Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
11-05-2020, 12:23 PM,
#35
RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैं - 'हाँ!' मैंने उसके होठों पर उंगली फिराते हुए बोला एक छेद ये, उसके बाद हाथ को नीचे ले जाकर उसकी चूत के अन्दर उंगली करते हुए कहा- दूसरा छेद ये! और फिर उंगली चूत रूपी स्टेशन को छोड़कर गांड के छेद की तरफ बढ़ गई और वहां उंगली टच करते हुए बोला- एक छेद ये भी है जहाँ मेरा लंड हमेशा जाने के लिये बेताब रहता है।

सुहाना - 'तो क्या तुम्हारी बीवी तुमसे अपनी गांड मरवाती है?'

मैं - 'मेरी बीवी बिल्कुल काम देवी है, जब तक उसके तीनों छेदों को मजा नहीं आ जाता, तब तक वो मुझे छोड़ती ही नहीं है।'

सुहाना बोली- यार, तुम्हारी बातों ने तो मुझे और उत्तेजित कर दिया है और मैं पानी छोड़ रही हूँ। जल्दी जल्दी खाना खाओ और फिर मुझे खूब प्यार करो।

मेज पर खाना लग चुका था और वेटर जा चुका था। मैंने सुहाना को देखा और मैं मेज़ के नीचे अपने आपको एडजस्ट करके बैठ गया और सुहाना की चूत में अपनी जीभ लगा दी। सुहाना जो काफी मस्ती में आ चुकी थी, बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी चूत ने रस को छोड़ दिया, वो रस सीधे मेरी जीभ को स्वाद देने लगा था। मैंने उसके रस को चाट कर साफ कर दिया और अपनी जगह पर बैठ गया।

मेरे बैठते ही सुहाना बोली- लाओ, मैं भी तुम्हारा पानी निकाल दूँ।

मैंने मना किया और फिर बियार पीने के साथ-साथ खाना भी खाने लगे। उसके बाद रेस्त्रां का बिल सुहाना ने चुकाया और हम लोग होटल में आ गये। होटल के मैंनेजर की निगाहें हमारे ऊपर ही थी, वो मेरे पास आया

और बोला- क्या आज रात मेम साब भी आपके साथ रूकेंगी?

मैंने हाँ में सर हिलाया और सुहाना ने अपने पर्स से पाँच सौ का नोट निकाल कर मैंनेजर को देते हुये

सुहाना बोली- देखना कोई हमें डिस्टर्ब ना करे। मैंनेजर ने पाँच सौ का नोट लिया और अपने दाँत दिखाता हुआ चला गया।

हम दोनों अपने कमरे पहुँचे और कमरे में पहुँचते ही

सुहाना बोली- रितेश, तुम्हारा ईनाम अब तुम्हारे सामने है, इस ईनाम को जैसे चाहे वैसे यूज करो।

मैं - 'मैं खुल कर मजा लेता हूँ।'

सुहाना - 'ठीक है। खुलकर मजा मैं भी लूंगी और तुम्हे तुम्हारा ईनाम अच्छा लगे, इसकी भी पूरी कोशिश करूँगी।'

मैंने तुरन्त ही सुहाना को दरवाजे के सहारा दिया और अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और हाथ से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों के साथ खेलने लगा। सुहाना भी मेरा साथ देने लगी और अपने टॉप को उतार कर अपने जिस्म से निकाल दिया। टॉप निकालने के साथ-साथ उसने अपना बेलबॉटम और पैन्टी को भी अपने से अलग कर दिया और नंगी मुझसे चिपक गई। मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और नीचे बैठकर उसकी चूत के फांकों को फैलाकर उसकी दरार में अपनी जीभ चलाने लगा, कभी मैं उसकी क्लिट को तो कभी उसके कण्ट को चूसता तो कभी उसके चूत की गहराई में अपनी उंगलियों को पहुंचाता। मुझे इस तरह करने में कोई तकलीफ न हो इसलिये सुहाना ने अपने दोनों पैरों को अच्छे से फैला दिया।

सुहाना आहें भरते हुए बोली- रितेश, तुम मेरी चूत को बहुत मजा दे रहे हो। क्या इतना ही मजा मेरी गांड को भी दे सकते हो? मेरी गांड में बहुत सुरसुराहट हो रही है।

मेरे हाँ कहने पर सुहाना पलट कर अपने दोनों हाथों को उस दरवाजे से टिका दिया और अपना पूरा वजन अपने हाथों पर डाल दिया। मैंने उसी तरह से उसके गांड के दरार को चौड़ा किया और अपनी जीभ उसकी लाल-लाल सुर्ख गांड के छेद पर टिका दिया। सुहाना की गांड लपलपा रही थी, मेरे होंठ और जीभ उनके बीच में घुस रहे थे।

सुहाना बोले जा रही थी- रितेश, इसकी खुजली नहीं मिट रही है।

सुहाना को मैंने हल्का सा और झुकाया, अपना लंड उसकी गांड से रगड़ने लगा और

सुहाना बोलने लगी- आह ओह ओह... बस ऐसे ही बहुत अच्छा लग रहा है।

मैं उसकी गांड में लंड रगड़ते-रगड़ते लंड को अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था लेकिन बार-बार लंड फिसल कर बाहर आ जाता। एक तो मैं होटल में था और मेरे पास कोई क्रीम भी नहीं थी, मैं क्या करूँ गांड छोड़कर चूत ही चोद दूँ... लेकिन जिस तरह से सुहाना की सेक्सी आवाज आ रही थी उससे ऐसा लग रहा था कि वो भी चाहती है कि उसकी गांड के अन्दर मेरे लंड का प्रवेश हो। मैं अपना दिमाग भी साथ ही साथ चला रहा था कि मुझे ख्याल आया कि सुहाना के बैग में कुछ न तो कुछ मिल ही जायेगा जिससे मेरा काम बन जाये। मैंने सुहाना को उसी तरह खड़े रहने के लिये कहा और खुद उसके बैग की तालाशी लेने लगा। साला बैग नहीं था पूरा साजो सामान का बक्सा था। डिजाइनर और सेक्सी ब्रा पैन्टी थी, लिपिस्ट्क, दो-तीन तरह की क्रीम थी, हेयर रिमूवर था। मैंने उसके बैग से क्रीम निकाली और उंगली में लेकर उसके गांड के अन्दर क्रीम लगाने लगा। मेरी नजर साथ ही साथ उसकी लटकती हुई चूची पर पड़ी और मेरा हाथ उसकी गोलाइयों को सहलाने लगा। मैंने क्रीम को उसकी गांड में लगा दिया और फिर जो हाथ में लगी थी, उसको लंड पर लगा कर एक झटके से उसकी गांड में लंड डाला। इधर सुहाना की दबी चीख आउच निकली और मेरी भी हालत मेरे सुपारे का खोल की वजह से खराब थी जो सुहाना की टाईट गांड से रगड़ खा रहा था।
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RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की - by desiaks - 11-05-2020, 12:23 PM

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