hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
12-31-2020, 12:25 PM,
#60
RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“अब तुम्हें इंस्पेक्टर तेजस्वी को खरीदना होगा।” मेज पर नोटों की गड्डियां डालते ट्रिपल जैड ने कहा।
“क-क्या बात कर रहे हैं आप?” चिदम्बरम हकला उठा—“मैंने और कुम्बारप्पा ने पहले ही कहा था—दुनिया के हर शख्स को खरीदा जा सकता है, तेजस्वी को नहीं, वह …।”
“हमने सुना था डी.आई.जी. साहब, उस वक्त नहीं कहा था अब कह रहे हैं—जो सौगात इस वक्त मेज पर पड़ी है उससे इंसान को तो क्या, उसे बनाने वाले तक को खरीदा जा सकता है—तुम कोशिश करो, कोई लिमिटेशन नहीं है—करोड़, दो करोड़, दस करोड़ … जहां सौदा पटे पटा लो।”
“ये काम मुझसे नहीं होगा सर।”
ट्रिपल जैड गुर्राया—“क्या बका तुमने?”
“स-समझने की कोशिश कीजिए, मैं तेजस्वी को अच्छी तरह जानता हूं—इधर मैं उसे खरीदने की कोशिश करूंगा, उधर वह झपटकर मेरी गर्दन पकड़ लेगा।”
“वहम है तुम्हारा, ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।” चमकदार काले जूते, काली पैंट, काले ओवरकोट और सफेद ग्लव्स पहने रहस्यमय शख्स ने काले लैंसों वाला अपना चौड़े फ्रेम का चश्मा दुरुस्त किया—चिदम्बरम की आंखें उसके लम्बे बालों और घनी दाढ़ी-मूंछ पर स्थिर थीं जबकि वह चहलकदमी करता हुआ कहता चला गया—“सारा जीवन मैंने लोगों को खरीदने में गुजारा है और उसी अनुभव के आधार पर कहता हूं कोई भी शख्स केवल तब तक बिकाऊ नहीं जब तक उसके अनुरूप कीमत नहीं लगाई जाती—कीमत के मामले में मैं तुम्हें आजाद कर रहा हूं, अतः शीघ्र ही उस तेजस्वी को अपनी आंखों से बिकता देखोगे जिसके बारे में आज तुम्हारी धारणा यह है कि …।”
झनाक … झनाक।
ट्रिपल जैड का वाक्य पूरा होने से पहले ही कमरे में कांच टूटने की आवाज गूंजी।
दोनों ने एक साथ चौंककर खिड़कियों की तरफ देखा—अभी हिल तक नहीं पाए थे कि कमरे में गुर्राहट उभर गई—“डोन्ट मूव मिस्टर ट्रिपल जैड एण्ड चिदम्बरम! जरा भी हिले तो गोलियों से भून दिए जाओगे।”
कमरे की दो दीवारों में बड़ी-बड़ी खिड़कियां थीं—दोनों का कांच फर्श पर बिखरा पड़ा था—ग्रिल्स के बाहर दो कमांडो खड़े थे—दोनों का एक-एक हाथ ग्रिल्स के बीच से होकर कमरे में प्रविष्ट नजर आ रहा था—दोनों हाथों में एक-एक रिवॉल्वर था और रिवॉल्वर की नालें उन्हें घूर रही थीं।
तभी, अंदर से बंद दरवाजे पर बाहर से चोट पड़ने लगी।
“तुम दोनों बुरी तरह घिर चुके हो।” दाईं ग्रिल के पार खड़ा कमांडो गुर्राया।
चिदम्बरम का मानो दिमाग ही ठप्प हो गया था—एक ही बात गूंज रही थी उसमें, इन लोगों द्वारा उसकी यहां से गिरफ्तारी का अर्थ जीते-जी मौत को प्राप्त हो जाना है … बल्कि जीवित रहकर सांसें लेना एक बार मर जाने से असंख्य गुना कष्टप्रद होगा—जबकि ट्रिपल जैड जाने क्या सोचकर कमांडो के हुक्म का पालन करने की-सी मुद्रा में दरवाजे की तरफ बढ़ा।
बाहर से दरवाजे को निरंतर तोड़ डालने का प्रयास किया जा रहा था।
सोफे के करीब से गुजरता ट्रिपल जैड एकाएक उसकी पुश्त की बैक में बैठ गया—ग्रिल्स के बाहर खड़े दोनों कमांडोज के रिवॉल्वर्स ने आग उगली—मगर दोनों गोलियां पुश्त में धंसकर रह गईं ।
इधर, किसी सुरक्षित स्थान की तलाश में चिदम्बरम हिला ही था कि एक साथ दो गोलियां उसकी टांगों में आ धंसीं—एक दाईं खिड़की से चली थी, दूसरी बाईं से—चिदम्बरम चीख के साथ त्यौराकर फर्श पर गिरा—उधर सोफे की पुश्त की बैक से गोलियां दोनों खिड़कियों पर झपटीं।
कमांडोज दीवार की आड़ में होकर खुद को बचा गए।
चिदम्बरम ने अपनी जेब से रिवॉल्वर निकाला।
कनपटी पर रखा और ट्रेगर दबा दिया।
उधर, भड़ाक की जोरदार आवाज के साथ दरवाजा टूटा।
वहां एक साथ दो कमांडोज खड़े नजर आए—वे ट्रिपल जैड के ठीक सामने थे अर्थात—उनके लिए वह किसी बैक में नहीं था अतः घबराकर दो फायर किए—एक गोली एक कमांडो के कंधे में जा धंसी जबकि दूसरी खाली गई—मगर जवाब में दरवाजे से चलीं गोलियां उसके प्राण पखेरू उड़ा चुकी थीं।
सोफे की पुश्त की बैक में ट्रिपल जैड की लाश पड़ी रह गई।
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“ये क्या बेवकूफी की तुमने?” एम.पी. ठक्कर भन्ना उठा—“इसका मतलब ये हुआ अब दुनिया में हमें यह बताने वाला कोई जीवित नहीं रहा कि ट्रिपल जैड प्रतापगढ़ में क्यों सक्रिय था—कुम्बारप्पा और चिदम्बरम से क्या काम ले रहा था तथा तेजस्वी को क्यों खरीदना चाहता था?”
“हालात ही ऐसे थे सर, हम मजबूर हो गए।” नंबर वन ने कहा—“एक गोली नंबर फोर के कंधे में धंस चुकी थी—इस वक्त वह हॉस्पिटल में है—अगर मैं सेकेंड के सौवें हिस्से के लिए भी चूक जाता तो वह हमें भूनकर रख देता और चिदम्बरम ने तो खुद ही खुद को खत्म कर लिया।”
“जो हुआ, तारीफ के लायक नहीं हुआ नंबर वन—मगर अब किया क्या जा सकता है—खैर, कुछ पता लगा ट्रिपल जैड किस देश के लिए काम कर रहा था?”
“हमने उसके नकली बाल, दाढ़ी-मूंछ और चश्मा आदि उतारकर देखे सर—वह रूसी, जर्मनी, अमेरिकी आदि किसी भी देश का हो सकता है—उसके लिबास, यहां तक कि फ्लैट की तलाशी के बावजूद ऐसी कोई वस्तु हाथ न लग सकी जिससे किसी देश से उसका संबंध जुड़ सके, हां—नंबर फाइव का रिवॉल्वर उसकी जेब से जरूर मिला है।”
“नंबर फाइव का रिवॉल्वर?”
“जी हां, लगता है नंबर फाइव का हत्यारा वही था—निश्चित रूप से फाइव ने अकेले ही जाकर ट्रिपल जैड से भिड़ जाने की भूल की।”
“यानि तुमने हमें केवल यह बताने के लिए संपर्क स्थापित किया है कि नंबर फाइव का हत्यारा मारा जा चुका है?” आवाज बता रही थी कि ठक्कर गुस्से में है—“यह कार्यवाही तुम लोगों की सर्विस बुक में सफलता वाले कॉलम में नहीं नंबर वन, असफलता वाले कॉलम में दर्ज होगी, समझे?”
नंबर वन के चेहरे पर निराशा फैल गई।
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“मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं साब।”
“बोलो पांडुराम।”
पांडुराम अच्छी तरह जानता था इस वक्त तेजस्वी के ऑफिस में तो क्या गैलरी तक में कोई नहीं है, फिर भी उसने चोर नजरों से चारों तरफ देखा—चेहरे पर खौफ के भाव गर्दिश कर रहे थे, तेजस्वी ने हौसला अफजाई की—“फिक्र मत करो पांडुराम, हम यहां अकेले हैं।”
“थ-थारूपल्ला के द्वारा मेरे सुपुर्द एक काम किया गया है साब।” फुसफुसाने के बावजूद वह अपने लहजे में उत्पन्न होने वाली हकलाहट से न बच सका।
“क्या?” तेजस्वी ने पूछा।
“आपको बेहोश करना।”
“बेहोश कैसे करोगे?”
“मेरे पास एक टेबलेट पहुंचाई गई है।” कहने के साथ उसने जेब से एक गोली निकालकर तेजस्वी को दिखाई—“कहा गया है, इसे पानी में या किसी पेय पदार्थ में डालकर आपको पिला दूं—आपको कतई महसूस नहीं होगा कि पेय पदार्थ के साथ कोई अतिरिक्त चीज दी गई है।”
“ओह!” तेजस्वी के मस्तक पर बल पड़ गए।
इधर उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था, उधर पांडुराम गिड़गिड़ा उठा—“अ-आप समझ सकते हैं साब, ये सब बताकर मैंने कितना भारी रिस्क लिया है—अब मेरी हिफाजत आपके हाथों में है—झूठ नहीं बोलूंगा, आपने इतना सब कर दिया मगर मेरे दिमाग पर आज भी ब्लैक फोर्स का इतना खौफ हावी है कि एक बार को ख्याल आया, अपनी खैरियत की खातिर चुपचाप उसके हुक्म को बजा डालूं। परंतु फिर, मेरे अंदर से जाने किसने कहा ‘नहीं पांडुराम, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए—अगर तूने यह सब किया तो तू खुद को कभी माफ नहीं कर पाएगा’—शायद मुझसे यह सब कहने वाली मेरी अंतरात्मा थी साब—मेरे जमीर ने आपसे गद्दारी करना कुबूल नहीं किया—ये सच है मैं वर्षों से ब्लैक फोर्स के लिए काम कर रहा हूं—मगर यह भी सच है, ये सब मैं उसके खौफ से ग्रस्त होकर करता रहा हूं—यह सोचकर करता रहा हूं कि मुझ जैसा कमजोर आदमी यह सब करने के लिए मजबूर है—आपके संघर्ष, आपकी हिम्मत के समक्ष मैं नतमस्तक हूं और यह सोचकर आपको सब कुछ बता दिया है कि भले ही मेरा अंजाम चाहे जो हो, परंतु आप जैसे जीवट शख्स की मौत का कारण हरगिज नहीं बनूंगा।”
“चिंता मत कर पांडुराम, तुझे अपने फैसले पर कभी पछताना नहीं पड़ेगा।” तेजस्वी ने शाबासी देने वाले अंदाज में उसका कंधा थपथपाया।
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RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा - by desiaks - 12-31-2020, 12:25 PM

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