RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
और फिर विशाल आरोही पर धम्म से गिर जाता है।
आरोही आज कली से फूल बन चुकी थी और दोनों एक दूजे से लिपटे नींद की आगोश में चले गये।
सुबह 6:00 बजे विशाल की आँख खुलती है, तो आरोही का नंगा जिश्म उसकी बाँहों में लिपटा हुआ था। विशाल सुबह के उजाले में सूरज की किरणों में आरोही का नंगे जिश्म बहुत ही खूबसूरत लग रहा था और विशाल अपने होंठों को आगे बढ़ाकर आरोही के होंठों पर रख देता है और हल्के-हल्के होंठों का रस चूसने लगता है।
आरोही को नींद में अपने होंठों पर गोलेपन का अहसास होने लगता है और फिर एकदम आरोही की नींद भी खुल जाती है, तो देखा की विशाल उसके होंठों को बड़े प्यार से चूस रहा था।
आरोही भी विशाल का प्यार देखकर विशाल का साथ देने लगती है। और जरा मी देर में ही विशाल का लण्ड तनकर खड़ा हो जाता है। आरोही को अपने नगे जिश्म पर लण्ड की चुभन होने लगती है, और आराही की चूत भी गीली हो जाती है।
विशाल आरोही को चूमता चूसता चूचियों तक पहुंच चुका था।
आरोही- "आअहह... अहह... आईईई... इसस्स्स्स ..." करति है।
विशाल आरोही की कमर पकड़कर आरोही को डागी स्टाइल में कर लेता है। जिससे आरोही की गाण्ड एकदम विशाल के लण्ड के सामने आ जाती है, और विशाल अपने लण्ड का हाथ से पकड़कर चूत के छेद से भिड़ा देता है।
आरोही- "आईई... इसस्स्श ह..." करती है
विशाल फिर पीछे से एक धक्का मार देता है, तो लण्ड सनसनाता हआ चूत की गहराई में उत्तरता चला जाता हैं।
आरोही की दर्द भरी सिसकारी निकल जाती है।
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