Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
05-01-2021, 11:46 AM,
#39
RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
फिर धर्मवीर चूत की दोनो फांको को खूब चूसा जिसमे कभी कभी अगल बगल की झांटें भी धर्मवीर के मुँह मे आ जाती थी ।
दोनो फांकों को खूब चूसने के बाद जब पूजा की चूत के दरार के उपरी भाग मे दाना जो की किसी छोटे मटर के दाने की तरह था , मुँह मे लेकर चूसे तो पूजा एकदम से उछल पड़ी और धर्मवीर के सर को पकड़ कर हटाने लगी।

उसके शरीर मे मानो बिजली दौड़ गयी । पर धर्मवीर ने उसके दाने को तो अपने दोनो होंठो के बीच ले कर चूसते हुए चूत की दरार मे फिर से बीच वाली उंगली पेल दी और पूजा चिहूंक सी गयी और उंगली को पेलना जारी रखा।

दाने की चुसाई और उंगली की पेलाई से पूजा फिर से ऐंठने लगी और यह काम धर्मवीर तेज़ी से करते जा रहे थे नतीजा की पूजा ऐसे हमले को बर्दाश्त ना कर सकी और एक काफ़ी गंदी चीख के साथ झड़ने लगी । और धर्मवीर जी ने तुरंत उंगली को निकाल कर जीभ को फिर से चूत के गहराई मे थेल दिए और दाने को अपने एक हाथ की चुटकी से मसल दिया.

चूत से पानी निकल कर पंडित जी के जीभ पर आ गया और काँपति हुई पूजा के काली चूत मे घूसी धर्मवीर की जीभ चूत से निकल रहे रज को चाटने लगे और एक लंबी सांस लेकर मस्त हो गये ।

पूजा झाड़ कर फिर से हाँफ रही थी। आँखे बंद हो चुकी थी। मन संतुष्ट हो चुका था।

धर्मवीर अपना मुँह चूत के पास से हटाया और एक बार फिर चूत को देखा। वह भी आज बहुत खुस थे क्योंकि जवान और इस उम्र की काली चूत चाटना और रज पीना बहुत ही भाग्य वाली बात थी ।

पूजा भले ही सांवली थी लेकिन चूत काफ़ी मांसल और फूली हुई थी और ऐसी बुर बहुत कम मिलती है चाटने के लिए। ऐसी लड़कियो की चूत चाटने से मर्द की यौन ताक़त काफ़ी बढ़ती है । यही सब सोच कर फिर से चूत के फूलाव और काली फांकों को देख रहे थे ।

पूजा दो बार झाड़ चुकी थी इस लिए अब कुछ ज़्यादे ही हाँफ रही थी। लेकिन धर्मवीर जानते थे की पूजा का भरा हुआ गदराया शरीर इतना जल्दी थकने वाला नही है और इस तरह की गदराई और तन्दरूश्त लड़कियाँ तो एक साथ कई मर्दों को समहाल सकती हैं। फिर पूजा की जांघों के बीचोबीच आ गये और अपने खड़े और तननाए लंड को चूत की मुँह पर रख दिए।

लंड के सुपाड़े की गर्मी पाते ही पूजा की आँखे खूल गयी और कुछ घबरा सी गयी और धर्मवीर की ओर देखने लगी ।

दो बार झड़ने के बाद ही तुरंत लंड को चूत के मुँह पर भिड़ाकर धर्मवीर ने पूजा के मन को टटोलते हुए पूछा - चुदने का मन है ..या रहने दें...बोलो ?

पूजा जो की काफ़ी हाँफ सी रही थी और दो बार झाड़ जाने के वजह से बहुत संतुष्ट से हो गयी थी फिर भी चूत के मुँह पर दहकता हुआ लंड का सुपाड़ा पा कर बहुत ही धर्म संकट मे पड़ गयी ।
इस खेल मे उसे इतना मज़ा आ रहा था की उसे नही करने की हिम्मत नही हो रही थी। लेकिन कुछ पल पहले ही झड़ जाने की वजह से उसे लंड की ज़रूरत तुरंत तो नही थी लेकिन चुदाई का मज़ा इतना ज़्यादे होने के वजह से उसने धर्मवीर को मना करना यानी लंड का स्वाद ना मिलने के बराबर ही था ।
इस कारण वह ना करने के बजाय हा कहना चाहती थी यानी चुदना चाहती थी । लेकिन कुच्छ पल पहले ही झड़ने की वजह से शरीर की गर्मी निकल गयी थी और उसे हाँ कहने मे लाज़ लग रही थी । और वह चुदना भी चाहती थी।

पूजा ने देखा की धर्मवीर उसी की ओर देख रहे थे शायद जबाव के इंतजार मे।
पूजा के आँखें ज्योन्हि धर्मवीर की आँखों से टकराई की वह लज़ा गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी आँखें मूंद ली और सिर को एक तरफ करके हल्का सा कुछ रज़ामंदी मे मुस्कुरई ही थी की धर्मवीर ने अपने लंड को अपने पूरे शरीर के वजन के साथ उसकी काली और कुच्छ गीली चूत मे ठेला ही था की पूजा का मुँह खुला - आरे बाअप रे माईए । और अपने एक हाथ से धर्मवीर का लंड और दूसरी हाथ से उनका कमर पकड़ने के लिए झपटी लेकिन तब तक धर्मवीर के भारी शरीर का वजन जो की अपने गोरे मोटे लंड पर रख कर काली रंग की फूली हुई चूत में घुसेड़ चुके थे और नतीज़ा की भारी वजन के वजह से आधा लंड पूजा की काली चूत मे घूस चुका था।

अब पूजा के बस की बात नही थी की घूसे हुए लंड को निकाले या आगे घूसने से रोक सके । लेकिन पूजा का जो हाथ धर्मवीर के लंड को पकड़ने की कोशिस की वह उनका आधा ही लंड पकड़ सकी और पूजा को लगा मानो लंड नही बल्कि कोई गरम लोहे की छड़ हो।

अगले पल धर्मवीर अपने शरीर के वजन जो की अपने लंड के उपर ही रख सा दिया था , कुछ कम करते हुए लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा तो चूत से जितना हिस्सा बाहर आया उसपर बुर का लिसलिसा पानी लगा था।

अगले पल अपने शरीर का वजन फिर से लंड पर डालते हुए हुमच दिए और इसबार लंड और गहराई तक घूस तो गया लेकिन पुजा चटाई मे दर्द के मारे ऐंठने लगी.

धर्मवीर ने देखा की अब उनका गोरा और मोटा लंड झांटो से भरी चूत मे काफ़ी अंदर तक घूस कर फँस गया है तब अपने दोनो हाथों को चटाई मे दर्द से ऐंठ रही पूजा की दोनो गोल गोल साँवले रंग की चुचिओ पर रख कर कस के पकड़ लिया और मीज़ना शुरू कर दिया।

पूजा अपनी चुचिओ पर धर्मवीर के हाथ का मीसाव पा कर मस्त होने लगी और उसकी चूत मे का दर्द कम होने लेगा।
पूजा को बहुत ही मज़ा मिलने लगा। वैसे उसकी मांसल और बड़ी बड़ी गोल गोल चुचियाँ किसी बड़े अमरूद से भी बड़ी थी और किसी तरह धर्मवीर के पूरे हाथ मे समा नही पा रही थी।

धर्मवीर ने चुचिओ को ऐसे मीज़ना शुरू कर दिया जैसे आटा गूथ रहे हों। चटाई मे लेटी पूजा ऐसी चुचि मिसाई से बहुत ही मस्त हो गयी और उसे बहुत अच्छा लगने लगा था ।

उसका मन अब चूत मे धन्से हुए मोटे लंड को और अंदर लेने का करने लगा। लेकिन चटाई मे लेटी हुई आँख बंद करके मज़ा ले रही थी। कुछ देर तक ऐसे ही चुचिओ के मीसावट से मस्त हुई पूजा का मन अब लंड और अंदर लेने का करने लगा लेकिन धर्मवीर केवल लंड को फँसाए हुए बस चुचिओ को ही मीज़ रहे थे। चुचिओ की काली घुंडिया एक दम खड़ी और चुचियाँ लाल हो गयी थी।

पूजा की साँसे अब तेज चल रही थी। सावित्री को अब बर्दाश्त नही हो पा रहा था और उसे लंड को और अंदर लेने की इच्छा काफ़ी तेज हो गयी। और धीरज टूटते ही धर्मवीर के नीचे दबी हुई पूजा ने नीचे से ही अपने चूतड़ को उचकाया ।

धर्मवीर इस हरकत को समझ गये और अगले पल पूजा के इस बेशर्मी का जबाव देने के लिए अपने शरीर की पूरी ताक़त इकठ्ठा करके अपने पूरे शरीर को थोड़ा सा उपर की ओर उठाया तो लंड आधा से अधिक बाहर आ गया। और चुचिओ को वैसे ही पकड़े हुए एक हुंकार मारते हुए अपने लंड को चूत मे काफ़ी ताक़त से घुसेड़ दिया और नतीज़ा हुआ कि चूत जो चुचिओ की मीसावट से काफ़ी गीली हो गयी थी, लंड के इस जबर्दाश्त दबाव को रोक नही पाई और धर्मवीर के कसरती बदन की ताक़त से चांपा गया लंड चूत मे जड़ तक धँस कर काली चूत मे गोरा लंड एकदम से कस गया ।

चूत मे लंड की इस जबर्दाश्त घूसाव से पूजा मस्ती मे उछल पड़ी और चीख सी पड़ी "सी रे ....माई ... बहुत मज़ाअ एयेए राहाआ हाइईइ आअहह..."

फिर धर्मवीर ने अपने लंड की ओर देखा तो पाया कि लंड का कोई आता पता नही था और पूरा का पूरा पूजा की काली और झांटों से भरी हुई चूत जो अब बहुत गीली हो चुकी थी, उसमे समा गया था।

धर्मवीर यह देख कर हंस पड़े और एक लंबी साँस छोड़ते हुए बोले - तू बड़ी ही गदराई हुई घोड़ी है । तेरी चूत अपनी बहन की तरह बड़ी ही रसीली और गरम है..तुझे चोद्कर तो मेरा मन यही सोच रहा कि तेरी बहन की गांड का भी स्वाद किसी दिन दोबारा पेल कर ले लू.....क्यों ....कुच्छ बोल ...।

पूजा जो चटाई मे लेटी थी और पूरे लंड के घूस जाने से बहुत ही मस्ती मे थी कुच्छ नही बोली क्योंकि धर्मवीर का मोटा लंड उसकी चूत के दीवारों के रेशे रेशे को खींच कर चौड़ा कर चुका था , और उसे दर्द के बजाय बहुत मज़ा मिल रहा था ।

धर्मवीर के मुँह से अपनी बहन उपासना के बारे मे ऐसी बात सुनकर उसे अच्च्छा नही लगा लेकिन मस्ती मे वह कुछ भी बोलना नही पसंद कर रही थी ।

बस उसका यही मन कर रहा था की धर्मवीर उस घूसे हुए मोटे लंड को आगे पीछे करें।

जब धर्मवीर ने देखा की पूजा ने कोई जबाव नही दिया तब फिर बोले - खूद तो चूत मे मोटा लौड़ा लील कर मस्त हो गयी है, और तेरी बहन के बारे मे कुछ बोला तो तेरे को बुरा लग रहा है साली हराम्जादि कहीं की । वो बेचारी विधवा का भी तो मन करता होगा कि किसी मर्द के साथ अपना मन शांत कर ले । लेकिन लोक लाज़ से और शरीफ है इसलिए बेचारी अपना जीवन घूट घूट कर जी रही है । क्यों ...बोलो सही कहा की नहीं ।

इतना कहते ही अगले पल धर्मवीर ने पूजा की दोनो चोचिओ को दोनो हाथों से थाम कर ताच.. ताच्छ... पेलना शुरू कर दिया।

धर्मवीर का गोरा और मोटा लंड जो चूत के लिसलिस्से पानी से अब पूरी तरीके से भीग चुका था, पूजा के झांटों से भरी काली चूत के मुँह मे किसी मोटे पिस्टन की तरह आगे पीछे होने लगा।

चूत का कसाव लंड पर इतना ज़्यादा था कि जब भी लंड को बाहर की ओर खींचते तब लंड की उपरी हिस्से के साथ साथ चूत की मांसपेशियाँ भी बाहर की ओर खींच कर आ जाती थी । और जब वापस लंड को चूत मे चाम्पते तब चूत के मुँह का बाहरी हिस्सा भी लंड के साथ साथ कुच्छ अंदर की ओर चला जाता था । लंड मोटा होने की वजह से चूत के मुँह को एकदम से चौड़ा कर के मानो लंड अपने पूरे मोटाई के आकार का बना लिया था ।

पूजा ने धर्मवीर के दूसरी बात को भी सुनी लेकिन कुछ भी नही बोली। वह अब केवल चुदना चाह रही थी । लेकिन धर्मवीर कुच्छ धक्के मारते हुए फिर बोल पड़े - मेरी बात तुम्हे ज़रूर खराब लगी होगी , क्योंकि मैने गंदे काम के लिए बोला । लेकिन तेरी दोनो जांघों को चौड़ा करके आज तेरी चूत चोद रहा हूँ । ये तुम्हें खराब नही लग रहा है....तुम्हे मज़ा मिल रहा है..शायद ये मज़ा तेरी बहन को भी मिले यह तुम्हे पसंद नही । दुनिया बहुत मतलबी है ।और तू भी तो इसी दुनिया की है ।

और इतना बोलते ही धर्मवीर हुमच हुमच कर चोदने लगे और पूजा ने उनकी ये बात सुनी लेकिन उसे अपने चूत को चुदवाना बहुत ज़रूरी था इसलिए बहन के बारे मे धर्मवीर के कहे बात पर ध्यान नही देना ही सही समझी ।

और अगले पल चूत मे लगी आग को बुझाने के लिए हर धक्के पर अपने चौड़े और सांवले रंग के दोनो चूतड़ों को चटाई से उपर उठा देती थी क्योंकि धर्मवीर के मोटे लंड को पूरी गहराई मे घूस्वा कर चुदवाना चाह रही थी पूजा।[/color][/color]
Reply


Messages In This Thread
RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां - by desiaks - 05-01-2021, 11:46 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,562,251 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,330 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,259,057 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 952,064 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,688,762 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,110,572 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,002,098 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,226,726 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,093,364 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,857 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 22 Guest(s)