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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.जमील और रागिनी दोनों ने हमें देखा, तो मैं मुस्कुराया और कहा, "मेरा तो हो गया जमील, अब तुम रंजिता को ले जा सकते हो, रात भर के लिए अब तुम्हारी है, जैसे चोदो।" रागिनी ने अब कहा, "इनको तो अभी सानिया की फ़िक्र हो रही है, कि पता नहीं कैसी होगी वहाँ, क्या बीत रही होगी उस पर।" मैंने मस्ती से कहा, "अब फ़िक्र छोड़ यार, और मस्ती कर। यहाँ हम सब मस्ती के लिए हीं आएँ हैं, सानिया लकी है कि उसको नए-नए अनुभव करने का मौका मिला। रागिनी कौल-गर्ल कहलाती है पर आज तक किसी गोरे से नहीं चुदी, और सानिया को देख क्या किस्मत है साली की, कि घर का माल होने के बावजूद उसे एक-दो नहीं तीन-तीन गोरे के साथ मस्ती करने का मौका मिला। अब उसकी फ़िक्र छोड़, मस्त हो कर चुद रही होगी वहाँ और तू साले यहाँ मुँह बनाए बैठा है।" जमील अब बोला, "यार बाबू, एक बार उस्को रिंग करके पूछ न, सब ठीक है कि नहीं, कोई तकलीफ़ तो नहीं है उसे?" मैंने भी सोचा कि चलो देख लेते हैं साली का क्या हाल है, सो मैंने उसे कौल कर दिया। ६-७ रिंग बाद उसकी थोड़ी साँस फ़ुली हुई सी आवाज आई-"हाँ चाचू बोलो...।" मैं कहा-"अरे तेरे अब्बू तेरा हाल जानने के लिए बेचैन हैं?", और मैंने फ़ोन का स्पीकर औन कर दिया।उसे तो मस्ती चढ़ी हुई थी, उसे लगा कि उसका बाप उसकी चुदाई के बारे में जानना चाहता है (उसके बारे में नहीं), सो वह चहक कर बोली, "बहुत मजा आ रहा है चाचू, अभी तक तो किसी ने मुझे चोदा भी नहीं है. पर चुस-चाट कर बेदम कर दिया हैं इस साअले गोरों ने। अभी तो पुरी तरह नंगी भी मैं नहीं हुई हूँ। मेरे बदन पर से सिर्फ़ पैन्टी ही उतारी है इन हरामियों ने और बारी-बारे से मेरी चूत चुस रहे हैं, आउच....अभी साले ने मेरे चूत की चमड़ी को हल्के से दाँत से काट लिया, साला मादरचोद...अब्बू आप फ़िक्र मत करो। अब आ गयी हूँ तो पुरा मस्ती करुँगी, फ़िर पता नहीं ऐसा मौका मिले ना मिले। अभी जो प्लान है कि तीनों बारी-बारी से मेरी चुदाई करेंगे और फ़िर मुझे सोने के लिए छॊड़ देंगे। फ़िर रात में तीनों साथ मिल कर मुझे चोदेंगे। सच बहुत मजा आएगा। बाद में आऊँगी तब सब बताऊँगी सुबह।" इसके बाद उसके हाँफ़ने की आवाज आने लगी, तो मैंने फ़ोन बंद कर दिया।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
जमील यह सब सुन कर एक ठंडी साँस भर कर कहा, "खैर अब तो उसकी मर्जी। जब तक कि सेक्स का मजा न मिला हो तब तक तो रोका जा सकता है, पर अगर एक बार सेक्स का मजा मिल गया, वो भी इस तरह तो फ़िर किसी को रोका नहीं जा सकता। म्झे तो अब यह डर है कि जब इसकी अम्मी तो यह सब पता चलेगा फ़िर क्या होगा?" मैंने हँसते हुए कहा, "यार इस डर का सिर्फ़ एक ही हल है, किसी तरह भाभी जी को भी एक बार सानिया के साथ भिरा दो। जैसे सानिया ने तुम्हें सीधा कर लिया वैसे हीं वो भाभी जी से भी निपट लेगी। तेरी बेटी अब चूत के मजा के लिए सब कर लेगी, तू परेशान न हो। अभी सिर्फ़ रंजिता की जवान खुश्बूदार चूत के बारे में सोच, कि कैसे इसकी रात भर बैन्ड बजाएगा। ५-७ बार से ज्यादा नहीं चुदी, मेरे से चुदाते हुए कराह दी थी यह बच्ची। इसकी तो आज तक झाँट भी नहीं छिली है। वियाग्रा लेगा क्या?" जमील की आँख में चमक आई, "तू लाया है क्या?" मैंने जेब से निकाल कर एक गोली दी, "ले साले तू भी क्या याद करेगा, अब जा बैन्ड बजा साली की। साले बेटी से कम उम्र की बच्ची को वियाग्रा खा कर चोदते हुए कुछ नहीं लगता और आज जब बेटी तीन गोरों से अपने तीनों छेद को (चूत, मुँह और गांड़) लन्ड से खुदवाने वाली है तो उसकी फ़िक्र में गान्ड़ फ़ट रही है। अब कल देखना अपनी बेटी का नंगा बदन तब पता चलेगा कि कैसे तीनों ने अपना पैसा वसूल किया है उस छिनाल को चोद कर। साली बहुत खुशी-खुशी गयी है रंडीपना दिखाने, अब पता चलेगा कि असल में रंडी को पेल कर कैसे पाई-पाई वसूला जाता है मर्दों के द्वारा।" जमील भी अब थोड़ा बेफ़िक्र हो कर कहा, ’हाँ यार, अब जब साली खुद रंडी बनना पसंद की है तो चुदे साली, मैं क्यों फ़िक्र करूँ।इसके बाद हम सब पास में ही इधर-उधर घुमने निकल गए। रंजिता लोकल थी, सो वो ही गाईड भी बनी हुई थी। हमने दिन का लंच साथ में पैक करा कर रख लिया था। एक जगह सुनसान में मैंने रागिनी को चोदा। वो पहली बार खुली हवा में बादल और सूरज के नीचे चुदी, खुब मस्त हो कर चुदी। जमील को मैंने कहा कि वो भी रंजिता को एक बार चोद ले, पर उसने मना कर दिया कि वो रात में हीं रंजिता कि चूत लेगा, अभी लेने से रात में वो बासी हो जाएगी। तब रागिनी में उसे कहा कि वो चाहे तो उसे चोद ले, पर जमील का मूड शायद नहीं था, या शायद वो अभी भी सानिया के बारे में सोच थोड़ी दुविधा में था। हमने उसे यो हीं छोड़ दिया।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
फ़िर हम एक फ़िल्म की मैटिनी शो देखने चले गए। शाम को करीब ७.३० में वापस कौटेज में आए और तब मैंने ही कहा कि एक बार सानिया से पूछता हूँ कि क्या सब हुआ, कैसा रहा दिन। फ़ोन मिला कर मैंने स्पीकर औन कर दिया। सानिया ने जो बताया, सब सुन रहे थे। उसने कहा कि करीब १ बजे तक तीनों ने उसे बारी-बारी से चोदा। हरेक ने अलग-अलग उसके बेड पर उसे मसला और कुल मिला कर लगातार करीब तीन घंटे उसे अपना बदन उन सब को सौंपना पड़ा। फ़िर सब लंच करके दिन में सो गए। अभी करीब आधे घंटे पहले हीं वो उठी है, और अब आज रात को सब मिल कर एक साथ उसके साथ सेक्स करेंगे। उन लोगों ने उसे कहा है कि वो भारी खाना न खाए, आज रात वो उसकी जम कर चुदाई करेंगे और गाँड़ भी मारेंगे। जमील अब बोला-"नहीं बेटा, यह मत करने देना, तुम्हें तकलीफ़ होगी, अभी बच्ची हो तुम।" अब सानिया सीधे अपने अब्बू से बोली-"अब्बू आप अब मुझे बच्ची कहना बंद कीजिए, इत्ना देख रहे है आप मुझे, खुद भी चोदे और आपको अभी तक मैं जवान नहीं दिख रही। वैसे भी, मैं इन लोगों से कुछ के लिए ना नहीं कहने वाली। ये सब सेक्स में एक्सपर्ट हैं, पता है सिर्फ़ मेरी चूत को चाट चूस कर इन लोगों ने मुझे दो बार मजा दिया। मेरे सामने एक ने अपनी गर्लफ़्रेन्ड की गांड़ मारी, पर इसके पहले सिर्फ़ गांड़ चाट चाट कर उसका ढ़ीला कर दिया और बड़े प्यार से उसमें घुसा दिया, लगा जैसे ये तो कई तकलीफ़ की बात हीं नहीं है।" जमील बोला-"पर बेटा, ये सब..."। सानिया-’बस अब्बू अब रहने दो, अच्छा न है, तुम्हारे लिए। तुमसे तो अपनी बेटी की गांड़ मारी नहीं जाएगी, सो अगर ये लोग मेरी गांड़ मार-मार कर उसे थोड़ा खोल देंगे तो तुम्हें भी आसानी होगी, मेरी गांड़ मारने में। ठीक है, अब कल सुबह बात करना, फ़िर बताऊँगी सब।", और फ़ोन कट गया।मुझे समझ आ गया कि सानिया ने अच्छी ऐक्टिंग की और ऐसे जताया कि उसकी गांड़ कोरी है, जबकि मुझे और रागिनी को पता है कि मैं उसकी गांड़ में पहले ही अपना लन्ड पेल चुका हूँ। साला बेवकूफ़ जमील अभी तक यह अंदाजा नहीं लगा पाया था कि उसकी बेटी की सील मैंने हीं खोला वर्ना वो समझ जाता कि मेरे जैसा गांडू उसकी ऐसी मस्त बेटी की गांड़ को कुँवारी तो आज तक नहीं हीं रहने देता। सच, मुझे अब उसकी बेवकूफ़ी पर तरस आ रहा था। मेरे दिमाग में तभी एक बात आई कि अब जब उसकी बेटी को रंडी बनाने का काम पूरा हो गया तो अब क्यों नहीं उसकी मस्त बीवी को एक बार शीशे में उतारा जाए। मैं अब लगातार इसी लाईन पर सोंच रहा था। जमील की बेटी सानिया एक दम एकहरे-छरहरे बदन की लौन्डिया थी तो उसकी बीवी दोहरे बदन की पूरी खीली हुई औरत। उसकी चूची भी बड़ी-बड़ी थी ३८ साईज की और उसकी कमर पर दो रेखाएँ भी बनी थी उसकी चूची की भार की वजह से। माँ भी बेटी जैसी हीं गोरी-चिट्टी थी। पर मस्ती उसमें कितनी थी, पता नहीं। सानिया की मस्ती हीं उसे जल्द हीं मेरी राह पर ले आई, पर उसकी अम्मी...., मैं यही सब सोच रहा था।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
खैर रात का खाना वाना खाने के बाद जमील ने वियाग्रा खा लिया, और बोला-"बाबू, आज रंजिता का गांड़ भी मारूँगा। जब वहाँ सानिया की गाँड़ वे लोग मारेंगे हीं तो यहाँ जो मिली है उसकी गाँड़ क्यों छोड़ दूँ?" रागिने ने अब चुटकी ली-"अंकल, वहाँ तो दीदी को इसका पैसा मिला है, यहाँ यह बेचारी तो फ़्री में मिली है आपको।" जमील भी अब धीरे-धीरे बदल रहा था, "फ़्री में नहीं मिली है ये लौन्डिया, मेरी बेटी वहाँ जा कर उन विदेशियों से चुदा रही है, इसके एवज में मैनेजर इसे यहाँ लाया है।" मैंने अब बात को लपका और अब तक की सबसे गंदी बात कह गया, "हाँ यार जामील, साले बेटीचोद, तुम इस हरामजादी रंजिता से पूरा पैसा वसूलो आज। तेरी बेटी तो वहाँ अपने बूर और गाँड़ में गोरे-गोरे लन्ड पेलवा-पेलवा कर लौन्डिया की कीमत चुका रही है। अब अगर तुम साली को पूरा नहीं निचोड़े को लानत है तुम पर की तेरी बेटी को तो सब चोदें और तू किसी की बेटी को ठीक से ना निचोड़े तो। समझ ले कि इस रंजिता को अल्लाह ने तेरे लिए हीं भेजा है, साली को फ़ाड़ देना आज। और वियाग्रा है मेरे पास अगर एक और लेना हो तो...।" जमील ने नहीं में सर हिलाया और फ़िर रंजिता को अपनी गोदी में खींच लिया और हमें बोला की अब हम वहाँ से हट जाएँ। मैने भी रागिनी का हाथ पकड़ा और फ़िर बगल के रूम में चला गया।बिस्तर पर आने के बाद रागिनी अपने कपड़े खोलने लगी। वो बहुत हीं मुग्ध हो कर मुझे नंगा होते हुए देख रही थी। फ़िर वो बोली-"आज आप भी एक वियाग्रा खा लीजिए न अंकल। सच्ची, आप सब की बात से मुझे लग रहा है कि आज की रात मेरे लिए भी अनोखी हो तो मजा आ जाए।" यह सुन मैंने भी एक गोली खाली ली, और सोच लिया की साली रागिनी की बूर और गांड़ दोनों जब तक पड़पड़ाने नहीं लगेगी, उस छिनाल को नहीं छोड़ूँगा। जल्दी हीं मैं उस साली के उपर था और हरामजादी को भरपुर गालियाँ देते हुए चोद रहा था। शुरुआत मैंने उसको हरामजादी कह कर किया और फ़िर जल्द हीं रंडी, कुतिया, बप्चोदी, भाईचोदी, भोसड़ीवाली छिनाल, रंडी और न जाने क्या-क्या कह रहा था। वो मेरे जोए के धक्के खा रही थी और कराह रही थी। तभी बगल की रूम से लगा की रंजिता को जमील खुब जोर से चोद रहा है क्योंकि उसकी कराह्ट में रागिनी की कराहट वाली बात नहीं थी, उसे शायद दर्द हो रहा था। मैं रागिने पर से उतर गया, और बाहर की तरफ़ झांका, तो जो देखा रागिनी को इशारा किया कि वो भी देखे। जमील उसे पलट कर उसके गाँड़ में अपना लन्ड ठाँशने की कोशिश कर रहा था, और बेचारी की कोरी गाँड़ उस मादरचोद जमील का काला मोटा लंड भीतर ले नहीं पा रही थी।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
रागिनी ने मुझे तब कहा कि मैं जरा उसकी गाँड़ को खोद दूँ जिससे वो थोड़ी ढ़ीली हो सके।रंजिता अब बोली, "ये साहब तो मेरी बिना ढ़ीली किए ही भीतर घुसा रहे थे, बहुत दर्द हो रहा था दीदी।"जमील बोला-"चुप कर अब साली रंडी, नखरे ना कर। रंडी बन कर चुदने आई है तो चुप-चाप चुद और फ़ूट ले हरामजादी।"मैंने अब जमील को कहा, "क्या यार, अब इस पर क्यों झल्ला रहे हो? बेचारी अभी नई है, धीरे-धीरे सब सीख जाएगी। तेरी बेटी भी धीरे-धीरे हीं सब सीखी है। अब देख वो वहाँ तीन के साथ चुदा रही है और खुब खुश है, और ये बेचारी एक तेरे जैसे मर्द को नहीं झेल पाई।"मैं अब तक रागिनी की गाँड़ में ऊँगली भीतर-बाहर कर के उसकी गांड़ को मस्त बना चुका था।वो अपना गांड़ को बिल्कुल ढ़ीला कर दी थी और मैं अब अपने दो ऊँगली थुक से गीली करके डाल कर उसे और लूज कर दिया तो वोबोली, "आ जाओ जमील अंकल आप अब मैं तैयार हूँ।"जमील ने बिना देर किए अपना लन्ड रागिनी की गाँड़ में पेल दिया। रागिनी एक बार दर्द से कराही और फ़िर अपने होठ भींच लिए।रंजिता देख रही थी कि कैसे सब भीतर गया। जब पूरा छः ईंच लन्ड भीतर घुस गया तो जमील अब उसकी गांड़ मारने लगा हौले-हौले।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. मैंने रंजिता को धीरे से कहा, "देख लिया कैसे मर्द लोग चोदते है एक लौन्डिया को। लड़की को सिर्फ़ मर्दों से बूर हीं नहीं चुदाना पड़ता, उन्हें मर्दों से गाँड़ भी मरवानी पड़ती है।इसकी खुद की बेटी आज बगलवाले कौटेज में तीन-तीन मर्दों के साथ सोई है। साली को आज पहली बार उसकी तीनों छेद में पेला जाएगा। इसीलिए ये साला जमील यहाँ लौन्डिया की गाँड़ मार कर अपना गम कम कर रहा है। साला एक दम मादरचोद, बेटीचोद हरामी है।"रंजिता अब सब समझी और उसकी आँख आश्चर्य से फ़ट गई, "क्या सच इनकी अपनी बेटी..."।मैंने कहा, "हाँ, साला मेरा दोस्त है। ये जितना चपन्डुक है, इसकी बेटी उतना हीं बड़ा माल। साली जब पूरे कपड़े में होती है तब भी मर्दों के लन्ड से पानी निकाल देती है। उसे मैं आराम से चोद सकूँ, इसलिए मैंने उसे इस मादरचोद से बी चुदावा दिया।अब जब साला खुद अपनी बेटी को चोद चुका है तब कैसे उसको दुसरों से चुदाने से मना करे। सो अब ये मादर-चोद ऐसे हीं अपनी खीज निकालता रहता है।तुम फ़िक्र छॊड़ो और आओ एक बार मेरे से चुदा लो। मैं तुम्हें प्यार से चोद कर तुम्हारी जवानी का पूरा मजा दुँगा।"वो अब रागिनी की तरफ़ ईशारा करके बोली-"यह कौन है, आपकी बेटी?"मैं हंस पड़ा-"नहीं ये एक रंडी है, बहुत ही प्यारी रंडी पर अब मेरे साथ अंकल और भतीजी का रिश्ता है।"और मैंने उसे अपनी गोद में खींच कर उसके होठ चुसने शुरु कर दिए और जल्द हीं वो भी गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. फ़िर तो उस रात रंजिता एक बार मुझसे और दो बार जमील से बूर में चुदी।रागिनी की एक बार गाँड़ जमील ने मारी और फ़िर दो बार वो मेरे से अपने बोर्र में चुदी।अंत में रंजिता भी सब देख कर जोश में आ गई और बोली कि एक बार मेरी भी गांड़ मार दीजिए आप।मैंने उसे समझाया, "गाँड़ मार दीजिए नहीं गाँड़ माए लीजिए कहो। लड़की देती है और मर्दलोग लेते हैं। मैं तुम्हारी चूत लेता हूँ, तुम अपना चूत देती हो। मैं गाँड़ मारता हूँ, तुम गाँड़ मरवाती हो। मैं तुम्हें चोदता हूँ, तुम चुदवाती हो। लड़की चोदती नहीं चुदाती है। जैसे हिन्दीं में आप और तुम दो शब्द है और अंग्रेजी में सिर्फ़ यू, उसी तरह हिन्दी में चुदना और चुदाना दो शब्द है जबकि अंग्रेजी में सिर्फ़ फ़क। अब कुछ समझ में आया।"रागिनी हंस दी, "अंकल आप तो पूरा क्लास हीं लगा के बैठ गए। बेचारी अब तड़प रही है तो एक बार उसकी गांड़ भी अपने लन्ड से खुजला दीजिए।मैं तो अब थक गई हूँ, बस अब बैठ कर देखुँगी सब।"मैंने कहा-"अरे ये बेचारी जब रंडी हीं बन रही है तो कुछ ठीक से बोलना सीख लेगी तो ज्यादा पैसा मिलेगा। आओ रंडी पास आ कर कुतिया बन, फ़िर तेरी गाँड़ को गीला और ढ़ीला करके उसको मारुँगा।"रंजिता भी पास आ कर जैसे रागिनी अपना गाँड़ मरवाते समय पलट कर रेडी हुई थी वैसे ही वो भी हो गई, तो मैं हौले-हौले उसके गाँड़ अपनी बीच वाली ऊँगली से खोदने लगा।जल्द ही मैंने समझ लिया कि क्यों बेचारी जमील से गाँड़ मरवाते समय तड़प रही थी। असल में जैसे हीं मैं उसकी गाँड़ में अपनी ऊँगली घुसाने की कोशिश करता वो अपना गाँड़ का चेद सिकोड़ लेती।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
बस मैंने उसको समझाया कि कैसे उसे रीलैक्स करना है। वो अच्छी स्टुडेन्ट थी, जल्दी ही सीख गई और फ़िर कुछ ही समय में वो मेरी दो ऊंगली भीतर घुसवा ली। फ़िर मैंने उससे कहा कि अब वो जब समझ गई कि कैसे अपना गाँड़ उसे खोलना है कि लन्ड भीतर घुस सके, तो अब वो मेरे लन्ड को चुस कर टनटना दे जिससे उसके छोटे से गांड़ में वो घुस कर उसके इस छेद की भी चुदाई कर सके।रंजिता खुशी-खुशी मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले कर चुसने लगी।जल्द हीं मेरा लन्ड फ़नफ़ना गया और नये बिल में घुसने के लिए फ़ुँफ़कारने लगा। मैंने हल्के हाथों से रंजिता को पलट दिया। वो सब समझ कर सही पोज में आ गई, और मैंने उसकी गाँड़ पर ढ़ेर सारा थुक लपेसा और अपना लन्ड उसकी कोरी गाँड़ की छेद पर भिरा कर धीरे-धीरे दबाने लगा।मेरा सुपाड़ा भीतर चला गया, रंजिता का बदन हल्के से कांपा था, शायद दर्द से।मैंने उसकी पतली कमर को अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया था और फ़िर अपना लन्ड बाहर खींच लिया।। वो फ़िर कांपी, उसे पता चल गया कि मैं क्या कर रहा हूँ। ऐसे ही तीन बार मैंने अपना सुपाड़ा उसकी गाँड़ में पेला और खींचा, और फ़िर चौथी बार मैंने अपना सुपाड़ा भीतर किया तो रंजिता की गांड़ को मेरे लन्ड के सुपाड़े की आदत पर गयी थी सो इस बार उसका बदन नहीं के बरा बर कांपा।मैंने यह सब महसूस किया और इस बार उसकी कमर को पुरे से जकड़ कर जोर से लन्ड भीतर ठांस दिया। वो दर्द से बीलबीलाने लगी पर मैंने बिना रुके अपन लन्ड करीब ६" भीतर ठांस दिया।उसकी आंखो से आंसू निकल गए, रागिनी के चेहरे से रंजिता के दर्द का अंदाजा मुझे हो रहा था पर मेरे जैसे हरामी को लौन्डिया के दर्द से कुछ होना तो था नहीं जब माल खुद अपनी मर्जी से अपनी गांड़ फ़ड़वा रही थी तो।सो मैं पूरी बेदर्दी से उसकी गाँड़ में लन्ड भीतर बाह्र करके उसकी कुँवारी गांद का लुत्फ़ उठाने लगा। जल्दी हीं उसे भी मजा आने लगा तो वो भी साथ देने लगी।
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RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. लौन्डिया की यही मस्ती वो चीज है जिसकी वजह से मैं किसी भी लौन्डिया को चोदते समय उसके दर्द की परवाह नहीं करता। मुझे पता है कि लड़की जैसे हीं १३-१४ की उमर के करीब होती है, वो कैसा भी लन्ड अपने भीतर डलवा सकती है। उसके बदन की बनावट हीं ऐसी है। यहाँ तो यह कुतिया कम से कम १८ की जरुर थी। सो जल्द हीं मस्ती पा मस्त हो गई और फ़िर मजे ले कर अपना गाँड़ मरवाई।करीब १४-१५ मिनट की चुदाई या कहिए गांड़ मराई के बाद मैं उसकी गांड़ में हीं झड़ गया, और जब अपना लन्ड बाहर खींचा तो तो अपने गांड़ के छेद को भींची और तब उसकी गांद में से मेरा सफ़ेद माल बाहर बह निकला।साली के गांड़ का उदघाटन हो चुका था। रात के करीब १२ बज चुके थे, सो हम सब अब सो गए। सोते समय दिमाग में एक बात थी कि सानिया साली का क्या हो रहा है वहाँ, सोचा कि चलो सुबह सब पता चल जाएगा।सुबह सबसे पहले रागिनी की आँख खुली।उसने जब खिड़की का पर्दा हटाया तो रोशनी से हम सब जग गए। सब ऐसे हीं नंग-धड़ग सो गए थे।रंजिता उठी तो अपने हाथ से अपने बूर को कवर करते हुए उठी और बोली, बाप रे बहुत देर हो गया,अब घर जा कर जल्दी-जल्दी सब काम करना होगा। उसको अभी अपने छोटे भाई बहन को खाना बना कर ९ बजे तक स्कूल भेजना था।पता चला कि उसकी माँ नहीं है और बाप शराबी है। उसका बाप एक बोतल विदेशी शराब के बदले उसे रात भर के लिए मैनेजर के साथ भेजा था।ऐसा आज तीसरी बार हुआ था। रंजिता ने बताया कि उसको अब २००० रू० मिलेगा मैनेजर से, तो मुझे दया आ गई और मैंने उसे २००० और दिए, और अपने शेविंग किट से बोरोलिन दिया की वो उसे अपने गांद के छेद पर लगाया करे। मैंने देखा कि कल कि गाँड़ मराई के चक्कर में उसकी गाँड़ के छेद के फ़ोल्ड्स थोड़ा छिल गए थे। मैंने उसके गांड़ के छेद पर पहली बार अपने हाथ से बोरोलिन लगाया। साली इतना प्यार पा कर पिघल गयी, पर हम सब ने उसे विदा कर दिया। तभी जमील के फ़ोन पर सानिया का फ़ोन आया
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