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RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
बाजी की आँखों से आंसू निकलने लगे जो मैंने गिरने से पहले ही थाम लिए और कहा- मेरी जान रो ना बाजी.. आप प्लीज़.. आपके आंसू मुझसे नहीं देखे जाते।
मैंने बाजी के आंसू साफ कर दिए, मैंने बाजी से कहा- अब इजाजत दें.. तो आपको आज मैं फिर से अपनी बीवी बना लूँ?
बाजी ने कहा- हाँ वसीम प्लीज़ मुझे अपनी बीवी बना लो..
बाजी ने कहा- मुझे आज अपना बना लो वसीम..
और बाजी की ‘हाँ’ मिलते ही मैंने बाजी माथे पर किस की और बाजी का दुपट्टा उतार दिया।
मैंने बाजी के गाल पर किस की और इसी के साथ बाजी के इयर रिंग्स उतार दिए। ये वही इयर रिंग्स थे.. जो कि मैं बाजी के लिए लेकर आया था।
अब मैंने बाजी के कान के नज़दीक जाकर कहा- थैंक्स बाजी.. आपने मेरे लिए मेरी दी हुई चीजें पहनी हैं..
मैं बाजी के कान को चूसने लगा और कान को चूसते हुए मैं बाजी की गर्दन पर आ गया और बाजी को प्यार करने लगा।
चूमने के साथ ही मैंने पीछे से बाजी की कमीज की ज़िप खोल दी और बाजी को कहा- बाजू उठाओ..
बाजी ने बाजू उठा दिए और मैंने बाजी की कमीज को ऊपर उठा कर उतार दी।
कमीज के अन्दर का नजारा देखा तो पाया कि बाजी ने मेरी दी हुई ब्रा पहनी हुई थी.. जिसे देख कर एक बार फिर मुझे बहुत खुशी हुई।
अब मैंने बाजी के निचले कपड़े को खोला और खींच कर बाजी की टाँगों से अलग कर दिया।
अब बाजी मेरे सामने बस ब्रा और पैन्टी में थीं।
मैंने बाजी को एक नज़र ऊपर से नीचे तक देखा और कहा- बाजी आप बेहद खूबसूरत हो.. आपका जिस्म बहुत ही प्यारा है.. आज एक अजीब सी कशिश है आप में.. जो मुझे आपका दीवाना बना रही है। आज मैं आपके जिस्म में समा जाना चाहता हूँ.. बाजी आपको आज मैं जी भर के चोदूँगा.. और जी भर के प्यार करूँगा। बाजी आप किसी और की मत होना.. बस मेरी ही रहना।
तो बाजी ने कहा- मैं बस तुम्हारी हूँ वसीम.. सिर्फ़ तुम्हारी..
फिर मैंने भर कर बाजी के होंठों पर किस की और पीछे हो गया.. तो बाजी ने मुझे नजदीक खींच कर मेरे सर से पकड़ा और कहा- वसीम क्यों तड़फा रहे हो मुझे..
उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए.. और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।
वो अपने हाथों को मेरे सर में फेरने लगीं और ज़ोर से मेरे मुँह को अपने मुँह में घुसाने की कोशिश करने लगीं।
इस अचानक हुए हमले से मेरे होश भी गुम हो गए और मैंने बाजी को बांहों में भर लिया, मैं पूरे जोश से उन्हें किस करने लगा।
बाजी ने आज लिपस्टिक लगाई हुई थी जिससे किस करने का और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने इतने ज़ोर से किस की कि बाजी से सम्भला नहीं गया और वो ऐसे ही तकिए के ऊपर जा गिरीं।
उनके साथ ही मैं भी बाजी के ऊपर गिर गया.. पर हमने किसिंग नहीं रोकी और पूरे जोश से हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे।
कुछ मिनट बाद बाजी ने मेरे सर को बालों से पकड़ कर उठाया और कहा- वसीम अपने कपड़े जल्दी उतारो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
यह कहते हुए वे खुद ही जल्दी से मेरे कपड़े उतारने लगीं.. पर जल्दी में बाजी ने बटन खोलने की बजाए ज़ोर लगा के खींचा तो सारे बटन टूट गए। उन्होंने इससे बेपरवाह होते हुए मेरी शर्ट उतार कर दूर फेंक दी और जल्दी से मेरी बेल्ट खोल कर मेरी पैन्ट भी उतार दी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और बाजी ब्रा और पैन्टी में थीं।
मैंने जल्दी से बाजी की ब्रा का हुक खोला तो बाजी के वो मम्मे.. जो मैं रोज चूसा करता था.. उछल कर मेरे सामने आ गए।
मैंने बिना देर किए ही बाजी को फिर से लिटा दिया और बाजी के मम्मों को चूसने लगा।
मैं बेसब्री से बाजी के निपल्स को चूसने लगा।
बाजी मादक सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आह्ह.. जोऊररर.. से चूसो.. वसीम और ज़ूओररर सेई..आह्ह.. वसीम आज अपनी बहन को अपनी बीवी का दरजा दे दो वसीम.. और ज़ूओर.. से चूसो.. आह्ह.. यस.. दूसरे को भी चूसोऊ..’
यह कहते हुए बाजी ने मेरा सर उठा कर दूसरे चूचे पर रख दिया और मैं बाजी के दूसरे निप्पल को सक करने लगा।
बाजी मादक आहें भरती जा रही थीं।
‘आआअहह.. वसीम तुम मेरी जान हो.. वसीम.. आह्ह.. अपनी बहन को आज सब खुशियाँ दे दो.. और जोर्रर.. से सक करो.. आआअहह.. उफ्फ़..’
बाजी की चूत
मैं उनके मम्मों को चूसता हुआ नीचे आने लगा और बाजी की बेली को चूसने लगा और पेट पर चूसते-चूसते मैंने बाजी की पैन्टी उतार दी।
अब मैं उनकी चूत को देखने लगा और एकदम से मैंने बाजी की चूत पर अपना मुँह रख दिया और जोर-जोर से चूत चूसने लगा।
मेरे एकदम से चूत पर मुँह रख कर चूसने से बाजी के मुँह से बेइख्तियार सिसकारी निकली- ऊऊऊहह.. कमीने.. चूस..ले..
बाजी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख कर दबाने लगीं, उन्होंने मस्ती में अपनी आँखें बंद करके सर को पीछे तकिए पर रख दिया।
अब वे अपनी चुदास को अपने ‘आहों’ के जरिए खारिज कर रही थीं।
‘आह्ह.. वसीम.. जोओररर्र से.. आहह.. ऊओह.. शिट आआह..ह वसीम ज़ुबान अन्दर तक डालो प्लीज़.. आआअहह और ज़ोरर्र से चूसो..’
मैंने चूसते हुए ही अपनी ज़ुबान बाजी की चूत में दाखिल कर दी और चूत के अन्दर ही हिलने लगा।
बाजी और जोर से मेरे सर के बालों को खींचने लगीं और कहने लगीं ‘वसीम अन्दर तक करो.. और अन्दर.. आआहह.. अम्मीई.. आअहह.. ऊओह वसीम.. शिट.. मैं गई वसीम..’
बाजी का जिस्म अकड़ने लगा और साथ ही बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो कि सीधा मेरे मुँह में आने लगा।
मैं भी बाजी का सारा पानी पी गया और बाजी की चूत चाट कर साफ कर दी।
चूत चूसने और चाटने के बाद मैंने सर ऊपर उठाया तो बाजी ने कहा- वसीम आज का दिन मुझे सारी ज़िंदगी याद रहेगा।
बाजी ने मेरे होंठों पर चूमना शुरू कर दिया और एक मिनट बाद कहा- अपने लण्ड का नज़ारा नहीं करवाओगे.. देखो कैसे तम्बू बना हुआ है।
मैंने कहा- इसे खुद ही बाहर निकाल लो।
बाजी ने मेरा लंड चूसा
बाजी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा अंडरवियर उतारा और लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं, बाजी के हाथ बहुत तेज़ी से चल रहे थे।
मैं बिस्तर पर वहीं पीछे की तरफ लेट गया और आँखें बंद करके बाजी के हाथों का स्पर्श अपने लण्ड पर महसूस करने लगा।
तभी अचानक मुझे याद आया कि मैं तो टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट भी लाया हुआ हूँ और क्यों ना कैमरा भी ऑन कर लिया जाए.. तो मैंने बाजी को कहा- बाजी एक मिनट रूको..
बाजी ने लण्ड पकड़े हुए कहा- नहीं वसीम प्लीज़ मत उठो.. मैं इसे नहीं छोड़ना चाहती हूँ।
पर मैंने बाजी से कहा- बस एक मिनट बाजी..
मैं बिना उनकी ‘हाँ’ के जल्दी से उठ गया और मैंने भाग कर टेबलेट निकाली और पानी से खा गया। बाजी ने मुझे टेबलेट खाते हुए देख लिया था।
तभी मैंने कैमरा भी साइड टेबल की दराज से निकाला और उसको भी सैट करके लगा दिया।
बाजी ने कहा- वसीम किन कामों में लगे हो.. और तुमने खाया क्या है?
मैंने बाजी को किस करते हुए कहा- बाजी, टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट खाई है इससे मैं आपको ज्यादा देर तक चोद सकूँगा और आपको भी पूरी संतुष्टि होगी।
बाजी ने मुझे पीछे को धक्का दिया और कहा- तुम बस लेट जाओ..
वो एकदम दीवानों की तरह मेरा लण्ड चूसने लगीं, बाजी बहुत तेजी से मेरा लण्ड चूस रही थीं।
मैं भी मज़े में बाजी के सर को अपने हाथों से ऊपर-नीचे कर रहा था और कभी-कभी उनके मुँह के अन्दर अपने लौड़े को पूरा घुसेड़ते हुए बाजी के सर को भी नीचे को दबा देता था जिससे मेरा लण्ड बाजी के हलक तक चला जाता था.. और फिर मैं एकदम से बाजी के सर को छोड़ देता।
ऐसा करने से बाजी की साँसें तेज हो जाती थीं और बाजी फिर से लण्ड को चूसने लग जातीं।
इस तरह बाजी ने मेरे लण्ड को एक दफ़ा अपने मुँह में सांस के साथ खींचा.. जिससे मुझे इतना मज़ा आया कि मैंने अपने चूतड़ों को ऊपर उठाया और बाजी के मुँह में ही झड़ने लगा।
झड़ते समय मैंने ऊपर से बाजी के सर को दबा दिया.. जिससे सारा पानी बाजी के गले में उतरने लगा और बाजी ने वो सारा अपनी पी लिया।
जब मैंने बाजी का सर छोड़ा तो बाजी एकदम पीछे को गिर गईं और बिस्तर पर लेट गईं।
वो कहने लगीं- ऊऊहह उउफफ्फ़ वसीम.. क्या लण्ड है तुम्हारा.. मुझे लगता है ये मेरी जान ले कर छोड़ेगा।
अब मैं सीधा होकर बाजी के ऊपर लेट गया और बाजी को किस करने लगा।
मैंने बाजी की चूत चाटी
बाजी ने कहा- वसीम, मेरी चूत में आग लगी है।
मैंने किसिंग छोड़ कर बाजी की चूत को को चूसना शुरू कर दिया.. जिससे बाजी ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और साथ ही वे तेज़ी से सिसकारी भरने लगीं।
‘ऊऊहह वसीम.. आआहह ऊऊहह.. चूसो और तेज़ी से चूसो.. बहनचोद हो ना तुम.. अपनी बहन की चूत को खा जाओ वसीम.. आआहह उफफ्फ़.. अम्मीई..’
इतना कहने के साथ ही बाजी ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मैंने वो सारा पानी अपनी ज़ुबान से चाट लिया और एक साइड में होकर लेट गया।
बाजी ने मुझे उठाया और कहा- ऐसे मेरी आग नहीं बुझने वाली.. अब तुमने चिंगारी लगा दी है.. अब आग भी पूरी ठंडी भी करो ना.. डालो ना अपना लण्ड.. मेरी चूत में.. मुझे जल्दी से चोद दो।
मैंने कहा- जरूर बाजी.. पर पहले अपने इसको तो खड़ा करो।
मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा..
तो बाजी ने कहा- तुमने तो टेबलेट खाई थी.. उसका असर तो हुआ नहीं.. ये क्यों छूट गया?
मैंने कहा- बाजी टेबलेट का असर खाने के आधे घन्टे बाद होता है.. अभी इसको उठाओ.. फिर मैं आपकी चूत की आग को ठंडा करूँगा।
झट से बाजी ने मेरे लण्ड पर मुँह रखा और तेज़ी से लण्ड को चूसने लगीं। बाजी के लण्ड चूसने में इतना जोश था कि एक मिनट बाद ही मेरा लण्ड तन कर अकड़ गया।
खड़ा लौड़ा देख कर बाजी ने कहा- चलो उठो.. अब डालो ना मेरी चूत में.. क्यों तड़फा रहे हो।
बाजी का यही जुनून था.. जो उस दिन भी बाजी पर चढ़ा था और बाजी ने खुद ही मेरे लण्ड को चूत में ले लिया था।
मैंने कहा- अच्छा बाबा.. लो डाल देता हूँ..
मैंने उठ कर बाजी को सीधा लेटाया.. बाजी की कमर के नीचे तकिया रखा और बाजी की एक टांग मैंने अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को हाथ में पकड़ा और बाजी की चूत पर रगड़ने लगा।
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RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैंने बाजी को बिस्तर पर लेटाया और एक साइड से पीछे खुद लेट कर मैंने एक ही झटके में अपना फौलादी लण्ड बाजी की चूत में डाल दिया.. और धक्के मारने लगा।
इस तरह से बाजी काफ़ी मज़े से चुदवा रही थीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम इस स्टाइल में ही चोदते रहो.. इस तरह बहुत मज़ा आ रहा है।
तो मैंने उसी तरह बाजी को तेज़ी से चोदना जारी रखा।
बाजी मस्ती में आहें भर रही थीं- अहह.. वसीम अब तेज़ करो.. स्पीड को बढ़ा दो.. प्लीज़ और तेज़ करो.. आआहह ऊहह.. वसीम मैं फिर गई..’
तो मैंने कहा- बाजी अब मैं भी झड़ने लगा हूँ।
हम दोनों एक साथ ही झड़ने लगे।
इस दफ़ा बाजी की चूत ने फिर से बहुत सारा पानी छोड़ा और मेरा लण्ड भी बाजी की चूत में ही फारिग हो गया।
हम दोनों वहीं वैसे ही पड़े रहे।
कुछ देर बाद बाजी ने मुझसे कहा- वसीम अभी हमारे पास बहुत दिन हैं.. तो अब सो जाते हैं.. ताकि कल फिर जम कर चुदाई कर सकें।
मैंने कहा- ठीक है बाजी, सो जाते हैं।
बाजी ने कपड़े पहने और मुझे एक लंबी किस करके नीचे चली गईं।
बाजी के नीचे जाने के बाद मैंने कैमरा की रिकॉर्डिंग बंद की और मैं भी ऐसे ही सो गया। जब सुबह उठा तो हिम्मत जवाब दे रही थी। किसी तरह मैं नहा-धो कर नीचे गया तो अब्बू सामने बैठे थे।
उन्होंने कहा- मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा था.. ये लो चाभियाँ.. और तेरी बाजी यूनिवर्सिटी चली गई है.. वो भी साथ में चाभियाँ ले गई है.. तुम भी ले जाओ।
मैंने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया।
कॉलेज से वापसी में मैं दुकान पर नहीं गया.. सीधा ही घर आ गया और जब मैं घर पहुँचा तो देख कर परेशान हो गया कि अम्मी वगैरह सब वापिस आ गए हुए हैं।
मैंने दुआ-सलाम की और सीधा अपने कमरे में आ गया।
मैं ज़ुबैर को डांटने लगा- तुमसे एक काम नहीं ठीक से होता।
वो कुछ बोलता इससे पहले बाजी कमरे में आ गईं और मजे लेकर कहने लगीं- इसका कोई कसूर नहीं है.. वो जिसका पता करने अम्मी ने जाना था.. वो किसी डॉक्टर को दिखाने दूसरे सिटी चला गया है.. इसलिए अम्मी आ गई हैं। अब जब वो आएगा तब वे दोबारा जाएंगी।
बाजी ने मुझे होंठों पर किस की और कान में कहा- आज रात को मुझे दो लण्ड चाहिए.. मेरी चूत बहुत आग से मचल रही है।
मैंने कहा- मेरी जान मिल जाएंगे..
आज बाजी को ज़ुबैर का लण्ड भी खाना था।
बाजी ने मुझे किस की और नीचे चली गईं।
भाई को बाजी की चूत चुदाई की वीडियो दिखाई
मैं नहा-धो कर कपड़े बदले और बिस्तर पर बैठा ही था कि ज़ुबैर ने मुझसे पूछा- बाजी मान गईं क्या?
तो मैंने कहा- अब मुझसे क्या पूछते हो.. एक काम तो तुमसे ठीक से होता नहीं है और बाजी के मानने की पड़ी है।
ज़ुबैर कहने लगा- भाई, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं.. अब वो लोग ही डॉक्टर के पास चले गए हैं.. तो मैं क्या करता.. इसी वजह से सारा काम खराब हो गया है। आप गुस्सा क्यों करते हो.. मैं जानबूझ कर थोड़ी अम्मी को वापिस लाया हूँ।
यह कह कर ज़ुबैर मुझे मनाने लगा.. तो मैंने कहा- अच्छा ठीक है.. अब आराम से बैठ जाओ।
उसने फिर कुछ देर रुक कर दोबारा पूछा- भाई बाजी मान गई हैं ना?
तो मैंने कहा- तुमने देख ही लिया है.. तो फिर पूछ क्यों रहे हो?
वो बोला- फिर बताओ ना.. कैसे मनाया बाजी को आपने.. और बाजी इतनी खुश क्यों हैं.. और वो बदली-बदली सी लग रही हैं.. अब तो वो हँसती और खुश रहतीं हैं। मैं जब से आया हूँ.. तब से देख रहा हूँ।
तो मैंने कहा- लगता है तुमको सब बताना ही पड़ेगा.. बिना बताए तुम्हारे पल्ले कुछ भी पड़ने वाला नहीं है।
ज़ुबैर मेरी तरफ देखने लगा।
‘अच्छा.. अब ध्यान से सुनो..’
मैंने ज़ुबैर को सब कुछ बताया जो उस पहली रात को हमारे सोने के बाद हुआ था और कैसे बाजी ने मुझे नीचे जा कर चोदा था और उसके बाद जो हमने किया था।
मैंने उसे ये भी बताया कि मुझे बाजी ने अपनो शौहर बना लिया है और अब वो मेरी ही रहेंगी और हमेशा मुझसे चुदवाएंगी.. मेरे साथ रहेंगी। हम दोनों ने कल ही सुहागरात मनाई है। मैंने कल रात को बाजी को दुल्हन बना कर दो बार चोदा है।
ज़ुबैर मेरी बातें सुन कर चौंक कर बोला- ऐसा नहीं हो सकता.. बाजी तो आपको अपनी चूत में लण्ड नहीं डालने देती थीं.. तो चुदवा कैसे लिया.. मुझे यकीन नहीं आ रहा है।
मैंने कहा- मेरे पास सबूत भी है।
उठ कर मैंने दराज़ से कैमरा निकाला और जो मैंने बाजी की वीडियो बनाई थी.. वो चला कर उसे दिखाई। ज़ुबैर आँखें फाड़-फाड़ कर उसे देखे जा रहा था।
मैंने कहा- क्यों जनाब अब यकीन आया कि नहीं?
तो उसने कहा- भाई ये तो सच में आप बाजी को चोद रहे हो और बाजी कितने जोश और मज़े से चुदवा रही हैं।
मैंने कहा- बस मैंने कहा था ना.. कि देखते जाओ मैं क्या-क्या करता हूँ… और तुमको कहाँ-कहाँ की सैर करवाता हूँ।
ज़ुबैर ने कहा- हाँ भाई.. आपने तो वाकयी बाजी को चोद दिया है.. आपको तो बहुत मज़ा आया होगा।
मैंने कहा- यार बाजी को खुदा ने बहुत गरम बनाया है.. बाजी में बहुत आग है.. और वो अब हमें ही निकालनी है.. पर आराम-आराम से.. एकदम नहीं।
तो ज़ुबैर ने कहा- भाई फिर बाजी को चोदने की मेरी बारी कब है या बाजी आपकी बीवी बन गई हैं.. तो मेरा नम्बर खत्म कर दिया बाजी ने?
तो मैंने कहा- नहीं यार.. तुम्हारी बारी भी है और अभी हमारे साथ तुम भी शामिल हो और आज रात को बाजी आएंगी और हम तीनों जम कर चुदाई करेंगे। अब बाजी अब खुद आया करेंगी कि मेरी चूत मारो।
ज़ुबैर ने खुश होकर कहा- वाह ये ठीक हुआ है भाई.. अब मज़ा आएगा। फिर तो आज रात को बाजी की चूत में मैं भी अपना लण्ड डालूंगा।
ज़ुबैर अपने लण्ड को सहलाने लगा।
मैं उठा और नीचे चला गया।
अम्मी अपने कमरे में आराम कर रही थीं और हनी भी अपने रूम में थी, बाजी किचन में खाना बना रही थीं।
बाजी और मेरा प्यार
मैं बाजी के पास गया और बाजी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और प्यार करने लगा। बाजी ने आह भरी ‘आअहह..’ और मुझे पीछे को धक्का दे दिया।
वे मुड़ कर मुझे देखने लगीं, बाजी ने कहा- वसीम तुम बहुत बेशरम हो.. कोई आ गया तो?
मैंने कहा- बाजी कोई नहीं आएगा और बीवी को तो किसी भी वक्त प्यार कर सकते हैं।
बाजी ने कहा- वो तो ठीक है.. पर मैं रिस्क नहीं लेना चाहती.. अगर अम्मी को शक भी हो गया तो हमारा रात का सिलसिला सब खराब हो जाएगा।
ये कह कर बाजी ने मुझसे कहा- इधर आओ मेरे पास..
मैं आगे बढ़ा.. तो बाजी ने ज़ोर से मेरे गाल खींचे कहा- एक मिनट यहीं रूको।
बाजी ने फ्रिज से एक जग निकाला.. जिसमें दूध था, उन्होंने मुझे जग दिया और कहा- वसीम ये लो.. इस सारे दूध को पी जाओ।
तो मैंने कहा- बाजी इतना दूध में कैसे पिऊँगा?
बाजी ने कहा- मुझे तुम्हें कमज़ोर नहीं करना है.. इसलिए तुम्हें ये पीना ही पड़ेगा.. मेरी खुशी के लिए तुम इतना भी नहीं कर सकते?
मैंने कहा- बाजी आपके लिए जान भी हाज़िर है.. माँग कर तो देखो।
बाजी ने कहा- जान तुम्हारे अन्दर ही रहे.. मुझे जो चाहिए होगा मैं वो माँग लूँगी.. अभी तुम ये दूध पियो।
मैंने जग को मुँह से लगाया और एक घूँट भरा, फिर बाजी से कहा- बाजी कमजोर तो आप भी हो जाओगी.. तो आपने दूध पीया कि नहीं?
बाजी ने कहा- नहीं.. मुझे नहीं पीना.. बस तुम इसे पूरा पियोगे।
तो मैंने कहा- मुझसे प्यार करती हो।
बाजी ने कहा- हाँ कोई शक है क्या?
‘फिर आओ.. साबित करो..’
और मैंने अपने मुँह में एक घूँट भरा और बाजी को आने का इशारा किया कि आओ ये पियो।
बाजी ने कहा- बस इत्ती सी बात..
उन्होंने आगे बढ़ा कर मेरे सर को पकड़ा और अपने होंठ मेरे मुँह से लगा कर खोल दिए। मैंने सारा दूध बाजी के मुँह में निकाल दिया.. जिसे बाजी मज़े से पी गईं और मुझे किस करके बोलीं- वसीम मेरे साथ ऐसे मत किया करो कि मैं इन चीज़ों की आदी हो जाऊँ और बाद में ये मुझे ना मिल सकें।
तो मैंने कहा- बाजी मैं थोड़ी मरने जा रहा हूँ.. जो आपको छोड़ कर चला जाऊँगा।
बाजी ने फ़ौरन अपने होंठ मेरे होंठों में मिला दिए और किसिंग करने लगीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम आइन्दा ऐसे मत कहना.. वरना मैं तुम्हारा मुँह नोंच लूँगी.. चलो अब पूरा दूध पियो।
मैंने एक घूँट लगा कर बाजी से कहा- बाजी में आइन्दा ऐसे नहीं कहूँगा.. पर तब अगर आप भी मेरे साथ पियोगी.. तो एक घूँट में लगाऊँगा और एक आप लगाओगी।
बाजी ने कहा- अच्छा चलो लगाओ घूँट.. फिर मैं लगाती हूँ।
मैंने घूँट लगा कर बाजी को जग दिया.. तो बाजी ने एक घूँट लगा कर मुझे दे दिया। इस तरह सारा दूध मैंने और बाजी ने पिया। आखिरी घूँट बाजी के हिस्से में आया.. बाजी ने घूँट भर के जग को साइड में रखा और मेरे होंठों को अपने मुँह में खींच कर दूध मेरे मुँह में दे दिया और हम दोनों की दूध वाली किसिंग स्टार्ट हो गई।
बाजी ने चूमने के बाद कहा- वसीम ये हमारे प्यार के नाम..
तो मैंने भी बाजी को चूमा और बाजी ने कहा- अब तुम बाहर बैठो.. मैं दस मिनट में आती हूँ.. फिर बातें करते हैं।
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RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैं टीवी लाउन्ज में जा कर बैठ गया और टीवी देखने लगा। बाजी अपने काम खत्म करके आईं.. और उन्होंने आते हुए अपना एक हाथ अपनी कमर के पीछे छुपाया हुआ था।
बाजी ने आ कर अम्मी के रूम की तरफ देखा और मेरी गोद में बैठ गईं और मुझसे कहा- अपनी आँखें बंद करो।
मैंने कहा- क्या हुआ?
बाजी गुस्से से कहने लगीं- बंद करो ना वसीम प्लीज़..
मैंने कहा- अच्छा बाबा.. लो कर लीं बंद..
मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं.. तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ा और एक छल्ला मेरी रिंग में डाल दिया। अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और किस करने लगीं।
बाजी जो सालन अन्दर बना कर आईं थीं उसमें से चिकन का पीस खा रही थीं और किसिंग के दौरान बाजी ने वो पीस मेरे मुँह में डाल दिया और कहा- अब अपनी आँखें खोलो..
मैंने आँखें खोल कर देखा तो बाजी की आँखें लाल हो रही थीं।
मैंने बाजी से पूछा- बाजी आँखों को क्या हुआ है?
बाजी ने मेरी गोद से उठते हुए मेरे लण्ड पर हाथ रख कर कहा- मेरी आँखों के लाल होने में सारा इसका कसूर है.. यही नीचे से उठ कर मुझे तंग कर रहा था।
इतना कह कर वो फिर से मेरी गोद में बैठ गईं।
मुझे याद आया कि बाजी ने मेरी उंगली में कुछ डाला था.. वो मैंने देखा तो वो एक चाँदी का छल्ला था जिस पर ‘S’ लिखा हुआ था.. और बहुत प्यारा बना हुआ था।
मैंने बाजी से कहा- बाजी आप क्या खुद बनवा के लाई हो ये?
बाजी ने बताया- मैं आज सुबह यूनिवर्सिटी नहीं गई थी.. ये अर्जेंट में बनवा कर लाई हूँ। मुझे ये तुम्हें रात को देना था.. पर अम्मी ने काम खराब कर दिया.. इसलिए अभी दे दिया है.. वरना ज़ुबैर देख कर तंग करेगा।
मैंने बाजी को ‘थैंक्स’ कहा और बाजी को किस किया।
बाजी ने कहा- प्यार में थैंक्स नहीं और अब मुझे छोड़.. मुझे काम करना है। हम दोनों मज़े से लगे हुए हैं.. यदि अम्मी एकदम से आ गईं.. तो पता नहीं क्या होगा।
यह कहते हुए बाजी मेरी गोद से उठ गईं और खाना लगाने में लग गईं।
बाद में सबने खाना खाया और मैंने बाजी को बताया कि मैं बाहर जा रहा हूँ.. रात को आऊँगा।
बाजी ने कहा- टाइम से आ जाना.. अब मुझे टाइम दिया करो.. मुझे तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है.. या फिर मुझे भी साथ ले जाया करो।
तो मैंने बाजी से कहा- ठीक है बाजी.. इसका भी कुछ करते हैं।
मैं किचन से बाहर निकल कर नीचे चला गया।
आज पता नहीं क्या चक्कर था कि मेरा भी बाहर मन नहीं लग रहा था। मैं थोड़ी देर बाद ही वापिस आ गया और बाजी से कहा- लो बाजी.. मैं आ गया हूँ।
बाजी अकेले ही टीवी देख रही थीं.. तो मुझसे कहा- वहाँ मेरे सामने बैठ जाओ। उन्होंने मुझे अपने सामने बैठा दिया और मुझे देखने लगीं।
बाजी बस देखे जा रही थीं.. बोलीं कुछ नहीं..
तो मैंने कहा- बाजी क्या हुआ.. चुप क्यों हो?
बाजी ने कहा- कुछ नहीं तुम्हारे बारे में ही सोच रही थी।
बाजी अभी बोल ही रही थीं कि तभी अचानक अम्मी के कमरे का दरवाजा खुला। बाजी आवाज़ सुन कर चुप हो गईं और टीवी देखने लगीं।
अम्मी कमरे से बाहर आईं और मुझे देख कर कहा- तुम तो बाहर गए थे?
तो मैंने कहा- अभी-अभी वापिस आया हूँ।
अम्मी ने कहा- मैं ज़रा बाज़ार जा रही हूँ.. थोड़ा काम है, कुछ चीजें लानी हैं। तुम चलोगे मेरे साथ?
तो मैंने अम्मी की बात सुन कर बाजी पर नज़र डाली.. बाजी ने आहिस्ता से अपने सर को ‘ना’ में हिलाया।
मैंने कहा- अम्मी मेरा अभी फोन आना है और मुझे अपने दोस्त के साथ काम से जाना है.. आप खुद ही हो आओ।
अम्मी ने कहा- एक तो ये दोस्त लेकर बैठ गए हैं..
वो बड़बड़ाती हुई चल दीं।
मुझे बाजी के साथ अकेला रहना ज्यादा पसंद था।
अम्मी मुझे और बाजी को अकेला छोड़ कर चली गईं।
बाजी सोफे से उठीं और छुप कर अम्मी के पीछे गईं। जब अम्मी ने दरवाज़ा बंद कर दिया तो बाजी वापिस आ गईं और तेज़-तेज़ कदमों से चल कर मेरे पास आने लगीं, आते ही वो मुझे पूरे मुँह पर ज़ोर-ज़ोर से चूमने लगीं।
मैंने बाजी को संभाला और कहा- बाजी ज़ुबैर और हनी दोनों घर हैं.. क्या हो गया है.. वो आ जाएंगे तो?
बाजी ने कहा- मुझे नहीं पता.. चुप रहो बस..
मैंने कहा- अच्छा.. एक मिनट रूको.. मैं हनी को देख कर आता हूँ।
मैं वहाँ से उठा और बाजी वाले कमरे में हनी को देखा.. तो वो सो रही थी। मैंने धीरे से कमरे का दरवाज़ा बंद किया और बाहर से लॉक कर दिया।
बाजी को वापस आकर मैंने कहा- हनी सो रही है और ज़ुबैर की कोई बात नहीं.. उसको तो सब पता है।
बाजी चुदक्कड़ होने लगी
बाजी ने कुछ कहे बिना ही मेरे मुँह पर अपने होंठ रखे और चूसने लगीं।
मैं भी बाजी का साथ देने लगा.. तो बाजी ने मुझे अपनी बांहों में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठ चूसने लगीं। बाजी इतनी ज़ोर से चूस रही थीं कि मुझे दर्द होने लग गया।
मैंने बाजी को रोक कर कहा- बाजी यार क्या हो गया है.. आराम से करो ना.. मैं यहाँ ही हूँ आपके पास!
तो बाजी ने कहा- वसीम, अब कैसे बर्दाश्त करूँ मैं.. पहले तुमसे कहती थी कि मुझे अभी नहीं चुदवाना.. मुझे पता था कि ये सब बाद में होगा.. पर तब मुझे तुम्हारे प्यार के लिए चुदवाना पड़ा और अब जब तुमने मेरे अन्दर आग लगा दी है तो कहते हो कि आराम से करो.. पर मैं क्या करूँ?
मैं भी बाजी को भींचने लगा।
‘ये है ना.. ये इस जगह..’ बाजी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और कहा- यहाँ आराम नहीं मिल रहा मुझे.. मैं क्या करूँ.. मुझे भी कुछ बताओ पिछले दो दिन से मैं यूनिवर्सिटी नहीं जा रही हूँ, मेरा वहाँ दिल नहीं लगता है।
बाजी की आँखों में आंसू आने लग गए- तुम तो आराम से बाहर चले जाते हो.. अपना टाइम गुजार आते हो.. कभी मेरा सोचा है कि बाजी घर में क्या कर रही होगीं। मेरे दिमाग से तुम नहीं जाते हो.. मैं क्या करूँ?’
सोफे पर बैठ कर बाजी रोने लग गईं तो मैंने कहा- बाजी प्लीज़ यार.. रो ना.. प्लीज़.. आपको पता है ना, मुझसे आपके आँसू नहीं देखे जाते.. प्लीज़ रो मत।
बाजी ने गुस्से से कहा- फिर क्या करूँ? मर जाऊँ क्या?
तो मैंने बाजी को पकड़ के ज़ोर से उठाया और झिझोड़ कर कहा- बाजी होश में आओ.. क्या बोले जा रही हो.. क्या हो गया है आपको?
मैंने बाजी को अपने गले से लगा लिया..
तो बाजी ने अपनी बांहें मेरी गर्दन के इर्द-गिर्द लपेट लीं।
मैंने भी बाजी को अपनी बांहों में भर लिया, मैंने कहा- बाजी प्लीज़ चुप हो जाओ ना.. नहीं तो अब मेरे आँसू निकल आएँगे।
बाजी हिचकियाँ लेते हुए चुप होने लगीं। उनके बाल खुले हुए थे और चेहरे के आगे आ गए थे।
मैंने बाजी को गले से अलग किया और बाजी के बाल पीछे कर के बाजी के आंसू साफ करने लगा।
तो बाजी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को ज़ोर से पीछे कर दिया।
मैंने कहा- बाजी मेरी बात तो सुनो..
बाजी का चेहरा मैंने पकड़ कर ऊपर किया और आंसू साफ किए.. पर बाजी मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थीं.. तो मैंने बाजी का मुँह ज़ोर से ऊपर किया और कहा- बाजी देखो ना..
बाजी ने अपनी आँखें बंद कर लीं.. तो मैंने कहा- अच्छा बाजी वादा.. आज के बाद मैं आपके अलावा कुछ नहीं सोचूंगा.. प्रॉमिस.. आप मेरी फर्स्ट प्रेफ़रेंसे होगी.. प्लीज़ अब तो आँखें खोलो ना बाजी..
तो बाजी ने आँखें खोलीं और गुस्से से कहा- क्या है?
मैंने कहा- बाजी वादा.. आप मेरी फर्स्ट प्रेफरेन्स होगी.. जब भी मैं काम से फारिग होऊँगा.. वो टाइम आपके साथ गुज़ारूँगा।
बाजी ने कहा- सोच लो ठीक से..
मैंने कहा- आपके लिए मुझे कोई फ़ैसला करने के लिए सोचने की जरूरत नहीं है।
बाजी ने कहा- मैं जो भी करूँ.. तुम मुझे मना करते हो.. क्या बदला लेते हो मुझसे?
तो मैंने कहा- बाजी आप से कैसा बदला.. आपका तो एहसान है मुझ पर.. जो मैं कभी नहीं भुला सकूंगा।
मैंने अपने होंठों से बाजी के आंसू चूस कर साफ किए और बाजी के गालों को चूसने लगा।
बाजी से मैंने कहा- बाजी अब ये भूल जाना कि आप ज़मीन पर खड़ी हो।
मैं बाजी के होंठों को किस करने लगा।
मैंने बाजी के बाजुओं को अपने गले में डाला और झुक कर बाजी को टाँगों से उठाया और बाजी की टाँगों को अपनी कमर के गिर्द लपेट लिया।
अब मैं बाजी को किस करने लगा। बाजी ने भी मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया।
बाजी ने अपने आपको मुझे अपने साथ ज़ोर से चिपका लिया और टाँगों को भी ज़ोर लगा के अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाने लगीं।
मैंने बाजी से कहा- अब खुश हो ना आप..
बाजी ने कहा- वसीम कुछ ऐसा करो कि मुझे तुमसे अलग ना होना पड़े.. मैं हर वक्त तुम्हारे साथ ही रहूँ.. दिन भी और रात भी.. वसीम एक दफ़ा लड़की जब किसी की हो जाती है.. तो फिर वो किसी और के बारे में नहीं सोचती.. इसलिए मैं भी तुम से जुदा नहीं होना चाहती हूँ।
मैंने बाजी से कहा- बाजी आप परेशान ना हों.. मैं आपको अपने आपसे जुदा नहीं होने दूँगा और मैं आपके दिन रात मेरे साथ रहने का भी कुछ करता हूँ।
बाजी ने कहा- फिर ठीक है।
मैंने कहा- बाजी और कुछ चाहिए तो बताओ.. पर आप रोया ना करो.. मुझसे आपको ऐसे नहीं देखा जाता।
बाजी ने कहा- अपनी बीवी को खर्चा भी देते हैं.. तुम तो नहीं देते मुझे.. फिर मेरे इतने काम होते हैं.. जो पैसों की वजह से रह जाते हैं।
तो मैंने कहा- बस इतना सा काम.. अभी आपको खर्चा दूँगा.. पर आपको मेरी कुछ बातें माननी पड़ेंगी।
बाजी ने कहा- तुम बस मुझे बताओ. सब मंजूर हैं।
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मैंने कहा- एक तो यह कि मैं आपको जीन्स में देखना चाहता हूँ.. और जब मेरे पास हुआ करोगी बस तब थोड़ी देर पहन लिया करो।
बाजी ने कहा- मान ली..
मैंने कहा- मेरे साथ घूमने चला करो।
बाजी ने कहा- मंज़ूर..
मैंने कहा- बाजी हनी को भी ग्रुप में अन्दर ले लो और इस डर को खत्म करो। ज़ुबैर भी जो हर वक्त आपके पीछे रहता है.. वो भी थोड़ा कम होगा और मुझे भी एक नई चूत मिल जाएगी।
मेरी इस बात को सुन कर बाजी चुप हो गईं और थोड़ी देर बाद बोलीं- उसे शामिल तो मैं कर लूँ.. पर तुमको ये एक बात छोड़नी पड़ेगी कि मुझे भी नई चूत मिल जाएगी.. क्योंकि इस लण्ड पर सिर्फ मेरा हक है.. तो किसी और का क्यों हिस्सा बनने दूँ?
तो मैंने कहा- अच्छा मेरी जान.. ये जिद खत्म कर दी.. अब तो मान जाओ ना!
बाजी ने कहा- ठीक है, कर लेंगे उसको भी शामिल।
अब बाजी ने अपने एक हाथ से मेरी बेल्ट खोल कर पैन्ट नीचे उतार दी और अपनी टाँगें ढीली करके कहा- मेरा पजामा नीचे करो।
मैंने बाजी का पजामा नीचे कर दिया और बाजी ने फिर टाँगें ऊपर की।
अब उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत के सुराख पर रखा और लण्ड के ऊपर बैठने लगीं।
मेरा लण्ड बाजी की चूत में जाने लगा.. तो बाजी के मुँह से आवाज निकली- आअहह.. आहह.. ऊऊओह.. वसीम.. ये गीला नहीं है.. रगड़ कर अन्दर जा रहा है।
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