Antarvasna kahani माया की कामुकता
12-13-2018, 02:31 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"कार नंबर एमएच 01 सीसी 8766.. ब्लॅक होंडा" कहके भारत ने फोन कट किया और अपने सब आरएम'स को भी कॉल करने लगा.. सब आरएम'स एक एक कर उसके सामने आ गये और भारत सबसे बातों में उलझा. करीब 7.15 सब गेस्ट्स आना शुरू हुए और सीएस टीम ने सब को रिसेव करना स्टार्ट किया.... भारत अब तक आदि को नहीं ढूँढ पाया था, और आदि उसके कॉल भी नहीं उठा रहा था.. जैसे ही भारत ने अपना फोन रखा, उसकी नज़र सामने की लिफ्ट में गयी.. लिफ्ट खुलते ही हुस्न की परी उसके सामने आ गयी.. भारत उसे देख खो सा गया.. उसे शब्द नहीं मिल रहे थे उस हुस्न को लफ़ज़ो में बताने के लिए. काफ़ी दिन हुए भारत को किसी लड़की के साथ फ्लर्ट किए हुए, इसलिए उसने एक चान्स लिया और आगे बढ़ गया...




"हेलो लव्ली लेडी.. लुकिंग गॉर्जियस.." भारत ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा



"विश आइ कुड से सेम फॉर यू गाइ.." लड़की ने इतरा के जवाब दिया



"क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ " भारत ने फिर उस लड़की का हाथ पकड़ के कहा



"उम्म... शालिनी वेर्मा.. आंड हब्बी कंट्रोल प्ल्स ओके..." कहके शालिनी उससे अलग हुई, बट दूर नहीं हुई



"हाए मेरी जान तुम दिख ही ऐसी रही हो... क्या करूँ"




"उम्म्म.. मेरे हब्बी.. कंट्रोल, वैसे हमारी टीम की कुछ लड़कियाँ भी तुम्हे ही देख रही है.. ड्रेसिंग तो ऐसे की है जैसे बहुत बड़े प्लेयर हो हाँ... खबरदार जो कुछ किया तो" शालिनी ने उसे मज़ाक में कहा.. 




"अहहा.. डोंट वरी बीवी.... यह काम निपटने दो.. हमारा हनिमून जब होगा फ्लोरिडा और बहामास में, ट्रस्ट मी.. मैं कुछ नहीं पहनुंगा" कहके भारत ने आँख मारी और शालिनी से बातें करने लगा.. करीब 10 मिनट में सब गेस्ट्स आ गये.. आदि भी आ गया, जिसे देख भारत की जान में जान आई.. जैसे सब प्लान था, प्रेज़ेंटेशन्स स्टार्ट हुई, और सब क्लेंट्स की नज़रें, प्रेज़ेंटेशन के बदले, शालिनी की टाँगो पे ही थी.. शालिनी को भी यह पता चला, पर उसने अपने काम पे ध्यान दिया... प्रेज़ेंटेशन के वक़्त सब को ड्रिंक्स भी सर्व हुई... जैसे ही प्रेज़ेंटेशन ख़तम हुई, उस वक़्त शुरू हुई भारत की असली परीक्षा.. जैसे ही सब क्लाइंट्स को बताया गया नो मोबाइल ज़ोन के बारे में काफ़ी लोगों ने मना किया मोबाइल फोन्स देने को.. एक पल के लिए भारत को लगा के उसका प्लान सब पानी में गया..




"प्लीज़ मैं आप लोगों से रिक्वेस्ट कर रहा हूँ.. आपके मोबाइल फोन्स सुरक्षित रखेंगे यहाँ के लॉकर्स में.. आंड ट्रस्ट मी, आप लोग एक बार नो मोबाइल ज़ोन में आएँगे, आप अपने मोबाइल फोन्स भूल जाएँगे.. आंड डोंट वरी. आपके फोन्स के आगे आपके नेम का टॅग भी रहेगा.. मोबाइल फोन खोने की बात ही छोड़िए, कहीं मिसप्लेस भी नहीं होगा फोन.. यह बॅंक की ज़िम्मेदारी है.. " भारत ने सब क्लाइंट्स से कहा और सब की सहमती पाके उसने होटेल के 2-3 बन्दो को काम पे लगाया... नो मोबाइल ज़ोन कुछ ऐसा बना हुआ था जहाँ अलग अलग टेबल्स बने हुए थे डिज़ाइनर्स, जिसमे बोर्ड गेम्स के साथ साथ, काफ़ी हॉट पिक्चर्स भी प्लेस किए हुए थे.. और हर एक क्लाइंट को हॅंडल करने के लिए सबसे हॉट लड़कियाँ रखी गयी थी.. अकाउंट होल्डर्स अपने मोबाइल भूल बस उन लड़कियों के साथ बातें करने में ही लग गये.. क्यूँ कि यह एक रिप्यूटेड बॅंक का आयोजन था, सब क्लाइंट्स बस उधर रखी गयी कुछ गेम्स में और खाने पीने में लगे हुए थे.. कुछ लड़कियाँ जिनसे रहा नहीं गया, उन्होने अपने नंबर्स भी एक्सचेंज किए क्लाइंट्स के साथ, इस उम्मीद में की शायद कुछ किस्मत में आ जाए...

करीब आधे घंटे तक क्लाइंट्स को गेम्स में बिज़ी रखा गया.. इस बीच भारत ने होटेल के वेटर्स को कुछ पैसे देके उस लॉकर के वहाँ से रफ़ा दफ़ा किया जहाँ मोबाइल रखे हुए थे.. मौका पाते ही, भारत का एक आदमी चुपके से आया उसके साथी के साथ और मोबाइल के कार्ड्स निकाल के क्लोंनिंग करने लगे.. बंदे एक्सपर्ट्स थे, 40 सिम कार्ड्स क्लोन करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा.. क्लोंड सिम कार्ड्स उन्होने भारत को दिए, और ओरिजिनल सिम कार्ड्स वापस मोबाइल में डाल के वहाँ से खिसक गये.. भारत ने वक़्त देखा तो शाम के 9 बजे थे, और शालिनी अपनी टीम के साथ बैठी हुई थी... भारत ने आगे बढ़ के उनकी टीम को कहा, के प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जाए.. करीब 10 मिनिट में नो मोबाइल ज़ोन का ड्रामा ख़तम हुआ और सब को डिन्नर सर्व किया गया.. हर एक क्लाइंट से जाके भारत पर्सनली मिला और अपने आरएम'स को लगा दिया उनके काम पे.. जैसे जैसे वक़्त बढ़ता गया, भारत मौका पाते ही हर क्लाइंट के पास जाता और उन्हे इनवेस्टमेंट के फ़ायदे समझाता.. जहाँ क्लाइंट ज़्यादा आना कानी करता, वहाँ भारत अपना पर्सनल कार्ड पकड़ता




"सर.. यह मेरा कार्ड पढ़िए प्लीज़.." भारत ने एक क्लाइंट को कार्ड पकड़ाते हुए कहा.. क्लाइंट ने कार्ड को पढ़ा, तो कुछ देर तक वो खामोश रहा, फिर कहा



"तुम राकेश के लड़के हो.. तो फिर नौकरी क्यूँ कर रहे हो.." 



"सर.. वो सवाल कभी हम आराम से सुलझायेंगे.. फिलहाल, मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ, कि बचपन से मैने मेरे पापा से सिर्फ़ मुनाफ़ा ही सीखा है.. विश्वास रखें, आपका पैसा मेरे पैसे से कम नहीं.. आपको नुकसान ना हो यह नहीं कहूँगा, पर आपका फ़ायदा करवाना ही मेरा टारगेट है. और आप फ़िक्र ना करें.. हमारे पूरे खानदान में आज तक किसी ने नुकसान नहीं किया... " भारत की यह बात सुन एक क्लाइंट खामोश रहा , फिर कहा



"डन बेटा..... "



भारत ने अपने आरएम को बुलाया और उसे धीरे से कहा कि मॅग्ज़िमम अमाउंट लेना यहाँ से.. रात के करीब 11.30 बजे और ड्रिंक्स अभी तक सर्व हो रही थी... करीब 50 में से 35 लोगों ने भारत को इनवेस्टमेंट दिया और 5 लोगों ने अगले दिन की कमिटमेनट की... उसी वक़्त आदि भी एंटर हुआ और सीधा भारत के पास आया
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12-13-2018, 02:31 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"हेलो यंग मॅन.. वेरी बिज़ी हाँ" आदि ने हँस के कहा



"आदि.. ग्लॅड यू मेड इट हियर.. प्लीज़ हॅव सम ड्रिंक" कहके भारत ने आदि को ग्लास पकड़ाया और दोनो बातें करने लगे. करीब आधे घंटे में सब लोग निकलने लगे और रात के 12.30 तक बॅंक्वेट में सिर्फ़ बॅंक के बंदे ही थे....




"सो भारत.. शो मी... दा फिगर्स.." आदि ने भारत से कहा



"एक मिनट आदि.. मैं आरएम'स को बुला लेता हूँ, " कहके भारत ने सब आरएम'स को बुलाया और शालिनी से इशारे में कहा कि वो निकल जाए... 15 मिनट में सीएस की टीम भी वहाँ से निकली.. अब सिर्फ़ भारत, आदि और आरएम'स बैठे थे उधर... एक एक कर हर एक आरएम ने अपने फिगर्स बताए.. 



"20 करोड़.." लास्ट आरएम ने काफ़ी ज़ोर से कहा, जिसे सुन बाकी सब लोग उसे ही देखते रह गये.. यह वोही आरएम था जिसे भारत ने वो क्लेइंट दिया जो राकेश के नाम पे रेडी हुआ इनवेस्ट करने के लिए




"ओके.. टोटल अगर मैं करूँ, तो रफ्ली, 95 करोड़ का बिज़्नेस हुआ है MF आंड इन्षुरेन्स का... आंड कल की कितनी कमिट्मेनट्स हैं.." आदि ने कहा




"कल 5 क्लाइंट्स ने कमिट किया है आदि.. रफ्ली वहाँ से भी यू केन क्षपेक्ट 5 करोड़.. एम आइ राइट गाइस" भारत ने अपने आरएम'स को देख के कहा, सब ने हामी भरी..




"ओके गाइस.. आप जा सकते हैं... " कहके आदि ने सब आरएम'स को विदा किया और भारत के साथ खुद वहीं बैठ गया



"ओके भारत.. .. तुमने सिर्फ़ दो ब्रॅंचस ही कवर की इस सेल्स ड्राइव में.. बाकी के क्यूँ नहीं किए मैं जान सकता हूँ ?"



"हां आदि. आइ वाज़ वेरी शॉर्ट ऑन टाइम.. आंड इतना टाइम नहीं मिला कि दूसरे आरएम'स के साथ बातचीत कर सकूँ. इसलिए दिस वाज़ जस्ट आ बिगिनिंग.. आगे जाके हम अपना बेस बढ़ा देंगे.. ट्रस्ट मी"



"ट्रस्ट यू.... नो इश्यूस.. कल सुबह सी यू.. चाइ पे मिलते हैं.. बाइ" कहके आदि निकल गया




आदि के जाते ही, भारत ने अपने फोन से एक नंबर मिलाया




"हां.. मिल गया तुम्हे जो चाहिए था.. जल्दी जो कहा है वो कर दो और मुझे कल तक कन्फर्मेशन दो... एप, बाइ... सी या"

करीब 4 दिन बाद, भारत ऑफीस का काम निपटा के निकल ही रहा था कि उसे शालिनी ने उसे कॉल किया. भारत ने पार्टी के बाद उसको कुछ बताया नहीं था, क्यूँ कि वो खुद 3 दिन की ट्रिप पे कहीं गया था


"हेलो हनी बंच..." भारत ने खुशी में जवाब दिया


"बेबी, कहाँ हो... और समीर को शक तो नहीं हुआ कुछ, एक तो बाहर से आए और फोन भी नहीं किया , और उस पार्टी के बाद भी कुछ नहीं बताया" शालिनी ने चिंतित स्वर में पूछा


"ओफ़कौर्स नोट बेबी.. सब ठीक है, हमने जैसा प्लान किया था सब वैसा हुआ है.. समीर के लॅपटॉप से हमारे हॅकर ने प्रीति को अप्रूवल मैल दे दिया है, और हमारे क्लाइंट्स की सिम कार्ड क्लोनिंग ईज़ ऑल्सो डन.. अब कल मैं मोबाइल स्टोर मॅनेजर्स से मिलने वाला हूँ... उनसे मिलके मुझे बस यह इंश्योर करना है कि कुछ घंटो के लिए सेलेक्टेड नंबर्स की सर्विस बार्ड की जाए ताकि विड्रोल के एसएमएस वहाँ ना जाए" भारत ने गंभीर स्वर में कहा


"थ्ट्स फाइन भारत.पहले घर आओ फिर डिसकस करते हैं ओके.." चलो, सी या सून कहके शालिनी खाना बनाने में लग गयी..सीमी और राकेश काफ़ी दिनो से चुदाई नही कर पाए थे, इसलिए बहाना बना के दोनो नज़दीक के रिज़ॉर्ट में गये थे.. शालिनी घर पे अकेली थी... भारत एरपोर्ट से शाम के करीब 8 बजे निकला, और घर आते आते 9 बज गये... जैसे ही भारत आया, शालिनी और वो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे...



"कितने दिन हुए, हाउ वाज़ युवर ट्रिप.. कुछ बिज़्नेस हुआ" शालिनी ने अलग होते कहा


"यस.. आ वेरी गुड अमाउंट, कल आदि से बात करनी है इसी के बारे में और जो पार्टी में हुआ था उसके बारे में भी" भारत ने अपने कमरे में दाखिल होके कहा और कुछ ही मिनिट्स में फ्रेश होके आया. फ्रेश होके दोनो खाना खाने बैठे और इधर उधर की बातें करने लगे.


"हां तो मैं यह कह रही थी कि सिम क्लोनिंग में एक प्राब्लम यह भी है, कि अगर नंबर की सर्विस बाड़ हुई, तो हमारे क्लोन वाले सिम पे भी तो एसएमएस नही आएँगे... और अगर एक वक़्त के लिए मान लूँ कि अगर सेक्यूरिटी कुछ ज़्यादा हुई कार्ड में, लाइक वन टाइम पासवर्ड या ऐसा कुछ, तो.." शालिनी ने भारत से गंभीर स्वर में कहा


"नहीं, उसमे कोई दिक्कत नई है.. डेबिट कार्ड में वन टाइम पासवर्ड नही रहता.. और मैने प्रीति से कहा है कोई भी सेक्यूरिटी लेवेल्स ऐसे ना हो जो हम तोड़ ना सकें... अभी मैं बस प्रीति के पास ही जा रहा हूँ, कुछ चीज़े मिलके फाइनल कर लें. कल का दिन बाकी है बस.. परसो होगा...." इससे पहले भारत यह पूरा कर पाता, शालिनी ने उसे बीच में टोक दिया


"परसो होगा तुम्हारी एक्स लवर का तमाशा..." शालिनी ने हल्की पर गुरूर भरी आवाज़ में कहा.. खाना निपटा के दोनो अपने रूम की बाल्कनी में गये और एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल के बस उस वक़्त का मज़ा ले रहे थे.. थोड़ी देर में शालिनी रेड वाइन लाई और भारत की गोद में बैठ के पीने लगी... वक़्त की फिकर नहीं थी क्यूँ कि राकेश और सीमी थे नहीं... थोड़ी देर में दोनो ने वाइन की बॉटल भी ख़तम कर ली.. वाइन ख़तम करके भारत ने म्यूज़िक सिस्टम में हल्का म्यूज़िक लगाया और शालिनी को बाहों में लेके डॅन्स करने लगा



"मुझे तो पता ही नहीं था कि भारत इतना रोमॅंटिक भी हो सकता है... " शालिनी ने मज़ाक में भारत से कहा
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12-13-2018, 02:31 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"मैं जिसको जो दिखाना चाहता हूँ वोही दिखाता हूँ स्वीटहार्ट.. तुम्हारे पति ने इतनी उमर में काफ़ी कुछ देख लिया है..." इससे पहले भारत आगे कुछ बोलता, शालिनी ने अपनी उंगली उसके होंठों पे रख दी


"ष्हसस... बस, अब बीती बातों पे ध्यान नहीं दो.. जो बीत गयी, सो बात गयी... तुम्हारे पेरेंट्स और मेरे पेरेंट्स ने काफ़ी कुछ डन कर लिया है. तुम्हारा इरादा तो नहीं बदलने वाला ना" शालिनी ने फिर मज़ाक में कहा


"बेबी... जो विश्वास तुमने मुझ पे दिखाया है, उसको मैं कभी तोड़ नही सकूँगा... इतनी हिम्मत नहीं है मुझ में.. तुम्हारा प्यार और विश्वास ही मेरी ताक़त है.." कहके भारत और शालिनी फिर एक किस में डूब गये... जैसे ही दोनो ने एक दूसरे को छोड़ा, भारत का फोन रिंग हुआ.. भारत ने वक़्त देखा तो रात के करीन 2 बज रहे थे.. प्रीति का नाम देख वो थोड़ा चौंका, लेकिन फिर उसे याद आया कि वो क्यूँ फोन कर रही है



"हेलो स्वीटहार्ट.. अभी तक सोई नहीं" भारत ने हँस के कहा


"नॉनसेन्स.. कल क्या होने वाला है जानते हो..." प्रीति ने गुस्से में कहा



"हां जानता हूँ, कार्ड्स डेसपॅच होने वाले हैं.. सो व्हाट, परसो तक यह चॅप्टर क्लोज़ है डार्लिंग.. व्हाट्स रॉंग.." भारत आज काफ़ी मज़ाक कर रहा था


"ईडियट.. कार्ड्स स्किम कब करोगे, और उनके पासवर्ड्स... जल्दी मेरे फ्लॅट पे आओ.. मेक इट क्विक ओके" प्रीति ने कहके फोन रखा और भारत को होश आया, कि यह तो मैन काम है जो उसका ट्रिप की वजह से रह गया था.. शालिनी से बात करके भारत वहाँ से जल्दी निकला और गाड़ी बढ़ा दी प्रीति के अप्पर्टमेंट की तरफ.. जैसे जैसे भारत प्रीति के अप्पर्टमेंट के नज़दीक पहुँच रहा था एक अलग सी बेचैनी उसके मन में बढ़ती जा रही थी.. कह सकते हैं कि यह वो पल था, जहाँ से भारत अब दो राहे में खड़ा था.. अगर भारत यहाँ से वापस पीछे हटेगा तो सब सीधा ही रहेगा.. ना तो उसे निधि मिलेगी और ना ही मेहुल को पैसा.. अगर भारत यह फ़ैसला लेगा, तो इसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ मेहुल का नुकसान था.. लेकिन अगर भारत आगे बढ़ेगा, तो उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा रिस्क होगा.. अगर वो अपने प्लान को कामयाबी से अंजाम तक नहीं पहुँचा सकता, उसका करियर तो एक बात है, लेकिन उसकी ज़िंदगी सलाखों के पीछे निकल सकती है. और इसमे मेहुल का कोई नुकसान नहीं होगा.. खैर, यह सब सोचते सोचते भारत प्रीति के अप्पर्टमेंट के नीचे पहुँचा..


"अपने फ्लॅट का दरवाज़ा खोलो, मैं बाहर वेट कर रहा हूँ" भारत ने प्रीति को फोन करके कहा..



"इतनी रात गये तुम यहाँ.. तुम्हारी बीवी मेरे बारे में क्या सोचेगी, मैं तुम्हारी बहेन हूँ , कोई सौतन नहीं" प्रीति ने भारत के लिए रास्ता बनाते हुए कहा


"सौतन से नहीं, मेरे प्लान की भागीदार से मिलने आया हूँ.. अपना मैल चेक करो ऑफीस का जल्दी से" भारत ने अंदर आते हुए कहा और जाके बेड पे लेट गया और दो सिगरेट जला दी.. भारत की इतनी अर्जेन्सी देख प्रीति ने भी अपना रुख़ थोड़ा गंभीर किया और लॅपटॉप स्टार्ट किया.. रूम में प्रीति और भारत की आवाज़ के अलावा बस सिगरेट के सुलगने की आवाज़ थी.. धीरे धीरे प्रीति का मेलबॉक्स अपडेट हुआ.. जैसे ही अपडेशन ख़तम हुई, आखरी मैल पे प्रीति ने नज़र डाली जो उसके बॉस समीर का था.. प्रीति ने उस मैल को ओपन करके पढ़ना स्टार्ट किया.. जैसे जैसे प्रीति मैल पढ़ती गयी, उसकी आँखें बड़ी और उसके हाथ पाँव ठंडे होते गये...



"भारत.. यह कैसे किया तुमने" प्रीति ने एक दम धीमी आवाज़ में मैल पढ़ना ख़तम किया और उससे पूछा



"वो सोचना तुम्हारा काम नहीं है.. अब बस, कल इस मैल के हिसाब से तुम अपना काम करना और रही समीर की बात, मैं कोशिश करूँगा वो कुछ नये काम में व्यस्त रहे ताकि तुम्हारे काम में वो इंटर्फियर ना करे.. और हां एक बात, परसो ही यह सारा कांड होगा इसलिए तुम अब अगले 10 दिन तक छुट्टी नहीं लोगि समझी, और ना ही ओवर टाइम करोगी.. अपना काम करके, बस ऑफीस में एक दम नॉर्मल बिहेव करो.. तुम्हे रिज़ाइन कब डालना है और उसका रीज़न क्या होगा वो मैं तुम्हे बताउन्गा समझी..." भारत ने प्रीति को हिदायत देते हुए कहा... प्रीति के दिमाग़ में सारी बातें घूमने लगी, उसे याद आया कैसे कुछ महीने पहले भारत ने उसे यह प्लान के लिए मनाया था और वो मान भी गयी थी.. लेकिन यह नहीं जानती थी कि भारत उसके प्लान को इतना जल्दी अंजाम तक पहुँचाएगा.... 



"क्या हुआ.. अब तुम पलट नहीं सकती समझी" भारत ने उसे चेतावनी देते हुए कहा



"मैं नहीं पलट रही, बट तुम्हे तुम्हारे रेफ्यूजी मिले जो यह काम करेंगे.. और कल जो डेबिट कार्ड्स इश्यू होने वाले हैं उनके लिए मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मर तो है, लेकिन उसका इस्तेमाल कैसे करेंगे.. कल शाम को हमारा कौरीएर डेसपॅच होगा, और पासवर्ड इश्यू हो गये हैं, उन सब को कॉपी कैसे करोगे.." प्रीति ने भारत से ऐसा सवाल पूछा जिसकी भारत को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी


"प्रीति.. आरपीसी में तुम हो, तुम्हारे पास इसका जवाब होना चाहिए ना कि मेरे पास... अब मुझे बताओ पासवर्ड्स का क्या रास्ता ढूँढा है और मुझे नाराज़ बिल्कुल नहीं करना, वरना आज की रात तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल कर दूँगा मैं" भारत ने प्रीति की गर्दन पे हाथ फेरते हुए कहा



"उम्म्म.. कैसे मुश्किल करोगे, ज़रा बताओ तो" प्रीति ने एक दम बहेकते हुए अंदाज़ में कहा



"सबसे पहले मैं तुम्हारा टॅंक टॉप निकालूँगा"



"ऐसे क्या.."प्रीति ने अपने हाथ उपर किए और टॉप उतार फेंका जिससे उसके नंगे चुचे भारत की नशीली आँखों के सामने आ गये



"ह्म्म्मा..... फिर तुम्हारे चुचों को मसल मसल के लाल करूँगा.."भारत ने अपने पॅंट के उपर से लंड पे हाथ फेरते हुए कहा


"आआहाहहहह... ऐसे ना अहहहहाहाहा" प्रीति ने धीरे से अपने निपल्स हाथ में लिए और उन्हे मसल्ने लगी



"उः हुह....." कहके भारत बेड से उठा और प्रीति के पीछे जा खड़ा हुआ.. प्रीति के पीछे आते ही उसने प्रीति को कमर से पकड़ा.. प्रीति की कमर पे एक हल्की सी गोल्डन चैन बँधी थी जो उसकी कमर को और भी मादक बना रही थी..



"आहहाहा... फिर क्या करोगे मेरे भाई अहहहाहा" कहके प्रीति ने अपनी गान्ड हल्की पीछे की जिससे भारत का लोहे जैसा लंड उसकी दरार पे दस्तक देने लगा



"फिर मैं बेहेन्चोद बन जाउन्गा मेरी बहना..." कहके भारत ने अपने हाथ आगे कर शॉर्ट्स के बटन पे रखे और उसकी शॉर्ट्स को उतार दिया.. शॉर्ट्स के उतरते ही प्रीति ने अपनी मखमल सी गान्ड भारत के हुंकार मारते हुए लंड पे रगड़ना चालू किया.. जैसे बार डॅन्सर्स पोले डॅन्स करती हैं, वैसे भारत को पोले बनाकर प्रीति उसके इर्द गिर्द मंडराने लगी, कभी अपनी गान्ड उसके लंड से, तो कभी अपनी चूत उसकी गान्ड से रगड़ती.. भारत के पीछे जाके प्रीति ने पहले भारत की शर्ट उतारी.. शर्ट उतरते ही भारत ने अपने हाथों को उपर उठाया.. प्रीति तुरंत उसकी बगल जे पास जाके उसे सूंघने लगी... पसीना और देव, इनका मिश्रण से एक अलग ही खुश्बू आ रही थी जिसे प्रीति किसी कुतिया की तरह सूंघ रही थी.. सूंघते सूंघते प्रीति ने अपनी जीभ बाहर निकाली और भारत की बगल को चाटने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जाके भारत के पॅंट की ज़िप पे रख दिया... पॅंट की ज़िप खोलते ही भारत का कला साँप जैसा लंड बाहर आ गया और प्रीति उसे धीरे धीरे हिलाने लगी...
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"आहहाहा उम्म्म्म.... अहहहहहाअ....." भारत और प्रीति की ऐसी आवाज़ें अगर कोई सुन भी लेता तो उसका लंड तन जाता...



प्रीति ने जल्द से जल्द भारत के लंड को पॅंट से आज़ाद कर पूरा नंगा कर दिया और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.... जैसे ही भारत ने प्रीति की चूत पे हाथ रखा, मानो एक दरिया सा बह गया हो.. प्रीति की चूत ने इतना पानी छोड़ दिया, भारत ने तुरंत उस पानी को अपनी उंगलियों से चाट के सॉफ किया और साथ ही अपनी ज़ुबान प्रीति की ज़ुबान से मिला ली...



"अहहहा भाई.. अहहा फक मी ना.. नो ओरल अहहहहा.. कुतिया की तरह चोदो ना अहहहहह.." प्रीति ने नशीली सी आवाज़ में कहा.. प्रीति की ऐसी ख्वाहिश सुन, भारत ने तुरंत अपने मज़बूत कंधों पे प्रीति को उठाया.. कूद के प्रीति ने भी अपनी दोनो टाँगों से भारत की पीठ को जकड लिया और अपना एक हाथ नीचे ले जाके उसके लंड को अपनी चूत के किनारे पे टीकाया... जैसे ही लंड सेट हुआ, भारत ने प्रीति को हल्का सा नीचे किया और अपने लंड को एक स्ट्रोक मारा जिससे लंड उसकी चूत में चला गया.. इस पोज़िशन में चुदाई आज तक किसी ने सिर्फ़ पॉर्न मूवी में ही देखी होगी.. लेकिन किसी ने कभी ना सोचा हो कि भाई बहेन भी ऐसी चुदाई के तूफान में बह सकते हैं... पूरे कमरे में सिर्फ़ थप्प्प तपप्प्प अहहहहा यआः भाई येअह अहहहहा फक मी हार्ड ना अहहहहः, सिर्फ़ यही आवाज़ें गूँज रही थी.. दोनो को बिल्कुल परवाह ना थी कि आवाज़ शायद कोई और सुन भी सकता है.. करीब 2 मिनट ऐसे चोदने के बाद, भारत ने प्रीति को बेड पे पटका, और उसके पीछे जाके, प्रीति की एक टाँग हवा में उठाई और पीछे से उसकी चूत मारने लगा.. आज प्रीति और भारत किसी पॉर्न मूवी के हीरो हेरोयिन लग रहे थे, ऐसी ऐसी पोज़िशन्स में उन्होने आज तक चुदाई नही की थी और ना ही उन्होने कभी सोचा होगा.. जिस्म की माया ने आज उन्हे इस मकाम पे ला दिया कि सब कुछ भूल के भाई बहेन बस चुदाई में मशगूल लगे पड़े हैं.. अलग अलग पोज़िशन्स का नज़ारा देखने को मिल रहा था.. कभी प्रीति की चूत पीछे से, कभी उसको घोड़ी बनाकर. कभी प्रीति एक दम झुक के अपने अंगूठे को छूती और उस वक़्त भारत उसकी चूत मार रहा था... करीब 15 मिनट तक चली इस चुदाई के बाद भारत ने अपने लंड को चूत में ही खाली किया...



"टॅब्लेट्स ले लेना.." भारत ने प्रीति से कहा जब दोनो बेड पे एक दूसरे की बाहों में थे..


"ह्म्म्म्... और चिंता नही करो, मुझे ध्यान है.. मैं तुम्हे अभी मैल कर देती हूँ, डेबिट कार्ड के पासवर्ड्स मैल कर देती हूँ.. और मॅग्नेटिक स्ट्रिप्स भी स्कीम सुबह तक करवा देते हैं.. वैसे कितना वक़्त लगेगा उसमें.." प्रीति ने अपने शॉर्ट्स पेहेन्ते हुए पूछा



"कुछ ज़्यादा नहीं... एक कार्ड में करीब 10 मिनट.. और कितने कार्ड्स करने हैं.. एनी नंबर " भारत ने अपने लिए सिगरेट सुलगाते हुए पूछा



"मेरे हिसाब से अगर 5 आदमी यह काम करेंगे तो हर एक के पास कम से कम 3 कार्ड्स होने चाहिए, और इस हिसाब से 15 कार्ड्स चाहिए.. और बफर भी रखते हैं, 20 कार्ड्स " प्रीति ने अपने लॅपटॉप को ऑन करते हुए कहा.. 



"ह्म्म्म्म .. मुन्ना, काम का क्या हुआ.. कल मुझे आदमी चाहिए" भारत ने अपने फोन पे कहा



"साहब.. इतनी रात गये अचानक, और हां कल अपना काम हो जाएगा.. कितने बजे चाहिए आपको आदमी.."



"कल रात 1 बजे.. और सब को काम बता दिया है ना, मुझे कोई नाटक नहीं चाहिए फिर.. और हां , वो जो समान मैने दिया है तुमको, उसका क्या किया" भारत ने प्रीति के पास जाके कहा



"हां साब कोई डॅटिंग नहीं होगी , और समान जला दूं आप बोलो तो.."



"कल मुझे दिखाना समान, और मैं ही जलाउन्गा उसे.. और कल सुबह मिलना, कुछ काम है... मेरे फोन का इंतेज़ार करो.. " कहके भारत ने फोन कट किया और प्रीति की मैल को देखने लगा.. 



"ऑल ओके ?" प्रीति ने भारत से कहा



"यस.. सीम्स गुड, जल्दी मैल करो.."



"वैसे कौनसा सामान है उसके पास, और कार्ड स्ट्रीप स्किम कैसे करेंगे, वो तो बताओ" प्रीति के इस सवाल का जवाब शायद भारत के पास नहीं था, क्यूँ कि अगर वो प्रीति को ऑफीस जल्दी जाने के लिए कहता तो कभी भी उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है... और रेग्युलर टाइम में यह काम मुमकिन नहीं है.. भारत को यूँ खामोश देख प्रीति भी सोच में पड़ गयी... अचानक भारत के मोबाइल पे एसएमएस आया.. उसने वक़्त देखा तो सुबह के 4 बज रहे थे



"बेबी.. स्टॉप फक्किंग युवर सिस नाउ... कितनी देर में घर आओगे" शालिनी ने एसएमएस किया था



"वर्किंग जान.. स्टक सम व्हेअर.. मेरा लंड तेरा ही है मेरी बीवी.." भारत ने जवाब दिया.. शालिनी ने एसएमएस पढ़ते ही भारत को कॉल किया



"कहाँ स्टक हो डियर.. आंड व्हेअर् ईज़ प्रीति" शालिनी ने चिंतित स्वर में पूछा



भारत ने उसे सब बताई उसकी चुदाई का पार्ट निकाल के... भारत की बात सुन शालिनी भी सोच में पड़ गयी..



"डार्लिंग.. समीर.... उसको इस्तेमाल करो ना" प्रीति ने अचानक कहा जिसको शालिनी ने भी सुना, और उसने भी उसको फोन पे हामी भारी



"पर समीर को क्या कहके बुलाऊ..उसके लिए कुछ बिज़्नेस सोचूँगा तो आदि के थ्रू जाना पड़ेगा.. और कॅष्यूयली मिल नहीं सकते.. शालिनी, आइ विल बी देअर इन आन अवर ओके... सी या" कहके भारत ने फोन कट किया और प्रीति से बिना कुछ कहे निकल पड़ा.. सुनसान सड़क पे गाड़ी चलाने में भारत को बहुत मज़ा आता था.. लेकिन वो कुछ सोच नहीं पा रहा था.. किसी ने सही कहा है, किसी का फोकस तोड़ना हो तो उसे उसकी दिशा से भटकाओ.. भारत के साथ यही हुआ, सब ठीक था लेकिन इस ट्रिप ने उसका पूरा ध्यान ही तोड़ दिया. घर जाते जाते भारत ने मरीन ड्राइव पे गाड़ी रोकी और समंदर के पास जाके खड़ा हो गया.. ठंडी हवा में उसको सुकून मिल रहा था, उसने अपने लिए सिगरेट जला दी और सोचने लगा... एक के बाद दूसरी, फिर तीसरी फिर चौथी, ऐसा करते करते उसने 7 सिगरेट जला दी लेकिन उसे उसकी बात का जवाब ही नहीं मिला.. कल वो कार्ड्स स्कीम करेगा कैसे, 
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"हाई बेबी.." भारत ने शालिनी को फोन किया और करीबन 15 मिनट के बाद फोन रखा.. शालिनी के साथ बात ख़तम करके, भारत ने समीर को फोन मिलाया.. 3-4 कॉल्स के बाद समीर ने कॅल आन्सर किया



"हेलो...". "सर.. आप जो बोल रहे हैं साउंड्स वेरी गुड.. बट आइ नीड टू थिंक ऑन तीस, हमारे पास इतना एक्सपीरियेन्स नहीं है कि हम कॉल सेंटर स्टार्ट कर सकें.." समीर ने सुबह के 7 बजे सामने बैठे भारत से कहा...


"समीर.. एक कप चाइ का पिलाएँगे प्लीज़.. ऊप्स सॉरी, मुझे याद नहीं रहा कि इतनी जल्दी कोई स्टाफ नहीं है.. रहने दीजिए " भारत ने अंजान बनते हुए कहा


"अरे नहीं सर... जैसे ही आपका फोन आया, मैने प्रीति को भी बुला लिया, इन केस इफ़ वी नीड हर एनी हेल्प इन दिस.. वेट.." कहके समीर बाहर गया और कुछ सेकेंड्स में अपनी कॅबिन में आ गया..



"हां सर, तो आप कुछ कह रहे थे..." समीर ने भारत से कहा



यहाँ से भारत ने समीर को काफ़ी सारे फिगर्स दिखाए जो समीर की समझ के बाहर थे, और एक पल के लिए तो समीर खुद सोच में पड़ गया कि यह सब फिगर्स हैं क्या और भारत उसके साथ क्यूँ शेअर कर रहा है.. जब तक भारत ने समीर को बिज़ी रखा अपनी फालतू की प्रेज़ेंटेशन में, तब तक प्रीति भी उस वक़्त कार्ड्स स्कीम करने में लगी हुई थी. जैसे भारत ने कहा, ठीक एक कार्ड स्कीम करने में 10 मिनट लग रहे थे... बीच में प्रीति ने चाइ भी भेजी समीर के पास, पर उसने यह इंश्योर किया कि वो क्या कर रही है किसी को दिखे नहीं, वहाँ बैठे सेक्यूरिटी गार्ड को भी नहीं.. सुबह 6 बजे शुरू की गयी बात, करीब 10 बजाने आए थे, तब तक चली.. प्रीति को काफ़ी वक़्त मिला अपने काम को निपटने के लिए.. धीरे धीरे स्टाफ बढ़ने लगा और 15 मिनट में ऑफीस भर गया एंप्लायीस से.. प्रीति ने तब तक स्किम्मिंग मशीन को छुपा दिया और अपने लॅपटॉप पे नाटक करने लगी.. जैसे ही समीर बाहर निकला, उसके एंप्लायीस उसको देख हैरान हो गये, क्यूँ कि समीर भारत के कहने पे सुबह 5.30 बजे ही ऑफीस के लिए निकला था और उसने प्रीति को भी बुला लिया था, भारत को यह दिखाने के लिए कि उसकी बहेन की यहाँ कितनी इंपॉर्टेंट है.


"मिस्टर समीर.. थिंक ओवर माइ प्रपोज़ल.. हमारी बॅंक का कस्टमर सर्विस कॉल्स मॅनेज करो, आप काफ़ी आगे जाओगे.. आंड अगर आपकी पर्मिशन हो तो क्या मैं अपनी बहेन से कुछ देर चिट चॅट कर सकता हूँ उसकी डेस्क पे" भारत ने हँस के कहा



"ओफ़कौर्स सर.. तब तक मैं भी फ्रेश होके आता हूँ, आंड प्रीति को भी छुट्टी दे देता हूँ.. बाई" समीर यह कहके निकला और भारत प्रीति के पास गया अपना लॅपटॉप बॅग लेके.. सब की नज़रों से छुप के प्रीति ने स्किम्मिंग मशीन भारत के लॅपटॉप बॅग में डाला और 15 मिनट बाद दोनो भारत की गाड़ी में निकल गये..



"बहुत हरामी हो तुम.. अब अगर यह आदि के पास गया तो.." प्रीति ने भारत से पूछा



"नहीं जाएगा.. इसमे इतनी हिम्मत नहीं, यह उन लोगों में से है जो अपने से उपर वाली लेवेल के पास जाने से डरते हैं , और अगर कोई उपर की लेवेल का एक इनको मिल जाए तो यह उसी से बात करते हैं.. यानी कि मैं.. वो सब छोड़ो, स्किम्म्ड कार्ड्स कहाँ हैं" भारत ने प्रीति से पूछा, और प्रीति ने उसे स्किम्म्ड कार्ड्स दिखाए.. भारत ने यह बात शालिनी से की और फिर प्रीति के साथ नाश्ता करने लीयपोल्ड केफे गया.. नाश्ता करने के तुरंत बाद भारत ने मुन्ना से बात की और उसे मिलने के लिए बुलाया.. करीब एक घंटे में मुन्ना भारत से मिलने आया और साथ में लाया वो 5 आदमी जो यह काम को अंजाम देने वाले थे.. भारत ने मुन्ना को उसका पैसा दिया और उन आदमियों को समझाया कि उन्हे क्या करना है.. आदमियों को उसने एक एक मोबाइल दिया और कहा कि वो काम निपटने के बाद इन्ही नंबर्स से भारत को फोन करे.. जैसे ही काम निपटेगा, एक गाड़ी उनको लेने आएगी, पैसा अंदर छोड़ दें और अपना हिस्सा मुन्ना से उन्हे 10 दिन बाद मिल जाएगा.. सब लोगों ने हामी भरी और वहाँ से निकल गये..



"साहब.. इसका क्या करना है" मुन्ना ने भारत के हाथ में एक फोन और दो कॅमरा देते हुए कहा



"यह मैं ले लेता हूँ.. तुम निकल लो, तुम्हे सब पैसे एक साथ दे दूँगा, और इनका हिस्सा इन्हे देना.." कहके भारत प्रीति के साथ घर की ओर निकल गया



"यह सब क्या है" प्रीति ने मोबाइल और कॅमरा की तरफ इशारा करके कहा



"यह मेरे हैं.. चलो तुम जाओ घर, जब कॉल करूँ, तभी मिलेंगे ओके" भारत ने प्रीति को ड्रॉप किया और घर जाके फ्रेश हुआ और ऑफीस के लिए निकला... ऑफीस में जाके उसने आदि से अपनी ट्रिप के बारे में डिसकस किया.. आदि ने भी पार्टी में हुए बिज़्नेस की बात की.. जब दोनो फिगर्स जुड़े, तो आदि दन्ग रह गया.. बॅंक में यह रेकॉर्ड था कि एक महीने में किसी ने इतना बिज़्नेस किया हो.. आदि ने तुरंत एक मैल किया और करीब 2 घंटे में इसकी चर्चा बॅंक की हर ब्रांच में होने लगी.. भारत एक स्टार बन गया था.. और आदि ने सपने भी देखना चालू कर दिया था उसके और अपने प्रमोशन के बारे में.



"हॅव इट फ्रॉम मी यंग मॅन.. अगले एक महीने में तुम्हारा प्रमोशन लेटर तुम्हारे हाथ में होगा... और हां, इतने बिज़्नेस के बाद आरएम'स को क्या गिफ्ट दे रहे हो.. करीब 120 करोड़ का बिज़्नेस हुआ है, मुझे यकीन नहीं हो रहा इतना कहाँ से आया और कैसे आया..." आदि हैरान भी था और खुश भी था


"रहने दीजिए सर, आप यह सब ना सोचें.. और रही आरएम'स की बात, तो मैने अनाउन्स किया था कि एक आरएम को थाइलॅंड की ट्रिप दूँगा, तो बस अभी वही अनाउन्स कर रहा हूँ , आप आइए मेरे साथ तो आरएम'स ज़्यादा मोटीवेट होंगे.." कहके भारत और आदि वर्क फ्लोर पे गये और सब को यह खबर दी.. सब आरएम'स ने अपनी कॅल्क्युलेशन की थी, और उत्सुक थे जानने के लिए कौन जाएगा थाइलॅंड.. इसी बीच आदि ने भी अनाउन्स किया कि उसकी तरफ से भी सेकेंड हाइयेस्ट आरएम को सेम ट्रिप.. यह सुन सब के होश ही उड़ गये.. खैर आदि और भारत ने रिज़ल्ट्स अनाउन्स किए और सभी को धन्यवाद किया...
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"किसी को निराश होने की ज़रूरत नहीं है, बाकी के लोग थाइलॅंड नहीं गये तो क्या हुआ.. आप सब का इन्सेंटिव देख आप इतने खुश होंगे, कि थाइलॅंड की खुशी भी उसके सामने छोटी लगेगी.. ऐसे ही काम करते रहिए, कामयाबी आपके कदमों में होगी... चियर्स.." कहके भारत और आदि निकले और सीधा गये कॉर्पोरेट ऑफीस जहाँ सब आदि की राह देख रहे थे... आदि वहाँ का स्टार था , और उसका स्टार था भारत.. बॅंक के टॉप नॉच ऑफिसर्स और एग्ज़िक्युटिव्स आदि और भारत से मिलने में व्यस्त हो गये. देखते देखते शाम के 5 बज गये और भारत एक फाइनल बाइ कहके आदि से अलग हुआ और घर की ओर निकला...


"यह सब किसे चाहिए... मुझे तो इंतेज़ार है आज रात के 2.30 बजने का" भारत ने खुद से कहा और सीधा घर जाके शालिनी से बातचीत की और दोनो फाइनल लिस्ट देखने में लग गये..



"भारत.. यह लोग जो पैसा विड्रो करेंगे, वो पैसा रखेंगे कहाँ.. और शुवर हो ना, जो एटीएम'स हम ने सेलेक्ट किए हैं उसके 5 किमी के रेडियस में कोई कॅमरा तो नहीं है ना" शालिनी ने भारत से कहा



"हां बेबी, मैने सब चेक किया है... दट रिमाइंड्स मी, वेट" कहके भारत ने अपना दूसरा फोन निकाला



"हाई..."



"तुमने अभी फोन क्यूँ किया.. और काम का क्या है, काफ़ी टाइम से कुछ बताया नहीं है" मेहुल ने भारत से कहा



"वोही बता रहा हूँ, दो दिन के बाद आपको सब पैसा मिल जाएगा.. लेकिन तब तक जहाँ हम मिलते थे, वहाँ मत जाना" भारत ने बहुत कड़क आवाज़ में कहा



"क्यूँ.. उससे क्या तुम्हे" मेहुल ने झल्ला के कहा



"बस, मेरी शर्त है.. अगर वहाँ गये 2 दिन तक तो भूल जाओ पैसा, " भारत ने अपना पत्ता फेंका



"ओह.. तो फिर तुम भी भूल जाना निधि को" मेहुल ने हँस के कहा



"मुझे वो सही लगेगा, लेकिन आपका क्या.. मार्केट से इतना कर्ज़ा जो उठाया है, उसका क्या करोगे.... कितने टाइम तक कर्ज़दारो से च्छुपते फ़िरोगे... अगर पैसा चाहिए तो मेरी शर्त मानो, नहीं तो सब यहीं रोक देता हूँ" भारत ने भी उतनी ही आसानी से जवाब दिया



यह सुन मेहुल की हालत खराब हुई.. उसके सर पे कुछ कर्ज़ा तो था, लेकिन वो इस पैसे से निधि के साथ अपना जीवन बसाना चाहता था, और अगर यह सब नही हुआ तो उसके अरमानो पे पानी फिर जाएगा...



"हां ठीक है, मैं नहीं जाउन्गा.." मेहुल ने चिढ़ते हुए कहा और फोन कट कर दिया



मेहुल से बात करने के बाद भारत ने मोबाइल स्टोर्स वालों से भी बात की उसी नंबर से और सब सही है यह चेक कर लिया



"यस सर.. आपके कहने पे 2 से लेके 5 बजे तक यह सर्वीसज़ बंद होंगी.. आपने हमें पैसे अड्वान्स दे दिए हैं , हम थोड़ी पलट सकते हैं " एक स्टोर मॅनेजर ने कहा





"अब क्या करना है..." शालिनी ने भारत से पूछा, 



"इंतेज़ार... टिक टॉक.... टिक टॉक..."

"हाई प्रीति.. जस्ट आ क्विक चेक, वो न्यू डेबिट कार्ड्स भेजने थे हमें कुछ क्लाइंट्स को, वो डेसपॅच हो चुके हैं ना" समीर ने प्रीति से फोन करके पूछा



"यस समीर.. एवेरितिंग ऑन टाइम.. आंड पासवर्ड्स भी निकल जाएँगे दूसरे दिन पे" प्रीति ने जवाब दिया



"ओके थॅंक्स " कहके समीर ने फोन रख दिया और चैन की नींद सो गया यह सोचे बिना के आने वाले 10 दिन उसकी ज़िंदगी में क्या क्या लाएँगे



रात के करीब 2 बजे 5 ब्लॅक होंडा सिविक गाड़ियाँ. जिनके काँच भी Z ब्लॅक फिल्म्स से ढके हुए थे, और ड्राइवर ने भी काली पोशाक ही पहनी थी.. वॉरली नाके से 5 गाड़ियाँ अपनी बताई हुई दिशा में निकल गयी और जहाँ से उन्हे काम के आदमियों को पिक करना था, वहाँ से उन्हे पिक करके काम की जगह पे ले गयी.. 3 बजके 5 मिनिट.. और सब ने अपना काम शुरू किया.. जो भी एटीएम'स डिसाइड हुए थे, उनमें कॅमरा तो थे, लेकिन वहाँ कोई सेक्यूरिटी गार्ड नहीं था.. जो आदमी काम कर रहे थे, उन्होने बुरखा पहना हुआ था और यह भी ध्यान रखा गया, कि नीचे आदमी के जूते नहीं, लेकिन सॅंडल्ज़ ही हो., ताकि कोई अगर कहीं कुछ देख ले बाइ चान्स, तो उसे यही लगे कि यह काम किसी आदमी का नहीं, बल्कि औरत का है.. 3.. 3.30... करीब 3.45 को सब को एसएमएस आया



"जितना भी कॅश ले लिया है, लेके निकलो बस"
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
सब ने वैसे ही किया और अपनी गाड़ियों में बैठ के वापस वहीं छोड़ दिए गये जहाँ से सब को उठाया गया था.. सब आदमियों को छोड़ के, वो सब गाड़ियाँ करीब 4.30 को दिए गये अड्रेस पे पहुँची. 5 गाड़ियों में से, एक गाड़ी का ड्राइवर निकला और जल्दी से जाके एक दरवाज़ा खोला.. दरवाज़ा खोलके सब को इशारा किया और सब लोग पैसों के बॅग्स लेके वहाँ रखते गये, करीब 6 मीडियम साइज़ के बॅग्स थे, और जाते जाते ज़मीन पे एक मोबाइल भी फेंक दिया.. ड्राइवर ने फिर दरवाज़ा लॉक किया और वापस चले गये... जैसे 5 गाड़ियाँ एक साथ आई थी, वैसे ही चली भी गयी और कहाँ गायब हुई किसी को पता नहीं चला..



"45 मिनट्स में किसी ने क्या लूटा होगा.. प्लान तो 2 घंटे का था ना" शालिनी ने भारत से कहा 


"थोड़ा चेंज है डार्लिंग.. वेट करो, सब पता चल जाएगा" भारत ने शालिनी से कहा और दोनो सो गये...



अगली सुबह, सब कुछ ठीक था.. लेकिन दोपहर आते आते बॅंक पे क़यामत सी आ गयी.. एक के बाद एक 16 कस्टमर्स ने कंप्लेंट की बॅलेन्स के बारे में और सीधा बॅंक पे धाबा बोल दिया... जैसे ही बॅंक के टॉप एग्ज़िक्युटिव्स तक यह एस्कलेशन गया, वैसे ही सभी 16 क्लाइंट्स के साथ मीटिंग फिक्स की गयी.. मीटिंग में काफ़ी देर तक चिल्लम चिल्ली हुई, लेकिन किसी भी क्लाइंट ने पोलीस में जाने की धमकी नही दी.. क्यूँ कि सब काला पैसा था, अगर कोई पोलीस में जाता तो उसको पहले यह बताना पड़ता कि वो पैसा आया कहाँ से.. बॅंक ने जब हिसाब किया तब पता चला 16 क्लाइंट्स का मिलकर कुछ 10 करोड़ जैसा विड्रोल है.. ज़्यादा डीटेल्स मंगवा दी गयी, तभी पता चला कि सभी एक टाइम पे हुआ है... बॅंक ने सभी क्लाइंट्स से कहा कि बॅंक उनकी भरपाई कर देगी 10 दिन में और किसी को कानो कान खबर नहीं होगी.. क्लाइंट्स खुश हुए और निकल गये.. बॅंक के विजिलन्स डिपार्टमेंट को यह केस सौंपा गया, कि यह सब हुआ कैसे.. विजिलन्स डिपार्टमेंट ने अपनी तफ़तीश शुरू की .. एटीएम'स के सीसीटीवी फूटेज देखे गये, उसमे से यह कंक्लूषन निकला के लूटने वाली औरतें थी और बुरखा ढका हुआ था.. बॅंक ने अपने अंदर के पोलीस वालों को इनफॉर्म किया और उनकी मदद ली गयी.. पोलीस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन की, लेकिन कोई मदद नही..एक एटीएम के नज़दीक वाले कॉफी शॉप की कॅमरा में रेकॉर्डिंग देखी तो पता चला कि लूटेरे कार में आए थे.. लेकिन कार का नंबर नहीं था, बस यह पता चला ब्लॅक होंडा सिविक है.. मुंबई में ऐसी कई गाड़ियाँ हैं लेकिन नंबर के साथ.. पोलीस की मुश्किल थी कि कैसे ढूँढा जाए.. पेट्रॉल्लिंग वॅन की मदद ली, लेकिन उस एरिया में पेट्रॉल्लिंग ना के बराबर होने से पोलीस ने उस बात को दबा दिया क्यूँ कि उससे उनकी ही बदनामी होती... पोलीस ने भी निराश होके बॅंक के सामने हार मान ली.. 


बॅंक के विजिलन्स डिपार्टमेंट ने ज़्यादा हाथ पेर मारे तो यह बात निकल के सामने आई कि आरपीसी वालों ने डेबिट कार्ड्स के लिमिट अनलिमिटेड कर दिए थे.. इस सिलसिले में समीर अरोरा से पूछताछ हुई और उसके हर एंप्लायी से बात की गयी.. प्रीति, जिसने सिस्टम में यह चेंजस किए थे, पूछने पर उसने समीर अरोरा का मैल दिखाया था जिसमे उसको ऐसा करने का अप्रूवल दिया गया था जब समीर ने वो मैल देखा, उसकी हवाइयाँ उड़ गयी.. आइटी डिपार्टमेंट ने मैल चेक किया तो पाया गया कि मैल जेन्यूवन है और समीर के वीपीएन से किया गया है.. वीपीएन मतलब वर्चुयल प्राइवेट नेटवर्क.. समीर से बॅंक अपना कांट्रॅक्ट वापस क्यूँ ना ले, इस बात की सफाई माँगी गयी और उसे 5 दिन दिए गये.. समीर टूट चुका था.. समीर को समझ नहीं आया कि वो क्या करे.. इससे उसकी रेप्युटेशन को बहुत बड़ा झटका लगा था.. ऑफीस जाके उसने प्रीति को काफ़ी खरा खोटा सुनाया पर वो ज़्यादा लड़ ना सका, क्यूँ कि प्रीति ने उसे मैल दिखाया और यह कहके बच गयी कि जब उसने कन्फर्मेशन के लिए फोन किया तब उसका फोन आउट ऑफ कवरेज था.. समीर कुछ कहने की हालत में नहीं था. उससे अपनी इज़्ज़त प्यारी थी... दूसरे दिन समीर ने भारत को फोन किया और मिलने के लिए बुलाया.. सब जानते हुए भी भारत अंजान बना रहा और समीर से मिलने पहुँचा



"हाई ड्यूड.. क्या हाल है, " भारत ने अपने ही स्टाइल में कहा



"हाई भारत.. हाउ आर यू" कहके समीर ने कुछ देर तक भारत से इधर उधर की बातें की और फिर मैन बात की.. समीर की सब बातें सुनके, भारत ने हैरान होने का नाटक किया...


"क्या बोल रहे हो समीर... हमारी बॅंक में ऐसा हुआ ?" भारत ने हैरानी भरे स्वर में कहा



"हां भारत, तुम्हे पता नहीं इस बारे में" समीर ने दुखी होके कहा



"देखो ड्यूड.... मैं हूँ सेल्स में, मैं बिज़्नेस लाता हूँ, और कॉर्पोरेट वाले हम ब्रांच वालों को इस सब से दूर रखते हैं.. लेकिन बॅंक भुगत लेगी पैसा, इतनी बड़ी रकम नहीं है बॅंक के लिए... तुमसे थोड़ी लेंगे, तुम्हारे पास तो क्लाइंट फॉर्म्स हैं ना जिनमे उनके सिगनेचर्स हैं, तो फिर किस बात की चिंता है.." भारत ने आसानी से कहा



"पैसा नहीं , इज़्ज़त है मेरी उसका क्या होगा भारत.. प्लीज़ मेरी कोई मदद कर सकते हो तुम तो कुछ करो.. आइअम श्योर आदि के कोई कनेक्षन्स होंगे, अगर तुम आदि से बात करो तो शायद कुछ हो जाए" समीर ने गिडगिडा के भारत से कहा



"चिल्लेक्ष ड्यूड, आइ विल ट्राइ हाँ... आंड अगर मैने कोई मदद की तो याद रखना... तुम्हे भी मेरे काम आना पड़ेगा कभी ना कभी.."



" मुझे सब मंज़ूर है भारत.." समीर ने कहा, और यह सुनके भारत वहाँ से निकला.. उधर बॅंक के वीपी और ईवीपी सब ने अपने दिमाग़ लगाए लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला.. किसी की पहचान निकली टेलिकॉम में, कि एसएमएस क्यूँ नहीं मिले क्लाइंट्स को, लेकिन वहाँ भी निराशा क्यूँ कि फॉर्मल कंप्लेंट के लिए पोलीस एफआइआर चाहिए, और बॅंक पोलीस के पास नहीं जा सकती थी.."



बॅंक का सीनियर वीपी कामदार, परेशान आदमी था.. एक दिन में उससे जो हुआ उसने वो किया लेकिन उसे कुछ हाथ नहीं लगा.. 10 करोड़ रुपीज़ उनके लिए बड़ी रकम नहीं थी लेकिन वो यह जानना चाहते थे कि यह सब हुआ कैसे. थक हार के कामदार अपने 5 बीएचके पेंटहाउस में पहुँचा और अपनी बीवी बच्चो से बात किए बिना अपने कमरे में बंद हो गया.. फ्रेश होके जैसे ही कामदार अपने बेड के पास आया, उसके मोबाइल में एक एसएमएस था
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"मिस्टर कामदार... मुझे पता है पैसा कहाँ है.. यह है अड्रेस, जाके पकड़ लीजिए.. आपका शुभचिंतक"



कामदार ने जैसे ही एसएमएस पढ़ा, उसकी गान्ड फटके हाथ में आ आ गई.. उसे यह समझ नही आया कि यह कौन शक्स है जिसे यह केस पता है, और अगर कोई है ऐसा तो उसे यह कैसे पता कि चोर कौन है.. यह है कौन.. कामदार ने हर चीज़ को अलग अलग आंगल्स से सोचा, करीब रात को 9 बजे उसने फ़ैसला लिया और अपने सीनियर को इसके बारे में बताया.. कुछ देर की चर्चा के बाद कामदार ने अपने पहचान के एसीपी को फोन लगाया और उसे विश्वास में लिया कि जब तक यह खबर सही साबित नहीं होती तब तक यह चीज़ किसी को पता नहीं चलेगी... रात के करीब 10.30 बजे कामदार, उसका सीनियर और वो एसीपी एसएमएस में दिए गये अड्रेस पे पहुँचे.. जैसे ही वहाँ पहुँचे, दरवाज़े पे उन्हे ताला मिला.. पास ही में जाके वो लोग चाबी बनाने वाले को लाए.. ताला खुलते ही कामदार ने बत्ती जलाई तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी.. उसकी आँखों के सामने वो पैसे रखे हुए थे और कुछ नोट्स के सीरियल नंबर की पुष्टि भी की गयी... साथ ही उन्हे दूसरा समान भी मिला जो पोलीस ने अपनी कस्टडी में ले लिया.. जब कामदार ने कहा कि यह बॅंक का पैसा है, तब एसीपी ने अपने आदमी को काम पे लगाया कि यह किसका घर है पता किया जाए... एसीपी ने इधर उधर नज़र दौड़ाई तो उसे एक मोबाइल फोन दिखा.. एसीपी ने फोन लेके ऑन किया और खुद को कॉल किया.. जैसे ही उसके मोबाइल पे नंबर फ्लश हुआ उसने तुरंत अपने दूसरे आदमी को यह पता लगाने के लिए कहा कि नंबर किसका है... 



उधर आदि ने जब भारत से बात की, तो उसने सिर्फ़ भारत के कहने पे कामदार से बात की.. कामदार को पैसा मिल चुका था, लेकिन वो इस बात से हैरान था कि आदि तक बात कैसे गयी



"कम ऑन कामदार.. कॉर्पोरेट में खबर जितनी छुपाओ, उतनी ज़्यादा बाहर निकलती हैं.. अब बताओ, क्या करें.."



"कुछ नहीं आदि.. हम कल बात करेंगे, और हाँ, समीर अरोरा को बोल दो, ही कॅन रिलॅक्स.. बाइ" कहके कंदर ने फोन कट किया



आदि ने भारत को मेसेज दिया और भारत ने भी तुरंत समीर से कहा.. समीर को विश्वास नहीं हुआ कि भारत ने उसे इस धरम अंकट से निकाला है... भारत ने भी आदि से काफ़ी बार शुक्रिया कहा और वहाँ से निकल गया... रात के करीब 1.30 बजे एसीपी का एक आदमी आया और साथ में मकान मालिक को लाया.. मकान मालिक से पूछताछ में पता चला कि वो फ्लॅट में नहीं रहता, और उसने फ्लॅट किराए पे दिया हुआ है... जैसे ही मकान मालिक नाम बताने वाला था, तभी पीछे से एसीपी का दूसरा आदमी आया और उसने मोबाइल ओनर का नाम बताया



"कौन है इसका यूज़र' एसीपी ने कहा



"साहब.. कोई मेहुल करके है" सामने खड़े हवलदार ने कहा



"जी हां साब, यह घर भी मैने मेहुल को ही रेंट पे दिया हुआ है" मकान मालिक ने एसीपी से कहा

अगली सुबह 5 बजे पोलीस मेहुल के घर पहुँची और उसे हिरासत में ले लिया.. पहले तो मेहुल को कुछ समझ नहीं आया कि यह सब क्या हो रहा है, लेकिन जब पोलीस ने उसे सब कुछ बताया, कि कैसे उसके घर से पैसे, मॅग्नेटिक स्ट्रीप स्किम्मिंग मशीन और सिम कार्ड क्लोनिंग मशीन मिली थी तब उसे यह सब खेल समझ आया..



"एसीपी साब, मैं आपको बोल रहा हूँ. यह सब भारत ने मुझे फसाने के लिए किया है..." मेहुल ने एसीपी से कहा जो सामने खड़ा मेहुल की बातें रेकॉर्ड कर रहा था



"यह भारत कौन है.. और क्या करता है यह" एसीपी ने मेहुल से पूछा, जिसका जवाब मेहुल ने एक दम डीटेल में दिया सिर्फ़ निधि वाली स्टोरी को काट के... एसीपी ने भारत को बुलाया पूछताछ के लिए.. जैसे ही राकेश को इस बात की खबर मिली, वो भी अपने वकीलों की फौज को लेके उधर पहुँचा



"मिस्टर भारत... आप इस आदमी को पहचानते हैं" एसीपी ने मेहुल की तरफ इशारा करके कहा



"सॉरी, बट यह कौन है.." भारत ने अपने ग्लासस निकाल के कहा



"देखिए, इन साब का कहना है कि...." और एसीपी ने सब डीटेल्स भारत को बताई जो मेहुल ने उसे दी थी



"हाहहहहाआ.... एसीपी, कोई कुछ भी कहेगा, आप उसे मान लेंगे और किसी को भी यहाँ स्टेट्मेंट के लिए बुला देंगे.. आप जानते हैं मेरे डॅड कौन हैं... और यह सब भी छोड़िए, आपने इस आदमी से इसकी बातों का कोई सबूत माँगा" भारत ने अपने ही अंदाज़ में कहा.. यह वो अंदाज़ था जो उसके कॉलेज में मशहूर था..



"देखिए हमें ऐसी बातों को सीरियस्ली लेना पड़ता है.. और रही सबूत की बात, तो इस आदमी ने कहा है कि इसके मोबाइल पे आपने काफ़ी बार कॉल किया तो हम ने डाटा मँगवाया है टेलिकॉम कंपनी से.. और जिस फ्लॅट में पैसे पाए गये हैं वहाँ पे आपकी मीटिंग्स की रेकॉर्डिंग्स हैं.."एसीपी ने नर्मी से कहा



"देखिए एसीपी साब, यह बंदा जो भी है, आप चाहें तो इसकी बात की तफ़तीश कर लीजिए, और मैं भी देखना चाहूँगा वो रेकॉर्डिंग्स जिनकी यह बात कर रहा है.. कहाँ है वो सब.." भारत ने अपनी जेब से सिगरेट निकालते हुए कहा...
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12-13-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
एसीपी, मेहुल और भारत के साथ मेहुल के उस फ्लॅट में पहुँचा जहाँ पैसा पाया गया था... इतने में राकेश और उसके वकील भी वहाँ आ पहुँचे..



"भारत, यह सब क्या है. यह कौन है, एसीपी, व्हाट्स हॅपनिंग.." राकेश ने आके कहा


"डॅड.. रिलॅक्स, आप आइए मेरे साथ जहाँ ये जनाब ले जाएँगे हम को.." भारत ने राकेश से कहा और मेहुल के साथ सब लोग उपर पहुँचे.. जैसे ही सब उपर पहुँचे, मेहुल ने जल्द से दरवाज़े के उपर की कॅमरा निकाला और एसीपी के हाथ में थमा दी.. जैसे ही एसीपी ने कॅमरा लिया, उसके फोन पे कॉल आया.. उसके आदमी ने कॉल डीटेल्स ला दी थी और उसको पोलीस स्टेशन में आने को कहा..



"मिस्टर भारत, वी आर सॉरी टू रूबल यू, बट आपको और सब को फिर स्टेशन चलना पड़ेगा.. वहाँ सब क्लियर हो जाएगा.. चलिए" कहके एसीपी आगे बढ़ा और भारत और राकेश भी उसके पीछे चल पड़े.. राकेश और भारत अपनी गाड़ी में आए और मेहुल एसीपी के साथ पोलीस जीप में.. जैसे जैसे स्टेशन नज़दीक आ रहा था, मेहुल के चेहरे पे पसीना बढ़ता जा रहा था.. उसके चेहरे से सॉफ दिख रहा था कि उसका दिल भी मान चुका है कि वो फँस गया है... स्टेशन पहुँच के एसीपी ने कॉल डीटेल्स देखी और देखते ही देखते उसकी आँखें बड़ी हो गयी



"देख लिया जनाब आपने, मैने कहा था आपसे यह सब इस लड़के का किया धरा है.." मेहुल ने बड़ी होशयारी में कहा.. मेहुल की बात सुन कर एसीपी ताव में आ गया, और आगे बढ़ के दो चान्टे मेहुल के गालों पे कस दिए



"पागल हो गये हो, इसमे इनका नाम ही नहीं है, और खुद के ही फोन पे अपने दूसरे नंबर से कॅल करते हो. पागल हो क्या.." एसीपी ने चिल्ला के कहा



एसीपी की यह बात सुन जहाँ मेहुल की गान्ड फटी की फटी रह गयी, भारत के चेहरे पे उसकी कातिलाना हसी आ गयी जिसे देख मेहुल समझ गया कि भारत ने जो मोबाइल उसे दिया था वो उसके खुद के नाम पे ही था.. और जो मोबाइल चोरी हुआ वो भी भारत ने ही चोरी करवाया....



"एसीपी साब, आप फूटेज देख लीजिए, आप को उसमे सब दिख जाएगा..." मेहुल ने एसीपी से कहा.. एसीपी ने बिना देरी किए फूटेज प्ले करने के लिए कहा.. 



"मिस्टर भारत, आप नहीं आ रहे फूटेज देखने, " एसीपी ने भारत से कहा



"नहीं एसीपी साब, मुझे फिल्म्स देखने का शौक नहीं है.. आप देखिए, मैं यहीं बैठा हूँ.. आपके बंदे तो है ही, कहीं भागुंगा नहीं.. प्लीज़ कॅरी ऑन .." भारत ने जवाब दिया जिसे सुनके एसीपी , राकेश के साथ आगे बढ़ा.. भारत जानता था उस फुटेज में कुछ नहीं है तभी वो नहीं गया.. राकेश और एसीपी ने एक एक कर सब कुछ देखने की कोशिश की, लेकिन हर टेप ब्लॅंक थी... मेहुल का दिमाग़ फटने की हालत में आ गया था, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कॅमरा कैसे गायब हो सकता है... उसके पास अब कोई सबूत नहीं था अपनी बेगुनाही का... वो रो रो के एसीपी के सामने गिडगिडाने लगा, लेकिन उसे कुछ हाथ नहीं लगा... एसीपी ने मेहुल को हिरासत में लेने का ऑर्डर दिया और राकेश और भारत से मिला



"मिस्टर राकेश... आप जा सकते हैं, भारत 5 मिनट में फ्री हो जाएगा.." एसीपी ने इतमीनान से कहा.


राकेश के जाते ही, एसीपी ने भारत से कहा



"भारत.. एक सवाल जो अब तक मुझे समझ नहीं आ रहा.. इस आदमी ने तुम्हारा नाम ही क्यूँ लिया, किसी और का क्यूँ नहीं... और कोई कॅमरा भी रखवाएगा तो वो बंद क्यूँ रखेगा..." एसीपी ने भारत को आँखें दिखा के कहा...



"हाहहहा.. एसीपी, यह सोचना आप का काम है.. मेरा नहीं... खैर जैसे आपने मेरे डॅड से कहा, 5 मिनट हो गये.. क्या मैं जा सकता हूँ, कामदार भी आपके जवाब की राह देख रहा होगा..." भारत ने अपने ग्लासस पहेन के कहा



"तुम कामदार को कैसे जानते हो..." एसीपी ने चौंक के कहा



"तुम तो यह भी नहीं जानते होगे एसीपी, कि कामदार को मेसेज किसने किया... खैर, यह सब सोचना आप का काम है.. चलिए, मैं निकलता हूँ.." कहके भारत निकला.. कुछ देर में अफीशियल कंप्लेंट फाइल की गयी पोलीस में और मेहुल को 15 दिन की कस्टडी में रखा गया.. जब तक पोलीस ने मनी से सीज़ हटाया, तब तक बॅंक ने बंदोबस्त कर लिया था कि कॅश मॅनेज्मेंट सर्वीसज़ की वॅन में वो पैसा सीधा बॅंक के हेडक्वॉर्टर्स में पहुँचेगा.. जैसे ही सीएमएस की वॅन पोलीस स्टेशन से निकली, थोड़ी दूरी पे जाके एक जंगल में जा रुकी... जंगल में पहुँचते ही वॅन का ड्राइवर और सेक्यूरिटी गार्ड गाड़ी से निकले, और नोट के बॅग्स पीछे आ रही BMW 7 सीरीस में डालने लगा... जैसे ही सब नोट्स पीछे डाले, गाड़ी की खिड़की खुली और ड्राइवर और सेक्यूरिटी गार्ड को 1-1 करोड़ दिए गये..



"याद रहे, तुम यह देश आज ही छोड़ के भागॉगे.. नेपाल जाओ या चाइना, मेरा कोई वास्ता नहीं.. अगर हमारा नाम आया तो याद रखना तुम्हें पाताल से भी ढूँढ निकालेंगे.."



"अरे नहीं मेम्साब.. सीएमएस में हमारे सब काग़ज़ ही नकली हैं जैसे आपने दिए थे.. इतने पैसे से हमारी ज़िंदगी खुश हो जाएगी.." कहके ड्राइवर और सेक्यूरिटी गार्ड को दूसरी गाड़ी में बिठाया गया और उन्हे दूर ले गये.. जैसे ही दूसरी गाड़ी आँखों से ओझल हुई, गाड़ी से एक लड़की उतरी, और एक टाइम बॉम्ब सीएमएस की वॅन के नीचे लगाया और साथ ही साथ 1000-1000 के नकली नोट्स और खाली बेग्स भी रखे गये.. करीब 5 मिनट बाद, एक ज़ोर का ब्लास्ट हुआ और वॅन के परखच्चे उड़ गये.. करीब आधे घंटे बाद यह न्यूज़ टीवी में आ गयी और बॅंक भी हैरान परेशान हो गयी.. कामदार को आख़िर भरपाई करनी ही पड़ी... 



अगले 5 दिन सब शांत हुआ, भारत नॉर्मल ऑफीस में जाता और काम करता.. आदि ने उसको प्रमोशन भी दिलवा दिया और खुद भी प्रमोशन ले लिया... छठे दिन, भारत ने मुन्ना को फोन कर बुलाया, और उसके हिस्से के करीब 2.5 करोड़ उसे दिए.. मुन्ना इतनी रकम देख बौखला गया, लेकिन उसने होश संभाला और वहाँ से पैसे लेके निकल गया.. 



"इसको तुमने दिए 2.5 करोड़, प्रीति को दोगे 2 करोड़.. हुए 4.5 करोड़... तो बाकी के..." शालिनी इससे पहले कि यह वाक्य पूरा करती, पीछे से एक लड़की की आवाज़ आई...



"5 करोड़ मेरे हैं स्वीटहार्ट.. सिर्फ़ मेरे...."



शालिनी ने पीछे पलट के देखा, तो उसे समझ नहीं आया यह क्या चल रहा है...



"कौन हो तुम...." शालिनी ने हैरान होके कहा



"वेलकम निधि... वेलकम, " कहके भारत ने उसे गले लगाया और उसे अपने सामने बिठाया.... शालिनी की तो हवाइयाँ ही उड़ गयी.. उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है.. उसका चेहरा फीका पड़ चुका था, उसने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि वो निधि का सामना करेगी और वो भी ऐसे वक़्त पे....



"बेबी, चिल... यह यहाँ बस अपना हिस्सा लेने आई है और कुछ नहीं.." भारत ने तीनो के लिए ड्रिंक बनाया और सब को ग्लास पकड़ाया



"कैसा हिस्सा भारत.. सब बताओ मुझे" शालिनी बेचैन सी होने लगी



"मैं बताती हूँ.. जिस दिन भारत और तुम लॅंड्स एंड गये थे, उस दिन भारत ने मुझे वहाँ देखा था मेरे हज़्बेंड के साथ.. हां, उस दिन तक भारत को पता नहीं था कि मैं शादी शुदा हूँ... या यूँ कहा जाए कि मेरे अंकल ने मेरी शादी ज़बरदस्ती करवाई थी... भारत ने उस दिन मेरा पीछा किया और मुझे देख लिया.. उस दिन जब मैने देखा कोई मेरा पीछा कर रहा है, पहले तो मैं डरी, लेकिन जब मैने ध्यान से देखा कि यह भारत है, मेरी जान में जान आई... मुझे आज भी यकीन है के भले ही भारत मुझे प्यार नहीं करता, लेकिन जब मुझे इसकी ज़रूरत होगी, वो ज़रूर मेरी मदद करेगा... और वैसा ही हुआ, अगले दिन मैने भारत को फोन कर मिलने के लिए कहा और वो आ गया... मेरे साथ जो हुआ मैने उसे सब बताया और उसने मेरी मदद के लिए हां कहा... मैने बस उसे उस फ्लॅट की ड्यूप्लिकेट चाबी बनवा के दी.. जिस दिन भारत को मैने चाबी दी, मैं मेरे अंकल के साथ बाहर गयी और पीछे भारत ने आके, कॅमरा रीप्लेस किया और मेरे अंकल के डॉक्युमेंट्स ले लिए जिससे उनके नाम का सिम कार्ड खरीदा... इसके बाद क्या हुआ वो सब तुम जानती हो.." निधि ने एक साँस में कहा और अपना ड्रिंक ख़तम किया....



शालिनी को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करे. वो अब भारत पे शक कर रही थी, कि कहीं निधि के लिए वो उसे छोड़ तो नहीं देगा. शालिनी के चेहरे को निधि ने अच्छी तरह पढ़ा, और उसके पास गयी....
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12-13-2018, 02:33 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"शालिनी.. फिकर मत करो, भारत जैसा प्यार करने वाला किसी को नहीं मिल सकता... मेरे नसीब में नहीं था सो मुझे नहीं मिला, पर तुम अब ज़्यादा मत सोचो.. तुमने भारत का विश्वास हासिल किया है, जो कोई छोटी बात नहीं है... अब इसे टूटने मत दो.. और रही मेरी बात, मैं यहाँ से दूर जाने वाली हूँ... मैने ज़िंदगी में ऐसा वक़्त देखा है जिसके बारे में सोच के भी मेरी रूह काँप जाती है.. मेरे अंकल मेरे साथ ऐसा करेंगे मैने सोचा नहीं था, शुरू में मैने उनका साथ दिया था पैसों की वजह से.. लेकिन जब मुझे पता चला उस दिन कि भारत अब तक मेरे बारे में सोचता है, मेरे दिल ने मुझे आवाज़ दी के मैं किसी के साथ ऐसा कैसे कर सकती हूँ...." कहके निधि ने शालिनी और भारत से आख़िरी अलविदा कहा और अपने पैसे लेके वहाँ से दूर चली गयी.. निधि के जाने के बाद एक खामोशी थी भारत और शालिनी के बीच में.. भारत यह सोच रहा था कि कहीं शालिनी उससे दूर ना चली जाए... कुछ देर बाद शालिनी ने भारत से कहा



"प्रीति को 2, इसको 5 और मुन्ना को 2.5... बाकी तुम्हारे पास क्या रहा..." शालिनी ने भारत से कहा



"मुझे तुम मिली ना स्वीटहार्ट.. इससे ज़्यादा और क्या चाहिए..." कहके भारत शालिनी के पास गया और उसे गले लगा लिया... शालिनी भी काफ़ी देर तक उससे अलग नहीं हुई...



"यह 50 लाख में से भी कुछ नहीं बचा, इतने लोगों को पैसे बाँटे, और दूसरे खर्चे.. मुझे 0 मिला है...0" कहके भारत फिर हँसने लगा



"तो फिर हँस क्यूँ रहे हो... कुछ भी नहीं मिला बताओ, तो फिर यह सब किया क्यूँ तुमने..." शालिनी ने भारत से कहा



"मेरे दुश्मन को हमेशा याद रखना चाहिए.. कि मैं दुश्मनी में भले अपना फ़ायदा ना करूँ, लेकिन उसका नुकसान पहले करूँगा..." कहके उसने सुबह का न्यूसपेपर शालिनी को पकड़ाया जिसकी हेडलाइन्स थी




"ए मान अरेस्टेड फॉर ऑपरेटिंग अन एटीएम स्कॅम ऑफ **** बॅंक..." जिसमे मेहुल का फोटो भी था...



कुछ दिनो बाद, प्रीति यूएस चली गयी और अब वो वहाँ आइटी कंपनी में अच्छी ख़ासी पोज़िशन पे जॉब करती है... मुन्ना ने भी सब को हिस्सा दिया और खुद भी कुछ दिनो के लिए अंडरग्राउंड हो गया... निधि, मलेशिया जाके बस गयी.. वहाँ जाके उसने अपना एक बुटीक ओपन किया जिसका नाम रखा "भारत'स"

मेहुल को 20 साल की जैल हुई.... एसीपी ने जब पता लगाया कि कामदार को वो एसएमएस किसने किया, तब पता चला यह नंबर किसी रूबी का है.. ज़्यादा छान बीन करने पे पता चला कि रूबी तो पिछले 6 महीने से यूएस में है... एसीपी ने भी उस केस को बंद कर दिया, क्यूँ कि वो जानता था कि अगर वो कुछ करने भी जाएगा, तो भारत ने उसका सल्यूशन निकाल रखा होगा.....



"लेकिन यह कहानी है भारत की.... भारत अभी भी वहीं है.. मुंबई में... जैसे जैसे भारत जीवन में और करियर में आगे बढ़ेगा, वैसे वैसे बढ़ेगा इस कहानी का रोमांच और भरपूर वासना..."

आज 6 महीने हो चुके हे उस किस्से को.. मेहुल जैल मे सड़ रहा था, उसके वकील ने भी हाथ खड़े कर दिए थे.. भारत ने कहीं कोई सबूत नहीं छोड़ा था, और निधि के गायब होने से भी मेहुल को यकीन हुआ कि निधि भी कहीं ना कहीं भारत के साथ ही थी इन सब में.. रोज़ की तरह मेहुल जैल में सोया हुआ था, कि अचानक उसके शरीर पे किसी का साया पड़ा... आँख घुमा के उसने देखा, तो उसकी आँखों में खून दौड़ने लगा.. मेहुल जल्दी से खड़ा हुआ और जाके सलाखों से हाथ निकाल के सामने खड़े शक्स का कॉलर पकड़ के चिल्लाने लगा....



"हरामज़ादे, तेरी वजह से मैं आज यहाँ हूँ... बाहर निकलते ही मैं तेरी लाश बिछा दूँगा कुत्ते.. मेरी उंगली पकड़ के तू उपर आया और आज मेरा यह हाल कर दिया"



"हाहहहहहहहहहा हा अहहहा... मेहुल, देखो अपने आप को... और मुझे देखो.... इससे एक सीख ले लेना, मज़दूर को खोदना और बाप को चोदना , कभी नहीं सिखाते बेटा.. और रही दुश्मनी की बात, तो यह ले.. यह मेरा फोटो रख तेरे पास, ताकि 20 साल तक तुझे याद रहे मेरी शकल.. ताकि जब तू यहाँ से बाहर निकले, तभी तुझे याद आए किससे दुश्मनी करनी है और किससे नहीं.." कहके भारत वहाँ से निकल गया और मेहुल पीछे चिल्लाता रह गया... 



जैल से निकल के भारत सीधे ऑफीस गया.. भारत आज क्लस्टर हेड बन चुका था.. रीजनल मॅनेजर से टेरिटरी मॅनेजर और फिर क्लस्टर हेड.. कोई छोटी बात नहीं थी.. ऑफीस जाय्न किए हुए 9 महीने और 2 प्रमोशन.. इन 9 महीनो में कंपनी के लिए कम से कम 550 करोड़ का धंधा ला चुका था भारत.. आदि उसका नाम लेते थकता नहीं था.. कुछ दिनो में भारत की शादी की डेट थी शालिनी से.. इसलिए उसके घर पे तो माहॉल एक दम बदला हुआ था, लेकिन भारत के पास इन सब के लिए टाइम नहीं था.. वो बस अपने काम में उलझा रहता था.. किसी को अगर तरक्की जल्दी मिल जाए, तो वो उसे ठीक तरह से संभाल नहीं पाता... लेकिन भारत के लिए इसका मतलब था ताकतवर होने की निशानी... वो इस बॅंक में सबसे ताकतवर आदमी बनना चाहता था.. बॅंक की कोई भी न्यूज़, कोई भी डिपार्टमेंट में क्या चल रहा है क्या नहीं.. कौन नया आया, कौन बाहर गया.. किसकी जगह वो ले सकता है, किसको अपनी जगह पे बिठा सकता है.. भारत हर वक़्त इन चीज़ों की तलाश में रहता था.. वो एक भी मौका नहीं गवाना चाहता था आगे बढ़ने का.. इस बात से शालिनी भी अब परेशान रहने लगी थी.. जैसे जैसे शादी की तारीख नज़दीक आ रही थी, वैसे वैसे इन दोनो में फ़ासले बढ़ने लगे थे.. कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ था, भारत जब भी शालिनी से मिलता तब अच्छी तारह बातें करता, लेकिन शालिनी जानती थी कि भारत बस उसे खुश करने के लिए मिलता है.. पूरा वक़्त वो अपने काम में लगाता था... शादी के 3 दिन पहले की सुबह थी, जब भारत सुबह सुबह अपनी कॅबिन में बैठा बिज़्नेस सम्मरी देख रहा था, तभी उसके खबरी का फोन आया. यह कोई खबरी नहीं है, बस उसका कोई रिपॉर्टी था जो प्रमोशन्स के लिए भारत के तलवे चाटा करता था और उसके इर्द गिर्द घूमता रहता था..
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