Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:48 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
सुनील:" ठीक हैं, अपना वादा याद रखना तुम। अब जाओ बाद में कॉल करूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका काम हो गया है इसलिए वो बाहर निकल गई और हॉल में बैठ गई। साहिल ने अपनी मा को देखकर राहत की सांस ली और थोड़ी देर बाद ही सभी अधिकारी अा गए और सभी लोग दम साधे टेंडर का इंतजार का रहे थे।

सुनील:" आप सभी का मैं आभारी हूं कि आपने यहां आकर टेंडर में भाग लिया। सभी के सामान एक से बढ़कर एक अच्छी गुणवत्ता के हैं। मैं जानता हूं कि हमारे देश में लड़कियो के खेलने का लेवल इतना अच्छा नहीं हैं। और आज जिस तरह से रूबी की ने हमे समझाया हैं उससे एक बात तो साफ हो गई हैं कि लकड़ियां इनकी बातो पर ध्यान देगी और खेल का स्तर ऊंचा होगा। सामान भी इनका बहुत अच्छा है। मैं ये टेंडर रूबी जी को देता हूं

सारा हॉल तालियों से गूंज उठा और साहिल और रूबी के चेहरे खुशी से चमक गए।

सुनील:" लेकिन मेरी एक शर्त हैं रूबी जी, जब भी हमें कहीं खेल को बढ़ावा देना होगा खासतौर से लड़कियो के खेल को तो आपको आना पड़ेगा। आप युवाओं के लिए मॉडल हैं। योगा आप अच्छा सिखा सकती हैं जिससे खिलाड़ी रोगमुक्त हो जायेंगे।

रूबी समझ गई कि सुनील अपनी चाल चल गया हैं इसलिए रूबी अपनी सीट से खड़ी हुई और बोली:"

" सर मैं वादा करती हूं कि सभी को योगा सिखाना मेरी जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही साथ में खुद युवाओं के बीच जाऊंगी और उन्हें खेल के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

सुनील:" धन्यवाद रूबी जी। आज का कार्यकर्म यहीं खत्म होता है।

साहिल और रूबी खुश थे वहीं दूसरी तरफ नीरज और ज्योति को लग रहा था कि मानो उनकी दुनिया की उजाड़ दी गई है। ज्योति की आंखो में अंगारे साफ चमक रहे थे और वो जानती थी कि आज उसके हाथ से एक बहुत बड़ा मौका निकल गया है। रूबी ने अपना जादू दिखाकर टेंडर हासिल कर लिया और उसकी सारी योजना धरी की धरी रह गई।

नीरज ने ज्योति को शांत रहने का इशारा किया और साहिल यानि अनूप के पास अा गया।

नीरज:" बहुत बहुत मुबारक हो दोस्त। मैंने कहा था ना कि मैं ये टेंडर तुम्हे हर हाल में दिलवा दूंगा।

साहिल:" सच में यार तुमने अपना कहा पूरा किया। दोस्त हो तो तुम्हारे जैसा।

नीरज:" लेकिन मैं तुमसे नाराज हू भाई। तुमने अपना वादा पूरा नहीं किया, तुम्हे याद हैं ना।

साहिल की आंखे में थोड़ा पल के लिए उभर अाया लेकिन अगले ही पल की खुद को काबू करते हुए बोला

" आप फिक्र मत करो, देखना मैं कैसे अपना वादा पूरा करता हूं।

तभी स्टेज पर साहिल का नाम पुकारा गया और वो आगे बढ़ तो नीरज ने अपने दोनो हाथ फिर से रूबी के आगे जोड़ दिए और बोला:"

" भाभी आपके फिगर का जवाब नहीं। हमे भी थोड़ा योगा सिखा दो तुम।

रूबी:" मैं तुम्हे खूब समझती हू नीरज और तुम्हारी नज़र को भी। लेकिन तुम्हे कुछ हाथ नहीं लगने वाला हैं। अपने आपको सुधार लो तो तुम्हारे लिए बेहतर होगा।

नीरज:" अरे भाभी जी आप तो बुरा मान गई। थोड़ी लचक हमे भी दिखा दीजिए ना।

रूबी ने उसे घूरकर देखा और तभी रूबी का नाम स्टेज पर बोला गया तो रूबी सीधे आगे बढ़ गई और साहिल के साथ मिलकर कागजी कार्रवाई पूरी करने लगी।

वहीं ज्योति और नीरज के बीच बहस चल रही थी। नीरज उसे कुछ समझाने कि कोशिश कर रहा रहा जबकि ज्योति बहुत ज्यादा गुस्से ने दिखाई दे रही थी। वो उसकी कोई बात नहीं सुन रही थी और गुस्से से अपने कदम पटकती हुई बाहर की तरफ चली गई। उसकी आंखो में ज्वाला साफ नजर आ रही थी मानो वो उसमे आज सबको जलाकर भस्म कर देगी।

रूबी सुनील के साथ मिलकर कागज पूरे कर रही थी और सुनील जानता था कि आज की रात शायद रूबी उससे चुद जाएगी नहीं तो उसने साइन किया ही हैं कि जबकि रूबी जी की जरूरत होगी उसे आना ही होगा इसलिए उसे कोई दिक्कत नहीं थी। साहिल ने ध्यान से ज्योति को जाते हुए देख रहा था और समझ गया था कि आज ये जरूर कुछ ना कुछ कांड करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ सुनील और रूबी व्यस्त थे और सुनील बोला:'

" रूबी जी अगर आपकी आज की रात फ्री हो तो क्या मेरे फार्म हाउस पर अा सकती हो

रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" आज तो नहीं कर लेकिन एक या दो दिन बाद मैं पक्का अा जाऊंगी। वैसे भी आपने शर्त ही ऐसी लगा दी हैं कि आपसे मुलाकात होती ही रहेगी।

सुनील ने स्माइल दिया और बोला:"

" बस आपके दर्शन होते रहेंगे इसी बहाने।

थोड़ी देर बाद सभी कागज पूरे हो गए और साहिल रूबी के साथ घर की तरफ लौट पड़ा जहां शांता यानी रूबी उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

साहिल और रूबी दोनो कार में बैठे हुए थे और घर की तरफ जा रहे हैं।

साहिल:" मम्मी आपने बताया नहीं कि ये चमत्कार कैसे हो गया ? सुनील जी ने हमारी इतनी खराब क्वालिटी होने के बाद भी हमे टेंडर कैसे दे दिया ?

रूबी ने अपना एक हाथ उठाया और साहिल का हाथ पकड़ लिया और बोली:"

" साहिल ध्यान से मेरी पूरी बात सुनना, उसके बाद ही कोई फैसला करना।

रूबी ने इसके बाद साहिल को बताया कि किस तरह सुनील उसका दीवाना हो गया था और मैंने उसे अपने जाल में फांस लिया और उसने वहीं किया जो मैं चाहती थी।

ये सुनकर साहिल का मूड खराब हो गया और बोला:"

" मतलब एक जगह से इज्जत बचाने के लिए आप दूसरी जगह खुद अपनी इज्जत नीलाम कर रहे हो मम्मी।

रूबी ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" पहले मेरी पूरी बात हो जाने दो। मेरे पास उसकी व्हाट्स एप की चैटिंग पड़ी हुई हैं और अब तुम उससे बात करोगे। अगर हम किसी को ये बात बता दे कि उसने टेंडर सिर्फ मेरे चक्कर में आकर मुझे दिया हैं तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी ।
और तुम तो समझते ही हो कि मैं मर जाउंगी लेकिन अपने चरित्र पर दाग नहीं लगने दूंगी।

साहिल को अब जाकर रूबी की पूरी कहानी समझ में अाई और बोला:"

" ओह मम्मी मलतब सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी। ये तो आपने बहुत ही अच्छा किया।

रूबी ने उसे स्माइल दी और बोली:" पत्नी किसकी हूं आखिर मैं अब। दिमाग तो होगा ही।

साहिल ने गाड़ी अपने घर की तरफ घुमा दी और बोला:"

" मम्मी ज्योति को देखा आपने, कितना गुस्सा अा रहा था उसे ?

रूबी:" हान बेटा, देखने में तो वो अच्छी खासी सुंदर हैं। लेकिन हैं वो बहुत खतरनाक।

साहिल:" मम्मी मुझे तो लग रहा है कि वो शांत नहीं बैठने वाली, जिस तरह से वो गुस्से में अाई हैं जरूर कुछ ना कुछ हरकत करेगी वो आज।

रूबी ने अपना सिर सहमति में हिला दिया और दोनो घर अा गए थे और रूबी घर के अंदर घुस गई। साहिल अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाकर आया और देखा कि शांता अंदर खाना बना चुकी थी।

शांता:" क्या हुआ अनूप बेटा टेंडर का आज ? उम्मीद हैं तुम्हे मिल गया होगा।

साहिल:" हान मा जी, आपने आशीर्वाद दिया तो तो मिलना तो था ही।

शांता के चेहरे पर स्माइल अा गई और बोली:"

" चलो ये तो बहुत खुशी की बात है। भगवान तुम्हे कामयाब करे बेटा। अच्छा तुम भी जल्दी से नहा लो, फिर खाना खा लेते हैं।

साहिल बाथरूम में अंदर नहाने के लिए घुस गया। शांता ने इधर उधर देखा और अपने ब्लाउस से एक छोटी सी पुड़िया निकाली और खाने में मिला दिया। तभी रूबी नहाकर बाहर आ गई और उसने शांता की तरफ देखा तो शांता कांप उठी। उसका चेहरा पसीने पसीने हो उठा। उसे लगा मानो उसकी चोरी रंगे हाथो पकड़ ली गई हो। उसके हाथ से खाली पुड़िया छूटकर नीचे गिर गई। रूबी शांता को स्माइल देते हुए अपने कमरे में चली गई और शांता ने सुकून की सांस ली कि वो बच गई है।

शांता ने रोटी बनाईं और खाने को प्लेट में लगा दिया और बोली:"

" अच्छा मेरा तो मन है नहीं खाने का आज। तुम दोनो खा लेना अच्छे से।

इतना कहकर शांता जाने लगी तो रूबी बोली:"

" अरे मा जी बैठो तो आप। चली जाना, आज हमारे लिए खुशी का दिन है, इतना बड़ा टेंडर मिला हैं।

शांता:" हान बेटा मुझे बहुत खुशी हैं टेंडर मिलने की। लगता हैं कि अब हमारे दिन बदल जायेंगे।

तभी साहिल भी अा गया और खाने की टेबल पर बैठ गया। शांता को याद आया कि अंदर नहाने तो अनूप गया था लेकिन बाहर साहिल निकला। है भगवान इसका मतलब अनूप सच में गायब है और साहिल फिर से अनूप बनकर घूम रहा है। मुझे क्या लेकिन आज इनका काम खत्म हो ही जायेगा। साहिल ने देखा कि खाने से बहुत अच्छी खुशबू अा रही है तो बोला:"

" अरे मा जी आपने बहुत अच्छा खाना बनाया हैं आज। आओ साथ में खाना खाते हैं।

शांता के जिस्म पर बेचैनी साफ दिखाई दी और बोली:"

" नहीं बेटा, मेरा मन नहीं हैं। आज ही के दिन मेरी बेटी सपना गायब हुई थी। आज मैं फास्ट रखती हूं।

साहिल अपनी सीट से खड़ा हो गया और ठीक शांता के सामने आकर बोला:"

" मैं जानता हूं कि तुम खाना नहीं खा सकती। क्योंकि सच्चाई ये हैं कि तुमने ये खाना बनाया ही नहीं हैं। ये खाना तो गुप्ता होटल से अाया हूं शांता जी। तुम शायद खाने के पैकेट ठीक से छुपाना भूल गई ज्योति जी।

रूबी और ज्योति दोनो उछल पड़े। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो ज्योति को हुआ और बोली:"

" कौन ज्योति और गुप्ता होटल से कौन खाना लाया हैं ?

इतना कहकर शांता थोड़ी पीछे को हटी और अपने ब्लाउस के अंदर हाथ घुसा दिया लेकिन साहिल पूरी तरह से सावधान था इससे पहले कि ज्योति का हाथ बाहर आता साहिल ने बिजली की गति से उसे पकड़ लिया और ज्योति उसकी पकड़ में कराह उठी और बोली:"

" ये क्या बदतमीजी हैं साहिल, तुम्हे मेरे साथ ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए।

साहिल:" ज्यादा बनने की कोशिश मत करो ज्योति, तुम्हारा खेल खत्म हो गया है। मम्मी आप जल्दी से इसके दोनो पैर बांध दीजिए

रूबी ने तुरंत अपना दुप्पटा उतारा और शांता के पैरो को कसकर बांधने लगी तो शांता ने एक जोरदार लात रूबी को मार दी और रूबी दर्द से तड़प उठी। साहिल ने ज्योति के हाथ को मोड़ दिया तो दर्द के मारे ज्योति भी तड़प उठी और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
साहिल ने अपनी दोनो टांगे रूबी की टांगो पर कस दी और रूबी को फिर से इशारा किया तो रूबी ने सावधानी से आगे आते हुए उसके पैरो को बांध दिया और साहिल ने पूरी ताकत लगाते हुए ज्योति के हाथ को बाहर खींचा तो एक पैकेट उसके हाथ से छूटकर फर्श पर बिखर गया।

फर्श पर छोटे छोटे जहर बुझे हुए पिन पड़े हुए थे जो ज्योति निकालने की कोशिश कर रही थी। साहिल ने ज्योति को पीछे की तरफ खींचा और सोफे पर गिरा दिया और देखते ही देखते उसके हाथ भी बांध दिए गए।
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - by desiaks - 04-14-2021, 12:48 PM

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