06-18-2020, 12:48 PM,
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desiaks
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं पांच बजे ही ये सोचकर घर के लिए निकला कि शालिनी अभी तक सो रही होगी और मुझे दीदार हो जायेगा उसके मखमली बदन का ।
मैं अपने ही घर में दबे पांव लाक खोलकर अंदर आया और बहुत धीरे से गेट बंद कर दिया,,,,
सामने कमरे में कूलर फुल स्पीड में चल रहा था और दरवाजा खुला था मतलब शालिनी सो रही है । और मैं दबे पांव अंदर कमरे में आ कर धीरे से कुर्सी पर बैठ गया और शालिनी के सफेद रोशनी में चमक रहे गोरे बदन पर काली ब्रा और पैंटी,,,
उसकी पर्पल कलर वाली ब्रा साइड में पड़ी हुई थी बेड पर शायद उसने उसे उतार कर ब्लैक ब्रा पहनी थी और फिर वैसे ही सो गई ।
उसकी चूचियां पहाड़ की चोटी की तरह उपर उठती बैठती हर सांस के साथ ,,,, नीचे अंदर की ओर धंसा हुआ सपाट पेट,,, उसके नीचे छोटी सी पैंटी से सिर्फ उसका योनिछेत्र ही ढका था पीछे के हिप्स पर तो आधी से अधिक गांड़ का हिस्सा खुला ही था । मैंने आज जीभर कर शालिनी के इस यौवन को निहारा,, उसके कुछ फोटो भी ले लिया मौका देख कर ,,,,
मैं शालिनी के एक दम करीब होकर उसके बदन की खुशबू लेने लगा, तो मैंने देखा कि मेरे सूखे हुए वीर्य के धब्बे साफ साफ दिखाई दे रहे थे उसकी ब्रा के कप्स में ।
शालिनी का एक हाथ सीधा और दूसरा उसकी पैंटी के ऊपर था .... शायद ये भी सहला रही हो अपनी बुर .... और सहलाते सहलाते हुए सो गई होगी ,,, ।
रसगुल्ला सामने है मगर खा नहीं सकते वाली हालत हो रही थी,, लेकिन ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा शायद इस रसगुल्ले को चूस चूस कर खाने के लिए इसी उद्देश्य और उम्मीद से मैंने उसे हाथ नहीं लगाया ।
इच्छा तो कभी नहीं भरती उसके बदन को देख कर लेकिन काफी समय बाद मैं बाहर बरामदे में आकर खड़ा हुआ तो देखा कि वो लाल ब्रा भी मेरे वीर्य के धब्बों को अलग दिखा रही थी,,, शालिनी ने उसे भी धोया नहीं था और बाकी सारे कपड़े वो हर रोज धुल लेती थी ।। शालिनी भी कुछ कुछ हरकतें करने लगी है ,,
मैंने कुछ संयमित होकर बरामदे से ही आवाज लगाई ,,
शालिनी,, बेबी ,, और बोलते हुए कमरे में आ गया तभी शालिनी की आंखें खुली और सामने मुझे देख कर थोड़ा सा चौंक कर उठ कर बैठ गई ।
मगर पिछली बार की तरह हड़बड़ाई नहीं और ना ही अपने बदन को मुझसे तुरंत छुपाने की कोशिश भी नहीं की ,, बल्कि मुझ पर बिजली गिराते हुए उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आंखों को भींचा और उसकी चूंचियां और उछल कर ब्रा से बाहर निकलने को हुई ,, और आंखों से हाथ हटाते हुए बोली ....
शालिनी- भाई,,,, आप .... रात ज्यादा हो गई क्या ?
मैं - नहीं मैं ही थोड़ा जल्दी आ गया ,,,
और शालिनी कुछ और सोच पाती उससे पहले मैंने उसकी फेवरेट चाकलेट को उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसनेे पकड़ते हुए थैंक्स ब्रो बोला ।
मैं उसे ज्यादा से ज्यादा देर तक ब्रा पैंटी में ही रखना चाहता था । शालिनी ने भी कोई जल्दबाजी नहीं की और मैंने चाकलेट का रैपर निकाल कर सीधा उसके होंठों के पास लगा दिया और वो खाने लगी,,, दो बाइट खाने के बाद शालिनी ने मुझे भी चाकलेट खिलाई और आराम से बेड से उतर कर पीछे कमरे में कपड़े पहनने के लिए चली गई ,,,
पीछे उसकी पैंटी उसकी गान्ड की दरार में घुस गई थी और उसके लहराते हुए कदम,,, लेकिन वो बिंदास होकर पेश आ रही थी ,,,,
ये एक तरह से उसके कान्फीडेन्स को भी दिखाता था ,,,
मैंने भी चेंज कर लिया और शालिनी इस बार टी-शर्ट के साथ कैप्री पहनकर किचन में चाय बनाने लगी ।।
हम दोनों में बिना बातों के ही बातें हो रहीं थीं,,, आंखों ही आंखों में.......
शालिनी ने रात का खाना बनाया और नहाने के बाद अपनी रात वाले रेगुलर कपड़े मतलब समीज और निक्कर में आ गई । काश इसने कल रात ये कपड़े पहने होते तो शायद मैं और भी मज़ा ले पाता।।
लेकिन यहां कौन सा शालिनी भागी जा रही थी,,, जो मज़े में कल कमी रह गई थी कोशिश करके आज रात को पूरी करने की इच्छा मेरे मन में कुलांचे भरने लगी । मगर कैसे आज क्या बहाना बनाऊं जिससे शालिनी के सेक्सी बदन का भोग लगाने का मौका मिल जाए ।।
शालिनी- भाई आप भी नहा लीजिए फिर खाना खाते हैं ।
मैं - हां,, हां,,, मैने खयालों की दुनिया से बाहर आकर जवाब दिया ।
बाथरूम में घुस कर दरवाजा बंद करते ही, हैंगर पर टंगी शालिनी की सुबह पहनी हुई पर्पल कलर की ब्रा और प्रिंटेड पैंटी नजर आ गई,, वो शायद उन्हें बाहर फैलाना भूल गई थी । फिर मेरे दिमाग में आया कि शालिनी ने अभी शाम को तो ब्लैक वाली ब्रा पहनी थी और मैने दरवाजा खोल कर बाहर बरामदे में देखा तो ब्लैक ब्रा रस्सी पर टंगी हुई थी,,,, मैंने बाहर आ कर काली ब्रा को छूकर देखा तो वो बिल्कुल सूखी थी ,,, मतलब
शालिनी ने मेरे वीर्य वाली ब्रा को फिर से बिना धुले हुए टांग दिया है,,,, ये सब देख कर मेरा मन कहने लगा .... मंजिल अब दूर नहीं है शालिनी के मन में भी अब सेक्स के खयाल आने लगे हैं,,, मुझे उसकी ब्रा में हस्तमैथुन करने में मजा आता है और शालिनी को मेरे हस्तमैथुन के बाद वीर्य से सनी हुई ब्रा पहनने में ....
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं वापस बाथरूम में घुस गया और सबसे पहले मैंने शालिनी की पर्पल कलर की ब्रा उठाई और अपने लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया,,,, मैंने शालिनी की मस्त चूचियों को छुपाने वाली ब्रा को सूंघा भी और चाटा भी ,,,
मैं अपना लंड हिला रहा था और
अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् क्या चुचियां है शालिनी की उफ्फ्फ्फ्फ्फ इतने करीब से देखा-देखी और छूना.......
अह्ह्ह्ह मजा आ जाता है.... उम्म्म्म्म्म उसकी बुर भी कितनी मुलायम और चिकनी होगी..... स्स्स्स्स् और गीली भी .... उफ्फ्फ्फ्फ्फ अब तो वो भी मजे ले रही है अह्ह्ह्ह्ह्ह वो भी चाहती है स्सस्सस्स अब तो वो भी इतना गरम हो जाती है कि आजकल में चुदाई हो ही जायेगी ..... मुझसे ....उम्म्म्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कितना मजा आएगा उसको चोदने में अह्ह्ह्ह्ह उसकी बड़ी बड़ी चुचिया दबाने में अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्सस्स
और
मैंने जल्दी जल्दी तेज हाथों से अपने लौड़े को आगे पीछे करते हुए उसकी ब्रा के दोनों कप्स को अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया और फिर वैसे ही हैंगर पर उसकी ब्रा को टांग दिया ,,, और नहाने के बाद सिर्फ टावेल लपेट कर बाहर आ गया । मुझे अब जरा भी डर या संकोच नहीं था कि शालिनी उसे देखकर क्या सोचेगी ।।
शालिनी पीछे कमरे में बुक्स वगैरह देख रही थी और मैंने उसे आवाज दी कि खाना लगाओ ,, हम बेड पर ही खाते थे अक्सर,,,
मैं वैसे ही सिर्फ टावेल लपेट कर ही बैठा रहा.... मैं अब इतना उतावला हो रहा था शालिनी के लिए कि अब मैं उसे अपना लंड किसी बहाने से दिखाना चाहता था,,,, लेकिन मैं ये चाहता था कि शालिनी को ये लगे कि मेरा लन्ड उसको धोखे से दिख रहा है मैं जानबूझकर नहीं दिखा रहा हूं,,,
खाना खाते हुए हम दोनों बातें करते रहे और मैंने टावेल को इस तरह तिरछा किया कि मेरे सामने बैठी हुई शालिनी को वो दिखाई दे जाए ... मेरा लन्ड खड़ा हो ही रखा था पहले से ,,,,,,
कुछ देर बाद शालिनी की नजर मेरे दोनों पैर के बीच उपर की ओर निशाना साधते हुए मेरे लौड़े पर पड़ गई,,,, अब उसके चेहरे का रंग बदल रहा था और वो थोड़ा सा नजर इधर उधर करके फिर से मेरे लौड़े को देख रही थी ,,, मेरा लन्ड और झटके लेने लगा और मैंने थोड़ा सा ऊपर की ओर हिल कर शालिनी के लिए लन्ड को देखना और आसान कर दिया ।
हम दोनों ही खाना खाते हुए बात करते रहे और शालिनी ने उठकर प्लेट वगैरह हटाई और किचन में जाकर काम करने लगी । मैं शालिनी को अपना लौड़ा दिखाने में कामयाब रहा और शालिनी ने भी नजर भर कर उसे देखा था ,,,
मैंने टावेल हटाकर आज कई दिनों बाद शालिनी की शापिंग की हुई व्हाईट फ्रेन्ची पहली बार पहनी और उपर कुछ नहीं पहना , मेरे नंगे सीने पर एक भी बाल नहीं था,,,,और लेटकर टीवी देखने लगा ।
पहले मैं बड़ी फुल साइज की अंडरवियर पहनता था या फिर नंगा ही रहता था घर में शालिनी के आने से पहले ,,,
शालिनी मेरे से कुछ दूर पर बर्तन साफ कर रही थी और मैं लेटकर अपने लंड को फ्रेन्ची में दबा कर एडजस्ट कर रहा था,, मगर मेरे हलब्बी टाइट लंड को इसमें छुपाना नामुमकिन था खैर मैं छुपाना चाहता भी नहीं था, बस ये चाहता था कि शालिनी को ये सबकुछ प्यार में लगे और प्यार से लगे,,,
कोई जोर जबरदस्ती ना हो जो कुछ भी हम दोनों में हो रहा था वो धीरे धीरे प्यार से ही हो रहा था। सफेद वी शेप अंडरवियर में मेरे लौड़े की फूली हुई नसें भी गौर से देखने पर दिख रहीं थी और तभी शालिनी ने कमरे में आ कर एक नजर मुझ पर डाली और पानी की बोतल मेरे पास रख कर मुस्कुराते हुए पीछे कमरे में चली गई ।।
उसे थोड़ा काम था पढ़ाई का शायद ..... शालिनी अपने काम में बिजी थी। इधर मैं उसके शरीर को छूने का मौका नहीं मिलने के कारण थोड़ा बेचैन हो रहा था.... ।।
मैं बहुत ही लो वोल्यूम में टीवी चैनल बदल रहा था और किसी सेक्सी गाने की तलाश में चैनल बदलता ही रहा.... असल में टीवी पर मेरा ध्यान ही नहीं था,,, तभी मेरी नजर सामने रखी हुई ठंडे तेल की शीशी पर पड़ी और ...... मेरे शैतानी दिमाग में एक आईडिया आया ...
मैंने शालिनी को आवाज दी ,,,
शालिनी- जी आई.....
और एक पल में ही वो मेरे सामने खड़ी थी,,, मैं अभी भी लेटा था पीठ के बल और इस समय मेरा लन्ड नार्मल ही था तो भी ऐसी चढ्ढियों में लंड का आकार प्रकार अलग ही दिखाई देता है,,,
शालिनी- क्या हुआ भाई?
मैं- मेरा सिर दर्द कर रहा है,,
शालिनी-तो प्लीज़ आप दवाई ले लीजिए।
मैं- अरे नहीं,,, दवाई नहीं ,, वो माम ने एक तेल दिया है उसे लगा कर थोड़ी सी मालिश कर दो,,, बस अभी ठीक हो जाएगा ।।
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06-18-2020, 12:48 PM,
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
ये सुन के शालिनी को मन में हँसी आ गयी ...उसे थोड़ा अजीब तो लगा होगा पर मन में कही न कहीं वो खुश भी हुई कि मैं उसके लिए कैसे तड़प रहा हूं .....और क्या क्या बहाने बना रहा हूं..
शालिनी:- अ..वो.. भैय्या..मै
मैं :- ओह्ह्ह कोई बात नहीं ...मैं खुद ही लगा लेता हु... थोड़ा तो आराम मिलेगा...तुम अपना काम कर लो,,,
मैंने ऐसा बोला तो शालिनी पिघल गयी...उसे लगा होगा सिर की मालिश करने में क्या बुराई है...दस मिनट में मालिश कर दूंगी...
शालिनी :- नहीं नहीं भाई...मैं वो ये सोच रही थी कि...जाने दीजिये आप लाईये तेल....
मैं :- तुम्हे कोई प्राब्लम तो नहीं...मतलब की तुम्हारा काम??
शालिनी :- काम हो ही गया है...बाकी सुबह कर लुंगी मैं यही सोच ही रही थी...वो मुझे नींद भी आ रही थी... ठीक है आज आपकी मस्त मालिश कर देती हूं ....
हां मैं यहाँ नीचे बैठ जाता हूं तुम बेड पे बैठ जाओ... ये ठीक रहेगा ।
मैंने देखा शालिनी ने आज एक थोड़ी टाइट समीज पहनी थी..अंदर ब्रा तो वो नहीं पहनी थी...और नीचे निक्कर पहना था... ब्रा नहीं पहनी थी तो क्या पैंटी भी नहीं पहनी होगी ये सोच के मेरे मन में लड्डू फूटने लगे...
और मैंने देखा कि उसके निप्पल कड़क होने लगे थे... जिसकी वजह से उसके समीज के पतले कपड़े से साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था की उसके निप्पल खड़े है... मैं नीचे बैठ गया... शालिनी मेरे सिर के पीछे बेड पे बैठ गयी... और हमारे ठीक सामने तो अलमारी में लगा आदमकद आइना था... हम दोनों उसमे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे...
मैंने अपने पैर फर्श पर लंबे किये और अपने दोनों हाथ अपने लंड को छुपाने के हिसाब से अपनी फ्रेन्ची पर रखे हुए थे.... मैं शालिनी के दोनों पैरों के बीच बेड पे पीठ टिकाए बैठा हुआ था...
.... शालिनी की नंगी जांघे मेरे कंधो से टकरा रही थी।
शालिनी ने कुछ तेल मेरे सिर पर डाला और कुछ अपने हाथ पे लिया और धीरे धीरे मालिश करने लगी... शालिनी के मुलायम हाथों का स्पर्श जैसे ही मेरे सिर के बालों को हुआ तो मेरा रोम रोम रोमांचित हो उठा... और मेरा लंड अंगड़ाई लेने लगा...जिसको मैंने हाथों से थोड़ा दबा दिया...
मैं :- आहा हा ..ह्म्म्म कितना अच्छा लग रहा है...
शालिनी:- क्या भाईजी ??
मैं- तुम्हारे मुलायम हाथ....
शालिनी बस थोड़ा मुस्कुराई....शालिनी ने आईने में देखा कि मैं अपने लंड को लगातार धीरे धीरे दबा रहा हूं .. तो उसकी हँसी निकल गयी।
शालिनी:- ह्म्म्म... स....
और वो अपने निचले होंठ को अपने दांतों से काट रही थी .....
शालिनी धीरे धीरे मालिश करने लगी... मैं अपना सर थोड़ा थोड़ा पीछे लेके जा रहा था...
मैं :- शालिनी थोड़ा जोर लगा के करो...सर में तेल नहीं लगाना है सिर्फ ,,,, थोड़ा दबाना भी है...
शालिनी :- ओके भाई .....
शालिनी अब थोड़ा जोर लगाने लगी और थोड़ी चम्पी करने लगी जिसकी वजह से बिना ब्रा की उसकी चुचियां उछलने लगी... मैं ये नजारा आईने में देख रहा था.... मेरा लंड ये देख के और भी जोर मारने लगा... शालिनी का ध्यान जब आईने पे गया और देखा की मैं उसकी उछलती हुई चुचियों को आँखे फाड़ के देख रहा हूं तो वो शरमा गयी...
एक अजीब सी लहर मेरे दिल में उठी जो सीधा मेरे लौड़े पे जाके खत्म हुई... मेरे लन्ड में प्रीकम का पहला बून्द आ गया था...
मैं- शालिनी थोड़ा आगे सरको ना...ये बेड मेरे गर्दन को चुभ रहा है....
शालिनी न चाहते हुए भी थोड़ा आगे सरक आयी.... शालिनी अब बिल्कुल बेड के कार्नर पे बैठी थी और पैर फैले होने के कारण उसकी बुर आगे की ओर आ गयी थी,,,,,, मैंने झट से अपना सर पीछे किया और अपने सर का पिछला हिस्सा शालिनी की बुर पे निक्कर के उपर से रख दिया....
जैसे ही उसने वो महसूस किया वो अपने आप ही थोड़ा आगे खिसक गयी... मेरा सर उसकी बुर से बस कुछ ही दुरी पे था. मुझको ये समझ आ गया की शालिनी थोड़ा आगे खिसक चुकी है... मैंने आईने में देख के अंदाजा लगा लिया की मेरा सर शालिनी की बुर से कितनी दूरी पे है। मैंने शालिनी के हाथ पकड़ लिये और अपने माथे पे रख दिए।
मैं :- यहाँ पे दबाओ थोड़ा....बहुत दर्द कर रहा है।
मेरे हाथ हटाने की वजह से मेरे लंड का
उभार शालिनी को ऊपर से साफ़ दिखाई देने लगा। शालिनी उसे आँखे फाड़ के देखने लगी। ये चीज मैंने आईने में देख ली.... मैंने दुबारा अपना हाथ लंड को छुपाने के लिए नहीं रखा...शालिनी मेरा खड़ा लंड देख के और भी उत्तेजित होने लगी थी। शालिनी अब थोड़ा जोर लगा के मेरा सर दबा रही थी जिससे मैं जानबुझकर अपना सर पीछे ले जा रहा था.... ।।
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मेरा लन्ड भी फूल पिचक रहा था जिसका एहसास शालिनी को अपने सिर पर जरूर हो रहा होगा....
मैं - बेबी,,,ऐसे ही रहो...मैं तुम्हारा सिर अब अच्छे से दबा देता हूं....
शालिनी - ओके ,, भाई.... अच्छा लग रहा है, प्लीज़ कांटिन्यू ....
शालिनी का सिर पीछे आ जाने के कारण उसकी चुचियां ऊपर की ओर आ गयी थी...और शालिनी ने समीज को थोड़ा खींच के पकड़ा हुआ था इसलिए सिर्फ नि्प्पल्स ही समीज में छुपे हुए थे....और शालिनी ने अपनी छाती को जानबूझ के थोड़ा ऊपर की ओर उठा लिया....जिससे उसकी चुचियों का दिलकश नजारा मुझको मिल रहा था वो अदभुद था....
मैं उसे ऐसे देख के पागल हो गया.... अपना लंड उचका उचका के अपनी ख़ुशी जाहिर करने लगा.... मेरे लंड का उचकना शालिनी को फील हो रहा था....उसकी साँसे तेज होने लगी....धड़कने बढ़ने लगी....उसकी तेज साँसों के साथ ऊपर नीचे होती उसकी अधनंगी चुचियों को देखकर मुझको होश ही नही रहा..... मैं शालिनी का सिर अपने लंड पे दबाने लगा.... शालिनी भी मजे से कड़क लंड का स्पर्श एन्जॉय करने लगी....कुछ मिनटों तक यही सिलसिला चलता रहा....
मैं :- अच्छा लग रहा है ना बेबी,,,, इस मालिश से तुम एकदम रिलैक्स हो जाओगी ....
शालिनी :- हां जी,,,...
उसने अपनी आंखें बंद ही रखी... शायद इस हालात में वो मुझसे नज़र मिला भी नहीं पाती .... मैं लगातार सामने आईने में भी देख रहा था ...
मैं :- मजा आ रहा है ,, बेबो,,??
शालिनी:- मजा ...?? मतलब ?? कैसा मज़ा ??
मैं जोश में होश खो बैठा था... और भूल गया था कि मैं अपनी ही सगी बहन के साथ इस हालात में हूं,,, इतना होने पर भी हम दोनों में अभी इतनी सेक्सी बातों का सिलसिला शुरू नहीं हुआ था,,,,।।
मैं :- वो..म में..मेरा...मेरा मतलब...
मेरी बात अधूरी ही रह गयी... क्यूंकि तभी कमरे के खुले दरवाजे से बरामदे की ओर से एक बड़ा सा कीड़ा शालिनी के हाथ पे आके बैठा और उड़ गया ... बड़ी तेज आवाज भी कर रहा था...
..शालिनी किसी और ही दुनिया में थी...वो आँखे बंद करे हुए थी...वो एकदम से डर गयी और हाथ से उसे झटक दिया और थोड़ा चिल्लाते हुए वो झटके से खड़ी हो गई। वो डर गयी थी और इधर उधर देखने लगी।
मैं भी जल्दी से अपने खड़े लन्ड का तम्बू दिखाते हुए बेड से उतर कर खड़ा हो गया,,, ये सब कुछ सेकंड में ही हो गया था ।
मैं :- क्या हुआ बेबी ?? क्यूं डर गयी क्या ?? कुछ नही एक कीड़ा था...बस..
रिलैक्स ...
शालिनी अब भी डरी हुई थी... मैं फिर से आगे हुआ और उसे बाहों में लिया और ...उसको अपने नंगे सीने से चिपका लिया ....
मैं :- अरे कुछ नही होता उससे...
शालिनी:- वो बड़ा ही अजीब फील हुआ हाथ पे...
शालिनी इधर डरी हुई थी और मैं अपने काम में लगा हुआ था.... मैने शालिनी को अपनी बाहों में कस लिया... शालिनी के बड़े बड़े कड़क निप्प्ल्स मुझको अपनी नंगी छाती पे महसूस हो रहे थे। नरम नरम चुचियों के स्पर्श से मेरा लंड जो थोड़ा सा मुरझा गया था....वो फिर से टाइट होने लगा.....इस बार मेरा लंड सही निशाने पर था...
क्यूंकी एक तो वो थोड़ा मुरझा गया था जिससे शालिनी को जब गले लगाया तब उसका फासला कम था लेकिन अब जब वो टाइट होने लगा था तब शालिनी की बुर के बहुत करीब हो गया था....
मैं शालिनी की पीठ पे हाथ घुमा रहा था.... और धीरे धीरे मैं अपने हाथ घुमाने का दायरा बढ़ा रहा था... नीचे कमर तक...फिर थोड़ा और नीचे शालिनी गांड के ऊपरी हिस्से पे हाथ घुमाने लगा....
शालिनी अब संभल रही थी...वो डर के ट्रैक से निकल कर वापस सही ट्रैक पे लौट आई थी... मेरा हाथ अपनी गांड़ को सहलाते हुए पाकर वो उत्तेजित होने लगी....वो चाहती तो मुझको दूर कर सकती थी पर उसे मजा आने लगा था... उसकी सांसों की गर्मी बता रही थी......
मैं :- सब ठीक है..कुछ नहीं होता...इतना क्या डरना?
मैं शालिनी को अपने आप से और चिपकाते हुए बोला ...
शालिनी अब खुद मुझसे चिपकती हुई अपनी सांसों को सम्हाल रही थी ... मैंने मौके का फायदा उठाया और अपना लंड शालिनी की फूली हुई बुर से और सटा दिया...., हम दोनों की लम्बाई में थोड़ा सा ही अंतर है जो आज बड़ा फायदा पहुंचा रहा था ।
शालिनी की आह निकलते निकलते बची....शालिनी भी शायद अब पीछे नही हटना चाहती थी...या उसे सच में पता ही नहीं है कि ये हम-दोनों में क्या हो रहा है... इसकी मंजिल कहां है ??
उसने भी अपनी बुर मेरे लंड की ओर थोड़ा बढ़ा दी...दोनों ही वासना में अंधे हो चुके थे.... लगभग दो मिनट हो चुके थे पर हम दोनों ही एक-दूसरे को छोड़ना नही चाहते थे...
लेकिन तभी वो कीड़ा फिरसे उड़ते हुए आया और शालिनी के हाथ पे बैठ गया... मैने झटके से उसे उड़ाया...लेकिन इस दरमियान मुझसे शालिनी की बाहों का घेरा छूट गया .... और शालिनी ये देख के हंस पड़ी...
शालिनी:- हा हा हा ....देखा मैंने नही कहा था...देखो आप भी डर गए ना??
शालिनी और मैंने देखा कि वो कीड़ा एक कोने में बैठा हुआ था.... और उसके रेंगने वाली जगह पर पानी जैसा थोड़ा गाढ़ा लिक्विड निकल आया था ,,,,
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैंने उस हरामी कीड़े को झाड़ू से मार कर बाहर बरामदे में फेंक दिया और मेरे पीछे ही शालिनी जाकर बाथरूम में घुस गई ।
मैं वापस आकर बेड पर लेट गया और सोचने लगा कि कीड़े की वजह से आज इतना हसीन सपना पूरा होते होते टल गया ,,,, मेरी सफ़ेद फ्रेन्ची में मेरे प्रीकम के दो स्पाट साफ दिखाई दे रहे थे ....
शालिनी बाथरूम से वापस आ कर उस कीड़े के लिक्विड को बड़े गौर से देखने के बाद मुस्कुराते हुए बोली --
भैय्या यही कीड़ा था शायद.... जिसे मैं कई दिनों से ढूंढ रही थी,,, यही मेरे अंडरगार्मेंट में कई दिनों से लिक्विड लगा रहा था... और भाई मैंने अभी देखा बाथरूम में मेरी पर्पल वाली ब्रा पर ऐसा ही ताजा लिक्विड लगा हुआ है जैसे अभी अभी लगाकर आया था... मैंने उसे अभी शाम को ही धुला था ...
अब मेरी चोरी पकड़ी गई थी क्योंकि ये काम उस छोटे कीड़े का नहीं बल्कि मेरे सात इंची बड़े कीड़े का था ,,, एक पल को मेरे चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी ,,, लेकिन मैंने अपने आप को सम्हाला ....
और वो मेरे पास ही बेड पर लेट गई .......
अब तक मेरा जोश थोड़ा ठंडा हो गया था और मैं ये भी सोच रहा था कि शालिनी को इस तरह सेक्स की राह पर ले चलने से पहले उसको और विश्वास में लेना चाहिए ,,, कहीं उसे ये सब मेरी तरफ से ज्यादती ना लगे और हमारे रिश्ते में कोई कड़वाहट ना आ जाये ,,,
शालिनी बाथरूम से वापस आ कर उस कीड़े के द्वारा छोड़े लिक्विड को बड़े गौर से देखने के बाद मुस्कुराते हुए बोली --
भैय्या यही कीड़ा था शायद.... जिसे मैं कई दिनों से ढूंढ रही थी,,, यही मेरे अंडरगार्मेंट में कई दिनों से लिक्विड लगा रहा था... और भाई ... मैंने अभी देखा बाथरूम में मेरी पर्पल वाली ब्रा पर ऐसा ही ताजा लिक्विड लगा हुआ है जैसे अभी अभी लगाकर आया था... मैंने उसे अभी शाम को ही धुला था ...
और वो मेरे पास ही बेड पर लेट गई .......
मैं - (थोड़ा सा सोचने के बाद) हां हां ,,, यही कीड़ा होगा ।
शालिनी- हां , गंदी तो कर देता था मेरी ब्रा ,,, बट भाई इसके लिक्विड की स्मेल बड़ी अच्छी होती थी ,,, अजीब सी ,,, किन्की टाइप ,पर अब तो आपने उसे मार दिया ....।
मैं- स्मेल अच्छी थी तो बताना चाहिए था मैं उसे नहीं मारता ,,,, चलो कोई नहीं मैं दुआ करुंगा कि तुम्हारे लिए वो परफ्यूम वाला कीड़ा उपर वाला फिर से भेज दे ,,, बेबी को परफ्यूम वाली ब्रा पहनना पसंद है ...है ना ... हा हा हा ....
शालिनी - भाई ईईईई ... आपसे तो कोई बात बताओ, बस आप मेरे मज़े लेने लगते हो ... (झूठी नाराजगी दिखाते हुए)
मैं- अरे,, अरे मेरी स्वीटू ,, नाराज क्यों हो रही हो ,, अब हम आपस में मजाक भी नहीं कर सकते क्या ??
शालिनी - तो ठीक है अब मैं भी आपके मजे लूंगी ,,, ठीक से ,, बट आप अगर मेरे से बड़े भाई ना होते, तब मैं बताती ।
मैं- क्या बताती ...?? वैसे ये बड़े छोटे भाई बहन वाले चक्कर में ना ... शालिनी हम दोनों क्या ऐसा नहीं कर सकते कि हम दोस्तों की तरह एक दूसरे से बात कर सकें ??
शालिनी - हां,, भाई ,, आप और मैं दोस्त की तरह ही तो रहते हैं ...बस
मैं- कहां हैं दोस्तों की तरह ,, जरा सा मजाक किया और बेबो नाराज !
शालिनी - अरे मैं नाराज वाराज नहीं हूं... और आपसे तो कभी नाराज हो ही नहीं सकती ।
(लेटे लेटे हीअपना हाथ उसके हाथ में लेकर)
मैं- तो अब हम दोनों आज से एक वादा करते हैं कि अब से हम दोनों भाई बहन के साथ साथ फ्रेंडस भी है और एक दूसरे से कोई भी चीज छुपायेंगे नहीं और हर तरह की बातें शेयर करेंगे ,, और ये शरम वरम बिल्कुल नहीं ,,, पक्का ,,, एग्री ??
शालिनी - हां, एग्री , आज आपने मेरे मन की बात कही है ,, फ्रेंडस ,, बट ...
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मैं- बट क्या? मैं तो वैसे भी तुमसे फ्री होकर बात करता हूं और तुम्हें अभी भी शायद कोई संकोच हो रहा है,,, बोलो ना.. फ्रेन्ड ,,,, और फ्रेंडशिप में कोई आप वाप नहीं .. तुम मेरे नाम से मुझे बुला सकती हो,,, ।
शालिनी - ठीक है,,, मेरे राजा भैया ।
मैं- फिर से भैय्या ?
शालिनी- अरे , फ्रेन्ड ... मेरा भैय्या भी तो है कि नहीं , अब थोड़ा सा टाइम तो लगेगा ही ,,, सा...गर .... हंसते हुए ....
हम दोनों को बात करते हुए काफी समय हो गया था तो मैंने कहा
ठीक है फ्रेन्ड ,,,, अब एक गुडनाईट किस्सी दो और हम सोते हैं ,,,
शालिनी ने हल्के से खिसककर मेरे माथे पर किस किया और लेट गई ।
मैं- ये तो फिर से भैय्या वाली गुडनाईट हुई ,, फ्रेन्डस में तो ऐसी गुडनाईट किस्सी होती है
और बोलते हुए मैंने शालिनी की आंखों में देखा और उसके संतरी होंठों पर अपने जीवन का पहला लिप किस कर दिया ,, हल्का सा चूसते हुए ... मीठू ... है ....
शालिनी शरमा गई और मुस्कुराते हुए मेरे सीने में एक मुक्का मार कर दूसरी ओर करवट ले कर लेट गई और बोली - गुडनाईट राजा... भै ....
उसके मुंह से भैय्या निकलते निकलते रह गया और मैंने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया मगर अपने लन्ड वाले हिस्से को दूर ही रखा,,, मेरे हाथ उसकी चूचियों पर थे समीज के उपर से और शालिनी ने मेरे हाथों को अपने हाथों से ऐसे चिपका लिया जैसे वो कह रही हो भाई ... अब दबाना मत मेरी चूंची ....
मेरे मन में अब शालिनी के साथ सुबह से ही फ्रेन्डशिप और उसकी आंड़ में ब्वायफ्रेन्ड बनने के ख्याल आने लगे और हम दोनों ऐसे ही सो गए ,,, हसीन सुबह के इंतजार में ....
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06-18-2020, 12:49 PM,
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desiaks
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
उसके मुंह से भैय्या निकलते निकलते रह गया और मैंने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया मगर अपने लन्ड वाले हिस्से को दूर ही रखा,,, मेरे हाथ उसकी चूचियों पर थे समीज के उपर से और शालिनी ने मेरे हाथों को अपने हाथों से ऐसे चिपका लिया जैसे वो कह रही हो भाई ... अब दबाना मत मेरी चूंची ....
मेरे मन में अब शालिनी के साथ सुबह से ही फ्रेन्डशिप और उसकी आंड़ में ब्वायफ्रेन्ड बनने के ख्याल आने लगे और हम दोनों ऐसे ही सो गए ,,, हसीन सुबह के इंतजार में ....
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ab aage,,,,,,,,,,,,,,,,
सुबह नींद खुली तो मेरा हाथ अभी भी शालिनी के पेट पर ही था और उसकी समीज हल्की सी उपर हो रही थी और मुझे सुबह सवेरे ही बड़े बड़े खरबूजे के आकार की खूबसूरत चूचियों के निचले हिस्से के दर्शन हो गए । मैं लेटे लेटे ही शालिनी के बालों में उंगलियां फिराने लगा और वो भी जाग गई ....
सुबह सवेरे एक सोती हुई शोख हसीना के अधनंगे बदन को देख कर अपनी सुबह शुरू करने से अच्छा इस दुनिया में कोई दूसरा मजा नहीं हो सकता इसके बराबरी का ,,, सोते हुए वो बहुत ही मासुमियत से भरी लग रही थी ।।
उसके जागते ही मैंने उसके रसभरे होंठों पर एक चुम्बन ले लिया, और गुड मार्निंग बोला ,,,,कल रात से थोड़ा सा ज्यादा मजा आया ,,,, होंठों को चूसने में
शालिनी ने भी उठते हुए गुड मार्निंग बोला और
शालिनी - क्या भाई ,, मैंने अभी ब्रश भी नहीं किया और तुम .... ही ... ही ...
मैं- वैसे ये कल रात से ज्यादा मीठ्ठू था मैडम,,, चलो कोई नहीं ... ब्रश कर लो तो फिर से...
शालिनी- न न ना ... फिर शुरू हो गये ।
मैं- अरे, अब हम दोस्त हैं और नो लिमिट इन फ्रेन्डशिप
शालिनी- लिमिट में तो रहना पड़ेगा मेरे राजा भैया ।
मैं- हां हां मेरी स्वीटू दोस्त .... बहना
मैं बाथरूम में जाकर फ्रेश होने लगा तभी मेरा हाथ मेरे लन्ड पर पहुंच गया और रात की मस्ती, सुबह सवेरे का होंठों का रसपान याद आते ही लन्ड खड़ा हो कर झटके लेने लगा,,,,, हमेशा की तरह इसका एक ही इलाज था,,, मुठ मारना .... खड़े खड़े मुठ मारकर मैं फ्रेश हो कर बाहर निकल आया और तुरंत ही शालिनी बाथरूम में घुस गई ।
और जब वो बाथरूम में चली गई तो मुझे याद आया कि बाथरूम की फर्श पर मैं पानी डालकर अपना वीर्य साफ़ करना भूल गया हूं ,, आज कल वीर्य भी बहुत ज्यादा निकलता है हस्तमैथुन करने में .....
कुछ देर बाद शालिनी फ्रेश होकर नाश्ता बनाने लगी और किचन से ही बोली
शालिनी- भाई ,,, वो कीड़ा लग रहा है फिर से आ गया है ।
मैं- अच्छा,,, दिखा क्या ?? फिर से तुम्हारी ब्रा में परफ्यूम लगा दिया ।।
शालिनी- नहीं नहीं,,, आज तो पूरे बाथरूम की फर्श पर फैला था उसका लिक्विड ...
मैं- ओ हो ... बेचारे कीड़े को पता नहीं था,,, नहीं तो अपना परफ्यूम खराब नहीं करता ..... हा .. हा ...
शालिनी - ही ही ही हंसते हुए ... हां ये कीड़ा तो पालने लायक है ।
मैं- अरे उस छोटे कीड़े को पालकर क्या करना ,,, ये परफ्यूम लिक्विड उसका है ही नहीं ....
शालिनी - क्या ?? तो किसका है ??
अब मैं फंस गया था कि शालिनी को मैं कैसे बताऊं कि वो कीड़ा नहीं,, उसके बड़े भाई के हस्तमैथुन करने से निकलने वाली क्रीम है ।
मैं- अरे यार , वो ... वो अरे तुम नहीं जानती ।
शालिनी- क्या नहीं जानती और तुम्हें पता है तो बताओ ?
मैं- कोई नहीं फिर कभी बताऊंगा ।
शालिनी - क्या ? तुम्हें पता है तो बताओ ...नो सीक्रेट ... फ्रेन्डस में ... बताओ.. बताओ अभी .. ।
और ये बोलते हुए वो मेरे सामने चाय की कप लेकर आ गई , मैं अभी बिना अंडरवियर के बरमूडे में था और शालिनी ने समीज उतार कर टी-शर्ट पहन ली थी ।
मैं चाय पीते हुए
मैं- अरे,,, स्वीटू ... फिर कभी बताऊंगा ,,,
शालिनी - (चाय सिप करते हुए) नहीं मुझे अभी जानना है उस परफ्यूम वाले कीड़े के बारे में ... कल तो बड़े बड़े वादे कर रहे थे तुम ... नो सीक्रेट ,,, सबकुछ शेयर करेंगे ।
मैंने सोचा कि ये मौका तो अच्छा है शालिनी से थोड़ा और खुलने का ,, और हिम्मत करके ...
मैं- अच्छा बेबो , बताता हूं बट प्रामिस करो कि तुम नाराज़ नहीं होगी ?
शालिनी - मैं तो तुमको आलटाइम प्रामिस कर चुकी हूं कभी ना नाराज होने का ,,, मेरे स्वीटू भैय्या राजा ...
मैं- बेबी, ,, वो लिक्विड ,,, वो .. वो मेरा है... और मैंने अपनी नजर दूसरी तरफ कर ली
शालिनी - व्हाट ? तुम्हारा है,, कैसे , प्लीज़ मुझसे झूठ मत बोलो यार ,,, और तुम कहां से निकालते हो इतना सारा लिक्विड ??
मैं- वो यार, मैं अब तुम्हें कैसे समझाऊं ?
शालिनी - कैसे यार ... क्या है सच सच बताओ ? मेरी बाडी से तो ऐसा कुछ नहीं निकलता ?
मैं- वैसे बेबी .... वो लड़कों को ही निकलता है ऐसा लिक्विड ... एक्साइटमेंट में ... लड़कियों का अलग होता है ...
कुछ देर के सन्नाटे के बाद ...
शालिनी- (उत्सुकता से) तो मतलब कहां से निकलता है ये ....
इस तरह की गरमा गरम बातों से मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया और उसे शालिनी भी देख रही थी ...
मैं- बेबी, इट्स नेचुरल, सभी लड़कों को होता है .... और ये हम लोगों के पेनिस से निकलता है ।
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
मेरी और शालिनी की नजरें एक साथ मेरे लन्ड पर पड़ी और लन्ड ने एक झटका लगा दिया ....
शालिनी- भाई जी, वहां से तो तुम सु-सु करते हैं ... आई कांट बिलीव ... ही ही ... सु-सु वाली जगह से वो लिक्विड ... सच सच बताओ ना ... प्लीज़ ।
मैं- अरे अब मैं कैसे बताऊं तुम्हे , ये यहीं से निकलता है यार ....
मेरी हिम्मत जवाब दे रही थी और शालिनी के चेहरे के भाव भी बदल रहे थे.. मैं फिलहाल और ज्यादा बात नहीं करना चाहता था इस टापिक पर ,, मेरे बरमूडे में तम्बू बना हुआ था ।
मैंने बात बदलते हुए कहा चलो यार फटाफट रेडी हो नहीं तो हम लोग लेट हो जायेंगे ।
शालिनी - बट भाई ,, मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि आप के पेनिस से ....
मैं- लीव इट ! मैं बाद में तुम्हें बताता हूं ,, पक्का ...
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अब हम दोनों में बात चीत और आपसी सहमति से छेड़छाड़ का एक नया दौर शुरू हो गया था जिसमें मजा आना शुरू हो गया था,
हम दोनों ऐसे ही मस्ती करते हुए नहाने के बाद तैयार हो कर कालेज के लिए निकल पड़े, अब शालिनी मुझसे आप के बजाय तुम कहकर बात कर रही थी और वो कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी , मैंने उसे कालेज गेट पर छोड़ा और फ्री टाइम में काल करने को बोल कर अपने काम पर निकल आया ।
दिन भर मैं भी व्यस्त रहा और शालिनी से बात नहीं हो पाई, उसने कालेज से निकलने के समय मैसेज किया और दूसरा मैसेज घर पहुंच कर किया ,, कुछ देर बाद मैंने शालिनी को व्हाट्सएप पर रिप्लाई किया...
मैं- हेलो बेबी ।
शालिनी-हां भाई कहाँ हो, कैसे हो ?
मैंने तुरंत रिप्लाई किया ।
मैं- मस्त हूं थोड़ा सा बिजी था काम में आज ,,, आज ज्यादा मेहनत हो गई ........ स्माइल आइकॉन के साथ भेजा मेसेज।
शालिनी- हां हां, पता है मुझे आजकल तुम डबल मेहनत जो कर रहे हो !
स्माइल आइकान के साथ।
मैं -"(चोंकते हुए) कौनसी डबल मेहनत ?"
शालिनी - एक तो जाब वाली और ... दूसरी.... स्माइल आइकॉन ।
मैं- और दूसरी ??
शालिनी - ही ही ...वही जो आज बाथरूम में की , लिक्विड ... ही... ही
मुझे लगा कि शालिनी भी मस्ती के मूड में है और मैं भी फ्री था तो मैं भी मजा लेने लगा
मैं -" ओह्ह्ह टॉयलेट ! टॉयलेट ही तो की थी"
शालिनी- अच्छा,, सिर्फ टॉयलेट की, टॉयलेट में सफ़ेद गाढ़ा पानी कब से निकलने लगा ।
मैं - हूं ,, अच्छा तुम्हें जानना था कि ये सफेद पानी कैसे निकलता है ,, अब बताऊं ।
शालिनी- हां, हां, वैसे मैंने गूगल सर्च किया था अभी, इस पानी को सीमेन कहते हैं ना भाई , बट निकलता कैसे हैं ये नहीं समझ पायी ।
मैं- हूं हूं ,, जय हो गूगल बाबा की ,, वेट करो , मैं एक वीडियो भेजता हूं, उसे देखो ,,, समझ जाओगी ।
मैंने एक अंग्रेज लडूके का हस्तमैथुन करते हुए वीर्य निकालने का वीडियो डाउनलोड करके उसे भेज दिया और वेट करने लगा उसके रिप्लाई का ।
कुछ देर बाद उसका रिप्लाई आया
शालिनी- ओह माई गॉड,,, ये ऐसे निकलता है ,,, भाई ..तुम भी ऐसे ही ....
मैं- हां, स्वीटू, ये ऐसे ही निकलता है और मैं भी ऐसे ही निकालता हूं ।
शालिनी- बट इसमें क्या कोई मजा भी आता है, करते क्यूं हैं ??
मैं- अरे, मजा ही मजा आता है ,, शब्दों में नहीं बताया जा सकता ,, केवल फील कर सकते हैं ,,, तुम भी करना चाहती हो क्या ? मजा लेना है क्या ?
शालिनी- ही ही ,,, तुम ही लो मजा ,, मुझे नहीं लेना,, ही ही ,,, और मेरे पास तो डंडा भी नहीं है,,,,हा...हा....हा
मैं- मैं तो मजे ले ही रहा हूं,,, तुम्हें चाहिए तो बोलो ... और हां तुम्हारे मजे में डंडा नहीं कुछ और काम आयेगा ।
शालिनी- क्या काम आयेगा ,, ??
मैं- यार ऐसे मैं कैसे बताऊं ,, वीडियो भेजूं ,,, लड़कियों के मजे वाला ?
शालिनी- हूं हूं ,, नहीं रहने दो ,,
मैं- वेट , आराम से देखना
और मैंने एक सुंदर सी रशियन हसीना का उसकी बुर में उंगली डाल कर हस्तमैथुन करने का वीडियो डाउनलोड करने के बाद शालिनी को भेज दिया और उसके रिप्लाई का इंतजार करने लगा,,, वीडियो तीन मिनट का था और शालिनी का रिप्लाई दस मिनट तक नहीं आया तो मैंने ही फिर से मैसेज भेजा
मैं- क्या हुआ फ्रेंड ,, देखा वीडियो ?
शालिनी- हां ,,
मैं- बताया भी नहीं कि देख लिया ,,,, हा हा.. हा.. क्या ट्राई करने लगी ,,, ही...ही..ही
शालिनी- नहीं यार, ये सब मुझसे नहीं होने वाला ,, बट लगता काफी मजेदार है ,, उस लड़के और इस लड़की के चेहरे से लग रहा था ,, खिले खिले हुए थे करने के बाद ,,, हा .... हा ....
मैं- चलो कोई नहीं , तुम्हें जानना था कि ये सब कैसे होता है तो मैंने बताया ,, कुछ और भी पूछना हो तो बोलो
शालिनी- ही ही*,, गुरुजी आज के लिए इतना ज्ञान काफी है बस आप शाम को जल्दी आ जाओ ,, ओके ,,, अब मैं आराम करने जा रही हूं ।।।
मैं- आराम ही करना ...बेबो....
शालिनी- हा हा हा ... बाय बाय ,,, लव यू हमेशा .........
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06-18-2020, 12:49 PM,
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RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
शाम को मैं घर आया और शालिनी ने बोला*
शालिनी- वेलकम बैक फ्रेन्ड*
क्या पियोगे,, चाय या काफी ?*
मन तो किया कि बोल दूं ना चाय ना काफी,,, मुझे तो दूध पीना है और वो भी तुम्हारा ,,, मगर अभी वो समय नहीं आया था,, और मैंने कहा - काफी
और मैं अपने कपड़े उतार कर सिर्फ ब्लैक वी शेप फ्रेन्ची में आ गया और कूलर के सामने बेड पर बैठकर अपना पसीना सुखाने लगा । शालिनी किचन से मुझे देख रही थी और ये देख कर मेरा लन्ड फिर बेकाबू होने लगा ।
शालिनी मेरी फ्रेन्ची की तरफ देखती है तो शायद उसकी धड़कन तेज हो जाती है, फ्रेन्ची में मेरा लंड विकराल रूप से तना हुआ था, आजकल ये तो अधिकतर समय खड़ा ही रहता है ,,, शालिनी अपने मन में सोचने लगी होगी कि कितना बड़ा पेनिस है उसके राजा भैया का !
शालिनी काफी का कप लेकर मेरे पास आकर बैठ गई और नजदीक से मेरे तम्बू को देखने लगी, दोपहर की गरम बातों से लंड से वीर्य रिसने के कारण एक धब्बा पड़ गया था, शालिनी समझ जाती है की लंड से निकलने वाले लिक्विड का धब्बा है ये, और वो सोच रही होगी कि मेरा पानी निकल गया है, लेकिन मैं तो इसकी बहन हूँ, क्या मुझे देखकर मेरे भाई का पेनिस खड़ा हुआ है ?
काफ़ी और नास्ता करके दोनों लोग फ्री हो जाते हैं।
थोड़ी बहुत मस्ती करते हुए हम दोनों खाना खाने के बाद एक एक करके नहाने के बाद बेड पर लेट गए और इधर उधर की बातें करते रहे,, शालिनी ने अपने कालेज की बातें भी बताई,, मगर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बार बार कुछ कहना चाहती है और कह नहीं पा रही है ,,,,
शालिनी शायद कोई सेक्स वाली बात पूछना चाहती थी लेकिन कैसे पूछे यही सोच सोच कर परेशान थी । लेकिन हिम्मत जुटा कर बोल ही देती है। फोन पर बात अलग थी लेकिन आमने-सामने अभी थोड़ी झिझक हो रही थी ।
शालिनी - भाई मुझे तुमसे कुछ बात करनी है?*
मैं- हां, तो बातें ही तो कर रहे हैं,,
उसके ऐसे बोलने से मुझे थोड़ी घबराहट होती है, मैं समझ जाता हूं कि शालिनी दोपहर से आगे की बात पूछेगी।
मैं - ह ह हा बोलो" घबराहट के कारण हकला जाता हूं।
शालिनी - अरे तुम इतना घबरा क्यूँ रहे हो भाई... और वो मेरा चेहरा देख कर मुस्करा देती है, मेरा डर कम हो जाता है।
मैं- नहीं यार घबरा नहीं रहा हूँ"*
शालिनी - यार भाई जबसे वो दोनो वीडियो देखें हैं ना भाई तब से बड़ा अजीब सा लग रहा है,, ये सब है क्या ? प्लीज़ फ्रेन्ड ...*
और वो नज़र नीची करके कार्नर में देखने लगी ।
मैं- तुम्हें अब क्या जानना रह गया है स्वीटू ?
करवट होकर उसकी आंखों में देखते हुए...
शालिनी- बहुत कुछ .... जैसे... जैसे ,वो लड़का जैसे तेज़ तेज़ करता है तो दर्द नहीं होता है क्या ?
मैं- हिलाने से दर्द नहीं होता है, हर लड़का अपनी कामाग्नि को शांत करने के लिए हिलाता है, इसे मुठ मारना भी कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में masturbation कहते है"*
शालिनी यह सुनकर हैरान रह जाती है, उसे यह बात बिलकुल पता नहीं थी। शायद उसकी बुर में भी अचानक सरसराहट पैदा हो गई थी,उसे अब इन बातों के बारे में सुनना बहुत अच्छा लग रहा था।
शालिनी - (उत्सुकता से) क्या तुम भी हिलाते हो उतनी ही तेज हाथ से ?"
मैं - यार, इस टापिक को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है अब बताने मे ...
शालिनी- भूल गये तुम मेरे गुरु हो और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, भाई जी मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से मैं पूछ नहीं सकती हूँ, एक तुम ही तो हो जिससे मैं बात कर सकती हूँ ...
शालिनी के इस तरह के सीधे सवाल सुनकर मैं हिल गया लेकिन शालिनी की बात भी मुझे ठीक लगी,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो,*
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