Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
12-25-2018, 01:11 AM,
#41
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज अपना लोअर और कच्छा उतार कर नंगा हो जाता है । संध्या जैसे ही सूरज का लंड देखती है तो हैरान रह जाती है ।
संध्या-"सूर्या तेरा तो बड़ा मोटा और लंबा है,कितना विकराल है" संध्या आँखे फाड़ते हुए बोली ।
सूरज-"माँ इसे हाथ में लेकर प्यार करो,इसे मुह में लेकर चूसो" संध्या को दिखाते हुए बोला 
संध्या पहली बार लंड को पकड़ती है,22साल बाद आज उसने लंड देखा था,संध्या मुठ मारने लगती है। फिर अचनाक मुह में लेकर चूसने लगती है,सूरज लेट जाता है और खुद संध्या की चूत में जीव्ह डालकर चाटने लगता है,जहां तक उसकी जीव्ह खुसती है बहां तक जीव्ह घुसेड़ देता है और चूत का पानी चाटने लगता है । संध्या तड़पने लगती है इधर सूरज पर भी रहा नहीं जाता है और संध्या की दोनों टाँगे फेला कर अपना लंड चूत पर रगड़ने लगता है ।
संध्या-"सूर्या अब और बर्दास्त नहीं होता है,डाल दे अपना लंड मेरी चूत में,22 साल से तड़प रही है ये" सूरज हल्का सा लण्ड डालता है संध्या दर्द से सिटपिटा जाती है।
संध्या-"उफ्फ्फ्फ्फ़ सूरज आराम से,दर्द हो रहा है ।
सूरज-"माँ थोड़ी देर परेसानी होगी बस, फिर तो आराम से लंड घुस जाएगा ।
सूरज फिर से लंड निकाल कर चूत में डालता है इस बार आधा लंड चूत में घुसता है ।
संध्या-"आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ सूर्या डाल दे अपना लंड एक ही बार में अब" सूरज एक तेज झटका मारता है और पूरा लंड चूत में घुसेड़ देता है । संध्या दर्द से तड़पने लगती है। सूरज लंड को निकाल कर फिर से डालता है,चार पांच बार डालता और घुसेड़ता इससे संध्या की चूत में जगह बन जाती है और अब संध्या को मजा आने लगता है ।सूरज संध्या की चूत में तेज तेज धक्के मारता है और उसके बूब्स को मसलता है कभी दांत से निप्पल को काटता है। संध्या बहुत उत्तेजित हो जाती है। सूरज संध्या को घोड़ी बनाता है उसकी बड़ी चौड़ी गांड को मसलता है और अपना लंड चूत में डालकर पीछे से चोदने लगता है ।संध्या भी अपनी तरफ से धक्के मारती है ।
संध्या-"ओह्ह्ह सूर्या फक मी, तेरा लंड बहुत बड़ा है मेरी बच्चेदानी पर टकरा रहा है,सूर्या तू लेट अब में तेरे ऊपर बैठ कर चुदुंगी" सूर्या लेट जाता है संध्या अपनी मोटी गांड सूरज के लंड पर रखती है,लंड पूरा चूत में घुसते ही संध्या उछालने लगती है। पुरे कमरे में थप थप की आवाजे गूंजने लगती है । संध्या का पानी फिर से छूटने वाला होता है ।
संध्या-"सूर्या अब मुझे नीचे लेटा कर चौद दे में झड़ने बाली हूँ" सूरज संध्या को लेटा कर टाँगे फेला कर चौदने लगता है पूरी स्पीड से संध्या संध्या झड़ने लगती है सूरज भी झड़ने बाला होता है ।
सूरज-"माँ में भी झड़ने बाला हूँ में अपना पानी कहाँ निकालू?" 
संध्या-"मेरे अंदर ही निकाल दे सूर्या अपना पानी,भर दे मेरी प्यासी चूत अपने पानी से" सूरज तेज तेज धक्के मारने के उपरान्त चूत में झड़ जाता है और संध्या के ऊपर ही लेट जाता है संध्या सूर्या को चूम लेती है और सीने से लगा लेती है ।10 मिनट बाद सूरज उठकर बैठता है और संध्या भी,दोनों के कामरस से बेडशीट गीली हो चुकी थी।
संध्या-'बाप रे पूरी बेडशीट गीली हो गई है,इसे हटा दे सूर्या" सूरज बेडशीट हटा कर दूसरी बेड शीट बिछा देता है ।संध्या चूत को गन्दी बेडशीट से साफ़ करती है ।
संध्या-"सूर्या मुझे पिसाव लगी है अभी आती हूँ " 
सूरज-"रुको माँ में भी मुझे भी पिसाव लगी है में भी चल रहा हूँ" सूरज संध्या को गोद में उठा कर बॉथरूम में ले जाता है ।
संध्या-'ओह्ह सूर्या मुझे गोदी से उतार" सूर्या मानता नहीं है और दोनों लोग बाथरूम में आ जाते हैं ।
सूरज-"माँ में आपकी पिसाव को चखना चाहता हूँ मेरे ऊपर बैठ जाओ और मेरे चेहरे पर मूतो" सूरज फर्स पर लेट जाता है संध्या को अपने चेहरे पर उकडू बैठा देता है ।
संध्या-"सूर्या तू मेरी पेसाब को पियेगा क्या, बाद में तू भी मेरे मुह में मुतेगा, में भी तेरी पिसाब को पीना चाहती हूँ" संध्या इतना कह कर सूरज के मुह में मूतने लगती है,सूरज पूरी पिसाव को पी लेता है । संध्या की चूत से टपकती एक एक बून्द को पी लेता है,मूतने के बाद संध्या जमीन पर बैठ जाती है और सूरज खड़े होकर मूतने लगता है। संध्या भी पिसाव को पीने लगती है और उसी पिसाब से नहाने लगती है।सूरज बाथरूम का फब्बारा चला देता है दोनों लोग एक साथ नहाते हैं और नंगे ही बिस्तर पर सो जाते हैं ।
सुबह 6 बजे संध्या की आँख खुलती है।

संध्या की नींद सुबह 6 बजे खुलती है, सूर्या अभी गहरी नींद में सो रहा था, दोनों माँ बेटे नंगे ही सो गए थे,संध्या की नज़र सूर्या पर पड़ती है जो अभी भी सो रहा था लेकिन उसका लंड पुरे जोर शोर से तना हुआ था,संध्या को रात की चुदाई याद आती है,वर्षो से प्यासी चूत और उसके बदन को चुदाई का आनंद मिलने से उसका रोम रोम खिल सा गया था, संध्या सूरज का गठीला जिस्म और उसके मोटे लंड से ताबड़ तोड़ चुदाई से उसकी दीवानी हो गई थी,ऐसा लग रहा था जैसे जीवन में पहली बार चुदी हो और जीवन में वास्तविक चुदाई क्या होती है उससे परिचित हुई हो, संध्या की चूत फिर से फड़कने लगती है,सूर्या के तने हुए लंड को हाँथ में लेकर उसकी लंबाई और चौड़ाई का मापन करने लगती है, उसका लंड विकराल रूप धारण कर चूका था,लंड झटके मार रहा था।संध्या देख कर मुस्कराती है और मन ही मन बोलती है ।
संध्या-" थोडा सब्र तो रख, चूत को देखते ही झटके मारने लगता है, आज से तू मेरे बस में रहेगा,मेरी चूत तेरे लिए ही बनी है लंडेश्वर महाराज, आज तुझे चूस चूस कर ठंडा कर दूंगी, मेरी प्यासी चूत तेरा सारा पानी निचोड़ लेगी, बहुत अकड़ रहा है न,आज तेरी अकड़ ढीली कर दूंगी" इतना कहते ही संध्या मुस्कराती है और लंड को मुह में लेकर चुसने लगती है, संध्या लंड को दोनों हांथो से मुठ्याते हुए मुह में लंड ऐसे चूस रही थी जैसे छोटा बच्चा लोलीपोप चुस्त है। लंड को बड़ी तेजी से चूसने के कारण सूरज की नींद खुल जाती है, माँ लंड चूसते देख जिस्म में उत्तेजना भड़क जाती है, 
सूरज -" ओह्ह्ह्ह माँ चूसो इसे, आपने तो आज मेरा मन खुश कर दिया, माँ बड़ी कामुक औरत हो आप, आज में आपकी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूंगा, ओह्ह्ह मेरी जान चूसो मेरा लंड"
संध्या-" सूर्या तू भी मेरी चूत चाट,बहुत देर से बह रही है,तेरे चाटने से बड़ा मजा आता है मुझे, तेरे लंड ने मेरी चूत की प्यास बढ़ा दी है सूर्या, अब हर रौज मेरी प्यास बुझाना बेटा,अपनी माँ को खूब प्यार करना बेटा,वर्षो से प्यासी रही है मेरी चूत" संध्या अपनी चूत सूरज के मुह पर रख देती है,सूर्या अपनी जीव्ह चूत में डाल कर बड़ी तेजी से चूत चौदने लगता है,संध्या लंड चाटने लगती है, काफी देर दोनों लोग मुह से एकदूसरे के अंगो को काटते हैं चूसते हैं,संध्या पर रहा नहीं जाता, और उठ कर सूरज के लंड पर बैठ कर उछालने लगती है, सूरज भी नीचे से धक्के मारता है, दोनों लोग हवस के इस खेल में अंधे होकर एक दूसरे के जिस्म से खेलते हैं,सूरज संध्या के बूब्स को मसलता है तो कभी उसकी मोटी गांड को भींचता है ।
सूर्या-'माँ तुम्हारी गांड बड़ी मस्त है,मन करता है लंड घुसेड़ दू" 
संध्या-"गांड भी मार लेना बेटा, अब सब कुछ तेरा है,ये जिस्म भी तेरा है,आह्ह्ह्ह अभी तू सिर्फ मुझे चौद उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़"
सूरज-" माँ तुम्हारी चूत बड़ी टाइट है, लंड को कस कर जगड लिया है तुम्हारी चूत ने, आह्ह्ह्ह माँ तुम्हारी चूत में जन्नत है"
संध्या तेज तेज उछलती है लंड पर और झड़ जाती है, झड़ते ही सूरज संध्या को नीचे लेटा कर चौदने लगता है, उसकी टांगो को फैला कर तेज तेज धक्के मारता है, 
उसके बूब्स को मसलने लगता है,थोड़ी देर बाद सूर्या भी चूत में झड़ जाता है, दोनों लोग एक दूसरे के ऊपर लेटे रहते हैं । तभी तान्या की कॉल सूरज के मोबाइल पर आता है । सूरज और संध्या जल्दी से उठकर फ्रेस होते हैं ।सूरज तान्या के पास जाता है ।
तान्या-" आ गए जनाब, कब से तेरा इंतज़ार कर रही थी, मुझे टॉयलेट आ रही है जल्दी से मुझे बाथरूम में छोड़ कर आ" तान्या बेड पर बैठी गुस्से में बोली, 
सूरज-"ओह्ह्ह दीदी सॉरी में तो भूल ही गया,चलो जल्दी से बरना कहीं बेड गिला न हो जाए" सूरज मजाक उड़ाते हुए गुस्से में बोला, तान्या को जैसे ही गोद में उठाया,तान्या ने बड़ी तेजी से सूरज के कान मरोड़ दिए।
तान्या-"क्या कहा बच्चू बेड गिला हो जाएगा,एक तो लेट आता है ऊपर से मजाक उडाता है,मेरा पैर ठीक हो जाने दे फिर तुझे सबक सिखाउंगी" सूरज तान्या को कस कर दबा लेता है । बाथरूम में छोड़ कर बहार जाने लगता है तभी तान्या बोलती है ।
तान्या-"सूर्या 20 मिनट बाद मुझे लेने आ जाना, तब तक तू तैयार हो जा" सूर्या अपने रूम में तैयार हो जाता है,20 मिनट बाद सूरज तान्या को लेने बाथरूम में जाता है,
सूरज-"दीदी फ्रेस हो गई क्या? सूरज जैसे ही बाथरूम में प्रवेश करता है सूरज की साँसे अटक जाती हैं।तान्या बिलकुल नंगी खड़ी होकर फब्बारे के पानी से नहा रही थी, तान्या का एक पैर जिसमे चोट की बजह से पट्टी बंधी हुई थी उस पैर को कुर्सी पर रखा हुआ था और एक पैर फर्स पर था जिसके कारण उसकी हलके बालो बाली चूत खुली हुई साफ़ दिखाई और उसके बूब्स एक दम शिखर की तरह तने हुए थे,लाल निप्पल चार चाँद लगा रहे थे, सूरज एक पल में पूरा मुयायना कर चूका था तान्या के जिस्म का" 
तान्या जैसे ही सूरज को देखती है शर्म के कारण अपना एक हाँथ से चूत को छुपा लेती है और एक हाँथ से दोनों चूचियों को छुपाने का असफल प्रयास करती है।
तान्या-"सूर्या अभी में नहा रहीं हूँ, अभी जा यहाँ से" सूरज तुरंत बाथरूम से निकल जाता है, कुछ पल में ही सूरज तान्या के जिस्म अंगो को देख चूका था,सूरज की धड़कन तेज हो गई थी, सूरज अपनी साँसे कंट्रोल करते हुए बोलता है ।
सूरज-"सॉरी दीदी मुझे लगा आप फ्रेस हो चुकी हो, आपने 20 मिनट बाद आने के लिए कहा था,इसलिए में बाथरूम में घुस गया" सूरज अपनी सफाई देता है ।
तान्या-"कोई बात नहीं सूर्या, आखिर तू मेरा छोटा भाई ही तो है, अब आगे से आवाज़ देकर ही आया करना" 
तान्या जल्दी से नहा कर कपडे पहनती है और सूर्या को फिर से आवाज़ देकर बुलाती है, सूरज को बड़ी शर्म आ रही थी नज़रे मिलाने में,यही हाल तान्या का भी था, सूरज इस बार तान्या को कंधे के सहारे से बेड पर लेकर आता है । थोड़ी देर बाद नास्ता करने के बाद कंपनी चला जाता है।कुछ दिन तक समय ऐसे ही कटता गया।
सूरज प्रतिदिन समय निकाल कर संध्या को चौदता, कंपनी जाता और तान्या के साथ समय भी बिताता, अब तान्या भी ठीक से चलने फिरने लगती है और सूरज के साथ रोज कंपनी जाने लगी थी, सूरज और तान्या की नज़दीकियां काफी बढ़ चुकी थी और दोनों में नोक झोक भी बहुत होती थी । इधर सूरज तनु और पूनम से भी कभी कभार मिल आता था ।
एक दिन तान्या को "कंपनी एसोसिएसन बोर्ड" से ईमेल आता है की आपकी कंपनी के के द्वारा कम समय में टेंडर पूरा होने से पूरी असोसिएस की तरफ से अमेरिका में सम्मान समोरोह में आपको सम्मान किया जाएगा, आपका आना अनिवार्य है मिस तान्या" यह पढ़ कर तान्या बहुत खुश होती है और सूरज की केबिन में जाकर सूरज को गले लगा लेती है और पूरी बात बताती है ।
सूरज इस बात से खुश था की इस सम्मान समारोह में हमारी कंपनी को सम्मलित किया गया है सूरज पूछता है ।
सूरज-"दीदी अमेरिका कब जाना है?' 
तान्या-" हमें आज रात में ही अमेरिका निकलना है सूर्या" 
सूरज-"हमें क्यों दीदी आपको निकलना है" 
तान्या-"हमें ही निकलना है सूर्या,तू मेरे साथ चलेगा समझे, कंपनी की तरफ से दो लोगों के पास आएं हैं" सूरज ने कभी नहीं सोचा था की एक गाँव का लकड़हारा छोरा एक दिन अमेरिका जाएगा।सूरज भी बहुत खुश होता है । शाम को घर जाकर तान्या यह बात संध्या को बताती है ।संध्या बहुत खुश होती है लेकिन सूर्या के अमेरिका जाने से दुखी भी होती है, तान्या अपना सामान पैक करती है,इधर सूरज भी अपनी पेकिंग कर लेता है । रात के 9 बजे सूरज संध्या से मिलने जाता है उसे गले लगा कर लिप्स किस करता है,संध्या सूरज को चूमने लगती है और गर्म हो जाती है।
संध्या-" सूर्या अब रहा नहीं जा रहा है जल्दी से मुझे चोद दे" सूरज संध्या की मेक्सी को उठा कर चौदने लगता है, 10 मिनट में संध्या दो बार झड़ चुकी थी,थोड़ी देर बाद सूरज भी झड़ जाता है। 10 बज चुके थे तान्या अपना बेग लेकर नीचे आती है और सूर्या को लेकर निकल जाती है एयर पोर्ट ।
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12-25-2018, 01:11 AM,
#42
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज और तान्या एअरपोर्ट पर पहुँचते है, प्लेन का समय 10 बजे का था, सूरज और तान्या काफी लेट हो गए इसलिए भागते हुए काउंटर पर जाकर अपनी सीट कन्फर्म करके तुरंत अमेरिका जाने बाले प्लेन में बैठ जाते हैं।
तान्या-"थैंक गॉड! अगर थोड़े से और लेट हो गए होते तो हम नहीं जा पाते" तान्या गहरी सांस लेती है,तभी एयर होस्टेज आ कर सीट बेल्ट आकर बाँधती है और एक अलाउंस के साथ प्लेन आसमान की ओर रवाना हो जाता है,सूर्या बहुत ही अचिम्भित व उत्सुकता से प्लेन को उड़ता हुआ देख रहा था,अमेरिका जाने का सपना हर व्यक्ति का होता है आज वाही सपना सूर्या का पूरा होने जा रहा था, तान्या भी पहली बार आज अमेरिका की यात्रा कर रही थी, आज से पहले अमेरिका के बारे में कहानी और किस्सों की तरह सुना ही था।तान्या और सूरज अपनी धुन में मस्त थे सूरज प्लेन में बैठे लोगों को देख रहा था तो कभी एयर होस्टेज वाली लड़की को देख रहा था,जो यात्रियों को जूस और नास्ता दे रही थी, तान्या सूरज की ओर देखती है और कहती है।
तान्या-" ओये सूर्या इधर उधर क्या देख रहा है, सीधे बैठ न, तुझे देख कर लोग देहाती समझेंगे" 
सूर्या-" दीदी ये एयर होस्टेज वाली लड़की को पैसे देने पड़ेंगे क्या,अगर कुछ खाने के लिए मंगवाए तो?" तान्या हँसती है।
तान्या-"नहीं सब कुछ फ्री में है,अगर तुझे कुछ चाहिए तो बोल सकता है" 
सूरज-"दीदी अगर टॉयलेट आई तो लोग कैसे करते होंगे प्लेन में? इस बार फिर से सूर्या की मासूमियत बाले सवालो पर हँसती है।
तान्या-"टॉयलेट भी होती है प्लेन में,तुझे जाना है क्या" 
सूरज-"नहीं दीदी बस पूछ रहा था" काफी देर तक दोनों भाई बहन आपस में बात करते रहे, थोड़ी देर बाद सूरज और तान्या सो जाते हैं,जब आँख खुलती है तो देखते हैं अमेरिका आ चूका था,सूरज और तान्या प्लेन से निकल कर बहार आते हैं, कंपनीज एसोसिएसन की तरफ से एक अमेरिकन लेडी उन्हें रिसीव करने आती है, तान्या उस लेडी को अपना परिचय देती है और सूरज भी, लेडीज भी अपना नाम हेलिना बताती है, सूरज तो उस 40 वर्षीया हेलिना की खूबसूरती देखने में व्यस्त था, उसके बूब्स उसकी टीशर्ट से आधे से ज्यादा बहार निकले हुए थे, आज से पहले सूरज ने ऐसी महिलाओं को सिर्फ पोर्न फिल्मो में ही देखा था, सूरज की हार्दिक इच्छा थी की एक दिन अंग्रेजिन् महिला को जरूर चोदूंगा, और लगभग यह सोच प्रत्येक भारतीय पुरुष की होती है की अंग्रेजिन महिला के साथ सेक्स करने की, हेलिना की कामुक गोलाकार नितम्ब और फुटबॉल जैसे बूब्स को देख कर सूरज उसके जिस्म का एक्सरा कर चूका था, अपने मन की कल्पनाओं में तीन चार पोजीसन में चौद चूका था, तान्या सूर्या को आवाज़ देती है, तब सूरज अपने असली बर्तमान में आता है,और तीनो लोग एक लग्जरी गाडी में बैठकर एक आलीसान होटल में आते हैं, सूरज अमेरिका की चकाचोंध और वहां के महिला पुरुष के कपड़ो पर अपना फोकस किए हुए था, प्रत्येक महिला के कपडे उसके जिस्म के आकर से छोटे थे, जिसमे उनके आधे बूब्स पेट और टाँगे नंगी ही होती हैं ।
हेलिना एक शानदार होटल में जाती है और एक रुम को खोलती है जो बड़ा ही सुन्दर था और जरुरत का हर सामान था, तान्या रूम को देख कर खुश हो जाती है। 
हेलिना सूरज और तान्या को होटल में खाना खिलबाती है। खाना खाने के बाद हेलिना अपना मोबाइल नम्बर देती है और कहती है।
हेलिना-" मिस्स तान्या अब आप अपने रूम में आराम कीजिए,कोई भी परेसानी हो तो मुझे कॉल कीजिए, में आपके बराबर बाले रूम में ही हूँ, सुबह 10 बजे मीटिंग में चलना है आपको" यह कह कर हेलिना तान्या को गले लगा कर किस्स करती है फिर सूरज को जैसे ही गले लगाती है सूरज भी कस कर गले लगाता है जिससे हेलिना के बड़े बूब्स दब जाते है और सूरज का खड़ा लंड उसकी चूत पर दबाब बन जाता है, हेलिना समझ जाती है सूरज का लंड खड़ा है,हेलिना मुस्करा जाती है और एक किस्स करके अपने रुम में चली जाती है, इधर तान्या और सूरज रुम में आकर बेड पर लेट जाते हैं, 19 घंटे का सफ़र करके थक चुके थे, तान्या फ्रेस होने के लिए और कपडे बदलने के लिए उठती है तभी उसे याद आता है की वो बेग लाना तो भूल ही गई जिसमे उसके कपडे थे।
तान्या-"ओह्ह सुर्या कपड़ो का बेग तो गाड़ी में ही रह गया,प्लेन पकड़ने के चक्कर में मेरा और तेरा बेग तो गाडी में रह गया, अब क्या पहनेंगे, मुझे तो नहाना है अभी और रात में ये जीन्स पहनकर में कैसे सोऊँगी" तान्या परेसान हो जाती है,इधर सूरज को भी झटका लगता है चूँकि उसका बेग भी गाड़ी में रह गया,और उसके पास भी पहनने के लिए कोई वस्त्र नहीं थे,इधर तान्या रात में नायटी या लोअर टीशर्ट पहन कर ही सोती है,और उसकी ब्रा पेंटी सब बेग में रह गई,
सूरज-"अब क्या करेंगे दीदी,कल मीटिंग ख़त्म होने के बाद हम लोग शॉपिंग कर लेंगे,अभी तो आप कैसे भी अपना काम चलाओ" तान्या मूड पर हाँथ रख कर सोचती है की अभी क्या पहन कर सोऊँगी, और कल मीटिंग में यही कपडे पहनने पड़ेंगे,यदि रात में इन कपड़ो को पहन कर सोई तो कपडे ख़राब हो जाएंगे ।
सूरज के दिमाग में एक आयडिया आता है।
सूरज-" दीदी क्यूँ न हेलिना से मदद मांगी जाए, आप उसके कपडे पहन लेना?" तान्या सोचती है की ये सूर्या भी पागल है अब इसे कैसे समझाऊं की हेलिना के जिस्म में और मेरे जिस्म में थोडा सा अंतर है,उसके कपडे मेरे कैसे आ सकते हैं, 
तान्या-" तू भी पागल है सूर्या हेलिना आंटी के कपडे मेरे नहीं आएँगे,और उनके कपडे तूने देखे हैं न, कितने शार्ट हैं में कैसे पहनुगी उनके कपडे" 
सूरज-'हाँ यह बात तो ठीक है दीदी लेकिन आज रात में पहनने के लिए कोई नायटी या लोअर तो मिल सकता है उनके पास" तान्या इस बात से सहमत हो जाती है, 
तान्या-" हाँ सूर्या हेलिना आंटी के पास रात में पहनने के लिए नायटी जरूर मिल सकती है,जा तू लेकर आ,जब तक में फ्रेस होती हूँ" सूरज उठकर तुरंत हेलिना के दरवाजे पर दस्तक देता है,लेकिन दरबाजा नहीं खुलता है सूरज थोडा सा धक्का देता है तुरंत दरवाजा खुल जाता है, लेकिन हेलिना कहीं दिखाई नहीं देती है, तभी बाथरूम से पानी की आवाज़ सुनाई देती है,सूरज समझ जाता है की हेलिना नहा रही है, सुरज कमरे में पड़े सोफे पर बैठ कर इंतज़ार करने लगता है, सूरज का तो मन कर रहा था की बॉथरूम में जाकर हेलिना के करिश्माई जिस्म को देखे लेकिन अजनबी देश और पराई संस्कृति के डर के कारण सोफे पर इंतज़ार करना ही उचित समझता है, इधर हेलिना बाथरूम में नहाने के पश्चात नंगी ही बाथरूम से निकलती है, जैसे ही हेलिना नंगी निकलती है सूरज की नज़र उसके गोरे सफ़ेद जिस्म और फुटबॉल की आकर के बूब्स जो एक दम तने हुए थे और उनके लाल निप्पल खड़े हुए थे, बूब्स के बाद सूरज की नज़र चिकनी चूत पर पड़ती है और उसके गोलाकार गांड पर पड़ती है जो बहार की ओर निकली हुई थी,हेलिना के जिस्म पर पानी की बुंदे और भीगे बाल चार चाँद लगा रहे थे, हेलिना की नज़र जैसे ही सूरज पर पड़ती है तुरंत अपनी चूत हाँथ से छुपा लेती है और बाथरूम में जाकर टॉवल बाँध लेती है, तोबल भी उसके जिस्म को छुपा नहीं प् रहा था, हेलिना के आधे बूब्स और जांघे साफ़ चमक रही थी, हेलिना बाथरूम से निकल कर सूर्या के पास आती है,सूरज के दिल की धड़कन तो अभी भी तेज चल रही तो,उसका लंड पेंट में तम्बू बना हुआ था ।सूरज हेलिना के आते ही माफ़ी मांगता है ।( अमेरिका में सब लोग अंग्रेजी में ही बार्तालाप करेंगे,लेकिन में हिंदी में ही लिखूंगा) 
सूरज-" माफ़ कीजिए हेलिना जी,मुझे नहीं पता था की आप बिना कपड़ो के ही होगी" हेलिना की नज़र सूरज के खड़े लंड पर जाती है जो पेंट में तम्बू बना हुआ था, हेलिना समझ जाती है की सूरज का लंड मेरे नंगे जिस्म को देख कर खड़ा हो गया है, उसके चेहरे पर एक कामुक मुस्कान तैर जाती है, सूरज के मोटे और लंबे लंड की कल्पना करते ही उसकी चूत में खुजली मचने लगती है और सूरज से चुदवाने का मन बना लेती है, 
हेलिना-'सर कोई बात नहीं, कोई काम था आपको मुझसे, मेरे लिए कोई सेवा हो तो बोलिए" सूरज सब बता देता है की उसका बेग गाडी में ही रह गया, अब पहनने के लिए कपडे नहीं है,
सूरज-" हेलिना जी यदि आपके पास कोई नायटी या कपडे हो तो तान्या के लिए दे दीजिए" 
हेलिना-" सूर्या जी आप फ़िक्र मत कीजिए मेरे पास जो भी कपडे आपको पसंद है ले लीजिए" हेलिना अपने कपड़ो की ड्रॉल(अलमारी) खोलती है और उनमे से कई सेक्सी पारदर्शी व् हाफ नायटी निकालती है सूरज ने इतनी सेक्सी और हॉट नायटी सिर्फ पोर्न फिल्मो में ही देखि थी, हेलिना तीन चार जोड़ी नायटी निकालती है जो छोटी थी और पारदर्शी भी थी, बिना ब्रा और पेंटी के पूरा जिस्म देख सकते हैं इस प्रकार नायटी थी ।
सूरज-"हेलिना जी कोई ऐसी नायटी नहीं है जिसमे जिस्म दिखाई न दे,और थोड़ी बड़ी भी हो,इसमें तो पूरा जिस्म दिखाई देगा" हेलिना यह सुनकर हँसती है चूँकि अमेरिका में इसी प्रकार के कपडे पहने जाते हैं ।
हेलिना-" नायटी के अंदर ब्रा पेंटी पहन कर इस्तेमाल कर सकती है तान्या जी,अगर ब्रा पेंटी चाहिए तो मेरी ले जा सकते हो" हेलिना अपनी स्टाइलिस ब्रा और पेंटी दिखाते हुए बोली।
सूरज-"आपके कपडे तान्या जी को नहीं आएँगे,छोटा साइज़ हो तो दे दीजिए" सूरज का इशारा ब्रा की तरफ था ।
हेलिना-" तान्या जी का साइज़ छोटा है मुझसे, मेरा साइज़ 42 है,मेरी ब्रा उनके आएगी नहीं" जैसे ही हेलिना यह बात बोलती है सूरज की नज़र तोबल में आधे ढके 42 साइज़ के बूब्स पर जाती है।
सूरज-" हाँ आपका साइज़ बहुत बढ़ा है" 
हेलिना यह सुन कर मुस्करा जाती है, हेलिना के दिमाग में सूरज को उकसाने का ख्याल आता है तभी हेलिना नीचे झुक कर ड्रॉल खोलती है और उसमे कुछ कपडे निकलने लगती है,नीचे झुकने के कारण तोबल ऊपर खिसक जाती है हेलिना की गांड और चूत की किनारी और चूत का लाल दाना साफ़ दिखाई देने लगता है,सूरज का लंड झटके मारने लगता है और उसका मन करता है की गांड और चूत को अच्छी तरह से चाट ले, सूरज पास जाकर गांड और चूत को देखने लगता है,हेलिना घोड़ी की तरह खड़ी थी,कभी कभी जानबूझकर गांड को और ज्यादा झुकाती,सूरज पर रहा नहीं जाता है और अपना लंड मसलने लगता है। हेलिना यह भांप जाती है की उसका जादू चल चूका है, हेलिना खड़ी होती है तो जानबुझ कर अपना तोबल खोल देती है, सूरज जैसे ही हेलिना के जिस्म और चूत को देखता है तो लंड मसलने लगता है। हेलिना बेशर्मी की हद पार करने पर मजबूर हो जाती है।सूर्या के लंड को ऊपर से देख कर बोलती है
हेलिना-" सूर्या जी कोई परेसानी है क्या आपके लंड में? लाइए इसका इलाज मेरे पास है" हेलिना बेड पर लेजाकर सूरज की पेंट उतार कर लंड चूसने लगती है,मोटा और लंबा लंड देख कर बड़ी प्रसन्न होती है ।सूरज हेलिना के पांच किलो के एक बूब्स को दोनों हांथो से मसलता है,उनके निप्पल को काटता है दांतो से, हेलिना लंड की चुसाई बड़ी तेजी से कर रही थी, सूरज हेलिना की चूत में एक ऊँगली डालकर अंदर बहार मसलता है,हेलिना बडे जोश में आ जाती है और सूरज से चूत चटवाती है।
सूरज हेलिना की लाल गुलाबी चूत को जीव्ह से अच्छी तरह चाटता है। काफी देर दोनों लोग एक दूसरे के लिप्स को चूसते हैं फिर जिस्म को चाटते हैं। हेलिना सूर्या के ऊपर बैठ कर बड़ी तेजी से धक्के मारने लगती है उसके बड़े बूब्स उछालने लगते हैं। हेलिना सूर्या के मोटे लंड के घर्षण से चीखने लगती है। सूरज हेलिना को डौगी स्टायल में चोदने लगता है उसकी गांड में तमाचे मारता है। 
हेलिना-"ohhjhhuffff fuck me, oh my god. Fuck hard, ohhh my son fuck me" इतना बोलते ही हेलिना बुरी तरह से झड़ जाती है,और सूरज जैसे झडने को होता है अपना लंड चूत से निकाल कर हेलिना के मुह में लंड डाल देता है और एक जोर दार पिचकारी के साथ झड़ जाता है । हेलिना सारा वीर्य चाट लेती है ।
सूरज को तान्या की याद आती है,काफी लेट हो चूका था,सूरज जल्दी से हेलिना की दो नायटी और एक पेंटी लेकर अपने रूम में पहुँचता है,तान्या नहा कर फ्रेस हो चुकी थी, अभी बाथरूम में बैठी इंतज़ार कर रही थी,
सूरज-"दीदी आप फ्रेस हो चुकी क्या, हेलिना जी ने दो नायटी भेजी हैं,आप ले लीजिए" पेंटी की नहीं बोलता है ।
तान्या-"ओह्ह्ह सूर्या तू भी इतनी देर लगाता है,में कब से तेरा इंतज़ार कर रही थी, ला जल्दी से मुझे नायटी पकड़ा दे"तान्या बॉथरूम का गेट खोलकर एक हाँथ निकलती है,सूरज नायटी के अंदर पेंटी रख कर पकड़ा देता है ।

सूरज तान्या को नायटी देने के लिए बाथरूम के गेट पर जाता है,तान्या गेट से सिर्फ एक हाँथ बहार निकाल कर नायटी ले लेती है और दरबाजा बंद कर लेती है । तान्या जैसे ही नायटी को खोल कर देखती है उसे झटका लगता है क्योंकि एक तो नायटी बहुत शॉर्ट थी और ऊपर से उसमे एक बहुत बड़ी पेंटी रखी थी जिसका साइज़ काफी बड़ा था,चूँकि हेलिना की गांड का साइज़ काफी बड़ा था, अब तान्या हैरान थी की आखिर कैसे इन कपड़ो को पहने? 

तान्या नहाने के पस्चात अपनी ब्रा और पेंटी को धोकर डाल चुकी थी ताकि सुबह उनको पहन सके, अब नायटी के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनती है तो अंदर का हर अंग दिखाई देगा, अब करे तो क्या करे? 
तान्या इस बात पर भी हैरान थी की सूरज मेरे लिए ऐसी नायटी लेकर आया है जो बिलकुल पारदर्शी है और पेंटी भी लाया है, तान्या-"(मन में) ये सूर्या भी पागल है,कितनी शॉर्ट नायटी लाया है मेरे लिए,और पेंटी भी, उसको पता नहीं है क्या में इस तरह के कपडे नहीं पहनती हूँ,और सूर्या के सामने तो कैसे भी नहीं पहन सकती हूँ, लेकिन अब पुरी रात क्या पहन कर सोऊँ, जीन्स और टॉप तो पहन नहीं सकती क्योंकि सुबह इन्ही कपड़ो को पहनना है,अब क्या करू समझ नहीं आ रहा है' तभी बहार से सूरज की आवाज़ आती है चूँकि सूरज को भी तैयार होना था।तान्या काफी देर सोच विचार करके मजबूरन पेंटी और नायटी पहन लेती है, और शीशे में खुद को देखती हओ तो हैरान रह जाती है,उसकी चुचिया और पेंटी साफ़ दिखाई दे रही थी, 
तान्या खुद को कोसती है की अपना बेग कैसे गाडी में भूल गई, अगर इन कपड़ो में बहार गई तो सूर्या क्या सोचेगा,इसी बात की उधेड़बुन उसके दिमाग में चल रही थी।
सूरज पुनः आवाज़ लगाता है, सूरज भी समझ चूका था की दीदी शायद नायटी पारदर्शी होने के कारण शर्मा रही है और भला एक भाई के सामने कैसे आ सकती है, और सूरज खुद शर्म महसूस कर रहा था दीदी ऐसे कपडे पहन कर मेरे साथ कैसे सोएंगी, जरूर दीदी मेरे सामने आने में शर्मा रही होंगी इसलिए अभी तक बाहर नहीं आई हैं। सूरज खुद इस दुविधा से बचने के लिए एक फैसला लेता है की वो कमरे के बहार पड़े सोफे पर सो जाएगा ।
कमरे के बाहर बड़ा सा लॉन था जिसमें कई सोफे पड़े थे,इस लिए बहार सोने में कोई परेसानी नहीं थी ।
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12-25-2018, 01:12 AM,
#43
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
तान्या-" क्या तू भी हिलाता है हाँथ से?"
सूरज-"दीदी इस विषय को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है आपको बताने में" 
तान्या-" भूल गया तू मेरा गुरु है और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, सूर्या मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से में पूछ नहीं सकती हूँ, एक तू ही तो है जिससे में बात कर साकती हूँ" 
तान्या के सीधे सवाल सुनकर सूरज हिल जाता है,लेकिन तान्या की बात भी उसे ठीक लगती है,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो,सूरज सोफे पर बैठा था और सामने तान्या बेड पर उकडू बैठ कर सूरज की बातों को ध्यान से सुन रही थी,सूरज की नज़र तान्या की टांगो के बीच में चली जाती है,चूत बाली जगह लोअर गीला हो गया था, सूरज समझ जाता है दीदी की चूत पानी छोड़ रही है। 
सूरज-" हाँ दीदी करता हूँ कभी कभी?" तान्या यह सुनकर शरमा जाती है।
तान्या-"अच्छा सुर्या यह बता यह काम करते क्यूँ है,मतलब हिलाते क्यूँ हैं?" सूरज अब बिना जिझक बोलने लगता है।
सूरज-" जब सेक्स करने का मन होता है तो हाँथ से हिला कर लड़के मजा ले लेते हैं, जिन लड़को की शादी हो जाती है या उनकी गर्ल फ्रेंड होती है वो सेक्स कर लेते हैं उनको हिलांना नहीं पड़ता" तान्या बड़े गोर से सुनती है, तभी तान्या मुस्करा कर बोलती है।
तान्या-"अच्छा इसका मतलब तेरा मन सेक्स करने के लिए करता है इसलिए तू हिलाता है" 
सूरज-"हाँ दीदी, लेकिन यह काम तो लड़कियां भी करती हैं"तान्या यह सुनकर चोंकती हैं।
तान्या-"लड़कियां कैसे करेगी इस काम को, वो क्या पकड़ कर हिलाएगी?" 
सूरज-"लड़कियां ऊँगली करती है" तान्या हैरान रह जाती है क्योंकि उसने तो कभी ऊँगली की ही नहीं।
तान्या-"क्या ऊँगली करती हैं,जब सेक्स करने का मन होता है तब" 
सूरज-"हाँ दीदी, आप नहीं करती हो कभी" तान्या अब तक काफी हॉट फील कर रही थी,जीवन में पहली बार उसे कुछ कुछ हो रहा था,जो बड़ा आनन्दायक लग रहा था तान्या को ।
तान्या-" नहीं सूर्या मैंने आज तक ऐसा कभी नहीं किया" 
सूरज-" दीदी आपको सेक्स करने का मन नहीं करता कभी" 
तान्या-'अब तक तो कभी नहीं किया लेकिन कल से पता नहीं क्यूँ बड़ा अजीब सा लग रहा है मुझे" 
सूरज-"दीदी कल आपने नैला और लकी को सेक्स करते देखा तो कुछ अजीब सा महसूस किया आपने" सूरज का लंड जोर जोर से झटके मार रहा था,लोअर में तम्बू बन गया था जिसे तान्या देख लेती है।
तान्या-"नहीं सूर्या मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ,क्या कोई कमी है मुझमे" घबराती हुई बोली।
सूरज-" कमी तो नहीं है दीदी,अगर कमी होती तो आपका पानी नहीं निकलता वहां से, स्खलन तो रहा है आपको" सूरज तान्या की चूत की ओर इशारा करते हुए बोला,तान्या यह देख शर्मा जाती है।
तान्या-"धत् बेशरम अपनी दीदी की ओर इशारा कर रहा है" 
सूरज-" दीदी अब शर्म कैसी आप मेरी शिष्या हो तो सटीक जानकारी तो देनी ही पड़ेगी,रात भी आपके वहां से पानी निकल रहा था" 
तान्या-"तूने देखा था पानी निकलते हुए,पता नहीं कल से ही ये प्रॉब्लम हुई है,किसी डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा क्या?" 
सूरज-" दीदी डॉक्टर की जरुरत नहीं है, एक बार आप ऊँगली कर लो,सारा पानी एक बार में ही निकल जाएगा,फिर बार बार नही निकलेगा" तान्या शर्मा जाती है।
तान्या-"नहीं सूर्या मुझे डर लगता है, ऊँगली जाएगी तो दर्द होगा" 
सूरज-"दीदी शादी के बाद क्या करोगी आप जब पेनिस अंदर जाएगा, आप अपना डर अभी ख़त्म कर लो तो अच्छा है बाद में परेसानी होगी,ऊँगली तो फिर भी छोटी होती है अन्य लड़कियां तो केला,मूली गाजर और पता नहीं क्या क्या डालती हैं" 
तान्या-" नहीं सूर्या मुझसे नहीं होगा यह, मुझे डर लगता है" 
सूरज-"दीदी ऊँगली करने में तो मजा आता है,आप बाथरूम में जाकर एक बार ऊँगली करके आओ,बरना आपका लोअर ऐसे ही गिला होता रहेगा" तान्या शर्मा रही थी,लेकिन फिर कुछ सोच कर बाथरूम में चली जाती है,लोअर उतार कर कमोड पर टाँगे फेला कर चूत को मसलती है, चूत की फांको को सहलाती है,तान्या को हल्का हल्का सुरूर चढ़ता है, तान्या होले होले चूत को रगड़ती है,चूत से लगातार पानी रिस रहा था, तान्या अपनी एक ऊँगली आराम से चूत में घुसेड़ती है,उसे ऐसा लगा जैसे लंड घुसेड़ दिया हो,तान्या घुसेड़ती है फिर निकालती है ऐसा कई बार करने से उसे मजा आने लगता है, तान्या जोर जोर से ऊँगली अंदर बाहर करने लगती है, तान्या तेज तेज सिसकियाँ लेती है, कभी चिल्लाती है, बाहर खड़ा सूरज सब सुन रहा था। सूरज बाथरूम के दरबाजे के बाहर से ही बोलता है।

सूरज-" दीदी कैसा लग रहा है आपको, 
तान्या सूरज की बात सुनकर बोलती है,तान्या की सिसकियाँ बड़ी तेजी से चलने लगती है,कभी कभी उत्तेजना के मारे कमोड पर गांड उछाल देती थी।
तान्या-"ह ह हाँ सच कहा सूर्या बहुत मममजा अ अ आ रहा ह ह है,मुझे कुछ हो रहा ह है सूर्यआआ" तान्या झड़ जाती है,चूत से पानी की पिचकारी छुट्ती है, बहुत सारा पानी निकलता है,ऐसा लग रहा था, तान्या मूत रही हो। तान्या का जिस्म ठंडा पड़ने लगता है, तान्या पानी से साफ़ करती है अपनी चूत और टाँगे,सूरज का लंड झटके मार रहा था, सूरज भी मुठ मारे बिना नहीं रह पाएगा ऐसा उसे लगता है। तान्या बाथरूम से निकलती है,पसीना से लथपथ होती है। 
सूरज और तान्या की नज़रे मिलती है,तान्या शरमा जाती है।
सूरज-" दीदी मजा आया न, अब जब भी आपका मन करे तब कर लिया करो"
तान्या-" मुझे लगता था की दर्द होता होगा,पर बाकई में बहुत अच्छा लगा, वास्तव में तू एक अच्छा गुरु है" 
सूरज-" मान गई न,अब मुझे बाथरूम जाने दो,मेरा भी मन कर रहा है बहुत" सूरज हँसते हुए बोलता है,तान्या सूरज के लंड की तरफ देखती है जो पूरा खड़ा हुआ था, 
तान्या-"ओह्ह्हो जा जल्दी से कर ले" 
सूरज-" क्या कर लू दीदी" सूरज मजाक करते हुए बोलता है।और हँसाने लगता है।
तान्या-" इसको हिला कर शांत कर ले" तान्या सुरज के खड़े लंड की ओर इशारा करती है,लोअर में तम्बू बना हुआ था,सूरज जैसे ही बाथरूम में घुसता है तो फिसल जाता है,सूरज फर्स पर पड़े पानी को हाँथ से छु कर देखता है,गाड़ा और चिपचिपा पानी पड़ा हुआ था,सूरज समझ जाता है की यह तान्या की चूत से निकलने बाला कामरस है, बाथरूम का दरबाजा खुला हुआ था, तान्या भी सूरज को फिसलता देख दौड़ कर आती है।
सूरज-"दीदी यह आपकी चु... सॉरी वेजिना से निकला हुआ पानी है,बहुत चिपचिपा और गाढ़ा है इसलिए फिसल गया" सूरज हाँथ पर लगे चूतरस को दिखाते हुए बोला। सूरज के द्वारा चूत बोलने पर शर्मा जाती है, सूरज भी चूत शब्द पूरा म बोलकर वेजाइना बोल देता है। 
तान्या-"ओह्ह सॉरी सूर्या साफ़ करना भूल गई, तू हाँथ धो ले ये गन्दा होता है" 
सूरज-" दीदी यह गन्दा नहीं होता है,लड़को को यह पानी बहुत पसंद है, इसी पानी से में अपने पेनिस की मसाज करूँगा, मुझे झड़ने में आसानी होगी" तान्या हैरान रह जाती है।
तान्या-"ओह्हो सूर्या ऐसा मत कर तेरे इंफेक्सन हो सकता है" सूरज एक नहीं सुनता है,बाथरूम का दरबाजा बंद करके लोअर से लंड को आज़ाद करता है और तान्या के चूतरस अपने लंड पर लगा कर मसाज करता है,और तेज तेज मुठ मारने लगता है, तान्या का चूतरस सुरज की उत्तेजना बढ़ा देता है और कुछ ही देर में झड़ जाता है,और सफाई करने के बाद रूम में आता है । इधर तान्या की चूत फिर से फड़कने लगती है।सूरज भी पसीने से लथपथ था, और सोफे पर लेट जाता है ।
सूरज लेटे लेटे थोड़ी देर सो जाता है, दोपहर के 12 बज जाते हैं। सूरज उठता है और फोन से खाना मंगबा लेता है, तान्या और सूरज खाना खाते हैं । 
सूरज-"दीदी आज बीच पर चलें, आज नहाने का मन कर रहा है" 
तान्या-"तू नहा लेना,में नहीं नहाउंगी,मुझे शर्म आती है पेंटी ब्रा में नहाते हुए" 
सूरज-"दीदी मुझसे कैसी शर्म, में तो आपको बिलकुल नंगा भी देख चूका हूँ" 
तान्या-" लेकिन वहां और भी तो लोग होंगे, सबके सामने मुझे शर्म आएगी सूर्या, प्लीज़ में वहां सबके सामने नहीं ब्रा पेंटी पहन कर नहा पाउंगी" 
सूरज-"कोई नहीं दीदी,फिर रहने दो" सूर्या मायूस होकर बोलता है।
तान्या-" तू नहा लेना सूर्या, में सिर्फ देखूंगी तुझे नहाते हुए" 
सूरज-"दीदी मेरा मन तो आपको पेंटी ब्रा में देखने का था" 
तान्या-'ओह्ह सूर्या मेरी ब्रा और पेंटी तो बहुत छोटी हैं, उन्हें तो पहनने का मन ही नहीं करता" 
सूरज-"लेकिन दीदी उसने तो ब्रा और पेंटी आपके साइज़ की दी थी,34 30 34 साइज़ था आपका, लगता है आपकी चूचियों का साइज़ बढ़ गया होगा" 
तान्या-"धत् पागल चूचियाँ बोलता है तुझे शर्म नहीं आती,बाथरूम में भी तूने चू बोला था,में समझ गई थी तू क्या बोलना चाहता था" 
सूरज-"ओह्ह्ह दीदी इनको चूचियाँ ही बोलते हैं और इसको चूत" 
तान्या-"ओह्ह्ह कितना गन्दा बोलता है तू,पक्का बेशरम है तू सूर्या, चूची को बूब्स और चूत को वेजिना बोला कर, तू अपने पेनिस को क्या बोलता है? 
सूरज-" लंड बोलता हूँ दीदी इसको, और मुझे तो सुद्ध देहाती भाषा बोलना अच्छा लगता है" 

तान्या-"तू पागल है एक दम और तू मुझे भी बेशरम बना कर छोड़ेगा" 
सूरज-" दीदी पागल नहीं हूँ में, बिंदास हूँ, इतना बिंदास भाई आपको नहीं मिलेगा कहीं,जो आपको ज्ञान भी दे" 
तान्या-"हाँ तू तो बिंदास गुरु है" 
सूरज-" दीदी अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में कुछ नहीं दोगी" 
तान्या-" हाँ बोलो मेरे गुरु जी,आपको क्या चाहिए?"
सूरज-" पहले प्रोमिस करो,जो मांगूगा वो दोगी" तान्या पहले सोचती है फिर हाँ कर देती है ।
तान्या-" हाँ बोल क्या चाहिए,मिलेगा" 


सूरज-" बीच पर तो आप नहाओगी नहीं, आपको ब्रा और पेंटी में मेरे साथ बाथरूम में नहाना होगा" 
तान्या सुनकर चोंक जाती है।
तान्या-"नहीं सूर्या यह मुझसे नहीं होगा" 
सूरज-"दीदी प्लीज़ आपको ब्रा और पेंटी में देखना चाहता हूँ में, आपने वादा किया है मुझसे" तान्या बहुत देर सोचती फिर हाँ बोल देती है ।
तान्या-" ठीक है, कब देखेगा?"
सूरज-" अभी "
तान्या-" रुक में पहले बाथरूम में पहन कर आती हूँ, अभी तो पहनी नहीं है मैंने" तान्या ब्रा और पेंटी निकालने लगती है, सूरज एक हॉट ब्रा और एक पारदर्शी पेंटी उठा लेता है।
सूरज-" दीदी ये वाली ब्रा और पेंटी पहनो" तान्या देख कर शर्मा जाती है ।
तान्या-" नहीं सूरज इसमें सबकुछ दीखता है, ये नहीं" 
सूरज-" प्लीज़ दीदी यही पहनो" तान्या मान जाती है और बाथरूम में अपने कपडे उतार कर ब्रा पेंटी पहन लेती है । तान्या बाहर जाने में शर्मा रही थी, बाहर खड़ा सूरज बैचेनी से तान्या का इंतज़ार कर रहा था। तान्या शर्माती हुई दरबाजा खोल देती है ।

तान्या जैसे ही बाथरूम से निकल कर आती है, सूरज प्यासी नज़रो से तान्या के मदमस्त जिस्म को देख कर झकझोर जाता है, सफ़ेद दूधिया जिस्म पर लाल ब्रा जिसमे उसकी चुचिया समा नहीं पा रही थी, उसका कोमल पेट और उसकी नाभि चार चाँद लगा रही थी, जैसे ही नज़र पेंटी पर गई तो लण्ड ने लोअर के अंदर बगाबत सुरु कर दी, सूरज का लंड झटके के साथ संघर्ष करने लगता है और आज़ादी पाने के लिए जंग छेड़ देता है, तान्या की पारदर्शी पेंटी में उसकी कोमल अनछुई चूत की दरार साफ़ झलक रही थी, पेंटी इतनी छोटी थी सिर्फ चूत की दरार ही छुपी हुई थी,गोल और गदराई गांड साफ़ दिखाई दे रही थी, सूरज आँखें फाड़े तान्या के जिस्म को निहार रहा था,तान्या बेचारी खड़ी शरमा रही थी।
तान्या-"सूर्या तुझे शर्म नहीं आती अपनी बड़ी बहन को इस तरह आँखे फाड़े देख रहा है, अब मुझे शर्म आ रही है सूर्या" सूरज होश में आता है ।
सूरज-" दीदी रुको तो सही, बाकई में दीदी आप तो बहुत हॉट हो,सेक्सी हो, आपकी चूचियाँ देख कर मेरा मन ललचा रहा है,मन कर रहा है इन्हें निहारता रहूं, और ये आपकी लाल पेंटी पुरे बदन को और ज्यादा कामुक बना रही है" सूरज का लंड लोअर में तम्बू बना हुआ था जिसे तान्या देख लेती है।
तान्या-"कितना बेशरम है तू,अपनी ही दीदी के बूब्स देख कर तू ललचा रहा है, तेरा लालच तेरी पेंटी में तम्बू बनकर मुझे डरा रहा है" तान्या लंड की ओर इशारा करती है।
सूरज-" ओह्ह दीदी मेरा लंड ही नहीं पूरा रोम रोम खड़ा है आपकी सुंदरता देख कर" तान्या लंड शब्द सुनकर शर्मा जाती है।
तान्या-" छी कितना गन्दा बोलता है तू सूर्या, लंड की जगह पेनिस भी तो बोल सकता है तू" तान्या हलकी कामुक मुस्कान के साथ बोलती है। 
सूरज-"दीदी में गुरु हूँ आपका, मेरे द्वारा बोले गए हर शब्द से एक प्रतिक्रिया भी होती है, अब देखो न मैने लंड शब्द बोला तो आपकी चूत से पानी बहने लगा, आपकी पेंटी फिर से गीली हो गई दीदी" तान्या जैसे ही अपनी पेंटी देखती है तो हैरान रह जाती है, पेंटी भीग चुकी थी ।
तान्या-" ओह्ह्हो सूर्या तेरी बातों में ये कैसा जादू है, इस तरह से यह गीली होती रही तो मेरे सारे कपडे गंदे हो जाएंगे आज, क्या तेरे साथ भी ऐसा होता है, मतलब तेरा कच्छा भी गिला हो जाता है क्या" सूरज अपने लोअर की तरफ देखता है, फिर अपना लोअर उतार देता है, फ्रेंची पर भी सूर्या का वीर्य लगा हुआ था। फ्रेंची में उसका लंड खड़ा हुआ था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई बन्दुक रखी हो फ्रेंची में, तान्या देख कर स्तंब्ध रह जाती है, आँखे फाड़े सूरज के कच्छे को देखती है,और अपनी कल्पना में लंड की लंबाई चौड़ाई का मापन करने लगती है।
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12-25-2018, 01:13 AM,
#44
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज-"देखो दीदी मेरा भी पानी निकला है, आपको इस तरह देख कर, लेकिन आपकी चूत से ज्यादा पानी निकल रहा है,मन करता है चाट लू जीव्ह डालकर" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है,चूत चाटने के नाम पर पानी और ज्यादा बहने लगता है।
तान्या-" कैसा भाई है तू अपनी ही बहन की चूत चाटने की बात कर रहा है, बहुत गन्दा है तू, यह भी कोई चाटने की चीज है" 
सूरज-' दीदी आज में आपका भाई नहीं बल्कि गुरु हूँ, आप मेरी शिष्या हो, दीदी एक बात सच सच बोलो!"
तान्या-" हाँ बोल सूर्या"
सूरज-" क्या आपको मेरी बातें सुनकर अच्छा लग रहा है" तान्या सोच में पड़ जाती है ।
तान्या-" हाँ सूर्या मुझे अच्छा लग रहा है, तेरी बातों में पता नहीं कैसा जादू है"सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है ।
सूरज-"दीदी क्या मुझे आप अपनी चूचियाँ दिखा सकती हो, और चूत भी" तान्या फिर से चोंक जाती है,लेकिन आज आग तान्या के जिस्म में भी लग चुकी थी, तान्या भी चाहती थी,सुर्या चूत को चाटे,और बूब्स को मसले" 
तान्या-" देख कर क्या करेगा सूर्या, तू तो मुझे पहले भी नंगा देख चूका है, यह मुझसे न हो पाएगा" 
सूरज-"प्लीज़ दीदी एक बार" तान्या कुछ देर सोचती है फिर बोलती है।
तान्या-"तू खुद देख ले सूर्या,मुझे कपडे उतारने में शर्म आती है" सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है और तान्या को गले लगा लेता है, तान्या की चूची सूरज के सीने से रगड़ जाती है,और सूरज का लंड तान्या की चूत पर रगड़ता है ।
सूरज-"दीदी आपके राशीले होठ चूसने का मन कर रहा है" सूरज इतना ही बोलता है और तान्या के राशीले होठो को चूसने लगता है, तान्या भी गर्म थी,दोनों लोग एक दूसरे को चूमने चाटने लगते हैं, तान्या अपनी जीव्ह सूरज के मुह में डाल देती है,सूरज उसको लोलीपोप की तरह चुस्त है।
दस मिनट लिप्स चूसने के बाद सूरज तान्या की चूचियाँ मसलने लगता है, ब्रा उतार कर निप्पल मरोड़ने लगता है, सूरज तान्या को बेड पर लेटा कर बूब्स मसलता है,चूसता है,तान्या के लाल निप्पल को होठो से मसलता है, तान्या कामुक हो जाती है, सूरज एक हाँथ से पेंटी के ऊपर से चूत मसलता है। एक ऊँगली से कुरेदता है, तान्या झटके लेने लगती है,उसकी सिसकारी और चीखे फूटने लगती है। सूरज पेंटी उतार कर तान्या की चूत में जीव्ह घुसाने का प्रयास करता है, तान्या मचल जाती है, सूरज अपनी कठोर और नुकीली जीव्ह से तान्या को चोदने लगता है, तान्या झड़ने लगती है,सूरज चूत का सारा पानी पी जाता है । 
सूरज-"दीदी सेक्स करोगी मेरे साथ" तान्या तड़पते हुए"
तान्या-"हाँ सूर्या सेक्स करुँगी तेरे साथ" तान्या झटके खा कर कई बार में झड़ती है ।
तान्या-"ओह्ह्ह्ह सूर्या बहुत अच्छा लगा" 
सूरज-" दीदी जब ये लंड़ चूत में घुसेगा तो और मजा आएगा" सूरज कच्छे से लंड को आज़ाद कर देता है,तान्या सूरज के लंड़ को देख कर हैरान रह जाती है ।
तान्या-" ओह्ह इतना बड़ा,ये कैसे घुसेगा,में मर जाउंगी सूर्या, इसको मत डालना" 
सूरज -"दीदी कुछ नहीं होगा,में अपनी दीदी को प्यार से चोदुंगा, दीदी एक बार इसको पकड़ कर देखो"तान्या कपकपाते हांथो मूसल जैसे लंड को पकड़ती है,ऐसा लग रहा था जैसे कोबरा सांप पकड़ा हो।
तान्या-"कितना भयानक है ये,फड़फड़ा रहा है, मेरी चूत तो फट जाएगी इससे"
सूरज-"नहीं दीदी, आप चूत की गहराई को नहीं जानती हो, एक बार चूत में घुस गया तो,फिर आपके मजे हो जाऐंगे,रोज लंड मांगोगी, दीदी अब मेरे लंड को चूस कर तो देखो" 
तान्या-"नहीं सिर्फ किस्स कर ले रही हूँ,तान्या लाल टोपे पर जीव्ह फिराती है,लंड झटके मारने लगता है। 
सूरज-"दीदी अब मुझपर रुका नहीं जा रहा है,आप लेट जाओ, आज आपकी चूत का उदघाटन कर देता हूँ" तान्या को लेटा कर चूत के मुह पर लंड रख कर सहलाने लगता है, और एक हलके झटके के साथ लंड का टोपा चूत में घुस जाता है।
तान्या-"ओह्ह्हफ़्फ़ग़ाफ़ सूर्या आराम से दर्द हो रहा है" सूरज लण्ड को निकाल कर दुबारा डालता है,कई बार अंदर डालता और निकालता तभी सूरज ने एक झटके के साथ पूरा लंड ठोंक देता है। तान्या दर्द से चिल्लाई।
तान्या-"ओह्हफ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या ये क्या किया,प्लीज़ निकाल लंड को दर्द हो रहा है" तान्या की चूत से खून निकलने लगता है, सूरज चूत को साफ़ करता है, चूत को एक कपडे से बिलकुल साफ कर देता है । अब सूरज लंड को निकाल कर तान्या की चूत में फुक मारता है,थोड़ी देर बाद फिर से लंड घुसेड़ता है, इस तरह तीन चार बार घुसेड़कर निकालता है और फूंक मारता है,तान्या को अब आराम मिलता है, सूरज फिर से लंड डालकर धक्के मारता है, तान्या की चूत भी अब पानी छोडने लगती है जिससे लंड आराम से अंदर जाता और बहार निकल आता। 
तान्या-"उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह्ह् सूर्या अब धक्के मार, सुरज तेज तेज चोदने लगता है।
तान्या-"दीदी बहुत टाइट है आपकी चूत, मेरे लंड को जकड़ लिया है चूत ने" सूरज लगा तार धक्के मरता है ।
तान्या झड़ने बाली होती है ।
तान्या-"सूर्या में झड़ने बाली हूँ" 
सूरज-"दीदी आप मेरे मुह में झड़ना, में आपकी चूत का पानी पिऊंगा" इतना कह कर तान्या सूरज के मुह पर बैठ जाती है, और ऊँगली से चूत की फांको को मसलती है तभी एक तेज धार के साथ तान्या की चूत से पानी का सैलाब निकलता है। सूरज सारा कामरस पी जाता है ।चूत को चाट कर सारा पानी पिने के बाद, तान्या को चौदने लगता है और 5 मिनट बाद तान्या की चूत में झड़ जाता है ।तान्या भी सूरज के साथ झड़ जाती है । 1 5मिनट बाद सूरज और तान्या बाथरूम में नहाते हैं,

तान्या और सूरज बाथरूम में जाकर फब्बारे से नहाते हैं, तान्या अपनी चूत पानी से धोती है,उसकी चूत की फांके सूज चुकी थी,अंदर पूरा लाल हो चूका था, तान्या को बड़ा दर्द सहना पड़ रहा था। सूरज तान्या के जिस्म में साबुन लगा कर उसके बूब्स और पुरे जिस्म को साफ करता है।
सूरज जैसे ही तान्या की सूजी हुई चूत देखता है तो हैरान रह जाता है।
सूरज-' दीदी आपकी चूत सूज कर लाल हो चुकी है" 
तान्या-'इतना बड़ा मूसल इस बेचारी कोमल जगह में डालेगा तो सुजेगी नहीं क्या" सूरज चूत को साफ करता है तो तान्या दर्द से चीखती है।
सूरज-"दीदी क्या ज्यादा दर्द हो रहा है?" 
तान्या-"हाँ बहुत दर्द हो रहा है, अंदर से चूत पूरी घायल हो चुकी है, ठीक होने में समय लगेगा" 
सूरज-" परेसान न हो दीदी,में दवाई ले आऊंगा" 
तान्या-" हाँ ठीक है सूर्या" दोनों लोग नहा कर रूम में आकर खाना खाते हैं। खाना खाने के बाद सूरज दवाई के लिए मार्केट निकल जाता है हेलिना को लेकर, तभी संध्या का फोन आता है ।
संध्या-"सूर्या कैसा है तू,कब आएगा"
सूरज-"माँ में ठीक हूँ,आज रात में फ्लाइट है" 
संध्या-"तेरी बहुत याद आ रही है सूर्या,तेरे बिन सब सूना सूना सा है" 
सूरज-" माँ याद तो मुझे भी आपकी बहुत आ रही है, माँ आपको मेरी याद आ रही है या मेरे लंड की?"
संध्या-" अब क्या बताऊ यकीन नहीं कर पाती हूँ ,
तुमने भी मुझको याद किया !
और मैं हूँ ऐसी पगली ,तेरी खातिर खुदा को भुला दिया !!
जब चंदा मुस्काता था ,मस्त हवा जब बहती थी !
याद तुम्हारी आते ही ,गुदगुदी चुत में होती थी !!
रिमझिम -रिमझिम बरखा में ,जब बिलकुल तनहा मैं होती !
तकिये पे सर को रख करके ,
तेरे लंड की याद में थी रोती !!सोच के दिल भर आता है ,
संग होते तो क्या हो सकता था !
मैं हर पल चूमा करती तुमको ,हर लम्हा मेरा हो सकता था !!
अब जब तुम आ जाओगे ,चुन लेंगे हम फिर से खुशियाँ !
चूमुंगी हर पल लंड को , मधुर बनायेंगे घड़ियाँ !!एक 3 दिन से तनहा हूँ ,
मिलने पर आँखें भर आएँगी !तेरे बदन को छूते ही ,चुत मेरी बह जायेगी!""" संध्या कविता के माध्यम से कामुक सिसकियाँ लेते हुए बोली। सूरज समझ जाता है माँ चूत में ऊँगली कर रही है ।

सूरज-" वाह्ह्ह् माँ आपने तो मेरा खड़ा कर दिया, आपकी रस भरी बहती चूत का पानी पिने के लिए में और मेरा लंड दोनों बैचैन है, माँ बस आज का दिन और जैसे तैसे काट लो,कल से तुम्हारी चूत को बहुत प्यार करूँगा आकर" 
संध्या-"अब और सहा नहीं जा रहा है, बस तू आजा मेरे लाल, पानी मेरी आँखों से न निकल कर मेरी चूत से बह रहा है, अब तो छोटे डिडलो से भी मेरी प्यास नहीं बुझती है" 
सूरज-" माँ अच्छा किया आपने याद दिला दिया,आपके लिए एक मोटा डिडलो लेते आऊंगा, मेरी गैर मौजूदगी में आप अपना काम चला सकती हो उससे" 
संध्या-"ठीक है सूर्या" 
सूरज फोन काट देता है, हेलिना सूरज की हिंदी भाषा समझ नहीं पा रही थी, सूरज एक मेडिकल सोप पर जाकर चूत के दर्द के लिए एक जैल क्रीम लेता है और एक 7 इंच लंबा और तीन इंच मोटा डिडलो लेकर अपने बेग में रख लेता है, हेलिना कार में ही बैठी थी। सूरज कार में बैठ जाता है तभी तनु और पूनम का फोन आता है ।
तनु-" हेलो सूरज कहाँ है अभी" 
सूरज-"दीदी अमेरिका आया हूँ बिजनेस के सिलसिले में" तनु सुन कर चोंक जाती है।
तनु-" क्या अमेरिका, तू सच बोल रहा है सूरज" 
सूरज-"हाँ दीदी" 
तनु-" सूरज अमेरिका से मेरे लिए कुछ ले आना" 
सूरज-" बोलो दीदी क्या लेकर आऊं"
तनु-"तू कुछ भी ले आना सूरज" 
सूरज-"ठीक है दीदी ले आऊंगा" तभी पूनम तनु से फोन लेकर अलग जगह जाकर बात करने लगती है ।
पूनम-" सूरज मेरे लिए क्या लेकर आएगा,अमेरिका से?" 
सूरज-" बोलो दीदी आपके लिए क्या लेकर आऊँ?" 
पूनम-" मेरे लिए अच्छी सी ड्रेस लेकर आना" सूरज सोच में पड़ जाता है की दीदी अमेरिकन ड्रेस कैसे पहनेंगी, अमेरिका में ड्रेस लेने के लिए लड़की का पूरा फिगर पता होना चाहिए।
सूरज-"दीदी अमेरिका के लोग अच्छे कपडे नहीं पहनते हैं, आप यहाँ की ड्रेस पहन नहीं पाओगी" 
पूनम-"तुझे नहीं लाना है तो मना कर दे" पूनम नाराज होती हुई बोली ।
सूरज-"अरे दीदी नाराज क्यूँ होती हो, अच्छा ठीक है में कुछ न कुछ लेकर आऊंगा आपके लिए" पूनम खुश हो जाती है ।
पूनम-" अमेरिका किसके साथ गया है?"
सूरज-"तान्या दीदी के साथ" 
पूनम-' ओह्ह्हो तान्या, अब तो वाही तेरी बहन है मुझे तो तू भूल ही गया, जब से शहर में आई हूँ तू मुझे कहीं घुमाने नहीं ले गया है" 
सूरज-' दीदी इंडिया आने पर आपको कहीं घुमाने ले जाऊँगा" 
पूनम-"सच में या मुझे गोली दे रहा है" 
सूरज-"सच में दीदी" 
पूनम-" कब आएगा तू" 
सूरज-"आज रात में बैठूंगा,कल आपके पास आऊंगा' 
पूनम-"ठीक है सूरज, जल्दी आना, और हाँ अमेरिका कैसा है मुझे व्हाट्सअप पर फोटो भेज, तान्या के भी फोटो भेज देना, में भी देखूं कैसी है तेरी नई दीदी" 
सूरज-"ठीक है दीदी में फोटो भेज दूंगा" फोन काट कर सूरज मार्केट जाता है। तनु और पूनम के लिए कपडे खरीद कर बेग में रख लेता है । सूरज को तनु का साइज़ पता था इसलिए ब्रा और पेंटी खरीदता है नई नई ब्रांड की औए पूनम के लिए एक सिम्पल सी जीन्स और टीशर्ट खरीदता है ।
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12-25-2018, 01:13 AM,
#45
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
मार्केट से खरीदारी करने के बाद सूरज होटल जाता है, तान्या सो रही थी ।
सूरज अपना बेग छुपा कर रख देता है। जेल क्रीम निकाल कर तान्या के पास आता है। सोते हुए तान्या बहुत मासूम और प्यारी लग रही थी, सूरज तान्या को किस्स करता है । सूरज तान्या का लोअर निकाल कर सूजी हुई चूत देखने लगता है । सूरज चूत पर किस्स करने लगता है जिससे तान्या की आँख खुल जाती है ।
तान्या-"अरे सूर्या तू आ गया, दवाई लाया नहीं, मुझे बहुत दर्द हो रहा है" 
सूरज-" हाँ दीदी दवाई ले आया हूँ, अभी लगाता हूँ" सूरज तान्या की दोनों ताँगे फेला कर चूत के अंदर जेल क्रीम लगता है ।
तान्या-"ओह्ह्हूफ्फ् सूर्या आराम से,ऊँगली ज्यादा अंदर मत घुसा" 
सुरज-" दीदी देखना आज शाम तक आपकी चूत सही हो जाएगी, शाम को चुदाई भी कर सकते हैं" 
तान्या-" नहीं सूर्या तीन चार दिन तक तुझे कुछ करने नहीं दूंगी, अब घर चल कर सेक्स करेंगे" तान्या रोनी सूरत बना कर बोलती है ।
सूरज-" दीदी घर जाकर में आपको कैसे चौद पाउँगा, घर पर मम्मी भी तो हैं" 
तान्या-"में कोई न कोई रास्ता ढूंढ़ ही लूंगी, अब बिना सेक्स के में भी नहीं रह पाउंगी सूर्या" 
सूरज-" ठीक है दीदी,हमें शाम को निकलना है इंडिया,तैयारी कर लो" 
जैल क्रीम लगाने से तान्या को थोडा आराम मिल चूका था । तान्या अपना बेग तैयार कर लेती है । तभी तान्या के फोन पर अमेरिका के बिजनेस असोसिएसन हेड का फोन आया जिन्होंने ने तान्या को सम्मान दिया था, वो भारत के ही निवासी थे ।
तान्या-"हेलो अंकल कैसे हैं आप" 
अंकल-"में ठीक हूँ, आपने वादा किया था मेरे घर आने का, आप आई नहीं" 
तान्या-" ओह्ह्ह अंकल में भूल गई, बस अभी 10 मिनट में आपके घर पहुँचती हूँ" तान्या अंकल जी का ऐड्रस ले लेती है और सूरज के साथ अंकल के घर पहुँच जाती है ।अंकल जी का घर बहुत ही आलीसान कोठी थी, बहुत से नोकर चाकर काम कर रहे थे ।
अंकल तान्या और सूरज को देख कर बहुत खुश होते हैं। काफी देर बातें करते हैं।
तान्या-" अंकल जी आप इंडिया में कौनसी जगह रहते हैं"
अंकल-" बेटा में मुम्बई में रहता था, 22 साल पहले अमेरिका आया और यहाँ आकर अपना बिजनेस खड़ा किया" 
सूरज-"अंकल जी आपका परिवार कहाँ है? 
अंकल-"मेरी बीवी और बच्चे मुम्बई में ही रहते हैं, मेरी पत्नी मुझे पसंद नहीं करती थी इसलिए में यहाँ आ गया" सूरज को झटका सा लगता है यह सुनकर, एक दिन संध्या माँ ने मधु मौसी को बताया था की उनके पति अमेरिका रहते हैं, 
सूरज-"मन में"- कहीं यही तो तान्या दीदी के पापा तो नहीं है, तान्या दीदी के पापा का नाम बी.पी. सिंह है, मुझे पता करना होगा।
सूरज-"अंकल जी आपका नाम क्या है?" 
अंकल-" मेरा नाम बी.पी.सिंह है, अमेरिका में मुझे सिंह साहब के नाम से जानते हैं" जैसे ही सूरज यह सुनता है तो हैरान रह जाता है, यही तान्या के पिता हैं, 22 साल पहले जब इन्होंने घर छोड़ा तब तान्या की उम्र 4 बर्ष थी और सूर्या तब पैदा हुआ था।


सूरज अपना मोबाइल निकाल कर संध्या के मोबाइल पर बी.पी.सिंह का फोटो भेजता है। ताकि सब कुछ साफ़ हो जाए। संध्या जैसे ही व्हाट्सअप पर अपने पति का फोटो देखती है तो हैरान रह जाती है और सूरज को तुरंत कॉल कर देती है। सूरज अलग जगह जाकर संध्या से बात करने जाता है। तान्या और बी पी सिंह सोफे पर बैठ कर बिजनेस की बातें ही कर रहे थे ।
संध्या-"सूर्या तू अभी कहाँ है" परेसान होते हुए ।
सूरज-' माँ में अमेरिका एक बहुत बड़े बिजनेस मैन बी पी सिंह अंकल के घर बैठा हूँ,क्या हुआ आप इतनी परेसान क्यूँ हो,कोई बात है क्या?"
संध्या-"बेटा जिनके पास तू बैठा है उन्हें अपने और मेरे बारे में कुछ मत बताना" सूरज समझ चूका था माँ क्यूँ परेसान है।
सूरज-"क्यूँ माँ क्या हुआ,आप उन्हें जानती हो क्या" 
संध्या-" समझा कर बेटा, वक़्त आने पर बता दूंगी" 
सूरज-"माँ क्या बात है तुम्हे मेरी कसम सच सच बताओ" सूरज कसम देता है तो संध्या बता देती है ।
संध्या-'बेटा वो तुम्हारे पिता हैं, मेरे पति बी पी सिंह" 
सूरज-"क्या सच में माँ, यह मेरे पिता है, माँ आपने इन्हें छोड़ क्यूँ दिया?" 
संध्या-" अभी कुछ मत पूछ जब तू घर आएगा तब बताउंगी" संध्या रोते हुऐ बोली।
सूरज-" माँ आप परेसान मत हो" फोन काट देता है, सूरज तान्या के पास जाकर बैठ जाता है।दोनों बाप बेटी एक दूसरे से अनजान होकर बात कर रहे थे । बी पी सिंह को भी नहीं पता था की तान्या मेरी ही बेटी है, लेकिन तभी बी पी सिह पूछता है।
बी पी सिंह-" बेटे तुम्हारे पिता क्या करते हैं?" 
तान्या-" अंकल मेरे पिता तो इस दुनिया में रहे नहीं,मेरी माँ ने ही मुझे पाला है,और बिजनेस भी संभाला है"
बी पी सिंह-" ओह्ह तुम्हारी माँ बहुत अच्छी है, क्या नाम है तुम्हारी माँ का" सूरज यह सुनकर भयभीत हो जाता है की कहीं दीदी माँ का नाम न बोल दे लेकिन उससे पहले ही दीदी ने नाम बोल दिया।
तान्या-"मेरी माँ का नाम संध्या है अंकल जी" बी पी सिंह को एक तगड़ा झटका लगता है वो अपनी सीट से उछाल जाते हैं।अपनी ही बेटी से अनजान थे अब तक।बी पी सिंह की आँखों में आंसू थे । तान्या हैरान थी की अंकल को एकदम क्या हो गया। सूरज तो सब जानता ही था।

बी पी सिंह जब अपने बेटा और बेटी को देखता तो उसके आंसू नहीं रुकते हैं। 
तान्या-"क्या हुआ अंकल आ रो क्यूँ रहे हो" बीपी सिंह कुछ बोल नहीं पाता है, आज 22 वर्ष के बाद उसने अपने बच्चों को देखा है । तान्या समझ नहीं पा रही थी, की अंकल को क्या हुआ है ।पास में बैठा सूरज भी बीपी सिंह के आंसू देख कर दया होने लगती है।
तान्या-"क्या हुआ अंकल जी कुछ तो बोलो" 
बीपी सिंह-" बेटी मुझे अंकल मत बोलो,में तुम्हारा बाप हूँ,जिसे तुम्हारी माँ ने 22 साल पहले मुझे अपने से और बच्चों से दूर कर दिया था, में तुम्हारा और तुम्हारी माँ का दोषी हूँ बेटा" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है और सूरज भी। तान्या भी यह सुनकर रोने लगती है।
तान्या-" क्या आप मेरे
पिता हो,लेकिन माँ ने बताया की वो मर चुके हैं" तान्या रोती हुई बोली।
बीपी सिंह-" नहीं बेटा जिन्दा हूँ में" तान्या समझ नहीं पा रही थी की ये कैसा मोड़ है जीवन का । सूरज ख़ामोशी से सब सुन रहा था । आखिर माँ ने पिता जी से दुरी क्यूँ बनाई यही सोच रहा था ।
तान्या-" आखिर माँ ने मुझसे झूठ क्यूँ बोला और आप कभी हमसे मिलने क्यूँ नहीं आए" 
बीपी सिंह-" बेटा संध्या ने मुझसे एक वचन लिया था की कभी में वापिस लौट कर न आऊं तब से आज तक घुट घुट कर जिया हूँ, अमेरिका में धन दौलत तो बहुत है मेरे पास बस मेरा परिवार नहीं है, में अपने पापो की सजा आज तक भुगत रहा हूँ" तान्या यह सुनकर हैरान थी, और सुरज भी की आखिर कौनसा पाप किया है।
सूरज-"ऐसा कौनसा पाप किया था आपने, की माँ ने आपको हमसे दूर कर दिया" 
बी पी सिंह-" मैंने तुम्हारी माँ से शादी लालच में की जबकि में पहले से ही शादी शुदा था" यह बात सुनकर तान्या और सूरज हैरान रह जाते हैं। 
सूरज-"क्या आप शादी शुदा थे, फिर कहाँ है आपका परिवार, और लालच में आपने मेरी माँ से शादी क्यूँ की" सूरज यह राज जानने के लिए उत्सुक होता है ।


बीपी सिंह-" मेरा नाम भानु प्रताप सिंह है में उत्तर प्रदेश के जिला शामली में बसा मेरा छोटा सा गाँव किशनगढ़ का रहने वाला हूँ, मेरी पत्नी रेखा और मेरे तीन बच्चे पूनम तनु और सूरज हँसी ख़ुशी से रहते थे, में चौधरी राम सिंह के खेतो में काम करके अपना गुज़ारा करता था, एक दिन मेरे बेटे सूरज की तबियत ख़राब थी इलाज के लिए मैंने चौधरी से दस हज़ार रुपया कर्ज के रूप में लिया था, मैंने चौधरी के यहाँ दिन रात मेहनत की और कर्जे से ज्यादा रुपया चूका दिया लेकिन चौधरी मुझसे ब्याज के रूप में ज्यादा पैसा माँगता था,चौधरी बहुत जालिम और मक्कार किस्म का व्यक्ति था। मैंने चौधरी की नोकारी छोड़ कर शहर आ गया, चौधरी आग बबूला हो गया,कई बार उसने मुझे मारने की कोसिस भी की । इधर शहर में संध्या के पिताजी की फेक्ट्री में काम करके अपना घर चलाने लगा,में फेक्ट्री में बहुत मेहनत करता था और ईमानदार था ईसलिए संध्या के पिताजी ने मरते समय मुझसे वचन लिया की में संध्या से शादी कर लू, मै उनसे मना नहीं कर पाया और शादी कर ली। यह बात मैंने कभी रेखा को नहीं बताई की मैंने शहर में दूसरी शादी कर ली है । दो तीन साल तक सब कुछ ठीक चला, इधर चौधरी की नोकारी छोड़ने के कारन चौधरी ने मेरी पहली बीबी रेखा और बच्चों को मार दिया, यह बात मुझे चौधरी के ख़ास आदमी ने मुझसे बताई और कहा की यदि में गाँव गया तो मुझे भी मार देंगे। में अपनी बीबी और बच्चों के गम में रहने लगा, एक दिन यह संध्या को पता चला की में शादी शुदा हूँ तो उसने मुझसे दुरी बना ली और मुझसे अलग हो गई, में बहुत परेसान था, इसलिए सबसे दूर अमेरिका आकर बस गया, आज 22 साल हो गए मुझे परिवार से अलग हुए" सूरज जैसे ही यह सुनता है उसके पाँव तले जमीन खिसक जाती है। 
सूरज और तान्या का एक ही बाप है, 
सूरज-" आपका परिवार जिन्दा है, चौधरी के आदमी ने झूठ बोला है आपसे, आपके बीबी और तीनो बच्चे भी जिन्दा हैं" जैसे ही सूरज यह बोलता है तो बीपी सिंह और तान्या सूरज की ओर हैरत से देखने लगते हैं। 
तान्या-"तुझे कैसे पता सूर्या की इनका पहला परिवार जिन्दा है?" हैरानी से पूछा।
बीपी सिंह-" बेटा यह तू क्या कह रहा है, मेरी पत्नी रेखा और तीनो बच्चों को चौधरी मार चूका है" अब सूरज सारी बताता है।
सूरज-" दीदी में सूर्या नहीं सूरज हूँ, इनकी पहली पत्नी रेखा का बेटा" सूरज सारी सच्चाई बता देता है की कैसे गाँव में चौधरी के अत्याचार के कारण शहर आया और संध्या माँ को मंदिर में बचाया, सूर्या का हमशकल होने के कारण सब उसे सूर्या समझने लगे।जैसे ही सूरज यह सच्चाई बताता है तान्या सुनकर हैरान हो जाती है, बीपी सिंह सूरज को गले लगा लेता है। 
बीपी सिंह-" बेटा में अपनी पत्नी रेखा और दोनों बेटियो को देखना चाहता हूँ, आज में बहुत खुश हूँ यह सुनकर की तुम सब जिन्दा हो, अब में सुकून से मर सकूँगा" 
सूरज-" पापा अब में सब ठीक कर दूंगा, दीदी आप भी माँ को कुछ मत बताना अभी बरना माँ सूर्या की मौत का सदमा सह नहीं पाएगी" 
तान्या-"तूने इतना कुछ किया है सूरज, परिवार को बिखरने से बचाया है, में हमेसा तेरे साथ हूँ" 
बीपी सिंह-" मुझे गर्व है अपने बेटे पर,बेटा मुझे पापा बोल दो, मेरे कान तरस गए हैं यह सुनने के लिए"
तान्या और सूरज पापा कह कर गले लग जाते हैं। 
सूरज-"दीदी अब चलो फ्लाइट का समय हो गया है, पापा आप इंडिया आना जल्दी से" 
पापा-"ठीक है बेटा में जल्दी आऊंगा, तुम दोनों जाओ" सूरज और तान्या दोनों लोग एअरपोर्ट जाते हैं, प्लेन में बैठ जाते हैं ।

सूरज-" दीदी आपको कोई शिकायत तो नहीं है मुझसे, मैंने यादास्त जाने का बहाना किया अब तक" 
तान्या-"नहीं सूरज तूने तो घर आकर हमारी खुशियाँ लौटा दी, और हाँ तू गैर थोड़े ही है, मेरा भाई है तू, अब हम साथ साथ रहेंगे सूरज, तू मुझे मेरी बहनो से मिलवाना इंडिया चल कर" 
सूरज -" ठीक है दीदी, माँ से और दोनों दीदी से मिलवाऊंगा" दोनों लोग बाते करते हैं । काफी लंबे सफ़र के बाद दोनों इंडिया आ जाते हैं । सूरज और तान्या घर आते हैं। संध्या सूरज को गले लगा लेती है और तान्या को भी।सूरज और तान्या फ्रेस होकर नीचे सोफे पर बैठकर 
काफी देर आपस में बातें करते हैं । 
तान्या और सूरज पापा से हुई बात को तान्या को नहीं बताते हैं । रात के 10 बज चुके थे,तान्या सोने चली जाती है, सूरज और संध्या सोफे पर बैठ कर अभी बातचीत कर रहे थे । संध्या सूरज को अपने कमरे में ले जाती है ।
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12-25-2018, 01:14 AM,
#46
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
संध्या जैसे ही सूरज को कमरे के अंदर लेकर जाती है, सूरज को कस कर गले लगा लेती है और होंठ से होंठ जोड़ कर चूसने लगती है, सूरज भी संध्या को अपने सीने से लगा कर जकड़ लेता है । किस्स करते करते संध्या सूरज को बेड पर धक्का देकर लेटा देती है, संध्या जंगली औरत की भाँती सूरज के ऊपर कूद कर पुन उसके होंठो को चुस्ती है, सूरज का लंड झटके मारने लगता है। सूरज संध्या की मेक्सी को उतार देता है,संध्या ने अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। सूरज भी अपना लोअर और टीशर्ट उतार कर नंगा हो जाता है।
संध्या-" सूर्या मेरी चूत को चाट,बहुत तंग किया है इस चूत ने मुझे" संध्या यह कह कर सूरज के मुह पर अपनी चूत और भारी भरकम गांड रख देती है, सूरज चूत के अंदर अपनी जीव्ह डालकर चौदने लगता है ।
संध्या-"आह्ह्ह्होह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या तेरी जीव्ह भी तेरे लंड की तरह लंबी है, ऐसा लग रहा है जैसे में मेरी चूत में लंड घुसा हो" संध्या सिसकियाँ लेती हुई बोली। दस मिनट तक चूत चाटने के बाद सूरज संध्या को घोड़ी बना कर चूत में लंड डालकर चौदने लगता है ।
संध्या-"आह्ह्हफ़्फ़्फ़् मेरे लाल चौद अपनी माँ को,तेरी माँ बहुत प्यासी है, आज मेरी चूत की अग्नि को शांत कर दे अपने पानी से" सूरज तेज तेज धक्के मारने लगता है।
सूरज-" ओह्ह्ह्ह माँ तुम्हारी चूत बाकई में बहुत गर्म है,ऐसा लग रहा है चूत में भट्टी जल रही हो" सूरज गांड पर तमाचे मारता है तो कभी बूब्स को मसलता है। 
संध्या सूरज को नीचे लेटा कर खुद लंड पर बैठ कर कूदने लगती है, संध्या के बड़े बड़े बूब्स उछालने लगते हैं, सूरज संध्या के बूब्स के दोनों निप्पल को मसल कर मरोड़ता है। संध्या कामुक आवाज़ के साथ झड़ जाती है ।सूरज संध्या को नीचे लेटा कर चौदने लगता है। थोड़ी देर बाद सूरज भी चूत में ही झड़ जाता है । सूरज काफी देर तक संध्या के ऊपर ही पड़ा रहता है, तभी उसे तान्या की याद आती है की कहीं दीदी जग न जाए इसलिए जल्दी से अपने कपडे पहन कर संध्या को किस्स करके सीधे तान्या के रूम में जाता है। तान्या लोअर और टीशर्ट पहने सो रही थी, सूरज तान्या के पास जाकर तान्या को किस्स करता है तभी उसे याद आता है की तान्या की चूत में जैल क्रीम लगानी है, सूरज तान्या के पर्स में से क्रीम निकाल कर तान्या की टांगो की तफ बैठ जाता है । लोअर और पेंटी को निकालकर दोनों टांगो को बिपरीत दिशा में फैलाकर चूत के मुख पर क्रीम लगाने लगता है, तान्या की चूत में सूजन ठीक हो चुकी थी,लेकिन हलके जख्म अब भी थे, सूरज जेल क्रीम को ऊँगली में लेकर तान्या की चूत में लगाने लगता है, चूत में ऊँगली के घर्षण से तान्या कामुक हो जाती है और सिसकियाँ भरते ही आँख खुल जाती है।
तान्या-" ओह्ह सूर्या तू दवाई लगा रहा है या चूत में ऊँगली कर रहा है" 
सूरज-"दीदी में तो दवाई ही लगा रहा हूँ लेकिन ये देखो आपकी चूत तो बहने लगी, आपकी चूत तो रस छोड़ रही है" तान्या को मजा आने लगता है, सूरज चूत के लाल दाने को कुरेदने लगता है।
तान्या-"ओह्ह्हउफ़ सूर्या मजा आ रहा है, तेरी ऊँगली में जादू है, ऐसे ही ऊँगली कर दे में झड़ जाउंगी" 
सूरज-"दीदी आप कहे तो लंड डालकर आपकी चूत की आग बुझा दू" 
तान्या-"नहीं सूरज आज नहीं कल चौद लेना, कल तक में ठीक हो जाउंगी" सुरज तेजी से ऊँगली अंदर बहार करने लगता है और तान्या का जिस्म अकड़ने लगता है और एक तेज पिचकारी के साथ पानी छोड़ने लगती है, सूरज चूत का सारा पानी मुह लगा कर पी जाता है । चूत में जीव्ह डालकर साफ़ करके तान्या के पास ही सो जाता है ।
सुबह 8 बजे तान्या और सूरज जागते हैं। 
तान्या-"गुड़ मॉर्निंग मेरे प्यारे भाई" गले लगा कर किस करती है सूरज भी गले लगा कर किस्स करता है और गुड़ मॉर्निंग बोलता है। दोनों लोग कंपनी जाने के लिए फ्रेस और तैयार होकर नीचे जाते हैं, 
संध्या-" जाग गए मेरे दोनों अनमोल रत्न" सूरज और तान्या संध्या को गले लगा कर किस्स करते हैं और गुड़ मॉर्निंग बोलते हैं।
संध्या दोनो बच्चों को नास्ता देती है । 
सूरज-"दीदी आप कंपनी अकली जाओ आज,मुझे कुछ काम है" तान्या समझ जाती है की सूरज अपनी सगी माँ बहनो से मिलने तान्या-"ठीक है मेरे भाई, तू जहाँ जा रहा है वहां में भी आउंगी,कंपनी का काम निपटा कर" तान्या कंपनी चली जाती है। सूरज भी अपना बेग लेकर फ़ार्म हाउस निकल जाता है । 
फ़ार्म हाउस पहुँचते ही तनु दौड़ती हुई सूरज को गले लगा लेती है, ऐसा लग रहा था जैसे दो प्रेमी वर्षो बाद मिल रहे हो ।
तनु-" क्यूँ रे सूरज तुझे मेरी बिलकुल याद नहीं आती, तू तो अब बिलकुल मेरा ख्याल नहीं रखता" 
सूरज-"दीदी अब में आ गया हूँ,अब आपका ही ख्याल रखूँगा" यह कह कर सूरज तनु को कस कर गले लगा लेता है और होंठो पर किस्स करता है । तनु सूरज को घर के अंदर लेकर जाती है तभी पूनम सूरज को देख कर उसे गले लगा लेती है। 
रेखा किचेन में खाना बना रही थी, सूरज दौड़ कर माँ को गले लगा लेता है ।
रेखा-"मेरा बच्चा मुझे तो भूल ही गया, तुझे मेरी याद नहीं आती" रेखा सूरज से गुस्सा होते हुए बोली।
सूरज-"अरे माँ कंपनी के काम से फुरसत नहीं मिल पाती है, अब बस कुछ ही दिन की परेसानी है, फिर देखना माँ में इस घर को खुशियों से भर दूंगा" सूरज का इशारा पापा की तरफ था ।
रेखा-" तू आ गया ये ही मेरे लिए सबसे बड़ी ख़ुशी है" 
सूरज-" माँ एक और ख़ुशी है जिसे में वक़्त आने पर बताऊंगा आपको, आप सुनकर खुश हो जाओगी" रेखा को लगा शायद सूरज ने अपने लिए कोई लड़की देख ली है, 
रेखा-" क्या कोई लड़की देख रखी है तूने?" 
पूनम और तनु भी थोड़ी हैरान होती है।
सूरज-"अरे नहीं माँ लड़की बडकी मेरे बस की बात कहाँ है,आप बस कुछ दिन रुको, तब बताऊंगा" रेखा हँसाने लगती है यह सुनकर ।तनु और पूनम भी काफी उत्सुकता से जानना चाहती थी की कौनसी खुशियाँ लाएगा सूरज । 
रेखा-" पूनम बेटा खाना बनबाने में मेरी मदद कर दे, सूरज भूका होगा" 
पूनम-"ठीक है माँ" 
तनु-"सूरज तू मेरे साथ आ तुझसे बहुत सारी बातें करनी है आज" तनु सूरज को पकड़ कर फ़ार्म हॉउस में बनी झाड़ियों में ले जाती है और एकांत में जाकर सूरज को गले लगा कर चूमने लगती है। सूरज भी तनु को चूमने चाटने लगता है । दस मीनट बाद सूरज तनु के बूब्स और गांड मसलने लगता है । तनु घाघरा चोली पहने थी, सूरज घाघरा उठा कर तनु की चूत चाटने लगता है, तनु पेंटी नहीं पहनी थी। सूरज तनु को हरी घास में लेटा कर चूत में लंड घुसेड़ देता है। और तेज तेज धक्के मारने लगता है ।तनु बहुत दूँ की प्यासी थी इसलिए आज मन भर कर चुदना चाहती थी ।

इधर पूनम घर की साफ़ सफाई करती है तभी उसे सूरज का बेग दिखाई देता है ।
पूनम समझ जाती है सूरज उसके लिए अमेरिका से कपडे लेकर आया होगा, पूनम जल्दी से बेग को अपने कमरे में ले जाकर खोलती है । पूनम बेग में से कपडे निकलती है जिसमे नई फेशनेवाल ड्रेस थी जो ऊपर और नीचे से शार्ट थी । पूनम अपने साइज़ की दो स्कर्ट टीशर्ट और जीन्स निकाल कर देखती है। बहुत ही मोर्डन ड्रेस को देख कर पूनम खुश हो जाती है। पूनम तनु की ड्रेस देखने लगती है जो उसी के साइज़ की थी। पूनम के बूब्स और गांड तनु से बड़ी थी जिससे पूनम ने अंदाज़ा लगा लिया था और पूनम काफी लंबी भी थी।तनु की ड्रेस भी ठीक थी । लेकिन पूनम की स्कर्ट और टीशर्ट बहुत छोटी थी जिसे पहनना पूनम के लिए सोचनीय था चूँकि आज तक उसने सलवार सूट और जीन्स कुरता ही पहना था। पूनम बेग में हाँथ डालकर एक पोलिबेग निकाळती है जिसमे दो जोड़ी ब्रा और पेंटी थी, पूनम ब्रा और पेंटी देख कर हैरान रह जाती है की सूरज यह फेसनेवल जालीदार ब्रा और पेंटी मेरे लिए लाया है । पुनम पेंटी देखती है जो बहुत छोटी थी चूत बाली जगह जाली थी और गांड बाले हिस्से में एक लेस थी जो गांड में समां जाती हो । पूनम ऐसी पेंटी देख कर शर्मा जाती है की सूरज यह मेरे लिए क्यूँ लाया है । पूनम काफी देर तक सोचने लगती है । पूनम ब्रा और पेंटी वापिस बेग में रखने लगती है तभी बेग में उसे कुछ कठोर सा डंडा स्पर्श होता है । पूनम हाँथ डालकर निकालती है तो हैरान रह जाती है, पूनम के हाँथ में रबड़ का लंड था,(सूरज संध्या के लिए लाया था जिसे देना भूल गया और बेग में ही रह गया) पूनम उसे देख कर हैरान थी, पूनम ने इंटरनेट पर सहेली के साथ एक दो बार पोर्न फिल्मे देखि थी उन फिल्मो में लड़कियां ऐसे ही नकली लंड से अपनी हवस को शांत करती हैं। पूनम की साँसे तेजी से चलने लगती हैं। पूनम डिडलो को हाँथ में लेकर मुठियाने लगती है । बहुत ही मोटा और लंबा लंड को देख कर पूनम की चूत पानी छोड़ने लगती है । सूरज कभी भी आ सकता था इसलिए डिडलो और सारे कपडे ज्यो के त्यों बेग में रख देती है और बेग जहां से उठाया था वहीँ रख देती है ताकि सूरज को शक न हो ।
इधर सूरज तनु की ताबड़ तोड़ चुदाई करने के बाद जल्दी से कपडे पहन कर आने लगता है । तनु तीन चार बार झड़ चुकी थी चुदाई के दौरान इस लिए तनु आज बहुत खुश थी । सूरज और तनु घर आकर फ्रेस होकर डायनिंग टेवल पर बैठ जाते हैं । पूनम गुमसुम थी उसके दिमाग में अभी तक ब्रा पेंटी और डिडलो ही घूम रहा था । कई सवालो ने उसे घेर लिया था आखिर सूरज यह किसके लिए लाया है ।
पूनम-' मन में! सूरज ऐसी जालीदार पेंटी और ब्रा किसके लिये लाया है,और वो डिडलो, कहीं ऐसा तो नहीं है यह सामान तान्या लेकर आई हो, उसी ने सूरज के बेग में रख दिया हो, मेरा भाई बहुत सीधा है । उसका तो अभी कहीं किसी के साथ अफेयर भी नहीं है।और कोई भाई अपनी बहन के लिए ला नहीं सकता, जरूर ये तान्या ने ही धोके से रख दिए होंगे""""
पूनम यह सोच ही रही थी तभी फ़ार्म हॉउस पर तान्या की गाडी आकर रुकी। तान्या जैसे ही अंदर आती है सूरज खुश हो जाता है, पूनम समझ जाती है ये तान्या है ।
सूरज तान्या का सबसे परिचय करवाता है।
सूरज-" ये मेरी सबसे बड़ी बहन पूनम हैं" तान्या पूनम को गले लगा लेती है ।तभी तनु बोलती है।
तनु-"और में सूरज की दूसरी बहन तनु" तान्या खुश होकर तनु को हग कर लेती है। तभी रेखा आ जाती है। 
सूरज-"मेरी प्यारी माँ हैं" तान्या रेखा को गले लगाती है, रेखा भी तान्या के सर पर किस्स करती है फिर सूरज तान्या का परिचय देता है और वास्तविक सच्चाई छुपा लेता है ।
सूरज-"यह मेरी तान्या दीदी हैं,इन्ही की कंपनी में मैं नोकरी करता हूँ," पुनम समझ जाती है की सूरज कुछ छुपा रहा है क्योंकि सूरज तान्या की नज़र में उसका भाई सूर्या है । रेखा और तनु तो बहुत खुश थी तान्या से मिल कर सब लोग साथ में खाना खाते हैं। सब लोग आपस में बातें करते है । तान्या पूनम और तनु के साथ काफी घुल मिल जाती है । शाम के 7 बज जाते हैं।
तान्या-" सूरज चलो अब घर चलते हैं"
सूरज-"दीदी आज बहुत दिनों बाद आया हूँ आप अकेली चली जाओ,में सुबह आ जाऊँगा" तान्या सबको हग करके चली जाती है । इधर पूनम अभी भी अपनी सोच में डूबी थी। सूरज अपने कमरे में बेग लेकर जाता है तनु और पूनम के कपडे निकाल देता है। तनु अपने कपडे देख कर बहुत खुश होती है। पूनम भी खुश थी लेकिन अभी भी ब्रा और पेंटी डिडलो के बारें में सोच रही थी। रात के 9 बजे पूनम सूरज के कमरे में जाती है ।

रात के 9 बजे फ़ार्म हाउस पर सभी लोग जल्दी सो जातें हैं। तनु आज तीन चार बार चुदाई करवाने के कारण जल्दी सो जाती है। पूनम को नींद नहीं आ रही थी,चुकीं उसके मन में कई सवाल चल रहे थे। पूनम अकेली अपने कमरे में सोती है और तनु अलग कमरे में।
सबके पास अपना अलग कमरा है ।पूनम और सूरज का कमरा बराबर में ही था,जब कभी सूरज आता तो अपने कमरे में ही सोता था । पूनम सूरज के रूम में जाती है, सूरज मोबाइल पर तान्या से बात कर रहा था। जैसे ही पूनम अंदर आती है सूरज खड़ा हो जाता है और फोन काट देता है ।
सूरज-"अरे दीदी आप अभी तक सोई नहीं?" 
पूनम-" मुझे नींद नहीं आ रही है सूरज तो सोचा तुझसे ही बात कर लू" पूनम मेक्सी पहनी हुई थी।
सूरज-" ओह्ह ठीक किया दीदी आओ बैठो" सूरज पूनम को बेड पर बैठाता है ।
पूनम-" सूरज मुझे तुझसे कुछ बात करनी थी!"
सूरज-" हाँ दीदी बोलो" 
पूनम-" तान्या को तूने बता दिया क्या की तू सूर्या नहीं सूरज है?"
सूरज-" हाँ दीदी बता दिया,लेकिन अब वो हमारी सगी बहन ही है" 
पूनम-"मतलब सगी बहन, में समझी नहीं" सूरज अमेरिका वाला पूरा वाक्या बता देता है की अमेरिका में हमारे पापा मिले। तान्या और हमारा वाप एक ही है, पापा ने दो शादी की । सूरज सब समझाता है,पूनम यह सुनकर हैरान रह जाती है।
पूनम-"मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है की पापा जिन्दा है, मुझे उनका फोटो दिखा सूरज" सूरज मोबाइल पर फोटो दिखाता है।
सूरज-" दीदी अब सबकुछ ठीक हो जाएगा, कुछ ही दिन में पापा आएंगे घर पर लेकिन तुम यह बात माँ और तनु दीदी को मत बताना" 
पूनम-"ठीक है मेरे भाई मुझे तूझपर नाज़ है तुने हमारी सबकी ज़िन्दगी ही बदल दी" 
सूरज-" दीदी मुझे तुम्हारा साथ चाहिए, पापा और माँ को मिलवाने में,संध्या माँ को में संभाल लूँगा" 
पूनम-"में हमेसा तेरे साथ हूँ मेरे भाई"
सूरज-" सब कुछ ठीक होते ही में आपके लिए अच्छा सा लड़का देख कर शादी कर दूंगा" पूनम पहले शर्मा जाती है फिर बोलती है।
पूनम-" तुझे मेरी शादी की बड़ी फ़िक्र है, में तुझे और घर को छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी" 
सूरज-"दीदी शादी भी तो बहुत जरुरी है, इसलिए ही तो फ़िक्र है, आप कहीं मत जाना लड़का घर जमाई ढूंढ लेंगे" सूरज हँसते हुए बोला।
पूनम-"लड़का घर जमाई होगा तब तो ठीक है, लेकिन शादी अभी तीन चार साल तक नहीं करनी है" 
सूरज-" ओह्ह दीदी तीन चार साल में क्या कर लोगी आप, आपके बाद तनु दीदी की भी तो शादी करनी है और तान्या दीदी की, अभी से नम्बर लगाउँगा तो चार पांच साल इन शादियों के झमेले में ही निकल जाएगी" 
पूनम-' सबकी शादी करने के बाद तू अपनी शादी करने के फ़िराक में होगा, तू ही कर ले अपनी, कोई लड़की देख ली है क्या तूने?" 
सूरज-"अरे दीदी मुझसे भला कौन शादी करेगा, मुझे शादी की जरुरत नहीं है अभी" 
पूनम-" तू झूठ बोल रहा है सच बता कोई गर्ल फ्रेंड है क्या तेरी, अगर हो तो बता में माँ से बात में कर लुंगी शादी की" 
सूरज-"नहीं दीदी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है, में आपकी शादी की बात कर रहा हूँ और आप मेरे ही पीछे पड़ गई, गाँव में आपके साथ की सभी लड़कियों की शादी हो चुकी है और सब पर तीन चार बच्चे भी हैं" पूनम यह सुनकर शर्मा जाती है ।
पूनम-" ओह्ह्ह सूरज तू भी पागल है, मतलब अगर में भी उस समय शादी कर लेती तो तीन चार बच्चे मुझपर भी होते"
सूरज-"हाँ दीदी चार पांच तो हो जाते अभी तक" पूनम शर्म से मरी जा रही थी,पहली बार सूरज से इतनी बातचित कर रही थी।
पूनम-"ओह्ह अभी तो तीन चार बच्चे कह रहा था अब ये पांच बच्चे कहाँ से आ गए?" 
सूरज-" अब तक पांचवां भी हो जाता" सूरज भी शर्मा कर बोला।पूनम भी अंदर ही अंदर बहुत शरमा रही थी ।
पूनम-" ओह्ह्ह पांच बच्चे, मेरे बस की बात नहीं, बच्चों की लाइन तो तू ही लगाना अपनी शादी के बाद, में तो एक या दो बच्चे बस" 
सूरज-" मेरी शादी तो पता नहीं कब होगी दीदी, लेकिन अभी आपकी शादी हो जाए तो आप लाइन लगा सकती हो" 
पूनम-"उफ्फ्फ तू न पागल है, तुझे मेरी शादी की फ़िक्र है या मेरे बच्चों की लाइन लगवानी है" 
सूरज-" दीदी मुझे मामा बनना है, आपके बच्चे घर में खेलेंगे तो सबका मन लगा रहेगा, माँ का भी अकेलापन दूर हो जाएगा" 
पूनम-" ज्यादा सपने मत देख,में अभी शादी नहीं करुँगी और शादी के चार पांच साल तक बच्चा नहीं" 
सूरज-"मतलब दीदी आपने अपनी फेमिली प्लानिंग कर ली है, और शादी के चार पांच साल तक बच्चे नहीं करोगी,फिर क्या करोगी" 
पूनम-" ऐश करुँगी, दुनिया की सैर करुँगी" 
सूरज-" ओह्ह्ह वाव्व्व् दीदी,लेकिन आपके पति नहीं माने तो और बच्चा कर लिया तो" 
पूनम-"में करने ही नहीं दूंगी" 
सूरज-"मतलब समझा नहीं में" 
पूनम-"तू अभी नहीं समझेगा पगले" हँसते हुए बोली । तभी पूनम को डिडलो और पेंटी ब्रा की याद आती है जो सूरज के बेग में थी।
पूनम-"सूरज एक बात पुछु तुझसे?" 
सूरज-"हाँ बोलो दीदी" 
पूनम-" कुछ देर सोचती है फिर मना कर देती है-" कुछ नहीं बस ऐसे ही" 
सूरज-"अरे दीदी बोलो न" 
पूनम-" बात को घुमा देती है-" वो तू कपडे बहुत अच्छे लाया है लेकिन स्कर्ट और टॉप बहुत शार्ट है, सबके सामने कैसे पहनूँगी उसे" 
सूरज-"दीदी मैंने तो पहले ही आपसे बोला था की अमेरिका में लड़कियां शार्ट कपडे पहनती है, आपके बाले तो फिर भी ठीक है बरना वहां तो इससे भी छोटे कपडे पहनती हैं" 
पूनम-" हाँ पता है मुझे" सूरज चोंक जाता है।
सूरज-"आपको कैसे पता दीदी, आपने कहाँ देखे" अब पूनम चोंकती हैं चुकी उसने अमेरिकन पोर्न मूवी देखी हैं इंटरनेट पर कई बार ।
पूनम-" सॉरी देखा नहीं है सुना है सहेलियों से" पूनम फिर से बात घुमा देती है।
सूरज-"मतलब आपकी सहेलियों ने देखें हैं, दीदी आपकी सहेलियां तो बहुत एक्सपर्ट हैं" 
पूनम-"हाँ लेकिन तू इतना क्यूँ चोंक रहा है तू तो अमेरिका घूम कर आया है तुने कैसे कपड़ो में लड़कियों को देखा, फोटो खेंच कर लाया है दिखा मुझे भी" 
सूरज-" दीदी बहुत गन्दा देश है, आप मत देखो फोटो" 
पूनम-"क्यूँ कैसे फोटो हैं, अच्छा दिखा मत मुझे व्हाट्सअप पर सेंड कर दे, अब में अपने कमरे में जा रही हूँ" 
पूनम अपने कमरे में जाकर लेट जाती है और व्हाट्सअप चलाने लगती है ।
पूनम बेड पर लेटते ही मोबाइल उठाकर सूरज को व्हाट्सअप पर मेसेज भेजती है।
पूनम-" तूने फोटो नहीं भेजी अभी तक?"
सूरज-" ओके दीदी wait,अभी भेज रहा हूँ" सूरज नैला और सैला तान्या के साथ बाला फोटो भेजता है।
पूनम नैला और सैला को पेंटी ब्रा में देखती है तो हैरान रह जाती है ।
पूनम-" ओह्ह्ह यह अंग्रेजिन कौन है" 
सूरज-" दोनों माँ बेटी हैं,हमें बीच पर मिले थे, देखा दीदी अमेरिका में लड़कियां कैसे कपडे पहनती हैं" 
पूनम-" मतलब तू और तान्या बीच पर भी गए थे, क्या तान्या ने भी ऐसे ही कपडे पहन कर नहाईं थी" 
सूरज-"नहीं दीदी! तान्या दीदी शर्म की बजह से नहीं नहाईं" 
पूनम-"ओहके! जगह तो बहुत सुन्दर है" 
सूरज-" दीदी आप चलोगी अमेरिका घूमने, बीच पर घुमा कर लाऊंगा आपको" 
पूनम-" सच! तू लेकर जाएगा मुझे" 
सूरज-"हाँ दीदी जब भी मन हो तो बता देना' 
पूनम-" आज तक तूने मुझे इस शहर में तो घुमाया नहीं, अमेरिका क्या घुमाएगा, तू बस मेरा मन बहलाने के लिए बोल देता है" 
सूरज-" ओह्ह दीदी सच बोल रहा हूँ, चलो कल आपको शहर घुमा ही देता हूँ, अब सो जाओ दीदी" 
पूनम-" ठीक है सूरज, गुड़ नाईट" 
पूनम फोन रख देती है और आज की दिन चर्या के बारे में सोचने लगती है, पूनम अभी भी सूरज के बेग में निकले नकली रबड़ के लंड के बारे में सोचती है और ब्रा पेंटी के बारे में, आखिर सूरज किसके लिए लाया है ये सब, पूनम सोचती है इतना बड़ा डिडलो कौन अपनी चूत में घुसेंड कर हस्तमैथुन कर सकती है, आज तक पूनम ने सिर्फ ऊँगली या केला चूत में डालकर अपनी कामाग्नि को शांत किया था, लेकिन आज मोटे लंबे डिडलो को देख कर उसकी चूत में सुरसुराहट शुरू हो चुकी थी । पूनम मेक्सी के अंदर हाँथ डालकर पेंटी के ऊपर से ही अपनी चूत सहलाने लगती है ।
Reply
12-25-2018, 01:14 AM,
#47
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
पूनम ने जैसे ही चूत के फांको को मसला उसका जिस्म सिहर उठा, साँसे ऊपर नीचे चलने लगी, बूब्स के निप्पल तन कर खड़े हो जाते हैं। पूनम एक हाँथ से चूत को सहलाती है तो दूसरे हाँथ से बूब्स मसलती है। जिस्म में कामुक उत्तेजना का उफान बढ़ने लगता है तो पूनम मेक्सी और पेंटी उतार देती है,पूनम की कुँवारी चूत पर हल्के हलके बाल उसकी चूत की शोभा बढ़ा रहे थे, पूनम झान्टो पर उंगलिया फिराने लगती है,फिर चूत की फांको में एक ऊँगली डालकर चूत के मुख पर लाल दाने को सहलाते ही उसका जिस्म झटके मारने लगता है, पूनम ऊँगली से चूत को छेड़ने लगती है,और जब उत्तेजना बढ़ जाती है तो चूत में ऊँगली डालकर घर्षणकरने लगती है। चूत से लगातार कामरस बह कर उसकी उंगलियां भीगने लगती है, बहता कामरस उसकी चूत में चिकनाई का काम कर रहा था । पूनम चूत में आज पूरी ऊँगली घुसेड़ने का प्रयास करती है परंतु चूत की गहराई और ऊँगली का छोटापन के कारण उसे आनंद नहीं आ रहा था, पूनम के मन में एक आइडिया आता है वो मेक्सी पहन कर किचेन में जाती है और आनन् फानन में दो केले उठाकर अपने कमरे में आकर तत्काल मेक्सी से उतार कर अपने जिस्म को आज़ाद कर देती है और दोनों टाँगे फेला कर बैठ जाती है, पूनम चूत की गर्मी और जिस्म की हवस के आगे गुलाम बन जाती है, पूनम एक केले का छिल्का उतार कर अपनी चूत में प्रवेश करती है, केला अंदर जाते ही चूत की दीवारो से रगड़ता है तो पूनम के मुख से सिसकारी फूटने लगती है, केले को जोरो से अंदर बाहर करने के कारण केला टूट जाता है, पूनम उल्टी होकर चूत से केला निकाल कर दूसरा केला चूत में डालती है, पांच मिनट तक केला चूत में अंदर बाहर करती है और झड़ जाती है, पूनम को आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया, पूनम की चूत से पानी की नदिया बहने लगती है, पूनम एक टेवल पर रखी एक प्लेट उठाकर चूत के आगे लगा देती है ताकि बेड और चादर गन्दी न हो, थोडा सा चूतरस प्लेट में आ जाता है बाकी एक कपडे से साफ़कर देती है, दोनों केला उसी प्लेट में रख देती और मेक्सी पहन कर लेट जाती है, पूनम काफी थक चूकी थी इसलिए लेटते ही नींद आ गई ।
सुबह 7 बजे सूरज की आँख खुलती है और जल्दी से फ्रेस होता है कंपनी जाने के लिए, तैयार होकर सूरज देखता है की सिर्फ माँ ही जगी हुई थी,वो किचेन में नास्ता तैयार कर रही थी।सूरज किचेन में जाता है और माँ को गुड़ मॉर्निंग बोल कर हग करता है ।
रेखा-" बेटा बड़ी जल्दी जग गया तू" 
सूरज-" माँ पूनम और तनु दीदी अभी तक नहीं जगी" 
रेखा-" अभी कहाँ बेटा दोनों 8 बजे से पहले नहीं जगती हैं" 
सूरज-" अभी दोनों कुम्भकरण को जगा कर आता हूँ" सूरज सबसे पहले पूनम के कमरे में जाता है। पूनम बेसुध होकर तकिया को अपनी जांघो में फसां कर सोई हुई थी, मेक्सी ऊपर होने के कारण उसकी एक जांघ नंगी दिखाई देती है। सूरज पास आकर पूनम को जगाता है ।
सूरज-" दीदी उठो, और कितना सोओगी" पूनम कसमसा कर दूसरी ओर करवट लेकर सो जाती है इस बार पूनम की भारी भरकम नितम्ब सूरज के सामने आ जाते हैं, सूरज देख कर अनदेखा करते हुए पुनः जगाने लगता है।
सूरज-" दीदी उठो, सुबह हो गई" इस बार सूरज पूनम को पकड़ कर जगाता है, पूनम अंगड़ाई लेकर उठती है।
पूनम-" सोने दे न सूरज, क्यूँ जगा दिया तूने" 
सूरज-" दीदी सुबह हो गई और कितना सोओगी, माँ अकेली किचेन में नास्ता बना रही हैं" 
पूनम-" तू नास्ता कर ले न जाकर" 
सूरज-" दीदी मुझे कंपनी जाना है" 
पूनम-" आज कहीं नहीं जाएगा तू, आज तू मुझे घुमाने ले जाएगा,कल तूने प्रोमिस किया था" 
सूरज-" ओह्ह ठीक है दीदी आप जल्दी तैयार हो जाओ,पहले कंपनी चलेंगे,फिर वहां से घूमने चलेंगे" 
पूनम-"तू मुझे कंपनी दिखाएगा आज, रुक में अभी तैयार होती हूँ" पुनम यह कह कर कमरे में बने बाथरूम में घुस जाती है,सूरज उठने वाला ही होता है तभी उसे टेवल पर प्लेट रखी दिखाई देती है जिसमे केले रखे हुए थे, यह वही केले थे जो रात में पूनम ने अपनी चूत में डालकर अपनी हवस शांत की थी, और फेंकना भूल गई थी । 
सूरज को केला बहुत पसंद थे, अक्सर सुबह उठकर दूध के साथ खाता है, सूरज प्लेट उठाकर एक केला खाने लगता है, सूरज जैसे ही केला मुह में लेकर थोडा सा खाता है तो उसके होंठो पर और जीव्ह पर पूनम की चूत का कामरस आ जाता है, सूरज को थोडा अटपटा सा स्वाद लगता है, लेकिन फिर उसके मन में आता है की ज्यादा देर रखे होने के कारण केला पिघल गया है उसी की बजह से चिपचिपा रहा है और स्वाद भी बदल गया है। सूरज को ये केले और ज्यादा स्वादिष्ट लग रहे थे, सूरज प्लेट के सभी केले के टुकड़े खा लेता है,फिर देखता है प्लेट पर केला का जूस लगा हुआ है, ये केले का जुस नहीं बल्कि पूनम की चूत का जूस था जिसे सूरज चाटने लगता है । कामरस और केले का वास्तवीक रस घुला हुआ था। सूरज को यह जूस बहुत स्वादिष्ट लगता है, सूरज बड़े चाव से चाटने लगता है । तभी बाथरूम का दरवाजा खुलता है और पूनम जैसे ही सूरज को देखती है तो हैरान रह जाती है उसके पैरो के नीचे से जमीन खिसक जाती है, सूरज उसकी चूत से निकला पानी प्लेट से मुह लगा कर जीव्ह से चाट रहा था, पूनम को ऐसा लगा जैसे सूरज प्लेट से चूतरस नहीं बल्कि उसकी चूत चाट रहा हो।
पूनम-" सूरज ये क्या कर रहा है" 
सूरज-" दीदी केले का जूस पी रहा हूँ,
पूनम-" इसमें रखे केले कहाँ गए" 
सूरज-" वो तो में खा गया दीदी, केले देखकर मुह में पानी आ गया, इसलिए सारे केले खा गया" पूनम हैरान रह जाती है और सोचती है इसे स्वाद भी अलग नहीं लगा,
पूनम-" ओह्ह्ह वो तो ख़राब केले थे, में फेंकने ही वाली थी"
सूरज-" ख़राब केले थे, ख़राब कैसे हो गए,मुझे तो बहुत स्वादिष्ट लगे" 
पूनम-(झूठ बोलते हुए)-" वो काफी देर के रखे हुए थे इसलिए ख़राब हो गए होंगे" 
सूरज-" दीदी आप उनको ख़राब बोल रही हो जबकि इतने स्वादिष्ट केले मैंने आज तक नहीं खाए, और वो केला का जूस भी बहुत स्वादिष्ट था" सूरज हँसते हुए बोला,पूनम यह सुनकर उसकी चूत गीली होने लगती है।
पूनम-" ओह्ह सूरज, अब केले खा लिए न, तो अब जल्दी से चल कंपनी" पूनम बात को टालते हुए बोलती है।
सूरज-" दीदी बस अभी चल रहे हैं, पहले आप वादा करो की मुझे ऐसे केले आज फिर खिलाओगी" पूनम हैरान रह जाती है, और सोचने लगती है की मेरे छोटे भाई ने ये कौनसी दुबिधा में डाल दिया मुझे अब इसे कैसे बताऊ की यह मेरी चूत के पानी की बजह से स्वादिष्ट लग रहे हैं। अपने सगे भाई को भला कौनसी बहन अपनी चूत से निकले हुए केले खिलाएगी ।
सूरज-" क्या हुआ दीदी बोलो न,केले खिलाओगी न" पूनम वर्तमान में आती है ।
पूनम-" आते समय केले ले आउंगी पूरी रातभर खाते रहना" 
सूरज-" दीदी मुझे स्वादिष्ट बाले केले खाने है" 
पूनम-"ओह्ह्हो मेरे भाई खा लेना, अब जल्दी से मुझे कपडे पहनने दे, और तू भी जल्दी से नास्ता कर ले, चलना नहीं है क्या" 
सूरज-" ओह्ह ठीक है दीदी आप कपडे पहनो, में नास्ता करके आता हूँ ।
10 मिनट बाद पूनम तैयार होकर बाहर आ जाती है और जल्दी से नास्ता करके सूरज के साथ कंपनी निकल जाती है ।

सूरज और पूनम दोनों बहन भाई कंपनी के लिए साथ साथ निकल जाते है, सूरज गाडी चलाता है और पूनम बगल बाली सीट पर बैठी गुमसुम अपनी सोच में डूबी हुई थी, पूनम केले बाली घटना को लेकर चिंतित थी, और हैरान थी की सूरज उसकी चूत से निकले केले और पानी को कैसे चाट गया, पूनम की चूत में चीटियाँ सी रेंग जाती थी जब वो यह घटना के बारे में सोचती थी।
सूरज-" दीदी क्या हुआ, कुछ तो बोलो" पूनम अपनी सोच से बाहर निकलती है। और विषय बदलती है ।
पूनम-" सूरज पापा कब आएँगे, माँ को पापा बाली बात क्यूँ नहीं बताई अभी तक" 
सूरज-" दीदी बस एक दो दिन रुक जाओ, पापा आने बाले हैं एक दो दिन में, तब तक में कुछ और प्लानिंग के बारे में सोचा है" 
पूनम-" प्लानिंग कैसी प्लानिंग सूरज"
सूरज-" दीदी माँ और पापा 22 साल बाद मिलेंगे तो एक बढ़िया सी पार्टी तो होनी ही चाहिए, पार्टी 15 जुलाई को रखी है उसी दिन माँ और पापा की शादी की साल गिरह भी है, माँ और पापा का मिलन उसी दिन हो तो अच्छा लगेगा" 
पूनम-"वह्ह्ह् यह तो बहुत अच्छा सोचा है, लेकिन पार्टी कहाँ अरेंज करेंगे, और माँ को क्या बोलेंगे पार्टी के बारे में" 
सूरज-" पार्टी हमारे फ़ार्म हॉउस में ही होगी, बस आप माँ को तैयार कर लेना कोई बहाना बना कर" 
पूनम-" मतलब माँ और पापा की शादी जैसा कार्यक्रम करना है" चोंकते हुए ।
सूरज-" हाँ दीदी, इतने वर्ष बाद मिलेंगे तो कुछ अच्छा कार्यक्रम तो होना ही चाहिए" 
पूनम-" ठीक है सूरज, लेकिन माँ के कपडे और बहुत सारा सामन खरीदना पड़ेगा" 
सूरज-" आप माँ को लेकर जाओगी कपडे खरीदने और हाँ दीदी माँ को पार्लर भी लेकर जाना" 
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तू माँ को दुल्हन बनाना चाहता है" 
सूरज-" माँ बाप अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए अपना पूरा जीवन लगा देते हैं तो क्या हम अपने माँ बाप की ख़ुशी के लिए इतना भी नहीं कर सकते, 22 साल से माँ पापा से अलग रही है, कितना खुश होंगी जब वो पापा को देखेंगी और पापा माँ को, पापा और माँ के जीवन में फिर से खुशियाँ लौट कर आएंगी,माँ एक फिर से दुल्हन बनेगी" 

पुनम-" ओह्ह्ह तेरी बात ठीक है लेकिन माँ को इस उम्र में दुल्हन बनाना क्या ठीक रहेगा" 
सूरज-" माँ की उम्र 44 वर्ष की जरूर है परन्तु माँ अभी 34 वर्ष की ही लगती है, आप देखना दीदी माँ बहुत खुश होगी, बस आपका साथ चाहिए मुझे" 
पूनम-" में तो हमेसा तेरे साथ हूँ,तू जो भी करेगा अच्छा ही करेगा" 
सूरज-" बैसे दीदी एक बात तो आपकी और तनु दीदी की शादी की उम्र है और हम माँ और पापा की शादी करबा रहें हैं" 
पूनम-" तुझे बहुत फ़िक्र है मेरी और तनु की शादी की, तूने मुझे घर से निकालने का मन बना लिया है लेकिन में अभी शादी नहीं करुँगी सूरज" 
सूरज-" दीदी आपका बिलकुल मन नहीं है शादी करने का" 
पूनम-" मन तो है लेकिन अभी नहीं" 
सूरज-" चलो कोई बात नही दीदी, जब मन करे तो बता देना आपकी शादी करबा दूंगा" 
सूरज हँसते हुए बोलता है, बात करते करते कंपनी आ जाते हैं, तान्या पूनम को देख कर बहुत खुश होती है, पूनम इतनी बड़ी फेक्ट्री और कंपनी देख कर हैरान रह जाती है, तान्या और सूरज दोनों लोग पूनम को कंपनी दिखाते हैं, सूरज कंपनी में अपना काम निपटा कर पूनम को लेकर एक रेस्टोरेंट चले जाते हैं, दोनों लोग नास्ता करके फन सिटी घूमने जाते हैं, फन सिटी में पूनम और सूरज बहुत मस्ती करते हैं, उसके बाद सूरज पूनम को लेकर मॉल में जाता है दोनों लोग मूवी देखते हैं, पूनम आज बहुत खुश थी, इतना मजा उसे आज तक नहीं आया,मूवी देखने के बाद सूरज मॉल से कपडे खरीदने लगता है, तनु और रेखा के लिए मेक्सी और साडी खरीदता है, पूनम भी अपने लिए कपडे खरीदती है, दो तीन जीन्स और सलवार सूट लेने के बाद सूरज पेमेंट करता है तभी पूनम के मोबाइल पर रेखा का फोन आता है, रेखा विस्पर(पेड़) लाने के लिए बोलती है, पूनम और सूरज मॉल से निकल कर बाहर आते हैं, पूनम को एक मेडिकल दिखाई देता है, पुनम पेड लाने की सोचती है लेकिन सूरज की बजह से शरमा रही थी।
पूनम-" सूरज मुझे कुछ पैसे देना" पूनम पेड़ के लिए पैसे मांगती है, सूरज एक हज़ार रुपए निकाल कर पूनम को देता है। 
पूनम-" सूरज पांच मिनट तू यही रुक में अभी आई" 
सूरज-" दीदी कहाँ जा रही हो, मे भी साथ चल रहा हूँ" 
पूनम-" बस पांच मिनट रुक में मेडिकल स्टोर से कुछ दवाई लेकर आती हूँ" पूनम झूठ बोलती है।
सूरज-" दवाई किसको लेकर जा रही हो, क्या हुआ आपको" 
पूनम-" अरे तू टेंसन मत ले, दवाई माँ के लिए लेकर जा रही हूँ, बस पांच मिनट रुक जा" पूनम मेडिकल स्टोर पर चली जाती है, सूरज देख रहा था, पूनम ने पांच विस्पर पेड ले लिए ताकि आगे भी काम आते रहें। दुकानवाला विस्पर को एक पॉलीथिन में रख कर दे देता है। सूरज समझ नहीं पा रहा था की क्या है पॉलीथिन में, पूनम सूरज के पास आती है।
सूरज-" दीदी पॉलीथिन में इतनी दवाई का क्या होगा, इसमें तो बहुत सारी दबाई मालुम होती है" पूनम के पास कोई जवाब नहीं था, पूनम जैसे ही गाडी में बैठने बाली होती है तभी उसका पैर फिसल जाता है और विस्पर की पॉलीथिन फट जाती है, विस्पर जमीन पर गिर जाते हैं। सूरज एक दम से पूनम को पकड़ लेता है, पूनम गिरने से तो बच जाती है लेकिन विस्पर की पॉलीथिन गिरने के कारण फट जाती है, सूरज विस्पर को जमीन से उठाकर गाडी की सीट पर रख देता है। 
सूरज-" दीदी आपके चोट तो नहीं लगी कहीं" 
पूनम-"नहीं में ठीक हूँ" सूरज गाडी घर की ओर दौडा देता है ।
सूरज-" दीदी इन पैकेट में क्या है" सूरज पैकेट पर नाम पड़ता है विस्पर। 
पूनम-" कुछ नहीं है रख दे । ये तेरे मतलब के नहीं है" पूनम शरमा रही थी ।
सूरज-" दीदी ये कौनसी दवाई है, और इतनी दवाई माँ के लिए, क्या हुआ है उन्हें, क्या कोई वीमारी है उन्हें, डॉक्टर को दिखा देंगे माँ के लिए" सूरज घबराता हुआ बोला, पूनम समझ जाती है की सूरज को वास्तव में नहीं पता है ये क्या है । हालाँकि सूरज मेसेज माहवारी के बारे में तो जानता था लेकिन विस्पर इस्तेमाल करते हैं यह नहीं पता था। पूनम सूरज की घबराहट और इतने सवाल सुन कर बोल ही देती है ।
पूनम-" ओह्ह्हो सूरज तू घबरा क्यूँ रहा है माँ को कुछ नहीं हुआ है, उनका महीना चल रहा है" पूनम साफ साफ़ बोल देती है लेकिन सूरज फिर भी समझ नहीं पाता है।
सूरज-"क्या महीना चल रहा है, कैसा महीना,साफ़ साफ़ बोलो दीदी" अब बेचारी पूनम क्या बोले। 
पूनम-" जब तेरी शादी हो जाएगी न तब तू अपनी बीबी से पूछ लेना, महीना क्या होता है" 
सूरज-" ऐसा क्या है ये महीना जो सिर्फ बीवी ही बताएगी, आप तो मेरी बड़ी बहन हो आप तो बता सकती हो" 
पूनम-" तू नहीं मान रहा है तो सुन, माँ को मेंसेज हो रहे हैं मतलब माहवारी जो हर लड़की को प्रत्येक महीने होती है, अब समझा या और बताऊँ" अब शर्माने की बारी सूरज की थी,
सूरज-" ओह्ह्ह MC " 
पूनम-" हाँ MC, इसका मतलब तुझे पता है ये क्या होती है" पूनम आवेश में पूछ लेती है ।
सूरज-" हाँ दीदी पता है, इतना भी छोटा नहीं हूँ में जितना आप समझती हो" 
पूनम-" ओह्ह्हो में तो तुझे बच्चा समझती थी, इसका मतलब तू अब बड़ा हो गया है" इतने में ही घर आ जाता है । सूरज पूनम दोनों अंदर जाते हैं ।
पूनम तनु को ड्रेस देती है,तनु पूनम को गले लगा कर किस्स करती है । पूनम रेखा को भी उनके कपडे देती है । शाम के पांच बज 5 रहे थे । सूरज फोन निकाल कर देखता है तो संध्या की कई कॉल आई हुई थी, सूरज तुरंत गाडी लेकर घर पहुँचता है। संध्या सूरज को देख कर गले लगा लेती है, सूरज संध्या को कमरे में ले जाकर कपडे निकाल देता है और चोदने लगता है ।संध्या भी प्यासी थी,इसलिए सूरज से मन भर कर चुदवाती है। चुदाई के बाद सूरज जल्दी से कपडे पहनता है क्योंकि तान्या आने वाली थी, संध्या किचेन में जाकर खाना बनाती है तभी तान्या भी आ जाती है । तान्या फ्रेस होकर नीचे आती है । तीनो लोग मिलकर खाना खाते हैं ।
रात के दस बजे सूरज तान्या के रूम में जाता है, तान्या मेक्सी पहने लेटी हुई थी, 
तान्या-" आ गया मेरा बाबू" 
सूरज-" दीदी आपकी चूत कैसी है अब, मुझे देखने दो" सूरज मेक्सी उतार कर पेंटी निकाल देता है और चूत को देखने लगता है, सूरज ऊँगली डालकर देखता है तान्या गर्म हो जाती है । सूरज तान्या की चूत में जिव्हा डालकर चाटने लगता है, चूत से निकल रहे पानी को चाट चाट कर साफ़ करता है, तान्या बहुत गर्म हो जाती है, सूरज अपने कपडे उतार कर लंड तान्या की चूत में डाल देता है।
तान्या-"ओह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या आराम से दर्द होता है""" 
सूरज-"दीदी अब चूत में जगह बन गई है, अब दर्द नहीं हुआ करेगा,, सूरज पूरा लंड चूत में घुसेड़ देता है और धक्के मारने लगता है। तान्या भी आराम से चुदवा रही थी ।
तान्या-" ओह्ह्ह सूर्या और तेज आह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्, बहुत अच्छा लग रहा है । fuck m" 
सूरज-" दीदी मस्त है तुम्हारी चूत ओह्ह्ह्हह्ह्ह्" 
तान्या-"चोद मेरे भाई," सूरज घोड़ी बना कर चोदता है , तान्या दो बार झड़ चुकी थी । 
तान्या-"ओह्ह सूर्या मेरा होनेवाला है" 
सूरज-"झड़ जाओ दीदी, उफ्फ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह" सूरज तान्या को नीचे लेटा कर चोदने लगता है,
तभी सूरज का मोबाइल बजता है, सूरज देखता है पूनम का फोन था ।
सूरज नीचे तान्या को धक्के मार रहा था ऐसे हालात में फोन को उठा लेता है ।
पूनम-" सूरज कहाँ है तू घर नहीं आएगा आज"
सूरज फारिग होने वाला होता है ऐसे में उसकी आवाज़ लडखडाती है ।
सूरज-"ह्हहाहाँ द द दीदी म म में घर र र र र ह ह हूँ,उफ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्हह् अह्ह्ह्ह" बहुत तेजी से साँसे चल रही थी और तान्या की सिसकारी । पूनम ऐसी आवाज़ बखूबी जानती है की कब मुख से निकलती हैं। पूनम समझ जाती है सूरज किसी के साथ सेक्स कर रहा है, लेकिन किसके साथ ये उसके लिए एक पहेली थी । पूनम फोन काट देती है। जब सूरज देखता है की दीदी ने फोन काट दिया तो घबरा जाता है ।
Reply
12-25-2018, 01:14 AM,
#48
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज-(मन में )" ओह्हो ये मैंने क्या किया, सेक्स करते हुए ही पूनम दीदी का फोन उठा लिया, दीदी समझ गई होंगी की में किसी के साथ सेक्स कर रहा हूँ, अब दीदी क्या सोचेगी मेरे बारे में" 
सूरज का मुड़ बहुत अपसेट हो जाता है, सूरज और तान्या कपडे पहन कर सो जाते हैं । सुबह 8 बजे सूरज की नींद खुलती है ।

सुबह 8 बजे सूरज और तान्या दोनों तैयार होकर कंपनी निकल जाते हैं। सूरज का मन आज किसी कार्य में नहीं लग रहा था उसका कारण था, रात में तान्या की चुदाई करते समय पूनम का फोन आना और सम्भोग क्रिया कलापो की मदहोश भरी सिसकियाँ की कामुक आवाज़ पूनम के पास तक पंहुच जाना और पूनम का फोन काटना, सूरज के लिए एक बहुत बढ़ी चिंतग्रहस्त में डाल रही थी, सूरज को डर बैठ जाता है की कहीं पूनम दीदी समझ तो नहीं गई की उनका छोटा भाई सहवास के आनंद में ठीक से बात भी नहीं कर पाया ।
इधर पूनम भी आज सुबह जल्दी उठ जाती है और रात सूरज की कंपकपाहट भरी आवाज़ की समीक्षा करने लगती है ।
पूनम-(मन में)-" सूरज की आवाज़ रात में कपकपा क्यूँ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे रात में वो किसी के साथ सेक्स कर रहा हो, लेकिन सेक्स किसके साथ कर सकता है वो, घर में संध्या माँ है और तान्या है, संध्या एक माँ है और माँ अपने बेटे से कभी सेक्स करेगी नहीं,तान्या भी सूरज को अपना भाई मानती है, बहन भाई आपस में सेक्स करते नहीं है, कहीं ऐसा तो नहीं है सूरज रात में हस्तमैथुन मार रहा हो, जब मैंने फोन किया था उस समय वो स्खलित के चरम पर हो,आखिर वो भी जवान है, सेक्स के प्रति आकर्शण तो स्वाभिक होता है, तभी पूनम को सूरज का बेग याद आता है जिसमे ब्रा पेंटी और डिडलो निकला था, पूनम सोचती है आखिर सूरज वो रबड़ का विशाल लंड सूरज किसके लिए लाया था, मुझे पता लगाना होगा, पूनम बिस्तर पर लेटी लेटी अपने बदन पर हाँथ फिरा रही थी तभी पूनम का हाँथ मेक्सी के अंदर पेंटी पर चला जाता है, पूनम की पेंटी गीली हो चुकी थी, पूनम यह देख कर हैरान रह जाती है की सूरज के बारे में सोच कर चूत गीली कैसे हो गई, पूनम पेंटी के अंदर हाँथ डालकर चूत सहलाने लगती है, पूनम की साँसे तेजी से चलने लगती है और मुह से सिसकियाँ फूटने लगती है, तभी पूनम को याद आता है की कैसे सूरज ने उसकी चूत से निकले केले को खाया था और चूत से निकले पानी को चाटा भी था। इतना सोचते ही पूनम का हाँथ तेजी से चूत पर चलने लगता है और एक तेज पिचकारी के साथ झड़ जाती है, झड़ने के उपरान्त पूनम को बड़ी ग्लानि होती है की सूरज के बारे में सोचकर में झड़ गई।
पूनम उठकर फ्रेस होती है । दोपहर में 
पूनम का घर में मन नहीं लग रहा था, पूनम सूरज से बात करने का मन बनाती है, और मोबाइल पर सूरज का नंबर डायल कर देती है, इधर सूरज अपने केबिन में गुमसुम बैठा पूनम के बारे में ही सोच रहा था, जैसे ही मोबाइल पर पूनम की कॉल देखता है, उसे डर लगता है की कहीं दीदी रात वाली घटना के बारे में पूछने के लिए तो फोन नहीं किया, सूरज डर डराते हुए फोन उठा लेता है ।
पूनम-' हेलो सूरज कहाँ हो" 
सूरज-"कंपनी में" सूरज डरते हुए बोला।
पूनम-"क्या हुआ, कोई परेसानी है क्या तुझे, तेरी आवाज़ को क्या हुआ है"
सूरज-"कुछ नहीं दीदी, कंपनी में हूँ इसलिए" 
पूनम-" रात भी तेरी आवाज़ बहुत कपकपा रही थी जब मैंने फोन किया था, क्या रात भी तू कंपनी में था" सूरज यह सुनकर सहम जाता है की अब क्या बोले ।
सूरज-" वव् वो दीदी रात तो में घर पर ही था, नेटवर्क के कारण ऐसा लगा होगा आपको, 
पूनम-" आज कल तेरे नेटवर्क सही काम नहीं कर रहें हैं, पूनम यह कह कर हँसाने लगती है, इससे सूरज का डर कम हो जाता है ।
सूरज-" मेरे नेटवर्क नहीं दीदी मेरे मोबाइल के नेटवर्क सही काम नहीं कर रहें हैं" 
पूनम-" हाँ हाँ तेरे मोबाइल के नेटवर्क गड़बड़ हैं, अपने मोबाइल को सही दिशा में रख,वर्ना गलत नेटवर्क पकड़ लेंगे" यह कह कर पूनम पुनः हँसने लगती है, सूरज समझ जाता है दीदी कौनसे नेटवर्क की बात कर रहीं हैं। 
पूनम-" अच्छा यह बता घर कब आएगा तू" 
सूरज-" दीदी कोई काम था क्या" 
पूनम-" काम होगा तभी आएगा तू, मेरा मन नहीं लग रहा है आज" 
सूरज-"ठीक है दीदी आज शाम को आ जाऊँगा" 
पूनम-" अभी आजा न, अपनी दीदी के लिए तेरे पास समय नहीं है" 
सूरज-"ठीक है दीदी अभी आ रहा हूँ" सूरज तान्या को बोल कर फ़ार्म हॉउस चला जाता है, तनु कॉलेज गई हुई थी, रेखा अपने कमरे में आराम कर रही थी। पूनम सूरज को देख कर खुश हो जाती है। सूरज और तान्या में काफी दोस्ताना व्यवहार हो चूका था । 
पूनम-"आ गया मेरा भाई, रुक में तेरे लिए कुछ नास्ता लेकर आती हूँ" 
सूरज-"दीदी नास्ता रहने दो, मुझे तो आप वो केले खिला दो, जो कल खाए थे मैंने" पूनम यह सुनकर हैरान रह जाती है की अब सूरज को कैसे कहे की भाई वो केले चूत के रस में भीगे हुए थे इसलिए स्वादिष्ट थे ।
पूनम-" रुक अभी केले लेकर आती हूँ" पूनम किचेन से जाकर केले छील कर प्लेट में रख कर सूरज को देती है, सूरज एक केला उठाकर खाता है लेकिन उसे कल बाला स्वाद नहीं लगा।
सूरज-"दीदी इन केलो में कल बाला स्वाद नहीं है, कल बाले केले तो खाने से ज्यादा चाटने में मजा आ रहा था, कल की तरह इन्हे स्वादिष्ट बनाओ दीदी" पूनम की चूत फिर से रिसने लगती है, अब सूरज को कैसे कल बाले स्वादिष्ट केले खिलाए ।
पूनम-" सूरज कल वाले केले अब कहाँ से लाऊँ में, तू यही खा ले न यार" 
सूरज-"दीदी प्लीज़ खिला दो न" सूरज बहुत रुक़्वेस्ट करता है, अब पूनम मजबूर हो चुकी थी,
पूनम-" ठीक है शाम को खिलाऊँगी"सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है ।
सूरज-" ठीक है दीदी, शाम को जरूर खिलाना"

दोपहर के 2 बजे सूरज अपने कमरे में लेटा हुआ था, तनु स्कूल से आते ही सूरज के रूम में गई, सूरज लेटा हुआ था, तनु सूरज को देख कर खुश हो जाती है और गले लगा लेती है। 
तनु-"सूरज कब आया तू" 
सूरज-" अभी 2 घंटे पहले ही आया था, आपकी पढाई कैसी चल रहा है दीदी"
तनु-" ठीक चल रही है भाई, थोड़ी देर रुक में कपडे बदल कर आ रही हूँ" 
सूरज-"दीदी यहीं बदल लो कपडे" सूरज तनु के गले में हाँथ डालकर बूब्स मसलते हुए बोला।
तनु-"सूरज मान जा पूनम दीदी घर पर ही हैं,कभी भी आ सकती हैं" 
सूरज-" दीदी आप स्कूल ड्रेस में बड़ी हॉट लग रही हो,आज आपकी लेने का मन कर रहा है, फ़ार्म हॉउस के गार्डेन में चलो दीदी" 
तनु-" तेरा तो हमेसा ही लेने का मन करता है, और ये तेरा लंड भी हमेसा खड़ा ही रहता है, लेकिन भाई अभी में तुझसे चुदवा नहीं सकती हूँ" तनु सूरज का लंड लोअर में मसलते हुए बोली।
सूरज-" क्या हुआ दीदी, आज मेरा तो बहुत मन कर रहा है आपकी लेने का" 
तनु-"मेरी डेट आ गई है आज,तू अपने हाँथ से हिला कर शांत कर ले मेरे भाई" तभी पूनम तनु को आवाज़ देती है, तनु चली जाती है, सूरज का लंड बेचारा झटके मारने लगता है, सूरज अपने लंड को लोअर के ऊपर से ही मुठियाने लगता है, तभी पूनम सूरज को बुलाने आती है ।
पूनम-" सूरज खाना खा ले" सूरज तम्बू को छुपाने के लिए घूम जाता है ।
सूरज-" दीदी अभी थोड़ी देर में आता हूँ आप चलो" सूरज का लंड तम्बू बना हुआ था, इसलिए अपने तम्बू को छिपाने की कोसिस करता हुआ बोला,लेकिन पूनम कुछ शक सा होता है की सूरज कुछ छुपा रहा है ।
पूनम-" ठीक है सूरज जल्दी आना" पूनम ने इतना बोला और बाहर की ओर जाने लगी, सूरज भी पुनः घूम जाता है और पूनम को जाते हुए देखता है। लेकिन अचानक पूनम सूरज की ओर घूम जाती है ।
पूनम-" सूरज तेरे लिए खाना कमरे में ही ले आऊँ" इतना बोलते ही पूनम की नज़र सूरज के लोअर पर पड़ी, सूरज का लंड विशाल रूप धारण किए लोअर में तम्बू बना हुआ था, सूरज को सँभालने का मौका ही नहीं मिला ।
सूरज-" म म में थोड़ी देर में आ जाऊँगा दीदी" हिम्मत करके बोलता है, लेकिन जैसे ही पूनम दीदी की नज़रो को ताड़ते हुए देखता है तो शर्मशार हो जाता है, पूनम बड़ी हैरानी से सूरज के तम्बू को ही देख रही थी, पूनम मन में आंकलन नहीं कर पा रही थी की लोअर में सूरज का इतना बड़ा विशाल लंड है या कुछ छुपा रहा है । 
पूनम-" क्या हुआ सूरज तुझे, तू कुछ छुपा रहा है मुझसे" पूनम पास आकर बोली, सूरज शर्म के कारण अपने तम्बू के आगे दोनों हाँथ रख लेता है।
सूरज-"दीदी कुछ नहीं है आप जाओ" सूरज की हालात ख़राब हो रही रही थी। 
पूनम-" तू इतना घबरा क्यूँ रहा है, क्या छुपा रहा है इसमें" पूनम सूरज के लंड की ओर इशारा करते हुए बोली, 
सूरज-" दीदी इसमें कुछ नहीं है,आप चलो में अभी आ रहा हूँ" सूरज घबरा कर बोला तो पूनम को और भी शक सा हुआ, 
पूनम-" तू जरूर मुझसे कुछ छुपा रहा है, बता न क्या है इसमें" पूनम जोर देते हुए बोली। अब सूरज बेचारा अपनी बहन को क्या बोले की इसमें लंड है ।
सूरज-" कुछ नहीं है दीदी आप जाओ, में टॉयलेट जा रहा हूँ" सूरज जैसे ही टॉयलेट जाने की बोलता है तो पूनम समझ जाती है की इसमें सूरज का लंड है, सूरज का इतना विशाल लंड होगा यह पूनम ने कभी सोचा भी नहीं था ।
पूनम-" ओह्ह्ह सॉरी मुझे लगा तूने कुछ छुपाया है इसमें, जल्दी से बाथरूम जा" पूनम हँसने लगती है लेकिन पूनम की इस बात से सूरज शर्मा जाता है । पूनम समझ जाती है की सूरज का लंड खड़ा है और ये मुठ मारने टॉयलेट में जा रहा है । पूनम की चूत में खलबली सी मच जाती है।
पूनम बाहर चली जाती है । और सूरज बाथरूम में जाकर नहाने लगता है, मुठ मारने का मन त्याग देता है । थोड़ी देर बाद सूरज बाहर डायनिंग टेवल पर आकर बैठ जाता है । तनु नास्ता कर चुकी थी।
तनु-" सूरज तू खाना खा ले में कोचिंग जा रही हूँ, शाम को आउंगी" इतना कह कर तनु चली जाती है, पूनम किचेन से बाहर आकर सूरज के पास आकर बैठ जाती है ।
पूनम-" आ गया तू टॉयलेट से,बड़ा समय लगाता है तू"
सूरज-" दीदी नहा कर आया हूँ इसलिए समय लग गया" 
पूनम-"ओह्ह्हो अच्छा नहाने में इतना समय" कुटिल मुस्कान के साथ हँसते हुए।
सूरज-" हाँ दीदी"शरमाते हुए।

पूनम-"अच्छा चल अब खाना खा ले जल्दी से" सूरज और पूनम खाना खा कर फ्री होते हैं ।

सूरज-" दीदी में अमरीका से आपके लिए कपडे लाया वो पहने नहीं आपने" 
पूनम-" वो कपडे बहुत शार्ट हैं,इसलिए अभी नहीं पहने" 
सूरज-" आप एक बार पहन कर तो देखो अच्छे लगेंगे आप पर"
पूनम-" अभी पहन कर देखूं"
सूरज-"हाँ दीदी, में भी देख लूंगा"
पूनम-"ठीक है,आजा मेरे रूम में"सूरज पूनम के साथ रूम में जाता है ।पूनम कपडे निकल कर बाथरूम में जाती है,सूरज बेड पर बैठ जाता है, पूनम बाथरूम में जाकर अपनी मेक्सी उतारती है, पूनम ने आज मेक्सी के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी,पूनम की चूचियाँ 36 साइज़ की थी और कमर 32 की, पूनम के जिस्म में सबसे आकर्षण उसके नितम्ब थे,जिन्हें देख कर मसलने का मन कर जाए, सफ़ेद गोरा रंग और 5 फुट 8 इंच की लंबाई थी पूनम की, बिलकुल अपनी माँ रेखा की तरह खूबसूरत ।
पूनम सूरज के लाए गए कपडे पहनने लगती है,क्योंकि बाहर सूरज उसका इंतज़ार कर रहा था, पूनम जल्दी से लाल स्कर्ट पहनती है जो उसकी जांघो तक थी और उसके साथ एक खुले गले का टॉप जिसे पूनम बड़ी मुश्किल से पहन पाती है क्योंकि उसके बदन के आकर से उसका टॉप बहुत टाइट था, पूनम की चूचियाँ आधी से ज्यादा बाहर निकल आती हैं, और टॉप में उसके निप्पल का शेप दिखाई देता है । पूनम को बाहर निकलने में बहुत शर्म आ रही थी,लेकिन फिर भी वो बाहर निकल कर आ जाती है । जैसे ही सूरज पूनम को देखता है तो बेड से खड़ा होकर आँखें फाड़े पूनम को देखने लगता है, सर से पाँव तक पूनम को निहारने लगता है। जैसे ही सूरज की नज़र पूनम के बूब्स पर जाती है तो हैरान रह जाता है,इतना कामुक दृश्य आज तक उसने न देखा था, सूरज का लंड लोअर में खड़ा हो जाता है जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं था,लेकिन पूनम की नज़र सूरज के तम्बू पर जाकर ठहर जाती है ।

पूनम शरमाती हुई सूरज के सामने खड़ी थी, सूरज पूनम के हर हिस्से को बारीकी से देख रहा था, पूनम इतनी कामुक है ये कभी सपने मे नहीं सोचा था सूरज ने, मोटी मोटी चिकनी दूधिया रंग की जांघे और टॉप में झलकती अधनंगी चुचिया को देख कर सूरज का तम्बू पुनः अपना आकर ले चूका था जिसका उसे भान भी न था, सूरज तो बस अपनी बड़ी बहन के योवन को देख कर अपनी हसरत पूरी कर रहा था, इधर पूनम का भी बुरा हाल था,इतने छोटे कपडे पहन कर अपने भाई के सामने खड़ा होने में उसे शर्म आ रही थी,लेकिन जैसे ही वो सूरज को देखती है तो हैरान रह जाती है,उसका अपना छोटा भाई उसे आँखें फाड़े उसके बदन को घूर रहा था,और सबसे बड़ा अचम्भा तो तब होता है जब पूनम सूरज के तम्बू को देखती है, पूनम को यकींन नहीं हो रहा था की इस तम्बू के पीछे कितना बड़ा विशाल लिंग है सूरज का, उसने चंद समय में ही सूरज के तम्बू को देख कर विशाल लंड की कल्पना कर ली, पूनम अपने स्थान से थोडा आगे चलकर सूरज के पास खड़ी हो जाती है,इससे सूरज अपने ख्यालो की दुनियां से बाहर निकल कर आता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी, इन कपड़ो में आप क़यामत लग रही हो, मेरे पास शब्द नहीं है कैसे तारीफ़ करू" 
पूनम-" वो तो मुझे भी लग रहा है में इन कपड़ो ने क़यामत लग रही हूँ, तेरी आँखे बता रही थी,कैसे आँखे फाड़े देख रहा था मुझे" 
सूरज-"दीदी में हैरान था आपको इस रूप में देख कर,और उसी हैरानी के कारण में कुछ बोल भी नहीं पाया, बाकई में दीदी आप बहुत हॉट लग रही हो इस ड्रेस में" 
पूनम-" क्या हॉट और में, तुझे में हॉट कहाँ से दिखती हूँ" पूनम बेड पर बैठती हुई बोली जिसके कारण सूरज को पूनम की चुचियो के बीच की खाई आसानी से दिखाई देने लगती है और पूनम को सूरज का तम्बू क्योंकि सूरज खड़ा हुआ था ।
सूरज-" दीदी आप तो ऊपर से निचे तक हॉट लग रही हो इन कपड़ो में, मुझे पता होता आप ऐसे कपड़ो में इतनी सुन्दर लगती हो तो दस बारह जोड़ी कपडे ले आता" 
पूनम-" ओह्ह्ह मेरे भाई तू तो मुझे अमेरिकन लड़की बना कर ही छोड़ेगा, तूझे कपडे खरीदने नहीं आते हैं, आधे अधूरे कपडे खरीद कर ले आया" 
सूरज आधे अधूरे कपडे सुनकर चिंतित हो जाता है।
सूरज-" दीदी समझा नहीं,आधे अधूरे का मतलब" 
पूनम-" ओह्ह्हहो सूरज तू एक दम भोला है, मतलब तू सिर्फ आधे ही कपडे लाया है इनके साथ दो कपडे और लाने चाहिए थे वो कम है" पूनम का आशय ब्रा और पेंटी से था ।
सूरज-" दो कपडे कौनसे कम है दीदी, में समझा नहीं" अब शर्माने की बारी पूनम की थी,भला अब वो कैसे बताए की ब्रा और पेंटी कम है ।
पूनम-" अरे यार तू अभी भी नहीं समझा, वही दो कपडे जो कपड़ो के अंदर पहनते हैं" इस बार सूरज समझ जाता है ।
सूरज-"ब्रा और पेंटी" सूरज खुले शब्दों में बोल देता है । पूनम चोंक जाती है और सोचती है ये तो बड़ा फास्ट है एक दम खुल्लम खुल्ला बोल दिया इसने।
पूनम-" हाँ ब्रा और पेंटी तो लाया ही नहीं,बिना ब्रा के इस टॉप को पहन कर तो में बाहर भी नहीं जा सकती हूँ" इस बार पूनम सूरज से थोडा खुल कर बोलती है जिसका असर सूरज के लंड पर होता है और लोअर के अंदर सलामी देने लगता है,पूनम की निगाहें सूरज के तम्बू पर ही टिकी थी,पूनम जव देखती है सूरज का लंड ब्रा और पेंटी के नाम से झटके मार रहा है, इसका सीधा असर पूनम की चूत पर होता है, पूनम समझ गई थी की मेरी चूत भी गीली हो रही है ।
सूरज-" मतलब दीदी आपने ब्रा नहीं पहनी है" 
सूरज पूनम की तनी हुई चूचियों को देखते हुए बोला।
पूनम-"तू लाया ही नहीं है तो कैसे पहन लेती,और लाल रंग की ब्रा मेरे पास नहीं है" पूनम अपना लाल टॉप की ओर इशारा करते हुए बोली ।
सूरज-" सॉरी दीदी मुझे आपकी ब्रा का साइज़ पता नहीं था,और न ही पेंटी का, आप साइज़ बताओ अगली बार अमेरिका गया तो ले आऊंगा" पूनम शर्माने लगती है लेकिन आज पता नहीं क्यूँ उसे अपने भाई से बात करने में बड़ा मजा आ रहा था ।
पूनम-"36D" पूनम शरमाते हुए बोली ।
सूरज-" और पेंटी का साइज़ बता दो" 
पूनम-" 38 long" 
सूरज-" वाह्ह्ह् दीदी मस्त फिगर है आपका" 
पूनम-"मस्त फिगर कहाँ है सूरज,और लड़कियों से ज्यादा मोटी हूँ में" पूनम खड़ी होती हुई बोली, और अपने आपको देखने लगती है । 
सूरज-" किसने कहा दीदी आप मोटी हो, आपका पेट तो एक दम सही है, आपके आगे तो सनी लिओन का फिगर भी फ़ैल है" सूरज पूनम की गांड देख कर बोला,
पूनम-"तू ऐसे बोल रहा है जैसे तूने सनी लिओन का फिगर देखा है" 
सूरज-"हाँ दीदी मैंने देखा है उसका फिगर,आप उससे ज्यादा हॉट हो" 
पूनम-"तूने सनी लिओन का फिगर देखा है, मतलब तूने उसकी पोर्न फ़िल्में देखी हैं" पूनम अचानक बोल देती है ।
सूरज-" हाँ दीदी देखी है, क्या आपने भी देखी हैं" सूरज उल्टा सवाल पूनम से करता है । इस सवाल से सूरज का लंड झटके मारने लगता है ।पूनम सोच में डूबी सोच रही थी की क्या जवाब दू, पूनम को इंटरनेट पर पॉर्न देख कर ऊँगली करने का बहुत बड़ा शौक था, उसने सनी लिओन की एक भी पोर्न फ़िल्म नहीं छोड़ी है सबके सब देखि हैं ।
पूनम-" हाँ देखी हैं,उसके जिस्म में और मेरे जिस्म में बस एक ही अंतर है" सूरज का लंड फटने लगता है बड़ी हिम्मत से कंट्रोल किए हुए था। 
सूरज-"हाँ दीदी मुझे पता है वो अंतर" 
पूनम-"अच्छा तो बता कौनसा अंतर है" 
सूरज-"दीदी आपके नितम्ब बहुत बड़े हैं उससे लेकिन आप सनी लिओन से ज्यादा सेक्सी हो" यह सुनकर पूनम की चूत रिसने लगती है।
पूनम-" अब में यह कपडे उतार कर आती हूँ सूरज, तनु किसी भी समय आती होगी, और माँ के उठने का समय भी हो गया है" पूनम यह कह कर बाथरूम में चली जाती है और दरबाजा बंद कर लेती है, पूनम अंदर जाते ही जोर जोर से सांस लेती है। इधर सूरज का हाँथ लोअर में खड़े तम्बू पर जाता है तो हैरान रह जाता है की ये तो तम्बू बना हुआ था, दीदी पता नहीं क्या सोच रही होंगी इसको देख कर, सूरज अपने लंड को निकाल कर मुठियाने लगता है ।तभी बाथरूम का दरबाजा खुलने की आवाज़ आती है, सूरज अपने लंड को तुरंत लोअर के अंदर कर लेता है । पूनम मेक्सी पहनकर आई थी,पूनम की नज़र सूरज के तम्बू पर जाती है,
पूनम-"बाथरूम जाना है" पूनम सूरज के तम्बू को देखती हुई बोली। सूरज यह देख कर शर्मा गया।
सूरज-"में अपने बाथरूम में जा रहा हूँ" 
पूनम-" ऐसी हालात में जाएगा, माँ ने देख लिया तो क्या सोचेगी,मेरे बाथरूम में ही कर ले तू" सूरज समझ जाता है दीदी मुठ मारने की कह रही हैं।
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12-25-2018, 01:14 AM,
#49
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज चुप चाप बाथरूम में चला जाता है, बाथरूम में जाते ही सूरज लंड को आज़द करके मुठ मारने लगता है तभी उसे पूनम की पेंटी दिखाई दी, सूरज पूनम की पेंटी को देखता है तो हैरान रह जाता है,पूनम की पेंटी पर कामरस लगा हुआ था, सूरज पेंटी को सूंघता है, खुसबू जानी पहचानी लगती है तो उसे चाटने लगता है, सूरज को एक तगड़ा झटका लगता है क्योंकि कल सुबह केले में उसे यही स्वाद लगा था, सूरज समझ जाता है दीदी ने रात में उन केलो से अपनी चूत की प्यास बुझाई होगी और सुबह मैंने उन्ही केलो को खा गया, सूरज पूनम दीदी की कामुक चूत की कल्पना करने लगता है और पेंटी को मुह में लेकर चूसते हुए मुठ मारने लगता है। 10 मिनट बाद सूरज झड़ जाता है, वीर्यरस की बौछार हो जाती है । सूरज पूनम की पेंटी को देखता है तो हैरान रह जाता है पूरी पेंटी को चूस चुसकर धो चूका था। सूरज पेंटी को टंगा देता है और बाथरूम से निकल कर आता है । पूनम सूरज का ही इंतज़ार कर रही थी ।
पूनम-" तुझे तो बहुत टाइम लगता है सूरज, कबसे तेरे निकलने का इतंजार कर रही थी में"
सूरज-" आपको भी करना है क्या" 
पूनम-"हाँ मुझे भी करना है, लेकिन मुझे सिर्फ पिसाब करनी है" पूनम यह कह कर हँसते हुए बाथरूम चली जाती है। पूनम अंदर जाकर कमोड पर बैठती है तभी उसे सूरज के लंड से निकल वीर्य दिखाई देता है, पूनम एक ऊँगली से लेकर सूंघने लगती है । पूनम की चूत फड़कने लगती है, लेकिन ऊँगली न करके मूतने लगती है । मूतने के बाद पूनम अपनी पेंटी को देखती है जो गीली थी।
पूनम-(मन में) यह मैंने कब धो कर डाली, यह तो गन्दी पेंटी थी, पूनम पेंटी उठाकर देखती है तो हैरान रह जाती है चुकी उसकी पेंटी एक दम साफ़ थी,पूनम समझ जाती है सूरज ने जरूर इस पेंटी पर लगा कामरस चाटा है । पूनम मुस्कराने लगती है और बाथरूम से बाहर आ जाती है । सूरज अपने कमरे में जा चूका था ।
सूरज कमरे में जाते ही सो गया, शाम 8 बजे रेखा के जगाने पर सूरज उठता है ।

रात के 8 बजे मेरी माँ रेखा ने मुझे जगाया।
रेखा-" सूरज बेटा उठ जा, कितना सोएगा" 
सूरज-" माँ सोने दो न" 
रेखा-"दिन में ही तूने अपनी नींद पूरी कर ली,फिर रात में क्या करेगा,चल जल्दी से उठ खाना खा ले" माँ यह कह कर चली गई, में भी फ्रेस होकर नीचे गया,माँ और तनु दीदी डायनिंग टेवल पर बैठी थी और पूनम दीदी किचेन में थी, दीदी जैसे ही खाना लेकर आई मेरी नज़र दीदी से टकराई आज उनके चेहरे पर हल्की हल्की मुस्कान थी। हम सब लोगों ने खाना खाया और अपने अपने रूम में चले गए।
दिन में सोने के कारण मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए में तनु दीदी के रूम में गया, दीदी बिस्तर पर लेटी हुई थी ।
सूरज-"दीदी आज तो बहुत जल्दी सोने लगीं आप" 
तनु-" मेंन्सेज की बजह से कमर में दर्द हो रहा है सूरज,इसलिए आज जल्दी सो जाती हूँ" 
सूरज-" ठीक है दीदी आप सो जाओ" मैंने दीदी को लिप्स किस्स किया,और सीधे माँ के कमरे में गया, माँ अपने कमरे में कहीं दिखाई नहीं दी, 
मैंने माँ को आवाज़ दी ।
सूरज-" माँ आप कहाँ हो" 
रेखा-" बेटा में बाथरूम में हूँ,कुछ काम था क्या" कमरे में ही बाथरूम था। 
सूरज-" कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही आया था,आप फ्रेस हो जाओ, में भी अब सोने जा रहा हूँ,गुड़ नाईट माँ" 
रेखा-" ठीक है बेटा सो जा, गुड़ नाईट" में कमरे से बाहर निकल ही रहा था तभी मुझे माँ के बिस्तर पर wishpar का खुला हुआ पैकेट दिखाई पड़ा । तभी मुझे याद आया की माँ को भी मेंन्सेज हो रहें हैं,माँ जरूर बाथरूम में पेड बदलने गई होंगी, मैंने मन में कहा यार ये कैसी समस्या है महिलाओं की,हर महीने इस परेसानी से जूझना पड़ता है, वो भी पांच दिन, और साथ में कमर का दर्द भी झेलना पड़ता है, में सोचते हुए ऊपर आया,मेरा और पूनम दीदी का रूम ऊपर ही था,पूनम दीदी का दरबाजा बंद था, इसलिए में अपने रूम में आ गया, बिस्तर पर लेट कर मैंने मोबाइल उठाया तो देखा पूनम दीदी के कई मेसेज आए हुए थे व्हाट्सअप पर ।
व्हाट्सअप की चेटिंग--------
पूनम-" hi
सूरज कहाँ हो,
सो गया क्या? 
मैंने देखा दीदी अभी ऑनलाइन थी मैंने तुरंत रिप्लाई किया ।
सूरज-" hi दीदी, में अभी जग रहा हूँ,दिन में सो लिया इस लिए नींद नहीं आ रही है" 
पूनम-"ओह्ह मैंने देखा था दिन में तू घोड़े बेच कर सो रहा था,जैसे पता नहीं कितनी मेहनत की हो" 
सूरज-" मेहनत तो की थी आज,इसलिए नींद आ गयी" स्माइल आइकॉन के साथ भेजा मेसेज।
पूनम-" पता है मुझे आजकल तू कौनसी मेहनत कर रहा है" स्माइल के साथ।
सूरज-"(चोंकते हुए) कौनसी दीदी?" 
पूनम-"वही जो आज तूने मेरे बाथरूम में की'" 
सूरज-" ओह्ह्ह टॉयलेट! दीदी टॉयलेट ही तो की थी" 
पूनम-"अच्छा बेटा सिर्फ टॉयलेट की, तेरी टॉयलेट में सफ़ेद पानी कब से निकलने लगा" सूरज चोंक जाता है क्योंकि सूरज मुठ मारने के बाद फर्स साफ़ करना भूल गया था।
सूरज-" ओह दीदी वो तो कभी कभी सफ़ेद पानी निकलने लगता है,शायद मुझे कोई बीमारी है" झूठ बोल देता है ।
पूनम-"अच्छा अपने आप निकलने लगता है,मुझसे झूठ, तेरी शादी जल्दी करबानी पड़ेगी अब" 
सूरज-" शादी क्यूँ" 
पूनम-"ऐसे ही मेहनत करता रहा तू तो एक दिन कमजोर हो जाएगा बेटा, ज्यादा सनी लिओन की फिल्में मत देखा कर" स्माइल के साथ।
सूरज-" दीदी आप भी तो देखती हो सनी लिओन की फिल्में" 
पूनम-" हाँ देखती हूँ लेकिन कभी कभी" 
सूरज-"फिर तो आप भी मेहनत करती होगी" पूनम की हालात ख़राब हो जाती है की अब क्या जवाब दूँ,इधर पूनम नंगी बिस्तर पर लेटी एक ऊँगली से चूत सहला रही थी। पूनम किचेन से प्लेट और दो केले लाइ थी, एक केला उठाकर चूत में घुसाने लेती है, केला चूत में घुसते ही पूनम सिसक पड़ती है। साँसे तेजी से चलने लगती है ।
पूनम-" हाँ कभी कभी, तेरी तरह रोज नहीं,और आज तो तूने दो बार मेहनत की" सूरज का लंड झटके मारने लगता है,सूरज लोअर उतार कर लंड सहलाने लगता है,और दीदी की प्यासी चूत की कल्पना करने लगता है ।
सूरज-"(चोंकते हुए) दो बार नहीं दीदी,एक ही बार किया"
पूनम-"झूठ सुबह जब में तुझे तेरे कमरे में बुलाने आई तब भी तू बाथरूम जा रहा था" 
सूरज-"तब नहीं किया दीदी,बस फ्रेस होकर आया था" 
पूनम-"मतलब वो फिर ऐसे ही खड़ा रहता है" पूनम लंड नहीं बोलती है सिर्फ इशारो में ही बोलती है।
सूरज-" उसकी तो आदत ख़राब है दीदी,सुबह उठते ही सलामी देने लगता है"
पूनम-"हाहाहाहाहा आदत ख़राब है,काबू में रखा कर,आज कल बहुत बिगड़ता जा रहा है, आज तो तेरे उसने हद ही कर दी,अपनी ही बहन को देखकर खड़ा हो गया" 
सूरज-"दीदी आप इसकी पिटाई लगा दो" 
पूनम-"इसकी पिटाई तो तेरी बीबी लगाएगी" 
सूरज-"बीबी तो पता नहीं कब आएगी तब तक दीदी आप उसकी ढंग से पिटाई कर दो" 
पूनम-"मेरी पिटाई से तो ये बेचारा टूट जाएगा,मेरी मार ये झेल नहीं पाएगा" पूनम चूत में केला तेजी से घुसेड़ती है तो बेचारा केला भी टूट जाता है, पूनम चूत से केला का हलवा निकाल कर प्लेट में रखती है और दूसरा केला डालती है ।
सूरज-" दीदी ये अम्बुजा सीमेंट से भी ज्यादा मजबूत है,ये आपकी मार झेल लेगा" 
पूनम-" मारते समय ऐसा न हो की वो हार मान जाए और युद्ध का मैदान छोड़ कर भागने लगे" 
सूरज-"दीदी आप जैसी दो चार योद्धाएँ आ जाए फिर भी ये मैदान छोड़ कर नहीं भागेगा" 
पूनम-"ओह्ह्हो इतना गुमान है तुझे उस पर,अगर ये रिश्ते की बुनियाद बीच में न होती तो आज ही छक्के छुड़ा देती, शुक्र मना बेटा तू बच गया,
सूरज-" ओह्ह्हो, फिर भी दीदी जब भी जंग के मैदान में आना चाहो तो शोक से आजाना, मेरे योद्धा संघर्षशील है,देखना एक दिन मेरे योद्धा की संघर्षगाथा RSS पर लिखी जाएगी" 
पूनम-" तेरी संघर्षगाथा या तेरे उसकी गाथा,हाहाहाहा" पूनम हँसाने लगती है ।
सूरज-" दीदी हँसो नहीं,मुझपर"
पूनम-"तुझे नींद नहीं आ रही है सूरज,"
सूरज-" नहीं दीदी,अभी तो सिर्फ 9 ही बजे हैं" 
पूनम-" hmmm कितने बजे सोता है" 
सूरज-"12 बजे से पहले नींद नहीं आती है" 
पूनम-" ओह्ह्हो 12 बजे तक क्या करता रहता है,पोर्न देखता होगा रात भर" 
सूरज-" नहीं दीदी वो तो कभी कभी देखता हूँ" 
पूनम-" ओह्ह्हो बड़ा शरीफ है तू,आज भी देखेगा तू" 
सूरज-"नहीं दीदी आज पोर्न देखने का मन नहीं कर रहा है,आज आपसे बातें करने का मन है बस" 
पूनम-"ओह्हो अपनी दीदी को फ्लर्ट कर रहा है" 
सूरज-" सच में दीदी बोर हो रहा हूँ, रुको में आपके कमरे में आ रहा हूँ" सूरज अपने रूम से निकल कर बाहर आता है और पूनम के गेट पर खड़ा हो जाता है 
पूनम-"नहीं अभी रुक दो मीनट"
सूरज-"क्यूँ क्या हुआ दीदी,में आपके रूम के बाहर खड़ा हूँ" सूरज बाहर इंतज़ार करता है ।
पूनम-" में मेक्सी पहन लू" 
सूरज-"मेक्सी! मतलब समझा नहीं, आप अभी कुछ पहनी नहीं हो" 
पूनम-" आज गर्मी ज्यादा है इसलिए उतार कर लेटी हूँ" सूरज का लंड झटके मारने लगता है,और कल्पना करने लगता है की दीदी बिलकुल नंगी हैं।
सूरज-"ब्रा पेंटी भी नहीं"हैरान होते हुए पूछता है ।
पूनम-"बो तो में घर में कभी नहीं पहनती हूँ" लंड फटने लगता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी" 
पूनम-" चल अब ज्यादा सोच मत आजा कमरे में" सूरज पूनम का दरबाजा खोलता है और कमरे में चला जाता है ।

सूरज जैसे ही पूनम के कमरे में प्रवेश करता है,कमरे में बहुतअँधेरा होता है। सूरज को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था ।
पूनम-"आजा सूरज"
सूरज-"दीदी कमरे में बहुत अँधेरा है,लाइट जला लो" सूरज पूनम के बेड की तरफ जाता है,और लाइट जला देता है । जैसे ही कमरे में रौशनी होती है तो सूरज पूनम की तरफ देखता है तो उसकी धड़कने तेज हो जाती हैं,पूनम एक छोटी सी नायटी पहनी हुई थी जिसका गला बहुत बढ़ा था आधी चूचियों के दर्शन हो रहे थे,और नीचे जांघो तक थी, दीदी की मोटी और सफ़ेद दूधिया जांघे देख कर मेरी हालत ख़राब हो गई,काली नायटी पहनने के कारण दीदी का कामुक जिश्म बार बार देखने का मन कर रहा था। 
पूनम-" सूरज लाइट बंद कर दे, और मेरे पास आकर बैठ" मैंने लाइट बंद कर दी और दीदी के सामने बेड पर आकर बैठ गया, दीदी के सामने बैठ कर बात करने में मुझे घबराहट सी महसूस हो रही थी, फोन के माध्यम से बात करते समय मेरी जिझक ख़त्म हो चुकी थी लेकिन दीदी के सामने बैठ कर बात करने में कठिनाई महसूस हो रही थी।
पूनम-" हाँ तो सूरज अब बता,क्या बात करनी है तुझे" दीदी खामोशी तोड़ते हुए बोली । कमरे में अँधेरा होने के कारण दीदी की हलकी हलकी झलक दिखाई दे रही थी,ऊपर से दीदी की काली नायटी,
सूरज-"क क कुछ नहीं दीदी, बोर हो रहा था इसलिए आया" मेरी हकलाहट के कारण दीदी हँसने लगी ।
पूनम-"तू इतना घबरा क्यूँ रहा है,तू तो बहुत बहादुर बन रहा था"
सूरज-"न नहीं दीदी घबरा नहीं रहा हूँ" 
पूनम-" तू तो ऐसे घबरा रहा है जैसे सुहागरात के समय लड़की घबराती है,डर मत में तेरी बीबी नहीं दीदी हूँ" दीदी हँसते हुए बोली, मेरा लंड पुनः झटके मारने लगता था।
सूरज-" वो दीदी आपकी नायटी बहुत हॉट है,आज से पहले कभी आपको इतने हॉट कपडे पहने नहीं देखा इसलिए" 
पूनम-" ओह्ह्ह मतलब तुझे में बहुत हॉट लग रही हूँ,इसलिए तेरी हार्ट बीप बढ़ गई है" 
सूरज-"हाँ दीदी" 
पूनम-"जब तू कमरे में घुसा था तब तू मुझे बहुत घूर घूर कर देख रहा था,इसलिए तो मैंने लाइट बंद करबा दी ताकि तू मुझे घूरे नहीं" 
सूरज-'दीदी में आपको घूर नहीं रहा था,बस देख रहा था की मेरी दीदी कितनी खूबसूरत है" 
पूनम-"ओह्हो आज से पहले तो तूने कभी मेरी तारीफ़ नहीं की,आज ऐसा क्या देख लिया" 
सूरज-" आज से पहले आपको कभी इतने पास से देखा ही कहाँ मैंने,और इतनी हॉट नायटी में, आप बाकई में बहुत सुन्दर हो दीदी"
पूनम-" चल चल अब ज्यादा फेंक मत,इतनी भी सुन्दर नहीं हूँ में, तू इतने प्यार से मेरे लिए ड्रेस लाया था इसलिए पहन ली थी मैंने आज दोपहर में" 
सूरज-"दीदी सच में आप सुन्दर हो,आपका फिगर मस्त है"
पूनम-" मेरे फिगर में तुझे सबसे अच्छा क्या लगता है सूरज" पूनम सूरज के थोडा सा पास आई। पूनम की चूत अभी झड़ी नहीं थी,उसे अपनी चूत में थोडा सा गीलापन का अहसास हुआ,पूनम अँधेरे का फायदा उठा कर अपनी चूत सहला लेती है, इधर सूरज का हाँथ भी अपने तम्बू पर था,लंड झटके मारता तो हाँथ से कस कर रगड़ देता था ।
सूरज-" दीदी मुझे आपके नितम्ब सबसे अच्छे लगते हैं" सूरज पूनम की मोटी चौड़ी गांड की कल्पना करके लंड को मसलते हुए बोला ।
पूनम-" ओह्हो सूरज तुझे मेरे फिगर में सिर्फ नितम्ब ही दिखाई देते हैं, तूने कभी मेरे नितम्ब देखें हैं बिना कपड़ो के" सूरज सोचता है ।
सूरज-"हाँ दीदी देखें हैं कई बार" पूनम यह सुनकर चोंक जाती है।
पूनम-"क्या तूने मेरे नितम्ब देखें हैं कब,कहाँ और कैसे?" पूनम हैरान होते हुए कई सवाल करती है।
सूरज-"दीदी जब हम गाँव में रहते थे तब आप आँगन में पिसाब करती थी,तब कई बार धोके से नज़र चली जाती थी,जानबूझ कर कभी नहीं देखे" 
पूनम-" ओह्ह्ह अच्छा! गाँव के घर में बाथरूम तो था नहीं इसलिए खुले में ही जाना पड़ता था,अच्छा तो यह बता जब तू मेरे नितम्ब को देखता था तब तेरे मन में क्या विचार आते थे" पूनम फिर से अपनी चूत को मसलते हुए बोली।
सूरज-" उस समय मन में कोई विचार नहीं आता था,बस शर्म आती थी मुझे" 
पूनम-"अच्छा मतलब तू बहुत शरीफ था तब,सिर्फ नितम्ब ही देखे थे या कुछ और भी देखा था तूने" पूनम का आशाय चूत देखने से था। पूनम गर्म हो चुकी थी ।
सूरज-"नितम्ब बहुत बड़े दिखाई देते थे और बालो का झुण्ड दिखाई देता था जहाँ से आप सु सु करती थी" सूरज का लंड झटके मारने लगता है ।
पूनम-"ओह्ह सूरज,इसका मतलब तूने सुसु नहीं देख पाई बालो की बजह से,Thanks God बालो की बजह से तू देख नहीं पाया" पूनम एक ऊँगली डालती हुई बोली ।
सूरज-"दीदी क्या अब भी बाल रखती हो सुसु पर" सूरज का एक एक सवाल तीर की तरह पूनम की चूत पर चल रहा था, पूनम की चूत बहने लगी थी,अँधेरे का भरपूर फायदा पूनम उठा रही थी।
पूनम-"हाँ रखती हूँ,लेकिन 15 दिन में साफ़ कर लेती हूँ, गाँव में रहती थी तब तो छः छः महीने हो जाते थे बिना साफ़ किए हुए" सूरज अपना लंड मसलने लगता है ।
सूरज-"दीदी किससे साफ़ करती हो अपने बाल" 
पूनम-"वीट से, ओह्ह सूरज तू कैसे सवाल पूछता है अपनी दीदी से" 
सूरज-" आप मेरी सबसे प्यारी दीदी हो" 
पूनम-"मक्खन लगा रहा है" 
सूरज-'सच में दीदी आप बहुत मस्त हो,मन करता है आपको देखता रहूँ"
पूनम-"क्या देखने का मन कर रहा है,मेरे नितम्ब?
सूरज-"हाँ दीदी आपके नितम्ब"
पूनम-"मेरे नितम्ब ज्यादा अच्छे हैं क्या"
सूरज-"हाँ दीदी,बहुत चौड़े हैं,हाँथ से स्पर्श करने का मन करता है" 
पूनम-"ओह्ह्हो तू कितना बोल्ड हो गया है, अपनी ही दीदी का जिस्म देखना चाहता है, देख कर क्या करेगा, मेहनत करेगा" पूनम हसते हुए बोली।
सूरज-" दीदी आप भी तो मेहनत करती हो,अच्छा दीदी आप दिन में कितने बार ऊँगली करती हो"
पूनम-"एक बार वो भी रात में सोने से पहले"
सूरज-"मतलब इस समय अगर में आता तो आप ऊँगली कर रही होती"
पूनम-"हाँ"
सूरज-"दीदी लाइट जला लू" 
पूनम-"लाइट जला कर क्या करेगा"
सूरज-"आपको देखने का मन कर रहा है" 
पूनम-"ओह्ह्ह तू भी न पागल है, मोबाइल की लाइट जला कर देख ले"पूनम चूत से उंगली निकाल कर मेक्सी ठीक करती है । सूरज मोबाइल की टोर्च जलाता है , पूनम सूरज को देख कर मुस्कराती है,सूरज पूनम के बदन पर लाइट मारता है । तभी मोबाइल के टोर्च की रौशनी टेवल पर जाती है,टेवल पर केले की प्लेट रखी थी । सूरज समझ जाता है दीदी ने ये केले अपनी चूत में डाले होंगे,सूरज के मुह में पानी आ जाता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी मेरे प्रिय केले रखें हैं,मुझे तो भूंक भी लगी है" सूरज केले की प्लेट उठाकर केले को खाने लगता है, यह देख कर पूनम की चूत बहने लगती है ।
पूनम-"सूरज यह केले मत खा,गंदे हैं, प्लेट रख दे वापिस' लेकिन तब तक सूरज एक केला खा चूका था ।
सूरज-"दीदी इतने स्वादिष्ट केले को आप गंदे बता रही हो, इन केलो पर जो चिपचिपा जैल लगा हुआ है वो बहुत स्वादिष्ट हैं, ये जैल कहाँ से लाती हो दीदी,मुझे बता दो सारा जैल चाट जाऊँगा" सूरज यह बात जानबूझ कर बोलता है,पूनम जैसे ही यह सुनती है चूत में सुरसुराहट होने लगती है,पूनम का मन कर रहा था की नायटी को उतार कर चूत में कस कस कर ऊँगली करे । सूरज केले खा कर पूरी प्लेट चाट जाता है ।पूनम बेचारी कसमसाती हुई देखती रहती है ।
सूरज-"क्या हुआ दीदी,आपने बताया नहीं ये स्वादिष्ट जेल कहाँ से लाती हो"
पूनम-"ओह्ह्ह क्या करेगा तू यह जानकार,अब ये लाइट बंद कर दे सूरज" सूरज मोबाइल की लाइट बंद कर देता है ।
सूरज-"बताओ न दीदी ये जेल कहाँ से लाती हो" 
लाइट बंद होते ही पूनम नायटी को ऊपर करके एक ऊँगली चूत में डाल देती है ।
पूनम-"ओह्ह्ह्ह्हाहूफ् वक़्त आने पर बता दूंगी सूरज" पूनम सिसकते हुए बोली, सूरज समझ जाता है दीदी अपनी चूत सहला रही हैं।
सूरज-"क्या हुआ दीदी,आप सिसक क्यूँ रही हो"
पूनम-"कुछ नहीं बस कमर में दर्द सा हुआ" पूनम झूठ बोल देती है। 
सूरज-" दीदी में आपकी मदद करू क्या" 
पूनम-"क्या मदद करेगा" पूनम अपने पैर फैला कर बैठती है तो उसका पैर सूरज के खड़े लंड पर लगता है । पूनम समझ जाती है ये सूरज का लंड है जो खड़ा है । इधर सूरज को बड़ा मजा आता है ।
सूरज-" आपकी कमर दबा दू" 
पूनम-"नहीं सूरज में ठीक हूँ, एक मिनट पिसाब करके आती हूँ" पूनम को वास्तव में पिसाब लगती है पूनम अँधेरे में उठती है ।
सूरज-"दीदी रुको में मोबाइल की टोर्च जलाता हूँ" सूरज लाइट जलाता है, बाथरूम ठीक सामने ही था, पूनम बाथरूम में जाती है दरबाजा खुला ही रखती है ।
पूनम-"सूरज अब लाइट बंद कर में पिसाब कर लू" सूरज का लंड अकड़ चूका था, सूरज लाइट बंद करता है,पूनम फर्स पर बैठ कर नायटी ऊपर करके बैठ जाती है, तभी एक तेज सिटी की आवाज़ के साथ पूनम मूतने लगती है । जैसे ही सिटी बजती है सूरज का लंड फड़फड़ाने लगता है सूरज न चाहते हुए भी मोबाइल की टोर्च जला कर पूनम को देखने लगता है, चार कदम की दुरी पर ही मूत रही थी पूनम,सूरज जैसे ही पूनम की की मोटी गांड देखता है तो लंड मुठियाने लगता है ।
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12-25-2018, 01:14 AM,
#50
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
पूनम-"सूरज यह क्या कर रहा है लाइट बंद कर" पूनम मूतते हुए बोली,
सूरज-"दीदी किसी ने सिटी बजाई बही देख रहा था"पुनम पिसाब करके खड़ी होती है,सूरज बड़े गोर से पूनम की गांड देखता है,पूनम हाँथ धो कर आती है ।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज वो सिटी की आवाज़ नहीं बल्कि मेरी सुसु की आवाज़ थी" मोबाइल की रौशनी में पूनम सूरज के तम्बू को देखती है ।सूरज लाइट बंद कर देता है ।
सूरज-"ओह्ह दीदी सुसु की आवाज़ इतनी मधुर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने सुरीली रागनी छोड़ दी हो,मन कर रहा था और सुनु" 
पूनम-"ओह्ह तू भी एक दम पागल है सूरज,सिटी की आवाज़ इतनी अच्छी लगी तुझे,अबकी बार मोबाइल में आवाज़ रिकॉर्ड कर लुंगी,रिंग टोन बना कर सुनते रहना" 
सूरज-"हाहाहा दीदी वीडियो रिकॉर्ड कर लेना,में भी तो देखूं सिटी की आवाज़ कहाँ से निकलती हैं" पूनम की चूत में खलबली मचने लगती है,इधर सूरज भी लंड सहला रहा था,जिसका अंदाज़ा पूनम को हो रहा था ।
पूनम-"पागल अपनी दीदी की सुसु देखेगा" 
सूरज पर अब कंट्रोल नहीं हो रहा था।
सूरज-'दीदी बाकई में आपके नितम्ब बहुत अच्छे हैं,मन कर रहा था पास आकर देख लू,कितने चौड़े और सेक्सी हैं" पूनम सेक्स की आग में जलने लगती है ।
पूनम-"तूने देख ही लिए मेरे नितम्ब,बहुत बत्तमीज हो गया है तू"
सूरज-"दीदी आपके नितम्ब बहुत गोरे हैं,काश में पास से देख पाता"
पूनम-"नितम्ब को और कुछ भी बोलते हैं क्या सूरज"
सूरज-"हाँ दीदी गांड बोलते हैं,और सुसु को चूत बोलते हैं"
पूनम-"ओह्ह्ह गांड और सुसु को चूत, तू अपने पेनिस को क्या बोलता है"
सूरज-"इसको लंड बोलते हैं दीदी"
पूनम-"तूने अपने लंड को बाहर निकाल लिया है क्या"
सूरज-"हाँ दीदी लोअर से तो मैंने कब का आज़ाद कर लिया है,अँधेरे का फायदा उठा रहा हूँ"लंड को मसलते हुए बोला। पूनम की चूत में आग लग जाती है ।
पूनम-"हाँ अँधेरे का फायदा तो में भी उठा रही हूँ"
सूरज-"ओह्ह मतलब दीदी आप भी अपनी चूत मसल रही हो"
पूनम-"हाँ और क्या" पूनम की इस बात को सुन कर सूरज का मन मुठ मारने का हुआ ।

सूरज-"दीदी में बाथरूम में जा रहा हूँ,लाइट जला लू अंदर बहुत अँधेरा है"
पूनम-"फिर से मेहनत करने जा रहा है, आज दिन में तो तूने किया ही था"
सूरज-"दीदी बहुत मन कर रहा है,हिला लू जाकर" 
पूनम-"लाइट मत जला,सामने बाथरूम है जा ऐसे ही जाकर हिला ले" 
सूरज-"दीदी बहुत अँधेरा है कैसे जाऊं" 
पूनम-"तो फिर बाथरूम मत जा यहीं हिला ले,बैसे भी अँधेरा है" सूरज की तो मौज आ जाती है,इधर पूनम के मन में सूरज का लंड देखने की तीब्र इच्छा थी ।
सूरज-"दीदी आपके सामने"
पूनम-"में कौनसा तुझे दिखाई दे रही हूँ,अँधेरा है कर ले" 
सूरज-"दीदी मुझे कपडे उतार कर हिलाने में मजा आता है" 
पूनम-"ओह्ह तो उतार ले" सूरज तुरंत अपने कपडे उतार कर नंगा हो जाता है,पूनम की चूत रिसने लगती है ।
सूरज-"हिलाते हुए"- दीदी आप भी कर लो" 
पूनम-"क्या"
सूरज-"ऊँगली कर लो दीदी आप भी"
पूनम-"तू आ गया था इसलिए कर नहीं पाई" 
सूरज-"ओह्ह सॉरी दीदी, आप भी कर लो,अब आराम से"
पूनम-"पहले तू अपना कर ले में बाद में करुँगी" 
सूरज-"दीदी आप भी कर लो न,में कौनसा देख रहा हूँ" 
पूनम-"मुझे भी कपडे उतार कर करने में मजा आता है,"
सूरज-"नायटी उतार लो न दीदी" 
पूनम-" मुझे भी बेशरम बना कर ही छोड़ेगा तू"
सूरज-"दीदी आप ऊँगली करोगी तो मेरा पानी जल्दी निकल आएगा"
पूनम-"ठीक है करती हूँ ऊँगली" पूनम जल्दी से नायटी उतार कर बेड पर लेट जाती है,एक तरफ सूरज और दूसरी तरफ पूनम ।
पूनम जैसे ही अपनी चूत में ऊँगली करती है तेज तेज सिसकारी भरने लगती है, इधर सूरज भी तेज तेज हिलाता है, पूनम की कामुक सिसकी सूरज के लिए vigera का काम कर रही थी, अपनी ही कामुक बहन को ऊँगली करने के महसूस से ही सूरज की उत्तेजना बढ़ गई थी और यही हाल पूनम का था ।
पूनम-"ओह्ह्ह्हूफ्फ्फाह्ह्ह्ह्ह्हाउच् आह्ह्ह"पूनम की सिसकियाँ तेज हो जाती है,
सूरज-"दीदी ऊँगली अंदर डालकर कर रही हो या सिर्फ सहला रही हो"
पूनम-"उफ्फ्फ्फाह्ह्ह्ह् ऊँगली अंदर डाल कर कर रही हूँ,ऊँगली से मुझे मजा नहीं आता है सूरज"
सूरज-"फिर क्या डालती हो आप सुसु में" 
पूनम-"क केला डालती हूँ इसमें आह्ह्ह्हउफ़्फ़्फ़गईईईई" 
सूरज-"ओह्ह्ह मतलब जो केले मैंने खाए तो वो आपकी चूत से निकले हुए थे" सूरज पहली बार चूत बोलता है,पूनम चूत शब्द सुन कर ऊँगली तेज करने लगती है" 
पूनम-"हाँ वो मेरी ही चु सुसु से निकले थे" सूरज अपना सर पूनम के सर के पास ले जाता है,अब दोनों बहन भाई बराबर में लेट कर अपने अपने काम में लगे हुए थे ।
सूरज-"दीदी आपकी चूत का पानी तो बड़ा स्वादिष्ट है,क्या मुझे वो पानी फिर से चटा दोगी" पूनम पर रहा नहीं जाता है,पूनम अपनी चूत से ऊँगली निकाल कर सूरज के चेहरे पर ले जाती है,और मुह को ढ़ुढ़ते हुए कामरस से भीगी ऊँगली मुह में घुसेड देती है।
पूनम-"ले चाट ले अपनी दीदी की चूत का पानी" सूरज ऊँगली को चाटने लगता है । 
सूरज-"दीदी चूत चाटूंगा आपकी' दोनों बहन भाई के ऊपर सेक्स का नशा चढ़ा हुआ था । 
पूनम-" तू अपनी बहन की चूत चाटेगा?" 
सूरज-"हाँ दीदी आपकी चूत में जीव्ह डालकर सारा पानी चाट जाऊँगा"
पूनम-"ओह्ह्ह तू ये कैसी बात करता है,मेरे तन बदन में आग लगा दी है तूने,में बहक जाउंगी सूरज"
सूरज-"तो बहक जाओ न दीदी" 
पूनम-"तू मुझे संभाल तो लेगा न, मेरे अंदर बहुत कामाग्नि है" 
सूरज-"दीदी भरोसा रखो,आज आपकी कामाग्नि को शांत कर दूंगा में" पूनम अपना एक हाँथ सूरज के पेट पर सहलाती हुई सूरज का लंड पकड़ लेती है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज ये तेरा लंड है,ये तो बाकई में बहुत मोटा और लंबा है" 
सूरज-" दीदी आप जैसी मस्त तगड़ी घोड़ी के लिए इतना बड़ा लंड काफी है न,जब ये आपकी चूत में घुसेगा तो पता भी नहीं लगेगा कहाँ गया" सूरज अपना एक हाँथ पूनम के बूब्स को सहलाता है,निप्पल को मसलता है फिर चूत को सहला देता है, पूनम की चूत पर बहुत छोटी छोटी झांटे थी। पूनम सूरज को कस कर गले लगा लेती है,और लिप्स किस्स करने लगती है, पूनम जंगली लड़की की तरह सूरज के होंठो को चूसने लगती है ।सूरज अपने दोनों हांथी से पूनम की गांड को मसलता है, गांड के दोनों पाटो को भींचता है, गांड की दरार में ऊँगली डालने लगता है,पूनम सिहर जाती है,पूनम सूरज के होंठो को चूसते हुए एक हाँथ से सूरज के लंड को मसलने लगती है । पूनम के सिसकियाँ लेती है, तभी पूनम सूरज के होंठो को छोड़ कर अपनी भारी भरकम गांड सूरज के मुह पर रख कर बैठ जाती है, सूरज का मुह गांड की दरार में घुस जाता है, सूरज अपनी जीव्ह गांड के आसपास चाटने लगता है ।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तुझे मेरी गांड पसंद है न,ले चाट अब, अपनी दीदी की गांड को अच्छे से मसल,लाल कर दे आज मेरी गांड" सूरज गांड को चाटते हुए अपनी जीव्ह चूत के पास ले जाता है और जीव्ह को चूत में प्रवेश कर देता है, पूनम सिसकारी भरने लगती है और खुद की चुचिया मसलती है । पूनम की चूत से बहता पानी चाट चाट कर साफ़ कर देता है, पूनम झुक कर सूरज के लंड को मुह में लेकर चूसने लगती है । दोनों बहन भाई एक दूसरे के अंगो को चूसने लगते हैं । पूनम पाए अब रहा नहीं जा रहा था ।
पूनम-"मेरे भाई अब अपनी दीदी की चूत खोल दे अपने लंड से,अब और बर्दास्त नहीं हो रहा है" 
पूनम नीचे लेट जाती है सूरज पूनम के ऊपर लेट कर अपना लंड पूनम की चूत पर रखता है ।
सूरज-"दीदी दर्द होगा थोडा सा,में लंड घुसेड़ रहा हूँ" 
पूनम-"में हर दर्द सह लुंगी सूरज,लंड डाल दे अपनी दीदी की चूत में सूरज" सूरज आराम आराम अपना लंड चूत में पूरा घुसेड़ देता है ।
पूनम-"आःह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़आह्ह्ह्ह सूरज, निकाल कर दुबारा डाल" सूरज लंड को निकाल कर दुबारा धक्का मारता है, पूनम की चूत में ऐसा लग रहा था जैसे ज्वाला मुखी हो,पूरी चूत भट्टी की तरह गरम थी । सूरज तेज तेज धक्के मार कर चोदने लगता है, पूनम भी तेज तेज बोल कर चुदवाती है ।
पूनम-" आह्ह्ह तेरा लंड बच्चेदानी तक पहुँच गया है सूरज,और तेज चोद आह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्"
सूरज-"दीदी घोड़ी बनो" पूनम घोड़ी बन जाती है, सूरज पूनम की गांड पर तमाचे मार कर चोदता है ।
पूनम की चूत से लंड तेजी से अन्दरबाहर हो रहा था,
पूनम-" सूरज अब तू लेट में तुझे छोडूंगी ऊपर से" सूरज लेट जाता है पूनम आप अपनी चूत लंड पर रख कर बैठ जाती है, पूनम की गांड ऊपर नीचे होने लगती है, पूनम उछाल उछल कर चुदती है, सूरज भी नीचे से धक्के मारता है । पूनम झड़ जाती है ।और नीचे आकर लेट जाती है, सूरज लंड को चूत में डालकर चोदने लगता है । पूनम फिर से गर्म हो जाती है, सूरज पूनम के बूब्स को मुह में लेकर चूसने लगता है, दोनी बूब्स को मसलता है ।
सूरज-'दीदी तुम्हारी चुचिया भी गांड की तरह कठोर है ,
पूनम-" मसल दे सूरज,आह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्"सूरज तेज तेज धक्के मारता है पूनम का शारीर अकड़ने लगता है और एक बार फिर झड़ जाती है ।
सूरज-"दीदी में भी झड़ने बाला हूँ" 
पूनम-"चूत में ही झड़ जा मेरे भारी" सूरज तेज तेज धक्के मार कर चूत में झड़ जाता है, सूरज हाँफते हुए पूनम के ऊपर ही लेटा रहता है जब तक लंड से एक एक बून्द तपक नहीं जाती । सूरज से चुदबाने के बाद पूनम भी आज बहुत खुश थी चुकी पहली बार चूदी थी, सूरज पूनम के उपर से उठता है, पुनमचुत साफ़ करती है ।
सूरज-"दीदी कैसा लगा चुद कर" 
पूनम-"बहुत मजा आया सूरज, दोनों बहन भाई नंगे एक दूसरे को बाँहो में लेकर लेट जाते हैं। रत के 12 बज चुके थे, 
सूरज-"दीदी एक बार और चुदाई करें"
पूनम-"में तो तीन बार झड़ गई,अब और दम नहीहै मुझ में, सो जा अब,मुझे सुबह जग कर सारा काम करना है ।
सूरज-" सुबह घर का काम तानु दीदी कर लेंगी"
पूनम-"तनु और माँ को मेंन्सेज हो रहे है इसलिए सारा काम मुझे ही करना हैभाई" 
सूरज-'दीदी अब लाइट जला कर आपकी चूत देख लू, मैंने अभी तक आपका जिस्म नहीं देखा है, अँधेरे के कारण"

पूनम-"नहीं सूरज अब तू अपने रूम में जा,कल देखना मुझे नंगी, फिर से मजा आएगा,जब हम रौशनी में सेक्स करेंगे"पूनम सूरज के कपडे दे कर भेज देती है ।
सूरज थका हारा आकर अपने कमरे मे सो जाता है।
सुबह 8 बजे तनु दीदी के जगाने पर में जागा, में फ्रेस होकर निचे गया,तनु दीदी नास्ता करके कॉलेज चली गई, माँ भी नास्ता करके अपने रूम में चली गई, पूनम दीदी किचेन में थी,रात की चुदाई के कारण दीदी मेरा सामना नहीं कर पा रही थी,उन्हें बहुत शर्म आ रही थी । में किचेन में गया और दीदी का हाँथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया ।

सूरज पूनम को लेकर कमरे में आता है और पूनम को कस कर गले लगा कर उसके होंठ चूसने लगता है,होंठ चूसते चूसते सूरज के हाँथ पूनम की गांड तक पहुँच गए और उनको मसलने लगा। काफी देर तक पूनम के होंठ चूसने के बाद सूरज पूनम की मेक्सी को उठाकर चूत में एक ऊँगली डालकर मसलने लगा ।
पूनम-"सूरज मत कर, माँ कभी भी आ सकती है" 
सूरज-" दीदी करने दो न, माँ कमरे में पूजा करेगी,उन्हें पूजा करने में एक घण्टा लग जाता है,तब तक में तुम्हारी चूत की पूजा कर देता हूँ अपने लंड से"सूरज मेक्सी को उठाकर पूनम की चूत चाटने लगता है। पूनम की चूत रस छोड़ने लगती है,सूरज चूत में जीव्ह डालकर चाटने लगता है ।
पूनम-"सूरज मत कर अभी,मुझे सेक्स चढ़ जाएगा तो में बिना चुदे नहीं रह पाउंगी" 
सूरज-"दीदी आपको चोदने के लिए ही तो लाया हूँ, आज आपकी चूत इस दिन के उजाले में मारूँगा" सूरज पूनम के बूब्स और चूत मसलने लगता है,पूनम गर्म हो जाती है ।
पूनम-"आह्ह्हफ़्फ़्फ़् सूरज अब सब्र नहीं हो रहा है, तू लोअर उतार कर लेट जा बेड पर" सूरज अपने कपडे उतार कर बेड पर चित्त ले जाता है, पूनम अपनी मेक्सी उतार कर सूरज के लंड पर अपनी चूत सेट करके बैठ जाती है, और अपनी गांड ऊपर नीचे करके धक्के मारने लगती है ।सूरज का लंड पूनम की चूत में पूरा अंदर बहार हो रहा था। सूरज पूनम की चूचियों को पकड़ कर मसलता है इससे पूनम की गति बढ़ जाती है और तेज तेज सूरज के लंड पर कूदने लगती है, सूरज पूनम की कमर में हाँथ डालकर गाण्ड को मसलता है ।
सूरज-"आह्ह्ह दीदी मस्त चुदाई करती हो आप"
पूनम-" तूने मेरी सुलगती चूत को छेड़ा है,आज तेरे लंड की खैर नहीं" पुरे कमरे में थप थप की आवाज़े गूंजने लगती है ।
सूरज-'दीदी आपकी चूत में बहुत आग है,इतनी आग तो मैंने किसी की चूत में नहीं देखि,भट्टी की तरह धधक रही है चूत" पूनम झड़ जाती है। सूरज पूनम को नीचे लेटा कर चोदने लगता है ।
पूनम-"और किस किस की चूत मारी है तूने" सूरज धक्के मारता है , लेकिन पूनम के इस सवाल से फस जाता है ।
सूरज-"दीदी वो तो बस मैंने ऐसे ही बोल दिया था,आपकी चूत में बाकई बहुत आग है" 
पूनम-"आउफ़्फ़्फ़्फ़् आह्ह्ह्ह झूठ मत बोल सूरज,सच सच बोल तूने किस किस को चोदा है,तुझे मेरी कसम" पूनम जानबूझ कर कसम खिलाती है ताकि सूरज सब बता दे,इधर सूरज झड़ने के करीब होता है।
सूरज-"दीदी आप सुन कर नाराज़ हो जाओगी,बाद में बताऊंगा" पूनम सूरज का लंड पकड़ लेती है,आधा लंड चूत में था और आधा लंड पूनम की मुट्ठी में था,पूनम अभी झड़ भी नहीं पाया था ।
पूनम-'में तुझसे कभी नाराज नहीं होंगी,सच सच बता सूरज" सूरज मजबूर हो चूका था ।
सूरज-"तान्या दीदी को और संध्या माँ को चोद चूका हूँ"सूरज तनु की चुदाई छुपा लेता है,पूनम चोंक जाती है जब सूरज संध्या के बारे में बोलता है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज संध्या माँ को भी तू चोद चूका है, उनकी उम्र तो अपनी माँ से भी ज्यादा है,तान्या पर तो मुझे पहले से ही शक था" पूनम मुठ्ठी से सूरज का लंड छोड़ देती है,सूरज धक्के मारने लगता है ।
सूरज-"संध्या माँ 22 साल से चूदी नहीं थी, मेरा लंड देख कर उनकी प्यास और बढ़ गई,अब तीन महीने से रोजाना में उनको चोद रहा हूँ"सूरज अब पूनम को चोदते हुए झड़ जाता है । पूनम भी झड़ जाती है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तू तो मझां हुआ खिलाडी निकलना,22 साल से प्यासी संध्या को चोद दिया तूने' पूनम हसते हुए बोली।
सूरज-"दीदी मैंने किसी को जानबूझ कर नहीं चोदा, हालात बनते गए और में चोदता गया" 
पूनम-"हाँ भाई तूने सही कहा,ये चूत की गर्मी ऐसे ही होती है,एक बार भड़क जाए तो बिना लंड के आग नहीं बुझती है'पूनम अपनी चूत दिखाते हुए बोली। 
सूरज-"दीदी आपकी चूत मस्त है दुबारा चौदने का मन करने लगा" सूरज पूनम की चूत में ऊँगली करते हुए बोला । पुनम बाथरूम में भाग जाती है,
पूनम-"अब नहीं मेरे भाई माँ आती ही होगी,अब मुझे नहाने दे" लेकिन सूरज नहीं मानता है बाथरूम में जाकर पूनम को कस कर गले लगा लेता है और एक ऊँगली गांड के छेद में कुरेदने लगता है। पूनम मचल जाती है । सूरज का लंड पुनः खड़ा हो जाता है और बाथरूम में ही पूनम की एक टांग कमोड पर रख कर अपना लंड चूत में घुसेड़ कर धक्के मारने लगता है ।पूनम की चूत भी पनिया जाती है। सूरज पूनम के दूध पीते हुए तेज तेज धक्के मारता है ।
सूरज-"दीदी आपका बदन बेहद कामुक है,और आपकी गांड गदराई हुई है, आपको देख कर मेरा लंड झटके मारने लगता है" 
पूनम-"तेरा भी लंड कुछ कम नहीं है सूरज,चूत के अंदर जब रगड़ता है तो मजा आ जाता है, चोद मेरे भाई, तेरी दीदी बहुत प्यासी है आह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्" पूनम की कामुक आवाज़े निकलने लगती है तभी रेखा माँ की आवाज़ आती है ।
रेखा-"पूनम कहाँ है तू" रेखा पूनम के कमरे में आकर पूनम को ढूढती है लेकिन पूनम दिखाई नहीं देती है,तभी रेखा को बाथरूम से पुनम की सिसकियाँ सुनाई देती है, इधर पूनम सूरज से चुदवाने में मस्त थी,उसे खबर ही नहीं थी की माँ बाहर खड़ी उसकी कामुक सिसकियों को सुन चुकी है ।
रेखा-"पूनम क्या हुआ? रेखा दरबाजा बजा कर पूछती है । जैसे ही पूनम और सूरज माँ की आवाज़ सुनते है तो सन्न रह जातें हैं। पूनम सूरज जो चुप रहने का इशारा करती है ताकि माँ को शक न हो ।

पूनम-"क क कुछ नहीं हुआ माँ,नहा रही हूँ" सूरज चूत मे घुसा लंड आराम से निकालता है तो पूनम सूरज को रोक देती है ।
रेखा-"तेरी सिसकने की आवाज़ सुनी थी मैंने,तेरी तबियत तो ठीक है? पूनम और सूरज माँ के इस सवाल से घबरा जाते हैं ।
पूनम-"कुछ नहीं हुआ माँ, ठंड लगने की बजह से कपकपा गई थी में और सिसकी निकल गई" 
रेखा-" ये सूरज कहाँ गया" 
पूनम-"वो बाहर गार्डेन में घूमने गया है माँ" पूनम बात को संभाल लेती है । सूरज फिर से चोदने लगता है चुकी वो अभी झाड़ा नहीं था। पूनम झड़ने बाली थी । तभी पूनम की सिसकी निकल जाती है। रेखा को लगता है शायद पूनम ऊँगली डालकर अपने आपको शांत कर रही है, तभी उसकी सिसकी फुट रही हैं,इतनी गर्मी में पानी ठंडा होने का कोई सवाल ही नहीं उठता। 
रेखा-"ठीक है तू जल्दी नहा ले,में अपने कमरे में जा रही हूँ" रेखा अपने कमरे में जाकर पूनम की कामुक सिसकी के बारे में सोचती है ।
रेखा-"(मन में) पूनम की उम्र हो गई है शादी की,इसलिए अपने आपको शांत करने के लिए ऊँगली का सहारा ले रही है, इसमें उसकी कोई गलती नहीं है,जवान लड़कियां अक्सर ऐसा करती हैं,गलती तो मेरी है में ही उसके लिए कोई लड़का नहीं देख पाई अभी तक, आज सूरज से कहूँगी पूनम के लिए कोई लड़का देख ले,बेचारी पूनम तो शर्म की बजह से कह नहीं पाती है,लेकिन मुझे तो समझना चाहिए,में एक माँ हु और सेक्स की तड़प अच्छे से जानती हूँ, हालांकि मैने अपने बच्चों की खातिर सेक्स के प्रति कभी ध्यान नहीं दिया, ऊँगली किए हुए तो कई वर्ष बीत गए" रेखा एक पेड निकालती है और बाथरूम में जाकर मेक्सी को ऊपर करके पेंटी उतार देती है,पुराना पेड निकाल कर ब्लड देखने लगती है,आज पांचवा दिन था इसलिए कम मात्रा में ही ब्लड आया था, रेखा पुराने पेड को फेंक कर नया पेड पेंटी पर चिपकाने के लिए झुकती है, तभी उसकी नज़र अपनी चूत पर पड़ती है, सालो बाद आज अपनी चूत को देखके उसे झटका सा लगता है क्योंकि चूत पर उगे बालो का झुण्ड इस बात की गवाही दे रहे थे,चूत के आसपास बड़े बड़े बाल देख के रेखा खुद चोंक जाती है और चूत पर हाँथ फिरा कर उनकी लम्बाई का मापन करने लगती है,एक दम काले श्याह् घुंघराले बाल से चूत पूरी तरह से ढकी हुई थी। रेखा चूत के आसपास के बाल देखती है जिनपर मेंन्सेज का ब्लड लगा हुआ था, रेखा को बहुत गन्दा लगता है,वो अपनी पेंटी को टांगो से आज़ाद करके मेक्सी भी उतार देती रेखा का बदन एक दम कसा हुआ था और गदराया हुआ चूँकि जीवन के 22 साल तक गाँव में लकड़ी काटकर अपने बच्चों का लालन पालन किया था, पुरे गाँव में सबसे सुन्दर और कामुक बदन बाली महिला थी,क्योंकि उसकी गांड बहुत मोटी और चौड़ी थी, 5 फुट 8 इंच की लंबाई, 38 की चूचियाँ और दिल आकार की मोटी गांड किसी का भी लंड खड़ा कर सकती थी,यही कारण था की पूरा गाँव उसके बदन को देख कर आँहें भरता था, गाँव के अधिकतर बदचलन पुरुष उसको अपनी कलपनाओं में सोचकर मुठ मार कर अपनी हवस को शांत करते थे,और सबसे बड़ा दीवाना तो गाँव का चौधरी ही था जो कई हथगंडे अपना चूका था लेकिन रेखा ने उसे कभी घास भी नहीं डाली,रेखा को पता था की चौधरी उसे गलत नियत से देखता है,इसलिए कभी उसके झांसे में नहीं आई । रेखा नंगी होकर हैंड शॉवर को उठाकर चालु करती है,और एक तेज पानी की बौछार से अपनी चूत साफ़ करने लगती है, झान्टो को रगड़ते समय उसकी चूत के भग्नसुर रगड़ जाते है,रेखा के जिस्म में उत्तेजना का संचार होने लगता है,पानी की तेज धार चूत के छेद से टकराते ही रेखा सिहर जाती, कई सालो बाद उसने अपने जिस्म में उत्तेजना महसूस की थी, रेखा के हाँथ तेजी से चूत पर चलने लगते हैं,तभी एक दम उसके पेट में दर्द होने लगता है,चूत के अंदर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने खंजर घुसेड़ दिया हो,रेखा दर्द से चीखने लगती है, और एक तेज चीख के साथ बेहोस हो जाती है।
रेखा-"आआआईईई स स सूरजज ज ज ज" 
इधर पूनम और सूरज झड़ चुके थे,सूरज और पूनम अपने कपडे पहन ही रहे थे,तभी दोनों को अपनी माँ की चीख सुनाई देती है,
पूनम-"सूरज मुझे माँ के चिखने की आवाज़ सुनाई दी,ऐसा लगा जैसे तुझे बुला रही हो"
सूरज-"हाँ दीदी मैंने भी सुनी,जल्दी चलकर देखो,क्या हुआ माँ को"
सूरज और पूनम घबरा जाते हैं, पूनम और सूरज जल्दी से कपडे पहन कर रेखा के कमरे में जाते हैं, रेखा कमरे में नहीं होती है तभी बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ सुन कर दोनों बहन भाई बाथरूम में जाते है,दरबाजा खुला हुआ था,सूरज की नज़र जैसे ही अपनी माँ पर पड़ी तो एक दम चोंक गया,रेखा फर्स पर नंगी बेहोस पड़ी थी, सूरज की आँखों के सामने अपनी ही माँ को देख कर शर्मा जाता है,आज पहली बार माँ की चूत और चूचियाँ देखी थी, सूरज शर्म के कारण बाहर निकल जाता है,पूनम रेखा को आवाज़ लगाती है,
पूनम-"माँ माँ क्या हुआ,उठो माँ"लेकिन रेखा तो बेहोस थी,पूनम रेखा को मेक्सी पहनाती है ।
पूनम-"सूरज देख माँ कुछ बोल नहीं रही है" सूरज बाथरूम में जाता है और रेखा को उठाता है लेकिन रेखा नहीं उठती है । 
सूरज-"दीदी हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ेगा,जल्दी चलो" सूरज और पूनम रेखा को उठाकर अपनी गाडी में लेटा देते हैं । सूरज अपनी गाडी सिटी हॉस्पिटल की और दौड़ा देता है । पूनम और सूरज काफी घबरा चुके थे, सूरज तेज गाडी दौड़ता है और कुछ ही देर में हॉस्पिटल आ जाता है । हॉस्पिटल के कर्मचारी तुरंत रेखा को इमरजेंसी में ले जाकर इलाज सुरु कर देते हैं, सूरज भागता हुआ डॉक्टर के पास जाता है ।
सूरज-' डॉक्टर प्लीज़ मेरी माँ को देखिए क्या हुआ है,ये कुछ बोल नहीं रही है" डॉक्टर एक महिला थी जिसका नाम नीलम था । डॉक्टर नीलम रेखा को देखती हैं।
डॉक्टर नीलम-"आप घबराइए मत,ये बेहोस हैं, बेहोस क्यूँ हुई हैं इसका बाद पता चलेगा, दवाई दे दी है शाम तक होश आ जाएगा" सूरज थोड़ी तसल्ली मिलती है । पूनम तनु और तान्या को फोन कर देती है कुछ ही देर में दोनों बहने आ जाती हैं,
तनु-"दीदी क्या हुआ माँ को" 
सूरज-"दीदी घबराओ मत,माँ सिर्फ बेहोस हुई है" 
पूनम और तनु बहुत घबराई हुई होती है, तान्या सबको हिम्मत देती है। तीनो बहने और सूरज बाहर बैठ कर शाम होंने का इंतज़ार करते हैं।
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