Mastaram Kahani कत्ल की पहेली
10-18-2020, 06:45 PM,
#79
RE: Mastaram Kahani कत्ल की पहेली
“है तो सही ।”
“क्यों न उसे पहले यहीं आजमा लें ?”
“नहीं । चलते हो तो चलो, नहीं तो साफ मना करो ।”
“चलता हूं ।”
***
इस बार भी उन्हें सतीश की जिप्सी जीप ही हासिल हुई ।
चौकी पर न सब-इंस्पेक्टर फिगुएरा था, न इंस्पेक्टर सोलंकी था और न एन.सी.बी. का इंस्पेक्टर आरलेंडो था । मालूम हुआ कि वो बाम्बे से आये एन.सी.बी. के डिप्टी डायरेक्टर अचरेकर के साथ म्यूनिसपैलिटी की बिल्डिंग में थे ।
“वो कहां है ?” - डॉली बोली ।
“चर्च रोड पर ।”
“और चर्च रोड कहां है ?”
सिपाही ने उन्हें रास्ता समझाया ।
वो चर्च रोड पहुंचे ।
वहां कमेटी की बिल्डिंग में उन्हें चौकी का एक सिपाही दिखाई दे गया । उससे उन्हें मालूम हुआ कि सब-इंस्पेक्टर फिगुएरा और इंस्पेक्टर सोलंकी आइलैंड के दूसरे सिरे पर कहीं गये थे जहां से कि वे आधे घण्टे में लौटकर आने वाले थे ।
“ठीक है ।” - डॉली बोली - “हम आधे घण्टे में फिर यहीं आयेंगे । तुम उन्हें हमारी बाबत बोल के रखना ।”
सिपाही ने सहमति में सिर हिलाया ।
“अब आधा घन्टा क्या करें ?” - डॉली बोली ।
“कहीं चलकर एक-एक गिलास बीयर पीते हैं ।”
“नहीं । मूड नहीं है ।”
“तो आइलैंड की सैर करते हैं । यहां पायर, ईस्टएण्ड और सतीश की एस्टेट के अलावा हमने देखा ही क्या है !”
“ये ठीक है । लेकिन गाड़ी तेज चलाना । ब्रेक नैक स्पीड पर ।”
“वो किसलिये ?”
“खुशकिस्मती से शायद एक्सीडेंट ही हो जाये और जान सांसत से छूट जाये ।”
“अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे । मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे !”
“ये भी ठीक है ।”
“मुझे सजा किसलिये ? मेरा तो नौजवानी में मरने का कोई इरादा नहीं ।”
“इरादा तो मेरा भी नहीं लेकिन... खैर, चलो अब ।”
इमारत की सीढियां उतरकर वे सड़क पर पहुंचे और उधर बढे जिधर उन्होंने जिप्सी खड़ी की थी ।
वो भीड़भरी सड़क थी और कमेटी का दफ्तर उसी पर होने की वजह से वहां पार्किंग की प्रॉब्लम थी जिसका सुबूत ये था कि उन्होंने अपनी गाड़ी अभी वहां से हटाई भी नहीं थी कि एक ओमनी वैन उसकी जगह लेने को तैयार खड़ी थी ।
जीप मंथर गति से ट्रैफिक में रास्ता बनाती आगे बढी ।
एकाएक डॉली के मुंह से एक सिसकारी निकली । वो तत्काल सीट पर नीचे को सरक गयी और उसने अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढंक लिया ।
“क्या हुआ ?” - राज हकबकाया सा बोला ।
“राज” - वो बौखलाये स्वर में बोली - “वो कार... वो क्रीम कलर की फियेट.. उसके करीब न जाना ।”
“क्यों ?”
“जो आदमी उसे ड्राइव कर रहा है, वो मुझे देख लेगा ।”
“तो क्या हुआ ?”
“लेकिन उसके पीछे लगे रहना ।”
“और चारा ही क्या है ? ये वन वे स्ट्रीट है और इतनी भीड़ है यहां ।”
“मेरा मतलब है वो खिसकने न पाये । वो कार निगाहों से ओझल न होने पाये ।”
“लेकिन बात क्या है ?”
“ड्राइविंग की तरफ ध्यान दो । प्लीज । उसके पीछे ही रहना । ज्यादा करीब पहुंचने की कोशिश न करना वर्ना वो मुझे देख लेगा ।”
उसने तब भी अपने हाथों से अपना चेहरा ढंका हुआ था और वो यूं दोहरी हुई बैठी थी कि फासले से तो वो सीट पर हुई कोई कपड़ों की गठड़ी ही लगती ।
अगली कार के रियर व्यू मिरर में एक बार उसे उस शख्स की सूरत दिखाई दी तो वो इतना ही जान पाया कि वो क्लीन शेव्ड था, चश्मा लगाता था और सिर पर लम्बे बाल रखता था ।
“है कौन वो ?” - वो उत्सुक भाव से बोला ।
“एक आदमी है ।” - डॉली बोली ।
“वो तो मुझे भी दिखाइं दे रहा है लेकिन है कौन ?”
“नाम याद नहीं आ रहा । फैशन शोज के टाइम से जानती हूं मैं इसे । कोई पैसे वाला आदमी था । पायल पर मरता था । हर वक्त उसके पीछे पड़ा रहता था । राज, इस आदमी की आइलैंड पर मौजूदगी महज इत्तफाक नहीं हो सकती । हमें मालूम करना चाहिये कि ये यहां क्यों है और किस फिराक में है । लेकिन” - उसने फिर अपनी चेतावनी दोहराई - “वो मुझे देखने न पाये ।”
“इतने सालों बाद वो पहचान लेगा तुम्हें ?”
“मैंने भी तो पहचाना है उसे इतने ही सालों बाद ।”
“ओह !”
“पीछा न छोड़ना उसका । खिसकने न देना ।”
आगे एक चौराहा था जिस पर से फियेट दायें घूमी । उस नयी सड़क पर पीछे चर्च रोड जैसी भीड़ नहीं थी इसलिये अब उसकी रफ्तार कदरन बढ गयी थी ।
कुछ क्षण सिलसिला यूं ही चला ।
फिर एकाएक अगली कार रुकी । ड्राइवर ने खिड़की से हाथ निकालकर उसे पास करने का इशारा किया ।
“न न ।” - तत्काल डॉली बोली - “ऐसा न करना । तुम उसकी बगल से गुजरे तो वो मुझे देख लेगा ।”
“तो क्या करूं ?”
“लैटर बॉक्स ! चिट्ठी !”
तत्काल राज ने कार को बाजू में करके उस लैटर बॉक्स के करीब रोका जिसकी तरफ कि डॉली इशारा कर रही थी । वो कार से निकला और उसके करीब पहुंचा । फिर वो फियेट की दिशा में पीठ करके लैटर बॉक्स में चिट्ठी छोड़ने का बहाना करने लगा । वहां और ठिठके रहने की नीयत से उसने नीचे झुककर वो प्लेट पढने की कोशिश की जिस पर डाक निकासी का वक्त अंकित होता था ।
तभी फियेट फिर सड़क पर चल दी ।
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RE: Mastaram Kahani कत्ल की पहेली - by desiaks - 10-18-2020, 06:45 PM

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