RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
थोड़ी देर लेटने के बाद वो उठी और लंड को बाहर निकाला, लंड के बाहर आते ही उसकी चूत में से ढेर सारा रस निकल कर लंड के ऊपर गिर गया, वो नीचे हुई और लंड के चारों तरफ फैले अपने और पापा के रस को चाटने लगी और फिर रसीले लंड को अपने मुंह में लेकर चूसकर उसे भी साफ़ कर दिया, दुसरे हाथ से अपनी चूत के अन्दर के रस को भी समेटा और उसे भी चाट कर गयी..
"म्मम्मम्मम्म पापा आपका रस तो बड़ा ही मीठा है....आज से रोज सुबह मैं जूस के बदले आपके लंड का रस पियूंगी.." पापा भी अपनी बेटी की भोली सी बात पर मुस्कुरा दिए.
मेरा लंड भी अपनी मम्मी की चूत के अन्दर काफी तेजी से आ जा रहा था, आज वो काफी खुल कर चुदाई करवा रही थी, उनके मोटे-२ चुचे केरे मुंह पर थपेड़े मार रहे थे.
मैंने उनके मोटे कूल्हों को पकड़ा हुआ था और अपनी एडियों के बल उठ कर, नीचे लेटा उनकी चुदाई कर रहा था, उनके मुंह में सिस्कारियों की झड़ी लगी हुई थी.
.उफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ्फ़ अआः अह अह अह अह अह अ होफ्फ्फ़ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ्फ़ फक्क मीई......अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाआआआआन्न ....
और अंत में उन्होंने अपनी गर्म चूत में से मलाईदार रस छोड़ना शुरू कर दिया..... आआआआआआआआआअह्ह्ह्ह मैं तो गयीईईईईईईईईईइ..........ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह गोड........
मैंने उन्हें नीचे लिटाया और अपना लंड निकालकर, उनकी दोनों टाँगे उठा कर, अपने लंड को उनकी गांड में लगा दिया, उनकी आँखें विस्मय से फ़ैल गयी...मैंने जब से अपनी माँ को चुदते हुए देखा था, मैं तभी से उनकी मोती और फूली हुई गांड मारना चाहता था, आज मोका लगते ही मैंने अपना लंड टिकाया उनकी गांड के पर और एक तेज धक्का मारा..... आआआआआआआआह्ह्ह्ह वो चिल्ला पड़ी...
उनकी गांड का कसाव सही में लाजवाब था, मैंने तेजी से झटके देने शुरू किये, गांड के कसाव के कारण और उनके गद्देदार चूतड़ों के थपेड़ों के कारण मुझे काफी मजा आ रहा था. मेरे नीचे लेटी माँ की चूचियां हर झटके से हिल रही थी, उन्होंने उसे पकड़ कर उन्हें दबाना शुरू कर दिया और मेरी आँखों में देखकर सिस्कारियां सी भरने लगी....
आआआआआआअह्ह्ह म्मम्मम्मम ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ अह्ह्ह्ह शाबाश बेटा.....और तेज करो.....हाँ ऐसे ही......आआआह्ह्ह्ह
वो दोबारा उत्तेजित हो रही थी...मेरे हर झटके से वो अपनी गांड हवा में उठा कर अपनी तरफ से भी ठोकर मारती थी....और जल्दी ही मेरे लंड ने जवाब दे दिया और मैंने एक तेज आवाज निकालते हुए उनकी कसी हुई मोटी गांड में झड़ना शुरू कर दिया...
आआआआआआआह्ह मोम्म्म्म .......मैं आआयाआआआआ .....आआआआआआअह्ह्ह उन्होंने मेरे सर के ऊपर हाथ रखा और बोली....
आजाआआआ मेरे लाआआअल्ल ..... आआआआआआअह्ह्ह और वो भी झड़ने लगी.
अपने जवान बेटे की चुदाई देखकर उनकी आँखों से ख़ुशी के मारे आंसू आने लगे और वो मुझे गले लगाये, मेरे लंड को अपनी गांड में लिए, लेटी रही.
पापा भी आज काफी खुंखार दिख रहे थे, उन्होंने ऋतू की चूत का भोसड़ा बना दिया अपने लम्बे लंड के तेज धक्को से, ऋतू तो जैसे भूल ही गयी थी की वो कहाँ है...अपने पापा के मोटे लंड को अन्दर लिए वो तेजी से चिल्ला रही थी....
आआआआआआह्ह्ह पपाआआआ और तेज मार साले.....बेटी चोद...भोंस्डीके...मार अपनी बेटी की चूत.......आआआआआआआआह माआआआअर कुत्ते........ओफ्फफ्फ्फ़ अयीईईईईईईईई वो बडबडा भी रही थी और सिस्कारियां भी मार रही थी....
जल्दी ही दोनों अपने आखिरी पड़ाव पर पहुँच गए और ऋतू ने अपनी टाँगे पापा की कमर के चारों तरफ lapet ली और अपने दोनों कबूतर उनकी घने बालों वाली छातियों में दबाकर और उनके होंठो को अपने होंठो में फंसाकर वो झड़ने लगी..
आआआआआआआआआआआह्ह्ह पपाआआआआआआआअ म्मम्मम्मम्म अपने लंड पर बेटी के गर्म रसाव को महसूस करते ही उनके लंड ने भी अपने बीज अपनी बेटी के खेत में बो दिए....
और वो भी झड़ते हुए उसके नर्म और मुलायम होंठो को काटने लगे....और उसके ऊपर ही ढेर हो गए. उधर अपनी बेटी की चूत चाटते हुए मंजू आंटी भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी, अपने एक हाथ से वो खुद ही खुजला कर अपनी चूत की गर्मी बाहर निकाल रही थी, मोनी जो नीचे लेटी अपनी चूत अपनी माँ से चटवा रही थी और खुद वो नेहा की चूत को चाट रही थी, उसके शरीर के अन्दर अचानक एक सुस्सुराहत सी होने लगी... वो कुछ समझ पाती इससे पहले ही उसकी चूत के अन्दर से पेशाब का एक फव्वारा सा फुट निकला और उसकी माँ मंजू के मुंह से जा टकराया...
मंजू आंटी पहले तो चोंक गयी पर फिर अन्दर से आती गर्म पेशाब की फुहारों को अपने मुंह से टकराते पाकर उन्हें भी काफी मजा आने लगा और वो अपना मुंह अपनी बेटी मोनी की चूत से थोडा दूर किये , अपनी आँखें बंद करके उस गर्म बारिश का मजा लेने लगी... जब बारिश बंद हुई तो उन्होंने अपना मुंह दोबारा अपनी बेटी की चूत में लगा दिया..जल्दी ही मोनी के शरीर में असली वाली सुस्सुराहत होने लगी...
अब वो जान गयी थी की वो झड़ने वाली है इसलिए उसने अपने ऊपर बैठी नेहा की चूत को और तेजी से चुसना शुरू कर दिया...नेहा भी अपनी चूत पर ये तेज हमला बर्दाश्त नहीं कर पायी और वो झड़ने लगी, उसका गर्म अमृत नीचे लेटी मोनी में मुंह के अन्दर तक जा रहा था...
नेहा के झड़ते ही उसकी चूत ने भी अपना रस अपनी माँ के मुंह में डाल दिया और वो उसे सड़प-२ करके पीने लगी..
नेहा ने झड़ने के बाद नीचे उतर कर मंजू आंटी की चूत पर अपना मुंह लगा दिया और उसके अन्दर से कुछ खींचने की कोशिश करने लगी, जल्दी ही उनका रस बाहर की तरफ खींचता चला आया और उसके मुंह से जा टकराया...वो भी उसे जल्दी से पीने लगी.
पुरे कमरे में सेक्स की खुशबू आ रही थी...सभी ने थोड़ी देर नंगे लेटे हुए बातें करी और दोबारा मिलने का वादा करके हम सभी ने अपने कपडे पहने और बाहर निकल गए.
आज के इस ग्रुप सेक्स ने हम सभी को काफी नजदीक ला दिया था..
हम सभी अपने कमरे में पहुंचे और दरवाजा खोलते ही हम हैरान रह गए, अन्दर अजय चाचू और आरती चाची के साथ रेहान और हिना थे..
अजय चाचू किसी पागल कुत्ते की तरह नंगी लेटी हिना की चूत में अपना मुसल जैसा लंड पेल रहे थे, और वो चुद्दकड़ आरती चाची तो मुसलमानी लंड को देखकर बिफर सी गयी और उसके मोटे लंड पर चढ़ कर अपनी बुर को बुरी तरह से रगड़ रही थी. हम सभी को देखते ही अजय चाचू और आरती चाची मुस्कुरा दिए और बोले "अच्छा हुआ आप लोग आ गए, ये दोनों बच्चे आशु और ऋतू को पूछते हुए आये थे और मैं और आरती चुदाई में लगे हुए थे, इन्होने बिना किसी तक्कलुफ़ के हमारे साथ शामिल होने की बात कही...और हम इनकार नहीं कर पाए...देखो तो कैसे आरती उछल-२ कर रेहान के मोटे लंड से चुदवा रही है...और ये हिना तो बड़ी ही प्यारी है..इसकी टाइट चूत को मारकर इतना मजा आ रहा है की मैं क्या बताऊँ..."
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