08-02-2019, 12:29 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
फिर वो दो मिनट के लिए रुका और बोला- “डार्लिंग अब बर्दाश्त करना मेरे झटकों को...”
फिर उसने अपने हाथों से मेरी कमर को जोर से फिर पकड़ लिया और मेरी चुदाई करने लगा। अब तनवीर मुझे तूफानी रफ़्तार से चोद रहा था और मुझे अब बहुत मजा आने लगा था। वो मुझे बारौं बेदर्दी से चोद रहा था। लगभग 20 मिनट की चुदाई के बीच में तीन बार फारिघ् हो चुकी थी पर वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था। वो अभी छूटा ही नहीं था।
।
।।।
उसने अपना लण्ड बाहर निकाला और मेरी गाण्ड के छेद पर रख दिया। मैं डर के मारे थर-थर काँपने लगी। गाण्ड में इतना बड़ारा लण्ड तो मैंने ख्वाब में भी कभी नहीं लिया था। मैंने उससे बहुत मिन्नतें की की मेरी गाण्ड को छोड़ दो, लेकिन वो माना नहीं। उसका लण्ड मेरी चूत के पानी से एकदम गीला था। उसने मेरी गाण्ड में अपना लण्ड घुसाना शुरू कर दिया। मैं दर्द से तड़पने लगी लेकिन वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
वो बोला- “अब मैं तम्हारी गाण्ड के छेद को भी खोल देंगा..."
मैं चिल्लाती रही और वो मेरी गाण्ड में अपना लण्ड घुसाता रहा। 5 मिनट की कोशिश के बाद आखिर उसने अपना 9 इंच लंबा और तीन इंच मोटा लण्ड पूरा का पूरा मेरी गाण्ड में घुसा ही दिया। मैं अभी भी चिल्ला रही
थी और रो रही थी लेकिन वो रुक नहीं रहा था और तेजी के साथ अपने लण्ड को मेरी गाण्ड में अंदर बाहर कर रहा था। उसने लगभग 5 मिनट तक मेरी गाण्ड मारी लेकिन वो फिर भी फारिघु नहीं हुआ।
मैंने पूछा- “और कितनी देर चोदोगे मुझे...”
वो बोला- “मेरी उमर 38 साल है। मैंने बहुत चुदाई की है। मेरा दोबारा इतनी जल्दी नहीं छूटने वाला। अभी तो मैंने तुम्हें लगभग एक घंटा 20 मिनट ही चोदा है और अभी लगभग एक घंटे तक और चोदूंगा, तब जाकर मेरे लण्ड से पानी निकलेगा...”
मैं घबरा गई। मैंने कहा- “तुम अब रहने दो, बाद में अपनी हवस पूरी कर लेना...”
वो नहीं माना। उसने अपना लण्ड मेरी गाण्ड से बाहर निकाला और मेरी चूत में घुसा दिया। चूत में लण्ड घुसाने के बाद उसने बहुत तेजी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। 5 मिनट बाद ही उसने मेरी चूत से लण्ड को । निकालकर वापस मेरी गाण्ड में डाल दिया और चोदने लगा। वो इसी तरह हर 5 मिनट के बाद मेरी चूत और गाण्ड की चुदाई करता रहा।
लगभग 10 मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद वो बोला- “मैं अब छूटने वाला हूँ। तुम बताओ की मेरे लण्ड का पानी कहाँ लेना चाहती हो, अपनी चूत में, गाण्ड में या अपने मुँह में..”
मैंने कहा- “तुम मेरी गाण्ड में ही पानी निकाल दो, चूत में तो तुम पहले भी निकल चुके हो..."
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08-02-2019, 12:31 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
04 सोबिया अंकल के साथ
जैसा की आप लोग जानते हैं मेरे हुश्न के चर्चे कहाँ नहीं हैं, चाहे परिवार हो या फिर कालेज, हर जगह मेरी शोहरत है।
मेरा ये हाल है की मैं लड़कों को जानबूझकर अपनी जवानी दिखाती हूँ, बहकाती ती हूँ और खूब मज़ा करती हूँ।
ये मेरा अपनी ओरिजिनल वाकिया है। ये बात है जुलाई के महीने की, मेरी की कजिन की शादी थी जिसमें मुझे भी जाना था, मैं खूब अच्छी तरह तैयार होकर डीसेंट सा मेकप करके जिसमें सेक्सी टच भी था, ब्लैक ड्रेस में । जिसकी कमीज स्लीवलेश थी और डीप गले वाला भी थी और साथ में चूड़ीदार पाजामा, ये सूट पहन के मैं शादी में गई।
वहाँ काफी लागों से मिलना हुआ। उन्हीं में एक 38-40 साल के अंकल भी थे जो की काफी हैंडसम भी थे उनसे मुलाकात हुई, परिचय के दौरान ही मैंने उनसे हाथ भी मिलाया जिससे उनको आइडिया हो गया की मैं एक । माडर्न लड़की हूँ। बात करने से पता चला की वो हमारे दूर के रिलेटिव हैं। मैंने उनसे हाथ मिलाया। बातचीत के दौरान ही नोट कर लिया था की इनका ज्यादातर ध्यान मेरे चेहरे के बजाय थोड़ा नीचे, जहाँ से मेरे 34” साइज की गोल-गोल, गोरी-गोरी चूचियां झाँक रही थी और वो घूर-घूर कर देख रहे थे और मुझे उनका इस तरह देखना कोई नई बात नहीं थी क्योंकी इस तरह तो मुझे सभी देखते हैं। मेरे साथ मेरी एक दो कजिन्स भी थी लेकिन 2-3 मिनट बाद वो इधर उधर हो गईं, और हम तन्हा हो गये।
उन्होंने मोके से पूरा फायदा लेते हुये वो कहने लगे की- “तुम अपनी कजिन्स में सबसे ज्यादा खूबसूरत हो...”
मैंने कहा- “अच्छा..” मैंने शरारत भरे अंदाज में पूछा की- “मुझमें ऐसा क्या अच्छा है उनसे...”
मेरे इस अंदाज से उनके कान्फिडेन्स में इजावा हुआ और मुझसे बिल्कुल ही चिपक गये की उनका एक हाथ मेरे हाथ से छूने लगा, वो कहने लगे की- “तुम्हारी आँखें बहुत गहरी और आकर्षक हैं और तुम्हार होंठ भी बहुत अच्छे हैं इनको देखके ही ये अंदाजा होता है की बहुत मुलायम होंगे...”
अभी वो मजीद कुछ कहते की उनकी वाइफ वहाँ आ गई और हमें घूरने लगी। मैंने तो उनकी कोई परवाह ना की लेकिन अंकल जरा घबरा गये और वो गुस्से से बोली- “आप यहाँ क्या कर रहे हैं और ये लड़की कौन है.. मैं आपका वहाँ वेट कर रही थी...”
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08-02-2019, 12:31 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
अंकल ने कहा की- “ये उनकी बेटी है (यानी मेरे फादर का नाम लिया)
उन्होंने एक नजर मुझपर डाली और बुरा से मुँह बना दिया। लेकिन मैंने सोचा की थोड़ी सी तफरी हो जाय। मैं आंटी के पास गई और उनको “हाय” बोल के हैंड शेक किया और मैंने मजीद उनको गुस्सा दिलाने के लिए उनसे कहा की- “आप बहुत खुशनसीब हैं की आपको अंकल जैसे हैंडसम और अच्छी पर्सनालिटी वाले शोहर मिले हैं...”
वो और गुस्सा हो गई और कहने लगी की- “क्या तुम्हें शर्म नहीं आती अपने से इतनी ज्यादा उमर वाले आदमी के बारे में ऐसी बातें कर रही हो...”
मैंने कहा- “ये तो आप अंकल से ही पूछे.."
(अंकल तो पहले ही साइड में हो गये थे)
मेरी बात सुन के वो बोली- “क्या मतलब..." और फिर बोली- “आजकल तो लड़कियां... हुउऊनह...” और अपने शोहर से कहने लगी- “माँ सब समझती हूँ..." और वो अंकल उनके साथ जाने लगे।
और मैंने अंकल को आँख मार दी और वो भी मुश्कुरा दिए।
मुझे अच्छा खासा मजा आ गया इस तफरीह में। और मैंने सोचा की ये मामला और आगे बढ़ेगा ही। वैसे मैंने आइंदा का भी सोच लिया था की क्या होगा। यकीनन आप भी वोही सोच रहे होंगे।
अंकल ने मोका पाकर मुझसे मेरा नंबर ले लिया ताकी जैसे ही उनको मोका मिले वो मुझसे संपर्क कर लें। तीन चार दिन के बाद अंकल का फोन आया की वो मुझसे मिलना चाहते हैं।
मैंने कहा- “आप मुझे पिक कर लें...”
मैंने हल्का मेकप किया और जिस ड्रेस में थी, उसी में (मैंने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी) जाने के लिए तैयार हो गई। आलमोस्ट 45 मिनट में अंकल ने मुझे पिक किया और मैंने कहा की अंकल किसी शापिंग माल चलें, मुझे शापिंग करनी है। 12:00 का टाइम था। प्रोग्राम ये डिसाइड हआ की शापिंग के बाद लंच फिर अंकल के घर। क्योंकी 2-3 दिनों के लिए उनकी वाइफ और बच्चे आउट आफ सिटी थे।
थोड़ी देर बाद हम शापिंग सेंटर में एंटर हो रही थे। अंकल ने पूछा- “क्या कुछ लेना है?"
मैंने कहा की- “काफी चीजें..."
और उन्होंने मुश्कुराकर पूछा- “क्या क्या?”
मैंने भी सोचा की शर्म कैसी, मैंने एक दो टी-शर्ट, जीन्स, और अंडरगार्मेंट्स और साथ में मुश्कुरा दी। अंकल कहने लगे की तुम खूबसूरत होने के साथ-साथ बेबाक भी हो, मुझे यही चीज बहुत पसन्द है। फिर हम एक वेस्टर्न ड्रेसेस की दुकान में एंटर हुये। सेल्समैन हम दोनों को हैरत से देख रहा था, क्योंकी हमारी उमर में काफी फर्क था। मैंने अपने लिए दो टी-शर्ट ली और दो जीन्स भी जो मैंने बारी-बारी ट्राइ भी की रूम में। मैंने ब्रा नहीं पहना था इसलिए मेरी रसीली चूचियां टी-शर्ट में बहुत ही टाइट हो गई थी और निपल्स नुकीले हो रहे थे।
अंकल की आँखों में चमक थी और सेल्समैन भी मुझे खूब ताड़ रहा था।
फिर अंकल ने पूछा की- “और कुछ भी लाना है यहां से?”
मैंने कहा- “नहीं अंकल...”
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08-02-2019, 12:31 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मेरे मुँह से अंकल का लफ्ज़ सुनकरर सेल्समैन के चहरे पर अजीब से भाव आ गये। अंकल भी पूरे शौकीन ही थे। कहने लगे की एक ड्रेस मेरी पसन्द का भी ले लो और यही तुम अभी ट्रायल रूम में जाकर पहन लेना।
मैंने कहा- “ठीक है..” अंकल ने सेल्समैन से एक ब्लू रंग की टी-शर्ट निकलवाई, जिसको देखके ही मुझे अंदाजा हो गया था की ये मेरे बेल्ली बटन को भी नहीं छुपा पाएगी और साथ में वो लो कट भी थी और यकीनन बहुत टाइट भी होगी, और फिर मेरी वेस्ट की साइज की एक ब्लैक कैप्री जो की वाकई ही बहुत छोटी थी। मेरे घुटनों से जरा नीची तक ही और मुझे कोई ऐतराज ना था क्योंकी मैं इस ही किस्म की कैप्री पसन्द करती हूँ। वैसे तो हमारे यहाँ लड़कियां ऐसी कैप्री को बहुत कम ही पहनती हैं मगर मेरी शुमार उन 5-10% लड़कियों में होती है।
जो ऐसी कैप्री पसन्द करती हैं।
खैर, मैं ट्रायल रूम में गई और कैप्री चेंज करके आई। मेरा आइडिया ठीक था, टी-शर्ट मेरी बेल्ली बटन से भी उँची थी और मेरी चूचियों की कर्व लाइन साफ नजर आ रही थी। अगर मैं थोड़ा झुकती तो मेरी आधी नंगी चूचियां भी आसनी से नजर आ जातीं और कैप्री भी घुटनों तक ही थी अंकल समेत वहां जितने भी मर्द थे सब की भूखी नजरें मेरी तरफ थी और यकीनन उनके लण्ड भी खड़े हो गये होंगे। अंकल मुझे देखके मुश्कुराये और फिर अंकल ने पेमेंट की जब तक मैं दुकान पर रही सब अपने-अपने काम छोड़कर मुझे ही ताड़ते रहे और मैं उनकी नजरों से मजे लेते रही।
फिर हमारा रुख उस दुकान की तरफ था जहाँ पर अंडरगार्मेंट्स मिलती हैं। अंकल ने कहा की मैं ही तुम्हें अपनी मर्जी का खरीदवाता हूँ और मैंने कहा ओके।
अंकल ने मेरा साइज पूछा और मैंने बता दिया की 34सी और चूतड़ों का 36” यहाँ भी सब हमें देखके हैरान हुये। और उस वक़्त उस दुकानदार के हैरत की इंतहा ना रही, जब अंकल ने कहा की 3-4 34सी की डिजाइन दिखाओ। दुकानदार ने पहले मुझे देखा और फिर अंकल की तरफ।
अंकल ने कहा- “सुना नहीं क्या?”
उसने जल्दी से 2-3 सिंपल डिजाइन दिखा दिये। अंकल ने कहा की ऐसे नहीं कुछ सेक्सी स्टाइल्स के। वो शायद नया-नया आया था इसलिए कुछ घबराया हुआ था। इतनी में एक दूसरा दुकानदार आया और कहने लगा की। आप मुझे बतायें। उसके चेहरे पर एक शरारत भरी मुश्कुराहट थी और अंकल ने फिर से अपनी बात दोहरा कर दी। उसने 4-5 तरह के डिजाइन दिखाये और साथ में कहने लगा की मेरे जिश्म पर सारे ही बहुत अच्छे लगेंगे। ये बात सुनकर मैं हँस पड़ी और उसके भी दाँत निकल पड़े, लेकिन शयद अंकल को उसका फ्री होना अच्छा ना लगा।
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08-02-2019, 12:32 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मैंने ब्लैक, पर्पल और सफेद कलर की नेट की ब्रा पसन्द की और दो नेट की पैंटीस मैचिंग की और एक थोंग (पैंटी) ली। थोंग के लिए मुझे उससे थोड़ा एक्सप्लेन करना पड़ा और थोंग देखके अंकल भी खुश हो गये। वहाँ पेमेंट की तो उस वक़्त 2:30 बज गये थे और मुझे अभी अपने लिए फुटवेयर लेने थे, मैंने अंकल से पूछा की। आपको कुछ नहीं लेना तो उन्होंने कहा की नहीं। फिर हमने डिसाइड किया की पहले लंच किया जाए फिर बाकी शापिंग।
यहाँ भी यही हाल की सब मेरी तरफ मुतवजा और उन लोगों को बड़ा मसला था जिनके साथ कोई लड़की या आंटी होती। जाहिर है मोका पाकर ही मेरी तरफ देखते। मैं बहुत मज़ा कर रही थी ये सब का। अंकल मेरे सामने ही बैठे थे और कहने लगे की तुम मेरी रानी हो, मेरी मलिका हो, तुम वाकयी ही बहुत हसीन, बहुत ही सेक्सी। हो। मेरा बस चले तो तुम्हें खा ही जाऊँ और मैं हँस पड़ी और मैंने कहा की अंकल आप भी कम नहीं हैं, आपने भी क्या छांट के कैप्री दीलायी हैं। सभी मुझे देखके पागल हो रहे हैं और वो हँसते हुये कहने लगे की अगर तुम किसी और देश में होती तो मैं तुम्हें मिनी स्कर्ट्स और टाप में ही रखता हर समय। और मैंने अंकल को बताया की मुझे खुद भी बहुत शोक है मगर यहाँ कहाँ पहन सकते हैं।
इसके बाद हमने जूते खरीदे और घर की तरफ चल पड़े। घर पहुँचे तो 4:00 बज रहे थे। मैंने अंकल से कहा की मैं थोड़ा थक गई हैं, जरा आराम करना चाहती हूँ। अंकल ने कहा की हाँ आराम तो मैं भी करूंगा और ये कहती हुये वो मुझे अपने बेडरूम में ले गये, और कहने लगे की यहाँ बेड पर आराम करो और मुझसे पूछा की अगर मैं भी यहाँ लेट जाऊँ तो तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं?
मैं मुश्कुराई और कहा की- “मुझे कोई ऐतराज तो नहीं है लेकिन मैं इस वक़्त आराम ही करना चाहती हूँ...”
मेरी ये बात सुनकर अंकल थोड़े शर्मिंदा से हुये और कहने लगे की- “मेरा मतलब वो नही था... खैर मैं दूसरे कमरे में लेट जाता हूँ...”
मैंने उनका हाथ पकड़के कहा की जैसे आपकी मर्जी। अंकल मुश्कुरा दिए और मेरे दोनों गालों पर किस करके चले गये। एक घंटे बाद अंकल ने मुझे जगाया और मैं फ्रेश होने चली गई और फिर मैंने अंकल से चाय (टी) की फरमाइश कर दी और अंकल दो कप्स में चाय लेकर आ गये। चाय हमने बेडरूम में ही पी। चाय से फ्री हुये तो आलमोस्ट 6:00 बज रहे थे।
अब अंकल की बेकारारी बढ़ती जा रही थी और सच तो ये है की बेचैन मैं खुद भी थी। अंकल बिल्कुल मुझसे । चिपक के बैठ गये थे। अंकल पहले ही मेरे कंधों पर हाथ रख चुके थे और उन्होंने अपनी ग्रिप टाइट कर ली थी और अब मेरा चेहरा उन्हीं की तरफ था। उनकी सांसें बहुत गरम थीं। वो मेरी आँखों में देखते हुये कहने लगे की मैं आज अपने आपको बहुत खुशनसीब महसूस कर रहा हूँ। तुम्हारा हुश्न नाकाबिले बर्दाश्त है। आज मैं तुमसे खेलना चाहता हूँ। क्या तुम मेरा साथ दोगी?
मैंने कहा- “हाँ अंकल, मैं आपके साथ हूँ। आप बहुत अच्छे हैं। मैं आपको पूरी तरह खुश कर देंगी...”
उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे चेहरे को अपनी जबान से चाटने लगे। उनकी जबान गालों पर और माथे पर चल रही थी। फिर उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया। मैंने भी पूरा जवाब दिया उनके फ्रेंच किस का, तीन मिनट के बाद हमारी जबाने एक दूसरे की जबानों को छू रही थी और एक दूसरे को खींच रही थीं। मैंने अंकल को बता दिया की मुझे पूरी तरह बहकने के बाद ही मजा आता है इसलिए उन्होंने मुझे बहकाने की पूरी प्लानिंग कर ली थी। मेरी जबान को छोड़कर अब वो मेरी गर्दन चाट रहे थे और और फिर वो धीरे से मेरी चूचियों पर आ गये और ऊपर से दबाने लगे।
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