RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
और फिर से अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। साहिल के लिए ये एक तरह से ग्रीन सिग्नल था तो उसने अपने लंड का दबाव थोड़ा सा और अपनी मा की गांड़ पर बढ़ा दिया और एक हाथ अपनी मा के कंधे पर टिकाते हुए बोला:'
" ओह मम्मी, आप फिर से उठाने की बात कर रही हैं लेकिन आपका बेटा इसे अब गिरने ही नहीं देगा।
इतना कहकर उसने चादर के उपर से रूबी के कंधे को थोड़ा जोर से पकड़ लिया और रूबी तो जाने कब से मर्द के ऐसे स्पर्श के लिए तड़प रही थी। हालाकि ये स्पर्श उसके सगे बेटे का था लेकिन उसके जिस्म की आग इस कदर भड़क चुकी थी कि उसे अपने बेटे में अब सिर्फ एक मर्द नजर अा रहा था और कहीं ना कहीं ना चाहते हुए भी रूबी बहकने लगी। रूबी ने अपने एक हाथ को पीछे की तरफ बढ़ा लिया और साहिल के दूसरे हाथ को थाम लिया और बोली:*
" आह बेटा, थोड़ा प्यार से पकड़ ना चादर, दर्द होता हैं मुझे।
साहिल ने अब रूबी के हाथ की उंगलियो को अपने हाथ की उंगलियों में फसा लिया और उसकी गर्दन पर अपनी होंठ रखते हुए बोला
" आह मम्मी, क्या सचमुच इतना नाजुक बदन हैं आपका जो बेटे के छूने से ही दर्द होने लगा ?
गर्दन पर साहिल के होंठ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से मचल उठी और मस्ती से सिसकते हुए अपने हाथ की उंगलियों का दबाव साहिल की उंगलियों पर बढ़ाते हुए बोली:"
" आह बेटा, इतना ज्यादा नाजुक भी नहीं, लेकिन तू पकड़ ही इतने जोर से रहा हैं। बहुत तगड़ा हो गया है मेरा लाडला बेटा।
साहिल ने अब अपने लंड को थोड़ा सा और आगे बढ़ा कर दिया तो रूबी की गांड़ की दरार में लंड घुसने लगा और रूबी का एक हाथ अपने आप उसकी चूत पर पहुंच गया और मस्ती में आते हुए उसने पहली बार अपनी गांड़ को लंड पर दबा दिया। साहिल के लिए तो ये जैसे खुला न्यौता था। उसने रूबी के कंधे पर से हाथ हटा दिया और धीरे से पीछे लाते हुए अपने अंदर वियर को नीचे सरका दिया। रूबी को जैसे ही साहिल के नंगे लंड का एहसास अपने गीली साड़ी में लिपटी हुई गांड़ पर महसूस हुआ तो उसे एक तेज झटका सा लगा और वो हल्की सी आगे को हुई तो साहिल ने अपना एक हाथ अपनी मा के पेट पर टिकाते हुए और पीछे की तरफ खींच लिया और लंड पूरी तरह से अब रूबी की गांड़ में उसके छेद पर अड गया। रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" उई मा आह, है भगवान , ओह साहिल बेटा तुमने मुझे गिरने से बचा लिया।
साहिल ने प्यार से रूबी के पेट पर हाथ फेरते हुए कहा:"
" ओह मम्मी, आपके बेटे के होते हुए आपको डरने कि कोई जरूरत नहीं हैं, वैसे मम्मी आप का पेट कितना पतला और मुलायम हैं एक दम।
रूबी के पेट पर घूमती हुई उसके बेटे की उंगलिया उसे हर ज्यादा बहका रही थी और रूबी ने अपने पैर को हल्का सा खोल दिया जिससे लंड अब बिल्कुल पूरी तरह से उसकी गांड़ के बिलकुल अंदर छेद पर दस्तक देने लगा। रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने एक हाथ अपने बेटे के कंधे पर रख दिया और अपनी टांग को फिर से बंद करते हुए बोली:"
" आह साहिल, क्या सच मैं मेरी फिटनेस इतनी ज्यादा अच्छी हैं बेटा आह।
रूबी के टांगे बंद करते ही लंड गांड़ के दोनो पटो के बीच फस सा गया। साहिल पूरी तरह से मचल उठा और उसने रूबी के पर को थोड़ा जोर से थाम लिया और अपनी नंगी छाती अपनी मा की नंगी पीठ पर रगड़ते हुए बोला
" आह मम्मी, आपकी फिटनेस कि तो पूरा दिल्ली मेरठ कसमें खाता हैं, उफ्फ पानी कितनी तेज गिर रहा है मम्मी।
इतना कहकर उसने रूबी को जोर से पकड़ लिया तो रूबी ने भी अपनी गांड़ जोर से पीछे की तरफ कर दी और लंड को महसूस करके मस्ती से सिसकते हुए बोली:"
" आह बेटा सच में पानी तेज हैं, तू मुझे कसकर पकड़ ले बेटा कहीं मैं गिर ना जाऊ।
साहिल ने अब अपनी मा को अपने जिस्म में पूरी तरह से समेत लिया और हल्का हल्का आगे पीछे होने लगा जिससे लंड के धक्के गांड़ पर पड़ने लगे। दोनो मा बेटे इस मस्ती भरे एहसास से हवा में उड़ रहे थे लेकिन एक दूसरे पर सीधा हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
रूबी ने भी अब पानी तेज होने का फायदा उठाकर अपनी गांड़ को लंड पर रगड़ना शुरु कर दिया और साहिल तो अब अपना हाथ रूबी के पेट पर फेरते हुए धक्के लगाने लगा।
साहिल की लंबाई रूबी से ज्यादा थी इसलिए पीछे खड़े होने के कारण उसे अपनी मा की चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। उफ्फ निप्पल पूरे टाइट होकर अपना मुंह उठा रहे थे। साहिल धीरे धीरे अपने होंठ अपनी मा की गरदन पर फेर रहा था जिससे रूबी के सब्र का बांध टूट पड़ा और उसने एक हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत पर टिका दिया और सारी के उपर से ही मसलने लगी। साहिल भी ये सब देखते ही अपने होश खो बैठा और उसने रूबी की गांड़ पर से साडी को हटा दिया और अब बिल्कुल नंगा लंड उसकी मा की एकदम नंगी गांड़ पर जा लगा तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" आह बेटा, उफ्फ उई मा,
रूबी लंड के एहसास से कांप उठी और उसकी चूत में तूफान सा उठ गया। रूबी ने अपनी साडी को हटाते हुए अपनी उंगली को चूत पर रख दिया और सहलाने लगी। साहिल अपनी आंखो से ये सब होते देख रहा था और उसने अब जोर जोर से रूबी की गांड़ पर धक्के मारने शुरू कर दिए। रूबी के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने एक उंगली को अपने मुंह में भर कर चूस लिया और फिर नीचे ले जाते हुए अपने चूत में घुसा दिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, उफ्फ बेटा,
साहिल ने अपना हाथ नीचे लाते हुए रूबी की चूत में घुसी हुई उंगली को छोड़कर पूरा हाथ पकड़ लिया। अब रूबी की उंगली उसकी चूत में ही घुसी रह गई और बाहर नहीं निकल पाई तो रूबी हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन कामयाब नहीं हो पाई तो उसने अपनी चूत को ही उंगली पर आगे पीछे करना शुरु कर दिया। फिर तो जैसे कमाल हो गया, गांड़ के लंड पर धक्के पड़ने लगे और साहिल ने भी रूबी की हालत समझते हुए उसकी हाथ को ढील दी तो उंगली भी आगे पीछे होने लगी। रूबी की चूत में सनसनी सी उठ रही थी और साहिल अब पूरी ताकत से रूबी के हाथ को आगे पीछे कर रहा था जिससे रूबी की उंगली उसकी चूत में बहुत भयंकर रफ्तार से घुस रही थी।
रूबी की चूत में हलचल शुरू हो गईं और साथ ही साथ साहिल के लंड के धक्के भी बढ़ते चले गए। तभी साहिल ने अपनी जीभ को अपनी मा की गर्दन पर फेर दिया और रूबी ने जोर से सिसकते हुए अपनी उंगली को जड़ तक घुसा लिया और मस्ती से सिसक उठी
" आह गई मेरी चूत, उफ्फ आह मा,
जैसे ही उंगली अंदर घुसी तो गांड़ अपने आप पीछे हो गई और साहिल ने भी एक आखिरी तेज धक्का लगाया और रूबी को उसकी गांड़ का छेद खुलता हुआ महसूस हुआ और साहिल के लंड ने वीर्य की पहली बारिश अपनी मा के गांड़ के छेद पर दी और उससे कसकर लिपट गया।
दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे हुए खड़े रहे और साहिल ने होश में आते हुए धीरे से अपनी की चादर को ठीक किया और अपने अंडर वियर को उपर करते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बहुत मजा आया नहाने में आपके साथ, अब तो मै रोज ही आपके साथ नहाया करूंगा।
रूबी ने भी चादर के ठीक होते ही अपनी आंखे खोल दी और पलट कर बोली:
" अच्छा जी, मुझे भी बहुत अच्छा लगा बेटा, तूने मुझे कितनी बार गिरने से बचाया। आज तो अनूप नहीं था लेकिन कल से वो होगा फिर कैसे नहाएगा मेरे साथ ?
साहिल ने अपनी मा का हाथ पकड़ लिया और बोला:_
" मा अनूप का तो मैं खुद सोच लूंगा उसका क्या करना हैं, अब आपको अनूप की नहीं बल्कि अपने बेटे की जरुरत हैं। उससे अब कुछ नहीं हो पाएगा।
रूबी:" अच्छा क्या कुछ नहीं हो पाएगा उससे ? बताओ तो मुझे जरा तुम ?
साहिल बोलना तो चाहता था कि वो तुम्हारी गर्मी दूर नहीं कर पाएगा लेकिन शर्म के मारे बोल नहीं पाया और बोला:"
" आपकी सारी मुश्किलें दूर नहीं कर पाएगा अब वो।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" अच्छा और तुम्हे लगता हैं कि तुम मेरी सारी मुश्किल दूर कर दोगे ?
साहिल:' एक बार कहकर तो देखो, जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए मम्मी।
रूबी:" लगता हैं तुम भी और लडको की तरह अपनी मा के दीवाने हो गए हो।
साहिल रूबी की आंखो में देखते हुए बोला:" दीवाना, आशिक जो मर्जी कहो, अब तो सिर्फ तुम्हारा हूं मेरी मम्मी।
" आशिक हैं तेरे हम इस बात से इंकार नहीं,
झूठ कैसे कहूं कि तुमसे प्यार नहीं ,
कुछ कुसूर तो आपकी अदाओं का भी हैं जहांपनाह
हम अकेले ही तो गुनहगार नहीं।
रूबी साहिल की शायरी सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन हल्का गुस्सा करते हुए बोली:"
" मारूंगी बहुत तुझे आशिक के बच्चे, रात बहुत हो गई है आओ अंदर चलते हैं।
साहिल:" आप क्या मारेगी मम्मी, मारूंगा तो मैं वो भी उठा उठा कर।
रूबी के होठों पर एक बार फिर से स्माइल अा गई और चलते हुए बोली:"
" तू क्या मारने की बात कर रहा है बेटा साहिल ?
इतना कहते ही रूबी ने एक हाथ से अपनी चूत के पास जांघ को सहला दिया तो साहिल ये देखकर मस्त हो गया और बोला:"
" ओह मम्मी मैं हर उस चीज को मार दूंगा जो आपको परेशान करती है और सोने नहीं देती।
रूबी सोचने लगी ये भगवान ये तो मेरी चूत मारने की बात रहा हैं इसलिए मस्त होते हुए बोली
" अच्छा कैसे मारेगा तू ? बंदूक हैं क्या तेरे पास ?
साहिल ने अपने लंड पर नजर डाली और बोला:"
" ओह मा बंदूक में तो बार बार गोली भरनी पड़ती है, मैं तो मोटे डंडे से मार दूंगा। तगड़ा करके मारूंगा जोर जोर से।
रूबी:" अच्छा जी इतना भी मत मार देना की वो मर ही जाए,
साहिल:" ओह मा, उसको तो जितना मारो उतना ही सुकून मिलता हैं, मारने वाले को भी और मरवाने वाले को।
रूबी:" धत तेरे की, तू क्या मारने कि बात कर रहा है साहिल ?
साहिल:" हर उस चीज को मेरी मा को परेशान करती हैं। मम्मी बताओ ना क्या आप मारने दोगी ?
रूबी हल्की सी मुस्कान देते हुए बोली:" क्या मारने कि बात कर रहे हैं तुम ?
साहिल:" आपकी मुश्किलें और क्या मम्मी। आप भी ना पता नहीं क्या क्या सोचती हो।
रूबी ने साहिल को एक थप्पड़ दिखाया और साहिल ने अपने दोनो कान पकड़ लिए। चलते चलते दोनो घर के अंदर घुस गए और दोनो थके हुए थे और बिस्तर पर पड़ते ही आंख लग गई।
अगले दिन सुबह दोनो लेट तक सोते रहे और करीब आठ बजे रूबी की आंख खुली तो देखा कि आठ बज गए हैं तो वो तेजी से बाथरूम कि तरफ भागी और देखा कि शांता सफाई कर रही है। रूबी ने शांता के पैर छुए और बाथरूम में घुस गई। थोड़ी देर बाद ही वो नहाकर वापिस अा गई। शांता अब नाश्ता तैयार कर रही थी। रूबी अपने कमरे में कपडे बदल रही थी और साहिल की आंख खुली तो वो अपनी मा को देखने के लिए उसके कमरे में गया तो देखा कि रूबी नहा चुकी हैं और अपने ब्लाउस को पहन रही थी लेकिन मुश्किल हो रही थी तो साहिल को देखते ही पहले तो डर गई लेकिन फिर रात वाली घटना याद करके स्माइल कर दी और बोली:
" इधर आओ तो बेटा, इसे पहनने में मेरी मदद करो,
साहिल आगे आया और रूबी के दोनो कंधे थाम लिए और उसे ब्लाउस पहना दिया और बोला:"
" क्या मम्मी आप सुबह सुबह अकेली ही नहा ली, अब मैं अकेला कैसे नहाऊंगा,
रूबी:" ज्यादा सपने मत देखो तुम, जाओ और जल्दी से नहा कर आओ मुझे भूख लगी हैं बहुत तेज बेटा।
साहिल:" अच्छा ठीक हैं, लेकिन मम्मी ध्यान रखना मैं सिर्फ सपने देखता ही नहीं हूं बल्कि उन्हें पूरा भी करता हूं।
इतना कहकर साहिल ने रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने उसे जीभ निकाल कर दिखा दी मानो कह रही हो कि तुम सिर्फ सपने देखते रहो। साहिल ने भी स्माइल दी और बोला:"
" आप एक बार शाम को घर आओ तो सही, तब देखता हूं।
साहिल बाथरूम में घुस गया और नहाकर अा गया। नाश्ता करने के बाद रूबी योगा सेंटर चली गई जबकि साहिल ने एक बार आज अपने बाप के ऑफिस जाने के बारे में सोचा ताकि उसे वहां से कुछ और जानकारी मिल सके। वो जानता था कि अभी आज अनूप ऑफिस में नहीं होगा इसलिए आराम से मैं अपना काम कर सकता हूं।
साहिल ने गाड़ी निकाली और ऑफिस की तरफ चल दिया।
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