,,,,,,,,,मुझे अब किसी भी तरह
ये पता लगाना था कि डॅड दीदी की चुदाई करते है या नही,,,,,मुझे शक तो था उनपे लेकिन पक्का यकीन नही
था,,ऑर मैं उनको एक साथ देखकर शक को यकीन मे तब्दील करना चाहता था,,,,,,,,,खैर मैं वहाँ से
निकल कर वापिस घर की तरफ आने लगा,,,,,,अभी मैने घर से कुछ ही दूर था कि मुझे सामने से आता हुआ बाइक
नज़र आया जो मेरे पास आके रुक गया,,

अबे कहाँ गुम रहता है तू सन्नी भाई,,,,,,,,वो करण था,,,,,

मैं-कुछ नही यार बोर हो रहा था तो थोड़ा घूमने चला गया था,,,,,,,,मैने जवाब दिया,,,

करण-अकेले अकेले गया था या किसी के साथ,,,,,,अहाहाहहहाः

मैं-;क्या यार तू भी हर टाइम एक ही बात सोचता रहता है,,,,,,,,अरे मेरे बाप अकेला ही गया था बोर हो रहा था
घर पे तो सोचा कहीं घूम फिर के आता हूँ ,,,,,

करण-;सनी भाई तू हमेशा मेरे घर का बहाना करके कहीं ओर रात रंगीन करता है तो मैने सोचा कि कहीं अभी
भी तुम कहीं घूम फिर कर किसी के साथ शाम रंगीन तो नही कर रहे ,,,,,,,,

मैं-;छोड़ ना करण भाई,,,जब देखो एक ही बात,,,,,,,,कोई ऑर बात भी कर लिया करो,,,,,,,,,

करण-;सॉरी सन्नी भाई,,,अब क्या करू यार तेरा नसीब ही इतना अच्छा है कि रात भर किसी ना किसी के बेड पे लेटा
रहता है लेकिन एक हम है जिसको अकेले ही बेड पर इधर उधर अपना सर पटकना पड़ता है ,,,,कभी हमारे बारे
मे भी सोच लिया करो,,,कभी तो हमारी रात भी रंगीन करदो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हां मैं तो तेरे को मिलकर
थॅंक्स बोलने आया था कि तूने दीदी को अमित से दूर कर दिया ,दीदी बोल रही थी कि तूने बड़े प्यार से उनको सब कुछ
समझा दिया अब वो कभी अमित की शकल भी नही देखना चाहती,,मुझे बड़ी खुशी है कि तूने मेरी दीदी को उस
हरामी अमित से बचा लिया,,,,तेरा जितना थॅंक्स करू कम है मेरे भाई.........

मैं-;अबे साले भाई भी बोलता है ऑर थॅंक्स भी,,,तेरी दीदी मेरी दीदी,,ऑर वैसे भी अमित जैसे घटिया बंदे से हर एक
लड़की को बचना चाहिए,,,वो साला ज़िंदगी खराब कर देता है लड़की की,,,,,,,,,,ऑर रही बात दीदी को समझाने
की वो तो मेरी आदत है मैं कभी गुस्सा ऑर ज़बरदस्ती नही करता,,,जो बात प्यार से समझाने मे मज़ा आता है
वो गुस्से ऑर ज़बरदस्ती से नही आता,,,,ऑर तेरी दीदी को प्यार से समझा कर मुझे भी बड़ा अच्छा लगा,,,,,,मैने
सोचा अब इसको क्या बताऊ कि मैने कितने प्यार से समझाया है इसकी दीदी को,,,,,,,,,,,,,,,,

अच्छा भाई अब इतनी हेल्प की तूने मेरी अब एक ऑर हेल्प कर्दे ना,,,,,,,,

कैसी हेल्प,,,,,???

करण-;यार तेरे पास तो कोई ना कोई लड़की है,,ऑर तू रात भर मस्ती करता है,,अपने इस दोस्त के बारे मे कुछ सोच ना
मेरी भी सेट्टिंग करवा ना किसी से,,,,,,,,,,,

मैं-;अबे मैं कोई दलाल हूँ क्या जो सेटिंग करवाता हूँ,,,,,,,,

करण-;अरे भाई तू तो गुस्सा ही कर गया,,,,,मेरा वो मतलब नही था सन्नी भाई,,,मैं तो बोल रहा था कि तू रात भर
अपनी किसी गर्लफ्रेंड के घर रहता है,,ऑर खूब मस्ती करता है,,,एक आधी गर्लफ्रेंड मेरी भी बनवा दे यार कब्से तरस
रहा हूँ,तू तो मस्ती करता रहता है मैने तो आज तक हाथ से ही काम चलाया है,,,कुछ कर ना यार कब
तक अपना हाथ जगन्नाथ करता रहूँगा,,,,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी भाई कुछ सेट्टिंग करवा दे प्लज़्ज़्ज़,,,,,,

मैं-;ठीक है सेट्टिंग तो करवा देता हूँ लेकिन,,,,,,,,लड़की,,,,,

करण-;मैं बोलने ही लगा था कि करण बीच मे बोल पड़ा,,,,,,,,,,लड़की कैसी भी हो भाई चलेगी,,,,अंधी हो कानी हो
लुली हो या लंगड़ी हो,,,,,,,,या फिर चाहे कोई बूढ़ी हो अपुन को बस चूत चाहिए एक बार बस,,,,,,कुछ भी
करके एक बार चूत दिलवा दो भाई,,,,,,,,

मैं-;देख ले फिर बाद मे मत बोलना ,,,,,,,अगर लड़की की जगह किसी औरत की चूत दिलवा दूं तो कैसा रहेगा,,

करण-;औरत की,,,,इसका मतलब आप किसी लड़की के साथ नही किसी औरत के साथ रात रंगीन करते हो,,,,,,वैसे मुझे
कोई मसला नही है भाई,चूत 20 साल की हो या 50 की,,,,चूत तो चूत है,,,,,,,

मैं-;फिर भी सोच ले एक बार,बाद मे मत बोलना मेरे को,,,,,,

करण-;कुछ नही बोलता भाई एक बार बस कुछ भी करके सेटिंग करवा दो,,,,,,,,

मैं-;ठीक है,,,,,कुछ टाइम दे मेरे को मैं कुछ करता हूँ,,,,,,,,,

करण-;थॅंक्स भाई,,,,,,प्ल्ज़्ज़ जल्दी करना ,,,,,,,,,,ओके अब मैं चलता हूँ भाई,,,,,,,बयी

करण वहाँ से चला गया,,,,मैने सोचने लगा इसको किसकी चूत दिलवा सकता हूँ मैं,,,,,,साल वादा तो कर
दिया है लेकिन किसके साथ सेट्टिंग करू इसकी,,,,पहला ख्याल मेरे दिल मे बुआ का आया,,अगर वो मनीषा ऑर पूजा
को डॅड से चुदवा सकती है तो मैं भी बुआ को करण से चुदवा सकता हूँ,,,,,,लेकिन घर की किसी औरत को
अपने दोस्त से चुदवाना ठीक है क्या,,,,,,जानता हूँ करण मेरा सबसे ख़ास दोस्त है लेकिन फिर भी मुझे एक
'अजीब सा डर लग रहा था,,,,,,,,फिर मेरे दिमाग़ मे एक प्लान आया,,,,,,हां यही ठीक रहेगा,,,,मैने दिल ही
दिल मे अपने प्लान को सोच कर खुश होने लगा,,,,,,,,,,

रात को डिन्नर करके रूम मे लेटा हुआ था सोनिया भी अपने बेड पर लेटी हुई थी,,,,लेकिन मेरी तरफ पीठ करके
,,,मेरा दिल तो किया उसके पास जाने को लेकिन डर लगा,,फिर सोचा जब तक इसको किसी भाई बेहन का सेक्स नही दिखा
देता तब तक इसके पास जाने मे ख़तरा है,,,,,,,,,यही सोच कर मैं सो गया,,,,,,,,,,,,


नेक्स्ट डे कॉलेज जाते टाइम सोनिया मेरे साथ नही गई,,,उसने कविता को फोन करके बुला लिया था,,,,वो मेरे से
नाराज़ थी,,,,मैं भी कॉलेज चला गया,,,,लेकिन मेरा दिल नही लग रहा था क्लास मे ,,करण भी बोल रहा था
कि उसका दिल नही लग रहा,,,वो मुझे कुछ दोस्तो के साथ कहीं बाहर लेके जाने की बात करने लगा लेकिन मैने
मना कर दिया,,पर करण कुछ टाइम बाद अपने दोस्तो के साथ वहाँ से चला गया,,ऑर मैं अकेला बैठा बोर
होता रहा,,,,,,,,,,,,,


तभी कुछ देर बाद मुझे करण के मोबाइल से मेसेज आया,,,,,,,,,,,,सन्नी मुझे तेरे से कुछ काम है तुम मेरे
घर पर आ जाओ अभी,,,,,,,,,साला अभी तो कुछ देर पहले गया है यहाँ से अब मुझे घर क्यूँ बुला रहा है,,,,,
खैर मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,करण के घर पर करण की कार थी लेकिन उसका बाइक नही
था ऑर आज वो कॉलेज बाइक पर गया था,,,इसका मतलब करण घर पर नही था लेकिन मुझे मेसेज तो उसी के सेल से
आया था,,,मैं अभी गेट पर खड़ा हुआ ये सोच ही रहा था कि तभी गेट खुला ऑर एक सेक्सी टाइट फिटिंग पंजाबी
सूट मे शिखा दीदी मेरे सामने खड़ी हुई थी,,,,,,,,मैं तो उनको देख कर दंग रह गया था,,,क्या लग रही
थी वो,,,गेट खोलते ही मैने उनको हेलो बोला लेकिन उन्होने मेरे हेलो के जवाब मे मेरा हाथ पकड़ा ऑर गेट
बंद करके मुझे अंदर ले गई ओर अंदर जाते ही मुझे गले से लगा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-ऊह सन्नी कहाँ थे तुम,,,,,तुमको नही पता मैं कितना मिस कर रही थी तुमको,,,,,कितना तड़प रही थी
तुमको मिलने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,

,मैं डर गया कहीं कोई देख ने ले,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी हटो ना कोई देख लेगा,,,,,,,,

शिखा-;कॉन देख लेगा सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;आंटी ऑर कारण,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी हँसने लगी,,हाहहहहहा बुद्धू
घर पर कोई नही है मेरे अलावा माँ बाहर गई है 4 बजे वापिस आएगी ऑर करण तो कॉलेज मे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--;लेकिन दीदी मेरे को मेसेज तो करण के फोन से आया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:21 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शिखा-;वो तो अच्छा हुआ सन्नी कि करण आज अपना सेल घर पर ही भूल गया,,मैं वहीं बैठी हुई थी तभी मेरी नज़र करण के सेल पर पड़ी ऑर सेल से तेरा नंबर देख कर मैने तेरे को मेसेज कर दिया मेसेज तो मैं तेरे को अपने फोन से भी कर देती लेकिन मेरे पास तेरा नंबर नही था ऑर करण से तेरा नंबर लेना नही चाहती थी मैं पता नही वो क्या सोचता,,,,,,,तभी दीदी ने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर पागलो की तरह किस करने लगी दीदी ने एक दम से ऐसा किया तो मैं थोड़ा घबरा सा गया था लेकिन एक ही पल मे दीदी के सॉफ्ट लिप्स का एहसास अपने लिप्स पर पाके मुझे भी खुमारी चढ़ने लगी ऑर मैने भी दीदी की किस को उन्ही के अंदाज़ मे रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,ऊऊहह ससुउन्नयी तेरे को नही पता मैं तुझे कितना मिस कर रही थी पता नही तूने उस दिन क्या कर दिया मुझे,,एक तो अमित से मेरे को बचा लिया ऑर उपर से अपने इस मूसल से मुझे खुश कर दिया इतना बोलते ही दीदी ने मेरे लंड को पॅंट के उपर
से पकड़ा ऑर हल्के से दबा दिया,,,,,,,कितना तड़प रही थी मैं तेरे को मिलने को तू नही जानता सन्नी,,,उस दिन
तूने मुझे खुश किया था आज मेरी बारी है,,,,,,,,,,तभी एक दम से दीदी ज़मीन पर नीचे की तरफ चली गई ऑर
मेरी पॅंट नीचे करके मेरे लंड को हाथ मे ले लिया जो अभी आधा खड़ा हो चुका था दीदी ने उसको हाथ से हल्के
से हिलाते हुए उसकी टोपी पर किस कर दिया ऑर मैं दीदी के सॉफ्ट लिप्स से अपने लंड की टोपी पर टच करने के एहसास से थोड़ा उछल सा गया ऑर दीदी मुझे देख कर हँसने लगी,,,,,,,,,,,,उस दिन तूने अपनी मनमानी की थी आज मेरी बारी है सन्नी,,,,,,,,,,,,, ,इतना बोलते ही दीदी ने लंड को मुँह
मे भर लिया ओर चूसने लगी,,,,,,आज दीदी कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी ऑर उस दिन से कहीं बेहतर अंदाज़ से लंड
चूस रही थी,,,,,,मेरा लंड जिसको अभी कुछ ही सेकेंड हुए थे दीदी के लिप्स से थोड़ा अंदर उसके मुँह मे गये हुए
वो अब पूरी तरह ओकात मे आ गया था दीदी ने बैठे हुए मेरी पॅंट को बिल्कुल नीचे कर दिया ओर फिर मेरे जूते
खोल दिए ऑर पॅंट को निकाल कर साइड मे रख दिया,,,,मैं डर रहा था कहीं करण को माँ या फिर करण घर
पर ना आ जाए क्यूकी करण कॉलेज से कुछ देर पहले ही निकला था,,,,,,,तभी दीदी उठी ऑर मेरा हाथ पकड़ कर
मुझे अपने रूम मे ले गई,,ऑर अंदर जाते ही मेरी टी-शर्ट निकाल दी ऑर मुझे नंगा कर दिया ऑर अपने कपड़े भी
उतारने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी कपड़े मत उतारो प्ल्ज़्ज़ अगर कोई आ गया तो,,मैं सच मे थोड़ा डरा हुआ था,,,,,,,,

शिखा-;कोई नही आता सन्नी माँ 4 बजे से पहले नही आने वाली ऑर करण तो कॉलेज से 3 बजे आता है ऑर अभी जस्ट 11 ही बजे है तुम टेन्षन मत लो ,,ऑर वैसे भी जब तक 2 जिस्म पूरे नंगे नही होते उनके मिलने का पूरा मज़ा नही आता अब
तक दीदी भी नंगी हो गई,,,,साली कुछ दिन पहले जो इतना शरमा रही थी घबरा रही थी अब कैसे बेशरम होके'
जल्दी से नंगी हो गई थी,,ऐसे कपड़े उतार रही थी जैसे कोई पत्नी अपने पति के सामने उतारती है,,,,,,ओह सॉरी कोई
पत्नी भी इतनी जल्दी नही करती ये तो किसी रंडी की तरह जल्दबाजी कर रही थी,,,,या उस पत्नी की तरह जो अपने पति
के ऑफीस चले जाने के बाद किसी पड़ोसी से या कॉलेज फ्रेंड से जल्दबाजी मे चुदाई करती थी,,,,,,,,,,लेकिन मुझे तो
अब तक फुल मस्ती चढ़ चुकी थी क्यूकी एक नंगा ऑर संगमरमर जैसा चिकना ऑर गोरा बदन वो भी एक जवान
ऑर खूबसूरत लड़की का जो मस्ती मे बिल्कुल पागल हो चुकी थी,,,,दीदी ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर खुद भी बेड
पर आके बैठ गई ऑर मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगी साथ ही मेरे लंड को हाथ मे लेके हल्के
से सहलाने लगी ,,,,,

दीदी बेड पर बैठ कर मेरे सर के उपर झुकी हुई थी ऑर मेरे लिप्स को किस कर रही थी तभी
मैने दीदी को अपने उपर खींच लिया दीदी ने भी अपनी टाँगे सीधी करली ऑर मेरे उपर आ गई जिस से दीदी का हाथ
मेरे लंड से हाथ गया,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;लगता है तुझे भी मस्ती चढ़ने लगी है सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी आप जैसा मस्त माल वो भी पूरा नंगा ,,किसी को भी मस्ती चढ़ सकती है दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को मस्त लगती हूँ क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी आप बहुत मस्त हो ,,,,आपके ये बड़े बड़े बूब्स ऑर बड़ी मटकती मस्त
गान्ड का दीवाना तो सारा कॉलेज है,,अभी तक लोग आपकी बातें करते है,,हर कोई आपको अपने बिस्तेर पर नंगा
करके अच्छी तरह चोदना चाहता है,,तभी तो अमित भी पीछे पड़ा था आपके,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;अमित की बात मत किया करो अब तुम सन्नी मुझे उसका नाम भी नही सुन-ना आज के बाद ,,मुझे तो अब बस तेरा नाम ही अच्छा लगता है ऑर तेरा ये लंड भी,,,,,,,,,,,,

मैं-;मुझे भी आप बहुत अच्छी लगती हो दीदी दिल करता है ऐसे ही नंगा करके आपके साथ
बेड पर लेटा रहूं,,,,,,,,,,,,

शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को इतनी अच्छी लगती हूँ या,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी मैं तो पता नही कब्से आपकी चूत का दीवाना हूँ जब भी करण को मिलने आता था नज़रे बस आप पर टिकी होती थी मेरी सपने भी आपके देखा करता था ऑर पता नही कितनी बार सपने मे आपको चोदा था मैने ऑर पता नही कितनी बार मूठ मारी थी आपके नाम की,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;तो पहले कभी बोला क्यूँ नही,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;डरता था दीदी ऑर वैसे भी ये बात इतनी जल्दी नही बोली जाती अगर आप गुस्सा हो जाती तो,,,,ये तो अच्छा हुआ आप अमित की चुंगल मे फसि ऑर करण ने मुझे सब बता दिया ऑर मैने आपको अमित से बचा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;हाँ अमित से बचा लिया ऑर खुद अपने जाल मे फसा लिया,,,,दीदी हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी आप हो ही इतनी मस्त कि कोई भी जाल मे फसाने को तैयार हो जाता आपको,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;अगर मैं इतनी मस्त हूँ सन्नी तो मेरा पति मेरे को क्यूँ नही चोदता था ,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या दीदी?? आपका पति आपको चोदता नही था,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;नही सन्नी मैं अपने पति के साथ 6 महीने रही थी ऑर वो 5-7 दिन मे एक या दो बार ही मुझे चोदता था ऑर वो भी इतनी छोटे लंड से जो 2 मिनिट मे ही पानी छोड़ देता था,,,मुझे गर्म करके खुद पानी निकाल कर सो जाता था ऑर मैं बस उंगली से काम चलाती रहती थी,,,इसलिए तो मैने उसको तलाक़ दे दिया,,साला नामर्द था पूरा,,हर बार प्यासी छोड़ देता था मेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैने दीदी के फॉरहेड पे किस किया ओर बोला,,दीदी छोड़ो बीती बातों को,,,,,अब मैं हूँ ना आपके पास जितनी भी प्यास
है आपकी मैं सब भुजा दूँगा बस टाइम मिलता रहे ऑर मोका मिलता रहे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;टाइम ऑर मोका मैं खुद निकाल लूँगी तेरे लिए सन्नी बस तू तैयार रहना जब भी मैं तेरे को फोन करूँ,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी अबकी बार करण के सेल से मेसेज या कॉल मत करना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;नही करती बाबा अब तेरा नंबर मेरे सेल पर भी है तू भी मेरा नंबर सेव कर लेना,,,,,,चल अब बाकी बातें छोड़ ऑर जल्दी कुछ कर मैं बहुत तड़प रही हूँ,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:21 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने जल्दी से दीदी के सर को पकड़ा ऑर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,दीदी के सॉफ्ट लिप्स मेरे लिप्स मे क़ैद हो गयेऑर मैं बड़े प्यार से उनके लिप्स का रस पीने लगा ,,दीदी पूरी तरह नंगी थी ओर मेरे नंगे बदन पर लेटी हुई
थी दीदी के बड़े बूब्स मेरी छाती से दबे हुए थे ,,,,मेरे दोनो हाथ दीदी की नंगी पीठ को सहला रहे थे
जबकि दीदी के दोनो हाथ मेरे सर पर बड़े प्यार से घूम रहे थे,,दीदी ने अपने हाथ की फिंगर्स को मेरे बालों
मे बड़े प्यार से सहलाना शुरू कर दिया था मैं भी बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों को दीदी की पीठ पर हल्के
हल्के घुमा रहा था ,,,,दीदी के लिप्स एक दम सॉफ्ट थे जो बटर की तरह मेरे लिप्स मे घुलते जा रहे थे ,,दीदी
ने अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह मे घुसा दिया ओर मैं भी दीदी की ज़ुबान को चूसने लगा मैने दीदी की ज़ुबान को
अपने दाँतों से पकड़ लिया ओर बड़ी मस्ती मे दीदी की ज़ुबान को चूसने लगा,,फिर कुछ देर बाद मैने दीदी की
ज़ुबान को छोड़ दिया ऑर अपनी ज़ुबान को दीदी के मुँह मे घुसा दिया ऑर दीदी एक मुँह मे अपनी ज़ुबान को हर तरफ
हर कोने मे घुमाने लगा मेरी ज़ुबान दीदी के मुँह के अंदर दीदी की ज़ुबान से हल्की हल्की नोक-झोक करने लगी


हम दोनो की ज़ुबान आपस मे लड़ने लगी थी,,,,,,दीदी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जिस का एहसास
मुझे अपनी लंड से हल्का सा उपर पेट पर होने लगा था,,,,मेरे भी लंड ने अब अपना विकाल रूप धारण कर
लिया था ऑर दीदी की चूत मे जाने को मचलने लगा था,,,,,मैने लंड को हाथ से पकड़ा ऑर दीदी की चूत पर टिका
दिया लेकिन जैसे ही मैने लंड को चूत मे डालना चाहा दीदी एक दम से मेरे उपर से हट गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-ऐसी भी क्या जल्दी है पहले थोड़ी मस्ती तो करले सन्नी,,,इतना बोल कर दीदी ने अपने सर को मेरे लंड की तरफ मोड़ दिया ओर खुद अपनी टाँगें खोल कर मेरे सर के उपर आ गई ऑर चूत को मेरे चेहरे के उपर कर दिया

मैने भी जल्दी से दीदी की गान्ड को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर चूत को अपने लिप्स से लगा कर किस करने लगा तब तक मेरा लंड भी दीदी के मुँह मे अंदर बाहर होने लगा था,,दीदी ने मेरे लंड पर हाथ नही रखा हुआ था वो तो मेरे
खड़े लंड पर अपने सर को उपर नीचे कर रही थी ऑर मेरा आधे से ज़्यादा लंड मुँह मे ले रही थी,,,,पहले दिन
से अब कहीं बेहतर लंड चूस रही थी दीदी,,,उस दिन तो 2 इंच लंड मुँह मे लेके अंदर बाहर करने से डर रही
थी जबकि आज तो पहली बार मे ही आधा लंड ले लिया था मुँह मे ओर अब ऑर ज़्यादा लंड मुँह मे लेने की कोशिश कर
रही थी,,लंड दीदी के गले की दीवार से टकराने लगा था,,जिस वजह से दीदी को 1-2 बार हल्की खाँसी भी आ गई थी
ऑर दीदी ने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया था लेकिन मेरी मस्ती कम नही होने दी थी ,,दीदी लंड को बाहर निकाल
कर अपने मुँह मे जमा थूक को लंड पर थूक देती ऑर एक हाथ से तेज़ी से लंड को उपर नीचे करके सहलाने लग
जाती फिर जब खाँसी ठीक हो जाती तो जल्दी से लंड को वापिस मुँह मे भर लेती ओर फिर से पूरा लंड मुँह मे लेने की
कोशिश करने लगती लेकिन पूरा लंड लेने मे दीदी को परेशानी हो रही थी ,,फिर भी वो ज़्यादा से ज़्यादा लंड को मुँह
मे लेके चूसने लगी थी,,,इधर मैं भी दीदी को मस्त करने के लिए दीदी की चूत को अच्छी तरह से चाट रहा था


,,मैं दीदी की चूत को मुँह मे भरके अपनी ज़ुबान को दीदी की चूत मे घुसा कर तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा
था ऑर बीच बीच मे दीदी के चूत के लिप्स को जो अभी हल्के हल्के ही बाहर निकले थे उनको अपने दाँतों मे
दबा कर मुँह मे भरके चूसने लग जाता ऑर साथ ही मैने दीदी की गान्ड को अपने हाथों से कस्के पकड़ हुआ
था ऑर दीदी की चूत को अपने लिप्स पर दबाया हुआ था,,,मेरा हाथ दीदी की गान्ड के होल के पास था तभी मैने
महसूस किया मेरी एक फिंगर जो दीदी की गान्ड के होल पर थी वो दीदी की गान्ड के होल पर चलने लगी थी ऑर दीदी की
गान्ड का होल भी मस्ती मे अपने आप थोड़ा खुल ऑर बंद होने लगा था,एक बार जब दीदी की गान्ड का होल ज़रा
सा खुला मैने जल्दी से एक उंगली गान्ड के अंदर घुसा दी जिस वजह से दीदी हल्का सा उछल गई,,,,,लेकिन फिर से
मेरे लंड को जल्दी ही चूसने लगी,,,,,,,मैने उंगली को बाहर निकाला ऑर अपने मुँह मे भरके थूक लगा लिया ऑर
वापिस गान्ड मे घुसा दिया,,मेरी उंगली फिसल कर गान्ड मे चली तो गई लेकिन दीदी की गान्ड बहुत टाइट थी ऑर
दीदी की टाइट गान्ड ने मेरी उंगली को जाकड़ लिया था फिर भी उंगली थूक से चिकनी होने की वजह से हल्की हल्की
अंदर बाहर होने लगी थी मैने वापिस उंगली को बाहर निकाला ऑर मुँह से थोड़ा थूक ऑर दीदी की चूत से चूत का
चिकना पानी लगा लिया ऑर अपने दोनो हाथों से गान्ड को थोड़ा खोल दिया ऑर उस उंगली को गान्ड मे घुसा दिया
दोनो हाथों से गान्ड भी थोड़ी खुल गई थी ऑर दीदी की चूत के चिकने पानी ने भी अपना असर दिखा दिया था मेरी
उंगली बड़े आराम से गान्ड मे अंदर बाहर होने लगी थी,,,दीदी को भी शायद ये अच्छा लगने लगा था दीदी ने भी
अपने सर को मेरे लंड पर तेज़ी से उपर नीचे करना शुरू कर दिया था,,,


कुछ देर ऐसे ही मेरे से चूत चुस्वा कर ऑर गान्ड मे उंगली करवाते हुए मेरा लंड चूसने के बाद दीदी ने
मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया,,,,,,,,,,,,,,,,आहह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हययययए
यईीई क्क्य्या क्कार्र ददिईयया सुउन्नययी ,,क्कीत्त्न्ना म्माज्जा आ र्राहहा हहाइईइ मुउज़्झहही न्नाहहिईिइ
पपाटता त्तहा गगाणन्दड़ म्मी इट्त्न्ना म्मज्ज्जा आत्ता हहाइी,,,प्पीहल्ली क्क्ययूउ न्नाहहीी द्दालल्ल्लीइीईई
म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मी उउन्नगगल्लीी,,,,आहह बभ्हुत्त्त ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाइी ससुउन्न्नयययययी
एआईसी हहिि त्तीज्ज्जीई सससी उउन्नड़दीर्र ब्बाहहारर क्कारूव उउन्नगगल्लीी क्कूव म्मीररीई गाणन्दड़ म्मईए ,,
हहययईए माआ म्मूउुज्झहही न्नाहहिि पपत्ता त्तहा य्याहहन्न बभीी ंमाज़्जा आत्ता हहाइी,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,ददिदडिई अब्भहिईिइ त्तूओ उउन्नगगल्लीी गगयइी हहाइईइ ट्टब यईी हाल्लात हहाई आपपक्कीी जज़ार्रा
ससूक्च्छू ज़्जब्ब म्मीर्रा म्मूऊस्साल्ल्ल ज्जायएएग्गा गाणन्दड़ म्मी टू क्कीिट्त्न्ना म्माआज़्जजाआा
आयईगगाआअ,,,,मैने जल्दी से एक ऑर उंगली घुसा दी दीदी की गान्ड मे ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा एक
ऑर उंगली अंदर जाने से गान्ड टाइट हो गई ऑर मेरी उंगलियों को जकड़ने लगी लेकिन मैं भी जल्दी से उंगलियों पर
अपना थूक ऑर दीदी की चूत का पानी लगा दिया जिस से उंगलियाँ चिकनी होके आराम से अंदर बाहर होने लगी ऑर साथ
ही दीदी की सिसकियाँ भी तेज होने लगी,,,दीदी के मुँह मे मेरा लंड था लेकिन फिर भी दबी दबी सिसकियाँ मुँह से निकल
रही थी,,,ऑर साथ ही दीदी का सर भी तेज से लंड पर उपर नीचे होने लगा था,,,,,,,,कुछ देर बाद दीदी ने तेज़ी से
अपनी चूत को मेरे मुँह पे रगड़ना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि इसके काम होने वाला है मैने भी
चूत को पूरा मुँह मे भर लिया ऑर गान्ड मे उंगलियों की स्पीड भी तेज करदी कुछ ही पल मे दीदी की चूत ने पानी
छोड़ दिया ऑर मैं पानी को ज़ुबान से चाटने लगा पानी ज़्यादा नही निकला था लेकिन जितना भी निकला मैं उसको
चाट गया था,,दीदी ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया ऑर मेरे उपर से हटने की कोशिश की मैने भी दीदी को
छोड़ दिया ,,,,,,,,दीदी जल्दी से बेड पर पेट के बल गान्ड को उपर करके लेट गई,,,,,,,,,,

शिखा-अब जल्दी करो सन्नी अब ऑर नही रुका जाता मेरे से,,,

मैं भी जल्दी से दीदी के उपर चढ़ गया ऑर लंड को दीदी की चूत पर रखा ऑर जैसे ही
लंड को दीदी की चूत मे घुसने लगा दीदी ने लंड को हाथ से पकड़ कर मुझे रोक दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--यहाँ नही सन्नी गान्ड मे घुसाओ ,,आज चूत नही गान्ड मारो मेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-लेकिन दीदी आपकी गान्ड बहुत टाइट है ऑर मेरा मूसल बहुत बड़ा है फॅट जाएगी आपकी गान्ड,,,,,,,,,,,,

शिखा-पता है मुझे सन्नी मेरी गान्ड मे आज तक कुछ नही गया है यहाँ तक कि मेरी अपनी उंगली थी नही लेकिन आज तूने अपनी उंगलियाँ घुसा कर मुझे बता दिया है कि गान्ड मे कितना मज़ा होता है मैं ही पगली इतने टाइम से अंजान थी गान्ड के मज़े से,अब कुछ मत बोलो बस मुझे गान्ड चुदाई का मज़ा दो ,,फॅट-ती है तो फॅट जाने दो मेरी गान्ड को बस मुझे आज मज़ा दो सन्नी अब ऑर देर मत करो जल्दी करो प्लीज़,,,,तभी मेरी नज़र दीदी के बेड के पास पड़े एक बॉडी लोशन पर गई मैने जल्दी से बॉडी लोशन उठा लिया दीदी मेरी तरफ देखने लगी,,,,,,मैने दीदी की गान्ड उपर उठा कर कुटिया बनने को कहा
Reply
07-10-2019, 07:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी भी जल्दी ही मेरी बात मान कर सर को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उठा कर कुतिया बन गई ,,मैने लोशन
लिया हाथ पर ऑर गान्ड पर लगाने लगा ऑर साथ ही उंगलियों से लोशन को गान्ड मे भी भरने लगा,,मेरी एक उंगली
तो आराम से गान्ड मे जाने लगी थी लेकिन 2 उंगलियों को मुश्किल होती थी फिर भी बॉडी लोशन की चिकनाहट से मेरी
2 उंगलियाँ गान्ड मे जाने लगी थी ऑर मैं भी 2 उंगलियों से गान्ड मे लोशन भरने लगा था ऑर साथ ही उंगलिओ
को तेज़ी से घुमा घुमा कर गान्ड के होल को थोड़ा खोलने लगा था,,,,फिर कुछ देर बाद मैने अपने लंड पर
भी लोशन लगाया ऑर लंड को हाथ से पकड़ कर दीदी की गान्ड के होल पर रखा ऑर धक्का लगा दिया लेकिन मेरा
लंड फिसल कर दूसरी तरफ मूड गया,,मैने फिर से कोशिश की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ,,,फिर मैने एक पिल्लो
लिया ऑर दीदी के पेट के नीचे रखा ऑर दीदी की उसपे लेटा दिया लेकिन एक पिल्लो कम पड़ रहा था तो मैने एक पिल्लो
ऑर रख दिया ,,फिर दीदी की टाँगो को खोल कर उनके बेड पर लेटा दिया दीदी के पेट के नीचे 2 पिल्लो थे जिस से
दीदी की गान्ड काफ़ी उपर उठी हुई थी,,,मैने जल्दी से गान्ड के होल को हाथों से खोला ऑर अपने लंड को होल पर
टिका कर खुद दीदी के उपर लेट गया,,दीदी की गान्ड हल्की सी खुल गई थी ऑर मेरे लंड की टोपी गान्ड पर टिकी हुई थी


मैने खुद को दीदी के उपर लेटा कर हाथों से दीदी के शोल्डर को पकड़ा ऑर मजबूती से पकड़ बना कर लंड को
जोरदार धक्के से दीदी की गान्ड मे घुसा दिया इस बार मैं सफल हो गया ऑर लंड करीब 4 इंच तक दीदी की
गान्ड को फाड़ता हुआ अंदर चला गया,,,,,,,दीदी मछली की तरह तड़पने लगी थी ऑर मेरे से छूटने की कोशिश
करने लगी थी लेकिीन मैने दीदी के शोल्डर को कस्के पकड़ा हुआ था ऑर दीदी को हिलने का मोका नही दे रहा था,,


हयीईईईईई म्मार्र गगयइ म्माआ ,,,ससुउन्नयी बाहहारर ननीककाल्ल आपपंनी म्मूस्सलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल कककू
हयइीई माआ म्मूउज़्झहही न्नाहहीी पपाटता त्तहा इट्त्न्ना ददार्र्द्द हूटता हहाइईइ,,,,,,,,ज्जाल्लददिईई
ब्बाआहहारर ननीककाल्ल्ल आपपंनी ल्लुउन्न्ञदड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ सीए ,,,,,,,,,आअहह म्माअरररर
द्दाल्लाअ ररीए सुउन्नयी ,,,,,ज्जाल्लददिई ब्बाहहार ननीककाल्ल्ल आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ ककूऊ,,,,,,,,दीदी हल्का-2
रोएँ भी लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ सुउन्नयी बाआहहार्रा ननीककल्ल्ल इस्कक्कूव बभ्ुत्त्त ददार्र्द्द हहूऊओ
र्राहहाअ हहाइईइ प्पल्लज़्ज़्ज़ सयन्नीयी,,,,,,,,,,,,,,,,,

मुझे दीदी पर तरस आ रहा था दिल कर रहा था कि लंड को गान्ड से बाहर निकल लूँ लेकिन मुझे पता था एक बार लंड को गान्ड से निकाला तो दोबारा दीदी ने गान्ड मे लंड घुसाने नही देना इसलिए मैने दीदी की बातों को ऑर दीदी के दर्द को इग्नोर कर दिया लेकिन दीदी के दर्द को कम करने के लिए अपने एक हाथ को दीदी के शोल्डर से हटा कर दीदी की चूत पर ले गया जो पिल्लो से दबी हुई थी,,

मैने दीदी की चूत को उपर से सहलाना सुरू कर दिया वो भी थोड़ी तेज़ी से लेकिन प्यार से,,,,,,कुछ ही देर मे दीदी को
चूत पर मेरे हाथ की रगड़ से मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी की दर्द भरी सिसकियाँ मस्ती भरी सिसकियों मे बदल
गई,,,,,लेकिन फिर भी दीदी रुक रुक कर मुझे लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी,,,,मैने चूत को ओर ज़्यादा तेज़ी
से सहलाना ऑर रगड़ना शुरू कर दिया जब तक दीदी की सिसकियाँ मस्ती भरी नही हो गई ऑर तब तक लंड को बिना
हिलाए ऐसे ही गान्ड मे डालके दीदी के उपर लेटा रहा,,,,,,,,,जब कुछ 2-3 मिनिट बाद दीदी की सिसकियों से दर्द पूरी
तरह गएब हो गया ऑर मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई तो मैने हल्के से लंड को गान्ड मे आगे पीछे करना
शुरू कर दिया लेकिन बड़े प्यार से,,,,,लंड अभी तक आधा भी नही गया था गान्ड मे लेकिन जितना भी गया था मैं
उतने लंड को ही दीदी की गान्ड मे हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा ऑर साथ ही एक हाथ को दीदी के शोल्डर पर
रख कर शोल्डर को पकड़े रखा ऑर साथ ही एक हाथ से दीदी की चूत को सहलाता रहा,,,,कुछ देर बाद दीदी को
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी मुझे प्यार से ऐसे ही गान्ड मारने को बोलने लगी लेकिन मैने प्यार से गान्ड मारने
के 2-3 मिनिट बाद एक ऑर तेज झटका मारा ऑर मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे उतर गया इसी झटके के लिए मैने
अभी तक दीदी के शोल्डर को कस्के अपने हाथ से पकड़ा हुआ था ताकि दीदी दूसरे झटके से बचने के लिए आगे की
तरफ नही निकल जाए,,,,,,,

,हहययईई ररीई क्काममििईन्नईए ज्जाआनन्न ल्लीगगा क्क्क्क्य्याआ म्मीररीई
,,,,,,,,आआहह हहयययययईई माआआआ क्कीिट्त्न्ना ददार्र्द्द्द हूट्टी हहाइईईईईईई इससस्स
गाआंनदडड़ कच्छुद्दाी म्मईए प्पीहल्लीए पपाटता हूटता तटूऊ ल्लुउन्न्ड्ड़ क्याअ उउन्नगगल्लीी बभिईीई
न्नाहहीी ग्घूउसान्नी द्दीततीी,,,,,,मार्र डाल्ला ररी ससुउन्नयी टुउन्नी,,जान ननीककाल ददीई म्मीररीि,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या हुआ दीदी पहले खुद ही बोल रही थी कि आज गान्ड ही मर्वानी है खुद ही तो चूत मे जाते
हुए लंड को पकड़ कर गान्ड का रास्ता दिखाया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--गाअल्ल्त्तीई हहूओ गयइी म्मीररीए स्सी प्पात्ता ह्हूत्ता क्कीिई त्तेर्रा म्मूस्साल्ल मीरीई गाणन्ंदड़ म्मी ज्जाक्की म्मीरीइ जानन्न ननीककालल्ल्ल्ल्लद्दीग्गा तूओ ककब्भहिी ईसस्क्कूव आपपनन्ी गगाणन्दड़ क्का ररासस्टता न्नाहहीी दडीीखहात्तीीई,,,,,हहयईएआब्ब्ब त्तूओ ब्बाहहारर ननीककाल्ल द्ददी सुउन्नयी माआरर ज्ज़ोउन्न्नगगीइइ म्मायन बभ्हुत्त् ददार्र्द्द हहूओ
र्राहहा हहाइईइ,,,,,,,,,,,

सन्नी-बस दीदी जितना दर्द होना था हो चुका अब तो मज़ा ही मज़ा है मैने दीदी की चूत को
तेज़ी से सहलाना शुरू किया ऑर लंड को भी हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा लेकिन मैं ज़्यादा लंड को बाहर
नही कर रहा था बस 2 इंच लंड को ही आगे पीछे कर रहा था मेरा 6 इंच लंड अभी भी दीदी की गान्ड मे था
जिस से दीदी की गान्ड का अंदर वाला हिस्सा भी थोड़ा खुल रहा था ऑर मेरे मूसल के लिए जगह बना रहा था,,
मैने करीब 2-3 मिनिट ऐसे ही हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करना जारी रखा ऑर जब देखा कि दीदी को फिर से
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी खुद बोलने लगी,,,आहह आयब्ब्ब ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाइईइ सयन्नीयी
अब्ब प्पील्लू आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ कककू मीरीइ गाणन्दड़ म्मी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने भी लंड को थोड़ा ज़्यादा
अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ऑर स्पीड भी थोड़ी तेज करदी,,,,,,दीदी मस्ती मे सिसकियाँ लेती हुई कभी कभी
बीच मे हल्का सा दर्द का इज़हार भी कर देती थी,,,लेकिन मेरे को रुकने को नही बोल रही थी,,,,,,,,

करीब 5-7 मिनिट बाद मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे अंदर बाहर होने लगा था तभी मैने दीदी को कमर
से पकड़ा ऑर खुद उपर उठकर दीदी को भी उपर उठा दिया दीदी ने भी अपने घुटने मोड़ दिए ऑर खुद को बेड पर
सहारा देते हुए कुतिया के पोज़ मे वापिस झुका लिया ऑर मैं भी घुटने मोड़ कर दीदी के पीछे बैठ गया लेकिन
मैने दीदी की गान्ड से लंड को बाहर नही निकाला था,,,,,,अब सही पोज़ मे आके मैने दीदी की कमर को पकड़ा
ऑर धक्के लगाने लगा तभी मेरा ध्यान गान्ड मे अंदर बाहर होते लंड पर गया जिस पर खून लगा हुआ था
मैं समझ गया कि मेरे लंड ने दीदी की गान्ड को फाड़ दिया था ,,दीदी की गान्ड का खून लोशन के साथ मिलकर
मेरे लंड पर लगा हुआ था ऑर खुद गान्ड से बहता है नीचे बेड पर गिरने लगा था,,,,,मुझे बड़ी खुशी हो
रही थी खून देख कर आज मैने पहली सील खोली थी,,चूत की ना सही गान्ड की सही लेकिन इसमे भी बहुत मज़ा
आता था,,,बहुत नही बहुत ज़्यादा,,,अब तक तो जिसकी भी चूत या गान्ड मारी थी वो पहले से खुली थी हालाकी पूजा
ऑर शोभा की गान्ड टाइट ज़रूर थी लेकिन सील बंद नही थी वो हल्की सी खुली हुई थी,,,,,,,,,लेकिन शिखा दीदी की
चूत खुली हुई थी जबकि गान्ड की सील को आज मैने खोला था ऑर इसी बात से मुझे ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी
ऑर मेरी स्पीड तेज होने लगी थी,,,,दीदी भी तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए मुझे उनकी गान्ड चोदने को बोल रही थी ,,,,,
आहह आअब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब आनन्नीई ल्लाअगगाआ ंमाज़्जा म्मूउज़्झहही आअहह
आअब्ब्ब्ब म्माआत्त्ट ररूउक्कणना ससुउन्नयी ब्बाअस्स्स एआईसीए हहिईिइ गगाआंन्दड़ म्मईए ल्लुउन्न्द्द्द्द्दद्ड क्को
त्टीजजििइई ससीए प्पील्ल्त्ती ररीहन्नाअ ऊओररर त्टीजजििीइ सस्सीई,,,,,आपपंनी हहट्तूंन ककूऊ म्मईररीइ
क्काममार्र ससी उउत्तहा क्कार्र म्मीररी बूब्बसस पपीएरर रृाकखू सयन्नीयीईयीयै

मैने भी दीदी की बातसुनी ऑर हाथों की दीदी की कमर से हटा कर दीदी के बूब्स पर रखा ऑर बूब्स को मसल्ने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आहह उूुुुुुुुुुुुउऊहह हहययययययययययययययी ससुउउन्नययी एआईसीए हहिि त्तीज्ज्जीईईइ
सस्स्सीई गगाणन्दड़ म्माररू मीरीइ ऊरर जजूर्र्र ससी म्मासल्लूऊ म्मीररी ब्बूबबसस क्कूव हहययईईए
आअहह क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा द्द्दीतता हहाइी त्तीरा यईी म्मूओस्साल्ल्ल ज्जाससा ल्लुउन्न्ञदड़ आहह
क्क़ासशह म्मीररी पपात्तीीई क्‍काल्लुउन्न्ड्ड़ बहीी एआसा हहूवतता टूऊओ म्माज्जा आ ज्जात्त्ता,,,,,ब्बड़ी
क्कीस्स्म्मात्त व्वाल्ल्लीी हूगिइइ त्तीरीइ प्पात्त्न्न्न्नी ससुउन्नयी ज्जू उऊस्क्कूव त्तीररी ज्जासससा म्मूस्साल
ल्ल्लुउन्न्ञदड़ व्वाल्ला पपात्टीी ममिल्लीगगा,,,,क्ख्हूब्ब म्माज्जा क्काररीज्गीइइ वउूओ त्तीरीए सात्थ्ह्ह्ह
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैने भी दीदी की बातें सुन कर खुश होने लगा ऑर सोचने लगा कि पत्नी जब आएगी तब आएगी लेकिन
आज तो मेरी 6 पत्निया हो चुकी है,बुआ शोभा माँ पूजा मनीषा ओर अब शिखा दीदी भी,,,,मुझे बड़ा मज़ा
आ रहा था ये सोच सोच कर ऑर मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है क्यूकी मैं करीब 20-25 मिनिट
से दीदी की गान्ड मार रहा था दीदी तो पहले एक बार झड चुकी थी लेकिन मैं नही झाड़ा था अभी तक लेकिन
अब झड़ने वाला था तभी मैने दीदी के बूब्स से अपने हाथ हटा लिए ऑर जल्दी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ
घुसा दी ऑर तेज़ी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ पेलने लगा ऑर साथ ही गान्ड मे लंड की स्पीड को स्लो कर दिया
क्यूकी मैं दीदी को भी अपने साथ झडवाना चाहता था ऑर ऐसा ही हुआ दीदी की सिसकियाँ अब तेज होने लगी थी ऑर
वो पूरी मस्ती मे चिल्ला रही थी आअरर त्तीज्ज्ज ससुउउन्नयी ऊरर त्तीईज्ज म्मीर्रा ब्बाअस्स हहूननी व्वाल्ला
हहाइईइ ऊरर त्तीज्ज प्पील्लू ल्लुउन्न्ड्ड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ मे ऊरर टीज़्ज उउन्नगगल्लीी क्कर्ररू म्मीरीईईईईई
कच्छूत्त मी आअहह उूुउऊहह हमम्म्ममममममम दीदी ने खुद अपने
हाथों से अपने बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया था मैने भी देखा कि दीदी अब झड़ने वाली है तो मैने
भी लंड को तेज़ी से गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया करीब 2 मिनिट बाद ही तेज़ी से चिल्लाते हुए दीदी की चूत ने
पानी छोड़ दिया ऑर मेरे लंड ने भी दीदी की गान्ड को स्पर्म की पिचकारियों से भर दिया,,,,,,,,,,,,मैं हन्फता हुआ
बेड पर गिर गया ओर दीदी ऐसे ही अपने नीचे पड़े पिल्लो पर पेट टिका कर गिर गई,,,,,,



शिखा--आज तो सच मे बहुत मज़ा आया सन्नी,,,इतना मज़ा तो चूत मे नही आया कभी जितना आज गान्ड मे आया है लेकिन दर्द भी चूत की सील खुलने से कहीं ज़्यादा हुआ है गान्ड की सील खुलने मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन मज़ा तो आया ना दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--हाँ सन्नी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तू रोज मुझे ऐसे मज़ा दे सकता है सन्नी,,,,,

सन्नी--रोज रोज का मुश्किल है दीदी क्यूकी टाइम निकालना ऑर जगह का बंदोबस्त करना मुश्किल है लेकिन जब भी मोका
मिला मैं आपकी सारी प्यास भुजा दिया करूँगा,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--सच मे सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--हाँ दीदी बस जब भी आप घर पर अकेली हो मुझे कॉल कर दिया करना मैं आ जाया करूँगा,,,,,,,,,,,

शिखा--ठीक है सन्नी ,,,,,,,,,,,,,

उस दिन मैने एक बार ऑर दीदी की गान्ड मारी आज दीदी ने मुझे चूत मे लंड घुसने ही नही दिया उनको तो आज सिर्फ़
गान्ड चुदाई का मज़ा लेना था,,,,ऑर वैसे मैं भी बड़ा खुश था गान्ड की सील खोलके ऑर टाइट गान्ड की
चुदाई करके,,,,,,,,,,,,,फिर मैं कॉलेज टाइम से कुछ देर पहले ही वहाँ से निकल गया,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
करण के घर से निकला तो हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई लेकिन मैं ज़्यादा नही भीगा ऑर ठीक टाइम पर घर पहुँच गया,,,,,,,,,माँ ने दरवाजा खोला ऑर मैं अंदर चला गया,,,,,,,,

माँ-आज फिर भीग गया तू ऑर अकेला क्यूँ आया है सोनिया कहाँ है,,,,,,,,,,,,

सन्नी-माँ वो कविता क साथ आएगी सुबह भी उसके साथ गई थी,,,,,,,,

माँ--क्यू तुम लोगो का फिर से झगड़ा हुआ है क्या,,,,,,,,,,,,

मैने कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,,,,,,,

माँ-पता नही तुम लोग कब बड़े होगे जब देखो बच्चो की तरह लड़ते रहते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं उपर की तरफ जाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,

माँ-कहाँ जा रहे हो यही हाथ मुँह धो लो मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-नही मोम अभी नही अभी मुझे बारिश मे ऑरज़्यादा एंजाय करना है,,इस से पहले माँ कुछ ऑर बोलती मैं भाग कर उपर छत पर चला गया ऑर जाते टाइम अपना बॅग अपने रूम मे रख गया,,,,,,,,,,,जब उपर पहुँचा तो बारिश थोड़ी तेज हो गई थी ऑर बदल भी गरजने लगे थे कुछ ही पल मे बारिश पूरे जोरो पर शुरू हो गई थी,,,,,,,,मुझे बारिश मे भीगना बहुत अच्छा लगता है ऑर मैं कोई मोका हाथ से नही जाने देता बारिश मे भीगने का,,,,

,मैं बारिश मे एंजाय कर ही रहा था तभी मुझे बाहर से हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी मैं जल्दी से छत की एक तरफ गया जहाँ से गेट नज़र आता था,,मैने नीचे देखा तो कविता ऑर सोनिया घर आ गई थी,,दोनो एक दम भीगी हुई थी ,,दोनो का भीगा बदन देख मुझे मस्ती चढ़ने लगी,,,,दोनो इतनी खूबसूरत लग रही थी कि तय करना मुश्किल हो रहा था कि कॉन ज़्यादा खूबसूरत है,कविता या सोनिया,,,,,,,,,,,मैं अभी उनके भीगे हुए बदन से अपनी आँखे सेक रहा था कि तभी सोनिया ने उपर मेरी तरफ देखा ऑर मैं जल्दी से पीछे हट गया,,,क्यूकी वो मुझे गुस्से से देख रही थी,,,,,,

मैं पीछे हो गया ऑर सोचने लगा कि अब शायद सोनिया भी उपर आएगी क्यूकी उसको भी बारिश मे भीगने का शॉंक है लेकिन वो उपर नही आई मैं काफ़ी देर तक बारिश का लुफ्त उठाता रहा लेकिन अकेले अकेले ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब बारिश कुछ कम हो गई तो मैं नीचे चला गया,,,,,,,,,,,मेरे रूम मे कविता ऑर सोनिया बैठी हुई थी,,,दोनो ने कपड़े बदल लिए थे,,,कविता ने भी सोनिया की जीन्स ऑर टी-शर्ट पहन रखी थी,,,,मैं भी जल्दी से अपने कपड़े लेके बाथरूम मे चला गया ऑर अंदर जाके शवर लेके बर्म्यूडा ओर बनियान पहन कर बाहर आ गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता- हाई सन्नी

सन्नी-हाई कविता,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-आज तुम कॉलेज से जल्दी आ गये थे क्या,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-हाँ मुझे कुछ काम था कविता इसलिए थोड़ा जल्दी आ गया था,,,,,,,,,,,

कविता-अच्छा अब बारिश हो रही है या रुक गई,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-क्यू पूच्छ रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-लगता है रुक ही गई है तभी तुम नीचे आ गये हो कविता के बोलने से पहले ही सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नही
रुकी तो नही है हल्की हल्की हो रही है अभी भी,,,कुछ देर तक रुक जाएगी शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता-जल्दी रुक जाए मुझे घर जाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-,तो यहाँ कॉन्सा तुम किसी धर्मशाला मे बैठी हो ये भी तो घर ही है,मैने मज़ाक किया कविता तो खुश हो गई लेकिन सोनिया गुस्से मे लग रही थी,,,,,,,,,,,,,मैं समझ गया कि बाहर मौसम रंगीन है लेकिन यहाँ का मौसम थोड़ा गरम है इसलिए मैने ऑर कोई बात नही की ऑर वहाँ से सीधा नीचे चला आया,,,,,,,,,,,वहाँ माँ सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी मैं अभी सोफे पर मां के पास बैठा ही था कि माँ गुस्से होने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--बच्चों की तरह बारिश मे भीगते रहना खाने पीने का भी कोई होश नही तेरे को कब से आया है कॉलेज से लेकिन खाना नही खा रहा तू,,,चल अब जल्दी से चल डाइनिंग टेबल पर मैं खाना लेके आती हूँ,,,,,,,,,,

मोम उठी ऑर किचन मे चली गई ऑर मैं भी चुप चाप डाइनिंग टेबल पर बैठ गया,,,माँ ने मुझे खाना दिया ऑर मैं आराम से बैठ कर खाना खाने लगा तभी कविता ऑर सोनिया भी नीचे आ गई,,,,,, सोनिया ने बाहर वाला दरवाजा खोलके देखा तो बाहर अभी भी बारिश हो रही थी,,,,,,,,,,,

माँ--बेटी तुमको घर जाने की जल्दी है क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता--जी आंटी जी लेकिन बारिश है कि रुकने का नाम ही नही ले रही ,,,,

अब तक मैं खाना खा चुका था ,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर यही रुक जाओ बेटी जब बारिश थम जाए तो चली जाना,,,,,,,,,

कविता--,नही आंटी जी मेरा अभी घर जाना ज़रूरी है,,,,,,,,,,,,

इस से पहले माँ कुछ ओर बोलती सोनिया ने माँ को इशारा करके चुप रहने को बोला ऑर मा भी चुप हो गई तभी बाहर बेल बजी गेट खोला तो देखा डॅड आ गये थे,,,,,,,,

कविता--नमस्ते अंकल

डॅड--,नमस्ते बेटी,,कब आई तुम,,,,,,,,,,,,

कविता-जी कॉलेज से सीधा यहीं आई थी सोनिया को छोड़ने लेकिन अब वापिस जाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

डॅड--अभी रुक जाओ बेटी बारिश हो रही है भीग जाओगी तुम,,,,,,,,,,

कविता--नही अंकल अभी जाना ज़रूरी है वरना घर वाले गुस्सा होंगे,,,,,,,,,,,,,,,

डॅड-बेटी घर पे फोन करदो कि बारिश रुकने के बाद आ जाओगी,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया ने डॅड को भी चुप रहने को इशारा किया,,,,,,,,,,,डॅड चुप हो गये ऑर अपने रूम मे जाने लगे,तभी मैने
डॅड को आवाज़ दी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--डॅड कार की चाबी मुझे दो मैं कविता को उसके घर छोड़ आता हूँ,,,,डॅड ने मुझे चाबी दी ऑर अपने रूम मे चले गये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कविता--लेकिन मेरी अक्तिवा,,,,,,,,,,,,

सन्नी-अरे आक्टिव यही रहने दो कल सुबह सोनिया जब कॉलेज जाएगी तब तुमके लेती जाएगी अपने साथ तभी अक्तिवा भी ले लेना अपनी,,,,,,,,,,,

माँ--हाँ बेटी यही ठीक रहेगा अक्तिवा यही छोड़ दो ऑर सन्नी के साथ घर चली जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,कविता ने हाँ मे सर हिला
दिया ऑर मेरे साथ जाने को रेडी हो गई,,,,,,,,,,,मैं भी उपर अपने रूम मे गया ऑर टी-शर्ट पहन कर वापिस आ
गया,,,,,,सोनिया थोड़ी गुस्से मे लग रही थी क्यूकी मैं कविता को उसके घर छोड़ने जाने वाला था शायद वो इस
बात से खुश नही थी क्यूकी उसको लगता था मैं उसकी फ्रेंड से फ्लर्ट करता हूँ,,,,,,,,,,,,,खैर हम लोग घर से
बाहर निकले लेकिन तभी बारिश रुक गई,,,,,,माँ ऑर सोनिया भी हमारे साथ बाहर तक आई थी,,,,,मैने देखा कि
बारिश रुकने से सोनिया बड़ी खुश लग रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया--,चलो बारिश रुक गई अब तुम अक्तिवा लेके जाओ अपने घर,,,,,,,,,,,,,,,कविता भी कुछ नही बोली ऑर सबको बाइ बोलके अक्तिवा लेके चली गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने सोनिया को देखा तो वो कुछ ज़्यादा ही खुश थी लेकिन फिर मेरी तरफ देख कर गुस्सा करते हुए वो घर के अंदर चली गई ऑर उसके पीछे माँ भी अंदर चली गई,,,,,,,,,,,,,,,साला ये सोनिया का मसला क्या है,,एक पल मे खुश ऑर एक पल मे इतना गुस्सा,,,,,,,कुछ समझ नही आता कब क्या कर जाए,,,,,,,,,,खैर मैं भी घर के अंदर चला गया ऑर टीवी देखने लगा,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आज रात घर पर सब लोग एक साथ डिन्नर कर रहे थे,,,,,,,,,,बुआ ऑर शोभा नही,,वो उपर ही थे ,,,लेकिन डॅड
आज हमारे साथ डिन्नर कर रहे थे,,,,,,,डिन्नर के बाद सब अपने रूम मे चले गये लेकिन मैं अपने रूम
मे नही जाना चाहता था क्यूकी मेरा मूड कुछ ऑर था आज,,,मैं अपने रूम मे गया ऑर कुछ समान लेके वहाँ
से नीचे आ गया ऑर माँ को बोला कि मैं करण के घर तक जा रहा हूँ कुछ देर मे आ जा,,,,,माँ ने बोला
बेटा जल्दी आ जाना ज़्यादा लेट मत होना,,,,ठीक है माँ मैं जल्दी आ आजाउंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,


मैने बाइक लिया ऑर वहाँ से सीधा बुआ के बुटीक पर आ गया,,,,वहाँ आके मैने बुटीक से गेट की चाबी
निकली जो मैं अभी अपने रूम से लेके आया था ऑर गेट खोलने लगा,,आज मेरा मूड था मनीषा की गान्ड को
जमकर चोदने का क्यूकी आज मैने शिखा दीदी की गान्ड जो मारी थी ऑर अब मनीषा की गान्ड मारना चाहता था
क्यूकी उसकी गान्ड भी टाइट थी ये मेरे को पता था,,,हालाकी मेरे बाप ने मनीषा की गान्ड मारी थी लेकिन
मैने देखा था कि मेरे बाप का लंड छोटा था जिस से मनीषा की गान्ड ज़्यादा नही खुली होगी ऑर मेरे बड़े
मूसल के लिए तो अभी भी वो सील बंद गान्ड होगी,,,,,,मैं खुशी से उछलने लगा,,,,,,,,,,,,,,,तभी मैने पूजा
को बुटीक के नंबर पर फोन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,एक फोन नीचे बूटीक मे पड़ा हुआ था जबकि एक फोन उपर
पड़ा हुआ था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पूजा ने फोन उठाया,,,,,,,,,,

पूजा--हेलो कॉन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-,हेलो पूजा मैं सन्नी बोल रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--,हेलो सन्नी हाउ आर यू,,,,,,,,,,

सन्नी- आइम फाइन पूजा ,हाउ आर यू,,,,,,,

पूजा-आइम ऑल्सो फाइन सन्नी ,कैसे याद किया आज मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--कुछ नही बस घर पे दिल नही लग रहा था तो सोचा कि कुछ देर बाहर घूम कर आता
हूँ यहाँ से गुजर रहा था तो सोचा एक बार तुमसे मिलता चलूं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--कहाँ हो अभी तुम,,,,,,,,,,

सन्नी-,मैं बाहर गाते पर खड़ा हुआ हूँ,,,,,,,,,,

पूजा--ठीक है तुम रूको मैं अभी आती हूँ,,,,,,,,,,,,,उसने फोन काट दिया ऑर 2 मिनिट मे ही नीचे गेट पर आ गई,,,,,,,,,,,,मैने गेट अपनी चाबी से इसलिए नही खोला था क्यूकी मैं उसको नही बताना चाहता था कि मेरे पास चाबी है ,,,,,,,,,,उसने जल्दी से गेट खोला ओर मैने जल्दी से बाइक अंदर किया वो समझ गई मैं आज रात यही रहने वाला हूँ,,,,,,,,,,,,मेरे बाइक अंदर करते ही उसने गेट लॉक किया ऑर वहीं मुझे गले से लगा कर किस करना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,फिर हम दोनो उपर चले गये,,,मैने उपर जाके देखा कि मनीषा नंगी होके बेड पर लेटी हुई थी,,,,,,,,,,,मैने उसको देखा तो उसने शर्माके अपने उपर एक
चदडार ओढ़ ली,,,,,,,,,अरे लगता है तुम दोनो का पहले से प्लान बना हुआ है मस्ती करने का इसलिए ऐसे नंगी
होके लेटी हुई हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--नही सन्नी हम लोग अक्सर ऐसे ही रहते है यहाँ बिना कपड़ो के क्यूकी यहाँ हमे देखने वाला कोई नही है ऑर जब दिल करता है हम एंजाय करना शुरू कर देते है,,,,,,,,,

सन्नी--तो ठीक है आज की रात मैं भी ऐसे ही रहूँगा ऑर मैने भी जल्दी से कपड़े उतार दिए ऑर नंगा हो गया इतने मे पूजा ने भीअपनी नाइटी उतार दी ऑर नंगी हो गई,,,,,,,,,,पूजा ऑर मैं बेड पर चले गये ऑर बेड पर लेट गये मैं बीच मे
था ऑर एक साइड पूजा पूरी नंगी मेरे से चिपक कर मुझे लिप्स किस कर रही थी ऑर इधर मनीषा पूरी नंगी लेकिन
चद्दर ओढ़ कर लेटी हुई थी,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरा बहुत दिल कर रहा था पूजा तेरे से मिलने को,,,,,,

पूजा--मेरा भी बहुत दिल कर रहा था सन्नी ,,,,,,,,वो मुझे किस करने लगी,,,तभी मैने उसको रोका ऑर वापिस बेड से नीचे उतर कर अपने बर्म्यूडा की पॉकेट से अपने फोन निकाला ऑर घर फोन करके बोल दिया कि मैं आज करण के घर रहने वाला हूँ मुझे झूठ बोलता देख पूजा हँसने लगी ऑर मनीषा की चद्दर से मुँह निकाल कर मुझे देखने लगी,



मैने फोन कट किया लेकिन तभी मुझे एक ऑर आइडिया आया क्यूँ ना मैं करण को यहाँ बुला लूँ वो बेचारा मुझे
कब्से बोल रहा है चूत लेने के लिए,,,आज उसका भी भला कर देते है,,,,लेकिन पहले पूजा को पूछना पड़ेगा,,,,,,,

सन्नी--पूजा क्या तुम आज तैयार हो चुदाई के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--मैं तो हमेशा तैयार रहती हूँ सन्नी ऑर वैसे भी तेरे मूसल से चुदने मे मज़ा ही इतना आता है कि चूत हर टाइम तेरा मूसल मांगती रहती है,,,,,,,,,,

सन्नी--अच्छा अगर एक ऑर ऐसा ही मूसल मिल जाए मेरा मतलब 2 बड़े मूसल मिल जाए तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,पूजा खुशी ऑर हैरत के मिलेजुले भाव से मुझे देखने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा--दूसरा मूसल,,,,,,,लेकिन किसका,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरे एक दोस्त का बिल्कुल ऐसा ही बड़ा मूसल है ,,मैने सोचा उसको भी आज बुला लेता हूँ यहाँ लेकिन अगर तुम कहो तो तुम्हारी मर्ज़ी के बिना नही,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पूजा ने कुछ देर सोचा फिर बोली,,,,,,,,,,,लेकिन अगर कोई पंगा हो गया तो मेरा मतलब वो जो भी है क्या भरोसे के लाएक है वो तुम्हार दोस्त,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--हाँ पूजा वो बहुत अच्छा है ओर पूरा भरोसे के लायक है मेरे मे ऑर उसमे कोई फरक नही है,,,तुम उसका नही मेरा तो यकीन करो,,,,,,,,

वो सोचने लगी ऑर बोली,,,,,,,,,,,ठीक है सन्नी मुझे आपके दोस्त पर नही लेकिन आप पर यकीन है आप कोई ग़लत कदम नही उठा सकते,,,,,,,,,,,,

,उसके इतना बोलते ही मैने करण को फोन किया,,,,,,,,,करण ने काफ़ी टाइम लगा दिया फोन उठाने मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--साले इतनी रात को क्यूँ फोन करता है तू सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--कमीने सो गया था क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--हाँ सन्नी भाई,,,,,,,,

सन्नी--चल अब नींद से जाग जा ऑर जल्दी से यहाँ पहुँच जा तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है मेरे पास,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--इतनी रात को क्या सर्प्राइज़ है सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,अबे इतनी रात क्या अभी तो जस्ट 10: पीएम हुए है,,,अब बातें छोड़ ऑर जल्दी से आजा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--लेकिन सर्प्राइज़ क्या है ये तो बात दो भाई,,

सन्नी--अबे बता दिया तो सर्प्राइज़ कैसा अब बोल तू आ रहा है या नही,,,,,,,,,,,,,

करण--आता हूँ भाई आप बुलाओ ऑर मैं ना आउ ऐसा हो सकता है क्या लेकिन आना कहाँ है,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मेरी बुआ के बुटीक पर लेकिन सामने से नही पीछे वाले गेट की तरफ से आना,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--वहाँ क्या है भाई,,,,,,,,,,,

सन्नी--अबे तू सवाल करना बंद कर ऑर बता कितनी देर मे आ रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--बस 10-15 मिनिट मे आता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला रात को रोड पर रश कम होता है वो कमीना बाइक को उड़ाता हुआ 15 मिनिट मे बाहर गेट पर आ गया,,,,,,मैं नीचे गया बर्म्यूडा ऑर बनियान पहन कर ऑर उसका बाइक अंदर करके उसको भी अंदर ले आया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण-भाई इतना भी क्या सर्प्राइज़ था जो इतनी जल्दी बुला लिया मुझे,,,,,,,,,,

सन्नी--अबे उपर चल सब बताता हूँ,,,,,

वो मेरे साथ उपर चल पड़ा

मैं सीधा उसको उपर वाले उस रूम मे ले गया जो पूजा ऑर मनीषा के साथ वाला रूम था जो
खाली था,,,,मैने उसको बेड पर बैठने को बोला,,,,,,,,,,,,,

करण-अरे भाई सर्प्राइज़ क्या है बताओ ना,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,रुक ज़रा वेट कर अभी बताता हूँ ,,,,,,,,,,,मैं साथ वाले रूम मे गया ऑर मनीषा ऑर पूजा को अपने साथ लेके आ
गया,,,हमे दरवाजे पर देख कर करण का मुँह खुला का खुला रह गया ऑर आँखें भी बड़ी बड़ी हो गई,,,,,,,,,,,
मैने पूजा के रूम मे जाते ही अपने कपड़े उतार दिए थे जबकि पूजा पहले से नंगी थी लेकिन मनीषा कुछ
शरमा रही थी इसलिए उसने खुद के जिस्म को चद्दर से कवर किया हुआ था,,,,,,,,,,

सन्नी--क्यू कैसा लगा सर्प्राइज़,,,,,
कारण की तो बोलती ही बंद हो गई थी तभी मैने पूजा को इशारा किया ऑर पूजा ने आगे होके करण को बेड से हाथ
पकड़ कर खड़ा कर दिया ओर इस से पहले करण कुछ समझ पाता पूजा ने उसके लिप्स को अपने लिप्स से जाकड़ कर
किस करना शुरू कर दिया,,,,करण बेचारा बे सुध सा हो गया था,,,,होता भी क्यू ना पहली बार किसी लड़की को किस
जो कर रहा था,,,,वो भी पूजा जैसी खूबसूरत ऑर एक दम नंगी लड़की को,,,,,,मैने भी पूजा को बता दिया था
कि करण एक दम अनाड़ी है उसका आज पहली बारी है,,,,,,,,,इसलिए पूजा आगे बढ़ कर खुद उसको क़िस्सी करने लगी थी
Reply
07-10-2019, 07:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
करण तो ऐसे ही खड़ा हुआ था उसके हाथ भी नीचे लटक रहे थे जबकि पूजा ने उसको हग किया हुआ था,,,,,,
पूजा ने उसके कपड़े निकालने सुरू किए ऑर कारण चुप चाप खुद को नंगा होते देखने लगा ना तो वो कुछ बोल
रहा था ऑर ना कुछ कर रहा था ,,करण के नंगे होते ही पूजा ने उसको बेड पर पीछे की तरफ गिरा दिया ऑर खुद
भी बेड पर चढ़ गई ऑर वापिस करण को लिप्स किस करना शुरू कर दिया साथ मे उसके लंड को हाथ मे ले लिया अभी
उसका लंड बहुत छोटा लग रहा था लेकिन 2 मिनिट मे ही उसने ओकात मे आना शुरू कर दिया था,,,करण भी एक
पंजाबी मुंडा था भरे हुए जिस्म का मालिक,,,जिम नही जाता था लेकिन फिट था ओर वैसा ही फिट था उसका मूसल
जो काफ़ी लंबा था लेकिन मोटा नही था ,,,अब करण को भी मज़ा आने लगा था क्यूकी उसके लंड पर पूजा के हाथ
अपना कमाल दिखा रहे थे ऑर लंड पूरी ओकात मे आ गया था तभी करण ने भी अपना एक हाथ पूजा की पीठ
पर रखा लेकिन पूजा ने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने बूब पर रख दिया,,,करण थोड़ा झिझक राह था लेकिन
जल्दी ही उसने पूजा के बूब को मसलना शुरू कर दिया था ऑर दूसरे हाथ को पूजा के सर पर रख दिया ऑर उसको किस
का रेस्पॉन्स देने लगा था,,,,,इधर मैने भी मनीषा को किस करते हुए उसकी चद्दर उतार कर साइड पर रख
दी फिर उसको करण ऑर पूजा की एक साइड मे बेड पर ले गया ऑर उसको लेटा कर खुद साइड मे लेट गया ऑर किस करने लगा

एक तरफ जहाँ पूजा करण को गर्म कर रही थी वहीं मैं मनीषा को गरम करने मे लगा हुआ था,,,


अब हम चारो नंगे बदन बेड पर एक दूसरे से लिपटे हुए थे,,,मैं मनीषा को बेड पर लेता कर उसके उपर
होके उसको लिप्स पर किस कर रहा था ऑर वो भी मुझे हल्का सा रेस्पॉन्स दे रही थी ,,वो पता नही क्यू अभी भी
मेरे से कुछ शरमा रही थी क्यूकी किस करते टाइम उसकी आँखें बंद थी ,,मैं उसको किस करते हुए उसके बूब्स
ऑर पेट पर हाथ फिरा रहा था ऑर कभी कभी कमर से होते हुए एक आधी बार उसकी चूत को भी हल्के से टच
कर देता था लेकिन मैं कोई जल्दबाज़ी नही कर रहा था,,,आज मैं कुछ ज़्यादा ही मस्ती के मूड मे था एक तो आज
शिखा की गान्ड की सील खोली थी ऑर उपर से अपने बेस्ट फ्रेंड को भी ज़िंदगी मे पहली चुदाई मे हेल्प कर रहा था
ऑर वैसे भी अब यहाँ किसने आना था ,,हम बिना किसी डर के आराम से मस्ती कर रहे थे,,,

मैने मनीषा को किस करते हुए उसके बूब्स को पकड़ा ऑर प्यार से सहलाते हुए हल्के हल्के दबाने लगा ,,,,मेरे लिप्स मे उसके लिप्स बड़े नज़ाकत ऑर प्यार से जकड़े हुए थे ऑर मैं बड़े आराम से उनको चूस रहा था अब मनीषा ने भी मेरी
किस का रेस्पॉन्स थोड़ी ज़्यादा मस्ती मे देना शुरू कर दिया था,,,,उसके हाथ मेरी पीठ पर घूमने लगे थे
तभी मैने किस करते हुए करण ऑर पूजा की तरफ देखा तो करण भी अब पूजा को किस मे साथ देते हुए अपने
हाथ उसको पीठ पर घुमा रहा था,,,,कुछ ही देर मे मैने देखा कि पूजा उठी ऑर कारण के लंड को पकड़ा ऑर
उसके लंड की टोपी को किस करने लगी,,,,करण के लिए ये पहले एहसास था ,,पहली बार किसी लड़की के सॉफ्ट लिप्स उसके लंड की टोपी को टच हुए थे जिस से उसके बदन मे एक झटका लगा था ऑर वो हल्का उपर उछल गया था पूजा ने
जल्दी ही उसके लंड को हल्के से अपने लिप्स मे भर लिया ऑर मुँह के अंदर कर लिया,,,करण बस मस्ती मे आँखें
बंद करके आराम से लेट गया था उसने अपने हाथ भी बेड पर रख दिए थे,,,वो तो जैसे मस्ती के सातवे आसमान
पर उड़ने लगा था,,,,लेकिन ये उड़ान ज़्यादा देर नही चली ऑर 2 मिनिट मे ही उसने पूजा के सर को पकड़ा ओर उसको
लंड से हटाने लगा लेकिन पूजा ने उसके लंड को नही छोड़ा ऑर मुँह मे लेके चुस्ती रही करण पूरी कोशिश कर
रहा था लेकिन पूजा ने उसको नही छोड़ा ऑर तभी करण के जिस्म ने तेज झटके लिए ऑर वो बेड पर पीछे की तरफ
गिर गया ऑर तेज साँसे लेने लगा,,,,,मैं समझ गया कि वो झड गया था पूजा ने उसके लंड का पानी पी लिया ऑर फिर
उसके साथ बेड पर लेट गई,,,,करण तेज़ी से साँसे ले रहा था उसके माथे पर बहुत ज़्यादा पसीना आ गया था रूम
मे एसी चल रहा था फिर भी वो पसीने से भीगा हुआ था ऑर पूजा उसके माथे से पसीने को अपने हाथ से
सॉफ कर रही थी ऑर हल्की हल्की किस भी कर रही थी,,,,,,


इधर मैने मनीषा को किस करते हुए उसके बूब्स को सहलाना ऑर दबाना जारी रखा ऑर उसने भी अपने हाथों से
मेरी पूरी पीठ को सहलाना जारी रखा हुआ था,,,,कुछ देर बाद मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर
अपने लिप्स को उसके बूब्स पर ले गया मेरे लिप्स बूब्स पर टच होते ही उसने मेरे सर को बूब पर दबा दिया वो
कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई थी अभी तो मैने जस्ट लिप्स को उसके बूब की डुँड़ी पर टच ही किया था ऑर अभी से उसका
ये हाल था उसकी इस हरकत ने मुझे ऑर ज़्यादा मस्त कर दिया ऑर मैने उसके बूब को मुँह मे भर लिया ऑर खा
जाने वाले अंदाज़ मे चूसने लगा ऑर तभी अपने हाथ से उसके दूसरे बूब को मसल्ने लगा उसने भी अपने एक
हाथ को मेरे सर पर रखा ऑर दूसरे को मेरे उस हाथ पर रख दिया जो उसके बूब पर था फिर मेरे हाथ को ज़ोर
से दबाते हुए अपने बूब को भी ज़ोर से मसल्ने लगी,,


,वो अब तक पूरी तरह बेक़ाबू हो चुकी थी ऑर उसकी यही
बात मुझे पागल कर रही थी मैने उसके बूब को पूरा मुँह मे भर लिया ऑर तेज़ी से चूसने लगा ऑर साथ ही दूसरे
वाले को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा इतना ज़ोर से मसल रहा था कि कभी कभी उसकी दर्द भारी मीठी आहह निकल
जाती थी ,,उधर पूजा ने फिर से करण के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर किस करनी शुरू करदी थी करण भी
उसका साथ पूरी मस्ती मे दे रहा था क्यूकी अब खुद-ब-खुद करण के हाथ पूजा के बूब्स को सहलाने लगे थे
ऑर पूजा भी अपने हाथ से करण के लंड को सहला रही थी तभी पूजा उठी ऑर करण के उपर चढ़ कर अपने सर को
करण के लंड की तरफ ऑर टाँगों को करण के सर की तरफ करके 69 के पोज़ मे आ गई थी ऑर जल्दी से करण के
आधे खड़े लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी थी करण कुछ समझ नही पा रहा था क्यूकी उसका पहला तजुर्बा
था करण ने मेरी तरफ देखा ऑर मैने मनीषा के बूब को मुँह से निकाल कर करण को ज़ुबान से पूजा की
चूत चाटने का इशारा किया ऑर करण ने ना चाहते हुए भी अपनी ज़ुबान निकाली ऑर पूजा की चूत पर हल्के से
लगा दी लेकिन पूजा की चूत को चाटा नही जस्ट ज़ुबान को वहाँ टच ही किया तभी पूजा ने अपनी गान्ड को
नीचे किया ऑर चूत को करण के लिप्स से लगा दिया ऑर खुद ही गान्ड को मटक मटका कर चूत को करण के लिप्स
से रगड़ने लगी,,,करण का फेस पूजा की चूत से ढक सा गया था मुझे ये देख कर थोड़ी हँसी आ रही थी
लेकिन मैं वापिस अपने काम मे लग गया ऑर मनीषा के बूब को चूसने लगा,,,मैं बारी बारी से उसके बूब को
चूस ऑर काट रहा था ऑर दूसरे वाले को हाथ मे लेके दबा रहा था,,,,कुछ देर बाद मैने अपने हाथ को
मनीषा की चूत पर रख दिया ऑर चूत को सहलाने लगा तभी उसने भी अपने हाथ मेरे लंड पर रखा ऑर हल्के
से दबा दिया,,,,मैने करण की तरफ देखा तो वो अभी भी सर को पूजा की चूत से बचाने की कोशिश मे लगा
हुआ था,,,,तभी मैने मनीषा को इशारा किया ऑर उसने मेरा इशारा समझा ऑर बेड से उठ गई ऑर मैं उसकी
जगह पर लेट गया ऑर उसके अपने उपर ऐसे लेटा लिया जैसे पूजा करण के उपर थी ,,,,मनीषा ने उपर आते ही अपनी
बेहन की तरह जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी मैने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से उसकी
गान्ड पर हाथ रखे ऑर उसकी चूत को अपने लिप्स से लगा लिया,,,करण ये सब देख रहा था,,,मैं बड़ी मस्ती
मे मनीषा की चूत को चाटने लगा ऑर मनीषा भी मेरे लंड को उतनी ही मस्ती से चूसने लगी,,,,अब करण ने
भी मेरी तरह पूजा की गान्ड को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर चूत को मुँह मे भर लिया उसके चहरे से एसा लग
रहा था कि वो ये नही करना चाहता था लेकिन मुझे देख कर ऑर पूजा के द्वारा उसके लंड चूसे जाने की मस्ती
मे वो ऐसा करने लगा था,,,वो भी मेरी तारह पूजा की चूत को मुँह मे भरके ऐसे चूसने लगा था जैसे कि
पूजा के लिप्स पर किस कर रहा था,,,,पूजा भी उसके पूरे लंड को मुँह मे लेके गले से नीचे उतार रही थी करण
का लंड लंबा था लेकिन मोटा नही था इसलिए पूजा आराम से उसको गले से अंदर तक ले रही थी करण भी मस्ती
मे उसकी चूत को अब भूखे कुत्ते की तरह खाने लगा था,,

इधर मैने मनीषा की चूत को अपने मुँह से लगा रखा था ऑर उसने भी मेरे आधे लंड को मुँह मे ले रखा
था ऑर सर को उपर नीचे करते हुए चूस रही थी ऑर साथ ही एक हाथ से मेरे लंड को उपर नीचे कर रही थी वो
आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे नही ले रही थी ऑर ना ही ऐसी कोई कोशिश कर रही थी उसके मुँह मे जितना भी लंड
था वो उसी से खुश थी ऑर उसी को मस्ती मे चूस रही थी,,,मैं भी इतने मे ही खुश था क्यूकी वो अभी नई
खिलाड़ी थी इस खेल की जितना कर रही थी बहुत अच्छा कर रही थी ऑर मेरे को मस्त कर रही थी,,,मैने भी उसकी चूत
को पूरा मुँह मे भरा हुआ था ऑर हाथ से उसकी गान्ड को सहला रहा था तभी मैने अपनी उंगली गान्ड के होल
पर रखी ऑर हल्के से दबा कर अंदर घुसा दी मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर चली गई थी फिर मैने 2 उंगली
ट्राइ की तो 2 उंगली भी आराम से अंदर चली गई,,,मैं समझ गया कि पीछे कुछ दिनो मे मेरे बाप ने इसकी गान्ड को
खूब मारा होगा तभी ये थोड़ी खुल गई थी लेकिन मेरे लंड के लिए तो अभी भी किसी सील बंद गान्ड जैसी ही थी
,,,,,,,,,कुछ देर बाद मुझे करण की सिसकियाँ सुनाई देने लगी मैने मनीषा की चूत से अपने फेस हटा कर
देखा तो पूजा अब सीधी होके करण के उपर लेटी हुई थी ऑर करण के लंड को चूत मे लेके खुद ही उपर नीचे हो
रही थी ऑर नीचे लेटा हुआ करण बस सिसकियाँ लेता हुआ आआहएं भर रहा था,,,,लेकिन उसके हाथ पूजा के बूब्स
को मसल रहे थे,,,,,मेरे से भी अब रहा नही गया मैने भी जल्दी से मनीषा को नीचे उतारा हो खुद उसके
उपर चढ़ कर लंड को चूत मे घुसा दिया,,ऑर तेज़ी से चुदाई करी शुरू करदी,,,,,,लंड चूत मे जाते ही चुदाई
के मज़े ने मनीषा को मस्ती मे भर दिया ऑर उसके जल्दी से मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ खीच लिया ऑर लिप्स
को मेरे लिप्स से जकड कर किस करने लगी मैने भी मस्ती मे उसकी किस का रेस्पॉन्स देने शुरू कर दिया तभी
मैने गर्दन घुमा कर देखा तो करण ने भी अपने हाथ पूजा के बूब्स से हटा कर उसके सर पर रखे ऑर
उसके सर को अपने करीब कर दिया पूजा ने मेरी तरफ हँसते हुए देखा मानो बोल रही थी कि बच्चा देख देख
कर सब कुछ सीख रहा है,,,,,मैने भी पूजा को आँख मारते हुए उसकी स्माइल का जवाब दिया ऑर मनीषा को
किस करने मे बिज़ी हो गया,,करीब 10 मिनिट से मैं ऑर कारण पूजा ऑर मनीषा की चुदाई कर रहे थे कभी
पूजा करण की चेस्ट पर किस करने लग जाती थी तो कभी करण को किस करने तो कभी करण उसके बूब्स को मसल
रहा होता था,,,,इधर मैं भी मनोशा को किस कर रहा था तो कभी उसके बूब्स को चूसने लग जाता था,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद मैने देखा कि पूजा बेड पर ऐसे लेट गई जिस से उसका सर मेरे ऑर मनीषा के करीब बेड के
एक दम बीचो बीच था ऑर टाँगे ज़मीन पर थी वो करण को नीचे जाने को बोल रही थी लेकिन करण समझ नही
पा रहा था,,,,,साला पहली चुदाई मे मैं भी इतना परेशान नही हुआ था जितना करण हो रहा था,,,,करण को
समझाने के लिए मैने भी मनीषा की ठीक वैसे ही लेटा दिया ऑर उसके सर को पूजा के सर के पास करके उसकी
टाँगों को ज़मीन पर बेड से नीचे कर दिया ऑर खुद भी बेड से नीचे की ओर गया ऑर मनीषा के उपर झुक कर उसकी
चूत मे लंड डाल दिया,,,अब करण ने मुझे देखा ऑर ऐसा ही करते हुए पूजा के उपर झुक गया ऑर लंड को
पूजा की चूत मे घुसा कर खुद चुदाई करने लगा लेकिन अभी उसकी स्पीड स्लो थी तभी पूजा ने अपनी टाँगों
को उसकी कमर पर कस दिया ऑर हाथों से उसकी पीठ को पकड़ कर उसके नीचे अपनी तरफ खींच लिया ऑर उसकी
गान्ड पर अपने हाथ रखकर उसको तेज़ी से उपर नीचे करने लगी करण ने भी पूजा की बात सुनते हुए अपने स्पीड
तेज करदी ऑर कुछ ही पल मे वो भी तेज़ी से पूजा की चूत को चोदने लगा,,,पूजा और मनीषा का सर एक दूसरे के
करीब था जबकि मैं ऑर कारण ज़मीन पर खड़े हुए थे ऑर उन्दोनो पर झुके हुए उनकी चूत को चोद रहे
थे,,,करण भी कुछ हद तक सीधा खड़ा हो गया था ऑर तेज़ी से पूजा को चोदने लगा था,,,,अब पूजा को
मज़ा आने लगा था ऑर बहुत ज़्यादा मज़ा आने लगा था उसकी सिसकियों से ये पता चला रहा था लेकिन तभी मनीषा
की सिसकियाँ भी शुरू हो गई,...........


आआआआआहह उूुुुुुुउऊहह ीसस्सीए हहिि त्टीज्जजििीइ ससीईए म्मीरीइ
कच्छूटतत कक्कूव छ्छूओड़दूव क्कररान्ण ऊओरर त्टीजज ,,,,कख़ूब्ब ंमज़्जाअ ल्लूओ मईरीइइ चुत क्काअ ऊरर
म्मूउज़्ज्झहहीए बभिि ंमाज़्जाअ द्दूऊव आआहह उूुुउऊहह ऊओरर त्टीज्जज क्काररू क्कारराँ
आहह प्पूउर्र्राा उउन्नड़दीर्रर ग्घहुउस्साअ द्दूव आपपंनीई ल्लुउउन्न्ञदड़ ककूऊ ऊरर टीज्जिि सस्ससी
क्कार्र्रूऊ ऊरर त्तीएज्जीइ ससीई,,,,,,,कारण भी पूजा की सिसकियाँ सुनता हुआ उसके चेहरे की तरफ़ देख रहा था ऑर
शायद पूजा की सिसकियों से वो भी मस्ती मे आ गया था उसने स्पीड ऑर तेज करदी थी ,,,,,,,,,,,इधर मनीषा का भी
यही हाल था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओर्र्र्र्ररर त्तीएज्ज्ज क्कार्र्रूऊ ससुउन्नयययी ऊऊरर त्टीज्जज्ज प्पूउर्राा ल्लुउन्ड्ड़
ग्घूउसाआ द्दूव म्मीरीईइ कक्च्छूवततत म्मईए पफहाआद्द्ड़ ददाआल्लूऊओ म्मीर्ररिईईई कच्छूवततत कककू
आआअहह ऊऊओरर्र्रर ट्टीज़्ज़ज्ज्ज आआहह बभहुत्त्त ंमाज़्ज़जाअ एयेए र्राहहाअ हहाआऐययईईईईई
ससुउउउन्न्ञन्नययययी ऊओरर त्टीज्जज क्काररूव प्पल्ज़्ज़्ज़्ज़ ऊरर तीज्ज क्कार्रूऊ,,,,,,,,,,मैने भी स्पीड तेज करदी ऑर
कमरे मे सिसकियाँ ऑर पच पच की आवाज़ गूंजने लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,करीब 5-7 मिनिट बाद मैने लंड
को मनीषा की चूत से निकाल लिया ऑर उसको उठा दिया ऑर लंड को उसके मुँह मे घुसा दिया उसने भी मेरे लंड को
चूसना शुरू कर दिया फिर मैने उसकी बेड पर कुतिया की तरह झुका दिया ऑर पीछे से उसकी गान्ड को अपने दोनो
हाथों से खोल कर लंड को गान्ड मे घुसा दिया मेरा लंड उसके थूक से काफ़ी चिकना हो गया था जो पहली बार
मे ही आधा अंदर चला गया था वैसे भी अब उसकी चूत पहले से थोड़ी ज़्यादा खुल गई थी ,,लेकिन मेरा मूसल
भी काफ़ी मोटा था इसलिए अंदर जाते ही उसने गान्ड को ओर ज़्यादा खोल दिया जिस से एक हल्का दर्द से होने लगा था



मनीषा के मुँह से बड़ी बड़ी आअहह निकलने लगी थी ,,,,,,तभी मैने देखा कि पूजा गर्दन घुमा
कर हमें देख रही थी ऑर उसने भी जल्दी से उठकर करण के लंड को मुँह मे लिया ऑर कुछ देर चूसने के बाद खुद
कुतिया की तरह बेड पर झुक गई ऑर खुद ही करण के लंड को पकड़ कर अपनी गान्ड के होल पर रखा मैने
करण की तरफ देखा तो वो थोड़ा परेशान लग रहा था लेकिन जल्दी ही उसने खुद को आगे पीछे करना शुरू कर दिया
था ऑर पूजा की सिसकियाँ भी फिर से शुरू हो गई थी,,,,पूजा ऑर मनीषा के फेस एक दूसरे के बेहद करीब थे ऑर
उन दोनो ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया था करण झटके लगाते हुए उन दोनो को किस करते देख दंग
रह गया था,,,,,,,,,,बच्चा पहली बार मे कितना कुछ देख रहा था परेशान होना तो लाजमी था,,,,,,,,पूजा ऑर
मनीषा दोनो एक दूसरे को किस करने मे लगी हुई थी ऑर इधर मैं ऑर करण दोनो की गान्ड को जमके चोदने
मे लगे हुए थे,,,,,,,लेकिन करण ज़्यादा देर टिक नही पाया ऑर टाइट गान्ड की लंड पर पकड़ होने से उसका पानी
निकल गया था ओर वो ज़मीन पर ही थक कर लेट गया था,,पूजा ने एक बार पीछे मूड कर देखा ऑर जल्दी से उठके
मेरे पास आ गई ऑर अपने हाथ से अपनी बेहन की चूत को सहलाने लगी जिस से मनीषा का भी पानी निकल गया इतना
टाइम पूजा मुझे किस करती रही,,,,,उसका मकसद यही था कि वो जल्दी से मनीषा को झाड़ दे ऑर खुद मेरे से
चुदाई करवाने लग जाए,,,,क्यूकी उसको पता था मेरा पानी जल्दी नही निकलता,,,,वैसे करण की पहली चुदाई थी
शायद इसलिए उसका काम जल्दी हो गया था ऑर मनीषा की गान्ड मे भी मेरा मूसल अच्छी तरह रगड़ ख़ाता हुआ
अंदर बाहर हो रहा था ऑर साथ मे पूजा का हाथ उसकी चूत को सहला रहा था इसलिए उसका भी पानी जल्दी ही निकल
गया,,,,,


मनीषा के साइड होते ही पूजा खुद उसी जगह कुतिया बन गई ओर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गान्ड पर
रखा मैने भी जल्दी से लंड को उसकी गान्ड मे घुसा दिया ऑर एक ही बार मे पूरा घुसा दिया उसकी भूखी
गान्ड भी एक ही बार मे मेरे पूरे मूसल को निगल गई थी,,, मेरे हाथ उसकी कमर पर थे ऑर मैं तेज़ी से
उसकी गान्ड को चोदने मे लगा हुआ था,,,आहह ईइससस्स म्मूसााल्ल्ल ससीई आअस्सल्लीइीईई
म्माज्जाअ आय्या हहाइी गगाणन्दड़ च्छुद्दाी काअ आअब पपाटता ल्लाग्गा हहाऐ क्कीिई गाआंन्ंदड़
म्मईए ककुउक्च्छ गग्यया हहाऐईइ ,आआआआहह उुउऊहह हमम्म्मममम
त्तहूड्दाअ त्तीज्ज्ज क्कार्रूऊ न्नाअ ससुउन्नययी म्मीर्रा बाआस्स हहूओंनी हहिईिइ व्वाल्लाअ हहाइईइ
ज्जाल्लदददीई क्काररूव ससुउन्नययी मैने स्पीड ऑर तेज करदी क्यूकी मेरा भी पानी निकलने वाला था ऑर मैं पूजा
के साथ ही झड़ना चाहता था ऑर ऐसे ही हुआ 2-3 मिनिट बाद पूजा ऑर मैने एक साथ तेज़ी से आह भरते हुए
पानी छोड़ दिया ऑर बेड पर गिर गये,,,,,,,,,,,,,,


मज़ा आ गया सन्नी भाई बहुत शुक्रिया आपका जो आपने मुझे पहली बार चूत चोदने का मोका दिया मैं आपका बहुत
शुक्रगुज़ार हूँ कि पहली बार की चुदाई मैं ऐसी खूबसूरत लड़की से कर रहा हूँ,,करण ने पूजा की तरफ इशारा
करते हुए बोला,,,,,,पूजा भी मुस्कुराने लगी,,,

अबे थॅंक्स काहे का भाई मैं तो मस्ती करने आया था तो तेरा ख्याल आ गया ऑर पूजा ने भी हाँ करदी ,,सो मैने तेरे
को यहाँ बुला लिया ,,थॅंक्स बोलना है तो मुझे नही पूजा को बोलो,,,,,,,,,,,,,

थॅंक्स पूजा जी आपने हमें इस क़ाबिल समझा ऑर हमें अपनी मस्त चूत मारने का मोका दिया हम आपका एहसान कैसे
चुका सकते है,,,,,,,,,,,,,

पूजा ने हँसते हुआ जवाब दिया,,,थॅंक्स ही करना है तो एक मोका देती हूँ तुमको आज की पूरी
रात मुझे सोने मत देना,,

,हम सब हँसने लगे तभी कारण का ध्यान मनीषा की तरफ गया,,,,,मैं समझ गया वो
क्या चाहता था ,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या हुआ करण भाई ऐसे क्या देख रहे हो,,,,,

करण--,कुछ नही सन्नी भाई मैं सोच रहा था कि अगर एक बार ,,,,,,,,,,,,,,,,

करण की बात को बीच मे टोकते हुए मैने पूजा को आँख मारी ऑर बोला ,,,,नही करण
भाई अभी इतनी जल्दी नही पहले तुम पूजा के साथ ही मस्ती करो बाद मे इसका नंबर आएगा तेरे साथ तब तक इसकी
चूत की ज़िमेदारी हमारी है,,

मेरा साथ देते हुए पूजा भी बोल पड़ी,,,,,,,,हाँ सही बोला सन्नी तुमने मैने इसको
यहाँ बुलाया है तो पहले मैं अपनी चूत की प्यास बुझाउन्गी इसके प्यारे लंड से फिर बाद मे जब मेरा दिल भर
जाएगा तब इसके लंड को मनीषा की चूत का रास्ता दिखाउन्गी,,,पहले तो मैं ही निचोड़ूँगी इस मतवाले लंड का सारा
रस,,,,,,इतना बोलते ही पूजा ने फिर से करण के लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया ऑर साथ ही करण के लिप्स
को भी अपने लिप्स मे भर लिया ,,,,

इधर मैने भी मनीषा को अपने पास किया ऑर हल्के से किस करते हुए उसके बूब्स
दबाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने आज एक चीज़ नोट की थी कि अब मनीषा का जिस्म भी पहले से ज़्यादा भारी हो गया
था पहले वो स्लिम थी लेकिन अब पूजा की तरह भरे बदन वाली होने लगी थी शायद ये चुदाई का कमाल था उसके
फेस पर भी एक अजीब सी चमक थी,,बहुत ग्लो था उसके फेस पर जैसा लड़की की शादी एक 2 महीने बाद होता है अपने
पति से लगातार चुदने के बाद,,,,,,तभी तो करण भी मनीषा की चूत मारना चाहता था क्यूकी अब वो भरे
जिस्म वाली मस्त लड़की लगती थी,,,

उस रात करीब या 4 या 5 बार मैने मनीषा की गान्ड मारी ,,मैने उसकी चूत नही मारी उस रात,,,,,,,,,ऑर करण
ने भी इतनी बार ही पूजा की चूत ऑर गान्ड दोनो मारी करण भी मेरी तरह चूत से ज़्यादा पूजा की गान्ड का दीवाना
हो गया था ऑर हर बार उसने पूजा की गान्ड मे ही पानी निकाला था,,,,,,,,,,हम लोग करीब 6 बजे सुबह वहाँ से अपने
अपने घर को चले गये थे,,,,,,,,,करण बार बार मुझे थॅंक्स बोल रहा था उसकी रात रंगीन करने के लिए,,,,,

घर आया तो मामा बाहर ही बैठा हुआ था गेट पर ऑर मुझे आते देखकर हँसने लगा,,,,,,,,,,,,,,कहाँ रहा मेरा
भांजा रात भर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मैं करण के घर था मामा जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मामा-लेकिन तेरे चेहरे की खुशी तो बता रही है तू करण नही किसी किरण के घर था,,मामा फिर से हँसने लगा,,,,,,,,,

सन्नी--नही मामा जी ऐसी कोई बात नही मैं सच मुच करण के घर था अब आपसे क्या छुपाना कहीं ऑर होता तो सीधी तरह बता देता,,,,,,

मामा--चल ठीक है बेटा नही बताना तो मत बता तेरी मर्ज़ी,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--,अरे मामा जी सच मे मैं करण के घर ही था नही यकीन तो ये रहा
मोबाइल आप खुद करण से बात कर सकते हो,,,मैने ज़ोर देके ये बात बोली तो मामा मान गया ,,,,,,,,,,,,,,,,

मामा--ठीक है बेटा तू बोलता है तो मान लेता हूँ,,,,,,,,,,,,,

मैने सोचा तू नही भी मानता तो मेरे लंड को ठंड नही थी यही
सोचता हुआ मैं घर के अंदर चला गया,,,,,,,,

अपने रूम मे गया तो सोनिया अभी तक सो ही रही थी ,,,,मैं सीधा बेड पर लेट गया ऑर पता नही कब नेंद आ गई पूरी
रात सोया जो नही था,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह उठा तो देखा मेरे मोबाइल पर करण की 16 मिस कॉल थी,,,,,,,,,,,,,मैने उठते ही उसको
फोन किया,,,,,,,हेलो ,,,

करण--हेलो सन्नी भाई कहाँ हो आप,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--मैं घर पे हूँ करण ,,,,,,,,,,,,,,

करण=अरे भाई आप आज कॉलेज क्यू नही आए,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--अभी आता हूँ कुछ देर मे करण,,,,,,,,
करण--अभी क्या फ़ायदा भाई अभी तो 12 बज रहे है,,,

मैने घड़ी की तरफ देखा तो सच मे 12 बज रहे थे,,,,,,,,,,,,

करण--सन्नी भाई कल रात के लिए थॅंक्स ,,,,,,,,

सन्नी--तूने ये बोलने को फोन किए थे मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,
करण-नही भाई मैने तो ये बोलना था कि कल रात से बुरा हाल है मेरा लंड
बार बार खड़ा हो जाता है ऑर पूजा की बहुत याद आ रही है कुछ करो सन्नी भाई बहुत दिल
कर रहा है चूत मारने को प्ल्ज़्ज़ सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


सन्नी-ठीक है मैं कुछ करता हूँ लेकिन अभी नही,,देखता हूँ आज रात को फिर से कोई प्रोग्राम बनता है तो तुझे कॉल करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,

करण-ठीक है भाई लेकिन कोशिश करना आज हो जाए वरना बुरा हाल हो जाना है मेरा,,,,,,,

सन्नी-ठीक है मैं कोशिश करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैने फोन काट दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,

साला ये करण तो सच मे बावला हो गया था चूत लेके इसको कैसे भी करके चूत दिलवानी
पड़ेगी वरना जीना हराम कर देगा वैसे भी शेर के मुँह को खून ओर कुवारे लंड पर जब
चूत का पानी लग जाता है तो वो ख़तरनाक हो जाता है,,,इसलिए मैने अगले 4-5 रात तक मोका
देख कर जब डॅड ऑर बुआ बुटीक नही जाते थे तब मैं करण के घर का बहाना करता
ऑर करण मेरे घर आने का बहाना करता फिर हम दोनो बुटीक पर चले जाते ऑर रात भर
मैं मनीषा के साथ ऑर पूजा करण के साथ चुदाई करते रहते,,,,,,करण इन 4-5 दिनो मे
बहुत खुश हो गया था कॉलेज मे भी हमेशा मेरे आगे पीछे दौड़ता रहता ,,,हर बात
मानता मेरी,,इन दिनो मैने भी किसी ऑर की तरफ ध्यान नही दिया क्यूकी मनीषा की गान्ड
बहुत टाइट थी भले ही मेरे बाप ने उसकी जमकर चुदाई की थी लेकिन फिर भी उसकी गान्ड
मेरे लंड के मुताबिक बहुत टाइट थी जिसका मैने भरपूर मज़ा लिया 4-5 रातों मे,,,ऑर
पूजा ने भी करण के पतले ऑर लंबे लंड से हर रात मजेदार चुदाई करवाई थी
अपनी चूत की,,,,,,,,,,,


रात भर मैं बुटीक पर मनीषा की चुदाई करता तो दिन मे
कॉलेज ही रहता कभी घर आके माँ ऑर मामा के साथ मस्ती करने को दिल नही करता क्यूकी
पूरी रात मे बहुत थक जाता था मैं ऑर वैसे भी कॉलेज जाके कॉन्सा कुछ करता था बस
कॅंटीन मे बैठा रहता ऑर कॉफी पीते हुए टाइम पास करता,,,,इन दिनो सोनिया भी नज़र नही
आई मेरे को 1-2 बार कविता ज़रूर आई थी मेरे पास कॅंटीन मे लेकिन उस से भी ज़्यादा बात
नही हुई मेरी,,,,

एक दिन कॉलेज का मूड नही था तो मैं घर से तैयार होके करण के घर जा रहा था आज हमारा
मूड घूमने फिरने का था,, मैं फ्रेश होके नीचे चला गया,,,नीचे माँ बैठी टीवी देख
रही थी ऑर शोबा भी वहीं थी ,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या बात है दीदी आज आप कलाज नही गई,,,,,दीदी ऑर माँ दोनो ने पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शोभा--मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नही है सन्नी इसलिए नही गई,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-क्या हुआ दीदी,,,,,,,,,

शोभा-कुछ नही सन्नी बस सर मे हल्का सा दर्द है,,

तभी माँ बोली ,,,,,,बेटा भूख लगी होगी कुछ खाने को बना दूं क्या,,,

शोभा--जी माँ बहुत भूख लगी है ,,,,,,,,,,,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,540,786 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,905 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,249,233 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 944,472 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,677,267 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,100,329 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,984,503 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,166,115 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,073,435 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,773 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)