05-08-2021, 11:35 AM,
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desiaks
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
मैने जीजाजी को धक्का दिया और फिर पूरा झकज़ोर दिया था. तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और ऋतु दीदी की आवाज़ आई. शायद चिल्लाहट सुनकर वो आ गयी थी. मैने जीजाजी को छोड़ा और दरवाजा खोलकर ऋतु दीदी को अंदर लिया.
ऋतु दीदी ने अपने पति की नंगी हालत देखी. कड़क लंड चिकना था. दूसरी तरफ नीरू बिस्तर पर औंधे मूह नंगी दहाड़ें मारते हुए सूबक रही थी. ऋतु दीदी को पूरा मामला समझ में आ चुका था.
ऋतु दीदी नीरू के पास गये और उसकी पीठ को सहलाते हुए उसको चुप किया. नीरू फिर उठ कर बैठ गयी और ऋतु दीदी के गले लग कर रोने लगी.
उसको कुच्छ सेकेंड लगे अपने आप को शांत करने में. मैं जीजाजी को बीच बीच मे नफ़रत भरी नज़रो से देख रहा था. जो इतना सब कुच्छ होने के बाद अभी भी नंगे खड़े थे.
नीरू अभी भी नंगी थी और साइड से उसके बड़े बूब्स और गठीली जांघे और गान्ड दिख रही थी. शायद इसी का प्रभाव था की जीजाजी का लंड अभी भी कड़क होकर फुदक रहा था.
प्रशांत: “अब तो शर्म कर लो, और अपने कपड़े पहनो. क्या घूर रहे हो नीरू को. ग़लत काम करते शर्म नही आई!”
जीजाजी कभी तरसती निगाहो से नीरू के नंगे बदन को देखते की उनकी चुदाई अधूरी छूट गयी और काश नीरू फिर से चुदवाने को हा बोल दे. फिर जीजाजी मेरे गुस्से भरे चेहरे को देखते और सहम जाते.
नीरू अब तक थोड़ा शांत हो चुकी थी और अपने आँसू पोंछते हुए ऋतु दीदी के सीने से अलग हुई और जीजाजी की तरफ देख कर बोली.
नीरू: “आपने मेरा भरोसा तोड़ दिया जीजाजी. मुझे आपसे यह उम्मीद नही थी”
जीजाजी: “हमको तो यह बहुत पहले ही कर लेना चाहिए था नीरू, हमको तो देर हो गयी हैं”
प्रशांत: “देखो इस बेशर्म इंसान को! अभी भी अपनी ग़लती मानने को तैयार नही हैं”
ऋतु दीदी: “नीरज, यह क्या कह रहे हो. थोड़ी तो शर्म करो. मेरी छोटी बहन के साथ ऐसी हरकत करते शर्म आनी चाहिए”
जीजाजी: “अच्छा, मुझे शर्म आनी चाहिए. और तुम्हे और इस प्रशांत को शर्म नही आनी चाहिए जब तुम दोनो ने आपस में मूह काला किया था!”
मैं और ऋतु दीदी अब सहम से गये थे. कही जीजाजी नीरू को वो राज ना बता दे की कैसे मैने और ऋतु दीदी ने चुदाई की थी. नीरू आश्चर्य से कभी जीजाजी को तो कभी मुझे और ऋतु दीदी को देख रही थी.
नीरू: “कैसी हरकत?”
जीजाजी: “मैं बताता हूँ, यह दोनो क्या बताएँगे. पिच्छली बार जब हम घूमने आए थे और तुम्हारे पैर मे मोच आई थी. तब दूसरे कमरे मे यह ऋतु और प्रशांत आपस मे चुदाई कर रहे थे”
नीरू अब शक भरी नज़रो से मुझे और फिर ऋतु दीदी को देखने लगी. ऋतु दीदी ने अपनी नज़रे झुका ली थी.
नीरू: “ऋतु दीदी! क्या यह सच हैं?”
ऋतु दीदी ने नज़रे झुकाए रखी और फिर अचानक से फफक फफक कर रोने लगी.
जीजाजी: “अब किस मूह से बोलेगी यह, जब इन दोनो ने आपस मे मूह काला किया था तब इनको शर्म नही आई! आज मुझे लेक्चर दे रहे हैं. क्या ग़लत किया मैने जो नीरू को चोदा. यह दोनो भी तो वोही ग़लती कर चुके हैं”
नीरू उसी नंगी हालत मे उठ कर मेरे पास आई. वो थोड़े आश्चर्य तो थोड़े गुस्से मे भरी थी. चलते वक़्त उसके मम्मे मदमस्त तरीके से उच्छल कर हिल रहे थे.
नीरू: “प्रशांत, तुमने ऋतु दीदी को चोदा था! ग़लती तुमने की और आज तक सिर्फ़ मुझ पर शक करते हुए गंदे इल्ज़ाम लगाते रहे”
प्रशांत: “मैं बताता हूँ की क्या हुआ था, मेरी इसमे कोई ग़लती नही हैं नीरू…”
नीरू: “तुम्हारे और ऋतु दीदी के बीच चुदाई हुई थी या नही?”
प्रशांत: “हा हुई थी मगर …”
नीरू: “बस, और बोलने की ज़रूरत नही हैं. तुम ग़लत नही होते तो तुम खुद मुझे आकर बताते, इस तरह छूपाते नही”
नीरू पलटी और जीजाजी के पास पहुचि.
नीरू: “अब तो मेरा पति और बहन भी मेरे नही रहे, किसके साथ वफ़ा करू! जीजाजी क्या करना हैं आपको मेरे साथ, कर लो अब जो भी करना हैं. वफ़ादारी की कोई कीमत नही रही अब मेरे लिए”
जीजाजी ने नीरू के कंधे पर हाथ रख कर उसको नीचे बैठा दिया और उसके मूह में अपना चिकना लंड डाल दिया और धक्का मारते हुए मूह चोदने लगे.
नीरू चुपचाप बैठी रही. जीजाजी खुश होकर मूह खोले आहें भरने लगे. मैं और ऋतु दीदी आश्चर्य मे उन दोनो को देख रहे थे.
नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए क्या ऋतु और प्रशांत मिलकर जीजाजी और नीरू को ग़लत काम करने से रोक पाएँगे.
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05-10-2021, 03:54 PM,
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deeppreeti
Member
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
Good story..
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05-11-2021, 09:02 PM,
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PremAditya
Junior Member
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
Yaar..meri bhi ek cousin bahut hi sexy hai..hamesha apne duddu dikhati hai cleavage..usko kuch chahiye kya..?
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05-20-2021, 08:41 AM,
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
Very good story but incomplete
Many questions still unanswered
Writer should complete the story
If administrators allow me I can complete the story
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05-21-2021, 06:46 PM,
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
(05-07-2021, 11:58 AM)desiaks Wrote: मै जब चेंज करके आया तो देखा ऋतू दीदी एक बेड पर पीठ टिकाये बैठी थी और दूसरे बेड पर निरु थकान के मारे चादर ओढ कर लेटी हुयी थी। जीजाजी निरु के दूसरी तरफ उसके सिरहाने बैठे थे और उसकी तबियत पुछ रहे थे। मै उन दोनों बेड के बीच में आया तब तक जीजाजी भी निरु की चादर के अंदर घुस गए। मैं ऋतू दीदी के बेड के किनारे पर बैठ गया ताकि सामने से निरु को देख सकूँ। निरु छत की तरफ देखते हुए सीधा लेटी थी पर जीजाजी निरु की तरफ करवट लेकर लेटे थे।
चादर के ऊपर से मैं निरु के बूब्स का उभार देख पा रहा था। साथ ही जीजाजी का हाथ चादर के अंदर निरु के पेट पर रखा हुआ था। समझ नहीं आ रहा था की कैसे रियेक्ट करूँ, वो जीजाजी मेरी बिवी के साथ एक ही चादर में थे और ऋतू दीदी ने भी कुछ नहीं बोला। हालाँकि जीजाजी सिर्फ निरु का हाल चाल पुछ रहे थे। बातों बातों में जीजाजी का हाथ पेट से खिसक कर ऊपर आ रहा था और जल्दी ही निरु के बूब्स के २ इंच नीचे की तरफ था। जीजाजी कभी भी मेरी निरु के मम्मो को दबा सकते थे और मैं सिर्फ देख रहा था। इसके पहले की जीजाजी कोई गलत हरकत करते, ऋतू दीदी लेट गयी और जीजाजी को भी आवाज लगायी की वो निरु और मुझे सोने दे क्यों की हम सब थक गए है।
मैने ऋतू दीदी की तरफ देखकर स्माइल किया और मन ही मन उन्हें थैंक यू बोला। मगर जीजाजी तो हिले भी नहीं। उनका हाथ जरूर एक इंच और ऊपर खिसक कर निरु के बूब्स के ठीक नीचे तक पहुँच गया। मै अब अपनी जगह उठ खड़ा हुआ। ठीक उसी वक़्त ऋतू दीदी ने जीजाजी को फिर आवाज लगायी और जीजाजी ने अपना हाथ निरु के बदन से हटाया और चादर से बाहर निकल गए। अब जीजजी ऋतू दीदी के बिस्तर पर आ गए और मैं जाकर निरु के पास लेट गया जहाँ थोड़ी देर पहले जीजाजी लेटे थे। लाइट बंद कर अँधेरा कर दिया गया और मैं निरु से चिपक कर सो गया। थकान के मारे मुझे नींद आ गयी।
कुछ खट पट की आवाजो के साथ मेरी नींद खुली और अँधेरे में ही मैं पास के बिस्तर पर हलचल महसूस करने लगा। मुझे समझते देर नहीं लगी की वह चुदाई हो रही है। एक के ऊपर एक चढ़ कोई चुदाई कर रहा था। जीजाजी की इतनी हिम्मत की यहाँ दो लोग और सोये हुए हैं और वो इस तरह का काम कर रहे है। सुबह ही तो वाशरूम में जीजाजी ने ऋतू दीदी को चोदा था और रात को फिर शुरू हो गए। जीजाजी से ज्यादा कण्ट्रोल तो मेरे पास था जो मैं ३ दिन से बिना चुदाई के रह रहा था जब की मेरी बिवी ज्यादा सेक्सी थी। धीरे धीरे मुझे अँधेरे में और अच्छे से दिखने लगा था। मैने महसूस किया की जो ऊपर चढ़ कर चोद रहा हैं वो मर्द नहीं कोई औरत है।
ऋतू दीदी तो ऐसा काम कभी नहीं कर सकती है। मुझे शक हुआ कही जीजाजी को ऊपर चढ़ कर चोदने वाली मेरी बिवी निरु तो नहीं। मेरी तो धड़कने २ सेकण्ड्स के लिए रुक गयी। मैंने अपने पास चादर के अंदर सोयी लड़की पर हाथ फेरा। पेट पर हाथ रख मम्मो के ऊपर तक लाय और कपडे महसूस कर लगा की निरु तो मेरे पास ही लेटी हुयी है, और मैंने चैन की सांस ली। जीजाजी पर चढ़ कर चोदने वाली लड़की अब सीने से उठकर लण्ड पर बैठे बैठे ही चोद रही थी। उसके खुले बाल उसके उछलने के साथ ही हील रहे थे।
मेरी आँखें अब और भी अच्छे से देखने लगी थी। वो ऋतू दीदी ही थी। मुझे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। ऋतू दीदी जैसी सीधी और शान्त औरत ऊपर चढ़ कर चोद भी सकती है? फिर मैंने अपने आप को समझया की ऋतू दीदी का वो रूप तो दूसरो के लिए है। बैडरूम में तो हर औरत का एक अलग खुला हुआ रूप होता है। बैठे बैठे उछलने से ऋतू दीदी के बड़े बूब्स उनके टीशर्ट के अंदर ही ऊपर नीचे हिल रहे थे। वो बहुत मादक लग रही थी। नीचे उन्होंने कुछ नहीं पहना था क्यों की मैं उनके गांड का कर्व हिलता हुआ देख सकता था।
ऋतू दीदी को इस तरह चोदते देख मेरे दिल के तार बज गए थे। मेरे पास लेटी निरु दूसरे बिस्तर की तरफ ही मुह करके करवट ले नींद में सोयी थी। मैं निरु के पीछे से चिपक गया और उसके मम्मो को दबोच कर दबा दिया।
फिर मैंने निरु के गाउन को घुटनो से ऊपर उठाया और कमर के ऊपर तक चढा लिया। फिर जल्दी से अपना हाथ उस गाउन के अंदर डाल कर निरु के ब्रा सहित उसका बूब्स दबाने लगा। कुछ ही सेकण्ड्स में निरु की नींद उड़ गयी और मेरा हाथ हटाया। नींद उड़ने से उसका ध्यान भी अब शायद पास के बिस्तर पर होती चुदाई पर गया, क्यों की मैंने फिर से अपना हाथ निरु के बूब्स पर रखा और इस बार उसने मेरा हाथ पकडा पर हटाया नहीं।
नीरु खुद शॉक में थी की पास के बिस्तर पर चुदाई चल रही थी। निरु को भी अब तक पता चल गया की ऊपर चढ़ कर चोदने वाली उसकी बहन ऋतू ही है। ऋतू दीदी एक बार फिर आगे झुक कर जीजाजी के सीने पर अपनी छाती रख लेट गयी और धक्के मारते हुए चोदती रही। मै ऋतू दीदी की धक्के मरती और हिलती गांड को देख कर होश खो बैठा था। मेरी खुद की चोदने की इच्छा हो चुकी थी। मैंने अपना हाथ निरु के मम्मो से हटाया और उसकी पेंटी को नीचे खिंच कर निकालने लगा।
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05-22-2021, 03:26 PM,
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
(05-07-2021, 11:58 AM)desiaks Wrote: मै जब चेंज करके आया तो देखा ऋतू दीदी एक बेड पर पीठ टिकाये बैठी थी और दूसरे बेड पर निरु थकान के मारे चादर ओढ कर लेटी हुयी थी। जीजाजी निरु के दूसरी तरफ उसके सिरहाने बैठे थे और उसकी तबियत पुछ रहे थे। मै उन दोनों बेड के बीच में आया तब तक जीजाजी भी निरु की चादर के अंदर घुस गए। मैं ऋतू दीदी के बेड के किनारे पर बैठ गया ताकि सामने से निरु को देख सकूँ। निरु छत की तरफ देखते हुए सीधा लेटी थी पर जीजाजी निरु की तरफ करवट लेकर लेटे थे।
चादर के ऊपर से मैं निरु के बूब्स का उभार देख पा रहा था। साथ ही जीजाजी का हाथ चादर के अंदर निरु के पेट पर रखा हुआ था। समझ नहीं आ रहा था की कैसे रियेक्ट करूँ, वो जीजाजी मेरी बिवी के साथ एक ही चादर में थे और ऋतू दीदी ने भी कुछ नहीं बोला। हालाँकि जीजाजी सिर्फ निरु का हाल चाल पुछ रहे थे। बातों बातों में जीजाजी का हाथ पेट से खिसक कर ऊपर आ रहा था और जल्दी ही निरु के बूब्स के २ इंच नीचे की तरफ था। जीजाजी कभी भी मेरी निरु के मम्मो को दबा सकते थे और मैं सिर्फ देख रहा था। इसके पहले की जीजाजी कोई गलत हरकत करते, ऋतू दीदी लेट गयी और जीजाजी को भी आवाज लगायी की वो निरु और मुझे सोने दे क्यों की हम सब थक गए है।
मैने ऋतू दीदी की तरफ देखकर स्माइल किया और मन ही मन उन्हें थैंक यू बोला। मगर जीजाजी तो हिले भी नहीं। उनका हाथ जरूर एक इंच और ऊपर खिसक कर निरु के बूब्स के ठीक नीचे तक पहुँच गया। मै अब अपनी जगह उठ खड़ा हुआ। ठीक उसी वक़्त ऋतू दीदी ने जीजाजी को फिर आवाज लगायी और जीजाजी ने अपना हाथ निरु के बदन से हटाया और चादर से बाहर निकल गए। अब जीजजी ऋतू दीदी के बिस्तर पर आ गए और मैं जाकर निरु के पास लेट गया जहाँ थोड़ी देर पहले जीजाजी लेटे थे। लाइट बंद कर अँधेरा कर दिया गया और मैं निरु से चिपक कर सो गया। थकान के मारे मुझे नींद आ गयी।
कुछ खट पट की आवाजो के साथ मेरी नींद खुली और अँधेरे में ही मैं पास के बिस्तर पर हलचल महसूस करने लगा। मुझे समझते देर नहीं लगी की वह चुदाई हो रही है। एक के ऊपर एक चढ़ कोई चुदाई कर रहा था। जीजाजी की इतनी हिम्मत की यहाँ दो लोग और सोये हुए हैं और वो इस तरह का काम कर रहे है। सुबह ही तो वाशरूम में जीजाजी ने ऋतू दीदी को चोदा था और रात को फिर शुरू हो गए। जीजाजी से ज्यादा कण्ट्रोल तो मेरे पास था जो मैं ३ दिन से बिना चुदाई के रह रहा था जब की मेरी बिवी ज्यादा सेक्सी थी। धीरे धीरे मुझे अँधेरे में और अच्छे से दिखने लगा था। मैने महसूस किया की जो ऊपर चढ़ कर चोद रहा हैं वो मर्द नहीं कोई औरत है।
ऋतू दीदी तो ऐसा काम कभी नहीं कर सकती है। मुझे शक हुआ कही जीजाजी को ऊपर चढ़ कर चोदने वाली मेरी बिवी निरु तो नहीं। मेरी तो धड़कने २ सेकण्ड्स के लिए रुक गयी। मैंने अपने पास चादर के अंदर सोयी लड़की पर हाथ फेरा। पेट पर हाथ रख मम्मो के ऊपर तक लाय और कपडे महसूस कर लगा की निरु तो मेरे पास ही लेटी हुयी है, और मैंने चैन की सांस ली। जीजाजी पर चढ़ कर चोदने वाली लड़की अब सीने से उठकर लण्ड पर बैठे बैठे ही चोद रही थी। उसके खुले बाल उसके उछलने के साथ ही हील रहे थे।
मेरी आँखें अब और भी अच्छे से देखने लगी थी। वो ऋतू दीदी ही थी। मुझे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। ऋतू दीदी जैसी सीधी और शान्त औरत ऊपर चढ़ कर चोद भी सकती है? फिर मैंने अपने आप को समझया की ऋतू दीदी का वो रूप तो दूसरो के लिए है। बैडरूम में तो हर औरत का एक अलग खुला हुआ रूप होता है। बैठे बैठे उछलने से ऋतू दीदी के बड़े बूब्स उनके टीशर्ट के अंदर ही ऊपर नीचे हिल रहे थे। वो बहुत मादक लग रही थी। नीचे उन्होंने कुछ नहीं पहना था क्यों की मैं उनके गांड का कर्व हिलता हुआ देख सकता था।
ऋतू दीदी को इस तरह चोदते देख मेरे दिल के तार बज गए थे। मेरे पास लेटी निरु दूसरे बिस्तर की तरफ ही मुह करके करवट ले नींद में सोयी थी। मैं निरु के पीछे से चिपक गया और उसके मम्मो को दबोच कर दबा दिया।
फिर मैंने निरु के गाउन को घुटनो से ऊपर उठाया और कमर के ऊपर तक चढा लिया। फिर जल्दी से अपना हाथ उस गाउन के अंदर डाल कर निरु के ब्रा सहित उसका बूब्स दबाने लगा। कुछ ही सेकण्ड्स में निरु की नींद उड़ गयी और मेरा हाथ हटाया। नींद उड़ने से उसका ध्यान भी अब शायद पास के बिस्तर पर होती चुदाई पर गया, क्यों की मैंने फिर से अपना हाथ निरु के बूब्स पर रखा और इस बार उसने मेरा हाथ पकडा पर हटाया नहीं।
नीरु खुद शॉक में थी की पास के बिस्तर पर चुदाई चल रही थी। निरु को भी अब तक पता चल गया की ऊपर चढ़ कर चोदने वाली उसकी बहन ऋतू ही है। ऋतू दीदी एक बार फिर आगे झुक कर जीजाजी के सीने पर अपनी छाती रख लेट गयी और धक्के मारते हुए चोदती रही। मै ऋतू दीदी की धक्के मरती और हिलती गांड को देख कर होश खो बैठा था। मेरी खुद की चोदने की इच्छा हो चुकी थी। मैंने अपना हाथ निरु के मम्मो से हटाया और उसकी पेंटी को नीचे खिंच कर निकालने लगा।
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05-22-2021, 09:09 PM,
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deeppreeti
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
(05-20-2021, 08:41 AM)lovebird20153 Wrote: Very good story but incomplete
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