RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मैंने उन्हें अपने काटेज का पता दिया और उन्हें एक घंटे बाद वहां आने को कहा और आगे का प्लान समझाया...वो दोनों समझ गए और एक घंटे बाद आने का वादा करके हमें वहां से विदा किया.
मैं अब आगे की योजना बनाता हुआ अपने कमरे की तरफ जा रहा था.
मैं अपनी जेब में लाल नोटों की गर्मी पाकर फुला नहीं समां रहा था. ऋतू और मैं वापिस अपने काटेज पहुंचे. वहां का नजारा देखकर समझते देर न लगी की रात को क्या बवाल हुआ होगा वहां पर.
आरती चाची अपनी गांड चोडी करे उलटी लेटी हुई थी, उनकी गांड के छेद से अभी तक किसी का माल रिस रहा था. मेरी माँ पूर्णिमा रेहान से ऐसे चिपक कर सो रही थी जैसे की वोही उनका सब कुछ है.. रेहान माँ को अपने सीने से दबाये गहरी नींद में सो रहा था.
नेहा अपने पापा के लंड पर अपनी गांड को दबाये हुए सो रही थी और चाचू का हाथ उसके बड़े-२ मुम्मो पर था. हिना का तो सिर्फ चेहरा ही नजर आ रहा था, वो पापा के नीचे पूरी तरह से दबी हुई छिप सी गयी थी, नंगी पड़ी हुई. इस हमाम में सभी नंगे थे.
मैंने जोर से सभी को गुड मोर्निंग कहा.
सभी लोग जाग तो रहे थे पर आलस के मारे अपनी जगह से हिल नहीं रहे थे. ऋतू ने वहां का नजारा देखा तो उसकी चूत में फिर से खुजली होने लगी. मेरा लंड भी अकड़ने लगा और मेरे पायजामे में टेंट बना कर खड़ा हो गया.
पर अभी इन सब बातों के लिए समय नहीं था, 1 घंटे बाद नाजिर और रूबी आने वाले थे हमारे काटेज में और उनके आने से पहले मुझे रेहान और हिना को उनके लिए तैयार करना था, पेमेंट जो ले चूका था..
सभी लोग धीरे-२ उठे और अपने कपडे पहन कर सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे.
मैं हिना और रेहान को अपने साथ लेकर अपने कमरे में चला गया.
वहां जाकर मैंने रेहान से पूछा "और कैसा लगा तुम्हे कल रात को..."
रेहान : "भाई सच में कल रात जैसा मजा तो आज तक नहीं आया, मैं तुम्हारा ये एहसान कभी नहीं भूल पाउँगा."
मैं : "मैंने देखा तुम बड़े मजे से मेरी मम्मी के साथ लिपटे हुए सो रहे थे, कल रात कितनी बार मारी तुमने उनकी...सच बताना.."
रेहान (थोडा शर्माते हुए) : "सच बोलू तो मैंने कल रात सभी को चोदा, नेहा, उसकी माँ और हिना को भी पर जितना मजा पूर्णिमा आंटी के साथ आया, उतना किसी के साथ भी नहीं आया...उनका एक्सपेरिएंस ही ऐसा है की वो सेक्स का पूरा मजा लेना जानती है और देना भी "
हिना : "हाँ आशु, भाई जान सही कह रहे हैं, रेहान के साथ -२ मैंने भी लगभग सभी से अपनी चूत मरवाई पर जो मजा तुम्हारे पापा के साथ आया वो कहीं और नहीं.."
मैं : "मैं भी तुम लोगो को कुछ बताना चाहता हूँ, ...दरअसल कल रात हम दोनों तुम्हारे अब्बू और अम्मी के साथ थे और हमने भी उनके साथ सभी मजे लिए.." मैंने उन दोनों के चेहरों की तरफ देखते हुए कहा.
हिना : "क्याआआआआअsssssssssssssssss मतलब तुमने मेरी अम्मी को चोदा और ऋतू ने मेरे अब्बा से अपनी चूत मरवाई.."
ऋतू : "हाँ ये सच है..जैसे तुमने हमारे मम्मी पापा के साथ मजे लिए , हमने तुम्हारे मम्मी पापा के साथ लिए."
रेहान अपना मुंह फाड़े हमारी बातें सुन रहा था.
हिना ने चहकते हुए ऋतू से पूछा : "क्या सचमें तुमने मेरे अब्बू के साथ मजे लिए, बताओ न, कैसा एक्सपेरिएंस रहा तुम्हारा"
ऋतू : "हाँ...मुझे तो बहुत मजा आया, तुम्हारे अब्बू जैसा लंड तो मैंने आज तक नहीं देखा, उन्होंने मेरी चूत और गांड का बेन्ड बजा दिया कल रात को, पर मजा भी बहुत आया...मेरा तो मन वहीँ अटक कर रह गया है उनके लम्बे और मोटे लंड के ऊपर..."
उसकी बातें सुनकर हिना की टी शर्ट में कैद बिना ब्रा के उसके मोटे मुम्मो पर उसके गोल-२ दाने चमकने लगे, और वो अपनी नजरें ऊपर करके कुछ सोचने सी लगी, मैं समझ गया की ये चिड़िया तो फंस ही गयी समझो..
मैं : "और तुम्हारी अम्मी के बारे में मैं क्या कहूँ....मैं तो समझा था की वो तुम्हारी छोटी बहन है, उन्होंने अपनी जवानी बड़े संभाल कर रखी हुई है, उनके मोटे चुचे और कसी हुई चूत पाकर मैं तो निहाल सा हो गया, मैंने कितनी बार उनकी चूत और गांड मारी मुझे भी पता नहीं..."
रेहान अपनी अम्मी के नंगे जिस्म के बारे में सोचता हुआ अपने लंड को वहीँ खड़े हुए मसलने लगा.
रेहान : "तुम सही में लक्की हो, तुम लोग अपने मम्मी पापा के साथ भी सेक्स करते हो और अब हमारे अम्मी और अब्बू के साथ भी कर लिया.."
मैं : "अगर ये बात है तो तुम भी क्यों नहीं लक्की बन जाते...."
रेहान : "क्या मतलब?"
मैं : "मेरा मतलब है की अगर तुम चाहो तो तुम अपनी अम्मी की चूत मार सकते हो और हिना अपने अब्बू का लंड ले सकती है अपनी चूत में.."
रेहान , हिना की तरफ देखता है और फिर मेरी तरफ देखते हुए "क्या सच में....ये हो सकता है.."
मैं : "हाँ...अगर तुम चाहो तो ये मुमकिन है...वैसे मैंने उन्हें एक घंटे बाद यहाँ पर बुलाया है, अगर तुम तैयार हो तो मैं तुम दोनों के मन की मुराद पूरी कर सकता हूँ...पर तुम्हे वैसा ही करना होगा जैसा मैं करने को कहूँगा..बोलो मंजूर है..?"
दोनों एक साथ बोले : "हाँ हाँ...मंजूर है..."
हम सबने हाथ मिलाया और मैंने उन्हें आगे का प्लान समझाया..
मैंने अपना प्लान पूरी तरह से उन्हें बताने के बाद बाहर आकर मम्मी, पापा, नेहा, चाचू और चाची को एक साथ बिठाया और उन्हें कल रात वाली बात बताई और उन्हें मेरे काम में सहयोग करने को कहा, मैंने रूबी और नाजिर वाली बात बड़े मजे ले लेकर बताई, जिसे सुनकर सभी के मुंह में पानी आ गया, सभी फीमेल्स रेहान के लंड का स्वाद तो चख ही चुकी थी, अब उसके अब्बा के मोटे लंड का गुणगान सुनकर उनकी चूत फिर से पनियाने लगी. और रूबी की जवानी के बारे में सुनकर तो पापा और चाचू अपने लंड को वहीँ खड़े हुए मसलने लगे, मैंने उन्हें कहा की अभी तो मैं हिना और रेहान को उनके पेरेंट्स से चुदवाने का वादा कर चूका हूँ, आप लोग उनके पेरेंट्स से बाद में मजे ले लेना. मैंने उन्हें पैसो वाली बात नहीं बताई, और उन्हें कहा की वो कुछ देर के लिए कहीं चले जाएँ और दोपहर तक ही वापिस आयें, मेरी बात सुनकर पापा ने सोनी-मोनी के काटेज में जाने का सुझाव रखा, जिसे सब ने मान लिया और वो सभी तैयार होकर बाहर निकल गए.
मैं अपने प्लान को साकार होते देखकर काफी खुश था.
मैं वापिस अपने कमरे में आया तो वहां से ऋतू की चीखों की आवाजें आ रही थी, मैं अन्दर गया तो पाया की ऋतू अपने पुरे शबाब को नंगा किये पलंग पर लेटी हुई है और हिना उसकी चूत को चाट रही है, रेहान अपने हाथ में अपना लंड पकडे अपनी बहन की मोटी गांड को मसल रहा है...
मैंने भी झट से अपने कपडे उतारे और उनके बीच कूद गया.
मैंने अपना लंड सीधा हिना की गांड के छेद पर लगाया और एक तेज धक्का मारा. आआआआअयीईईईईईईईईईइ मर्र्र्रर्र्र्र गयी हिना चिल्लाई और उसने ऋतू की चूत को चुसना बंद कर दिया और अपनी गांड मरवाने के मजे लेने लगी.
रेहान भी जैसे इसी इन्तजार में था, उसने ऋतू की चूत में अपना लंड टिकाया और उसके ऊपर झुक कर अपना पूरा लंड पेल दिया उसकी चूत में. ऋतू की चूत काफी देर से खुजला रही थी, रेहान का मोटा लंड पाकर वो मजे से सिस्कारियां ले लेकर अपनी चूत मरवाने लगी. ऋतू ने अपनी मोटी टांगें उसकी कमर में लपेटी और उसके गले में बाहें डालकर उसे अपने ऊपर झुका लिया और रेहान के मोटे होंठों को चूसने लगी..
रेहान ने ऋतू को किसी खिलोने की तरह उठा लिया और पलंग पर खड़ा हो गया, ऋतू उसकी गोद में थी और रेहान का लंड उसकी चूत में, अब ऋतू अपने चुतड उछाल -२ कर अपनी चूत मरवा रही थी, और साथ ही साथ रेहान के होंठो को भी किसी कुल्फी की तरह से चूस रही थी..
मैंने थोडा आगे झुककर हिना के लटकते हुए मुम्मे पकड़ लिए और उन्हें जोर से दबा दिया..
आआआआआआआह्ह्ह्ह वो दर्द के मारे चिल्ला ही पड़ी. मेरे आगे झुकने की वजह से मेरा लंड अब उसकी गांड के दुसरे छोर तक टक्कर मार रहा था..हिना ने अपना सर पीछे किया और अपने रस टपकाते हुए होंठो से मुझे अपना शहद पिलाने लगी, उसके नर्म होंठो को चूसते हुए, मोटे स्तनों को दबाते हुए और मखमली गांड को मारते हुए बड़ा ही मजा आ रहा था.
उसकी गांड के छेद ने मेरे मोटे लंड को किसी रबड़ की तरह से जकड़ा हुआ था, मेरा लंड उसकी गांड की गली में घस्से लगता हुआ अन्दर तक जाता और उतनी ही तेजी से बाहर निकलता..मैंने एक हाथ नीचे करके उसकी रसीली चूत पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया, अपनी चूत पर हुए अचानक हमले से वो एक दम से चिल्लाई और झड़ने लगी.
आआआआआआआआअह्ह्ह ऊऊऊऊऊओह्ह अशूऊऊऊउ .......म्म्मम्म्म्मम्म मजा आ गया....... आआआअह्ह्ह
वो निढाल हो चुकी थी, पर मेरा लंड अभी भी उसकी गांड के पेंच खोलने में लगा हुआ था, थोड़ी देर बाद उसने मेरे लंड पर फिर से अपनी गांड का दबाव देना शुरू कर दिया, उसके थिरकते हुए चुतड देखकर मेरे लंड ने भी आखिरकार हार मान ली और मैंने पता नहीं कितने झटके देते हुए उसकी गांड में अपनी सिंटेक्स खाली कर दी.
आआआआआअह्ह्ह आआआआआघ्ह्ह ........ओयीईईईईईए ...
ऋतू भी हवा में चुदते हुए जोर से चिल्ला रही थी...ओह्ह्ह रेहान और तेज करो ना .....अपने अब्बू की तरह मारो मेरी चूत.....
आआआआअह्ह....अपने अब्बू का नाम सुनकर रेहान को और जोश आ गया और वो और तेजी से ऋतू को अपनी गोद में लेकर उछालने लगा और जल्दी ही दोनों एक साथ झड़ने लगे..
आआआआआआआआआह्ह ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फफ्फ्फ़ मर गयी रे....अह्ह्हह्ह रेहान......तुम्हारा लंड सही में मजेदार है...और वो रेहान को फिर से चूसने लगी.. हवा में लटकी ऋतू की चूत से रेहान का रस टपकते हुए नीचे गिरने लगा..और फिर रेहान का लंड भी बाहर आकर लटक गया, ऋतू ने नीचे झुककर उसके मोटे नल को अपने मुंह में भरा और चूसकर साफ़ कर दिया.
मैंने घडी में देखा, उनके मम्मी पापा के आने का समय हो चूका था.
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