RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“मेरे जीवन का यह पहला केस है जिसमें दुश्मन सब कुछ कर गया जबकि मेरे द्वारा कुछ किया जाना तो दूर, भरपूर इच्छा और चेष्टाओं के बावजूद उसे रोक तक नहीं सका।” अफसोसनाक स्वर में ठक्कर कहता चला गया—“अगर अब भी कुछ न कर पाया तो परिणाम सारे देश को भुगतना होगा।”
कमिश्नर ने कहा—“क्या कहना चाहते हो?”
“चिरंजीव कुमार के मर्डर के बाद जिस ढंग से कुछ देर गायब रहने के उपरान्त तेजस्वी ने खुद को गिरफ्तार कराया—टॉर्चर चैम्बर में सब कुछ आसानी से स्वीकार करके अदालत में मुकरा और उसके बाद चुनाव लड़कर प्रदेश का चीफ मिनिस्टर बन बैठा—यह ढंग खुद-ब-खुद कह रहा है कि वह जो कुछ कर रहा है, किसी पूर्वनिर्धारित योजना के तहत कर रहा है—क्या आपको नहीं लगता कि सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ है?”
“लगता तो है लेकिन …।”
“लेकिन?”
“अब तेजस्वी इतना ‘ऊंचा’ पहुंच चुका है कि हम उसके बारे में ऐसी बातें तक नहीं कर सकते—हम लोग उसके समक्ष ‘मच्छर’ हैं जिसे जब जहां चाहे मसल सकता है।”
“कहना क्या चाहते हैं आप?”
“ऐसी अवस्था में उसके बारे में इस किस्म की बातें करने का लाभ ही क्या?”
“मैं कमिश्नर साहब से सहमत हूं।” डी.आई.जी. ने कहा—“जब जनता ही इतनी बेवकूफ है कि उस जैसे दो कौड़ी के आदमी को चीफ मिनिस्टर बना देती है—तो हम क्या कर सकते हैं—हम तो नौकर हैं उसके।”
“मेरे ख्याल से योजनाबद्ध तरीके से हुए इस काम का लक्ष्य यमनिस्तान की स्थापना है—अपने इस ख्याल से मैंने केन्द्र सरकार को भी अवगत करा दिया है और बेहद चिंतित हूं—मामले पर ढंग से जरा विचार कीजिए, आप लोग भी चिंतित हो उठेंगे—आज वह प्रदेश का मुखिया है—जनता द्वारा चुनी हुई विधानसभा में जो प्रस्ताव पारित करा दे वह कानून बन जाएगा—दो-तिहाई बहुमत के कारण कोई भी प्रस्ताव पास कराना उसके लिए चुटकी बजाने जितना आसान है—केन्द्र सरकार यह सोचकर चिंतित है कि कल अगर वह ब्लैक स्टार के इशारे पर विधानसभा में यह प्रस्ताव पास करा दे कि प्रदेश अब एक अलग देश है—केन्द्र सरकार से उसका कोई लेना-देना नहीं तो दुश्मन राष्ट्र उसे मान्यता देने के लिए तैयार बैठे हैं—ऐसी अवस्था में दुनिया की कोई ताकत यमनिस्तान के जन्म को नहीं रोक सकेगी।”
“मान लिया जाए ऐसा होने वाला है, तब भी हम लोग क्या कर सकते हैं?”
उत्तेजित पांडुराम गुर्रा उठा—“मैं कहता हूं साले को गोली मार देनी चाहिए।”
“तुम चुप रहो पांडुराम!” कमिश्नर ने डांटा—“उस घटना के बाद से हम लोग तुम्हें हर किस्म की मीटिंग्स में बैठाने लगे हैं, इसका मतलब ये नहीं कि सबकी शर्म लिहाज ताक पर रखकर जो मुंह में आए बकने लगो—क्या यह बकवास करते वक्त तुम्हें याद था कि तुम चीफ मिनिस्टर के बारे में बात कर रहे हो?”
पांडुराम सकपका गया।
ठक्कर बोला—“पांडुराम ने बात भले ही गलत तरीके से कही हो मगर प्रदेश सरकार की तरफ से देश पर जो खतरा मंडरा रहा है, उसे टालने के लिए हम सबके दिलों में ऐसा ही जुनून होना चाहिए।”
“मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं।” एस.एस.पी. ने कहा।
“पूछिए!”
“जिस कमांडो फोर्स के आप चीफ हैं उसका काम वी.आई.पी. की सुरक्षा करना है—चिरंजीव कुमार की मौत के बाद आप यहां से चले भी गए थे मगर फिर लौट आए—क्या हम जान सकते हैं कि अब आप यहां किस मकसद से आए हैं?”
“चिरंजीव कुमार का मर्डर और उसके हत्यारे का चीफ मिनिस्टर बन जाना ऐसी घटनाएं हैं जिन्होंने केन्द्र सरकार की नजरों में मेरे सम्पूर्ण कैरियर पर सवालिया निशान लगा दिए हैं और अगर वह हो गया जिसका मुझे डर है तो मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर सकूंगा—राष्ट्र का बंटना मेरी अयोग्यताओं का प्रतीक है—जब मेरी संभावनाएं सुनने के बाद केन्द्र सरकार चिंतित हुई तो जासूसों के पूरे दल को इस मिशन के साथ यहां भेजने पर विचार करने लगी कि अगर तेजस्वी सरकार ऐसा करने के बारे में सोच रही है तो समय रहते उसे विफल कर दिया जाए—तब रिक्वेस्ट करके मैंने यह मिशन हाथ में लिया—कहा, ‘तेजस्वी मेरी अयोग्यताओं के कारण आज चीफ मिनिस्टर बन बैठा है और अपनी हैसियत का लाभ उठाकर वह जो भी कुछ करेगा मेरी आत्मा उसके लिए मुझे उत्तरदायी ठहराएगी, इसलिए चाहता हूं इस मिशन पर मुझे भेजा जाए—बड़ी मुश्किल से प्रार्थना स्वीकार की गई।”
“अपने मिशन की कामयाबी हेतु आप हमसे क्या चाहते हैं?”
“अगर ब्लैक स्टार का खात्मा हो जाए तो …।”
एस.पी. देहात ने कहा—“सैकड़ों बार कोशिश हो चुकी है—कभी कुछ हाथ नहीं लगा—केवल एक ही तरीका है, जंगल पर बेशुमार बम बरसाए जाएं, उसकी इजाजत प्रदेश सरकार देगी क्यों?”
“हल ये भी नहीं है।” एस.पी. सिटी ने कहा—“इस तरह हम जंगल और वहां मौजूद ब्लैक फोर्स के लोगों को नष्ट कर सकते हैं मगर ब्लैक स्टार को नहीं—जब तक वह जीवित रहेगा तब तक ब्लैक स्टार को समूल नष्ट नहीं माना जा सकता।”
“मैं तुमसे सहमत हूं।” ठक्कर बोला—“जंगल और ब्लैक स्टार साथ-साथ ध्वस्त होना चाहिए।”
“और ब्लैक स्टार हमारे हाथ लगेगा नहीं।”
“कोई जाल बिछाना होगा—मुझे मिली इन्फॉरमेशन के मुताबिक ब्लैक स्टार इस वक्त जंगल में है—अगर एक बार वह चंगुल में फंस जाए तो जंगल पर बमबारी कराकर मैं उसके हैडक्वॉर्टर को तबाह कर दूंगा।”
“तेजस्वी वहां बमबारी का हुक्म क्यों देने लगा?”
“प्रदेश सरकार हुक्म नहीं देगी तो केन्द्र सरकार के आदेश पर ऐसा किया जाएगा।”
“अगर ऐसा हो सकता है तो हम लोग व्यर्थ ही विचार-विमर्श में वक्त बरबाद कर रहे हैं।” कमिश्नर ने कहा—“आपके मुताबिक ब्लैक स्टार भी इस वक्त जंगल में है, बमबारी में वह भी …।”
“ऐसा इसलिए नहीं करना चाहता क्योंकि पक्के तौर पर ब्लैक स्टार के मरने की पुष्टि नहीं हो पाएगी—वैसे भी, इस तरह से उसके मरने की संभावना कम है—ऐसा हमला होने पर उसने अपने बचाव का पूर्व प्रबन्ध अवश्य किया हुआ होगा—मैं ये चाहता हूं कि इधर ब्लैक स्टार चंगुल में फंसे, उधर जंगल को नष्ट कर दिया जाए।”
“ब्लैक स्टार तक पहुंचना सूरज पर कदम रखने जितना संभव है।”
एकाएक ठक्कर ने पांडुराम से पूछा—“क्यों पांडुराम, क्या तुम कोई रास्ता सुझा सकते हो?”
“नहीं साब, ब्लैक स्टार की इच्छा के बगैर उस तक कोई नहीं पहुंच सकता।” पांडुराम ने हड़बड़ाकर कहा।
ठक्कर ने पूछा—“थारूपल्ला का स्थान रंगनाथन ने ले लिया है न?”
“हां साब।” पांडुराम बोला—“तेजस्वी के चुनाव में उसने इतना काम किया कि खुश होकर मेजर बना दिया गया—आप जानते ही होंगे, झावेरी का पुल पुनः निर्मित हो चुका है—अब वह थारूपल्ला की तरह काली बस्ती में रहता है।”
“ट्रांसमीटर पर ब्लैक स्टार से बात भी कर सकता है?”
“मेजर को यह पावर होती है साब।”
“वह जंगल में जाकर ब्लैक स्टार से मिल भी सकता है?”
“केवल तब जब ब्लैक स्टार बुलाए।”
“सुना है प्रतापगढ़ में रंगनाथन की एक रखैल रहती है?”
“वो तो तभी से उसकी चेली है साब, जब रंगनाथन ने कच्ची शराब खींचने का धंधा शुरू किया था।”
“मगर उसके बारे में ब्लैक स्टार को कुछ नहीं मालूम।”
पांडुराम बोला—“इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है साब।”
“हमें है—वह अक्सर रात के अंधेरे में उससे मिलने आता है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि उसकी इस हरकत की भनक ब्लैक स्टार को लगे—अगर हम होशियारी से काम लें तो इस ‘सिच्युएशन’ का लाभ उठा सकते हैं।”
“आप जो कहेंगे करने को तैयार हूं साब, बस यमनिस्तान नहीं बनना चाहिए, मगर मेरे ख्याल से आप गलत आदमियों के पीछे पड़े हैं—असली बदमाश साला तेजस्वी है, अपनी स्थिति का फायदा उठाकर वही तो यमनिस्तान की घोषणा …।”
“जड़ ब्लैक स्टार है पांडुराम—कल तेजस्वी न रहे तो वह अपने किसी दूसरे साथी को चीफ मिनिस्टर बनाकर विधेयक पास करा देगा क्योंकि दो-तिहाई विधायक दरअसल उसके हैं—जबकि ब्लैक स्टार न रहे तो तेजस्वी यमनिस्तान की घोषणा किसके लिए करेगा?”
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तेजस्वी हड़बड़ाकर उठा।
बाएं हाथ की तर्जनी में मौजूद मोटे नग वाली अंगूठी से निकलकर एक सुईं रह-रहकर अंगुली में चुभ रही थी—उसने मुख्यमंत्री हाउस के शानदार बैडरूम में एक निगाह दौड़ाने के बाद अंगूठी में मौजूद नन्हा-सा बटन दबाया।
मोटा नग हल्की-सी आवाज के साथ अलग हो गया।
अब अंगूठी से आवाज निकल रही थी—“हैलो … हैलो नंबर टेन रिपोर्टिंग सर!”
“वैरी गुड!” तेजस्वी की आंखें चमक उठीं—“इस वक्त वह कहां है?”
“हमारे अड्डे पर।”
“होश में या बेहोश?”
“बेहोश!”
“उसे होश नहीं आना चाहिए नंबर टेन—जैसे ही आने लगे, पुनः क्लोरोफार्म सुंघा देना—तुम लोगों की शक्ल तक न देख पाए वह—बहुत खतरनाक आदमी है, होश में आते ही गड़बड़ कर सकता है।”
“क्षमा करें, हमें तो वह जरा भी खतरनाक नहीं लगा।”
“इस भुलावे में मत रहना नंबर टेन।” तेजस्वी ने चेतावनी दी—“बेहोश ही रखना उसे—हम कल सुबह दस बजे प्रतापगढ़ पहुंच रहे हैं।”
“ओ.के. सर!”
“ओ.के.!” कहने के बाद जो उसने बटन दबाया तो अंगूठी का नग यथास्थान फिक्स नजर आने लगा—पहली बार उसने अपने बैड पर पड़ी सो रही नन्हीं अरुणा पर नजर डाली।
उसे इस तरह गोद में उठाया कि नींद न टूट पाए।
दरवाजा खोलकर गैलरी में आया—अंदर से बंद एक अन्य दरवाजे पर दस्तक दी।
“कौन है?” किसी नारी का स्वर उभरा।
“मैं हूं मम्मी, दरवाजा खोलो!” तेजस्वी ने धीमे स्वर में कहा।
कुछ देर बाद दरवाजा खुला, उसकी मां ने पूछा—“क्या बात है बेटा?”
“इसे अपने पास सुला लो, मुझे इसी समय कहीं जाना है।”
“रात के इस वक्त?” मां ने बारह बजा रही घड़ी की तरफ देखते हुए पूछा—“कहां जाना है?”
“ओह मां, तुम बार-बार क्यों भूल जाती हो कि अब मैं इस प्रदेश का चीफ मिनिस्टर हूं—बहुत काम रहता है, सारा प्रदेश देखना है मुझे!”
“अच्छा ला!” मां ने दोनों हाथ फैला दिए।
अरुणा को मां के सुपुर्द करके तेजस्वी वापस अपने कमरे में आया—एक अलमारी खोली—एयर बैग निकाला—उसमें रखा सामान चैक किया—एयर बैग में एक काली पैंट, वैसी ही शर्ट—गोताखोरी का लिबास और प्लास्टिक की एक बहुत लम्बी नली में मौजूद डायनामाइट था—नली में डायनामाइट के बीच दो तार भी नजर आ रहे थे—बैग में एक रिमोट भी था।
संतुष्ट होने के बाद उसने एयर बैग बंद कर दिया।
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