Antarvasna kahani माया की कामुकता
12-13-2018, 02:23 AM,
#51
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"नहीं शालिनी.. यू आर ड्रंक.. " भारत ने मूह फेर के कहा, पर उसके दिल में और उसके लंड में उसका इनकार नहीं दिख रहा था...


"ओके ... मैं लाउन्गि वाइन, खाना ला तू बस... " कहके शालिनी वहाँ से उठ गयी और अपने रूम में जाके शवर लेने लगी.. शवर में जाते ही शालिनी ने अपना टॉप और जीन्स उतार दी और नंगी होने लगी.. नंगी होते ही शालिनी शवर के नीचे खड़ी हुई और ठंडी ठंडी पानी की बूँदों के साथ खेलने लगी.. पानी के साथ खेलते खेलते शालिनी ने बॉडी शॅमपू लिया और अपनी पूरी बॉडी पे उसे फेला दिया...शॅमपू मलते मलते शालिनी अपने चुचों के साथ खेलने लगी और एक उंगली ले जाके अपनी चूत में घुसा दी... अच्छी तरह अपनी चूत पे शालिनी ने शम्पू फेलाया और दूसरा हाथ ले जाके अपनी गान्ड पे रगड़ने लगी..





चूत रगड़ते रगड़ते शालिनी गरम होने लगी और तेज़ी से अपनी चूत के अंदर बाहर उंगली करने लगी.. उसकी दो उंगलियाँ चूत के अंदर और दूसरे हाथ से अपना चुचा मसल्ने लगी....


"आहाहहहहा यआःहा आहाहहहहहहहा. ओअम्म्म्मम अहहहहाआहहा.. आज तो तू गयी ऋतु अहहहहा.... भारत सही वक़्त पे आयया अहहहहहहहहहहहहाहा" कहके शालिनी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कुछ सेकेंड्स में वो अपना पानी छोड़ने लगी.... कुछ देर फिर नहा के शालिनी अपने कमरे में आई और अपने कपड़े पहेन लिए.. कपड़ो में उसने एक पॅडेड ब्रा और मॅचिंग पैंटी पहेन के खुद को आईने में निहारने लगी....


"उम्म्म.... मैं भी सेक्सी बन जाउन्गि अब.. आइ मीन बहुत ज़्यादा सेक्सी...." शालिनी ने खुद से आईने में देखते हुए कहा और अपने कपड़े निकालने लगी... कुछ देर तक ढूँढ ढूँढ के शालिनी ने अपने वॉर्डरोब से अपने कपड़े निकाले... कपड़े के नाम पे उसने एक वाइट मिनी ड्रेस सेलेक्ट की खुद के लिए जो उसके घुटनो के उपर तक थी, थोड़ा झुकने पे उसकी चूत और चूतड़ के दर्शन हो सकते थे.... ड्रेस पहेन के, शालिनी ने अपने बाल बनाए, और अपना फेव पर्फ्यूम छिड़क लिया.. बाहर जाके शालिनी भारत के पीछे खड़ी हुई, और कहा... " हाउ डू आइ लुक भारत"


भारत जैसे ही पलटा, वो उसे देखता ही रह गया..





"वूव्वववववववव..... लुकिंग सेक्सी बेब..." भारत अपनी जगह से उठा और शालिनी के पास गया....


"उम्म्म... यू आर ब्यूटिफुल बेबी... उम्म्म्म मवाहहहहहा उम्म्म्मम म्म्माकहहहहहा" कहके भारत ने शालिनी के होंठों से अपने होंठ मिला दिए और उन्हे चूसने लगा.... करीब 20 सेकेंड्स के चुंबन के बाद.


"शालिनी.. आइ वॉंट टू फक युवर मोम..." भारत ने अपने लंड पे हाथ घुमा के कहा


"मुझे पता था हरामी... तेरी नज़र मैं पहचान गयी... आंड मैं भी एक बात कहूँ तुझसे... आइ विल फक माइ कज़िन ब्रदर टुनाइट.. ही ईज़ सो हॉट..." शालिनी ने भारत का कॉलर पकड़ के उसे अपने चेहरे के पास खींचते हुए कहा और फिर उसके होंठ चूसने लगी....



कुछ सेकेंड्स के बाद दोनो अलग हुए और बाहर जाके खाना लिया और साथ ही एक वाइन की बॉटल के साथ एक विस्की की बॉटल ली... समान लेके जैसे ही घर आए, शालिनी ने आधी वाइन की बॉटल खाली की और उसमे विस्की मिला ली.. विस्की मिला के, शालिनी ने आधी विस्की की बॉटल बाहर जाके कचरे में गिरा दी...


"यू आर आ बिच..." भारत ने शालिनी को कहा


"देखता जा तू... इसी लिए मैं आज घर आई थी... वैसे तूने किसी घर के मेंबर के साथ सेक्स नहीं किया.." शालिनी ने भारत से सोफा पे बैठते हुए पूछा.. यह सवाल सुनके भारत को प्रीति की याद आने लगी.. और कुछ झलकियाँ उसके सामने सीमी की भी आ गयी..


"नहीं.. इन्सेस्ट नहीं पसंद मुझे.." भारत ने सीरीयस होते हुए कहा


'हाए... उसी में तो नशा है... अलग ही थ्रिल रहता है अपने घरवालों को चोदने में और चुदवाने में... " शालिनी ने अपने पैर खोलते हुए कहा, जिससे भारत को उसकी पैंटी दिख गयी



"घरवालों से चुदवाने में जो मज़ा है, आज मैं उसका अनुभव लेना चाहती हूँ भारत.. आइ वॉंट टू प्ले डर्टी टुडे.." शालिनी ने भारत से लिपट के कहा और उसके बालों में उंगलियाँ चलाने लगी... इन्सेस्ट सुनके एक साइड भारत का लंड खड़ा तो हुआ, पर उसका दिल उसका साथ नहीं दे रहा था.. प्रीति की चुदाई में उसे मज़ा तो आया और वो इन्सेस्ट भी था, पर इन्सेस्ट में माँ के साथ सेक्स का सोच के भारत को उसकी माँ सीमी की याद आने लगी... भारत बेशक इन्सेस्ट की सीमा लाँघ चुका था था, लेकिन सीमी को उसने कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था....



"क्या हुआ अब तुझे.." शालिनी ने भारत को यूँ सोच में डूबा हुआ देख पूछा


भारत :- "कुछ नहीं.. भूख लगी है, और अब तक तेरी मोम भी नहीं आई.." 


शालिनी :- भूख और मेरी मोम की... क्या हो गया है तुझे.. खाना खाएगा या मेरी मोम को हाँ


"हाहहहा.... तेरी मोम के साथ खाना" भारत ने आँख मार के जवाब दिया.. और इतने में ऋतु भी घर पे आ गयी... यूँ भारत और शालिनी को गले में बाहें डाले देख ऋतु ने कहा



"उः.. लगता है मैं ग़लत टाइम पे आई हूँ हाँ.. क्या चल रहा है यह.." ऋतु ने अंदर आते हुए पूछा


"बिल्कुल नहीं, सही टाइम पे आई हैं आप... शालिनी और मैं एक दूसरे से प्यार करते हैं.. बस तो टाइम था, तो हम थोड़ा कोज़ी हो रहे थे.. होप यू डोंट माइंड" भारत ने चौंकाने वाला जवाब दिया, जिससे शालिनी और ऋतु एक पल के लिए खामोश सी हो गयी थी... उन्हे यूँ देख भारत ने कहा
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12-13-2018, 02:23 AM,
#52
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"मैं मज़ाक कर रहा हूँ, प्लीज़ चिल कीजिए आप दोनो.." भारत ने सोफा पे बैठते हुए कहा.. 


"क्या यार डरा देता है.. मोम नतिंग, हम कॉलेज का डिस्कशन कर रहे थे.. वैसे आप जल्दी आ गये आप.." शालिनी ने बात को संभालते हुए पूछा..


"हां, ऐसे ही.. वैसे कॉलेज डिस्कशन घर पे नहीं चलेगा, होप तुम दोनो समझ गये मैं क्या कहना चाहती हूँ.. और शालिनी, तुम्हारा कज़िन आज नहीं आ रहा है, उसे कुछ काम आ गया है... डॅड भी लेट आएँगे तुम्हारे, खाना खा लेते हैं." ऋतु ने जैसे ऑर्डर दिया और अपने कमरे में चेंज करने चली गयी.. ऋतु के जाते ही शालिनी का चेहरा मायूस सा हो गया, उसके भाई से चुदवाने की इच्छा , इच्छा ही रह गयी..


"चिंता मत कर बेब.. तेरी मोम को कपड़े बदलने में कितना टाइम लगेगा.." भरा ने शालिनी के फेस को पकड़ के कहा... इससे पहले शालिनी कुछ जवाब देती, भारत अपने होंठ शालिनी के होंठों के पास ले गया और उन्हे चूमने लगा... पहले तो शालिनी को कुछ समझ नही आया, लेकिन फिर सब कुछ भूल के उसका साथ देने लगी..


"उम्म्म्मम ँववाहहहौमम्म्ममम उम्म्मवववाहाहहहा.... यआःा अहहहहहहहा.आ.. उम्म्म्मम अहहहहहहहा... उम्म्म यहाहहाहहहहाः.... सक मी हार्ड बेबी अहहहहहा....ुमँववाहाहहहहहा मवाहाहहहहहहहहहा एसस्स्स्स्साहहहहहहा..... हान्नानाना भरता आजाहहहहहहा लव मी ना आहाहहहाहा...." भारत और शालिनी एक वाइल्ड किस में डूबते चले गये... मौका देख भारत ने खुद को ऋतु के कमरे की तरफ कर दिया जिससे उसको सामने ऋतु आती हुई दिखे... देखते देखते भारत शालिनी के गले और कानो के आस पास चूमने लगा...



"आहहहहा सीईईईई...यॅ अहहहाहा माइ लवर अहहौमम्म्ममाहहहाहा..यॅ बाइट मी देअर ना आहाहाहहा..." शालिनी कसमसाने लगी और अपने हाथ से भारत का फेस पकड़ के अपने चुचों पे रख दिया.. भारत भी शालिनी के चुचों को उसकी ड्रेस के उपर से चूसने लगा, और अपने हाथ पीछे ले जाके उसकी गोल सुडोल गान्ड पे थप्पड़ मारने लगा.. शालिनी को मज़ा और दर्द एक साथ मिल रहा था.. भारत थप्पड़ इतने ज़ोर से मार रहा था कि आवाज़ ऋतु तक सुन सकती थी.. शालिनी हल्की सी आवाज़ में चिल्ला रही थी...



"थोड़ा ज़ोर से चिल्ला मेरी जान... मेक इट किकी, " भारत ने कहा और उसके चुचे छोड़ के नीचे झुक के उसकी ड्रेस उँची कर दी जिससे उसके सामने शालिनी की नंगी चूत आ गयी... उसकी नंगी चूत देख भारत से रहा नहीं गया और अपनी नाक पास ले जाके उसकी चूत को किसी कुत्ते की तरह सूंघने लगा, और पीछे से उसके नंगे चुतडो को ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा.. शालिनी के चूतड़ लाल टमाटर हो गये थे अब वो इतनी मस्ती में आ गयी थी कि वो अपने चुचों के साथ खुद ही खेल रही थी...



"अहहाहाहा उफफफ्फ़.. ईट मी भरता अहाहाहहाहा एेआआहहहहः" क़हक़हे शालिनी ने भारत के मूह को अपनी चूत में घुसा दिया, और भारत भी अपनी जीभ बाहर निकाल के उसकी चूत को चाटने लगा.... 


"अहहहहहा यआःा आहाहहहहः फक मी विद युवर टंग बेबी अहहहहः..यआहहहहा नंगा कर दे ना मुझे अहहहहहा... मेक मी युवर स्लट अहहहहहा" कहके शालिनी मदहोशी भरी आवाज़ लगाने लगी और धीरे धीरे अपने कपड़े खुद उतारने लगी.. देखते देखते शालिनी नंगी हो गयी.. जब उससे रहा नहीं गया, उसने अपना हाथ पीछे ले जाके भारत के हाथ को अपनी गान्ड के छेद पे रखा, भारत समझ गया और एक उंगली शालिनी की गान्ड में घुसाने लगा... पीछे भारत की उंगली शालिनी की गान्ड चुदाई कर रही थी, और आगे उसकी चूत भारत की ज़ुबान से चुद रही थी... शालिनी बहेक सी गयी थी, भारत और वो यह भूल गये थे कि वो कहाँ हैं.. 



"आहहहा फास्टर बेबी अहहहःआइ एम कमिंग अहहहाहा यआःहा अहहः.." कहके शालिनी चिल्लाने लगी और झड़ने लगी.... शालिनी की टाँगें अकड़ने लगी और उसने अपना सारा पानी भारत के चेहरे पे छोड़ दिया... जैसे ही शालिनी झड़ी, उसने भारत को उसके बालों से पकड़ के अपने चेहरे के पास खेंचा और उसके होंठों को चूमने लगी..... चूमते चूमते भारत ने पीछे देखा तो ऋतु ठीक उनके पीछे थी और उनका यह खेल देख रही थी.. भारत ने उसे इग्नोर किया और शालिनी को चूमना चालू रखा.. 2 मिनिट तक चूमने के बाद भारत शालिनी को पीछे मोडे बिना सोफे पे ले गया, और अपनी जीन्स उतार के अपना लंड बाहर निकाला.. उसका लंड काफ़ी गरम हो चुका था, शालिनी ने देर किए बिना उसका लंड मूह में लिया, और भारत ने पीछे देखा तो ऋतु भी अब अपनी एक उंगली मूह में डाले उसे चूसने लगी थी.. यह देख भारत और ज़्यादा गरम हो गया था... शालिनी उसके लंड को किसी लॉलीपोप की तरह चूसने में लगी हुई थी और पीछे से ऋतु भी वहीं खड़े खड़े अपनी चूत में उंगली करने लगी थी... भारत ने आग में थोड़ा घी डालने का सोचा, और सोचा इस बात से पता चल जाएगा आगे क्या हो सकता है.. शालिनी उसके लंड को चूस चूस के लाल सुर्ख कर चुकी थी..



"अहहहहहः बहन की लौडि अहहहहा सिससिईसी... लंड को छोड़, टटटे कौन तेरी माँ चाटेगि क्या भाडवी कहीं की आहाहसिईईई..." कहके भारत ने ऋतु का रियेक्शन देखा तो उसका जवाब मिल गया... ऋतु पीछे से ही अपनी जीभ हवा में निकाल के घुमाने लगी जैसे कोई लंड चूस रही हो... नीचे से शालिनी ने उसके लंड की चुसाइ चालू रखी और अपने हाथों से उसके टट्टों को सहलाने लगी... भारत देख तो ऋतु को रहा था लेकिन मज़े शालिनी से ले रहा था.. ऋतु को देखते देखते भारत ने शालिनी के बालों को पकड़ा और उसे माउथ फक देने लगा.. भारत इतना गरम हो गया था कि उसे ध्यान ही नहीं रहा कि शालिनी उसका लंड हलक तक ले चुकी थी, अब उसकी साँसें घुटने लगी थी और उसकी आँखों से आँसू आने लगे थे.


"गुणन्ं गन अहहाहा भारत गुणन्ं अहाआहः..आइ एम चोकिंग ओनोव अहहहहा गुणन्ञन् अहहहहाहा" शालिनी बोलने लगी और भारत के लंड को अपने मूह के बाहर निकाल दिया.. जैसे ही शालिनी ने भारत के लंड को बाहर निकाला, भारत ने शालिनी के दोनो पैरों को चौड़ा किया जिससे उसकी चिकनी चूत सामने आ गयी.., बिना किसी देरी के, भारत ने अपना लोहे समान लंड शालिनी की चूत पे सेट किया और एक ही झटके में अंदर घुसा दिया, शालिनी की चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि लंड सॅट से अंदर चला गया और उसे दर्द भी नहीं हुआ...
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12-13-2018, 02:23 AM,
#53
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"अहहहहहा फक मी हार्ड यआहहा अहहहहहा.. चोद मुझे आहाहहाः चोद अहहाहा.. भडवे अहहहहा मेरी माँ को चोदने आया है ना साले अहहहहहा.. चोद मुझे ऋतु समझ के आहाहहा.. यॅ फक मी अहहहहा... " शालिनी इस बात से अंजान थी कि ऋतु पीछे ही थी, अब वो ज़मीन पे बैठ के अपनी चूत सहला रही थी और और अपनी बेटी को चुदते हुए देख रही थी. उपर से अपनी बेटी के मूह से यह बात सुनके ऋतु और ज़्यादा गरम हो चुकी थी और एक हाथ से अपने चुचे भी सहलाना चालू कर दिया



"अहाहाहा हां मेरी ऋतु आहहहाहा... क्या चूत है तेरी अहहहहहा.. चुचे भी दिखा दे एक बार अहहाहा सीयी.... " भारत के मूह से चुचे की बात सुन ऋतु ने अपना टॉप भी निकाल दिया और शालिनी इस बात को अनसुना करके बस चुदाई का मज़ा लेने लगी....



"यआःा अहहहहा फक मी हार्डर अहहहहा... उम्ममवाहहहहहहा ओह एसस्स्स्सस्स..आहाहहाः मैं आ र्हैइ हूँ अहहहहा..." कहके शालिनी एक बार फिर झड़ने लगी, और अपना सारा पानी भारत के लंड पे छोड़ने लगी.... जैसे ही शालिनी झड़ी, भारत ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और खुद 
ज़मीन पे लेट गया... शालिनी झट से सोफे से उठी और उसके लंड पे बैठ के उसकी सवारी करने लगी.. ऋतु जो नीचे बैठी हुई थी अब वो भी खड़ी हुई और थोड़ा नज़दीक आ गयी और उन दोनो की चुदाई देखने लगी.. ज़मीन पे चुदवाती शालिनी, ऋतु की बेटी, सामने खड़ी हुई ऋतु, शालिनी की माँ,, यह सीन भारत को बहुत ही गरम कर चुका था.. शालिनी कूद कूद के भारत के लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी और उधर ऋतु भी अब पता नहीं कितनी बार झाड़ चुकी थी.. जब भारत से रहा नहीं गया, उसने शालिनी को अपने लंड से हटने का इशारा किया.. जैसे ही शालिनी हटी, भारत ने शालिनी को अपनी गोद में उठा लिया जैसे कोई छोटी बच्ची हो.. शालिनी ने अपनी दोनो बाहें भारत के गले में डाली और नीचे से भारत ने अपना लंड उसकी चूत में डाला.. ऐसा सीन ऋतु ने आज तक सिर्फ़ पॉर्न फिल्म में देखा था, गोद में लेके चुदाई.. शालिनी और भारत पूरा ज़ोर लगा रहे थे इस पोज़ीशन में.. जैसे ही भारत को लगा उसका निकलने वाला है, उसने अपने लंड को बाहर निकाला और शालिनी को नीचे बैठने का इशारा किया.. जैसे ही शालिनी नीचे बैठी..


"आहहहहा ऋतु मैं आ रहा हूँ अहहहाहा... उफ़फ्फ़ अहहहहा हियर आइ अम कमिंग ऋतु अहहहहहा..." कहके भारत अपना लंड हिलाने लगा और अपना सारा रस शालिनी के मूह पे छोड़ दिया, जिसे शालिनी ने किसी एक्सपर्ट रंडी की तरह चाट चाट के सॉफ किया.. उधर ऋतु ने भी ज़मीन से अपने कपड़े उठाए और अपने रूम में भाग गयी ताकि शालिनी को पता ना चले...



"अहहहहहा.. साले आज मार ही डाला तूने अहहहहा.. आइएम सो टाइयर्ड आहहहहा.. वेट,आइ एम कमिंग अहाहहाहा...." कहके शालिनी ने भी अपनी ड्रेस उठाई और अपने कमरे में फ्रेश होने चली गयी... शालिनी के जाते ही भारत ने अपने कपड़े पहने और अपने मोबाइल से एसएमएस किया




"पॅक युवर बॅग्स... यूआर कमिंग विद मी"
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12-13-2018, 02:23 AM,
#54
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"पॅक युवर बॅग्स... युवर कमिंग विद मी.." भारत ने अपने कपड़े पहेन के मोबाइल से एसएमएस किया...


तुरंत उसका रिप्लाइ भी मिला उसको


"वाइ डू यू से दट..."


"डू ऐज आइ से... विल एक्सप्लेन यू लेटर.." कहके भारत ने अपना मोबाइल बंद कर दिया और वहीं रूम में शालिनी का इंतेज़ार करने लगा... बैठे बैठे भारत अपना दिमाग़ चलाने लगा.. शायद वो कुछ बड़ा करने का सोच रहा था, शायद वो कुछ ऐसा करना चाहता था जिससे उसको कुछ बड़ा फ़ायदा हो... कुछ देर बैठे रहने के बाद भारत ने खुद से बहुत ही धीमे लफ़ज़ो में कहा



"आइ आम सॉरी शालिनी.. तुम मेरे बहुत काम आई हो.. अभी मुझे सिर्फ़ पैसा ही चाहिए, तुम्हारा जितना काम था मैं वो ले चुका हूँ... अब तुम मेरे किसी काम की नहीं..." कहके भारत के चेहरे पे एक शैतानी मुस्कान छा गयी... यह लफ्ज़ कहते ही उसने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और ऑन करके फिर एक फोन घुमाया...



"मिस्टर भार्गव... आइ मीन सर... बस एक लास्ट मदद चाहिए आपसे.. " कहके भारत ने भार्गव से अपनी बात कही... जैसे ही भारत ने अपनी बात ख़तम की, कुछ देर तक शांति छाई रही, फिर सामने से भार्गव ने जवाब दिया



"दिस ईज़ नोट पासिबल भारत.. सब फाइनल हो चुका है, और यह करने से कॉलेज का नाम इंटरनॅशनल लेवेल पे भी खराब होगा.." भार्गव ने अपनी कड़क आवाज़ में कहा



"ओफ़कौर्स दिस ईज़ पासिबल सर... क्यूँ नहीं हो सकता... आप जो चाहे कर सकते हैं अपने स्टूडेंट्स के साथ, किसी के भी रूम में, तो यह तो बहुत ही मामूली चीज़ है.." भारत ने भार्गव को शालिनी और उसकी वीडियो क्लिप के बारे में इशारे से कहा



"भारत.. स्टॉप ब्लॅकमेलिंग मी.. तुमने कहा था मुझसे मैं तुम्हारा एक काम कर दूं तो फिर तुम वो क्लिप डेलीट कर दोगे..." भार्गव ज़ोर से चिल्लाते हुए बोला, शायद यह डर था उसका



"सर.. प्रॉमिस, बस यह काम.. इसके बाद कुछ नहीं कर्वाउन्गा आपसे... " भारत ने धीरे से कहा



"बट इसके लिए शालिनी वेर्मा से भी एनओसी चाहिए, और माइक से भी सब ऑर्गनाइज़ करवाना पड़ेगा.. इसके लिए टाइम नहीं है इतना.. तुम जानते हो इन गोरों को.." भार्गव मजबूर होने लगा था...



"माइक की चिंता आप करें, और रही शालिनी की एनओसी की बात, तो वो कल सुबह आपको मैं लाके दूँगा... फिर तो हो जाएगा ना..." भारत ने बड़े ही शांत आवाज़ में कहा



"आइ विल ट्राइ भारत.." कहके भार्गव ने फोन कट किया... फोन कट करके भार्गव के माथे पे पसीना आने लगा , उसके माथे की शिकन बता रही थी कि जो काम उसे भारत ने दिया है करने के लिए वो मुश्किल मे है.. और चाहे कोई भी काम क्यूँ ना हो, भार्गव उसे करने से पहले कई बार सोचता क्यूँ कि वो अगला डीन बनने का सबसे मज़बूत दावेदार जो था.... कुछ देर बैठने के बाद, भार्गव अपने कमरे से निकला और जाके पहुँचा कॉलेज के करेंट डीन के पास...



शालिनी के घर भारत सोचने लगा, जो काम वो चाहता है उसे कैसे अंजाम दिया जाए... आधा घंटा बीत चुका था, ना ऋतु आई थी और ना ही शालिनी.. भारत की सोच में खलल तब पड़ा, जब घर का डोर बेल रिंग हुआ.. किसी को अपने पास ना पाकर भारत खुद ही दरवाज़ा खोलने चला गया..जैसे ही भारत ने दरवाज़ा खोला, सामने खड़े शख्स से उसने सवाल किया



"हां जी.. बोलिए, हाउ कॅन आइ हेल्प यू.."



"यह मेरा घर है मिसटर.. हू आर यू, आंड बाकी के सब लोग कहाँ है.. ऋितुउुुुउउ... ऋितुउुउउ.." शालिनी का बाप घर के अंदर आके किसी पागल कुत्ते की तरह चिल्लाने लगा...



"कमिंग बाबा.. वेट तो..." ऋतु ने आवाज़ दी और 2 मिनिट में बाहर आ गयी...


"ऋतु, हू ईज़ ही... आंड व्हाई दा हेल ईज़ ही इन इर लिविंग रूम..." शालिनी के बाप ने ऋतु से कहा



"सर.. सॉरी, मुझे पता नहीं था आपके बारे में... आंड माइ नेम ईज़ भारत, शालिनी का कॉलेज फ्रेंड हूँ.... हेलो..." कहके भारत ने अपना हाथ आगे बढ़ाया..



"यंग मॅन.. लर्न टू बिहेव... ऋतु, पानी लाओ प्लीज़... वेरी टाइयर्ड टुडे..." कहके शालिनी का बाप फ्रेश होने चला गया, और ऋतु भी मूह फेरके वहाँ से चली गयी.. जैसे भारत ने सोचा था, वैसी शुरुआत नहीं हुई शालिनी के पिता के साथ, उसे कुछ ना कुछ करना पड़ेगा ताके उसके काम में शालिनी का बाप ही उसकी मदद करे... सोचते सोचते भारत वहीं फिर बैठ गया और अपना माथा पकड़ के अपने दिमाग़ को दौड़ाने लगा...



"ड्यूड... सूप... क्या सोच रहा है.." शालिनी की आवाज़ से भारत का ध्यान टूटा
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12-13-2018, 02:23 AM,
#55
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"तेरे पापा कुछ ख़ास इंप्रेस नहीं हुए , माइ फर्स्ट इंप्रेशन" भारत ने निराश होके कहा



"चिल कर यार, डिन्नर पे आइम शुवर तू कुछ ना कुछ कर लेगा.." कहके शालिनी भारत के सामने बैठी और बातें करने लगे..... कुछ ही देर में ऋतु और उसका पति दोनो अपने कमरे से बाहर आए और आके सीधा खाने बैठे...



"शालिनी, चलो डिन्नर साथ करते हैं, आज लेट नाइट फ्लाइट से मुझे दिल्ली भी जाना है... आंड आइम हेल पिस्ड ऑफ टुडे..." शालिनी के बाप ने अपने दाँत पीसते हुए कहा



"चिल पॉप्स... क्या हुआ.. आज क्यूँ इतने टेन्षन में है, आंड इससे मिलिए... भारत... माइ फ्रेंड, कम आड्वाइज़र, कम गाइड.. कम.. एवेरितिंग.. बस यूँ समझिए, मैं कहीं भी अटकती नहीं क्यूँ कि भारत मेरे साथ हमेशा होता है.." शालिनी ने डाइनिंग टेबल पे आते हुए कहा और भारत का हाथ पकड़ के उसे भी अपने साथ लाई...



"भारत.. क्या करते हैं तुम्हारे डॅड..." शालिनी के बाप ने इतरा कर पूछा



"उः.. सर, यह उनका कार्ड है.." भारत ने कार्ड थमाया शालिनी के बाप के हाथ में.. जैसे ही शालिनी के बाप ने कार्ड देखा, कुछ देर तक सोच में पड़ गये... फिर अचानक उन्होने कहा



"यू आर सोन ऑफ मिस्टर राकेश.. दा स्टॉक मार्केट मॅग्नेट...." इस आवाज़ में वो बहुत चौंके हुए दिखे



"मॅग्नेट.. पता नही सर, बट हां मैं उनका बेटा हूँ, आंड मैं उन्हे पापा कहता हूँ, मॅगनेट नहीं.." भारत ने सरलता से जवाब दिया



"ओह माइ गॉड... शालिनी, तुमने पहले क्यूँ नहीं बताया.. एक्सट्रीम्ली सॉरी यंग मॅन... आज का दिन ईज़ सो बॅड... एनीवेस, हाउ ईज़ ही दीज़ डेज़, कभी हो सके तो मेरी मुलाक़ात भी कर्वाओ उनसे.. कन्स्ट्रक्षन ठंडा चल रहा है, स्टॉक्स से ही कुछ पैसे बना लूँ इन दिनो हाँ.." शालिनी के बाप ने हँस के कहा



"डॅड, अपने डॅड का पोर्टफोलीयो भारत ही मॅनेज करता है..." शालिनी ने यह लाइन कहके भारत का काम काफ़ी आसान कर दिया



"शालिनी.. तुमने बहुत कुछ छुपाया है मुझसे हाँ... अब चलो भारत को अच्छे से खाना खिलाओ, ही ईज़ आ स्पेशल गेस्ट... आंड भारत फील अट होम बेटा.." शालिनी के बाप ने मस्का मारना स्टार्ट किया



"थ्ट्स ओके सर.. आप को कुछ अड्वाइस चाहिए तो खाने के बाद हम बैठ सकते हैं आपका पोर्टफोलीयो डिज़ाइन करने..." भारत ने अपना पता फेंका



"सर नहीं, अंकल बोलो बेटा. और हां क्यूँ नहीं, चलो जल्दी से ख़ाके बैठते हैं.." शालिनी के बाप को जैसे कोई लॉटरी लगी हो.. खाने के दौरान शालिनी के बाप की खुशी फूले नहीं समा रही थी, वहीं शालिनी और ऋतु बस भारत पे ही अपने नज़रें टिका के बैठे थे.. भारत, अपने मन में आगे की बातें सोचने लगा.. करीब एक घंटे बाद



"अंकल, चलें आपके रूम में डिसकस करने," भारत ने शालिनी के बाप से कहा और वो दोनो एक ही मिनिट में मैन रूम से गायब हो गये.. शालिनी और ऋतु वहीं खड़े खड़े बातें करने लगे और टेबल सॉफ करने लगे...भारत ने करीब 2 घंटे तक बैठ के शालिनी के बाप का पोर्टफोलीयो बनाया और यह सब करते वक़्त वो और कुछ नहीं सोच रहा था.. जब भी वो स्टॉक मार्केट में घुसता, उसे कोई भी चीज़ डिस्टर्ब नहीं करती.. हालत यह थी कि जल्दबाज़ी में शालिनी का बाप पानी लेना भूल गया, और भारत ने हज़ार बार टोका कि उसे कोई डिस्टर्बेन्स नहीं चाहिए बीच में..


"यह लीजिए अंकल.. आप इन सब में इनवेस्ट कर सकते हैं, मिनिमम रिटर्न 75 % इन 8 मंत्स शुवर शॉट.." भारत ने शालिनी के बाप को पेपर पकड़ाते हुए कहा



"यह सब ठीक है भारत, मैं पानी मंगवा लूँ.. तुम तो ऐसे खोए हुए थे लॅपटॉप में कि तुम्हे वक़्त का ध्यान ही नहीं रहा.." शालिनी के बाप ने सुखी आवाज़ में कहा



"सॉरी अंकल, बट मैं कोई काम करता हूँ तो मुझे उसमे डिस्टर्बेन्स अच्छा नही लगता.. आप कितना इनवेस्ट करने वाले हैं वैसे..." भारत ने पूछा...



"मैं सोच रहा हूँ 50 लॅक्स से स्टार्ट करूँ.. " शालिनी के बाप ने जवाब दिया



"फेर एनफ अंकल... वैसे मुझे आपसे कुछ बात करनी है, आपके पास वक़्त हो तो..." भारत ने सीरीयस होके कहा



"आइ हॅव 15 मिनट भारत, अभी बोलो या तो मेरे वापस आने के बाद बोलो, वॉटेवर यू फील.." शालिनी के बाप ने घड़ी देख के कहा



"सर बात शालिनी के रिलेटेड है, बेटर होगा आप देल्ही एक दिन लेट जायें... शालिनी से ज़्यादा इंपॉर्टेंट कुछ नहीं है आपके लिए आइ गेस...." भारत ने अपनी चाल शुरू कर दी.. शालिनी का नाम सुनके शालिनी का बाप थोड़ा सर्प्राइज़ हुआ और भारत के साथ बात करने बैठ गया... 15 मिनट की बात करीबन 45 मिनिट्स चली... भारत की बातें सुनके शालिनी के बाप के चेहरे पे चिंता के भाव आ गये..
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12-13-2018, 02:23 AM,
#56
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"शालिनी... किधर हो बेटी, आइ नीड टू टॉक यू, " शालिनी के बाप ने बाहर आके धीरे से कहा



"यस पॉप्स.. इधर ही हूँ.. बोलिए.." शालिनी ने जवाब दिया



"बेटा, तुम्हारी प्लेसमेंट का क्या हुआ, तुमने बताया नहीं.." शालिनी के बाप के आवाज़ में प्यार था



"डॅड... मैं सेलेक्ट हो गयी हूँ गोल्ड्मन सॅक्स में... यूएस जाना है इन 15 डेज़.. यस आइ एम सो हॅपी.."



"तुम यूएस नहीं जा रही.. तुम्हारी शादी की बात करने जा रहे हैं हम कल.. " शालिनी के बाप ने अपनी आवाज़ को उँची करके कहा



"बट डॅड, मेरे करियर का क्या.. आंड मुझे नहीं करनी शादी.." शालिनी ने अपनी आँखें बड़ी करते हुए कहा



"करियर.. कौनसा, मुश्किल से तो पास होती हो.. यह पढ़ाई का टाइम पास बहुत हुआ, नाउ डू व्हाट आइ से.. आंड मुझे इस्पे कोई डिस्कशन नहीं चाहिए... मैं कल की टिकेट्स बुक करता हूँ..." शालिनी के बाप ने चिल्ला के कहा.. इससे पहले शालिनी कुछ जवाब देती, पीठ पीछे से भारत ने उसको इशारे में चुप रहने को कहा.. यह देख शालिनी चुप तो हो गई पर उसके दिल में सवाल भी था.. लेकिन भारत पे उसके अंधे भरोसे की वजह से वो खामोश हो गयी और वहाँ से चली गयी.. कुछ मिनिट में शालिनी का बाप और ऋतु भी अपने रूम में चले गये.. उनके जाते ही भारत ने शालिनी को लिविंग रूम में आने का एसएमएस किया.. जल्द ही शालिनी वहाँ आ गयी..



"चुप रहने को क्यूँ कहा तूने मुझे.. उन्हे जवाब देने देता ना, यह मेरी लाइफ बर्बाद हो जाएगी यार.." शालिनी ने चिंता में आके कहा



"सबसे पहले ठंडा दिमाग़ रख, अंदर उन्होने मुझे पूछा सब कुछ हमारी कॉलेज लाइफ के बारे में और पढ़ाई के बारे में... अचानक उन्होने मुझसे कहा क्या मैं तुझसे शादी करूँगा... ऐसे अचानक यह सवाल सुनके मुझे समझ नही आया मैं क्या करूँ, मुझे खामोश देख के बस, वो बाहर आए और तेरे साथ यह सब बात हुई.." भारत ने चालाकी से पूरा दोष शालिनी के बाप पे डाला...


"मैं कोई शादी नही करने वाली , और ना ही यूएस जाना कॅन्सल करूँगी..." शालिनी अभी भी अपने दिमाग़ को ठंडा नही कर पाई थी


"तुझे पता है कॉलेज प्लेसमेंट में यूएस जाएगी, उसके लिए कितने तरह के डॉक्युमेंट्स सब्मिट करने हैं.. और जिसमे पेरेंट्स की सिग्नेचर चाहिए, उसमे क्या करेगी... फ़र्ज़ी साइन करेगी तो पकड़े जाने पे तेरा करियर ओवर.." भारत ने अपना दबाव बढ़ा दिया


"तो मैं क्या करूँ..शादी कर लूँ, तेरा दिमाग़ क्यूँ बंद है यार..." शालिनी ने भारत पे अपनी भडास निकालते हुए कहा


"सबसे पहले तो एक काम कर, कल देल्ही जा अपने पापा के साथ, देख कौनसा लड़का है और थोड़ा घुमा उनको... और हो सके तो भार्गव को बोलके फिलहाल किसी लोकल कंपनी में सेट्टिंग करवा... अगर मेरी सेलेक्षन हुई तो मैं यूएस जाके तेरा कुछ जुगाड़ बिठा दूँगा... अगर नही हुई तो हम इधर साथ ही होंगे..." भारत ने झूठा आश्वासन देके कहा


"भारत, इतना बड़ा रिस्क मैं नही ले सकती यार.. आइम सॉरी" शालिनी ने मूह फेरते हुए कहा..


"ओके बेब... अगर ऐसा है तो यहाँ से इट’स युवर गेम...प्ले इट वे यू वान्ट.. मैं अब कुछ नही कर सकता..." कहके भारत वहाँ से जाने लगा


"भारत वेट यार... सोचने दे,.... तू शुवर है कि तू वहाँ कुछ सेट्टिंग करवा देगा, ऐसा ना हो कि मैं लटक जाउ..." शालिनी ने कन्फ्यूज़ होके कहा


"तुझे मुझपे भरोसा नहीं है..." भारत ने शालिनी के चेहरे को हाथ में लेके पूछा...


"यू नो ना, खुद से ज़्यादा भरोसा करती हूँ मैं तुझपे, ठीक है चल...बट आइम वेरी अपसेट यार... बोल क्या करना है..." शालिनी ने मायूसी में आके कहा


“भार्गव को फोन घुमा और उसे समझा यह सब प्राब्लम… और उसे कहना कि लोकल ही कोई कंपनी में तू प्लेसमेंट चाहती है…” भारत ने भार्गव को अपने फोन से फोन मिलाया और शालिनी को पकड़ा दिया… शालिनी ने भार्गव से काफ़ी देर तक बात की… भारत दूर खड़े ही शालिनी को देख रहा था… करीब आधे घंटे की बात के बाद शालिनी भारत के पास आई..


शालिनी :- भारत, भार्गव ने ओके तो कहा.. उसे कोई प्राब्लम नहीं है इन सब में, पर मुझे रूबी से बात करनी पड़ेगी अब.. और अगर वो मान गयी तो फिर कंपनी और प्लेसमेंट बोर्ड को भार्गव मना लेगा..



भारत:- रूबी क्यूँ ?


शालिनी:- लोकल बॅंक का इंटरव्यू कल है.. अब उसमे रूबी ही सिर्फ़ अपीयर हो रही है, उसके अलावा जो दूसरी कंपनीज़ हैं उसमे बाकी के स्टूडेंट्स हैं… दूसरे स्टूडेंट्स के सामने मेरे मार्क्स तो कम हैं, रही सिर्फ़ रूबी.. और उसमे भी मुझे बॅंक के सामने अपीयर होके इंटरव्यू देना पड़ेगा…. 



भारत:- तो तूने क्या सोचा


शालिनी :- क्या सोचूँ… मेरे बाप ने सब ख़तम कर दिया अब… और भार्गव ने भी मुझे वॉर्निंग दी है कि मैं अगर कुछ भी फेक करती हूँ, तो उसकी वजह से कॉलेज की रेपुटेशन खराब होगी, आंड मुझ पे लीगल केस हो सकता है.. चल अब कॅंपस में, रूबी से बात करके देखती हूँ..
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12-13-2018, 02:23 AM,
#57
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
यह कहके शालिनी अपने रूम में चली गयी, और ढंग के कपड़े पहन के बाहर आ गयी.. भारत और शालिनी रात के 11 बजे कॉलेज कॅंपस जाने को निकल गये. रास्ते में शालिनी ने रूबी को फोन करके सब समझाया और उससे मिलने को कहा... पूरे रास्ते में शालिनी खामोश रही.. लेकिन गाड़ी में एक अजीब सा शोर था.. वो शोर था भारत के दिमाग़ में.. वो जैसा चाहता था, वैसा हो रहा था.. अब वो आगे के बारे में सोचने लगा… इन्ही ख़यालों में भारत और शालिनी कॉलेज पहुँचे और सीधे हॉस्टिल की तरफ बढ़े.. हॉस्टिल में जाते ही उन्होने रूबी के कमरे की तरफ अपना रुख़ मोड़ा.. रूबी के कमरे में पहुँच के शालिनी ने रूबी को सब कुछ समझाया.. रूबी कन्विन्स्ड नहीं लग रही थी, इन सब से, पर वो शालिनी को अच्छे से सुन रही थी.. अंत में रूबी ने शालिनी से सवाल किया


“शालिनी.. पर मुझे तो गोल्ड्मन का इंटरव्यू क्रॅक करना पड़ेगा.. और भार्गव सर से बात भी करनी पड़ेगी ना…”


“वो बात मैने कर ली है.. तू अभी मेरे साथ चल भार्गव सर के पास और मैं सब कुछ राइटिंग में देती हूँ.. उसके बाद तेरा इंटरव्यू रैयेड्यूल होगा.. और कल तेरी जगह मैं चली जाउन्गि इंटरव्यू देने.” कहके शालिनी और रूबी दोनो भार्गव से मिलने चले गये और अकेला छोड़ गये भारत को… करीब 1 घंटे बाद रूबी अपने कमरे में आई और भारत को वहीं खिड़की के पास पाया.. रूबी ने धीरे से रूम को लॉक किया और पीछे से आके भारत को गले लगाया..


“उम्म्म.. तूने उसके साथ ऐसा क्यूँ किया…”

"तू वो सब सोचना छोड़ दे... सबसे पहले यह बता, तेरे इंटरव्यू की डेट क्या है.." भारत ने सीधा होके रूबी से पूछा.. जैसे ही भारत मुड़ा, रूबी के पहाड़ जैसे चुचे, भारत की छाती में धँसने लगे..


"परसो.. जब तेरा और सिड का रिज़ल्ट आएगा, तब.. और कल मुझे शालिनी की हेल्प करनी है इंटरव्यू क्रॅक करने में.. दोपहर को इंटरव्यू है, और सुबह से उसके साथ बैठना पड़ेगा.." रूबी ने अपनी बाहों का हार बनाके भारत के गले में डाल दिया...


"हाए मेरी रानी... कल सुबह के बीच में आज की रात भी तो है... मेरा इनाम तो दे मुझे" कहके भारत अपने होंठ रूबी के होंठों के पास ले गया... रूबी ने भी उसका न्योता स्वीकारा और उसके होंठों को चूमने लगी... "उम्म्म...अहहहहहहहह एसस्स्साहहहह..... लव यू भारत आहाहहहहाहा.... उम्म्म यॅ अहहहहहा....." रूबी चूमते चूमते बड़बड़ाने लगी....


"आहहहहाहा यॅ बाबेआ...... आइ लव यू टू आहाहहा.... येस अहहहहहा...उम्म्म्ममममम यूआर सो हॉट डार्लिंग अहहहाहा........." भारत चूमते चूमते बोलने लगा... भारत के मूह से आइ लव यू सुनके रूबी को एक खुशी हुई, क्यूँ कि जो बंदा लव शब्द से नफ़रत करता था, आज उसके मूह से आइ लव यू निकला... वहीं दूसरी तरफ भारत ने मन बना लिया था कि अब उसे कुछ भी करना पड़े, वो यूएस जाके अपने काम को अंजाम देना चाहता था जिसके लिए रूबी का उसके साथ होना बहुत ज़रूरी था.. भारत और रूबी अपनी किस्सिंग में डूबे हुए था करीब 10 मिनट से.. चूस चूस के दोनो ने अपने होंठों को गीला कर दिया था लेकिन कोई परवाह नहीं कर रहा था.. रूबी खुश थी और भारत बस अपने काम के लिए यह सब कर रहा था...


"उम्म्म अहहाहा बेब... आइ वान्ट टू फक यू नाउ... अहहहहहा.." कहके भारत ने रूबी का टॉप उतार दिया. ब्लू ब्रा से रूबी के चुचे देख उससे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था.. जैसे ही उसने अपना हाथ उसकी ब्रा की तरफ बढ़ाया, रूबी ने उसका हाथ रोक दिया और उससे थोड़ी दूर हो गयी..


"उः आहाहा...मिस्टर.. थोड़ा कंट्रोल करो खुद को.. इतनी जल्दी यह मुर्गी तेरे जाल में नहीं आने वाली.. थोड़ी मस्ती तो कर मेरे राजा.." कहके रूबी अपनी ब्रा का स्ट्रॅप थोड़ा नीचे किया और फिर उपर कर दिया... रूबी ने अपना टॉप उठा के पहेन लिया और बेड पे लेट गयी अपनी टाँगें खोल के..


"हम तो मुर्गी को खरीदते हैं.. पर तेरे जैसी मुर्गी को खाने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ... बोल क्या करना पड़ेगा मुझे.." भारत भी रूबी के खेल में साथ देने लगा...


"उम्म्म.. 2 सवाल पूछूंगी... सही जवाब देगा तो मेरे कपड़े में खुद उतारुँगी.. नहीं तो आज की रात तू अपने लंड पे कॅलंडर लटका लेगा.." कहके रूबी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी


"सवाल पूछ" भारत ने सीरीयस होके जवाब दिया
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12-13-2018, 02:23 AM,
#58
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"पहला सवाल.. तूने शालिनी के साथ ऐसा क्यूँ किया.. मुझे एसएमएस किया तूने जब कि तू मुझे यूएस प्लेसमेंट दिलवाएगा, तो उससे पहले तूने मेरे साथ ऐसा क्यूँ किया"


"आइ लव यू रूबी.. शालिनी ईज़ आ फ्रेंड.. हां मुझे बहुत देर से इस बात का एहसास हुआ... आंड शालिनी को मैं दुख नहीं पहुँचा सकता... इस लिए यह सब करना पड़ा.." भारत ने अपनी शर्ट उतार के जवाब दिया..


"उम्म्म..... ओके.. मान लेती हूँ... " यह कहके रूबी ने एक बार फिर अपना टॉप उतार फेंका... "अब दूसरा सवाल.. यह बता, अगर तेरा सेलेक्षन जीएस में नहीं हुआ तो... तूने तो शालिनी से यह कहा है कि तू उधर जाएगा तो उसको बुला लेगा, और अगर नहीं हुआ तो इधर उसके साथ है.. इसका मतलब मैं क्या समझू" रूबी ने सीरीयस होके कहा


(ईडियट.. बिच, इसको वो सब बताने की क्या ज़रूरत थी.. शालिनी, यूआर सच एन ईडियट...) भारत मन ही मन यह सब सोचने लगा.. कुछ देर तक यूही खड़ा रहके भारत ने जवाब दिया


"रूबी.. मैने तुझे कहा कि आइ कन्नोट हर्ट हर.. आंड बिसाइड्स मैं उसके घर पे था. तो सिचुयेशन के हिसाब से मुझे जो सही लगा मैने वो जवाब दिया.. आंड वैसे भी यूएस में तू होगी ना मेरे साथ, तू तो मुझे कंट्रोल करेगी ही.. फिर क्या चिंता है" भारत ने अपनी जीन्स का बेल्ट उतार के जवाब दिया


"अग्रीड.. उधर तो मैं तुझे मेरे काबू मैं ही रखूँगी.. इधर उधर भटकने भी नहीं दूँगी... "कहके रूबी ने अपना लोवर भी उतारा और अब वो सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी... जैसे ही भारत उसके पास गया, रूबी फिर बेड से उठ के दौड़ी और अपनी ब्रा का एक स्ट्रॅप नीचे करके फिर भारत को टीज़ करने लगी






"उम्म्म्म... अब इसे उतारने के लिए कुछ करना पड़ेगा ना तुझे..." रूबी ने अपनी ब्रा की तरफ इशारा करते हुए कहा


"यह बता... मुझसे शादी कब करेगी तू.." भारत ने रूबी की तरफ बढ़ते हुए कहा. भारत के मूह से शादी का सुनके रूबी थोड़ी देर खामोश हुई, और मुस्कुरा के उससे पूछा


"तू मज़ाक कर रहा है.."


"नहीं.. मैने अभी कुछ देर पहले ही मेरी मोम से बात की है.. वो लोग बाहर गये हैं वाकेशन के लिए युरोप टूर पे.. जैसे ही आएँगे हम बात आगे बढ़ा सकते हैं.." यह सुन रूबी थोड़ी देर यूही खड़ी रही, और एक ही सेकेंड में भारत की बाहों में आ गयी...


"आइ लव यू आ लॉट भारत... आइ ट्रस्ट यू आ लॉट नाउ... प्लीज़ मेरा दिल नहीं तोड़ना प्लीज़.." रूबी की आँखें हल्की नम होने लगी...


"हे हे.. अब प्लीज़ रो मत.. और कोई सवाल है तेरे मन में.." भारत ने रूबी के चेहरे को अपने हाथ में लेते हुए पूछा


"नहीं.. " रूबी ने भारत की छाती में मुक्का मारते हुए कहा... दोनो एक बार फिर किस्सिंग में डूब गये और इस बार किस्सिंग करते करते रूबी ने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी.. किस्सिंग करते करते भारत रूबी की चूत में अपनी उंगली डालने लगा... रूबी की सिसकारियाँ दबी की दबी रह गयी किस्सिंग की वजह से.. किस्सिंग तोड़के रूबी भारत से दूर हुई थोड़ा, और दरवाज़े के पास वाले ड्रॉयर से तेल की बॉटल निकाली.. तेल को हाथ में लेके रूबी ने अच्छी तरह से अपनी पूरी बॉडी पे तेल लगाना स्टार्ट किया... तेल की वजह से उसका शरीर अच्छी तरह चमकने लगा... तेल लगाते लगाते रूबी अपने बूब्स पे आई और उन्हे तेल लगाने के बहाने मसल्ने लगी... उसका मकसद आज भारत को टीज़ करने का था.. वो भारत को अच्छी तरह गरम करना चाहती थी.. अपने चुचे मसल्ते मसल्ते रूबी गरम होने लगी.. उसके निपल्स एक दम कड़क हो गये... वो आँखें बंद करके बस उस वक़्त का मज़ा ले रही थी
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12-13-2018, 02:24 AM,
#59
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
रूबी को ऐसे देख, भारत का लंड जीन्स फाड़ना चाहता था.. उसे अकड़न महसूस होने लगी... भारत ने वहीं खड़े खड़े अपनी जीन्स उतार दी और अपने मूसल को आज़ाद कर दिया.. लंड हिलाते हिलाते भारत रूबी के मूह के पास गया और उसके होंठों पे अपने लंड को रख दिया.. अपने होंठों पे कुछ गर्मी पाके जब रूबी ने आँखें खोली, वो दंग रह गयी... 


"उम्म्म्म आ अहहहहहा कितना बड़ा लंड है तेरा आज तो आहाहहा... मेरी चूत का भोसड़ा तो बना चुका है साले अहहहहाहा....उम्म्म्म अब क्या करेगा आहहहहहा.." कहके रूबी ने पास में रखा तेल भारत के लंड पे गिरा दिया और उसे मुठियाने लगी... भारत के लंड में भी अब चमक सी आ गयी... उसकी नसें सॉफ दिख रही थी.. रूबी किसी पागल रंडी की तरह लंड को हिलाए जा रही थी.. लंड हिलाते हिलाते रूबी ने अपने तेल वेल हाथ भारत के टट्टों पे भी मल दिए.... कुछ देर तक लंड को जन्गलियो की तरह हिलाने के बाद रूबी ज़मीन पे लेट गयी


"आज मेरे चुचे छोड़ भारत आहहहाहा.. बहुत दर्द करते हैं यह..उम्म्म्मम आहाहहः... आज दिखा तेरे लंड में कितना दम है..." रूबी ज़मीन पे लेट के बोली.. भारत ने एक बार धीरे से अपने लंड को सहलाया और रूबी के पेट पे बैठ अपने लंड को रूबी के चुचों की घाटी में रख के धीरे धीरे घिसने लगा.. तेल से भीगे हुए लंड और चुचे का मिलन, वो सीन किसी का भी लंड खड़ा कर दे... किसी भी औरत की चूत में खलबली पैदा कर दे.. धीरे धीरे भारत अपने तेल से सने हुए लंड को रूबी के चुचों में घिस रहा था.. लंड घिसते घिसते भारत ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और अपने लंड के टोपे को रूबी के मूह के पास ले जाने लगा... जैसे ही भारत के लंड को टोपा रूबी के मूह के पास आता, रूबी अपनी ज़बान निकाल के उसपे घुमा लेती... 





हर एक धक्के में रूबी को अलग एहसास आता.. आज भारत के लंड ने उफान सा मचा रखा था.. करीब 20 मिनट हो गये थे इन दोनो के खेल को लेकिन भारत का लंड झाड़ा नहीं था... रूबी के चुचों ने उसके लंड को पागल कर रखा था... "अहहहहा और छोड़ ना आआहहहा..आइ म फक्किंग क्रेज़ी नाउ अहहहहहाहा... और चोद रे मेरे चुचों का आहहहहाहा..... मैं आ रही हूँ अहहहहा सीिईसीईईईईई..." कहके रूबी पहली बार झड़ने लगी... जैसे ही रूबी झड़ी, उसने भारत के लंड को पकड़ा और मूह में लेके उसे चूसने लगी..


"उम्म्म्मम गुउन्ण गन अहहहहहा.. उम्म्म्मम उम्म्म अहाहहाः फक माइ माउथ अहहहाः उम्म्म्म.... अहहहाहा.. यॅ यॅ आहहहहाः यआःहा अहहहहहायआःा आयेआहहहहा..कम फॉर मी आहाहहहा हहाहहाहा.. एसस्सस्स एससस्स अहहहहहहहहा" रूबी अब अपनी पूरी ताक़त के साथ भारत के लंड को हिलाने लगी... लंड पे तेल की वजह से लंड की चमडी बहुत ज़ोर से उपर नीचे हो रही थी, जिससे भारत को एक अलग से मज़ा आ रहा था... 


"अहहहहाहा अहहाहा.. यस आइ म कमिंग बेबी अहहहहहा ओह नूओ आहाहहाआहहहहा" इस चीख के साथ भारत ने अपना पूरा माल रूबी के मूह और चुचों पे गिरा दिया... रूबी ने एक पालतू कुतिया की तरह भारत के पूरे माल को अपने चुचों और मूह से खुद को चाट चाट के सॉफ कर दिया.. कुछ सेकेंड्स में ही दोनो बेड पे गये और 69 पोज़िशन में आ गये.. रूबी ने भारत के लंड को मूह में लेके खड़ा करना चालू कर दिया.. भारत का लंड अभी तेल और उसके स्पर्म के मिक्स में भीगा हुआ था.. वहीं रूबी की चूत से भारत को उसका नमकीन स्वाद मज़ा दे रहा था... दोनो हवस की आग में पागल हो चुके थे... बिल्कुल देर ना करते हुए भारत ने अपनी जीभ रूबी की चूत पे रखी और उसे चाटने लगा...


"उम्म्म आहाहहः स्लूरप्प्प्प्प्प स्लूरप्प्प्प्प अहहहहहहा उम्म्म्म..... अहहहहहहाहा... रांड़ हो गयी है साली अहहहहहहा..... स्लूरप्प्प्प्प स्लूरप्रप्प अहहहहहहहा..." भारत रूबी की चूत चाटके बोलने लगा, और बोलते बोलते उसकी गान्ड पे थप्पड़ भी मारने लगा.... रूबी के लिए यह मज़ा बहुत अलग था.. एक बाजू उसकी गान्ड पे थप्पड़ और दूसरी तरफ भारत की ज़बान उसकी चूत पे घूम रही थी.. दर्द और मज़े में रूबी पागल सी होने लगी.... भारत के लंड को भी वो अब चाटने लगी, उसके टट्टों के साथ खेलने लगी... जितने थप्पड़ भारत रूबी की गान्ड पे लगाता, उतनी ही बार रूबी भारत के टट्टों को मसल्ति...

दोनो के शरीर अब पसीने से लथपथ होने लगे थे.. भारत के लंड में अब फिर से वो जान आ गयी थी जो रूबी को चाहिए थी. जैसे ही भारत को यह एहसास हुआ, वो उठ खड़ा हुआ और रूबी को पेट के बल पलंग पे लेटा दिया... रूबी की राइट टाँग को उसने उसकी दिशा में मोड़ दिया और उसकी लेफ्ट टाँग को अपनी राइट टाँग के नीचे दबा दिया.. इस पोज़िशन से रूबी की चूत पूरी खुल गई... भारत ने अपने लंड को उसकी चूत पे सेट किया और दोनो हाथों से रूबी की दोनो टाँगें पकड़ ली... भारत के हाथ का ज़ोर काफ़ी था रूबी को दर्द देने के लिए, लेकिन जैसे ही भारत ने चूत के अंदर अपना लंड घुसाया.. रूबी की ज़बान उसकी हलक में चली गयी.. एक ही झटके में भारत का लंड रूबी की चूत की गहराई में चला गया और चूत की दीवारों से टकराने लगा.. रूबी ने कुछ देर तक दर्द सहेन किया, और फिर धीरे धीरे करके मज़े में चिल्लाने लगी..



"अहहहहहहाहा कैसी पोज़िशन है यह अहहहहहा ओह माइ गोदडड़ आहाहहाहहाआ... एअष्हाहहहा यआहहहः फक मी फास्टर आहहहहहहाहाहाहा" 


उस वक़्त वो कुछ इस पोज़िशन में चुदाई कर रहे थे.
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12-13-2018, 02:24 AM,
#60
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"आआहहमम्म्ममम.... तू मज़े ले ना मेरी रानी अहहहहाः.... अहहहहहाः...... थप्प ठप्प्प्प ठप्प्प्प तःप्प्प्प... अहहहहाः उम्म्म्म एआष्ह अहहहहहहा... ओह माइ गॉड अहहहहहहहहा यआःहाः यहहहा. और ज़ोर से चोद भारत अजहाहहहहा..." रूबी के कमरे में इन आवाज़ों के अलावा कुछ सुनाई नही दे रहा था... ऐसा लग रहा था कि कोई पॉर्न मूवी चल रही हो.. पॉर्न मूवी भी इतनी लंबी नहीं चलती... इन दोनो के जिस्म की प्यास एक घंटे तक भी नहीं भुजी थी.. यह प्यास बस बढ़ती जा रही थी... यही है जिस्म की माया....


चुदाई करते करते, रूबी ने यका यक, भारत के लंड को अपनी चूत से निकाल दिया और बेड पे खड़ी हो गयी... जब तक भारत कुछ बोलता, तब तक रूबी बेड पे फिर लेट गयी लेकिन इस बार पीठ के बल और अपनी दोनो टाँगों को मोड़ दिया, जिससे उसकी चूत और गान्ड हवा में आ गये.. रूबी ने अपना एक हाथ अपनी गान्ड पे रखा और चूत को हल्का सा खोल दिया.. यह देख भारत भी रूबी के पास गया और अपनी दोनो टाँगें खोल के अपने लंड को रूबी की चूत में घुसाने लगा.. ऐसी पोज़िशन में चुदाई शायद ही किसी ने देखी हो...





"आहहहहहाहा एआहहहहहः इट्स फक्किंग हार्ड अहहहहा... हननणना और दे ना आज़ज्जजज्जजाजा... मेरा राजजज्जज्जजज्ज्ज्ज्ज जीिइईईईईई और चोदो मुझे अहहहहहहा...." रूबी चुदाई में पागल सी हो गयी थी...


"आहहहहा मेरी रंडी अहहहहहा.. यह पोज़िशन कहाँ अहहहहहहहहा देखी तूने ओह अहहहहाहहहा...." भारत खड़े खड़े ही उपर नीचे होके धक्के मार रहा था....



"अहहहहाहाः पॉर्न सिर्फ़ तू ही नहीं अहहहहहाः देखता अहहहहहहः मेरे राजाजा अहहहहहहहः. मैं आ रही हूँ अहहहहहहहाहा.. और चोद ना अहहहहाहा मैं गयी अहाआहहा...ओह माइ गोद्द्द्दद्ड अहहहहहहहहाआ......."


"आआहहहहहाअ मैं भी आ रहा हूँ अहहहहहहहाहा.. यह मैं गयया ाओफफूऊऊऊओ....." कहके भारत और रूबी दोनो एक साथ झड़ने लगे.... उन दोनो का पानी दोनो के शरीर से होके पूरी चादर पे बहने लगा था... पूरे रूम में सिर्फ़ पसीने और उनके स्पर्म्ज़ की एक महक आ रही थी... जैसे ही दोनो अलग हुए...


"क्ञॉकककककक क्ञॉकककक....." रूबी के कमरे पे किसी ने दस्तक दी

"ओह शिट... कौन होगा...." रूबी ने दरवाज़े पे दस्तक सुन के भारत से कहा... भारत ने उसे शांत रहने का इशारा किया और बेड से उठ के अपने कपड़े लिए और रूबी के हाथ में उसके कपड़े फेंके, जिसे पकड़ के रूबी अपने कपड़े पहनने लगी... भारत ने जल्दी से बेड पे बिछी हुई बेड शीट उतार दी और अपने कपड़ों के साथ बाथरूम में घुस गया... भारत का इशारा पाते ही रूबी दरवाज़ा खोलने गयी और सामने शालिनी को खड़ी हुई पाया...


"शालिनी तुम... इतनी रात को.. कम इन प्लीज़" रूबी ने दरवाज़े के सामने से हट के कहा..


"रूबी.. भारत इधर है क्या... काफ़ी देर हो गयी, वो ना ही अपना कॉल उठा रहा है, ना ही कोई मसेज किया है.." शालिनी ने चिंतित होते हुए रूबी से कहा.. इससे पहले रूबी कुछ जवाब देती, सामने से उसे जवाब मिला


"हां मैं इधर ही हूँ डियर... क्यूँ चिंता कर रही है... वॉशरूम में था... अभी थोड़ी देर पहले रूबी और मैं तेरे कल के इंटरव्यू के बारे में बात कर रहे थे.. कल आइ वान्ट यू टू क्रॅक इट... मैं नहीं चाहता मेरी जान किसी भी चीज़ में पीछे हो समझी... चल नाउ गिव मी आ डार्लिंग हग ओके..." कहके भारत ने शालिनी को कस के गले लगाया और उसकी पीठ से रूबी को कुछ इशारे में बोल रहा था... कुछ सेकेंड्स में जब शालिनी अलग हुई


"अछा सुन अब.. मैं जाता हूँ मेरे रूम में... तू और रूबी एक साथ ही रहो आज की रात, दोपहर का इंटरव्यू है... रूबी, तू इसकी मदद कर, आंड जो भी करना पड़े वो कर, बस इसका इंटरव्यू क्रॅक होना चाहिए , ओके ना.." भारत ने रूबी को देख कहा


"डोंट वरी भारत.. मैं कोशिश करूँगी..." रूबी ने शालिनी के कंधे पकड़ के कहा


"थॅंक्स गाइस... वैसे भारत, तुम इधर इतनी रात को..." शालिनी ने धीमी सी आवाज़ में पूछा... शालिनी का यह सवाल सुनके रूबी झेंप गयी और मन ही मन में कुछ सोचने लगी.. पर भारत, झूठ की फॅक्टरी से बना हुआ इंसान.. उसे बिल्कुल वक़्त नही लगा झूठा जवाब बनाने में


"ऐसे ही डार्लिंग... मुझे सिगरेट पीने की दिल थी, तेरी नींद नहीं खराब करना चाहता था, इसलिए यहाँ आ गया. राहुल भी बाहर है.." भारत ने अपने जेब से सिगरेट निकाल के कहा


"नींद ही नहीं आ रही यार... मेरे बाप की वजह से क्या कुछ सहना पड़ रहा है.. एनीवेस, चल तू रूम में जा अपने, मैं और रूबी यहीं रह के इंटरव्यू की प्रेपरेशन करेंगे.." शालिनी ने भारत से कहा और एक नज़र रूबी पे भी मारी.. 


"ओके बेब.. चल बाय.. कल मिलते हैं.." कहके भारत अपने रूम में गया. अपने रूम में जाके भारत चेंज करने लगा और सोचने लगा आगे के बारे में...


"रूबी रूबी... बस एक बार यूएस पहुँचने दे.. फिर मेरे और पैसों के बीच में कोई नहीं आ पाएगा... शादी.. हुह......" भारत खुद से बोलने लगा और सो गया.. 


भारत तो सो गया, लेकिन उसने तीन लोगों की नींद खराब कर रखी थी, या यूँ कहा जाए कि भारत एक साथ तीन लोगों के साथ खेल रहा था.. 

शालिनी, जो अंधों की तरह भारत पे विश्वास कर रही थी.. उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि यह सब जो हुआ है भारत की वजह से हुआ है.. उसे बिल्कुल पता नहीं था कि भारत ने उसके बाप से क्या कहा है. शालिनी ने अपने बाप को मसेज कर दिया कि वो शादी के लिए तैयार है पर वो सिर्फ़ इंटरव्यू के बाद ही जाएगी देल्ही लड़का देखने 

रूबी, जिसका दिमाग़ तो उसे रोक रहा था भारत पे विश्वास करने को पर दिल नहीं मान रहा था.. भारत अगर ग़लत होता तो फिर मुझे यूएस क्यूँ ले जाता.. सिर्फ़ यह बात ही थी जो रूबी के दिल पे छाई हुई थी. भारत की सिर्फ़ इसी बात ने रूबी को जीत लिया था.. लेकिन यह तो बस शुरुआत थी, वो यह नहीं जानती थी कि भारत रूबी को किस तरह इस्तेमाल करने का सोच रहा है

भार्गव, बस यह सोच रहा था, कि सही में भारत डेलीट कर देगा वो क्लिप या नहीं.. उसके और शालिनी की क्लिप की वजह से भार्गव अपना दिमाग़ लगा ही नहीं पा रहा था और वो बस उसके इशारों पे नाच रहा था.. कॉलेज डीन का प्रबल दावेदार, भार्गव ने कभी नहीं सोचा था कि उसके साथ ऐसा कुछ होगा..


उस रात करीब 4 बजे तक कॉलेज के करेंट डीन और भार्गव की मीटिंग चली.. आख़िर प्लेसमेंट चेंज करना इतना आसान काम नहीं है.. भार्गव ने अपनी पूरी दिमागी ताक़त लगाई और कॉलेज के डीन को कन्विन्स किया इस बारे में... कॉलेज का डीन मान तो गया लेकिन बस उसके एक सवाल ने भार्गव को पसीना पसीना कर दिया


"भार्गव.. इन सब में तुम इतने पर्सनल क्यूँ हो रहे हो... कॉलेज की जवाबदारी है किसी को प्लेसमेंट दिलाने की. पर यह सब बदलाव, उपर से सब को प्लेसमेंट अपनी मर्ज़ी से चाहिए.. यह तीन स्टूडेंट्स, भारत, रूबी और शालिनी.. इन सब में तुम्हारी दिलचस्पी क्या है.. और जहाँ तक मेरा ख़याल है, भारत और सिद्धार्थ का रिज़ल्ट तो जीएस ही देगा.. उसमे तुम क्यूँ इतना ज़ोर लगा रहे हो कि वो जॉब भारत को ही मिले.. उपर से शालिनी जो ग्रेड्स के मामले में काफ़ी पीछे हैं, उसे पहले जीएस ने सेलेक्ट किया, अब वो आना नहीं चाहती.. और रूबी. वो तो ब्राइट स्टूडेंट है.. उसे खुद इतनी चिंता नहीं है, तो तुम क्यूँ इतना पर्सनल इंटेरेस्ट ले रहे हो..."


डीन के इस सवाल से भार्गव झेंप गया.. भार्गव के पास शब्द नहीं थे.. वो तो बस अपनी इज़्ज़त और पोज़िशन के लिए भारत की उंगलियों पे नाच रहा था... भार्गव को यूँ खामोश देख डीन ने फिर कहा


"भार्गव.. माइक को तुम कन्विन्स करोगे, उसमे कॉलेज का इंटरवेन्षन नहीं रहेगा.. कॉलेज की तरफ से तुम्हे गो अहेड है तुम जो चाहो करो.. तरीका तुम सोचो.. लेकिन बस इस बात का ख़याल रहे, अगर माइक कन्विन्स नहीं हुआ, तो सेलेक्टेड स्टूडेंट्स पे भी इसका असर दिख सकता है, साथ ही साथ कॉलेज की रेप्युटेशन खराब हो सकती है.. और तुम्हारे नेक्स्ट डीन बनने के चान्सस भी कम हो सकते हैं... गुड नाइट नाउ...



अगली सुबह रूबी और शालिनी काफ़ी तैयारियों में लगे हुए थे इंटरव्यू के लिए.. कपड़ों से लेके शालिनी के चलने के तरीके तक.. वो क्या बोले, क्या नहीं.. रूबी ने उस हर बात के लिए तैयार किया.. उधर भार्गव ने माइक के साथ और गोल्ड्मन की एचआर एग्ज़िक्युटिव के साथ मीटिंग फिक्स की... मीटिंग शुरू हुई और करीब आधे घंटे में काफ़ी डिस्कशन हुआ..


"लिसन मिस्टर भार्गव.. आइ कन्नोट अंडरस्टॅंड दा चेंजस यू आर प्रपोज़िंग.. शालिनी वाज़ ऑलरेडी सेलेक्टेड... देन इफ़ शी ईज़ नोट रेडी फॉर इट नाउ, थ्ट्स फाइन.. बट व्हाई डू वी रीप्लेस हर विद सम अनदर स्टूडेंट.." भार्गव के सामने बैठी गोल्ड्मन की एचआर एक्स ने कहा.. माइक भी इस प्रपोज़ल से खुश नहीं लग रहा था.. शालिनी के बारे में जो उसने सोच रखा था, वो अब नहीं हो पाएगा...


" आइ अंडरस्टॅंड शॅरन... ईवन इफ़ यू डोंट सेलेक्ट, यू नीड टू हाइयर अनदर स्टूडेंट फ्रॉम एनी अदर कॅंपस ऐज वेल.. सो आइ जस्ट रिक्वेस्ट यू टू प्लीज़ कन्सिडर माइ प्रपोज़ल.. इफ़ यू डोंट फाइंड दिस अदर स्टूडेंट स्मार्ट एनफ, देन टेक माइ वर्ड.. जीएस ईज़ फ्री टू हाइयर फ्रॉम एनी अदर कॅंपस.. नो स्टूडेंट फ्रॉम दिस कॅंपस इन युवर कंपनी.." भार्गव ने एक जुआ लगाया


"मिस्टर भार्गव बी श्योर अबाउट दिस.. देअर आर टू स्टूडेंट्स ऑलरेडी इन कंटेन्षन फॉर इनवेस्टमेंट बॅंकर स्पॉट.. सिद्धार्ता आंड भारत.. इफ़ युवर रीप्लेस्मेंट फॉर शालिनी ईज़ नोट फिट एनफ, देन वन ऑफ दीज़ टू ऑल्सो विल सफर..." शॅरन, एचआर की बंदी ने भार्गव से कहा


"आइ आम इन शॅरन.. माइक यू फाइन विद दिस..." भार्गव ने अपनी छाती चौड़ी करके कहा


"वी आर ओके विद दिस... आंड देअर आर टू थिंग्स यू शुड नो अबाउट दिस नाउ... फर्स्ट, वी आर प्रेटी शॉर्ट ऑन टाइम.. वी नीड दा स्टूडेंट राइट नाउ फॉर इंटरव्यू.. टेल हर इन 15 मिन्स दट शी शुड बी रेडी फॉर इंटरव्यू... सेकेंड, जीएस ईज़ फाइन विद भारत आंड सिद्धार्ता बोथ.. हाउ-एवर बीयिंग दा फंक्षनल हेड आइ रेकमेंड भारत फॉर दिस पोस्ट.. बट माइ कोलीग हियर, शॅरन, शी ऑप्ट्स फॉर सिद्धार्ता.. वी हॅव रीच्ड ऑन आ म्यूचुयल कंक्लूषन... वी नीड दा कॉलेज कन्सेंट ऐज टू हू शुड वी सेलेक्ट... वी नीड युवर रेकमेंडेशन... यू टेक एनी क्राइटीरिया आंड फिल्टर दा रिज़ल्ट्स फॉर यूएस. ओफ़कौर्स विद डीन'स लेटर साइंड ड्यूली बाइ हिम.. ईज़ दट क्लियर ? " माइक ने सब एक साँस में उसे कहा


भार्गव की गान्ड फटने लगी थी.. एक तो वो श्योर नहीं था कि रूबी 15 मिनट में आ पाएगी कि नहीं इंटरव्यू के लिए.. और दूसरी बात, उसे फिर डीन के पास जाना पड़ेगा कन्विन्स करने के लिए कि भारत को रेकमेंड करे..
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