Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:59 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"उः.. हाई, कॅन यू प्लीज़ टेक मी टू दा नियरेस्ट ट्रेन स्टेशन.." मैं जब बाहर आया तो कुछ खाली टॅक्सीस भी खड़ी थी




"शुवर, दट विल बी 15 पाउंड्स, इफ़ यूआर ओके वित इट..." टॅक्सी ड्राइवर ने अख़बार से अपनी आँख बाहर निकाली और सिगार से धुआँ छोड़ कर कहा




"बहनचोद, शाम को कौन अख़बार पढ़ता है, साला मैं तो सुबह को भी नहीं पढ़ता.. उपर से बेन्चोद सिगार ऐसी स्टाइल में.." मैं उसे देख सोचने लगा




"यू वाना कम ऑर नोट.." उसने फिर अपनी तेज़ आवाज़ में कहा




"ओह यस प्लीज़..." मैने उससे कहा और अपना बॅग लेके पीछे बैठ गया.. ठंड तो बहुत थी बाहर लेकिन टॅक्सी के अंदर उसका हीटर ऑन था जिससे थोड़ी सी राहत मिली..

गाड़ी के शीसे पे जमा हुए माय्स्चर को देख पता लग रहा था कि ठंड में सर्वाइव करना आसान नहीं होगा मेरे लिए.. टर्मिनल 4 से लेके लोकल स्टेशन सिर्फ़ 3 माइल्स की दूरी पे था, रास्ते पे ज़्यादा ट्रॅफिक नहीं थी, बस एरपोर्ट की तरफ आती हुई और जाती हुई गाड़ियाँ.. ज़्यादातर लोगों ने खुद को लोंग कोट्स और गम बूट्स से ढका हुआ था.. इतनी भीड़ और उपर से बाहर का देश देख मेरी आँखें बस चमकती ही जा रही थी और अंदर ही अंदर काफ़ी मुस्कुरा रहा था




"देयर यू आर.." टॅक्सी वाले ने रोक के कहा




"वी आर हियर.. इट'स ऑलमोस्ट 3 मिल्स आइ गेस, आंड यू चार्ज 15 पाउंड्स फॉर दट" मैने शॉक में आके कहा.. 3 मील के लिए बेन्चोद 1200 रुपीज़..




"आइ आस्क्ड यू किड, इफ़ यू ओके.. आंड डॉन'ट रेज़ युवर वाय्स ओके.. नाउ गेट आउट आंड पे मी.." टॅक्सी वाले ने अपने दांतो में रख सिगार चबा के कहा




"ले ले बेन्चोद.. तू भी गान्ड मरा साले..." मैने गर्दन को हिल्ला के चिल्ला के कहा




"हे वॉट डू यू से"




"जा ने लवदे, " मैने फिर उसे देख कहा और उसके हाथ में पैसे देके स्टेशन के अंदर चला गया.. मॅप में देखा तो ओल्ड ट्रॅफर्ड की ट्रेन गेट नंबर 10 के पास थी, और उसे छूटने में अभी 15 मिनट थे... मैने डाइरेक्षन्स को फॉलो किया और टिकेट लेके ट्रेन का वेट करने लगा.. बचे हुए 279 पाउंड्स में से ट्रेन की पास 10 पाउंड्स की मिली.. साला ऑलमोस्ट 300 मील का सफ़र और टिकेट 20 पाउंड्स.. और 3 मील का सफ़र साला 15 पाउंड्स... चूतिया बना गया रे आते ही यार.." मैं ट्रेन का वेट करते करते सोचने लगा.. यहाँ के स्टेशन्स या सबवे भी कहते हैं लोग, वो काफ़ी सॉफ सुथरे थे और लोग भी ध्यान रख रहे थे कि किसी प्रॉपर्टी को डॅमेज ना करें, कंप्यूटर्स, बेंचस देख ऐसा लग रहा था मानो इससे अच्छी जगह हो ही नहीं सकती यहाँ.. और ठंड की वजह से जगह जगह हीटर्स भी ऑन थे..




"मम, दा ट्यूब ईज़ हियर...." एक लड़के ने चिल्ला के कहा तब मैने सामने आती हुई ट्रेन को देखा... ट्रेन को देख समझ आया कि इसे ट्यूब क्यूँ कहते हैं.. सबवे में आस पास देखा तो भीड़ नहीं थी इतनी, मैने सोचा चलो अच्छा है, शांति से मॅच देखने जाएँगे, टाइम तो काफ़ी था, मॅच रात के 10 बजे थी तो आइ थॉट ओके, इसलिए ट्रेन के रुकने का इंतेज़ार किया.. ट्रेन के रुकते ही लोगों की भीड़, नहीं , सूनामी कह सकते हैं वैसे लोग बाहर निकले...




"अरे.. हेलो, एक्सक्यूस.... एक्सक्यूस मी..... माइ ट्रेन विल.. एक्षकुसई मी...." मैं कभी अपने बॅग को संभालता तो कभी सामने ट्रेन को देखता जो फिलहाल खड़ी ही थी, अब से मुंबई लोकल ट्रेन्स को गालियाँ देना बंद, अब से मैं इस ट्यूब ट्रेन को गालियाँ दूँगा.. मैं खुद से कहने लगा और धक्का मुक्की करके ट्रेन के दरवाज़े के पास पहुँच गया...




"सालों इंडियन तो मैं भी हूँ... भीड़ में तो हम भी आगे निकल जाते हैं, आदत जो है बचपन से..." मैने खुद से कहा और मुस्कुराने लगा क्यूँ कि मेरे आने के कुछ सेकेंड्स बाद ही ट्रेन का दरवाज़ा बंद हुआ..




"फीव....." मैने अपना चेहरा सॉफ किया और नज़र आस पास दौड़ाई तो जितनी भीड़ उतरी थी, उतनी ही वापस अंदर भी चढ़ चुकी थी.. साला सबवे तो खाली था,

लेकिन इतने लोग आए कहाँ से.. मैने सोचा और आस पास खड़े लोगों को देखने लगा... भीड़ में थोड़ी सी दूरी पे कुछ गोरे दिखे जो मफ्क की टी पहने हुए थे.. मैने उन्हे देखा तो उनकी तरफ ही देखता रहा.. नहीं, मैं गे नहीं हूँ, पर स्पोर्ट्स के लिए इतना पॅशन, और वो भी फुटबॉल के लिए मैने पहली बार देखा था, हां मैं युरोप के देश में ही हूँ, जहाँ क्रिकेट के अलावा भी काफ़ी गेम्स खेले जाते हैं, खैर, भीड़ से लड़के मैं उनके पास पहुँचा और उनसे कोशिश की कि फुटबॉल या मफ्क की बातें करके थोड़ी पहचान बढ़ाई जाए, लेकिन सालों ने बात तो दूर, जवाब भी नहीं दिया




"स्पोर्ट्स युनाइट्स दा पीपल... घंटा, सब साला पेपर की बातें हैं, कोई किसी को यूनाइट नहीं करता और अपनी बेज़्ज़ती करवा कर फिर उनसे दूर हो गया.. करीब 300 मील का सफ़र ट्रेन ने ढाई घंटे में तय किया.. स्टेशन से उतर के 5 मिनिट की दूरी पे था एमयू सिटी का होम ग्राउंड... दा ओल्ड ट्रॅफर्ड स्टेडियम.. डोर से देखा तो भीड़ बिल्कुल नहीं थी, शायद वीकडे की वजह से खाली है, अच्छा है... मैने खुद से कहा और टिकेट काउंटर पे चला गया




"वी आर फुल सर..." टिकेट काउंटर पे बैठे बंदे ने कहा और मूह पे क्लोस्ड का बोर्ड दे मारा




"हे, यू वॉंट आ टिकेट.." टिकेट काउंटर से थोड़ी दूरी पे खड़े बंदे ने कहा




"अब इतना दूर आया हूँ भाई तो मॅच देखना ही है... टिकेट तो चाहिए ना.... ओह यस, यू हॅव एक्सट्रा.." मैने उस बंदे को जवाब दिया




"यस, यूआर आ मूक फॅन.." उसने हाथ मिला के कहा




"ओह यस, बिग टाइम..." एमयू सिटी का नाम सुनते ही खून तो साला जैसे रेस के घोड़े की तरह दौड़ने लगता है, रोंगटे ऐसे खड़े होते हैं जैसे यह दुनिया का आखरी फुटबॉल मॅच हो और एमयू सिटी का जीतना गॅरेंटीड हैं.."




"ओह मी टू.. आइ हॅव आ टिकेट एक्सक्लूसिव्ली वित एमयू सिटी फॅन क्लब, पर्चेस आंड एंजाय.."




"हाउ मच.." मैने खुशी के मारे इतना पूछा.. एमयू सिटी का होम ग्राउंड, उपर से मफ्क के साथ बैठना, इससे अच्छी बात तो हो ही नहीं सकती.. आज आर्सेनल की गान्ड फटेगी साला..




"नोट मच, जस्ट 100 पाउंड्स..." उसने टिकेट देके कहा




"269 पाउंड्स में से 100 की टिकेट, वॉटरलू स्टेशन, मेरे कॉलेज वाला, उसकी टिकेट 10 पाउंड्स.. फिर भी 159 बचेंगे.. ओके, आइ विल टेक इट.. थॅंक्स..." मैने झट से उसे पैसे दिए और टिकेट लेके जाने लगा




"ईस्ट स्टॅंड... लेफ्ट कॉर्नर Z4..." मेरी सीट का नंबर देख कुछ समझ नहीं आया, ईस्ट स्टॅंड क्यूँ, मेरे हिसाब से मफ्क तो सेंटर में बैठते हैं..




"ओह बेन्चोद..." मैने टिकेट पे प्रिंटेड प्राइस को देख कहा




"20 पौंड की टिकेट , 100 पाउंड्स..." पैसे देख मैं खुद को ही गालियाँ देने लगा.. साला दूसरी बार चूतिया बना हूँ, इस बार 80 पाउंड्स में... दुखी होके वहीं खड़ा रहा और ईस्ट स्टॅंड के गेट पे जाने लगा..




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07-03-2019, 05:00 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
मफ्क के साथ बैठने के चक्कर में जो मूड खराब हुआ था, उसको हवा कर दिया यह सोच के, कि मेरे फेव खिलाड़ी माइकल ओवन, राइयन टन्निक्लिफ, कार्लोस वेला, बेनिक अफोबी, इन सब को पहली बार सामने खेलते देख ज़्यादा मज़ा आएगा.. नज़र तो कुछ नहीं आ रहा था, लेकिन हर स्टॅंड पे कॉमेंटरी स्पीकर्स थे तो सब सुन सकते थे कि क्या चल रहा है फील्ड पे.. जैसे ही एमयू सिटी की टीम बाहर आई मैं खुशी से चिल्लाने और झूमने लगा, लेकिन मेरे आस पास सन्नाटा देख सारी खुशी गायब..


मैने सुना था कि इंग्लेंड में जब आप फुटबॉल देखें तो यह ज़रूर देख लें कि आप अपनी टीम के सपोर्टर्स के साथ हैं, क्यूँ कि अगर आपकी टीम जीतेगी तो कुछ नहीं होगा, लेकिन अगर विरोधी टीम के साथ बैठे और आपकी टीम जीती तो आपको भगवान ही बचा सकता है..




"आर्सेनल गॉना फक यू टुनाइट यू मदर फकर्स..." मेरी नज़रों से थोड़ी दूर एक गोरे ने दूसरे स्टॅंड के आदमी को जैसे ही यह कहा , वहाँ के सब लोगों ने उसे हाथ आगे कर पकड़ा और अपने स्टॅंड में खींचने लगे... एमयू सिटी और आर्सेनल के फॅन्स अलग अलग बैठे थे और एक दूसरे को खींच खींच के मार रहे थे




"मेरे तो लोड्‍े लग गये भाई.." मैने खुद से कहा और नज़र घुमा के देखा तो मेरे आस पास सब आर्सेनल के फँस ही थे..




"आर्सेनल गॉना किक युवर आस टुडे बिच.. जस्ट वेट न ., वी विल सी यू आउटसाइड दा स्टेडियम..." एक आर्सेनल के सपोर्टर ने चिल्ला के कहा और उसके साथी उसका साथ देने लगे.. इतने लोग, गोरे सब साले कम से कम 6 फुट के, उपर से सब साले हप्सी लग रहे थे, मेरी आवाज़ को ढूंढता हुआ मैं बोला




"नो नो.. आर्सेनल ईज़ वेरी गुड आइ मस्ट से.. बट एमयू सिटी ईज़ वेरी बॅलेन्स्ड यू सी... देयर टीम कॉंपोज़िशन.." मैं बेन्चोद उन्हे ज्ञान सिखाने लगा यह भूल के कि यह गेम उनका ही है,




"शट दा फक अप यू पुसी... यू वाना बेट, आर्सेनल टुनाइट.. इफ़ एमयू सिटी विन्स आइ पे यू 5 टाइम्स ऑफ युवर मनी.. बट यू हॅव टू प्लेस मिनिमम ऑफ 100 पाउंड्स.." एक बंदे ने तहेश में कहा और सब साथी उसके उसको शाबाशी देने लगे




"आइ आम सॉरी, आइ डॉन'ट हॅव मनी...." मैने कंधे झटक कहा




"सो ऑल दा बेगर्स आर कमिंग फ्रॉम इंडिया हाँ, यू शिट हेड.."




"तेरी माँ का बेन्चोद..." मैने ज़ोर से कहा और वॉलेट से 100 पाउंड्स निकाल के उसके सामने रखे..




"शो मे 500 पाउंड्स नाउ..." मैने इतनी तेज़ी से कहा कि उसके साथी थोड़े खामोश हुए लेकिन सब चिल्ला चिल्ला के उससे पैसे निकलवाने लगे




"देयर वी आर.. इफ़ यू विन शिट हेड, यू गेट ऑल दिस.. बी रेडी टू सक माइ कॉक यू पुसी..." उसने फिर गाली दी और मन मार के भी मुझे अपने गुस्से को शांत करना पड़ा और मॅच देखने लगे.. यह मॅच तय करने वाली थी कि मेरा यहाँ क्या होगा, और कैसे होगा....

"टंगगगगग...... टंगग्ग......... टंगग्गग......" 4 बार चर्च के घंटे की आवाज़ सुनी तब जाके मुझे होश आया और मेरी आँखें हल्की सी खुली..




"आआ....... औकछ......." जैसे ही मैने उठने की कोशिश की, एक दर्द की लेहर पूरे शरीर में दौड़ उठी..पलकें इतनी भारी थी, उन्हे उठने की कोशिश की तो ऐसा लग रहा था कि कोई भारी सा पत्थर उठा रहा हूँ.. जैसे ही बॉय को फिर उठाने की कोशिश की, फिर से जाके ज़मीन पे गिर गया




"ओह्ह्ह्ह... फक्क....." फिर से दर्द के मारे एक चीख निकली जिसे सिर्फ़ मैने ही सुना.. आँखें खोल के सामने देखा तो खाली सड़क और अंधेरे के अलावा कुछ नहीं दिख रहा था.. हाथ को थोड़ा सा फेलाया तो वो जाके मेरे बॅग पे पड़ा.. थोड़ा हाथ और मारा और साइड पॉकेट पे रखी पानी की बॉटल महसूस हुई.. मरते मरते हाथ पानी की बॉटल पे रखा और उसे खींच के बाहर निकालने लगा.. आज तक पानी की बॉटल निकालने में इतनी मेहनत कभी नहीं लगी.. बॉटल को खींचा तो ऐसा लगा जैसे किसी भारी चीज़ को अपने पास खींच रहा हूँ.. पानी की बॉटल हाथ में आते ही, जल्दी से कॅप निकाला और जितना पानी था उसे पूरे चेहरे पे गिराया और चेहरे से बह चुके सूखे खून को सॉफ करने लगा.. जैसे जैसे पानी की बूँदें चेहरे पे गिरती, आँखों के साइड से मैं मेरे बहते खून को देख रहा था.. पानी की बॉटल ख़तम हुई तो जिस्म में हल्की सी जान आई जिससे मैने मेरे शरीर को उँचा किया और सड़क पे बैठ के मेरे लाल हो चुके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और हिम्मत बटोरने लगा




समझ नहीं आ रहा था कि मैं यहाँ कैसे, आस पास कोई आदमी नहीं, कोई बिल्डिंग नहीं, कुछ भी नहीं.. बस हर साइड हरे हरे पेड़ और तेज़ बहती हवा.. दर्द के मारे आवाज़ भी नहीं निकल रही थी, और आवाज़ निकलती भी, तो देता किसे ? 15 मिनट तक वहीं बैठ कर जितनी हिम्मत बटोरी, उसकी मदद से मैं अपने पैरों पे खड़ा हुआ और कड़ी हुई कमर को सीधा कर फिर इधर उधर देखने लगा लेकिन फिर से वोही दृश्य.. बॅग को उठाने झुका ही था कि फिर से वोही दर्द उभरा और फिर नीचे झुक बैठ गया... सोचा थोड़ा सा रो लूँ लेकिन शरीर में आँसू नहीं, पानी नहीं, सिर्फ़ और सिर्फ़ खून दिख रहा था.. खून के आँसू थोड़ी रोने हैं, मैने खुद से कहा और सोचने लगा यह सब हुआ कैसे..




"वी आर इन हाफ टाइम आंड मॅनचेस्टर युनाइटेड ईज़ स्टिल ट्रेलिंग बाइ 0-2 टू आर्सेनल.." कॉमेंटेटर के यह शब्द सुन मैं सोचने लगा कि मेरे यह 100 पाउंड्स भी गये.. बाकी के बचे 59 पाउंड्स से क्या करूँगा, और कल हॉस्टिल भी जाके फीस भरनी है..




"हे व्हाट ईज़ इट पुसी.. फक्ड युवरसेल्फ़ हाँ यू मदर फकर.." आर्सेनल के उस फॅन की आवाज़ थी जिसने मेरे साथ बेट लगाई थी.. अब एक तो मैं अकेला और उपर से पैसे भी नहीं थे, और हालत को बिगाड़ने में मॅनचेस्टर युनाइटेड ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी.. मैने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बस अपनी टाँगें फोल्ड कर बैठ के सोचने लगा कि बाबा से मदद लूँ पैसों की या नहीं.. अगर बाबा से मदद नहीं लेता हूँ तो फिर यहाँ क्या करूँगा, यहाँ रहने के लिए नौकरी करूँगा, पर वो भी जब तक मिले तब तक क्या.. और नौकरी से थोड़ी सब खर्चे निकलेंगे, सिर्फ़ फीस निकाल के क्या करूँगा.. और यहाँ मज़दूरी थोड़ी करने आया हूँ, चूतिया ही होगा कोई जो इंडिया में अपना सब छोड़ के यहाँ मज़दूर बनेगा.. तो फिर क्या करूँ, बाबा ही आखरी ऑप्षन है.. लेकिन फिर खुद से किया हुआ वादा, कि मैं सब खुद करूँगा, उसका क्या होगा..




"भाई, अब आप ही बचा सकते हो.." मैं अपनी चेर से पीछे घुमा और एमयू के लगे पोस्टर को देख कहा




"देयर कम्ज़ युवर टीम अगेन पुसी.. बी रेडी टू गेट फक्ड बाइ अस टुनाइट.. हाहहहाआ.." उस बंदे ने फिर कहा और साथ ही पूरा स्टॅंड उसका साथ देने लगा.. बाजू वाले स्टॅंड में बैठे मॅनचेस्टर युनाइटेड के फँस भी यह सब देख रहे थे लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा था.. कोई करेगा भी क्यूँ, एक तो टीम हार रही थी और उपर से वो मुझे जानते भी नहीं थे, मैं उनका साथी नहीं था..




"देयर वी स्टार्ट आफ्टर हाफ टाइम.." कॉमेंटेटर ने यह कहा और हम सब फिर से गेम देखने लगे...




"देयर'स देयर फर्स्ट गोल.. यू कन्नोट अनडरएस्टीमेट एमयू अट देयर होम..." जैसे ही गोल हुआ, कॉमेंटेटर के साथ एमयू का होम ग्राउंड भी उनकी आवाज़ों से गूँज उठा.. मेरी ऐसी स्थिति थी कि मैं ना तो खुश हो सकता था और ना ही उदास.. आर्सेनल गोल करे तो भी शांत, एमयू गोल करे तो भी शांत... एमयू के पहले गोल से दिल में कोई खुशी नहीं हुई, दिमाग़ अब भी सोच रहा था कि पैसे कहाँ से करूँगा..




"डॉन'ट बी सो हॅपी पुसी.." उस फॅन ने फिर मुझे देख कहा और खुन्नस से देखने लगा.. मैं कहाँ खुश हुआ भोसड़ी के, मैं तो पैसों का हिसाब लगा रहा हूँ, तुम साले ना तो खुश होने देते हो, ना ही उदास.. कसम से, ऐसा माँ चोदुन्गा किसी दिन के सालों याद रखोगे.. "भाई, ठंड रख, वो साले 7 फूटिए, तू 5 11.. उपर से उनकी बॉडी देख, तू साला सिंगल पसली है, क्या खाक करेगा कुछ.." मेरे अंदर से फिर आवाज़ आई तो मैने सोचा सही है, शांत रहने में ही भलाई है.. स्टॉप . देखी तो अभी भी 30 मिनिट बाकी थे खेल के..




"आंड दे आर लेवेल नाउ... एमयू यू ब्यूटी..." कॉमेंटेटर फिर चीखा तो फिर से पूरा ओल्ड ट्रॅफर्ड गूँज उठा था.. इस गोल से दिल में एक उमीद पैदा हुई, कि बाकी एक और अभी भी खेल के 25 मिनिट हैं.. जैसे ही दूसरा गोल हुआ, पूरे ग्राउंड में एमयू के फन्स के गाने और शोर शराबा चालू हो गया, मेक्सिकन वेव्स, नाचना, झूमना, आर्सेनल के खिलाड़ियों के पोस्टर्स जला के उनकी मशाल बनाना, यह सब सीन्स बढ़ने लगे.. हाफ टाइम तक ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी शोक सभा में बैठा हूँ, लेकिन दो गोल्स ने जैसे एक अलग ही उर्जा पैदा कर दी थी पूरे स्टेडियम में.. मेक्सिकन वेव ज्यों ही हमारे स्टॅंड के नज़दीक आती, वो ख़तम हो जाती..




"जस्ट 10 मिनिट्स इंटो दा गेम आंड स्कोर्स आर लेवेल... आर वी हेयेडिंग फॉर आ शूट आउट हियर..." कॉमेंटेटर चिल्लाते रहे और स्टेडियम में बैठे एक एक आदमी की दिल की धड़कनें तेज़ होती.. हर एक खिलाड़ी जो गोल पोस्ट के नज़दीक पहुँचता वैसे वैसे फॅन्स की आवाज़ें भी तेज़ होती..




"स्टॉप इट.." हमारे स्टॅंड्स में लोग चीख उठे जब एमयू के खिलाड़ी गोल पोस्ट के नज़दीक पहुँचते.. गनीमत थी कि अगले 5 मिनिट में कुछ भी नहीं हुआ.. आखरी के 5 मिनिट और फँस ऐसे चीख रहे थे जैसे उनके किसी रिश्तेदार की जान दाव पे लगी हो..




"डॉन'ट लेट पुसीस विन यू शीत हेड्स...." आर्सेनल के फॅन्स मेरे बाजू वाले अपनी जान लगा के चिल्लाने लगे..




"दिस ईज़ गेटिंग क्लोज़ नाउ.. आलेक्स टू रूनी, रूनी टू गिग्ग्स... गिग्ग्स ईज़ मूविंग फॉरवर्ड नाउ, पास्ड टू रूनी अगेन.. स्किप्पर ड्रिब्बलिंग अराउंड, पास्ड टू आलेक्स अगेन.. आलेक्स ईज़ दा मॅन हियर फॉर एमयू, हियर'स रूनी अगेन.. नो मिड फील्डरर फ्रॉम आर्सेनल, दिस इस स्ट्रेंज, रूनी हॅज़ दा फील्ड एंप्टी.. ही किक्स इट आंड इट्स आ गूआलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल...." कॉमेंटेटर की यह चीख और फील्ड पे हो रही इस हरकत से एमयू के फँस की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. हाफ टाइम के बाद 3-2 से लीड करना कोई छोटी बात नहीं थी, अब तक जो फॅन्स मार पीट में मचे हुए थे वो अब हाथ हिला हिला के नाच रहे थे , गा रहे थे और आर्सेनल के फॅन्स को गलियाँ.. वो तो बनती ही थी..




"एक्सट्रा टाइम..." कॉमेंटेटर ने कहा और खेल जारी रहा... 5 मिनिट से 4 मिनिट.. 4 से 2 और 2 मिनिट से 30 सेकेंड्स... जैसे जैसे घड़ी के काँटे आगे बढ़ रहे थे, हर एमयू के फॅन के दिल में बस एक ही आवाज़ थी... " नो गोल नाउ"...
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07-03-2019, 05:00 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"एमयू विन 3-2..." जैसे ही ग्राउंड पे लगी बड़ी सी लेड स्क्रीन पे यह शब्द आए, मेरी साँस में साँस आई... मैं शांति से वहाँ बैठ के सोच रहा था कि पैसे माँगूँ के नहीं, वैसे तो पैसे चाहिए ही थे, लेकिन आर्सेनल के फॅन्स का गुस्सा सॉफ झलक रहा था जब वो लोग एक दूसरे में ही मार पीट करने लगे.. उपर से जैसे जैसे स्टेडियम खाली हुआ वैसे वैसे एमयू के फॅन्स स्टेडियम के बाहर जमा होने लगे और आर्सेनल के फँस को बुरी तरह से पीटना शुरू हुए.. मैने जिससे शर्त लगाई थी उसने कुछ नहीं कहा और वो आगे बढ़ने लगा.. पैसे माँगने के लिए आवाज़ ही नहीं निकल रही थी, लेकिन फिर भी हिम्मत करके उसके पीछे पीछे चलने लगा... स्टेडियम के बाहर आके जब उसने देखा के एमयू के फँस मार पीट रहे हैं, वो पीछे आया और दूसरे गेट से एग्ज़िट करने लगा.. मैं भी बिना कुछ कहे उसके पीछे पीछे चलता रहा.. एक गेट से दूसरा, दूसरे से तीसरा, और तीसरे से चौथा.. 4 गेट्स पे एमयू के फेन्स खड़े थे, इसलिए वो गेट से गेट घूमता रहा और उसकी किस्मत के पाँचवे गेट पे कोई नहीं था.. वो दौड़ के उसकी तरफ बढ़ा और बाहर निकल गया... उसके साथ मैने भी दौड़ लगाई और हम स्टेडियम के पीछे वाली सड़क पे आ गये..




"स्टॉप फॉलोयिंग मी यू मदर फकर..." उसने मुझे पलट के कहा और मेरे नज़दीक आने लगा




"हियर'स युवर मनी पुसी.. नेक्स्ट टाइम वी गॉना फक यू अपसाइड डाउन.." उसने मुझे पैसे हाथ में देते हुए कहा और जाने लगा




मैने शांति से पैसे गिने और 100 पौंड ज़्यादा देख सोचा उसे बता दूं कि ज़्यादा दिए हैं उसने.. लेकिन फिर सोचा, छोड़, इतनी गालियाँ दी साले ने, बिना कुछ कहे मैं पलटा और स्टेडियम से होके सामने वाले स्टेशन की तरफ बढ़ने की सोची.. अभी कुछ कदम आगे बढ़ा ही था, कि पीछे से एक साया मेरा पीछा करते दिखा... जैसे ही मैं उसे देखने के लिए पलटा...





"सन्ंनणणन्......" करके एक बड़ा सा पंजा मेरे गालों पे पड़ा और मैं नीचे गिर गया.. जिसने शर्त लगाई वो मेरे उपर ऐसे खड़ा था जैसे मैने उसकी बहेन को छेड़ा हो, उसके तमाचे से अभी उभरा ही था कि उसने अपने पैर मारना शुरू किए और एक के बाद एक बिना कुछ सुने मुझे मारने लगा




"रिमेंबर... आर्सेनल ईज़ दा टीम यू सन ऑफ आ बिच... यू ब्लडी मदर फकर्स.... टेक दिस" जब साला थक जाता तो गालियाँ देता और फिर एनर्जी लेके फिर मारना चालू करता.. कुछ वक़्त के बाद तो मुझे उसके पैर भी महसूस नहीं हो रहे थे शरीर पे.. पेट और मेरी टाँगों पे वॉर करके छोड़ा, लेकिन फिर जाते जाते नीचे बैठा और दो तीन मुक्के मेरे चेहरे पे भी घुमाए..




"टॉक टू मी नाउ पूस्सयी... तालक्कक्कक टूऊ मीई......." धुंधली होती उसकी आवाज़ मेरे कानो में पड़ी और मैं बेहोश होके वहीं लेटा रहा..




"टंगगगगग...... टंगग्ग......... टंगग्गग......" इस बार यह आवाज़ 5 बार गूँजी.. मैं सड़क पे बैठा बैठा यह सब याद ही कर रहा था कि यह आवाज़ सुन दिल में एक आवाज़ आई, इतनी नज़दीक से यह आवाज़, मतलब चर्च कहीं नज़दीक ही होगा... एक घंटे में शरीर में थोड़ी सी ताक़त तो आई, जिसकी बदौलत मैने बॅग उठाया और सड़क पे घसीट घसीट के सड़क उतरने लगा.. किस्मत अच्छी थी, कि सड़क उतरते ही लेफ्ट साइड में एक बड़ा सा चर्च दिखा.. अपने शरीर को थोड़ा सा और धक्का दिया तो चर्च के दरवाज़े पे पहुँचा..




"एनिवन देयर..." मैने अपनी साँसों को समेटा और चिल्ला के पूछा




"हेल्लूओ..." मैने फिर अपनी आवाज़ उँची की तो इस बार सामने से एक औरत आती दिखाई दी..




"व्हाट हॅपंड माइ चाइल्ड.." जैसे ही वो नज़दीक मेरे सामने आई, मुझे उसे देख काफ़ी खुशी हुई




"यूआर प्रोफ्यूस्ली ब्लीडिंग... वेट" उस नन ने मेरा हाथ थामा और पास की बेंच पे बिठा के अंदर दौड़ती गयी.. कुछ ही देर में उसके साथ दो लोग दूसरे आए और मेरे चेहरे पे लगे खून को सॉफ करके मुझे अंदर ले जाने लगे.. तीन घंटे बाद जब होश आया तो आस पास कोई नहीं था, मैं चर्च के पीछे बने एक छोटे से रूम में था जहाँ शायद वो नन रहती थी... शरीर पे लगा खून तो सॉफ हो चुका था, लेकिन दर्द अभी भी था...




"अओउुउऊहह.." मैने उठने की कोशिश की तो पहले के मुक़ाबले जल्दी उठ सका




"यू मस्ट नोट गेट अप.." नन ने मुझे देखा तो दरवाज़े से चिल्लाते हुई अंदर आई




"व्हेयर ईज़ माइ वॉलेट..." सबसे पहले मैने उससे यही पूछा




"यू मस्ट रेस्ट, ऑल युवर थिंग्स आर हियर आंड दे आर सेफ.." नन ने मेरा बॅग और वॉलेट दिखा के कहा




"आइ आम ओके.. अओकच्छ... कॅन आइ प्लीज़ गेट सम वॉटर.." मैने नन से कहा तो जल्दी से उसने पानी पिलाया.. थोड़ा सा पानी पीया और कुछ से अपना चेहरा धोया तो थोड़ी सी ताक़त आई शरीर में..




"थॅंक यू वेरी मच.." मैने ग्लास देते हुए कहा.. घड़ी में देखा तो सुबह के 9 बज रहे थे.. मतलब इंडिया में 2.30..




"शिट.... आइ नीडेड टू कॉल बॅक.." मैने थोड़ा ज़ोर से कहा तो नन फिर मेरी तरफ सवालिया नज़रों से देखने लगी




"हाउ फार ईज़ दा स्टेशन हियर..." मैने नन से पूछा और अपने पैरों पे खड़ा हुआ




"यू मस्ट रेस्ट, यूआर नोट इन गुड कंडीशन चाइल्ड" नन ने फिर वोही कहा




"आइ विल मॅनेज प्लीज़... आइ नीड टू गो बॅक टू हॉस्टिल.." मैने ज़िद्द की तो नन ने जाने की इजाज़त दी और उसके एक साथी ने मेरा बॅग उठाकर मुझे स्टेशन तक छोड़ा.. ओल्ड ट्रॅफर्ड से वॉटर लू, फिर 320 मील का सफ़र.. पिछली बार यह सफ़र काफ़ी सुहाना लग रहा था, एमयू की मॅच की वजह से, अभी यह सफ़र उतना ही दर्दनाक लग रहा था, एमयू की मॅच की वजह से ही.. सुबह सुबह ट्रेन में लोग अपने अपने काम पे जा रहे थे, सब लोग एक दम टिप टॉप सूट्स और ब्लेज़र्स में ड्रेस्ड, बाल एक दम अच्छे से बने हुए, चेहरे पे चमक और हँसी.. इन सब में, मैं.. मेरी टी शर्ट फटी हुई एक तरफ से, चेहरे पे सूखा हुआ खून अभी भी था लेकिन दिख नहीं रहा था, बालो और शरीर से बदबू आती हुई, जीन्स नीचे से लेके उपर तक घिस्सी हुई, घुटनो से फटी हुई, पीछे की पॉकेट से लेके नीचे तक जीन्स बाकी फटने को आ गयी थी.. इन शॉर्ट, इंडिया से आया हुआ एक नंबर भिखारी लग रहा था.. लोग ऐसे घूर घूर के देख रहे थे मानो उन्हे विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसे कोई कैसे सफ़र कर सकता है..




"वॉटर लू स्टेशन..." ढाई घंटे बाद जब यह आवाज़ कानों में पड़ी, मैं जल्दी से भीड़ से लड़के उतर गया और हॉस्टिल की अड्रेस लेके पूछ पूछ के वहाँ पहुँचा...




"उः.. हाई, आइ आम आ स्टूडेंट आंड माइ नेम ईज़..." मैने अपना नाम बताया और काग़ज़ दिखा दिए उसे जो भी ज़रूरी थे




"लुक्स लाइक यू हॅड सम नाइट हाँ.." हॉस्टिल के रिसेप्षनिस्ट ने मुझे उपर से लेके नीचे तक देखा और कहा




"डॉन'ट अस्क.." मैने अपना चेहरा लटका के कहा




"रूम नंबर 108.. युवर पार्ट्नर ईज़ ऑलरेडी देयर.." उसने मुझे चाबी देते हुए कहा




"पार्ट्नर.. ओके, आंड फीस.."




"फीस यू नीड टू पे आफ्टर 1 डे, डे आफ्टर टुमॉरो.. ऑल दा फीस विल बी पैड अट वन्स, हॉस्टिल आंड अदर अमिनिटीस ऐज वेल.. " हॉस्टिल वाले ने फिर जवाब दिया और अपने कंप्यूटर पे फिर आँखें चिपका ली..



"चलो अच्छा है, साला रूम तो फर्स्ट फ्लोर पे है... आआहहूऊओ, " मैने फिर खुद से कहा और सीढ़ियों पे दर्द की वजह से झुक गया.. आते जाते स्टूडेंट्स देखते रहे और फिर देख के निकलने लगे जैसे साला कोई अजीब सा जानवर देख लिया हो.. कुछ देर में फिर बॅग उठाया और रूम ढूँढने लगा..




"104, 105, 106, 107... 108.. ये रहा.." मैने रूम को देख कहा और दरवाज़ा खोला तो अंदर का नज़ारा देख एक झटके में दरवाज़ा बंद कर लिया




"हे कम इन.." अंदर से जैसे ही आवाज़ आई, मैने आँखें बंद की और धीरे से दरवाज़े को पुश किया




"प्लीज़ प्लीज़ कम इन.." फिर से लड़के ने आवाज़ दी तो मैं अंदर आया और दरवाज़ा बंद कर दिया..





"ओह्ह्ह यस बाब्बययययी... आहहहाआ फक मी आसस्स्सस्स ओह्ह्ह्ह नूओवव्वव... आहहा हार्डर बबबयययी आहह एआहह एआहह... ओह्ह ईीस्स बाबयययी लेट मी फक युवर आस्सस्स आहहह... ऑश शिट अहहः युवर सो हॉट..... आहहा बेबी आइ आम कमिंग आहहा कुम्मींगगगगग अहहहाहा नूऊऊऊऊ..." जैसे ही यह आवाज़ कम होने लगी, मेरे रूम पार्ट्नर की हाथ की स्पीड भी बढ़ने लगी और " स्प्ल्लाअष्ह.." उसका स्पर्म सीधा उसके लॅपटॉप स्क्रीन पे जिसपे वो ब्लू मूवी देख रहा था...




"ओह माआंन.... तशा रेन ईज़ सो होत्त...." उसने चेन की साँस लेके कहा




"ओह्ह, हे, बाइ दा वे आइ आम बिली... युवर रूम पार्ट्नर.." वो अपने सिंगल बेड से उठा और हाथ आगे बढ़ाया.. मैने एक नज़र उसके चेहरे पे देखा जो पूरा पसीने से भीग चुका था और दूसरी उसके हाथ पे जिसपे अभी भी उसका स्पर्म पूरा सना हुआ था और उंगलियाँ खोलते ही उसके हाथ पे बहने लगा




"हाई.." मैने सिर्फ़ इतना ही कहा तो वो समझ गया
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07-03-2019, 05:00 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"ओह.. आम सॉरी, यू नो आइ कॅन'ट कंट्रोल माइसेल्फ व्हेन इट कम्ज़ टू तशा रेन.. देयर'स दा वॉशरूम, यू प्लीज़ फ्रेशन अप, टिल दा टाइम आइ विल क्लीन दा मेस ऐज वेल.." बिली ने पहली बार अपना मूह सही चीज़ के लिए खोला.. मैने अपने बेड पे बॅग रखा और फ्रेश होने गया.. यहाँ का हॉस्टिल काफ़ी अच्छा था, एक बड़े से रूम के साथ, टीवी वगेरह की फेसिलिटी भी थी और वॉशरूम में शवर और टवल्ज़ के साथ नहाने की सब ज़रूरी चीज़े.. करीब 15 मिनट तक नहा के मैं बाहर आया तो देखा बिली भी कपड़े बदल चुका था.. मैने भी अपने कपड़े पहने और बॅग अड्जस्ट करने लगा




"हे मेट.. यू नीड एनितिंग, टेल मी ओक.. वी नीड टू स्टे फॉर 2 यियर्ज़ नाउ.. टुगेदर.." बिली ने फिर कहा और अपनेलपटॉप पे मूवी देखने लगा, इस बार ब्लू फिल्म नहीं थी वो




"उः, थॅंक्स.. डू यू हॅव मोबाइल..." मैने उससे कहा और उसने अपनी आँखें लॅपटॉप से निकाले बिना मुझे मोबाइल पकड़ा दिया




"हाई अम्मी..." मैने ऋतु को फोन कर कहा




"सन्नी, इतनी देर क्यूँ लगी.. तू ठीक है ना" ऋतु ने चिंताजनक आवाज़ में पूछा




"हां मैं ठीक हूँ.." मैने खुद को जब शीशे में देखा तो अभी भी पूरा चेहरा सूजा हुआ था




"ले तेरी मम्मी से बात कर," ऋतु ने यह कहके मोम को फ़ोन दे दिया




"सन्नी, बेटे तू ठीक है ना.. हमे सब बता दिया है इन्होने, देख तू प्लीज़ घर आजा, हम जानते हैं तू नाराज़ है लेकिन ऐसे नहीं कर प्लीज़, तू अकेला है, वहाँ कैसे रहेगा.. प्लीज़ घर आजा बेटा.." मोम रोके बोल रही थी, अच्छा तो नहीं लग रहा था, मैने सोचा बोलूं कि अकेला तो वहाँ भी था, लेकिन फिर रहने दिया




"मोम, प्लीज़ आप मत रोइए.." मैने मोम से कहा और मोम डॅड दोनो को बारी बारी कन्विन्स किया कि मैं यहाँ क्यूँ आया हूँ और यहाँ रहना मेरे लिए क्यूँ ज़रूरी है




"ठीक है सन्नी.. तू प्लीज़ अपना ख़याल रखना बेटे, हम तुझ से जल्द ही मिलने आएँगे.. और हो सके तो हमे प्लीज़ माफ़ कर देना.." डॅड ने रोके जब यह कहा तब लगा कि यहाँ आना ग़लत नहीं है मेरा




"डॅड, प्लीज़ रिलॅक्स.. मैं खुद आउन्गा वहाँ, आपको रोज़ फोन भी करूँगा, आप प्लीज़ रोइए मत, रोके क्लाइंट से मिलोगे क्या.." मैने हँस के कहा तो तब जाके उन्हे और उनके मन को शांति मिली




"बच्चे अपना ख़याल रखना,. और ले इनसे बात कर.." ऋतु ने मुझसे कहा और फोन बाबा को पकड़ाते हुए कहा




"सन्नी.. तू ठीक है ना.." बाबा ने पूछा




"हां, 159 पाउंड्स थे, अभी मेरे पास 759 पाउंड्स हैं.." मैने हँस के कहा




"एक काम कर, तू अभी आराम कर, मैं तुझे इसी नंबर पे कॉल करूँगा थोड़ी देर में.. मैं जानता हूँ कुछ हुआ है, चल अब आराम कर.." बाबा ने कहा और बिना कुछ सुने फोन कट किया




"बिली, थॅंक्स फॉर दिस.." मैने उसे फोन देते हुए कहा




"नो प्राब्लम मेट, टॉप इट अप विद 15 पाउंड्स.." बिली ने फिर कहा और आँखें लॅपटॉप में गढ़ाए रखी




काफ़ी देर तक फीस के बारे में सोचता रहा लेकिन कुछ दिमाग़ में नहीं आया, नौकरी भी दो दिन में थोड़ी 2000 पाउंड्स देगी, यह सोच के फिर दिल घबराने लगा..




"क्या करूँ क्या करूँ.." मैने खुद से कहा और रूम की खिड़की पे जाके खड़ा होके सड़क देखने लगा जहाँ से काफ़ी हेवी वेट वेहिकल्स जा रहे थे... एक ट्रक पे नज़र पड़ी, तो आँखों को वो दिखा जो दिमाग़ नहीं सोच पा रहा था..




"बिली..." मैने पलट के उससे कहा




"यस मेट.." उसने फिर उसी अंदाज़ में कहा




"यूआर फ्रॉम अमेरिका.."




"नो मेट, ऑस्ट्रेलियन.."




"कॅन आइ यूज़ युवर लॅपटॉप फॉर आ वाइल.."




"यॅ ओके.. बट व्हाट फॉर.."




"आइ विल शो यू.." मैने उसका लॅपटॉप ऑन किया तो वाईफ़ाई से कनेक्टेड थे.. युरोप या ऑस्ट्रेलिया या अमेरिका, इन देशों की यह बात अच्छी थी, फ्री फुल स्पीड वाईफ़ाई हमेशा मिलता था..




मैने जल्दी से ब्राउज़र खोला और वेब ओपन कर दी..




"आइ वॉन'ट अलो यू टू डू दिस बडी.. इफ़ वी गेट कॉट, सीरीयस आक्षन्स विल बी टेकन.." बिली ने वेब देख कहा




"बिली, प्लीज़, " मैने उससे कहा और उसे फीस का सीन बताया




"आइ डॉन'ट थिंक सो इट विल बी फेर ब्रदर.. " बिली ने फिर अपना लॅपटॉप बंद कर कहा




"बिली, वॉटेवर आइ गेट फ्रॉम दिस, आइ विल गिव यू 50% बडी.. आंड इफ़ आइ लूज़, आइ पे ऑल.. ऑल दिस, फॉर युवर लॅपटॉप..." मैने उससे लॅपटॉप लेके अपने पास लिया और वो बिना कुछ कहे मुझे देखने लगा




"50% ऑफ वॉटेवर यू विन.. इन ऑनलाइन बेट्टिंग.. यू शुवर.." बिली ने मुझे बड़ी आँखें दिखाते हुए कहा, जिसका जवाब मैने सिर्फ़ एक स्माइल करके दिया और बेटफायर पे अपना अकाउंट बनाने लगा..


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"व्हाट रब्बिश... आंड आप कौन हैं यह सब कहने वाले, आपकी हिम्मत कैसे हुई कि इन सब कामो में आपने साथ भी दिया.." सन्नी के डॅड ने बाबा से कहा जब बाबा और ऋतु सन्नी के घर बैठे थे और उन्हे बताने आए थे सन्नी के बारे में




"आप यह सब क्यूँ सुन रहे हैं, अभी के अभी पोलीस को फोन लगाइए और इनसे पूछिए सन्नी कहाँ है.." सन्नी की मोम ने भी गुस्सा दिखा के कहा




"देखिए, आप प्लीज़ गुस्सा ना करें, पहले हमारी बात तो.." ऋतु ने कहा ही था कि बीच में फिर सन्नी की मोम बोल पड़ी




"क्यूँ सुनें हम आपकी बात, आप होते कौन हैं हम से यह सब कहने वाले, यह हमारे घर का मामला है, हम सुलझायेंगे इसे, सन्नी अभी भी बच्चा है, वो कुछ भी कहेगा तो आप मान लेंगे उसको, आपने जो किया है वो एक क्राइम है, जिसकी सज़ा आपको हम दिलवाके ही रहेंगे.."




बाबा ऋतु को चुप करने लगा और खुद भी शांति से सन्नी के मोम डॅड को सुनने लगा.. सुबह जब सन्नी का फोन नहीं आया तो बाबा और ऋतु को लगा कि यह सही वक़्त है सन्नी के माँ बाप से फोन पे बात करवाने का और उन्हे सब बातें बताने का, लेकिन सन्नी के माँ बाप का गुस्सा भी जायज़ था




"आप कुछ कहते क्यूँ नहीं..." ऋतु ने बाबा से कहा




"ऋतु, यह उसके माँ बाप हैं, देखा जाए तो यह ग़लत नहीं कह रहे, तुम बस शांत रहो, मैं हूँ ना.." बाबा ने ऋतु को आश्वासन देते हुए कहा




"तुम होते कौन हो यह सब करने वाले, मैं अभी पोलीस को बताता हूँ, जब तुम अंदर जाओगे तब पता चलेगा तुम्हे के यह कितना बड़ा जुर्म है" सन्नी के पापा ने फिर चीख के कहा और पोलीस को बुलाने लगा.. बाबा शांति से वहीं बैठा रहा और ऋतु को भी शांत रहने के लिए कहा.. सन्नी के मोम डॅड ने उन्हे काफ़ी खरी खोटी सुनाई बिना उन्हे सुने, और जब तक पोलीस आई, तब तक उन्हे कोसते रहे और अपनी सुनने लगे




"आइए इनस्पेक्टर, " करीब एक घंटे बाद जब इनस्पेक्टर आया तब सन्नी के डॅड ने उसे सब बताया और बाबा पे हर इल्ज़ाम लगाता रहा




"आप लोगों को मेरे साथ चलना पड़ेगा अभी के अभी.." इनस्पेक्टर ने जैसे ही बाबा से कहा, बाबा ने अपनी जेब से फोन निकाला




"इनस्पेक्टर, अगर आपकी पर्मिशन हो तो मैं सिर्फ़ एक फोन कर सकता हूँ प्लीज़.."




"देखिए, जो भी करना है अब मेरे साथ थाने चलके कीजिए"
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07-03-2019, 05:00 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"इनस्पेक्टर, बस एक फोन, शायद आपको सब चीज़ें क्लियर हो जाए.. फिर मैं नहीं चाहता कि हम थाने चलें और उसके बाद वो फोन करूँ तो आपको अपने किए पे पछतावा हो.." बाबा ने प्यार से उसे कहा और सन्नी के माँ बाप के साथ इनस्पेक्टर को घूर्ने लगा.. इनस्पेक्टर ने सन्नी के डॅड से पूछा तो उसने भी हामी भर दी..




"सर.. कैसे हैं आप... हां जी मैं एक दम फिट, बस एक छोटी सी प्राब्लम थी.." बाबा ने फोन पे किसी से बात शुरू की और उसे बताया कि इनस्पेक्टर लेने आया है




"यू हॅंड हिम दा फोन.." सामने से एक रौबदार आवाज़ में जवाब मिला




"लीजिए, आप बात कर लीजिए, फिर मैं आपके साथ चलता हूँ.." बाबा ने फोन इनस्पेक्टर को देके कहा




"हेलो.. इनस्पेक्टर सोलंकी हियर.." इनस्पेक्टर ने बहुत ही कड़क आवाज़ में कहा




"सोलंकी, मैं कमिशनर बोल रहा हूँ.." सामने से यह सुन इनस्पेक्टर के पैर और हाथ कमज़ोर पड़ने लगे और उसकी आवाज़ भी हकलाने लगी




"ससस्स सस्सियइरर....... जाआययी हिन्न्ँद्दद्ड..." सोलंकी अपनी अटकती हुई आवाज़ में सिर्फ़ इतना ही कह पाया




"सोलंकी, जिसने तुम्हे फोन कर बुलाया है उसको फोन दो और तुरंत तुम वहाँ से निकलो, कुछ प्राब्लम होगी तो मैं देख लूँगा.." कमिशनर ने हिदायत देते हुए कहा




"राइट अवे सर..." सोलंकी ने कहा और फोन सन्नी के पापा को थमा के वहाँ से उल्टे पैर लौटा.. इनस्पेक्टर को यूँ जाते देख सन्नी के डॅड को कुछ समझ नहीं आया, बाबा के इशारे पे उसने फोन अपने कान पे रखा




"हेलो.."




"मुंबई पोलीस कमिशनर हियर.. आपके सामने जो शक्स बैठा है वो आप को परेशान नहीं कर सकता, वो जो भी कह रहे हैं एक बार सुन लीजिए, उन्हे सुनने के बाद आप फ़ैसला कीजिए कि उन्हे अरेस्ट करना है कि नहीं, अगर आप कहेंगे तो मैं खुद उन्हे लेने आउन्गा, और मैं सारी बात जानता हूँ.. फ़िक्र ना करें, आपका लड़का सन्नी जहाँ भी है, सही सलामत है और बहुत खुश है.. " कमिशनर ने जब सन्नी के डॅड से यह कहा तो उन्हे समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे.. उसने एक नज़र बाबा पे मारी और फिर अपनी बीवी को देख फोन फिर से बाबा को पकड़ा दिया




"यस सर.... इंग्लीश में बोलूं तो थॅंक यू.. हां जी, थोड़ा फ्री होने दीजिए, कल मिलेंगे चाइ पे, ओके सर ओके.." बाबा ने फोन कट किया और सन्नी के मोम डॅड को घूर्ने लगा




"अब मैं कुछ कह सकता हूँ.. प्लीज़..." बाबा ने फिर सन्नी के मोम डॅड से कहा और ऋतु को सब कुछ बताने का इशारा किया.. बाबा और ऋतु ने उन्हे सब बताया, कैसे सन्नी उन्हे मिला, कैसे वो ज़िंदगी जी रहा था, कैसे वो कॉलेज से निकाला गया और हर चीज़ उसकी तन्हा ज़िंदगी के बारे में.. बाबा और ऋतु की बातें सुन सन्नी के मोम डॅड की आँखें नम हो गयी, उन्हे समझ नहीं आ रहा था कि वो बाबा और ऋतु को क्या जवाब दें, जो चीज़ उन्हे करनी चाहिए थी सन्नी के लिए वो बाबा और ऋतु ने की...




"देखिए, आप रोइए मत, मैं आपका दुख समझ सकती हूँ, समझ सकती हूँ मैं कि जब बेटा माँ से दूर होता है तो उसपे क्या गुज़रती है, हम हमेशा ऐसे समाज में रहते आए हैं जहाँ सिर्फ़ यह माना जाता है कि ज़िम्मेदारी और जवाबदारी हमारे छोटो के लिए ही बनी हैं, लेकिन हम ने कभी जानने की कोशिश नहीं की कि हम से छोटे, उनके दिल में क्या है, उनका मन क्या चाहता है.. बचपन से लेके जवानी तक, हम बस उन्हे स्कूल भेजते हैं, कॉलेज भेजते हैं, पढ़ाते हैं और शादी करवाते हैं, शादी करवा के फिर कहते हैं कि हम ने अपनी ज़िम्मेदारी ख़तम कर ली, अब तुम्हे जो करना है करो, लेकिन इस ज़िम्मेदारी निभाने में हम यह भूल जाते हैं कि माँ का सबसे पहला काम होता है अपने बेटे को प्यार देना, सन्नी पढ़ाई में आज तक अच्छा नहीं रहा, क्यूँ कि उसे हमेशा आप लोगों ने प्रेशर दिया कि मार्क्स ज़्यादा ला, क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि वो सही में क्या सीख रहा है.. कॉलेज से निकाले जाने के बाद आपने उसे काफ़ी डांटा, लेकिन क्या आप लोगों ने उसके साथ एक पल बैठ के पूछा प्यार से कि यह सब होने क नौबत ही क्यूँ आई.. माफ़ कीजिए अगर आप को बुरा लगे तो, लेकिन हाइ सोसाइटी में रहने का मतलब यह नहीं कि किटी पार्टीस के लिए अपने बेटे को तन्हा छोड़ दें.. आपको आज तक यह पता नहीं होगा कि उसे खाने में क्या अच्छा लगता है पर पिछले 2 महीने में मैं जान चुकी हूँ कि उसे क्या अच्छा लगता है क्या नहीं.. और आप मुझे ग़लत ना समझें, मैं आपको माँ बनना नहीं सिखा रही, मैं बस आपको वो बता रही हूँ जो शायद आप देख नहीं पाए आज तक.." ऋतु ने बड़ी सरलता से सन्नी के माँ बाप को कहा और फिर खामोश हो गयी.. करीब 15 मिनट तक सन्नी के मोम डॅड खामोश रहे और बस एक दूसरे को आँखों ही आँखों में देखते रहे जैसे कह रहें हो, क्या हम इतना दूर आ गये सन्नी से..




"आप पानी पी लीजिए प्लीज़.." बाबा ने टेबल पे रखे ग्लास देते हुए कहा और फिर ऋतु से कुछ बात करने लगा




"हन तो, सिर, अगर अब भी आप कहें तो मैं सन्नी को लंडन से वापस बुला सकता हूँ, लेकिन उससे पहले यह जान लीजिए, कि सन्नी आप लोगों से दूर नहीं गया, वो लंडन इसलिए गया है ताकि वो खुद को ढूँढ सके, झाँक सके अपने अंदर, इंसान तब तक खुद की ताक़त को नहीं जानता जब तक कि उसे ऐसी परिस्थिति नहीं मिलती, आप को खुश होना चाहिए, कि आप का लड़का इतनी छोटी उम्र में ही ज़िंदगी का सामना कर रहा है.. इंग्लीश में बोलूं तो, हां टफ हो रहा है.. थोड़ा उसे अकेला छोड़िए, और रही बात उसकी सेफ्टी की, तो मेरी नज़र उसपर हमेशा है, उठने से लेके सोने तक, उसके हर कदम पे मेरी नज़र है.." बाबा ने सन्नी के डॅड को आश्वासन देते हुए कहा
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07-03-2019, 05:00 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
सन्नी के मोम डॅड को धीरे धीरे समझ आने लगा कि यह सब क्यूँ हुआ और बाबा और ऋतु ने उसे कैसे सपोर्ट किया, मन तो नहीं मान रहा था लेकिन फिर भी उन्होने बाबा और ऋतु की हां में हां भर दी और उनके साथ डीटेल में बात करने लगे




"वैसे, मुझे यह समझ नहीं आया कि उसने यह सब किया कैसे, आइ मीन उसके पास तो पैसे भी नहीं हैं, फिर यूँ जाना..." सन्नी के डॅड ने चौंकते हुए कहा




"जो आदमी आपके लड़के पे साथ समंदर पार नज़र रख सकता है, उसके लिए पैसा कोई छोटी बात नहीं है.." बाबा ने फिलहाल उसके डॅड को बेट्टिंग वाली बात नहीं बताई, क्यूँ कि वो जानता था कि बेट्टिंग कोई महान काम नहीं है, ग़लत काम है जिसे कोई नहीं आक्सेप्ट करेगा यहाँ..




"अब मैं क्या कहूँ, वैसे आप प्लीज़ मुझे बता दें आप के पैसे कितने हुए तो मैं अभी..." सन्नी के डॅड बात कहते कहते खामोश हो गये, क्यूँ कि बाबा उन्हे घूर्ने लगा था यह बात सुन




"देखिए, आप ऐसा ना कहें, सन्नी से हमारा लगाव जो हुआ है, वो भी हमारे बेटे जैसा ही बन चुका है.. तो क्या माँ बाप उसके लिए इतना नहीं कर सकते..." ऋतु बाबा के गुस्से को काबू करने के लिए बीच में बोल पड़ी




"ठीक है, अब जब वो यहाँ से जा चुका है तो क्या कर सकते हैं, लेकिन आप के पास उसका कोई फोन नंबर या वगेरेह.." अभी सन्नी की मोम ने कहा ही कि ऋतु का फोन बजने लगा और +44 कोड को देख समझ गयी कि लंडन से ही फोन है.. सन्नी से बात कर के जितनी ठंडक ऋतु के दिल को मिली, उससे कहीं ज़्यादा खुशी सन्नी के मोम डॅड को हुई, जितनी देर उन्होने फोन पे बात की, उनको बस यही लग रहा था, काश वो उसे वक़्त दे पाते..




"आपने झूठ क्यूँ कहा उनसे.. उस बच्चे ने हम से एक पैसा भी नहीं लिया है.." ऋतु ने बाबा से कहा जब वो दोनो अपने घर के रास्ते पे थे




"तो उसने कोई महान काम कर के भी पैसे नहीं बनाए हैं, क्या कहता, कि मैं ही हूँ जिसने आपके लड़के को जुआ खेलना सिखाया.." बाबा का जवाब सुन ऋतु भी खामोश हो गयी..




"सन्नी, बता क्या बात हुई थी कल रात को.." बाबा ने घर पहुँच के सबसे पहले मुझे बिली के नंबर पे फोन किया और मैने उन्हे सब बताया जो बीती रात मेरे साथ हुआ था




"तू पागल है, किसने कहा था तुझे मॅच देखने जाना है.." बाबा ने चिल्ला के मुझ से कहा




"कोई पागल ही होगा जो इंग्लेंड आएगा और फुटबॉल मॅच ना देखेगा.. खैर, आप वो सब छोड़ो ना, पैसे जीता उसके लिए तो कुछ कह ही नहीं रहे.." मैं बिली के लॅपटॉप पे इन्फर्मेशन भर रहा था पर एक फील्ड पे आके मेरे हाथ रुक गये जिसे देख बिली की उत्सुकता भी थम गयी




"सन्नी, तुझे बेट्टिंग की आदत लगे उससे पहले यह सब बंद कर दे समझा.. पैसों के लिए कर रहा है यह सब, मैं जानता हूँ लेकिन एक बार इसकी लत लगी तो फिर कभी बाहर नहीं आ पाएगा..." बाबा ने मुझे समझाते हुए कहा




"हेलो, सन्नी.." ऋतु ने बाबा से फोन छीन के मुझसे बात करना शुरू की




"हेलो.. कैसी हैं आप, थोड़ा ठंडा पानी पिलाइए, बहुत गुस्सा कर रहे हैं आज कल.." मैने बिली को इशारा कर खामोश रहने को कहा




"देख सन्नी, मैं सीधे सीधे लफ़्ज़ों में कह रही हूँ, तू हमारी नज़रों से दूर है लेकिन हम से दूर नहीं है समझा, मैं नहीं चाहती कि मैं तुझसे वादा लूँ और फिर तू उसे ना निभाए, जानती हूँ मैं तेरा मन बहुत चंचल है इसलिए तुझसे कोई भी वादा लेना मुनसिफ़ नहीं होगा, लेकिन एक बात मेरी नहीं माना तो याद रखना कि तेरी ज़िंदगी से हमेशा के लिए तेरी यह अम्मी दूर चली जाएगी.." ऋतु ने मुझ से कहा




"देखिए, आप प्लीज़ ऐसा ना बोलें, ऐसा बोलोगि तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा.. बताइए, क्या वादा है, आप जो बोलोगि मैं करूँगा.." मैने अपने सर को अपने हाथों में रख कहा




"देख सन्नी, तू यह काम सिर्फ़ तब करेगा, जब तुझे पैसों की ज़रूरत होगी, मतलब कॉलेज की फीस निकाल के या तेरा रोज़ मरहा का खर्चा निकाल के उसके अलावा तू इस पैसे को हाथ भी नहीं लगाएगा, और यहाँ इंडिया जिस दिन आएगा तब, उस दिन से यह सब बंद.. अगर तुझे हमारे घर पे आके ऐसा महसूस होता है तो हम तुझसे तेरे घर मिलने आएँगे, अब वादा कर मुझसे.." ऋतु ने फिर अपनी हिदायत देके मुझे कहा.. वैसे तो मैं जानता था कि मैं अगर नहीं चाहूं तो नहीं खेलूँगा, लेकिन ऋतु को यह वादा देना काफ़ी मुश्किल ना हो, पर ऋतु एमोशनल कर चुकी थी इसलिए मन मार के हाँ कहना पड़ा, और फिर थोड़ी देर में फोन भी रख दिया




"हे मॅन , व्हाट'स दा प्राब्लम.." बिली ने अपनी आँखें लॅपटॉप से बाहर निकल के कहा




"नतिंग, मम डॅड.." मैने बिली पे गौर ना करते हुए कहा




"आम आस्किंग अबाउट दिस मेट, व्हाई यू स्टॉप्ड सडन्ली.." बिली ने फिर लॅपटॉप की तरफ इशारा करके कहा




"ओह, दिस वन.. दिस रिक्वाइर्स आ बॅंक अकाउंट डीटेल्स, वी नीड टू हॅव आ बॅंक अकाउंट लिंक्ड वित दिस बेट्टिंग अकाउंट.. डू यू हॅव दा अकाउंट इन सम लोकल बॅंक.." मैने फिर उस फील्ड पे नज़र डाली जहाँ मैं रुक गया था




"ओह मॅन, आइ डू हॅव, बट आइ कन्नोट लिंक इट वित दिस, देयर आर पीपल वाचिंग दिस अकाउंट आउट देयर मॅन.." बिली ने फिर कहा और समझाने लगा कि उसके घर वाले भी उसका अकाउंट देख रहे होंगे..




"बिली, दिस ईज़ आ चान्स मॅन, इफ़ वी विन यू कन्नोट इमॅजिन व्हाट वी कॅन हॅव, इफ़ वी विन, दिस मीन्स यू आर नो लॉंगर डिपेंडेंट ऑन युवर फॅमिली फॉर एक्सपेन्सस.. इमॅजिन, यू कॅन बंग एनी चीक आंड गेट हर इन इफ़ यू विल हॅव सम्तिंग इन युवर पॉकेट.. व्हाट डू यू वॉंट, यू वॉंट टू जर्क ऑल दा वे ऑन उर स्क्रीन अगेन ऑर यू आक्च्युयली वॉंट टू डू सम्तिंग हाँ.. टेक दिस फॉर डील ब्रदर, इफ़ एवेरिडे वी विन जस्ट 200 पाउंड्स, यू विल हॅव आसम प्लेसस टू विज़िट आंड डेट ब्रदर.." मैने उसे समझाते हुए कहा.. बिली कुछ देर सोचने लगा जिससे मुझे यकीन हुआ कि थोड़ा और पुश करूँगा तो यह मान जाएगा




"डिड यू सी दा चिकस अराउंड हियर, व्हाट डू यू थिंक, दे डेट सम्वन हू ईज़ कॉलिंग फॅमिली फॉर दा एक्सपेन्सस ऑफ आ कॉफी ऑर डेट..." मैने फिर बिली को ज़ोर देते हुए कहा




"ओके.. लेट'स डू इट, आइ विल मॅनेज दा फॅमिली बट इफ़ वी लूज़, यू आर पेयिंग ऑल दा थिंग्स राइट.."




"येस.. नाउ गिव मी सम डीटेल्स.." मैने फिर लॅपटॉप हाथ में लिया और डीटेल्स भरने लगा.. डीटेल्स भर के बॅंक अकाउंट से लिंक किया तो पता चला बिली के अकाउंट में 10000 पाउंड्स बॅलेन्स थे..




"तेरे योउ गो.. युवर 700 पाउंड्स विच ई विल बे यूटिलाइज़िंग फ्रॉम युवर अकाउंट.." मैने वॉलेट से पैसे देके कहा




"आइ गेस देयर ईज़ वर्ल्डकप मॅच टुडे, राइट" बिली ने लोजीन किया और वर्ल्डकप क्वॉर्टर फाइनल 1स्ट.. वाइंडीस स्ट्रीट पाकिस्तान.. उसके टॅब पे घूमने लगा




"ओह नो मॅन.. दे आर 58-4 नाउ.." बिली ने स्कोर्कार्ड देख के कहा और फिर हम ऑड्स देखने लगे
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07-03-2019, 05:01 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"लेट'स गो फॉर पाकिस्तान देन.. वाइंडीस ईज़ आउट इन डंप्स आंड पॅकिस मे विन इट ईज़िली.." मैने पाकिस्तान का रेट देखा और 700 पाउंड्स पाकिस्तान पे लगा दिए




"सो ऐज पर दिस इफ़ वी विन, वी विल गेट 350 पाउंड्स आंड आउट ऑफ विच 175 बिलॉंग टू मी.." बिली ने फिर अपना दिमाग़ दौड़ा के कहा




"एप.." मैने सिर्फ़ इतना कहा और हम रूम पे बैठ के मॅच देखने लगे... जितनी देर मॅच देखते उतनी देर हम दोनो के दिल की धड़कनें तेज़ भाग रही थी.. वाइंडीस 112 पे ऑल आउट हुई तो लगा कि चलो हम नहीं हारेंगे, लेकिन उसका मतलब यह हुआ कि पाकिस्तान की जीत का कुछ भी रेट नहीं मिल रहा था.. वो क्लियर कट फावोरिटेस थे.. दिल में सोचा अच्छा किया कि एक साथ पैसे लगा दिए, अगर टुकड़े टुकड़े करके लगाता तो शायद प्रॉफिट कम होता.. पूरी मॅच बस यही सोचता रहा कि अगर साले हार गये तो सब पैसे ओवर, सिर्फ़ 59 पाउंड्स रहेंगे, फिर बाबा से माँग लूँगा, किस्मत खराब है तो क्या करूँ.. जब तक मॅच ख़तम नहीं हुई तब तक एक मिनिट भी हम ने लॅपटॉप स्क्रीन से आँखें बाहर नहीं निकाली.. फाइनली जब पाकिस्तान ने मॅच ख़तम की और वो भी नो लॉस पे, तब जाके दिल को सुकून मिला.. खैर सुकून इस बात का ज़्यादा था कि अट लीस्ट पैसे गये नहीं




"कूल मॅन, वी वॉन.. गिव मे माइ 175 पाउंड्स नाउ.." बिली ने हाथ बढ़ा के कहा




"दोज़ विल बी डेपॉज़िटेड इन युवर अकाउंट, बट टेल मी आर यू हॅपी वित 175 पाउंड्स.." मैने बिली की आँखों में देख कहा




"व्हाट डू यू मीन.."




फिर मैने उसे समझाया कि अभी जितने भी पैसे मिले वो सब बॅंक में रहने देते हैं और आगे की हर मॅच में खेलेंगे, इस पैसे को तब तक हाथ नहीं लगाएँगे जब तक मेरी फीस नहीं निकल जाती




"सो टेक्निकली यू हॅव जस्ट 900 ऑर सो पाउंड्स विद युवरसेल्फ, आंड यू नीड टू पे 2400 पाउंड्स... युवर शॉर्ट ऑफ 1500 पाउंड्स.. यू श्योर टुमॉरो यू विल बी एबल टू फेच 1500 पाउंड्स.."




"आइ विल ट्राइ, एनीवेस, लॉस ईज़ ऑल माइन राइट.."




"ओके, टुमॉरो ईज़ इंडिया अगेन्स्ट ऑस्ट्रेलिया.. वी विल सी टुमॉरो, वी विल पुट मनी ऑन ऑस्ट्रेलिया" बिली ने ताली बजा के कहा




"वेल.. आइ मीन.." अभी मैं अपनी बात कहने ही जा रहा था कि हमारा दरवाज़ा खुला और दो तीन दूसरे फिरंग अंदर आके बिली से कुछ कहने लगे




"ओह यस, लेट'स गो..." बिली ने उनसे कहा और फिर मुझे बोला




"हे मेट, यू प्ले सॉकर.." बिली ने मेरी तरफ बॉल फेंकते हुए कहा




"लेट'स किक इट.. मेट.." मैने बॉल को उंगलियों के बीच रोल कर कहा और बाहर चले गये..

"नो नो नो.... नोट अट ऑल.. आइ आम नोट गोयिंग टू प्लेस एनी बेट अगेन्स्ट माइ कंट्री.. आइ लव माइ कंट्री आ लॉट, आइ लव ऑस्ट्रेलिया मेट..." बिली हमारे रूम में चिल्ला चिल्ला के बातें कर रहा था और रूम के चक्कर मारे जा रहा था




"कॅन आइ प्लीज़ एक्सप्लेन यू सम्तिंग हियर.." मैने शांति से बिली को समझाने के लिए कहा




"नो नो बडी...आइ आम नोट प्लेसिंग एनी बेट अगेन्स्ट ऑस्ट्रेलिया...दे आर ऑल्वेज़ गॉना विन ओके.. आंड आइ नो दे प्ले अगेन्स्ट युवर कंट्री सो इट विल बी डिफिकल्ट फॉर यू बट आइ आम नोट गॉना प्लेस दिस अगेन्स्ट माइ कंट्री.. दा बेस्ट सल्यूशन टू दिस ईज़ लेट'स नोट प्ले टुडे.. केस डिस्मिस्ड.." बिली घूमते घूमते बेड पे बैठ गया और मेरी फीस भरने के ज़रिए को लात मारने लगा




"बिली दिस इस माइ गोलडेन चान्स टू मेक मनी बडी, अंडरस्टॅंड दिस इस वेरी वेरी इम्पोर्टेंट टू मी.. इफ़ यू डॉन'त वॉंट टू प्ले देन इट'स फाइन, बट अट लीस्ट लेट मी प्ले आंड यूज़ युवर लप्पी, आइ विल पे यू सम मनी फॉर इट आंड टॉप अप युवर फोन ऐज वेल.." बिली को मैने काफ़ी समझने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मान रहा था.. एक बात मुझे आज तक समझ नहीं आई, लोग स्पोर्ट्स और देश के प्यार को मिक्स क्यूँ करते हैं.. आपकी स्पोर्ट्स टीम को सपोर्ट नहीं करने का मतलब ऐसा क्यूँ लिया जाता है कि आप अपनी कंट्री से प्यार नहीं करते, फॅन्स की फीलिंग्स की कदर है लेकिन यहीं पे एक लाइन ड्रॉ होती है जो आपके देशभक्ति और स्पोर्ट्स को अलग करती है.. मैं अगर इंडिया के अगेन्स्ट भी लगाता तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं इंडिया कंट्री के अगेन्स्ट हूँ, लेकिन प्रोफेशनलिसम नाम की एक चीज़ होती है जिससे हमारे स्पोर्ट्स में बँधे हुए हैं..




"बिली वी हॅव जस्ट 20 मिन्स बडी, नीड टू प्लेस दा बेट अट दिस रेट ऑर एल्स रेट्स मे गो डाउन फर्दर बडी.." मैने लॅपटॉप पे टाइम देखा तो यहाँ सुबह के 9 बजने आए थे, मीन्स इंडिया में 2.30 के करीब जो मॅच का टाइम था.. पहले बॅटिंग ऑस्ट्रेलिया की थी और वो भी आमेडबॅड की पिच पे जहाँ पे 330 जैसे स्कोर्स भी चेस हुए हैं, तो मेरी कॅल्क्युलेशन के हिसाब से अगर ऑस्ट्रेलिया 300 भी मारती तो भी हम चेस कर सकते थे




"य आर यू हेल बेंट टुवर्ड्स इंडिया विन मॅन, ओन्ली यू लव युवर कंट्री, ईज़ इट ?" बिली ने फिर वोही बात दोहराई




"ओके, लेट मी एक्सप्लेन यू समथिंग हियर, फॉर एग्ज़ॅंपल, इफ़ इट वाज़ ट्रांस टॅसमन राइवल्री, विच कंट्री वुड यू लव टू सी प्ले अगेन्स्ट ऑयीस.."




"ट्रांस टॅसमन राइवल्री ईज़ ऑयीस आंड कीविस मॅन... वी वुड फक देम हार्ड एवेरिटाइम दे आर ऑन फील्ड.."




"आंड व्हाई, व्हाई वुड यू लव टू सी देम.. ऑर लेट मे रिफ्रेज़, इफ़ इट वाज़ ऑयीस आंड कीविस अट युवर ग्राउंड, विल इट बी फुल वित क्राउड.."




"ऑफ कोर्स यस, क्राउड्स फुल, ऑल पीपल ग्लूड टू टीवी आंड ओन्ली थिंग दट विल बी डिस्कस्ड ईज़ तट मॅच" बिली ने फिर चिल्ला के कहा




"टेक तीस, पाकिस्तान वन येस्टरडे, इफ़ ऑस्ट्रेलिया विन्स टुडे, सेमाइस विल बी ऑस्ट्रेलिया आंड पाकिस्तान.. बट इफ़ दट सेमी फाइनल ईज़ बिट्वीन इंडिया आंड पाकिस्तान, देन विच मॅच विल बी वॉच्ड मोर कन्सिडरिंग दट होस्ट ईज़ इंडिया.. आंड ऑल्सो, दा मॅच ईज़ अट दा वेन्यू विच ईज़ वेरी वेरी क्लोज़ टू दा कंट्री बॉर्डर्स.."




"यूआर राइट हियर, बट..." बिली ने कुछ सोच के कहा




"नो इफ़'स आंड बट्स बडी... हॅव ऑलरेडी टोल्ड यू लॉस ईज़ प्यूर्ली मिने, देन व्हाट'स युवर प्राब्लम हियर..." मैने लोगिन करके कहा और रेट देखा तो इंडिया और ऑस्ट्रेलिया ऑलमोस्ट ईक्वल थे, कुछ 5-10 का फरक था उपर नीचे




"यू डू व्हाटेवेर यू वॉंट, आइ आम गोयिंग डाउन टू . आ मॅच.. बट रिमेंबर, इट'स ऑस्ट्रेलिया ऑल्वेज़.." बिली ने फिर अपना मुक्का दिखाते हुए कहा और रूम से बाहर निकल गया




"थॅंक्स बिली.." मैने जाते हुए बिली से कहा और लॅपटॉप पे अपनी बेट प्लेस करने लगा.. बेट करने के लिए टोटल सिर्फ़ 1050 पाउंड्स थे, उनको 2000 कैसे करूँगा, और उपर से उसमे से 50% बिली का, तो अगर 4000 पाउंड्स निकलेंगे तभी जाके कुछ निकलेगा, लेकिन 1050 से 5000 कैसे करूँगा.. यही सोचते सोचते ओपनिंग रेट पे बेट प्लेस कर दी.. इस मॅच के लिए मैने सब से पहले यह सोच रखा था कि छोटे छोटे बेट्स प्लेस करूँगा, ताकि हर रेट पे बेनेफिट मिले... ऑस्ट्रेलिया बॅटिंग स्टार्ट हुई ऑर जैसे जैसे मॅच बढ़ा वैसे वैसे रेट पे भी नज़र पड़ती गयी, लेकिन उनकी बॅटिंग इतनी स्लो और कॅल्क्युलेटिव थी कि रेट में ज़्यादा कुछ उपर नीचे था ही नहीं.. अगर इंडिया के विकेट्स जल्दी जाते तो फिर एक चान्स रहता कि उनका रेट बढ़े और मैं उनपे ज़्यादा लगाऊ, लेकिन ऐसा था नहीं.. 44 पे सहवाग आउट हुआ उस वक़्त मुझे लगा के शायद अभी रेट बढ़े, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.. अब तक मैं 600 पाउंड्स लगा चुका था, वो भी आवरेज 75 पैसे पे, इसका मतलब अगर जीतूँगा तो भी सिर्फ़ 450 पाउंड्स.. 1050 और 450 दूसरे, सिर्फ़ 1500 पाउंड्स.. इसमे से बिली को क्या दूँगा, और मेरा खुद का क्या रहेगा.. अभी मैं यह सोच ही रहा था कि सचिन तेंदुलकर आउट हुआ.. स्कोर था 94 और टू विकेट्स डाउन.. भले सचिन आउट हुआ है, लेकिन इंडिया विन का इतना स्योर था कि सोच अभी यही थी कि पैसे कैसे बढ़ाऊ.. एक नज़र आते पे और पहली बार इंडिया का रेट 1 के उपर, 1.25 टू बी स्पेसिफिक.. कुछ सोचा और बेट प्लेस कर दी.. अगर, बाइ चान्स इंडिया हारेगी तो पैसे तो जाएँगे ही, लेकिन बिली भी अलग मारेगा, और शायद कुछ ज़्यादा ही हो.. लेकिन, एकनॉमिक्स का एक रूल, हाइ रिस्क लीड्स टू हाइ रिटर्न.. इसलिए रिस्क तो लेना ही था, एक नज़र दरवाज़े पे मारी तो बिली नहीं था कहीं, और ना ही कॉरिडर से आती उसकी आवाज़..



"कन्फर्म युवर बेट ऑफ 5000 पाउंड्स अट 1.25.." बटन आया और मैने आँखें बंद कर एक लंबी साँस लेके मैने ओके कर दिया




सचिन के बाद कोहली, गंभीर और कॅप्टन कूल धोनी भी आउट हो गये, लेकिन चिंता नहीं थी क्यूँ कि क्रीस पे अभी भी युवराज और रैना खड़े थे, और उनसे ज़्यादा मुझे यकीन था मेरे लॉजिक पे.. इंडिया पाकिस्तान सेमी, मोहाली का ग्राउंड, उससे ज़्यादा हाइलाइट क्या हो सकती है.. ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान मतलब खाली ग्राउंड, कौन जाएगा, टीआरपी'स ही नहीं मिलेगी जिसमे इक से ज़्यादा बीसीसीआइ का नुकसान होगा.. एक इसी सोच की वजह से मैने बिली के बॅंक में से भी अलग 5000 पाउंड्स लगाए थे.. अब मेरी टोटल बेट थी 1050 पाउंड्स आवरेज 72 पैसे पे, और बिली के 5000 पाउंड्स 1.25 पे.. अगर इंडिया जीतेगी 756 पाउंड्स और 6250, टोटल 7006 पाउंड्स मिलेंगे.. जिसमे से 3500 मेरे और 3500 बिली के.. यह सब इंडिया की जीत पे ही.. 5 विकेट के बाद इंडिया की कोई विकेट नहीं गयी और धीरे धीरे युवराज और रैना विन्निंग लाइन के पास लेके चले गये
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07-03-2019, 05:01 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"फक यू गाइस.." बिली ने दरवाज़ा तोड़ते हुए अंदर आके कहा




"व्हाट हॅपंड.." मैने लॅपटॉप पर आँखें रख कहा




"यू गाइस आर विन्निंग आंड यू वॉंट मी टू टॉक हाँ.. फक फेस.." बिली ने गुस्से में आके कहा, पूरा दिन रूम से बाहर निकल के बंदा टीवी के सामने बैठा था तो लाज़मी है गुस्सा तो आएगा ही..




"आंड युवराज सेट्स ऑफ इंडिया पाकिस्तान सेमाइस.." जैसे ही विन्निंग शॉट पड़ा, मैने लॅपटॉप पे चल रही लाइव स्ट्रीमिंग बंद की और लॅपटॉप बिली को पकड़ा दिया




"आइ आम इन नो मूड मेट टू चेक ऑल दिस नाउ, हाउ मच वी वॉन.. 200, 300, 500 ..." बिली ने लॅपटॉप खोला और बेटफायर पे जाके अकाउंट देखा तो उसकी आँखें बाहर निकलने लगी




"नो शिट... वी वॉन 7000.." बिली की आँखें फटी की फटी रह गयी और कभी मुझे तो कभी लॅपटॉप पे देखता




"यस... वी वॉन 7000.. आंड दिस ईज़ हाउ..." मैने फिर बिली को बता दिया कि उसके अकाउंट के पैसे भी मैने दाव पे लगाए थे जिसे सुन बिली आग बाबूला हो गया था और काफ़ी गालियाँ देने लगा, लेकिन फिर जब उसे कहा कि हम जीते हैं तो थोडा शांत हुआ वो




"व्हाट इफ़ वी हॅड लॉस्ट.. डू यू एवर थिंक दट इफ़ वी एवर लूस, देन व्हेयर विल यू गेट दा मनी फ्रॉम हाँ.." बिली ने यह बात ऐसी कही जो सीधी भेजे में उतरी, वो सही था कि अगर मैं हारा तो पैसे कहाँ से लाउन्गा कभी यह सोचा भी नहीं




"बेट्टिंग में जीतने का नहीं सोचो, सबसे पहले यह सोचना कि अगर हारूंंगा तो पैसे कहाँ से लाउन्गा.." बाबा की यह बात दिमाग़ में उसी वक़्त क्लिक हुई और मैं फिर सोचने लगा कि यह सचिन प्रेम तो ठीक है, अगर हारा तो सचिन थोड़ी भरने आएगा पैसा..




"व्हाट हॅपंड नाउ.. वी हॅव वॉन, आंड दट ईज़ मोर इंपॉर्टेंट नाउ.. यू डेपॉज़िट युवर फीस टुमॉरो, आंड देन वी विल सी हाउ टू मूव अहेड, इन फॅक्ट, इनक्रीस माइ 50% टू 80 % , यू नीड नोट वरी अबाउट मनी, देन वी विल गिव यू मनी आंड यू प्ले विद इट, " बिली ने जैसे एक प्रपोज़ल रखते हुए कहा




"वी.. ऐज इन, यू आंड मी, सो आइ गेट ओन्ली 20%.. व्हाट ईज़ बेनिफीशियल टू मी हियर.." मैने सीधे शीधे नकारते हुए कहा




"वी ऐज इन नोट वी यू डंब आस, वी ऐज इन मी आंड माइ थ्री फ्रेंड्स, इंक्लूडिंग यू मेक्स अस 5, 20% ईच, आंड दे आर रिच पीपल, सो दिस विल गिव यू ऑल्सो मनी आंड नो रिस्क ऑफ लूज़िंग युवर ओन.. लेम्मे कॉल देम आंड एक्सप्लेन दिस.." बिली रूम से निकला और अपने दोस्तों के पास चला गया




"बट व्हाई वुड यू डू दिस.. आइ मीन वज्न'ट इट गुड व्हेन वी बोथ वर प्लेयिंग आंड मच मोर मनी वाज़ इन और हॅंड्ज़.." मैने बिली से कहा जब दूसरे दिन हम ने फीस भरी और कॉलेज शुरू होने के पहले एक आखरी फुटबॉल मॅच खेल रहे थे..




"यू फोकस ऑन युवर गेम डोडो, वी कॅन टॉक आफ्टर्वर्ड्स... कम ऑन पास हियर.." बिली ने फिर फील्ड पे हान्फ्ते हान्फ्ते कहा और हम गेम खेलने लगे




"गो ऑन, इट ईज़ आ गोअल्ल.." बिली ने चिल्ला के कहा जब उसने देखा बॉल मेरे पास है और मैं तेज़ी से उसे आगे लेके बढ़ रहा था..




"यस.... गो ओनन्न ..." गोल पोस्ट के पास आते ही मैने एक किक मारी और बॉल सीधा नेट्स के अंदर.. हमारी पूरी टीम खुशी से झूमने लगी, लेकिन स्कोर्कार्ड अभी भी 0-0 था"




जैसे ही बिली के साथ हम सब की नज़र रेफरी पे पड़ी तो ऑफ साइड की सिग्नल से हमारी सारी खुशी हवा हो गयी..




"फक यू ..." बिली ने रेफरी से कहा और गेम जारी रखा, लेकिन 0-0 पे एंड करके हम लोग वहाँ से निकल आए..




"यू प्ले गुड फकर, जाय्न दा टीम टुमॉरो, आंड स्टार्ट दा जिम प्लीज़.. आइ डोंट वॉंट 100 पाउंड्स बेबी बॉय इन माइ टीम.." बिली और हम शवर लेने लगे




"इट'स 120 पाउंड्स.. आंड आइ विल स्टार्ट विद यू, आंड बिसाइड्स, आइ हॅव मनी नाउ.. सो वी कॅन ईट गुड.." मैने उसे जवाब दिया और हम ने जाके फुटबॉल टीम में अपना नाम एनृोल्ल करवा लिया




"रिमेंबर नाउ, और मनी आंड युवर आइंटूयीशन ओके.. बिसाइड्स, आइ ऑर वी टुगेदर कॅन प्लेस बेट ऑफ 2-3000 पाउंड्स मॅक्स, बट दीज़ फ्रेंड्स ऑफ माइन, वन पर्सन 10000 पाउंड्स ईच, सो यू काउंट दा मनी आंड विन्निंग्स, आंड युवर प्रॉफिट ऐज वेल.." बिली और मैं जब रूम में आए तो उसने कॅल्क्युलेशन समझाते हुए कहा




"फाइन.. बट आइ विल प्ले ओन्ली टिल दिस वर्ल्ड कप.. आइ हॅव प्रॉमिस्ड माइ.." कहते कहते मैं रुक गया




"वॉटेवर, इफ़ आइ गेट पर्सनली 30000 पाउंड्स मिनिमम, देन आइ आम सेट, आंड यू कॅन डू विद युवर मनी व्हाटेवेर यू वॉंट.. बट वी नीड टू विन ओके.." बिली ने उंगली दिखा के कहा और सोने चला गया




"बिली.... व्हाट इफ़ वी लूस..." मैने जब उससे पूछा तो बेड पे बैठ के घूर्ने लगा
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07-03-2019, 05:01 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
25 मार्च 2011... लंडन के कॉलेज के लिए मेरा पहला दिन, सुबह सुबह जल्दी नींद खुल गयी तो लंडन की सुबह पे एक नज़र मारी तो दिल खुश हो गया.. खिड़की से देखा तो एक दम घाना कोहरा छाया हुआ था, आसमान में काले काले बादल सुबह को ही गरज के आने वाले मौसम का हाल बता रहे थे, उपर से वॉटरलू, जहाँ मेरा कॉलेज था वो थेम्स रिवर के काफ़ी करीब था, तो सुबह 7 बजे के लोग वॉक करते हुए दिख रहे थे.. काफ़ी खुशनुमा लोग थे वहाँ के, उनको देख ऐसा लगता था कि उन्हे किसी बात की फ़िक्र नहीं थी, सुबह सुबह अपने कुत्ते के साथ वॉक, चलते चलते लड़कियों से थोड़ी हेल्ती फ्लर्टिंग, और हर चीज़ पे खुल के अपने विचार व्यक्त करना.. उस पर आज सुबह सुबह इतनी ठंड थी कि लोंग कोट्स और अंब्रेला लेके लोग वॉक करने निकले थे..




"हे बिली.. गेट अप मॅन, जस्ट चेक दिस वेदर आउट.." मैने बिली को उठाते हुए कहा




"फक युवर वेदर मॅन, वी नीड टू हिट दा जिम... देयर ईज़ आ क्लास टुडे ऑन्वर्ड्स, व्हाट'स युवर सब्जेक्ट.." बिली ने अंगड़ाई लेते हुए कहा और सीधा फ्रेश होने चला गया.. जिम के लिए तैयार होते होते मैं सोचने लगा कि कौनसा सब्जेक्ट लूँ, प्रॅक्टिकल्स में तो मैं शुरू से ही वीक हूँ, जो भी थोड़ी बहुत मार्क्स रहती, वो थेओरी रट रट के आते थे, इसलिए सोचा थियरी का ही सब्जेक्ट लूँ और तभी मेरी नज़र बिली के लॅपटॉप पे गयी जो खुला हुआ था.. मैने एक नज़र डाली तो उसका सब्जेक्ट एकनॉमिक्स था.. अब अगर मैं कुछ और लेता हूँ तो फिर न्यू दोस्त बनाओ, उससे अच्छा है यह ही ले लो, कम से कम इसके साथ रहूँगा तो फुटबॉल टीम में डाइरेक्ट एंट्री और साथ ही बना बनाया ग्रूप...




"लेट'स गो.." बिली ने आवाज़ दी तो मैं अपनी सोच से बाहर आया और उसके साथ नीचे जाने लगा




"आइ आम इन एकनॉमिक्स, आंड यू.." मैने बिली से जिम की तरफ बढ़ते हुए कहा




"ईज़ इट.. मी टू, सेम.. दिस ईज़ कूल, नाउ लिसन.. आइ विल ट्रेन यू हियर इन दा जिम ओके.. विल मेक यू लुक लाइक आ फुटबॉल प्लेयर, डॉन'ट वॉंट यू टू बी स्माल फ्रेम पर्सन प्लेयिंग वित अस.. आंड टुडे इन क्लास, मॅच विल स्टार्ट, सो वी विल टेक आ कॉर्नर बेंच आंड यू प्ले विद थे अमाउंट, देयर आर 50000 पाउंड्स इन माइ बॅंक अकाउंट नाउ.. सो वी डू दिस आंड गेट गोयिंग.." बिली ने मुझे फ्लोर एक्सर्साइज़ दिखाते हुए कहा और खुद वेट लिफ्टिंग पे लग गया..




जिम करके फ्रेश हुए और फिर क्लास की तरफ बढ़ने लगे.. हमारी क्लास सबसे उपर के फ्लोर पर थी, जैसे ही हम क्लास में एंटर हुए, एक पल को तो मेरी आँखें ही बाहर आ गयी.. क्लास में लड़कों से ज़्यादा लड़कियाँ थी, शायद तभी सब साले इंडियन्स यहीं पढ़ने आते हैं.. वैसे लड़कियाँ तो हमारे वहाँ भी होती हैं, बट रेशियो देखा जाए तो 3 लड़कों के सामने एक लड़की होती थी, और यहाँ 2 लड़कियों के सामने एक लड़का...




"हे.. आइ आम बिली.." बिली ने उसके पास बैठी एक लड़की से कहा




"हाई.. समानता, आंड यूआर.." लड़की ने मुझे देख कहा तो मैं होश में आया




"ओह.. हे, आइ आम सन्नी.." मैने हाथ बढ़ा के कहा




"प्लेषर मीटिंग यू गाइस.. आइ विश दा वेदर हियर वाज़ लाइक युवर नेम.. सन्नी सन्नी..." समानता ने मज़ाक करते हुए कहा तो हमारी हँसी निकल गयी




"व्हाई नोट अस्क हर टू बी इन और ग्रूप.." मैने बिली के कान में कहा




"गो स्लो बडी, आंड फोकस ऑन दा मॅच टुडे.. इट्स कीविस अगेन्स्ट प्रोटेअस.. यू डू व्हाटेवेर यू वॉंट टू.. हियर'स माइ लॅपटॉप आंड गो ऑन.." बिली ने लॅपटॉप पकड़ाते हुए कहा और खुद समानता के साथ बातें करके क्लास में ध्यान देने लगा..




वर्ल्ड कप तो इंडिया का ही था, लेकिन फॉरिन मॅचस मे एक दिक्कत यह थी कि दोनो टीम्स का एशियन पिचस पे कुछ कह नहीं सकते.. न्यू ज़ीलॅंड हो या साउत आफ्रिका, स्लो पिचस पे दोनो बेकार हैं, न्यू ज़ीलॅंड थोड़ी भारी है लेकिन कुछ कह नहीं सकते.. इसलिए उस मॅच पे मैने ज़्यादा कुछ नहीं किया, सिर्फ़ 2000 पाउंड्स लगाए जिसमे से सिर्फ़ 1500 रिकवर हुए, 500 का लॉस था.. खैर 500 में बिली और उसके दोस्तों ने कुछ नहीं कहा.. शाम होते होते मौसम ने करवट बदली और सुबह जहाँ बदल गरज रहे थे, वहाँ शाम होते होते बादलों के बीच से सूरज निकल के अपनी रोशनी फेला रहा था, मौसम सुहाना था तो हॉस्टिल वालों ने बंक मारने का भी सोचा.. बिली और मैं उसके दोस्तों के साथ कॉलेज हॉस्टिल से थोड़ा दूर बने बियर बार में पहुँचे.. बियर बार इंडिया में, यहाँ इसे ब्रूवरी कहते हैं..




"हे हाउ मेनी पाइंट्स विल यू टेक मेट.." बिली ने ऑर्डर देते हुए कहा




"3.." मैने सिर्फ़ इतना ही कहा क्यूँ कि मैं नहीं जानता था पाइंट मतलब क्या और इससे पहले कभी मैने बियर भी नहीं पी थी, पर अब इनके साथ आया था तो इन्हे मना भी नहीं कर सकता था नहीं तो फिर साले लड़की और पता नहीं क्या क्या बुलाते अपनी भाषा में..




"ओके... थ्री पाइंट्स फॉर दिस गाइ आंड 10 पिच्स फॉर ऑल ऑफ अस प्लीज़.." बिली ने ऑर्डर दिया और हम अपनी अपनी बातें करने लगे. अभी हम बातें कर ही रहे थे कि सामने सुबह क्लास वाली समानता दिखी जो अपनी फ्रेंड्स के साथ आई हुई थी, उसपे बिली और मेरी नज़र पड़ी.. बिली ने मुझे हल्के से इशारा किया और हम दोनो उनके साथ बातें करने चले गये




"हेलो गर्ल्स.." बिली ने समानता के पास बैठते हुए कहा और मुझे भी अपने साथ बिठा दिया




"ओह हाई गाइस, मीट माइ फ्रेंड्स, शी ईज़ जेन्निफर, आंड शी ईज़ अमंदा.." समानता ने उनकी तरफ इशारा करके कहा




"सो, माइ मॉर्निंग विश केम ट्रू हाँ आफ्टर मीटिंग यू.." समानता ने मुझे देख कहा जिसका मतलब मैं नहीं समझा




"वेदर ईज़ ब्राइट आंड सन्नी नाउ, सन्नी.." समानता ने अपने गले में पहनी एक पतली सी गोलडेन चैन पे हाथ फेरते हुए कहा




"ओह यस, इस्न'ट इट बेटर नाउ.. " मैने सिर्फ़ इतना कहा और तुरंत ही बिली ने उन्हे हमारे साथ जाय्न करने का न्योता दे दिया.. वो तीन और हम पाँच.. टोटल 8 लोग हम टेबल पे आके बैठ गये और सब आपस में मिलके बातें करने लगे
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07-03-2019, 05:01 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
बिली और उसके दोस्त सब ऑस्ट्रेलिया से थे, समानता रशिया की, अमंदा चेक रिपब्लिक, मैं इंडिया और जेन्निफर आइयर्लॅंड की थी.. बियर आई और हम सब पीने लगे, पहले पहले तो काफ़ी कड़वी लगी, लेकिन पहले बिली का डर और अब समानता के सामने ऐसा कह भी नहीं सकता, इसलिए मन मार के हल्के हलकसे बियर पीने लगा.. पाइंट मतलब एक छोटी सी बॉटल बियर की, करीब 300 म्ल आइ गेस, मेरे साथ बाइटे बिली और उसके दोस्तों के अपने अपने दो दो पिचर, मतलब एक भरा हुआ बड़ा सा जग, जिसमे तकरीऐबं 4 बियर की बॉटल्स आ जाए.. इतनी खुद एक बंदा पीने वाला था, देख के ही पता नहीं क्या हो रहा था, इतना साले पिएँगे कैसे, लेकिन फिर मैने एक चीज़ पे गोर किया, कि वीकेंड हो या कुछ और, यह गोरे, चाहे वो यूके के हो या अमेरिका या ऑस्ट्रेलियन, यह लोग स्कॉच काफ़ी बड़ी अकेशन पे लेते थे, हमारे यहाँ पीना मतलब 6 पेग दारू के, और उनके यहाँ पीना मतलब कम से कम 6 बॉटल्स बियर की.. बियर इनके लिए एक नॉर्मल चीज़ थी, 6 बॉटल्स पीके भी सालों को कुछ नहीं होता था.. मेरा पहली बार था इसलिए मैं बड़े आराम से पी रहा था और बिली से ज़्यादा समानता से बातें करने में बिज़ी था..




"आइ लाइक युवर आइज़.." मैने समानता की डार्क ब्राउन आइज़ देख कहा, वो इतनी कॅषुयल थी कि उसकी तरफ मेरा ध्यान तब गया जब हम दोनो खामोश थे और बस एक दूसरे को देखे जा रहे थे.. हल्के सुनहरे बाल सिल्क से भी ज़्यादा स्मूद, भूरी आँखें जो बड़ी बड़ी थी, उन्हे देख के कोई भी उनमे डूब सकता था और चेहरे पे एक बहुत ही क्यूट स्माइल, कानो में दो बड़े से राउंड एअर रिंग्स जो उसके चेहरे को और भी प्यारा बना रहा था




"दट'स ओके, कंटिन्यू, आइ लाइक अमंदा एनीवेस..' बिली ने मेरे कान में आके कहा तब मेरा ध्यान टूटा और अपनी बियर ले ली.. तीन घंटे हुए और मेरी तीसरी पाइंट ख़तम ही नहीं हो रही थी, पेट इतना भारी लग रहा था कि अभी वॉमिट होगी उपर से बियर इतनी कड़वी..




"हे, लेट'स प्ले आ गेम..." बिली के एक दोस्त ने चिल्लाते हुए कहा जब उसने देखा कि गेट से कुछ लोग बॅगपाइपर बजाते हुए आए हैं और अंदर आए लोगों का मनोरंजन कर रहे थे.. बॅगपाइपर की आवाज़ सुनते ही वहाँ के माहॉल में अलग शोर गूँज उठा, लोग चिल्लाने लगे और टेबल पटक पटक के ही नाचने लगे, और जिस टेबल पे सबसे ज़्यादा शोर होता




"व्हाट गेम.." अमंदा ने आँखें बड़ी कर के पूछा




"ट्रूथ ऑर डेयर.." बिली के फ्रेंड ने फिर चिल्ला के कहा और उसे सुनते ही मुझे छोड़ सब वहाँ चिल्लाने लगे..




"साला बॉटल मुझ पे आई और डेयर बोला और कुछ उल्टा सीधा करवाया तो इज़्ज़त के धज़िया उड़ेंगी वो अलग, कहीं लेने के देने ना पड़ जाए."




"अम्मीईए... बिल्लययी.... सुन्नयययी...रोबबिईईइईए..." जैसे ही बॉटल गोल घूमने लगी वैसे वैसे सब लोग एक दूसरे का नाम लेके चिल्लाने लगे. जैसे ही बॉटल रुकी सब की चिल्लाने की गूँज दुगनी हुई, क्यूँ कि बॉटल जेन्निफर पे आके रुकी थी




"ओके, सो हियर ईज़ दा बेट.. नो ट्रूथ अलोड, ओन्ली डेयर.. जेन्निफर, किस युवर फ्रेंड अमंदा.." बिली के फ्रेंड ने फिर उसे कहा और हम सब को देखने लगा.. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए बस बाकी सब के रिक्षन देख रहा था, कुछ ही सेकेंड्स में बिली और उसके दूसरे दोस्त सब इस बात पे सहमत हुए, और एक पल के लिए समानता और अमंदा भी हामी भरने लगी




"आइ विल फक यू हार्ड.." जेन्निफर ने हँस के कहा और अमंदा के पास जाके हल्के से उसके होंठों को गीला किया और उन्हे चूसने लगी.. जैसे जैसे अमंदा जेन्नी के होंठ चुस्ती, वैसे वैसे हम सब बैठे बैठे पसीना पसीना होने लगते




"उम्म्म्म... यू आर स्वीट.." अम्मिे ने ज़ीनी को अलग कर कहा और तीनो लड़कियाँ खिलखिलाने लगी




"इट्स माइ टर्न टू स्पिन दा बॉटल नाउ.." जेन्निफर ने कहा और बॉटल स्पिन करके फिर हम सब चिल्लाने लगे




"उः ओह.." अमंदा ने चिंता में आके कहा जब बॉटल उसपर आके रुकी




"हू हहा, अमंदा, रिमूव युवर टॉप बेबी.." बिली ने अपनी आँखें चौड़ी कर के कहा




"ईएअहह.... आमंिईए गूऊ ओोऊऊऊऊ..." उसके दोस्त टेबल बजाते बजाते बोलने लगे.. अमंदा ने जब आस पास देखा तो काफ़ी शोर शराबा था, और ब्रूवरी का कोई बंदा पास नहीं था..




"व्हाई डॉन'ट यू कम डू इट.." अमंदा ने धीरे से आगे झुक के कहा और बिली को आँख मार दी.. इसे सुन जहाँ बिली के दोस्त सब खामोश हो गये, वहीं बिली उत्सुकता के मारे जल्दी से उसकी चेयर के पीछे गया और उसके टॉप को उपर करने लगा.. जैसे जैसे बिली के हाथ अमंदा की कमर से लेके उपर उठते, वैसे वैसे वहाँ बैठे हम सब की साँसें भी तेज़ होने लगती




"ऊहह......" टॉप उपर होते ही बिली के एक दोस्त ने सामने का नज़ारा देख कहा, अमंदा ने टॉप के अंदर कोई ब्रा नहीं पहनी थी




"सो हाउ आर माइ बुक्बीस..." अमंदा ने अपने बूब्स हिलाके कहा और सब को यूँ चौंकते देख खिलखिला कर हँसने लगी और एक ही झटके में अपना टॉप फिर पहेन लिया




"यू लकी लकी बिली..." उसके फ्रेंड ने उसे मुक्का मार के कहा और उसकी किस्मत से जलने लगे.. तीन चार बॉटल स्पिन और मेरा नंबर अब तक नहीं आया




"हाश.. मेरा नंबर नहीं आया.." मैने खुद से कहा जब देखा बिली इस बार सिर्फ़ अपने टीशर्ट और अंडरवेर में बैठा था




"दिस वन ऑन यू आंड यू विल बी नेकेड नाउ.." जेन्निफर ने बिली से कहा जब फिर से बॉटल घूमने लगी... लड़कियाँ हावी हो गयी थी लड़कों पे, तभी तो शोर कम हो गया था और हम बस इंतेज़ार कर रहे थे कि कब यह गेम बंद हो..




"ओह्ह्ह..... एसस्स....फीवव...." बिली ने चेन की साँस ली जब उसने देखा के बॉटल उसपे नहीं, इस बार मुझपे रुकी है...




"फक हिम, हाहाहा.." बिली ने जेन्निफर को अपनी उंगली दिखा के कहा




"आइ विल टेल यू व्हाट टू डू.." इस बार समानता ने कहा जो इतनी देर से खामोश बैठी थी




"यू हॅव टू.." समानता ने अब इतना ही कहा था कि ब्रेवेरे के दो लोग हमारी टेबल के पास आ गये




"यू आर नोट सपोज़्ड टू डू दिस हियर, गेट आउट नाउ..." एक लंबे से काले सांड़ टाइप बंदे ने आके जब यह कहा तो साँस में साँस आई




बिली ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और हम बिल भरके बाहर आ गये




"थॅंक गॉड.." मैने बिली से कहा और हम लोग वापस अपने होस्टल में लौटने लगे




"इट'स एट ड्यू ओके, आइ विल चेक यू टुमॉरो इन क्लास.." समानता ने दूर से इशारा कर कहा




"बी प्रिपेर्ड, शी विल फक यू टुमॉरो मॉर्निंग.." हाहहाहा बिली के दोस्तों ने फिर मज़ाक बना के कहा और हम लोग हॉस्टिल में आ गये

"सो व्हाट डू वी डू नाउ.." बिली को जब मैने बताया फॉरिन मॅचस की दुविधा तो वो भी चिंता में आ गया.. उसके पास पैसे थे फिर भी उसे चिंता थी, मेरे पास फीस भरने के बाद सिर्फ़ 1000 पाउंड्स बचे थे तब भी फिकर नही थी..
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