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RE: चूतो का समुंदर
मैं धक्के मारे जा रहा था ओर दामिनी सिसकते हुए मज़े ले रही थी….
मैं दामिनी के ठीक पीछे था….दामिनी पीछे धक्के मारती ऑर मैं आयेज…हमारी जाँघो की आवाज़ भी दामिनी की आवाज़ के साथ मिक्स हो गई….
दामिनी-आहह..आह..आह..एस..एस…एस..आहह…
तप्प..ट्ट्तह्ह्प्प……टत्त्तप्प्प…आअहह…एस…यस..यस…यस…
आअहह.आहह..आह…त्ततप्प्प..अह्ह्ह्ह…एस…एस…फास्ट…फास्ट…आहह
ऐसे ही मिक्स आवाज़े सुनते हुए मैं दामिनी की गंद मारता रहा …
कुछ देर बार मैने लंड दामिनी की गंद से निकाला ऑर उसे बालो से पकड़ कर उठाया ….
दामिनी-आअहह…..मुझे भी वाइल्ड सेक्स..पसंद है ,….आअहह
मैं- ये तो ऐसे ही है...वाइल्ड तुझे फिर कभी दिखाउन्गा...
दामिनी- जो भी करो बस ठुकाई करो
मैं-देखती जा फिर
मैने दामिनी को खिड़की के पास खड़ा किया ऑर एक हाथ से उसकी टाँग को खिड़की पर टीकाया ऑर लंड को गंद मे सेट करके डाल दिया ऑर फिर उसके बाल पकड़ कर तेज़ी से चोदने लगा….
और दामिनी भी मस्त होकर अपनी गंद मरवाने लगी....
दामिनी- आअहह..आहह..आह…आ..अह्ह्ह्ह
आहह..आअहह..आहह
ईीस्स…यईीस…येस…यस…..यस..यस…यस…यस…यस..
फास्ट…फास्ट…फास्ट….य्या…फास्ट..आहह….आह…आअहह…यस...यस…..एसस्स
मैं दामिनी को 2-3 मिनट चोदता रहा फिर मैने दामिनी को छोड़ा ऑर वही फर्श पर लेट गया …
दामिनी मेरी मर्ज़ी समझ गई ऑर आकर अपनी गंद मे मेरा पूरा लंड लेती हुई पीठ के बल मेरे उपर लेट गई ….
मैने दामिनी के बूब्स को दोनो हाथो मे मसल्ते हुए नीचे से धक्के मारना चालू किया
मैं-उउंम्म...क्या...बूब्स है तेरे...ऑर गंद भी मस्त...ये ले..ईईहह....ईस्शह
दामिनी-आहह...मसल डालो...बहुत फडफडाते है....
मैं-देखती जा तुझे कैसे-2 मसलता हूँ...ये ले...
दामिनी- आअहह...मैं तैयार हूँ...आअहह....तुझे भी शिकायत नही होगी....आअहह
दामिनी भी मस्ती मे डूब चुकी थी...थोड़ी देर बाद मैं रुक गया ओर दामिनी ने अपने हाथ पीछे फार्स पर रखे ऑर मेरे लंड पर गांद को उछाल-उछाल कर लंड गंद के अंदर लेने लगी ऑर मस्ती मे आवाज़े निकालने लगी...
दामिनी- आअहह..आहह..आह…आ..अहहह..आअहह..आहह
ईीस्स…यईीस…एस…मसला दूओ….ज्ज्ज्ूओर्रर…ससीए…आअहह….अह्ह्ह्ह
रूम मे चुदाई का पूरा महॉल था….ऑर हम दोनो फुल मज़े के साथ गंद फाड़ने का प्रोग्राम कर रहे थे…
थोड़ी देर बाद ही मैने …दामिनी को रोका ऑर हम खड़े हो गये…
मैने दामिनी को वापिस उसी टेबल पर कुतिया बनाया ऑर गंद मारने लगा....
दामिनी- आअहह..आहह..आह…आ..अहहह..आअहह..आहह
ईीस्स…यईीस…यस…यस…..यस..यस…यस…यस…यस..
फास्ट…फास्ट…फास्ट….य्या…फास्ट..आहह….आह…आअहह…यस.यस…..येस्स्स
दामिनी अपने हाथो से फिर से अपनी चूत मसालने लगी ऑर मैं तेज़ी से उसकी गंद मारे जा रहा था
दामिनी- आअहह..आहह..आह…उूउउंम्म....उूउउंम्म..
ईीस्स…म्म्माेआ….आअहह…...यस…यस…यस…यस..
फास्ट…फास्ट……फास्ट…….उूउउंम्म…ऊओह..ओह्ह..ओह्ह…ऊहह..
आहह….आह…आअहह…यस.यस…..येस्स्स…आहह…ऊहहूओ
जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने दामिनी को टेबल पर ही साइड से लिटा दिया ऑर फिर लंड को वापिस गंद मे झटके से डाल के गंद मारने लगा…
मैं-आअहह..ययययई….टेक इट बेबी….टेक इट…
दामिनी- आअहह….उउउंम्म…यस,,,,यस,,,,यस,,,…
बेबी...फास्ट…ओह्ह..यस…अहहह..आअहह
इस तरह से मैं 5 मिनट जोरदार गंद मारता रहा…ऑर साथ मे दामिनी के बूब्स भी दबाए जा रहा था,…दामिनी भी अपनी चूत मसले जा रही थी ऑर वो झड़ने लगी
दामिनी-आअहह..बेबी…ईयी…एम्म..कककूओंम्म्ममिईननगग…ऊओह….आआहह
मैने अपनी स्पीड तेज कर दी ऑर 2 मिनट बाद मैं भी दामिनी की गंद मे झड़ने लगा
मैं-आअहह…..टेक इट…कोँम्मिंग बेबी…टेक इट..आहह
दामिनी-ऊहह..अहह…क्कूमम्मे…क्कूममे..ययययसस्स…यस.एएस…आअहह
हम दोनो झड कर शांत हो गये,,,,,,,जैसे लड़ाई के बाद लड़ कर सब शांत हो जाते है...
मैने अपना लंड दामिनी की गंद से निकाला...तो मेरा लंड रस दामिनी की गंद से टेबल पर आने लगा...
दामिनी ने अपना हाथ लगा कर पूरे रस को हाथ मे भर लिया ऑर फिट चाट गई
दामिनी- आअहह..उूउउंम्म..यही तो मेरा फेव ड्रिंक है…आअहह
मैं जाकर बेड पर बैठ गया ओर दामिनी मेरा लंड रस पीने के बाद आई ऑर मेरे लंड को चूसने लगी…दामिनी ने बचा हुआ लंड रस चाट-चाट कर पी लिया ओर मेरा लंड सॉफ करके मेरे साथ ही बेड पर लेट गई ऑर मुझे बाहों मे भर के किस करने लगी...
जब हमारी किस ख़त्म हुई तो
दामिनी-ऐसा मज़ा ….वाउ….कभी नही आया
मैं-आगे ऑर भी आयगा
दामिनी-हाँ...बिल्कुल…अब मैं इसी लंड को अपने छेदों मे जाने दूगी..मेरे पति को तो मना ही कर दूगी...
मैं-पर पति को कैसे रोक सकती हो
दामिनी-वो मुझ पर छोड़ दो…ऑर हाँ…तुम्हारे लिए चूत भी दिलवाउंगी…..पहली तो यही दिलवा दूगी
मैं-उस लड़की की…जो तुम्हे मासी बोल रही थी
दामिनी –नही वो तो ठुका हुआ माल है…वो तो लंड की दीवानी है,…..बिना मेरे कहे ही लेट जायगी....
मैं-तो फिर किसकी…कोई फ्रेंड..???
दामिनी-नही…तुमने जो आज मज़ा दिया..उसके बदले मैं तुम्हे चुदा हुआ माल नही दूगी…बल्कि फ्रेश माल दूगी
मैं-फ्रेश माल …कौन है वो
दामिनी-अभी नही…वेट करो...
मैं-ओके...पर याद से...टाइम कम है शादी हो चुकी है ऑर बिदाई होने वाली है...फिर मुझे जाना होगा
दामिनी- तुम्हे फ्रेश माल देने के बाद ही जाने दूगी...
मैं- अच्छा...पर आंटी को क्या कहोगी...???
दामिनी-वो मेरी टेन्षन है…बस ये बात पक्की कि माल फ्रेश होगा...ऑर तुम्हे ये माल दे कर ही जाने दूगी...ऑर हाँ , एक बात याद रखना....
मैं-वो क्या????
दामिनी-वो ये कि पहली ही बार मे चूत ऑर गंद मार लेना उसकी....शायद वो बाद मे ना मिले..
मैं-ओके…बट फ्रेश है तो दर्द झेल लेगी..??
दामिनी-वो उसकी प्राब्लम ,,तुम बस रेडी रहना…सर्प्राइज़ के लिए
मैं-ऐसे सर्प्राइज़ के लिए तो हमेशा रेडी हूँ…
दामिनी-ऑर हां…आज बिदाई के बाद रुक ही जाना ....बिना बोले चले मत जाना
मैं- बिना बोले नही जाउन्गा...ऑर रुकने का देखते है…अभी तो मुझे रेस्ट करना है….
दामिनी-ओके…अपना नंबर दो…आज से मैं तुम्हारी हो गई….पूरा मज़ा दूगी...
मैं-क्यो नही अब तो तुम मुझे ऐश कर्वाओ ऑर मैं तुम्हे...
दामिनी-देख लेना…मैं लाइन लगा दूगी चुतो की..बस वेट करो
मैं-ओके..अब चलो…मुझे रेस्ट करना है…बिदाई के पहले तक
दामिनी…ठीक है तुम जाओ …मुझे कुछ काम भी है
ये बोल कर मैने कपड़े पहने ऑर निकल गया…दामिनी भी रेडी हो कर निकल गई
दामिनी अपने काम से ऑर मैं अपने रूम मे आने को निकल गया…
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RE: चूतो का समुंदर
मैने अपने रूम मे जाते हुए सोचने लगा कि ये सब हो क्या रहा है...पहले कामिनी, अब दामिनी , उसकी बेटी भी रंडी ही है ऑर दामिनी ने कहा है कि चूतो की लाइन लगा दूगी....कामिनी ने भी कहा था कि मुझे खुश कर देगी....
मैं ये सब सोच कर डरने सा लगा था कि क्या ये सब रंडी है या फिर कुछ ऑर ही वजह है....क्यो ये सब मुझ पर इतनी मेहरवान है....आख़िर सच क्या है...
फिर मैने सोचा कि ये मेरा माइंड भी क्या सोच रहा है...शायद मेरा लंड ही लकी है जो इतनी चूत ऑर गंद मिल रही है....जो भी हो, मज़े लो...फालतू टेन्षन नही..
ऑर मैं अपने आप से डिसाइड कर के रूम मे जाने लगा....
मैं चला ही जा रहा था तो मुझे सामने से 2 लड़किया आते हुए दिखी....जो मुझे देख कर आपस मे फुसफुसाते हुए मुस्कुराने लगी ऑर फिर मुझे लालची नज़रो से देखते हुए बोली...
लड़की- नमस्ते सर....
मैं - नमस्ते....तुम कौन ...???
लड़की- सर आपने पहचाना नही ....???
मैं- न्ही तो....क्या हम मिले है...
लड़की- सर मैं आपसे पूल मे मिली थी...मैं मालिश कर रही थी कामिनी जी की....
मैं- ओह हाँ याद आया...तुम यहाँ काम करती हो...???
लड़की- जी सर...मैं सब काम कर लेती हूँ..
मैं उसकी डबल मीनिंग बात को समझ गया...
मैं- अच्छा ...सारे काम...???
लड़की- जी सर...आप भी सेवा का मौका देकर देखिए...
मैं- ह्म्म...टाइम मिला तो ज़रूर दूँगा...वैसे ये लड़की कौन है...???
लड़की- ये मेरी चाची की बेटी है...
मैं- तो क्या ये भी सब काम करती है..
लड़की- सब काम ...पर जिस काम के बारे मे आप कह रहे है...वो अभी तक नही किया....पर...
मैं - पर क्या...???
लड़की- पर आप के लिए वो सब करेगी...
मैं - ओह...चलो देखते है...कल सुबह मिलना...अगर मैं रुका तो कल सेवा करवाउन्गा....
लड़की(मुस्कुरा कर) - जी सर...आप जब कहे..
इसके बाद मैं फिर से रूम की तरफ चल दिया...
मैने रूम मे आते ही कपड़े निकाले ऑर बेड पर सोने चला गया…ऑर लेटे हुए सोचने लगा
आज वो लड़की इस हालत मे मिल गई जिस हालत मे उसने मुझे देखा था…ये कामिनी की बेटी है…इससे मिलना ही पड़ेगा…..
और हाँ, आज नया माल मिला.....कामिनी की सिस्टर ऑर वो मुझे फ्रेश माल दिलवायेगी…ऑर वो काम करने वाली लड़कियाँ...उनमे से एक सील पॅक भी है...वा क्या किस्मत है मेरी
मेरे प्यार की भूख बढ़ रही है तो साथ मे भूक मिटाने का समान भी...
चलो अब सो जाते है…
बिदाई के बाद जाने का क्या...?????.....वो आंटी खुद बता जाएगी…...मैं थोड़ा सो लेता हूँ जब तक…ऑर मैं सो गया….....
मुझे पता था कि बिदाई शाम को होनी है और बिदाई के बाद ही हमारे जाने का प्लान होगा…पर वो सब आंटी को सोचना है…जैसा वो कहेगी वैसा करेगे…
सोते हुए मेरी नीद जब खुली जब मुझे एक कॉल आया…
मैने आँखे खोली तो देखा कि कोई अननोन नंबर है…
मैं(मन मे)-अब ये किसका नंबर है…सुषमा का तो सेव कर लिया था….कही कोई नया माल तो नही…????...देखते है
मैने कॉल पिक कर के बातें करने लगा…
( कॉल पर)
मैं-हेलो..
अननोन-हेलो…
ये भी एक लड़की की आवाज़ थी, मैं तो खुश हो गया , यही सोच कर कि शायद कोई न्यू चूत फटने को मिलने वाली है…
मैं(खुश हो कर)- हाँ जी, कौन बोल रही है…???
अननोन-आपने मुझे नही पहचाना….???
मैं-जी नही, बताइए ..कौन बोल रही है आप…??
अननोन-आप खुद ही पहचानिए….
मैं- अरे , ऐसे कैसे पहचान लुगा…कुछ तो बोलो…
अननोन-अच्छा,, आपको क्लू चाहिए….
मैं-जी हाँ..
अननोन-तो सुनिए…हम वहाँ मिले थे…जहा महॉल खामोश था ऑर कोई किसी का इंतज़ार कर रहा था…
मैं-क्या..???...मैं समझा नही…
अननोन-सोचिए तो सही, जो मैने कहा , उस बारे मे…
मैं(मन मे)-ये खामोशी , इंतज़ार…क्या है ये..???
अननोन-क्या हुआ, नही समझे…
मैं-जी नही…प्ल्ज़्ज़ आप बताओ ना…
अननोन-ओके, एक क्लू और देती हूँ...
मैं-हाँ बिल्कुल…
अननोन- इंतज़ार मे डूबे थे हम, ऑर बात आपके दिल की जवान पर आ गई….
मैं-क्या…???...मैं अभी भी नही समझा....
( मैं तो सो के अभी जगा था...इस हालत मे किसी को नाम तक याद नही रहता ऑर ये पहेली पूछे जा रही थी....घंटा समझ मे आयगा....)
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RE: चूतो का समुंदर
अननोन-आपके पास टाइम ही टाइम है...जब समझ जाए तो इसी नंबर पर कॉल करना...नही तो मत करना..ओके
मैं-अरे यार ये तो ग़लत है…ऐसा नही होता…बोलिए ना आप कौन है…????
अननोन- मैं आपके कॉल का इंतज़ार करूगी…पर पता आपको खुद ही लगाना होगा…बब्यए…
इससे पहले कि मैं कुछ कहता, उसने कॉल कट कर दी….
मैं (मन मे)-कौन है साली…2 लाइन बोल दी ऑर दिमाग़ मे टेन्षन डाल दी कि पहचानो….कौन हो सकती है….???
मैं सोच ही रहा था कि मेरे रूम के गेट पर कोई आ गया ऑर नॉक करने लगा…
मैने गेट खोला तो सामने आंटी थी…मैने आंटी को अंदर कर के गेट बंद किया ऑर पलट कर आंटी मेरे गले से लग गई…
मैं-ओह्ह..आंटी…क्या हुआ..??
आंटी-बेटा..क्या बताऊ…चूत तेरे लंड की याद मे रो रही है…
मैं-अरे आंटी इतनी सी बात…आप कहो तो अभी चूत को लंड से मिला दूं…
आंटी-बेटा मन तो बहुत है पर अभी टाइम नही है…
आंटी ने मुझे कस के सीने से लगा लिया ऑर मैने आंटी की गंद को दबाना चालू किया…
आंटी-आहह…बेटा अभी मत कर कुछ भी वरना चुदे बिना नही जा पाउन्गी…
मैं-तो चुदने के बाद चली जाना…
आंटी-नही बेटा , बच्ची की बिदाई है…वहाँ सब वेट कर रहे है…अभी नही…..
मैं-ओके आंटी….तो ये बताइए कि आप यहाँ क्यो आई थी…??
आंटी-अरे वो तो तुमने जगाने आई थी…नीचे चल बिदाई होने वाली है…फिर कामिनी को बोल कर हम भी चलते है…
मैं(आंटी को छोड़ कर)-ओके, आप चलो मैं अभी आया….
आंटी मुझे बुला कर जाने लगी और गेट ओपन करते ही उन्हे कुछ याद आया और मूड कर बोली…
आंटी-अरे बेटा एक बात और ..
मैं-क्या..??
आंटी-अरे वो सोनू तुम्हे पूछ रहा था…
मैं-कौन सोनू, अपना संजीव या फिर जो यहाँ आया है वो सोनू…???
आंटी-अरे जो यहाँ है…वो सुषमा का बेटा..
मैं-अच्छा, क्यो पूछ रहा था…???
आंटी-वो तो नही बताया…बस कह रहा था कि कुछ बात करनी है…
मैं(मन मे)-लगता है सोनू लाइन पर आ जायगा…
आंटी-ठीक है...नीचे आ जा और सोनू से भी मिल लेना...
मैं-ओके आंटी,,,अभी आता हूँ...
इसके बाद आंटी नीचे चली गई और गेट बंद करके मैं बाथरूम मे फ्रेश होने चला गया….
थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होने के बाद रेडी हुआ और नीचे जाने के लिए निकल गया…..
नीचे जाते हुए मैं सोचने लगा कि नीचे महॉल कैसा होगा….सब रो रहे होगे…और मुझे ये सब बिल्कुल अच्छा नही लगता था…
मैं फिर सोनू के बारे मे सोचने लगा , की क्या बात करनी है सोनू को मुझसे…कही मेरी हेल्प तो नही माँगने वाला…लगता है साले को चुदाई का चस्का लगने लगा है…
ऐसे ही मैं सोचते हुए नीचे पहुच गया ओर हवेली के बाहर गेट की तरफ आ गया…
जहाँ बिदाई हो रही थी...
वहाँ मैने देखा की बिदाई हो रही थी ऑर औरतों ने रोना शुरू कर दिया था….कुछ लोग आराम से रो रहे थे ऑर कुछ ओल्ड वमेन्स ज़ोर से रो रही थी...
कामिनी, दामिनी, पायल, सुषमा, सोनम, ऑर काजल…सब रोने मे बिज़ी थी…
एक तरफ आंटी, दीपा, रिचा और मनु खड़ी हुई थी…उनकी आँखें भी नम थी….
ऐसे महॉल मे औरतों और लड़कियो की आँखे नम हो ही जाती है अक्सर….
मैं भी एक साइड खड़ा हो कर सब देखने लगा…देखते ही देखते बिदाई हो गई और लड़के वाले चले गये….
जो घर की औरते थी वो सब रोती हुई अंदर चली गई , साथ मे रिलेटिव और फ्रेंड भी अंदर चले गये….लड़किया भी सुबक्ते हुए अंदर जाने लगी…
तभी सोनम की नज़र मुझसे मिली…और मैने देखा कि वो रोते हुए बड़ी स्वीट दिख रही थी..उसने कुछ देर मुझे देखा ऑर फिर लड़कियों के साथ अंदर निकल गई….
जो भी जेंट्स थे वो यहाँ वहाँ हो गये…कोई सोने गया तो कोई आराम से बैठने …कुछ घूमने लगे और मैं सोनू को देखने लगा…
तभी मेरे पीछे से सोनू ने मुझे बुलाया…
सोनू-हेलो अक....यहाँ..
मैं पलट कर सोनू के पास पहुचा ऑर बोला...
मैं-और भाई क्या हाल है…
सोनू-अरे हाल छोड़ , ये बताओ कि कहाँ थे तुम…कब्से देख रहा हूँ तुम्हे…
मैं-मैं तो सो रहा था…पर मुझे क्यो देख रहे थे…???
सोनू-अरे भाई कुछ काम था तुमसे…
मैं-ओह ऐसा,,,,तो बोलो ….क्या काम है…
सोनू-यहाँ नही चलो कही अकेले मे चलते है….
मैं-ओके..तो मेरे रूम मे चले...???
सोनू-अरे अब उपर जायगे ऑर किसी ने मुझे कुछ काम बोल दिया , हॉल से निकलते हुए तो…वहाँ नही और कही…
मैं-और कही…???...यही बोल ना , बात क्या है...*???
सोनू-अरे यार प्राइवेट बात है, कुछ हेल्प चाहिए...
मैं-तो तुम ही बोलो कहाँ चलें…
सोनू-चलो गेस्ट हाउस चलते है…वहाँ ड्रिंक भी मिल जायगा…थोड़ा पीते है….वही बात करेगे
मैं-ओके…चलो
मैं और सोनू फिर गेस्ट हाउस मे आ गये , ये वही गेस्ट हाउस है जिसके बाथरूम मे मैने स्मिता को चोदा था….
जैसे ही हम गेस्ट हाउस मे आए..तो सोनू ने 1 नौकर से बियर और स्नकस लाने का बोला और हम 1 रूम मे बैठ गये …
मैं-हाँ अब बता, बात क्या है…
सोनू-यार समझ नही आ रहा कि कहाँ से शुरू करू…
मैं-देख तू मुझे अपना दोस्त समझ और जो भी मन मे है बोल डाल..
सोनू-यार दोस्त समझता हूँ तभी तो तुझसे बात करने को बुलाया...नही तो ऐसी बात मैने किसी को भी नही बताता...
मैं-अच्छा तो मेरे दोस्त बोल क्या बात है....
हम बात ही शुरू करने वाले थे कि नौकर बियर और स्नकस लेकर आ गया…
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RE: चूतो का समुंदर
सब समान रखने के बाद नौकर चला गया ओर सोनू ने गेट को अंदर से लॉक करके बोलना शुरू किया…
सोनू-भाई, बात है सेक्स के बारे मे…
मैं-अच्छा…तो कैसी बात है…आइ मीन सेक्स किया है या करना है…???
सोनू-भाई बियर पीते हुए बात करे..
मैं –हाँ,,,हाँ,,क्यो नही
हमने फिर बियर की बॉटल ओपन की और बियर पीते हुए बात करने लगे…
मैं-हाँ भाई अब बोल
सोनू-भाई पता नही मुझे क्या हो गया है,,,हर वक़्त सेक्स करने का मन करता है…
मैं-तो इसमे ग़लत क्या है…हम जवान है तो ऐसा मूड तो होगा ही ना
सोनू-भाई पर….मेरे साथ प्राब्लम अलग है
मैं-अच्छा,,,क्या है वो..??
सोनू-भाई आज कल मुझे कोई भी औरत या लड़की दिखती है तो लगता है कि इसकी बजा दूं….शायद इसलिए कि मुझे कोई सेक्स पार्ट्नर नही मिला
मैं(मन मे)-साला अपनी बेहन को चोदता है ऑर कह रहा है कि सेक्स पार्ट्नर नही मिला,,,,,गन्दू झूट क्यो बोल रहा है…
सोनू-क्या हुआ…बोलो ना कुछ..
मैं-अच्छा ये बता कि तूने आज तक सेक्स किया है या नही….
सोनू-हाँ….क्या है
मैं-कितनी चूत फाडी यार…
सोनू-अरे कहाँ यार…एक ही मिली अभी तक..ऑर वो भी कम ही मिल पाती है….
मैं(मन मे)-लगता है कि इसने सिर्फ़ अपनी बेहन को ही चोदा है अब तक, या फिर ये झूट बोल रहा है…
सोनू-कहाँ खो गये…??
मैं-कुछ नही मैं ये सोच रहा था कि तुझे सेक्स करना कितना पसंद है…
सोनू-मतलब..??
मैं-देख बुरा मत मानना ..एक दोस्त के नाते एक बात पुच्छू…???
सोनू-हाँ भाई…बिल्कुल बुरा नही मानूँगा, दोस्त बोला है तुझे,,,बिना संकोच के पूछ…
मैं-ओके, पर बात अच्छी ना लगे तो इग्नोर कर देना, दिल पे मत लेना…
सोनू-अरे पूछ ना भाई…कुछ भी पूछ…
मैं-अच्छा ये बता तुझे किस तरह की लड़किया या औरते पसंद आती है..ज़्यादा…???
सोनू-यार सच बोलू तो पसंद तो सब आती है..पर मुझे आंटी ज़्यादा मस्त लगती हैं…
मैं-वो क्यो..???
सोनू-यार वो उनके बड़े-बड़े बूब्स और मोटी गंद….पागल ही कर देती है…
मैं-अच्छा,,,अब ये बता कि क्या तुझे सिर्फ़ बाहर वाली ही पसंद आती है या घर वाली भी..???
सोनू-मतलब..???
मैं-देख बुरा नही मानना…पर मैं ये पूछ रहा था कि जैसे तुझे बाहर की चूत देख कर सेक्स का मन करता है , क्या वैसे ही तुझे अपने घर या रिस्तेदार की औरतें ऑर लड़कियो को देख कर सेक्स का मन करता है क्या,,,,????
मेरी बात सुन कर सोनू चुप रहा बस मुझे घूरता रहा, मैने सोचा कि शायद बुरा मान गया तो मैं बोला...
मैं- भाई दिल पर मत ले , चल बियर ख़त्म कर , जो दिल मे हो वो बताना.....
इसके बाद मैं बियर पीने लगा ओर सोनू सोच मे पड़ गया....मैं सोच रहा था कि पता नही सोनू क्या बोलेगा अब.....?????
थोड़ी देर तक मैं बियर पीते हुए सोनू को देखता रहा....वो किसी गहरी सोच मे था.....मैने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा.....
मैं-देख भाई मैने कहा था ना कि बुरा मत मानना, मैं बस तेरी हेल्प करने की सोच रहा हूँ , इसी लिए पूछा..सॉरी भाई
सोनू-अरे, कोई बात नही,,,इसमे बुरा मानने जैसी कोई बात नही,,,,तू बस मेरे मन की जानना चाहता था,,,है ना..???
मैं-हां, बिल्कुल...तो फिर बता...
सोनू-भाई , देख मुझे ग़लत मत समझना,…पर सच तो ये है कि मुझे सब औरतो ऑर लड़कियो को देख कर उन्हे चोदने का मन करता है….चाहे वो कोई भी हो…
मैं-अच्छा…ऑर तेरी माँ को देख कर भी..
सोनू-बुरा मत मानना,,,पर हाँ मेरा तो कब्से मन है कि मैं अपनी माँ को चोदु..ऑर उससे भी ज़्यादा….
मैं-क्या..??
सोनू-देख भाई तू मेरा दोस्त है इसलिए तुझे बता रहा हूँ…पर ये बात किसी को पता नही चलनी चाहिए…
मैं-ट्रस्ट मी..दोस्त हूँ तेरा…किसी से नही कहुगा बोल...
सोनू-भाई मेरा मन करता है कि ….......कैसे बोलू...????
मैं-बेझिझक बोल भाई...
सोनू-यही कि कोई मेरी माँ को रंडी की तरह चोदे वो भी मेरे सामने...
मैं(शॉक्ड) - क्या..*??,,,,पर क्यो...*???
सोनू-पता नही भाई..लेकिन मैं अपनी माँ को चुदते हुए देखना चाहता हूँ पहले....फिर मैं भी उन्हे चोदना चाहता हूँ...
मैं-ह्म्म्म ..अच्छा ऑर ये बता की अपनी बेहन के बारे मे क्या सोच है तेरी...
सोनू-भाई मैं अपनी दीदी को किसी के साथ मिल कर चोदना चाहता हूँ…ऑर हां..मैं तो उन्हे चोदुगा ही….
मैं-क्या बात है…मतलब तेरी इक्षा तो हट कर है…हाहाहा
सोनू-हाँ भाई , पता नही ये सपना सच होगा कि नही…पर मुझे सबसे पहले चूत चाहिए ,,,,
मैं-अगर मैं तेरी सारी इक्षा पूरी कर दूं तो…
सोनू-क्या…सच मे…मज़ाक मत कर..???
मैं-अगर कर दूं तो बोल….मुझे क्या मिलेगा…???
सोनू(सोच मे पड़ गया)- मैं क्या दे सकता हू...???...तू ही बता...???
मैं(मन मे )- एक रिस्क लेता हूँ...अगर ये अपनी माँ ओर बेहन को चुदवा सकता है तो बाकी के परिवार को तो चुदवा ही देगा...
सोनू- क्या हुआ....??? बोल मैं क्या कर सकता हूँ तेरे लिए...???
मैं- भाई अगर मैं तेरी माँ ऑर दीदी को तेरा बना दूं ऑर तुझे चूत भी दिलवाऊ तो मुझे भी कुछ चाहिए...
सोनू- भाई मैं समझा नही...सॉफ बोल ना....क्या चाहिए....???
मैं - तेरे परिवार की सारी चूते...
सोनू(डरे हुए)- भाई ये क्या...???..कैसे...???
मैं- वो मैं देख लुगा ..तू बस हाँ बोल...
सोनू- ओके ...मुझे कोई प्राब्लम नही..पर प्लीज़ भाई कोई लफडा मत करना
मैं- डोंट वरी..ट्रस्ट मी...
सोनू- तब तो ओके...इसी बहाने मुझे भी मिल जायगी...
मैं - हां...अब इस मॅटर को बाद मे देखेगे...अभी तेरे सपनो की बात करे...मैं पूरा करूँगा तेरा सपना..ओके
सोनू-भाई, अगर तूने ये सब कर दिया तो मैं अपने परिवार की सब चूत तुम्हे दिलवाने मे हेल्प करूगा…
मैं-अच्छा…ऑर क्या दे सकता है…???
सोनू-भाई जिंदगी से बड़ा कुछ नही...मैं अपनी जिंदगी तेरे हवाले कर दूँगा....तू जो बोलेगा..वो मैं करूगा...बाकी तू बता की क्या चाहिए तुझे...*???
साला सोनू तो चूत के चक्कर मे ज़्यादा ही इमोशनल हो गया....
मैं(सोच कर)-ठीक है....तो पहले तुम्हारा काम हो जाए…उसके बाद मैं अपनी डिमॅंड बताउन्गा…ओके
सोनू-ठीक है पर तू ये सब नही कर पाएगा भाई…मेरी माँ बहुत शरीफ है….नही मानेगी..
मैं-वो मुझ पर छोड़ दे….मेरा काम है, मैं देख लुगा….
सोबू- पर जब तक मेरी तड़प का क्या करूँ..इसका इलाज तो बताओ….
मैं-तू सहर मे ही रहता है , मैं तुझे चूत का इंतज़ाम कर दूँगा…ओके
सोनू-पर भाई शहर तो कल जाउन्गा शायद ...अभी का क्या..???
मैं-ह्म्म्मश..तो आज रात को तुझे एक चूत दिलवाता हूँ…बदले मे मेरा एक काम करना होगा…
सोनू-बोल भाई , कुछ भी बोल…
मैं-तो सुन…तुझे कैसे भी करके..अपनी माँ को मेरे रूम मे लाना होगा…1घंटे के लिए…ऑर याद रहे किसी को भी ये पता ना चले कि तेरी माँ मेरे रूम मे है…
सोनू(सोच मे पड़ गया)-भाई माँ का किसी को पता तो नही चलने दूँगा पर माँ तेरे रूम मे आयगी क्यो…क्या बोलुगा मैं…
मैं-तू बस उन्हे 1 घंटे के लिए सबसे छुपा के ले आ..बाकी मेरे रूम मे रोकने का काम मैं देख लुगा...
सोनू-ये मैं कर सकता हूँ…पर मुझे चूत कैसे मिलेगी…ऑर किसकी..???
मैं-वो मैं तुझे कॉल कर दूँगा….तू पहले माँ को लाना मेरे रूम मे ऑर तुझे चूत दे दूँगा…ओर तेरी माँ को मैं संभाल लूगा...ओके
सोनू-डन भाई..लो ये मेरा नंबर. ले लो…
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06-05-2017, 02:36 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद हमने अपने नंबर एक्सचेंज किए और बियर ख़त्म करके वापिस अपने रूम्स की तरफ चल दिए….
हमने गेस्ट हाउस से बाहर आ कर प्लान को डिसकस किया ऑर अलग - अलग अपनी मज़िल की तरफ निकल गये....
जब सोनू मुझसे अलग चला गया तो मैने आंटी को कॉल किया…
( कॉल पर)
मैं-हेलो , आंटी
आंटी- हाँ बेटा बोल..
मैं-आंटी मेरी बात ध्यान से सुनो…
आंटी-हाँ बोल ना…
मैं-आंटी आज हम यही रुक रहे है…घर नही जा रहे…
आंटी-पर बेटा सोनू के पापा को क्या कहुगी...कि क्यो रुक रहे है....???( ये सोनू, संजीव है आंटी का बेटा...)
मैं-वो आप जानो….मेरे लिए इतना नही कर सकती…??
आंटी-बेटा तू कहे तो सारी जिंदगी तेरे साथ रह लूँ…..मैं देख लूगी…ओके
मैं-मेरी प्यारी आंटी,,,,,
आंटी-अच्छा ये तो बता कि आज रुकना क्यो है तुझे…कोई मिल गई क्या…???
मैं-आंटी , मैं आपको सब बताउन्गा….पर अभी नही…अभी आप अंकल को कॉल करके मना लो…ऑर संजीव को भी कॉल कर देना….ओके
आंटी-ओके…तू मज़े कर…बाकी मैं संभाल लूगी…डॉन’ट वरी
मैं-ओके..बाइ
आंटी-बाइ..
मैं(मन मे)-आज का प्लान सेट हो गया…सोनू के मन की बात तो पता चल गई…इससे फ़ायदा ये हुआ कि अब मैं सुषमा को कभी भी चोद सकता हूँ…ऑर वो भी सोनू के सामने…
पर साले सोनू को अपनी माँ को चुदते हुए भी देखना है....ऑर साले को चूत चाहिए….किसकी दिलवाऊ…???
मैने सोचा कि वो बाद मे बात करके फाइनल करूगा…..आंटी, दीपा या रिचा को बोल कर काम बन सकता है…देखते है….किसी की भी मिले पर मैं तो आज सुषमा की दवा के मारूगा…ऑर सोनू को उसकी माँ की चुदाई भी दिखा दूगी..... ऑर हाँ, आज टॅबलेट खा कर सुषमा की चूत फाड़ूगा….यस मज़ा आयगा...
और ऐसे ही मस्ती मे सोचते हुए मैं अपने रूम की तरफ आने लगा….
रूम मे आकर मैं बेड पर बैठ गया ऑर प्लान बनाने लगा.....
मैने कुछ सोच कर दीपा को कॉल किया ऑर उसे रूम मे आने को कहा…
थोड़ी ही देर बाद दीपा मेरे रूम मे आई और बोली..
दीपा-क्या हुआ…???...इतना अर्जेंट क्यो बुलाया..??
मैं-बस ऐसे ही, क्यो तुम्हे कोई प्राब्लम हुई…???
दीपा- अरे नही , मैं तो कामिनी के साथ थी…वहाँ सब बैठे थे कि अचानक तुमने बुला लिया…इसलिए पूछ रही थी…
मैं-अच्छा , पहले गेट बंद करो और यहाँ आओ..
दीपा ने जल्दी से गेट बंद किया और मेरे पास आ कर खड़ी हो गई…मैने दीपा को खींच कर अपनी गोद मे बैठा लिया…तो दीपा बोली
दीपा-आहह…आराम से…क्या बात है..बड़ा प्यार आ रहा है..
मैं-अगर तुम्हे कोई प्राब्लम हो तो मैं प्यार नही करता…ओके
ये कहते हुए मैने दीपा को गोद से उठाने का ड्रामा किया…..
दीपा-अरे नही-नही…तुम तो बुरा मान गये …
मैं(दिखावटी गुस्से मे)- बुरा मान ने वाली बात ही बोली है तुमने…क्या मैं तुम्हे प्यार भी नही कर सकता…इतना हक़ भी नही मेरा तुम पर…??
दीपा-अरे मेरे राजा..इतना क्या…मेरे उपर तुम्हारा पूरा हक़ है…तुम जो चाहो , जब चाहो, करो….मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी…सॉरी जानू…
मैं-ओके..चलो माफ़ किया…पर आगे से याद रहे…
दीपा(मेरे गले मे बाँहें डाल कर) -जो हुकुम मेरे राजा...अब बोलो क्या हुकुम है मेरे लिए…???
मैं (दीपा को किस करके ) – आज मुझे अपनी जान से एक काम है…बोलो करोगी..???
दीपा-अरे आप बोलो तो…जो बोलॉगे मैं करूगी….अब बताओ क्या काम है…
मैं-(प्यार से दीपा के गाल पर हाथ फेरते हुए)- अगर ऐसी बात है तो आज तुम मेरे लिए चुद सकती हो…???
दीपा-तुम्हारे लिए तो मेरे सारे छेद खुले हुए है…जब चाहो, चोद डालो…पूछना क्या…
मैं- मैं नही…किसी दूसरे से..
दीपा(सोच मे पड़ गई)-
मैं - क्या हुआ बोलो ना....चुदोगि ना दूसरे से????
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06-05-2017, 02:36 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
दीपा(गुस्से से )- क्या..*???....मुझसे दिल भर गया , जो दूसरे के पास भेज रहे हो…???
मैं(दीपा को कस के गले लगा कर)-नही जान, ऐसा कुछ भी नही…मैं तुम्हे कभी नही छोड़ूँगा…हमेशा प्यार करता रहुगा…
दीपा-तो फिर ऐसा क्यो कहा…???
मैं- तुम ये बताओ कि मेरे लिए , ऐसा कर सकती हो कि नही..???
दीपा-तुम्हारे लिए एक से क्या 10 से चुद जाउन्गी……पर इसमे तुम्हारा फ़ायदा होना चाहिए…
मैं-फ़ायदा है मेरी रानी...
दीपा-अगर ऐसा है तो बताओ कब चुदना है...
मैं-वो मैं बाद मे बताउन्गा….
दीपा- अच्छा ये तो बताओ कि फ़ायदा क्या है…???
मैं- ह्म्म….तो फ़ायदा ये होगा कि मुझे एक न्यू चूत ऑर गंद मिल जायगी फाड़ने को…
दीपा-अच्छा….तब तो मुझे चुदना ही होगा..हहेहहे
मैं-(मुस्कुरा कर)- हाँ मेरी रानी…
दीपा-(सॅड हो कर)- पर मुझे तो आपका तगड़ा लंड ही अच्छा लगता है ...
मैं-इसकी टेन्षन मत लो…मैं भी साथ मे चोदुगा ना…
दीपा(खुश होकर)-सच..तब तो डन , बोलो कहाँ ऑर कब होनी है चुदाई…
मैं-बोला ना कि बाद मे बताउन्गा….
दीपा-पर अभी का क्या मेरी चूत मे खुजली हो रही है…
मैं(सोच कर)-अच्छा एक काम करते है…पहले मैं तुम्हे चोदुगा...ऑर फिर उसे बुला लुगा..ठीक है..*???
दीपा-(मुझे किस कर के)- तुमने तो मन की बात कह दी....मैं तैयार हूँ….
मैं-तो ठीक है तुम रूम मे जाओ ऑर रेस्ट कर लो…आज तुम्हारी देर तक फटने वाली है ऑर वो भी 2-2 लंड से…
दीपा- सही कहा..मैं भी ठीक से सो नही पाई तो रेस्ट करना अच्छा होगा…फिर चुदने का मज़ा भी आयगा…
मैं-तो जाओ…रेस्ट करो….मैं बताउन्गा बाद मे ओके…
दीपा ने मुझे किस किया ऑर अपने रूम मे जाने लगी, अचानक दीपा गेट पर रुकी ऑर पूछा…
दीपा-ये तो बता दो कि चूत किसकी मिलेगी मेरी चूत के बदले..??
मैं-वो मैं बाद मे बताउन्गा…पहले मिलने तो दो…..ऑर हाँ गेट लॉक मत करना…मेरा मूड हुआ तो मैं जल्दी आउन्गा ओके…
दीपा-तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा रेडी हूँ..आ जाना…बाइ..
इसके बाद दीपा अपने रूम मे चली गई रेस्ट करने और मैने भी गेट लॉक किया ऑर रेस्ट करने बेड पर लेट गया….
थोड़ी देर रेस्ट कने के बाद मैं उठा ऑर हाथ मुँह धोकर रेडी हो गया…
तभी मुझे सोनू का काल आई..
( कॉल पर)
मैं-हाँ सोनू..
सोनू-भाई काम बन गया..
मैं- क्या हुआ , ये बता..
सोनू(खुश हो कर) -भाई मोम मेरे साथ 2 घंटे के लिए आने के लिए मान गई…ऑर डॅड ने भी पर्मिशन दे दी…
मैं-वाउ…पर मनाया कैसे …????
सोनू-वो बाद मे बताउन्गा…अभी मेरी बात सुन
मैं-हाँ बोल ना…
सोनू-देख हम दोनो *** बजे तुम्हारे रूम मे आएँगे…ऑर मैं माँ को वही छोड़ के निकल जाउन्गा…बाकी तुम खुद देख लेना , कि क्या करना है ऑर कैसे करना है
मैं-ओके भाई तू बस अपनी माँ को मेरे रूम मे अकेला छोड़ दे...बाकी मैं संभाल लूँगा...
सोनू-ओके...पर भाई मेरे काम का क्या हुआ...*???
मैं-तू जैसे ही अपनी माँ को मेरे रूम मे छोड़ेगा , तो मुझे कॉल करना….फिर मैं बताउन्गा कि तुझे कहाँ आना है…ओके
सोनू-ओके भाई, मिलते है **** बजे
मैं - ओके
इसके बाद सोनू ने फ़ोन रख दिया ऑर मैने टाइम देखा…
मैं(मन मे)-अभी ** बजे है…मतलब मेरे पास 40-45 मिनट है….जब तक मैं दीपा के पास जाता हूँ…जैसे ही सोनू आयगा तो उसे वही बुला कर…मैं यहा आ जाउन्गा…हाँ ऐसा ही ठीक रहेगा…
ऑर मैं अपने प्लान को डिसाइड कर के दीपा के रूम मे जाने लगा…
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