Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-10-2019, 07:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुमित--भाई अंदर चलो ना,,,,,,,,,,,,,सुमित बोला

मैं--नही आज नही मुझे तेरा घर देखना था बस देख लिया,,,,अब उसी दिन आउन्गा जब किसी को अपने
साथ लेके आउन्गा,,,,,,वैसे भी लेट हो गया हूँ अब घर जाना है,,,,,,,,,मैने उसको बाइ बोला
ऑर घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

वहाँ से मैं सीधा करण के घर गया,,,,,,,मैने बेल बजाई तो करण ने ही गेट खोला ऑर मुझे
गले लगा कर मिला ,,फिर हम दोनो अंदर चले गये,,,,,,वो सोफे पर बैठ गया ऑर मैं भी उसके
साथ बैठ गया,,,,,,,वो अभी भी उदास था,,,,,,,,,,,

मैं--,कारण यार तू उदास मत हो प्लज़्ज़्ज़्ज़ मैं जानता हूँ तुझे टेन्षन है अपनी सिस के लिए लेकिन तेरी सिस मेरी भी तो सिस है,,,,ऑर मैने तेरे को एक बार बोल दिया ना कि मैं सब ठीक है दूँगा,,,,,,,चल मुझे तेरे से बात करनी है रूम मे चलते है यहाँ तेरी मोम आ जाएगी,,,,,,,,,

करण-यहीं बात करो सन्नी,वैसे भी घर मे कोई नही है,,,,,माँ ऑर दीदी बाहर गई है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--तूने दीदी से बात की थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--हाँ की थी लेकिन दीदी ने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,,फिर मैने उनको प्यार से समझाया और उन्होने मुझे 10 दिन का टाइम दिया है बस ऑर 10 दिन के बाद वो मेरी कोई बात नही सुनेगी,,,5_10दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,,,

मैं--करण तू टेन्षन मत ले दिन बहुत है,,मेरे पे भरोसा रखो,,,,,,,,

करण--लेकिन 10 दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,

मैं--बोला ना तू टेन्षन मत ले,,,सब मेरे पेर छोड़ दे,,,,,,तू बस ये बता तेरी दीदी उसको मिलने कब
जाने वाली है लास्ट टाइम,,,,,,,,,,,

करण--दीदी 2 दिन बाद उस से शादी की बात करने वाली है तभी वो उसको मिलने जाएगी,,,उसके बाद 10 दिन नही मिलेगी लेकिन तुझे 10 दिन मे कुछ करना होगा सन्नी वरना वो अमित मेरी दीदी की,,,,,,,,इतना बोलकर वो फिर से रोने लगा,,,,,,,,,,

मैने उसको चुप करवाया ओर यकीन दिलवाया कि मैं सब कुछ ठीक कर दूँगा बस तू मेरे साथ रहना,,,ऑर मुझे टाइम बता देना कि कब तेरी दीदी उसको मिलने जाने वाली है,,,,,,,,,,

करण--ठीक है सन्नी मैं बता दूँगा,,,,,,,,,,,,,
फिर हम लोग कुछ देर बातें करते रहे ऑर बाद मे मैं अपने घर को चला गया,,,,,,,,,,,,,

घर आया खाना खाया ऑर अपने रूम मे चला गया,,,,,रूम मे सोनिया अपना लप्पी लेके बेड पर लेटी
हुई थी,,,मैने उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर बाथरूम मे जाके फ्रेश होके अपने लप्पी पर गेम
खेलने लगा,,मैं उसकी तरफ कोई ध्यान नही दे रहा था बस गेम खेलने मे मस्त था,,,,तभी एक
आवाज़ सुनाई दी,,,,,,,,,अब तबीयत कैसी है भाई,,ये सोनिया की आवाज़ थी,,,लेकिन मैने कोई जवाब नही
दिया,,,,,,,,,,उसके फिर पूछा,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैने फिर से कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,वो उठी ऑर
मेरे बेड के पास आ गई ऑर मेरा लप्पी छीन कर साइड रख दिया,,,,,,,,,,

सोनिया--भाई मैं जानती हूँ तू मेरे से गुस्सा है,,,,,,मैं भी तो तेरे से गुस्सा हूँ,,,,,,,,,,लेकिन एक बेहन होने के नाते मैं
तेरी तबीयत तो पूछ ही सकती हूँ ना,,,,,,,,,,,,,,

मैं कुछ नही बोला,,,,

सोनिया--देखो भाई उस रात आपने जो हरकत की मेरे साथ वो ग़लत थी आपने एक भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर दिया ,,मुझे उस रात बहुत गुस्सा आया था दिल किया कि डॅड को सब कुछ बता दूनन,,,,,,,,लेकिन उस दिन आपने मेरी वजह से उन लोगो को बहुत मारा था इस से पता चलता है कि आपको मेरी फ़िक्र है वरना आप उन लोगो को क्यू
मारते,,,आप बहुत अच्छे हो भाई,,,लेकिन आपका एक रूप ऑर भी है जो मुझे अच्छा नही लगता,,,,प्लज़्ज़्ज़
आप खुद को थोड़ा बदलो भाई क्योंकि मैं आपसे ज़्यादा देर गुस्सा नही रह सकती लेकिन मैं आपको
उस रूप मे आक्सेप्ट भी नही कर सकती,,आप मेरे भाई हो ऑर क्यूँ आप इस रिश्ते को गंदी हरकतों
से खराब करना चाहते हो,,,,,,

,मैने कुछ नही बोला तो उसने मेरे सर पर हाथ फेरा ऑर उठकर अपने बेड पर वापिस चली गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,मैने भी एक पल उसको देखा ऑर अपने लप्पी पर गेम खेलने लग गया,,,लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों की तरफ ही था,,,लप्पी तो मैने उसको इग्नोर करने के लिए खोला था,,,मैं हल्की नज़रो से उसको देख रहा था कुछ देर तक वो बैठी रही
यही सोचती हुई कि मैं उसके साथ बात करूँगा लेकिन कुछ देर बाद वो लप्पी बंद करके मेरी ओर पीठ करके लेट गई,,,,मैं भी वापिस गेम खेलने लगा,,,,,,


अगले दिन नाश्ता किया ऑर बाहर बाइक की तरफ गया तो देखा कि सोनिया बाहर खड़ी कविता की वेट कर रही
थी,,,,,मैने बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से माँ की आवाज़ सुनाई दी,,,,,

माँ--बेटा सोनिया को भी साथ ले जाओ,,,बेचारी कब्से कविता का वेट कर रही है तुम ले जाओ वरना लेट हो जाएगी
,मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक लेके वहाँ से चला गया,,,,,,,,मैं मिरर मे पीछे देख रहा था तो सोनिया का ध्यान मेरी तरफ ही था माँ ने 1-2 बार मुझे आवाज़ भी लगाई लेकिन मैने कोई ध्यान नही दिया ऑर वहाँ से चला गया,,,,,कॉलेज एंटर किया ही था कि सला मनहूस मिल गया सुमित . लेकिन इसको अब बर्दाश्त करना भी ज़रूरी था क्योंकि यही तो मेरी हल्प कर सकता था,,,,,

सुमित--ऑर सन्नी भाई क्या हाल है,,,,,

मैं--मैं ठीक हूँ सुमित तुम सूनाओ,,,,,,,,,,,,,

सुमित--तो भाई कब आना है मेरे रूम मे अपनी गर्लफ्रेंड को लेके,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्यू भाई तेरे को मेरे से भी ज़्यादा जल्दी है क्या,,,,,,,,

सुमित-नही भाई वो मुझे कुछ पैसे चाहिए थे कुछ समान लेके आना था,,,,अब उधार माँगते शरम आती थी तो
सोचा कि आप रूम मे जल्दी आ जाओ तो मुझे भी कुछ पैसे मिल जाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्यू तेरा दोस्त अमित नही आता क्या अभी,,,,,,,,,,,,,

सुमित--अरे भाई उसके साथ कोई सेट होगी तभी आएगा,,,,वैसे एक तो अभी सेट है उसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--अच्छा कॉन,,,,,,,,,,,,,,,

सुमित--पता नही भाई कॉन है मुझे बताया नही उसने लेकिन इतना पक्का पता है अपने कॉलेज की नही है,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--तेरे को कैसे पता,,,,,,,,,,

सुमित--क्योंकि भाई कॉलेज की होती तो उसके दोस्तो को तो पता ही होता,,,,,,,,,वैसे कल लेके आने वाला है मेरे रूम
मे उसको,,सुबह कॉलेज टाइम,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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07-10-2019, 07:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं--साला कल तो करण की दीदी ने भी उसको मिलना है,,कहीं' कल करण की दीदी को तो नही लेके आना वाला वो इसके रूम मे,,साला कुछ करना पड़ेगा,,,,,,,,अच्छा तो कल तेरा रूम बिज़ी रहने वाला है तो मुझे आज ही कुछ करना होगा वैसे मेरी गर्लफ्रेंड भी कल का बोल रही थी लेकिन मैं उसको आज ही लेके आता हूँ तेरे घर पे,,,,,,ठीक है आज कोई प्राब्लम तो नही है
तेरे को,,,मैने 500 का नोट उसकी तरफ बढ़ा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सुमित--अरे भाई इसकी क्या ज़रूरत है वैसे भी अपने मुझे कल दिए थे ना अब रहने दो,,,,,,,,,,,,

मैं--अबे ये रूम मे किराया नही है एक दोस्त की तरफ से दोस्त के लिए है,,,,,,,,,,,,,,,,,उसने हँस कर पैसे लिए ऑर घर की चाबी मुझे देते हुए बोला,,,,,,,,,,,,

सुमित--भाई आपको कब जाना है,,,मुझे अभी बता दो मैं उसी हिसाब से वापिस घर आउन्गा,,,,
मैं--मुझे शाम को जाना है सुमित,करीब 6 बजे ऑर रात को 10 बजे वापिस जाउन्गा तेरे घर से तू रात
को 11 बजे अपने घर जा सकता है मैं चाबी तेरे को माल के पास पकड़ा दूँगा मुझे वहीं पर
मिलना तू,,,,,मैने चाबी ली ऑर वहाँ से क्लास मे चला गया ,,,,,,,,,,,


शाम को करीब 6-7 बजे मैं उसके घर गया,,गेट खोला ऑर अंदर चला गया,,,रूम के दरवाजे
पर भी लॉक लगा हुआ था मैने रूम के दरवाजे का भी लॉक खोल ऑर अंदर गया तो रूम मे एक
बेड था ओर एक अलमारी छोटा सा टीवी पड़ा हुआ था,,लेकिन बेड बहुत अच्छा था ऑर सॉफ था,,,साला सुमित
बाकी घर तो कबाड़ खाना बना रखा था लेकिन बेड बहुत सॉफ रखा हुआ था क्योंकि साला इसी बेड
की कमाई जो ख़ाता था,,,,,,मैने इधर उधर देखा ताकि मुझे कुछ समान मिल सके अमित का,,,
कोई सीडी कोई डीवीडी,,लेकिन काफ़ी टाइम बाद भी मुझे कुछ नही मिला,,,,मैं निराश हो गया,,,ऑर वहाँ
से चल पड़ा जैसे ही मैं बाहर निकला मैने देखा कि किचन के दरवाजे पर भी लॉक लगा हुआ
था लेकिन उसकी चाबी नही थी मेरे पास,,,,,साला रूम मे कोई समान नही है तो किचन मे कॉन्सा
ख़ास समान पड़ा हुआ था जो इसने लॉक लगाया हुआ है,,ऑर अब मेरे पास चाबी भी नही थी जो खोल
कर देख सकता,,,,हार कर मैं निराश होके वहाँ से घर चला गया,,,मैं घर की तरफ जा ही
रहा था तभी मेरी नज़र एक साइकल वाले पर पड़ी,,जो गलियों मे घूम फिर कर ताले की चाबियाँ
बनाते है,,,,,,,मैने उसको चाबी बनाने के लिए पूछा तो उसने बोला कि 1 चाबी का 100 रुपया
लगेगा,,,,,,,मैने सोचा क्यू ना सुमित के घर की एक चाबी बनवा लूँ,,,,मैने उसको सुमित के
घर की चाबी दी तो उसने 5 मिनट मे मुझे नकली चाबी बना दी,,,मैने गेट की चाबी नही सिर्फ़
रूम के दरवाजे की चाबी बनवा ली थी,,,,क्योंकि घर की दीवार बहुत छोटी थी गेट का चाबी क्या
करना था,,,,,,,फिर मुझे याद आया कि किचन मे लॉक लगा हुआ है क्यू ना इस बंदे को उसके घर
ले चलूं ये लॉक खोल देगा मैने उसको बोला तो उसने मना कर दिया बोला कि रात हो गई है वो कल
मेरे साथ चलेगा लेकिन कल मैं उसको कहाँ तलाश करता रहूँगा वो अगर एक शॉप पर होता तो मैं ले जाता उसको
लेकिन वो तो साइकल पर गली गली घूमता था इसलिए मैने उसको ज़्यादा पैसो का लालच दिया तो वो मेरे
साथ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसको सुमित के घर मे ले गया ऑर बोला कि गेट की चाबी तो मेरे
पास है लेकिन इस किचन की चाबी मेरे पास नही है खो गई है,,उसने 20-25 मिनट लगाए ऑर अलग
अलग चाबिया ट्राइ करके किचन के दरवाजे को खोल दिया,,,,,,,वहाँ एक पुराना स्टोव ऑर कुछ बियर'
की खाली बॉटल के अलावा 2-4 बर्तन थे बस,,,तभी मेरा ध्यान एक लकड़ी के बॉक्स पर गया,,उसपे
भी लॉक लगा हुआ था,,,,वो बॉक्स बहुत पुराना था ऑर लॉक पर भी काफ़ी मिट्टी लगी हुई थी जैसे इस बॉक्स
को काफ़ी टाइम से खोला ही नही गया था,,,अगर खोला भी गया होता तो भी उसका गंदा होना लाज़मी
था क्योंकि सुमित के घर मे बहुत गंदगी थी,,,,,मैने चाबी वाले को बॉक्स खोलने को बोला तो उसने
10 मिनट मे बॉक्स खोल दिया,,मैने बॉक्स खोला तो देखा कि उसमे कुछ सीडीज़ ऑर पेन ड्राइव पड़ी हुई
थी,,,,,,,,,मैने चाबी वाले को पैसे दिए ऑर वो चाबी ले ली जिस से किचन का दरवाजा ऑर बॉक्स का
लॉक खुला था फिर उसको वहाँ से भेज दिया,,ऑर खुद किचन मे आके बॉक्स लिया ऑर अंदर रूम मे
चला गया ,,,,उस बॉक्स मे करीब 8-10 सीडीज़ थी जिनमे से कुछ पॉर्न मूवीस की थी ऑर कुछ सॉंग्स
की,लेकिन 2 सीडी मे कुछ नही लिखा हुआ था,,,,,,मैने बॅग से लप्पी निकाला ऑर सीडी प्ले करदी तो हैरान
रह गया उसमे एक लड़की नंगी बेड पर लेटी हुई थी ऑर अमित उसको चोद रहा था ,,लड़की अमित को वीडियो
बनाने से मना कर रही थी लेकिन अमित उसको बोल रहा था कि ये वीडियो बस वो ऐसे ही बना रहा है
अभी कुछ देर देखेगा ऑर डेलीट कर देगा,,वो लड़की को बोल रहा था कि अगर उसको यकीन नही आता
तो वो खुद बाद मे वीडियो डेलीट कर सकती है,,,,,,,,अमित बड़े प्यार से लड़की से बात कर रहा था
ऑर लड़की भी उसकी बातों मे आ गई थी ऑर बिना किसी परेशानी के वीडियो बनवा रही थी,,,ये लड़की वही
थी जिसने कुछ टाइम पहले कॉलेज की छत से कूद कर ख़ुदकुशी की थी,,,फिर मैने दूसरी सीडी प्ले की
तो उसमे भी एक ऐसी ही वीडियो थी जो दूसरी लड़की की थी,,,,,,,,,,,,,,फिर मैने पेनड्राइव चेक की तो उसमे
कुछ कालेज कॅंटीन की वीडियो ऑर कुछ ऐसी हल्की फुल्की वीडियो थी जिसमे अमित किसी लड़की को किस कर
रहा है तो किसी लड़की के बूब्स मसल रहा है इस से ज़्यादा कुछ नही था,,,मैने पेन ड्राइव ऑर सीडी
का डाटा कॉपी कर लिया ऑर वहाँ से चला गया,जाते टाइम मैं किचन ऑर बॉक्स को वही रखके लॉक
लगा गया ताकि किसी को शक ना हो जाए,,,,,,,,,,,

मैं घर पहुँचा तो 10 बज चुके थे मैने जल्दी से डिन्नर किया ऑर माँ को बोला कि मैं ज़रा
थोड़ी देर मे आता हूँ,,मैने बाइक लिया ऑर माल के बाहर चला गया जहाँ सुमित अपने कुछ दोस्तो के
साथ बैठ कर सिगरेट पी रहा था,,,,,,,,,मैने उसको अपने पास बुलाया ऑर चाबी देके थॅंक्स बोला
सुमित--,कैसा लगा भाई मेरा रूम,,,,,,,,,,मज़ा आया या नही,,,,,,,,,,,

मैने कोई ज़्यादा बात नही की ऑर बोला कि बहुत मज़ा आया फिर ज़रूरत पड़ी तो चाबी ले लूँगा,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया,,,,,,मेरा दिल कर रहा था कि जो डेटा मैने सीडी ऑर पेनड्राइव से कॉपी किया है उसको करण को दे
देता हूँ लेकिन फिर मेरे दिल मे आया कि कल करण की दीदी ने अमित को मिलना है देखूं तो सही वो लोग
क्या करते है,,,,,,अमित तो था ही हरामी लेकिन करण की दीदी कितना गिर सकती है मुझे इसका पता लगाना
था,,,,,,,,मैं घर गया ऑर जाके फ्रेश होके बेड पर लेट गया,,,,,,,आज भी मैने सोनिया से कोई बात
नही की लेट हो गया था ऑर चुप चाप सो गया,,,,वो खुद लप्पी पे कुछ काम करती रही लेकिन मैने
चद्दर डाली ऑर सो गया,,,,,
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07-10-2019, 07:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अगले दिन सुबह उठा ऑर जल्दी से कॉलेज चला गया नाश्ता भी नही किया
,मुझे तो सुमित के घर जाना था ऑर उसका घर कॉलेज से बहुत दूर था इसीलिए मैं जल्दी चला आया
था घर से,क्योंकि अमित ऑर शिखा दीदी का कुछ पता नही था वो कब आ जाए,,,,,,मैं घर के पास
ही खेतो मे छुप गया ऑर उनके वेट करने लगा,तभी मैने देखा कि सुमित के घर के बाहर एक कार
रुकी ऑर सुमित उसमे बैठ गया ऑर कार वहाँ से चली गई,,,,ये कार अमित की थी,,,,वो उसको कॉलेज तक
छोड़ने गया होगा,,,,,मैं अब फिर से वेट करने लगा,,,,,,करीब 1:30 घंटे बाद वही कार फिर
से सुमित के घर के बाहर रुकी ऑर अमित कार मे से निकला ऑर फिर दूसरी तरफ से शिखा उतरी,,उसने एक
पंजाबी सलवार सूट पहना हुआ था,,,अमित उसका हाथ पकड़ कर उसको घर के अंदर ले गया उनके
अंदर जाते ही मैं भी छुपते हुए घर के पास पहुँचा क्योंकि घर की दीवारें छोटी थी अमित
मुझ को घर के करीब आते देख सकता था इसलिए मैं छुपते हुए आ रहा था,,,,,मैं घर के
करीब पहुँचा तो देखा कि वो रूम के अंदर थे ऑर दरवाजा भी बंद था,,,मैं बड़े आराम से
दीवार से जंप करके अंदर गया ऑर दरवाजे के पास पहुँच गया,,रूम से अंदर देखने का कोई
रास्ता नही था मैं कुछ नही देख सकता था,,,,लेकिन मुझे सब कुछ सुनाई दे रहा था,,,

अमित,,,,,,,,,,तुमने मुझे आज इतना अर्जेंट क्यू बुलाया है शिखा,,,,,,कोई ख़ास वजह थी क्या,,,

शिखा,,,,हाँ अमित,,,,,,,मैं अब ऑर ज़्यादा छुप छुप के नही मिल सकती अब मुझे लगता है कि
हमको शादी कर लेनी चाहिए,,,

अमित,,,शादी का क्या है शिखा वो तो हम कभी भी कर सकते है,,,लेकिन तुमको पता है कि मेरी
सिस की शादी से पहले मैं शादी नही कर सकता,,,तुम समझने की कोशिश करो प्ल्ज़्ज़

शिखा ,,,जब भी मैं शादी का बोलती हूँ तुम बहाना बना लेते हो,,,,,

अमित,,,,,,,गुस्सा मत करो शिखा मैं बहाना नही कर रहा ,,,,,तुमको तो पता ही है जब तक
दीदी की शादी नही होती तब तक मेरी शादी भी नही हो सकती,,,,,,,,कहीं तुमको ऐसा तो नही
लगता कि मैं तुमको धोखा दे रहा हूँ,,,,,,,,,

शिखा,,,,,,,,,,नही अमित ये बात नही है लेकिन मैं अब थक गई हूँ यू छुप छुप के मिलते हुए
ऑर अब तो करण को भी सब पता लग गया है,,,वो मुझे बार बार धमकी देता है कि तुमसे मिलना
छोड़ दूं ऑर पता नही क्या क्या कहता है तुम्हारे बारे मे,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,,,वो अभी बच्चा है शिखा ,,,उसको गुस्सा मत करो,,वो मेरे को लाइक नही करता क्योंकि
मैने उसको कॉलेज की टीम मे जो नही लिया ता,,,,,,इसी बात का बदला ले रहा है,,छोड़ो उसको,

लेकिन अमित,,,अभी शिखा ने बोलना शुरू ही किया था कि उसकी आवाज़ बंद हो गई,,,,,ऑर तभी शिखा
ज़ोर से बोली,,,,,,,ये क्या कर रहे हो अमित मैने तुमको कितनी बार बोला है कि ये सब मैं नही कर
सकती,जब तक शादी नही होती ऐसा कुछ नही होगा,,जो करना है शादी के बाद ही करना,,,,,,,,

अरे एक किस से क्या होता है,,,फिर दोनो चुप हो गये,,,,,,ऑर कुछ ही देर मे अंदर से हल्की हल्की
सिसकियों की आवाज़ आने लगी जो शिखा की आवाज़ थी,,,,कुछ ही देर मे वो आवाज़ भी बंद हो गई

नही अमित मैं ऐसा नही कर सकती प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,नही अमित,प्ल्ज़्ज़ मत करो ,,,,,तभी फिर से उसकी आवाज़
बंद हो गई,,,ऑर अमित की सिसकियाँ शुरू हो गई ऑर करीब 2 मिनट बाद ही अमित ने ज़ोर से आहह
भरी ओर फिर एक दम से सन्नाटा हो गया,,,,,,,मुझे लगा कि अब यहाँ से चलना चाहिए,,,मैं
वहाँ से निकल कर वापिस खेतो मे छुप गया ऑर उनके जाने का इंतज़ार करने लगा,,,,,तभी 5 मिनट
बाद ही अमित ऑर शिखा वहाँ से चले गये,,उनकी कार जब डोर तक चली गई ऑर उसके 5 मिनट बाद ही
मैं घर मे चला गया ओर सीधा उस रूम मे गया,,,,,मैने रूम मे जाके देखा तो बेड शीट
बिल्कुल ठीक थी क्योंकि रूम मे कुछ हुआ ही नही था लेकिन तभी मेरी नज़र ज़मीन पर गई तो देखा
कि वहाँ स्पर्म ऑर कुछ थूक गिरा हुआ था,,,,मैं समझ गया कि ये स्पर्म अमित का है,,,लेकिन ये
ज़मीन पर क्यू गिरा हुआ है,,,ऐसा क्या हुआ,,,,,,सुमित ने बोला था कि अमित लड़कियों की वीडियो बना
कर उसको ब्लॅकमेल करता है तो मैने सोचा कि अब रूम मे कुछ तो हुआ है ऑर हो सकता है अमित
ने वीडियो बनाई हो,,लेकिन मुझे कहीं भी कोई कॅम नही मिला मैने काफ़ी देर तक रूम मे तलाशी
ली,,,,तभी मेरा ध्यान अलमारी के उपर पड़े एक बॉक्स पर गया जिसकी साइड मे ऑर उपर कुछ न्यूसपेपर
पड़े हुए थे,,मैने न्यूसपेपर साइड किए ऑर बॉक्स उठाया तो देख कर दंग रह गया उस काँच के
बॉक्स मे एक हॅंडीकॅम पड़ा हुआ था ,,,बॉक्स एक 2 इन 1 काँच सेबना हुआ था जिस से उसके अंदर पड़ी
चीज़ का पता नही लगता था लेकिन अंदर से कॅम रखके सब देखा जा सकता था,,,मैने कॅम ऑन
किया ऑर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई,,,,, अमित ने पहले शिखा को किस करी थी फिर उसके
हल्के से उसके बूब्स को मसला लेकिन शिखा ने उसको मना कर दिया,,,फिर अमित ने शिखा को उसका
लंड चूसने को बोला ,,,,,,,,,मैं तो हैरान रह गया अमित का लंड देख कर,,,साला तो शिखा के
लिप्स तक पहुँच कर ख़तम हो जाता था,,,साले का लंड खड़ा होके भी 2 इंच का था,,ये हरामी
ऐसे ही बोलता रहता था कि मैं इतनी लड़कियों को चोद चुका हूँ,,,,,,कितनी लंबी लंबी छोड़ता
था साला,,,इसके पास तो एक बार लड़की आती होगी तो दोबारा भूल से भी नही आती होगी,,तभी तो उसको
ब्लॅकमेल करता था साला हरामी,,,,,,,,,मैने देखा कि 2 इंच के लंड से 2 मिनट मे ही पानी निकल
गया था जो शिखा के मूह मे गिरा ओर तभी शिखा ने उसको ज़मीन पर गिरा दिया ऑर मूह से गंदा
थूक भी ज़मीन पर थूक दिया,,,,,,ऑर अमित को गुस्सा होने लगी लेकिन अमित ने उसको एक किस करते
हुए 2 प्यार भरी बातें करके मना लिया,,,,,,,,,,मैने वो बातें बाहर से नही सुनी थी क्योंकि
तब तक मैं वहाँ से जा चुका था,,,,,,मैने कॅम से कार्ड निकाला ऑर वीडियो को कार्ड से कट करके
अपने लप्पी मे पेस्ट ,,,.......ऑर कॅम को वापिस वहीं रख दिया,,,,,,ऑर घर को लॉक करके वहाँ से
चला गया,,,,,,,,,,,,
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07-10-2019, 07:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आज मैं बहुत खुश था क्योंकि मुझे अमित के खिलाफ सबूत मिल गये थे ऑर
अब तो मैने करण की सिस को भी उसकी चंगुल से आज़ाद करवाने का अपना वादा पूरा कर दिया था,,
मैं खुशी खुशी अपने घर चल दिया,,,,,,,,,

मैं वहाँ से थोड़ा आगे ही पहुँचा था कि हल्की बारिश शुरू हो गई लेकिन मैं बहुत खुश था
ऑर बारिस में एंजाय करते हुए बाइक से घर की तरफ जा रहा था,,,मेरा बॅग वॉटरप्रूफ था जिस से
लप्पी का या बुक्स के गीला होने का डर नही था,,,,मैने तो अपना पर्स ऑर मोबाइल भी बॅग मे डाल
दिया था,,,,,,,,,,घर पहुँचा तो तो डोर लॉक था मैं समझ गया कि मां ऑर मामा का खेल शुरू
होगा अंदर ,,,,लेकिन मेरे बेल बजाने के 2 मिनट बाद ही माँ ने दरवाजा खोल दिया,,,

माँ--अरे आज तू भी इतनी जल्दी आ गया,,,,,,,,,

मैं--मैं भी मतलब ,,,,,ऑर कॉन आया है जल्दी माँ,,,,,,
माँ--अरे तेरी बेहन सोनिया भी अभी कुछ देर पहले ही आई है ,,बोल रही थी कि कविता को घर पर कोई काम था इसलिए जल्दी आ गई,,,,,,,
मैं--,तभी मैं सोचु कि 2 मिनट मे दरवाजा कैसे खुल गया,,,सोनिया जो घर पर आ चुकी है,,
माँ--देख कैसे भीग कर आया है बारिश होती है तो एक जगह रुक नही सकता क्या तू,,,,,,,,,,
मैं--माँ रुक गया होता तो बारिश का मज़ा कैसे लेता,,,,,,,,,,
माँ--अच्छा हुए जब तेरी बेहन घर आई तो बारिश नही थी वरना वो भी भीग कर ही आती,,,,,,,चल बैठ यहाँ मैं कॉफी बना देती हूँ,,,,,,,,,,,

मैं--नही माँ मुझे नही पीनी कॉफी ,,,मैं बड़ा खुश था ऑर एक तो करण की सिस वाला वादा पूरा हो गया था ऑर साथ ही
बारिश मे भीग कर जिस्म मे एक मस्ती भर गई थी,,,,मैं जल्दी से अपने रूम मे भाग गया,रूम
मे जाते ही मैने बॅग ज़मीन पेर रखा ऑर देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,मुझे भीगा हुआ
देख कर वो हैरान थी,,,,,,उसको नही पता था कि बारिश शुरू हो गई थी,,,,मैने शूस उतारे ऑर
जल्दी से बाहर जाने लगा तभी माँ भी मेरे रूम मे आ गई,,,,,,,,,,,,,

माँ--मुझे पता था तू छत पर जाने की कोशिश करेगा इसलिए मैं यहाँ आ गई,,,,,चुप चाप यहीं बैठ जा वरना ज़्यादा बारिश
मे एंजाय करेगा तो बीमार हो जाएगा,,,,

लेकिन मैने माँ की बात नही सुनी ऑर छत पर भाग गया
माँ--सुन्नयययययी सुउन्न्णी रूको बेटा,,,,,,,,,,,,

माँ पीछे से आवाज़ लगा रही थी लेकिन मैने कोई बात नही सुनी ओर छत पे जाके बारिश का मज़ा लेने लगा,,,,,,मैं बारिश मे छत पे फेस उपर की तरफ करके खड़ा हो गया ऑर बारिश की बूँदों को अपने फेस पर महसूस करने लगा,,तभी मुझे वो पल याद आ गया जब शिखा ने अमित के लंड को मूह मे भरा था ऑर प्यार से चूसा था,,,शिखा भी एक दम से शोभा जैसी थी,,,,,,,गोरी चित्ति,भरा हुआ बदन,,,,मासूम सा चेहरा,,,छोटे छोटे पिंक ऑर सॉफ्ट लिप्स ,,,उसको अमित का लंड चूसना अच्छा नही लग रहा था लेकिन फिर भी वो बड़ी मस्ती मे अमित के लंड को चूस रही थी,,,,इतना सोच कर ही मेरी हालत खराब होने लगी,,,,,,तभी किसी के कदमो की आहट से मैं नींद से जाग गया,,,पीछे मूड कर देखा तो सोनिया छत पर आ गई थी,,,क्योंकि उसको भी बारिश मे भीगना बहुत अच्छा लगता था,,,,,उसको देख कर एक पल तो मैं गुम्सुम हो गया
'था,,,,,,,,,लेकिन दूसरे ही पल में मैं उसकी तरफ चलने लगा ऑर उसने मुझे उसकी तरफ़ आते देखा तो थोड़ा डर गई लेकिन मैं उसके पास से गुजर कर नीचे चला गया,,,,नीचे जाते टाइम मैं उसकी तरफ पीछे मूड कर देख रहा था,,,,वो बहुत उदास लग रही थी,,,,,लेकिन उसकी उदासी का मेरे पर कोई फ़र्क नही पड़ा,ऑर मैं नीचे चला गया,,,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर जल्दी से कपड़े उतार कर नंगा हो गया ओर शवर ऑन करके शिखा ऑर सोनिया के नाम की मूठ मारने लगा,,क्योंकि आज दोनो ने मेरा मूड खराब कर दिया था,,,,,,लेकिन ना तो उसके साथ कुछ कर सका ऑर ना ही सोनिया के साथ,, बस अपना हाथ जगन-नाथ करके रह गया मैं,,,,,,,,,,,,,,




बाथरूम से बाहर निकल कर मैने लप्पी ऑन किया ऑर गेम खेलने लगा कुछ देर बाद ही सोनिया भी
नीचे आ गई ,,,उसका बदन भी पूरा भीगा हुआ था मैने एक नज़र उसकी तरफ़ देखा ऑर वापिस लप्पी
की तरफ देखने लगा वो भी सीधा अपने कपड़े लेके बाथरूम मे चली गई,,,,,,बाथरूम से बाहर
निकल कर वो अपने बेड पर बैठ गई ,,वो बेड से नीचे अपनी टाँगे ज़मीन पर रख कर बैठी हुई
था ऑर उसका ध्यान मेरी तरफ था,,,मैने भी लप्पी को ऐसे सेट किया जिस से मुझे उसका बदन तो
नज़र आ रहा था लेकिन चेहरा नही ,,,,,,,,,,वो भी मेरे चेहरे को नही देख सकती थी,,,उसका बेड
मेरे बेड से बस थोड़ा ही दूर था ,उसके पैर ज़मीन पर थे ऑर उसके हाथ बेड की लास्ट मे थे ऑर
वो अपने हाथों से अपने बेड की चादर को कभी पकड़ रही थी ऑर कभी छोड़ रही थी ऑर कभी -2
चादर को ज़ोर से हाथों से दबा रही थी,,,,,मुझे उसका एक हाथ ही नज़र आ रहा था दूसरा नही,
ज़ाहिर सी बात है उसका दूसरा हाथ भी ऐसी ही हरकत कर रहा होगा ,,क्योंकि ऐसी हरकत लड़की तभी
करती है जब वो बेचैन होती है कन्फ्यूज़ होती है,,,,,,,,,,,,,,उसने मुझे आवाज़ दी,,,,सन्नी,,,,,,,,,,
लेकिन मैं कुछ नही बोला,,,,,,,,,,,उसने फिर से बोला सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने कोई जवाब नही दिया
ओर चुप चाप से गेम खेलता रहा,,,,,,,,,,कुछ ही देर मे वो गुस्से मे उठी ऑर रूम से बाहर चली
गई,,,,,उसके गुस्से का तब पता चला जब उसने दरवाजे को ज़ोर से बंद किया था,,,,,,,,मैं दिल ही दिल
मे खुश भी था उसको तंग करके लेकिन थोड़ा उदास भी था,,,,,,क्योंकि जैसे वो तड़प रही थी
मेरे से बात करने के लिए वैसे ही मैं भी तडप रहा था उस से बात करने के लिए,,,लेकिन पता नही
क्यू मैं बार बार उसको तंग कर रहा था ,,,शायद इसकी वजह थी मेरा ईगो,,,,,,मैं कुछ अकड़
मे था ,,,,,होता भी क्यू नही अगर वो गुस्सा कर सकती थी तो मैं क्यू नही,,,,,,,

मैं गेम खेलते खेलते गेम मे ही खो गया कब शाम हुई पता ही नही चला,,,,,शाम को मुझे
करण का फोन आया,,,,उसने मुझे घर बुलाया ऑर मैं भी बाइक लेके उसके घर की तरफ चल पड़ा
उसके घर पहुँचा तो अलका आंटी ने गेट खोला,,,,,,,,,उन्होने ब्लॅक कलर का पंजाबी सूट पहना हुआ
था जिसका कट कुछ ज़्यादा ही डीप था,,,,,,मैं इतना ज़्यादा खो गया आंटी के सूट के डीप कट की गहराई
मे कि ना तो आंटी को नमस्ते बोला ऑर ना ही आंटी के अंदर बुलाने पर अंदर गया,,,,,,,,,,,,तभी आंटी
ने मेरे शोल्डर से पकड़ कर मुझे हिलाया,,,,,,,,,,,,,,,,,,

आंटी--क्या हुआ बेटा कहाँ खो गये हो,,,,,,,,

मेरा ध्यान एक दम से आंटी के फेस की तरफ गया तो वो हल्के से मुस्कुरा रही थी ,,,,,,,,,,,
मैं--आह ककुउक्च न्ंहिी अयूयूंट मैईन वऊू,,,,,,,,,

आंटी हंसते हुए,चलो अंदर आओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं अंदर गया ऑर आंटी को नमस्ते बोला,,,,,,,,,,आंटी ने भी रिप्लाइ किया ऑर मुझे करण के रूम मे जाने को बोल खुद चाइ
बनाने किचन मे चली गई,,,,,,,,,,जब वो किचन मे जा रही थी मैं वही खड़ा उनकी बड़ी गान्ड को देख
रहा था तभी वो किचन के अंदर जाते टाइम वापिस पलटी ऑर मेरी तरफ देख कर फिर किचन के अंदर चली
गई,,,,,,मैं भी उनके देखते ही एक दाम से भाग कर वहाँ से करण के रूम मे चला गया,,,,,,,,मुझे देख कारण मेरे से गले लग्के मिला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्या बात थी करण मुझे जल्दी क्यू बुलाया कोई पंगा हुआ क्या,,,,,,,,,

करण--हाँ सन्नी भाई एक पंगा हो गया है,,,,,,,,,

मैं--क्या हुआ अब करण,,,,,,

कारण--दीदी ने माँ को अमित के बारे मे बता दिया है माँ ने बोला कि दाद तो यहाँ नही है इसलिए वो नाना-नानी के
घर जाके उनसे अमित की बात करेगी ऑर शायद फिर नाना-नानी के साथ जाके अमित के घर वालो से भी बात करेगी
,,,,तू जल्दी कुछ कर यार वरना अमित मेरा जीजा बन जाएगा ऑर हरामी को जीजा क्या मैं अपने घर का कुत्ता नही
बना सकता,,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी यार कुछ करो जल्दी से,,,,,,,,,

मैं--कब जाना है तेरी मोम ने,,,,,,,,,,,

कारण--शायद कल ही जाना है मोम ऑर दीदी को ,,,,,,,,,,,,

मैं--देख तू कोशिश कर तेरी दीदी ना जा सके वहाँ,,,,,,,तुम चले जाओ अपनी माँ के साथ ऑर दीदी को घर छोड़ जाना
मैं कल तेरी दीदी से बात करूँगा,,,,,,,,,,,

करण--नही सन्नी,,,,,,,,तुम क्या बात करोगे दीदी से,,,,ऑर तुमने कोई बात की तो दीदी मेरे पे गुस्सा करेगी कि मैने
घर की बात तेरे को क्यूँ बताई,,,,,,,,,फिर माँ भी गुस्सा करेगी अगर दीदी ने माँ को भी बता दिया तो,,,,

मैं--करण तुम टेन्षन मत लो कुछ नही होगा,,,,,,,,,,जैसे शिखा तेरी बेहन है वैसे ही मेरी बेहन है,,मैं
दीदी से बात करूँगा तो दीदी पक्का समझ जाएगी,,,ऑर तुमको मेरे पर यकीन है या नही,,,,,,

करण--यकीन तो है सन्नी तभी तो सब कुछ बताया था तेरे को,,,,,,,लेकिन दीदी को कल कैसे रोकू माँ के साथ जाने से

मैं--ये तेरी टेन्षन है करण,,,,,तू बस किसी तरह से दीदी को रोक लेना ऑर खुद माँ के साथ चला जाना,,,,,,,,बाकी
सब मेरे पे छोड़ दे,,,,,,मैं सब संभाल लूँगा,,,,,,,,,,इतने प्यार से मनाउन्गा दीदी को की दीदी बड़ी आसानी से
समझ जाएगी,,,,,,,,,

करण--ठीक है सन्नी भाई मैं पूरी कोशिश करूँगा,,,,,,,,,,,

मैं--कोशिश नही करण तुझे दीदी को घर पर रोकना ही होगा वरना मैं कुछ नही कर सकता,,,अब सोच ले,,तू दीदी
को रोक सकेगा तभी मैं कोई बात कर सकूँगा,,,,,,,,वरना मुश्किल होगा ,,,,,,,,

कारण--ठीक है सन्नी मैं दीदी को रोक लूँगा ऑर खुद चला जाउन्गा,,,,,,,,,,,,

तभी आंटी कॉफी लेके आ गई,,,,,,,,,,कॉफी टेबल पर रखके आंटी वही रुक गई ऑर हम दोनो चुप हो गये,,,

आंटी--पता नही तुम दोनो क्या बात करते रहते हो ,,,,,,,कोई ख़ास बात ही होगी तभी मेरे आते ही चुप कर जाते हो,,

मैं--जी आंटी ख़ास बात ही होती है,,,,,,,,,वैसे भी हम बड़े हो गये है,,,,,,,

आंटी--जानती हूँ बेटा तुम लोग बड़े हो गये हो ऑर तुम लोगो की बातें भी बड़ी हो गई है,,,ऑर हँसते हुए कमरे से
बाहर जाने लगी,,,,,,,,

मैं--जी आंटी,,,,,,,,बातें भी बड़ी हो गई है ऑर टॉपिक भी,,,,,,,,मैने आंटी को स्माइल करते हुए देखा ,,,आंटी ने
भी एक हल्की स्माइल दी ऑर वहाँ से चली गई,,,,,,,,,,,

मैने चाइ ख़तम की ऑर करण को बाइ बोलके चला गया,,,,,,,,तुम बस दीदी को रोक लेना बाकी टेन्षन मेरी मैं
सब कुछ ठीक कर दूँगा करण,,,,,,,,,


मैं घर की तरफ आने लगा तभी मैं जब बुआ के बुटीक के पास से गुजर रहा था मैने देखा कि डॅड
ऑटो से उतर कर बुटीक के पिछले गेट से अंदर चले गये,,,,,,,,,,मैने सोचा की अगर डॅड के पास कार है तो
डॅड ऑटो मे क्यूँ आए है,,,,,,,,,,,,,तभी जल्दी से मैने डॅड को फोन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हेलो डॅड,,,,,,,,,,,,
डॅड--हेलो सन्नी ,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--डॅड आप कहाँ हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,
डॅड-क्यू बेटा कोई काम था क्या,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--जी डॅड तभी तो फोन किया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,
डॅड--मैं देल्ही जा रहा हूँ बेटा बॅंक के काम से कल वापिस आउन्गा,तुमको क्या काम था बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--डॅड मुझे आपकी कार चाहिए थी,,,,,,,,,,,
डॅड-बेटा वो तो रेलवे स्टीशन की पार्किंग मे है अब ओर मैं ट्रेन मे हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--ओके डॅड मैं कहीं ऑर से कार का बंदोबस्त कर लेता हूँ,,,आप जाओ एंजाय करो,,,,,,,,,,,,,मैने फोन कट कर दिया,,,,,,,,अब पता चला साला मेरा बाप बॅंक के काम से इतना बाहर क्यूँ जाता है,,,,,,,मेरे दिल मे हलचल होने लगी क्यू ना आज डॅड की चुदाई देखी जाए,,,,,मैने बाइक एक साइड पर लगा दिया,,,ऑर आराम से गेट की तरफ़ दबाने लगा मैने गेट के लॉक को बड़े प्यार से खोला ,,,उस दिन की बुआ के बुटीक की दूसरी चाबी अभी तक मेरे पास थी,,,,,,,,,,मैं गेट खोल कर उपर चला गया,,,,,,,,,,उपर वाला डोर भी लॉक था,,,,,,उसकी भी चाबी थी मेरे पास,,,,,,,,,,मैने लॉक खोला ऑर अंदर गया तो देखा
कि उपर वाला एक रूम का दरवाजा तो खुला हुआ था लेकिन दूसरे रूम का दरवाजा बूँद था,,,,,,,,मैं बड़े आराम से उस दरवाजे के पास गया ऑर कान लगा कर अंदर की बात सुनने लगा,,,अंदर से बुआ ऑर डॅड की आवाज़ आ
रही थी जिस से मुझे कोई ख़ास फरक नही पड़ा,,,,,,,,,लेकिन तभी मुझे एक ऐसी आवाज़ सुनाई दी जिस ने मेरे होश
उड़ा दिए थे,,,,,,,,,,,ये आवाज़ शोभा दीदी की थी,,,,,,,

बुआ--बड़ा टाइम लगा दिया भाई हम कब्से वेट कर रहे थे,,,,,,,,,,

डॅड--क्या करू बेहन घर से निकलने मे टाइम लग जाता है,,,,,,,,,आज मनीषा नही आई,,,,,

शोभा--क्यू डॅड बड़ी याद आ रही है मनीषा की अपनी बेटी से दिल भर गया क्या,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
डॅड--अरे नही बेटी तेरे से कभी दिल भर सकता है क्या मेरा,,,,,वो तो उसकी चूत की सील खोली थी तो बड़ा मज़ा आया
था लेकिन गान्ड की सील अभी रहती थी तो सोचा था आज गान्ड का नंबर लगा दूँगा,,,,,ऑर वैसे भी तू आज कल
कहाँ आती है अपने डॅड का लंड लेने तुझे तो बड़े ऑर नकली रब्बर वाले लंड से प्यार हो गया है,,,,पहले भी
मैं कुछ दिन यहाँ आया था तुम घर पर ही रुक जाती थी नकली लंड लेने के लिए,,,,,,,,

शोभा--क्या करू पापा अपना लंड है ही बहुत छोटा ,,चूत मे घुसता है तो पता ही नही चलता अंदर गया भी है या
नही,,,,,इसलिए बड़े लंड को अंदर लेती हूँ,,,,,,,जिस से ज़्यादा मज़ा आता है,,,,,,,,,,,

डॅड--बेटी तेरे बाप का लंड छोटा ज़रूर है लेकिन है बड़े काम का,,,,,टाइम देता है पूरा किसी भी चूत को,,,

बुआ--हाँ भाई ये बात तो है आपका लंड छोटा ज़रूर है लेकिन आपकी टाइमिंग बहुत अच्छी है,,,,,एक बार चोदना शुरू
करते हो तो रुकने का नाम नही लेते,,,,,,,,

डॅड--चलो बहुत हो गई बातें अब जल्दी से शुरू करो,,,,,,,,ऑर आज पहले तुम्हारी बारी है शोभा बेटी,,,,,काफ़ी टाइम
हो गया है तेरी गान्ड नही मारी,,,,,,,,,उसके बाद कोई आवाज़ नही आई,,,,,,बस कभी डॅड की सिसकिया ऑर कभी
बुआ ऑर दीदी की सिसकियाँ,,,,,,,,,,,,,,

मेरी तो गान्ड ही फॅट गई थी साला एक बाप ही तो था घर पे सबसे शरीफ बंदा ,,,,,,,,,,,लेकिन ये तो सबसे
बड़ा कमीना निकला,,,,,,,,,,बुआ,शोभा,,,,,,,,पूजा,,,,,,,ऑर अब तो मनीषा की भी चुदाई करता है,,,,,,,,
अब पता चला कि शोभा बार बार ये क्यू बोलती थी कि छोटे लंड से अब मज़ा नही आता,,,,,,,,,,साला मेरा बाप
कितना किस्मत वाला है,,,एक साथ 4-4 चूत ऑर 4-4 गान्ड है साले के पास,,,,,,,,मुझे साला गुस्सा भी आ रहा
था ऑर मज़ा भी,,,,,,,सोचा कि दरवाजे पर नॉक कर दूँ ऑर बाप के साथ मिलकर बुआ ऑर शोभा की चुदाई
करूँ,,,,,,,,,,,,,,,,बाप अपनी बेहन को चोदे ऑर मैं अपनी बेहन को,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैने ये सब एक दम से
करना ठीक नही समझा ऑर उन लोगो को एंजाय करते छोड़ वहाँ से चला गया,,,,,,,,,,,,घर जाते मैं यही सोच
रहा था कि उधर मेरा मामा माँ ऑर भाई एक साथ होते है,,,,,,ऑर इधर मेरा बाप बुआ ऑर शोभा एक साथ
लेकिन मैं सबसे बड़ा कमीना हूँ,,,,,,,,,,माँ बुआ ऑर शोभा तीनों को चोद चुका हूँ,,,,,,,बस अब सोनिया
ही बची हुई है अभी तक,,,,,,,,,उसका भी नंबर लगाना ही पड़ेगा,,,,,अब ऑर लेट नही करना अब तो कुछ करना ही
होगा,,,,,,,,ऑर अब तो मुझे डर भी नही कि वो मोम या डॅड को सब बाते बता देगी,या ऐसी धमकी देगी,,,वो लोग तो
साले खुद अपने बेटा ऑर बेटी से सेक्स कर रहे है,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
घर पहुँचा तो डिन्नर टाइम से लेट हो गया था,,,,सब डिन्नर कर चुके थे,,,,माँ ऑर मामा टीवी देख रहे
थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ--बेटा लेट क्यू हो गया,,चल आ ही गया है तो हाथ मूह धो ले मैं डिन्नर लगा देती हूँ,

मैं--नही माँ भूख नही है मैं करण के साथ बाहर से ख़ाके आया हूँ,,,,,,,,,
माँ--ऑर कुछ चाहिए तो बता दे,,,,
मामा--हाँ हाँ भानजे बता दे कुछ चाहिए तो ,,मामा ने एक शरारती स्माइल के साथ मेरी तरफ देखा ,,,,,,,,
,मैने कोई जवाब नही दिया ऑर चुप चाप से उपर चला गया,,,,,,,,,,,माँ बड़ी उदासी से मुझे देखती रही,माँ को तो
उदास होना ही था क्योंकि माँ को आज 2 लंड लेने को दिल कर रहा था ऑर मैने मना कर दिया था,,,,पता नही
क्यू मना किया मैने ये बात नही थी कि मेरा दिल नही कर रहा था दिल तो मेरा बहुत कर रहा था क्योंकि आज
डॅड बुआ ऑर शोभा की बातें सुनकर मुझे बहुत मस्ती चढ़ गई थी लेकिन मुझे कुछ अजीब भी लग रहा था
इसलिए मैने माँ ऑर मामा को अकेला छोड़ दिया ऑर उपर अपने रूम मे चला गया,,,,,,,रूम मे पहुँचा ऑर
सीधा बाथरूम मे गया ऑर शवर ऑन करके मूठ मार कर बाहर आ गया,,,,,बनियान ऑर निक्कर पहनकर बेड पर
लेट गया,,,,,पहले तो सोनिया लप्पी पर कुछ काम कर रही थी लेकिन मेरे बाथरूम से बाहर निकलते ही उसने
लाइट ऑफ करदी ऑर सोने लगी,,,,,,आज पहली बार उसने लाइट ऑफ की थी जबसे मैं उसके साथ रूम मे सो रहा था
आज पहली बार ऐसा हुआ था,,,,मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ था उसने ऐसा क्यू किया,,,,खैर मैने भी अपनी तरफ की
लाइट ऑफ की ऑर सो गया,,,,,,,तभी फिर से सोनिया ने लाइट ऑन करदी,,,मैने पलट कर देखा तो उसका चेहरा भी
मेरी तरफ था,,वो मुझे ही देख रही थी हम दोनो के बीच मे 2-3 फीट का फासला था वो अपने बेड की लास्ट मे
मेरे करीब आके लेटी हुई थी ऑर मैं भी बेड के लास्ट मे था,,,,,,मैने अपने फेस को टर्न कर लिया ऑर दूसरी
तरफ देखने लगा,,,,,,,,मैं पेट के बल सो रहा था ऑर मेरा सर दूसरी तरफ था,,मैने सोनिया को एक बार देख
कर इग्नोर करके फेस टर्न कर लिया था ,,,,,एक दम से अचानक मुझे सोनिया के बेड से उठने की आवाज़ आई ऑर इस
से पहले मैं उसकी तरफ सर करके देखता मेरी पीठ पर ज़ोर से थप्पड़ ऑर घुस्से लगाने शुरू हो गये,,,,,,,,,


सोनिया--क्यू तडपा रहा है इतना मुझे ब्लककी,,,,,मार डालूंगी तेरे को आज,,,,,,कब्से बात करने की कोशिश कर रही हूँ
ऑर तू है कि बात ही नही करता,,,,,,,

,मैं जल्दी से टर्न करके पेट के बल से पीठ के बल लेट गया ऑर मेरी चेस्ट
उपर हो गई लेकिन सोनिया रुकी नही वो मेरी चेस्ट पर ही थोड़ा ज़ोर से थप्पड़ लगाती रही,,,,,,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो वो रो रही थी उसके आँसू आँखों से बहते हुए मेरे पेट पर गिर रहे थे ऑर वो रोते हुए मुझसे गुस्सा
हो रही थी दोनो हाथों से मेरी चेस्ट पर थप्पड़ लगा रही थी,,,,,,,,

सोनिया--क्यू तडपा रहा है इतना मुझे थोड़ा तो तरस खा अपनी बेहन पर ,,,,,,,
मैने उसकी तरफ देखा तो मुझे बहुत अजीब लगा इतनी भोली भाली ऑर खूबसूरत
लड़की को रोते देखना मुझे अच्छा नही लगा,,,,,मैने जल्दी से अपने हाथ उसकी आँखों के पास रखे ऑर उसके
आँसू पोछने लगा,,,,,,लेकिन मैं कुछ बोला नही,,,,,,उसने अभी भी अपने हाथों से मेरी चेस्ट पर थप्पड़
मारना जारी रखा हुआ था,,,,तभी मैने अपने दोनो हाथों से उसके दोनो हाथों को पकड़ लिया ,,मेरे ऐसा
करते ही वो मेरे उपर गिरने लगी क्योंकि वो दोनो हाथों से मुझे मार रही थी लेकिन मैने उसके हाथ पकड़
लिए थे लेकिन मारने के ज़ोर से उसके हाथ तो रुक गये लेकिन वो खुद को नही रोक पाई ऑर मेरे उपर गिरने लगी तभी
मैने उसके हाथों को अपने हाथों मे पकड़े उसको सहारा दिया जिस से मेरे हाथ उसके हाथों को पकड़े उसके
शोल्डर से थोड़ा नीचे ऑर बूब्स से थोड़ा उपर जा टिके ऑर उसके अपने हाथ एल्बो से बेंड होके उसके बूब्स
के उपर थे ओर मेरे हाथ उसके हाथ के उपर थे ऑर हम दोनो के फेस मे करीब 6 इंच का फंसला था वो मेरी
आँखों मे देखने लगी ऑर मैं उसकी आँखों मे तभी उसकी आँखों से निकलता हुआ एक आँसू जो उसके गालों तक
पहुँच गया था वो वहाँ से सीधा मेरे लोवर लिप्स पर गिरा हम दोनो चुप चाप एक दूसरे को देख रहे थे


तभी मैने अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला ऑर लोवर लिप्स पर गिरे उसके आँसू को चाट कर सॉफ कर दिया तभी
मैने महसूस किया कि उसकी हार्टबीट तेज हो गई थी जो मुझे उसके बूब्स पर रखे हुए अपने हाथ से सॉफ तौर
पर महसूस हो रही थी हम लोग करीब 1 मिनट ऐसे ही रहे फिर एक दम से वो उठी ऑर अपने बेड पर जाके
मेरी तरफ पीठ करके लेट गई,,,,,,,,,,,,,,

साला अब ये क्या हो गया था,,,,,,कुछ समझ नही आ रहा था,,अब करूँ भी तो क्या करू,,,,उसके पास जाने से डर लगता था,,,लेकिन 1 पल क लिए वो मेरे इतने करीब आके दूर चली गई थी ऐसा लग रहा था जैसे जिस्म से जान निकल कर दूर चली गई हो,,,,एक अजीब सी बेचैनी होने लगी थी,,,,लेकिन अब कर भी क्या सकता था कुछ देर ऐसे ही उसकी तरफ देखता रहा लेकिन उसने मेरी तरफ मूड़ के नही देखा ,,,मुझे कब नींद आई पता ही नही चला,,,,,,,,,,,


सुबह नाश्ता करके जब सोनिया घर से बाहर निकली तो उसके पीछे पीछे मैं भी घर से बाहर निकला वो सीधा
मेरी बाइक के पास रुकी थी,,,,,,,इतने मे माँ भी बाहर आ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ-सन्नी बेटा आज कविता नही आ रही है तो सोनिया को अपने साथ लेके जाना,,,,,,,

मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक स्टार्ट की तभी सोनिया मेरे पीछे बैठ गई ऑर मैने बिके कॉलेज की तरफ बढ़ा दी,,,आगे जाके बीच सड़क मे एक खड्डाे आया तो उसने मेरे शोल्डर पर अपना हाथ रख दिया,,मैने साइड मिरर से पीछे उसकी तरफ देखा तो उसके अपना चेहरा दूसरी तरफ कर दिया,,

तभी वो बोली,,,,,,,,,,,,,सन्नी मुझे कविता के घर ड्रॉप कर देना

मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक को सीधा कविता के घर के बाहर जाके खड़ा कर दिया,,,,मुझे कविता के घर के अंदर से कुछ शोर सुनाई दिया,,,,,,,,,,,,

सोनिया--सन्नी कविता के घर मे कुछ प्राब्लम है इसलिए वो आज मुझे लेने नही आई मैं ऑर वो कॉलेज नही जाने वाले तुम प्ल्ज़्ज़ माँ को कुछ मत बताना,,,,,,,,,,मैने कोई जवाब नही दिया ऑर कॉलेज की तरफ बढ़ गया......
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07-10-2019, 07:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अभी कॉलेज के अंदर एंटर होने ही वाला था कि करण का फोन आ गया,,,,,,,,

करण--हेलो सन्नी,,,,,,,,,,,
मैं--हेलो कारण
करण--कहाँ हो सन्नी भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं --मैं बस कॉलेज एंटर ही करने लगा हूँ अभी मिलता हूँ तेरे को अंदर आके,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--नही भाई कॉलेज मत आना मैं भी नही आया हूँ,,,मैं तो माँ के साथ नाना-नानी के घर जा रहा हूँ इसलिए आपको फोन किया है,,,हम लोग बस जाने ही लगे है,,दीदी को घर पर ही रखा है ,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--ठीक है मैं आ जाता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--सन्नी भाई जल्दी आना हम लोगो ने शाम को 7 बजे से पहले नही आना दीदी कहीं अमित को मिलने ना चली जाए,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--ठीक है करण मैं अभी चला जाता हूँ,,,,,,,,,,,

करण--ठीक है सन्नी भाई ऑर प्लज़्ज़्ज़ अच्छी तरह समझा देना दीदी को ऑर ये मत बताना कि मैने तुमको अमित
ऑर दीदी के बारे मे बताया है,,तुम बस बातों बातों मे,,,,,,,,,,,,

मैने उसकी बात को बीच मे रोक दिया,,,,,,,,,,
मैं--तुम टेन्षन मत लो करण भाई मैं सब कुछ संभाल लूँगा तुम आराम से जाओ,,,,,,मैने फोन काट दिया ऑर
सीधा करण के घर की तरफ बढ़ गया,,,,,,,,,,,,40 मिनट लगे मुझे करण के घर जाने मे,,,क्योंकि उसका घर
मेरे घर से दूसरी तरफ था,,वैसे मेरे घर से भी करीब 20-25 मिनट तो लग ही जाते है करण के घर जाने
मे,,,,,,,,,,,,

मैं करण के घर पहुँचा तो शिखा दीदी ने गेट खोला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--हाई सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--हाई दीदी,,,,,,,करण कहाँ है दीदी,,,,,,,,,,

दीदी--,तुम लेट हो गये सन्नी वो अभी कुछ देर पहले माँ के साथ गया है अब रात से पहले नही आने वाला,,,,
मैं--ओह्ह शिट,,,,,,,,
दीदी--क्या हुआ सन्नी कोई काम था क्या,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--हाँ दीदी उसके कंप्यूटर मे मेरे नोट्स पड़े हुए थे वो लेने थे,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--,कोई बात नही सन्नी तुम अंदर आ जाओ ऑर नोट्स कॉपी कर्लो,,,,,
मैं अंदर चला गया ऑर दीदी भी अंदर आ गई,,,,,,,,

दीदी०--तुम कुछ लोगे चाइ कॉफी,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--,नही दीदी थॅंक्स मैं अभी घर से नाश्ता करके ही आया हूँ,,,,,,,,,,

दीदी--ठीक है तुम जाओ करण के रूम मे मैं ज़रा घर का काम करने लगी हूँ,,,,,,,,,

दीदी ने एक पंजाबी सूट पहना हुआ था जो बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि दीदी का
जिस्म भी शोभा दीदी की तरह भरा हुआ था मोटी नही थी लेकिन स्लिम भी नही थी,,,बूब्स ऑर गान्ड भी एक दम
मस्त थी,,,,,,जैसे कोई 20-22 साल की पंजाबी लड़की होती है,,,एक दम गोरी चित्ति ऑर भरे हुए जिस्म की मालकिन,,,
साला दिल किया अभी यही चोदना शुरू कर दूं,,,,,मैं चुप चाप करण के रूम मे चला गया ऑर दीदी अपना काम
करने लगी,,,,,,मैने सोचा अब दीदी से बात कैसे शुरू की जाए,,,,तभी एक आइडिया आया,,,,,,,मैं 10 मिनट बाद
बाहर गया ऑर अपने मोबाइल को देख कर ज़ोर से हँसने लगा,,इतना ज़ोर से कि किचन मे दीदी को मेरी आवाज़ सुन जाए
ऑर ऐसा ही हुआ दीदी को मेरी आवाज़ सुन गई ऑर वो बाहर आ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी---,अरे इतना खुश क्यू हो रहे हो कोई जोक वाला मेसेज आया है क्या मोबाइल पे,,,,,,,,,,,,,

मैं--जी दीदी बहुत अच्छा मेसेज आया है,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--मुझे भी दिखाना ज़रा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--नही ऐसे नही दीदी आप अपने मोबाइल का ब्लूटूथ ऑन करो मैं सेंड करता हूँ फिर आराम से देखना आप,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--अरे अपने मोबाइल पर दिखा दो,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--,नही दीदी अगर बाद मे फिर आपका देखने को दिल किया तो आप अपने मोबाइल पर देख सकती हो इसलिए ब्लूटूथ ऑन करो मैं सेंड करता हूँ,,,,,,,,,,,,,

दीदी--लगता है कुछ खास ही है,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--हाँ दीदी बहुत खास वीडियो है,,,,,,फन्नी वीडियो,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--ठीक है बाबा करती हूँ ऑन,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी ने रूम से अपना मोबाइल लिया ऑर ब्लूटूथ ऑन करके सामने टेबल पर रख दिया ऑर मैने भी ब्लूटूथ से फाइल सेंड करनी शुरू करदी,,,,,फाइल सेंड हो रही थी ऑर मैं दीदी को देख कर खुश
हो रहा था,,,,,,,,दीदी भी मेरी मुस्कान को देख कर हल्की हल्की खुश हो रही थी,,,,,,,,,तभी बीप की आवाज़ हुई
ऑर फाइल सेंड हो गई,,,,,,,,,,,,,मैने अपना मोबाइल उठा लिया ऑर दीदी ने अपना मोबाइल उठा कर फाइल को देखना शुरू
किया ऑर एक ही पल मे उनके हाथ से मोबाइल वापिस टेबल पर गिर गया लेकिन वीडियो बंद नही हुई ऑर दीदी भी फटी हुई आँखों से वीडियो देखने लगी,,,,,,,,,,,ये वही वीडियो थी जिसमे दीदी अमित का लंड चूस रही थी,,,,,,

मैं--क्यू दीदी अच्छी लगी वीडियो,,,,,,,,,,,,,,

दीदी ने गुस्से से मेरी तरफ देखा,,,,,,,,,,,,

दीदी--कहाँ से मिली तुझे ये वीडियो,,तू कुत्ता मेरा ऑर अमित का पीछा करता है क्या,,,,,मैं तेरा सर फोड़ दूँगी हरामजादे,,,,,,,,,,,,,

मैं--अरे दीदी इतनी गालियाँ मत दो वरना वीडियो सारे कॉलेज मे बाँट दूँगा,,,,ऑर सबसे पहले दूँगा आपके भाई को,,,,,,,,,मेरी बातें सुनकर उसका गुस्सा तोड़ा शांत हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--सन्नी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ एसा मत करना मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर के तुमको क्या मिलेगा,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सन्नी,,ऑर ये वीडियो तुमको कहाँ से मिली,,,,,,,क्या तुम उस टाइम वहीं पर थे,,,,,,,,,,,,,

मैं--इन बातों का कोई मतलब नही है अब दीदी,,वीडियो कहाँ से मिली कैसे मिली,,,,,,बस मिल गई,,,,,,,,,,,

दीदी--देखो सन्नी मैं करण की बेहन हूँ तो तुम्हारी भी बेहन हुई ना क्या तुम अपनी बेहन को ऐसे बदनाम करते कभी,,,,,

मैने जानभूज कर नाटक करते हुए बोला,,मेरी बेहन ऐसा कोई काम नही करती कभी ऑर अगर करती तो मैं
उसकी जान ले लेता ,,,,,,,,,

वो मेरी बात सुन कर थोड़ा डर गई ऑर रोने लगी,,
दीदी--सन्नी प्लज़्ज़्ज़्ज़ मेरे से अब ग़लती हो गई तुम किसी को मत बताना प्लीज़ वरना मेरे घर वाले मुझे मार देंगे,,,,तुम जो कहोगे मैं करने को तैयार हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

मैने सोचा क्यू ना इसका फ़ायदा उठाया जाए वैसे भी तो साली थी ही एक दम मस्त माल,,मेरी जगह कोई भी होता तो ऐसा मोका हाथ से नही जाने देता ऑर ख़ासकर जब ऐसी खूबसूरत बला सामने हो तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:18 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं--ठीक है दीदी मैं किसी को कुछ नही बताउन्गा,,लेकिन बदले मे आपको मेरा एक काम करना पड़ेगा,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी--सन्नी मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ प्लीज़ तुम ये वीडियो मुझे देदो,,,ऑर अपने मोबाइल से डेलीट कर दो वो
भी हमेशा के लिए,,,,,,,,,,,,

मैं--ठीक है दीदी मैं इस वीडियो का मास्टर पीस आपको दे देता हूँ ऑर अपने मोबाइल से
भी हमेशा के लिए डेलीट कर देता हूँ लेकिन बदले मे आपको वही सब करना होगा जो आप अमित के साथ कर रही
हो वीडियो मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

,दीदी गुस्से मे बोली,,,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई सन्नी ये बकवास करने की ,,,,,,,,,,,,,

मैं--अरे दीदी गुस्सा मत करो ,,देखो मेरी हिम्मत जो ये वीडियो लेके आपके पास आ गया,चाहता तो पहले आपकी माँ ऑर
भाई के पास जाता ताकि वो लोग आपका ऐसा हाल करते कि दोबारा आप ऐसी ग़लती नही करती,,,,,,,,,,,,,

वो फिर से सर को झुका कर चुपचाप बैठ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--बोलो दीदी क्या बोलती हो मेरा लंड भी अपने नरम ऑर पिंक लिप्स मे लेके चुसोगी या मैं ये वीडियो करण को दे दूं,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--सन्नी मैं तेरी बेहन जैसी हूँ तू मेरे साथ एसी हरकत करना चाहता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैने सोचा अब इसको क्या बताऊ कि मैं तो अपनी बेहन के साथ अपनी माँ को भी चोद चुका हूँ,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--दीदी फालतू की बात मत कर बोलो यस ऑर नो,,,,,

,वो चुप रही कुछ देर
मैं--दीदी जल्दी बोलो वर्ना मैं चलता हूँ कॉलेज ऑर सबको ये वीडियो दिखाता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--नही प्लीज़ सन्नी ऐसा मत करो मेरे साथ,,,,,,,,,

कोई बात नही की ऑर खड़ा होके पैंट उतार कर नीचे करदी ऑर लंड को हाथ मे पकड़ लिया जो अब तक बातों ही बातों मे पूरा ओकात मे आ चुका था,,,दीदी की नज़र मेरे मूसल पर पड़ी तो वो फटी आँखों से मेरे मूसल को घूर्ने लगी,,,,मैने दीदी की अपने पास आने का इशारा किया पर वो मेरे लंड को ही घुरती रही ,,,मैं खुद ही चलके दीदी के पास चला गया तभी दीदी ने अपना सर नीचे कर लिया मैने भी हाथ से दीदी के सर को पकड़ा ऑर उसका फेस उपर कर दिया,,,,,दीदी ने एक पल मेरी तरफ देखा ,,,,,,

मैं--क्या बोलती हो दीदी इसको चूसना है या फिर मैं जाउ यहाँ से,,,,,,,,,

दीदी ने एक बार गुस्से से मुझे देखा ऑर फिर एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,,,,,,,

मैं--क्या हुआ दीदी मूह मे लो ना इसको अगर नही लेना तो बता दो,,मैं चला जाता हूँ कॉलेज,,दीदी मेरी तरफ ही देखती रही तभी मैने दीदी के सर को अपने हाथों से पकड़ा ऑर अपने लंड की तरफ बढ़ा दिया,,,दीदी ने अपने फेस को दूसरी तरफ मोड़ दिया मैने फिर से दीदी के सर को पकड़ा ऑर फेस को लंड की तरफ टर्न कर दिया इस बार दीदी ने मेरे लंड को हल्के से अपने लिप्स से लगा लिया लेकिन एक ही पल मे लिप्स को फिर से दूर कर दिया,,,,,,,,,,,

मैं--तो ठीक है मैं कॉलेज ही जाता हूँ ऑर सारे कॉलेज मे इस वीडियो को बाँट देता हूँ,क्योंकि आपने तो अमित का ही लंड चूसना है मेरा नही,,,,,,,,,,,मैं जाने के लिए मुड़ा ऑर अपनी पॅंट को उपर करने लगा तभी दीदी उठकर मेरे सामने आ गई,,ऑर मेरे देखते ही देखते ज़मीन पेर बैठ गई,,ऑर पॅंट को वापिस नीचे करके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर लंड की टोपी को किस करंबे लगी

साला एक दम से दीदी के लिप्स लगते ही लंड ने ज़ोर से उछलना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,

मैं--अब ज़्यादा मत तडपाओ दीदी जल्दी से लंड को मूह मे लो ना देखो कैसे तड़प रहा है,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;कैसे लूँ सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;वैसे ही दीदीजैसे अमित का लंड लिया था मूह मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;सन्नी उसका लंड तो था ही छोटा सा लेकिन तेरा लंड तो किसी घोड़े का लंड जितना बड़ा है कैसे लूँ इस मूसल को अपने मूह मे,,,,,,,

मैने दीदी के मूह को पकड़ा ऑर अपनी 2 उंगलिया दीदी ने लिप्स मे घुसा कर उनके मूह को खोला ऑर मूह के खुलते ही लंड की टोपी को मूह मे घुसा दिया ऑर सर को पकड़ कर लंड पर दबा दिया जिस से मेरा 3 इंच लंड दीदी मे मूह मे चला गया ऑर तभी दीदी को बहुत तेज खाँसी आने लगी ऑर उन्होने लंड को मूह से निकाल दिया,,,

दीदी-;ऐसे मत करो सन्नी मैं खुद करती हूँ,,,,,
मैं-;तो करो ना खुद मुझे क्यू मजबूर करती हो ऐसा करने को,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी ने मूह खोला ओर लंड की टोपी को लिप्स मे भरके मूह मे लिया ऑर हल्के से चूसने लगी तभी मेरी आआअहह निकल गई,,,उसके लिप्स थे ही इतने सॉफ्ट ऑर अंदाज़ भी अच्छा था लंड चूसने का,,,दीदी लंड की टोपी को ही लिप्स मे लेके हल्के से आगे पीछे करते हुए चूसने लगी,,,,,,,

मैं--दीदी थोड़ा ऑर लो ना इसको अपने मूह मे,,,,,,,,,,,,,
Reply
07-10-2019, 07:18 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी ने मूह को खोला ऑर थोड़ा ज़्यादा लंड मूह मे लिया ऑर अपने दोनो हाथों को लंड पर रखके मुट्ठी मे पकड़ लिया,,,वो दोनो हाथों को लंड पर हल्के से चला रही थी ऑर बाकी के बचे लंड को मूह मे लेके चूस रही थी जो सिर्फ़ 2-3 इंच ही था,,,,,,,,,

मैने दीदी केएक हाथ को लंड से उठा दिया ऑर अपनी बॉल्स पर रख दिया ऑर दीदी को थोड़ा ऑर लंड लेने का इशारा किया,,

दीदी ने भी एक हाथ से लंड को सहलाते हुए ऑर दूसरे से बॉल्स को सहलाते हुए थोड़ा ऑर ज़्यादा लंड मूह मे लेने की कोशिश करने लगी,,,,मैने भी दीदी के सर को हाथों मे पकड़ा ऑर लंड को हल्के से आगे पीछे करने लगा मेरा लंड अब
आधा दीदी मे मूह मे जाने लगा था लेकिन दीदी के हल्के दाँत मेरे लंड पर लग रहे थे दीदी को भी ये पता लगा तो दीदी ने मूह को ऑर ज़्यादा खोलने की कोशिश की लेकिन मेरा लंड था ही इतना मोटा कि दीदी का पूरा मूह खुल
गया था फिर भी लंड दाँतों से टकरा रहा था,,,,,,,,,,मैं दीदी की तरफ ही देख रहा था तभी दीदी ने अपने
फेस को थोड़ा उपर करके आँखों ही आँखों मे इशारा किया कि अब इस से ज़्यादा मूह नही खोल सकती थी इसलिए
मैं इतने लंड को ही मूह मे पेलने लगा था,,,,,


मैने खड़े खड़े अपनी टी-शर्ट ऑर बनियान निकाल दी ऑर उपर का जिस्मा नंगा कर दिया,,दीदी मुझे अजीब नज़रो
से देख रही थी तभी मैने दीदी को उठाया ऑर अपने साथ सोफे पर ले गया ऑर वहाँ बैठ कर अपने जूते ऑर पॅंट
भी निकाल कर नंगा हो गया,,,,,,,,,,,दीदी ने अपने सर को दूसरी तरफ घुमा लिया वो मुझे नंगा नही देखना
चाहती थी,,,,,,,,,,

दीदी--;सन्नी लंड चूसने के लिए तुमने सारे कपड़े क्यूँ उतार दिए,,,,,,,,,
मैं-;,अरे दीदी जब मस्ती ही करनी है तो पूरी तरह करो ना,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;,नही सन्नी मैं इस से आगे कुछ नही करूँगी,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;ठीक है दीदी मत करना लेकिन लंड तो चूसो ना,,,,,,,,,,मैने दीदी के सर को पकड़ कर अपनी तरफ किया ऑर लंड पर झुका दिया

दीदी ने भी लंड को मूह मे लिया ऑर आधे लंड पर सर को उपर नीचे करते हुए चूसने लगी मैने मोका देखा ऑर
दीदी के हाथ को अपनी चेस्ट पर रखा ऑर अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चेस्ट पर घुमाने लगा,,दीदी ने अपने
हाथ को पीछे खींच लिया तब मैने अपने हाथ को दीदी की पीठ पर रख दिया,,,,,,,,,,दीदी एक दम से उठ गई

दीदी-;सन्नी ये क्या कर रहे हो,,,,,,
मैं-;वही जो करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,
दीदी-;तुमने लंड चूसने को बोला वो मैं कर रही हूँ तुम प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे टच मत करो,,,,,,,,,,
मैं--;दीदी ऐसे मज़ा नही आ रहा ना हल्का हल्का टच करने दो ना प्ल्ज़्ज़,,,,,,
दीदी-;नही सन्नी ,,,,,,,,,
मैं-;ठीक है तो मैं चला जाता हूँ,,,,,,,,,,

दीदी उदास होके वापिस नीचे झुकी ऑर चुप चाप लंड को चूसने लगी,,,,,,,,,मैं खुश हो गया,,,,,,,,,,,,,,दीदी ने लंड को फिर से मूह मे लेके चूसना शुरू कर दिया ऑर मैने हाथ दीदी की पीठ पर रख दिया ऑर आराम से पीठ पर हाथ घुमाने लगा
अबकी बार दीदी कुछ नही बोली ऑर लंड चुस्ती रही मैं बड़े प्यार से हाथ को पीठ पर घुमा रहा था तभी
मेरा हाथ दीदी की ब्रा की पट्टी पर लगा जहाँ हुक लगे हुए थे,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी अपनी कमीज़ उतारो ना ,,,,,,,,,,,,,

दीदी ने मेरी तरफ देखा इस से पहले दीदी कुछ बोलती मैने दीदी को टेबल पर पड़े मोबाइल की तरफ इशारा कर
दिया,,,,,,,,दीदी ने चुपचाप अपने हाथ उपर उठा कर कमीज़ उतार दी,,,,,,,,,,,,दीदी के कमीज़ उतारते ही मैं
दीदी के बड़े बड़े बूब्स को खा जाने वाली नज़रो से देखने लगा दीदी मेरी नज़रो के अंदाज़ को पहचान गई
ऑर जल्दी से लंड पर झुक गई ताकि मैं बूब्स को ज़्यादा नही देख सकूँ,,,मैने भी हाथ को वापिस दीदी की पीठ
पर घुमाना शुरू कर दिया ,,,,,,,,क्या मक्खन जैसी चिकनी ऑर गोरी पीठ थी साला हाथ खुद ब खुद
फिसलता जा रहा था,,,मैं भी दीदी की पीठ पर हाथ को बड़े प्यार से अपनी फिंगर्स को खोल कर सहला रहा था
मैने महसूस किया कि दीदी की पीठ हल्के झटके खा रही थी उनको मेरा हाथ पीठ पर घूमता हुआ अच्छा लग
रहा था ऑर शायद उनको मस्ती चढ़ रही थी, तभी मेरा हाथ दीदी की ब्रा की पट्टी पर लगा जहाँ हुक थे मैने
कोई देर किए बिना हुक खोल दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी ब्रा खुलते ही उपर उठने लगी लेकिन मैने
दीदी के सर को लंड पर दबा दिया ऑर दीदी भी चुप चाप लंड को चूसने ,,,मैने भी अब दीदी की पूरी तरह नंगी
पीठ को प्यार से सहलाना शुरू कर दिया दीदी की पीठ भी हल्के झटके खाने लगी थी,,
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