12-09-2020, 12:37 PM,
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desiaks
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
सुबह राजेश सुमन को स्कूल छोड़ता हुआ कंपनी चला जाता है, और आरोही विशाल के साथ स्कूल पहुँचती है। आराही सोचती है मेट्रो माल कैसे जाये? स्कूल में एक बजे छुट्टी होती हैं, और विशाल भी साथ में है।
विशाल छुट्टी के बाद आरोही की क्लास में पहुँचता हैं मगर आरोही कहीं दिखाई नहीं देती। विशाल मोबाइल निकालकर आरोही को फोन मिलता है- “हेलो आरोही, कहां हो तुम?"
आरोही- भैया मुझे कुछ किताबें लेनी थी। मैं मार्केट से सीधी घर पहुँच जाऊँगी। आप घर चले जाइए।
विशाल- "ठीक है आरोही..' और थोड़ी देर बाद विशाल भी मेट्रो माल पहुँच जाता है।
विशाल को आरोही माल के बाहर खड़ी किसी का इंतेजार करते दिख जाती है। विशाल बाइक आरोही के पास ले जाते हए- "अरे आरोही तुम यहां?"
आरोही विशाल को देखकर सकपका जाती हैं- "वो... भैया, मुझे कुछ शापिंग करनी थी इसलिए मैं यहां आ गई."
विशाल- अरे तो मुझसे बोल देती, मैं ले आता।
आरोही- भैया मुझे कुछ अपना परसानल सामान खरीदना था।
विशाल- "अच्छा चलो फिर बाहर क्यों खड़ी हो, अंदर चलते हैं.." और विशाल बाइक पार्क करके आरोही का हाथ पकड़कर माल में पहुँच जाता है। विशाल आज थोड़ा ज्यादा आरोही से चिपका रहता है।
आरोही की नजरें बार-बार किसी को दरही थी।
विशाल- क्या हुआ आरोही इतना परेशान क्यों हो?
आरोही- नहीं तो भैया।
विशाल- चला आइसक्रीम खाते हैं
माल में एक कपल डान्स कंपिटीशन चल रहा था।
विशाल- आरोही चलो हम भी डान्स करते हैं।
आरोही- भैया ये कपल डान्स है।
विशाल- "तो क्या हुआ, यहां हमें कौन जानता है?" और विशाल आरोही का हाथ पकड़कर स्टेज पर ले जाता है।
फिर दोनों भाई बहन एक दूजे का हाथ पकड़कर कपल्स की तरह डान्स करने लगते हैं। बार-बार आराही की नजरें राज को टूट रही थी। विशाल आरोही के साथ माल में लगभग एक घंटे गुजार देता है। मगर आरोही को राज कही नजर नहीं आता। और फिर विशाल आरोही को लेकर घर आ जाता है।
रात को आरोही राज के साथ आनलाइन चैट करती हैं।
राज- मुझे माल में बुलाकर किसके साथ रंगरलियां मना रही थी?
आरोही- नहीं राज वो मेरा भाई था। तुम माल में मुझे कहीं दिखाई नहीं दिए।
राज- झठ बोलती है। साली रंडी कालगर्ल कोई भाई के गले में झल कर भी डान्स करता है। आज के बाद कभी मुझसे चैटिंग करने की कोशिश मत करना.." और विशाल आफलाइन हो जाता है।
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
थोड़ी देर बाद आरोही नीचे आती है और सब मिलकर नाश्ता करते हैं। आरोही विशाल के साथ बाइक पर बैठ स्कूल के लिए निकल जाती है। रास्ते में आरोही को एक लड़का लड़की बाइक पर एक दूसरे से चिपकते हए नजर आते हैं। उफफ्फ... ये सीन देखकर आरोही भी थोड़ा सा विशाल की तरफ खिसक जाती है। जिससे आरोही की चूचियां विशाल की कमर में च भने लगती हैं। विशाल को आरोही की चूचियों के निप्पल की चुभन अपनी कमर पर महसूस होने लगी, और इस अहसास ने विशाल के लण्ड का फूलने पर मजबूर कर दिया।
विशाल फिर से अपने आपको अनकंफर्टेबल महसूस करने लगा, और तभी आगे एक बेकर आ जाता है। विशाल का सारा ध्यान आरोही की चूचियों पर था। जैसे ही बाइक ब्रेकर पर चढ़ती है विशाल का बैलेंस डगमगा जाता है।
आरोही चिल्ला पड़ती है- "भा स्याः संभालकर.. और आरोही भी खुद को संभालने में हड़बड़ी में विशाल को जार से पकड़ लेती है। मगर आरोही को ये भी मालूम नहीं था की उसका हाथ में इस वक़्त विशाल का लण्ड आ गया था।
विशाल एकदम बेक लगाकर बाइक संभाल लेता है। आराही की पकड़ लण्ड पर बहुत टाइट थी, जिससे विशाल की दर्द भरी सिसकी निकल रही थी। आरोही को भी अब तक ये अहसास हो चुका था की उसके हाथ में क्या पकड़ रखा था, और आरोही एकदम से अपना हाथ पीछे खींच लेती है।
विशाल- "सारी सारी आरोही, वो म-म-मैं बैकर देख नहीं पाया.." हकलाते हुए आरोही से बोलता है।
आरोही- कोई बात नहीं भैया, अब चलो।
विशाल बाइक लेकर स्कूल की तरफ चल दिया।
आरोही पीछे बैठी विशाल के लण्ड का सोच रही थी- "उफफ्फ... कितना बड़ा और मोटा है? आरोही को फा कन्फर्म हो चुका था की विशाल को भी मेरे बारे में ऐसी ही फीलिंग आती है। तभी तो बार-बार खड़ा हो जाता है... और में सोचते हए स्कूल आ जाता है। और दोनों अपनी-अपनी क्लास में चले जाते हैं।
आरोही अब विशाल की तरफ खिंचती जा रही थी, और विशाल के साथ नई-नई शरारते करनी शुरू कर चुकी थी। आज स्कूल से आने के बाद ऊपर अपने गम में बैठी आरोही को एक और शरारत सूझती है।
आरोही जल्दी-जल्दी अपने सारे कपड़े उतार देती है, और बा पैंटी भी निकल देती है। जैसे ही आरोही को शीदियों पर विशाल के आने की आहट होती है, आरोही फौरन बाथरूम में घुस जाती है, और शावर खोलकर ठंडे-ठंडे पानी में नहाने लगती है।
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थोड़ी देर बाद विशाल जैसे ही गम में एंटर होता है, आरोही को आहट से पता चल जाता है। आरोही दरवाजे की झिरी से विशाल को देखने लगती है। विशाल अंदर रूम में जैसे ही बेड के पास आता है, उसकी नजर सीधे-सीधे बिस्तर पर पड़े आरोही के कपड़ों पर पहचती है। विशाल को ये समझते देर नहीं लगी की आरोही बाथरूम में
नहा रही है। तभी विशाल की नजर आरोही के कपड़ों के साथ पिंक कलर की ब्रा पर पड़ती है।
आज तक औरतों के अंडरगार्मेंट्स का पता नहीं था। जाने विशाल के मन क्या आया, और विशाल ने आरोही की ब्रा को हाथ में ले लिया, और ब्रा को हाथ में लेकर उसका मआइना सा करने लगा। विशाल ने आज पहली बार कोई ब्रा हाथ में ली थी।
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12-09-2020, 12:38 PM,
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आज तक औरतों के अंडरगार्मेंट्स का पता नहीं था। जाने विशाल के मन क्या आया, और विशाल ने आरोही की ब्रा को हाथ में ले लिया, और ब्रा को हाथ में लेकर उसका मआइना सा करने लगा। विशाल ने आज पहली बार कोई ब्रा हाथ में ली थी।
आरोही ये सब कुछ बाथरूम के दरवाजे की झिरी से देख रही थी। आरोही के चेहरे पर बड़ी शरारती मुश्कान आ रही थी की कैसे उसके भैया उसकी ब्रा का मुआइना कर रहे हैं।
आरोही सोचती है- "क्या भैया ब्रा को देखकर मेरी चूचियों का साइज नाप रहे हैं?" और में सोचकर खुद-ब-खुद मुश्कुराती जा रही थी। आरोही कुछ सोचते हुए विशाल की पैंट की तरफ देखती है। जो इस वक़्त काफी उभरा हुआ लग रहा था।
फिर आरोही को एक और शरारत सूझती है। वो हाथ में तौलिया पकड़कर धड़ाम से ऐसे दरवाजा खोलती है जैसे उसे पता नहीं था की विशाल रूम में है।
विशाल भी इस आवाज से एकदम हड़बड़ा कर बाथरूम की तरफ देखता है।
उफफ्फ... क्या सीन था दोनों भाई बहन का?
विशाल के हाथ में इस बढ़त आरोही की ब्रा थी। और आरोही एकदम पूरी तरह नंगी विशाल के सामने खड़ी थी। दो पल के लिए दोनों चकित होकर एक दूजे को देख रहे थे। जैसे ही दोनों को होश आता है, विशाल अपने हाथ में पकड़ी ब्रा वापस बेड पर रख देता है, और आराही भी अपने हाथ में पकड़ी तालिया से खुद को कवर करने की नाकाम कोशिश करती है, और जल्दी से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लेती है।
विशाल भी खुद से शर्मिंदा होकर नीचे चला जाता है।
बाथरूम के अंदर मारें खुशी के आरोही का बुरा हाल था, की कैसे अपने भाई को आरोही में अपना नंगा जिश्म दिखाया था।
थोड़ी देर बाद आरोही भी फ्रेश होकर नीचे आती हैं। विशाल साफ पर बैठा अपनी पढ़ाई में लगा हआ था। विशाल की आरोही से नजरें मिलाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी। थोड़ी देर , ही दोनों खामोश रहते हैं।
विशाल- आरोही, आई आम सारी... मुझे मालूम नहीं था की तुम नहा रही हो।
आरोही- "भैया, इसमें आपकी नहीं मेरी गलती है। मुझे रूम का दरवाजा बंद करना चाहिए था... फिर दोनों खामोश हो जाते हैं।
विशाल- आरोही में देखो हमारी एग्जाम लिस्ट आ चुकी है। अब तुम भी अपना सारा ध्यान पढ़ाई में लगा लो।
आरोही- भैया तुम मेरी फिकर मत करो। इस बार मेरे मार्क आपसे ज्यादा ही आयेंगे।
विशाल- अपने आप पर बड़ा कान्फिडेंस है तुझे?
आरोही- जी भैया वो तो हैं। चाय पीओगे भैया?
विशाल- बना ले।
आरोही- "भैया तब तक आप कुरकुरे ले आओ..."
आरोही किचेन में चाय बनाने पहुँचती है, और विशाल बाहर शाप से कुरकुरे ले आता है। दोनों चाय पीते हुए कुरकुरे का आनंद ले रहे थे। आरोही अंदर ही अंदर विशाल को देखकर मुश्कुराये जा रही थी।
आरोही की शरारतें य ही अब विशाल को भी अच्छी लगने लगी थी।
आज सनई का दिन था जाश्ता करते हुए राजेश सुमन से बोलता है- "सुमन मुझं आज कंपनी के काम से देल्ही जाना है मेरा बैग तैयार कर दो.."
सुमन- फिर कब तक आओगे आप?
गजेश- रात में देर हो सकती है। शायद रात को वहीं रुकना पड़ेगा?
सुमन- "मैं भी चलं आपके साथ? मुझे किरण के यहां छोड़ देना..."
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12-09-2020, 12:38 PM,
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आज सनडे का दिन था जाश्ता करते हुए राजेश सुमन से बोलता है- "सुमन मुझं आज कंपनी के काम से देल्ही जाना है मेरा बैग तैयार कर दो.."
सुमन- फिर कब तक आओगे आप?
गजेश- रात में देर हो सकती है। शायद रात को वहीं रुकना पड़ेगा?
सुमन- "मैं भी चलं आपके साथ? मुझे किरण के यहां छोड़ देना..."
किरण सुमन की छोटी बहन है, जो देल्ही में अपने पति और दो बर.चों के साथ रहती है। राजेश भी यही चाहता था की रात में अपनी साली के यहां रूक जाय, और फिर राजेश सुमन को भी साथ चलने को बोल देता है। आरोही बैग पैकिंग करवाने में मम्मी की हेल्प करती हैं।
सुमन- बेटा आराही ठीक से पढ़ाई कर लेना और खाना होटल से मैंगा लेना।
आरोही- मम्मी आप चिंता मत करो, मैं बना लेंगी।
सुमन- "चल ठीक है, अपना ध्यान रखना हम चलते हैं... और राजेश और सुमन दोनों देल्ही के लिए निकल जाते हैं।
11:00 बज चुके थे। विशाल हाल में बैठा अपनी पढ़ाई में लगा हुआ था।
आरोही सोचती हैं इतने में घर की सफाई ही कर लू? और फिर आरोही मम्मी के रूम में पहुँच कर रूम की सफाई में लग जाती है। आरोही बेड की चादर चेंज करने के लिए जैसे ही चादर हटाती है। चादर । एक पैकेट नजर आता है। आरोही के चेहरे पर कंडोम का पैकेट देखकर मुश्कराहट दौड़ जाती है, और आरोही कंडोम का पैकेट उठा लेती है। और फिर आरोही पैकेट पकड़ें विशाल के पास पहुँचती है।
आरोही- भैया, देखना ये पैकेट किस चीज का है? मम्मी के रूम की सफाई करते हुए मिला है।
जैसे ही विशाल की नजर उस पैकेट पर पड़ती है, विशाल एकदम सकपका जाता है। और आगही कडोम का पैकेट विशाल के हाथों में पकड़ाकर वहीं सोफे पर विशाल के बिल्कुल बराबर में बैठ जाती है।
आरोही- भैया बताइए ना ये पैकट किस चीज का है?
विशाल- आरोही ये... पे मैं तुझे नहीं बता सकता।
आराही- भला क्या? ऐसा इस पैकेट में क्या है जो आप मुझे नहीं बता सकते?
विशाल- देख आरोही प्लीज... इसके लिए जिद ना कर। मेरी बात को समझने की कोशिश कर।
आरोही- क्या भैया आप मुझे गोल-गोल घुमा रहें हो। मेरी तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा की तुम कहना क्या चाह रहे हो?
विशाल- आरोही इस पैकेट में जो भी है उसके बारे में मैं तुझसे बात नहीं कर सकता।
आरोही- क्यों भला?
विशाल- ये एक पर्सनल चीज है और इस मामले पर भाई बहन बात नहीं करते।
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